Medela Flex Breast Pump: बिना दर्द के अब ब्रेस्ट फीडिंग होगी आसान

मेरी बेटी की उम्र 25 साल है. हाल ही में वह पहली बार मां बनी है, जिससे वह बेहद खुश है, लेकिन समस्या है कि उसे बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाने में बेहद तकलीफ होती है, जिसके कारण वह बेहद दर्द सहती है और बच्चे को दूध पिलाने से डरती है. वह बच्चे को डिब्बा बंद दूध पिलाना चाहती है. इसी कशमकश और दर्द को सहते हुए एक बार उसने मुझे अपनी ब्रेस्ट फीडिंग की परेशानी के बारे में बताया, जिसके बाद मैने उसे ब्रेस्ट पंप के बारे में बताया. मैने एक मैग्जीन में Medela Flex Breast Pump के इस्तेमाल के बारे में पढ़ा था, लेकिन किसी प्रौडक्ट पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर पा रही क्योंकि इसका असर बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है. दूसरी तरफ बेटी को ब्रेस्ट पंप के बारे में बताने के बाद हमने अपने डौक्टर से इसके बारे में सलाह ली कि ये प्रौडक्ट बच्चे के लिए नुकसानदायक तो नही है. इसी से जुड़े कईं सवाल मैने और मेरी बेटी ने डौक्टर से पूछे. साथ ही कौनसा प्रौडक्ट ब्रेस्ट पंप फीडिंग के लिए अच्छा है इसको लेकर भी हमने डौक्टर से सलाह ली.

सवाल- क्या ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल मां के लिए सेफ है?

डौक्टर- जी हां, ब्रेस्ट पंप बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जाता है और बिना बीपीए, प्राकृतिक रबर लेटेक्स और फोथलेट्स के बनाया जाता है.

सवाल- कहीं ब्रेस्ट पंप का इस्तमाल करने से ब्रेस्ट औऱ उसकी शेप को नुकसान तो नहीं होगा?

डौक्टर- नहीं, एक ब्रेस्ट पंप स्तनों के आकार को नुकसान या बदलता नहीं है क्योंकि यह एक बच्चे की मां का दूध पीने की नेचुरल क्रिया की पूरी तरह से नकल करता है, इसलिए यह सुरक्षित है.

सवाल- क्या मेडेला ब्रेस्ट पंप हाइजीनिक है?

डौक्टर- मेडेला ब्रेस्ट पंप स्विट्जरलैंड में बना है, चीन में नहीं. यह गुणवत्ता और सामग्री के उच्चतम मानकों के साथ निर्मित और सुरक्षित है.

सवाल- Breast Pump कितने समय तक चल सकता है?

डौक्टर- Breast pump का लंबे समय तक चलना उसके इस्तेमाल और सफाई के तरीकों पर निर्भर करता है. अगर हम इसे अच्छे तरीके से हाइजीन फ्री तरीके से साफ करेंगे तो यह सालों तक चलेगा.

फिर डौक्टर से सलाह करने के बाद मैने और मेरी बेटी ने मार्केट ब्रेस्ट पंप के बारे में जानकारी ली तो हमें Medela Flex Breast Pump के बारे में पता चला. वहीं एक मैग्जीन में इसके बारे में बताया गया था कि यह ब्रेस्ट पंप और कनेक्टर स्विट्जरलैंड में बनाए जाते हैं, जो कि पूरी तरह से सुरक्षित और हाईजीनिक होते हैं. साथ ही यह खाद्य ग्रेड पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) और थर्माप्लास्टिक इलास्टोमर्स (टीपीई) से बने होते हैं. इसके इस्तेमाल से आप अपना समय बचा सकती हैं और बच्चे की केयर कर सकती हैं. वहीं अगर यह खराब या टूट जाए तो इसके पार्ट्स को आसानी से बदला जा सकता है, जिसकी वारंटी  Medela Flex Breast Pump के साथ दी जाती है.

इन सवालों को जानने के बाद मुझे Medela Flex Breast Pump की पूरी जानकारी मिली और पता चला कि यह बहुत ही किफायती और बच्चे के लिए अच्छा प्रौडक्ट है.

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जानें क्या है फर्जी अनामिका शुक्ला की असली कहानी

आपने पिछले कुछ दिनों में अनामिका शुक्ला नाम की कई फर्जी शिक्षिकाओं का मामला सुना होगा. आखिर कौन है यह अनामिका शुक्ला, इसने क्या फर्जीवाडा किया है? आइए जानते हैं

कौन है असली अनामिका?

अनामिका शुक्ला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रहने वाली एक बेरोज़गार महिला है जो शिक्षिका के पद के लिए 2017 में अप्लाई करती है पर आज तक उसको नौकरी नही मिली है. परंतु अन्य 25 महिलाओं ने अपना नाम अनामिका शुक्ला रख कर सरकारी स्कूलों में नौकरी प्राप्त कर ली. जब यह मामला सामने आया तो असली अनामिका अपने सारे दस्तावेज लेकर शिक्षा विभाग पहुंच गई व अपने असली होने का प्रमाण दिया. असली अनामिका आज तक बेरोज़गार है जबकि फर्जी अनामिकाएं अपने नाम पर एक साथ 25 स्कूलों में पढाकर करोडों रूपए छाप चुकी हैं.

अब नकली अनामिकाओं का क्या हुआ?

