फिल्म “पद्मावत” : विवादों के बावजूद सफलता के रिकार्ड बनाएगी

संजय लीला भंसाली ने जब फिल्म ‘‘पद्मावत’’ की शुरूआत की थी, तब से इस फिल्म को लेकर विवाद ही विवाद उठते आए हैं. विवादों के ही चलते फिल्म एक दिसंबर को प्रदर्शित नहीं हो पायी. अब जब यह फिल्म 25 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली है, तो भी विवाद थमे नहीं है. बिना फिल्म देखें फिल्म में रानी पद्मावती को गलत ढंग से चित्रित करने का आरोप लगा रही राजपूत करणी सेना का विरोध उग्र होता जा रहा है. जबकि फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और इस फिल्म से जुड़े कलाकर लगातार ऐलान कर रहे हैं कि फिल्म में राजपूतों की वीरता को ही चित्रित किया गया है. पद्मावती को महान बताया गया है.

फिल्मकार का दावा है कि उन्होंने इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं की. इसके अलावा वह यह भी कह रहे हैं कि उनकी फिल्म सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की किताब पर आधारित है, जो कि काल्पनिक रचना है.

फिर भी बिगड़े हुए हालातो के मद्दे नजर आज यानी कि 22 जनवरी की सुबह सुबह राजस्थान और माध्यप्रदेश की सरकारें सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी हैं. यह सरकारें चाहती हैं कि उनके राज्य में फिल्म ‘पद्मावत’ पर बैन लगा रहे. सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकारों की इस याचिका पर कल 23 जनवरी को सुनावाई करेगा. उधर खबरें यह भी हैं कि जिस तरह से राजस्थान में करणी सेना का विरोध हिंसात्मक होता जा रहा है, उसे देखते हुए ‘पद्मावत’ की निर्माण कंपनी ‘वायकाम 18’ ने अपनी फिल्म को राजस्थान में प्रदर्शित न करने का मन बना लिया है. वैसे भी अब तक इस फिल्म को राजस्थान में वितरक नहीं मिले हैं. सभी डरे हुए हैं.

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मगर इन विवादों के बावजूद आम दर्शक ‘‘पद्मावत’’ देखने को उत्सुक हैं. जानकारों की माने तो ‘पद्मावत’ बाक्स आफिस पर सफलता के नए रिकार्ड बना सकती है. फिल्म के निर्माताओं ने 24 जनवरी को फिल्म ‘पद्मावत’ का पेड प्रीव्यू रखा है. जिसे थ्री डी और थ्रीडी आईमैक्स में दिखाया जाएगा. सीमित सीटों के लिए एक बड़ी रकम ली जा रही है. इसकी टिकटें लोग औनलाइन खरीद रहे हैं. अनुमान है कि सभी टिकटें 23 जनवरी तक बिक जाएंगी. 25 जनवरी से यह फिल्म ‘‘टू डी’’ में भी प्रदर्शित होगी.

फिल्म ‘‘पद्मावत’’ के बौक्स औफिस पर सफलता के रिकार्ड बनाने की कई वजहें नजर आ रही हैं. पहली वजह निर्देशक संजय लीला भंसाली है, जिनकी फिल्में बहुत बड़े कैनवास व भव्यता से युक्त होती हैं. दूसरी वजह फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह व शाहिद कपूर जैसे बड़े कलाकार हैं, जिनके अपने प्रशंसक हैं. तीसरी वजह यह है कि पिछले कुछ समय से फिल्म को लेकर जिस तरह से विवाद उठे हुए हैं, उससे दर्शकों में फिल्म को लेकर उत्सुकता काफी बढ़ चुकी है. चौथी वजह यह है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर फिल्म 25 जनवरी को प्रदर्शित होनी है. जबकि 26 जनवरी से 28 जनवरी तक छुट्टियां हैं. इसका फायदा भी ‘पद्मावत’ को मिल सकता है. मगर यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि ‘करणी सेना’ के विरोध के चलते ‘पद्मावत’ का प्रदर्शन कितनी सहजता से हो पाता है और दर्शक खुद को सुरक्षित महसूस कर सिनेमाघर पहुंचता है या नहीं.

