यह औप्शन एफडी से है बेहतर, करना होगा एक साल से ज्यादा के लिये निवेश

ब्याज दरों में जारी गिरावट के बीच अगर आप बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करने की सोच रही हैं तो बाजार में फिक्स्ड डिपौजिट से भी कुछ बेहतर विकल्प मौजूद हैं. हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको एक ऐसे निवेश विकल्प के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आप बैंक की फिक्स्ड डिपौजिट से बेहतर रिटर्न पा सकती हैं.

एफडी नहीं तो कहां करें निवेश

अगर आप एक से दो साल के लिए निवेश की योजना बना रही हैं लेकिन आप एफडी में निवेश नहीं करना चाहती हैं तो आर्बिट्राज फंड्स आपके लिए एक बेहतर औप्शन हो सकता हैं. इसकी सबसे बेहतर बात यह होती है कि इसमें मूल धन के डूब जाने का डर नहीं होता है.

क्या होते हैं आर्बिट्राज फंड?

आर्बिट्राज फंड स्पौट यानी कैश और फ्यूचर्स मार्केट्स के बीच के प्राइस डिफरेंस का फायदा उठाते हुए प्रौफिट जनरेट करते हैं. वे मार्केट्स के किसी दिशा में जाने या किसी सेक्टर या शेयर की भविष्य की चाल पर दांव नहीं लगाते हैं. ऐसे में निवेशकों के लिए आर्बिट्राज फंड्स टैक्स फ्री बौन्ड्स का विकल्प साबित हो सकते हैं. आर्बिट्राज फंड मोटे तौर पर डेट इन्वेस्टमेंट की तरह होते हैं यानी ऐसे निवेशकों के लिए होते हैं, जो कम से कम जोखिम लेना चाहते हैं.

फायदे एवं जोखिम

तमाम वित्तीय विकल्पों की तरह आर्बिट्राज फंड्स में भी थोड़ा बहुत जोखिम होता है. हालांकि यह अन्य विकल्पों की तुलना में थोड़ा कम होता है. आर्बिट्राज फंड पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री होता है और इसकी यही खूबी इसे परंपरागत डेट इन्वेस्टमेट से बेहतर बनाती है. इस निवेश विकल्प की सबसे बड़ी खामी यह होती है कि इसमें मिलने वाला रिटर्न फिक्स नहीं होता है क्योंकि यह आर्बिट्राज के उपलब्ध अवसरों पर निर्भर करता है.

एक्सपर्ट्स की राय

एक्सपर्ट बताते हैं अगर आप एक साल से ऊपर के लिए निवेश कर रहे हैं तो आपके लिए यह फायदे का सौदा साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें एक साल से ऊपर के निवेश पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री होता है और अगर आप अपना निवेश एक साल से कम के लिए बरकरार रखते हैं तो आपको इस पर मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स देना होगा. आम तौर पर इस पर 6 से 7 फीसद तक का ब्याज मिल जाता है. आप इसमें अपना निवेश 5 साल तक के लिए भी रख सकते हैं.

तैमूर संग दिखे मामा रणबीर कपूर, क्या आपने देखी ये प्यारी सी तस्वीर

क्रिसमस-डे के मौके पर बौलीवुड में खूब रौनक देखने को मिली. जी हां, 20 दिसंबर को बौलीवुड स्टार करीना कपूर खान और सैफ अली खान खान के ‘नन्हे नवाब’ तैमूर अली खान का धूमधाम से जन्मदिन मनाया गया था. इस दौरान तैमूर की खूब सारी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. वहीं क्रिसमस के मौके पर तैमूर अली खान की कुछ और भी क्यूट तस्वीरें इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर शेयर की जा रही हैं.

