हिंदुत्व का प्रेम पर प्रहार और धार्मिक नफरत का माहौल

प्रेम पर हिंदू कट्टरवादी किस तरह अंकुश लगा कर विवाह पंडितों के जरिए ही कराने का षड्यंत्र रच रहे हैं, यह राजस्थान की बर्बर घटना से साफ हुआ है.

देश में फैलाए जा रहे धार्मिक नफरत के माहौल में एक अच्छाखासा आदमी किस तरह दूसरे मजहब के लोगों से घृणा करने लगता है और एक दिन बेरहमी से वह अपने दोस्त का कत्ल करने से नहीं हिचकिचाता. राजस्थान के राजसमंद में 48 साल के मोहम्मद अफराजुल की हत्या करने वाला शंभूलाल रैगर इस की जीतीजागती मिसाल है. दलित समुदाय का शंभूलाल इसी विषैली हवा का शिकार बन गया. इसी में निश्चल प्रेम की भी बलि दी जा रही है. भगवा संदेश है कि धर्म, जाति, कुंडली वर्ण, वंश देख कर प्यार करो, यानी पंडित ने जिसे कहा उस से प्रेम करो.

6 दिसंबर को उदयपुर जिले के राजसमंद के राजनगर में शंभूलाल ने अफराजुल की लव जिहाद के नाम पर फावड़े और गैंती से निर्ममतापूर्वक हत्या की और फिर उसे पैट्रोल डाल कर जला दिया. इस बेरहम कत्ल का बाकायदा वीडियो बनाया गया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर के नफरत की आग को और हवा देने की कोशिश की गई.

यह भयावह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, इसे देख कर लोग स्तब्ध रह गए. अनेक लोगों ने इस हत्या की निंदा की पर सोशल मीडिया पर कई हिंदू कट्टरपंथियों ने हत्या को जायज ठहराते हुए शंभूलाल का समर्थन किया और उसे हीरो का दरजा देने का प्रयास किया गया.

छदम देशभक्ति

शंभू ने अपने नाबालिग भतीजे से 3 वीडियो बनवाए थे. एक हत्या के समय का लाइव वीडियो है. 2 वीडियो कत्ल करने से पहले के हैं. इन में से एक वीडियो में वह स्त्री सम्मान, लव जिहाद और देशभक्ति जैसे मुद्दों पर भाषण दे रहा है. कत्ल के वीडियो में वह दावा कर रहा है कि अपनी बहन की बेइज्जती का बदला लेने और लव जिहाद को खत्म करने के लिए वह इस हत्या को अंजाम दे रहा है. वह चेतावनी भी दे रहा है कि हिंदू लड़कियों को पथभ्रष्ट करने वालों का अंजाम यही होगा.

इस हत्या पर उस ने लव जिहाद, मेवाड़ प्रेम, इसलाम विरोध और महाराणा प्रताप की वीरता की बात कही है. इस वीडियो को लाखों लोग देख चुके हैं.

शंभू को पुलिस ने जल्दी पकड़ लिया. उस ने पूछताछ में बताया कि  वह कुछ सालों से अपने महल्ले में रहने वाली एक औरत के साथ रहता था. जो उस के साथ ही काम करती थी. बाद में वह औरत उसे छोड़ कर अफराजुल के पास रहने लगी. शंभू और अफराजुल दोस्त बताए जाते हैं और एक ही महल्ले में रहते थे. शंभू ठेकेदारी करता था और अफराजुल पश्चिम बंगाल से उस के लिए मजदूर लाता था.

पुलिस के मुताबिक, शंभू ने बताया कि उस के महल्ले की 2 लड़कियां गायब हो गई थीं. इन में से सुनीता (बदला हुआ नाम) को वह मालदा जिले के सैयदपुर गांव जा कर वापस लाया था. वह सुनीता की मां की गुहार पर खुद ही सैयदपुर गया था. लड़की की मां से उसे लाने के एवज में शंभू ने 10 हजार रुपए इनाम के तौर पर लिए थे. अफराजुल इसी गांव का था. चर्र्चा थी कि उसे अफराजुल ने भगाया था.

यह भी बताया गया कि सुनीता को सैयदपुर गांव से लाने से नाराज बंगाली मजदूरों ने शंभू को मारापीटा था. इस से वह सनकी हो गया था. पिछले कई दिनों से वह इंटरनैट पर लव जिहाद से जुड़े भाषण सुन रहा था. पुलिस का मानना है कि वह इन बातों से परेशान रहने लगा और साथ के मुसलिम मजदूरों से नफरत करने लगा. इस के बाद वह हत्या की योजना बना रहा था.

आपसी रंजिश के मामले को वह पूरे हिंदू समाज से जोड़ने में सफल हो गया. इस घटना से लगता है कि अब एक हिंदू कट्टरता को अपनाकर आतंकवादी मानसिकता का रूप लेता जा रहा है. हत्या और दंगाफसाद करने वाले लोग माथे पर भगवा पट्टी और भगवान का नारा लगा कर हत्या और आगजनी को अंजाम देने लगे हैं.

देशभर में घातक किस्म का हिंदुत्व पांव पसार रहा है जो लोगों के मनमस्तिष्क में जहर की तरह घुसपैठ कर रहा है. यह काम भारत में राष्ट्रवाद, देशभक्ति के नाम पर बड़े शातिराना तरीके से कराया जा रहा है.

नफरत का माहौल

पिछले कुछ समय से देश में जिस तरह की विचारधारा और नफरत का वातावरण बनाया जा रहा है, यह घटना उस विचारधारा के फलनेफूलने को दर्शा रही है. देश में धर्मयुद्घ जैसा माहौल बन चुका है. एक बेकुसूर मजदूर की हत्या को धर्म का जामा पहना देना उस विचारधारा और समूह का षड्यंत्र है जो दूसरे धर्म के लोगों की हत्या को उकसाता है. वीडियो में शंभू की भावभंगिमा, भाषा उसी हिंदुत्व से प्रेरित लगती है.

