बालों और त्वचा की देखभाल के लिए लगाएं ग्लिसरीन

ग्लिसरीन त्‍वचा को ठंडक का एहसास कराने के साथ ही त्‍वचा को मुलायम भी बनाती है. त्‍वचा के अलावा ग्लिसरीन बालों की देखभाल भा करती है, लेकिन इसको त्‍वचा पर डायरेक्ट लगाया जा सकता है, पर बालों पर नहीं. ग्लिसरीन को बालों और त्‍वचा की देखभाल के लिये कैसे इस्‍तेमाल किया जाए इसके लिये प्रस्‍तुत हैं कुछ सुझाव.

स्‍किन : ग्लिसरीन त्‍वचा की कोशिकाओं को नम और जवां बनाने में मदद करती है. ग्लिसरीन त्‍वचा पर किसी भी चोट को सही करने में सहायक होती है. यह किसी भी चोट को जल्‍द से ठीक कर देती है और कोशिकाओं को अपने आप मरम्‍मत करने देती है.

फेस पैक : अपनी स्‍किन के लिये ग्लिसरीन फेस पैक तैयार करने के लिये, एक भाग शहद, एक भाग ग्लिसरीन और दो भाग पानी या दूध का लें. उसमें ओटमील डालें जिससे वह थोड़ा गाढा बन जाए. इस पैक को चेहरे पर लगाएं और फिर 20 मिनट बाद चेहरा पानी से धो लें. एक बात का ध्‍यान रहे कि ग्लिसरीन को गर्मी में कभी भी अपने बालों और स्‍किन पर सीधे न लगाएं वरना यह उनकी नमी को छीन लेगी. ग्लिसरीन को हमेशा डायल्‍यूट कर के ही लगाएं, चाहे तो इसमें कुछ बूंदे जोजोबा ऑयल की मिला लें.

कर्ली हेयर : कर्ली हेयर अक्सर काफी रुखे से नजर आते हैं इसलिये अगर उन्‍हें थोड़ा नरम करना है तो उस पर ग्लिसरीन लगाएं. इसके लिये स्‍प्रे तैयार करें, जिसमें एक ही मात्रा में पानी और ग्लिसरीन मिला हो. इसको अच्‍छे से शेक कर के मिला लें और फिर उसमें कुछ बूंदे आवश्‍यक तेल की डाल लें. इस ग्लिसरीन के स्‍प्रे को तब अपने बालों पर छिड़के, जब आप नहा चुकी हों.

दमकती त्वचा चाहिए तो जानिए खुद की स्कि‍न टाइप

आपकी त्वचा/स्‍किन किस प्रकार की है अगर आपको इस बात का पता चल जाए तो आप उसकी बेहतर तरीके से देखभाल कर सकेंगी. कई बार ऐसा होता है कि हम स्‍टोर में जाते हैं और देखते हैं कि वहां पर कई प्रकार की क्रीम और लोशन रखे हैं, लेकिन हम उनको देखकर कंफ्यूज हो जाते हैं कि इनमें से कौन सा प्रोडक्‍ट खरीदें जो हमारी त्‍वचा को सूट करे. इसी उलझन को दूर करने के लिये आपकी खुद की त्‍वचा किस प्रकार की है, इसको जानना बहुत जरुरी है. आज हम आपको आपकी स्‍किन टाइप से परिचिति करवाएंगे.

ड्राय : अगर आपकी त्‍वचा बहुत तनी हुई या फैली हुई रहती है तो इसका मतलब आपकी त्‍वचा ड्राय है. इसको पहचानने के लिये, अपनी त्‍वचा पर पूरे दिन किसी भी मौस्‍चराइजर या लोशन का प्रयोग न करें. फिर अगर आपकी त्‍वचा कसी हुई और रुखी लगेगी तो समझ जाइये कि आपकी स्‍किन ड्राय है.

औयली : अगर मुंह धोने के आधे घंटे बाद आपकी त्‍वचा तेलीय हो जाती है, तो इसका मतलब आपकी त्‍वचा औयली है. इसके अलावा अगर आप कोई टिशू पेपर लेकर अपनी त्‍वचा पर प्रेस करेंगी तो उस टिशू पेपर में तेल लग जाएगा, जिससे आप समझ जाइयेगा कि आपकी त्‍वचा औयली है.

