नहीं करती हैं जीभ की सफाई तो होंगी ये बीमारियां

हम अपने बाहरी अंग की सफाई को ले कर काफी सजग रहते हैं. पर कई बार अंदरूनी अंगों की देखभाल में चूक जाते है. आम तौर पर लोग दांतों की सफाई ध्यान से करते हैं पर जीभ की साफ सफाई में लापरवाही करते हैं. यही कारण है कि आप जाने अनजाने कई बीमारियों को न्यौता दे बैठती हैं. आपको बता दें कि मुंह में 700 तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो सफाई ना होने के कारण संक्रमण पैदा करते हैं.

इस खबर में हम आपको बताएंगे कि क्यों जीभ की सफाई जरूरी है.

काम नहीं करेंगी स्वाद ग्रंथियां

जीभ की सही ढंग से सफाई ना करने से आपकी स्वाद ग्रंथिया खराब हो जाती हैं, जिसके कारण आपको खाने के स्वाद का पता नहीं चलेगा.

जुबान हो जाती है काली

जो लोग जीभ की सफाई नहीं करते उनकी जीभ पर एक काली परत जमा हो जाती है. ये ऐसी गंदगी होती है जिसको फिर साफ ना किया जाए तो जीभ हमेशा के लिए काली पड़ जाए.

यीस्ट इंफेक्शन

ये एक प्रकार का संक्रमण है. आम तौर पर ये जननांगों में सफाई ना करने का कारण होता है, पर जीभ की गंदगी में भी ये होता है. इस लिए जरूरी है कि आप जीभ की सफाई अच्छे से करें.

पेरियोडौंटल बीमारी

जीभ की गंदगी या ब्रश ना करने से आपको पेरियोडोंटल बीमारी हो सकती है. इस बीमारी में मसूड़ों में सूजन होता है और तेज दर्द होता है.

 

बिना कन्फ्यूज हुए चुनें सही नेल पालिश

नेलपालिश खरीदने के लिए बाजार जाना और उनमें से हजारों की भीड़ में कोई एक नेल पालिश पसंद करना किसी चुनौती से कम नहीं होता. अगर आपके साथ भी ऐसा है और आप भी अक्सर नेलपालिश खरीदते समय कन्‍फ्यूज हो जाती हैं कि किस कलर की नेल पालिश लें, तो हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसे तरीके जिससे आप आसानी से अपने मन की नेल पालिश खरीद सकेंगी. तो आइये जानते हैं कि बिना कन्‍फ्यूज हुए कैसे चुनें मनपसंद नेल पालिश.

कौन सा अवसर

आप नेल पालिश किस अवसर के लिये ले रहीं हैं, इस बात का ध्‍यान रखें. अगर आप बाहर समय बिताने के लिये जा रहीं हों तो किसी भी डिजाइन और कलर की नेल पालिश खरीद सकती हैं. लेकिन अगर आप औफिस में यह नेल पालिश लगाएंगी तो आपको थोड़ा साधारण और लाइट कलर चूज करना होगा.

ट्रेंड के अनुसार

इस बात पर ध्‍यान दें कि आज कल बाजार में क्‍या ट्रेंड छाया हुआ है और उसी के हिसाब से नेल पालिश खरीदें. अपनी स्‍किन टोन को ध्‍यान में रखते हुए ट्रेंड को नजर अंदाज बिल्‍कुल भी न करें.

आपकी स्‍किन टोन

अगर आप नेल पालिश को अपनी स्‍किन टोन के आधार पर चुनेंगी तो सही रहेगा. अगर आप गोरी हैं तो आप पर गहरे रंग की नेल पालिश ज्‍यादा सूट करेगी. अगर स्‍किन टोन मीडियम टोन है तो, गहरे लाल रंग की नेल पालिश और अगर स्‍किन टोन डार्क है, तो आप किसी भी रंग की नेल पालिश पसंद कर सकती हैं.

मेकअप के‍ अनुसार

मेकअप से मैच करती हुई नेल पालिश बिल्‍कुल भी नहीं चलेगी. हां अगर आप चाहती हैं कि आपकी लिपस्टिक और नेल पालिश का रंग मैच करता हुआ हो, तो यह आइडिया बहुत अच्‍छा रहेगा.