यह दशकों से फैलाई जा रही जहरीली विचारधारा का नतीजा है. यह जो माहौल फैलाया जा रहा है उस से शंभू रैगर ही पैदा हो सकते हैं. लाखों की संख्या में इस नफरत के माहौल का असर युवाओं पर पड़ रहा है. युवा बेराजगारों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है बल्कि उन्हें तालिबान, आईएसआईएस की तरह आतंकी बना कर धर्मयोद्धा बनाया जा रहा है.

देश के युवाओं को धार्मिक कट्टरता से प्रभावित कर के आतंक की ओर झोंका जा रहा है. लाखों युवा धर्म के नाम पर जान देने और जान लेने को तैयार हैं. लोगों का बे्रनवाश किया जा रहा है ताकि उन के जरिए दंगे, हत्याएं करवाई जा सकें. देश में एक विषैली पौध तैयार हो रही है. जिस के दुष्परिणाम तो दिखेंगे ही. ऐसे में भारत और मजहबी कट्टरपंथी पाकिस्तान में फर्क क्या रह जाता है.

हिंदू आतंकवाद की इस लैबोरेटरी में दलित, पिछड़ा, आदिवासी समुदाय के युवाओं का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. जयपुर से गाय ले जा रहे हरियाणा के नूह के पशुपालक पहलू खान की जान लेने वाले पिछड़े समुदाय के युवा ही थे. इन वर्गों के युवा महज औजार हैं और हिंदुत्व के लिए इस्तेमाल होने के लिए तैयार हैं.

बाबरी मसजिद को ढहाने में यही लोग आगे थे. राममंदिर निर्माण के लिए झंडा उठाने वालों में पिछड़े सब से अधिक पैरोकार बने दिखाई दे रहे हैं. यह समुदाय बल में सब से ऊपर हैं, बुद्धि में नहीं. बुद्घि चलाने वाले तो बहुत थोड़े से हैं, हिंदुत्व की मलाई वही चाट रहे हैं.

मेवाड़ का कर्ज चुकाने, देशभक्ति दिखाने और हिंदुत्व की इज्जत के लिए क्या शंभू रैगर जैसों की जरूरत है? दलितों, पिछड़ों को इस साजिश पर सोचनासमझना होगा कि उन के दिमाग में धर्म, जाति की नफरत का जहर कौन घोल रहा है और क्यों? इसी में वे युवा पिस रहे हैं जिन के दिल किसी खास को देख कर धड़कने लगते हैं.

अपने हुनर का करें इस्तेमाल और बनाइए सोर्स औफ इनकम

बढ़ती महंगाई के इस दौर में पैरेंट्स शिक्षा पर होने वाले बेतहाशा खर्च से बेहद परेशान हैं. ऐसे में विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई के खर्च, पौकेट मनी और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए अपने हुनर का इस्तेमाल करते हुए खाली समय में कुछ क्रिएटिव काम करें और उसे अपनी इनकम का सोर्स बनाए. इस से सैल्फ कौन्फिडैंस तो आएगा ही, घर के लोग आप से खुश भी रहने लगेंगे. दो पैसे की आमदनी होते देख घर के अन्य सदस्य भी आप की मदद के लिए हाथ बढ़ाने में नहीं हिचकेंगे.

पढ़ने वाले युवाओं के लिए अग्रलिखित ऐक्टिविटीज बन सकती हैं अतिरिक्त कमाई का साधन :

फ्रीलांस राइटिंग

आप लिखनेपढ़ने का शौक रखते हैं और अपने विचारों की अभिव्यक्ति में माहिर हैं, तो फ्रीलांस राइटिंग के माध्यम से पैसा कमाना मुश्किल नहीं है. विभिन्न पत्रपत्रिकाओं में कहानियां, लेख, कविताएं, रिपोर्ट्स आदि भेज कर आप अपने हुनर का अच्छा उपयोग कर सकते हैं. इस के अलावा ट्रांसलेशन, मीडिया हाउस की जरूरत के मुताबिक कंटैंट राइटिंग आदि कर के आप शीघ्र ही उन की जरूरत बन सकते हैं. इस के लिए आप को विभिन्न प्रकाशन संस्थानों से संपर्क करना पड़ेगा. आप इंटरनैट पर अपना ब्लौग लिख कर भी अलग पहचान बना सकते हैं.

गिफ्ट रैपिंग

अकसर शादीविवाह के अवसर पर दूल्हा और दुलहन के घर वालों को ढेर सारी सामग्री पैकिंग करनी होती है, जैसे साडि़यां, सूट, कौस्मेटिक्स एवं अन्य उपहार सामग्रियां, जिन के लिए आज की बिजी लाइफ में उन के पास न तो इतना टाइम होता है और न ही हर व्यक्ति के पास गिफ्ट रैपिंग का हुनर होता है. आप चाहें तो ऐसे परिवारों या उन कौरपोरेट हाउस, जो अपने सालाना जलसे/सैमिनार या दीवालीहोली के मौके पर अपने क्लाइंट या स्टाफ के लिए गिफ्ट रैपिंग करवाना चाहते हैं, से संपर्क कर के यह काम ले सकते हैं. एक बार आप का नाम हो जाए और काम लोगों को भा जाए तो सालभर आप को कहीं न कहीं से ऐसे और्डर मिलते ही रहेंगे.

