क्या आपने कभी खाये हैं गब्बर के शोले?

सामग्री

– 75 ग्राम हंग कर्ड

– 50 ग्राम मक्खन

– जरूरतानुसार लाल, पीली व हरी शिमलामिर्च बारीक कटी

– जरूरतानुसार काजू के टुकड़े

– 8-10 किशमिश

– 20 ग्राम पनीर कद्दूकस किया

– स्वादानुसार हरीमिर्चें बारीक कटी

– नमक व लालमिर्च पाउडर स्वादानुसार

– जरूरतानुसार ब्रैडस्लाइस भिगोए हुए, तलने के लिए तेल.

विधि

ब्रैड को छोड़ बाकी सारी सामग्री एकसाथ मिला कर स्टफिंग तैयार करें. स्टफिंग को ब्रैडस्लाइस में स्टफ कर के डीप फ्राई कर मनपसंद सौस के साथ परोसें.

व्यंजन सहयोग

ऐग्जीक्यूटिव शैफ चिंतामनी आर्या

आंच, दिल्ली

VIDEO : फेस मेकअप का ये है सबसे आसान तरीका

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पेमैंट ऐप है गृहिणियों के लिए सरल रास्ता

पेमैंट ऐप आप के पर्स की तरह होता है. जिस तरह से आप अपने पर्स में पैसा रखते और खर्च करते हैं उसी तरह पेमैंट ऐप में भी पैसा रख कर खर्च कर सकते हैं. पेमैंट ऐप के खोने, जेब कटने या पर्स लूटे जाने का खतरा नहीं रहता. इस के बाद भी पेमैंट ऐप का प्रयोग सावधानी से करने की जरूरत होती है.

नेहा को रेलवे टिकट बुक कराना था. उस ने पेमैंट ऐप के जरीए रेलवे टिकट बुक करा लिया. अच्छी बात यह थी कि उस ऐप ने उस समय रेलवे टिकट की बुकिंग के लिए कैश बैक का औफर भी रखा था. ऐसे में नेहा को अपने टिकट पर छूट भी मिल गई.

ऐप्स के जरीए छोटी बड़ी हर तरह की खरीदारी संभव हो गई है. औनलाइन शौपिंग में बड़ी रकम से खरीदारी होती थी. ऐप पेमैंट सिस्टम कम समय में ही इतना लोकप्रिय हो गया कि यह छोटी बड़ी हर दुकान में उपलब्ध है. सब्जी की खरीदारी से लेकर बड़ी शौपिंग तक पेमैंट ऐप से होने लगी.

नेहा कहती है, ‘‘पेमैंट ऐप के जरीए खरीदारी करना आसान हो गया है. सब से अहम बात यह है कि अब चेंज की परेशानी नहीं रहती. शौपिंग मौल से ले कर हर जगह इस का प्रयोग किया जाता है.’’

finance

पेमैंट ऐप का प्रयोग

पेमैंट ऐप को सरदर्द समझने वाली प्रेरणा कहती है, ‘‘डैबिट कार्ड से पेमैंट के समय यह खतरा रहता था कि कहीं कोई बैंक के खाते से पैसा न निकाल ले. अब पेमैंट ऐप में हम उतना ही पैसा रखते हैं जितने की शौपिंग करते हैं. ऐसे में पैसों के औनलाइन फ्रौड होने का खतरा नहीं रहता है. जब ऐप में पैसा कम हो जाए तो फिर पैसा डलवाया जा सकता है.

‘‘अब सभी कुछ औनलाइन होने के बाद पैसों को इधर से उधर करना सरल हो गया है. पेमैंट ऐप का प्रयोग औनलाइन शौपिंग के लिए ही होता है. ऐसे में यह बहुत सरल और सुविधाजनक होता है. अब अलग अलग तरह के बिल जैसे बिजली, पानी, पैट्रोल, फोन और रेलवे टिकट का भुगतान पेमैंट ऐप से होने लगा है. ऐसे में लाइन लगाने और धक्के खाने की जरूरत नहीं रह गई है.’’

तरह तरह के पेमैंट ऐप

आज के समय में बैंक और मोबाइल कंपनियां ही नहीं सरकार तक अपने अपने पेमैंट ऐप लेकर आ गए हैं. ये लोग अपने पेमैंट ऐप को लोकप्रिय बनाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं लेकर आ रहे हैं. इस के लिए मोबाइल पर पेमैंट ऐप को डाउनलोड किया जाता है. मोबाइल का नंबर ही पेमैंट ऐप का नंबर होता है.

बैंक के खाते की तरह इसे खोलने के लिए बहुत लिखा पढ़ी की जरूरत नहीं होती है. पेमैंट ऐप चलाने वाली कंपनियां अपनी मार्केट को बढ़ाने के लिए तरह तरह के पैकेज लेकर आ रही हैं. ऐसे में उपभोक्ता को कई तरह के कैशबैक औफर्स का लाभ मिल जाता है.

सुविधाजनक और आसान

उपभोक्ता के लिए ही नहीं कंपनियों के लिए भी पेमैंट ऐप का प्रयोग सरल और सुविधाजनक हो गया है. अब पेमैंट ऐप को बैंक खाते से जोड़ दिया गया है, जिस से उपभोक्ता द्वारा दी गई पेमैंट ऐप से सीधे कंपनी के खाते में चली जाती है. कंपनियों के लिए यह सुविधा होने लगी है कि उन्हें बैंक में पैसा जमा करने के लिए कर्मचारी रखने और पैसा गिनने की जरूरत नहीं. सरकार ने भी पेमैंट ऐप को सुविधाजनक और कानूनी बना दिया है.

नोटबंदी के समय पेमैंट ऐप से उपभोक्ताओं को बड़ी मदद मिली. उन्हें अपने खर्च के लिए कैश की परेशानी से नहीं जूझना पड़ा. धीरे धीरे यह चलन बढ़ गया है. आज बड़ी संख्या में गृहिणियां भी इस का प्रयोग करने लगी हैं.

