डिप्रेशन से बचना है तो करिए जौगिंग

खराब लाइफस्टाइल और खराब खानपान का नतीजा है लोगों में बढ़ते डिप्रेशन का कारण. डिप्रेशन से बचने के लिए लोग तरह तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं. पर इस खबर में हम आपको डिप्रेशन से बचने के लिए एक बेहद आसान तरीका बताने वाले हैं. अगर आप रोज 15 मिनट रोज जौगिंक करती हैं या कोई व्यायाम करती हैं तो डिप्रेशन का खतरा काफी कम हो सकता है.

हाल ही में हुई एक स्टडी की माने तो अगर हम हर रोज सिर्फ 15 मिनट जौगिंक करते हैं तो डिप्रेशन की खतरा काफी कम हो सकता है. अगर आप जौगिंग नहीं करना चाहती तो इसकी जगह पर आप कोई भी शारीरिक व्यायाम कर सकती हैं.

बहुत से एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो लोग डिप्रेशन के शिकार हैं अगर वो रोज सुबह जैगिंग करते हैं तो उनके लिए ये बेहद कारगर होगा. ऐसा करने से हार्ड 50 प्रतिशत और तेजी से पंप करने लगता है. आपको बता दें कि इस स्टडी में 6 लाख से अधिक लोग शामिल थे. इन लोगों में से कुछ को एक्सेलेरोमीटर पहनाए गए थे, वहीं कुछ ने अपने फिजिकल वर्क की सेल्फ रिपोर्टिंग  की थी. इस एक्सपेरिमेंट से ये समझ में आया कि जिन लोगों ने एक्सेलेरोमीटर पहने थे और एक्सरसाइज भी की थी, उनमे डिप्रेशन का खतरा कम था उन लोगों के तुलना में जिन्होंने एक्सेलेरोमीटर नहीं पहने थे. स्टडी से ये भी साफ हो गया है कि आपके डीनए (DNA)का डिप्रेशन से कोई लेना देना नहीं है.

डिप्रेशन जेनेटिक परेशानी नहीं है, इसका ये मतलब हुआ कि अगर आपके माता, पिता को ये समस्या है तो जरूरी नहीं कि ये आपको भी हो. ऐसे में आप 20 30 मिनट जौगिंग कर के इस समस्या से निजात पा सकती हैं.

अगर सफर के दौरान दिखना चाहती हैं तरोताजा

जब आप लम्बी यात्रा करती हैं  बेशक आप बोर होती होंगी. और पूरे रास्‍ते सोने की कोशिश करती होंगी. पर क्या आप जानती हैं कि सोने से भी आपकी चेहरे की ताजगी चली जाती है. यात्रा के दौरान भी आपको फ्रेश दिखना जरूरी होता है. तो आइए बताते हैं आप कैसे यात्रा के दौरान तरोताजा और ऊर्जावान दिख सकती हैं.

– यात्रा के दौरान आपकी स्किन सही रहे, इसके लिए अपने खाने का पूरा ध्‍यान रखें. समय पर खाएं और  ड्राई फ्रूट्स खाते रहें.

– अपनी यात्रा के दौरान अपने बैग में मौइश्‍चराइजिंग लोशन जरूर रखें. स्किन के ड्राई होने पर ये आपकी    काफी मदद करेगा.

– जहां भी जाएं पानी खूब पीएं, इससे आपका शरीर स्वस्थ रहे और चेहरा तरोताजा और खिला नजर आए. शरीर को हाइड्रेट रखने से आपको यात्रा के दौरान होने वाली थकान और सिरदर्द का सामना नहीं करना पड़ेगा.

– कहीं भी जाने से पहले वहां के मौसम की पूरी जानकारी हासिल कर लें, ताकि आप उसके अनुसार क्रीम   का सेलेक्‍शन कर सकें.

– यात्रा के दौरान होठों की देखभाल भी जरूरी है, क्योंकि यह फट सकते हैं, इसलिए होंठ में कोमलता व     नमी बनाए रखने के लिए लिप बाम या लिप ग्लास जरूर लगाएं.

– यात्रा के दौरान पसीना पोंछने या चेहरा साफ करने के लिए क्लीजिंग वाइप्स जरूर अपने साथ रखें. रात   में क्लीजिंग मिल्क से चेहरा साफ करना नहीं भूलें.

– घूमने-फिरने के दौरान स्वस्थ आहार लें. फलों और सब्जियों का सेवन करें. जंक फूड के सेवन से आपकी   सेहत खराब हो सकती है और चेहरा भी नीरस और रूखा नजर आ सकता है.

