हिना खान ने अपनाए खतरनाक तेवर, देखें वीडियो

ये ‘रिश्ता क्या कहलाता है’ में संस्कारी बहू की भूमिका निभाकर फैमस हुई एक्ट्रेस हिना खान अब कोमोलिका के किरदार में नजर आएंगी. ‘कसौटी जिंदगी की 2 में वो बेहद ही खतरनाक तेवर में नजर आने वाली हैं. उन्होंने उसकी तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर डाली हैं. यही नहीं, ‘कसौटी जिंदगी की 2’ का बहुत ही दिलचस्प प्रोमो रिलीज हुआ है. इस प्रोमो को लोग काफी पसंद कर रहे हैं.

‘कसौटी जिंदगी की 2 के इस प्रोमो में हिना खान के साथ एरिका फर्नांडिज हैं और कोमोलिका के रोल में नजर आ रहीं हिना खान उनकी नींद उड़ाने की धमकी दे रही हैं. हिना खान को कोमोलिका के रोल में देखने के लिए लोगों में जबरदस्त एक्साइटमेंट है. हिना खान इस प्रोमो में कह रही हैं कि ‘आज से तुम सबका बुरा वक्त शुरू.’ इस तरह हिना खान के तेवर साफ नजर आ रहे हैं. यही नहीं, हिना खान ने पब्लिक डिमांड पर कोमोलिका के लुक की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर डाली हैं.

 

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हिना खान 2009-2016 तक ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ सीरियल में नजर आई थीं, और लोकप्रियता हासिल की थी. हिना खान ‘खतरों के खिलाड़ी 8’ और ‘बिग बौस 11 ‘ जैसे रियलिटी शो में भी शिरकत कर चुकी हैं. हिना खान जब बिग बौस शो में थी तो शिल्पा शिंदे के साथ उनकी दुश्मनी खूब रंग लाई थी और घर से बाहर आने के बाद भी ये दुश्मनी कम नहीं हुई थी. लेकिन सबसे दिलचस्प दोनों के फैन्स के बीच सोशल मीडिया पर होने वाली जंग थी.

अपने साथी को खुश करने के लिए कहें ये बातें

हर किसी को अपने बारे में अच्छा सुनना काफी अच्छा लगता है और अगर आपका साथी आपको कौम्प्लीमेंट दे तो आपका दिन बन जाता है. रिलेशनशिप को मजबूत बनाने और एक-दूसरे के लिए अपना प्यार जाहिर करने के लिए कौम्प्लीमेंट देते रहना चाहिए. तो आइए आज आपको कुछ कौम्प्लीमेंट के बारे में बताते हैं जो आप अपने पार्टनर को देकर और अपना संबंध ज्यादा गहरा कर सकती हैं.

तुम स्मार्ट हो – अपने पार्टनर की तारीफ करने से उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है. जिससे उन्हें बहुत ही स्पेशल महसूस होता है. व्यक्ति अपने साथी को आई लव यू तो कई बार कहता है लेकिन उसके काम, इमोशन के बारे में तारीफ कम करता है.

तुमने बहुत अच्छा काम किया – जब आप कोई अच्छा काम करती हैं तो इससे आपके पार्टनर का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है. कुछ अच्छा काम करने के बाद अपने साथी को जरुर बताएं. इससे वह आपके टैलेंट के बारे में जान पाएंगे. आपके साथी के अच्छा काम करने के बाद उनकी तारीफ करना ना भूलें.

तुम दयालु हो – आपके साथी को यह बात जानकर बहुत खुशी होती है कि आप उनकी दया और उदारता की भावना पर ध्यान देती हैं और उनको उस बात को लेकर कौम्प्लीमेंट भी देते हैं, जिससे उनको खुशी महसूस होती है.

थैंक यू – अपने पार्टनर की महत्व को हमेशा समझें. कौम्प्लीमेंट देने के साथ अपने पार्टनर की प्रशंसा करना जरुरी होता है. इससे आपके रिश्ते में एक-दूसरे के लिए सम्मान बढ़ता है. अपने साथी की किसी भी क्वालिटी या कोई और बात पर थैंक यू कहना ना भूलें. इससे आपके पार्टनर को ज्यादा अच्छा महसूस होगा.

रोप ब्रेड हेयरस्टाइल से पाएं ग्लैरमरस लुक

हमारी पर्सनैलिटी को निखारने में हेयरस्‍टाइल का अहम रोल होता है. ये हमारे लुक को पूरी तरह से बदल सकता है. इसके अलावा एक अच्‍छा हेयरस्‍टाइल आपकी सादी ड्रेस को भी ग्‍लैमरस लुक दे सकता है. यह हेयरस्‍टाइल बहुत आसान होता है और काफी रौयल भी दिखता है. आज हम आपको रोप ब्रेडेड हेयरस्‍टाइल के बारे में बता रहे हैं. आप इसे किसी भी मौके पर बना सकती हैं.

5 सिंपल स्‍टेप में बनाएं डिजनी प्रिंसेस रोप ब्रेड रोप ब्रेडेड हेयरस्‍टाइल

पहला स्‍टेप : किसी भी तरफ से अपने बालों के आगे का सेक्‍शन इस तरह पकड़ें कि इसमें बाल ना तो बहुत ज्‍यादा हों और ना ही बहुत कम.

दूसरा स्‍टेप : बाकी बालों को क्‍लिप से बांध दें और अलग कर दें.

तीसरा स्‍टेप : जो सेक्‍शन आपने चुना है उसके दो छोटे हिस्‍से लें और एक-दूसरे में गूंथ दें. इसके बाद बालों का दूसरा छोटा हिस्‍सा लें और ऐसा ही करें. आप देखेंगीं कि बाल रोप की तरह बनते जा रहे हैं.

चौथा स्‍टेप : पीछे की ओर ले जाकर इन्‍हें ट्विस्‍ट करती रहें. बेबी पिंस से पिन अप कर दें.

पांचवा स्‍टेप : अब जिन बचे हुए बालों को आपने क्‍लिप से बांधा था उन्‍हें भी स्‍टेप तीन की तरह ब्रेड में बांध लें. इस तरह आपका रोप ब्रेड लुक तैयार है.

इलास्टिक बैंड और बैबी पिंस की मदद से रोप ब्रेडिंग का दूसरा तरीका

पहला स्‍टेप : बालों को दो हिस्‍सों में बांटकर कानों के नीचे पोनीटेल बना लें.

दूसरा स्‍टेप : इलास्टिक बैंड की मदद से बालों का थोड़ा सा हिस्‍सा लें और बालों को बांध दें. बैंड को कुछ इस तरह बांधें कि वो दिखे ना. अब बालों को बेबी पिन से बांध दें.

तीसरा स्‍टेप : पोनीटेल को दो बराबर भागों में बांट दें और हर सेक्‍शन को उसी दिशा में ट्विस्‍ट करें.

चौथा स्‍टेप : अब दूसरी तरफ के बालों को भी ट्विस्‍ट करें.

पांचवा स्‍टेप : बीच के बालों को इलास्टिक बैंड से क्‍लियर करें.

इस बात का ध्यान रखें कि रोप ब्रेड हेयरस्‍टाइल बनाते समय आप बालों को जितना ज्यादा टाइट ट्विस्‍ट करेंगी उतना ही बालों के गिरने का डर रहेगा. ऐसे में आपको बालों को इस तरह से बांधना चाहिए कि वो सुंदर दिखें.

यात्रा के दौरान खुद को रखें फिट एंड फाइन

यात्रा के दौरान इन्जौय करने के लिए महज अच्छे जगह की तलाश कर लेना ही काफी नहीं होता. बल्कि खुद को हेल्दी और फिट रखना भी बहुत जरूरी है. तो आइए जानते हैं कि आप यात्रा के दौरान में कैसे फिट रह सकती हैं.

आराम करना भी जरूरी है – ट्रिप की प्लानिंग करते वक्त हर एक जगह को कवर करने के चक्कर में आराम के साथ समझौता करना ठीक नहीं. इससे तबियत खराब होने के चांसेज़ सबसे ज्यादा होते हैं. सिरदर्द, बेचैनी और पेट से जुड़ी प्रौब्लम्स, नींद न पूरी होने की निशानी हैं. गर्मी हो या सर्दी, दिन में घूमे और रात में आराम करें.

भरपूर मात्रा में पिएं पानी– ट्रैवलिंग के दौरान खुद को हाइड्रेट रखना सबसे जरूरी है क्योंकि शरीर में पानी की कमी से सबसे ज्यादा समस्याएं होती हैं. वहीं अगर आपकी बौडी हाइड्रेट रहती है तो जगह कैसी भी हो वहां आराम से रहा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है अपने साथ पानी की बौटल जरूर रखें.

चेहरे को बार-बार टच न करें– यात्रा के दौरान आंखों में जलन, खुजली, चेहरे के पिंपल्स और खांसी की वजह पौल्यूशन ही नहीं आपके हाथ भी हो सकते हैं जिससे आप जाने-अंजाने इन्हें टच करते रहती हैं. तो जितना हो सके चेहरे और आंखों को टच ना करें. इसके साथ ही अपने पास रूमाल या टिश्यू पेपर कैरी करें जिससे बहुत जरूरी हो तो इसका इस्तेमाल कर सके.

एक्टिव रहने के लिए एक्सरसाइज़ सबसे बेस्ट औप्शन है. आजकल ज्यादातर होटल्स में ज़िम और स्विमिंग पूल होते हैं तो इनका इस्तेमाल करें. इसके लिए अलग से पैसे भी नहीं चुकाने पड़ते. इसके अलावा आपके पास मौर्निंग वाक का भी औप्शन है. जो एक्टिव रखने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम के लिए भी बेस्ट एक्सरसाइज़ है.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाता प्रीस्कूल बिजनैस

प्रीस्कूल, डेकेयर भारतीय शिक्षा के आयाम में एक नया चलन बन कर उभर रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि महिलाएं इन क्षेत्रों का बेहतरीन प्रबंधन कर सकती हैं. महिलाओं में कारोबार करने के साथसाथ बच्चों को संभालने तथा उन्हें सिखाने की अधिक क्षमता होती है. प्रीस्कूल, डेकेयर में भारी वृद्धि देखी गई है, जिस के कारणवश यह भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में एक स्थापित स्तंभ बन चुका है. प्रीस्कूल, डेकेयर जैसे शैक्षणिक व्यवसायों में महिला उद्यमियों की बढ़ती भागीदारी एवं सफलता के लिए तत्परता यह साबित करती है कि महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं. महिलाएं न केवल इन प्रीस्कूलों का कुशलता से संचालन कर रही हैं बल्कि उच्च आर्थिक लाभ भी अर्जित कर रही हैं.

सेंफोर्ट ग्रुप औफ प्रीस्कूल्स की डायरैक्टर कविता राठौर के अनुसार, ‘‘सुदृढ़ आय के साथसाथ गुणात्मक शिक्षा की कभी न खत्म होने वाली मांग के कारण प्रीस्कूल, डेकेयर गतिविधियों का भारत में एक बहुत बड़ा बाजार तैयार हो गया है. मैट्रो तथा बड़े महानगरों के बाद अब अवसरों से भरपूर टियर टू

और टीयर थ्री शहरों की मांग को पूरा करने के लिए, स्वदेशी और विदेशी प्रीस्कूल चेन भारतभर में तेजी से उभर रही हैं. फलस्वरूप, महिला निवेशकों

एवं उद्यमियों के पास अपनी उद्यमशीलता दिखाने के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं.’’

बाजार पर एक नजर

क्रिसिल रिसर्च इंगित करता है कि प्रीस्कूल बाजार में 20.6 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है. इस के पहले यह 11 फीसदी की दर से बढ़ रहा था. इस का मुख्य कारण शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में बढ़ती जागरूकता, मौजूद खिलाडि़यों की महत्त्वाकांक्षी योजनाएं और अधिक संगठित एवं पेशेवर खिलाडि़यों का इस क्षेत्र में बढ़ता प्रवेश है. प्रीस्कूल शिक्षा भारत में 4,000 करोड़ रुपए का उद्योग है जो प्रति वर्ष बढ़ रहा है.

लाभदायक क्षेत्र

भारत में तीव्र गति से बढ़ रहा प्रीस्कूल उद्योग, महिला उद्यमियों को व्यापार

के अच्छे अवसर मुहैया करा रहा है. गौरतलब है कि अधिकांश प्रीस्कूल और डेकेयर ब्रैंड्स की फ्रैंचाइजी का 80 फीसदी हिस्सा महिला उद्यमियों के पास ही है जो अपने क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रही हैं. महिलाओं ने इस क्षेत्र में आशा से बढ़ कर प्रदर्शन किया है. उद्योग विशेषज्ञों का मानना है, प्रीस्कूल फ्रैंचाइजी व्यापार महिला उद्यमियों के लिए सब से सुरक्षित एवं फलदायक है.

किसी भी महिला के लिए एक प्रीस्कूल और अर्ली चाइल्ड केयर केंद्र को चलाने का सब से बड़ा लाभ यह है कि इस में एक औपचारिक सीनियर सैकंडरी स्कूल की तुलना में काफी कम पूंजी की आवश्यकता होती है. यह एक गृहिणी से उद्यमी बनने के सफर को काफी आसान कर देता है. सीनियर सैकंडरी स्कूल की तुलना में इस में एक अपेक्षाकृत तनावमुक्त क्षेत्र में वित्त, संचालन, कानूनी, जनशक्ति, विपणन और पाठ्यक्रम में डील करना तथा सीखना ज्यादा आसान है.

कम जोखिम : शिक्षा क्षेत्र को स्पष्ट रूप से किसी भी अन्य क्षेत्र के व्यापार के मुकाबले कम से कम न्यूनतम प्रभाव वाले एवं सुरक्षित उद्योग के रूप में पहचाना गया है. अपने खुद के प्रीस्कूल के साथ एक महिला उद्यमी बाजार में उतारचढ़ाव के बावजूद अच्छा राजस्व कमाने की स्थिति में रहती है.

उपयुक्त समय : प्रीस्कूल में काम करने के लिए निर्धारित समय काफी बेहतर है. आमतौर पर एक दिन में 3 से 4 घंटे का समय काम के लिए निर्धारित किया जाता है. उस में आसानी से महिलाएं कुशलता से अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बिठा सकती हैं.

नियमित छुट्टियां और ब्रेक्स : इस व्यापार का रोमांचक तथ्य यह है कि इस में काम करने वाली महिलाओं और उद्यमियों को भी बच्चों के साथसाथ ही छुट्टी मिल जाती है.

बच्चों के साथ बेजोड़ तालमेल : रिसर्च से यह सिद्ध हुआ है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक सामाजिक ज्ञान होता है व उन का स्वभाव नम्र होता है. परिणामस्वरूप, वे बच्चों के साथ एक बेहतर तालमेल बना लेती हैं. उन के अत्यंत देखभाल का स्वभाव और स्नेह के साथ बच्चों से पेश आना, उन्हें सहजता से बच्चे के साथ जोड़ देता है. परंतु ध्यान रखने वाली बात यह है कि प्रीस्कूल की शैक्षणिक पृष्ठभूमि पूरी तरह से सक्षम होनी चाहिए. प्रीस्कूल के कर्मचारियों को भी काम करने में माहिर होना चाहिए.

बच्चों के अनुकूल प्रीस्कूल और इतने सारे भावी युवाओं के जीवन के लिए नींव की स्थापना कर सकने से स्वयं को आंतरिक संतुष्टि होती है. यह पुरस्कार किसी अन्य व्यवसाय में नहीं मिल सकता है. इस के अलावा समाज में शिक्षण के कार्य को मिलने वाला सम्मान उल्लेखनीय होता है. इस तरह प्रीस्कूल बिजनैस महिलाओं के लिए अति उपयोगी साबित हो रहा है.

– कुमार अभिषेक

घर के इस अटाले को भी पहचानिए

वक्त के साथ घरों में गैर जरूरी चीजें भी बढ़ती जाती हैं. जब घर में जगह कम पड़ने लग जाएं, तो सबसे पहले इन्हे हटाएं.

हैंगर्स-

जो हैंगर्स यूज में नहीं आते हों उन्हें तुरंत हटाएं और अपने कपड़ों को सांस लेने की जगह दें. खासकर वायर से बने हुए हैंगर्स जिनसे नाजुक कपड़े खराब होने का डर बना रहता है.

कागज-

जरूरी जानकारी तो अब ऑनलाइन ही मिल जाती है और कागजात का इधर-उधर पड़े रहना भी सही नहीं होता है. क्रेडिट कार्ड और टैक्स डॉक्युमेंट्स के अलावा अन्य सभी गैरजरूरी कागज डस्टबिन में डाल दें.

प्लास्टिक चम्मच-

चीप प्लास्टिक चम्मच और कांटे तुरंत फेंक दें. जरूरत पड़ने पर एक पैकेट मैचिंग कांटे और चम्मच खरीदने से आपका बैंक अकाउंट खाली नहीं होगा. इसलिए इस तरह की चीजें सहेजने की आदत तुरंत बदलें.

मैगजीन-

खास रेसिपीज के लिए मैगजीन का ढेर कमरे में रखा हुआ है लेकिन क्या वाकई अब आप इन्हें उठाकर रेसिपीज बनाएंगी? शायद नहीं. मैगजीन व कैटलॉग्स के ढेर को बाहर कर दें.

कंटेनर-

ढक्कन का या कंटेनर का पार्टनर नहीं है या कहीं गुम हो गया है तो ये जादू से वापस तो आएगा नहीं इसलिए इन्हे सहेजना बंद कर दें. कायदे के सेट वाले कंटेनर और मैचिंग लिड्स ही घर में रखें.

मग्स-

हर घर में कई तरह के मग्स होते हैं. अपने फेवरेट मग्स के अलावा अन्य जगह भरने वाले मग्स किसी जरूरतमंद को दे दें तो बेहतर होगा.

आपके बेडरूम में घुसते प्रचार के भूखे सितारे

मुंबई के जुहू होटल में सामान्य तरीके से एक शादी हो रही थी. तभी वहां अफरातफरी और भगदड़ मच गई. इस से पहले दूल्हा-दुल्हन कुछ समझ पाते वहां अभिनेता रणवीर सिंह बिन बुलाए मेहमान की तरह घुस आए. चूंकि उसी होटल में उनकी फिल्म सिम्बा का प्रचार इवेंट चल रहा था. और शायद वे अभी अपनी बिग बैंग मैरिज के हैंगओवर से बाहर नहीं निकले हैं सो अपने खिलंदड़ और बिंदास नेचर के हिसाब से पराए मंडप में घुस आए. हो सकता है उस परिवार को उनकी यह सरप्राइज विजिट अच्छी लगी हो, लेकिन सीधे तौर पर यह निजता का उल्लंघन ही है. वो भी तब जब सितारे अपनी शादी को एक्सक्लूसिव अफेयर बनाने के लिए दुनिया भर की सिक्योरिटी लगाते हैं और कोई बिन बुलाया न घुस पाए, इसके लिए बार कोड वाले स्पेशली डिजाइंड इनविटेशन कार्ड, एंट्री गेट पर मेहमानों से दिखाने के लिए कहते हैं.

पर जब अपनी बारी आती है तो कहीं भी घुस आते हैं. चाहे बेडरूम हो या शादी का मंडप. फिल्म प्रचार के तरीके बाजारू और अनोखे कहे जा सकते हैं लेकिन सभ्य कतई नहीं. काम धंधे को निजी समारोहों से दूर रखने का चलन हर जगह होता है. जिस कपल की शादी हो रही थी उसने भी चुनिन्दा लोगों को बुलाया होगा लेकिन रणवीर की अनचाही घुसपैठ से सारा माहौल फिल्मी हो गया और सबका ध्यान दूल्हा दुल्हन से हटकर सेलेब्रिटी पर आ गया. सभी गेस्ट उनकी तरफ दौड़ने लगे. मेहमान सेल्फी बाजी में मसरूफ थे और सिक्योरिटी भीड़ संभालने में. रणवीर को देखकर लोगों में अफरा-तफरी ने सारा मजा किरकिरा कर दिया. क्योंकि रणवीर तो अपनी शक्ल दिखा और सिम्बा का प्रचार कर पतली गली से निकल लिए लेकिन वहां की स्थिति काफी देर बाद सामान्य हो सकी. यह व्यवधान चाहें किसी सितारे का हो या हुड़दंगी का, फर्क नहीं दिखता.

बेडरूम में घुसपैठ

ऐसे ही एक बार मुझे एक फिल्म पीआर ने ऐसा परिवार जुटाने के लिए कहा जो फिल्म वेलकम बैक की टीम को अपने घर में वेलकम करे. प्रचार के लिए अपनाए गए इस हथकंडे में यह शर्त थी कि जिस घर में यह टीम आएगी वो फर्स्ट क्लास मेंटेंड हो, खानेपीने का शाही इन्तजाम हो और कई रिश्तेदार भी जमा कर लिए जाएं. इतनी शर्तें सुन कर मैंने तो मना कर दिया लेकिन उन्हें एक ऐसा परिवार मिल ही गया जो फिल्मवालों से मिलने के लिए कुछ भी करने को तैयार था. खैर, जब लम्बा इन्तेजार कराने के बाद फिल्म कास्ट वहां पहुंची और शक्ल दिखाकर अफरातफरी में भागी तो होस्ट फैमली बड़ी निराश हुई. उन्हें कुछ ज्यादा फुटेज की उम्मीद थी और पड़ोसी भी इस तमाशे में शरीक थे. लेकिन फिल्म वाले तो अपने हिस्से की टीवी बाइट्स और फुटेज लेकर चम्पत हो चुके थे जबकि वह फैमिली अपने सजने धजने और मोटे खर्चे पर सर पीट रही थी. आजकल इस तरह की पीआर एक्टिविटीज बहुत होती है जहां आम लोगों को बिजूके की तरह इस्तेमाल किया जाता है ताकि भीड़ जुट सके और उनके प्रोडक्ट का शोर मास तक पहुंच जाए.

पहले इस्तेमाल करें फिर…

एक और वाकया याद आ रहा है. मुंबई की एक पीआर प्रोफशनल (जो नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मैनेजर थीं और फिल्म मांझी- द माउंटेन मैन का काम भी देख रही थीं) का फोन आया. उन्हें दिल्ली में फिल्म प्रचार इवेंट के लिए ऐसे देसी माउन्टेन मैन की जरूरत थी जिसने कुछ सामजिक सरोकार वाला अलहदा काम किया हो. एक मित्र ने राजेश शर्मा का नाम सजेस्ट किया. राजेश कई सालों से एक फ्लाई ओवर के नीचे गरीब बच्चों का स्कूल चला रहे हैं. जहां बच्चों को पढ़ाई और खाना मुफ्त में दिया जाता है. उन पर कई डाक्यूमेंट्री भी बन चुकी थीं, लिहाजा उनका नाम मैंने पीआर मोहतरमा को रिकमंड कर दिया. अब उन्होंने मुझे ही राजेश शर्मा को दिल्ली के उस होटल तक लाने की जिम्मेदारी दे दी जहां इवेंट होना था. खैर, मैं तय समय पर उन्हें लेकर पहुंचा गया लेकिन वहां जाकर पता चला की नवाज और उनकी मैनेजर अभी फ्लाईट में ही हैं. होटल की लौबी में उन सज्जन को मेरे साथ काफी इन्तजार करना पड़ा और जब फिल्म टीम आई तो एक हथौड़ा और टोपी पहनकर राजेश शर्मा को मंच से चलता कर दिया. यानी पब्लिसिटी टूल्स की तरह उनका इस्तेमाल किया और फिर दरकिनार कर दिया.

जाहिर है उन्होंने मुझसे निराशा जाहिर की और फिल्मवालों को संवेदनहीन बताते हुए इस बात की शिकायत की कि उन्हें अपने काम के बारे में ज्यादा बात करने का मौका नहीं मिला, सिर्फ फिल्म का शोर मचता रहा.

आंसुओं से भरें टीआरपी का टब

तो कुछ इस तरह से फिल्म के प्रचार में आम लोगों को पब्लिसिटी टूल्स के मानिंद इस्तेमाल किया जाता है. रियल्टी शोज में सितारा जज (करन जौहर, शिल्पा शेट्टी, किरण खेर, अनुराग बासु, मलाइका अरोड़ा, सलमान खान और अमिताभ बच्चन आदि) प्रतियोगियों से उनकी गरीबी के किस्से ग्लिसरीन लगवाकर जबरन सुनाने के लिए फोर्स करते हैं. छोटे बच्चों से 18-18 घंटे की शिफ्ट करायी जाती है. उनके पैरेंट्स को जबरन भीड़ में बिठाया जाता है और प्रोमो शूट के नाम पर ये उनके घर में तामझाम लेकर घुस जाते हैं. ताकि उनकी गरीबी और बदहाली दिखाकर उनके आंसुओं के पानी से टीआरपी का टब भरा रहे. ब्रांड एंडोर्समेंट, फिल्म क्विज, मीट द स्टार्स जैसे जुमले फेंककर कभी फिल्म के टिकट तो कोई प्रोडक्ट जबरन खरीदवाए जाते हैं और काम निकलने के बात तू कौन मैं कौन. पहले ये सितारे सिर्फ सिनेमाहौल्स तक सीमित थे तो बड़े-बूढ़े बच्चों को उस जगह से दूर रखते थे. फिल्मी मैगजींस भी तब के परिवारों में प्रतिबंधित साहित्य था. फिर टीवी आया और मनोरंजन लोगों के आंगन और ड्राइंग रूम तक पहुंच गया लेकिन जब से एडवर्टाइजिंग फैक्टर्स ने फिल्म बिजनेस को ओवरटेक किया तब से यह आम लोगों के बेडरूम में घुसने के लिए बेचैन रहते हैं.

प्राइवेसी में दखल और फैनेटिक कल्चर

अब जिस तरह से दीपवीर के पेज से खुराफाती पब्लिसिटी स्टैंड के वीडियो को रणवीर और फिल्मी दुनिया के फेमस फोटोग्राफर्स शेयर कर रहे हैं, उस से ऐसे प्रचार हथकंडों को लेकर और सितारे भी आगे आ सकते हैं. वैसे इसमें सारा दोष इनका भी नहीं है. सितारों की अंधभक्ति और उनको लेकर पागलपन ऐसा है कि सितारे भी उसे भुनाना चाहते हैं. अब उसे नवविवाहित कपल की बात कर लें जो रात को शाहरुख खान के बंगले की नेमप्लेट के आगे तस्वीर खिंचवाकर उनके घर को मंदिर बता रहे हैं. फैन्स कब फैनेटिक या ट्रोलर बन जायें और सितारे कब स्टाकर बन जाएं, कहा नहीं जा सकता.

हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि जो सितारे मैगी से लेकर अचार तक, और गद्दे से लेकर कंडोम तक बेचते-बेचते लोगों की प्राइवेसी में बिन बुलाये मेहमान की तरह टपक रहे हैं, यह गलत है. क्या दूसरे की निजता का कोई मतलब नहीं. ये वही सितारे हैं जो मीडिया को पैपराजी के लिए पानी पी पी कर कोसते हैं. लेकिन उसी मीडिया को साथ लेकर आम लोगों की जिन्दगी में अपने मुनाफे की पैपराजी करने से नहीं चूकते.

स्वस्थ रहना है तो दवाइयों को भूल, जाएं प्रकृति की गोद में

किसी भी तरह की बीमारी होते ही हम दवाइयों के पीछे हो लेते हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि कुछ बीमारियों के लिए दवाइयों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि कई बीमारियों में दवाई की जरूरत नहीं है, दवाइयों के बजाए पेड़ पौधों के बीच रहने से ये बीमारियां खुद-ब-खुद खत्म हो जाती हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रकृति और हरियाली के बीच रहने से टाइप-2 डायबिटीज, दिल की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव जैसी बीमारियों के होने की संभावना बहुत कम होती जाती है.

शोधकर्ताओं ने माना कि ऐसी बीमारी में दवाइयों पर ज्यादा आश्रित रहना अच्छी बात नहीं है.  प्रकृति के बीच रहकर भी बिना दवाई खाए बीमारी को दूर किया जा सकता है. जानकारों का मानना है कि पेड़ों में सेहत को बेहतर करने के गुण होते हैं. इनसे निकलने वाले और्गेनिक कंपाउंड में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.

स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि, प्रकृति के करीब रहने से नींद भी अच्छी आती है. हरियाली के आस पास रहने से शरीर में सेलीवरी कोर्टीसोल का स्तर कम हो जाता है. कोर्टीसोल शरीर में पाए जाने वाला हार्मोन है जिसकी वजह से तनाव होता है.

इन चीजों को खाने से होती है प्रेग्नेंसी में परेशानी, रहें सतर्क

आपकी प्रेग्नेंसी पर आपके खानपान का काफी असर पड़ता है. और ये बात केवल प्रेग्नेंसी के दौरान के खानपान की नहीं है. बल्कि लंबे समय से चली आ रही आपकी डाइट, प्रेगनेंसी पर असर डालती है. एक शोध से स्पष्ट हुआ है कि जो महिलाएं जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं वो देर से प्रेग्नेंट होती हैं. इसमें ये भी स्पष्ट हुआ कि जो महिलाएं सप्ताह में तीन या चार बार या इससे भी अधिक फास्ट फूड खाती हैं, उनको कम फास्टफूड खाने वाली महिलाओं की अपेक्षा, प्रेग्नेंट होने में एक महीना अधिक वक्त लगता है.

औस्ट्रेलिया में हुए इस शोध के मुताबिक जो महिलाएं हेल्दी फूड खाती हैं वो ज्यादा फिट होती हैं. उन महिलाओं के समय पर गर्भवती होने की संभावना ज्यादा रहती है. सेहतमंद खानपान से महिलाओं की फर्टिलिटी में सुधार होता है.

इस शोध में करीब 5,500 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया था. इनमें जिन महिलाओं ने ज्यादा फास्टफूड का सेवन किया है उन्हें प्रेग्नेंट होने में ज्यादा समय लगा.

आपको बता दें कि जिन खाद्य पदार्थों में ज़िंक और फोलिक एसिड की मात्रा प्रचुर होती है उनके सेवन से गर्भधारण की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. हरे पत्तेदार सब्जियों, मछली, बीन्स और नट्स में गर्भावस्था के लिहाज से फायदेमंद तत्व पाए जाते हैं.

क्रिसमस स्पेशल : ब्लू‍ आईशैडो से आंखों को दें आकर्षक लुक

क्रिसमस आने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. अगर आप भी क्रिसमस पार्टी में खुद को आकर्षक लुक देना चहती हैं तो आंखो के मेकअप पर खास ध्यान दें. ऐसा इसलिए क्योंकि आंखों का मेकअप आपके फेस की सुंदरता पर चारचांद लगा देता है. आंखों के मेकअप में आईशैडो है. यह आंखों को डाइमेंशन देता है और उनकी खूबसूरती को निखारता है.

आपको अपनी आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए कई रंगों के आईशैडो मिल जाएंगे लेकिन नीला यानि ब्‍लू आईशैडो ऐसा है जो इन दिनों खूब ट्रेंड में चल रहा है. आज इस खबर में हम आपको आईशैडो लगाने के लिए कई तरह के नियम बताने जा रहे हैं. इसे अपनाने के बाद आप भी अपनी आंखों को बोल्‍ड और ग्‍लैमरस लुक दे सकती हैं और सबका ध्‍यान अपनी ओर खींच सकती हैं.

आंखो का मेकअप और आईशैडो लगाने के टिप्‍स

आई क्रीम

थोड़ी सी आई क्रीम लें और उसे आंखों के आसपास की त्‍वचा पर लगाएं. इसे उंगलियों की मदद से फैलाएं. आई क्रीम लगाने से त्‍वचा अच्‍छी तरह से मौइश्‍चराइज और हाइड्रेट हो जाती है.

कंसीलर भी है जरूरी

कंसीलर मेकअप में बहुत जरूरी होता है क्‍योंकि ये चेहरे को निखार कर डार्क सर्किल को छिपा देता है और आंखों के आसपास की त्‍वचा के रंग को भी साफ करता है. कंसीलर कंसीलिंग के अलावा आईशैडो और अन्‍य आई मेकअप आइटम के लिए बेस तैयार करता है.

काजल लगाएं

आंखों पर काजल लगाना परफेक्‍ट आईशैडो लगाने का अगला स्‍टेप है. एक काजल लें जोकि क्रीमी टेक्‍सचर का हो और लंबे समय तक चल सके. आंखों के बाहरी और अंदरूनी कोनों पर काजल लगाएं. दोनों को किनारे पर लाकर मिला दें. डिफ्यूज आई लुक

आई लिड पर ब्‍लू आईशैडो लगाएं

आईशैडो ब्रश को मेटालिक ब्‍लू आईशैडो में डुबोएं और आईलिड पर आराम से लगाएं. इसके बाद हल्‍का सा ब्राउन आईशैडो लगाएं. इससे आपकी आंखों को परफेक्‍ट लुक मिलेगा.

ऐसे बड़ी दिखेंगी आंखें

आंखों को दोनों तरफ से हाइलाइट और ब्राइट करने से आपकी आंखे खूबसूरत और बड़ी दिखाई देंगी. इसके लिए ब्‍लैक आईशैडो सबसे बेस्‍ट रहता है. ब्‍लैक आईशैडो लगाएं और उसे ब्रश से ब्‍लेंड करें.

फाइनल टच

आई मेकअप को फाइनल टच देने के लिए आप मस्‍कारा भी आईलैशेज पर लगा सकती हैं. बोल्‍ड लुक के लिए आप आईलैश कर्लर का इस्‍तेमाल भी कर सकती हैं. एक बढ़िया स्‍मज फ्री काजल अपनी आंखों की वाटर लाइन पर लगाएं.

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