

घर की साफ-सफाई का विशेष रुप से ध्यान रखना जरूरी है. क्योकि हर मौसम में मच्छर-मक्खियों का प्रकोप होता हैं. ये खाने-पीने की चीजों को खराब करते है और इसके साथ-साथ घर में भी गंदगी फैलाते है.
तो आज हम आपको कुछ कारगर टिप्स बताएंगे, जिससे आप अपने घर को आसानी से साफ कर सकेंगी. और आपके परिवार का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा.
– मक्खियों से छुटकारा पाने के लिए घर के फर्श पर प्रतिदिन फिनाइयल या लाइजौल आदि डालकर पोंछा लगाएं.
– घर की मैली खिडकियां पूरे कमरे को डल कर देती हैं, इसे साफ करने के लिए डिटरजेंट में थोडा विनेगर डालकर खिडकी को स्पौन्ज से साफ करें और फिर सूखे कपड़े से पोंछ लें.
– अगर घर में छोटे बच्चे हैं तो घर की फर्श को साफ रखें. गद्दे, कार्पेट और फर्नींचर और मैटे्रस पर बेकिंग सोडा छिडक कर 15 मिनट के लिए छोड दें. इसके बाद वैक्युम क्लीनर चला लें. ऐसा करने पर आसानी से साफ हो जाएगा.
– किचन के डस्टबिन को नींबू के छिलकों से साफ करें, इसकी सफाई भी अच्छे से होगी और बदबू भी नही आयेगी.
बाजार में मिलने वाला सैनिटाइजर अगर आप इस्तेमाल करती हैं तो आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. पर क्या आप जानती हैं, आप खुद से भी घर पर सैनिटाइजर बना सकती हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद सुरक्षित होगा. तो देर किस बात की चलिए आज हम बताते हैं, आप घर पर कैसे सैनिटाइजर बना सकती हैं.
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एसएमएस अलर्ट को एक्टिवेट या डिएक्टिवेट करने की सुविधा सीधे ग्राहकों के हाथ में दे दी है. अब आपको एसएमएस अलर्ट एक्टिवेट करने के लिए या डिएक्टिवेट करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है. वो बस अपने इंटरनेट बैंकिंग में लौगइन कर के इन सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं. इस बारे में और ज्यादा जानकारी बैंक के आधिकारिक वेबसाइच पर उपलब्ध है.
एसबीआई ने अपनी एसएमएस अलर्ट सेवा को एक्टिवेट या डिएक्टिवेट या फिर बदलने के लिए इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कैसे करना है इसकी जानकारी हम आपको देंगे.
बैंक के मुकाबित इंटरनेट बैंकिंग से एसएमएस अलर्ट एक्टिवेट या डिएक्टिवेट करने के लिए आपको सबसे पहले onlinesbi.com पर लौग इन करना होगा. इसके बाद उसे ई-सर्विस पर क्लिक करने के बाद एसएमएस अलर्ट पर जाना होगा.
इसके बाद यूजर्स एसएमएस अलर्ट रजिस्ट्रेशन/अपडेटेशन पेज पर जाएं. इसमें अपने खाते को चुनें.
यहां पर आप सेवाओं को यस या नो का चुनाव कर एक्टिवेट/डिएक्टिवेट कर सकते हैं. आप सेवा के नाम के आगे जाकर बने कौलम के जरिए ऐसा कर सकते हैं.
यात्रा करने का शौक रखती हैं तो बेशक हर उस जगह पर आप जाना पसंद करेंगी जो देखने में अलग हो. और ऐसी जगह पर भी जाना चाहेंगी, जो विश्व में अपनी खूबी के लिए मशहूर हैं. तो आज आपको ऐसी चट्टान के बारे में बताते हैं जो विश्व की सबसे ऊंची और बड़ी चट्टान है.
बता दें कि विश्व की सबसे ऊंची और बड़ी चट्टान औस्ट्रेलिया में है. कहा जाता है कि लाखों साल पहले इस चट्टान की जगह पर एक द्वीप हुआ करता था और अब यहां पर ये चट्टान है. इस चट्टान को उलुरु के नाम से जाना जाता है, अपनी ऊंचाई के लिए पहचानी जाने वाली इस चट्टान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इसका रंग अपने आप बदल जाता है.