चटपटे दही वड़ा रेसिपी

सामग्री :

– दही (1/2 लीटर)

– धोई उड़द की दाल (250 ग्राम)

– शक्कर (02 बड़े चम्मच)

– किशमिश (01 बड़ा चम्मच)

– भुना जीरा (डेढ़ छोटा चम्मच)

– हरी मिर्च (03 नग)

– ज़ीरा (01 छोटा चम्मच)

– हींग (1/4 छोटा चम्मच)

– चाट मसाला पाउडर (02 छोटे चम्मच)

– तेल (तलने के लिए)

– नमक (स्वादानुसार)

दही वड़ा बनाने की विधि :

– सबसे पहले उड़द की दाल आठ घंटे के लिए भि‍गा दें.

– उसके बाद दाल ग्राइंडर में दाल, हरी मिर्च, ज़ीरा, हींग डाल कर पीस लें.

– पिसी हुई दाल में किशमिश मिलाकर उसके छोटे-छोटे बरे बना लें.

– उसके बाद एक पैन में तेल गर्म करें और बरों को अच्छी तरह से तल लें.

– तले हुए बरों को दो से तीन मिनट के लिए पानी में डाल दें.

– उसके बाद उन्हें निकाल कर एक बर्तन में रख लें.

– दही को अच्छी तरह से फेंट कर उसमें शक्कर और भुना जीरा मिला लें.

– आवश्यकतानुसार दही में पानी मिलाकर गाढ़ा घोल बना लें.

– उसके बाद दही में बड़े डाल कर फ्रीज़ में रख दें.

– अब आपकी दही वड़ा बनाने की विधि कम्‍प्‍लीट हुई.

इन चीजों को डाइट में शामिल कर दूर करें जोड़ों का दर्द

बढ़ते उम्र के साथ लोगों को घुटने में दर्द की शिकायत होने लगती है. इसे आर्थराटिस भी कहते हैं. ये कई तरह के होते हैं. पर प्रमुखता से इसे दो हिस्सों में बांटा गया है. औस्टियोआर्थराइटिस और ह्यूमनौयड आर्थराइटिस. आम तौर पर लोग इसका सही से देखभाल नहीं करते हैं, पर सही देखरेख में इसका इलाज संभव है. दवाइयों के अलावा आर्थराइटिस के मरीजों को अच्छे खानपान की भी जरूरत होती है. इस खबर में हम आपको कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे जिनको अपनी डाइट में शामिल कर
आप इस बीमारी से नीजात पा सकती हैं.

लहसुन

इस बीमारी में लहसुन काफी असरदार होता है. इसके सेवन से जोड़ के दर्द में खासा आराम मिलता है.

हल्दी

हल्दी में करक्यूमिन पाई जाती है जो आर्थराइटिस में काफी मददगार होती है. इससे जोड़ों का दर्द कम होता है. आर्थराइटिस के मरीज अपनी डाइट में हल्दी जरूर शामिल करें. इसके अलावा कास्टर औयल में मिलाकर हल्दी को अपने जोड़ों पर भी लगा सकते हैं.

फैटी फिश

सेलमन, कोड, टूना जैसी मछलियां फैटी फिश हैं. इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और निटामिन डी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. मांसपेशियों के सूजन को दूर करने में ये काफी लाभकारी होता है. इसके अलावा सोयाबीन, अखरोट का सेवन करना भी काफी असरदार होता है.

फल और सब्जियां

इस बीमारी में फल और सब्जियों का सेवन बेहद जरूरी है. आर्थराइटिस के मरीजों को फल और सब्जियों का सेवन करते रहना चाहिए. फल और सब्जियों में डाइजेस्टिव एंजाइम्स, एंटी-इंफ्लामेट्री कंपाउंड शामिल होते हैं, जो आर्थराइटिस की समस्या को दूर करते हैं. इसके अलावा फलों में पपीता, पाइनएप्पल भी काफी असरदार होते हैं.

आयकर से रिफंड पाना है तो आज ही कराएं ये काम

अगले महीने से आयकर विभाग विभाग इलेक्ट्रौनिक मोड से करदाताओं के खाते में रिफंड ट्रांसफर करेगा. इसके लिए जरूरी शर्त है कि करदाताओं को अपने बैंक खाते से पैन कार्ड को लिंक करना होगा.

आयकर विभाग का कहना है कि जैसे ही रिफंड जारी किया जाएगा रकम को सीधे करदाताओं के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. आयकर विभाग मार्च 2019 के ई-रिफंड जारी करेगा. विभाग की ओर से बुधवार को जारी की गई पब्लिक एडवाइजरी में कहा गया कि अपना रिफंड सीधे, आसान और सुरक्षित तरीके से प्राप्त करने के लिए अपने पैन नंबर को बैंक खाते से लिंक करा लें. एडवाइजरी में कहा गया है कि बैंक अकाउंट सेविंग (बचत), करेंट (चालू), नकद या ओवरड्राफ्ट खाता हो सकता है.

