निवेश में महिलाओं की भूमिका और आर्थिक विनियोजन का महत्त्व

अब समाज में औरतों की स्थिति पूरी तरह बदल रही है. अब वे घर परिवार के साथ साथ कैरियर बनाने में भी रुचि लेने लगी हैं. यहां तक कि परिवार के अहम निर्णय लेने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं. ऐसे में वे भला इनवैस्टमैंट जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में पीछे कैसे रह सकती हैं.

क्यों जरूरी है महिलाओं का ऐक्टिव रोल

हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा धैर्यवान और समझदार होती हैं. फिर बात चाहे घर चलाने की हो या फिर राशन की, वे चीजों को अच्छी तरह हैंडल करना जानती हैं. यहां तक कि उन्हें जो पौकेटमनी मिलती है वे उस में से भी बचत करना जानती हैं. जब इनवैस्टमैंट की बात आती है, तो उन की यही क्वालिटी काम आती है.

कई शोधों के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाएं मल्टी टास्किंग भी होती हैं, जो उन्हें हर क्षेत्र में बेहतर साबित करने के लिए काफी है.

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हमें कतई पता नहीं कि कब क्या हमारे साथ घटित हो जाए. खुद के जाने के बाद या फिर बच्चों के अलग होने पर आप को पता होना चाहिए कि कहांकहां पैसे इनवैस्ट किए गए हैं ताकि आप सही समय पर उन का इस्तेमाल कर पाएं और यह तभी संभव है जब महिलाएं इनवैस्टमैंट डिसीजन में अहम रोल अदा करें.

आर्थिक विनियोजन का महत्त्व

जिस तरह एक महिला अपने परिवार को स्वस्थ रखने के लिए उसे बैलेंस डाइट देती है उसी तरह उसे इनवैस्टमैंट करने पर भी ध्यान देना चाहिए. भले इनवैस्टमैंट छोटी हो या फिर बड़ी. यह आगे चल कर काफी फायदेमंद साबित होती है. अब यह इनवैस्टमैंट आप शेयर, ऋण, गोल्ड, रियल एस्टेट आदि में भी कर सकती हैं. यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस में ज्यादा फायदा देख कर इनवैस्ट करना चाहती हैं. साथ ही, आप लंबे निवेश में होने वाले जोखिमों के लिए भी तैयार रहें.

आप को बता दें कि जिस में ज्यादा मुनाफा प्राप्त होता है उस में रिस्क भी उतना ही ज्यादा होता है, इसलिए अच्छी तरह प्लानिंग कर के और सोच समझ कर ही इनवैस्ट करना चाहिए. शेयरों में पैसा लगाने से काफी मुनाफा मिलने के साथ साथ नुकसान की भी संभावना रहती है, क्योंकि कब शेयर के दाम घट जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता. शेयरों में लगाए पैसे के डूबने के चांसेज ज्यादा रहते हैं जबकि एफडी वगैरा में इस तरह के चांसेज नहीं होते.

खास बात यह है कि आप इनवैस्ट चाहे कहीं भी करें, आप में धैर्य होना बहुत जरूरी है, क्योंकि एकदम मुनाफा नहीं मिल सकता जैसे अगर आप ने छोटी उम्र से इनवैस्टमैंट शुरू कर दी है तो फिर घाटा होने पर भी रिकवरी की संभावना ज्यादा रहती है, क्योंकि आप के पास नौकरी करने के ज्यादा साल जो बचे होते हैं, जबकि बड़ी उम्र में घाटा हो तो रिकवर करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

इनवैस्टमैंट ऐक्सपर्ट की मदद लें

आप एकदम से मुनाफा कमाने के चक्कर में कहीं नुकसान न उठा बैठें, इसलिए इनवैस्टमैंट ऐक्सपर्ट की मदद लें, क्योंकि वह आप को इनवैस्टमैंट के बारे में ज्यादा अच्छी तरह समझा पाएगा. वह यह आप को अच्छी तरह बता देगा कि कहां पैसा लगाना फायदेमंद होने के साथ साथ ज्यादा सेफ भी है और आप मुसीबत के समय कैसे कम घाटे में उस का फायदा उठा सकती हैं, क्योंकि हर इंसान अपने भविष्य को सेफ करने के लिए ही इनवैस्ट करता है. आप सलाह द्वारा ज्यादा टैक्स भरने से भी बच जाएंगी. तो फिर इनवैस्टमैंट करने से पहले ऐक्सपर्ट की सलाह लेना न भूलें.

खर्च और बचत का अनुपात

अक्सर परिवार में बच्चे मस्ती के लिए देखा देखी फालतू चीजों पर खर्च करने की जिद कर बैठते हैं, जबकि पेरैंट्स भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सेविंग करना चाहते हैं. ऐसे में सब से पहले दोनों में तालमेल बैठा कर चलने के साथसाथ अपने फाइनैंशियल गोल पर फोकस करना भी जरूरी है ताकि जरूरतें भी पूरी हो सकें और आप बचत भी कर पाएं. जैसे बोनस के पैसों से पति कार खरीदने की सोच रहे हैं और आप विदेश घूमने की बात कर रही हैं, तो ऐसे में जब आप दोनों के बीच तालमेल होगा तो आप सोच समझ कर इस पैसे को इनवैस्ट करने के बारे में सोचेंगे जो आप के भविष्य को सुरक्षित बनाएगा.