कपड़े

यही थोड़ा ट्रिकी है. क्‍योंकि कुछ फैशन एक्‍स्‍पर्ट कहते हैं कि कपड़ों का रंग नेल पालिश से बिल्‍कुल भी मैच नहीं करना चाहिये. वहीं पर दूसरों का मानना है कि नेल पालिश कपड़ों के साथ मैच करनी चाहिये. यह आप पर निर्भर करता है कि आप का इस बारे में क्‍या मानना है. अच्‍छा होगा कि ऐसे रंग चूज करें जो आपके कपड़ों पर थोड़ा इस्‍तमाल किया गया हो.

मौसम

जब सही नेल पालिश को पसंद करने की बारी आती है तो मौसम को नजर अंदाज नहीं करना चाहिये. सर्दी के मौसम में डार्क कलर और गर्मी में हौट और ब्राइट कलर जोरों पर रहते हैं और नाखूनों पर काफी फबते हैं.

लड़कियां ही तय करें शादी की उम्र : छवि पांडेय

बिहार के पटना शहर की रहने वाली छवि पांडेय मध्यमवर्गीय परिवार में पली बढी थीं. छवि के पापा पटना में म्युजिक स्कूल चलाते हैं और उनकी मम्मी रेडियों सिंगर हैं. ऐसे परिवारों में लोग लड़कियों से केवल इतनी ही चाहत रखते हैं कि वह पढ़ लिखकर नौकरी कर ले इसके बाद उनकी शादी हो जाये. कई बार तो 18-19 साल में ही शादी कर दी जाती है. ऐसे में लड़कियां अपने मांबाप के कहे पर चल भर लेती हैं अपने सपने पूरे करने की तो वह सोंच भी नहीं सकती. छवि पांडेय खुद भी ऐसे ही परिवार की थीं. उनकी बड़ी बहन की शादी इसी उम्र में हो चुकी थी. छवि को गाना गाने का शौक था. छवि ने रियल्टी शो इंडियाज गौट टैलेंटम्यूजिक शो में हिस्सा लिया. यहां उनके हुनर को देखकर अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने कहा वह बहुत सुदंर हैं. उन्हें गाने के साथ एक्टिंग में अपनी रूचि दिखानी चाहिये. यही वह दौर था जब छवि के गाने से खुश होकर उस समय के रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने छवि को रेलवे में नौकरी दे दी थी.

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छवि को तो अपने सपने पूरे करने थे वह नौकरी करने का फैसला छोड़कर एक्टिंग की दुनिया में अपना मुकाम हासिल करने मुम्बई आ गईं. छवि के लिये मुम्बई आकर रहने वहां स्ट्रगल करने का चुनाव करना सरल नहीं था. छवि के पिता यह नहीं चाहते थे. छवि की मां ने तब उनका साथ दिया और मुम्बई आ गईं. कम समय में ही उसे सफलता मिलने लगी. छवि का कहना है कि समाज लड़कियों के फैसले लड़कियों पर ही छोड़ दें. खुद उनको हल करने की कोशिश न करें. पेश है छवि पांडेय से उनके कैरियर और जीवन पर की गई बातचीत के प्रमुख अंश :

लेडीज स्पेशलके किरदार प्रार्थना को अपने निजी जीवन के कितना करीब पाती हैं ?

लेडीज स्पेशलमें तीन महिलाओं की अलगअलग कहांनियां हैं. जो मुम्बई के लोकल में साथ चलती है. इनकी आपस में दोस्ती होती है. इसके बाद यह अपने सुखदुख आपस में बांटने लगती है. इसमें मेरा किरदार प्रार्थना कश्यप का है जो शादी पति और बच्चे जैसे सपनो को दरकिनार करके अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठाती है. मैंने मुम्बई लोकल में तो ज्यादा सफर नहीं किया पर ट्रेन में सफर किया है. वहां का भी ऐसा ही अनुभव रहा है. वहां बैठते ही एक दूसरे से जान पहचान दोस्ती का दौर शुरू हो जाता है. खानापीना और इसके बाद फोन नंबरों का आदानप्रदान तक हो जाता है. उसकी तुलना करती हूं तो यह कहानी अपने काफी करीब लगती है.

हवाई जहाज और ट्रेन के सफर में क्या अंतर पाती हैं ?

