सावधानी हटी दुर्घटना घटी : ये हैं दुनिया के सबसे खतरनाक रास्ते

कहते हैं किसी भी सफर पर निकलने से पहले रास्तों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. दुनिया में कई ऐसे रास्ते हैं, जहां जाने से पहले आपको सोचना चाहिए. क्योंकि कई बार हम जिन रास्तों पर जाते है वो बेहद खतरनाक और जानलेवा होते हैं. इन रास्तों पर आपकी छोटी सी गलती आपको किसी बड़े खतरे में डाल सकती है. आइए, हम आपको बताते दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों के बारे में.

लक्सर अल हुर्घदा रोड

इजिप्ट के दो टूरिस्ट स्थल ‘लक्सर’ और ‘हुर्घदा’ को जोड़ने वाला 299 मील लंबा यह रोड दुनिया का खतरनाक रोड माना जाता है जिसको पार करने में 4 घंटे 40 मिनट का समय लगता है. इस रोड पर पूरी तरह डकैत और आतंकवादियों का खौफ छाया रहता है.

बयबर्ट D915

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टर्की के ट्राब्जोन क्षेत्र में स्तिथ D915  दुनिया का सबसे अधिक खतरनाक रोड है जिस पर चलना नौसिखिये के लिए ही नहीं बल्कि एक परफेक्ट ड्राइव करने वाले व्यक्ति के लिए भी चुनौतीपूर्ण है. इस रास्ते पर चलते समय, लगभग हर एक व्यक्ति का दिल कुछ समय के लिए धड़कना बंद कर देता है. एक ओर ऊंचे पहाड़ और दूसरे बिना रेलिंग के गहरी खाइयों वाली सड़क से सफर करना किसी बड़े एडवेंचर से कम नहीं है.

द डेथ रोड (बोलिविया)

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नौर्थ युंगास रोड को डेथ रोड भी कहा जाता है. 61 से 69 किलोमीटर लंबा यह रोड बहुत आड़ा-तिरछा है जिससे यह चलते समय ड्राइवर की जरा-सी लापरवाही उसको हमेशा के लिए मौत के मुंह में धकेल सकती है. रिकौर्ड के अनुसार इस रोड पर हर साल 200-300 लोग मौत का शिकार होते हैं.

कौल डू चौसइ (फ्रांस)

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समुद्र तल से 1,533 मीटर ऊंचाई पर बानी यह सड़क बहुत सकरा है, जिसके कारण इस पर एक साथ दो वाहन पास नहीं हो पाते. यहां ड्राइव करते वक्त बहुत सावधानी की आवश्यकता पड़ती है. आपकी जरा सी लापरवाही आपके सफर को दुर्घटना में बदल सकती है.

गुओलियांग टनल रोड (चीन)

travel in hindiहुनान क्षेत्र के ताईहांग पर्वतों के बीच बनी यह सड़क गांव के स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई थी. 1200 मीटर लम्बी, 5 मीटर ऊंची और 4 मीटर चौड़ी इस सड़क को बनाने में लगभग 5 वर्ष का समय लगा था. पर्वतोँ के बीच बनी यह सड़क खतरे से खाली नहीं है जरा सी असावधानी आपके लिए भारी पड़ सकती है.

इंश्योरेंस पौलिसी के साथ राइडर भी खरीदें, होते हैं बड़े फायदे

इंश्योरेंस सेक्टर में राइडर एक एड औन होता है जो अतिरिक्त फीचर्स औफर करता है. जैसे लोग हेल्थ इंश्योरेंस के साथ क्रिटिकल इलनेस कवर राइडर के रूप में खरीदते हैं. इससे उन्हें पौलिसी के साथ-साथ और अन्य बीमारियों की भी कवरेज भी मिल जाती है. हालांकि राइडर के साथ पौलिसी की प्रीमियम राशि भी बढ़ जाती है.

क्यों खरीदना चाहिए राइडर

राइडर्स, अलग से पौलिसी खरीदे बिना अतिरिक्त इंश्योरेंस कवर और बेनिफिट्स देते हैं. इसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम राशि भुगतान करना होता है. आप अपनी जरूरतों, प्राथमिकताओं और कवरेज के आधार पर राइडर्स को अपनी बेसिक पौलिसी के साथ जोड़ सकते हैं. इंश्योरेंस पौलिसी के साथ राइडर्स की खरीद आपको जोखिम से अतिरिक्त सुरक्षा देती है. मुख्य पौलिसी के रोक देने की स्थिति में राइडर्स खुद टर्मिनेट हो जाते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि अगर मुख्य पौलिसी के नियम व शर्तों में स्पष्ट है तब ही उसके साथ राइडर को जोड़ा जा सकता है.

कब खरीदे जा सकते हैं राइडर्स

आमतौर पर राइडर्स इंश्योरेंस पौलिसी खरीदने के समय लिये जाते हैं. हालांकि, कुछ इंश्योरर पौलिसी खरीदने के बाद भी राइडर्स लेने की सुविधा दे देते हैं.