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लक्ष्य बना कर इनवैस्ट करें

आप का काम परिवार में सिर्फ हर सदस्य को खुश रखने के लिए उस की पसंद की डिशेज बनाना, किट्टी पार्टियां करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आप परिवार के फाइनैंशियल निर्णयों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएं, क्योंकि आप का परिवार में अहम स्थान जो है. इसलिए आप भविष्य के बारे में जैसे बच्चों की हायर ऐजुकेशन और शादी आदि पर होने वाले खर्च, अचानक परिवार में किसी के बीमार होने पर होने वाले खर्च या फिर रिटायरमैंट के बाद कैसे आप अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर पाएंगी इन सब को ध्यान में रख कर इनवैस्ट करें.

इनवैस्टमैंट का एक बेहतर तरीका

म्यूचुअल फंड भी है, जिस में आप के द्वारा निर्धारित राशि एक निश्चित समय पर एनईएफटी द्वारा आप के अकाउंट से अपनेआप निवेश के तौर पर कट जाएगी और फिर यह राशि आप को बेहतर भविष्य देने के काम आएगी. इस में अपना अहम रोल निभाएं, क्योंकि आप ऐसा करने में बेहतर जो हैं.

श्यामली बासु

(सीनियर वाइस प्रैसिडैंट ऐंड हैड-प्रोडक्ट्स ऐंड मार्केर्टिंग, एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमैंट कंपनी लिमिटेड)

लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं और इन का एचडीएफसी एएमसी से कोई सरोकार नहीं है, इन्हें निवेश सलाह के तौर पर न लें. किसी भी निवेश से पहले उस से जुड़े जोखिम स्वयं जांचेंपरखें.

म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले उस से जुड़े दस्तावेज ध्यान से पढ़ें.

पापोन अगर मेरी बेटी को किस करते तो मुझे बुरा लगता : फराह खान

सिंगिंग रिएलिटी शो ‘द वौइस इंडिया किड्स’ के जज बौलीवुड सिंगर पापोन पर शो में आई बच्ची को गलत तरीके से किस करने का आरोप लगा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की एक महिला वकील ने उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है. इस मामले में बौलीवुड की मशहूर शख्सियत फराह खान ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि अगर कोई मेरी बेटी को इस तरह से किस करता तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता.

वहीं सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि ये जिम्मेदारी चैनल की भी बनती है कि बच्चों के पास किस तरह के लोग जा रहे हैं उसका ध्यान रखा जाए. बता दें कि टीवी पर दिखाए जाने वाले रिएलिटी शो ‘द वौइस इंडिया किड्स’ के होली स्पेशल एपिसोड की शूटिंग के बाद पापोन शो के बच्चों के साथ वैनिटी वैन में बैठकर मौज-मस्ती कर रहे थे.

उनके फेसबुक पेज पर इसका लाइव वीडियो शेयर किया गया, जिसमें पापोन बच्चों के साथ होली के जश्न में नाचते-गाते दिख रहे हैं. वीडियो के आखिर में शो की एक बच्ची को पापोन गलत तरीके से किस करते हैं, जिसके तुरंत बाद वह टीम को फेसबुक लाइव बंद करने का आदेश देते हैं.

इस वीडियो के सोशल मीडिया में आने के बाद से बवाल मचा हुआ है. जहां सिंगर पापोन के खिलाफ नेशनल कमीशन फौर प्रोटेक्टर औफ चाइल्ड राइट में शिकायत दर्ज हुई है वहीं लोग इस वीडियो पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं.

फराह खान ने कहा है कि मैंने वीडियो देखा और मुझे वह देखकर अच्छा नहीं लगा. अगर मेरी बेटी के साथ ऐसा होता तो मुझे बिल्कुल ठीक नहीं लगता. फराह ने कहा कि मुझे पता है कि पापोन इस तरह के इंसान नहीं है लेकिन उस वीडियो को देखकर मैं असहज हो गई हूं.

वहीं पहलाज निहलानी ने कहा है कि सेलिब्रिटीज को इस तरह की चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन बच्चों के साथ इन लोगों को थोड़ी एहतियात बरतनी चाहिए. निहलानी ने ये भी कहा कि चैनल को देखना होगा कि उनके शो में आए बच्चों के साथ कैसा बिहेव किया जा रहा है और किस तरह के लोग उन लोगों के आसपास हैं.

कार दुर्घटना में रणवीर हुए चोटिल, दीपिका ने ड्राइवर को दी ये सजा

बौलीवुड के अलाउद्दीन खिलजी यानि अभिनेता रणवीर सिंह की कार का कुछ ही दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक रणवीर अपनी कार से कहीं जा रहे थे और तभी उनका ड्राइवर गाड़ी पर से अपना नियंत्रण खो बैठा. जिसके कारण गाड़ी एक दीवार से जा टकराई उसी समय रणवीर की गाड़ी के पीछे आ रही एक और गाड़ी भी उनकी कार से आ टकराई हालांकि इस दुर्घटना में रणवीर को मामूली सी चोटें आई हैं और वह पूरी तरह सुरक्षित हैं.