एक तस्वीर में तैमूर अपने मामू रणबीर कपूर के साथ दिखाई दे रहे हैं. तस्वीर में रणबीर ने तैमूर को गोदी में पकड़ा हुआ है. तैमूर कैमरा को देख कर लुक दे रहे हैं वहीं रणबीर अपने ध्यान में ही हैं. ये तस्वीर रणबीर की मौम यानी नीतू कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है. इसके अलावा करिश्मा कपूर ने तैमूर एंड फैमिली की कई तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं. फोटो में करीना-सैफ, तैमूर, बबीता और रणधीर कपूर, करिश्मा और उनके दोनों बच्चे नजर आ रहे हैं.

एक तस्वीर में कपूर खानदान के सारे बच्चे नजर आ रहे हैं. रणबीर कपूर के साथ करीना, तैमूर, करिश्मा भी दिखाई दे रहे हैं. वहीं इस दौरान तैमूर का एक वीडियो भी बनाया गया है. वीडियो में सारे मिल कर तैमूर को गौगल्स पहना रहे हैं. वहीं तैमूर भी बिना इरिटेट हुए गौगल्स सबको पहन कर दिखाते हैं और क्यूट स्माइल करते हैं.

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सर्दियों में अगर रोज खाएंगी संतरे, तो आपको होंगे ये फायदे

सर्दियों के मौसम में आपको अपना खास खयाल रखने की जरूरत होती है. इस मौसम में की जाने वाली जरा सी लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है. ऐसे में तमाम बीमारियों वाले इस मौसम में अगर बीमार होने से बचना है तो हर रोज संतरा खाने की आदत डाल लें. संतरे में बीटा-कैरोटिन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो शरीर की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने में सहायक है. यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाता है. संतरा ही नहीं बल्कि इसके छिलके भी गजब के औषधीय गुणों से युक्त होते हैं. स्किन से संबंधित तमाम परेशानियों से निपटने में भी यह हमारी काफी मदद करते हैं.

आइये जानते हैं सर्दियों में संतरे खाने के और क्या-क्या फायदे हैं.

फाइबर

सर्दी के मौसम में संतरा खाना हमारे सेहत के लिए फायदेमंद है. इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है. यह आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज से भी राहत दिलाता है. यह कौलेस्ट्रौल को कम रखने में भी काफी मददगार साबित हो सकता है. इसी के साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है.

कैल्शियम से भरपूर

संतरे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत रखने का काम करता है. दांतों की अच्छी सेहत के लिए और स्वस्थ शरीर के लिए हर रोज संतरे का सेवन फायदेमंद होता है.

मजबूत इम्यूनिटी के लिए

संतरे में विटामिन सी पाया जाता है. विटामिन सी हमारे शरीर में श्वेत कोशिकाओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है. इससे हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र दुरुस्त होता है. ऐसे में रोज संतरे का सेवन करने से आप कई तरह के वायरल संक्रमण से बच सकती हैं और सर्द हवाओं में भी अच्छी सेहत पा सकती हैं.

किडनी के लिए

रोजाना संतरे का सेवन आपको स्वस्थ शरीर देने के साथ ही साथ यह आपके किडनी में पथरी की आशंका को खत्म करने में सहायक है. रोज संतरा खाने से किडनी स्टोन्स का खतरा भी काफी हद तक कम होता है.

सर्दियों में आपको स्टाइलिश लुक देंगे ये शानदार ओवरकोट

सर्दियों में अक्सर ही लड़कियां इस बात की चिंता करती हुई दिखाई देती हैं कि वो अपनी ड्रेस के साथ ऐसा क्या पहने जो उन्हें एकदम परफेक्ट लुक दें. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे स्टाइलिश जैकेट के बारें में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप बेहद ही स्टाइलिश दिख सकती हैं.

कुछ लड़कियां शार्ट जैकेट पहनना पसंद करती हैं तो वहीं कुछ को ओवरकोट ज्यादा पसंद आता है.

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आप इसे किसी भी ड्रेस के साथ मैच कर पहन सकती हैं. मार्केट में आपको इस तरह के जैकेट के तरह तरह के रंग और रेंज के मिल जाएंगे. ये न केवल आपको स्टाइलिश लुक देगा बल्कि आपको सर्दी से भी बचाएगा.