औरतों का जोहर की धमकी

कल चित्तौड़ में ‘‘जोहर क्षत्राणी मंच’’,‘‘श्री राजपूत करणी सेना’’ व ‘‘जोहर स्मृति सस्थान’’के बैनर तहत दो सौ से अधिक औरतों ने हाथ में तलवार लेकर ‘स्वाभिमन रैली’ का नाम लेकर जुलूस निकालते हुए ‘पद्मावत’ के प्रदर्शित होने पर जोहर करने की धमकी दी. तथा फिल्म को बैन करने की मांग की. इतना ही नहीं करणी सेना ने 25 जनवरी को भारत बंद का आव्हान भी किया है.

बुढ़ापे में ज्यादा ब्याज के साथ पाइये टैक्स बचत का फायदा, यहां करे निवेश

नियमित इनकम के साथ ही पैसे की सुरक्षा और टैक्स बचत का फायदा उठाना चाहते हैं तो सीनियर सिटिजन स्कीम एक बेहतर विकल्प है. यह स्कीम उन लोगों के बीच काफी पौपुलर है जो लोग उम्र के 60वें पड़ाव को पार कर चुके हैं. रिटायरमेंट के बाद लोग ऐसे निवेश विकल्प की तलाश में रहते हैं जहां वो अपनी जमा पूंजी का निवेश कर सकें. इस उम्र के लोग इक्विटी में अपना पैसा लगाने से बचते हैं क्योंकि इसमें कैपिटल लौस का खतरा रहता है, ऐसे में सीनियर सिटिजन स्कीम एक बेहतर विकल्प माना जाता है.

इस स्कीम में कौन कर सकता है निवेश

इस स्कीम में वो सभी लोग निवेश कर सकते हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष या इससे उपर की है. इतना ही नहीं वो लोग जो 55 वर्ष से 60 वर्ष की अवधि के दौरान वौलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) का चयन करते हैं वो भी इसमें निवेश कर सकते हैं. साथ ही सिविल डिफेंस कर्मचारियों को छोड़कर सेवानिवृत्त रक्षा कर्मी भी उम्र और अन्य शर्तों के आधार पर इसमें निवेश कर सकते हैं. वहीं अप्रवासी भारतीय (NRIs), हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs) इस स्कीम में निवेश के हकदार नहीं होते हैं.

कैसे कर सकते हैं निवेश

60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोग अपने पास के किसी वाणिज्यिक बैंक या फिर पोस्ट औफिस में जाकर अपना इंडिविजुअल या फिर ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं.

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कितनी रकम का कर सकते है निवेश

कोई भी वृद्ध या तो अकेले या फिर संयुक्त रूप से सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में अपना खाता 15 लाख रुपए (अधिकतम) तक देकर खुलवा सकता है. यह राशि न्यूनतम 1000 हजार रुपए है. यह रकम उस राशि से ज्यादा नहीं हो सकती है जो कि वृद्ध व्यक्ति को रिटायरमेंट के दौरान मिलेगी. आयकर विभाग की वेबसाइट में दर्ज नियमों के मुताबिक सीनियर सिटिजन स्कीम में खाता या तो 1 लाख रुपए से कम नकद देकर या फिर चेक के माध्यम से 1 लाख या इससे ज्यादा देकर खुलवाया जा सकता है.

कितने खाते खुलवाए जा सकते हैं

इस स्कीम के तहत खाता खुलवाने की कोई सीमा तय नहीं है. कोई भी कितने भी खातें खुलवा सकता है, लेकिन इसमें यह शर्त लागू होती है कि सभी खातों में जमा कुल राशि निवेश की अधिकतम सीमा को पार नहीं करनी चाहिए.