इस घटना के बाद जहां एक ओर रणवीर ने अपने ड्राइवर को जमकर डांट लगाई वहीं दूसरी तरफ रणवीर सिंह की कथित गर्लफ्रेंड ने ड्राइवर के साथ जो किया..वो काफी हैरान करने वाला है. जब रणवीर के एक्सीडेंट की खबर दीपिका पादुकोण को मिली तो उन्होंने उस कार ड्राइवर को उसी वक्त नौकरी से निकाल दिया और जमकर फटकार भी लगाई. दीपिका ने ड्राइवर से कहा कि जिस तरह की यह दुर्घटना थी उसे माफ नहीं किया जा सकता. इसमें रणवीर को गहरी चोट लग सकती थी यदि रणवीर की गाड़ी के पीछे आ रही गाड़ी की रफ्तार तेज होती तो…

खबर है कि कुछ समय पहले रणवीर का एक और एक्सीडेंट हुआ था और उस वक्त दीपिका पादुकोण गाड़ी में उनके साथ ही थीं. गौर करने की बात यह है कि उस वक्त भी गाड़ी वही ड्राइवर चला रहा था जिसकी ड्राइविंग के दौरान हाल में रणवीर की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई.

बता दें कि रणवीर सिंह जल्द ही फिल्म ‘गली बौय’ में नजर आएंगे. फिल्म में रणवीर का किरदार सड़क पर जिंदगी बसर करने वाले एक लड़के का होगा और उनके साथ आलिया भट्ट नजर आएंगी. रणवीर सिंह की अपकमिंग फिल्म की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं जिसमें हमने रणवीर को पहले की तुलना में काफी दुबला-पतला और आलिया भट्ट को हिजाब पहने देखा. रणवीर सिंह ने जिस तरह से ‘पद्मावत’ में शानदार प्रदर्शन किया है हर कोई उनकी एक्टिंग का दिवाना हो गया है. ऐसे में उनकी आने वाली फिल्म को लेकर दर्शकों का उत्साह काफी ज्यादा है.

विवाह टूटने पर संतुलन बैठाना जरूरी

विवाह संबंध बने रहें, यह जिम्मेदारी अब औरतों से धीरेधीरे हटा कर पतियों के सिर मढ़ी जा रही है. विवाह कानूनों और अदालतों के फैसलों में निरंतर पत्नियों को बेचारा मान कर उन्हें कुछ जरूरत से ज्यादा पति की आय व संपत्ति में हिस्सा दे कर अपरोक्ष रूप से झगड़ों के लिए उकसाया जा रहा है.

हाल ही में दिल्ली के सैशन जज ने एक पत्नी को अलग रहने पर डेढ़ लाख महीने का मुआवजा दिलाया है जबकि पत्नी अच्छी पढ़ीलिखी, युवा व काम करने के लायक थी. अदालत का कहना था कि पत्नी को न केवल आर्थिक स्तर पर वही मिलना चाहिए था जो विवाह के चलते मिलता था वरन उसे अकेले रहने का मुआवजा भी मिलना चाहिए.

विवाह टूटने पर पत्नियां बेघरबार, फटेहाल न हो जाएं यह सिद्धांत तो ठीक है पर इस चक्कर में पति आर्थिक गुलाम हो जाए यह कानूनी व्यवस्था भी ठीक नहीं.

आज के युग में पतिपत्नी मनमरजी से ऊंचनीच देख कर विवाह करते हैं. दोनों में विवाह के दौरान बराबरी का स्तर बना रहता है. चाहे संपत्ति पतियों के नाम हो पर असल में पत्नियों का पूरा हक रहता है. अगर वे इस विवाह के अनुबंध को तोड़ें तो नुकसान दोनों का होना चाहिए, केवल पति ही इसे तोड़ने का जिम्मेदार न हो.

आज औरतों को पूरी शिक्षा मिल रही है. अधिकतर लड़कियां विवाहपूर्व काम करने का अवसर भी पा रही हैं. ज्यादातर घरों में पतिपत्नी दोनों ही नौकरी करने लगे हैं और बच्चों के बावजूद औरतें घर को आर्थिक योगदान देती रहती हैं. ऐसी पत्नियां पतियों को जीवन भर ऐलीमनी या मैंटेनैंस की आर्थिक गुलाम बना कर रखें यह व्यवस्था विवाह संस्था को तोड़ सकती है.

आजकल भी बहुत से पति नौकरी छोड़, व्यापार बंद कर अघोषित कमाई करने लग जाते हैं ताकि उन्हें पत्नियों को मुआवजा न देना पड़े. वे वकीलों पर ज्यादा खर्च करते हैं, पत्नियों पर कम, क्योंकि सवाल अहं का खड़ा हो जाता है.