वीकेंड पर अमृतसर जाएं तो मिस ना करें वहां के स्ट्रीट फूड

कहा जाता है कि अगर आप घूमने-फिरने और खाने-पीने के शौकीन हैं, तो आप किसी भी परेशानी को आसानी से झेल सकते हैं. तनाव को कम करने के लिए घूमना और खाना दोनों ही बहुत कारगर साबित होते हैं. आप अगर औफिस के काम से ब्रेक लेकर घूमने जाना चाहती हैं, तो इस वींकेड अमृतसर की ट्रिप प्लान कर सकती हैं. यहां घूमने-फिरने के साथ आपको यहां का स्ट्रीट फूड भी बेहद पसंद आएगा. आइए, हम आपको बताते हैं अमृतसर के स्पेशल जायकों के बारे में.

अमृतसरी कबाब

अगर आप नौन-वेज खाने की शौकीन हैं, तो आप अमृतसरी कबाब को चख सकती हैं. आप कबाब को नान के साथ भी खा सकती हैं. आपको अमृतसर में ज्यादातर ढाबे और रेस्टोरेंट में कबाब आसानी से मिल जाएगा.

मक्के की रोटी और सरसों का साग

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अमृतसर में आकर अगर मक्के की रोटी और साग का मजा नहीं लिया तो समझिए आपकी अमृतसर की ट्रिप अधूरी मानी जाएगी. अमृतसर ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब में ये डिश काफी मशहूर है.

कीमा परांठा

कीमा परांठा को प्याज और हरी चटनी के साथ खाकर आपको एक अलग तरह का एहसास होगा, तो अगर आप नौन वेजिटेरियन हैं, तो इस डिश को जरूर ट्राई कर सकती हैं.

छोले-कुल्चे और लस्सी

अमृतसर में छोले भटूरे से ज्यादा छोले कुल्चे मशहूर है. लच्छेदार प्याज और हरी चटनी के साथ आपको छोले कुल्चे हर गली और नुक्कड़ पर मिल जाएंगे. साथ ही यहां की लस्सी लाजवाब होती है.

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आम पापड़

बचपन में आपने भी कभी न कभी आम पापड़ जरूर खाया होगा. अमृतसर में बचपन की यादें ताजा हो जाएगी. आप यहां आम पापड़ के नए जायकों को ट्राई कर सकती हैं.

चिकन टिक्का

चिकन टिक्का को यहां शाम के वक्त स्नैक्स की तरह खाया जाता है. आप यहां चिकन टिक्का की कई वैराइटी चख सकती हैं.

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औरतें मांस का टुकड़ा नहीं : नेहा धूपिया

बौलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया अपने बिंदास अंदाज के कारण जानी-जाती हैं. नेहा इन दिनों चैट शो बीएफएफ विद वोग्स में बतौर होस्ट नजर आ रही हैं. इंटरनेशनल वुमेंस डे के मौके पर नेहा ने ट्रोर्ल्स की जमकर क्लास लगाई. अभिनेत्री नेहा धूपिया ने इंस्टाग्राम पर एक फोटो शेयर करते हुए टोर्ल्स को आड़े हाथों लिया. नेहा ने कहा कि औरतें मांस का टुकड़ा नहीं है.

फोटो शेयर करते हुए नेहा ने कैप्शन लिखा, ”इसपर तुरंत रोक लगनी चाहिए. किसी भी महिला की फोटो पर भद्दे-भद्दे कमेंट कर बताना की वह किस तरह की महिला है (जूसी, स्पाइसी, टिक्का, गरमा-गरम) इस पर लगाम लगनी चाहिए. नेहा ने लिखा, फूडपांडा लोगों को बताना चाहता है कि महिलाओं और फूड में अंतर होता है. तो फोटो शेयर करते हुए लिखें, #नौट ए पीस औफ मीट #रिस्पेक्ट वुमेंस #वुमेंस डे.”

यह पहला मौका नहीं है जब नेहा ने ट्रोर्ल्स की क्लास लगाई है, इसके पहले भी नेहा ने एक बिकनी फोटो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, ”हां, मैंने बीच में बिकनी पहनी हुई है, जैसा की नार्मल लोग बीच में करते हैं और हां मैंने बीच में सेल्फी भी ली है और पोस्ट भी कर रही. एक बार अपमान न करने की कोशिश करिए. अपनी भड़ास निकालने के लिए किसी महिला फौलो न करें.

मेरे पास आप लोगों के द्वारा लिखे गए कमेंट्स को डिलीट करने या अनफौलो करने का भी विकल्प होता है लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहती. लेकिन मैं यह कहना चाहती हूं कि यदि आप कुछ अच्छा नहीं लिख सकते तो पोस्ट स्करौल कर सकते हैं. यह आपके एनर्जी और समय की सही बचत करेगा. शुक्रिया.”

बता दें कि बौलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया ने साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म ‘कयामत’ से बौलीवुड जगत में कदम रखा था, इसके अलावा नेहा ‘दे दना दन’, ‘जूली’, ‘चुप चुप के’, ‘शीशा’, ‘रात गई बात गई’ जैसी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. नेहा आखिरी बार साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘तुम्हारी सुलू’ में नजर आई थीं, फिल्म में नेहा के साथ विद्या बालन ने भी काम किया था.

फिल्मों में जाने की जल्दी नहीं है : मोहित रैना

आप तो पूरे सरदार बन गए?

8 महीने पहले जिस दिन शो ‘21 सरफरोश सारागढ़ी 1897’ की कहानी के लिए ‘डिस्कवरी जीत’ की टीम ने मुझ से डिस्कशन किया था उसी दिन से मैं ने सोच लिया था कि यह रोल (हवलदार ईशर सिंह का) मुझे ही करना है और फिर उसी दिन से मैं ने सरदारों की तरह दाढ़ीमूंछ बढ़ानी शुरू कर दी. यह इस शो की सिर्फ 12 घंटे की कहानी है, जिस में 21 सिखों के साथ हवलदार ईशर सिंह सारागढ़ी पोस्ट का मोरचा संभालता है.’’

किरदार बदलने की कोई खास वजह?