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि जब सूर्य की उगती किरणें इस चट्टान पर पड़ती हैं तो इसका रंग जलते हुए कोयले के समान लाल दिखाई देता है और सूर्यास्त के समय यह लाल, भूरा, नारंगी, और हल्के बैंगनी चमकीले रंगों में परिवर्तित हो जाती है. अपनी इसी खासियत की वजह से रंग बदलने वाली ये चट्टान पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
कई बीमारियों के लिए दवाइयों पर निर्भर रहना ठीक नहीं होता. कई ऐसे प्राकृतिक तरीके होते हैं जिनके प्रयोग से आप अपनी कई बीमारियों का इलाज घर बैठे कर सकती हैं. इनकी खास बात है कि ये असरदार तो होते ही हैं, साथ में इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. कुछ ऐसी ही तुलसी के पत्तों से जुड़ी जानकारियां हम आपके लिए ला रहे हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि तुलसी के पत्तों को दूध में डाल कर इस्तेमाल करने से आप किन किन रोगों का इलाज कर सकती हैं.
फ्लू
अगर आपको फ्लू हो गया हो, तो तुलसी और दुध को मिला कर पीने से आप जल्दी ठीक होंगी.
ह्रदय के लिए है लाभकारी हृदय
जिन लोगों को हृदय रोग है उनके लिए तुलसी का पत्ता और दूध किसी प्रभावशाली दवा से कम नहीं है. ऐसे मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद है.
तनाव में है लाभकारी
इस पेय को पीने से नर्वस सिस्टम अच्छा रहता है इससे व्यक्ति का तनाव कम होता है. डिप्रेशन के मरीजों के लिए ये महत्वपूर्ण इलाज है.
गलाए किडनी का स्टोन
किडनी के स्टोन में ये पेय काफी लाभकारी है. जिन्हें ये परेशानी है उन्हें तुरंत तुलसी और दूध का सेवन शुरू कर देना चाहिए. जल्दी ही फायदा दिखेगा.
कम करे कैंसर का खतरा
तुलसी में कई एंटीबायोटिक गुण होते हैं साथ ही ये एक जबरदस्त एंटीऔक्सीडेंट भी है. वहीं दूध में सारे अन्य पोषक तत्व होते हैं जिसकी वजह से कैंसर जैसी घातक बीमारी, शरीर के कमजोर न होने की स्थिति में पनप नहीं पाती है.
कई जगहों पर शक्कर की जगह पर शहद का इस्तेमाल होता है. शहद के उपयोग से बहुत सी बीमारियां दूर रहती हैं. यही कारण है कि ज्यादातर रसोइयों में आपको शहद दिख जाएगा.
पुराने जमाने में शहद का प्रयोग दवा के तौर पर होता था. जानकारों का मानना है कि किसी दवाई के साथ शहद लेने से दवाई का असर और ज्यादा होता है.
ध्यान दें, कभी भी शहद को पका के इस्तेमाल ना करें. ऐसा करने से ये जहरीला हो जाता है. इसे गर्म पानी में ना डालें और ना ही इसे पकाएं. अगर पानी में डाल कर पीना जरूरी लगे तो पहले पानी को हल्का गुनगुना कर लें, फिर उसमें शहद डाल कर इस्तेमाल करें.

चोट को ठीक करे
शहद एक नेचुरल एंटीसेप्टिक गुण है. चोट लग जाने पर घाव को गरम पानी और साबुन से धो कर उस पर कच्छी शहद लगाएं और किसी बैंडेज से बांध दें. बैंडडेज को कई दिनों तक बदलते रहें. जल्दी ही आपको आराम मिलेगा.
पाचन में है काफी लाभकारी
शहद पाचन क्रिया में काफी लाभकारी होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये एक प्राकृतिक एंजाइम्स हैं. पेट के गैस में भी ये काफी असरदार है.

हाइ ब्लडप्रेशर कम करें
बढ़े हुए ब्लडप्रेशर में शहद का सेवन लहसुन के साथ करना लाभप्रद होता है.
जलने में है उपयोगी
शरीर के किसी भी हिस्से के जलने में शहद काफी फायदेमंद होता है. जलन वाली जगह पर शहद लगाने से घाव को ठंडक मिलती है और इंफेक्शन का खतरा कम होता है.

अनिंद्रा में लाभदायक
सोने से पहले गुनगुने दूध में शहद मिक्स कर के पियें, लाभ मिलेगा.