जब से इस मामले पर कार्यवाही होनी शुरू हुई है तब से सारी फर्जी अनामिकाओं ने स्कूल आना छोड दिया है. एक महिला ने तो रात को ही अपना इस्तीफा शिक्षा विभाग को दे दिया. फर्जी शिक्षिकाओं ने अपने सारे दस्तावेज अनामिका शुक्ला के नाम से बनवा रखे हैं जो कि सही हैं परंतु जब उनके स्थान जहां कि वो निवासी हैं के बारे में जानकारी निकाली गई तब उनका भेद खुल गया.

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कुछ शिक्षिकाएं तो कभी स्कूल ही नहीं गई लेकिन फिर भी उनके नाम पर सैलरी पूरी आ रही थी. जब इस घोटाले का भांडा फूटा तो किसी ने स्कूल आना छोड दिया तो किसी ने इस्तीफा ही दे दिया.

खतरे में रायबरेली शिक्षा विभाग

यू.पी के रायबरेली शिक्षा विभाग से भी इस घोटाले के पेंच जुडे हुए हैं. शिक्षा विभाग भी शक के घेरे में है क्योंकि जो महिला बेरोजगार बैठी है उसके नाम से फर्जी दस्तावेज बना कर किसी अन्य को कैसे नियुक्त किया जा सकता है. जो शिक्षिका कभी स्कूल ही नहीं गई उसके नाम से कैसे हर महीने सैलरी दी जा रही है. इसके बाद ही शिक्षा विभाग ने आधी से ज्यादा नकली शिक्षिकाओं के नाम काट दिए. तथा कुछ नकली शिक्षिकाएं तो एक दम से ही गायब हो गई, उन्होने स्कूल आना भी छोड दिया.

हमारे हिसाब से रायबरेली के इस शिक्षा विभाग पर भी कडी से कडी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि आगे से अन्य फर्जी घोटाले न हो तथा किसी योग्य के साथ अन्याय न हो. ऐसी ही अन्य खबरों की पडताल जान ने के लिए हमारे साथ जुडे रहिए.

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मेरे पैरों के नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन हो गया है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 28 वर्ष की महिला हूं. मेरे पैरों के नाखूनों में फंगस इन्फैक्शन हो गया है. इसे ठीक करने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब-

नाखूनों में फंगस की समस्या तब होती है, जब आप के पैर बहत देर तक जूते में बंद रहते हैं, उन की सही ढंग से साफसफाई नहीं होती.

फंगस से छुटकारा पाने के लिए लहसुन और लौंग के तेल को सरसों के तेल में मिला कर अच्छे से गरम कर लें. अब इसे रात को सोने से पहले पैरों और नाखूनों में लगाएं.

तेल लगाने के बाद जुराब पहन कर सोएं. ऐसा करने से फंगल इन्फैक्शन में सुधार देखने को मिलेगा.

छुटकारा पाने के लिए आप ऐंटीस्पिरैंट पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. यदि फिर भी परेशानी बनी रहती हैं तो संबंधित डाक्टर से जरूर सलाह लें.

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पैरों को साफ और स्वस्थ रखना भी उतना ही जरूरी है, जितना शरीर के किसी दूसरे अंग को. पैरों की साफसफाई एक निश्चित अंतराल पर होती रहनी चाहिए. इस के लिए आप नियमित साफसफाई के अलावा पैडिक्योर का सहारा भी ले सकती हैं.

ऐसे करें पैडिक्योर

पैडिक्योर करने से पहले नाखूनों पर लगी नेल पौलिश को हटा दें. फिर टब या बालटी में कुनकुने पानी में अपना पसंदीदा साल्ट या क्रीम सोप डालें. अगर आप के पैरों की त्वचा ज्यादा रूखी है, तो उस में औलिव आयल भी डाल लें. साल्ट आप के पैरों की त्वचा को नरम बनाएगा, तो औलिव आयल उस के लिए माश्चराइजर का काम करेगा. पैरों का कम से कम 15 मिनट तक इस पानी में रखने के बाद बाहर निकाल कर बौडी स्क्रबर से स्क्रब करें. स्क्रब करने के बाद ठंडे पानी से पैरों को अच्छी तरह साफ कर लें. ध्यान रहे कि पैरों की उंगलियों के बीच में  कहीं सोप बचा न रहे. अब पैरों पर कोल्ड क्रीम से हलकी मालिश करें. रूई की सहायता से उंगलियों के बीच फंसी क्रीम को साफ करें. अब पैरों के नाखूनों पर नेल पौलिश का सिंगल कोट लगाएं और इसे सूखने दें. जब यह सूख जाए तो नेल पौलिश से फाइनल टच दें.

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मॉल से लेकर होटल-रेस्तरां खुले, लेकिन जारी है कुछ गाइडलाइन

8 जून से होटल, रेस्टरोरेंट और धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए खुल गएं हैं, लेकिन आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने कन्टेनमेंट जोन से बाहर के धर्मस्थलों, शॉपिंग मॉल, होटल व रेस्तरां को कुछ गाइडलाइन के तहत खोलने की अनुमति भले ही दी है लेकिन सभी ओनर नाखुश हैं क्योंकि उनका कहना है कि समय सीमा दोपहर 12 से शाम 7 बजे तक दी गई है और इस समय तो कोई भी नहीं निकलता है घर से.और शायद खुल भी जाए हमारे यहां दिनभर में मात्र 3-4 कस्टमर ही आते हैं. हालांकि अब धीरे-धीरे सबकुछ शुरु तो करना ही है इसलिए कुछ सावधानियां हैं जो बरतनी जरूरी हैं.65 साल से ज्यादा और 10 साल से कम उम्र के लोगों के लिए इन जगहों पर जाने पर मनाही है.

मंदिरों के लिए जारी गाइडलाइन

मंदिरों के गेट पर सैनेटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगा.

