जानें क्यों है खास, नेपाल का टाइगर पैलेस रिजार्ट

नेपाल का टाइगर पैलेस रिजार्ट काफी लोकप्रिय है. और इसकी वजह से उत्तर प्रदेश से आने वाले टूरिस्टों के बीच इसके लिए बढ़ता क्रेज़. भारत और नेपाल के बार्डर के दक्षिण भाग में 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टाइगर पैलेस रिजार्ट का उद्घाटन पिछले साल यानी 2017 में किया गया था और तबसे लेकर अभी तक उत्तर प्रदेश से करीब एक लाख से ज्यादा लोग इस रिजार्ट में इंजाय करने के लिए जा चुके हैं.

क्यों है खास

टाइगर पैलेस रिजार्ट में गेमिंग से लेकर डाइनिंग, शादी और मनोरंजन के लिए कई सुविधाएं हैं. यहां के कसीनो में 200 इलेक्ट्रानिक गेमिंग मशीन और 52 गेमिंग टेबल हैं. विदेशी खेलों के अलावा यहां फ्लश और तीन पत्ती जैसे भारतीय खेल भी होते हैं. यह रिजार्ट बौलिवुड स्टार्स के बीच भी काफी मशहूर है.

खबरों के मुताबिक, यह एक ऐसा एंटरटेनमेंट डेस्टिनेशन है, जहां आकर कोई भी वापस नहीं जाना चाहेगा. इस साल सितंबर में ही टाइगर पैलेस रिजार्ट ने अपनी ऐनिवर्सरी सेलिब्रेट की. आपको बता दें, यह रिजार्ट बेहद तेजी से उभर रहा है और सिंगापुर, थाइलैंड, मकाउ और मलयेशिया जैसे डेस्टिनेशन्स को कड़ी टक्कर दे रहा है.

टिप यानी दिनदहाड़े लूट

टिप को दुनिया का सब से बड़ा और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग कहना गलत नहीं होगा, पर यह सब से अधिक दुरूह भी है. मैं जब लंदन पहली बार गया था तो पैसे बचाने के लिए 3-4 महीने में एक बार बाल कटाता था क्योंकि वहां बाल कटाना बहुत महंगा जान पड़ता था. इसे आप मेरी कंजूसी भी कह सकते हैं.

मेरे गृहनगर इटारसी में उस समय नाई बाल कटाने व दाढ़ी बनाने का 25 पैसे लेता था. लंदन आने पर पता चला कि वहां केवल साधारण बाल कटाने का ढाई शिलिंग (तब करीब 4 रुपए) लगता था.

पहली बार बाल कटाने के बाद नाई को ढाई शिलिंग दे कर सैलून से बाहर निकलने लगा तो नाई ने मेरी ओर ऐसे देखा मानो मैं कुछ चुरा कर और उस से नजर बचा कर चला जा रहा हूं. फिर उस ने कुछ जोर की आवाज में लगभग चिल्ला कर कहा, ‘‘वाट अबाउट माई टिप?’’  पता चला कि वहां नाई को भी टिप जाती है. बाल कटाने का रेट भले ही ढाई शिलिंग था पर टिप मिला कर पूरा 3 शिलिंग हो जाता था.

आजकल लंदन में केवल बाल काटने के कम से कम 6 पौंड (करीब 525 रुपए) देने पड़ते हैं. पर एक बात जरूर है कि रिटायर्ड लोगों को यहां सरकार की ओर से मिलने वाली तरहतरह की सुविधाओं के समान कुछ नाई भी 50 प्रतिशत डिस्काउंट देते हैं. ऐसा उन की दुकान के बाहर लिखा रहता है.

हर देश में टिप देने या न देने के बारे में अलगअलग रिवाज हैं. अत: कभीकभी कहींकहीं उलझन में पड़ जाता हूं कि टिप दूं या नहीं और दूं तो कम से कम कितनी.