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राइडर्स में क्या मिलते हैं टैक्स बेनिफिट्स

मौजूदा समय में राइडर्स के प्रीमियम भुगतान पर जो टैक्स बेनिफिट मिलता है वो मुख्य जीवन बीमा पौलिसी के जैसा होता है.

क्या हैं राइडर्स के फायदे

ज्यादा कवरेज

अपनी मुख्य बीमा पौलिसी के साथ राइडर लेने से कौम्प्रिहेंसिव कवरेज मिलती है. उदाहरण के तौर पर क्रिटिकल इलनेस राइडर में पौलिसीधारक लंपसम का भुगतान करता है, जिससे फिर वो घर के खर्चे, लोन ईएमआई चुकता करना और मेडिकल खर्चों के अलावा अन्य वित्तीय लायबिलिटीज को पूरा कर सकते हैं.

इंश्योरेंस पौलिसी में जोड़ें कोई भी राइडर

अपनी मौजूदा इंश्योरेंस पौलिसी (टर्म, यूलिप, इंडोमेंट, होल लाइफ) के लिए कोई भी राइडर ले सकते हैं और इसे अपने हिसाब से कस्टमाइज कर सकते हैं.

टैक्स बेनिफिट्स

मुख्य बीमा पौलिसी एलआईसी की तरह, राइडर्स पर मौजूदा टैक्स नियमों के अंतर्गत कर लाभ भी मिलते हैं. आपको बता दें कि हेल्थ और क्रिटिकल इलनेस राइडर को छोड़ सभी राइडर्स के लिए दिये जाने वाले प्रीमियम पर सेक्शन 80सी के अंतर्गत टैक्स बेनिफिट मिलता है. वहीं, हेल्थ और क्रिटिकल इलनेस राइडर्स को सेक्शन 80डी के अंतर्गत कर लाभ मिलता है. राइडर के सभी बेनिफिट्स जब क्लेम किये जाते हैं तो वे सेक्शन 10डी के तहत कर छूट के दायरे में आते हैं. हालांकि टैक्स नियम समय समय पर बदलते रहते हैं. साथ ही नियमों के अनुसार तब से एप्लिकेबल होंगे जब से इंश्योरर ने सेवाओं के शुरू होने की तारीख स्पष्ट की हुई है.

किन बातों का रखें ध्यान

अपनी पौलिसी में राइडर शामिल करने से पहले राइडर्स के बारे में विस्तार में जानकारी प्राप्त कर लें. साथ ही इससे जुड़े लाभ और कवरेज के बारे में भी पता कर लें. हर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिये जाने वाले राइडर्स का प्रीमियम और कौस्ट अलग अलग होता है. किसी भी राइडर का चयन करने से पहले अपनी और परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखें. ताकि आपने मौजूदा जीवन बीमा की कवरेज को जरूरतों के हिसाब से बढ़ाया जा सके.

सर्दियों में आपकी कोमल त्वचा की देखभाल करेंगे ये फेसपैक

मौसम की मार सबसे ज्यादा हमारी त्वचा पर पड़ती है. सर्दियों में परेशानी बढ़ जाती है. सर्दियों में हमारी त्वचा रुखी और बेजान हो जाती है. ऐसे में हमें अपने चेहरे का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. त्वचा की सफाई, एक्ने-पिंपल की समस्या दूर करने और चेहरे की खोई चमक वापस पाने का सबसे आसान तरीका है फेस पैक का इस्तेमाल करना.

घर में फलों के रस और हर्बल चीजों से बने फेस पैक्स सबसे ज्यादा असरदार होते हैं. चलिए डालते हैं एक नजर उन फेस पैक्स पर जो आपकी त्वचा के लिए बेहद ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं और जिन्हें घर पर आसानी से और कम खर्च में तैयार किया जा सकता है.

पपीते का फेस पैक

पपीते का फेस पैक बनाने के लिए पके पपीते और केले को बराबर मात्रा में पीसकर लें. इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट तैयार करें. अब इसे अपने चेहरे, गले और हाथों पर लगाएं, 15 मिनट तक ऐसे ही रहने दें और इसके बाद सादे पानी से चेहरा साफ कर लें.

दूध-बादाम फेस पैक

एक चम्मच बादाम पाउडर में दो चम्मच कच्चा दूध मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं. 10 मिनट बाद मसाज करते हुए पानी से साफ करें. बादाम में मौजूद विटामिन ई और फैटी एसिड रूखापन दूर कर त्वचा को मुलायम बनाता है.

दूध और ग्लिसरीन

कच्चा दूध भी बहुत फायदेमंद है. रात को सोने से पहले दो चम्मच कच्चे दूध में एक चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर लगाएं, सुबह धो लें. इससे चेहरे का रंग भी साफ होगा.