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लाल रंग का ओवरकोट आप किसी भी ड्रेस के साथ या फिर जींस के साथ भी पहन सकती हैं यह आपके लुक में बदलाव कर सकती है. ओवरकोट के रंग का चुनाव अपनी स्किन टोन के हिसाब से करें तो वो आप पर ज्यादा अच्छा लगेगा.

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जहां एक ओर प्लेन ओवरकोट ट्रेंड में है तो वहीं दूसरी तरफ चेक डिजाइन में आने वाले ओवरकोट भी खासा पसंद किये जा रहे हैं. आप इसे जम्पसूट के साथ पहन सकती हैं. यह आपको बेहद ही आकर्षक लुक देता है. आप इस तरह के लुक के साथ हाई बन (जूड़ा) बना सकती हैं.

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सर्दियों में अगर आप स्टाइल को लेकर कंफ्यूज हैं तो डेनिम जींस के साथ सफेद रंग का टौप और उसके साथ हल्के गुलाबी रंग का ओवरकोट पहन सकती है. यह लुक हर किसी के ऊपर सूट करेगा. हालांकि इस ड्रेस के साथ आप शौर्ट जैकेट भी पहन सकती हैं.

आप किसी भी पार्टी में ग्लैमरस लुक पाने के लिए ओवरकोट को शौर्ट ड्रेस के साथ पहन सकती हैं. इसके अलावा यह क्राप टौप के साथ भी आपको एक अलग और बेहतरीन लुक देता है.

किसी भी महिला को मां बनने के बाद काम नहीं छोड़ना चाहिए : रानी मुखर्जी

फिल्म ‘मर्दानी’ के बाद 3 साल बौलीवुड से दूर रहकर अभिनेत्री रानी मुखर्जी बेटी अदिरा की मां बनी और अब एक बार फिर से वह फिल्म ‘हिचकी’ में काम कर अभिनय क्षेत्र से जुड़ रही हैं. उनके हिसाब से अभिनय उनके रग-रग में बसा हुआ है. ऐसे में वह इससे ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह सकतीं, लेकिन वे वही फिल्म करेंगी, जो उन्हें उत्साहित करें. रानी का कहना है कि वह सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय नहीं है, लेकिन आगे चलकर इससे जुड़ेंगी. वह इस माध्यम को आज की जरुरत मानती हैं, क्योंकि ये हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का मौका देता है. काम के साथ-साथ वह परिवार की भी देखभाल पूरी जिम्मेदारी के साथ करती हैं.

रानी ने हमेशा अलग- अलग फिल्मों में स्ट्रोंग भूमिका निभाई है और हर किरदार के साथ उन्होंने न्याय किया है, ऐसे में टूरेट सिंड्रोम पर आधारित इस फिल्म में काम करने की वजह वह बताती हैं कि इस फिल्म का औफर मुझे प्रेग्नेंसी के दौरान मिला था और मुझे ये विषय बहुत पसंद आया था, क्योंकि मैं भी इस समस्या से गुजर चुकी हूं. असल में ये समस्या बच्चों में बचपन से होती है और कई बार माता-पिता जानकर भी इसे समझना नहीं चाहते, वे ‘शाय फील’ करते हैं. खासकर हमारे यहां के माता-पिता तो ऐसी समस्या को समझ ही नहीं पाते. उन्हें लगता है कि बड़े होने पर ये ठीक हो जायेगा. जबकि ये उस बच्चे और उनके माता-पिता के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है. ये सिंड्रोम बच्चे के बड़े होने के साथ-साथ बढती जाती है. इसे आप रोक नहीं सकते, ये अनायास ही होता रहता है. बड़े होने पर ऐसे बच्चों में हीन भावना आ जाती है. इसकी कहानी मुझसे भी जुड़ी है. मुझे भी बचपन से हकलाने की समस्या थी, इतना ही नहीं मेरी मां भी हकलाती हैं. मेरे बड़े भाई राजा तो अब और अधिक हकलाने लगे हैं. मैंने इस सिंड्रोम को काफी सुधारा है, क्योंकि मैं एक अभिनेत्री हूं. मुझे बहुत सारे संवाद इमोशन के साथ बोलने पड़ते हैं. मुझे इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी है.