मुझे तो हवाई जहाज से ट्रेन का सफर बेहतर लगता है. हवाई जहाज में एक ही जगह पर बैठना पड़ता है. ट्रेन में इधर से उधर टहलने को मिल जाता है. आपस में बातचीत हो जाती है. अगर पसंद की बात है तो मुझे ट्रेन का सफर अच्छा लगता है.

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पटना से मुम्बई तक का सफर कैसे तय किया ?

आज सोंचती हूं तो सब कुछ सरल दिखता है. सही मायनों में कठिन सफर था. मन पर बड़ा बोझ था कि सफल नहीं हुये तो क्या होगा ? मुझे गाने का शौक था. इलाहाबाद के प्रयाग संगीत समिति से गानें की शिक्षा ली थी. इसी बीच एक रियल्टी शो में गाने का मौका मिला. वहां जाकर लगा कि मैं गाने के साथ एक्टिंग भी कर सकती हूं. मेरे गाने के जरीये ही मुझे रेलवे में नौकरी मिल गई. मुझे नौकरी रास नहीं आ रही थी. मैंने घर पर जब यह बताया कि नौकरी छोड़ कर मैं मुम्बई में रह कर अपने फिल्मी करियर को आगे बढाना चाहती हूं तो घर में पिता जी राजी नहीं हुये. मुझे अपनी मां के जरिये उनको राजी करना पड़ा. मेरे बड़े रोनेधोने के बाद वह इस शर्त पर राजी हुये कि 1 साल का समय दे सकते हैं. अगर कुछ नहीं होगा तो वापस पटना आना पड़ेगा.

साल 2008 में आपने सिगिंग का रियल्टी शो किया. तब से आगे का सफर कैसा रहा ?

एक्टिग में करियर बनाने के लिये मैं मुम्बई पहुंची तो रियल्टी शो में मिली पहचान काम आई और एक साल के अंदर ही 8वें महीने में टेली फिल्म तेरी मेरी लव स्टोरीमें काम करने को मिल गया. इसके बाद एक बूंद इश्क’, ‘ये है आशिकी’, ‘सिलसिला प्यार का’, ‘बंधन सारी उम्र हमें साथ रहना हैऔर भोजपुरी फिल्म बिदेसियामें काम किया. इससे घर वालों को यकीन हो गया कि मैं कुछ कर सकती हूं. मुझे अब पटना वापस नहीं जाना पड़ा. अब मुम्बई रह कर ही अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ना था. 2008 से अब तक मैं अपने सफर को सही राह पर देख रही हूं.

आपको सबसे अधिक प्रशंसा किस किरदार से मिली ?

एक बूंद इश्कशो में मेरा रोल काफी पसंद किया गया. इस शो में मेरा किरदार काफी चैलेंजिंग था यह शो करीब एक साल चला था. इसके बाद सिलसिला प्यार कामें मेरा किरादार पंसद किया गया.

क्या सिगिग और एक्टिग एक साथ चल सकती है ?

सिगिंग और एक्टिग का एक साथ चलना मुश्किल होता है. मेरी इच्छा है कि यह साथसाथ चल सके. मेरे किरदार के साथ कुछ ऐसा हो जहां मुझे गाने का भी मौका मिले तो अच्छा होगा. टेली फिल्म तेरी मेरी लव स्टोरीऔर भोजपुरी फिल्म बिदेसियामें मैंने गाने गाये भी हैं. आगे मौका मिला तो जरूर गायेंगे. वैसे डेली शो करने के बाद सिंगिग के रियाज के लिये समय नहीं मिल पाता. मेरे साथ सबकुछ अचानक ही होता है इससे मुझे उम्मीद है कि एक दिन मेरी सिंगिंग की प्रतिभा को भी बेहतर मौका मिलेगा.

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मुम्बई जैसे बड़े शहरों में जाकर छोटे शहरों की लड़कियां क्या याद करती हैं ?

मैं अपनी बात करूं तो मुझे आज भी अपना शहर बहुत याद आता है. वहां जिस तरह से हम शौपिंग करते थे. सडक पर खड़े होकर पानी पूरी खाते थे. हर किसी में एक अपनापन महसूस होता था वह बड़े शहरों  में नही मिलता. अपने शहर में शौपिंग करते समय हम हर सामान को खरीदने में बहुत तोलमोल करते थे यह मुम्बई में नहीं हो पाता. हमें आज भी याद आता है कि 5 सौ रूपये की चीज हम 2 सौ रूपये में खरीद कर ऐसे खुश होते थे जैसे बहुत बड़ा काम कर लिया हो. मुम्बई में यह खुशी नहीं मिलती.

