ब्रेकअप के बाद टूटीं नेहा कक्कड़, सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

बौलीवुड सिंगर नेहा कक्कड़ और एक्टर हिमांश कोहली के अफेयर की चर्चा पूरे बौलीवुड के गलियारों में चल रही थी. इंडियन आइडल के मंच पर हिमांश कोहली ने नेहा कक्कड़ को सरप्राइज दिया था जिसके बाद दोनों ने रोमांटिक तरीके से एक दूसरे के लिए अपना प्यार कबूला था. लेकिन अब खबरें आ रही है कि कपल का ब्रेकअप हो गया है.

बता दें कि कुछ दिनों पहले खबरें आई थी कि नेहा और हिमांश के बीच अनबन हो गई है लेकिन फिर हिमांश ने इंस्टा पर माफी मांग ली थी और सब ठीक हो गया था. लेकिन फिर से किसी बात पर दोनों के बीच चीजें इतनी बढ़ गई कि बात ब्रेकअप तक पहुंच गई. बता दें नेहा और हिमांश ने अपने ब्रेकअप को कुछ दिन पहले इंस्टाग्राम पर औफिशियल किया था और दोनों ने अब एक दूसरे को अनफौलो भी कर दिया है. इसके साथ ही नेहा ने हिमांश के साथ शेयर की गई लगभग सभी तस्वीरों को डिलीट कर दिया है. वहीं हिमांश ने अभी तक कुछ भी ऐसा नहीं किया है.

दिसंबर 12 को नेहा कक्कड़ ने अपनी इंस्टा स्टोरी में लिखा,”मुझे नहीं पता था कि इस दुनिया में इतने बुरे लोग भी हैं. खैर,सब कुछ गंवा के होश में अब आए तो क्या किया. मैं जानती हूं कि मैं एक सेलेब हूं और मुझे ये सब नहीं लिखना चाहिए लेकिन मैं एक इंसान भी हूं और आज मैं भी टूट गई हूं. इसलिए अपनी फीलिंग्स पर कंट्रोल नहीं कर पा रही हूं. मैंने अपना सब कुछ दिया और बदले में क्या मिला वो मैं शेयर भी नहीं कर सकती कि क्या मिला.”

इसके आगे नेहा ने लिखा, “मुझे पता है कि लोग अब मुझे जज करने लग जाएंगे. कुछ लोग तो ऐसा भी कहेंगे जो मैंने किया भी नहीं है लेकिन कोई नहीं. अब मुझे सहने और सुनने की आदत हो गई है. पता है हम सेलिब्रिटीज के दो चेहरे होते हैं एक पर्सनल और एक प्रोफेशनल. पर्सनल लाइफ जितनी भी खराब चल रही हो हमें आप प्रोफेशनल लाइफ में हंसते हुए ही पाएंगे.”

स्नोफौल के साथ लें रोमांच का मजा

जम्मू के उधमपुर जिले में स्थित पट्नीटौप हमारे देश के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन्स में से एक हैं. श्रीनगर जाने वाले नैशनल हाइवे का यह सबसे ऊंचा पौइंट भी है. लोअर हिमालय के शिवालिक रेंज के ऊपरी क्षेत्र में पट्नीटौप फैला हुआ है. चिनाब नदी इसके बगल से ही गुजरती है. गर्मी और सर्दी में इसके लैंडस्केप में काफी बदलाव आ जाता है. बड़ी झीलें, हरी-भरी घासें सर्दी के मौसम में सफेद चादर में बदल जाती हैं. इस हिल स्टेशन का स्नोफौल बेहद खूबसूरत और खास होता है.

नाथाटौप, पट्नीटौप की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है. यह 7000 फीट ऊंचा है. यहां से दिल को खुश कर देने वाले बर्फ से ढ़के खूबसूरत पहाड़ों को आप देख सकती हैं. यहां के बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच आप पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग और ट्रेकिंग का आनंद ले सकती हैं.

पट्नीटौप से 20 किमी. दूर सनासर लेक है, जिसका नाम दो गांवों सना और सर के नाम पर पड़ा. इसके आसपास खूबसूरत पहाड़ और घने जंगल हैं जो आंखों को काफी ठंडक पहुंचाते हैं. यहां भी आप रौक क्लाइम्बिंग, पैराग्लाइडिंग और हौट एयर बलून का मजा ले सकती हैं.

लिविंग रूम की सजावट के उपाय

लिविंग रूम आपके घर का सबसे मुख्य भाग होता है. यह वह जगह होती है जहां आपके घर के सारे परिवार एक साथ अपना समय बिताते हैं. इस रूम को आरामदायक बनाने के साथ-साथ इसकी सजावट भी आवश्यक है. तो चलिए बताते हैं, लिविंग रूम की सजावट आप कैसे कर सकती हैं.

–   यदि आपका लिविंग रूम छोटा है तो आप इसमें मिरर लगाकर इसे बड़ा दिखाने में सफल हो सकती  हैं. परन्तु पुराने प्लेन मिरर की जगह अच्छी फ्रेम वाला और विभिन्न रंगों वाला मिरर लगायें. यदि आपके घर में पुराना मिरर है तो आप अपने पसंदीदा रंग से इसे रंग सकती हैं.

–    यदि आप अपने लिविंग रूम को पूरी तरह बदलना चाहते हैं तो आपको स्टोन वाल लगवाने के बारे में अवश्य सोचना चाहिए. इससे न केवल पूरे रूम को एक ग्रामीण और प्राचीन लुक मिलेगा बल्कि आपके बच्चे भी अधिक आराम महसूस करेंगे.

–  टेक्सचर का उपयोग करें. जहां रंग आपके लिविंग रूम को मज़ेदार बनाते हैं वहीं टेक्सचर का उपयोग करना भी एक अच्छा विकल्प है. लिविंग रूम में कालीन बिछाने से भी लिविंग रूम में नयापन आ जाता है.

–  नियान लाइटिंग का उपयोग करें यदि टेक्सचर या चमकीले रंग आपको प्रभावी नहीं लगते तो आप अपने लिविंग रूम में नियान लाइट्स का उपयोग कर सकती हैं और निश्चित रूप से आप निराश नहीं होंगी.

जल्दी ही बाजार में आने वाले हैं 100 के सिक्के, जानिए क्या है खास

नोटबंदी के बाद देश की करेंसी में बड़े बदलाव किए गए. 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध के बाद 2000, 10, 50,100 के नए नोटों को बाजार में लाया गया. इसके बाद सरकार फिर से एक बड़ा बदलाव करने वाली है. खबरों की माने तो सरकार जल्दी दी 100 रुपये का नया सिक्का ला रही है. अधिकारियों ने बताया कि सिक्के के एक सिरे पर अटलजी के नाम के साथ उनका चित्र होगा. नाम अंग्रेजी और देवनागरी में लिखा होगा. तस्वीर के नीचे अटलजी के जन्म का साल 1924 और मृत्यु का साल 2018 लिखा होगा.

इस खबर में हम आपको इसकी कुछ खासियत के बारे में बताएंगे.

  • सिक्के के एक ओर पर अशोक स्तंभ का निशान होगा.
  • अशोक स्तंभ के ठीक नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते लिखा होगा.
  • इस सिरे पर नीचे एक तरफ देवनागरी में भारत लिखा होगा औरदूसरी ओर अंग्रेजी में इंडिया लिखा होगा.
  • अशोक स्तंभ के नीचे रुपए का निशान और उसकी कीमत 100 अंकित होगी.

आप की निजी जिंदगी को नुकसान पहुंचा रहा है ‘फोन मेनिया’

क्या आप पूरे दिन में 15-16 घंटे फोन के साथ बिताते हैं? क्या आप सुबह होते ही व्हाट्सऐप या फेसबुक चैक करने लग जाते हैं? अकसर आप को अपने फोन की घंटी बजती हुई सुनाई पड़ती है, लेकिन जब आप फोन चैक करते हैं तो ऐसा कुछ भी नहीं होता. अगर आप की ऐसी आदत है तो उसे जल्द से जल्द बदल लीजिए, क्योंकि अगर आप इसी तरह सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर समय बिताते रहे तो आप गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. मसलन, अगर आप फेसबुक, ट्विटर या व्हाट्सऐप पर सारा दिन समय खराब करते हैं, तो आप को डिप्रैशन, बैक प्रौब्लम, आंखों में परेशानी की समस्या से जूझना पड़ सकता है.

आइए, आप को सोशल नैटवर्किंग के फायदे और नुकसान से रूबरू करवाते हैं. शुरुआत फायदे से करते हैं:

हर चीज आसान

फेसबुक हो या फिर व्हाट्सऐप इस ने लोगों को एकदूसरे के काफी करीब ला दिया है. अगर आप का कोई दोस्त या फिर रिश्तेदार सात समंदर पार रहता है तो आप फेसबुक या फिर दूसरे नैटवर्किंग साइट्स के जरीए उस से बातचीत कर सकते हैं, हालचाल पूछ सकते हैं. आप फ्री में विदेश में रहने वालों से बात करते हैं. जरा याद कीजिए वह समय जब विदेश में रहने वाले किसी रिश्तेदार से आप को बात करने के लिए 40 से 50 रुपए प्रति मिनट खर्च करने पड़ते थे. लेकिन अब सोशल नैटवर्किंग से हर चीज आसान हो गई है.

बिजनैस का अड्डा हैं नैटवर्किंग साइट्स

आजकल यह ट्रैंड काफी देखने को मिल रहा है. बिजनैसमैन अपने प्रोडक्ट की डिटेल फेसबुक पर डाल देते हैं या फेसबुक पर अपना पेज बना लेते हैं. अगर किसी को प्रोडक्ट पसंद आता है तो वह उसे खरीद लेता है, जिस का फायदा बिजनैसमैन को मिलता है. अगर सोशल नैटवर्किंग साइट्स को यूज सोचसमझ कर अपने फायदे के लिए किया जाए तो इस से काफी प्रौफिट भी हो सकता है. बड़ीबड़ी कंपनियां आजकल फेसबुक या फिर ट्विटर पर ऐड के जरीए काफी पैसा कमा रही हैं.

जानकारी साझा करने का बेहतर प्लेटफौर्म

अगर आप किसी तरह की जानकारी या फिर कोई बात लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं तो सोशल नैटवर्किंग आप के लिए बेहतर प्लेटफौर्म हो सकता है. आजकल लोग किसी तरह की परेशानी या फिर कोई बात लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं तो सोशल नैटवर्किंग साइट पर डाल देते हैं, जिस से बात तुरंत जंगल की आग की तरह फैल जाती है और उन्हें लोगों से तुरंत प्रतिक्रियाएं भी मिल जाती हैं.

सिर्फ फायदों से भरपूर नहीं हैं नैटवर्किंग साइट्स. इन के कुछ नुकसान भी हैं. आइए, अब आप को सोशल नैटवर्किंग साइट्स से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताते हैं.

नहीं रह जाती कोई प्राइवेसी

अकसर लोग सुबह उठते ही फोन का चेहरा देखते हैं. दिन भर फोन पर बतियाने के बावजूद रात को भी फोन पर लगे रहते हैं. कभी फेसबुक चैक करते हैं तो कभी व्हाट्सऐप. सोशल नैटवर्किंग साइट पर कभी स्टेटस डालते हैं तो कभी अपनी कोई जानकारी अथवा फोटो, जिस से सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर हमारी कोई प्राइवेसी नहीं रह जाती. कोई भी, कभी भी हमारे बारे में सर्च कर सकता है. जैसे, हम क्या करते हैं? कहां रहते हैं? कौनकौन हमारे करीब है? क्या यह सही है? खुद सोचिए और तय कीजिए, क्या नैटवर्किंग साइट्स पर इतनी जानकारी डालना उचित है?

बीमारियों को न्योता

एक रिसर्च के मुताबिक सोशल नैटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करने वाले कम से कम 16-17 घंटे उसी में बिताते हैं. रात के अंधेरे में फोन पर चैट करते हैं. हर वक्त औनलाइन रहते हैं. कम से कम हर 10-15 मिनट में अपना फोन बारबार चैक करते रहते हैं, जिस से आंखें खराब हो सकती हैं. अंधेरे में जब फोन का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे देखने की क्षमता कम हो जाती है. पूरा दिन सिस्टम पर फेसबुक खोल कर बैठे रहने या स्काइप पर वीडियो चैट करते रहने से रीढ़ की हड्डी पर फर्क पड़ता है. लगातार फोन का इस्तेमाल कर के डिप्रैशन के शिकार भी हो सकते हैं.

वक्त की बरबादी

कई बार हम अपना जरूरी काम छोड़ कर फोन पर मैसेज चैक करने लग जाते हैं. मैसेज चैक करतेकरते कब लंबी चैट हो जाती है, इस का पता भी नहीं चलता. इस से सिर्फ वक्त की बरबादी होती है. लिहाजा फोन को कम वक्त दें.

बिगड़ रहे हैं बच्चे

पहले बच्चे दादादादी के साथ वक्त गुजारते थे. अपने फ्रैंड्स के साथ शाम को खेलते थे. लेकिन अब बच्चे अपने में सिमट रहे हैं. उन के पास किसी के लिए वक्त ही नहीं है. इस की सब से बड़ी वजह है मांबाप, जो वक्त से पहले ही बच्चे को सारी चीजें मुहैया करा देते हैं.

लैपटौप, महंगे फोन मिलने से बच्चे पूरा दिन उन्हीं में लगे रहते हैं. फोन या लैपटौप पर पोर्न मूवीज देखने लगते हैं, जिस के दुष्परिणाम जल्द ही मांबाप के सामने आने लगते हैं.

कैसे करें सही इस्तेमाल

– कम से कम करें फोन इस्तेमाल.

– हर वक्त न रहें औन लाइन.

– पहले जरूरी काम निबटाएं.

– अपनों को वक्त दें, बजाय काल्पनिक दोस्तों के साथ बतियाने में समय बरबाद करने के.

– हर चीज फेसबुक पर न डालें.

– निजी चीजों को सोशल नैटवर्किंग साइट से दूर ही रखें.

– बारबार फोन चैक न करें.

क्या बेहतर सुरक्षा पति से ही

हमारा समाज सदियों से पुरुषप्रधान रहा है. इस प्रधानता की देन के लिए केवल समाज ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि कुदरत ने भी औरत की शारीरिक संरचना ऐसी की है कि वह पुरुष की अपेक्षाकृत कमजोर है. अत: यह स्पष्ट है कि स्त्री को सुरक्षा के लिए पुरुष के सहारे की आवश्यकता है और बेहतर संरक्षक ही सुरक्षा दे सकता है, इसलिए पुरुष का स्त्री से हर क्षेत्र में बेहतर होना आवश्यक है, यह सर्वविदित है. लेकिन पुरुष कई बार संरक्षक के स्थान पर भक्षक का रूप भी ले लेता है. यह बात दीगर है कि उस के लिए खास तरह के व्यायाम कर के या ट्रेनिंग ले कर उस से औरत मुकाबला कर सकती है, लेकिन यह अपवाद है. इसीलिए पैदा होने के बाद पहले पिता के, फिर भाई के, फिर पति के और बुढ़ापे में बेटे के संरक्षण में रह कर वह स्वयं को सुरक्षित रखती है.

स्त्री पुरुष पर निर्भर क्यों

अब प्रश्न उठता है कि क्या केवल शारीरिक सुरक्षा के लिए ही स्त्री पुरुष पर निर्भर करती है? नहीं. आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. पहले जमाने में बालविवाह का प्रावधान था ताकि लड़की ससुराल के नए परिवेश में अपनेआप को आसानी से ढाल सके. लड़कियों को शिक्षित नहीं किया जाता था. तब वे आर्थिक दृष्टि से पूर्णरूप से पुरुषों पर निर्भर रहती थीं. समाज में विवाह के पहले औरत की पहचान पिता के नाम से होती थी, विवाह के बाद पति के नाम से. उस का अपना तो जैसे कोई वजूद ही नहीं था.

जिस लड़की के विवाह के पहले पिता या भाई नहीं होता था, वह अपनेआप को बहुत असुरक्षित महसूस करती थी. यहां तक कि परिणामस्वरूप आर्थिक अभाव के कारण उस के विवाह में भी अड़चनें आती थीं. विवाह के बाद भी यदि किसी कारणवश उस के पति की मृत्यु हो जाती थी या उस के द्वारा त्याग दी जाती थी, तो उस का पूरा जीवन ही अभिशप्त हो कर रह जाता था. जैसे उसी ने कोई अपराध किया हो. उस को पुन: विवाह की भी अनुमति नहीं थी. समाज में वह मनहूस के विशेषण से नवाजी जाती थी. वह किसी भी सामाजिकमांगलिक कार्य का हिस्सा नहीं बन सकती थी. उस के पूरे कार्यकलाप के लिए सीमा रेखा खींच कर उसे प्रतिबंधित कर दिया जाता था. उसे जीवन नए सिरे से आरंभ करना पड़ता था.

उसे पुरुषों की लोलुप नजरों का शिकार हो कर जनता की संपत्ति बनते देर नहीं लगती थी. इसी प्रकार बिना पति के पत्नी का जीवन बिना पतवार के नाव के समान होता था. आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर न होने के कारण उसे परिवार वालों की दया का पात्र बन कर जीवनयापन करना पड़ता था. पुरुष जैसे उस के शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक और किसी हद तक मानसिक सुरक्षा की बीमा पौलिसी था.

क्या पुरुष सुरक्षा देने में सक्षम

पहले जमाने में हर दृष्टि से स्त्री अबला थी, इसलिए उम्र के हर पड़ाव में उसे पुरुष के संरक्षण की आवश्यकता पड़ती थी और उस के विवाह के समय हर माने में उस के अपेक्षाकृत उस से श्रेष्ठ पुरुष को ढूंढ़ा जाता था, जैसेकि उम्र में, कदकाठी में, शिक्षा में तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर ताकि वह अपनी पत्नी को हर प्रकार की सुरक्षा प्रदान कर सके. लेकिन क्या इतना ध्यान रखने के बाद भी वास्तव में उसे अपने पति से सुरक्षा मिलती थी? नहीं. वह मात्र बच्चे पैदा करने वाली और घरेलू कार्य करने वाली मशीन बन कर रह जाती थी. उसे परिवार द्वारा प्रताडि़त किए जाने पर भी उस का पति आज्ञाकारी पुत्र की तरह मूकदर्शक ही बना रहता था. आर्थिक दृष्टि से भी आत्मनिर्भर होने के बावजूद वह पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों और रीतिरिवाजों के भंवरजाल में फंस कर अपने मन की कुछ भी नहीं कर पाता था तो पत्नी को क्या आर्थिक सुरक्षा देता?

रहा सवाल शारीरिक संरक्षण का तो वह पत्नी की इच्छा के विरुद्ध अपनी वासना की पूर्ति के लिए उस का बलात्कार कर के स्वयं ही रक्षक से भक्षक बन जाता है, तो औरों से सुरक्षित रखने की उस से क्या उम्मीद की जा सकती है?

बदल गया समय

अब समय बदल गया है. महिलाएं पढ़लिख कर आत्मनिर्भर और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो गई हैं. अब उन्हें अपनी पहचान के लिए किसी की पीठ के पीछे खड़े होने की आवश्यकता नहीं है. हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रही हैं और समाज में प्रतिष्ठित हो रही हैं. इस का सब से अधिक श्रेय उन की आर्थिक आत्मनिर्भरता को जाता है. इस से उन के अंदर आत्मविश्वास पैदा हुआ है और वे अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम हो गई हैं.

पति के सरनेम के साथ अपने विवाह पूर्व सरनेम को अपने नाम के साथ साधिकार जोड़ने लगी हैं. किसी भी दस्तावेज में पिता, पति के नाम के साथ मां और पत्नी का नाम भी मान्य होने लगा है. पैतृक संपत्ति में बेटी को भी बेटे के बराबर अधिकार मिलने लगा है. परित्यक्ताओं या विधवाओं की स्थिति भी आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत सुधरी है. वे आत्मनिर्भर होने के कारण किसी की दया की पात्र न हो कर स्वाभिमान से जीवनयापन करती हैं और उन्हें संपत्ति से भी हिस्सा मिलता है. और तो और, पुन: विवाह कर के समाज के द्वारा उन के लिए बनाई गई वर्जनाओं और कुरीतियों की धज्जियां उड़ाने में भी वे सक्षम हैं.

तो क्या आज के संदर्भ में जब पत्नी आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर है, जागरूक है, उस की सुरक्षा के लिए बेहतर पति की अपेक्षा करने की आवश्यकता नहीं है? है. जिस रफ्तार से पत्नियों की दशा में सुधार हो रहा है, उस की तुलना में समाज की उन के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया में बहुत धीमी गति से सुधार हो रहा है. वह अभी भी हर क्षेत्र में पत्नियों को पति से कमतर आंकने में ही संतुष्ट है.

समाज का रोड़ा

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इसलिए समाज के नियमों के विरुद्ध जा कर स्थिति को संभालने की क्षमता बहुत कम लोगों में होती है. दूसरा पति का अहम भी है, जो उसे घुट्टी में पिलाया जाता है. फिर कुछ कुदरत ने भी उस की संरचना में योगदान दिया है, जो पत्नी को उस से आगे बढ़ने में रोड़े अटकाने का काम करती है. इस का बहुत अच्छा उदाहरण अमिताभ बच्चन की मूवी ‘अभिमान’ है.

लड़का लड़की से उम्र में बड़ा हो, लंबा हो, शारीरिक संरचना से भी बड़ा दिखाई दे, अधिक कमाऊ हो, हर क्षेत्र में पत्नी से बेहतर हो, इस के पीछे भी उस की पत्नी को शाशित करने की मानसिकता ही है. पति की अहम संतुष्टि के लिए तथा सामाजिक दृष्टिकोण से भी छोटी पत्नी पति के वर्चस्व के साथ आसानी से तालमेल बैठा सकती है. वैवाहिक जीवन को सफल बनाने के लिए यह आवश्यक सा हो गया है.

अधिकतर लड़कियां आज भी अपने से बेहतर पति की कामना करती हैं और ऐसे पति के साथ ही अपनेआप को सुरक्षित समझती हैं. उन के नाम से अपनी पहचान बता कर स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करती हैं.

सब से ताजा खबर है कि पुरुषप्रधान लड़ाकू बेड़े में महिलाओं ने भी अपना स्थान बना लिया है. किसी भी क्षेत्र में स्त्री पुरुष से पीछे नहीं है, लेकिन हर स्त्री की सफलता के पीछे किसी न किसी पुरुष का संरक्षण है. विवाह के लिए समाज के द्वारा बनाए गए मानदंड भी अब लचीले हो रहे हैं. पतिपत्नी में आपसी समझ हो तो किसी नियमकानून को मानना आवश्यक नहीं है.

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‘नायरा’ के शादी के जोड़े में लगेगी आग तो ‘वेदिका’ पर फूटेगा ‘दादी’ का गुस्सा

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘वेदिका’ की ‘कार्तिक-नायरा’ के लिए नफरत कम होने का नाम ही नही ले रही है. जहां एक तरफ ‘वेदिका’ ने अपने एक्स हस्बैंड के साथ हाथ मिला लिया है तो वहीं वह गोयनका हाउस में भी एंट्री लेने वाली है, जिसके बाद वह अब ‘वेदिका’ ने ‘कार्तिक-नायरा’ की जिंदगी में जहर घोलने की तैयारी शुरू कर दी है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा ‘वेदिका’ का अगला कदम…

एक्स हस्बैंड को जेल से बाहर निकाल चुकी है ‘वेदिका’

पिछले एपिसोड में आपने देखा कि ‘अक्षत’ जेल से बाहर आ चुका है और उसने ‘कार्तिक’ को धमकी दी है कि वो ‘वेदिका’ को नुकसान पहुंचाएगा. ‘अक्षत’ की धमकी के बाद ‘कार्तिक और नायरा’ वेदिका को घर लाने का फैसला करते हैं. ये सब दोनों की सगाई वाले दिन होता है.

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घर में दोबारा हुई ‘वेदिका’ की एंट्री

‘नायरा-कार्तिक’ की लाइफ में दोबारा ‘वेदिका’ की एंट्री हो चुकी है, लेकिन ‘दादी’ इस बात से खुश नहीं है. उन्हें लगता है कि ‘वेदिका’ की वजह से ‘नायरा-कार्तिक’ की शादी में दिक्कत हो सकती है. इसलिए वो परेशान हैं, लेकिन ‘नायरा-कार्तिक’ को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.

‘नायरा’ के लहंगे में लगेगी आग

सोमवार के एपिसोड में आप देखेंगे कि सभी लोग संगीत की तैयारियों में बिजी हैं. इसी बीच ‘नायरा’ के शादी के जोड़े में आग लग जाएगी, जिससे ‘वेदिका’ अपने हाथ से बुझाने की कोशिश करेगी. इसी बीच ‘दादी’, ‘वेदिका’ को देख लेंगी और उन्हें लगेगा कि वेदिका ने जानबूझकर लहंगे में आग लगाई है.

‘वेदिका’ पर फूटेगा दादी का गुस्सा

पहले से परेशान ‘दादी’ इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी और सबके सामने ‘वेदिका’ पर चिल्लाएंगी कि उसने ऐसा क्यों किया. वहीं ‘नायरा और कार्तिक’ इस बात से शॉक्ड हो जाएंगे.

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आने वाले एपिसोड्स में आप देखेंगे कि ‘अक्षत-वेदिका’ कैसे ‘नायरा और कार्तिक’ को परेशान करेंगे और उनकी शादी रोकने की कोशिश करेगा. अब देखना है कि ‘कार्तिक-नायरा’ इन सभी मुश्किलों को कैसे पार करेंगे. क्या दोनों की शादी हो पाएगी या फिर दोनों फिर दूर हो जाएंगे.

बेहद 2 : ‘माया’ के जाल में फंसेगा रुद्र, जानें क्या होगा शो में आने वाला नया ट्विस्ट

सोनी टीवी का सीरियल ‘बेहद 2’ शुरू हो गया है, इसी के साथ शो के कैरेक्टर ने भी फैंस के बीच जगह बनाना शुरू कर दिया है. ‘माया’ के रोल में जेनिफर विंगेट फैंस को काफी पसंद आ रही हैं. वहीं शो में जल्द ही आने वाले नए ट्विस्ट एंड टर्न्स फैंस को शो देखने पर मजबूर करने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा बेहद में अपकमिंग ट्विस्ट…

‘रुद्र’ को मनाने में ‘माया’ हुई कामयाब

शो में अब तक आपने देखा कि ‘माया’ ने उसकी कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने के लिए ‘रुद्र’ को मना लिया है. ताकि वह ‘रुद्र’ को अपना मोहरा बना सके. जहां एक तरफ ‘रुद्र’ ‘माया’ की जगह ‘अनन्या’ के साथ समय बिता रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘माया’ ‘रुद्र’ के भाई को भी अपने प्यार के जाल में फंसाने में कामयाब हो गई है. ‘रुद्र’ के भाई ने ‘माया’ के सामने अपने प्यार का इजहार तक कर दिया है.

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‘माया’ को बचाने के लिए ‘रुद्र’ आएगा आगे

सीरियल बेहद के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि, ‘माया’ ‘रुद्र’ की जिंदगी में जबरदस्त धमाका करने के लिए अपने घर पर मीडिया को बुला लेगी. वहीं जब ‘अनन्या’ को पता चलेगा कि, पूरी मीडिया ‘माया’ से मिलने के लिए लाइन लगाए हुए है. चो वह ये बात ‘रुद्र’ को बताएगी, जिसके चलते ‘रुद्र’ ‘माया’ को बचाने के लिए जाएगा. साथ ही कोशिश करेगा कि ‘माया’ मीडिया से न मिल पाए.

‘माया’ के जाल में फंसेगा रुद्र

‘रुद्र’ के ‘माया’ को बचाने के बाद ‘माया’ को इस बात का यकीन हो जाएगा कि, ‘रुद्र’ अब उसके जाल में फंसने लग गया है।.वहीं दूसरी तरफ ये सोचता हुआ नजर आएगा कि उसने ‘माया’ की मदद क्यों की.

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बता दें, ‘बेहद’ सीरियल की पिछला सीजन काफी पौपुलर हुआ था, जिसमें जेनिफर विंगेट का नेगेटिव रोल फैंस को काफी पसंद आया था. अब देखना ये है कि क्या ये सीजन फैंस को एंटरटेन करने में कामयाब हो जाएगा.

लिपस्टिक गेम चेंजर

आमतौर पर हम फेस मेकअप पर ध्यान देते हैं और लिपस्टिक को इग्नोर कर देते हैं जिस से चेहरे पर वो रौनक व ग्लो नहीं आ पाती जो आनी चाहिए थी. जबकि लिपस्टिक का मेकअप में महत्त्वपूर्ण रोल होता है. सिंपल लिपस्टिक भी पूरे चेहरे की रंगत बदल कर रख देती है. तो ऐसे में जरूरी है कि मेकअप को फाइनल टच दें लिपस्टिक से.

मेकअप ऐक्सपर्ट भी मानते हैं कि लिपस्टिक गेम चेंजर की तरह होती है. भले ही हम इसे आखिर में लगाते हैं लेकिन यह सब से महत्तवपूर्ण व जरूरी स्टेप होता है, जो पूरे चेहरे की रंगत को बदलने का काम करता है.

आजकल मार्केट में ढेरों लिपस्टिक की वैराइटी हैं जो चेहरे पर अलगअलग इफैक्ट डालती हैं. इसलिए यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपनी लाइकिंग व फिनिशिंग के हिसाब से कौन सी लिपस्टिक यूज करना चाहती हैं.

लिपस्टिक के टाइप

मैट लिपस्टिक, टिके लंबे समय तक: मैट लिपस्टिक अलग ही प्रभाव डालती है. खासकर इस का मैट फिनिश वैलवटी टैक्स्चर व बेहतर कलर आउटपुट महिलाओं को काफी पसंद आता है.

यह लिपस्टिक खास कर पिगमैनटिड लिप्स के लिए काफी बैस्ट है. इस के लिए नायका बताता है कि आप नायका सो मैट लिपस्टिक कलैक्शन का यूज कर सकती हैं.

लिप क्रीम दे ऐक्स्ट्रा मौइश्चर: कई बार मौसम में आए बदलाव के कारण हमारे लिप्स ड्राई हो जाते हैं जिस के लिए जरूरत है लिप्स को मौइश्चर प्रदान करने की और उस के लिए लिप्स क्रीम से बैस्ट कुछ नहीं. क्योंकि उस में वैक्स व हाई औयल कंटैंट होने के कारण ये लिप्स को ऐक्स्ट्रा मौइश्चर प्रदान करने का काम करते हैं. इसे आप रोजाना लगा कर काफी अच्छा फील कर सकती हैं.

इस के लिए नायका का सुझाव है कि आप शुगर नेवर से ड्राई क्रीम लिपस्टिक का यूज करें.

लिप क्रेयोन से पाएं स्मूद टच: मेकअप प्रोडक्ट्स किसे पसंद नहीं होते. ऐसे में लिप क्रेयोन काफी अच्छे रहते हैं क्योंकि एक तो स्मूद फिनिश के साथ इन का टैक्स्चर बहुत सौफ्ट होता है वहीं आप इन्हें लिप लाइनर के तौर पर या फिर लिप्स को कलर करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

इस के लिए नायका का सुझाव है कि आप लेक्मे एनरिच लिप क्रेयोन का इस्तेमाल कर सकती हैं.

लिप ग्लोस से पाएं ग्लोसी लिप्स: ग्लोसी लिप्स जहां दिखने में अच्छे लगते हैं वहीं उन का आउटफिट्स के ग्रेस को बढ़ाने में भी अहम रोल होता है. आजकल लिपस्टिक में लिप ग्लोस डिमांड पर हैं क्योंकि इस से जहां पतले व छोटे लिप्स सही आकार में नजर आते हैं वहीं ड्राई लिप्स की ड्राईनैस भी दूर होती है. क्योंकि इस में मौइश्चर बहुत ज्यादा होता है. साथ ही इस की सेमी शीर फिनिश ग्लोस के लुक को और अधिक बढ़ा देती है.

इस के लिए नायका बताता है कि आप वैट एन वाइल्ड मैगरस्टिक्स लिप ग्लौस का यूज करें.

लिक्विड लिपस्टिक टिके लंबे समय तक: यह अपने टैक्स्चर में ग्लोसी होने के साथ लगाने के बाद आप को मैट या सेमी मैट फिनिश देगा और लंबे समय तक टिका भी रहेगा.

इस के लिए नायका का सुझाव है कि आप नायका मैट टू लास्ट लिक्विड लिपस्टिक  लगाएं.

लिप स्टेन: यह लिक्विड व जैल फौर्म में होता है, जो जल्दी सूखने के साथ लंबे समय तक टिका रहता है.

इस के लिए नायका का सुझाव है कि आप कलरबार किस पू्रफ स्टेन का इस्तेमाल कर सकती हैं.

लिप लाइनर से दें परफैक्ट शेप: आमतौर पर हम लिप लाइनर को लिपस्टिक व ग्लोस को परफैक्टली शेप देने के लिए यूज करते हैं. न्यू ऐज के मेकअप लवर्स लिप लाइनर को टू इन वन यानी लिप्स को आउटलाइन करने के साथ उन्हें फिल करने के लिए भी यूज करते हैं.

इस के लिए नायका का कहना है कि आप मिस क्लेयर ट्रू कलर कंटोलर वाटरपू्रफ लिप लाइनर का यूज करें.

लिपस्टिक लगाने का राइट वेकई बार हम अच्छे से अच्छा शैड खरीदते हैं लेकिन फिर भी वो लिप्स पर वो गेटअप नहीं ला पाते जो लानी चाहिए थी.

ऐसे में सही तरीके से लिपस्टिक लगाने की जरूरत है. इस के लिए इन बातों को जरूर अपनाएं.

  • जिस तरह चेहरे के लिए ऐक्स्फोलीऐशन जरूरी है ताकि डैड स्किन सैल्स रिमूव हो सके उसी तरह लिप्स के लिए भी ताकि लिप्स सौफ्ट नजर आ सके.

इस के लिए नायका बताता है कि सब से पहले लिप्स पर कीको मिलानो लिप स्क्रब अप्लाई करें.

  • लिप प्राइमर लिप्स को स्मूद बनाने के साथ आप के शैड को लंबे समय तक टिकाए रखने का काम करते हैं और आप भी ऐसा ही चाहेंगी.

इस के लिए नायका बताता है कि आप एनवाईएक्स  प्रोफैशनल मेकअप लिप प्राइमर को ट्राई करें.

  • प्राइमर के बाद भी अगर आप के पिंगमैनटेटिड लिप्स हैं तो उस पर कंसीलर अप्लाई करें.

इस के लिए नायका के अनुसार आप इननिसफ्री टेपिंग लिप कंसीलर का इस्तेमाल कर सकती हैं.

  • परफैक्ट पाउट देने के लिए आप का फेस हमेशा रेडी रहे इस के लिए जरूरी है लिप्स को शेप देना.

इस के लिए नायका का सुझाव है कि आप वैट एन वाइल्ड परफैक्ट पाउट लिप लाइनर – रैड द सीन लगाएं.

  • आखिर में अपने लिप्स को कलरबार वैल्वेटमैट लिपस्टिक फ्यूशिया से फाइनल टच दें.

अब आप जान गई होंगी कि लिपस्टिक को सही तरीके से लगाने पर कितना अमेजिंग लुक मिल पाता है.

लेकिन कई ऐसे सवाल जो अकसर लिपस्टिक लगाते समय हमारे सामने आते हैं और हम उन्हें समझ नहीं पाते कि ऐसी स्थिति से कैसे निपटें. आइए जानते हैं उस से जुड़े सौल्यूशन.

लिपस्टिक को लंबे समय तक स्टे कैसे रखा जा सकता है?

लिपस्टिक को लंबे समय तक टिकाए रखने के लिए आप सब से पहले लिपस्टिक लगाओ. फिर अपने लिप्स के बीच में ब्लोटिंग पेपर लगा कर दोनों लिप्स प्रैस करो. फिर उसे निकाल कर दोबारा लिपस्टिक लगाओ. आप पाउट पर टिश्यू पाउडर लगा कर लिपस्टिक की दूसरी लेयर अपलाई कर सकते हो.

लिप ग्लोस को मैट लुक कैसे दें?

सब से पहले लिप ग्लोस लगाएं. फिर लिप्स के बीच में ब्लोटिंग पेपर ले कर हलका दबाएं. इस के बाद स्पोंज ऐपलीकेटर से लूज पाउडर लगाएं.

इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक आप को मनचाहा मैट लुक न मिल जाए.

मैट लिपस्टिक से कैसे पाएं ग्लोसी टच?

मैट लिपस्टिक पर थोड़ा सा क्लीयर लिप बाम व ग्लोस लगाने से आप को ग्लोसी लुक मिल सकता है.

क्या हम लिपस्टिक को अन्य मेकअप प्रोडक्ट्स के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं?

बिलकुल. आप लिपस्टिक को ब्लश या फिर आईशैडो के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं. आप न्यूड शैड्स को फेस कोंटूर और वाइब्रेंट शैड्स को कलर करैक्टर के तौर पर प्रयोग कर सकती हैं.

प्री वैडिंग शूट शानदार भी यादगार भी

आजकल हर कपल अपने प्री वैडिंग शूट को सब से बेहतरीन करवाना चाहता है. वह चाहता है कि मेहमान उस के इस अनोखे अंदाज को अपनी यादों में सहेज कर ले जाएं. शादी के बाद भी उस की चर्चा हो और फोटोग्राफर भी उन के शूट को सब के सामने उदाहरण के रूप में पेश करे. आइए जानते हैं कि कैसे इसे बनाया जाए शानदार और यादगार.

क्योंकि साथ रहने से आप अपने साथी के बारे में बहुत सी बातें जान लेते हैं. उस की आदतों से वाकिफ हो जाते हैं. उस की पसंदनापसंद को अपनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं.

इस के साथ ही अमूमन प्री वैडिंग शूट करने वाला फोटोग्राफर ही शादी को शूट करता है. इस लिहाज से भी कपल के साथ उस की ट्यूनिंग बेहतर हो जाती है और वह उस के साथ शूट करने में सहज महसूस करता है. यही सहजता शादी के फोटो और वीडियो को भी शानदार और यादगार बना देती है.

कहां करवाएं

प्री वैडिंग शूट करवाने के लिए सब से पहले उपयुक्त स्थान का चयन करना बेहद जरूरी है. सब की अपनीअपनी पसंद होती है. किसी को नदीपहाड़ पसंद होते हैं तो किसी को समुद्र या किलेमहल. किसी को थीम शूटिंग पसंद होती है.

वरवधू को एकदूसरे की पसंद और सुविधा का खयाल रखते हुए स्थान का चयन करना चाहिए. देश और देश के बाहर ऐसे बहुत से स्थान हैं जो प्री वैडिंग शूट के लिए आज युवाओं की पहली पसंद बने हुए हैं. जैसे महलों और किलों के लिए राजस्थान के जयपुर और उदयपुर, बीच के लिए गोवा, केरल और पुद्दूचेरी व बागबगीचों और जंगल के लिए नैशनल पार्क आदि.

अपने बजट को ध्यान में रखते हुए आप आसपास के किसी रमणीक स्थान को भी इस के लिए चुन सकते हैं.

रास्ते और भी हैं

वैडिंग फोटोग्राफर नरेश गांधी बताते हैं कि छोटे शहरों के युवकयुवतियां जो डैस्टिनेशन शूट नहीं करवा सकते उन के लिए आजकल एक नया चलन आया है सैट्स का. जी हां, फिल्मों और सीरिअल्स की तरह आजकल प्री वैडिंग शूट के लिए भी बाकायदा सैट्स लगाए जाने लगे हैं. इस का फायदा यह होता है कि आप को एक ही स्थान पर सभी लोकेशन का बैकग्राउंड मिल जाता है. अकेले बाहर जाने के संकोच से आजादी मिल जाती है और बजट भी आप की जेब पर भारी नहीं पड़ता. और सब से बड़ी बात यह कि आउटडोर शूटिंग पर कपड़े बदलने को ले कर होने वाली परेशानी से भी आप नजात पा जाते हैं.

कैसा हो आप का शूट

स्टिल फोटोग्राफी और वीडियो शूट बहुत से कपल्स की चाहत होती है कि किसी फिल्मी जोड़ी की तरह उन की स्टोरी सब के सामने आए. मसलन उन का किसी खास जगह मिलना या फिल्मी स्टाइल में टकराना. फिर थोड़ी नोकझोंक. उस के बाद प्रपोज और स्वीकृति आदि. और ये सब वीडियो शूट के जरिए ही संभव हो सकता है, लेकिन इसे किसी रियल लोकेशन पर शूट करना न केवल मुश्किल होता है, बल्कि आप ओवर बजट भी हो सकते हैं. बेहतर है इस के लिए किसी व्यावसायिक स्टूडियो के सैट को चुना जाए.

वीडियो शूट के लिए आप का अपने साथी के साथ कंफर्टेबल होना बहुत जरूरी है, क्योंकि एक वीडियो शूट में 10-15 सैकंड तक कंफर्टेबल होना पड़ता है जबकि स्टिल फोटो में यह काम 2-3 सैकंड्स में ही हो जाता है.

क्या खास हो

प्री वैडिंग शूट में जो बात सब से खास होनी चाहिए वह है आप दोनों के बीच की कैमिस्ट्री. आप दोनों मेड फौर ईच अदर लगने चाहिए. इस के लिए जरूरी है कि आप ने कुछ समय एकदूसरे के साथ अकेले में बिताया हो. आप ने चाहे फोन पर बातें की हों या वीडियो चैट के जरिए एकदूसरे की पसंदनापसंद को जाना हो. ये भाव आप की बौडी लैंग्वेज से झलकने चाहिए.

इस तरह के शूट में फ्रैंड्स को भी साथ लिया जा सकता है. आप सब डांस या किसी पिकनिक पर मस्ती करते हुए दिखाई दें तो वे पल निश्चय ही कुछ अतिरिक्त ऊर्जा से भरे हुए दिखाई देंगे.

मानसून की बारिश में भीगते हुए आप के शूट में नैचुरल रोमांस नजर आएगा. विभिन्न तरह के प्रौप्स का इस्तेमाल कर के भी आप अपने शूट को यूनिक बना सकते हैं. आजकल म्यूजिक वीडियो भी खासे चलन में हैं.

थोड़ा सा रोमांटिक हो जाएं

रैगुलर और पारंपरिक शूट से जरा अलग कुछ वीडियो थोड़े से रोमांटिक और सैक्सी भी हों तो सोने पर सुहागा होगा. जरूरी नहीं कि ये पिक्चर्स या वीडियो सब के सामने दिखाए जाएं. इन्हें आने वाले कल के उस समय के लिए भी संभाल कर रखा जा सकता है जब शादी के? कुछ सालों बाद आपस में कुछ कहासुनी या पतिपत्नी के बीच कोई तकरार हो जाए.

अपने फोटोग्राफर से बात कर के ये व्यक्तिगत सैक्सी वीडियो शूट करवा सकते हैं.

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