इवैंट और पार्टी प्लानर

शादीविवाह जैसे बड़े फंक्शन में तो बड़े स्तर पर इवैंट मैनेजर हायर किए जाते हैं. वहीं गृहप्रवेश, बर्थडे, किटी पार्टी, मैरिज एनिवर्सरी, आदि को भी लोग पूरे जश्न व मूड के साथ अपने घर पर मनाना चाहते हैं. पर कितने ही लोग तैयारी के लिए छुट्टी न होने की वजह से पार्टी कैंसिल करने को मजबूर हो जाते हैं. बिजी शेड्यूल वाले लोग चाह कर भी घर पर पार्टी आयोजित नहीं कर पाते. ऐसी स्थिति में अच्छे इवैंट प्लानर के लिए काफी संभावनाएं बनती हैं. इस के लिए आप को पार्टी से जुड़े हर छोटेबड़े पहलू पर नजर डाल कर तैयारी पूरी करनी पड़ेगी.

वैबसाइट डिजाइनिंग

इन दिनों वैबसाइट का बड़ा क्रेज है. हर छोटाबड़ा बिजनैस औनर वैबसाइट बनाना चाहता है. अपने आसपास के छोटे बिजनैसेज को टारगेट कर के इस काम में आप उन की मदद कर सकते हैं.

शुरुआत में आप को मौका तभी मिलेगा जब आप बाजार के रेट से कम पैसों में काम कर के देंगे. जब कोई दुकानदार यह जानेगा कि कम पैसों में उस के बिजनैस का प्रचार इंटरनैट जैसे प्रभावशाली माध्यम पर हो जाएगा, तो वह खुशीखुशी आप को यह काम देने को तैयार हो जाएगा. हां, काम मन लगा कर और उस के लिए प्रोडक्टिव हो, ऐसा कर के देना आप की जिम्मेदारी होगी.

किड्स ट्रेनिंग

मातापिता अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य, उन के आईक्यू लैवल और फिजिकल फिटनैस को ले कर बेहद जागरूक हैं. ऐसे पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल के साथसाथ उन की पर्सनैलिटी के बहुमुखी विकास के लिए हौबी क्लासेज में भी भेजते हैं. आजकल बहुत छोटी उम्र से ही बच्चे डांसिंग, सिंगिंग आदि सीखने लगते हैं. स्पोर्ट्स में रुचि रखने वाले बच्चे स्केटिंग, क्रिकेट, टैनिस आदि सिखाने वाले सैंटर जौइन करते हैं. अपने हुनर के मुताबिक आप बच्चों के स्किल ट्रेनर बन कर पैसे कमा सकते हैं.

औनलाइन सैलिंग

औनलाइन शौपिंग के बढ़ते चलन में आज हर दूसरी चीज औनलाइन उपलब्ध हो रही है. ऐसे में अपनी पसंद के प्रोडक्ट्स की औनलाइन सैलिंग शुरू कर सकते हैं. यह काम आप का पार्टटाइम होगा और आप को इस के लिए ज्यादा स्टाफ भी नहीं रखना होगा. औनलाइन बाजार बहुत विस्तृत है. यहां एक बार पांव जमा लेने के बाद राह आसान हो जाती है.

टीचर या कंसल्टैंट

आप को जिस भी क्षेत्र में माहिर है, उस में आप दूसरों की मदद कर सकते हैं. यह मदद भी अपनेआप में एक कैरियर है. यह मदद आप टीचर बन कर भी कर सकते हैं और सलाहकार बन कर भी. किसी विषय विशेष की पढ़ाई या किसी हुनर का प्रशिक्षण दे कर आप खासी कमाई कर सकते हैं. कंसल्टैंसी में उतरने के लिए जरूरी है कि पहले आप के पास पर्याप्त अनुभव हो. प्रशिक्षण के लिए भी अनुभव जरूरी है.

रिक्रूटर

सभी रिक्रूटमैंट रोल्स में बेसिक फंक्शन स्क्रीनिंग, हायरिंग और रिटेनिंग होता है. टैक्निकल और लीडरशिप रिक्रूटर्स के लिए स्पेसिफिकेशन और एक्सपीरियंस जरूरी है. टैक्निकल व बिजनैस नौलेज का महत्त्व भी बढ़ जाता है. अब स्टार्टअप इस पद के लिए ज्यादा से ज्यादा आउटसोर्स करने लगे हैं. आप के अंदर निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए. आप द्वारा लिए गए निर्णर्य से कंपनी पर असर पड़ेगा. कई बार एचआर फर्म्स भी रिक्रूटमैंट रोल्स के लिए अच्छे कैंडिडेट्स की तलाश में रहती हैं.

स्किल ट्रेनिंग

आप को किसी क्षेत्र में दक्षता हासिल हो या उस की अच्छीखासी जानकारी हो, तो आप अपने घर में उपलब्ध समय के मुताबिक उस स्किल की ट्रेनिंग क्लासेज शुरू कर सकते हैं. ये हुनर सिलाईकढ़ाई, कुकिंग, ड्राइंग, डांसिंग, पेंटिंग, सिंगिंग आदि कुछ भी हो सकते हैं. आप चाहें तो एकदो प्रशिक्षकों के साथ मिल कर थोड़ा बड़े रूप में भी ट्रेनिंग सैंटर चला सकते हैं या फिर सिर्फ अपने बूते पर छोटे रूप में.

सोशल मीडिया मैनेजर

सोशल मीडिया मैनेजर कंपनी को विभिन्न सोशल प्लेटफौर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर प्रेजैंट करता है. कई बार इस का मतलब ब्रैंड को मजबूत करना भी होता है. इस जौब प्रोफाइल में सफल होने के लिए सोशल प्लेटफौर्म की समझ के साथसाथ उस कंपनी के काम के बारे में जानकारी होनी भी बहुत जरूरी है, तभी आप कंटैंट को सही तरह से प्रेजैंट कर सकते हैं. सोशल मीडिया मैनेजर बनने के लिए आप को एक ऐक्टिव व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनानी होगी.