पति ही पत्नी की देखभाल करे यह बराबरी के युग में गलत सिद्धांत है. इस कानून में लचीलापन लाना जरूरी है, क्योंकि यह धीरेधीरे ब्लैकमेल का जरीया बनता जा रहा है. पत्नियां पतियों को धमकियां देने लगी हैं कि या तो उन का हुक्म बजाया जाए वरना वे मुकदमा ठोक देंगी.

हर मुकदमे में पिसते दोनों हैं, यह पत्नियां आमतौर पर भूल जाती हैं. जहां पति अकेले, असहाय हो जाते हैं, वहीं पत्नियां भी अवसाद का शिकार हो जाती हैं और उन लोगों पर आश्रित हो जाती हैं, जो उन्हें लूटना चाहते हैं. इन में मातापिता, भाईबहन, मित्रसहेलियां सब हो सकते हैं. बच्चे भी तभी तक ध्यान रखते हैं जब तक वे पूरी तरह मां पर निर्भर रहते हैं. अगर उन्हें मां के पास रहना पड़ता है तो वे मां को पिता छीन लेने का दोषी मानते हैं. इस अपराधभाव से ग्रस्त मां का जीवन आधाअधूरा रह जाता है.

अदालतों को विवाह टूटने पर पतिपत्नी दोनों में संतुलन बैठाना चाहिए न कि एक को दंड और दूसरे को सहानुभूति वाला मुआवजा देना चाहिए.

विवाह एक विशेष अनुबंध है और इसे श्रमिकों के कानूनों का सा मानना गलत होगा. न पत्नी कोई कर्मचारी है और न ही पति कोई मालिक. दोनों पर विवाह को सफलता से चलाने की जिम्मेदारी बराबर की सी है और टूटने पर भी दोनों को नुकसान भरना चाहिए.

परदे के पीछे का सच

‘पद्मावत’ पर उठे विवादों से लगता है देश में अब भूख, गरीबी, गंदगी, अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेईमानी, बीमारी सभी समस्याएं समाप्त हो गई हैं, खासतौर पर राजपूतों के लिए. उन के लिए तो संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ ही अकेला मुद्दा है जो नहीं चलती तो उन का उद्धार हो जाता और अब चल ही गई तो उन का वजूद ही समाप्त हो गया है.

एक पूरी जमात को किस तरह बहकाया जा सकता है उस का नायाब नमूना भर है यह पूरा आंदोलन, जिस में हर तरह की गुंडागर्दी की गई और राज्य सरकारों ने पुलिस को पूरी तरह आदेश दिया कि खबरदार जो उपद्रवियों को हाथ भी लगाया. जहां भी यह फिल्म रिलीज हुई है वहां पुलिस को भारी बंदोबस्त करना पड़ा और वह भी सुप्रीम कोर्ट के कहने पर.

इस तरह के निरर्थक मामले को ले कर उत्पात मचाना हमारे समाज के बैठेठाले लोगों का शगल बन गया है. कभी राम मंदिर को ले कर, कभी वंदेमातरम को ले कर, तो कभी गौ हिंसा, देशद्रोह और राष्ट्रप्रेम को ले कर जनता को उकसाया जा रहा है और यह मानना पड़ेगा कि 21वीं सदी की शिक्षित भारतीय जनता आज भी भेड़चाल में भरोसा कर किसी भी पाइप्ड पाइपर के पीछे चूहों की तरह चल देती है.

‘पद्मावत’ में राजपूतों की आनबानशान पर कुछ कहा गया या नहीं यह छोडि़ए पर मेवाड़ के राजपुरोहित राघव चेतन की पोल अवश्य खोली गई है जो राजा रतन रावल से नाराज हो कर अलाउद्दीन खिलजी से जा मिला था. अगर ‘पद्मावत’ मलिक मोहम्मद जायसी के काव्य के अनुसार राजपूती शौर्य की गाथा है तो वह राजपुरोहितों की पोल खोलने वाली भी है कि अपमान का बदला लेने के लिए यह बिरादरी किस तरह अपने ही लोगों को धोखा दे सकती है. जो काम चाणक्य ने नंद राजाओं के साथ किया था वही राघव चेतन ने किया था पर कमाल कलम का देखिए कि आज तक देश व समाज पर शासन इसी सोच वालों का है, जो उत्पादन या रक्षा में हाथ न बंटाते हुए भी शक्ति की बागडोर अपने हाथ में थामे हुए हैं.

राजपूत इस मामले में बुरी तरह इस्तेमाल किए गए हैं. वे अलगथलग पड़ने को मजबूर हो जाएंगे. उन्हें हमेशा शक की निगाह से देखा जाएगा.

सामाजिक तौर पर उन्हें झगड़ालू माना जाता था और उन का शौर्य और वीरता पर गुंडई का ठप्पा लग गया है. जिन्होंने इस मामले को उकसाया है वे उस फिल्म में खलनायक हैं पर बाहर वे नायक बन बैठे हैं और राजपूत उन के वैसे ही गुलाम बन गए हैं जैसे रतन सिंह थे, जो युद्ध में जाते समय पूजापाठ करते हैं, बकरे की बलि देते हैं, शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं पर फिर भी हार जाते हैं और उन की औरतें जौहर करने को मजबूर हो जाती हैं.