जरूरी होते हैं ये दस्तावेज

पूरी तरह से भरा गया एक फौर्म जो कि पोस्ट औफिस या फिर बैंक में उपलब्ध होता है.

केवाईसी फौर्म

आवेदनकर्ता की फोटो

आवेदनकर्ता का पैन नंबर

आवास प्रमाणपत्र की कौपी

आयु प्रमाणपत्र

रिटायरमेंट की सूरत में नियोक्ता की ओर से इस संदर्भ में जारी किया गया प्रमाणपत्र

निवेश का सबूत

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में एक बार खाता खुल जाने के बाद बैंक या पोस्ट औफिस की ओर से एक पासबुक दी जाती है, जिसमें खाता खुलने की तारीख, अकाउंट नंबर, जमाकर्ता का नाम, उसकी फोटो ग्राफ, पता और जमा की गई रकम दर्ज होती है. साथ ही इसमें तिमाही आधार पर मिलने वाला ब्याज भी दर्ज होता है.

कितना मिलता है ब्याज

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में सालाना आधार पर 8.5 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है. वित्त मंत्रालय की ओर से हर तिमाही में इसकी समीक्षा भी की जाती है. हालांकि इसमें एफडी पर मिलने वाले चक्रवृद्धि ब्याज की तरह विकल्प नहीं मिलता है.

कितनी अवधि के लिए होता है निवेश

इस बचत योजना की अधिकतम अवधि 5 साल है. हालांकि, परिपक्वता के बाद, कार्यकाल को एक बार 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. इस खाते से समय से पहले निकासी की अनुमति है. लेकिन ऐसा एक वर्ष की अवधि के बाद ही किया जा सकता है.

टैक्स में बचत

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) खाते में निवेश से आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 C के प्रावधानों के अनुसार Tax की बचत होती है. हालांकि आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत इस स्कीम के अंतर्गत कर छूट लाभ प्राप्त करने की अधिकतम सीमा 1.5 लाख प्रति साल है.

पोस्ट औफिस की ये स्कीम आपको देंगी सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज

भविष्य की बुनियादी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लोग बचत के लिए तरह-तरह के निवेश विकल्प का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि लोग आमतौर पर बैंक के सेविंग अकाउंट को ही सुरक्षित और बेहतर मानते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पैसा तो सुरक्षित रहता ही है साथ ही जमा पैसे पर 4 से 6 फीसद का ब्याज भी मिलता है. मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि डाकघर यानी पोस्ट औफिस में भी ऐसी तमाम स्कीम चलती हैं जो बैंक के सेविंग अकाउंट से भी ज्यादा ब्याज देती हैं. हम अपनी इस रिपोर्ट के माध्यम से आपको इनके बारे में ही बताने की कोशिश करेंगे.

डाकघर मासिक बचत आय (Post Office Monthly Income Scheme Account -MIS)

डाकघर की मासिक आय खाता योजना ऐसे निवेशकों के लिए होती है जो एकमुश्त राशि का निवेश कर मासिक आधार पर ब्याज पाना चाहते हैं. यह योजना रिटायर्ड कर्मचारियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद उपयोगी होती है. इस खाते में मेच्योरिटी पीरियड पांच साल होता है. इसमें खाता धारक को जमा पर हर महीने ब्याज मिलता है. मौजूदा समय में इस योजना में 7.50 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है. इसे सिंगल या फिर ज्वाइंट दोनों तरह से खोला जा सकता है, दोनों में ही जमा की सीमा अलग अलग है. जैसा कि सिंगल में अधिकतम निवेश 4.5 लाख है तो ज्वाइंट खाते में आप 9 लाख रुपए तक जमा करा सकते हैं.