संवेदनशील : सेन्‍सिटिव स्‍किन लालिमां लिये हुए होती है. शरीर में हाई हिस्‍टामाइन होने की वजह से स्‍किन सेन्सिटिव हो जाती है और सिरोसिस, रोसेसिआ और एक्‍जिमा होने के बहुत सारे चांस होते हैं.

झुर्रियां : बढ़ती उम्र और पर्यावरणीय कारकों की वजह से त्‍वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. सूरज की धूप और तनाव का लेवल बढ़ना भी एक कारण होता है. त्वचा पर हल्‍की रेखाएं दिखना पिगमेंटेशन और त्‍वचा का ग्रे हो जाना बताता है कि आप की त्‍वचा पर एजिंग का असर पडने लगा है.

एक्‍ने प्रोन : लार्ज पोर साइज और रिएक्‍टिव स्‍किन होने की वजह से एक्‍ने, पिंपल होने की बहुत संभावना हो जाती है. इस बात का पता कि एक्‍ने बैक्‍टीरियल, हार्मोनल या वंशानुगत है, केवल उसकी जांच से ही पता लगाया जा सकता है. वैसे तो त्‍वचा की साफ-सफाई से इसे कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन अगर या बड़ी समस्‍या में से एक है तो डर्मटालजिस्ट के पास ही जाना सही रहेगा.

वजन कम करना चाहती हैं तो खाएं अंडे

मांसाहारियों के लिए अंडा किसी वरदान से कम नहीं होता. जो अंडा खाते हैं उनके लिए खाने के कई विकल्प हमेशा खुले रहते हैं. नाश्ते से लिए रात के खाने में अंडा खाया जा सकता है. अंडे की एक और खासियत होती है कि ये भारी होता है. मतलब अगर आपने सुबह में अंडा खा लिया तो लंबे समय तक आपको भूक नहीं लगेगी. हम आपको अंडे के बारे में एक मजेदार बात बताएंगे, क्या आपको पता है कि उबले अंडे में कम कैलोरी होती है और इसकी मदद से आप अपना वजन कम कर सकती हैं. इसके साथ ही इसमें सारे जरूरी तत्व होते हैं.

take boiled eggs to loose weight

एक अंडे में करीब 70 कैलोरी होती है, तो अगर आप दिन भर में तीन अंडे खाते हैं तो आप आराम से 200 कैलोरी ले रहे हैं. और अगर आप कम कैलोरी ले रही हैं इसका मतलब आपका वजन कम होगा.

आपको बता दें कि अंडे में प्रोटीन प्रचूर मात्रा में पाई जाती है. एक अंडे में करीब 6 ग्राम प्रोटीन होता है, जो आपके प्रोटीन की रोज की जरूरत का 12 फीसदी पूरा करता है. अगर आप अपना वजन कम करना चाहती हैं तो अंडा आपके लिए एक बेहतर विकल्प होगा.

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कई जानकारों का मानना है कि वजन कम करने के लिए आपको हाई प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट डाइट की जरूरत होती है. आप अगर अंडे खाती हैं तो आपको ज्यादा भूख भी नहीं लगेगी और आपमे फाइबर और पानी की जरूरत भी पूरी होती है. वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि नाश्ते में अंडा लेने से, किसी अन्य आहार की तुलना में आपको 50 फीसदी तृप्ति मिलती है. इसका सीधा फायदा आपको मिलेगा कि अगर आपका पेट भरा होगा तो आप हमेशा कुछ खाएंगी नहीं.

 

खाने के अलावा इन चीजों में करें प्याज का प्रयोग, होगा फायदा

प्याज रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली चीजों में प्रमुख है. ज्यादातर सब्जियों को बनाने में प्याज की जरूरत पड़ती ही है. पर सब्जी के उपयोग में आने के अलावा ये अपने और भी औषधीय गुण के लिए जाना जाता है. कच्चे प्याज की खूबी होती है कि वो हवा में मौजूद बैक्टीरिया को भी खत्म कर दे. इसमें मौजूद सल्फ्यूरिक यौगिक के कारण ही इसमें बैक्टीरिया खत्म करने की क्षमता होती है. अपने घर के स्वच्छ बनाने के लिए और लोगों को इंफेक्शन से बचाने के लिए आप प्याज का इस्तेमाल कर सकती हैं.

benefits of onions

बैक्टीरिया होंगे खत्म:

घर को स्वच्छ रखने के लिए आप प्याज को चार टुकड़ों में काट लें. इसके बाद उन टुकड़ों को आप कमरे के कोनों में रख दें. इससे घर में फैले अधिकांश बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे.

