विद्या बालन ने की पीपीई किट डोनेट करने की गुजारिश, देखें Video

एक्ट्रेस विद्या बालन (Vidya Balan) समय समय पर जागरूकता ला रही है, वे गरीब लोंगो की सहायता के लिए सभी से अपील करते हुए भी नजर आरही है. हाल ही में विद्या ने कुछ वीडियो अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर साझा किया था इस वीडियो में विद्या (Vidya Balan) एक महिला सफाई कर्मचारी को बड़े ही प्यार से शुक्रिया कह रही थी है तो वैसे ही एक वीडियो में वे मेडिकल में काम कर रहे सारे स्टाफ को भी धन्यवाद दे रही थी।

हाल ही में मास्क इंडिया के तहत उन्होंने एक और वीडियो साझा किया था जिसमे वे बहुत ही सरल तरीके से घर पर ही मास्क बनाकर दिखाया था. विद्या (Vidya Balan) जानती है कि इस समय मे सभी का हौसला बढ़ाने की जरूरत है और वे बखूब ही वे लोगों का हौसला बांधते हुए नजर आरही है और लोगों को सतर्क कर रही है.

 

View this post on Instagram

 

Namaste, it is critical that we provide PPE (Personal Protective Equipment) kits to our healthcare workers for their protection in this #WarAgainstCovid19. I am donating 1000 PPE kits for our medical staff and have partnered with Tring to raise donation for another 1000 PPE kits which are in immediate need across India for our doctors and medical staff. For your contribution, I will send you a personal thank you video message recognising your generosity. This video will be in permanent memory with you. Log onto www.tring.co.in and go to my profile to donate or you can click this link: www.tring.co.in/Vidya-Balan Let’s all join the #WarAgainstCovid19 and #UniteForHumanity #StaySafe #StayHome #JustTringIt #IndiaFightsCorona

A post shared by Vidya Balan (@balanvidya) on

ये भी पढ़ें- Shivangi Joshi ने Mohsin Khan को रिश्ता कबूल करने की कही बात, Video Viral

विद्या (Vidya Balan) ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है और उसे कैप्शन दिया है “नमस्ते, आइए इस नाजुक घड़ी में हम पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) प्रदान करे अपने हेल्थ केअर वर्कर्स के लिए उनकी सुरक्षा के लिए, विद्या आगे लिखती है” में मेडिकल स्टाफ को1000 पीपीई कीट्स डोनेट कर रही हूं और ट्रिंग के साथ भागीदारी में और 1000 किट्स डोनेट करने के लिए डोनेशन की राशि इक्कठा कर रहे है, जिस से यह किट्स जल्द से जल्द भारत में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ तक पहुंचाए जाएंगे. आप भी इसमें सहयोग करते है तो मैं आपको व्यक्तिगत वीडियो के जरिये धन्यवाद कहूंगी, जो कि आप के पास हमेशा रहेगा.

 

View this post on Instagram

 

Lets put a #LockDownOnDomesticViolence !! #Dial100 @CMOMaharashtra @DGPMaharashtra @AUThackeray @aksharacentre

A post shared by Vidya Balan (@balanvidya) on

विद्या ने इस वीडियो के जरिये बहुत कुछ ऐसी जानकारी दी जिसके बहुत से लोग इस मे शामिल हो सकते है और अपने और से भी पीपीई डोनेट कर राष्ट्र की भलाई में हिस्सा ले सकते है.

ये भी पढ़ें- क्या नहीं हुआ Asha Negi-Rithvik Dhanjani का ब्रेकअप, इस वजह से उठा सवाल

#lockdown: 25 April से सभी दुकानों को खोलने की मिली छूट, जानें क्या है शर्तें और नियम

भारत में 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने में कुछ ही दिन बाकी है, जिसके चलते सरकार मे आम जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच छोटे व्यापारियों को राहत देने का आदेश जारी कर दिया है, जिसके तहत शनिवार से सभी छोटी दुकानें खुलेंगी. लेकिन इसके साथ दुकानों के मालिकों को कुछ शर्तों का पालन भी करना होगा, जिसका पालन ना करने पर कार्रवाई होगी. आइए आपको बताते हैं क्या हैं शर्तें और कौन-कौन सी दुकाने खुलेंगी….

सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा ट्वीट किया गया, जिसके अनुसार नगर निगम के दुकानों को छोड़कर देश के सभी तरहों की दुकान खोली जा सकती है, लेकिन दुकान खोलने के लिए मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन भी करना होगा और अगर इनका पालन नहीं करने वाले व्यापारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा.

ministry-home

ये भी पढ़ें- #lockdown: बिना मास्क नहीं कर सकेंगे Delhi Metro में सफर, जानें क्या होंगे नए Rules

ये दुकानें खोली जाएंगी…

  1. वे सभी दुकानें जो या तो केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर हैं वह दुकानें खोली जाएंगी.
  2. नगर पालिका और नगर निगम के अधिकार क्षेत्र को छोड़कर सभी दुकानें शनिवार से खोली जाएंगी. इसके अलावा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की बाहरी दुकानें भी खुल सकती हैं.
  3. 3. गृह मंत्रालय के जारी आदेश के अनुसार देश के 170 हॉटस्पॉट एरिया को छोड़कर बाकी जगहों पर शनिवार से सैलून और ब्यूटी पार्लर भी खोले जा सकेंगे. यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क लगाना जरूरी होगा.
  4. ग्रामीण इलाके के सभी दुकानें भी शनिवार से खोली जा सकती हैं, जिसके साथ दुकानों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा.
  5. ministry

क्या है केंद्र सरकार की शर्त

लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने गाइडलाइन्स में कुछ शर्ते भी रखी है, जिसमें सभी दुकानदार अपने यहां पर सिर्फ 50 प्रतिशत कर्मचारी से ही काम करा सकते हैं. इसके अलावा, दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य किया गया है. कर्मचारियों को दुकान में काम करते समय मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य होगा. मास्क और ग्लव्स नहीं होने की स्थिति में वैकल्पिक मास्क पहना जा सकता है.

ये भी पढ़ें- #lockdown: बच्चों को पढ़ाने के लिए क्यों रोज 9 घंटे पेड़ पर बैठा रहता है ये टीचर

बता दे, देश में 24,506 संक्रमित के पाए गए है, जिसमें 775 लोगों की मौत हो चुकी हैं. वहीं 5,063 लोग इस वायरस से ठीक हो चुके हैं. साथ देश ने इस वायरस से निपटने के लिए प्लाजमा थैरेपी का भी इलाज शुरू कर दिया है, जिसका अच्छा रिस्पौंस मिल रहा है.