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पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)

पीपीएफ अकाउंट वेतनभोगी और व्यापारी वर्ग दोनों के लिए ही होता है. इसमें एक वित्तवर्ष में अधिकतम एक लाख रुपए तक के निवेश पर कर छूट का लाभ मिलता है. इसे या एकमुश्त या फिर 12 किश्तों में जमा किया जा सकता है. यह अकाउंट नाबालिग और बालिग दोनों का हो सकता है. इसका मेच्योरिटी पीरियड 15 साल है. इसमें जमा पर 7.9 फीसद का ब्याज मिलता है.

राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी)

अगर आप सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर रिटर्न भी चाहते हैं तो आपको इसका चयन करना चाहिए. इस योजना को सरकारी कर्मचारी, बिजनेसमैन और कर अदा करने वाले अन्य वेतन भोगियों की जरूरतों को मद्देनजर रखते हुए जारी किया गया है. इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं होती है. राष्ट्रीय बचत पत्र दो तरह के होते हैं पहला है, टाइप-1 (VIII इश्यू) और दूसरा, टाइप-2 (IX इश्यू).

इस पर टीडीएस नहीं कटता है. ट्रस्ट और एचयूएफ इसमें निवेश नहीं कर सकते हैं. इसमें जमा पर 7.9 फीसद की दर से ब्याज मिलता है. इसमें जमा पर आयकर की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है.

पांच वर्षीय डाकघर आवर्ती जमा खाता

यह भी निवेश का एक बेहतर टूल है. इसमें आपका पैसा पांच साल के लिए जमा रहता है. इस खाते में जमा करने पर 7.2 फीसद की दर से ब्याज मिलता है. साथ ही इस बचत योजना में एक साल के बाद 50 फीसदी रकम निकालने की व्यवस्था है. ध्यान दें कि प्रति माह इसमें 10 रुपये का निवेश जरूरी है.

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डाकघर सावधि जमा खाता (Post office fixed deposit account)

डाकघर सावधि जमा खाता भी निवेश का एक बेहतर माध्यम है, जिसमें आपको 6.8 से 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिलता है. यह ब्याज दर आपको पांच वर्षीय खाते पर मिलता है. यह खाता व्यक्तिगत तौर पर खोला जा सकता है. सावधि जमा खाते पर आयकर अधिनियम 80c के तहत आयकर से छूट मिलती है.

वरिष्ठ नागरिक बचत खाता (एससीएसएस)

यह बचत योजना खासतौर पर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए है. ये 60 की उम्र पार कर चुके लोगों के लिए निवेश का शानदार विकल्प है. हालांकि, 55 साल से 60 साल की उम्र के बीच में रिटायर होने वाले या वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वाले व्यक्ति भी रिटायरमेंट के तीन माह पहले यह खाता खोल सकते हैं. एक हजार रुपए से यह खाता खोला जा सकता है. इसमें अधिकतम निवेश की सीमा 15 लाख रुपए है. इस अकाउंट का मेच्योरिटी पीरियड पांच साल है. इस खाते को अपनी पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट के रुप में भी खोला जा सकता है. इस पर 8.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है.

हौलीवुड की राह पर अली फजल, एक बार फिर दिखाएंगे अपना जलवा

बौलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा बौलीवुड से लेकर हौलीवुड तक अपने अभिनय का सिक्का चला चुकी हैं. प्रियंका हौलीवुड प्रोजेक्ट ‘क्वांटिको’ को लेकर वह चर्चा का विषय बनीं रहती हैं. इसी दौरान खबर है कि प्रियंका की तरह बौलीवुड अभिनेता अली फजल भी हौलीवुड में फिर से अपने अभिनय का जलवा बिखेर सकते हैं.

अली ने साल 2008 में निर्देशक जेम्स डौडसन की फिल्म ‘दि अडर एंड औफ दि लाइन’ में एक छोटा सा किरदार निभाया था. अली के साथ-साथ बौलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी हौलीवुड में अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुकी हैं. दीपिका की साल 2017 में हौलीवुड फिल्म ‘ट्रिपल एक्स रिटर्न औफ जेंडर केज’ रिलीज हुई थी.