‘‘पहले मैं ने त्रिशूल पकड़ा, उस के बाद तलवार और अब बंदूक. ऐसे में अब फूलों का गुलदस्ता पकड़ना तो बनता ही है. मैं अब रोमांटिक रोल करना चाहता हूं. मैं ऐसे शो करने का मन बना चुका हूं, जो वैब सीरीज की तरह 3-4 महीनों में खत्म हो जाएं.’’

सारागढ़ी की कहानी पर फिल्में भी बन रही हैं?

‘‘हां, इस कहानी पर अक्षय कुमार, रणदीप हुड्डा, अजय देवगन फिल्में बना रहे हैं. लेकिन टीवी शोज और फिल्मों का प्रौस्पैक्टिव जरा अलग होता है. फिल्म में पूरी कहानी लगभग 2 घंटे में दिखानी होती है जबकि टीवी शोज महीनों चलते हैं. लेकिन मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि इस कहानी को सब से पहले दिखाने का मौका मुझे मिला?

कभी लिंकअप तो कभी ब्रेकअप सच्चाई क्या है?

‘‘इंडस्ट्री में मेरे बहुत कम दोस्त हैं, जिन के साथ मैं हमेशा दिखता हूं. मैं जिस के साथ ज्यादा दिखने लगता हूं उसी के साथ लोग लिंकअप करने लगते हैं. मैं आप का इशारा समझ रहा हूं. मौनी मेरी सिर्फ एक अच्छी दोस्त है, इसलिए हम ज्यादातर साथ रहते हैं. अगर आगे कुछ होगा तो आप लोगों को जरूर बताऊंगा.

लिम्का बुक औफ रिकौर्ड्स में नाम

एक ही टीवी सीरीज में सब से ज्यादा किरदार निभाने के लिए मोहित का नाम ‘लिम्का बुक औफ रिकौर्ड्स’ में दर्ज हो चुका है. टीवी सीरीज ‘महादेव’ में मोहित ने 50 से ज्यादा किरदार निभाए हैं.

सैंट्रल स्कूल का फायदा

मोहित रैना कहते हैं कि जम्मू में उन के सैंट्रल स्कूल के सभी दोस्त आर्मी फैमिली से थे. उन के साथ रहतेरहते उन के अंदर भी आर्मी वाला अनुशासन आ गया था जिस से हवलदार ईशर सिंह का किरदार निभाने में आसानी रही. आर्मी यूनिफौर्म पहनने की इच्छा भी थी जो इस शो से पूरी हो गई.

फिल्मों में जाने की जल्दी नहीं

10 साल पहले ऐक्टिंग में ऐंट्री करने वाले मोहित का सफर अभी तक छोटे परदे तक ही सीमित है जबकि उन की गर्लफ्रैंड मौनी रौय अक्षय के साथ जल्द ही फिल्म ‘गोल्ड’ में नजर आने वाली हैं. मोहित को फिल्मों में काम करने की जल्दी नहीं है. वे कहते हैं कि जब कोई अच्छी कहानी आएगी तब सोचेंगे.

रिसर्च टीम ने बहुत काम किया

सारागढ़ी शो को बनाने के लिए रिटायर्ड मेजर और जनरल की एक टीम है, जो 1897 की यूनिफौर्म से ले कर उन सैनिकों के उठनेबैठने के तौरतरीकों आदि पर प्रोडक्शन टीम को सलाह देती है. डिस्कवरी ने भी 2 साल इस कहानी पर रिसर्च की. उस के बाद यह शो बनाया. इस में सिर्फ मोहित और कुछ कलाकार ही भारतीय हैं बाकी सारे विदेशी हैं. ऐसे ही सारे सरदार रियल सिख हैं जो पहली बार ऐक्टिंग कर रहे हैं.

जीवन में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है सेहतमंद रहना

महिलाओं के ऊपर पुरुषों के मुकाबले अधिक जिम्मेदारियां होती हैं. मां, पत्नी, बेटी, आदि की अलग-अलग जिम्मेदारियों के अलावा कार्यस्थलों में भी उनकी सक्रिय और समर्पित भागीदारी होती है. ऐसे में उन्हें खुद के लिए वक्त ही नहीं मिलता. लेकिन उन्हें इन विभिन्न जिम्मेदारियों के बीच खुद के लिए भी समय निकालना जरूरी है, ताकि वो अपनी ओर बढ़ने वाली तमाम बीमारियों को रोक सकें व सेहतमंद रह सकें.

आज हम आपको लिए कुछ आसान टिप्स बताने जा रहे हैं. जिसे अपनाकर आप स्वस्थ्य और सेहतमंद रह सकती हैं. तो चलिए जानते हैं वे टिप्स क्या हैं.

डाइटिंग पर रहें पर सेहत का भी रखें ध्यान : अगर आप डाइटिंग पर हैं तो ध्यान रखें कि वसायुक्त चीजों से आपको परहेज करना है. लेकिन इस चक्कर में कई बार आप जरूरी प्रोटीन और विटामिन युक्त चीजें भी नहीं खाती. इससे आपकी सेहत पर काफी असर पड़ता है. ऐसे में डाइट पर रहें लेकिन सेहत का भी ध्यान रखें और पोषक तत्वों की जरूरी मात्रा अपने भोजन में शामिल करना ना भूलें.

पानी है जरूरी : शरीर की सबसे बड़ी आवश्यकता है पानी. अगर आप खुद को हाइड्रेट रखेंगी तो आपकी त्वचा भी दमकती रहेगी. दिन में 7 से 8 ग्लास पानी जरूर पिये इसके अलावा नींबू पानी का भी सेवन करें. आप कोल्ड ड्रिंक और सोडा की जगह नारियल पानी पिये इससे आपकी पाचनशक्ति सुदृढ़ होती है.

नाश्ता न भूलें : नाश्ता छोड़ने की भूल कभी न करें. दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट से करें. इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.

रोज करें व्यायाम : स्वस्थ रहने के लिए रोजाना एक्सरसाइज बहुत जरूरी है. हर रोज 30 मिनट की एक्सरसाइज फिट रहने के लिए जरूरी है. जिम जाने की बजाय पार्क में खेलना, स्विमिंग करना बेहतर होता है.