मोटापे से छुटकारा पाएं
मोटापा घटाने के लिए गर्म पानी में नींबू और शहद मिला कर पिएं. इससे शरीर में मेटाबौलिज्म बढ़ता है, इससे मोटापा तेजी से कम होता है. इसके उपयोग से शरीर भी साफ रहता है.
आज की महिलाएं हमेशा फिट ऐंड फाइन दिखना चाहती हैं. ऐसे में हाउसवाइफ हो या वर्किंगवूमन अपनी खूबसूरती मैंटेन करना बेहद जरूरी समझती है. मेकअप से जुड़ी ऐसी ही जानकारी मेकअप आर्टिस्ट वीणा धवल ने गृहशोभा की फेब मीटिंग में शामिल होने आई महिलाओं को दी.
रखें इन बातों का ध्यान
महिलाएं अपनी खूबसूरती निखारने के लिए मेकअप का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में मेकअप करने से पहले और मेकअप करते वक्त कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
– मेकअप करने से पहले अपने चेहरे को फेस वाश से वाश करें. उस के बाद बर्फ से 5 मिनट तक मसाज करें. ऐसा करने से सुस्त त्वचा खिल उठेगी. यदि आप के चेहरे पर सूजन या मुंहासे हैं तो आप को इस मसाज से काफी राहत मिलेगी. इस के बाद आप क्लींजर और टोनर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इस से आप का चेहरा ग्लो करने लगेगा.
– बदलते मौसम की वजह से त्वचा में भी बदलाव देखने को मिलता है. स्किन को स्वस्थ रखने के लिए नमी का होना बहुत जरूरी है. वरना त्वचा रूखीरूखी नजर आने लगती है. ऐसे में चेहरे को मौइश्चराइज करने की जरूरत पड़ती है. मेकअप करने से पहले भी चेहरे पर मौइश्चराइजर अप्लाई करना चाहिए. इस से चेहरे पर नमी बरकरार रहेगी. यदि आप की स्किन औयली है, तो आप औयल फ्री मौइश्चराइजर ही अप्लाई करें.
– अगर आप के चेहरे पर पीलापन है, तो आप भूल से भी लाइट शेड की लिपस्टिक न लगाएं. वरना आप का चेहरा बीमार सा नजर आएगा.
– अगर आप की स्किन औयली है, तो हमेशा औयल फ्री प्रोडक्ट ही इस्तेमाल करें.
– मेकअप करते वक्त प्राइमर का इस्तेमाल भी करते हैं. लेकिन ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं, जो प्राइमर का इस्तेमाल नहीं करतीं. मेकअप आर्टिस्ट वीणा धवल का कहना है कि प्राइमर फाउंडेशन या मौइश्चराइजर को पूरा दिन टिका रहने के लिए बेस प्रदान करता है. अगर आप की स्किन औयली है, तो आप जैलबेस प्राइमर ही इस्तेमाल करें और अगर स्किन ड्राई है, तो औयल बेस प्राइमर यूज कर सकती हैं.
– मेकअप के समय फाउंडेशन का इस्तेमाल चेहरे के दागधब्बों और डार्क सर्कल्स को छिपाने के लिए किया जाता है. फाउंडेशन हमेशा अपनी स्किन टोन से एक शेड लाइट ही खरीदना चाहिए. अगर आप का फाउंडेशन चेहरे के रंग से नहीं मिलेगा तो आप का चेहरा फेक लगने लगेगा.
– अगर आप की स्किन औयली है तो आप को मैट फिनिश फाउंडेशन का इस्तेमाल करना चाहिए. इस से आप की स्किन औयली नहीं नजर आएगी. इसी तरह ड्राई स्किन वालों को मैट फिनिश फाउंडेशन अवौइड करना चाहिए क्योंकि इस से उन की स्किन पर पैच नजर आने लगेंगे.
– मेकअप को स्किन पर मिलाने के लिए ब्यूटी ब्लैंडर का ही इस्तेमाल करना चाहिए. हाथ से ब्लैंड करने पर चेहरे पर फिनिशिंग नहीं आ पाती जिस से चेहरा कहीं व्हाइट तो कहीं डार्क नजर आता है.