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अली ने साल 2009 में आई अमेरिकन सीरीज ‘बौलीवुड हीरो’ में मोंटी कपूर का किरदार निभाया था जिसे दर्शकों ने पसंद भी किया था. उसके बाद अली ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ में सफर नाम के एक अरबी युवक का किरदार निभाया था.

अली के साथ हौलीवुड के जाने-माने अभिनेता विन डीजल भी नजर आएं थे. यह फिल्म साल 2015 में रिलीज हुई थी. अली का इस फिल्म में किरदार छोटा था लेकिन अली के अभिनय की तारीफ बौलीवुड में की गई थी. दर्शकों ने उनकी परफार्मेंस को डिलाइटफुल कहा था. अली साल 2017 में आई हौलीवुड फिल्म ‘विक्टोरिया एंड अब्दुल’ में भी अली नजर आ चुके हैं.

सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि, एक बार फिर से अली फजल हौलीवुड की राह पर हैं और जल्द ही फिल्म में नजर आ सकते हैं. कहा जा रहा है कि ‘फास्ट एंड द फ्यूरियस फ्रैंचाइज़’ की अगली सीरीज में अली नजर आ सकते हैं. फास्ट एंड द फ्यूरियस 9 में अली जफर वापसी कर सकते हैं. खबरों की मानें तो हौलीवुड में अली को इसके साथ ही एक बायोपिक के लिए भी साइन किया गया है. खबरों की मानें तो अली को ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ के बाद कई हौलीवुड प्रोजेक्ट के लिए अप्रोज किया गया था.

हर उम्र के लोगों की पहली पसंद है ये जगह, आप भी जाएं

आपका जैसा मूड होता है आप वैसी ही जगह पर घूमना चाहती हैं. जैसे रोमांटिक मूड के साथ आप कपल प्लेस पर घूमना पसंद करती हैं. वहीं शांति और सुकून की तलाश में आप हिल स्टेशन की ओर निकल जाती हैं.

इन सभी बातों से हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी खूबसूरत जगह है, जहां पर हर उम्र के लोगों को बहुत अच्छा लगेगा, बल्कि आप ये भी कह सकती हैं कि ये जगह हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी. इस जगह का नाम है कांगड़ा घाटी. आइए, जानते हैं क्या है यहां खास.

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पैराग्लाइडिंग टेक औफ साइट

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अगर आप एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन हैं, तो आपके लिए कांगड़ा घाटी सबसे बेस्ट प्लेस साबित हो सकती है. आप यहां कई एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा ले सकती हैं.

धार्मिक स्थलों की भरमार

धार्मिक स्थलों की तलाश में रहने वाले लोगों के लिए कांगड़ा एक बेस्ट टूरिस्ट स्पौट है. यहां मां चामुंडा देवी, मां बज्रश्वेरी देवी, मां ज्वालाजी जैसे कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं. यहां कुछ ऐसे मंदिर भी हैं, जो साल के आठ महीने पानी में डूबे रहते हैं. ऐसा यहां स्थित पोंग बांध के कारण होता है, जिसका पानी चढ़ता-उतरता रहता है.

ऐतिहासिक किलों का खजाना

अगर आपको ऐतिहासिक किले व धरोहरे देखने का शौक है, तो कांगड़ा आपकी ये मुरीद भी पूरी करता है. इस शहर से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर नूरपुर का किला, बैजनाथ शिव मंदिर, मसरूर मंदिर और मैक्लोडगंज की चर्च धरोहर जैसे कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं.

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म्यूजियम, नेचर और वाइल्ड लाइफ

धर्मशाला कांगड़ा जिले का मुख्यालय है और आप यहां बना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, सौरभ वन बिहार, कांगड़ा कला संग्रहालय, भागसूनाग वाटर फौल का भी जी भर के मजा उठा सकती हैं.