बौडी चेक : हर 6 महीने में डौक्टर से अपनी बौडी का फुल चेक-अप करवाएं. इससे तमाम रोगों से बचाव में मदद मिलती है. कई तरह के गंभीर रोगों का अगर समय रहते पता लग जाए तो इलाज आसानी से हो जाता है.

चिंता छोड़ें : आपने एक कहावत तो सुनी होगी, चिंता चिता के समान है. ऐसे में आपको चिंता करने से बचना चाहिए. खाने में फल और सब्जियों को शामिल करें इससे आप हेल्दी तो रहेंगी ही मूड भी ठीक रहेगा.

शराब, स्मोकिंग से करें परहेज : शराब और स्मोकिंग का आपके शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. अगर आप इसका सेवन करती हैं तो जल्द ही अपनी आदत में सुधार लाइये और संभव हो सकें तो शराब और धूम्रपान पूरी तरह बंद कर दें, क्योंकि यह शरीर में होने वाली आधी से ज्यादा बिमारियों की जड़ है.

इन नए शेड्स की लिपस्टिक से होठों को दें नया और आकर्षक अंदाज

वह दिन गया जब पिंक, औरेंज और रेड लिपस्टिक के शेड काफी ट्रेंड में थे. आजकल लिपस्टिक के कई नए शेड्स ट्रेंड में हैं. तमाम ब्रैंड्स इन दिनों बाजार में अपने नए शेड्स लेकर आ रहे हैं. फैशनेबल दिखने की चाहत रखने वाली हर युवती इन लिप कलर को अपना कर अपने लुक को निखार सकती हैं फिर चाहे डेली रूटीन हो या शादी और पार्टी का मौका, ये शेड्स हर जगह अपना एक अलग स्टाइल स्टेटमेंट बना रहे हैं.

कौपर शेड

शाम की पार्टी के लिए यह जीवंत और बोल्ड मटैलिक कलर है, जिसके ऊपर कोई भी रेगुलर मैट लिपस्टिक लगाई जा सकती है. ऐसा करने से आपके होंठों को पाउटी लुक मिलेगा और आप सबसे खास दिखाई देंगी. मटैलिक कौपर गोल्ड की यह खासियत है कि वह किसी भी लिपस्टिक पर अपनी चमकीली झिलमिलाहट छोड़ देता है. मटैलिक लिप शेड्स आपको ‘1970’ के दौर में वापस ले जाते हैं. सिंपल लुक में इस शेड की लिपस्टिक लगाने से होंठों की खूबसूरती और उभरती है. रिफ्लेक्टिव इफेक्ट देने के लिए आप अपने लिप कलर पर लिप ग्लौस भी लगा सकती हैं.

पर्पल बेरीज शेड

अगर हम लिपस्टिक के शेड्स की बात करें तो इन दिनों कलर्ड बेरीज, डार्क वायलेट, बैंगनी और ब्लूबेरी इन हैं. देखने में ये कलर्स वेस्टर्न हैं लेकिन इंडियन स्किन पर भी बखूबी जंचते हैं. आज की मौडर्न लड़कियां, जिसे अपनी पर्सनैलिटी के साथ एक्सपेरिमेंट करना पसंद है, इस शेड को अपने ब्यूटी किट में जरूर शामिल कर सकती है. बैंगनी (पर्पल) रंग की लिपस्टिक से होंठों को सजा कर आप इसके साथ मैंचिंग या मिक्स कलर के आउटफिट्स भी पहन सकती हैं. साथ ही इसी रंग से मिलता-जुलता या शाइनी आईलाइनर लगाने पर यह बोल्ड लुक देगा.

ब्राउन शेड

इस दिनों डार्क कलर भी ट्रेंड में हैं. सलेब्रिटीज हों या आम लड़कियां हर किसी के लिए होंठों को डार्क शेड से हाइलाइट करने का यह तरीका हाट और नया है. लिपस्टिक में ब्राउन कलर इंडियंस के बीच सबसे ज्य़ादा पौपुलर है. पर अपने मेकअप किट के हर तरह के ब्राउन शेड्स के बजाय लाइट ब्राउन और रेडिश ब्राउन का चुनाव करें. अगर आप डार्क शेड्स पसंद करती हैं तो चौकलेट ब्राउन एक अच्छा विकल्प है.

न्यूड शेड

ब्यूटी इंड्रस्टी में छाने वाले न्यूट्रल और नो-मेकअप लुक वाले ये लिप कलर इस सीजन ट्रेंड में रहेंगे. नैचुरल न्यूड लिप कलर आपके नैचुरल लिप कलर को ओवरकोट नहीं करता, इसलिए इस कलर को आज लगभग सभी सलेब्रिटीज ट्राई कर रही हैं. नैचरल न्यूड लिप कलर खरीदते समय आपको ग्लौसी लिपस्टिक का ही चुनाव करना चाहिए.

मर्साला शेड

फैशन की दुनिया में इस बार ट्रेंड बनकर उभरा है मर्साला शेड. आपका कलर जैसा भी हो लेकिन रेड और ब्राउन से मिल कर बना मर्साला कलर आपको एलिगेंट लुक देता है.

ब्लैक कार्बन शेड

कार्बन ब्लैक शेड की लिपस्टिक आजकल कौलेज गोइंग लड़कियों के बीच लोकप्रिय है. इस शेड को आप किसी भी कलर के आउटफिट्स के साथ कौन्फिडेंट्ली कैरी कर सकती हैं. यह आपके हर आउटफिट पर बखूबी सूट करेगी और इससे आप सिंपल और एलीगेंट नजर आएंगी. शाम की पार्टी में इसे लगाने से आप ग्लैमरस दिखेंगी. यह शेड आपके लुक को एक नया आयाम देगा.