टैक्निकल राइटर

यहां आप को सिर्फ कंटैंट नहीं लिखना है, इसलिए राइटिंग स्किल्स के साथसाथ विषय पर मजबूत पकड़ होनी भी बहुत जरूरी है. टेक्निकल डौक्यूमैंट तैयार करने में भी महारत हासिल होनी चाहिए. आप को टैक्निकल बातों को सरलता के साथ कहने की कला भी आनी चाहिए. औनलाइन प्लेटफौर्म पर टैक्निकल कंटैंट को प्रेजैंट करने की कला आनी भी बहुत जरूरी है. पब्लिकेशन सौफ्टवेयर और टैक्नीकल टूल्स की समझ आवश्यक है.

प्रौपर्टी डीलिंग

क्षेत्र के लोगों से अच्छाखासा परिचय हो, आप का जनसंपर्क और सामाजिक नैटवर्क अच्छा हो, तो आप घर बैठे प्रौपर्टी खरीदने व बेचने के इच्छुक लोगों के बीच डील करवा कर कमीशन ले कर कमाई कर सकते हैं. इस के लिए आप को निरंतर लोगों के संपर्क में रहना होगा, आसपास बिक रही पुरानी प्रौपर्टी या नए बन रहे कौंप्लैक्स व खाली पड़े प्लौट्स की जानकारी रखनी होगी. जैसेजैसे इस फील्ड में आप का अनुभव और संपर्क बढ़ता जाएगा, वैसेवैसे काम का वौल्यूम भी बढ़ जाएगा.

टिफिन सर्विस

आजकल अच्छी टिफिन सर्विस की बड़ी डिमांड है. बाहर से आप के शहर में पढ़ने आए स्टूडैंट्स और औफिस जाने वाले लोगों को टिफिन के जरिए स्वादिष्ठ और अच्छी क्वालिटी का खाना सप्लाई कर सकें, तो जल्दी ही आप की धाक जम जाएगी. काम ज्यादा होने पर आप रसोइया भी रख सकते हैं. सप्लाई करने के लिए महल्ले के बेरोजगार युवाओं की मदद ली जा सकती है. अपनी इस सर्विस के क्लाइंट ढूंढ़ने के लिए आप को स्कूल, कालेज, कोचिंग सैंटर और औफिस एरिया में अपना प्रचार करना पड़ेगा.

पार्लर सर्विसेज

बेहद व्यस्त महिलाएं ब्यूटीपार्लर जाने के बजाय स्किल्ड ब्यूटी ऐक्सपर्ट को अपने घर बुला कर ही अपने रूपसौंदर्य की देखभाल करना चाहती हैं. ऐसे में अगर आप ने ब्यूटीशियन का कोर्स किया है, तो अपनी ब्यूटी किट तैयार रखें. शुरूशुरू में कामकाजी महिलाओं के बीच आप को अपनी सर्विस का प्रचार करना होगा. जरूरत पड़े तो आप अपनी जैसी रुचि वाली एकाध अन्य महिलाओं से भी कौंटैक्ट रखें ताकि आप को समय न हो, तो आप उन्हें कमीशन बेसिस पर भेज कर अपना क्लाइंट बेस भी बनाए रख सकें.

एल्डर केयर एजेंसी

पतिपत्नी के कामकाजी होने, एकल परिवारों के चलन या घर के युवा सदस्यों के नौकरीपेशा होने की वजह से बुजुर्गों की देखभाल सही ढंग से नहीं हो पाती. समय की जरूरत को देखते हुए आज कई लोग एल्डर केयर एजेंसियां चला रहे हैं. इन के लोग इन बुजुर्गों के साथ उन के घर जा कर समय गुजारते हैं और उन की देखभाल करते हैं. आप भी भरोसेमंद लोगों को हायर कर के ऐसी सर्विस मुहैया करवा सकते हैं. इस के लिए आप को संवेदनशील और सतर्क केयरटेकर की भूमिका निभानी होगी.

जानें क्या है सर्वाइकल कैंसर, कैसे करें इसकी पहचान

बीमारी कोई भी हो उससे डरना नहीं लड़ना चाहिए. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही इंसान के जेहन में एक डर बैठ सा जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कैंसर का इलाज नहीं किया जा सकता है. अगर समय रहते इसका पता चल जाए और सही से इलाज कराया जाए तो इसपर काबू पाया जा सकता है. कैंसर कई प्रकार के होते हैं यहां आज हम आपको सर्वाइकल कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं.

गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि सर्वाइकल कैंसर कही जाती है. यह महिलाओं को उनके प्रजनन काल के दौरान होता है. 30-34 साल की उम्र के बीच होने वाला यह कैंसर 55-65 साल की उम्र तक जाते-जाते अपने चरम पर पहुंच जाता है. आजकल महिलाओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर में गर्भाशय ग्रीवा या सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मामल सामने आते हैं. दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के हर साल तकरीबन पांच लाख नए मामले सामने आते हैं और इस तरह से यह दुनिया का चौथा सबसे आम कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर का समय रहते पता चल जाने पर पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है.

एचपीवी संक्रमण की वजह से होने वाले सर्वाइकल कैंसर के यौन संबंधों के माध्यम से फैलने का भी खतरा होता है. इसके अलावा लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से की वजह से भी इसके होने की संभावना होती है. एक्टिव या फिर पैसिव स्मोकिंग की वजह से भी सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा रहता है. सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पहचान पाना बहुत मुश्किल है. एडवांस स्टेज में इसके लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं. ऐसे में कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन्हें हर महिला को जानना जरूरी है.

श्रोणि-क्षेत्र में लगातार दर्द

गर्भाशय क्षेत्र में दर्द का होना सर्वाइकल कैंसर का एक लक्षण है. यह दर्द श्रोणि-क्षेत्र में लगातार बना रहता है. अगर आप पेशाब करने या फिर संबंध बनाने के दौरान श्रोणि-क्षेत्रों में दर्द महसूस करतीं हो तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें.