रानी आगे कहती है कि मेरी मां शादी के बाद जब पिता के साथ मुंबई आई थीं तो हकलाने की वजह से वह किसी पार्टी में बात नहीं करती थीं. वह एक सिंगर भी हैं, लेकिन जब वह गाना गाती थीं तो ये समस्या उन्हें नहीं होती थी. ये सही है कि ऐसी समस्या से निकलना आसान नहीं होता, ऐसे में माता-पिता अगर इस समस्या को समझे और उसका इलाज करवाएं तो बच्चों का भविष्य अच्छा बन सकेगा.

रानी ने कई रोमांटिक फिल्में की हैं और पर्दे पर ही नहीं रियल लाइफ में भी आदित्य चोपड़ा के साथ रोमांस करना पसंद करती हैं. वह कहती हैं कि रोमांस के बिना जिंदगी अधूरी है और मैं हमेशा ही पर्दे और रियल लाइफ में रोमांस करती रहूंगी. यंग एक्टर के साथ रोमांस करने में भी मुझे कोई परहेज नहीं है. ये जरुरी नहीं कि मेरी शादी हो गई या मैं मां बन गयी हूं तो वैसी फिल्में नहीं मिलेगी. आज इंडस्ट्री और दर्शकों की मानसिकता दोनों ही बदल चुकी है. आज हर तरह की फिल्में बन रही है.

रानी अपनी बेटी अदिरा को हमेशा फिल्मी माहौल से दूर रखकर पालन पोषण करना चाहती हैं इसकी वजह पूछे जाने पर वह हंसती हुई कहती हैं कि मेरे पति प्राइवेट पर्सन है और हम दोनों ने यह फैसला लिया है कि उसे आम बच्चे की तरह पाला जाए, जिससे वह एक आम लड़की की तरह बड़ी हो. अधिक देखभाल से बच्चे की सही परवरिश नहीं हो पाती. वे अपने आप को स्पेशल समझने लगते हैं और वह हम दोनों ही नहीं चाहते. ऐसा करना मुश्किल है, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं.

रानी मुखर्जी काम के साथ अपने परिवार और दो साल की बेटी अदिरा की पूरी तरह से देखभाल करती हैं. वे इसके लिए निर्देशक निर्माता से चर्चा कर अपने शूटिंग का समय निर्धारित करती हैं. वह बताती हैं कि मैं शुरू से ही घरेलू विचार रखती हूं. मां बनना मेरे लिए बहुत ही सुखद अनुभव था, जिसे मैं एन्जाय कर रही हूं. मेरे पति भी इस क्षेत्र से होने की वजह से बच्चे की परवरिश में हाथ बटाते हैं. असल में जब कोई महिला मां बनती है, तो उसकी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है, लेकिन महिला इसे हैंडल करना भी जानती है. मेरे हिसाब से किसी भी महिला को मां बनने के बाद काम को नहीं छोड़ना चाहिए.

जरा अलग है यह चाय

सुबह उठते ही हर घर में रोज चाय का सेवन किया जाता है. कई लोग तो दिन में न जाने कितने कप चाय पी जाते हैं, जिस से चीनी व कैफीन की मात्रा शरीर में बढ़ने से छोटीछोटी व्याधियों से ग्रस्त होने लगते हैं. मगर थोड़ा सा फेरबदल कर के इस चाय की प्याली को सेहत वाली प्याली बना सकते हैं और कितनी ही छोटीछोटी व्याधियों से अपने को दूर रख सकते हैं बशर्ते इस सेहत वाली चाय का सेवन कम से कम 2-3 महीनों तक लगातार किया जाए.

रिफ्रैशिंग मिंट टी: 2 कप पानी उबाल कर उस में 1/2 कप ताजा पुदीनापत्ती डालें. आंच बंद करें. 3-4 मिनट ढक कर रखें. फिर छान कर पीएं.