#lockdown: मैंगो पैनकेक के साथ चिली मैंगो ड्रौप

अगर आप भी घर पर कुछ अच्छा और टेस्टी बनाना चाहती हैं, तो मैंगो पैनकेक की ये रेसिपी आपके लिए परफेक्ट है. साथ ही चिली मैंगो ड्रौप का कौम्बिनेशन आपके फैमिली और फ्रेंडस के लिए एकदम परफेक्ट रहेगा. इसे अगर आप ब्रेकफास्ट में बनाएं तो इसका टेस्ट दोगुना बढ़ जाएगा.

हमें चाहिए

बटर 65 ग्राम

अंडा 1

दूध 250 ML

मैदा 315 ग्राम

बेकिंग पाउडर 6 ग्राम

ये भी पढ़ें- मैंगाई सदाम (कच्चे आम के टेस्ट वाले चावल)

इलाइची पाउडर 2 ग्राम

चीनी 15 ग्राम

मैंगो प्यूरी 125 ग्राम

चिल्ली मैंगो ड्रौप बनाने के लिए

कटा हुआ आम 177 ग्राम

सिरका 1 बड़ा चम्मच

लेमन जूस 1

थाई चिली पाउडर 5 ग्राम

अदरक 1 टुकड़ा

चिली फ्लेक्स पेस्ट 5 ग्राम

कटा हुआ धनिया 15 ग्राम

बनाने का तरीका

– ऊपर लिखी सामग्री का इस्तेमाल करके एक बैटर तैयार करें और पैन केक बनाएं. वहीं बाकी चिल्ली मैंगो ड्रौप बनाने के लिए एक ठंडे आम की चटनी तैयार करें.

ये भी पढ़ें- चिल्ड मैंगो चोको मूस

– परोसने के लिए: एक प्लेट में गरम पैन केक रखें, ऊपर से ठंडा मसालेदार आम की चटनी डालें.

– कटे हुए आम के टुकड़े और थोड़ा शहद मिलाकर फैमिली को परोसें.

Edited by Rosy

उजली परछाइयां:  भाग-3

कहानी- महिमा दीक्षित

‘‘तुम यहां क्या कर रही हो?’’ किट्टू गुस्से में घूरते हुए कहा.

‘‘जरूरी बात करनी है, तुम्हारे पापा से रिलेटेड है,’’ धरा ने शांत स्वर में कहा. 2 दिनों बाद तुम्हारे पापा का बर्थडे है, मैं चाहती हूं कि तुम उस दिन उन के पास रहो…’’

‘‘और मैं तुम्हारी बात क्यों सुनूं?’’ उस की बात पूरी होने से पहले ही किट्टू ने चिढ़ कर जवाब दिया.

‘‘क्योंकि वे भी इतने सालों से तुम्हें उतना ही मिस कर रहे हैं जितना कि तुम करते हो. यह उन की लाइफ का बैस्ट गिफ्ट होगा क्योंकि तुम उन के लिए सब से बढ़ कर हो,’’ धरा ने किट्टू से कहा, ‘‘क्या तुम मेरे साथ कल देहरादून चलोगे?’’

किट्टू का कोल्डड्रिंक जैसा ठंडा स्वर उभरा, ‘‘इतना ही कीमती हूं तो मुझे वे छोड़ कर क्यों गए थे? मैं उन से नहीं मिलना चाहता. वे कभी मेरे बर्थडे पर नहीं आए…या…या फिर तुम्हारी वजह से नहीं आए. मुझे तुम से बात ही नहीं करनी. तुम गंदी औरत हो.’’ अपना बैग उठाते हुए लगभग सुबकने वाला था किट्टू.

‘‘तुम जाना चाहते हो तो चले जाना लेकिन, बस, एक बार ये देख लो,’’ कह कर धरा ने सारे पुराने मैसेज और चैट के प्रिंट किट्टू के सामने रख दिए जिन में घूमफिर कर एक ही तरह के शब्द थे अंबर के कि ‘किट्टू से बात करा दो,’ या ‘मैं मिलने आना चाहता हूं’ या ‘डाइवोर्स मत दो.’ और रोशनी के भी शब्द थे, ‘मैं तुम्हारे परिवार के साथ नहीं रह सकती,’ या ‘शादी जल्दबाजी में कर ली लेकिन तुम्हारे साथ और नहीं रहना चाहती,’ ‘किट्टू से तुम्हें नहीं मिलने दूंगी…’ ऐसा ही और भी बहुतकुछ था.

किट्टू की तरफ देखते हुए धरा ने कहा, ‘‘मेरे पास कौल रिकौर्डिंग्स भी हैं. अगर तुम सुनना चाहो तो. तुम्हारे पापा कभी नहीं चाहते कि तुम अपनी मां के बारे में थोड़ा सा भी बुरा सोचो या सच जान कर तुम्हारा दिल दुखे. इसलिए आज तक उन्होंने तुम्हें सच नहीं बताया. लेकिन मैं उन्हें इस तरह और घुटता हुआ नहीं देख सकती. और हां, हम एकदूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन हम ने कभी शादी नहीं की. जानते हो क्यों? क्योंकि तुम्हारे पापा को लगता था कि शादी करने पर तुम उन्हें और भी गलत समझोगे.  क्या अब भी तुम मेरे साथ कल देहरादून नहीं चलोगे?’’ यह कह कर धरा ने हौले से किट्टू के सिर पर हाथ फेरा.

ये भी पढ़ें- 19 दिन 19 कहानियां: वर्जिन-जब टूटा रोहित और अमला के सब्र का बांध

‘‘चलो, चल कर मम्मी को बोलते हैं कि पैकिंग कर दें,’’ किट्टू को जैसे अपनी ही आवाज अजनबी लगी.

जब धरा के साथ किट्टू घर पहुंचा तो सभी की आंखें फैल गईं. नानी की तरफ देखते हुए किट्टू ने अपनी मां से कहा, ‘‘मैं पापा के बर्थडे पर धरा के साथ 2-3 दिनों के लिए देहरादून जा रहा हूं, मेरी पैकिंग कर दो.’’

रोशनी और बाकी सब समझ गए थे कि किट्टू अभी किसी की नहीं सुनेगा. सुबह उसे लेने आने का बोल धरा होटल के लिए निकल गई. पूरे रास्ते धरा सोचती रही कि आगे न जाने क्या होगा, किट्टू न जाने कैसे रिऐक्ट करेगा. वह अंबर से कैसे मिलेगा और अब क्या सबकुछ ठीक होगा? सुबह दोनों देहरादून की फ्लाइट में थे. किट्टू ने धरा से कोई बात नहीं की.