फिंगर फूड

दही वाली क्रिस्पी गोभी

सामग्री

500 ग्राम फूलगोेभी

1/2 कप गाढ़ा दही

1/2 छोटा चम्मच चाटमसाला

1/2 छोटा चम्मच कालीमिर्च

1/2  छोटा चम्मच हलदी

1 छोटा चम्मच अदरकलहसुन पेस्ट.

सामग्री ऊपरी परत की

1/2 कप मैदा

1/2 कप सूजी

तेल तलने के लिए.

विधि

फूलगोभी को टुकड़ों में काट लें. ऊपरी परत की सामग्री को छोड़ कर बाकी सारी सामग्री दही में मिला लें. इस में गोभी मिलाएं और 1 घंटे के लिए छोड़ दें. एक प्लेट में मैदा और सूजी मिला लें. इस में थोड़ा सा नमक मिला लें. गोभी को दही से निकाल लें. पानी हो तो निथार लें. गोभी को मैदा व सूजी के सूखे मिश्रण पर रखें. सारी गोेभी को अच्छी तरह मैदा व सूजी से लपेट लें. फिर इसे 1 घंटे के लिए फ्रिज में रख दें. निकाल कर तल लें. चटनी के साथ परोसें.

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पनीर फिंगर

सामग्री

500 ग्राम पनीर

8-10 सोयाबीन

2-3 बड़े चम्मच चावल का आटा

2 चुटकी ओरिगैनो

तलने के लिए तेल

1 चुटकी चिली फ्लैक्स

1 चुटकी कालीमिर्च.

सामग्री मैरिनेशन की

2 चम्मच दही

1 छोटा चम्मच अदरकलहसुन पेस्ट

1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

नमक स्वादानुसार.

विधि

मैरिनेशन की सारी सामग्री को मिला लें. सोयाबीन को दरदरा पीस लें. चावल के आटे में चिलीफ्लैक्स, कालीमिर्च व नमक मिला कर घोल बना लें. पनीर को फिंगर के आकार में काट लें. मैरिनेट कर के 1/2 घंटे के लिए छोड़ दें. अब एक कड़ाही में तेल गरम करें. पनीर को चावल के आटे में डुबो कर सोयाबीन के चूरे में लपेट तल कर गरमगरम परोसें.

*

मोठ मिंट लौलीपौप

सामग्री

1 कप उबले मोठ

1 छोटा चम्मच चाटमसाला

1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1/4 कप कौर्नफ्लोर

1/4 कप पतला सेव

10-12 आइस्क्रीम के चम्मच

1 आलू उबला

1/2 कप मटर उबले द्य थोड़ी सी पुदीनापत्ती कटी

1-2 हरीमिर्चें द्य थोड़ा सी धनियापत्ती

1 बड़ा चम्मच मूंगफली भुनी व दरदरी कुटी

1 छोटा चम्मच सफेद तिल

1 छोटा चम्मच अदरक बारीक कटा

तेल तलने के लिए

नमक स्वादानुसार.

विधि

कौर्नफ्लोर, सेव और तिल को छोड़ कर बाकी सारी सामग्री को एक बड़े बरतन में मिलाएं. थोड़ाथोड़ा कर के कौर्नफ्लोर मिला कर टिक्की बंधने जैसा मिश्रण तैयार कर लें. बाकी कौर्नफ्लोर का गाढ़ा घोल बना लें. तैयार मिश्रण के लौलीपौप तैयार कर आइसक्रीम चम्मच पर लगाएं. तैयार लौलीपौप को कौर्नफ्लोर के घोल में डुबो कर ऊपर सफेद तिल व सेव लपेट दें. गरम तेल में तल कर चटनी के साथ परोसें.

*

वैजी फिंगर्स

सामग्री

3 आलू उबले और मैश किए हुए द्य 1/2 कप गाजर कद्दूकस द्य 1/4 कप मेथी कटी हुई

3-4 फलियां कटी हुई द्य 2 बड़े चम्मच मकई का आटा द्य थोड़ी सी कालीमिर्च द्य 1 टुकड़ा चीज कद्दूकस किया हुआ द्य तलने के लिए तेल

4 बड़े चम्मच पानी द्य थोड़ी सी टौमैटो कैचअप

थोड़ी सी चिली सौस

नमक स्वादानुसार.

विधि

सारी सामग्री को एक कटोरे में डाल कर अच्छी तरह मिलाएं. अब मिश्रण को फिंगर्स का आकार दें. मकई के आटे में थोड़ा पानी मिला कर उस का पेस्ट बना लें. उस पेस्ट में 1-1 कर सारी वैजी फिंगर्स डाल कर निकाल लें. फिर उन पर ब्रैडक्रंब्स की परत चढ़ा दें. तेल गरम कर सभी वैजी फिंगर्स को सुनहरा व कुरकुरा होने तक तल लें. वैजी फिंगर्स को सर्विंग प्लेट में निकाल टोमैटो कैचअप व चिली सौस के साथ परोसें.