अंडे का फेस पैक

दो अंडों के पीले भाग में तीन-चार बूंदें जैतून तेल के मिलाकर पेस्ट बनाएं. चेहरा पर लगाकर 20 मिनट तक सूखने दें. इसके बाद सादे पानी से साफ कर लें. आलिव आइल में नैचुरल एंटी-आक्सिडेंट्स, विटामिन ‘ई’ और ‘के’ होते हैं. वहीं अंडे की जर्दी यानी पीले भाग में विटामिन ‘ए’ होता है जो त्वचा का रूखापन दूर करने में सहायक है.

मसूर की दाल

ये पैक आपके चेहरे को कुदरती सुंदरता देने में कारगर है. इसे बनाने के लिए रात में मसूर की दाल को पानी में भिगो दें. सुबह इसे दूध के साथ पीसकर चेहरे पर लेप की तरह लगाएं. 15 मिनट बाद सूख जाने पर धो लें.

हल्दी

हल्दी में बहुत से औषधीय गुण है. यह रक्त-शोधक का काम करती है. दही, बेसन में थोड़ा सा हल्दी मिलाकर पेस्ट बना लें. इस मिश्रण को अपनी त्वचा पर लगाएं और 10 मिनट बाद धो लें. इससे चेहरा दमक उठेगा.

सर्दियों में ऐसे कपड़े कर सकते हैं आपको बीमार

कुछ समय की गर्मी के बाद अब एक बार फिर से ठंड ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है. ऐसे में हर कोई घर से लंबे कोट, बूट्स, दस्ताने और मफलर पहनकर निकलता है. कई बार ज्यादा ठंड होने की वजह से हम लम्बे समय तक एक ही कोट या एक ही स्वेटर या अन्य कपड़ा बिना साफ किये पहन लेते हैं. कई बार हमें लगता है कि इन्हें बिना धोये इस्तेमाल करने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है, क्योंकि जरा सी लापरवाही आपको ठंड से बचाने के साथ ही बीमार भी कर सकती हैं.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कौन सी हैं वे चीजें जिनकी ठीक से साफ-सफाई ना करने पर आप बीमार पड़ सकती हैं.

एरिजोना यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायलाजिस्ट चार्ल्स गर्बा का कहना है कि मैं लोगों को आमतौर पर सलाह देता हूं कि आपको हर वो चीज एक सप्ताह में धो लेनी चाहिए जो आप सार्वजनिक तौर पर पहनते या इस्तेमाल करते हैं. जर्म्स एक्सपर्ट चार्ल्स का कहना है कि आमतौर पर लोग जल्दी से विंटर कोट नहीं धोते हैं. जिसका नतीजा यह होता है कि कपड़ों में वायरस और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. जिसके चलते लोगों को छींक आने लगती है और कोल्ड बढ़ जाता है. लेकिन लोगों को लगता है कि ये सब ठंड की वजह से हो रहा है. जबकि ऐसा ठंड की वजह से नहीं बल्कि कपड़ों में पनपने वाले वायरस के चलते होता है.

चार्ल्स का कहना है कि सर्दियों में ग्लव्स या दस्ताने में सबसे ज्यादा जर्म्स होते हैं. चार्ल्स ने 2015 में एक रिसर्च के दौरान पाया था कि सार्वजनिक जगहों पर आप पोल और रोड सबसे ज्यादा पकड़ते हैं जिनमें बहुत जर्म्स होते हैं. इंसान एक घंटे में तकरीबन 16 बार अपने गालों और नाक को छूता है. इसलिए सर्दियों में आपको सबसे ज्यादा सर्दी-खांसी की दिक्कत होती हैं.

दस्तानों में इतने छोटे छोटे कीटाणु होते हैं जो दिखते नहीं हैं. ग्लव्स से सभी माइक्रोब्स को खत्म करने के लिए उसे हर दूसरे दिन धोएं और दो दिन से ज्यादा एक ग्लव्स का इस्तेमाल ना करें. सप्ताह में एक बार गर्मागर्म पानी में इसे डूबो दें. इसके बाद इसे अच्छी तरह से धोकर ड्रायर कर लें.

लैदर के ग्लव्स थोड़े मोटे होते हैं तो उन्हें धोते हुए ध्यान रखें कि वे खराब ना हो. अगर आप इन्हें धो नहीं पा रहे हैं तो आप इन्हें ड्राईक्लीन करवा सकते हैं. ना सिर्फ दस्ताने बल्कि टोपी, जैकेट सहित अन्य चीजें भी हमें समय समय पर धोते रहना चाहिए.

श्रीदेवी को लालच पड़ा महंगा, सर्जरी से बिगड़ी शक्ल

19वीं सदी हो या फिर 21वीं सदी श्रीदेवी की खूबसूरती का जादू अब तक खत्म नहीं हुआ है. 54 साल की श्रीदेवी ना सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है बल्कि अपने मस्त-मलंग अंदाज के लिए सुर्खियां बंटोरती हैं.