इसके अलावा सोने से पहले आप प्याज को काट कर मोजों में रख लें. सोने से पहले उन्हें पहन लें, सुबह में आप काफी फ्रेश फील करेंगी. इससे हवा में मौजूद सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे और बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण के फैलने की संभावना कम होती है.

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इम्यूनिटी होती है मजबूत:

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प्याज का सूप पीने से शरीर की इम्यूनिटी काफी अच्छी होती है. प्याज में मोजूद क्वेरसेटिन नामक एंटी-औक्सीडेंट फ्री रेडिकल डैमेज को कम करता है और इम्युनिटी पावर को बढ़ाता है.

छींक रोकना हो सकता है आपके लिए खतरनाक

छींक आना एक समान्य बात है. सर्दियों में ये समस्या और आम हो जाती है. बार बार छींक आने से आपके लिए किसी भी चीज पर फोकस करना मुश्किल हो जाता है. अक्सर छींक के साथ नाक से पानी भी निकलता है जिसकी रफ्तार करीब 20 से 40 मीटर प्रति घंटे की होती है और तीस फुट तक जाती है.

don't stop sneeze

  • छींक को रोकना चाहिए या नहीं

जब आप किसी सार्वजनिक जगह पर हों, तो कोशीश करें कि छीक रूक जाए. आपकी छींक से दूसरे लोगों को परेशानी हो सकती है. जैसे दूसरों के सामने छीकना अच्छा नहीं होता वैसे ही छीक को रोकना भी आपके लिए खतरनाक हो सकता है.

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आपको बता दें कि कई मामलों में तेज छींक को रोकने से आपके इयरड्रम को नुकसान पहुंचने की शिकायते भी सामने आई हैं. इसके अलावा ये आंखों के ब्लड वेसल को भी प्रभावित करती है. इसके अलावा छींक का दबाव अन्य क्षेत्रों जैसे खोपड़ी या साइनस की तरफ भी बढ़ जाता है.

  • ध्यान रहे

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भीड़ में छींक आने पर भी छींक को रोके नहीं, ऐसी स्थिति में आप मुंह पर रुमाल रखकर छींक सकती हैं। इससे आपको संक्रमण को फैलाने से रोकने में मदद मिलेगी. सार्वजनिक जगहों में छींकने से फ्लू, इन्फ्लूएंजा और आम सर्दी मुख्य रोगों के फैलने की संभावना तेज हो जाती है.

विवाहेतर संबंध का कारण सैक्स असंतुष्टि तो नहीं

कुछ अरसा पहले आए सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले में धारा 497 को रद्द कर विवाहेतर संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया. उस समय के सीजेआई दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवाह से बाहर बनाया गया संबंध एक व्यक्तिगत मुद्दा हो सकता है. यह तलाक का आधार तो बन सकता है, परंतु यह अपराध नहीं है.

देश की शीर्ष अदालत के इस फैसले से बहस छिड़ गई है. समाज में बढ़ रहा व्यभिचार समाज के तानेबाने को तोड़ने का कुत्सित प्रयास तो कर रहा है, लेकिन प्रश्न यह भी उठा रहा है कि आखिर बढ़ते व्यभिचार और विवाहेतर संबंध का कारण क्या है?

मानव सभ्यता के विकास के साथ समाज ने शारीरिक संतुष्टि और सैक्स संबंधों की मर्यादा के लिए विवाह नामक संस्था को सामाजिक मंजूरी दी होगी. विवाह के बाद पति और पत्नी के बीच के सैक्स संबंध शुरू में तो ठीक रहते हैं, परंतु समय के साथ सैक्स के प्रति अरुचि व पार्टनर की जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न दिया जाना कलह के कारण बनते हैं.

