जानें, कुतुब मीनार से जुड़े रोचक तथ्य

कुतुब मीनार, दुनिया की सबसे बड़ी ईटों की मीनार है. इसकी ऊंची 120 मीटर है. और मोहाली की फ़तेह बुर्ज के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी मीनार है. कुतुब का अर्थ न्याय का स्तंभ होता है. कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 में कुतुब मीनार का निर्माण शुरू करवाया था और उसके दामाद एवं उत्तराधिकारी शमशुद्दीन इल्तुतमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया.

जानकारी के मुताबिक इस इमारत का नाम ख्वाजा क़ुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था. क़ुतुब मीनार परिसर में और भी कई इमारते हैं. पांच मंजिला इस इमारत की तीन मंजिलें लाल पत्थरों से एवं दो मंजिलें संगमरमर एवं लाल पत्थर से निर्मित हैं. प्रत्येक मंजिल के आगे बालकौनी होने से भली-भांति दिखाई देती है.

मीनार में देवनागरी भाषा के शिलालेख के अनुसार यह मीनार 1326 में क्षतिग्रस्त हो गई थी और इसे मुहम्मद बिन तुगलक ने ठीक करवाया था. इसके बाद में 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने इसकी ऊपरी मंजिल को हटाकर इसमें दो मंजिलें और जुड़वा दीं.

अभी तक दिल्ली में स्थित इस कुतुबमीनार को आपने नहीं देखा है तो अब जाने में बिलकुल देरी मत कीजिए. यकिनन इतिहास के पन्नों में दर्ज इमारतों में से ये एक इमारत आपको खूब पंसद आएगी.

प्यार का बंधन है फ्रैंडशिप

दोस्ती का जीवन में बड़ा महत्त्व है. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अकेले के बजाय मित्र रखने वालों का दृष्टिकोण खुशी से भरा होता है. वे जल्दी स्वास्थ्य लाभ करते हैं. अकेला व्यक्ति खुद को सीमित रखता है, उसे अपनी बीमारी को सहेजने की आदत पड़ जाती है.

नीरजा को मित्रता की आदत है. वह जहां भी जाती है अपने खुले स्वभाव के कारण जल्दी दोस्त बना लेती है, जीवन के प्रति उस का नजरिया काफी उदार है. उस का मानना है कि मधुर बोलने से सुनने वाले को अच्छा लगेगा. अच्छा बोल कर उसे भी शांति मिलती है. ऐसे में फिर अच्छी बातें करने में क्यों कंजूसी की जाए. यही वजह है कि नीरजा के मित्रतापूर्ण व्यवहार से उसे हर छोटेबड़े काम के लिए औफिस या फिर घर में परेशान नहीं होना पड़ता. नीरजा के अधिकतर काम फोन पर ही हो जाते हैं.

इस के ठीक उलट सुधा की स्थिति है. सुधा का व्यवहार बहुत सीमित है और अकसर उसे हर किसी से शिकायत रहती है, जैसे आज मौसम खराब है, जिन के पास काम करवाने जाना है वे लोग बेकार हैं, बिजली नहीं है, कोई पानी तक नहीं पूछता आदि. ऐसी स्थिति में छोटे से छोटा काम भी सजा बन जाता है. सुधा की मानसिक स्थिति हमेशा थकी और दुखी रहती है. ऐसी स्थिति में दोस्त बनाना बहुत कठिन है. व्यक्ति का व्यवहार ही दोस्त और दुश्मन बनाता है.

मित्रता की भावना किशोरवय में बहुत प्रबल होती है. अकसर इस आयु में बनाए गए दोस्त काफी प्रभावशाली होते हैं. वे जीवन को एक नई दिशा देते हैं. ऐसा भी नहीं है कि प्रौढ़ अवस्था में मित्र नहीं बनते हैं. आप का स्वभाव, बात करने का तरीका, बोलचाल, व्यवहार आदि व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं.

विकास का व्यक्तित्व मित्रतापूर्ण है लेकिन वह ज्यादा बातचीत नहीं करता. विकास मधुरभाषी है और सब के साथ विनम्रता से पेश आता है. उस से मिलने वाले भी उस के व्यवहार से प्रभावित होते हैं. वह सहज भुला देने वाला व्यक्तित्व नहीं है, उस की छवि याद रहती है. हर किसी के ऐसे व्यक्तित्व से फिर से मिलने की उत्सुकता रहती है. रमेश विकास का एक ऐसा ही मित्र है जो काम के दौरान ही बना है. रमेश का कहना था कि मैं जनसंपर्क अधिकारी होने की वजह से मित्रता का मूल्य समझता हूं. लेकिन विकास काफी हंसमुख व्यक्ति है, इसलिए उस से मिलने की काफी उत्सुकता रहती है.