इतनी उम्र हो जाने के बाद भी श्रीदेवी के फैशनेबल लुक और स्टाइल के सामने कोई नहीं टिक पाया है, लेकिन पुरानी कहावत है ना लालच बुरी बला है. श्रीदेवी ने अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए पिछले दिनों लिप सर्जरी कराई है.

एक खबर के मुताबिक पिछले दिनों फिल्ममेकर अनुराग बासु ने अपने घर पर सरस्वती पूजा का आयोजन किया था. इस पूजा में श्रीदेवी अपने पति बोनी कपूर के साथ पहुंची थी. इस दौरान सबने नोटिस किया की श्रीदेवी के होंठ पहले के मुकाबले बदल गए है.

Wearing @sabyasachiofficial and Jewelry by @shriharidiagems

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इस दौरान श्रीदेवी के होंठ पहले के मुकाबले ज्यादा सूजे हुए लगे. अनुराग के घर के बाद श्रीदेवी को इंडियाज मोस्ट स्टाइलिश अवौर्ड में स्पौट किया गया जहां भी उनके होंठ नोटिस किए गए. इस इवेंट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई, जिसके बाद से सोशल मीडिया पर खबरें आई की श्रीदेवी ने खुद को खूबसूरत बनाने के लिए होठों की सर्जरी कराई है.

Wearing my favourite @manishmalhotra05 Jewellery by @gemsjewelspalace

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में श्रीदेवी के होंठो की बिगड़ी हुई शेप आसानी से देखी जा सकती है. पिछले दिनों हुए इवेंट्स में श्रीदेवी की ड्रेस और स्टाइल से ज्यादा उनके चेहरे खासकर होंठो ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. हालांकि सोशल मीडिया पर तमाम खबरें आने के बाद भी श्रीदेवी की ओर से इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि आखिरकार उन्होंने लिप सर्जरी कराई है या नहीं.

शिमला की वादियों में स्पोर्ट्स एडवेंचर के साथ लीजिए स्नोफौल का मजा

शिमला में इस सीजन की मंगलवार को पहली बर्फबारी देखने को मिली. पूरे हिमाचल और आसपास की जगहों पर ठंड बढ़ गई. शिमला में बर्फबारी की वजह से पर्यटकों के चेहरे खिले हुए हैं. शिमला और ऊपरी इलाकों में बारिश और बर्फबारी देखी गई. बताया जा रहा है कि शिमला में करीब 2 से 3 इंच, जबकि कुफरी, चायल और नारकंडा में 7 से 8 इंच तक बर्फबारी की सूचना है. इस कारण शिमला शहर से लेकर बाहरी इलाकों में ट्रैफि‍क बुरी तरह से प्रभावित हुआ.

वहीं ठंड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिमला में पानी की पाइप तक बर्फ से जम गई है. अगर आपने भी कभी स्नोफौल नहीं देखा है तो शिमला में जाकर स्नोफौल का लुफ्त उठा सकती हैं. हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत राजधानी है शिमला, जो सर्दियों के मौसम में किसी स्वर्ग से कम नहीं है.

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टौय ट्रेन में सफर करना न भूलें

आजादी से पहले यह शहर अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी था. उस दौर के अनेक सुंदर भवन एवं चर्च आज भी टूरिस्ट्स के लिए खास है. शिमला का मौल रोड पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है. यहां की रौनक हर समय देखते ही बनती है. जाखू हिल, वायसराय लौज, काली मंदिर राजकीय संग्रहालय यहां के दर्शनीय स्थल है. आसपास के स्थानों में वाइल्ड फ्लावर हाल, कुफ्री, मशोब्रा, नालटेहरा, चैल जैसी खूबसूरत जगह हैं. शिमला का असली मजा लेना हो तो कालका से शिमला के बीच चलने वाली टौय ट्रेन में जरूर घूमना चाहिए.

एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए है खास

शिमला भारत में सबसे बड़ी आइस स्केटिंग रिंक के लिए मशहूर है. सर्दियों के दौरान, जमीन बर्फ से ढक जाता है और यही वह समय होता है (दिसंबर से जनवरी) जब स्केटिंग का पूरा आनंद उठाया जा सकता है. यहां का ट्रैकिंग भी बहुत लोकप्रिय है. जुंगा, चैल, चुरदार, शाली पीक, हातू पीक और कुल्लू जैसी जगहें विभिन्न मार्गों द्वारा शिमला से जुड़ी हुई हैं. यहां माउंटेन बाइकिंग भी की जाती है. व्यास, रावी, चिनाब और झेलम जैसी नदियां में राफ्टिंग का मजा लिया जा सकता है.