सवाल यह है कि टिप क्यों दी जाए. इस का उत्तर भी कुछ कम उलझनभरा नहीं होगा. यदि आप कभी ‘कू्रूज’ टूर (जलयान द्वारा सैर) पर गए हों तो आप को पता होगा कि टिप केवल गूढ़ ही नहीं है बल्कि कभीकभी टिप देना काफी महंगा भी पड़ जाता है. जहाज में इतने अधिक लोग छोटेमोटे काम करने वाले होते हैं कि आप तय नहीं कर पाते कि किसे टिप दें और किसे नहीं. शायद यही कारण है कि आजकल कू्रज कंपनियां यात्रा के किराए में टिप भी शामिल करने लगी हैं.

कुछ लोग मानते हैं कि टिप देने से आप को भविष्य में अच्छी सेवा मिलेगी और यह अब मिली अच्छी सर्विस का पुरस्कार है. कुछ लोग टिप न दे कर बाद में बड़े व्याकुल से नजर आते हैं. भले ही उन्हें अच्छी सर्विस न मिली हो, कुछ लोग यह सोच कर टिप देते हैं कि वेटर को कोई अच्छा वेतन नहीं मिलता होगा, अत: अपनी तरफ से उस की कुछ सहायता हो जाए.

यह याद रखना चाहिए कि टिप देने का कोई कानून नहीं है. यदि आप किसी की सेवा से खुश नहीं हैं तो आप किसी भी प्रकार टिप देने के लिए बाध्य नहीं हैं, पर आप को किसी न किसी रूप में यह अवश्य बतला देना चाहिए कि आप ने टिप क्यों नहीं दी. कुछ लोगों की राय में टिप देने की यह पूरी प्रथा ही गलत है. उन का मानना है कि वेटर, दरबान आदि टिप की आशा रखें, इस से अच्छा यह है कि उन्हें समुचित वेतन दिया जाए.

20वीं सदी के शुरू में कई अमेरिकी राज्यों में टिप देना अवैध घोषित कर दिया गया था.

एशियाई, अफ्रीकी और अरब देशों में तो टिप, जिसे वहां बख्शिश कहा जाता है, आप की किसी भी समस्या को हल करने में सहायक होती है. आप की कार स्टार्ट नहीं हो रही है, लोग स्वयं आ कर उसे धक्का देने लगेंगे. कार का टायर पंक्चर हो गया है, लोग टायर बदलने में सहायता करेंगे. आप कोई पार्सल खोल नहीं पा रहे हैं तो वे बिना बुलाए मेहमान के समान आ कर आप का पार्सल खोलने लगेंगे. आप कोई पता खोज रहे हैं, वे आप के साथ चल कर उस पते तक आप को ले जाएंगे, यानी आप की कोई भी छोटी से छोटी भी समस्या हो, वे बख्शिश की आशा में किसी न किसी रूप में आप की सहायता करेंगे.

एअरपोर्ट पर आप ने प्रीपेड टैक्सी ली है. प्रीपेड बूथ से टिकट लेने के बाद आप टैक्सी का पता लगाने जा रहे होते हैं कि कोई आप के पास आ कर कहता है, ‘‘चलिए, टैक्सी वहां है.’’ आप के न चाहते हुए भी वह आप के साथसाथ चलने लगता है और टैक्सी के पास पहुंच कर रुक जाता है. टैक्सी ड्राइवर आप का सामान टैक्सी में नहीं रखेगा.

आप जब स्वयं टैक्सी में सामान रखने लगते हैं तो वह व्यक्ति आप का सामान रखने लगता है. अब मना करने पर भी उस ने आप के सामान को हाथ लगा दिया है. अत: टिप का हकदार बन जाता है. आप सामान रख कर टैक्सी ड्राइवर को चलने के लिए कहते हैं कि वह व्यक्ति सामने आ जाता है, ‘बाबूजी, टिप’ या टैक्सी ड्राइवर स्वयं आप से कहता है कि उसे कुछ दे दें. आप न देने के लिए बहाना बना कर कहते हैं कि आप के पास फुटकर पैसे नहीं हैं तो ड्राइवर स्वयं फुटकर देने को तैयार हो जाता है और आप को न चाहते हुए भी उसे कुछ न कुछ देना पड़ता है.