अगली सुबह का सूरज अंबर के लिए दुनियाजहान की खुशियां ले कर आया. किट्टू को सामने देख एकबारगी तो किसी को यकीन ही नहीं हुआ और अगले ही पल अंबर ने अपने बेटे को गोद में उठा कर कुछ घुमाया. जैसे वह अभी भी 14 साल का नहीं, बल्कि उस का 4 साल का छोटा सा किट्टू हो. पूरे 9 साल बाद आज वह अपने बच्चे को अपने पास पा कर निहाल था और घर में सभी नम आंखों से बापबेटे के इस मिलन को देख रहे थे.

अंबर का इतने सालों का इंतजार आज पूरा हुआ था, अंबर के साथ आज धरा को भी अपना अधूरापन पूरा लग रहा था. शाम में किट्टू ने बर्थडे केक अपने हाथ से कटवाया था और सब से पहला टुकड़ा अंबर ने किट्टू के मुंह में रखा, तो एक बार फिर अंबर और किट्टू दोनों की आंखें नम हो गईं. तभी किट्टू ने अंबर की बगल में खड़ी धरा को अजीब नजरों से देखा तो वह वहां से जाने लगी. अचानक उसे किट्टू की आवाज सुनाई दी, ‘‘पापा, केक नहीं खिलाओगे धरा आंटी को?’’ और धरा भाग कर उन दोनों से लिपट गई.

अगली सुबह धरा जल्दी ही निकल गई थी. उस ने बताया था कि कोई जरूरी काम है बस जाते हुए 2 मिनट को किट्टू से मिलने आई थी. दोपहर में अंबर को धरा का मैसेज मिला, ‘तुम्हें तुम्हारा किट्टू मिल गया. मैं कल आखिरी बार तुम से उस जगह मिलना चाहती हूं जहां हम ने चांदनी रात में साथ जाने का सपना देखा था.’

अंबर जानता था धरा ने उसे जबलपुर में धुआंधार प्रपात के पास बुलाया है. उस ने पढ़ा था कि शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में प्रकृति धुआंधार में अपना अलौकिक रूप दिखाती है. तब से उस का सपना था कि चांदनी रात में नर्मदा की सफेद दूधिया चट्टानों के बीच तारों की छांव में वह अंबर के साथ वहां हो. अगली शाम में जब अंबर भेड़ाघाट पहुंचा तो किट्टू भी साथ था. वहां उन्हें एक लोकल गाइड इंतजार करता मिला जिस ने बताया कि वह उन लोगों को धुआंधार तक छोड़ने के लिए आया है.

करीब 9 बजे जब अंबर वहां पहुंचा तो धरा दूर खड़ी दिखाई दी. चांद अपने पूरे रूप में खिल आया था और संगमरमर की चट्टानों के बीच धरा, यह प्रकृति,? सब उसे अद्भुत और सुरमई लग रहे थे. वह धरा के पास पहुंचा और उस का हाथ पकड़ कर बेचैनी से बोला, ‘‘मुझे छोड़ कर मत जाओ, धरा. मैं नहीं रह सकता तुम्हरे बिना. अब तो सब ठीक हो चुका है. देखो, किट्टू भी तुम से मिलने आया है.’’

धरा ने धीरे से अपना हाथ अंबर के हाथ से छुड़ाया, तो अंबर के चेहरे पर हताशा फैल गई. किट्टू ने धरा की तरफ देखा और दोनों शरारत से मुसकराए. दूर क्षितिज में आसमान के तारे और शहर की लाइट्स एकसाथ झिलमिला रही थीं. तभी धरा ने एक गुलाब निकाला और घुटने पर बैठ कर कहा, ‘‘मुझे भी अपने परिवार का हिस्सा बना लो, अम्बर. क्या अब से रोज सुबह मेरे हाथ की चाय पीना चाहोगे?’’

ये भी पढ़ें- सबक

खुशी और आंसुओं के बीच अंबर ने धरा को जोर से गले लगा लिया था और किट्टू अपने कैमरे से उन की फोटो खींच रहा था.

उन का इतने सालों का इंतजार आज खत्म हुआ था. अंबर के साथसाथ धरा का अधूरापन भी हमेशा के लिए पूरा हो गया था. आज उसे उस का वह क्षितिज मिल गया था जहां अतीत की गहरी परछाइयां वर्तमान का उजाला बन कर जगमगा रही थीं, वह क्षितिज जहां 10 साल के लंबे इंतजार के बाद अंबरधरा भी एक हो गए थे.

उजली परछाइयां: भाग-2

कहानी- महिमा दीक्षित

धरा के दिल में अंबर ने अनजाने में जगह बना ली थी वहीं धरा जिस तरह सब का खयाल रखती और खुश रहती, वह अंबर के घर वालों को अपना बना रही थी. उस की ये आदतें सब के साथ अंबर को भी उस की तरफ खींच रही थीं. जब कोई चीज हमारे पास न हो तो उस की कमी ज्यादा ही लगती है, घर में भी सब को धरा को देख कर बहू की कमी कुछ ज्यादा ही अखरने लगी थी.

अंबर अकसर धरा को तंग करता रहता, कभी उलझे हुए बालों को खींचता तो कभी गालों पर हलकी चपत लगा देता. दोनों के दिलों में अनकही मोहब्बत जन्म ले चुकी थी जिस का एहसास उन्हें जल्दी ही हुआ. एक दिन धरा ने अंबर को छेड़ते हुए कहा, ‘मुझे तंग क्यों करते रहते हो, सब के लिए आप के दिल में प्यार है, फिर मुझ से ही क्या झगड़ा है?’ इस पर अंबर की मां ने जवाब दिया, ‘वह इसलिए गुस्सा करता है कि तू हमें पहले क्यों नहीं मिली.’ इन चंद शब्दों ने सब के दिलों का हाल बयां कर दिया था.

वह अचानक यह सुन कर बाहर भाग गई थी, बाहर बालकनी में रेलिंग पकड़ कर खड़ी थी. सांसें ऊपरनीचे हो रही थीं. अंबर ने पास आ कर कहा, ‘मैं ने और मेरे घर वालों ने तुम्हारी जैसी पत्नी और बहू का सपना देखा था.’ अंबर ने आगे कहा, ‘पता नहीं कब से, लेकिन मैं तुम से बहुत प्यार करता हूं. हां, मगर मैं तुम से शादी नहीं कर सकता क्योंकि अगर मैं ने ऐसा किया तो अपने बेटे को हमेशा के लिए खो सकता हूं.’