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कैसे पहुंचे

कुल्लू हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस सेवा के माध्यम से अपने निकटतम स्थलों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. दिल्ली, चंडीगढ़, पठानकोट और शिमला से पर्यटक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की डीलक्स बसों का लाभ ले सकते हैं. जोगिन्दर नगर रेलवे स्टेशन कुल्लू के लिए निकटतम रेल लिंक है, जो 125 किमी की दूरी पर स्थित है. स्टेशन चंडीगढ़, जो कुल्लू से 270 किमी दूर है, के माध्यम से प्रमुख भारतीय शहरों के साथ जुड़ा है. पर्यटक रेलवे स्टेशन के बाहर से टैक्सियां प्राप्त कर सकते हैं. भुंतर हवाई अड्डा कुल्लू मनाली हवाई अड्डे या कुल्लू हवाई अड्डे के रूप में भी जाना जाता है. यह हवाई अड्डा निकटतम घरेलू हवाई अड्डा कुल्लू शहर से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है. हवाई अड्डा दिल्ली, पठानकोट, चंडीगढ़, धर्मशाला, और शिमला जैसे भारत में महत्वपूर्ण स्थानों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा है.

औनलाइन फ्रौड का शिकार होने पर कितना रिफंड करता है आपको बैंक

नोटबंदी और तेज होती डिजिटल इंडिया की मुहिम के बाद बेशक लोग औनलाइन ट्रांजेक्शन की तरफ बढ़े हैं, लेकिन अब भी काफी सारे लोग ऐसे हैं जो औनलाइन लेन-देन से घबराते हैं. इसकी प्रमुख वजह समय-समय पर सामने आने वाली औनलाइन फ्रौड की शिकायतें हैं. लेकिन अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि औनलाइन फ्रौड का शिकार होने वाले निर्दोष लोगों की मदद के लिए आरबीआई ने हाल ही में नई गाइडलाइन्स जारी की हैं. हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बताएंगे कि औनलाइन फ्रौड का शिकार होने की सूरत में आप कितना रिफंड पाने के हकदार होते हैं.

औनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान हुए फ्रौड से जुड़े रिफंड नियम

पहले के समय में जब भी किसी ग्राहक के साथ कोई फ्रौड होता था तो सारा कसूर बैंक ग्राहक पर डाल देता था. ग्राहक को इस बात की पुष्टी करनी पड़ती थी उसने अपने बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा नहीं की, अब यह बैंकों के ऊपर है कि वे पता लगाएं कि ग्राहक कहां गलत था और वह औनलाइन बैंकिंग करते समय सतर्क था या नहीं.

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पहले के समय में ग्राहक को नुकसान उठाना पड़ता था, या फिर बैंक ग्राहक को पैसा लौटाने में लंबा समय लेते थे क्योंकि कोई स्पष्ट गाइडलाइंस नहीं थी. अब आरबीआई ने इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. यह निश्चित रूप से ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा. आरबीआई ने अपनी गाइडलाइंस में बैंकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे मजबूत और डायनैमिक फ्रौड डिटेक्शन की प्रणाली अपनाएं.

किन स्थितिओं में ग्राहकों को मिलेगा पूरा रिफंड

  • जब कोई गलत लेनदेन बैंक की अनदेखी के कारण होता है फिर चाहे ग्राहक ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई हो या नहीं, तो डिजिटल ट्रांजेक्शन कई प्लेटफौर्म से गुजरता है. इनमें पेयर बैंक, पेई बैंक, पेमेंट गेटवे और ट्रांजेक्शन इंक्रिप्टिड होनी चाहिए. कोई भी डेटा किसी भी इंटरमिडियेटरी के पास स्टोर नहीं होना चाहिए, ये केवल ट्रांस्फर किया जाता है. इस दौरान अगर कोई फ्रौड होता है तो इसमें ग्राहक जिम्मेदार नहीं होगा. ऐसे में आरबीआई की गाइडलाइंस के अनुसार बैंक ग्राहक को पूरा रिफंड देंगे.
  • अगर किसी थर्ड पार्टी का हस्तक्षेप हुआ है जहां पर लापरवाही न तो बैंक की है और न ही कस्टमर की बल्कि उस सिस्टम की है जिसका इस्तेमाल किया गया है. साथ ही कस्टमर ने बैंक को ट्रांजेक्शन के बारे में तीन दिन के भीतर सूचित कर दिया है. इस सूरत में भी ग्राहक को पूरा पैसा वापस मिलेगा.

सीमित जवाबदेही:

अगर फ्रौड ग्राहक की लापरवाही के कारण हुआ है तो ग्राहक बैंक को सूचित करने तक सारा नुकसान खुद उठाएगा. जैसे: अगर ग्राहक जाने अनजाने में अपनी कौन्फिडेंशियल इंफौर्मेशन जैसे कि एटीएम पिन, कार्ड नंबर आदि साझा करता है तो बैंक को सूचित करने तक सारा नुकसान ग्राहक खुद उठाएगा.