स्वाद जरा हट के: क्रीमी रोगन जोश पास्ता

सामग्री पास्ता की

– 1 बड़ा चम्मच रिफाइंड औयल

– 100 ग्राम पास्ता

– 10 ग्राम लहसुन बारीक कटा

– 50 ग्राम क्रीम – 30 ग्राम दही

– 100 ग्राम बोनलैस चिकन के टुकड़े उबले

– 10 ग्राम परमेसन चीज

– 1 कप रोगन जोश ग्रेवी

– नमक व कालीमिर्च पाउडर स्वादानुसार

सामग्री रोगन जोश ग्रेवी की

– 11/2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल

– 150 ग्राम मटन

– 4 बड़े चम्मच योगर्ट

– हींग स्वादानुसार

– 2 टुकड़े दालचीनी

– 4 बड़ी इलायची

– 1 बड़ा चम्मच कश्मीरी लालमिर्च पाउडर

– 2 छोटे चम्मच सौंफ पाउडर

– 1 बड़ा चम्मच सोंठ पाउडर

– 1 बड़ा चम्मच धनिया पाउडर

– नमक, कालीमिर्च व लौंग स्वादानुसार.

विधि पास्ता की

पास्ता ब्लांच कर लें. अब एक पैन में तेल गरम कर के लहसुन, दही, क्रीम, नमक व कालीमिर्च डाल कर सौते करें. फिर पास्ता डाल कर कुछ देर और सौते करें. अब इस में चिकन, रोगन जोश ग्रेवी औार परमेसन चीज डाल कर कुछ देर पकाएं. गार्लिक ब्रैड के साथ परोसें.

विधि रोगन जोश ग्रेवी की

एक पैन में तेल गरम कर हींग, दालचीनी, लौंग, कालीमिर्च और बड़ी इलायची डाल कर सौते करें. अब आंच धीमी कर के मटन डालें और चलाते हुए सुनहरा होने तक फ्राई करें. अब इस में थोड़ा सा पानी डाल कर 10 मिनट तक पकाएं. फिर कश्मीरी लालमिर्च पाउडर, सौंफ पाउडर, सोंठ पाउडर, धनिया पाउडर, नमक, योगर्ट और 2 कप पानी डाल कर ग्रेवी गाढ़ी होने तक ढक कर पकाएं. तैयार ग्रेवी से मटन हटा कर ग्रेवी पास्ता में इस्तेमाल करें.

व्यंजन सहयोग

ऐग्जीक्यूटिव शैफ चिंतामनी आर्या

आंच, दिल्ली

बच्चे के स्वभाव में आया बदलाव हो सकता है यौन अपराध का संकेत

8 वर्षीय नेहा स्कूल में पढ़ती थी. वह काफी हंसमुख थी. उसे देख कर ऐसा लगता था जैसे उदास रहना उसे आता ही न हो. वह स्कूल से आते ही मम्मी को दोस्तों की सारी बातें बताती. लेकिन कुछ दिनों से वह चुपचुप सी रहने लगी थी. न उस में स्कूल जाने को ले कर उत्साह था और न ही घर आने के बाद वह हंसती, बातें करती.

कुछ दिनों तक नेहा की मां ने इस बात को इग्नोर किया, लेकिन जब उदास रहना नेहा की आदत बन गई, तो उस की मां को टैंशन हुई. उन्होंने नेहा से दुखी होने का कारण पूछा तो वह फफकफफक कर रो पड़ी. उसे भीतर से यह बात परेशान कर रही थी कि कहीं मां सारी बातें पता चलने पर उस से नाराज न हो जाएं.

मगर मां के बारबार पूछने पर नेहा ने सारी बात मां को बताते हुए कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से ड्राइवर अंकल मुझे छूते हैं, सिर्फ छूते ही नहीं बल्कि मुझे किस भी करते हैं. कभीकभी तो मेरे कपड़ों के अंदर भी हाथ डालते हैं. मेरे मना करने पर भी वे मुझे बारबार टच करते हैं, जिस से मुझे काफी दर्द होता है.

‘‘मेरे मना करने पर वे यह भी कहते हैं कि जिस तरह तुम्हारी मां तुम्हें प्यार करती हैं और प्यार में तुम्हारे गालों या फिर बौडी पर किस करती हैं ठीक उसी तरह मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करता हूं. और जब कोई किसी से प्यार करता है, तो फिर उस के साथ ये सब करने में कोई बुराई नहीं होती. बस तुम यह बात अपनी मां को मत बताना. यह हम दोनों के बीच का सीक्रेट है. धीरेधीरे ये सब चीजें तुम्हें भी अच्छी लगने लगेंगी और फिर तुम्हें भी मुझे टच करने में मजा आएगा.’’

ये सब सुन कर नेहा की मां के होश उड़ गए. उस पल उन के मन में यह विचार आया कि नेहा का स्कूल जाना ही बंद कर दिया जाए. लेकिन फिर सोचा कि इस में नेहा की क्या गलती है. फिर उन्होंने नेहा को गले लगाते हुए कहा कि तुम्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है और फिर ये सारी बातें नेहा के पापा को बता दीं.

नेहा के पेरैंट्स ने बिना डरे यह बात स्कूल के प्रिंसिपल को बताई ताकि फिर भविष्य में वैन ड्राइवर किसी और के साथ ऐसा करने की हिम्मत न जुटा पाए. साथ ही नेहा को भी समझाया कि आगे से जब कोई तुम्हें टच करने की कोशिश करे, तो तुम उस का विरोध करना और कोई भी बात मम्मी पापा से न छिपाना.

ऐसा सिर्फ नेहा के साथ ही नहीं हुआ, बल्कि नेहा जैसी हजारों लड़कियों के साथ आए दिन घटता है और वे डर के मारे यह सब सहती रहती हैं. इस से अपराधियों के हौसले और बुलंद होते हैं.

ऐसे में पेरैंट्स का रोल अहम हो जाता है. उन्हें चाहिए कि वे अपने बच्चों को ग्रोइंग पीरियड से ही सैक्स ऐजुकेशन दें ताकि उन में अपने बौडी पार्ट्स के प्रति अवेयरनैस पैदा हो और उन के साथ कोई अनहोनी न हो.

सैक्सुअल हैरेसमैंट है क्या

सैक्सुअल हैरेसमैंट का सीधा सा अर्थ है कि जबरदस्ती सैक्स करने की कोशिश करना या फिर बिना मरजी के किसी के बौडी पार्ट्स को छूना.

सैक्सुअल हैरेसमैंट में निम्न चीजें शामिल हैं:

– जबरदस्ती सैक्स करना.

– बारबार सैक्स करने के लिए फोर्स करना.

– गंदी नजरों से देखना व इशारे करना.