ये भी पढ़ें- सबक

धरा का सुर्ख होता चेहरा सफेद पड़ गया था. उस ने नजरें उठा कर अंबर को देखा, तो अंबर की आंखों में आंसू थे, ‘मेरे पास जीने की वजह सिर्फ यह है कि कभी मेरा बेटा मुझे मिलेगा. मैं तुम से शादी नहीं कर सकता लेकिन अपना बुढ़ापा जरूर सिर्फ तुहारे साथ बिताना चाहूंगा. सुबहसुबह तुम्हारे हाथ की चाय पिया करूंगा,’ उस वक्त दोनों की सांसें महसूस कर सकती थी धरा जब अंबर ने ये शब्द कहे थे जिन्होंने एक पल में ही उस को आसमान पर ले जा कर वापस नीचे धरातल पर पटक दिया था.

एक पल को धरा को लगा यह कैसा प्यार है और कैसी बेतुकी बात कही है अंबर ने, लेकिन दूसरे ही पल उसे भविष्य में अंबर में एक हारा और टूटा हुआ पिता नजर आया जिस का बेटा उसे कह रहा था कि तुम ने दूसरी शादी के लिए मुझे और मेरी मां को छोड़ा. शायद सही भी थी अंबर की बात. 4 साल का बच्चा जब मां के साथ रहता है तो वह उतना ही सच समझेगा जितना उसे बताया जाएगा.

जिस से प्यार करती है उसे अपनी वजह से ही टूटा हुआ कैसे देखती धरा. अगर अंबर बेटे के लिए उस का इंतजार कर सकता है तो धरा भी तो अंबर का इंतजार कर सकती है. फिर अंबर मान भी जाता लेकिन अपने ही घर वालों को मनाना भी तो धरा के लिए आसान नहीं था.

अंबर का हाथ पकड़ कर धरा बोली, ‘अगर सच में हमारे बीच प्यार है तो एक दिन हम जरूर मिलेंगे. मैं इंतजार करूंगी उस दिन का जब सबकुछ सही होगा और रही शादी की बात, तो राधाकृष्णा की भी शादी नहीं हुई थी लेकिन आज भी उन का नाम साथ ही लिया जाता है.’

लेकिन शर्तें तो दिमाग लगाता है, दिल नहीं और सब हालात को जानतेसमझते भी उन दोनों के तनमन भी दूर नहीं रह सके. शादी की बात तो दोबारा नहीं हुई, लेकिन दोनों के ही घर वालों को उन के बीच पनपे रिश्ते का अंदाजा हो गया था. ऐसे ही साथ रहते 2 साल निकल गए थे. अब भी अंबर अपने बेटे किट्टू से बात करने को तरसता था. सबकुछ वैसा ही चल रहा था.

धरा ने जौब जौइन कर ली और एक फ्रैंड की शादी में गई थी. वहां से आ कर एक बार फिर उस के दिल में अंबर से शादी करने की चाहत करवट लेने लगी. बहुत मुश्किल था उस का अंबर के इतने पास होते हुए भी दूर होना और इसीलिए उस का प्यार और उस की छुअन को अपने एहसासों में बसा कर धरा देहरादून छोड़ मुंबई आ गई थी. अब एक ही धुन थी उसे, टीवी इंडस्ट्री में नाम की और बहुत सारे पैसे कमाने की जिस से शादी न सही कम से कम सफल हो कर अपने घर वालों के प्रति कर्तव्य निभा सके.

उस के बाद के अब तक के साल कैसे बीते, यह धरा और अंबर दोनों ही जानते हैं. दूर रह कर भी न तो दूर रह सके, न साथ रह सके दोनों. वे महीनों के अंतराल में मिलते, किट्टू के बड़े होने और साथ जीने के सपने देखते और एकदूसरे की हिम्मत बढ़ाते. लेकिन कभी उन की नजदीकियां ही जब उन्हें कमजोर बनातीं तो दोनों खुद ही टूटने भी लगते और फिर संभलते. रिश्तेदारों, पड़ोस, महल्ले वालों सब से क्या कुछ नहीं सुनना और सहना पड़ा था दोनों को. लेकिन, उन्होंने हर पल हर कदम एकदूसरे को सपोर्ट किया था. बस, कभी शादी की बात नहीं की.

धरा के घर वाले कुछ सालों तक शादी के लिए बोलते रहे. लेकिन बाद में उस ने अपने घर वालों को समझा लिया था कि वे जिस इंडस्ट्री में हैं, वहां शादी इतना माने नहीं रखती है और उस के सपने अलग हैं.  इस बीच, उस ने न कभी अंबर और उस के घर वालों का साथ छोड़ा, न किसी और से रिश्ता जोड़ा. वह अंबर से ले कर उस के बेटे किट्टू तक के बारे में सब खबर रखती थी.

‘‘छुट्टी का टाइम हो गया, मैडमजी,’’ चपरासी की आवाज से धरा की तंद्रा टूटी.

ये भी पढ़ें- दूर से सलाम

कुछ मिनटों बाद किट्टू को आता देख धरा ने उसे पुकारा, तो किट्टू के चेहरे पर गुस्से और नफरत के भाव उभर आए. फेसबुक पर देखा है उस ने धरा को. यही है वह जिस से शादी करने के लिए पापा हमें छोड़ कर चले गए, ऐसा ही कुछ सुनता आया है वह इतने सालों से मां और नानी से और जब बड़ा हुआ तो उस की नफरत और गुस्सा भी उतना ही बढ़ता गया. अंबर से कभीकभार फोन पर बात होती, तो, बस, हांहूं करता रहता था.

आगे पढ़ें- किट्टू का कोल्डड्रिंक जैसा ठंडा स्वर उभरा….

#lockdown: घर के माहौल को बनाए काम के अनुकूल

कोरोना वायरस ने इस कदर सबको अपनी गिरफ्त में ले लिया है कि अब घर से बाहर निकलना भी मुमकिन नहीं रहा. आखिर सुरक्षा पहले जो है. इसी के मद्देनज़र आज हर कोई घर से काम कर रहा है. जबकि हमारे देश में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर कुछ ही कंपनीज में देखने को मिलता है. अब जब हर कोई घर से काम कर रहा है तो जरूरी है कि हम जब घर से काम करें तो हमें पॉजिटिव  फील आये, जिससे हम उसी जोश व उत्साह से काम कर पाए जैसे हम ऑफिस में करते हैं. इसके लिए जरूरी है घर के माहौल को ऑफिस के अनुकूल बनाने की. इसके लिए जानते हैं कुछ टिप्स.