अगर फ्रौड में ग्राहक और बैंक दोनों की ही गलती नहीं है, लेकिन सिस्टम की गलती है और ग्राहक ने बैंक को चार से सात दिनों के भीतर सूचित कर दिया है तो ग्राहक को 10,000 रुपये या उसकी ट्रांजेक्शन वैल्यू जो भी कम है उतनी खुद अदा करनी पड़ेंगी. यह लिमिट सेविंग एकाउंट, पांच लाख रुपये तक की लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड, सालाना औसतन बैंलेस लिमिट 25 लाख तक के करंट एकाउंट के लिए लागू है. अगर ग्राहक तीन दिनों के भीतर सूचित करता है तो पूरी राशि रिफंड कर दी जाएगी. करंट एकाउंट, ओवरड्राफ्ट एकाउंट, और पांच लाख से ऊपर की लिमिट के क्रेडिट कार्ड के लिए अधिकतम सीमा 25000 रुपये है. बेसिक सेविंग बैंक डिपौजिट एकाउंट जो नो फ्रिल्स खाता है उसकी लिमिट 5000 रुपये है.

यदि सात दिनों से ज्यादा की देरी हो जाती है तो ग्राहक की जवाबदेही बैंक के बोर्ड की ओर से मंजूर की गई पौलिसी के आधार पर तय की जाएगी.

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बैंक अपने ग्राहकों के सभी ट्रांजेक्शन के बारे में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, ईमेल या एसएमएस के माध्यम से सूचना देता है. अब आरबीआई ने यह अनिवार्य कर दिया है कि बैंक ग्राहकों से औनलाइन ट्रांजेक्शन करने के लिए उनके मोबाइल नंबर की मांग करें. ग्राहक की ओर से नंबर न देने कि स्थिति में बैंक इलेक्ट्रौनिक ट्रांजेक्शन से मना कर सकता है. हालांकि इस सूरत में एटीएम कैश निकासी की सुविधा चालू रहेगी. मौजूदा समय में एसएमएस का चार्ज खाताधारक ही उठाता है.

क्या है रिप्लाई का विकल्प

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि वेबसाइट, फोन बैंकिंग, एसएमएस, ईमेल, आईवीआर, टोल फ्री हेल्पलाइन, ब्रांच मैनेजर से संपर्क आदि के अलावा बैंकों को ग्राहकों को रिप्लाई औप्शन उपलब्ध कराना होगा ताकि एसएमएस या ईमेल के जरिए उन्हे अलर्ट मिल सके. इसके अतिरिक्त आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को डायरेक्ट लिंक देना होगा ताकि ग्राहक शिकायत दर्ज कर सकें, जिसमें अनाधिकृत इलेक्ट्रौनिक ट्रांजेक्शन बैंक की वेबसाइट के होम पेज में दिखे. बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि ग्राहक के शिकायत करते ही इसका तुरंत रिप्लाई भेजा जाए जिसमें रजिस्टर्ड कंप्लेंट नंबर लिखा हो.

रिफंड की क्या है समय सीमा

नई गाइडलाइंस के मुताबिक ग्राहक के बैंक को सूचित करने के 10 वर्किंग डेज में रिफंड क्रेडिट कर दिया जाता है.

इसके अलावा जिन मामलों में बैंक का बोर्ड ग्राहक की लायबिलिटी का फैसला करता है उसमें शिकायत 90 दिनों के भीतर एड्रेस की जाती है. अगर बोर्ड ग्राहक की लायबिलिटी पर फैसला नहीं ले पा रहा है तो ग्राहक को जीरो लायबिलिटी मुआवजा दिया जाना चाहिए.

करण जौहर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, हो सकती है 5 साल की जेल

डायरेक्टर करण जौहर अपनी अपकमिंग फिल्म ‘स्टूडेंड औफ द ईयर-2’ को लेकर चर्चा में हैं. हाल ही में करण ने फिल्म का नया पोस्टर जारी करते हुए फिल्म की रिलीज डेट भी बताई है. हालांकि इसी दौरान करण जौहर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. करण जौहर को दिल्ली सरकार की ओर से सरकारी नोटिस भेजा गया है.

कहा जा रहा है कि जिसके कारण फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर को पांच साल की जेल हो सकती है. बता दें कि करण इन दिनों टीवी शो ‘इंडियाज नेक्सट सुपरस्टार’ में डायरेक्टर रोहित शेट्टी के साथ बतौर जज की भूमिका में नजर आ रहे हैं.

शो में दिखाए जाने वाले कमला पसंद के एड के कारण चैनल मालिकों, धर्मा प्रोडक्शन, एंडमोल प्रोडक्शन कंपनी, कमला पसंद कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

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एक रिपोर्ट के अनुसार,  हाल ही में रिएलिटी ‘इंडियाज नेक्सट सुपरस्टार’ शो के दौरान पान मसाला का प्रचार करने के मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने करण को नोटिस जारी कर दिया है. करण को जारी नोटिस सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) 2003 एक्ट के तहत जारी किया गया है.