आप इसे बख्शिश भी कह सकते हैं. खैर, जो कुछ भी हो, टिप के बारे में एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि जिसे आप टिप दे रहे हैं उस से आप बड़ी रकम का नोट न भुनाएं. आप टिप के रूप में या तो पूरा नोट दे दें या बिलकुल ही टिप न दें क्योंकि आप टिप देने के लिए मजबूर नहीं हैं. टिप का यही तरीका है.        द्य

जब राजा के हुनर पर चढ़ेगा रानी के हौंसले का रंग, दुनिया देखेगी कैसे होगा जीवन का ‘शुभारंभ’

हम सब का स्वभाव एक दूसरे से अलग होता है और हम सबमें कोई न कोई खूबी ज़रूर होती है. यही हम सब के व्यक्तित्व की खूबसूरती और पहचान दोनों है. जब दो अलग स्वभाव औरमिज़ाज के लोग एकसाथ आते हैं और एक दूसरे की खूबियों को पहचान ने में भी सफल होते हैं तो सफलता उनके कदम चूमती है. अगर किस्मत ऐसे दो लोगों को करीब लाती है तो वे मिल कर एक और एक दो नहीं पूरे ग्यारह हो जाते हैं. कलर्स लेकर आ रहा है, एक ऐसी ही साझेदारी की अनोखी कहानी- ‘शुभारंभ’

शुभारंभ की कहानी दो किरदार ‘राजाऔर रानी’ की है जो गुजरात केएक छोटे शहर, सिद्धपुर से हैं. राजा एक मेहनती और स्वभाव से भोला लड़का है जिसके व्यवहार को सभी पसंद करते हैं. एक अमीर गुजराती बिजनेस घराने का लड़का. राजा अपने पिता को बचपन में ही खो देता है.उस के पिता की मौत के बाद उसके रिश्तेदार धीरे धीरे उसके पिता के बिजनेस और जायजाद पर कब्जा कर लेते हैं. पर राजा अपने भोलेपन की वजह से इससे अनजान बना रहता है और वे लोग अपने मन मुताबिक उसका इस्तेमाल करते रहते हैं.

रानी होशियार और कौन्फिडेंट लड़की है. वो गरीब घर की लड़की है जिसके पिता शराबी हैं और मां मेहनत मजदूरी कर के घर का पालन – पोषण करती है. बचपन से ही गरीबी से लड़ते-लड़ते रानी उम्र से पहले बड़ी हो जाती है और उसे जमाने से निपटना बखूबी आता है. एक ओररानी का बिजनेस सेन्स काफी अच्छा है तो दूसरी तरफ राजा में पेंटिंग करने का हुनर है. राजा को घर-दुकान के काम से जबभी वक्त मिलता है, वो पेंटिंग करने में मशगूल हो जाता है. रानी वक्त के साथ राजा के व्यक्तित्व में छुपे हुनर को पहचान लेती है. राजा भी अपने हुनर में रानी से मिले हौसले के पंख लगाता है, और शुरू होती है सपनों की नई उड़ान.

कलर्स पर आने वाले इस नए धारावाहिक का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है. माना जा रहा है कि ‘राजा-रानी’ का किरदार और उनकी कहानी सिर्फ दर्शकों का भरपूर मनोरंजन ही नहीं करेगी बल्कि अपने रिश्ते को नए नजरिये से देखने को प्रेरित भी करेगी. लोगों के दिलों में उत्सुकता है कि जब किस्मत राजा -रानी को करीब लाएगातो दोनों एक दूसरे कीजिंदगी में बदलाव कैसे लाएंगे.

राजा – रानी अपने नएजीवन का शुभारंभ कैसे करते हैं, साथ मिलकर साझेदारी की अनोखी कहानी कैसे लिखते हैं, जानने के लिए देखिये – ‘शुभारंभ’ 02 दिसंबर, सोमवारसे शुक्रवार, रात 9 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

जा रही हैं बीच हौलीडे पर तो ये चीजें ले जाना न भूलें

अगर आप बीच हौलीडे पर जा रही हैं तो स्विमसूट, फ्लिप-फ्लौप, टौवेल की पैकिंग के बारे में आपको पता होता है. लेकिन क्या आप जानती हैं,  इसके साथ कई चीजों की जरूरत आपको बीच पर पड़ती है. जिसके बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देती. तो आईए आज इन्हीं चीजों के बारे में बताते है. जो बीच पर एन्जौय करने के साथ आपको कम्फर्टेबल रखने में भी बहुत काम आएंगें.