आमतौर पर सुखद सैक्स उसी को माना जाता है, जिस में दोनों पार्टनर और्गेज्म पा सकें. यदि पतिपत्नी सैक्स संबंध में एकदूसरे को संतुष्ट कर पाने में सफल होते हैं तो उन के दांपत्य संबंधों की कैमिस्ट्री भी अच्छी रहती है.

राकेश और प्रतिभा की शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं. उन की 2 साल की एक बेटी भी है. परंतु बेटी के जन्म के साथ ही प्रतिभा का ध्यान अपनी बेटी में ही रम गया. पति की छोटीछोटी जरूरतों का ध्यान रखने वाली प्रतिभा अब पति के प्रति बेपरवाह सी हो गई है.

कभी रोमांटिक मूड होने पर राकेश जब सैक्स करने की पहल करता है, तो प्रतिभा उसे यह कह कर झिड़क देती है कि तुम्हें तो बस एक ही चीज से मतलब है. इस से राकेश कुंठित हो कर चिड़चिड़ाने लगता. मन मसोस कर अपनी कामेच्छा दबा लेता. धीरेधीरे सैक्स करने की कुंठा से उस के मन में कहीं और शारीरिक संबंध बनाने के खयाल आने लगे. प्रतिभा जैसी अनेक महिलाओं का यही व्यवहार राकेश जैसे पुरुषों को दूसरी महिलाओं के साथ संबंध बनाने को प्रोत्साहित करता है.

जिस तरह स्वादिष्ठ भोजन करने के बाद कुछ और खाने की इच्छा नहीं होती, ठीक उसी तरह सैक्स क्रिया से संतुष्ट पतिपत्नी अन्यत्र सैक्स के लिए नहीं भटकते. दांपत्य जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए पतिपत्नी को अपनी सैक्स जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए. सैक्स की पहल आम तौर पर पति द्वारा की जाती है. पत्नी को भी चाहिए कि वह सैक्स की पहल करे. पतिपत्नी में से किसी के भी द्वारा की गई पहल का स्वागत कर, सैक्स संबंध स्थापित कर, एकदूसरे की संतुष्टि का खयाल रख कर विवाहेतर संबंधों से बचा जा सकता है.

बच्चों के जन्म के बाद भी सैक्स के प्रति उदासीन न हों. सैक्स दांपत्य जीवन का मजबूत आधार है. शारीरिक संबंध जितने सुखद होंगे भावनात्मक प्यार उतना ही मधुर होगा. घर में पत्नी के सैक्स के प्रति रूखे व्यवहार के चलते पति अन्यत्र सुख की तलाश में संबंध बना लेता है. कामकाजी पति द्वारा पत्नी को पर्याप्त समय और यौन संतुष्टि न देने से वह भी अन्य पुरुष से शारीरिक संबंध बना लेती है, जिस की परिणति दांपत्य जीवन में तनाव और बिखराव के रूप में देखने को मिलती है.

स्वाभाविक होता है बदलाव

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि संबंधों में यह बदलाव स्वाभाविक है. शादी के शुरू के सालों में पतिपत्नी एकदूसरे के प्रति जो खिंचाव महसूस करते हैं, वह समय के साथ खत्म होता जाता है और तब शुरू होती है रिश्तों में उकताहट.

आर्थिक, पारिवारिक और बच्चों की परेशानियां इस उकताहट को बढ़ावा देती हैं. फिर इस उकताहट को दूर करने के लिए पतिपत्नी बाहर कहीं सुकून तलाशते हैं, जहां उन्हें फिर से अपने वैवाहिक जीवन के शुरू के वर्षों का रोमांच महसूस हो. यहीं से विवाहेतर संबंधों की शुरुआत होती है.

एक रिसर्च से पता चला है कि अलगअलग लोगों में इन संबंधों के अलगअलग कारण हैं. किसी से भावनात्मक जुड़ाव, सैक्स लाइफ से असंतुष्टि, सैक्स से जुड़े कुछ नए अनुभव लेने की लालसा, वक्त के साथ आपसी संबंधों में प्रेम की कमी, अपने पार्टनर की किसी आदत से तंग होना, एकदूसरे को जलाने के लिए ऐसा करना विवाहेतर संबंधों के कारण होते हैं.