योनि से असामान्य रक्त स्राव

शारीरिक संबंध बनाने के बाद या फिर माहवारी के दौरान अगर आसामान्य रूप से रक्त स्राव हो रहा हो तो यह सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है. मीनोपौज के दौरान रक्त स्राव और पीरियड्स के दौरान ज्यादा मात्रा में रक्त स्राव भी असामान्य रक्त स्राव कहे जाते हैं. एक शोध के मुताबिक ये भी सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हैं, जिसका इलाज समय पर होना बेहद जरूरी है.

योनि से असामान्य स्राव

योनि से सफेद बदबूदार पानी का रिसाव होना भी सर्वाइकल कैंसर का लक्षण है. इसे नजर अंदाज न करे बल्कि विशेषज्ञ के पास जाएं और जरूरी टेस्ट करवाएं. इसे नजर अंदाज करने आपके लिए घातक साबित हो सकता है.

पेशाब संबंधी समस्या

पेशाब की थैली में दर्द होना सर्वाइकल कैंसर का पहला लक्षण है. यह लक्षण तभी दिखता है जब कैंसर यूरीन की थैली तक पहुंच चुका हो. इसके साथ ही पीरियड्स के बीच में स्पौटिंग या संबन्‍ध बनाने के बाद ब्‍लीडिंग होना भी इसका एक लक्षण है. ऐसा गर्भाशय ग्रीवा की जलन की वजह से होता है. यह संबंध बनाते वक्त या माहवारी होने पर तेज हो जाता है.

वजन में कमी और थकान

वजन में कमी और थकान का होना भी सर्वाइकल कैंसर का ही लक्षण है.

सर्दियों में अपनाएं ये उपाय और बनें रूप की मल्लिका

मौसम के साथ त्वचा की आवश्यकताएं भी बदल जाती है. सर्दियों में चलने वाली सर्द हवाएं हमारी त्वचा से नमी छीन कर उसे रुखा और बेजान बना देती है. ऐसे में त्वचा को खुश्की से बचाने व उसे कमनीय बनाए रखने के लिए हमें अपनी त्वचा का खास खयाल रखना जरूरी है.

अपनाएं ये उपाय

सर्दियों मे धूप बहुत भली लगती है. इससे शरीर को विटामिन-डी भी मिलता है, परंतु धूप में मौजूद अल्ट्रा वायलेट किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती है, जिससे त्वचा खुश्क होने लगती है और रंग भी सांवला हो जाता है, इसलिए धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल अवश्य करें.

दिन में दो बार क्लीजिंग मिल्क से त्वचा की सफाई करें, इसके बाद किसी अच्छे मौइस्चराइजिंग साबुन या फेस वाश से चेहरे धोएं. मौइस्चराइजिंग साबुन त्वचा को अतिरिक्त नमी प्रदान करेगा. ध्यान रखें कि सर्दियों में साबुन से चेहरा न धोएं. इससे चेहरे पर रूखापन बढ़ जाएगा.

आंखों के चारों ओर की त्वचा पर मुंह धोने के बाद किसी अच्छी कंपनी की अंडर आई क्रीम का इस्तेमाल करें. सर्दियों में आई जैल की बजाय अंडर आई क्रीम ही उपयुक्त होगी.

सर्दियों में होंठों की सुरक्षा के लिए वैसलीन या किसी अच्छे लिपबाम का प्रयोग करें. आजकल बाजार में मौइस्चराइजरयुक्त लिपस्टिक मौजूद है, आप इनका भी इस्तेमाल कर सकती हैं, इनसे होंठ मुलायम रहते हैं.

रात को सोने से पहले बादाम के तेल, क्रीम या फिर किसी नरिशिंग क्रीम से चेहरे की मालिश करें. रात को सोते समय नारियल या जैतून के तेल से हाथों व पैरों के खुले हिस्से पर मालिश करें. हर किस्म की त्वचा पर इन दिनों मालिश जरूरी है.

त्वचा की देखभाल

इस मौसम में त्वचा की नियमित देखभाल जरूरी है. सप्ताह में दो बार नीचे दिए गए फेस पैक लगाएं. ये हर किस्म की त्वचा के लिए लाभकारी है.

एक चम्मच बेसन, आधा चम्मच हल्दी और एक चम्मच मलाई में कुछ बूंदें रोगन की डालें. दूध मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें. चेहरा साफ कर इसे लगाएं. बीस मिनट बाद धो दें.

एक चम्मच ओटमील, कुछ बूंद नींबू का रस और तीन चम्मच दूध मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें. इसे चेहरे व गर्दन पर लगाएं. पंद्रह मिनट के बाद पानी से साफ कर लें.

एक अंडे की जर्दी, एक चम्मच दूध का पाउडर, एक चम्मच सूजी, एक चम्मच शहद और दही मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं. चेहरे पर लगाकर सुखाएं, फिर मलकर धो ले.

एक चम्मच शहद मे एक चम्मच दूध डालकर अच्छी तरह मिलाएं. चेहरे एवं गलें पर लगाएं. सूखने पर धो दें.

त्वचा अधिक खुश्क हो तो फेस पैक लगाने से पहले चेहरे पर कुछ बूंद बादाम के तेल की लगा लें और साथ ही फेस पैक हटाने के बाद मौइस्चराइजर लगाना न भूलें.

गर्म ठंडे जल से स्नान करें

पहले गर्म जल से स्नान करना चाहिए. इसके बाद ठंडे जल से स्नान करने से त्वचा व महत्वपूर्ण आंतरिक अंगों को उत्तेजना प्राप्त होती है. सर्दियों के मौसम में इस तरह के स्नान के बेहद ही फायदे हैं. पहले गर्म फिर ठंडे जल स्नान से फोस्ट बाइट, थर्मल अटिकिरीया,एटोपिक डरमेटाइटिस में बहुत लाभ मिलता है.