बीच कार्ट

बीच कार्ट कुर्सी, बीच बैग और वाटर बौटल जैसी चीजों को एक साथ कैरी करने के लिए सबसे बेस्ट औप्शन है. जिसमें आप इन सारी चीजों को न सिर्फ रख सकते हैं बल्कि एक जगह से दूसरी जगह बिना किसी की मदद लिए मूव भी कर सकती हैं. साथ ही बीच पर किसी चीज़ के खोने और छूटने का डर भी नहीं रहता.

वेट सूट बैग

क्योंकि बीच पर जाने के लिए स्वीमिंग और दूसरे वाटर स्पोर्ट्स में कपड़े गीले होते ही हैं जिसे पूरे दिन पहनना संभव नहीं है, कपड़े पहनकर गीले कपड़ों को ऐसे बैग में नहीं रखा जा सकता. इसलिए वेट सूट बैग साथ रखें ताकी आप सारे गीले कपड़ों को अलग से कैरी सकें.

टौवेल एंकर

बीच पर चलने वाली तेज हवाओं के चलते आपकी टावेल बार-बार उड़ जाती है तो इसके लिए टावेल एंकर अपने साथ रखें. टावेल को एंकर से क्लिप कर दें और बेफ्रिक होकर स्वीमिंग, सनबाथ या दूसरी एक्टविटीज़ का मज़ा लें.

सनस्क्रीन

सनस्क्रीन सबसे पहले अपने बैग में रखें. जो टैनिंग के साथ-साथ स्किन बर्निंग से भी बचाता है. चेहरे और पूरी बौडी पर अच्छे से सनस्क्रीन लगाकर ही बीच पर जाएं या वाटर एक्टिविटी करें.

स्मार्ट टिप्स फौर स्मार्ट किचन

अगर आप अपने पुराने किचन के लुक से बोर हो गई हैं और इसे नया लुक देना चाहती हैं तो हम आपके लिए कुछ स्मार्ट टिप्स लेकर आए है. जिससे आप अपने किचन को नया और स्मार्ट लुक दे सकती हैं.

यिन एंड यांग टीपौट– आप दो फ्लेवर की चाय के लिए दो टीपौट का इस्तेमाल करती होंगी. पर यही काम एक टीपौट में किया जा सकता है. जी हां `यिन एंड यांग′  टीपौट में एक साथ दो अलग फ्लेवर की चाय रखी जा सकती हैं, जैसे ग्रीन टी और रेड टी. इस टीपौट को आप अपने किचन में शामिल कर सकती है.

कलर्ड मार्गरीटा सौल्ट– सफेद और काला नमक के अलावा आप कलरफुल सौल्ट यानी कलर्ड मार्गरीटा सौल्ट भी ले सकती हैं. इसका इस्तेमाल लस्सी, सूप, कौकटेल, आदि को सजाने के लिए कर सकती हैं.

तेल लगेगा कम जब होगा एयरफ्रायर– सेहत के साथ स्वाद का लुत्फ उठाना चाहती हैं, तो ′एयरफ्रायर′ आपके किचन के लिए सही रहेगा. यह उपकरण सभी भारतीय व्यंजनों को पकाने के लिए तेल की जरूरत को बहुत हद तक कम कर देता है. पैटेंटेड रैपिड एयर तकनीक से सुसज्जित यह उपकरण घूमती हुई गर्म हवा को ग्रिल एलिमेन्ट के साथ जोड़कर तेलरहित स्वादिष्ट फ्राइड फूड मिनटों में तैयार कर देता है.

अगर ऐसे रखेंगी ख्याल तो आपके फर्नीचर चलेंगे सालों-साल

फर्नीचर आपके घर का शान होता है. केवल अलमारी और दराज ही नहीं बल्कि लकड़ी के बने डिजाइनर मल्टीयूज शोकेस भी आपके घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं. यही कारण है कि लोग घर के फर्निचर पर न ज्यादा से ज्यादा खर्च करते हैं. खर्च करने के साथ-साथ फर्निचर का ख्याल रखना भी जरुरी है, जिससे आपका फर्निचर कई सालों तक चल सकें. इसके लिए आज आपको टिप्स बताते है.