महिलाओं के प्रति दोयमदर्जे की सोच

भारतीय संस्कृति में महिलाओं के प्रति दोयमदर्जे का व्यवहार आज भी देखने को मिलता है. सामाजिक परंपराओं की गहराई में स्त्री द्वेष छिपा है. ये परंपराएं पीढि़यों से महिलाओं को गुलाम से अधिक कुछ नहीं मानती हैं. उन्हें इस तरह ढाला जाता है कि वे अपने शरीर के आकार से ले कर निजी साजसज्जा तक के लिए अनुमति लें.

जो महिला अपने ढंग से जीने के लिए परंपराओं और वर्जनाओं को तोड़ने का प्रयास करती है उस पर समाज चरित्रहीन होने का कलंक लगा देता है. पति को घर में व्यवस्था, पत्नी का समय व बढि़या तृप्तिदायक खाना, सुखचैन का वातावरण और देह संतुष्टि चाहिए. परंतु पति खुद उस की सुखसुविधाओं और शारीरिक जरूरतों का उतना खयाल नहीं रखता. पत्नी से यह चाह जरूर की जाती है कि वह पति की नैसर्गिक इच्छाएं पूरी करती रहे.

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार विवाहेतर संबंधों को रोकने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. यदि आपसी रिश्ते की गरमाहट कम हो गई है तो रिश्ते को पुराने कपड़े की तरह निकाल कर नए कपड़ों की तरह नए रिश्ते बनाना समस्या का हल नहीं है. अपने पार्टनर को समझाने के कई तरीके हैं. उस से बातचीत कर समस्या को सुलझाया जा सकता है. सैक्स को ले कर की गई बातचीत, सैक्स के नएनए तरीके प्रयोग में ला कर एकदूसरे की शारीरिक संतुष्टि से विवाहेतर संबंधों से बचा जा सकता है.

फोरप्ले से और्गेज्म तक का सफर

एक नामी फैशन मैगजीन के सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं के और्गेज्म यानी चरमसुख को ले कर कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं. इस औनलाइन शोध में 18 से 40 साल की आयु वाली 2300 महिलाओं से प्रश्न किए गए, जिन में 67% महिलाओं ने माना कि वे फेक और्गेज्म यानी और्गेज्म होने का नाटक करती हैं. 72% महिलाओं ने माना कि उन का साथी स्खलित होने के बाद उन के और्गेज्म पर ध्यान नहीं देता है. सर्वेक्षण के यह आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में पति और पत्नी अकसर सैक्स संबंधों में और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाते हैं.

सैक्स को केवल रात्रिकालीन क्रिया मान कर निबटाने से सहसंतुष्टि नहीं मिलती. जब दोनों पार्टनर को और्गेज्म का सुख मिलेगा तभी सहसंतुष्टि प्राप्त होगी. पत्नी और पति का एकसाथ स्खलित होना और्गेज्म कहलाता है. सुखद सैक्स संबंधों की सफलता में और्गेज्म की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है.

सैक्स को शारीरिक तैयारी के साथसाथ मानसिक तैयारी के साथ भी किया जाना चाहिए. यह पतिपत्नी की आपस की जुगलबंदी से ही मिलता है. सैक्स करने से पहले की गई सैक्स से संबंधित छेड़छाड़ भूमिका बनाने में सहायक होती है. कमरे का वातावरण, बिस्तर की जमावट, अंतर्वस्त्र जैसी छोटीछोटी बातें सैक्स के लिए उद्दीपक का कार्य करती हैं.

सैक्स के दौरान घरपरिवार की समस्याएं बीच में नहीं आनी चाहिए. सैक्स संबंध के दौरान छोटीछोटी बातों को ले कर की जाने वाली शिकायतें संबंध को बोझिल बनातीं और सैक्स के प्रति अरुचि भी उत्पन्न करती हैं. सैक्स के लिए नए स्थान और नए तरीकों का प्रयोग कर संबंध को प्रगाढ़ बनाया जा सकता है. सैक्स की सहसंतुष्टि यकीनन दांपत्य जीवन को सफल बनाने के साथसाथ विवाहेतर संबंध बनाने से रोकने में भी मददगार साबित हो सकती है.