सर्दी के कारण पूरे शरीर पर खुश्की आ जाती है. इससे बचने के लिए नहाने के पानी में दो चमच गिल्सरीन या कुछ बूंदें नारियल के तेल की डाल दें. नहाने के बाद शरीर पर कोई अच्छा बौडी लोशन लगाएं. इससे त्वचा खुश्क नहीं होगी. इन दिनों शरीर पर पाउडर का इस्तेमाल न करें.

त्वचा को कोमल व कांतिमय बनाने के लिए घर पर ही बनाएं यह मौइस्चराइजर

¾ कप गुलाबजल में ¼ छोटा चम्मच गिल्सरीन, 1 छोटा चम्मच सिरका और एक चौथाई छोटा चम्मच शहद मिलाकर बोतल में भरकर रख लें. इसे नियमित रूप से क्लीजिंग के बाद लगाएं.

एक बड़ी चम्मच मिल्क क्रीम में कुछ बूंद गिल्सरीन, एक चौथाई चम्मच कैस्टर औयल और कुछ बूंद गुलाबजल अच्छी तरह मिलाएं. इसे रोजाना रात में सोने से पहले चेहरे, गर्दन व हाथों में लगाएं और सुबह ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें.

इन उपायों के अलावा सर्दियों मे हरी सब्जियों और ताजे फलों को अपने भोजन में अवश्य शामिल करें. इसके अलावा सूखे मेवे एवं मूंगफली का भी सेवन करें. दिनभर में कम से कम 7 से 8 ग्लास पानी पिये. ये आपकी त्वचा को चमक प्रदान करता है.

ट्राई करें चिली गार्लिक मशरूम

सर्दियों का मौसम है. और सर्दियों में अलग अलग वैराइटी की चीजें खाने का मन करता है. घर पर बनाइए चिली गार्लिक मशरूम. आप भी खुश और घर वाले भी ऊंगलियां चाटते रह जायेंगे.

सामग्री

– 200 ग्राम बटन मशरूम

–  200 ग्राम सीप मशरूम

–  20 ग्राम थैम

– 20 एमएल औलिव औयल

– 20 ग्राम लहसुन

– 5 ग्राम चिली फ्लैक्स

– 10 ग्राम कटे पार्सले

– नमक व कालीमिर्च स्वादानुसार.

विधि

– दोनों मशरूम को अच्छी तरह धो कर सुखा लें.

– एक पैन में औलिव औयल गरम करें

– इस में मशरूम डाल कर मुलायम होने तक पकाएं

– अब इस में नमक, लहसुन, थैम, पार्सले, चिली फ्लैक्स मिला कर 2 मिनट पकाएं

– फिर कालीमिर्च मिला कर गरमगरम परोसें.

पुराने पड़े नक्शों से दें घर को डिफरेंट लुक!

कई बार बच्चों को पढ़ाने के लिए हम नक्शे खरीद लेते हैं, लेकिन कुछ समय बाद जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो नक्शे भी इधर-उधर पड़े रहते हैं. अगर आपके पास भी पुराने नक्शे पड़े हुए हैं तो फिर आप उनका उपयोग कुछ अलग तरीके से कर सकतीहैं.

कुर्सी पर चिपकाएं

अगर आपके पास लकड़ी की पुरानी कुर्सी है, जिसका रंग उतर गया है तो उसे भी नया लुक कुछ पुराने नक्शों की मदद से आसानी से दिया जा सकता है. बस इन नक्शों को कुर्सी पर चिपका दें और पुरानी कुर्सी को नया बनाएं.

बॉक्स सजाएं

आप लकड़ी या प्लास्टिक के साधारण डिब्बों या कार्टन में सामान भर कर रखती हैं तो उन्हें नया लुक देने के लिए उन पर नक्शे चिपका दें. पुराने डिब्बे नए से लगने लगेंगे और हर कोई आपकी रचनात्मकता की तारीफ करेगा.

सजाएं कैंडल वास

कैंडल वास के बाहर की ओर गोंद लगाएं और कोई भी छोटा नक्शा और कुछ पुराने पन्ने पूरी गोलाई में चिपका दें. जब वास के अंदर आप मोमबत्ती जलाएंगी तो नक्शा भी चमक उठेगा और रंग-बिरंगा प्रकाश बाहर आएगा.

बनाएं पेंटिंग

आपको पेंटिंग बनाने का शौक है और आप अपनी पेंटिंग्स में कुछ अलग करना चाहती हैं तो नक्शे पर पेंटिंग बनाएं. कोशिश करें कि आप कोई स्केच ही बनाएं, जिससे बैकग्राउंड में नक्शा दिखता रहे. पेंटिंग वाले इस नक्शे को फ्रेम करवाएं.

कॉस्टर से भी जानकारी

डाइनिंग टेबल पर कॉस्टर बहुत काम आते हैं. आप डाइनिंग टेबल पर खेल-खेल में बच्चों को अलग देशों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना चाहती हैं तो इन कास्टर्स की मदद लें. आपको करना केवल इतना सा होगा कि कॉस्टर्स पर विभिन्न देशों के नक्शे चिपका दें. बच्चे जब भी इनका इस्तेमाल करेंगे, देशों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेंगे. आपको भी अलग से एटलस देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

सजाएं दीवार

अगर आपके पास लकड़ी का कोई बड़ा सारा पुराना फ्रेम रखा हुआ है तो पहले उसे साफ करके उस पर वार्निश कर दें. वार्निश सूखने पर उसके पीछे की तरफ बड़ा-सा नक्शा चिपका दें. अब इस फ्रेम को लिविंग रूम की दीवार पर सजा दें.

चिपकाएं शेल्फ पर

आप अपनी किसी भी शेल्फ को नए तरीके से सजाना चाहती हैं तो इसका बहुत ही साधारण तरीका इन पर नक्शे चिपकाना है. बस नक्शों को शेल्फ के आकार का काटिए और चिपका दीजिए. नक्शों को हैंडल की जगह पर न लगाएं.