इन जगहों पर कम से कम 6 फीट की लोगों को दूरी रखनी पड़ेगी.

साबुन से या सैनेटाइजर्स से हांथ साफ करना है.

कहीं पर भी थूकने पर पूरी तरह प्रतिबंध है.

खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा रखना जरूरी है.

एस्केलेटर पर एक स्टेप छोड़कर ही एक आदमी खड़ा हो सकता है.

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धार्मिक स्थलों में जाने वालों को फोन में आरोग्य सेतु ऐप रखना होगा

लोग कहां- कहां खड़े होंगे उसके लिए भी चिह्न बनाएं जाएंगे.धर्मस्थलों में एक बार में पांच लोगों को ही जाने की परमिशन होगा और लाइन में दूर दूर रहना होगा.मंदिरों में मूर्तियों व पवित्र ग्रंथों आदि को छूने की परमिशन नहीं होगी, किसी प्रकार के प्रसाद वितरण और पवित्र जल के छिड़काव की परमिशन भी नहीं है.

यदि आप होटल में खा रहे हैं तो हांथों को अच्छी तरह से धो लें पहले और कोशिश करें कैश दें. शॉपिंग माल, होटल व रेस्तरां में भी जांच के बाद ही जाने को मिलेगा और जगहों पर भी ऑनलाइन ही पैसे देने होंगे ना कि कैश हर जगह फोन पे या गुगल पे या पेटीएम का इस्तेमाल करें.जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण न दिखाई दे, केवल उन्हें ही रेस्तरां में जाने की परमिशन है. बाहर पार्किंग वाली जगहों पर भीड़ नहीं लगाना है, सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना होगा. आप रेस्तरां में हों या मॉल में हों कहीं पर भी सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है.

एसी से 70 फ़ीसदी ताजा हवा आनी चाहिए. मॉल में गेमिंग ज़ोन भी बंद रहेंगे,होटल और रेस्तरां में साफ़-सफ़ाई को लेकर सतर्क रहना होगा,रिसेप्शन पर हैंड सेनेटाइजर रखना अनिवार्य है.

डिज़िटल पेमेंट को बढ़ावा देना होगा,खाने के लिए रूम सर्विस को प्राथमिकता देनी होगी.रेस्तरां में थर्मल स्क्रीनिंग यानी तापमान मापना अनिवार्य है.स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से होटल के लिए जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक,रेस्टोरेंट में लोगों के बैठने की ऐसे व्यवस्था होनी चाहिए जिससे कि सोशल डिस्टेनसिंग का पालन हो सके.क्लॉथ नैपकिन के बजाय अच्छी गुणवत्ता वाले डिस्पोजेबल पेपर नैपकिन के उपयोग के लिए बोला गया है.रोस्टरेंट में बैठकर खाने के बजाय टेकअवे पर जोर देना है.डिस्पोजेबल मेनू का उपयोग करने की सलाह दी जाती है.

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होम डिलिवरी से पहले होटल अधिकारियों द्वारा कर्मचारी की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. किचन में स्टाफ को सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करना होगा और समय -समय पर किचन को सैनिटाइज करना होगा.

मास्क के इस्तेमाल में जरा सी गलती से हो सकते हैं वायरस के शिकार

वायरसों से बेसिक बचाव के लिए मास्क पहना यानी नाक-मुंह ढका जाता है. मौजूदा घातक नोवल कोरोना वायरस के बहुत तेजी से फैलाव को देखते हुए विश्व संस्था डब्लूएचओ ने इस के इस्तेमाल पर काफी अधिक जोर दिया है. कुछ देशों ने तो इस के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है. हमारे देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मास्क पहनना लाजिमी करार दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने पहले से ही इसे जरूरी घोषित कर रखा है.

दरअसल, कोरोना से बचाव सिर्फ आज या कल ही नहीं, बल्कि आने वाले लंबे समय तक करना होगा, क्योंकि इस की दवा फ़िलहाल उपलब्ध नहीं है. इस वायरस के नाक या मुंह के रास्ते शरीर के अंदर जाने से रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल किया जाता है.

1. संक्रमित होने से बचाता है मास्क :

कनाडा में मैकमास्टर विश्वविद्यालय ने अपने शोध कहा है कि आम कपड़े से बने मास्क नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावी हैं. विशेषरूप से ऐसे मास्क जो सूती कपड़े के बने हों.

तेजी से फैलने वाले इस वायरस दे उभरी कोविड-19 की बीमारी, जिसे वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका है, के दौरान लोगों द्वारा पहने जा रहे मास्क को ले कर किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि कपड़े के मास्क इस वायरस के प्रसार को रोकने में प्रभावी हो सकते हैं. सूती कपड़ों का मास्क 99 फीसदी वायरल कणों रोकता है. इसी तरह स्वास्थ्य संबंधित प्रसिद्ध पत्रिका द लैंसेट ने 16 देशों की 172 शोध रिपोर्टों का विश्लेषण किया है.

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विश्लेषण में वायरस फैलने के जोखिमों पर गौर किया गया, जिन में सामाजिक दूरी, फेसमास्क का उपयोग और आंखों पर पट्टी बांधना शामिल रहे. इन रिपोर्टों में कोविड-19 के साथसाथ दूसरे कोरोना वायरस, जैसे सार्स और मर्स के बारे में भी जांच की गई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि नोवल कोरोना में सावधानियों यानी प्रिकौशंस का असर देख कर वे दंग रह गए, क्योंकि ज़्यादातर महामारियों में प्रिकौशंस का असर मामूली रहता है.