“यह काम तो पति का है”…क्या आप भी ऐसा ही सोचती हैं

नेहा की शादी को 5 साल हो चुके थे. वह अपने पति के साथ इतनी खुश थी कि उसे कभी किसी चीज का खयाल नहीं रहता था. पति राकेश कभी समझाता भी था तो वह कहती कि तुम्हारे साथ रहते हुए मुझे इन चीजों को समझने की क्या जरूरत है. इस के चलते राकेश को अपना बहुत सारा काम खुद संभालना पड़ता था. सारे रुपएपैसों का हिसाबकिताब वह खुद ही रखता था. वह पैसों की केवल उतनी चाह रखती थी जितने उसे खर्च के लिए चाहिए होते थे.

अचानक राकेश को सरकारी काम से कुछ समय के लिए विदेश जाना पड़ा. शुरुआत में तो नेहा बहुत खुश थी कि वह भी साथ जाएगी, पर जब सरकार ने इस की इजाजत नहीं  दी तो उसे घर में अकेले रहना पड़ा. अब घर का सारा भार नेहा के ही ऊपर आ गया. मगर उस ने तो कभी घर के कामों को समझा ही नहीं था. इसलिए उस के सामने परेशानी आ गई. कभी एलआईसी की पौलिसी, तो कभी बिजली, पानी का बिल भरने की परेशानी. नेहा को अब समझ आने लगा था कि अगर उस ने ये काम करने पहले से सीख लिए होते तो आज उसे इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.

नेहा से भी ज्यादा परेशानी में तो सीमा फंसी. वह भी घर के कामों पर कभी ध्यान नहीं देती थी. एक दिन उस के पति के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसे अस्पताल में भरती करना पड़ा. अब सीमा को समझ नहीं आ रहा था कि बीमारी के इलाज के लिए पैसे कहां से लाए, क्योंकि उसे पता ही नहीं था कि बैंक की पासबुक कहां रखी है, एटीएम का पिन कोड क्या है. वह परेशान थी. पास पैसा होते हुए भी उसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा. शौपिंग, किट्टी पार्टियों और दोस्तों में व्यस्त रहने वाली सीमा को अब महसूस हो रहा था कि अगर वह पहले से घर के इन कामों को समझ लेती तो यह परेशानी न होती.

नेहा और सीमा से अलग रश्मि ने अपने पति का पूरा काम खुद संभाल रखा है. पति अपने वेतन को एक जौइंट आउंट में डाल देता है. सारा काम रश्मि खुद कराती है. पति का पूरा ध्यान अपनी नौकरी पर रहता है. वह तरक्की की राह पर आगे बढ़ता जा रहा है. उस के सामने कभी कोई मुश्किल नहीं आती है. रश्मि को भी छोटेछोटे कामों के लिए पति की राह नहीं देखनी पड़ती. दोनों की गाड़ी तेजी से जीवन की राह पर आगे बढ़ती जा रही है. जो पत्नी पति की सहयोगी बन कर उस की मदद करती है वही पति की प्रिय होती है.

जीवन में इस तरह के हालात किसी के भी सामने और कभी भी आ सकते हैं. इस के लिए जरूरी है कि आप घर के कामों को समझें. खासतौर से घर के आर्थिक कामों को समझना बेहद जरूरी है. पत्नी पति की प्रिय तो होती ही है, जरूरी यह होता कि वह पति की सहयोगी भी बन कर रहे. इस में कोई बुराई नहीं होती है. अगर सबकुछ सामान्यतौर पर चलता है, तो भी आप के सहयोगी बनने से पति पर से काम का बोझ काफी कम हो जाता है. उसे अपने कैरियर से जुड़े काम करने का पूरा समय मिल जाता है.

आप भी इन टिप्स पर गौर कर पति की प्रिय होने के साथसाथ सहयोगी भी बन सकती हैं:

– घर की सभी जरूरतों की अलगअलग फाइल बना लें. मसलन, टैलीफोन बिल, मोबाइल बिल, हाउस टैक्स, प्रौपर्टी, बैंक में जमा पैसों, इनकम टैक्स आदि की फाइल बना लें. इन से संबंधित हर छोटाबड़ा कागज फाइल में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप फाइल निकाल कर दे सकें. कई बार कोई कागज समय पर न मिलने से नुकसान भी हो जाता है.