सीरियलों में काम करने वाली लड़कियां ज्यादातर अपने को-स्टार से शादी कर घर बसा लेती हैं ?

मैं इस पक्ष में नहीं हूं. मैं किसी कलाकार के साथ शादी नहीं करना चाहती. मेरे घर परिवार में अब शादी को लेकर बातचीत होती है. मुझे अभी शादी नही करनी. अभी मैं जिस मुकाम पर हूं वहां से आगे जाकर अपनी जगह बनानी है. शादी भी समय पर होगी. अभी इसकी कोई जल्दी नही है.

शादी के लिये क्या उम्र होनी चाहिये ?

जैसे ही लड़कियों की उम्र 18-20 साल की होती है उनकी शादी की बात शुरू हो जाती है. लड़कियां ही नहीं उनके पैरेंटस से भी सवाल होने लगता है कि अभी लड़की की शादी क्यों नहीं की. 25 साल आतेआते तो जैसे लोगों का धैर्य टूटने लगता है. उनकी तमाम तरह की बातें सुन कर तो 30-32 साल की उम्र में लड़की खुद सोचने लगती है कि जैसे अब शादी उसके लिये बेकार हो गई है. इस उम्र में तो उसकी उम्र का कोई लड़का ही नहीं मिलेगा. कैरियर बनाने वाली लड़कियों को तो यह सवाल डरावने लगते हैं. समाज को ऐसी सोंच बदलनी चाहिये. लड़कियां किस उम्र में शादी करे यह उनके उपर छोड़ देना चाहिये. आज के समय में शादी को लेकर लड़कियां जागरूक हैं. वह अपना फैसला कर सकती हैं. पुरुष शादी नहीं करे तो उस पर सवाल नहीं उठते पर लडकी शादी न करे तो तमाम सवाल समाज करता है. यह धरणा बदलनी चाहिये.

आपने गृहशोभाऔर सरस सलिल जैसी पत्रिकायें पढ़ी हैं ?

छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय परिवारों में मनोरंजन और जानकारी के लिये पत्रिकायें ही सबसे बड़ा साधन है गृहशोभाऔर सरस सलिलदोनों ही हमने पढ़ी है. मुझे पत्रिकायें पढ़ने का अभी भी शौक है. समय मिलने पर इनको जरूर पढती हूं. मेरा मानना है कि पत्रिकायें आज भी सबसे भरोसेमंद साथी होती हैं.

घर के लिए कैसे चुनें सही फर्नीचर

फर्नीचर घर की शोभा बढ़ाते हैं लेकिन आप सिर्फ डिजाइन से प्रभावित होकर महंगे से महंगा फर्नीचर खरीद लेती हैं और बाद में पछताती हैं. आज आपको बताते हैं, फर्नीचर खरीदते वक्त हमें किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.

आप सबसे पहले लकड़ी पर ध्यान दें. जितनी बेहतर लकड़ी होगी, फर्नीचर उतना ही टिकाऊ होगा. खरीदने से पहले फर्नीचर पर बैठकर जरूर देखें ताकि आप यह अंदाजा लगा सकें कि यह कुर्सी या सोफा बैठने के लिए कितना आरामदायक है.

अच्छी क्वालिटी की लकड़ी से बना फर्नीचर बहुत भारी होता है, इसलिए एक बार फर्नीचर को उठाकर जरूर देखें. इसका चयन अपने हौल या कमरे के आकार के हिसाब से ही करें.

लेदर से बना सोफा सेट बेशक देखने में मौर्डन लगता हो, पर यह ज्यादा टिकाऊ नहीं होता. इसकी जगह आप लकड़ी या बेंत की बनी फर्नीचर लें. लकड़ी पर की गई कारीगरी पर भी ध्यान दें. फर्नीचर में लगे पेंच पूरी तरह से टाइट हों. बेशक फर्नीचर महंगा हो, लेकिन क्वालिटी से समझौता मत करें.

भूलकर भी न ले जाएं फ्लाइट में ये चीजें

अगर आप फ्लाइट से पहली बार सफर करने जा रही हैं तो कई सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है और उनमें से ही एक है आपकी पैकिंग. पर कई ऐसी सारी चीजें हैं जिन्हें आप फ्लाइट में  नहीं ले जा सकती. जैसे आप कितने किलो तक का सामान चेक-इन में दे सकती हैं और कितना हैंडबैग में खुद के साथ कैरी कर सकती हैं.