शोधकर्ताओं का कहना था कि लोगों के बीच कपड़े से बना मास्क अधिक प्रभावी हो सकता है. उन के अनुसार, इस प्रक्रिया से संक्रमितों के ज़रिए वायरस आगे नहीं फैलेगा और आम लोग इस घातक वायरस से बच सकेंगे. इस समय दुनियाभर में कोविड-19 के कम से कम 30 फीसदी ऐसे रोगी हैं कि जिन में इस वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए जाते हैं. यही कारण है कि मास्क का इस्तेमाल स्वस्थ लोगों को इस वायरस से संक्रमित होने से बचाने में मदद कर सकता है.

2. यों यूज करें :

कुछ लोग जब मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसी ग़लती करते हैं कि जो उन्हें अनजाने में इस घातक वायरस का शिकार बना सकती है. सो, वायरस के इस्तेमाल करने के बारे में भी जानकारी हासिल करनी चाहिए.

3. केवल मुंह ढांकना :

सावधान, यदि मास्क द्वारा केवल चेहरा ढांका गया है तो इस से बीमारी बढ़ती है, कम नहीं होती. अमेरिका के बफ़ेलो विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख थौमस रुसो के मुताबिक़, हम आमतौर से नाक के ज़रिए सांस लेते हैं और ऐसी स्थिति में हम वायरस को नाक के माध्यम से अपने शरीर में पहुंचा सकते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि आप मास्क से केवल मुंह न ढांकें, बल्कि अपनी नाक को भी ढांकें, क्योंकि बिना नाक के ढांके आप इस वायरस से बच नहीं सकते हैं.

4. शरीर और कपड़े से दूर रखें :

कोरोना वायरस कपड़े, चेहरे या शरीर के किसी भाग पर अगर मौजूद है और मास्क ढीला कर के उसे लटकाने के दौरान वह उन जगहों तक चला जाता है तो यह भी ख़तरा बढ़ा सकता है. जानकारों के मुताबिक़, ग़लत तरीक़े से मास्क पहनने से वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ता है. अगर मास्क के अंदर वाला हिस्सा किसी चीज़, जैसे बालों, ठुड्डी, गरदन, हाथों या कपड़े से लग जाता है और फिर उसे मुंह पर लगा लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में वायरस से इन्फैक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है.

मास्क को ढीला करें, तो कभी उसे गरदन पर न लटकाएं, क्योंकि इस से भी ख़तरा बढ़ता है. मास्क का मुख्य उद्देश्य वायरस को नाक और मुंह से शरीर के भीतर जाने से रोकना है. इसी तरह मास्क उतारने के बाद उस के सामने वाले हिस्से को न छुएं, बल्कि उसे उस के किनारे लगी डोरी से पकड़ कर अलग करें. मास्क पहनने से पहले और उतारने के बाद हाथ धोना ज़रूरी है.

5. ढीला रखनाः

मास्क का इस्तेमाल करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मास्क आप के साइज़ का हो, यानी वह आप को सही से फिट हो जाए. कई बार ऐसा हुआ है कि लोग मास्क तो पहन लेते हैं लेकिन फिर भी उन के नाक-मुंह में पूरी तरह हवा आतीजाती रहती है. ऐसे मास्क पहनने का कोई फायदा नहीं होता. मास्क कैसा भी हो, ज़रूरी है कि वह चेहरे और नाक पर पूरी तरह फिट हो जाए, ताकि वह किसी भी चीज़ के मुंह और नाक के ज़रिए शरीर के भीतर पहुंचने में पूरी तरह रुकावट बन जाए. अगर किसी भी तरह मास्क को ढीला रखा जाएगा तो वह वायरस को शरीर में पहुंचने में मददगार साबित नहीं होगा.

6. नाक को सही तरीक़े से न ढांकना :

वायरस की रोकथाम के लिए ज़रूरी है कि मास्क के ज़रिए केवल नथुने ही न ढके हों, बल्कि पूरी नाक सही से ढकी हो. अगर नथुनों को छिपाया जाए तो ऐसी स्थिति में एक दरार रह जाएगी और उसी दरार के ज़रिए वायरस शरीर के भीतर पहुंच सकता है. यही कारण है कि विशेषज्ञ नाक को ऊपर से ढांकने का सुझाव देते हैं.

7. अच्छी तरह न धोना :

अगर आप मास्क को दोबारा इस्तेमाल करना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि वह वायरस से सुरक्षित रहे. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कपड़े से बने मास्क को वाशिंग माशीन से धोने का सुझाव देते हैं और अगर ऐसा करना संभव न हो तो कम से कम एक बार उस को अच्छी तरह ज़रूर धो लें. अगर मास्क इस्तेमाल के लाएक़ नहीं है तो उस को सुरक्षित तरीक़े से नष्ट कर दिया जाए.

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8. अन्य सावधानियां :

*  मास्क को हाथ लगाने से पहले हाथों को एल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर या साबुन व पानी से अच्छे से धो लें.
*  अपने मुंह और नाक को मास्क से अच्छे से ढकें और सुनिश्चित करें कि कोई गैप न रहे।
* यदि आप ने अनचाहे स्थानों और लोगों से हाथ मिलाया है या आप किसी तरह उन के संपर्क में आए हैं तो कोशिश करें कि अपने मुंह पर हाथ न लगाएं. यदि आप मुंह, आंख, कान, नाक आदि पर हाथ लगाएंगे और आप के हाथ में कीटाणु मौजूद है तो वह आप की नाक द्वारा आप की सांसों में चला जाएगा और फिर आप के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. इसलिए, ध्यान रहे कि जब भी कहीं बाहर से लौटें तो फौरन किसी साबुन, हैंडवाश या सैनिटाइज़र से हाथ धोएं.