पार्टी हार्ट

पार्टी डेकोरेशन के लिए किसी मोटी शीट पर खूब सारे दिल बना लें. इन दिलों पर दोनों तरफ नक्शे काटकर चिपका दें. इन सभी दिलों को पतली डोरी की मदद से आपस में जोड़ दें. तैयार है आपकी पार्टी डेकोरेशन की अनूठी लड़.

सजाएं लैंप

लैंप को नए तरीके से डेकोरेट करना चाहती हैं? लैंप शेड पर पुराना नक्शा काटकर सफाई से पूरी गोलाई में चिपका दें. जब आप लैंप जलाएंगी तो दुनिया भर के देश भी चमक उठेंगे और लैंप को भी नया लुक मिल जाएगा.

ये 9 विंटर टिप्स बना देंगी आपकी त्वचा को जवां जवां

सर्दी के मौसम में आमतौर पर त्वचा शुष्क और बेजान हो जाती है. सर्द हवाएं त्वचा को कांतिहीन व रूखा न बना दें, इस के लिए उस की विशेष देखभाल करनी चाहिए. निम्न टिप्स त्वचा की कुदरती रंगत बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं.

नमी बनाए रखें

सर्दी के मौसम में त्वचा की देखभाल की बहुत जरूरत होती है. सर्दी के मौसम में त्वचा पर उस मौइश्चराइजर का प्रयोग न करें, जो वाटर बेस्ड हो. इस मौसम में औयल बेस्ड मौइश्चराइजर का प्रयोग करें, क्योंकि औयल बेस्ड मौइश्चराइजर त्वचा पर सुरक्षात्मक सतह बनाता है. यह किसी भी क्रीम या लोशन से ज्यादा नमी बनाए रखता है. इस के अलावा बादाम के तेल का प्रयोग कर सकती हैं, क्योंकि यह तेल रोमछिद्रों को बंद नहीं करता और त्वचा को जीवंत बनाए रखने में भी सहायक होता है.

काले घेरों से बचें

ठंड के मौसम में आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं. इन्हें कम करने के लिए क्रीम का प्रयोग करें. पानी ज्यादा पीएं. नियमित व्यायाम करें. काले घेरों को छिपाने के लिए लाइट डिफ्यूजिंग क्रीम कंसीलर का इस्तेमाल करें.

त्वचा को धूप से बचाएं

सनप्रोटैक्शन क्रीम सिर्फ गरमी के मौसम के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि सर्दी के मौसम में भी इस का प्रयोग करें. सर्दी की धूप भी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए घर से बाहर निकलने से पहले सही एसपीएफ वाली सनप्रोटैक्शन क्रीम जरूर लगाएं.

पानी खूब पीएं

ठंड में शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहे, इस का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सर्दी के महीनों में भी खूब पानी पीएं.

फटी एडि़यां

ठंड के दिनों में पैरों के लिए भी मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें. एडि़यों को मुलायम बनाए रखने के लिए जोजोबा औयल की कुछ बूंदों को कुनकुने पानी में मिला कर उस में 15-20 मिनट तक अपने पैरों को रखें. इस के बाद मृत त्वचा को एडि़यों से हटा लें.

नाखूनों की सुरक्षा

सर्दी के मौसम में नाखूनों में नमी बनी रहे, इस के लिए सप्ताह में 1 बार त्वचा में लगाए जाने वाले तेल से नाखूनों के आसपास मालिश करें. हाथों को धोने के बाद नाखूनों तथा उन के आसपास की त्वचा पर मौइश्चराइजर लगाएं.

गरम पानी से बचें

नहाने के लिए गरम पानी का प्रयोग करने से  बचें. यदि कुनकुने पानी से नहाना है तो कोशिश करें कि कम समय तक ही नहाएं. नहाने या शौवर लेने के बाद त्वचा को मौइश्चराइज जरूर करें. त्वचा की नमी को बरकरार रखने के लिए सप्ताह में 1 बार क्रीम आधारित मास्क का प्रयोग भी जरूर करें.

त्वचा को दें खुराक

ठंड में उन खाद्यपदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें जिन में ओमेगा 3 पाया जाता है.

सही उत्पाद चुनें

ठंड के मौसम से त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए मौइश्चराइजर का चुनाव करते समय यह ध्यान रखें कि मौइश्चराइजर की बोतल ढक्कन या फ्लैप वाली हो, न कि पंप वाली. पंप वाली बोतल का मौइश्चराइजर हाई वाटर बेस्ड होता है, जो कि आप की त्वचा को शुष्क कर सकता है.

– आशमीन मुंजाल, मेकओवर ऐक्सपर्ट

निया शर्मा ने फिर दिखाया अपना बोल्ड एंड सेक्सी अवतार

छोटे पर्दे पर आने वाली निया शर्मा की हौटनेस का हर कोई दिवाना है. टीवी इंडस्ट्री की फेमस एक्ट्रेस निया शर्मा अक्सर ही अपने फिगर, बोल्ड और सेक्सी अदाओं को लेकर चर्चा में रहती हैं. निया एक बार फिर अपनी हौट तस्वीरों की वजह से सुर्खियां बटोर रही हैं.

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बता दें कि निया ने हाल ही में एक फोटोशूट कराया है. उन्होंने अपने इस फोटोशूट की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है. सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहने वाली निया ने अपनी इन तस्वीरों से तहलका मचा दिया है.

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निया शर्मा ने फोटोशूट की तस्वीरें अपने आफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की हैं. निया ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ”डिवा जिसके साथ मैं अक्सर घूमती-फिरती हूं. उसने मेरी बिना बोले ही तस्वीर खींच दी, इसलिए अब से वह मेरी बेस्टी है.”