– कंसीलर का प्रयोग डार्क सर्कल्स, पिंपल्स को छिपान के लिए करते हैं. कंसीलर का यूज आप फाउंडेशन से पहले भी कर सकती हैं. लेकिन अगर आप कंसीलर का प्रयोग फाउंडेशन के बाद करेंगी तो इस से आप का कंसीलर ज्यादा यूज नहीं होगा और चेहरे पर जो दाग हैं वे भी आसानी से छिप जाएंगे.
– मेकअप को सैट करने के लिए सैटिंग स्प्रे का भी प्रयोग कर सकती हैं. इस से चेहरे का मेकअप फैलेगा नहीं और आप परफैक्ट लुक के साथ दिखेंगी.
कैसे दिखें अट्रैक्टिव
सुंदर और अट्रैक्टिव दिखने के लिए सही ड्रैस के साथसाथ अच्छा मेकअप भी जरूरी है.
अगर अट्रैक्टिव दिखने की बात करें तो सब से पहले ध्यान आंखों की तरफ ही जाता है. अकसर महिलाएं काजल लगाते वक्त वाटर लाइन को नजरअंदाज कर देती हैं. अगर अपर वाटर लाइन पर भी काजल लगाएं तो इस से आंखें बहुत अट्रैक्टिव नजर आती हैं.
– ब्लश लगाते ही चेहरा बेहद खूबसूरत और अट्रैक्टिव दिखने लगता है. लेकिन ब्लश लगाते वक्त ब्लश का सही रंग चुनना बेहद जरूरी है. ब्लश कभी हैवी न लगाएं. हैवी ब्लश लगाने से चेहरा ओवर दिखने लगेगा.
– लिप्स को खूबसूरत और अट्रैक्टिव दिखाने के लिए आप लिप लाइनर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. लिप लाइनर हमेशा लिपस्टिक के रंग से मेल खाता होना चाहिए. अगर आप दूसरे शेड का लिप लाइनर लगाती हैं तो चेहरा बहुत भद्दा दिखेगा.
मेकअप रिमूव करने का सही तरीका
अगर आप मेकअप रिमूव किए बिना सो जाती हैं तो ऐसा बिलकुल न करें, क्योंकि मेकअप में मौजूद कैमिकल त्वचा को नुकसान पहुंचाता है. मेकअप रिमूव करने के लिए किसी भी अच्छे ब्रैंड का मेकअप रिमूवर यूज कर सकती हैं.
अगर आप के पास मेकअप रिमूवर नहीं है तो आप ठंडे दूध से भी मेकअप रिमूव कर सकती हैं. मेकअप रिमूव करने के बाद ऐलोवेरा जैल से मसाज जरूर करें. इस से स्किन में नमी और खूबसूरती बरकरार रहेगी.
फिल्मी दुनिया और कास्टिंग काउच का नाता बहुत ही पुराना है. कई अभिनेत्रियों को काम पाने के एवज में कास्टिंग काउच का शिकार भी होना पड़ा है. कई अभिनेत्रियों ने कास्टिंग काउच के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है. अब बिग बौस 12 की एक्स कंटेस्टेंट और मराठी फिल्मों में बोल्ड व बिंदास किरदार अदा करने के लिए जानी जाने वाली मशहूर अभिनेत्री नेहा पेंड्से ने भी कास्टिंग काउच को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया था कि वो खुद भी इसका शिकार हो चुकी हैं.
नेहा ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी पूरी जिंदगी का खुलासा किया है. नेहा का कहना है कि मेरा फिल्मी बैकग्राउंड नहीं था. ऐसे में एक बार नहीं कई बार मैं कास्टिंग काउच का शिकार हुई. नेहा कहती हैं कि मुझे बुहत बार हमबिस्तर होने के औफर्स दिए गए, लेकिन मैंने मना कर दिया, जिन्होंने एक्सेप्ट किया आज वो शिखर पर हैं.
नेहा आगे कहती हैं कि फिल्मी दुनिया में आगे बढ़ने के लिए गौड फादर की जरूरत होती है. मेरा कोई गौड फादर नहीं है, मैंने अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम को हासिल किया है. कई बार मुझे आश्चर्यजनक चीजों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने हार नहीं मानी.
बता दें नेहा ने साल 1990 में दूरदर्शन के सीरियल हसरतें से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था. हाल ही में उन्होंने एक चर्चित टीवी सीरियल ‘मैं आई कम इन मैडम’ से जमकर सुर्खियां बटोरी, लोगों ने इस सीरियल में नेहा के किरदार को काफी पसंद किया. जिसके बाद नेहा ने देश के चर्चित रियलिटी शो बिग बौस सीजन 12 में एंट्री ली.