इस तरह, यह साफ़ है कि फेसमास्क पहनना या लगाना फायदेमंद है और ऐसा करना, सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक़, लाजिमी भी है लेकिन उस का सही इस्तेमाल करना अनिवार्य है. वरना, लेने के देने पड़ने वाली बात हो सकती है यानी मास्क बजाय फायदा पहुंचाने के आप को वायरस का शिकार बना सकता है. सो, जागरूक रहें और दूसरों को जागरूक करें.

Father’s day Special: बेस्ट डैड नहीं, पिता बनने की करें कोशिश 

हमेशा से महिलाओं को ही मल्टी टास्क करने वाली माना जाता रहा है, जबकि आज पुरुषों को भी ये जिम्मेदारी निभानी पड़ती है, क्योंकि बड़े शहरों में कई परिवार ऐसे है जहाँ महिलायें कैरियर की व्यस्तता की वजह से परिवार के लिए समय नहीं दे पाती है, या कम देती है, ऐसे में पिता को ही बच्चे को सम्हालना पड़ता है. धीरे-धीरे बच्चे और उनके पिता के बीच तालमेल बनता जाता है. इसमें सिंगल फादर भी कई है, जिन्हें किसी हादसे या घटना का शिकार होना पड़ा. पत्नी के गुजर जाने या डिवोर्स के बाद बच्चे को सम्हालने की जिम्मेदारी उन्होंने खुद ली और वे बच्चे को खुद पलना चाहते है.

मुश्किलें आती है, पर वे एक समय के बाद निकल भी जाती है. एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने वाले तुहिन को कुछ ऐसी ही समस्याओं से गुजरना पड़ा. जब उनकी पत्नी ने ढाई साल की बेटी तिलोत्तमा को छोड़कर अपने पुराने प्रेमी के साथ चली गयी और डिवोर्स ले ली. बच्चे को साथ न ले जाने की भी इच्छा प्रकट की, ऐसे में तुहिन ने बच्चे को सम्हालने की जिम्मेदारी ली और उसमें पूरी तरह से खड़ा उतरने की कोशिश कर रहे है.

वे कहते है कि डिवोर्स के कुछ दिन पहले से मेरी पत्नी बच्चे का ध्यान नहीं रखती थी, किसी तरह उसे डे केयर में डालकर ऑफिस चली जाती थी. मैं जब शाम को उसे घर लाने जाता तो, अधिकतर वह भूखी होती थी और मैं कुछ बनाकर खिलाता था. पूछने पर कुछ न कुछ बहाने दे दिया करती थी. कुछ संमय तक ऐसा चलने के बाद जब एक दिन मैंने इस बारें में उससे बात की, तो पता चला कि वह इस विवाह से खुश नहीं और डिवोर्स चाहती है. बेटी को ले जाना भी नहीं चाहती.

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मैंने इसे स्वीकार किया और तबसे बेटी की परवरिश कर रहा हूँ. कुछ लोगों ने मुझे दुबारा शादी करने की सलाह दी, पर मैं मानसिक रूप से तैयार नहीं. अब मेरी बेटी 5 साल की हो चुकी है और समझदार भी है. किसी बात पर जिद करने पर उसे समझाना अब आसान हो गया है. अब वह काफी हद तक समझदार हो चुकी है. पहले कई बार जब छोटी थी, तो मुझे समस्या आती थी, पर उस समय मेरी माँ और पिता ने बहुत सहयोग दिया. कई बार बेटी बीमार भी पड़ी.

मैंने रात-रात भर जागकर उसकी देखभाल की, पर मैं खुशनसीब हूँ कि मेरी किसी भी परेशानी में मेरी माँ हमेशा साथ रही. मेरे माता-पिता का साथ न होने पर कैरियर के साथ बच्ची को सम्हालना शायद मुश्किल होता. सिंगल पैरेंट बनना कोई नहीं चाहता. हालात उसे बनाती है. वैसे तो माता-पिता दोनों का प्यार बच्चे के लिए चाहिए, पर परिस्थिति से निपटना कई बार पड़ता है. आज मेरी बेटी मेरे लिए सबसे बड़ी प्रायोरिटी है. उसकी सही तरीके से परवरिश करना ही मेरा लक्ष्य है.

ये सही है कि सिंगल फादर बनना आसान नहीं होता, क्योंकि बच्चे की परवरिश में उसकी मानसिक और शारीरिक दोनों अवस्थाओं का ध्यान लगातार रखना पड़ता है. माँ बच्चे के काफी नजदीक होती है, जबकि पिता नहीं. बच्चे के साथ पिता का संवाद भी अमूमन कम होता है, लेकिन आज सिंगल फादर की अवधारणा बढ़ी है और कई पिता इस निर्णय से खुश भी है, ऐसे में सही परवरिश के लिए बच्चे के साथ अच्छी संवाद होने की जरुरत होती है, ताकि एडजस्टमेंट बच्चे और पिता के बीच अच्छा हो.