फर्नीचर पर जमे तेल को हटाने के लिए बराबर-बराबर मात्रा में अमोनिया और गर्म पानी लें और एक स्पंज उसमें डुबोकर एक्स्ट्रा पानी निकालें और चिकनाई को पोंछें. उसके तुरंत बाद ही किसी सूखे कपड़े से फर्नीचर को पोछ दें, ताकि वो नमी न सोख पाएं.

अलमारी या सोफे को चमकाने के लिए फर्नीचर वैक्स का इस्तेमाल न करें. इस चिकनाई की वजह से धूल-मिट्टी चिपकती रहती है, जिससे आपका फर्नीचर चमकने के बजाय खराब होने लगता है. इसलिए अपनी अलमारी आदि को चिकनाई से दूर रखें. बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर गाढ़ा-सा घोल बना लें. अब इस घोल को दाग लगे हुए स्थान पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ें. फिर उसे हल्के से पोंछ दें.

घर में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर फर्नीचर वार्निश वुड के होते हैं, इसलिए इनको धूल और गंदगी से दूर रखना जरूरी है. इन्हें वैक्यूम क्लीनर या सूखे और नर्म कपड़े से साफ करते रहें. लकड़ी के फर्नीचर को पानी या अन्य लिक्विड जैसे एल्कोहाल, खाने की चीजें आदि से बचाएं.

महीने में एक बार नींबू के रस से फर्नीचर की सफाई करने से भी फर्नीचर में नई चमक आ जाती है. पुराने फर्नीचर को आप मिनरल औयल से पेंट करके भी नया बना सकती हैं. अगर संभव हो, तो वुडेन फर्नीचर को हर साल वैक्स्ड या वार्निश करवाएं. इससे फर्नीचर नमी नहीं सोखता है.

सर्दियों में नमी की वजह से दरवाजों से आवाज आती है. दराज की स्लाइडिंग में भी भारीपन आने लगता है. आपके कैबिनेट से चरचराने की आवाज आ रही हो, तो कौटन में सरसों या तारपीन का तेल डुबोकर स्लाइडिंग को पोंछ दें, लेकिन पेट्रोलियम वाले प्रोडक्ट से दूर रहें.

जब त्वचा को मिले चार्मिस का कोमल स्पर्श

जाड़े के मौसम का हर कोई प्यार और खुशी से स्वागत करता है और करे भी क्यों न, गरमी की तेज धूप और उमस के बाद ठंडी सर्द हवाओं, हलके गरम कपड़ों और सूर्य की गरमाहट के साथ कहीं भी निकल जाने का मन जो करता है. लेकिन क्या आप ने भी सोचा है कि सर्दी का मौसम त्वचा के लिए कुछ समस्याएं भी ले कर आता है.

इस के शुरू होते ही त्वचा रुखी और बेजान होने लगती है और ऐसे में कोई ऐसा उत्पाद बहुत जरूरी है, जिस में विटामिन ए, सी और ई हो, जो हमारी त्वचा को सुरक्षा दे, पोषित रखे और नमी प्रदान करे. इस के अभाव में मौसम के बदलने से जो आनंद आप के चेहरे पर दिखना चाहिए वह दिखाई नहीं पड़ता.

चार्मिस के साथ खुशनुमा सर्दी

इस रुखे मौसम को खूबसूरत बनाने के लिए ही चार्मिस का कोमल स्पर्श सब से अधिक जरूरी है, क्योंकि इस में मौजूद विटामिन ए हमारी स्किन के आसपास एक लेयर बना कर उसे बेजान होने से बचाता है, जबकि विटामिन सी त्वचा को अल्ट्रावौयलेट किरणों के प्रभाव से बचाता है. इस के अलावा त्वचा जवां, मुलायम होने के साथसाथ उस में कसाव भी आता है. विटामिन ई सब से पौपुलर विटामिन है, साथ ही यह एक प्रभावी एंटीऔक्सिडैंट भी है. यह त्वचा को ऐजिंग से बचाता है और इस की नमी को बनाए रखता है. अगर आप ने सर्दी में चार्मिस का नियमित इस्तेमाल किया, तो सर्दी के आनंद को और भी बढ़ा सकती है.