1. मोर्निंग रूटीन हो पहले जैसा

आपका मोर्निंग रूटीन पहले जैसा ही होना चाहिए. इससे आपको लगेगा कि जैसे आप आफिस ही जा रहे हैं.  अच्छे से फ्रैश होकर भले ही फोर्मल कपड़े न पहनें लेकिन साफ़ सुथरे कपडे जरूर पहनें. इससे आप खुद में पॉजिटिव फील   करेंगे. जैसे ही कम्पनीज में वर्क फ्रोम होम का कल्चर शुरू  हुआ था वैसे ही बहुत सी कम्पनीज ने अपने कमचारियों के लिए यह निर्देश जारी कर दिया  था , कि बिफोर स्टार्ट योर वर्क, टेक बाथ.  ऐसा करना सही भी है. जो पॉजिटिव थॉट्स को लाने  में अहम रोल निभाता है.

ये भी पढ़ें- #lockdown: Students कैसे करें समय का सदुपयोग

2. चुनें वर्क प्लेस

भले ही आपका घर छोटा हो या बड़ा, लेकिन आपका एक निर्धारित वर्क प्लेस होना चाहिए. जैसे ऑफिस में होता है. जब काम का एक स्थान होता है तो हमारे मन में विचार भी ज्यादा आते   हैं. जैसा अक्सर ऑफिस में होता है. आपने लोगों को अक्सर यह  कहते सुना होगा कि मैं अपनी सीट पर जाकर सोच कर तुम्हें इसका जवाब बताता हूँ. ऐसा इसलिए क्योंकि लगातार एक ही जगह से जुड़े रहने के कारन जहां हमारा उस जगह से लगाव हो जाता है वहीं हम अपने दिल से जुड़ी जगह पर  अच्छा व और ज्यादा बेहतर सोच पाते हैं. इसलिए वर्क प्लेस को चुनना बहुत जरूरी है.

3. अपनी जगह को रखें साफ़ सुथरा

चाहे सोने की जगह हो या बैठने की या फिर काम करने की,  जब तक जगह साफ़ नहीं होगी तब तक काम करने का मज़ा नहीं आ पाएगा. इसलिए चीज़ो को सही ढंग से रखें . अगर काम करने के लिए  टेबल है तो उसे घर में रखी चीज़ों से  सजाए .  रोज़ाना अपने लैपटोप , टेबल

को साफ़ करें. या फिर अगर आप बेड  पर बैठकर काम कर रहे हैं तो चादर एकदम साफ़ होनी चाहिए, आस पास चीज़ें फैली हुई न हो इस बात का  ध्यान रखें.

4. काम का समय निर्धारित करें

भले ही आपको कोई देखने वाला नहीं है कि आप कब काम कर रहे हैं और कब नहीं, लेकिन आपके लिए जरुरी है काम का समय निर्धारित करना. क्योंकि ऐसा नहीं करने से  ये  आपके रूटीन को बदलने का काम करेगा  वही जब आप वापिस ऑफिस लौटेंगे तो आपको अपनी इस आदत को सुधारने  में काफी वक़्त लग सकता है. इसलिए तय करें कि कब आपको ब्रेक लेना है, कब लंच करना है. अगर आपके पास काम न भी हो तो अपनी वर्कप्लेस वाली जगह पर कुछ कुछ पढ़ते रहें.

5. इंडोर प्लांट्स से बढ़ाये दोस्ती

आजकल हर किसी  के घर में इंडोर प्लांट्स लगे होते हैं. क्योंकि ये जहां टोक्सिंस को रिमूव कर हवा को साफ करने का काम करते हैं साथ ही इससे बीमारियां दूर होने के साथ साथ स्ट्रेस लेवल भी कम होता है. जिससे आप काम में मन लगा पाते हैं. यानी इंडोर प्लांट्स जहां आपको स्वस्थ रखने का काम करते है वहीं इनके आपके पास रहने से आप बेहतर ढंग से काम भी कर पाते हैं.  इसलिए इंडोर प्लांट्स से बढ़ाये दोस्ती.

ये भी पढ़ें- #lockdown: खाली जमीन और गमलों को बनायें किचन गार्डन का हिस्सा

6. काम की वो जगह जहां हो प्राक्रृतिक रोशनी

काम के लिए  घर की वो जगह चुनें जहां प्राक्रृतिक रोशनी पर्याप्त मात्रा में  आती हो. क्योंकि इससे जहां आप काम में  बेहतर मन लगा पाएंगे. खिड़की के पास वाली जगह का चुनाव ज्यादा बेहतर रहता है , क्योंकि इससे न सिर्फ आपकी ऊर्जा बढ़ेगी बल्कि आप बाहर की दुनिया से भी जुड़ाव महसूस कर पाएंगे. इससे आपको बोरियत जैसा नहीं लगेगा.

क्या नहीं हुआ Asha Negi-Rithvik Dhanjani का ब्रेकअप, इस वजह से उठा सवाल

लॉकडाउन के बीच जहां देश में कोरोनावायरस का कहर बढ़ रहा है तो वहीं टीवी इंडस्ट्री से जहां कई खुशखबरी आ रही हैं तो वहीं रिश्ता टूटने की खबरें सुर्खियों में है. हाल ही में सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ (Pavitra Rishta) फेम आशा नेगी (Asha Negi) के एक्टर रित्विक धनजानी (Rithvik Dhanjani) से ब्रेकअप की खबरों के लेकर सुर्खियों में आ गई थीं. लेकिन अब कुछ ऐसा हुआ है कि दोनों का ब्रेकअप एक अफवाह लग रहा हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है मामला….

आशा नेगी की वेब सीरीज का पोस्टर हुआ रिलीज

सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ (Pavitra Rishta) फेम आशा नेगी (Asha Negi) ने अपनी वेब सीरीज ‘बारिश 2’ (Baarish 2) के दूसरे पार्ट की घोषणा की है. इस सीरीज को लेकर आशा नेगी के साथ-साथ उनके दोस्त भी एक्साइटेड है, जिनमें एक्सबॉयफ्रेंड रित्विक धनजानी (Rithvik Dhanjani) का नाम भी शामिल है.

ये भी पढ़ें- Lockdown में Yeh Rishta की नायरा के लिए आया शादी का रिश्ता! देखिए फिर क्या हुआ

रित्विक ने लिखा खास मैसेज

rithvik

दरअसल, रित्विक धनजानी ने आशा नेगी के अपकमिंग सीरीज ‘बारिश 2’ के पोस्टर को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. रित्विक धनजानी ने पोस्टर को शेयर करते हुए लिखा है कि, ‘इश्क की बारिश में भीगने के लिए तैयार हो जाइए.’ इस पोस्ट में रित्विक ने सीरीज के कलाकारों के साथ-साथ आशा नेगी को भी टैग किया है.