वर्तमान स्थिति की बात करें तो आयकर विभाग करदाताओं का रिफंड बैंक खाते में या चेक के माध्यम से देता है. विभाग ने वेबसाइट पर जानकारी दी कि करदाता विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/ पर लौग इन करके यह पता कर सकते हैं कि उनका बैंक खाता पैन से जुड़ा है या नहीं. जनकारी में ये भी कहा गया है कि जिन लोगों का पैन खात से नहीं लिंक है वो नजदीकी शाखा में जा कर अपने बैंक खाते को पैन कार्ड से लिंक कर लें और इसे आयकर विभाग की ई-फाइलिंग की वेबसाइट पर जा कर वैलिडेट कर लें.

मुझे इंडस्ट्री एक गैम्बल लगती है : कार्तिक आर्यन

फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाले अभिनेता कार्तिक आर्यन मध्यप्रदेश के ग्वालियर के हैं. बचपन से ही वे शरारती थे और पढाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था, जिससे उन्हें कई बार अपने माता-पिता से डांट भी पड़ती थी, लेकिन अभिनय करना उन्हें पसंद था और वे स्कूल कौलेज में अधिकतर नाटकों में भाग लिया करते थे. स्कूल की पढाई के बाद वे दिल्ली और फिर मुंबई पढाई के लिए आए और यहां पर पढ़ाई के साथ – साथ फिल्मों में काम के लिए औडिशन भी देने लगे. ऐसे ही उन्हें पहली फिल्म मिली और वे पढाई छोड़कर अभिनय के क्षेत्र में आ गए. पहली फिल्म की सफलता के बाद उनकी पहचान बनी और उन्होंने कई फिल्मों में काम किया. विनम्र और हंसमुख स्वभाव के कार्तिक से फिल्म ‘लुकाछिपी’ के प्रमोशन पर बात करना रोचक था, पेश है कुछ अंश.

ये फिल्म लिव इन रिलेशनशिप पर आधारित है, आप इस पर कितना विश्वास करते हैं?

मैंने कभी इस बारें में सोचा नहीं है कि ये सही है या गलत. मेरे हिसाब से जब दो लोग साथ रहने का निश्चय लेते हैं तो उसमें कुछ गलत नहीं होता. हां ये सही है कि जिस समाज में हम रहते हैं वहां इसे सही नहीं कहा जाता. असल में ये सब आपकी सोच पर निर्भर करता है. मेरे साथ शादी करने वाली लड़की अगर शादी से पहले मेरे साथ रहकर देखना चाहे कि वह मेरे साथ शादी कर रह सकती है या नहीं, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी.

अभी आपको अच्छी फिल्में मिल रही हैं, सभी निर्देशक आपको नोटिस कर रहे हैं, आपका इस बारें में क्या कहना है?

मैं बहुत खुश हूं कि केवल इंडस्ट्री ही नहीं, बल्कि दर्शक भी मेरे काम की सराहना कर रहे हैं. सालों बाद फिल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ की सफलता के बाद वह रात आई है, जिसकी मेरी इच्छा थी. 7 साल के संघर्ष के बाद मुझे स्टारडम मिला है. भविष्य में भी ऐसा रहे, लोग मुझे नयी-नयी भूमिका में देखें, ऐसा कोशिश करता रहूंगा.

एक्टिंग एक इत्तफाक था या बचपन से ही आप इस क्षेत्र में आना चाहते थे?

बचपन से मुझे अभिनय का शौक था. मैं तब फिल्में बहुत देखता था और मेरा रुझान ग्लैमर की तरफ अधिक था. उस समय मैं ग्वालियर में एक साधारण परिवार से था, एक्टिंग क्या होती है, कुछ भी पता नहीं था, लेकिन ये करना है इसकी सोच मेरे अंदर कक्षा नौ से आ चुकी थी.

स्टारडम मिलने के बाद आपने कुछ मानक तैयार किये हैं, ताकि आप ग्राउंडेड रहें ?

ऐसा कुछ तय नहीं किया है. मैं एक साधारण परिवार से हूं, जहां बचपन की तरह आज भी कुछ गलत करने पर माता-पिता डांटते हैं. मुझे इंडस्ट्री एक गैम्बल लगती है. जहां हर दिन एक नया संघर्ष रहता है.

आउटसाइडर होने की वजह से मुश्किलें क्या रहीं?

अपनी पहचान बनाना बहुत मुश्किल था. मुझे इंडस्ट्री और विज्ञापनों के बारें में कुछ भी पता नहीं था. एक लम्बा सफर था. मैं बेलापुर से रोज अंधेरी जाता था और फिर रिजेक्ट होकर वापस आता था. ढाई से तीन साल तक मैं औडिशन की लाइन में लगता था और बाहर से अनफिट सुनकर ही रिजेक्ट हो जाता था. ये सही है कि परिवार का कोई भी इंडस्ट्री से न होने पर पहला चांस मिलना ही मुश्किल हो जाता है. काफी औडिशन के बाद पहला काम मिलने पर भी संघर्ष था, क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री एक व्यवसाय है और यहां उन्हें ही काम मिलता है, जिनकी फैन फोलोइंग अधिक हो, जिसे लोग देखना चाहे. इससे लोग आप पर पैसा लगाना चाहते हैं. मेरे साथ पहली फिल्म के बाद भी वैसा नहीं था. मुझे कम लोग जानते थे. फिल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ के बाद मुझे काम मिलना शुरू हुआ.