एहसास भरोसे का

चार्मिस क्रीम की ब्रैंड एंबैसेडर और अभिनेत्री काजोल जिन्होंने मां की भूमिका कई फिल्मों जैसे ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘फना’, ‘कुछकुछ होता है’, ‘हैलीकाप्टर इला’ जैसी फिल्मों में बखूबी निभाई है और असल जिंदगी में दो बच्चों की मां भी हैं, कहती हैं कि आप की अच्छाई आप के चेहरे पर नजर आती है. यह बात मैं ने मां बनने के बाद समझी है. आप जान लें कि आप की ईमानदारी, अखंडता, दयालू होना, नैतिक साहस आदि से भी ऊपर आप का व्यवहार होता है, जो आप दूसरों के साथ करते हैं और आप के व्यवहार से ही लोग आप से निकटता बढ़ाते हैं यानी आप के व्यवहार से उन्हें आप की अच्छाई का एहसास हो जाता है.

काजोल मानती हैं कि एक मां बच्चे का हाथ भले ही थोड़ी देर के लिए थामती हो लेकिन बच्चे का दिल पूरी जिंदगी उस से जुड़ा रहता है. एक मां बच्चे के लिए खुद में कोई भी बदलाव लाने में पीछे नहीं हटती. यही नहीं बल्कि समाज में बदलाव लाने में भी मां की अहम भूमिका होती है. इस के अलावा किसी भी चुनौती पूर्ण माहौल से हमारे बच्चे तभी निकल पाते हैं, जब उन की सोच मजबूत हो. मौम होने पर मैं ने इस बात को अनुभव किया है.

यह सही है कि मां का साथ किसी भी बच्चे के साथ 9 महीने पहले से जुड़ता है और एक मां उसे सब से अच्छी तरह से समझ सकती है. ऐसे में सही पेरैंटिंग पार्टनरशिप में मां अहम होती है. काजोल कहती हैं कि आज समय बदल चुका है. जैसे समय के साथसाथ हमारी जरूरतें बढ़ी हैं वैसे ही बच्चों की भी.

ऐसे में हमें बच्चों की खुद के समय से तुलना न करके उन्हें समझना चाहिए, उन्हें डांट और प्यार दोनों से ही हर चीज समझाने की कोशिश करनी चाहिए. जब हम उन्हें समझेंगे तभी वे हमारे रंग में रंग पाएंगे. इस में हमारी कोशिश ही बेहतर परिणाम ला सकती है.

चार्मिस मौम की यह समझ मुझे बहुत अच्छी लगी. बच्चों को करुनशील बनाने के लिए उन के व्यक्तित्व को सही दिशा देना आवश्यक है. चार्मिस की तरह ही मां का कोमल स्पर्श हर बच्चे की जरूरत है.

रखें अच्छे संबंध, मन रहेगा प्रसन्न

आजकल लोग गैजेट्स की दुनिया में गुम रहते हैं. इस तरह वे व्यस्त तो हैं, मगर प्रसन्न  नहीं. वास्तविक प्रसन्नता और सेहत के राज जानने  के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अब तक का सब से विस्तृत और लंबा शोध किया.

‘हार्वर्ड स्टडी औफ एडल्ट डेवलपमेंट’ नाम का यह अध्ययन 1938 में शुरू हुआ जिस में 800 से ज्यादा लोगों के जीवन के हर पहलू का व्यापक अध्ययन किया गया. करीब 8 दशकों में चले इस अध्ययन में तीन समूह के लोगों को जोड़ा गया. पहले  समूह में 268 उच्च शिक्षित हार्वर्ड ग्रेजुएट्स थे. दूसरा समूह 456 लोगों का था जो बोस्टन के गरीब इलाके के लड़कों का था.  ये विपरीत परिस्थितियों में रह रहे थे. तीसरे समूह में 90 महिलाओं को लिया गया.

सालों तक इन लोगों  के जीवन के व्यापक अध्ययन के बाद जो निष्कर्ष सामने आया वह था, अच्छे संबंध हमें खुश और सेहतमंद रखते हैं. यहां अच्छे संबंधों का  तात्पर्य गहरे और मजबूत रिश्तों से है.