इस बारें में मनोवैज्ञानिक सुनेत्रा बैनर्जी कहती है कि सिंगल फादर बनना एक चुनौती होती है, इसमें भी बेटे और बेटी की परवरिश के पैमाने अलग होते है. बचपन से ही बच्चे में क्या सही क्या गलत है इसे बताते रहना चाहिए जिसके लिए जरुरी होता है, अच्छी कम्युनीकेशन का होना, जिसके द्वारा आप बच्चे की हर उम्र में उसके शारीरिक और मानसिक बदलाव को अच्छी तरह से समझ सकते है. आप एक अच्छे पिता बनने की कोशिश करें, बेस्ट डैड बनने की नहीं. कुछ टिप्स निम्न है,

  • बच्चे को बड़ा करने में अनुशासन, वर्क और पर्सनल लाइफ के बीच सामंजस्य को मेंटेन करने की जरुरत,
  • खुद की देखभाल के साथ-साथ बच्चे की मानसिक, भावनात्मक, संज्ञानात्मक और शारीरिक विकास को समझते रहना, क्योंकि एकल पिता दो भूमिकाएं निभाते है, 
  • वैसे आजकल मात-पिता की भूमिका में काफी अंतर नहीं रहा, सिंगल फादर बनना, खुद एक बच्चे की पूरी जिम्मेदारी लेना ही बड़ी बात होती है, जो धीरे-धीरे आसान होती जाती है, 
  • डिवोर्सी पिता के अंदर अधिकतर अपराधबोध होता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि बच्चा उनकी वजह से ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा है, ऐसे में कई बार पिता बच्चे की अनचाहे जिद को पूरा कर माँ की कमी को पूरा करना चाहते है, जो बच्चे के साथ गलत होता है, ऐसा कभी न करें, आप खुद को बच्चे का पालनहार समझे.

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  • हमेशा उसे सही गलत के फर्क को समझाने की कोशिश करें, ये काम बच्चे के साथ बैठकर या कही बाहर जाकर खुले परिवेश में करें, उसपर ट्रस्ट रखें.
  • एक धैर्यवान लिसनर बने, बच्चे की बात को सुनकर फिर अपनी बात कहें, पिता के पास अक्सर हर बात का समाधान होता है और बच्चे ये जानते है, लेकिन कहाँ तक आप इसे पूरा करेंगे, इसका मापदंड भी उन्हें समझाए. 
  • अगर बेटी हो तो उनका ध्यान सिंगल फादर को अधिक रखना पड़ता है, मनोवैज्ञानिक शब्दों में इलेक्ट्राकाम्प्लेक्स यानि बेटी का पिता के प्रति और बेटे का माँ के प्रति आकर्षण का होना माना जाता है, बेटी के जीवन में उसका पिता पहला पुरुष होता है, जो पुरूष की मानक को सेट करता है, जिसके द्वारा उसके जीवन में पुरुष की एक छवि बनती है, जिसे वह सम्मान देती है और खुद को उसके साथ रहकर सुरक्षित महसूस करती है, जो बाद में पति या बॉयफ्रेंड का रूप लेता है, पिता को उसके जीवन का आदर्श होना जरुरी होता है.
  • प्युबर्टी स्टेज में ये काम और अधिक मुश्किल बेटी के क्षेत्र में होता है, क्योंकि तब बेटी में शारीरिक और मानसिक दोनों बदलाव होने शुरू होता है, सिंगल फादर को एक दोस्त के जैसे इन सभी समस्याओं से निपटना पड़ता है, इमोशनल सपोर्ट बच्चे और पिता का एक दूसरे से होना जरुरी, इसके लिए बच्चे के साथ क्वालिटी समय बिताएं.
  • बेस्ट डैड बनने की नहीं, पिता बनने की कोशिश करें, ओवर प्रोटेक्टिव न बने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करें, लड़के अधिक एग्रेसिव होते है, उन्हें थोड़ी अधिक अनुशासित करने की जरुरत होती है. जबकि लडकियां सेंसेटिव होती है, उन्हें धैर्य के साथ समझाना पड़ता है.
  • कई बार ऐसा देखा गया है कि सिंगल फादर बच्चे की देखभाल करते-करते पर्सनल लाइफ का त्याग करते रहते है, वे कही आना जाना या दोस्तों के साथ समय नहीं बिताते, ऐसे में उनमें फ्रस्ट्रेशन आ जाता है, ऐसा कभी न करें, अपने लिए समय अवश्य निकाले, बच्चा, काम और पर्सनल लाइफ में बैलेंस अवश्य करें.

सगाई की खबरों के बीच मंगलसूत्र और चूड़ा पहने नजर आईं हिमांशी खुराना, Photos Viral

बिग बॉस 13 (Bigg Boss 13) में सुर्खियां बटोर चुकी पंजाबी सिंगर हिमांशी खुराना (Himanshi Khurana) और असीम रिजाय (Asim Riaz) की जोड़ी अक्सर सुर्खियों में रहती है. बीते दिनों दोनों की सगाई की अफवाहों ने फैंस को हैरान कर दिया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक फोटो में हिमांशी खुराना डायमंड रिंग फ्लॉन्ट करती नजर आई थीं. वहीं अब हिमांशी खुराना की एक फोटो ने उनकी शादी की खबरों को दोबारा वायरल कर दी है.

फोटो में कुछ ऐसे आईं हिमांशी खुराना नजर

हाल ही में हिमांशी खुराना ने एक फोटो फैंस के साथ शेयर की है, जिसमें वह जींस और शर्ट में पोज देते हुए हिमांशी खुराना एक बार फिर से अपनी डायमंड रिंग फ्लॉन्ट कर रही हैं. वहीं फोटो की सबसे खास बात ये है कि हिमांशी खुराना ने हाथ में लाल चूड़ा और गले में मंगलसूत्र भी पहना हुआ है और वह एक नई नवेली दुल्हन की तरह शरमाती नजर आ रही हैं.