बता दें, हाल ही में खबरें थीं कि आशा नेगी और रित्विक धनजानी का ब्रेकअप हो गया है, जिसके बाद फैंस को काफी दुख हुआ था. इसी बीच दोनों के ब्रेकअप की वजह लम्बे समय से रिश्ते में अनबन बताई जा रही है, क्योंकि कहा जा रहा है कि दोनों 2019 में शादी के बंधन में बंधने वाले थे, लेकिन किसी वजह के चलते दोनों की शादी नहीं हुई. इसी कारण दोनों के ब्रेकअप की खबरें सोशल मीडिया पर छा गई थी.

ये भी पढ़ें- #lockdown: Kumkum Bhagya एक्ट्रेस Shikha Singh ने दिखाया अपना बेबी बंप, Photos Viral

उजली परछाइयां:  भाग-1

कहानी- महिमा दीक्षित

बीकानेर के सैंट पौल स्कूल के सामने बैठी धरा बहुत नर्वस थी. उसे वहां आए करीब 1 घंटा हो रहा था. वह स्कूल की छुट्टी होने और किट्टू के बाहर आने का इंतजार कर रही थी. किट्टू से उस का अपना कोई रिश्ता नहीं था, फिर भी उस की जिंदगी के बीते हुए हर बरस में किट्टू के निशान थे. अंबर का 14 साल का बेटा, जो अंबर के अतीत और धरा के वर्तमान के 10 लंबे सालों की सब से अहम परछाईं था. उसी से मिलने वह आज यहां आई थीं. आज वह सोच कर आई थी कि उस की कहानी अधूरी ही सही, लेकिन बापबेटे का अधूरापन वह पूरा कर के रहेगी.

करीब 10 साल पहले धरा का देहरादून में कालेज का सैकंड ईयर था जब धरा मिली थी मिस आभा आहलूवालिया से, जो उस के और अंबर के बीच की कड़ी थी. उस से कोई 4-5 साल बड़ी आभा कालेज की सब से कूल फैकल्टी बन के आई थी. वहीं, धरा में शैतानी और बेबाकपन हद दर्जे तक भरा था. लेकिन धीरेधीरे आभा और धरा टीचरस्टूडैंट कम रह गई थीं, दोस्त ज्यादा बन गईं. लेकिन शायद इस लगाव का एक और कारण था, वह था अम्बर, आभा का बड़ा भाई, जिस की पूरी दुनिया उस के इर्दगिर्द बसी थी और उसे वह अकसर याद करती रहती थी.

ये भी पढ़ें- 19 दिन 19 कहानियां: वर्जिन-जब टूटा रोहित और अमला के सब्र का बांध

आभा ने बताया था कि अंबर ने करीब 5 साल पहले लवमैरिज की थी, बीकानेर में अपनी पत्नी रोशनी व 4 साल के बेटे किट्टू के साथ रह रहा था और 3-4 महीने में अपने घर आता था. आभा अकसर धरा से कहती कि उस की आदतें बिलकुल उस के भाई जैसी हैं.

ग्रेजुएशन खत्म होतेहोते आभा और धरा एकदूसरे की टीचर और स्टूडैंट नहीं रही थीं, अब वे एक परिवार का हिस्सा थीं. इन बीते महीनों में धरा उस के घर भी हो आई थी, भाई अंबर और बड़ी बहन नीरा से फेसबुक पर कभीकभार बातें भी होने लगी थीं और छुट्टियां उस के मम्मीपापा के साथ बीतने लगी थीं.

एग्जाम हो गए थे लेकिन मास्टर्स का एंट्रैंस देना बाकी था, इसलिए धरा उस समय आभा के घर में ही रह रही थी. तब अंबर घर आया था. बाहर से शांत लेकिन अंदर से अपनी ही बर्बादी का तूफान समेटे, जिस की आंधियों ने उस की हंसतीखेलती जिंदगी, उस का प्यार, सबकुछ तबाह कर दिया था. आभा के साथ रहते धरा को यह मालूम था कि अंबर की शादी के 2 साल तक सब ठीक था, फिर अचानक उस की बीवी रोशनी अपने मम्मी के घर गई, तो आई ही नहीं.

इस बार जब अंबर आया तो उस के हमेशा मुसकराते रहने वाले चेहरे से पुरानी वाली मुसकान गायब थी. धरा के लिए वह सिर्फ आभा का भाई था, जो केवल उतना ही माने रखता था जितना बाकी घरवाले. लेकिन 1-2 दिन में ही न जाने क्यों अंबर की उदास आंखों और फीकी मुसकान ने उसे बेचैन कर दिया.

करीब एक सप्ताह बाद अंबर ने बताया कि वह अपनी जौब छोड़ कर आया है क्योंकि उस के ससुराल वालों और पत्नी को लगता है कि वह पैसे के चलते वहां रहता है. अब वह यहीं जौब करेगा और कुछ महीनों के बाद पत्नी और बेटा भी आ जाएंगे. यह सब के लिए खुश होने की बात थी. लेकिन फिर भी, कुछ था जो नौर्मल नहीं था.

अंबर ने नई जौब जौइन कर ली थी. कितने ही महीने निकल गए, पत्नी नहीं आई. हां, तलाक का नोटिस जरूर आया. रोशनी ने अंबर से फोन पर भी बात करनी बंद कर दी थी और बेटे से भी बात नहीं कराती थी. इन हालात ने सभी को तोड़ कर रख दिया था. अंबर के साथ बाकी घर वालों ने भी हंसना छोड़ दिया.  उन के एकलौते बेटे की जिंदगी बरबाद हो रही थी. वह अपने बच्चे से बात तक नहीं कर पाता था. परिवार वाले कुछ नहीं कर पा रहे थे.

धरा सब को खुश रखने की कोशिश करती. कभी सब की पसंद का खाना बनाती तो कभी अंबर को पूछ कर उस की पसंद का नाश्ता बनाती. उसे देख कर अंबर अकसर सोचता कि यह मेरी और मेरे घर की कितनी केयर करती है. धरा आज की मौडर्न लड़की थी. लेकिन घरपरिवार का महत्त्व वह अच्छी तरह समझती थी. घर के काम करना उसे अच्छा लगता था. मन साफ सच्चा हो तो सूरत को भी हसीन बना देता है. धरा के चेहरे की खूबसूरती में गजब का आकर्षण था. अभी 23 वर्ष की पिछले महीने ही तो हुई थी. दूसरी ओर धरा जबजब अंबर को देखती तो सोचती थी कि कितना प्यार करता है अपनी बीवी को. काश, मुझे भी ऐसा ही कोई मिले. तलाक की बात सुन कर पहली बार अंबर को रोते देखा था धरा ने और उस के शब्द कानों में अब तक गूंज रहे थे कि ‘मर जाऊंगा लेकिन तलाक नहीं दूंगा. मैं नहीं रह सकता उस के बिना.’