यह नोटिस करण जौहर के साथ-साथ उनके प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शन और इसके साथ ही शो के मेकर्स को भी स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस भेजा है. कहा जा रहा है कि करण नोटिस का जवाब नहीं दिया तो पांच साल की जेल और 2000 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल करण जौहर को जारी हुए नोटिस का जवाब देने के लिए दस दिन का समय दिया गया है. दस दिन के बाद करण के ऊपर बताए गए सभी मामलों पर कार्रवाई शुरु कर दी जाएगी. यह कोई पहला मामला नहीं है जब करण को नोटिस जारी हुआ हो. इसके पहले करण के दोस्त और बौलीवुड के किंग खान यानी की शाहरुख खान भी इस तरह के मामले में फंस चुके हैं. शाहरुख खान फिल्म ‘इत्तेफाक’ के पोस्टर में स्मोकिंग के प्रचार के कारण शाहरुख खान, गौरी खान और फिल्म के मेकर्स को नोटिस भेजा गया था.

प्रैगनैंसी से जुड़े भ्रम

विज्ञान ने आज भले ही कितनी भी तरक्की क्यों न कर ली हो, लेकिन हमारे समाज में आज भी प्रैगनैंसी से जुड़े बहुत सारे ऐसे भ्रम हैं जो न सिर्फ घातक हैं, बल्कि कई बार जानलेवा भी साबित हो सकते हैं. आइए, जानते हैं उन के बारे में और करते हैं उन का समाधान:

भ्रम : प्रैगनैंसी में उलटी होना एक बेहद सामान्य सी बात है.

सच्चाई : यह सच है कि प्रैगनैंसी के शुरू के दिनों में उलटियां होना बहुत सामान्य बात है, लेकिन इतनी सामान्य बात भी नहीं है जितना लोग समझ लेते हैं. सच्चाई यह है कि  ज्यादा उलटियां आने से न केवल गर्भवती वरन गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान पहुंचता है. इसलिए बेहतर होगा कि आप डाक्टर से संपर्क करें.

भ्रम : नारियल खाने से बच्चा नारियल की तरह गोराचिट्टा पैदा होता है.

सच्चाई: नारियल एक ऐसा फल है जो रेशा युक्त होता है, जिस की वजह से प्रैगनैंसी के दौरान इस का सेवन लाभदायक होता है, लेकिन इस का बच्चे के रंग से कोई संबंध नहीं है.

भ्रम : प्रैगनैंसी में गर्भवती को दोगुना खाने की जरूरत होती है.

सच्चाई : इस दौरान दोगुना भोजन गर्भवती के वजन को बढ़ा कर डिलिवरी को कौंप्लिकेटेड बना सकता है. सच्चाई यह है कि इस दौरान हर महिला को सिर्फ 300 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत पड़ती है.

भ्रम : ऐक्सरसाइज से बच्चे को नुकसान होता है.

सच्चाई: यह बिलकुल गलत धारणा है. सच्चाई बिलकुल इस के विपरीत है. डाक्टरों का कहना है कि इस दौरान किसी प्रोफैशनल की निगरानी में ऐक्सरसाइज करना ठीक है.

भ्रम : अगर आप की उम्र 30 से ज्यादा है तो आप के प्रैगनैंट होने के चांसेज नहीं के बराबर हैं, इसलिए 30 साल की उम्र से पहले ही अपना पहला बेबी प्लान कर लें.

सच्चाई : आज महिलाएं अपने कैरियर को ले कर काफी सजग हो गई हैं. यही कारण है कि वे आमतौर पर 30 साल की आयु के बाद ही मां बनना पसंद करती हैं और अब यह उतना मुश्किल भी नहीं है, क्योंकि एग फ्रीजिंग और आईवीएफ तकनीक ने इसे बेहद आसान बना दिया है.

भ्रम : अगर सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान प्रैगनैंट महिला कोई काम करती है तो बच्चा अपाहिज पैदा होता है.

सच्चाई : हैरानी की बात है कि आज विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है, फिर भी कई ऐसे लोग हैं जो इस अंधविश्वास को सच मानते हैं. इस का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है

भ्रम : अगर डिलिवरी के बाद पेट पर कोई टाइट सी बैल्ट बांध दी जाए तो टमी फ्लैट रहती है.

सच्चाई : यह बिलकुल निराधार बात है. सच्चाई यह है कि अगर कोई महिला डिलिवरी के बाद टमी को किसी टाइट बैल्ट से बांध कर रखती है तो इस से वहां का रक्तसंचार बाधित होगा जो घातक सिद्ध हो सकता है.

इंडस्ट्री में जबरन कुछ भी नहीं होता : प्रिया बनर्जी

बचपन से ही अभिनय की इच्छा रखने वाली 26 वर्षीया अभिनेत्री प्रिया बनर्जी ने तमिल और तेलुगु फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत की. प्रिया 2011 में ‘मिस कनाडा’ भी रह चुकी हैं. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 3 महीने का ऐक्टिंग कोर्स किया और फिर अभिनय के क्षेत्र में उतर गईं.