 

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फैंस ने पूछे कई सवाल

 

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Who all are you excited For #khyaalrakhyakar releasing on 10th June @asimriaz77.official @preetindermusic @desimusicfactory

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हिमांशी खुराना की फोटो वायरल होने के बाद फैंस ने उनसे सवालों की बरसात शुरी कर दी है. फैंस सोशल मीडिया पर हिमांशी खुराना से बार बार यही सवाल कर रहे हैं कि क्या उन्होंने कोरोना वायरस लॉकडाउन में असीम रिजाय के साथ सात फेरे ले लिए हैं. हिमांशी खुराना की तस्वीर पर एक फैन ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘एक बात बोलूं…! मुझे लग रहा है कि आपने असीम रियाज के साथ शादी कर ली है.’ तो वहीं  दूसरे यूजर ने लिखा कि, ‘लगता है कि असीम रियाज ने चोरी छिपे हिमांशी खुराना के साथ सात फेरे ले लिए है. हिमांशी के गले में तो मंगतसूत्र नजर आ रहा है.’ इतना ही नहीं कुछ फैंस तो असीम रियाज और हिमांशी खुराना को शादी की मुबारकबाद देने में भी जुट गए हैं.

 

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Something coming really soon on @desimusicfactory 💃 @asimriaz77.official #himanshikhurana

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बता दें,  हिमांशी खुराना और असीम रिजाय की लव स्टोरी की शुरुआत ‘बिग बॉस 13’ के घर में हुई थी. वहीं शो के खत्म होते होते ‘बिग बॉस 13’ की ये जोड़ी फैंस की बीच पौपुलर हो गई. इसी बीच कई बार दोनों के ब्रेकअप की अफवाहें भी उड़ी, लेकिन दोनों ने अपनी साथ में फोटो शेयर करके फैंस को चौंका दिया.

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बालों के रूखेपन से मिलेगा छुटकारा, अपनाये ये 4 हेयर पैक

इसमें तो कोई शक नहीं है कि सुन्दर, काले व चमकदार बाल किसी की भी सुंदरता में चार चाँद लगा देते हैं. महिला हो या पुरुष हर व्यक्ति को अपने बालों से बहुत लगाव होता है. पुराने समय में बालों के रखरखाव व निखार के लिए महिलाएं अनेक तरीके इस्तेमाल करती थीं, जिनसे बाल वास्तव में ही काले, घने, मजबूत और चमकदार बनते थे.

लेकिन आजकल की बिजी लाइफस्टाइल और प्रदूषण के कारण लोगों के बाल काफी बेजान और रूखे होने लगे हैं. पोषण और नमी की कमी रूखे, बेजान और उलझे बालों की वजह बनती है. कई लोग बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बहुत से महंगे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. जो बालों को कुछ वक़्त के लिए तो चमकदार बना देते हैं, लेकिन उनमें मौजूद केमिकल्स से बाल समय से पहले या तो सफेद होने लग जाते हैं या फिर झड़ने लगते हैं.

हालांकि, आप इन्हें नर्म और मुलायम बनाने के लिए कई चीजें कर सकते हैं, जैसे – सही आहार लेना और खूब सारा पानी पीना. इसके अलावा, समय-समय पर बालों में तेल और हेयर मास्क लगाना भी जरूरी है.तो चलिए दोस्तों जानते है ऐसे घरेलू तरीके जिनकी मदद से आप घर बैठे बिना पैसे खर्च किए रूखे बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकती हैं और अपने बालों में नयी जान डाल सकती हैं.

1- शहद और दही-

दोस्तों दही रूखे बालों के लिए बहुत असरदार होता है. दही बालों को गहराई से कंडीशन करता और शहद बालों में मॉइस्चर बनाए रखता है . यह बालों को कोमल, मुलायम और चमकदार भी बनाता है.

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हमें चाहिए-

दही-2 से 3 चम्मच
शहद-1 चम्मच

बनाने और लगाने का तरीका-

• एक कटोरी में शहद और दही को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें.
• अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प और बालों में लगाकर 30 मिनट के लिए लगा रहने दें. उसके बाद ठंडे पानी से धो लें.
• बालों को स्वस्थ और मॉइस्चर बनाए रखने के लिए आप हफ्ते में एक बार यह हेयर मास्क जरूर लगाएं.

2- एलोवेरा जूस व दही

बालों के लिए एलोवेरा भी बहुत फायदेमंद है. ये बालों को पूरी नमी देने के साथ ही पोषित करने का काम भी करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन बालों को पोषण देने का काम करते हैं. साथ ही ये रूसी को भी कम करने में कारगर है.
जब इसको दही के साथ मिलाया जाता है, तो यह आपके क्यूटिकल के ऊपर एक सुरक्षा परत की तरह काम करता है. यह मॉइस्चर को खोने से बचाता है और आपके बालों को नर्म, मुलायम व चमकदार बनाता है.

हमें चाहिए-

एलोवेरा जूस-2 चम्मच
दही-2 चम्मच

बनाने और लगाने तरीका-

• सबसे पहले एलोवेरा और दही को बराबर मात्रा में ले.इसके बाद इसे अच्छे से मिला लें.
• इस मिश्रण को अपने स्कैल्‍प पर लगाएं. 30 या 40 मिनट बाद इसे सामान्य व ठंडे पानी से धो दें.
• यह प्रकिया हफ्ते में दो बार करने से रुखे बालों की समस्या से निजात मिलेगा.

3-नींबू और शहद

यह मास्क हेयर शाफ्ट से धूल-मिट्टी व गंदगी को निकालता है और बालों के क्यूटिकल्स में सुधार लाता है..इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद विटामिन-सी बालों को बढ़ने में मदद करता है और इसमें मौजूद ब्लीचिंग के गुण आपके बालों को प्राकृतिक रूप से कोमल बनाते हैं और बालों का रूखापन दूर करते है.