वैसे तो इसकी जानकारी आपके टिकट में साफतौर से दी हुई होती है. इसके साथ ही फ्लाइट में कई सारी चीजों को ले जाने की भी मनाही होती है जिसके बारे में पता होना सबसे ज्यादा जरूरी है वरना एयरपोर्ट पर निकालकर रखने या फेंकने के अलावा कोई औप्शन नहीं बचता.

लिक्विड ले जाने की मनाही और परमिशन हर एक देश में अलग-अलग है तो बेहतर होगा आप फ्लाइट के नियमों का पालन करते हुए 100 मिली से ज्यादा लिक्विड न कैरी करें. और साथ ही इनकी पैकिंग भी अच्छी तरह से करें.

किसी भी तरह की कोई नुकीली चीज़ को आप फ्लाइट में हैंडबैग में लेकर सफर नहीं कर सकती. क्योंकि ये औज़ार माने जाते हैं. तो अगर आप चाकू, बौक्स कटर या तलवार कैरी कर रहे हैं तो बेहतर होगा इन्हें अच्छे से पैक करके अपने चेक-इन बैग में रखें. इसी तरह रेज़र, ब्लेड, नेल फाइलर और नेल कटर भी लगेज चेक-इन में निकलवा लिया जाता है.

बेसबौल बैट, स्की पोल्स, धनुष-तीर, हौकी स्टिक, गोल्फ क्लब या ऐसी ही दूसरी खेल सामग्री को भी आप फ्लाइट में लेकर सफर नहीं कर सकते. बेहतर होगा इन चीजों की खरीददारी डेस्टिनेशन पर पहुंचकर करें या रेंट पर ले लें.

क्या आप भी घर बदलने जा रही हैं?

अगर आप घर बदलना चाहती हैं तो सबसे पहले आप प्लानिंग कर लें, ताकि बाद में आपके पछताना न पड़े. इसका सबसे बेहतर तरीका ये है कि कौन सा सामान कहां होना चाहिए या किस चीज पर कितना खर्च आएगा, इसकी पहले ही प्लानिंग कर लें.

इससे समय और पैसे, दोनों की बचत होगी. फर्नीचर लेते वक्त अगर आप अपने घर का साइज भूल रहे हैं तो यहां आप बड़ी गलती कर रहे हैं. शोरूम में रखा फर्नीचर देखने में अच्छा लग रहा है, इससे अधिक जरूरी है कि वह आपके घर के कमरों के हिसाब से कितना फिट है.

दीवारें, फर्नीचर और पर्दों का चयन करते वक्त अगर आप इनके रंग पर ध्यान नहीं देते हैं तो यह भी गलत है. एक साथ कई लाउड रंगों या बिना किसी कौंबिनेशन के फर्नीचर जुटाने से बचना समझदारी है. जिन चीजों की जरूरत नहीं है, शौकिया तौर पर उन्हें खरीदना आपके बजट और घर के लुक, दोनों पर भारी पड़ सकता है.

घर सजाने के लिहाज से ध्यान रखें कि चीजें उतनी ही हों जितनी जरूरत है. पुराने फर्नीचर को पूरी तरह हटा देते हैं? दरअसल, इसकी‌ कोई जरूरत नहीं. पुरानी फर्नीचर आपके घर के किसी भी कोने को विंटेज लुक देने में मददगार हो सकते हैं बशर्ते दिमाग के साथ इनका उपयोग करें.

अगर घर की सजावट के नाम पर आप कमरे को भर देने की कोशिश में लगे हैं तो यकीनन गलती कर रहे हैं. बहुत अधिक भरे हुए कमरे दिखने में छोटे तो लगते ही हैं, साथ ही इनमें आराम महसूस ही नहीं हो पाता है. सोफे या दीवान पर ढेर सारे कुशन का प्रयोग भी कई बार घर की सजावट का मजा फीका कर देता है. इससे बैठने की जगह भी कम होती है ‌और दिखने में भी अच्छा नहीं लगता. कम कुशन का इस्तेमाल स्टाइलिश अंदाज में करें.