कैसे पहुंचे

कांगड़ा घाटी के मुख्यालय धर्मशाला तक आने के लिए दिल्ली, पठानकोट व चंडीगढ़ से सीधी बस सेवा उपलब्ध है. इसके अलावा यह घाटी पठानकोट-जोगेंद्रनगर नैरोगेज रेलमार्ग से भी जुड़ी हुई है. इस छोटी ट्रेन का भी पर्यटक आनंद उठा सकते हैं. यहां का ब्राडगेज रेलमार्ग का नजदीकी स्टेशन पठानकोट है. जबकि हवाई सेवा के लिए धर्मशाला से महज 14 किमी की दूरी पर एयरपोर्ट है. यहां से दिल्ली के लिए रोजाना दो हवाई उड़ाने हैं.

घूमने के लिए बेस्ट टाइम : सितम्बर से अप्रैल

कहां ठहरे

यहां बहुत-सी धर्मशालाएं हैं. अगर आपको धर्मशाला में नहीं ठहरना तो आप होटल में भी रूक सकती हैं. कैम्पिंग करने के लिए भी कांगड़ा घाटी सबसे अच्छी जगह है.

उत्तराखंड में मिलेगा गोवा जैसा नजारा, ले सकेंगे फ्लोटिंग हट का मजा

आप हमेशा गोवा ट्रिप कि प्लानिंग करती होंगी औ सोचती होंगी की कब छुट्टियां मिले औऱ आप निकल जाएं एक यादगार सफर पर लेकिन कई बार कई कारणों से आप गोवा नही जा पाती क्योंकि कई बार पैसे तो कई बार वक्त को ध्यान में रखना पड़ता है. यदि आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो हम आपको ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाकर आप गोवा तो नही लेकिन गोवा जैसे दृश्यों का आनंद ले सकती हैं.

अगर आपकी गोवा घूमने की इच्छा अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, तो आप उत्तराखंड में जाकर गोवा जैसे नजारों का मजा ले सकती हैं. उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पर्यटन बढ़ाने के लिए कई सराहनीय कदम उठाए हैं. उत्तराखंड पर्यटन ने पर्यटकों के लिए खास इंतजाम की योजना बनाई है. इसके तहत गोवा के बाद अब टिहरी झील में फ्लोटिंग हट्स को उतारा जाएगा.

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टिहरी झील को पर्यटन की दृष्टि से अलग पहचान दिलाने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. टिहरी जिले के पर्यटन अधिकारी के अनुसार, पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टिहरी झील में गोवा के बाद फ्लोटिंग हट् का एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है. यह नौर्थ इंडिया में पहली बार हो रहा है. इसके तहत अब तक यूपी निर्माण निगम द्वारा 20 हाउस बोट का निर्माण कराया गया है, जिसमें पर्यटकों के रहने सहित खाने-पीने की व्यवस्था होगी. यह सभी हट्स एक हाउस बोट की तरह टिहरी झील में तैरती रहेंगी.

यही नहीं टिहरी बांध की झील व उसके चारों ओर एक किलोमीटर के दायरे को अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने के उद्देश्य से टिहरी झील पर्यटन विकास विशेष क्षेत्र प्राधिकरण का गठन किया गया है. उत्तरकाशी जिले के 21 गांव और टिहरी जिले की पांच तहसीलों के 77 गांव इस प्राधिकरण के दायरे में शामिल किए गए हैं. राज्य सरकार नियमित रूप से टिहरी झील महोत्सव और इसके अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स बोटिंग, मोटर स्कीइंग, राफ्टिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा.

‘स्टूडेंट आफ द ईयर’ में मानुषी छिल्लर होंगी या नहीं, देखें करण का जवाब

फिल्मकार करण जौहर ने गुरुवार को उन अफवाहों का खंडन किया, जिनमें कहा जा रहा है कि मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर को फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द ईयर 2’ में बतौर दूसरी नायिका के तौर पर चुना गया है. एक बुक अवार्डस शो के प्रेस कौंफ्रेंस में करण ने संवाददाताओं से कहा, “इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है.”