– व्यंजन सहयोग : लतिका बत्रा

श्रीदेवी और गृहशोभा पत्रिका का अटूट रिश्ता

अपने शानदार अभिनय से कई दशक तक राज करती रही अदाकारा व पद्मश्री से सम्मानित श्रीदेवी का आज 54 वर्ष की उम्र में दुबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह दुबई में अपने पति बोनी कपूर व बेटी खुशी के साथ अपने पारिवारिक सदस्य मोहित मारवाह की शादी के समारोह का हिस्सा बनने के लिए दुबई गयी थी. अभी तीन दिन पहले ही मोहित मारवाह की शादी हुई थी.

श्रीदेवी अपने समय की सबसे बड़ी स्टार कलाकार रही हैं. मगर उन्होंने कभी भी अपने स्टारडम का दिखावा नहीं किया. वह हमेशा हर इंसान के साथ साधारण इंसान के ही तौर पर पेश आती थीं. हर किसी के साथ वह अपनेपन के साथ मिला करती थीं.

फिल्म पत्रकारिता के हमारे करियर में 1986 से 1996 तक श्रीदेवी से हमारी काफी मुलाकातें व बातचीत होती रही हैं. यह वह दौर था, जब फिल्म कलाकार और पत्रकार बड़ी आसानी से मुलाकातें किया करते थे. लेकिन 1996 में फिल्म निर्माता बोनी कपूर से श्रीदेवी ने शादी कर अभिनय से दूरी बना ली.

तो 1996 के बाद श्रीदेवी से मेरी कभी लंबी बातचीत संभव नहीं हो पायी. मुलाकात नहीं हो पायी. यहां तक कि कई वर्षों बाद जब उन्होंने फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ से अभिनय में वापसी की थी, तब भी उनसे मुलाकात नहीं हो पायी थी. लेकिन गत वर्ष श्रीदेवी ने अपने करियर की 300 वीं फिल्म ‘मौम’ की, तब खुद श्रीदेवी ने हमसे मुलाकात की.

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वास्तव में श्रीदेवी ‘‘गृहशोभा’’ पत्रिका की पाठक थीं. इसलिए उन्होंने इच्छा व्यक्त की थी कि फिल्म ‘‘मौम’’ को लेकर ‘‘गृहशोभा’’ में उनकी बात प्रकाशित हो. परिणामतः फिल्म ‘मौम’ के साथ गृहशोभा पत्रिका मीडिया पार्टनर भी बनी. ‘गृहशोभा’ के जून, द्वितीय 2017 का अंक फिल्म श्रीदेवी के मुख्य पृष्ठ के साथ बाजार में आया था. इसके लिए श्रीदेवी से लंबी बातचीत करनी जरूरी थी. पर उन दिनों श्रीदेवी का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं चल रहा था. इसलिए मुलाकातें टलती रहीं. फिर एक दिन श्रीदेवी के प्रवक्ता ने प्रस्ताव रखा कि हम उन्हें ईमेल पर सवाल भेज दें और वह ईमेल पर सवाल के जवाब दे देंगी. पर हमने इस बात को मंजूर नहीं किया.

अंततः श्रीदेवी ने 11 जून 2017, रविवार को शाम 4 बजे, मुंबई के जेडब्ल्यू मैरिट होटेल में हमसे मिलने के लिए समय दिया. हम सही समय जेडब्ल्यू मैरिट हौटेल पहुंचे, फिल्म ‘मौम’ के प्रवक्ता भी पहुंच गए थे. अमूमन वर्तमान समय के सभी स्टार कलाकार जब भी किसी पत्रकार से कहीं मिलने जाते हैं, तो उनके साथ प्रचारक, बिजनेस मैनेजर, सिक्योरिटी गार्ड सहित सात आठ लोगों की लंबी चौड़ी फौज साथ में होती है. इसलिए हमारे दिमाग में था कि श्रीदेवी भी अपने पूरे तामझाम के साथ आएंगी. मगर श्रीदेवी वहां अकेले ही पहुंची थीं.

हम लोग जेडब्ल्यू मैरिएट हौटल के काफी शौप में बैठे. श्रीदेवी ने फिल्म के प्रवक्ता से कह दिया कि वह दूर बैठें. फिर हमारे बीच लगभग एक घंटे तक बडे़ अपनेपन के माहौल में बातचीत हुई. इंटरव्यू शुरू करने से पहले श्रीदेवी ने बड़ी ही विनम्रता के साथ कहा -‘‘मुझे जो सवाल पसंद नहीं आएंगे,  उनके जवाब नहीं दूंगी. ’’लेकिन जब बातचीत शुरू हुई, तो उन्होंने हर तरह के सवालों का खुलकर जवाब दिया.