कमरे के पर्दे से लेकर बेडशीट या फर्नीचर तक, सबकुछ गुलाबी? अगर किसी एक रंग से आपको इतना प्यार ही कि सबकुछ एक ही रंग का कर रहे हैं तो यह आपके कमरे के लुक को छोटा व अनाकर्षक करने के लिए काफी है.घर में रोशनदान कम हैं और आपने भी रोशनी पर ध्यान नहीं दिया. घर की खराब लाइटिंग सारी सजावट का मजा फीका कर देती हैं.

आप कुछ भी कर लें लेकिन सही लाइटिंग के बिना उभरकर घर का लुक नहीं पता चल सकता है. पुराने शू रैक से तंग आ चुके हैं फिर भी बदल नहीं रहे हैं? पुरानी और उकताने वाली चीजों को बदले बिना घर की पूरी सजावट फीकी है.

मेरी नाक पर दाने हो गए थे, जो अब ठीक हो चुके हैं पर उन की जगह अब काले निशान रह गए हैं. कृपया इन निशानों को दूर करने का उपाय बताएं.

सवाल
मैं 32 वर्षीय महिला हूं. पिछले दिनों मेरी नाक पर दाने हो गए थे, जो अब ठीक हो चुके हैं पर उन की जगह अब काले निशान रह गए हैं. कृपया इन निशानों को दूर करने का उपाय बताएं?

जवाब
निशानों को हटाने के लिए मेथी के पत्तों को पीस कर पैक बनाएं व नाक पर लगाएं. सूखने पर ठंडे पानी से धो लें. इस के अलावा ऐलोवेरा जैल भी प्रभावित स्थान पर लगा सकती हैं. यह भी निशानों को हलका करने में मदद करेगा.

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पिंपल, ब्लैकहेड है तो टूथब्रश से करें त्वचा की देखभाल

अक्‍सर हमारी त्‍वचा को पिंपल, ब्‍लैकहेड, मुंहासे जैसी तमाम समस्‍याएं झेलनी पड़ती है. त्‍वचा संबधी इन समस्‍याओं निजात पाने के लिए हम कई प्रकार के उपाय अपनाते हैं पर उसके नतीजे हमें निराश कर देते हैं. वैसे अबसे अच्‍छा तरीका है स्‍किन को स्‍क्रब करने का. इसके लिए आप टूथब्रश का भी इस्‍तमाल कर सकती हैं और त्वचा के दाग धब्बे सहित कई समस्याओं से छुटकारा पा सकती हैं. आइए जानते हैं कि इसका इस्‍तेमाल कैसे किया जाए.

– अगर आपकी कुहनियों का रंग गाला पड़ चुका है, तो अपने टूथब्रश को उस पर हल्‍के हाथों से रगड़े. इससे त्‍वचा साफ और कोमल हो जाएगी.

– इसके अलावा टूथब्रश पर स्‍क्रबर ले कर अपनी गर्दन पर रगड़िये, जिससे वह साफ और गंदगी से मुक्‍त हो जाए.

इस बात को ध्‍यान में रखें की आपकी त्‍वचा बहुत मुलायम है इसलिए इसको स्‍क्रब करने के लिए कोई हल्‍का ब्रश चुने. आप चाहें तो अपनी त्‍वचा के लिए बेबी ब्रश चुन सकती हैं.

– जब भी आप अपनी त्‍वचा को स्‍क्रब करें तो उसके बाद उसे लोशन से मौस्‍चोराइज कर लें, क्‍योंकि त्‍वचा रुखी हो जाती है.

– टूथब्रश इस्‍तमाल करने में काफी हैंडी होता है, इसलिए जब भी आप घर पर मैनीक्‍योर या पैडीक्‍योर कर रहीं हों, तो इसका इस्‍तमाल आसानी से कर सकती हैं.

– ध्यान रखें इस तकनीक का इस्‍तेमाल ज्‍यादा समय के लिए न करें क्‍योंकि जैस-जैसे आयु बढ़ेगी वैसे त्‍वचा पर इसका असर पड़ने लगेगा. लगातार प्रयोग से त्‍वचा रुखी हो जाती है.

– अगर आपको लगता है कि टूथब्रश के इस्‍तेमाल से आपके चेहरे पर और भी ज्‍यादा पिंपल आने लग गए हैं, तो इसका इस्‍तमाल करना बंद कर दें.