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उनकी इन तस्वीरों को अब तक लाखों लोग लाइक कर चुके हैं. ब्लैक कलर की ड्रेस और डार्क कलर की लिपस्टिक में निया का कातिलाना अंदाज सोशल मीडिया पर छाया हुआ है.

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कुछ लोग उनकी इन तस्वीरों को काफी पसंद कर रहे हैं तो वहीं कुछ यूजर्स ने उन्हें पूरे कपड़े पहनने की सलाह दे डाली है. भले ही कुछ लोगों ने भद्दे कमेंट कर निया को ट्रोल करने की कोशिश की हो पर निया को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और ना ही वो इन कमेंट के बाद अपने फैशन और अपने स्टाइल मे किसी तरह का समझौता करना चाहती हैं.

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यह पहला मौका नहीं है जब निया शर्मा अपने बोल्ड फोटोशूट के कारण सुर्खियों में आईं हो, इसके पहले भी बिकनी फोटोशूट के कारण वह चर्चा में आ चुकी हैं. आपको बता दें निया शर्मा जीटीवी के शो ‘जमाई राजा’ से मशहूर हुईं थीं. इस शो के बाद निया की टीवी जगत में काफी चर्चा हुई थी. निया शर्मा को एशिया की सबसे सेक्सी महिलाओं में तीसरा स्थान मिल चुका है.

आखिर क्यों एनपीएस में निवेश करने से बचना चाहिये

एनपीएस वैसे तो रिटायरमेंट के लिहाज से एक बेहतर निवेश विकल्प माना जाता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जिसपर आमतौर पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है. अगर आप एक बड़े परिदृश्य में देखें तो बाजार में कुछ ऐसे निवेश विकल्प भी उपलब्ध हैं जो एनपीएस के मुकाबले कई मायनों में बेहतर साबित होते हैं. हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बताने की कोशिश करेंगे कि आपको किन वजहों से एनपीएस में निवेश करने से बचना चाहिए.

एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्ट्स का मानना है कि एनपीएस में सबसे बड़ी समस्या लिक्विडिटी की होती है. इसमें आप निकासी एक निश्चित अवधि के बाद ही कर सकते हैं उससे पहले नहीं. वहीं दूसरी बड़ी समस्या इसमें टैक्स को लेकर होती है. वो यह कि एनपीएस में किए गए निवेश का 40 फीसद हिस्सा ही सिर्फ टैक्स फ्री होता है जबकि बाकी के 60 फीसद पर आपको टैक्स देना होता है. वहीं इसमें आप पूर्ण निकासी नहीं कर सकते हैं आपको एक निश्चित राशि एन्युटी में देनी होती है और इस एन्युटी पर कितना ब्याज मिलेगा वो कंपनियां तय करती हैं. वर्तमान समय में एन्युटी रेट 7 से 8 के आस पास है, जो कि थोड़ा कम जान पड़ता है. लिहाजा इस संदर्भ में भी एनपीएस थोड़ा कमतर जान पड़ता है.

इन कारणों से आपको एनपीएस में निवेश नहीं करना चाहिए

हाई लौक-इन बड़ी समस्या

NPS बनाम अन्य निवेश विकल्प

finance

हालांकि सभी सभी टैक्स सेविंग विकल्पों पर लौक-इन पीरियड होता है लेकिन किसी में भी एनपीएस जैसा नहीं होता है. जैसा कि पीपीएफ में 7 साल का लौकइन पीरियड होता है, हालांकि इस अवधि के पहले आप आंशिक निकासी कर सकते हैं और आप 15 साल के बाद पूरी राशि निकाल सकते हैं.

  • अगर ईपीएफ की बात करें तो इसमे भी आप नौकरी छोड़ने के 2 महीने बाद अपना पूरा योगदान निकाल सकते हैं. हालांकि आप नियोक्ता के योगदान को 58 साल बाद ही निकाल सकते हैं.
  • ईएलएसएस और टैक्स सेविंग फंड में 3 साल का लौकइन पीरियड होता है.
  • बैंक एफडी और टैक्स सेविंग एफडी में 5 साल का लौक इन पीरियड होता है.

वहीं अगर एनपीएस की बात करें तो इसमें जमा राशि को सिर्फ 60 वर्ष की उम्र के बाद ही निकाला जा सकता है. इतना ही नहीं इस उम्र के बाद भी आप सिर्फ 60 फीसद राशि की निकासी ही कर सकते हैं, बाकी की राशि आपको एन्युटी में देनी होती है. यहा राशि आपको पेंशन की तर्ज पर वापस होगी.

एनपीएस मैच्योरिटी पर लगता है टैक्स

आपको जानकर हैरानी होगी कि एनपीएस में किए गए निवेश पर मैच्योरिटी पर टैक्स अदा करना होता है. जब आप 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद इसमें जमा 60 फीसद राशि की निकासी करेंगे तब आपको इसपर टैक्स अदा करना होगा. एनपीएस में निवेश का सुझाव देते हुए तमाम लोग इसके फायदे तो गिना देते हैं लेकिन कोई भी इस पर कर देयता के बारे में जानकारी नहीं देता है.

  • मैच्योरिटी पर एनपीएस में जमा राशि में से सिर्फ 40 फीसद ही टैक्स फ्री होती है.
  • राशि का अगला 40 फीसद हिस्सा एन्युटी में जाता है और इस पर आयकर कानून के तहत टैक्स देना होता है.
  • बाकी की 20 फीसद राशि पर या तो आप आयकर कानून के हिसाब से टैक्स अदा कर दें, इसकी तुरंत निकासी कर लें या फिर आप इसे भी एन्युटी में बदल दें.
  • एनपीएस जटिल कराधान से जुड़े इन्हीं पहलुओं के कारण अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में थोड़ा कमजोर नजर आता है.
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