मानुषी की उपलब्धियों पर गर्व है- करण

एक बातचीत के दौरान बातचीत में करण जौहर ने बताया, “हमें मानुषी की उपलब्धियों पर गर्व है, जिस शो में वह जीतीं उसकी मैंने मेजबानी की और मैंने उनकी क्षमता देखी. मैं उनसे मिलने के लिए उत्साहित हूं. भारत के लिए खिताब जीतने के बाद से मैंने उनसे मुलाकात नहीं की, लेकिन अभी कुछ भी बातचीत नहीं हुई है.”

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ड्राइवऔर राजीको लेकर उत्साहित हैं करण

फिल्मकार को उनकी किताब ‘एन अनसूटेबल ब्वौय’ के लिए लोकप्रिय च्वायस पुरस्कार की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ लेखक के रूप में सम्मानित किया गया था. यह उनकी बायोग्राफी है. करण ने पुरस्कार जीतने के बाद कहा, “मैं इस बात को लेकर बहुत उत्साहित हूं कि इतने सारे लोग मेरी जिंदगी को लेकर उत्साहित थे.” करण जौहर आगामी प्रोडक्शन की फिल्म ‘ड्राइव’ और ‘राजी’ को लेकर उत्साहित हैं.

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बौलीवुड में आना चाहती हैं मानुषी छिल्लर

गौरतलब है कि ‘मिस वर्ल्ड 2017’ का खिताब जीतने वाली मानुषी छिल्लर ने हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि अगर उन्हें अच्छा अवसर मिला तो वह बौलीवुड में आने के लिए भी तैयार हैं. इसका मतलब साफ है कि बौलीवुड में आने का सपना मानुषी का मिस वर्ल्ड बनने से पहले से ही था. तो अब देखना यह होगा कि मानुषी बौलीवुड में कब एंट्री करती हैं.

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पेरैंटिंग के बारे में बता रही हैं फराह खान

लोग तो 1 बच्चा संभाल नहीं पाते आप 3 को कैसे संभालती हैं?

पुराने दिन याद न दिलाओ तो अच्छा ही है. मैं ने तीनों को संभालने के लिए रातें जागजाग कर बिताई हैं. जब बेटे को चुप कराती थी तो बेटी शुरू हो जाती थी. जब ये दोनों सो जाते थे तो दूसरी बेटी रोना शुरू कर देती थी.

इतनी व्यस्त रहने के बाद भी बच्चों को समय दे पाती हैं?

कोशिश करती हूं कि काम के साथसाथ उन्हें भी समय दे सकूं. जब तीनों छोटे थे तो मैं चुपचाप घर से निकल जाती थी, लेकिन अब जैसे ही मैं ड्रैसिंगटेबल के सामने खड़ी होती हूं तो तीनों एकसाथ पूछते हैं कि कहां जा रही हैं? कब आएंगी?

क्या ऐसा होता है कि एक रोता है तो उस का जुड़वां भी रोता है?

ऐसा फिल्मों में होता है. मेरे तीनों बच्चों के चेहरे और स्वभाव अलगअलग हैं. बेटा शांत स्वभाव का है तो छोटी बेटी बड़ी बातूनी है और बड़ी को सब से मतलब रहता है, वह मेरी क्लास लेती रहती है.

तीनों में छोटेबड़े का निर्धारण कैसे किया?

तीनों में 1-1 मिनट का अंतर है. जिस का जन्म सब से पहले हुआ वह बड़ा हो गया और जो सब से बाद में वह सब से छोटा. उन तीनों में भी छोटेबड़े को ले कर लड़ाई होती रहती है.

शिरीष से मिलने के बाद सब से बड़ी उपलब्धि?