आपके यहां तक पहुंचने में माता-पिता का सहयोग कैसा रहा?

पहले वे सहयोग नहीं करते थे, लेकिन आज खुश हैं. जब मैं ग्वालियर से मुंबई आया तो माता-पिता को बताकर नहीं आया था, क्योंकि मुझे डर था कि मेरे बताने पर वे मुझे ये काम करने नहीं देंगे. वे चाहते थे कि में पढ़ाई करूं. मैंने मुंबई और आस-पास के सभी कौलेजों के लिए परीक्षा दी, ताकि मैं मुंबई पहुंच जाऊं. नवी मुंबई के एक कौलेज में मुझे इंजीनियरिंग पढ़ने का चांस मिला और मैं यहां आकर 10 से 12 छात्रों के बीच में रहा. पैसे नहीं थे और मैंने अपने रूम मेट को भी नहीं बताया था, कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं, क्योंकि वे भी एक्टर ही बनना चाहते थे. जब मैं फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ के औडिशन पर पहुंचा और 6 महीने बाद मुझे पता लगा कि मुझे फिल्म मिली है, तब मैंने रोते हुए मां को बताया था कि मैं अभिनय के लिए ही यहां आया हूं और इंजीनियरिंग की पढाई नहीं करना चाहता. मां को अभी भी मेरे काम की चिंता है, पर पिता बहुत खुश हैं.

आप किस तरह की लड़की को अपना जीवन साथी बनाना पसंद करेंगे?

जो लड़की अपने काम को लेकर ‘पैशनेट’ हो, साथ ही एक दूसरे पर विश्वास और इमानदार रहने की भी जरुरत है.

आपका ड्रीम प्रोजेक्ट क्या है?

मुझे डार्क चरित्र बहुत अच्छे लगते हैं. निर्देशक श्रीराम राघवन के साथ काम करने की इच्छा है. मैं बहुत सकारात्मक हूं, पर ऐसे चरित्र बहुत पसंद है.

पौर्न फिल्मों का भारत में बढ़ता बाजार

अभी कुछ दिनों पहले मुंबई में 18 से 24 साल की लड़कियों को पुलिस रेसक्यू में छुड़ाया गया था. दरअसल, ये लड़कियां पौर्न फिल्मों में काम किया करती थीं. इन लड़कियों में से कुछ ऐसी भी लड़कियां थीं जिनसे जबरन यह काम करवाया जाता था. इस पूरे मामले में कुछ लड़कियां पौर्न फिल्म में तो कुछ देह व्यापार में शामिल थी.

छुप-छुपा कर बंद कमरे में देखा जाने वाला पौर्न का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. इस व्यापार में खास कर ऐसी लड़कियों का शिकार किया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हों. इनकी आर्थिक स्थिति इनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन जाती है. जिस वजह से इन लड़कियों को अपने जिस्म का व्यापार तक करना पड़ता है.

वुमेन ट्रेफिकिंग

ह्यूमन ट्रेफिकिंग यानी मानव तस्करी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. ह्यूमन ट्रेफिकिंग एक गैर कानूनी अपराध है. लेकिन फिर भी इस अपराध की बढ़ोतरी होती ही जा रही हैं. ह्यूमन ट्रेफिकिंग के अंतर्गत महिलाओं को जबरन शादी और देह व्यापार जैसे धंधे में धकेल दिया जाता है. एक तरफ महिलाओं को सफलता के शिखर पर पहुंचाने की बात की जाती है और वहीं दूसरी तरफ इन्हें ऐसे घिनोने दलदल में धकेल दिया जाता हैं. अब इनकी संख्या बढ़ती जा रही है.

27 वर्ष की सोनाक्षी भी ट्रेफिकिंग का शिकार हो चुकी हैं. सोनाक्षी की उम्र 19 थी जब उसकी शादी हुई थी. शादी के 6 महीने बाद ही उसके पति ने उसकी नौकरी लगने के बहाने किसी ओर को बेच दिया था. सोनाक्षी को उस वक्त पता नहीं था की इस नौकरी में उसको उसका जिस्म बेचना होगा. करीब एक साल तक वह इस दलदल में फंसी रही और आखिरकार भागने में कामयाब हुई. लेकिन इस एक साल में सोनाक्षी की जिंदगी पूरी बदल गई थी. आर्थिक परेशानियों की वजह से सोनाक्षी को फिर से यह धंधा शुरू करना पड़ गया.

सोनाक्षी जैसी हजारों लड़कियां इस धंधे का शिकार होती थी, होती है और होती रहेंगी क्योंकि हमारे समाज में ऐसे व्यापार के ग्राहक आधिक हैं.

पौर्न का फलता-फूलता कारोबार

पौर्न का बाजार जितना बड़ा हैं उससे कई ज्यादा इसके ग्राहक हैं. इंटरनेट की दुनिया में पौर्न से सालाना 10 से 14 अरब डालर का कारोबार हो रहा है. एक समय था जब डीवीडी, केसेट्स के द्वारा पौर्न का कारोबार होता था. लेकिन इंटरनेट की दुनिया में पौर्न का कारोबार और आसान हो गया है.

कैसे होती है कमाई

पौर्न के 25 मिलियन से ज्यादा साइट्स इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. लेकिन जिस साइट्स पर ज्यादा व्यू और ट्रेफिक होता है, उसी साइट्स को सबसे ज्यादा मुनाफा भी होता है. इंटरनेट पर कुछ फ्री पौर्न साइट्स भी हैं जिनपर विज्ञापन देकर पैसे कमाएं जाते हैं. पौर्न के कुछ ऐसे भी साइट्स हैं जिनको देखने के लिए पैसे देने पड़ते हैं.

पौर्न देखने में महिलाएं सबसे आगे

हम सबको यही लगता है सबसे ज्यादा पौर्न देखने वाले पुरुष होते हैं अगर आप भी यहीं सोचते हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं. एक्स वीडियोज जो दुनिया की सबसे बड़ी पौर्न साइट्स में से एक है. उस पर 4 अरब का पेज व्यू आता है जिनमे महिलाएं के व्यू सबसे अधिक हैं.

आज के समय में लोग पौर्न के इतने ज्यादा दीवानें हो गए हैं की इंटरनेट पर हर 2 मिनट में 2 मिलियन से अधिक लोग पौर्न देखते हैं. जिनमें से महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है.

पौर्न देखने का क्रेज

आज के समय में पौर्न देखना आम बात हो गया है. सेक्सोलोजिस्ट विनोद रावत का कहना है:, डिजिटल दुनियां में मोबाइलफोन तो सबके पास होता है और इस मोबाइल फोन की वजह से ही 90% 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे पौर्न से रूबरू हो चुके होते हैं. लेकिन कम उम्र में पौर्न की चपेट में आने की वजह से ऐसे बच्चों में पौर्न के प्रति एडिक्शन की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.

  • जहां एक तरफ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पौर्न की पहुंच आसान हो गयी है, वहीं दूसरी तरफ लगभग 60% लोगों का यह कहना है कि उन्होनें पौर्न किसी ना किसी तरह की जानकारी के लिए देखा, जो उन्हें अन्य किसी माध्यम जैसे किताबों आदि में नहीं मिला.
  • एक सर्वे के अनुसार इंटरनेट पर औनलाइन पौर्न सर्च करने वाले लोगों में 18 से 24 साल के युवाओं की संख्या अधिक हैं.

पौर्न के साइड इफेक्ट

  • जो लोग बहुत अधिक पौर्न देखते हैं वो आर्टिफिशियल दुनिया के करीब आते जाते हैं और उन्हें निजी जिन्दगी में लोगों से जुड़ने में दिक्कत होने लगती है.
  • लोग जैसा पौर्न फिल्मों में देखते हैं, वैसी ही रिलेशनशिप वो अपनी जिंदगी में चाहने लगते हैं जो कि संभव नहीं होता ऐसे में लोगों में अपने रिलेशनशिप को लेकर संतुष्टि का भाव कम होने लगता है. यह लोग डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं. वो लोगों से खुद को कटा हुआ महसूस करने लगते हैं.
  • असल मे पौर्न देखते वक्त लोगों को एक रश फील होता है, जिसकी वजह से उस पल तो अच्छा महसूस करते हैं, मगर उस रश के खत्म होते ही फिर से अकेलेपन, और निराशा से घिर जाते हैं.
  • इसके एडिक्शन के बाद हमें उन बातों की आदत पड़ जाती है जिन्हें एक समय पर हम खुद सही नहीं मानते थे. हम वो सब करना चाहते हैं जो हम पौर्न में देखते हैं जो कि शायद संभव नहीं है. देखने वाले को ये बात समझ में ही नहीं आती कि असल में इन वीडियो में एक्टिंग अधिक की जाती है. आप अपने पार्टनर से वो सब एक्स्पेक्ट करने लगते हैं जो असल में सच नहीं है.
  • ऐसे में आपके और आपके पार्टनर के बीच दूरियां भी आ सकती हैं.
  • अत्यधिक पौर्न देखने पर व्यक्ति सेल्फिश हो जाता है. वो सिर्फ अपने और अपनी संतुष्टि के बारे में सोचना शुरू कर देता है.
  • कई बार लोग अपने पार्टनर्स को बिना उनकी इच्छा जाने शारीरिक संबंध बनाने के लिए परेशान करना शुरू कर देते हैं जो कि एक अपराध के गिनती में आता है.
  • ऐसे में पौर्न महिलाओं के प्रति हिंसा का कारण भी बन जाता है.
  • सेक्स के दौरान परफार्मेंस की चिंता- डाक्टर विजयसारथी रामनाथन का कहना है:, पौर्न की लत कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन इसे बहुत गंभीरता से लेने से आपको सेक्स के दौरान परफार्मेंस की चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

पौर्न से जुड़े कानून

पौर्न से जुड़े कानून पर एडवोकेट सुमित शर्मा का कहना है:,  इंटरनेट के जमाने में चीजे आसान जरूर हो गई हैं, लेकिन इंटरनेट की दुनियां में अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है. इंटरनेट के माध्यम से अश्लीलता का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. बात अगर हम पोर्नोग्राफी की करें तो इंटरनेट के द्वारा चलने वाला यह बहुत बड़ा कारोबार बन गया है.

सुमित ने पौर्न से जुड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बाते बताई हैं. जिसको पढ़ कर आप पौर्नोग्राफी के क्राइम से बच सकते हैं.

  • घर पर पौर्न देखना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर पौर्न देखना अपराध माना जाता है.
  • अपने फोन, लैपटाप, या हार्ड ड्राइव मे पौर्न स्टोर करके रखना भी गैरकानूनी नहीं है, लेकिन पौर्न का किसी भी तरह का सामूहिक या किसी को निजी मैसेज पर भेज कर प्रदर्शन करना, पौर्न बेचना, किसी को जबर्दस्ती दिखाना आदि गैरकानूनी है.
  • किसी को पौर्न संबन्धित चित्र, विडियो, या लेख भेजना गैरकानूनी है.
  • सेक्स कहानियां भी पौर्न के दायरे में आती हैं.

अगर कोई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर पौर्न प्रकाशित करता पकड़ा जाता है, तो वह ग्रे एरिया मे आएगा, मगर उसके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं होगी, जब तक सरकार उसके आदेश नहीं देती है. तुरंत कार्यवाही सिर्फ उस स्थिति मे होगी, जिसमें चाइल्ड, यानि बच्चों से जुड़े पौर्न का प्रकाशन किया जा रहा हो.

  • किसी भी तरह का चाइल्ड पौर्नोग्राफी देखना, रखना या ढूंढना गैरकानूनी है.
  • भारत में किसी भी तरह का पौर्न बनाना इन्फार्मेशन टेक्नालौजी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 के अनुसार गैरकानूनी है.

रसीले टमाटर बनाएंगे आपको खूबसूरत

टमाटर में लाइकोपेन की अधिकता होती है जिससे ये त्वचा की समस्याओं को दूर कर उसे सुन्दर बनाते हैं. इसके अलावा ये त्वचा को चमकदार, गोरा और झुर्रियों को भी कम करते हैं. ये आपके बालों के लिए भी एक अच्छे कंडीशनर का काम करते हैं और इन्हें नरम और चमकदार बनाते हैं.

त्वचा की रंगत निखारे

टमाटर स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर होने के साथ ही यह त्वचा पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. वास्तव में ये सच है, यदि आप रोजाना टमाटर जूस लें या टमाटर को अपनी त्वचा पर रगड़ें तो कुछ दिनों में ही आप त्वचा में निखार महसूस करेंगी.

त्वचा को बनाए कोमल

यदि आप त्वचा को मुलायम बनाना चाहती हैं तो टमाटर का रस शहद में मिलाकर इसका पेस्ट बना लें. इसके पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट तक रखें. बाद में साफ पानी से धो लें. इससे निश्चित ही आपको मुलायम और दमकती त्वचा मिलेगी.

त्वचा की समस्याओं से छुटकारा

टमाटर के बीज का तेल त्वचा की बहुत सी परेशानियों को दूर करता है. टमाटरों में कई तत्व होते हैं जो कि उम्र के असर को कम करते हैं और साथ ही फ्री रेडिकल्स से भी लड़ते हैं. टमाटर का तेल सोरायसिस और एक्जिमा कम करने के लिए कारगर है. यह बेकार त्वचा को भी ठीक करता है.

मुहासों को कम करता है

टमाटर में विटामिन सी होता है इसलिए ये मुंहासे दूर करने वाली में कारगर है. यदि आपको मुहासों की समस्या है तो टमाटर को छीलकर इसे मसल लें और इसका गूदा चेहरे पर लगाएं और सुखा लें. फिर पानी से धो लें. कुछ दिनों तक ऐसा करने से मुंहासे छू-मंतर हो जायेंगे.

जली हुई त्वचा को ठंडक पहुचाएं

कई ब्यूटी एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जो लोग 3 माह में कम से कम 4-5 टेबल स्पून टमाटर के पेस्ट का इस्तेमाल करते हैं उन्हें प्राकृतिक रूप से धूप से जलन से निजात मिलती है. यदि आपकी में त्वचा धूप से जलन की समस्या है तो आप भी टमाटर का रस इस्तेमाल कर सकते हैं.

रोम छिद्रों को साफ करता है

अपने रोम छिद्रों को साफ करने के लिए आप एक टेबल स्पून पानी में टमाटर के रस की 3-4 बूंदें मिलाकर कौटन से लगा सकते हैं. आपको अपनी त्वचा को इस मिश्रण से धीरे -धीरे मसाज करना है और इसे चहरे पर 10-15 मिनट तक रखना है. यदि आप रोजाना ऐसा करते हैं तो त्वचा के छिद्रो का आकार अपने आप कम हो जाएगा.

डैंड्रफ दूर करता है

अधिकतर लोगों के बालों की समस्या है डैंड्रफ. टमाटर इसे दूर करने में मददगार है. आपको सिर्फ टमाटर का गूदा अपने सिर पर रगड़ना है और बस असर देखिये. अच्छे परिणाम के लिए इसे सप्ताह में एक या दो बार लगाएं.

ट्राइबल फैशन का है जमाना

नएनए फैशन को अपनाना चूंकि आजकल का एक ट्रैंड बन गया है, इसलिए फैशन डिजाइनर भी कुछ अलग हट कर प्रयोग कर रहे हैं. इयररिंग्स हों या साडि़यां इन में ट्राइबल लुक काफी पौपुलर है. इन दिनों ट्राइबल प्रिंट्स हर तरह की पोशाकों पर देखने को मिल रहे हैं.

आदिवासियों का प्रकृति और जानवरों से गहरा लगाव होता है, इसलिए ड्रैस मैटीरियल में भी नैचुरल प्रिंट्स और कलर का यूज बढ़ रहा है. ट्राइबल प्रिंट्स वाली वैस्टर्न ड्रैसेज भी काफी चलन में हैं. ये ड्रैसेज एक फ्यूजन लुक देती हैं, साथ ही प्रिंट्स भी काफी ट्रैंडी लगते हैं. ट्राइबल लुक की साडि़यां भी इन दिनों काफी चलन में हैं खासकर कौटन और हैंडलूम की ट्राइबल प्रिंट्स वाली ये साडि़यां क्लासी और ऐलिगैंट लुक भी देती हैं. ऐश्वर्या राय बच्चन से ले कर जेनेलिया और बिपाशा तक इस तरह की साडि़यां पहने देखी जा सकती हैं.

अफ्रीकन प्रिंट्स भी ट्राइबल लुक में अपनी जगह बना चुके हैं. अफ्रीकन प्रिंट्स के स्कार्फ्स से ले कर बैडशीट्स, कुशन तक पसंद किए जा रहे हैं. अफ्रीकन प्रिंट्स के सलवार सूट का भी चलन बढ़ा है. ट्राइबल लुक को ट्रैडिशनल सूट, साड़ी के साथसाथ कैपरी, पैंट, ट्यूनिक से ले कर मिनीज तक ट्राई किया जा सकता है. ट्राइबल प्रिंट्स पैंट को कूल लुक देते हैं. इसे आप बौयफ्रैंड शर्ट के साथ मैच कर के पहन सकती हैं. ट्राइबल प्रिंट्स वाली प्लाजो पैंट भी पहन सकती हैं, जिसे टैंग या फिर क्रौप टौप के साथ कैरी कर सकती हैं.

ज्वैलरी भी होती है खास

पहनावे के साथसाथ ज्वैलरी में भी ट्राइबल लुक को ढाला जा रहा है. ट्राइबल इयररिंग्स युवतियों से ले कर बड़ी उम्र की महिलाएं तक पहन रही हैं. इन की खासीयत यह है कि ये ट्रैडिशनल या ट्रैंडी हर तरह के लुक के साथ मैच करते हैं. आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली ज्यादातर महिलाएं बहुत हैवी ज्वैलरी पहनती हैं. लेकिन डिजाइनर उन की डिजाइनों को काफी लाइट वेट में बना रहे हैं. अष्ट धातु, तांबे के तारों के साथ मिक्स सिल्वर से बनी ट्राइबल ज्वैलरी इंडोवैस्टर्न आउटफिट के साथ बहुत अच्छी लगती है. इस में ऐनिमल ज्वैलरी जैसे टर्टल्ज रिंग, आउल चेन, पैरेट इयरग्सिं, लीफ सैट आदि इन दिनों बहुत चलन में हैं.

इन दिनों मार्केट में सिल्वर के साथसाथ व्हाइट या ब्लैक मैटल से बने इयररिंग्स भी मौजूद  हैं.

ट्राइबल बोहो बैंगल्स भी अलग लुक देते हैं. इन्हें वैस्टर्न से ले कर ट्रैडिशनल कपड़ों के साथ पहना जा सकता है. बोहो बैंगल्स को कड़े या ब्रेसलेट की तरह भी पहना जा सकता है. ट्राइबल प्रिंट्स वाले स्कार्फ काफी स्मार्ट लुक देते हैं. इन्हें जींस, ड्रैस या कुरती जींस किसी के भी साथ पहना जा सकता है. आप अपने फौर्मल या कैजुअल ट्राइबल स्कार्फ को हर आउटफिट के साथ कैरी कर सकती हैं.

अगर आप प्लेन ड्रैस पहन रही हैं तो उस के साथ ट्राइबल प्रिंट्स स्कार्फ कैरी करें. यह आप की ड्रैस को और भी आकर्षक बना देगा. अगर आप ब्रोच लगाती हैं तो साड़ी में ट्राइबल ब्रोच यूज किया जा सकता है.

मेकअप पर भी छाया है जादू

ट्राइबल लुक मेकअप का बढ़ता क्रेज भी युवतियों में देखा जा सकता है. ट्राइबल लुक देने के लिए आंखों का खास मेकअपकिया जाता है. उस से आंखें बोल्ड लगती हैं.

इस के लिए ऊपर व नीचे की दोनों आईलीड्स को अच्छी तरह हाईलाइट किया जाता है और आंखों के उभार को बढ़ाने के लिए काजल का प्रयोग किया जाता है. इस के बाद आईशैडो से आंखों को बोल्ड लुक दिया जाता है. फिर मसकारा लगा कर आर्टिफिशियल लैशेज लगाई जाती हैं.

होंठों पर ट्राइबल लुक देने के लिए लिक्विड फाउंडेशन तथा ब्रोंजर का इस्तेमाल किया जाता है पर इस का प्रयोग बहुत कम मात्रा में किया जाता है, सिर्फ एक टच देने के लिए. इस लुक के लिए ब्लशर का भी प्रयोग नहीं किया जाता है. लिपस्टिक के लिए मैट कलर्स चुनें यानी ऐसा कलर चुनें जो औरेंज और कोरल के बीच का हो या फिर लाल से मिलतेजुलते शेड की भी लिपस्टिक लगाई जा सकती है.

हेयरस्टाइल की बात करें तो इस लुक के लिए बालों को खुला या ढीला ही रहने दें. ऊंगलियों से ही बालों को बिखेर दें. खुले, साधारण कर्ल किए बाल इस स्टाइल के लिए उपयुक्त रहते हैं. आदिवासी महिलाएं अपने बालों को सजाने के लिए तरहतरह के भारी गहनों का इस्तेमाल करती हैं, मगर उन्हें आधार बना कर जो डिजाइनें इन दिनों तैयार की जा रही हैं, उन्हें फैशन ज्वैलरी कहा जाता है.

वजन कम करना चाहती हैं तो ऐसे करें वौकिंग

वजन कम करने के लिए लोग क्या क्या नहीं करते हैं. जिम, डाइटिंग, एक्सरसाइजेज और भी ना जाने क्या क्या. पर क्या आपको पता है कि केवल वौक कर के ही आप अपना वजन कम कर सकती हैं. जिस तरह से लोगों का बिजी सेड्यूल है, इसमें जिन या एक्सरसाइज करना सबके बस की बात नहीं है, ऐसे में वौक कर वजन कम करना एक बेहतर औप्शन है.

इस खबर में हम आपको वौक के दौरान कुछ ट्रिक्स बताएंगे जिन्हें अपना कर आप अपने वजन को कम कर सकेंगी.

ढलान वाली जगह पर चलें

जल्दी मोटापा कम करना चाहती हैं तो ढलान वाली जगहों पर चलें. इससे अधिक कैलोरी बर्न होती है. इस तरह चलने से आप 30 फीसदी ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकते हैं. साथ ही इस तरह चलने से मांसपेशियां और मेटाबौलिज्म दोनों मजबूत होंगे.

चलने की गति में करें बदलाव

कई स्टडीज में से बात सामने आ चुकी है कि चलने से कैलोरी बर्न होती है. पर इस दौरान अगर आप गति बदल बदल के चलती हैं तो और अधिक कैलोरी बर्न होगी. जानकारों की माने तो चलने की गति में बदलाव करने से मेटाबौलिज्म 20 फीसदी ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है. हफ्ते में एक बार लंबी वौक पर जरूर जाएं.

सीढ़ियां चढ़ें

सीढिंयों पर चढ़ने की आदत बना लें. इससे ज्यादा मात्रा में कैलोरी बर्न होती है. एलिवेटर और लिफ्ट के बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें.

दिन में खूब चलें

जो लोग वर्कआउट करते हैं उनका समय तय रहता है. पर अगर आप जल्दी वजन कम करना चाहती हैं तो दिनभर में ज्यादा से ज्यादा चलने की कोशिश करें. अपनी दिनचर्या में 20 से 25 मिनट का वौक जरूर शामिल करें. जब भी आपको तनाव हो, वौक जरूर करें.

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