हमें चाहिए –

नींबू का रस -2 चम्मच
शहद-2 चम्मच
पानी- एक कप

बनाने और लगाने का तरीका

• सभी सामग्रियों को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें और धोए हुए बालों पर लगाएं.
• अब बालों की कुछ वक्त तक मालिश करें और 10 मिनट तक इस मिश्रण को बालों में लगा रहने दें.
• फिर बालों को शैंपू और गुनगुने पानी से धो लें.
• आप इस हेयर मास्क को दो हफ्ते में एक बार लगाएं, लेकिन ध्यान रहे कि आप सप्ताह के बाकी दिनों में अन्य कंडीशनिंग हेयर मास्क का उपयोग करें.

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4-केले का पेस्ट और नारियल का तेल-

केला बालों को कंडीशन करने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है. नारियल तेल आपके बालों की गहराई में जाता है. इसमें फैटी एसिड मौजूद होता है, जो आपके बालों को गहराई से पोषण देता है और आपके बालों को स्वस्थ व मजबूत बनाता है. खासकर तब, जब यह केले के साथ मिल जाए.केले के साथ मिलकर यह बालों को मॉइस्चर करने का काम करता है .

हमें चाहिए-

एक केला पका हुआ
नारियल का तेल-2 चम्मच

बनाने और लगाने का तरीका-

• केले का पेस्ट बनाकर उसमें नारियल तेल मिला लें.
• इस मिश्रण से बालों में अच्छी तरह से मालिश कर के 20-25 मिनट बाद सिर वॉश कर लें.
• बाल बिल्कुल सिल्की सॉफ्ट बन जाएंगे. आप इस मिश्रण या मास्क को हफ्ते में एक बार लगाएं.

Hyundai #AllRoundAura: ऑल राउंड Aura है सुरक्षित

हुंडई AURA का 65 प्रतिशत हिस्सा हाई स्ट्रेन्थ स्टील और एडवांस हाई स्ट्रेन्थ स्टील से बना हैजो इसे अद्भुत शक्ति और मजबूती देने के साथ एक कम वज़न वाली हल्की कार भी बनाता है. इसमें स्टैंडर्ड ABS के साथ EBD, ड्राइवर और यात्रियों दोनों के लिए मिलने वाले एयरबैग को मिला दें तो हुंडई Aura एक शानदार सुरक्षा पैकेज वाली गाड़ी बन जाती है. जब आप आपातकालीन स्थिति में ब्रेक लगाते हैंतो Aura भी पीछे की कारों को आगाह करने के लिए पीछे की लाइट को चमकाती है. Aura की यह सभी  सुरक्षा विशेषताएं आपके परिवार को हुंडई Aura के अंदर सुरक्षित रखेंगी. #AllRoundAura

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श्वेता तिवारी पर वीडियो पोस्ट करके फंसे पति अभिनव कोहली, फैंस ने ऐसे सुनाई खरी-खोटी

कसौटी जिंदगी के फेम एक्ट्रेस श्वेता तिवारी अक्सर सुर्खियां बटोरती रहती हैं. कभी बेटी पलक तो कभी एक्स हस्बैंड अभिनव कोहली एक्ट्रेस के सुर्खियों में होने की वजह बन जाते हैं. हाल ही में अभिनव कोहली ने सोशलमीडिया पर एक वीडियो शेयर की है, जिससे पता लग रहा है कि वह अपनी एक्स वाइफ श्वेता तिवारी पर नजर रख रहे हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

सोशलमीडिया पर शेयर किया वीडियो

हाल ही में अभिनव कोहली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें श्वेता तिवारी अपने को-स्टार फहमान खान के साथ मस्ती करती दिख रही हैं. फहमान खान के द्वारा बनाया गए इस वीडियो में वो और श्वेता तिवारी दोनों मुंह ढके नजर आ रहे हैं और फैंस से पूछ रहे हैं कि वो बताएं कि मास्क के पीछे कौन है?

 

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Fahwaan Khan @shweta.tiwari

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श्वेता तिवारी के फैंस ने किया ट्रोल

अभिनव कोहली के इस वीडियो पोस्ट पर श्वेता तिवारी के फैंस ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है. वो कमेंट में अभिनव को ऐसी हरकतें न करने की सलाह दे रहे हैं. वहीं वीडियो की बात करें तो अभिनव कोहली का इस तरह श्वेता की वीडियो शेयर करने का मतलब है कि वह लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि वह तलाक के बाद कितनी खुश है, जिस पर श्वेता तिवारी के फैंस का गुस्सा होना लाजिमी है.

शादी को लेकर कह चुकी हैं श्वेता ये बात

 

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Back from a loooonnnnggg trip with the sleeping #nanhayatri

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श्वेता तिवारी ने अपनी इस बर्बाद शादी पर बात करते हुए कहा था कि, ‘अगर कोई मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो मैं उसे अपनी जिंदगी से दूर कर दूंगी. मैं ऐसे लोंगो से बात करना भी पसंद नहीं करूंगी. मैं अपने परिवार को खुश रखने की हर संभव कोशिश करती रहूंगी.’

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बता दें, बीते साल श्वेता तिवारी ने अपने पति अभिनव कोहली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया था कि अभिनव उनके और उनकी बेटी पलक के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, जिसकी जांच समता नगर पुलिस स्टेशन के अधिकारी कर रहे हैं. वहीं एफआईआर के बाद से ही अभिवन कोहली और श्वेता तिवारी एक-दूसरे से अलग-अलग रहते हैं.

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