नम्र स्वभाव वाली और स्पष्टभाषी प्रिया किसी भी गलत बात को सहन नहीं करतीं. यही वजह है कि अभी तक उन्हें सही लोग मिलते गए. उन्हें पता है कि इंडस्ट्री आउटसाइडर के लिए मुश्किल है, पर उन्हें उस में रहना आता है. अभी वे अपनी आने वाली फिल्म ‘दिल जो न कह सका’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं और उस के प्रमोशन को ले कर व्यस्त हैं. उन से बात करना रोचक रहा. पेश हैं, कुछ अंश:

अपने बारे में बताएं?

मैं कनाडा में जन्मी और पलीबढ़ी हूं. हिंदी मैं ने कुछ अरसा पहले ही सीखी है. कनाडा में मेरे पिता इंजीनियर हैं और मां हाउसवाइफ. मुझे बचपन से ही अभिनय का शौक था. स्कूलकालेज में जहां भी मौका मिलता मैं थिएटर में अभिनय कर लेती थी.

मार्केटिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद जो थोड़ा ब्रेक मिला, उस में मैं ने कुछ करने का मन बनाया और मुंबई चली आई और मौसी के घर रहने लगी. हालांकि फिल्में देखना पसंद करती थी, लेकिन यही मेरा प्रोफैशन बनेगा, ऐसा सोचा नहीं था. फिर मैं ने अनुपम खेर का ऐक्टिंग स्कूल जौइन किया और छोटा सा ऐक्टिंग कोर्स कर लिया, क्योंकि मैं इस ब्रेक में कुछ ऐक्टिंग कर वापस कनाडा जाना चाहती थी.

प्रशिक्षण के दौरान एक तेलुगु फिल्म का औडिशन हो रहा था. मैं ने उस में औडिशन दिया और 200 लड़कियों में मैं चुन ली गई. इस फिल्म की शूटिंग सैनफ्रांसिस्को में 2 महीने की थी. मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर प्रमोशन के लिए इंडिया आई और मैं ने 3 तेलुगु और 1 तमिल फिल्म की. हिंदी फिल्म ‘जज्बा’ भी मिली. यहीं से ऐक्टिंग में रुचि आ गई. मैं मुंबई में रहती हूं और मेरे पेरैंट्स कनाडा में.

पहला ब्रेक कब मिला और क्या कभी इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ा?

मुझे हिंदी फिल्मों में ब्रेक फिल्म ‘जज्बा’ से मिला. उस समय मैं केवल 23 साल की थी. मुझे कास्टिंग काउच का कभी सामना नहीं करना पड़ा. किसी ने मुझे एप्रोच नहीं किया. मेरे निर्मातानिर्देशकों का व्यवहार मेरे साथ हमेशा अच्छा रहा. मेरे हिसाब से ऐसा हर फिल्म इंडस्ट्री में होता है. यह नया नहीं है. मैं ने जो सुन रखा था इंडस्ट्री उतनी बुरी नहीं. आज हर फील्ड में अच्छे और बुरे लोग रहते हैं. क्या सही है क्या गलत यह आप को खुद देखना होता है. जबरन यहां कुछ भी नहीं होता.

क्या आउटसाइडर के लिए सही फिल्में मिलना मुश्किल होता है?

अब मैं अपने हिसाब से फिल्में चुन सकती हूं, लेकिन मैं न्यूकमर हूं और बहुत अधिक चौइस मिलना मुश्किल है. मेरे हिसाब से बहुत अधिक चूजी होना ठीक नहीं. काम करते रहना चाहिए ताकि फिल्म मेकर और दर्शकों के बीच रह सकूं, जिस से मुझे बड़ा ब्रेक मिले.

आप के ब्यूटी सीक्रेट क्या हैं? कितनी फूडी हैं और अपने पर्स में 5 जरूरी चीजें क्या रखती हैं?

फिलहाल सीक्रेट कुछ खास नहीं है, क्योंकि मैं 2 फिल्मों की शूटिंग कर रही हूं. समय मिलने पर अपना ध्यान रख पाती हूं. सब कुछ खाती हूं, डाइटिंग नहीं करती. जंक फूड कम खाती हूं, घर का खाना खूब खाती हूं. मुझे घर का खाना अधिक पसंद है, इसलिए मैं ने मां से चिकनबिरयानी और अंडा करी बनाना सीखा है. रात को सोने से पहले मेकअप जरूर उतार लेती हूं. मैं अपने पर्स में लिपस्टिक, लिप ग्लौस, हैंड सैनेटाइजर, कंघी और घर की चाबी रखती हूं.

युवाओं को क्या संदेश देना चाहती हैं?

अपने ड्रीम को फौलो करें, धैर्य रखें. जब भी मौका मिले तो खुद को हार्डवर्क से प्रूव करने की कोशिश करें. लोग कुछ भी कहें, अपने ड्रीम को कभी न छोड़ें.

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