शादी के पहले इतनी मोटी नहीं थी. अब ज्यादा हो गई हूं. मेरे बच्चे मेरी सब से बड़ी उपलब्धि हैं, क्योंकि ये बिना शादी के तो मिल नहीं सकते थे.

इतने सारे कामों के लिए ऐनर्जी कहां से लाती हैं?

मत पूछो. पहले तो खाने से लाती थी और अब आप लोगों के प्यार से. मैं खाने की बहुत शौकीन हूं. कुछ दिनों पहले तक तो मैं जब भी शूटिंग पर आती थी, तो मेरे साथ चलतीफिरती किचन जैसा खाने का टिफिन होता था. उस में इतना खाना होता था कि कई लोग मेरे साथ खाते थे. लेकिन आजकल मैं नौनग्लूटामेट मील ले रही हूं, क्योंकि बढ़ते वजन को रोकना जरूरी है.

बिंदास बोल

52 बसंत देख चुकी फराह खान हनी ईरानी की भतीजी और निर्देशक साजिद खान की बहन हैं. फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ से एक कोरियोग्राफर के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाली फराह खान अपने बिंदास अंदाज के लिए बौलीवुड में बहुत फेमस हैं.

सलामत रहे दोस्ताना हमारा

जब फराह ने फिल्म ‘मैं हूं ना’ बनाई थी तभी उन की शाहरुख के साथ दोस्ती हुई थी. इस के बाद बौलीवुड में दोनों की दोस्ती की मिसालें दी जाने लगीं. लेकिन संजय दत्त की पार्टी में शाहरुख द्वारा उन के पति शिरीष की पिटाई के बाद इस दोस्ती में दरार आ गई लेकिन अब फराह कहती हैं कि उन दोनों के बीच की गलतफहमियां दूर हो गई हैं और वे आज भी अच्छे दोस्त हैं.

न उम्र की सीमा हो

फराह और शिरीष की लव स्टोरी किसी फिल्म से कम नहीं है. फराह मुसलिम है और शिरीष हिंदू. दोनों की उम्र में भी काफी अंतर है. लेकिन प्यार उम्र और धर्म नहीं देखता. ये दोनों जब मिले थे तब इन्हें देख कर कोई नहीं कह सकता था कि ये कभी एकदूसरे की जिंदगी के पार्टनर बन जाएंगे. फिल्म ‘मै हूं ना’ के सैट पर दोनों को झगड़ते देख लोगों को तो यह भी विश्वास न था कि ये दोस्त भी बनेंगे. लेकिन शिरीष ने फराह को प्रपोज किया. उस समय फराह 32 साल की थीं और शिरीष 25 साल के. इस के बाद दोनों ने 2004 में शादी कर ली. 2008 में फराह को एकसाथ तीन बच्चे हुए.

कैरियर

5 बार सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम कर चुकीं फराह  की निर्देशक के तौर पर पहली फिल्म ‘मैं हूं ना’  बौक्स आफिस पर सुपरहिट रही. उन की दूसरी फिल्म ‘ओम शांति ओम’ ने अपनी रिलीज के दौरान सब से ज्यादा कमाई की और फिल्म देश के साथसाथ विदेशों में भी खूब सराही गई. कुछ फ्लौप फिल्मों के बाद फिल्म ‘हैप्पी न्यू ईयर’ बड़ी हिट साबित हुई जोकि एक लंबी स्टारकास्ट वाली फिल्म थी और एक बार फिर फिल्म के मुख्य अभिनेता शाहरुख खान ही थे. एमटीवी वीडियो म्यूजिक अवार्ड्स के लिए फराह ने कोलंबियन पौप स्टार शकीरा के गाने ‘हिप्स डोंट लाई’ के बौलीवुड वर्जन के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया. उन्होंने फिल्म ‘ब्लू’ के ‘चिगीविगी…’ गाने के लिए काइली मिनोग को भी कोरियोग्राफ किया.

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