– सैक्सुअल लाइफ से संबंधित प्रश्न पूछना.

– किसिंग साउंड निकालना.

– गरदन पर हाथ फेरने की कोशिश करना.

– किस, हग करने की कोशिश करना.

– अपनी बौडी को दूसरे की बौडी से जबरदस्ती टच करते हुए सैक्स की फीलिंग लेना.

– किसी के साथ जानबूझ कर सट कर खड़े होना.

– किसी को बारबार ऊपर से नीचे देखना.

– रोज पीछा कर के किसी को परेशान करना.

अब प्रश्न उठता है कि पेरैंट्स बच्चों को कैसे सैक्स ऐजुकेशन दें कि वे कुछ कहने से डरे नहीं, बल्कि बेझिझक अपने मन की बात उन से कह पाएं?

घर का माहौल फ्रैंडली हो

आप अपने बच्चों के बैस्ट फ्रैंड बनने की कोशिश करें, ताकि वे अपने मन की हर बात आप से शेयर कर पाएं. हो सकता है कि वे आप को कपड़े बदलते देखें, तो आप से आप के बौडी पार्ट्स के बारे में जानने की इच्छा जताएं, तो ऐसे में आप को शरमाने या फिर यह कहने की जरूरत नहीं कि अभी आप छोटे हो इसलिए इन सब बातों से दूर रहो. जब बड़े होंगे तो खुद हर चीज के बारे में जान जाओगे.

भले ही आप आज उन्हें टाल कर अपना पीछा छुड़ा लें, लेकिन टैक्नोलौजी के इस युग में वे अपने सवालों के जवाब कहीं न कहीं से खोज ही लेंगे. पर ऐसे में यह जरूरी नहीं कि उन्हें सही जानकारी मिले. आधीअधूरी जानकारी उन्हें गलत राह पर भी ले जा सकती है. इसलिए पेरैंट्स का यह फर्ज बनता है कि वे अपनी क्षमता के अनुसार बच्चों को संतुष्ट करने की कोशिश करें. आप उन की उम्र को देखते हुए चीजों को घुमाफिरा कर पेश कर सकते हैं. लेकिन आप को हर हाल में उन का बैस्ट फ्रैंड बनना होगा ताकि उन के दिमाग में जब भी कोई सवाल आए तो वे उस के समाधान के लिए आप के पास ही आएं.

बौडी पार्ट्स के क्यूट नाम रखें

हो सकता है कि आप का बच्चा छोटा हो और आप को उसे उस के बौडी पार्ट्स के नाम बताने में शर्म आती हो. ऐसे में आप उन के पर्सनल पार्ट्स के क्यूट नाम रख कर उन्हें समझा सकते हैं, इस से आप को झिझक नहीं होगी और काम भी बन जाएगा.

जैसे लड़कों के पर्सनल पार्ट को पेनिस कहते हैं. अगर आप उन्हें पेनिस नाम ले कर बताएंगे तो उन्हें कुछ समझ नहीं आएगा. ऐसे में बौय के पर्सनल पार्ट का नाम सूसूमैन, नुन्नू रख कर उन्हें अवेयर कर सकते हैं कि इसे किसी को नहीं दिखाना. जब कभी सूसू आए तो किसी के सामने नहीं, बल्कि अकेले में करना है और किसी को इस पार्ट को हाथ भी नहीं लगाने देना है.

ठीक इसी तरह लड़कियों के पर्सनल पार्ट को वैजाइना कहते हैं, तो आप उन के पर्सनल पार्ट का क्यूट सा नाम दे कर उन्हें समझाएं कि जब कभी कोई आप के इस पार्ट को टच करने की कोशिश करे या फिर दिखाने को कहे तो आप उसे साफ इनकार कर दें और हमें यह बात जरूर बताएं. आप बै्रस्ट को बटरफ्लाई जैसा नाम दे कर उन्हें समझाएं कि जब भी कोई आप की बटरफ्लाई को छूने करने की कोशिश करे, तो उस का विरोध करना. इस तरह आप उन में बौडी पार्ट्स के प्रति अवेयरनैस पैदा कर सकती हैं.

अगर आप को लगता है कि उन की उम्र वैजाइना और पेनिस जैसी बातों को समझने लायक हो गई है, तो उन से घुमाफिरा कर नहीं, बल्कि सीधे बात करें.

बच्चों के सवालों को इग्नोर न करें

टीवी वगैरह देख कर किशोरों के मन में शरीर के बारे में जानने की उत्सुकता पैदा होती है. ऐसे में पेरैंट्स उन के हर सवाल का जवाब दें ताकि उन की जिज्ञासा शांत हो. जैसे अगर आप का बच्चा पूछता है कि सैक्स क्या होता है और क्यों किया जाता है? तो आप कह सकते हैं कि सैक्स प्यार जताने का एक तरीका है जैसे मैं और आप के पापा एकदूसरे को प्यार जताते हैं. लेकिन ऐसा प्यार सिर्फ शादी के बाद ही किया जा सकता है. अगर कोई बच्चा शादी से पहले ऐसा करता है, तो घर के सभी लोग उस से नाराज हो जाते हैं. इस से बच्चे की जिज्ञासा भी शांत हो जाएगी और उस में यह डर भी बना रहेगा कि अगर भविष्य में कभी उस ने ऐसा कोई काम करने की कोशिश की तो परिणाम अच्छा नहीं होगा.

बच्चा टीवी देख कर आप से कंडोम और सैनिटरी नैपकिन के बारे में भी पूछ सकता है. ऐसे में आप को झिझकने की जरूरत नहीं, बल्कि उसे कौन्फिडैंटली बताएं कि जिस तरह हाथों को कीटाणुओं से बचाने के लिए ग्लव्स का इस्तेमाल किया जाता है उसी तरह पुरुषों को बीमारियों से बचाने में कंडोम मदद करता है. ऐसे ही सैनिटरी नैपकिन हैंकी की तरह होता है जिस का प्रयोग लड़कियां अपने प्राइवेट पार्ट को क्लीन करने के लिए करती हैं.