कोकोनट दाल करी विद घी तड़का

सामग्री

– 1 कप धुली मसूर दाल

– 1/2 कप बारीक कटा प्याज

– 1 बड़ा चम्मच अदरक व लहसुन पेस्ट

– 1 बड़ा चम्मच किचन किंग पाउडर

– 1/4 छोटा चम्मच करी पाउडर

– 1 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

– 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1/4 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1 इंच टुकड़ा दालचीनी

– 1 नग तेजपत्ता

– 1 कप कोकोनट मिल्क

– 4 कप पानी

– 2 बड़े चम्मच घी

– नमक स्वादानुसार

सामग्री तड़के की

– 3 बड़े चम्मच मिल्कफूड घी

– 3 बड़े चम्मच टोमैटो प्यूरी

– 1 छोटा चम्मच कश्मीरी मिर्च पाउडर

– 2 साबूत लालमिर्च

– 1 छोटा चम्मच जीरा

– चुटकी भर हींग पाउडर

– सजाने के लिए थोड़ी सी धनियापत्ती कटी.

विधि

  • दाल को साफ कर 1 घंटा पानी में भिगोए रख कर फिर पानी निथार कर अलग रखें.
  • एक प्रैशर कुकर में मिल्कफूड घी गरम कर के प्याज, अदरक व लहसुन भूनें.
  • सभी सूखे मसाले, नमक और दाल डाल कर 3 मिनट धीमी आंच पर भूनें.
  • इस में 4 कप पानी और 1 कप कोकोनट मिल्क डाल कर कुकर बंद करें. 1 सीटी आने के बाद आंच धीमी करें.
  • 5 मिनट और पकाएं. जब कुकर की भाप निकल जाए तब ढक्कन खोलें, दाल गल जानी चाहिए.
  • यदि पानी कम हो तो गरम कर के और मिला दें.
  • तड़के के लिए मिल्कफूड घी गरम करें. उस में जीरा चटकाएं. साबूत लालमिर्च, हींग पाउडर और कश्मीरी मिर्च डालें. जब तड़का भुन जाए तब आधा तड़का एक बाउल में निकालें.
  • बचे तड़के में टोमैटो प्यूरी डाल कर भूनें और दाल में मिला दें. दाल को सर्विंग बाउल में पलटें. ऊपर से हींग व जीरे वाला तड़का डालें और सर्व करें.

आप भी रख सकती हैं लंबे समय तक फूलों को तरोताजा

सिलिका जेल मेटल को कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. नए पर्स, हैंडबैग या फिर जूते के डिब्बे से निकलने वाले इस छोटे पैकेट को बेकार समझकर आप फेंक देती होंगी. ये सिलिका जेल के पैकेट बड़े काम का होता है. यह छोटा सा पैकेट नमी सोखने के साथ-साथ हवा से पानी के वाष्प को भी रोक सकता है.

फूलों का गुलदस्ता

आप इसे फूलों के गुलदस्ते को तरोताजा रखने के लिए गुलदस्ते में सिलिका जेल को प्लास्टिक में डालकर रख दें. फूलों में नमी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए सिलिका जेल की नमी सोखने की प्रक्रिया बहुत धीमी होगी और फूल भी कई दिनों तक ताजा रहेंगे.

चांदी के बर्तन

चांदी के बर्तन को काला होने से बचाने के लिए इसे चांदी के बर्तनों में रख दें. इससे यह हवा में व्याप्त नमी को सोख लेगी.

मेकअप बैग

आपने ब्रश किया और उसे गीला ही मेकअप बैग में रख दिया. पानी की बूंदों से बैग अंदर से गीला हो जाता है.ऐसे में सिलिका जेल पानी की बूंदों को सोख लेते हैं.

सूजी पुडिंग

सामग्री

– 2 कप सूजी

– 11/2 बड़े चम्मच मिल्कफूड घी

– 1 कप चीनी

– 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

– 2 कप दूध

– जरूरतानुसार ड्राईफ्रूट्स कटे.

विधि

– नौनस्टिक पैन में घी गरम कर सूजी को सुनहरा होने तक लगातार चलाते हुए भुनें.

– अब दूध व चीनी डालें और कुछ देर भून कर ढक्कन लगा कर पकने दें.

– ढक्कन हटा कर धीमी आंच पर भूनते हुए इलायची पाउडर, थोड़ा सा घी व ड्राइफ्रूट्स मिलाएं.

– ड्राइफ्रूट्स से गार्निश कर परोसें.

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