अकेलापन हमारे गम और डिप्रेशन को बढ़ाता है मगर रिश्तो की मिठास इन गमों को कम करने में मददगार है. रिश्ते बहुत सारे हों यह जरूरी नहीं मगर जो भी रिश्ता हो वह मजबूत और गहरा हो. भले ही आप रिश्तेदारों से जुड़े हो या दोस्तों से मगर रिश्तो की नींव मजबूत होनी चाहिए.

आइए देखते हैं कैसे रिश्तों को मजबूत बनाया जा सकता है.

माफ करना सीखें

बेवजह किसी के प्रति दिल में कड़वाहट रखने की आदत सिर्फ रिश्तों को कमजोर बनाती  है, वरन  आप की अपनी मानसिक सेहत के लिए भी खतरनाक है. बेहतर है कि आप सारे गिलेशिकवे भूल कर दिल से लोगों को माफ करना सीखें. इस से मन में सुकून और जीवन में उमंग कायम रहती है.

जिंदगी को बहुत सीरियसली न लें

कुछ लोग जिंदगी को इतना सीरियसली ले लेते हैं कि वे जीवन में छोटेमोटे उतारचढ़ाव को भी स्वीकार नहीं कर  पाते और डिप्रेशन में चले जाते हैं. छोटीछोटी बातों पर दूसरों से झगड़ते हैं. मरनेमारने पर उतारू हो जाते हैं. जब कि व्यक्ति का व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए कि बड़ी से बड़ी आंधी भी मन को विचलित न कर सके. लोगों से उलझने के बजाय बातों को हंसी में टालना सीखना चाहिए. इस से रिश्तो में कभी गांठ नहीं आती और आप के अंदर की प्प्रसन्नता भी कायम रहती है. दूसरों के साथ आप के  रिश्ते भी मजबूत बनते हैं.

धोखा न दें

रिश्तो के बीच रूपएपैसे, शक की गुंजाइश आदि न आने दें. प्यार बहुत मुश्किल से होता है. रिश्ते बहुत धीरेधीरे मजबूत होते  हैं. यदि आप सामने वाले के साथ कुछ रुपयों के लिए बेईमानी कर जाएं, उस के विश्वास को तोड़ दे, तो फिर उस के साथ आप के रिश्ते में मधुरता नहीं रह जाती. आप उस व्यक्ति से हाथ धो बैठते हैं. खुद आप को भी कभी न कभी इस बात का एहसास जरूर होता है कि आप ने उस के साथ गलत किया है. तब आप को अफसोस होगा और आप जीवन की वास्तविक खुशियों से दूर होते चले जाएंगे.

मदद करना सीखे

जिंदगी ने आप को जो भी दिया है उस का प्रयोग लोगों की मदद करने में करें. खुद आगे आए और जितना संभव हो उतना दूसरों की मदद करें. इस से आप के मन को संतुष्टि भरी प्रसन्नता मिलती है. कभी भी अपने किए काम की माला न जपे. मदद करें और फिर भूल जाए. दूसरे लोग भी ऐसे व्यक्ति से अपना रिश्ता बना कर रखना चाहते हैं.

गहरे रिश्ते जरूरी

किसी के साथ जब आप बिना किसी छलकपट या अपेक्षा के दिल से जुड़े होते हैं, उस के सुखदुख को अपना महसूस करते हैं और अपने दिल की हर बात उस से शेयर करते हैं तो आप का मन बहुत हल्का रहता है. खुश रहने के लिए इस तरह के गहरे रिश्ते बनाने जरूरी है. क्यों कि जब आप कुछ लोगों के साथ गहराई से जुड़े होते हैं तो वे  आप के गम को आधा और खुशियों को दोगुना कर देते हैं. ऐसे रिश्ते में औपचारिकता नहीं वरन अपनापन होता है.