– आप बैंक में जो पैसा जमा कर रही हैं उस का पूरा  ब्योरा आप के पास होना चाहिए. बैंक की पासबुक को हमेशा अपडेट रखें. इसी तरह चैकबुक का भी पूरा हिसाब रखें. इस बात का हिसाब रहे कि आप कब, किस के नाम और कितने पैसों का चैक काट रही हैं. चैक काटने के बाद आप के खाते में कितना बैलेंस बच रहा है. यह ध्यान रखने पर चैंक के बाउंस होने का खतरा नहीं रहेगा, आप के पास कितना पैसा है यह भी आप को पता चलता रहेगा.

– हाउस टैक्स, बिजली, पानी, फोन का बिल आप खुद ही जमा करें. इस की अलगअलग फाइल बना लें. जमा बिल की रसीद और बिलों की कापी भी जरूर लगा दें. अगर कभी हिसाब में कोई गड़बड़ी हो तो उसे आसानी से सही किया जा सकता है.

– आप जो भी सामान घर में प्रयोग कर रही हों उस के सर्विस स्टेशन के फोन नंबर अपने पास रखें. इस के लिए एक डायरी बना लें. छोटेछोटे कागज के टुकड़े रहेंगे तो उन के खो जाने का खतरा रहता है. इस के अलावा पुलिस, फायर, अस्पताल, बिजली, पानी के दफ्तर के नबंर भी आप के पास होने चाहिए. ताकि जरूरत पड़ने पर खुद फोन कर उन्हें बुला सकें. बातबात पर पति को परेशान न करना पड़े.

– जो भी नया सामान खरीदें उस की रसीद गारंटी कार्ड या उस से जुड़े दूसरे कागजात फाइल में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर काम आ सकें. कभीकभी जब सामान खराब होता है तब याद आती है कि उस की रसीद और गारंटीकार्ड कहां रखा है.

– अगर लोन लिया हो तो उस की भी फाइल बना लें, जिस में यह लिखा हो कि लोन कब लिया है? ब्याज दर क्या है? किस्त का पैसा हर महीने बैंक से कट रहा है, यह भी पता करती रहें. बैंक लोन की किस्त समय पर जमा कराएं और उस की रसीद फाइल में रखें. जरूरी कागजातों की फोटोकौपी भी रखें ताकि अगर कभीकभी औरिजनल कागज खो जाए तो उस की फोटोकौपी से काम चलाया जा सके.

– अगर पति के औफिस के कुछ कागज घर पर रहते हैं तो उन्हें भी संभाल कर रखें. यह न सोचें कि औफिस के कागजातों से आप का क्या मतलब.

– अगर पति किसी को पैसा उधार देते हैं तो उस की भी अलग से फाइल बना लें ताकि पता चलता रहे कि कब किस से कितना पैसा लेना है. ऐसे और बहुत सारे काम कर आप पति की सहयोगी बन सकती हैं.

खर्राटे से राहत दिलाने में कारगर है ये घरेलू नुस्खा

अगर आप भी खर्राटे से परेशान हैं, इससे आपकी सुबह बेहद थकान भरी होती हैं तो ऐसे आसान नुस्खे को जरुर आजमाएं. यकिन मानिए ये नुस्खे आपको खर्राटे से निजात दिलाएंगे. आइए बताते है आपको ये नुस्खे.

रोज सोने से पहले गुनगुने पानी में इलायची या इसका पाउडर मिलाकर पिएं. ऐसा रोज करने से खर्राटे की समस्या दूर होती है.

शहद का ये घरेलू नुस्खा आपका खोया सुकून लौटा सकता है. ये नुस्खा न सिर्फ आपको खर्राटों से मुक्ति दिलाएगा बल्कि अच्छी नींद लेने की वजह से आपकी सेहत भी बनाए रखने में आपकी मदद करेगा.

एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच शहद मिलाकर अच्छी तरह घोल लें. रोज रात को सोने से पहले इस पानी को पीएं. ऐसा करने से आपको कुछ ही दिनों में इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.

हल्दी को अधिकतर समस्याओं का रामबाण इलाज माना गया है. रोज सोने से आधा घंटा पहले हल्दी वाला दूध पीकर सोने से खर्राटे की समस्या से आराम मिलता है.