जब उसे पता चल जाएगा कि उस के हर सवाल का जवाब आप के पास है, तो उसे बाहर किसी व्यक्ति से इन सवालों के जवाब पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी और फिर आप से सही जानकारी भी मिल जाएगी.

न करें रिश्तेदारों पर अंधभरोसा

आज अधिकांश छेड़छाड़ व रेप संबंधी घटनाओं को अपनों द्वारा ही अंजाम दिया जाता है. ऐेसे में बच्चों को अपने रिश्तेदारों से भी सावधान रहने को कहें. उन्हें समझाएं कि भले ही आप जौइंट फैमिली में रहते हों, लेकिन आप हर किसी से डिस्टैंस बना कर ही बात करें और अगर कोई आप को जिन जगहों को आप ढक कर रखते हैं, उन्हें दिखाने को कहे तो बिलकुल न दिखाएं, क्योंकि उन पार्ट्स को सिर्फ मां ही देख सकती हैं. अगर कोई घर का व्यक्ति भी आप के साथ छेड़छाड़ करे, तो घबराएं नहीं, बल्कि विरोध करें और धमकी दें कि आप की शिकायत मां से करूंगी.

अवेयरनैस भी जरूरी

किशोरियों को अपनी बौडी की सेफ्टी खुद करनी आनी चाहिए. इस के लिए उन्हें ध्यान रखना होगा कि किसी के सामने कपड़े नहीं बदलें, क्योंकि आप सही हैं, लेकिन सामने वाला भी सही हो, यह जरूरी नहीं. ऐसे में आप की एक भूल आप को मुसीबत में डाल सकती है. जब भी आप मौल वगैरह जाएं, तो कपड़े चेंज करने से पहले ट्राइलरूम की अच्छी तरह जांच कर लें कि कैमरे तो फिट नहीं किए हुए हैं.

अब आप बच्चे नहीं रहे, जो हर जगह आप के पेरैंट्स आप के साथ जाएं, इसलिए कुछ ऐसे हथियार हमेशा अपने पास रखें जिन की मदद से आप मुसीबत से बच सकें. इस के लिए आप सैल्फ डिफैंस की ट्रेनिंग ले सकती हैं और आप अपने दिमाग में कुछ ऐसे पौइंट्स बैठा लें जहां पर हिट करते ही आप के साथ छेड़खानी करने वाला 10-15 मिनट तक उठ न पाए. ऐसे में आप को वहां से भागने का समय मिल जाएगा.

अपने स्कूल और कालेज बैग में हमेशा मिर्च पाउडर स्प्रे रखें, ताकि हमलावर पर हमला किया जा सके. स्पे्र को बैग की फ्रंट पौकेट में ही रखें ताकि निकालने में आसानी हो. आप आलपिन को भी सौलिड हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं.

कुछ अरसा पहले दिल्ली के पौश इलाके में रहने वाली सोनिया के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई. वह 8वीं कक्षा की छात्रा थी. उस की साइंस की ट्यूशन रात को 7 से 8 होती थी. एक दिन जब वह ट्यूशन गई, तो उस ने देखा कि वहां साइंस के सर के अलावा कोई नहीं था. लेकिन साइंस के सर को देख कर वह पढ़ने बैठ गई, क्योंकि वह सर की नीयत से अनजान थी. थोड़ी देर तक तो सब नौर्मल रहा, लेकिन फिर अचानक सर उसे छूने की कोशिश करने लगे. विरोध जताने पर सर ने उसे अपनी बांहों में ले लिया. एक पल को तो वह घबरा गई, लेकिन फिर उस ने हिम्मत से काम लिया. उस ने अपनी कुहनी से सर के पर्सनल पार्ट पर हिट किया और फिर वहां से भाग निकली.

आप भी जागरूक रह कर अपनी सेफ्टी खुद करें और ऐसी बातों को घर बताने से न डरें, क्योंकि छिपाने से परिणाम ज्यादा गंभीर हो जाता है. इस तरह जब शुरुआती दिनों से ही बच्चों को सैक्स की शिक्षा दी जाएगी, तो वे ज्यादा अलर्ट रहेंगे और किसी के द्वारा भी छेड़छाड़ करने पर वे उसे आप से छिपाएंगे नहीं.

बच्चे मासूमियत से टीवी पर दिखने वाले विज्ञापन में कंडोम और सैनिटरी नैपकिन के बारे में भी पूछ सकते हैं. ऐसे में उन्हें डांटें नहीं, प्यार से समझाते हुए उन चीजों के बारे में शालीनता से बताएं.

ध्यान देने योग्य बातें

बच्चों की डिक्शनरी से ‘सीक्रेट’ शब्द को हटाएं, क्योंकि यह शब्द उन की डिक्शनरी में शामिल होने से वे चीजों को छिपाना सीख जाते हैं.

हर विषय पर खुल कर चर्चा करें.

जैसेजैसे बच्चों के शरीर में परिवर्तन होने शुरू होते हैं, उन में जानने की इच्छा भी बढ़ती जाती है. इसलिए उन्हें समयसमय पर परिवर्तनों के बारे में बताते रहें.

भले सवाल कितना भी बेकार क्यों न हो, लेकिन बच्चों को डांटें नहीं, बल्कि प्यार से समझाने की कोशिश करें.

सैक्स जैसे विषय को हौआ न बनाएं. उन्हें बताएं कि यह जीवन का एक हिस्सा है और इस की जरूरत एक समय आने पर पड़ती है. आप की उम्र अभी पढ़ाई की है, इसलिए उसी पर ध्यान केंद्रित करो.

बच्चों के साथ आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी

नैशनल क्राइम रिकौर्ड्स ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट में बच्चों के साथ आपराधिक घटनाओं से संबंधित चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. 2013 में बच्चों के साथ अपराध के 58,224 मामले दर्ज किए गए, तो 2014 में यह संख्या बढ़ कर 89,423 तक पहुंच गई.

2014 में लगभग 18,763 बच्चे यौन अपराध के शिकार बने. इन में से 13,833 बच्चों के मामले में बलात्कार की पुष्टि हुई और आईपीसी की धारा 376 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया.