अकसर हम अपनी स्किन के प्रति लापरवाह बने रहते हैं जिस से स्किन जवानी में ही डल सी लगने लगती है. 20 से 30 साल की उम्र में स्किन को सब से ज्यादा केयर की जरूरत होती है. क्योंकि इस समय ही एजिंग की शुरुआत होती है और अगर ध्यान नहीं दिया जाता तो यह बढ़ सकती है.
आप ने एक विज्ञापन में ईरा दुबे को तो देखा ही होगा. सिर्फ ईरा दुबे ही नहीं बल्कि अधिकांश ऐक्ट्रैस का कहना है कि अभिनेत्री बनने से पहले वे अपनी स्किन पर बिलकुल ध्यान नहीं देती थी, लेकिन जब वे इस प्रोफैशन में आईं तब उन्हें पता चला कि उन के चेहरे पर ऐज स्पोट्स, फाइन लाइन्स वगैरा हैं जो एजिंग के साइन हैं, जिन्हें समय रहते कंट्रोल करना काफी जरूरी है.
ऐसे में नायका आप की एजिंग की समस्या को रोकने में मदद करेगा.
कैसे करें एजिंग से बचाव
रोकथाम के लिए केयर जरूरी
चेहरे पर फाइन लाइन्स दिखते ही आप हड़बड़ी में बोटैक्स और फिलर्स के लिए डर्मेटोलोजिस्ट के पास न पहुंच जाएं. आप को पहले अपने स्किन केयर रूटीन को बदलने की जरूरत है. इस के लिए जरूरत है धूप से बचाव, पौष्टिक खानपान और ध्रूमपान की आदत को छोड़ने की. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि किसी भी मौसम में सनस्क्रीन लगाए बिना न रहें.
इस के लिए नायका रिकमैंड करता है कि आप न्यूट्रोजीना अल्ट्राशीर डाई टच सनब्लौक एसपीएफ 50+, सीबेम्ड मल्टीप्रोटैक्ट सनस्क्रीन एसपीएफ 50 + या फिर काया स्वैट प्रूफ सनस्क्रीन एसपीएफ 30 + अपने स्किन टाइप के हिसाब से इस्तेमाल कर सकती हैं.
साथ ही आप मल्टीविटामिन जैसे इनलाइफ हेयर स्किन एंड नेल्स, जो हेयर, स्किन और नेल्स को हैल्दी रखने के लिए कंप्लीट मल्टीविटामिन (60 टैबलेट) हैं, का यूज कर सकती हैं.
यह बात भी सही है कि आमतौर पर ऐंटी एजिंग क्रीम्स 40+ के लिए ही होती हैं. लेकिन अगर आप शुरआत से ही स्किन केयर चाहती हैं तो इस के बारे में त्वचा विशेषज्ञ डा. धीमंत गोलेरिया का कहना है कि अकसर 20-30 वर्ष की आयु में महिलाओं को एजिंग की समस्या शुरू हो जाती है. ऐसे में अगर आप शुरुआत से त्वचा की देखभाल करना शुरू कर देती हैं तो यह काफी फायदेमंद होता है.
सही क्रीम चुनें
अकसर हमें स्किन प्रौब्लम होती है तो हम बिना सोचेसमझे मार्केट से ढेरों प्रोडक्ट्स खरीद ले आते हैं जो जेब पर बोझ डालने के साथ साथ स्किन पर वो इफैक्ट नहीं डाल पाते जो डालना चाहिए. एजिंग को रोकने के लिए हमें ढेरों प्रोडक्टस खरीदने की जरूरत नहीं है, बल्कि ऐसी क्रीम का चुनाव करने की जरूरत है जो स्किन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने, उसे मौइश्चर प्रदान करने के साथ स्किन टोन को भी सुधारने का काम करे.
इस के लिए नायका का कहना है कि आप लौटस हर्बल्स व्हाइटग्लो स्किन वाइटनिंग एंड ब्राइटनिंग जैल क्रीम एसपीएफ 25 पीए +++ का प्रयोग करें. क्योंकि इस में मौजूद विटामिन व वाइटनिंग ऐक्टिव फार्मूला त्वचा की सतह को ठीक कर उसे दागधब्बों व डार्कनिंग से दूर कर उसे क्लीयर रखने का काम करता है.