अंबर की गहरी भूरी आंखों में दर्द भरा रहता था. 30 की उम्र हो गई थी लेकिन पर्सनैलिटी उस की ऐसी थी कि देखने वाला प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता था. धरा समझ नहीं पाती थी कि रोशनी को अंबर में ऐसी क्या कमी नजर आई थी जो उसे छोड़ गई.

ये भी पढ़ें- रिश्ता कागज का

जुलाई में धरा की दीदी देहरादून घूमने आई थी और उस की खूब खातिर की गई. देहरादून का मौसम खुशगवार था. इसलिए घूमनेफिरने का अलग मजा था. अंबर भी उसे पूछ कर ही सारे प्रोग्राम बना रहा था. प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मसूरी, सहस्रधारा, चकराता, लाखामंडल तथा डाकपत्थर देखने का प्रोग्राम अंबर ने झटपट बना डाला. अंबर का किसी और को इंपौर्टेंस देते देख न जाने क्यों धरा के मन में जलन हुई और उसे पहली बार एहसास हुआ कि अनजाने में ही वह अंबर को चाहने लगी है. लेकिन क्यों, कब, कैसे, इस की वजह वह खुद नहीं जानती थी. इस की वजह शायद अंबर का इतना प्यारा इंसान होना था या फिर शायद इतनी गहराई से अपनी बीवी के लिए प्यार था कि धरा खुद उस के प्यार में पड़ गई थी.

आगे पढ़ें- धरा के दिल में अंबर ने अनजाने में जगह बना ली थी वहीं धरा …

#lockdown: टैनिंग को दूर करने के लिए ट्राय करें ये 5 टिप्स

आज कल गोरा और सुंदर दिखने की चाह पुरुषों या महिलाएं सभी को है. फेस पर सन टैन और चेहरे पर पड़े डार्क स्‍पॉट और पिगमेंटेशन की वजह से चेहरा काला दिखाई देने लगता है. इस चाहत में हम महंगे-महंगे स्‍किन केयर प्रोडक्‍ट आजमाते हैं. जो संवेदनशील स्किन के लिए हानिकारक होते हैं. इनके इस्‍तेमाल से कुछ दिन तो चेहरे पर असर दिखाई देता है मगर बाद में चेहरे की रंगत वैसी की वैसी ही हो जाती है. क्यों ना कुछ घरेलू उपाय करें जाएं और 10 मिनट में जादू जैसा असर पाए

1. चेहरे की रंगत मलाई से

दूध के ऊपर जमने वाली मलाई में कुदरती पोषण और मिनरल्‍स होते हैं. मलाई आपकी स्किन को निखारती है. कभी तो एक इन्फेंट की मलाई से मालिश करी जाती है. आपको सिर्फ जरूरत है  1 चम्‍मच मलाई की इसमें चुटकीभर हल्‍दी मिला कर चेहरे पर लगाएं. 10 मिनट के बाद चेहरे को हल्के हाथों से रगड़ते हुए साफ कर लें. ऐसा हफ्ते में दो बार करें.

ये भी पढ़ें- lockdown: होममेड तरीकों से बनाएं ब्यूटी केयर प्रोडक्ट

2. नींबू और टमाटर का उपयोग

नींबू के रस में बीज निकल हुए टमाटर का  गूदा मिलाएं और  इसे चेहरे पर लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दें. सूखने पर चेहरे को धो लें. यह पैक संवेदनशील स्‍किन पर बेहद कारगर है.

3. बेसन का पैक

ऑयली और मिश्रित स्किन क लिए बेसन से बना बहुत उपयोगी है. बेसन चेहरे के कालेपन को दूर करता है. इसके लिए बेसन, हल्‍दी और दही मिलाएं. इसमें एक चम्मच गुलाबजल भी मिला लें.10 मिनट के बाद चेहरे को हल्के हाथों से स्‍क्रब कर के ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे के पोर्स अंदर से साफ होते हैं और चेहरा कुछ ही मिनट में गोरा दिखने लगता है.

4. संतरे के छिलके का उपयोग

संतरे के सूखे छिलकों को पीस कर पाउडर बना लें. फिर उसमें ब्राउन शुगर और रोज वॉटर मिलाााएं और 10 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं उसके बाद गोलाई में स्‍क्रब करते हुए ठंडे पानी  से  चेहरे को धो लें. ऐसा करने से आपकी डेड स्‍किन हटेगी, चेहरा साफ बनेगा और स्‍किन ग्‍लो करेगी.

ये भी पढ़ें- 19 दिन 19 टिप्स: चंदन फेस पैक से निखर उठेगी आपकी स्किन

5. संदल पाउडर

संदल पाउडर फेस को कांति मय बनाने के लिए बहुत कारगर है.चेहरे को गोरा बनाने में चंदन पाउडर को कोई जवाब नहीं. इस पैक को बनाने के लिए आधा चम्‍मच चंदन पाउडर में चुटकीभर हल्‍दी और 4 बूंद बादाम तेल मिक्‍स करें. इसके बाद इस पैक को मिक्‍स कर के चेहरे पर लगाएं. यह चेहरे को पोषण देगा और डार्क स्‍पॉट हटा कर चेहरे की रंगत लौटाएगा.

#coronavirus: लॉकडाउन में रखें दिल का ख्याल   

कोरोना वायरस और लॉक डाउन के चलते बीमार और बुजुर्ग काफी चिंतित है, खासकर हार्ट के मरीज को इस समय अपना ध्यान रखने की जरुरत है, क्योंकि ऐसे समय में सभी लोग घर में कैद है. बुजुर्ग हो या यूथ कोई भी ऐसे माहौल में घर से निकल कर कुछ कर नहीं पा रहे है. उनकी दिनचर्या बदल चुकी है, ऐसे में दिनचर्या को नियमित करना जरुरी है. इस बारें में सर एच एन रिलायंस हॉस्पिटल के इन्टरवेनशनल कार्डियोलोजिस्ट डॉ. निमित शाह कहते है कि ये एक नया और अलग तरीके की वायरस है, जिसका इलाज और वैक्सीन अभी तक नही निकल पाया है, ऐसे में कोविड 19 के शिकार अधिकतर व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी और निमोनिया के लक्षण दिख रहे है.