सोने से पहले पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें डालकर गरारे करें. ऐसा करने से नाक के छिद्रों की सूजन कम होती है और सांस लेने में आसानी होगी. आप चाहें तो नाक के पास पुदीने का तेल  लगाकर सो भी सकते हैं.

लेने वाली हैं एजुकेशन लोन तो ध्यान रखें ये बातें

देश में उच्च शिक्षा काफी महंगी है. आज के समय में बच्चों की अच्छी पढ़ाई मां बाप के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. इसके जुगाड़ के लिए कई लोगों ने सोने या फिक्स डिपौजिट में निवेश करना शुरू कर दिया है. वहीं अगर आप विदेश जा कर पढ़ाई करना चाहती हैं तो ये आपके लिए और ज्यादा मुश्किल हो गया है. यही कारण है कि लोग उच्च शिक्षा के लिए लोन लेते हैं.

कई बैंक देश में हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख रुपये और विदेशों में जाकर पढ़ने के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन देते हैं. हालांकि लोन लेते वक्त आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं लोन लेते वक़्त आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

  • मोरेटोरियम पीरियड

 ये लोन लेने के समय उधारकर्ता को दी गई अवकाश अवधि की तरह है. इस दौरान उधारकर्ता को लोन चुकाने से छूट मिलती है. एजुकेशन लोन के मामले में, उधारकर्ता को कोर्स पूरा होने की तारीख से 6 महीने से 1 वर्ष तक के लिए छूट मिलती है, इससे लोन लेने वाले को अच्छी नौकरी तलाशने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है.

  • लोन लेने से पहले बनाएं योजना

कोई भी लोन लेने से पहले आप योजना बना लें. बाकि सभी लोन की तरह एजुकेशन लोन भी समय पर चुकाना होता है. समय पर लोन ना चुकाने पर व्यक्ति पर आर्थिक भार बढ़ जाता है. साथ ही लोन लेने से पहले अपनी परिवार की वित्तीय जिम्मेदारी और स्थिति का भी आकलन करें. इसलिए एजुकेशन लोन लेने से पहले इन सारी स्थितियों को भी ध्यान रखना चाहिए.

  • बैंक का चुनाव समझदारी से करें

लोन लेने से पहले बैंक को सावधानी से चुनें. सारे बैंक अलग अलग समय अवधि के लिए अलग अलग ब्याज दर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अगर आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो आप किसी सरकारी बैंक से ही लोन लें. क्योकि उनमें समय अवधि ज्यादा होती है और तुलनात्मक रूप से ब्याज दर भी कम होती है.

प्रदूषण से बचने के लिए अपना सकती हैं ये घरेलू नुस्खें

अगर आप भी घर से बाहर निकलते वक्त मुंह पर कपड़ा बांधने के लिए मजबूर हो जाती हैं या  आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है. तो आपके रसोई में रखी ये जादुई चीजें आपकी परेशानी सुलझाने में मदद कर सकती हैं. आइए जानते हैं प्रदूषण के असर को आप कैसे कम कर सकते हैं.

बढ़ते प्रदूषण की वजह से बार बार ज़ुकाम या इंफेक्शन हो रहा हो तो अदरक का सेवन बहुत लाभकारी होता है. इसके लिए 1 चम्मच शहद में गुनगुना अदरक का रस मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से ज़ुकाम की समस्या  ठीक हो जाती है.

लहसुन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है. प्रदूषण से बचने के लिए लहसुन की कुछ कलियां लेकर उन्हें  चम्मच मक्खन में पकाकर खाएं. इसे खाने के आधे घंटे पहले और बाद में कुछ नहीं खाना है. प्रदूषण से होने कफ को दूर करने में यह घरेलू नुस्खा बेहद लाभदायक है.

गुड़ और शहद खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. जिसकी मदद से व्यक्ति अनेक बीमारियों की चपेट में आने से बच सकता है. इसका यही गुण प्रदूषण के साइड इफेक्ट को कम करने में भी कारगर है.

नियमित अजवाइन की पत्तियां खाने से खून साफ होता है. इसके अतिरिक्त अपने आहार में फल और सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए.साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीना चाहिए.

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