श्रीदेवी उन अभिनेत्रियों में से रही हैं, जो कि हमेशा इस बात का ख्याल रखती थी कि उनकी किसी बात से कोई आहत ना हो. हमारी इस मुलाकात के दौरान श्रीदेवी ने अपनी फिल्म ‘‘मौम’’ के अलावा अपनी बेटी जान्हवी कपूर, अपने पति बोनी कपूर, अपने पेंटिंग के शौक सहित तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय व्यक्त की थी. बातचीत खत्म होने के बाद कौफी का बिल देने श्रीदेवी खुद काउंटर पर गयी. फिर वहां मौजूद अपने प्रशंसकों के साथ फोटो खिंचवाने के बाद वह रवाना हो गईं.

मैं भी अपने घर की तरफ रवाना हुआ. पर दस मिनट बाद श्रीदेवी के प्रवक्ता ने मुझसे कहा कि – ‘‘श्रीदेवी मुझसे फोन पर बात करना चाहती हैं. ’’मैंने श्रीदेवी को फोन किया, तो श्रीदेवी ने कहा -‘‘मुझे याद नहीं आ रहा है कि मैंने आपके अंतिम सवाल का जवाब सही दिया या नहीं. यदि आपको लग रहा है कि उसमें कुछ गलत है, तो बता दें. ’’मैंने उन्हें अपना सवाल और उनका दिया हुआ जवाब उन्हें बताया, तो वह संतुष्ट हो गयीं. उसके बाद उन्होंने कहा, ‘जब आप लिखने बैठें और आपको कहीं कोई शंका हो, तो आप बेहिचक मुझे फोन करके पूछ लें.’

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जब ‘गृहशोभा’ के मुख्य पृष्ठ पर श्रीदेवी की तस्वीर के साथ जून, द्वितीय, 2017 का अंक बाजार में आया तो उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की थी.

एक ही जगह पर मिलेंगे आपको हिल स्टेशन, झील, और वाइल्ड लाइफ

सोचिए, अगर आपको कहीं ट्रिप प्लान करने को कहा जाए, तो सबसे पहले आपकी पसंद क्या होगी? आप कहेंगे हिल स्टेशन या बीच. ज्यादातर लोग ट्रिप के लिए पौपुलर जगहों को चुनते हैं. इसकी सीधी-सी वजह होती है कि वो जगह दूसरी जगहों की तुलना में नजदीक होता है.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं, ऐसी औफबीट पर्यटन स्थल के बारे में जो आपकी लिस्ट में सबसे ऊपर न हो, लेकिन यहां एक बार घूमने के बाद आप यहां दुबारा घूमने जरूर आना चाहेंगी. हम बात कर रहे हैं अरूणाचल प्रदेश के बारे में. अरुणाचल प्रदेश भारत का वह प्रदेश है जहां सबसे पहले सूर्योदय होता है. प्रांत की 60 प्रतिशत भूमि पर जंगल हैं. पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य स्थल तवांग है, जहां बहुत ठंड होती है. दिरांग, बोमडिला, टिपी, मालुकपोंग, इटानगर, दापोरिजो, आलोंग, पासीघाट, मालिनीथान, जीरो, तेजु आदि अन्य स्थान हैं.

ईटानगर

हिमालय की गोद में बसी अरूणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर बहुत ही खूबसूरत है. यहां वाइल्ड लाइफ रिफ्यूज, जू, जंगल, बौद्ध संस्कृति को करीब से देखने का अनुभव मिलेगा. ईटानगर शौपिंग के लिए भी अच्छी जगह है.

पासीघाट

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पासीघाट को आम तौर पर इस राज्य का टूरिज्म गेट कहा जाता है. यह जगह 1911 में स्थापित की गई. इसका नाम यहां रहने वाली जनजाति पासी के नाम पर रखा गया. यहां नदियां, पहाड़ और अरूणाचल की संस्कृति के मनोरम नजारे देखने को मिलेंगे.

जीरो

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अगर आप विश्व धरोहर स्थल और खूबसूरत हिल स्टेशन घूमना चाहती हैं तो आपके लिये अरुणाचल प्रदेश का जीरो एक अच्छी‍ जगह सा‍बि‍त होगी. जीरो का सुंदर पाइन ग्रोव बेहद खूबसूरत पिकनिक स्पौट है. जीरो हिल स्टेशन इटानगर से 115 किलोमीटर के दायरे में फैला है. यह जि‍तना ज्यादा खूबसूरत उतनी ही पयर्टकों की भीड़ कम होने से शांत रहता है.

भालुकपोंग

भालुकपोंग बोमडिला से 100 किमी. की दूरी पर है भालुकपोंग. यह कामेंग नदी के किनारे बसा है. यह जगह एडवेंचर लवर्स को बहुत पसंद आएगी. राफ्टिंग के लिए भी यह अच्छा औप्शन है.

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रोइंग

ये शहर दिबांग घाटी में है. यहां झील और नदियों के किनारे बैठकर घंटों सुकून के पल बिताए जा सकते हैं.

तवांग

ये जगह हैंडीक्राफ्ट का सेंटर है. यहां आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है तवांग मोनेस्ट्री जो भारत में सबसे बड़ी बौद्ध मोनेस्ट्री है. इसी के साथ तवांग में पहाड़ और झील की खूबसूरती का लुत्फ भी उठाया जा सकता है.