अपने अहम को आड़े  न आने दें

रिश्तो के बंधन को अपनी इगो के हाथों टूटने न दें.  रिश्तो में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता. किसी के आगे झुकने से यदि रिश्ता टूटने से बच जाता है तो इस में कोई बुराई नहीं क्यों कि रुपए पैसों से ज्यादा कीमती रिश्ते होते हैं. किसी की सफलता पर खुश होने के बजाय आप चिढ़ने लगेंगे ,उसे नीचा दिखाने का प्रयास करेंगे, तो समझ लीजिए कि आप जीवन की सब से महत्वपूर्ण संपत्ति यानी वह रिश्ता खोने वाले हैं.

अपेक्षाएं कम रखें

अक्सर हम अपने करीबी लोगों से जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं रखने लगते हैं. अपेक्षाएं पूरी न हो तो दिल में खलिस पैदा हो जाती है. तब हम रिश्तो को कायदे से जी नहीं पाते. अपेक्षाएं हमें दुखी करती हैं और रिश्तों  में खटास लाती है. इसलिए बेहतर है कि हम अपनी तरफ से किसी भी रिश्ते को अपना संपूर्ण दे मगर सामने वाले से किसी बदले की इच्छा न रखें.

रणबीर की बहन पर लगा चोरी का आरोप, मांगनी पड़ी माफी

कपूर खानदान जहां सिल्‍वर स्‍क्रीन पर एक्टिंग के लिए मशहूर है वहीं ऋषि कपूर की बेटी और रणबीर कपूर की बहन रिद्धिमा इस चकाचौंध भरी दुनिया से दूर रहती हैं. रिद्धिमा कपूर जानीमानी ज्‍वैलरी डिजाइनर हैं. ‘R’ नाम से उनका एक सक्‍सेस ज्‍वैलरी ब्रांड है जिसके डिजाइन बेहद पसंद किये जाते हैं. लेकिन हाल ही में उनके इस ब्रांड पर डिजाइन चोरी करने का आरोप लगा है.

फिल्मों से दूर ज्वैलरी की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाली कपूर खानदान की इस बेटी के ऊपर डिजाइन कौपी करने का आरोप लगा है. उनपर यह आरोप ज्‍वैलरी डिजाइनर ‘डाइट सब्‍या’ कंपनी ने लगाया है. ‘डाइट सब्‍या’ ने इसका खुलासा सोशल मीडिया पर किया. दरअसल हाल ही में रिद्धिमा ने अपनी ज्‍वैलरी की नयी फेस्टिव कलेक्‍शन लौन्‍च की थी जिसमें डायमंड और पर्ल से बने ईयररिंग्‍स की रेंज थी. लेकिन इन ईयररिंग्‍स में एक के डिजाइन को कौपी बताया जा रहा है.

 

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दरअसल रिद्धिमा के इन डिजायन्‍स को देखने के बाद सोशल मीडिया पर ‘डाइट सब्‍या’ ने उनपर चोरी का इल्‍जाम लगाया. उन्‍होंने कहा कि रिद्धिमा की डिजाइन असल में ‘कोकीची मिकीमोटो’ (Kokichi Mikimoto) द्वारा डिजाइन की गई है. रिद्धिमा ने न सिर्फ डिजाइन चुराये बल्कि उनकी वेबसाइट से फोटो भी ली है. डाइट सब्‍या ने दो तसवीरें शेयर की हैं जिसमें एक तरफ ‘कोकीची मिकीमोटो’ की डिजाइन है, दूसरी तरफ रिद्धिमा द्वारा शेयर की गई डिजाइन्‍स की फोटो है.

 

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इस पूरे मामले में अब रिद्धिमा का बयान सामने आया है. रिद्धिमा ने इंस्‍टाग्राम पर अपने सभी फैंस और ‘कोकीची मिकीमोटो’ डिजाइन्‍स से माफी मांगते हुए लिखा है,’ हम किसी भी प्रकार की चोरी को बढ़ावा नहीं देते हैं. हमसे भूल हुई कि हमने डिजाइन की दुनिया के मशहूर ब्रांड ‘कोकीची मिकीमोटो’ को अपने पोस्‍ट में टैग नहीं किया. हम हर डिजाइन के काम का सम्‍मान करते हैं और कभी भी इस तरह से डिजाइन चोरी में विश्‍वास नहीं रखते. धन्‍यवाद.’

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