यही नहीं बल्कि आप ओले टोटल इफैक्ट्स 7 इन 1 ऐंटी एजिंग डे क्रीम नौर्मल एसपीएफ 15 का इस्तेमाल कर सकती हैं. क्योंकि ये शुरुआती स्किन एजिंग जैसे काले धब्बे, त्वचा का लचीलापन खोना, फाइन लाइन्स, झुर्रियां, अनईवन टोन, खुले रोमछिद्रों की समस्या को रोकने में कारगर है. इसे आप दिन में 2 बार टोनिंग के बाद व मौइश्चर फाउंडेशन से पहले अप्लाई कर के बेहतर रिजल्ट पा सकती हैं.
रैटीनोल का संभल कर करें इस्तेमाल
अकसर हम एजिंग को रोकने के लिए रैटीनोल का ट्रीटमैंट लेते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं कि जो रैटीनोल का ट्रीटमैंट आप ले रही हैं, वह आप को सूट करेगा ही. क्योंकि जहां रैटीनोल सैल सायकल को बढ़ाने, रोमछिद्रों को छोटा करने व सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन की रक्षा करता है वहीं कई बार रैटीनोल से ऐकने की समस्या के साथ ड्राई स्स्नि की ड्राईनैस और बढ़ जाती है.
ऐसे में जरूरत है ऐसे प्रोडक्ट को खरीदने की जिस में रैटीनोल की मात्रा थोड़ी हो, साथ ही उस में अल्फा हाइड्रोसी एसिड और ऐंटीऔक्सीडैंट हो. इस के लिए नायका बताता है कि आप काया ब्राइटनिंग नाइट क्रीम व लेक्मे यूथ इनफिनिटी स्किन स्कल्पटिंग डे क्रीम एसपीएफ 15++ का इस्तेमाल करें.
स्किन केयर रूटीन को बदलें
डा. गोलेरिया के अनुसार, प्रदूषण व सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें हमारी त्वचा की जीवित कोशिकाओं को डेमैज करने का काम करती हैं जो एजिंग का कारण बनती हैं. इस के लिए जरूरी है कि आप अपने दिन की शुरुआत ऐंटी औक्सीडैंट रिच पोशन जिस में पेपटिड्स और प्लांट स्टैम सैल्स हों, उस से करें, क्योंकि इस में एजिंग को रोकने के गुण जो हैं.
इस के लिए नायका बताता है कि हिमालय हर्बल्स क्लियर कौमप्लैक्शन वाइटनिंग डे क्रीम काफी बेहतर है क्योंकि इस में ऐलोवीरा, विंटर चेरी और इंडिया कीनो ट्री जैसे तत्त्व हैं. जो आप की स्किन को मौइश्चर व प्रदूषण से बचाने में कारगर है. या फिर आप फेब इंडिया विटामिन ई क्रीम डी पिगमैनटेशन का प्रयोग करें जिस में विटामिन ए, सी व ई मिला हुआ है, जो स्किन को यूवीए व यूवीबी किरणों से बचाने में कारगर है.
मौइश्चराइजिंग सनस्क्रीन सबसे बेहतर
सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें हमारी स्किन में टैनिंग की समस्या पैदा करती हैं. जिससे बचाव के लिए हम मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में जरुरत है स्किन के लिए स्मार्ट मौइश्चराइजिंग सनस्क्रीन खरीदने की, जिस से आप की स्किन सौफ्ट भी रहे और सन बर्न से भी बचाव हो.
डा. गोलेरिया के अनुसार, “अकसर हम अपने चेहरे पर तो सनस्क्रीन अप्लाई करते हैं लेकिन बाकी जगहों पर नहीं जबकि आप को बता दें कि गर्दन, हाथों, पैरों पर इस का प्रभाव सब से अधिक दिखता है. इसलिए सनस्क्रीन सभी जगह अप्लाई करें.”
इस के लिए नायका बताता है कि ऐज लौक एसपीएफ 40 मल्टी विटामिन सबसे बेहतर है क्योंकि इस का डबल ऐक्शन फार्मूला धूप से बचाने के साथ साथ प्रदूषण से रक्षा कर स्किन पर नैचुरल ग्लो लाता है. या फिर आप नीविया मौइश्चराइजिंग सन लोशन एसपीएफ 50 का इस्तेमाल करें.
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