सहेज कर रखें यारों को

मित्रतापूर्ण व्यवहार की वजह से विकास के अधिकतर काम फोन पर ही हो जाते हैं, इस के विपरीत नवीन मेरा बचपन का दोस्त है लेकिन उस का दोस्ती जताने का तरीका बहुत अलग है, वह हर समय रोब से कहता है, ‘यार, लानत है ऐसी दोस्ती को, इतना सा काम भी नहीं कर सकते.’ बातचीत आमनेसामने हो रही हो या फोन पर, नवीन बगैर गाली दिए बात नहीं करता. ऐसी स्थिति में दोस्ती बोझ बन जाती है.

गृहिणियों के लिए भी जीवन में समरसता है, इसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता है. घर के कामकाज के बीच में दोस्ती एक बदलाव के रूप में आती है. एकदूसरे से फोन पर बातचीत हो या मिल कर चायकौफी पीते हों, आपसी बातचीत से मन काफी हलका होता है. बहुत सी ऐसी बातें होती हैं जो पति और बच्चों से नहीं बांटी जा सकतीं. वे सहेलियों में ही सहज रूप से कहीसुनी जा सकती हैं. बहुत बार तो कई समस्याओं के हल भी इस आपसी मीटिंग में निकल जाते हैं.

दोस्ती चाहे बुजुर्गों में हो, किशोरों में या बच्चों में, यह हर आयु की एक सहज मांग है. दोस्ती का महत्त्व अकेलेपन में और भी बढ़ जाता है. काश, कोई होता जिस के संग कुछ कहसुन लेते.

दोस्ती को सहेज कर रखना बहुत आवश्यक है. कोई भी ऐसी बात न हो जिस में दोस्ती टूट जाए. हर छोटीबड़ी गलतफहमी को दोस्ती की कसौटी पर न आजमाएं. एकतरफा स्वार्थ से बचें. दोस्त आप के लिए क्या कर सकता है, यह जानने से पहले स्वयं से भी पूछिए कि आप मित्र के लिए क्या कर सकते हैं. दोस्तों को ईर्ष्या से नहीं, प्रेम से नापिए.

चाहती हैं अमीर होना तो ध्यान में रखें इन बातों को

सबकी ख्वाइश होती है कि वो अमीर बने. सबको पैसों का शौक होता है. पर आपकी कुछ खराब आदतों की वजह से आपका ये सपना पूरा नहीं होता. आप अगर अपनी कुछ आदतों में बदलाव करती हैं तो आपके सपने को पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता. इस खबर में हम आपको कुछ ऐसी ही बातों पर टिप्स देंगे.

ना करें जरूरत से ज्यादा शौपिंग

अगर आपमें बचत की भावना नहीं है तो आप अमीर नहीं बन सकती. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप शौपिंग के अपने शौक पर थोड़ा काबू करें. जरूरत की चीजों का उपभोग जरूर करें. इस लिए जरूरी है कि जब भी आप शौपिंग पर जाती हैं प्लानिंग के साथ जाएं. क्या खरीदना है आपको इसकी जानकारी आपको पहले से होनी चाहिए. ऐसा ना करने से शौपिंग के वक्त आप जरूरत से ज्यादा की चीजें खरीदेंगी और आपका पैसा बरबाद होगा.

ना करें दूसरों की नकल

दूसरों की नकल करने से सबसे ज्यादा आपका नुकसान होता है. नकल करने के चक्कर में आप वो नहीं होते जो आप असल में होती हैं. हकीकत से दूर हो कर आप सबसे ज्यादा खुद का नुकसान करती हैं. दूसरों के सपनों का पीछा करना गलत है. आपके भी कुछ अपने सपने होंगे. उनका पीछा करिए. उन्हें सच करें.

ना भागे चुनौतियों से

अगर आप अमीर और सफल होना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप चुनौतियों से दूर ना भागे. आपको हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए. सक्सेसफुल लोग चुनौतियों में ज्यादा सहज महसुस करते हैं.

ना करें पैसा बर्बाद, करें सेविंग्स

अगर आप ज्यादा पैसा कमाना चाहती है तो जरूरी है कि आप सेविंग्स खूब करें. किसी बड़े इंसान ने कहा था कि इंसान की औकात उसकी कमाई से नहीं आंकी जाती, बल्कि उसकी सेविंग्स से नापी जाती है. इस लिए जरूरी है कि आप सेविंग्स पर खासा फोकस करें.

करें निवेश

ज्‍यादा पैसा कमाने का सबसे अच्‍छा तरीका निवेश करना है। ऐसे में आप जि‍तना जल्‍दी इन्‍वेस्‍ट करना शुरू करते हैं उतना ही आपके लि‍ए अच्छा होगा. निवेश से आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और उसमें वृद्धि भी होगी.

ऐसे सजाएं बच्चों का बेडरूम

बच्चों का बेडरूम सजाते समय पैरेंटस अपनी सारी कल्पनाएं उनके कमरे को सजाने में लगा देना चाहते हैं. यदि आप भी अपने बच्चों का बेडरूम सजाना चाहती हैं, तो हम आपको आसान टिप्स बताते हैं जो आपके लिए बेहद कारगर साबित होंगे.

–  बच्चों के कमरे को ब्लू, पिंक, यलो, पर्पल, औरेंज जैसे ब्राइट कलर्स से पेंट करवाएं. बच्चों का बेडरूम सजाते समय उनकी भी सलाह लें. इससे आप अपने बच्चे की इच्छा के बारे में भी जान सकेंगी.

–  बच्चों के बेडरूम के लिए आजकल मार्केट में तरह-तरह के शे इससे आप अपने बच्चे की इच्छा के बारे में भी जान सकेंगी.प व साइज के फर्नीचर उपलब्ध हैं, जैसे- बंक बेड, रेस कार बेड, बर्ड या एनिमल शेप की चेयर आदि, इन्हें खरीदकर  अपने बच्चों के बेडरूम को और भी आकर्षक बना सकती हैं.

–  ब्राइट कलर के खिलौने, कुशन्स, बेडशीट, बीन बैग आदि से बच्चे के कमरे को कलरफुल बनाएं.

–  अपने बच्चे में पढाई के प्रति रूचि पैदा करने के लिए उसके कमरे की एक दीवार पर इंफौमेंटिव टाइल्स लगाएं,  इससे उसका कमरा खूबसूरत भी लगेगा और क्रिएटिव भी.

–  बच्चों के कमरे में कम से कम फर्नीचर रखें, ताकि उन्हें खेलने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके. अपने बच्चे में पढाई के प्रति रूचि पैदा करने के लिए उसके कमरे की एक दीवार पर इंफौमेंटिव टाइल्स लगाएं, इससे उसका कमरा खूबसूरत भी लगेगा और क्रिएटिव भी.

घर को दें स्टाइलिश लुक

अगर आपको अपने घर को एक नया अलग-सा लुक देना है तो बेशक आप काफी उपाय इसके लिए आजमा चुकी होंगी. पर घर की खूबसूरती कुछ ही दिनों में डल पड़ जाती है. इसलिए घर में इंटीरियर की कुछ बातों को ध्यान रखकर डिफरेंट एण्ड स्टाइलिश लुक दिया जा सकता है. यकीन कीजिए इस उपाय से आपके घर को बेहद शानदार और स्टाइलिश लुक मिलेगा. तो आइए बताते है आपको.

–  सर्दियों के मौसम में गहरे टोन वाले कलर्स जैसे- ग्रीन, औरेंज,  कौफी,  डार्क और यलो का प्रयोग करें. अगर कमरे में आप कई तरह के रंगों का मिश्रण इस्तेमाल करना चाहती हैं, तो कमरे में छोटे-छोटे मल्टीकलर मैट का प्रयोग करें.

–  छोटे पैटर्न वाली कालीन कमरे को बडा दर्शाती है. इसके अलावा छोटी कालीन भी कमरे को बडा आकार देती हैं. कमरे की खिडकियों के लिए कढाई वाले सिल्क फैब्रिक के पर्दा का इस्तेमाल करें. आजकल मार्केट में सिल्क फैब्रिक पर आकर्षक एम्ब्रौयडरी किए हुए पर्दे आसानी से मिल रहे हैं.

–  बिना परफेक्ट मैचिंग के भी आप अपने घर को अपनी पसंद के अनुसार डिफरेंट लुक दे सकती हैं. किनारों को सजाने के लिए ऐसा फर्नीचर चुनें, जो साफ और गहरी फैब्रिक वाला हो.

डिजिटल डिवाइड और होमवर्क गैप में न फंसें

27 अक्तूबर, 2018 को राजधानी में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 5जी नैटवर्क का डंका पीट रहे एक डाक्टर बता रहे थे कि किस तरह एक रिमोट लोकेशन पर बैठ कर हम किसी मरीज का लाइव अल्ट्रासाउंड कर सकेंगे. साथ में दूसरे टैक्निकल ऐक्सपर्ट 5जी नैटवर्क के जरिए वर्चुअली एक आदमी को एक जगह से दूसरी जगह होलोग्राम फौर्म में भेजने की तकनीकी क्रांति का हवाला दे रहे थे. हालांकि भारत में इस तकनीक के लिए 2020 तक का इंतजार करना पड़ेगा, तब तक 2 या 3जी से ही काम चलाना पड़ेगा.

वर्चुअल दीवार के उस पार

फिलहाल देश में इंटरनैट सस्ता है और बड़ी तादाद में लोग इस का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फ्री इंटरनैट ने देशदुनिया में एक डिजिटल डिवाइड को जन्म दे दिया है यानी एक तरफ वे लोग हैं जो इंटरनैट और गैजेट के  इस्तेमाल से दूर सामान्य जिंदगी जी रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वे हैं जो दिनरात स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटौप, टैब, आईपैड पर नजरें गड़ाए आभासी दुनिया में खोए रहते हैं.

इस सिनैरियो ने घर के अंदर और बाहर एक डिजिटल डिवाइडर पैदा कर दिया है और इस का खमियाजा युवा और बच्चे भुगत रहे हैं. अमेरिका की न्यू प्यू रिसर्च एनालिसिस रिपोर्ट 2018 बताती है कि इंटरनैट के इस डिजिटल डिवाइड के चलते

5 में से 1 युवा होमवर्क गैप का शिकार हो रहा है यानी लाखों स्टूडैंट्स अपना क्लास असाइनमैंट सिर्फ इसलिए पूरा नहीं कर पाते, क्योंकि उन के हाथ में स्मार्टफोन और इंटरनैट की बेलगाम डोर थमा दी गई है.

होमवर्क गैप के शिकार युवा

होमवर्क गैप की चोट 13 से 17 साल के किशोरों को लग रही है. ये वही किशोर हैं जो इंटरनैट की असुरक्षित गलियों में आवारा घूमते रहते हैं और अपना क्लास होमवर्क पूरा नहीं करते. फिर यह होमवर्क गैप उन के एकेडैमिक कैरियर को घुन की तरह धीरेधीरे खाने लगता है.

इसी साल हुए इस शोध में करीब 17 प्रतिशत टीनएजर्स मानते हैं कि उन्होंने डिजिटल एक्सेस की वजह से कई बार अपना क्लास असाइनमैंट पूरा नहीं किया, जबकि 13 प्रतिशत टीन्स ऐसे भी थे जो यह कहते हैं कि इंटरनैट की वजह से वे अकसर अपना होमवर्क कंप्लीट करना भूल जाते हैं. यह हाल सिर्फ अमेरिकी युवाओं का ही नहीं है बल्कि, समूची दुनिया में इंटरनैट की चपेट में आए युवा अपनीअपनी असल जिंदगी से कनैक्शन तोड़ कर वर्चुअल दुनिया में जी रहे हैं.

भारत में तो हाल और भी बदतर हैं. नितिन अरोड़ा कहते हैं, ‘‘एक साल पहले मैं ने बेटे को यह सोच कर स्मार्टफोन दिला दिया कि वह इस पर अपना होमवर्क और क्लास असाइनमैंट से जुड़ी जानकारियां हासिल करेगा, क्योंकि वह अकसर मुझ से क्लास असाइनमैंट पूरा करने के लिए मोबाइल मांगता था, लिहाजा, उसे नया स्मार्टफोन और इंटरनैट कनैक्शन दिलवा दिया. लेकिन उस के बाद से वह हम लोगों से कटता चला गया. न समय पर डिनर और लंच करता और न ही घर आए किसी मेहमान से मिलता. जब देखो, तब उस के हाथ में मोबाइल चिपका रहता. यहां तक कि बाथरूम में भी वह उसे अपने साथ ले जाता. मना करने पर चिड़चिड़ा हो जाता. एक दिन उस के स्कूल से शिकायत आई कि आप का बेटा कोई भी असाइनमैंट पूरा नहीं करता.’’

पीछा छुड़ा रहे हैं पेरैंट्स

नितिन अकेले नहीं हैं, उन के जैसे कई पेरैंट्स हैं जिन के बच्चे अनजाने में वर्जुअल दुनिया में जीने के आदी हो जाते हैं. पढ़ाई से उन का मन उचट जाता है और इंस्टाग्राम, ट्विटर और पोर्नबाजी में उन के दिन गुजरते हैं.

सालदरसाल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आजकल बच्चों के साथ उन के असाइनमैंट कंप्लीट करने का पेरैंट्स के पास समय नहीं होता. जब बच्चे उन से बारबार स्कूल और होमवर्क पूरा कराने का दबाव डालते हैं तो वे बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें यह कह कर इंटरनैट की दुनिया में ढकेल देते हैं कि यहां से देख कर अपना होमवर्क कंप्लीट कर लो, लेकिन होता इस के उलट है. बच्चा होमवर्क तो दूर, वहां कुछ और ही सर्च करने लगता है.  इसी तरह बच्चे जब अपने पेरैंट्स को बैठा कर शतरंज, कैरम, जैसे इंडोर गेम्स या पार्क में क्रिकेट खेलने के लिए कहते हैं तो पेरैंट्स ‘मोबाइल में गेम्स खेल लो,’ कह कर पीछा छुड़ा लेते हैं. जब तक इन के साइडइफैक्ट्स समझ आते हैं तब तक काफी देर हो चुकी होती है.

किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करें

यह बात सही है कि आजकल बच्चों के स्कूल होमवर्क से ले कर प्रोजैक्ट तक अब औनलाइन ही कंपलीट व जमा किए जाते हैं लेकिन यह सब पेरैंट्स और टीचर्स की निगरानी में हो, तो ठीक है. बच्चों को किताबें, पत्रपत्रिकाएं पढ़ने के लिए कहिए, जिन में असल जिंदगी की व्यावहारिक जानकारियों से वे रूबरू होते हैं. इंटरनैट का अधकचरा ज्ञान उन्हें बीच राह में भटकने के लिए छोड़ देगा.

दुनियाभर के देशों में इंटरनैट की लत से लोगों को निकालने के लिए स्पैशलिस्ट सैंटर्स होते हैं, भारत में ऐसे सैंटर्स खुलने अब शुरू हुए हैं. क्या आप भी अपने बच्चों को स्कूल या कालेज की जगह ऐसे सैंटर्स में भेजना चाहते हैं?

बौस से रहें जरा संभल कर

आजकल अधिकतर युवतियां और महिलाएं कामकाजी हैं. जरूरी नहीं कि हर जगह महिला बौस ही हों, अधिकांश कंपनियों और औफिसों में पुरुष ही बौस होते हैं. कुछ बौस ऐसे भी हो सकते हैं जिन की युवतियों को ले कर नियत खोटी होती है और वे येनकेनप्रकारेण उन्हें अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं. यदि आप को अपने बौस पर जरा भी संदेह हो तो उन से संभल कर रहने में ही भलाई है.

कुछ बौस अपने पद का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. वे शुरुआत करते हैं युवतियों के प्रति सहानुभूति जताने से. वे युवतियों की हर समस्या बड़े ध्यान से सुनते हैं तथा उसे हल करने का आश्वासन दे कर उन का विश्वास जीतने का प्रयास करते हैं. कंपनी के नियमों, प्रावधानों के विपरीत जा कर वे उनकी मदद करते हैं.

यह मदद आर्थिक या अतिरिक्त साधन, सुविधाएं उपलब्ध कराने की हो सकती है. इस का उद्देश्य युवतियों के दिल में अपने लिए जगह बनाना होता है, जबकि उन के मन में फरेब होता है. वे महिलाकर्मी की बारबार मदद कर, उसे अपने एहसान तले दबाने की कोशिश करते हैं. फिर वे अपना असली रंग दिखाना शुरू करते हैं उस से नजदीकियां बढ़ा कर. महिलाकर्मी चाह कर भी विरोध नहीं कर पाती और न ही अपने पिता या पति को इस संबंध में बता पाती है. बौस इसी बात का फायदा उठाते हैं.

कुछ बौस ऐसे भी होते हैं जो प्रमोशन में जानबूझ कर औफिस में काम करने वाली युवतियों को वरीयता या प्राथमिकता देते हैं, भले ही वे उस की पात्र न हों. इस के लिए अनुचित व अनैतिक शर्तें भी रख सकते हैं. यदि युवती इनकार करती है तो उस का प्रमोशन रोक दिया जाता है. यदि वह बौस की बात मान लेती है तो उस की तरक्की होते देर नहीं लगती.

यदि बौस आप के प्रति अनावश्यक सहानुभूति दिखाएं या बारबार बिना किसी वजह से अपने कैबिन में बुलाता है अथवा औफिस टाइम के बाद रुकने को कहता है, तो आप को सचेत हो जाना चाहिए. हो सकता है वह अनुचित फायदा उठाना चाहता हो.

यदि आप अपनी आर्थिक, पारिवारिक या घरेलू परेशानियां उस के समक्ष उजागर करती हैं तो ऐसा कर के आप अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारती हैं. जरा सोचिए. वह क्योंकर आप की मदद करेगा? रही बात इंसानियत की, तो उस की आड़ में वह अपना खेल खेलता है. वैसे भी यों ही कोई किसी की मदद नहीं करता.

कुछ युवतियां जो औफिस में काम करती हैं बौस द्वारा सहानुभूति प्रकट करने या मदद करने पर उसे महान समझने लगती हैं और उन के मन में उस के प्रति विशेष आदर, सम्मान और समर्पण के भाव आ जाते हैं, जबकि वे वास्तविकता को नहीं जान पातीं. इसलिए किसी भी बौस पर अंधविश्वास कर उस पर भरोसा न करें. खुद अपने विवेक से काम लें.

कुछ काम करने वाली युवतियां ऐसी भी होती हैं जो खुद आगे आ कर बौस से निकटता बढ़ाती हैं या उस के आगेपीछे घूमती हैं. ऐसा कर के वे अपने लिए मुसीबत मोल लेती हैं. बौस उसे अन्यथा ले सकता है. वह आप को चरित्रहीन समझ कर आप से अश्लील हरकत कर सकता है. उसे यह गलतफहमी भी हो सकती है कि आप उस से प्यार करती हैं या उसे पसंद करती हैं.

ऐसे में उस की बिना मांगे मुराद पूरी होती नजर आती है. इसलिए आगे बढ़ कर कभी भी बौस से नजदीकियां न बढ़ाएं. बौस से एक निश्चित दूरी बनाए रखनी चाहिए अन्यथा आप बदनाम हो जाएंगी और अन्य सहकर्मी आप का नाम बौस के साथ जोड़ने लगेंगे.

इन टिप्स को अपनाएं और करें वजन कम

आज के समय में मोटापा एक गंभीर बीमारी बन चुकी है. ये परेशानी अकेले नहीं आती, अपने साथ कई अन्य बीमारियां भी लाती हैं.  इसलिए स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप मोटापे को गंभीरता से लें और अपना खानपान इस तरह से रखें कि ये परेशानी आपसे दूर रहे. इससे आपको दिल की बीमारियां, जोड़ों में दर्द, डायबिटीज, थकान, पाचन की समस्याएं आदि हो सकती हैं.

इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आप प्राकृतिक तरीके से अपना वजन कैसे कम कर सकती हैं. इसके लिए हम आपको बताएंगे ऐसी रेसिपी जिसके नियमित प्रयोग से आप मोटापे को खत्म कर सकेंगी और इससे दूर रहने में भी ये आपको मदद करेगी. इसे खाने से डायबिटीज और कब्ज जैसी समस्या से बचने में मदद मिलती है.

सामग्री

1 कप कटा हुआ गोभी का पत्ता

1 कप चुकंदर

1 कप जैतून का तेल

बनाने का तरीका

सभी चीजों को एक कटोरे में डालकर अच्छी तरह मिला लें. अपने स्वादानुसार आप इसमें काली मिर्च का पाउडर या शहद मिला सकती हैं. ध्यान रहे कि नमक का प्रयोग नहीं करना है. इसे चार दिनों तक डिनर में खाएं.

इसको खाने के साथ आपको एक्सरसाइज भी करना होगा. संतुलित आहार लें. ध्यान रखें कि आप फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक लें और फैट को कम लें. गोभी एक पत्तेदार सब्जी है जिसमें फाइबर, पोटेशियमऔर कैल्शियम की एक उच्च मात्रा है.

 

चाहते हैं अच्छी नींद तो कभी ना छूएं इन्हें

पूरी की दिनचर्या में रात की नींद बेहद महत्वपूर्ण है. दिन भर काम करने बाद रात में सुकून की नींद काफी महत्वपूर्ण है. दिनभर की रूटीन के अलावा आप के खान पान का असर आपकी नींद पर होता है. आप दिन में क्या खा रहे हैं, क्या पी रहे हैं इससे आपकी नींद प्रभावित होती है. इस लिए जरूरी है कि आप अपने खानपान को ले कर काफी सजग रहे.

इस खबर में हम आपको कुछ ऐसे ही खान पान के बारे में बताएंगे जो आपकी नींद पर बुरा असर डालते हैं.

अल्कोहल

tips for good sleep

शराब का सेवन हमारे लिए खतरनाक होता है. इससे सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है. दरअसल शराब आपके सिस्टम में जल्दी से मेटाबोलाइज होती है और अस्वस्था का कारण बनती है. खास तौर पर सोने से पहले इसका सेवन करने से नींद में काफी परेशानी होती है.

डार्क चौकलेट

tips for good sleep

डार्क चौकलेट में हाई कैलोरी के अलावा भारी मात्रा में कैफीन भी होता है. 1.55 औंस हर्शे मिल्क चौकलेट में लगभग 12 मिलीग्राम कैफीन होता है. ये हमारी नींद के लिए हानिकारक होता है.

कौफी

tips for good sleep

कौफी और चाय में कैफीन नाम का तत्व होता है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को काफी उत्तेजित करता है. नींद के लिए ये हानिकारक होता है. सोने से पहले इसके सेवन से बचें.

ये तो हुए कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जिनके सेवन से आपकी नींद खराब होती है. इनके सेवन से आपकी नींद पर नकारात्मक असर होता है. अब हम आपको बताएंगे उन खाद्य पदार्थों के बारे में जिनके सेवन से आपकी नींद अच्छी होगी.

दूध

tips for good sleep

दूध में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन होता है, जो मस्तिष्क में रासायनिक सेरोटोनिन का महत्वपूर्ण कारक होता है.

चेरी

tips for good sleep

चेरी उन खाद्य पदार्थों में से एक है जिनमें मेलाटोनिन केमिकल होता है. यह केमिकल आपकी बौडी के इंटरनल क्लौक को कंट्रोल करता है, इससे आपकी नींद अच्छी होती है.

जैस्मिन राइस

tips for good sleep

इसमें भरपूर मात्रा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका मतलब है कि शरीर धीरे-धीरे पाचन करता है, धीरे-धीरे खून में ग्लूकोज जारी करता है. इससे हमें अच्छी नींद आती है.

मैं 20 साल का हूं और 18 साल की लड़की से प्यार करता हूं. वह मेरे पास आना चाहती है. मैं क्या करूं.

सवाल
मैं 20 साल का हूं और 18 साल की लड़की से प्यार करता हूं, जिस की शादी 3 साल पहले हुई थी. हमारे प्यार के बारे में जानने के बाद उस का पति उसे छोड़ कर कोलकाता चला गया और वहां दूसरी शादी कर ली. वह उस से कोई मतलब नहीं रखता, पर तलाक भी नहीं देता. वह आज भी मुझ से प्यार करती है और मेरे पास आना चाहती है. मैं क्या करूं?

जवाब
आप लोगों का सारा मामला ही गड़बड़ है. उस लड़की की शादी 15 साल की उम्र में हुई, जो कानूनन अमान्य है. फिर उस के पति ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी की, तो वह भी गैरकानूनी है. और आप खुद भी एक साल तक शादी करने के लायक नहीं हैं. आप लड़की के घर वालों से कहें कि वे एक साल के दौरान सबकुछ ठीक कर लें. एक साल बाद ही आप उस से शादी कर सकते हैं.

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प्यार में छेड़छाड़

प्रिया का कहना है कि उस का पति जिस्मानी रिश्ता बनाते समय बिलकुल भी छेड़छाड़ नहीं करता और न ही प्यार भरी बातें करता है. उसे तो बस अपनी तसल्ली से मतलब होता है. जब तन की आग बुझ जाती है, तो निढाल हो कर चुपचाप सो जाता है. वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पती ही रह जाती है. कुछ इसी तरह राजेंद्र का कहना है, ‘‘जिस्मानी रिश्ता कायम करते वक्त मेरी पत्नी बिलकुल सुस्त पड़ जाती है. वह न तो इनकार करती है और न ही प्यार में पूरी तरह हिस्सेदार बनती है. न ही छेड़छाड़ होती है और न ही रूठनामनाना. नतीजतन, सैक्स में कोई मजा ही नहीं आता.’’

इसी तरह सरिता की भी शिकायत है कि उस का पति उस के कहने पर जिस्मानी रिश्ता तो कायम करता है, पर वह सुख नहीं दे पाता, जो चरम सीमा पर पहुंचाता हो. हालांकि वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है, फिर भी सरिता को ऐसा लगता है, मानो वह अपनी मंजिल पर पहुंच कर भी नहीं पहुंची. सैक्स के दौरान वह इतनी जल्दबाजी करता है, मानो कोई ट्रेन पकड़नी हो. उसे यह भी खयाल नहीं रहता कि सोते समय और भी कई राहों से गुजरना पड़ता है. मसलन छेड़छाड़, चुंबन, सहलाना वगैरह. नतीजतन, सरिता सुख भोग कर भी प्यासी ही रह जाती है.

मनोज की हालत तो सब से अलग  है. उस का कहना है, ‘‘मेरी पत्नी इतनी शरमीली है कि जिस्मानी रिश्ता ही नहीं बनाने देती. अगर मैं उस के संग जबरदस्ती करता हूं, तो वह नाराज हो जाती है. छेड़छाड़ करता हूं, तो तुनक जाती?है, मानो मैं कोई पराया मर्द हूं. समझाने पर वह कहती है कि अभी नहीं, इस के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी हुई है.’’

इसी तरह और भी अनगिनत पतिपत्नी हैं, जो एकदूसरे की दिली चाहत को बिलकुल नहीं समझते और न ही समझने की कोशिश करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि शादीशुदा जिंदगी कच्चे धागे की तरह होती है. इस में जरा सी खरोंच लग जाए, तो वह पलभर में टूट सकती है. पतिपत्नी में छेड़छाड़ तो बहुत जरूरी है, इस के बिना तो जिंदगी में कोई रस ही नहीं, इसलिए यह जरूरी है कि पति की छेड़छाड़ का जवाब पत्नी पूरे जोश से दे और पत्नी की छेड़छाड़ का जवाब पति भी दोगुने मजे से दे. इस से जिंदगी में हमेशा नएपन का एहसास होता है.

अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने के दौरान या किसी दूसरे समय पर भी पति अपनी पत्नी को सहलाए और उस के जवाब में पत्नी पूरे जोश के साथ प्यार से पति के गालों को चूमते हुए अपने दांत गड़ा दे, तो उस मजे की कोई सीमा नहीं होती. पति तुरंत सैक्स सुख के सागर में डूबनेउतराने लगता है.

इसी तरह पत्नी भी अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने से पहले या उस दौरान पति से छेड़छाड़ करते हुए उस के अंगों को सहला दे, तो कुदरती बात है कि पति जोश से भर उठेगा और उस के जोश की सीमा भी बढ़ जाएगी.

कभीकभी यह सवाल भी उठता है कि क्या जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए कायम किया जाता है? क्या दिमागी सुकून से उस का कोई लेनादेना नहीं होता? क्या जिस्मानी रिश्ते के दौरान छेड़छाड़ करना जरूरी है? क्या छेड़छाड़ सैक्स सुख में बढ़ोतरी करती है? क्या छेड़छाड़ से पतिपत्नी को सच्चा सुख मिलता है?

इसी तरह और भी कई सवाल हैं, जो पतिपत्नी को बेचैन किए रहते हैं. जवाब यह है कि जिस्मानी रिश्तों के दौरान छेड़छाड़ व कुछ रोमांटिक बातें बहुत जरूरी हैं. इस के बिना तो सैक्स सुख का मजा बिलकुल अधूरा है. जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए ही नहीं, बल्कि दिमागी सुकून के लिए भी किया जाता है.

कुछ पति ऐसे होते हैं, जो पत्नी की मरजी की बिलकुल भी परवाह नहीं करते, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. पत्नी की चाहत का भी पूरा खयाल रखना चाहिए, नहीं तो आप की पत्नी जिंदगीभर तड़पती ही रह जाएगी. कुछ औरतें बिलकुल ही सुस्त होती हैं. वे पति को अपना जिस्म सौंप कर फर्ज अदायगी कर लेती हैं. उन्हें यह भी एहसास नहीं होता कि इस तरह वे अपने पति को अपने से दूर कर रही हैं. कुछ पति जिस्मानी रिश्ता तो कायम करते हैं और जल्दबाजी में अपनी मंजिल पर पहुंच भी जाते हैं, परंतु उन्हें इतना भी पता नहीं होता कि इस के पहले भी और कई काम होते हैं, जो उन के मजे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

कुछ औरतें शरमीली होती हैं. वे जिस्मानी रिश्तों से दूर तो होती ही हैं, छेड़छाड़ को भी बुरा मानती हैं. अब आप ही बताइए कि ऐसे हालात में क्या पत्नी पति से और पति पत्नी से खुश रह सकता है?

नहीं न… तो फिर ऐसे हालात ही क्यों पैदा किए जाएं, जिन से पतिपत्नी एकदूसरे से नाखुश रहें?

इसलिए प्यार के सुनहरे पलों को छेड़छाड़, हंसीखुशी व रोमांटिक बातों में बिताइए, ताकि आने वाला कल आप के लिए और ज्यादा मजेदार बन जाए.

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