इस समय पहले से हार्ट की बीमारी वाले लोग हाई रिस्क जोन में आते है, लेकिन सही देखभाल और नियमित दिए गए दवा के सेवन से व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है. ये सौ प्रतिशत सही है कि दिल के बीमारी वाले लोग ,जिसमें पहले से हार्ट एटैक आया हो, हार्ट कमजोर हो जिसे हम हार्ट फैल्योर भी कह सकते है, जिसकी पम्पिंग कमजोर होती है आदि. ऐसे मरीज को कोरोना पॉजिटिव होने पर मृत्यु दर अधिक होने की संभावना होती है, क्योंकि रिकवरी काफी धीमी होती है. कोरोना केवल फेफड़ो को ही नहीं हार्ट के मसल्स को भी प्रभावित करता है. देखने से लगता है कि हार्ट एटैक आ रह है,लेकिन ये इन्सुलेशन ऑफ़ हार्ट मसल्स होता है. लंग्स और हार्ट दोनों प्रभावित होने पर रोगी को कॉम्प्लीकेशन अधिक होने की वजह से उसे बचाना मुश्किल हो जाता है. मैंने अभी तक किसी भी कोरोना मरीज़ के संपर्क में नहीं आया. मेरे कई मरीज है, जो मेरा इलाज लेते है, ऐसे सभी फोलोअप मरीज़ को मैं टेलीफोन की सहायता से सलाह देता रहता हूँ.

ये भी पढ़ें- नुकसानदायक है दूध के साथ इन 5 चीजों का सेवन

ये कई जगह रिपोर्ट आई है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवाई देने के बाद उसके साइड इफ़ेक्ट रोगी में देखे गए, जिसमें कुछ को कोरोना निगेटिव होने पर भी उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी, इस बारें में पूछने पर डॉ. निमित का कहना है कि ये हर देश की अलग-अलग इलाज की पद्यति और मरीज़ है, जिसे यहाँ से समझना मुश्किल है. ये सही है कि जब जरुरत नहीं थी, तो लोगों ने इस दवा को कोरोना की रोकथाम समझकर लेने लगे. ऐसे में बाज़ार से दवाइयां गायब होने लगी. केमिस्ट ने भी इसे बिना प्रेस्क्रिप्शन के देना बंद कर दिया, जो सही है. ये उन लोगों के लिए लेना जरुरी है, जो लोग करोना वायरस के मरीज के संपर्क में आते है, इससे कोरोना न होने की गारंटी नहीं , पर उसकी सीरियसनेस कम हो सकती है. कोरोना पॉजिटिव होने पर भी ये दवा उसे दबाने में मदद करता है. असल में ये दवाई रुमेटायड आर्थराइटिस के मरीज सालों से लेते आ रहे है और उन्हें इसका अच्छा परिणाम मिलता है. जिस मरीज़ को हार्ट की समस्या पहले से होती है, उनकी कुछ दवाइयां होती है, जो उनके हार्ट रिदम को काबू में रखती है. अगर उनके हार्ट के रिदम में समस्या हो, कार्डियोग्राफी में क्यु टी इंटरवल काफी बढ़ा हुआ है,ये दवा उनको हानि पहुंचा सकता है. पहले से ही अगर कुछ दवा आलरेडी चल रही हो, साथ में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भी दे दिया जाय, तो कार्डिएक एटैक हो सकता है, पर ये बहुत कम होने के चांसेस होते है, क्योंकि डॉक्टर जांच के बिना कोई भी दवा मरीज़ को नहीं देता. आम जनता जिन्हें हार्ट या रिदम की समस्या नहीं है, वे इसे कोरोना पॉजिटिव होने पर ले सकते है. ये रोगी की उम्र उसकी शारीरिक संरचना के आधार पर ही दिया जाता है. जिनको कभी हार्ट की समस्या नहीं है उन्हें हार्ट एटैक नहीं आयेगा. हार्ट की इलेक्ट्रिसिटी में पहले से ही कोई समस्या है, तो इसका प्रभाव ख़राब हो सकता है.

इसके आगे डॉक्टर निमित कहते है कि अभी सभी को घर में रहकर सही और संतुलित मात्रा में भोजन करने की जरुरत है. डरने या पैनिक होने की कोई जरुरत नहीं है. लाखों लोग कोरोना पॉजिटिव हो रहे है, लेकिन ठीक भी अधिक संख्या में हो रहे है. खासकर ब्लड प्रेशर, मधुमेह, कैंसर, हार्ट और अस्थमा के मरीज़ को अपनी देखभाल करते रहना चाहिए. इससे अलग जो भी लोग कोरोना पोजिटिव होते है, उन्हें घर पर रहकर आराम करने और बुखार की दवा लेने से 15 दिनों में ठीक भी हो जाते है. ये सभी उम्र के किसी को भी हो सकता है.

कोरोना के मरीज का लगातार बढ़ने की ट्रेंड के बारें में पूछने पर डॉक्टर निमित का कहना है कि अभी हमारी टेस्टिंग बढ़ गयी है, इसलिए मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लॉक डाउन का अच्छी तरह से पालन न हो पाने की वजह से मुंबई के धारावी में इतने मरीज़ आये है और लगातार आ रहे है. साथ ही मुंबई में मृत्यु भी अधिक हो रही है, जो दुःख की बात है. मेरे हिसाब से मई तक ये आंकड़ा बढेगा उसके बाद कम होने के आसार है. ये सही है कि भारत में स्थिति दूसरे देशों की अपेक्षा बेहतर है.

ये भी पढ़ें- #lockdown: क्या कपड़ों और बालों से हो सकती है घर पर कोरोनावायरस की दस्तक ?

जो भी हार्ट के मरीज़ है, उन्हें अगर कोई तकलीफ नहीं है, तो निम्न बातों पर ध्यान दें,

  • जो भी दवा आप ले रहे है, उसे लगातार लेते रहे, बंद न करें,
  • कोई तकलीफ हो तो अपने डॉक्टर से फ़ोन या इन्टरनेट की सहायता से सलाह लें,
  • घर पर ब्लडप्रेशर चेक करने की मशीन रखें,
  • घर पर वर्कआउट करें, परिवार जन के साथ खुश रहे,
  • ओवर ईटिंग इस समय न करें,
  • तली हुई चीजो से परहेज करें,
  • किसी प्रकार के नशे और धुम्रपान से बचे,
  • जिनके हार्ट कमजोर है, वे डॉक्टर के अनुसार डाइट फोलो करें, ताकि तबियत न बिगड़े और आपको अस्पताल न जाना पड़े, क्योंकि हो सकता है कि अनजाने में आप के परिवारजन किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आ गए हो, इससे समस्या और अधिक बढ़ जाएगी.
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें