ऐसे बचाइये काजल को फैलने से

काजल से आंखों की खूबसूरती बढ़ जाती है उनमें चमक आती है. एक दिन अगर काजल ना लगाया जाए तो चेहरा बिल्‍कुल मुर्झाया हुआ सा और बीमार लगता है. लेकिन जब काजल फैल जाता है तो वह देखने में डार्क सर्कल की तरह लगने लगता है. साथ ही इसके फैल जाने से आपका पूरा मेकअप भी बिगड़ जाता है. अगर आप भी काजल के फैलने से परेशान हैं तो आइये देखते हैं कि काजल को किस प्रकार से फैलने से रोका जा सकता है.

–  काजल लगाने से पहले अपने चेहरे को टोनर से साफ कर लें और आंखों के नीचे भी इसे लगाएं. इससे त्‍वचा साफ और सूखी रहेगी.

–  आंखों पर काजल लगाने से पहले आंखों के नीचे थोड़ा सा पाउडर लगाएं.

–   ऐसा काजल चुने जो की फैलने वाला ना हो. वाटरप्रूफ काजल बिल्‍कुल भी फैलता नहीं है और लंबे समय के लिये टिका रहता है.

–  काजल को लगाते वक्‍त उसे आंखों के किनारे तक ना लगाएं इससे काजल के फैलने का डर रहता है. काजल को फैलने से बचाने के लिये आंखों के किनारे की ओर उसकी बहुत ही पतली परत लगाएं और बीच में मोटी परत.

–  काजल जब बुरी तरह से फैल जाता है तो वह डार्क सर्कल की तरह से लगने लगता है. तो ऐसे में आप आईलाइनर का प्रयोग कर सकती हैं. आंखों के नीचे वाली त्‍वचा पर आप आईलाइनर लगा सकती हैं, ध्‍यान रहे कि आईलाइनर आंखों के अंदर तक ना लगा हो. ऐसे लगाएं जैसे लगे कि आपने काजल लगा रखा हो.

–  आप काजल और आईलाइन दोंनो ही लगा सकती हैं जिससे कि यह फैले नहीं. पहले काजल लगाइये और फिर उसके नीचे से आईलाइनर लगा लीजिये. मोटा काजल देखने में बहुत ही अच्‍छा लगता है और इससे आंखों की सुंदरता भी बढ़ जाती है. इसके बाद पाउडर लगाना ना भूलें.

–   रात को सोने से पहले गाढ़ा काजल लगा लें. फिर सुबह जब काजल फैल चुका हो तब आप उसको साफ कर लें, इससे वह लगा भी रहेगा और दुबारा फैलेगा भी नहीं.

अब चेहरे पर सिर्फ शान, नो निशान

हर लड़की बेदाग और निखरे चेहरे की चाहत रखती है, लेकिन यदि इसी चेहरे पर मुंहासो के दाग पड़ जाएं तो… हमारा मन उदास हो जाता है और हम इन दाग धब्बों से छुटकारा पाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. पर हर बार असफलता ही हाथ आती है. अगर आप भी चेहरे के मुहांसो और उसके दाग से परेशान हैं तो बस एक बार यहां बताए गए उपाय को पढ़ें और इससे छुटकारा पाएं.

पिंपल ना फोड़े : यदि आप चाहती हैं कि पिंपल के निशान चेहरे पर ना पड़े तो उन्‍हें ना ही नोचे और ना भी फोड़े. एक बार इसके फूटने पर इसका पस पूरे चेहरे पर फैल जाएगा जिससे निशान तो पड़ेगा ही साथ में और भी मुंहासे आ जाएंगे.

चेहरे को थोड़ी-थोड़ी देर पर धोएं : मुंहासे के निशान ना पड़े इसकेलिये चेहरे को दिन में दो बार धोएं. प्रदूषण और गंदगी त्‍वचा के पोर्स को ब्‍लाक कर देते हैं जिससे मुंहासे निकल आते हैं. तो पिंपल को दूर करने के लिये चेहरे को ठंडे पानी से धोते रहें.

लौंग का पेस्‍ट ना लगाएं : इस बात की सलाह दी जाती है कि यदि पिंपल हैं तो लौंग को घिस कर उसका पेस्‍ट लगाएं जिससे निशान नहीं पड़ेगा. लेकिन लौंग का पेस्‍ट लगाने से अच्‍छा है कि आप चंदन पाउडर का पेस्‍ट और गुलाबजल मिला कर लगाएं.

स्‍टीमिंग : अपने चेहरे को हफ्ते में एक बार जरुर स्‍टीम करें और उसके बाद क्‍ले मास्‍क लका कर आराम करें. इससे दाग और ब्‍लैकहेड दोनों ही साफ होगें.

एलोवेरा : टी ट्री औयल को एलोवेरा जेल में मिला कर रोजाना चेरहे की मालिश करें, इससे ब्‍लैकहेड, एक्‍ने और डार्क स्पाट मिट जाएंगे. अगर टी ट्री औयल संभव ना हो तो आप केवल एलोवेरा के गूदे का ही प्रयोग कर सकती हैं.

फेस पैक लगाएं : रोजवाटर और चंदनपाउडर का पेस्‍ट चेहरे के लिये सबसे उपयुक्‍त रहता है. आप चाहें तो चंदन पाउडर की जगह पर मुल्‍तानी मिट्टी का भी प्रयोग कर सकती हैं. यह पेस्‍ट पिंपल को सुखा कर डेड सेल को निकाल देती है, जिससे चेहरा कुछ ही दिनों में साफ हो जाता है.

सूरज से बचे : अल्‍ट्रा वाइलेट किरणे स्‍किन की सेल्‍स को नष्‍ट कर देती हैं और एक्‍ने को भी प्रभावित करती हैं. इसलिए ज्यादा समय तक धूप में न बैठे.

इन लोगों के लिए खतरनाक है अदरक, पढ़ें नुकसान

अदरक हमारे खानपान का अहम हिस्सा है. खाने को स्वादिष्ट बनाने में अदरक का अहम योगदान होता है. स्वाद के अलावा अदरक हमारे सेहत के लिए भी काफी लाभकारी है. कई तरह के रोगों में अदरक असरदार होता है. खास कर के सर्दी में होने वाली परेशानियों में अदरक काफी फायदेमंद है. शरीर को गर्म रखने के अलावा अदरक सर्दी, खांसी, गले की खराश जैसी परेशानियों में काफी लाभकारी है. पर क्या आपको पता है कि अदरक का सेवन कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक होता है. ये कुछ लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि किन लोगों के लिए अदरक खतरनाक हो सकता है, और उन्हें क्यों नहीं अदरक का प्रयोग करना चाहिए.

रक्त विकार वाले लोगों को

जिन लोगों को रक्त विकार की शिकायत होती है उन्हें अदरक से दूरी बना लेनी चाहिए. अदरक के सेवन से खून पतला होता है. यही कारण है कि कुछ लोगों को हल्की चोट में भी खून का ज्यादा बहाव होता है.

नियमित रूप से दवाई लेने वाले लोगों को

जो लोग किसी भी बीमारी के चलते नियमित तौर पर दवाई का सेवन करते हैं, उन्हें अदरक के सेवन से बचना चाहिए. क्योंकि इन दवाइयों में मौजूद ड्रग्स जैसे बेटा-ब्लौकर्स, एंटीकोगुलैंट्स और इंसुलिन अदरक के साथ मिलकर खतरनाक मिक्षण बनाते हैं.

गर्भावस्था में अदरक से रहें दूर

गर्भावस्था के दौरान आपको अदरक से दूरी बना लेनी चाहिए. शुरुआती महीनों में ये आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. पर आखिरी के तीन महीनों में खतरनाक हो सकता है. क्योंकि इससे प्रीमेच्योर डिलीवरी और लेबर होने का खतरा बना रहता है.

प्रेग्नेंसी में रहना हो हेल्दी तो इस तेल का करें सेवन

किसी भी महिला के लिए मां बनने का एहसास बड़ा ही खास होता है. इस दौरान खानपान से लिए रहनसहन में उसे काफी सतर्क रहना होता है. जरूरी है कि इस दौरान खाने पीने का खासा ख्याल रखा जाए, क्योंकि इस वक्त मां के खानपान का सीधा असर बच्चे पर पड़ता है. इसी क्रम में हम आपके लिए मछली के तेल की खूबी बताएंगे.

प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवति महिलाओं को मछली के तेल का सेवन रोज करना चाहिए. डिलेवरी के कुछ दिनों पहले से मछली के तेल के सेवन से बच्चा स्वस्थ रहेगा, उसकी सेहत पर इसका अच्छा प्रभाव होगा.

लंदन के एक विश्वविद्यालय में हुए शोध की माने तो जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान मछली के तेल का सेवन करती हैं उनके बच्चों को अंडे से एलर्जी होने की सम्भावना 30 प्रतिशत कम हो जाती है. असल में अंडे में ओमेगा-3 पाया जाता है. बच्चे के पाचन तंत्र पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

गर्भावस्था में मां के खानपान का सीधा असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है. कई देशों में बड़ी संख्या में बच्चों को अंडे और गेहूं जैसी चीजों से एलर्जी देखी गई है. ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान मां का खान-पान पर ध्यान देना बच्चे की सेहत के लिए लाभदायक होता है.

बच्चों को खाने की जिन चीजों से एलर्जी होती है उसका सेवन करने पर उनके शरीर में दाने, सूजन या उल्टी जैसी समस्या हो जाती है. एलर्जी का कारण खाद्य पदार्थों का पेट में सही ढंग से पाचन ना पाना होता है.

फिल्म रिव्यू : जीरो

‘तनु वेड्स मनु’, ‘रांझणा’, ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न’ जैसी फिल्मों के सर्जक आनंद एल राय अब शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ के साथ फिल्म ‘‘जीरो’’ लेकर आए हैं, मगर इस फिल्म में उनकी अपनी निर्देशन शैली की कोई छाप नजर नहीं आती.

फिल्म ‘‘जीरो’’ की कहानी मेरठ निवासी छोटे कद (चार फुट छह इंच) के यानी बौने इंसान बउआ सिंह (शाहरुख खान) की है, जिससे उनकी मां (शीबा चड्ढा) और उनके पिता (तिग्मांशु धूलिया) दोनों बहुत परेशान रहते हैं. बउआ सिंह अपने पिता के पैसे लोगों में बांटते रहते हैं. बउआ सिंह मशहूर अभिनेत्री बबिता कुमारी (कैटरीना कैफ) की फिल्मों के दीवाने हैं. वह एक नृत्य प्रतियोगिता का फार्म महज इसलिए भरते हैं कि विजेता को बबिता कुमारी के हाथों पुरस्कार मिलना है. 38 साल की उम्र हो गयी है पर बउआ सिंह की शादी नहीं हुई है. शादी के लिए उन्हें कोई लड़की ही नहीं मिल रही है. वह अपनी शादी के लिए लड़की तलाश रहे हैं. इसके लिए वह बार बार अपने दोस्त गुड्डू सिंह (मोहम्मद जीशान अयूब) के साथ इंटरनेट के माध्यम से शादी कराने वाली संस्था के पांडे जी (ब्रजेंद्र काला) के पास बार बार जाते रहते हैं. एक दिन पांडे जी के आफिस में आफिया (अनुष्का शर्मा) की तस्वीर देखकर वह उस पर लट्टू हो जाते हैं.

सेरेब्रल पल्सी की बीमारी से ग्रसित आफिया अमरीका में नासा की वैज्ञानिक है, जिसने मंगल ग्रह पर अंतिरक्ष यान भेजा है और मंगल ग्रह पर दूसरा अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी कर रही है, जिसमें वह एक बंदर यानी कि चिंपांजी या किसी मनुष्य को भेजकर प्रयोग करना चाहती है. वह एक समारोह का हिस्सा बनने व शादी के लिए लड़के की तलाश में पूरे परिवार के साथ भारत आयी हुई है. पांडेजी के कहने पर आफिया व बउआ सिंह की मुलाकात होती है. दोनों में प्यार होता है. फिर उनके बीच सेक्स/शारीरिक संबंध भी बन जाते हैं और शादी की तैयारी शुरू हो जाती है.

तभी बउआ की मुलाकात शराब में धुत बबिता कुमारी से हो जाती है. शराब के नशे में धुत बबिता कुमारी,  बउआ सिंह का चुंबन लेकर चली जाती है. मजेदार बात यह है कि अब बउआ को लगता है कि वह शादी के लिए तैयार नहीं है. मगर पिता के दबाव में बउआ दूल्हा बन बारात लेकर आफिया के यहां पहुंचते हैं, तभी उनका जिगरी दोस्त गुड्डू सिंह बताता है कि नृत्य प्रतियोगिता के लिए बउआ का चयन हो गया है. तब बउआ सिंह, आफिया से मिलकर शादी तोड़कर वहां से भागकर नृत्य प्रतियोगिता का हिस्सा बनने पहुंचते हैं. विजेता बनकर वह बबिता कुमारी से पुरस्कार लेते हैं, फिर वह बबिता कुमारी के दीवाने हो जाते हैं. बबिता कुमारी उनकी बातों से प्रभावित होकर उन्हें अपने साथ रख लेती है, पर एक दिन जब बबिता कुमारी से मिलने पहुंचे उनके प्रेमी (अभय देओल) के खिलाफ बउआ सिंह कुछ कह देते हैं, तो बबिता कुमारी नाराज होकर बउआ सिंह को बेइज्जत कर भगा देती है और तब बउआ सिंह को फिर से आफिया की याद आती है. वह अपने दोस्त गुड्डू सिंह के साथ अमेरीका नासा पहुंचकर आफिया से मिलने का प्रयास करते हैं. बउआ सिंह से नाराज आफिया अब चिंपांजी के बजाय मंगल यान में बउआ सिंह को भेजने का निर्णय लेती है, इसमें उनके प्रेमी (आर माधवन) की भी सहमति है. इस बीच पता चलता है कि आफिया, बउआ सिंह की बेटी की मां बन चुकी है. बहरहाल, मंगल यान के साथ अंतरिक्ष में बउआ सिंह को भेजा जाता है और पंद्रह साल बाद यह अंतरिक्ष यान प्रशांत महासागर में गिरता है.

ऐसा पहली बार हुआ है, जब फिल्म ‘‘जीरो’’ प्रदर्शन से पहले ही शाहरुख खान द्वारा बौने का चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने को लेकर अत्याधिक चर्चा में रही और दर्शकों के मन में इस फिल्म ने काफी उत्सुकता जगायी थी. मगर यह फिल्म दर्शकों के साथ साथ शाहरुख खान के प्रशंसकों को बुरी तरह निराश करती है. वीएफएक्स का बेहतर उपयोग किए जाने के बावजूद फिल्म ‘जीरो’ अपने नाम को ही सार्थक करती है.

पूरी फिल्म में दर्शक बौने इंसान की बजाय शाहरुख खान को उनकी इमेज के अनुरूप देखता रहता है. वह फिल्म में बौने इंसान के दर्द के साथ कहीं नजर नहीं आते. अलबत्ता वह हर दृश्य में खुद को दोहराते हुए ही नजर आते हैं. बालों की स्टाइल व अपने चिरपरिचित मैनेरिजम के साथ कच्छा बनियान पहने हुए शाहरुख खान बार बार अपनी पिछली बुरी तरह से असफल फिल्म ‘‘फैन’’ की ही याद दिलाते हैं.

जिसे ‘जीरो’ में दर्शक बर्दाश्त नहीं कर पाता. मजेदार बात यह है कि वह बौने हैं, मगर गायन या नृत्य करते समय कहीं भी कुछ भी परेशानी या असहजता नहीं होती, जबकि कुछ तो भिन्नता होनी चाहिए थी. पर हर वक्त शाहरुख खान अपनी चिरपरिचित शैली में ही नजर आते हैं. बउआ के किरदार मे शाहरुख खान बौने के रूप में सागर में गोता लगाते हुए बहुत कुछ कर सकते थे, पर वह तो देशभक्त बन कुछ करने का ऐसा प्रयास करते हैं कि वह अविश्वसनीय हो जाता है.

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दो लोग (बउआ सिंह और आफिया) घनिष्ठता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, यह एक महान आधार हो सकता था. मगर इसे भी लेखक व निर्देशक दोनों सही परिप्रेक्ष्य में पेश करने में विफल रहे हैं. हालात यह है कि फिल्म के शुरू होने के दस मिनट बाद ही दर्शक सोचने लगता है कि इस सिरदर्द से कब छुटकारा मिलेगा.

बतौर निर्देशक आनंद एल राय बुरी तरह से मात खा गए हैं. फिल्म की कहानी से लेकर कुछ भी ऐसा नहीं है, जो कि विश्वसनीय लगे. हर दृश्य अविश्वसनीयता से भरा हुआ है. फिल्म में इंटरवल के बाद नासा की ट्रेनिंग का हिस्सा बेवजह लंबा खींचा गया है, जो कि दर्शकों को बोर करने के साथ ही फिल्म को बद से बदतर बनाता है. आनंद एल राय ने एक अच्छे विषय को उठाया, मगर स्टार कलाकार के चक्कर में तहस नहस कर डाला. वह शाहरुख खान को सुपर हीरो बनाने व अंतरिक्ष के चक्कर में ऐसा फंसे कि इंसानी रिश्तों, संवेदनाओं, मानवता आदि सब कुछ भुला बैठे. इतना ही नहीं वह अब तक की अपनी फिल्मों की पहचान यानी कि छोटे शहर, वहां की मिट्टी व छोटे शहरों के परिदृश्य से ऐसा भागे कि फिल्म को डुबा डाला.

फिल्म के निर्माता के तौर पर आनंद एल राय और गौरी खान ने कुछ कंपनियों व प्रोडक्ट के साथ इस फिल्म की ब्रांडिंग कर पैसे जरुर बटोर लिए. इसके अलावा दोनों ने इस फिल्म में अपने संबंधों के आधार पर कई कलाकारों को मेहमान कलाकार के तौर पर जोड़कर फिल्म में चार चांद लगाने का असफल प्रयास किया. पूरी फिल्म देखकर अहसास होता है कि फिल्मकार ने कहानी, पटकथा, चरित्र चित्रण व निर्देशन आदि पर ध्यान देने की बजाय अन्य चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित रखा.

फिल्म के लेखक हिमांशु शर्मा इस बार बुरी तरह मात खा गए. उन्होंने शीरीरिक रूप से कुछ कमी वाले किरदार तो गढ़ दिए, पर वह यह भूल गए कि इन किरदारों के साथ किस तरह कहानी गढ़ी जाए. किरदारों के बीच कोई आपसी संबंध ही नहीं बन पाता. इतना ही नहीं इस बार हिमांशु शर्मा ने सड़क छाप संवाद लिखे हैं. भारतीय संस्कृति में एक पिता घर के अंदर अपने बेटे को बुरा भला कहता है, मगर वह दूसरों के सामने अपने बेटे को अपमानित नहीं करता है. मगर फिल्म ‘जीरो’ में बउआ सिंह के पिता शादी के समय बउआ सिंह के होने वाले ससुर से कहते हैं – ‘‘इसे अमेरीका ले जाकर घर में रखकर टिकट लगवा कर…’’ अफसोस की बात है कि फिल्म के निर्देशक आनंद एल राय ने भी इन संवादो को संभालने का प्रयास नहीं किया.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो चार फुट छह इंच के बउआ सिंह के किरदार में कहीं भी शाहरुख खान प्रभावित नहीं करते. सेलेब्रल पल्सी से ग्रसित आफिया के किरदार में अनुष्का शर्मा ने अविश्वसनीय अभिनय किया है. काश इस फिल्म में अभिनय करने से पहले उन्होंने सोनाली बोस निर्देशित फिल्म ‘‘मार्गरीटा विद ए स्ट्रा’’ में कल्कि कोचलीन के अभिनय को देखकर कुछ सीख लेती. कैटरीना कैफ का किरदार बहुत ही छोटा है, उन्हें ऐसी फिल्में करने की जरुरत क्यों पड़ रही है, यह वही जानें. अभय देओल व आर माधवन की प्रतिभा को जाया किया गया है. मोहम्मद जीशान अयूब ने जरुर ठीक ठाक अभिनय किया है.

दो घंटे 44 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘जीरो’’ का निर्माण गौरी खान ने ‘रेड चिली इंटरटेनमेंट’ और आनंद एल राय ने ‘कलर येलो प्रोडक्शन’ के बैनर तले किया है. फिल्म के निर्देशक आनंद एल राय, लेखक हिमांशु शर्मा, संगीतकार अजय तुली, कैमरामैन मनु आनंद तथा कलाकार हैं – शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, कैटरीना कैफ, अभय देओल, आर माधवन, तिग्मांशु धूलिया, शीबा, ब्रजेंद्र काला, मोहम्मद जीशान अय्यूब के अलावा मेहमान कलाकार काजोल, जुही चावला, सलमान खान, श्रीदेवी, आलिया भट्ट, करिश्मा कपूर, दीपिका पादुकोण, गणेश आचार्य व रेमो डिसूजा.

इन 5 बातों का रखें ध्यान, सुरक्षित होगा भविष्य

देश में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काफी कुछ हो रहा है, पर इसके बाद भी हम उस मुकाम को हासिल नहीं कर सकें जहां हमें पहुंचना था. आज भी ज्यादातर महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होने के बजाए, शादी कर के हाउसवाइफ बनना पसंद करती हैं. देश में ऐसी बहुत सी औरते हैं जो सिर्फ हाउसवाइफ बन कर रह जाती हैं. हालांकि इसके बाद भी पूरे घर की जिम्मेदारी उनपर ही होती है. दूसरे शब्दों में कहें तो वही घर की मैनेजर होती हैं.

हर स्थिति में वो घर संभालती हैं. कम पैसे में भी घर चलाना कोई महिलाओं से सीखे. वो घर की फाइनेंशियल प्लैनर होती हैं.

हर औरत को इन पांच चीजों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिससे वो अपनी फैमिली को किसी भी तरह की वित्तीय संकट में संभाल सके.

मनी फ्लो मैनेजमेंट

आम तौर पर हाउसवाइफ की जिम्मेदारी घर की साग सब्जियों तक ही रह जाती है. पर एक स्मार्ट हाउसवाइफ को इससे आगे बढ़ते हुए फाइनेंस मैनेजमेंट भी आना चाहिए. इससे आपको पता रहेगा कि आपको कहां और कितना खर्च करना है और कहां बचाना है.

खर्च कंट्रोल करना

जब आप खर्च और बचाने की बातों को अच्छे से समझ जाएं, तब खर्च कंट्रोल करना सीखें. तब आपको सोचना होगा कि घर के खर्च को कम कैसे किया जाए. घर के छोटे छोटे खर्चों से बचत कर के आप अच्छी रकम बचा सकती हैं.

बचत और सिर्फ बचत

बचत बहुत जरूरी है. इसके लिए आप बैंक में खाता खोल सकती हैं. आप अपने बचाए हुए रकम को बैंक में जमा करिए. आप चाहें तो बैंक की स्कीमों में पैसा इंवेस्ट कर सकती हैं.

घर बैठे कमाएं पैसे

आज कई तरीकों से घर बैठे पैसा कमाना संभव है. आप फ्रीलांसिंग कर सकती हैं. इसके अलावा अगर आपकी पेंटिंग, डांसिंग, टीचिंग जैसी कोई हौबी है तो आप इसके लिए अलग से क्लास चला सकती हैं और घर में क्लास लेकर पैसे कमा सकती हैं.

निवेश करें

बचत के बाद जरूरी है कि आप अपने रकम को अलग अलग स्कीमों में निवेश करें. इससे आपका पैसा सुरक्षित होगा और वक्त के साथ आपके रकम में वृद्धि होती रहेगी.

नजरअंदाज ना करें जीभ की गंदगी, हो सकती हैं बड़ी परेशानियां

मुंह की सफाई से प्राय: हम दांतों की सफाई सोचते हैं.  जबकि जीभ की सफाई कई कारणों से अहम होती है. सफाई के मामले में जीभ सबसे ज्यादा उपेक्षित अंग है. अक्सर लोग इसकी सफाई का ख्याल नहीं रखते. जिसके कारण आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती है. जीभ की सफाई ना करने से आपकी सांस भी बदबूदार हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी जीभ की नियमित सफाई करें. इस खबर में हम आपको जीभ की सफाई के कुछ तरीके बताएंगे.

नमक

जीभ की सफाई के लिए नमक काफी अच्छा तत्व माना जाता है. ये एक प्राकृतिक स्क्रब की तरह काम करता है. थोड़ा सा नमक जीभ पर छिड़क लें, फिर ब्रश के पिछले हिस्से से  हल्का दबाव डाल कर जीभ की सफाई करें. इसके बाद कुल्ला कर लें. आपको इसका असर जल्दी ही दिखेगा.

दही

दही प्रो-बायोटिक होता है. यह जीभ पर जमा फंगस, सफेद परत और गंदगी को खत्म कर देता है.

माउथवाश

खाना खाने के बाद खाने के कुछ अंश जीभ पर रह जाते हैं. इस लिए जरूरी है कि खाने के बाद माउथवाश किया जाए. इससे मुंह की गंदगी निकल जाएंगी. साथ ही आप फ्रेश महसूस करेंगी.

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा भी एक प्रभावशाली स्क्रब होता है. इसमें नींबू की कुछ बूंदे मिलाएं, अब इस पेस्ट को जीभ पर उंगली से लगाएं और थोड़ी देर रखने के बाद कुल्ला करें. इससे जीभ पर जमी सफेद परत व गंदगी आसानी से निकल जाएगी.

हल्दी
हल्दी पाउडर में थोड़ा सा नींबू का रस मिला लें, अब इस पेस्ट से जीभ पर रगड़ लें. कुछ देर में गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें.

सेहत बनाए गरमागरम अदरक वाली चाय

अधिकतर लोगों के दिन की शुरुआत चाय से होती है. और सर्दी के मौसम में तो अदरक वाली चाय का मजा ही कुछ और है. अगर इस का नियमित सेवन किया जाए तो यह कई रोगों से नजात दिलाती है क्योंकि इस में एंटीइनफ्लमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऔक्सीडैंट गुण पाए जाते हैं. यह कई तरह की समस्याएं जैसे गैस, अपच, सर्दी, सिरदर्द आदि से निजात दिलाती है.

अदरकयुक्त चाय पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी-6 और विटामिन-ई से भरपूर होती है.

अदरक की चाय के फायदे:

  • सर्दीजुकाम से राहत : सर्दी में जुकाम आम समस्या है. अदरक शरीर में गर्मी पहुंचता है जिस से सर्दीजुकाम कम हो जाता है. सर्दी के कारण कई बार गले में दर्द भी होता है. ऐसे में अदरक में एंटीहिस्टोमिन गुण होने से गले के दर्द में राहत मिलती है.
  • पेट के लिए लाभकारी : अदरक की चाय पीने से पाचनशक्ति बेहतर होती है. यदि ज्यादा खा लिया है तो अदरक की चाय से काफी हद तक राहत महसूस होती है.
  • उलटी या मतली में आराम : कई बार बस या कार में सफर करते समय मतली की समस्या होती है. ऐसे में घर से निकलने से पहले अदरक की चाय पी कर निकलें.
  • इम्युनिटी बढ़ाए : अदरक में बड़ी मात्रा में एंटीऔक्सीडैंट पाए जाते हैं, जिस से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है.
  • वजन घटाने में सहायक : अदरक कौरटिसौल का उत्पाद करता है जो पेट की चरबी कम करने में सहायक होता है. अदरक की चाय पीने के बाद पेट भराभरा लगता है, जिस से आप को अतिरिक्त कैलोरी लेने की इच्छा नहीं होती और शरीर का वजन कम हो जाता है.
  • कैंसर में लाभकारी : शोध से यह साबित हो चुका है कि अदरक कैंसर से रक्षा करता है. खास कर ओवरी कैंसर में यह कैंसर सैल्स को बड़े पैमाने पर खत्म कर सकता है.
  • किडनी के संक्रमण रोकने में फायदेमंद : अदरक में वाष्पशील तेल पाया जाता है जो शरीर में एंटीबायोटिक का काम करता है. इस में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइनफ्लमेटरी गुण किडनी के संक्रमण के उपचार में सहायक होते हैं. यदि आप को किडनी संबंधित कोई संक्रमण है तो एक कप अदरक की चाय का रोजाना सेवन कर सकते हैं, लेकिन डाक्टर का परामर्श जरूर लें.
  • रक्त संचार को बढ़ाए : अदरक की चाय पीने से रक्त जमता नहीं है और रुष्ठरु कौलेस्ट्रोल कम होता है. रक्त संचार सही होने से हृदय संबंधीत बीमारी होेने का खतरा कम हो जाता है. अदरक में मौजूद विटामिन, मिनरल्स, अमीनो एसिड रक्त संचार बढ़ने में सहायक होते हैं.
  • श्वास की समस्या में लाभकारी : अदरक फ्लेम हटा कर फेफड़ों को फैलती है जिस से सांस न ले पाने की समस्या से बचाव होता है. सर्दी में जुकाम या नाक बंद हो जाने पर गरमागरम अदरक क चाय पीने से सांस लेने में आराम मिलता है और यह एलर्जी और छींको के लिए भी लाभदायक है.
  • फर्टिलिटी : अदरक में एफरैडिजीऐक गुण होते हैं. इसलिए पुरुषों में शुक्राणुओं को स्वस्थ्य रखता है और फर्टिलिटी को बढ़ाता है. अत: यदि ऐसी कोई परेशानी हो तो नियमित अदरक का सेवन करें.

अदरक की चाय बनाने का तरीका

  • उबलते पानी में अदरक डालें और 10 मिनट तक उबलने दें.
  • इस पानी को छान लें और इस में कुछ बूंदें नीबू का रस और चीनी मिलाएं.
  • चाहें तो चीनी के बजाय शहद डालें. आप दूध में अदरक डाल कर दूध वाली अदरक की चाय भी बना सकते हैं.
  • अदरक की चाय के सेवन से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं और अपने परिवार को भी स्वस्थ रख सकते हैं.

वैक्सिंग के दर्द से बचने के उपाय

लगभग सभी महिलाएं सुंदर बौडी पाने के लिए वैक्सिंग करवाती हैं. बार बार वैक्सिंग कराने से दर्द की आदत पड़ जाती है और कम दर्द झेलना पड़ता है. लेकिन कई बार संवेदनशील त्वचा होने की वजह से स्‍किन पर रैशेज, दाने या फिर सूजन होने जैसी कई तरह की समस्‍या भी हो जाती. ऐसे में कई बार हम वैक्सिंग कराने से डरते हैं. लेकिन अगर आप यहां बताएं गए उपाय को अपनाएंगी तो दोबारा कभी भी इससे डरेंगी नहीं.

वैक्‍स का सही तरीका चुने

जिन महिलाओं को वैक्‍सिंग करवाने पर दर्द होता है, उन्‍हें चौकलेट वैक्‍सिंग करवाना चाहिये. हालांकि चौकलेट वैक्‍सिंग थोड़ी महंगी होती है और इसे घर पर नहीं किया जा सकता.

दर्द को दूर करें

अगर वैक्‍सिंग से दर्द होता है तो 30-40 मिनट पहले एस्‍पिरिन की गोली खा लें या फिर वैक्‍सिंग के तुरंत बाद आइस क्‍यूब रगड़ लें.

स्किन पर रैशेज

त्‍वचा पर वैक्‍सिंग करवाने के बाद रैशेज पड़ जाते हैं. यह रैशेज कुछ समय बाद अपने आप ही गायब हो जाते हैं. ऐसा न होने पर आप इसे गायब करने के लिये आइस क्‍यूब को रगड़ सकती हैं. इससे आपको काफी फायदा मिलेगा. लेकिन घबराएं नहीं अगर स्‍किन बहुत ज्‍यादा संवेदनशील है तो रैशेज पड़ना आम बात है.

दाल पिन्नी

सामग्री

– 1 कप उरद दाल

– 1 कप चीनी

– 2 बड़े चम्मच पिस्ता

– 1/2 कप देशी घी.

विधि

– उरद दाल को पूरी रात पानी में भिगोए रख कर कुंडी में पीसें.

– फिर एक पैन में घी गरम कर उस में दाल को तब तक भूनें जब तक वह घी न छोड़ने लगे.

– फिर उसे ठंडा कर उस में चीनी मिला कर मफिन मोल्ड में डालें. सैट होने पर सर्व करें.

  • व्यंजन सहयोग : सारिका मेहता
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