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कैसे पहुंचे

ट्रेन से जाने के लिए आपको हरमूति रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक पड़ेगा. ये रेलवे स्टेशन ईटानगर से 33 किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं अगर आप फ्लाइट से अरूणाचल प्रदेश जाना चाहती हैं, तो आप लीलाबरी एयरपोर्ट से यहां पहुंच सकती हैं. वहीं तेजपुर एयरपोर्ट असम में है, जो कोलकाता से जुड़ा हुआ है.

घूमने के लिए बेस्ट टाइम

अक्टूबर से मार्च का समय यहां घूमने के लिए सबसे बेस्ट है.

गृहिणियों के लिए है ये 5 आसान सेविंग टिप्स

महिलाएं हर चीज में स्मार्ट होती हैं. फिर चाहे बात खाना बनाने की हो, पति को खुश करने की, बच्चों की हैल्थ का ध्यान रखने की हो या फिर उन्हें बेहतर ऐजुकेशन देने की. यहां तक कि वे घर और बाहर दोनों जगह बेहतर सामंजस्य बनाना भी जानती हैं. यही नहीं पुरुषों के मुकाबले महिलाएं सेविंग भी बेहतर तरीके से कर लेती हैं. इसीलिए हम महिलाओं के लिए लाए हैं कुछ आसान से सेविंग टिप्स, जिन के जरीए वे अपनी बचत को और बढ़ा सकती हैं.

छोटीछोटी बचत से पिग्गी बैंक भरें

हर महीने छोटी छोटी बचत कर उसे पिग्गी बैंक में जमा करें. इस से जहां एक तरफ आप कम खर्च में चीजों को मैनेज करना सीख पाएंगी वहीं दूसरी ओर जब आप की इस बचत से आप का पिग्गी बैंक भर जाएगा तो आप इस से महंगी चीज भी खरीद सकती हैं. मुसीबत के समय भी यह छोटी बचत आप के बड़े काम आ सकती है.

इस संबंध में दिल्ली के विकासपुरी इलाके में रहने वाली पूजा से बात की गई. उन्होंने बताया, शुरुआत में मुझे पति से बहुत कम पौकेटमनी मिलती थी जिस से मैं सिर्फ क्व100 ही हर महीना पिग्गी बैंक में डाल पाती थी. उस समय भले ही वे 100 रुपए थे, लेकिन जब मैं ने उस पिग्गी बैंक को 5 साल बाद तोड़ा तो मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं ने इतनी छोटी सी बचत से कुल 6 हजार जमा कर लिए. इसलिए यह न सोचें कि बचत छोटी है. भले ही आज वह रकम आप को छोटी लगे, लेकिन धीरेधीरे जमा हो कर वह बड़ी राशि में परिवर्तित हो जाएगी. इसलिए खर्च सोच समझ कर करें.

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डिस्काउंट औफर्स का फायदा उठाएं

डिस्काउंट औफर्स का फायदा उठाने में देर क्यों? फिर चाहे फोन रिचार्ज का मामला ही क्यों न हो. अनेक कंपनियां कभी अनलिमिटेड नैट तो कभी फ्री कौल्स का मजा लेने का मौका दे रही हैं. इन औफर्स का लुत्फ उठाइए. यही नहीं आप पूरे साल का टीवी व नैट का रिचार्ज एक ही बार करवा कर भी बचत कर सकती हैं.

अनावश्यक शौपिंग करने से बचें

आप की इनकम काफी अच्छी खासी है, लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि आप हर वीकैंड शौपिंग पर निकल जाएं. न्यू ट्रैंड क्या आया है देखने के चक्कर में खरीदारी न करें. अनावश्यक चीजें खरीद कर आप अपने बजट को ही बिगाड़ेंगी. जब खरीदारी आवश्यक हो तभी शौपिंग करें और वह भी अच्छी लोकल मार्केट से ही.

समझदारी से बचत

औनलाइन शौपिंग के क्रेज में बिना सोचे समझे और्डर न दें. दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में रहने वाली सुष्मिता ने बताया कि पिछले साल अगस्त में उन के बेटे रोहित ने आईफोन खरीदने की जिद की. उस समय वह आईफोन औनलाइन कुल 43 हजार का मिल रहा था. वह जिद पर अड़ा था. लेकिन जब मैं ने उस से दीवाली पर आने वाली सेल की बात कह कर 1 महीना रुकने को कहा तो वह मान गया. तब दीवाली पर मैं ने औनलाइन सेल का फायदा उठा कर वही फोन कुल 36 हजार में खरीद कर काफी बचत की.

बजट बना कर चलें

बजट बना कर डिसाइड कर लें कि इस महीने किन चीजों को खरीदना है और किन्हें नहीं खरीद कर भी काम चलाया जा सकता है.

एक कहावत है कि बूंद बूंद कर के ही घड़ा भरता है. इसी तरह छोटी छोटी बचत ही भविष्य में बड़ी पूंजी बन कर मुश्किल समय में आप के काम आ सकती है, तो बचत की शुरूआत करने में देर न करें.

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