यदि पेरैंट्स बचपन ये ही बच्चे को ऐसा माहौल दें कि वह हर तरह की जिज्ञासा को अपने मातापिता के पास ले कर आए, तो इस तरह के अपराधों पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है.

कौमार्य साबित करने का दबाव : वर्जिनिटी टैस्ट पर टिका वैवाहिक रिश्ता

महाराष्ट्र के नासिक जिले के एक पति ने शादी के सिर्फ 48 घंटे बाद इसलिए अपनी शादी तोड़ दी, क्योंकि पत्नी वर्जिनिटी टैस्ट में फेल हो गई यानी प्यार और विश्वास पर टिकने वाला पतिपत्नी का रिश्ता पत्नी के वर्जिनिटी टैस्ट में पास न होने पर फेल हो गया. हुआ यह कि पंचायत द्वारा दूल्हे को सुहागरात के दिन एक सफेद चादर दी गई और उस से कहा गया कि वह अगले दिन इसे वापस करे. सुहागरात के बाद दूल्हे ने पंचायत को चादर दिखाई, जिस में खून का कोई धब्बा नहीं था. फिर क्या था. पंचायत ने दूल्हे को रिश्ता खत्म करने का आदेश दे दिया.

वर्जिनिटी से ही जुड़ा एक अन्य मामला बैंगलुरु में भी सामने आया, जिस में शादी से करीब 2 माह पहले लड़के ने लड़की से मांग की कि अगर वह वर्जिनिटी टैस्ट कराने को तैयार होती है तभी वह उस से शादी करेगा. लड़की को यह बात बुरी तो लगी, लेकिन वह उस लड़के से विवाह करने के मौके को खोना नहीं चाहती थी. अत: वह टैस्ट के लिए तैयार हो गई.

लड़की टैस्ट में पास हो गई. फिर दोनों की धूमधाम से शादी हो गई. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती है. विवाह के बाद भी लड़के ने लड़की पर शक करना जारी रखा और वह उसे प्रताडि़त करने लगा. लड़के को अभी भी शक था कि लड़की का चरित्र ठीक नहीं है, जबकि वह वर्जिनिटी टैस्ट में पास हो चुकी थी.

रोज की प्रताड़ना से तंग आ कर लड़की शादी के 4 माह बाद पति के खिलाफ मामला दर्ज कराने थाने गई. पुलिस ने लड़के के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कर लिया.

सही नहीं धारणा

हैरानी की बात है कि जहां एक तरफ हम चांद और मंगल पर पहुंच गए हैं, वहीं दूसरी तरफ आज भी वर्जिनिटी को मूल्यों और संस्कारों से जोड़ कर देखा जाता है. विवाह की बात आते ही मामला लड़की की वर्जिनिटी पर आ कर अटक जाता है. विवाह से पहले लोग अकसर यह पूछते नजर आते हैं कि अपनी गर्लफ्रैंड या पत्नी की वर्जिनिटी के बारे में कैसे पता लगाया जाए. इस का बस यही एक जवाब है कि ऐसा कोई तरीका नहीं है.

दरअसल, लोगों के बीच यह धारणा आम है कि जब भी कोई युवती पहली बार शारीरिक संबंध बनाती है, तो उसे ब्लीडिंग होती है. लेकिन यह धारणा सही नहीं है, क्योंकि जहां कई महिलाओं में कौमार्य झिल्ली नहीं होती है, वहीं कुछ में यह इतनी लचीली होती है कि कुछ केस में तो यह बचपन में खेलतेकूदते समय ही फट जाती है, इसलिए अगर पहली बार संबंध बनाने पर ब्लीडिंग नहीं होती है, तो इस का मतलब यह नहीं कि वह वर्जिन नहीं है.

यह नहीं वर्जिन होने का पैमाना

कोई महिला वर्जिन है या नहीं, यह केवल उस की प्रैगनैंसी हिस्ट्री से पता चल सकता है या फिर तब जब वह खुद इस के बारे में बताए. वैसे भी फैक्ट्स के अनुसार, केवल 42% महिलाओं को पहले इंटरकोर्स के दौरान ब्लीडिंग होती है, इसलिए पहली बार ब्लीड होने का अर्थ वर्जिन होना कदापि नहीं है. औनलाइन सैक्स टौय रिटेलर लव हनी डौट को डौट यूके द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जहां महिलाएं 17 साल की उम्र में अपनी वर्जिनिटी खो देती हैं और 28 की उम्र में यौन संबंधों को सब से ज्यादा ऐंजौय करती हैं, वहीं पुरुष 33 वर्ष की उम्र में यौन संबंधों को सब से ज्यादा ऐंजौय करते हैं. सर्वे में शामिल 40 फीसदी लोगों ने माना कि वे सैक्स के लिए 28 की उम्र को सब से बेहतर मानते हैं. सर्वे में यह बात भी सामने आई कि पुरुष 18 की उम्र में अपनी सैक्सुअल पीक पर पहुंचते हैं, जबकि महिलाएं 30 की उम्र में.

पुरुष मानसिकता

आप को जान कर हैरानी होगी कि स्कूलकालेज में ऐडमिशन व नौकरी के लिए टैस्ट के अलावा एक देश ऐसा भी है जहां स्कौलरशिप के लिए छात्राओं को वर्जिनिटी टैस्ट से गुजरना होता है. साउथ अफ्रीका के उथूकेला में स्कूलकालेज जाने वाली वर्जिन छात्राओं को जिले की महिला मेयर डूडू मोजिबूको स्कौलरशिप देती हैं. इस स्कौलरशिप को पाने के लिए छात्राओं को वर्जिनिटी टैस्ट देना होता है.

कैसी मानसिकता का शिकार है हमारा पुरुष समाज? जिस के लिए विवाहपूर्व रिलेशनशिप में वर्जिनिटी कोई माने नहीं रखती, लेकिन रिलेशनशिप के बाद जब बात विवाह की आती है, तो वर्जिनिटी उस के लिए बहुत बड़ा सवाल बन जाता है. वैसे भी विवाह के बाद एक महिला को ही क्यों अपनी वर्जिनिटी साबित करनी पड़ती है? एक पुरुष से यह क्यों नहीं पूछा जाता कि वह वर्जिन है या नहीं?

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