लाभ: इस का सेवन बुखार को कम करता है, पाचनतंत्र में सुधार लाता है, उलटियां या जी मिचलाने जैसी परेशानियों को रोकता है. इम्यून सिस्टम बूस्ट करता है, स्वास्थ्य में सुधार लाता है, भूख को कम कर के वजन कम करता है, सांस की दुर्गंध रोकता है, स्ट्रैस लैवल को कम करता है.

कैमोमाइल टी: 1 कप पानी उबाल कर उस में कैमोमाइल की सूखी पत्तियां डाल कर ढक दें. 5 मिनट बाद छान कर इच्छानुसार शहद डाल कर सेवन करें.

लाभ: इस चाय का सेवन नर्व सिस्टम को रिलीफ देता है, जिस से नींद अच्छी आती है. डायबिटीज में इस का सेवन बहुत लाभकारी है. शरीर में कहीं घाव या कट हो तो इस चाय के सेवन से जल्दी ठीक हो जाता है. इस का सेवन शरीर से कैंसर सैल्स को घटाता है. अत: कैंसर रोकने में भी यह सहायक है. त्वचा के लिए भी इस का सेवन लाभदायक है. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी सहयोगी है.

हिबिस्कस (गुड़हल के फूल) टी: 4 कप पानी, 1/4 कप सूखे गुड़हल के फूल की पत्तियां. थोड़ी सी पुदीनापत्ती. सौस पैन में पानी गरम कर फूल की पत्तियां डालें और आंच बंद 2 मिनट ढक कर रखें. फिर छान कर स्वादानुसार शहद मिला कर सेवन करें.

लाभ: इस का सेवन कोलैस्ट्रौल को कम करता है. डायबिटीज में लाभदायक है. हाई ब्लडप्रैशर को कम करता है. ऐंटीऔक्सीडैंट से भरपूर होने के कारण ऐंटी कैंसर है. इस का सेवन डिप्रैशन दूर करता है, वजन नियंत्रित करता है, इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है. यह चाय विटामिन ए व सी से भरपूर होने के कारण त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे ऐक्ने, सनबर्न, ऐक्जिमा और स्किन ऐलर्जी से बचाव करती है.

लीफ टी: 1 कप पानी में 1 छोटा चम्मच तेजपत्ते की सूखी पत्तियों का दरदरा चूर्ण डालें. जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तो इस में स्वादानुसार चीनी व दूध मिलाएं. छान कर गरम ही सेवन करें. इस चाय का सेवन करने के बाद खुली हवा में न जाएं. जुकाम की शिकायत होने पर इस चाय का सेवन बहुत लाभदायक है.

लैमन जिंजर टी: 6 कप पानी, 2 इंच का टुकड़ा अदरक का, 8 नीबू की स्ट्रिप्स, चीनी या शहद इच्छानुसार.

विधि: एक सौस पैन में पानी उबलने रखें. अदरक के टुकड़े व नीबू की स्ट्रिप्स डालें. धीमी आंच पर 10 मिनट उबालें. फिर छान कर तुरंत सर्व करें.

लाभ: इस चाय का सेवन डायबिटीज से छुटकारा दिलाता है. फ्लू व कोल्ड को रोकता है. बालों को मजबूती व सौंदर्य देता है. त्वचा में निखार लाता है. अपच की समस्या दूर करता है. सिर दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाता है.

क्यूमिन सीड (जीरा) टी: 1 कप पानी में 1 छोटा चम्मच जीरा डाल कर धीमी आंच पर 10 सैकंड उबालें. फिर 5 मिनट ढक कर रखें. छान कर गरमगरम ही सेवन करें.

लाभ: सुबह खाली पेट इस जीरा चाय का सेवन करने से वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है. कोलैस्ट्रौल लैवल को इंप्रूव करता है, मैटाबोलिज्म को बढ़ाता है. पाचनतंत्र की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करता है.

रोज पैटल टी: 1 ताजे गुलाब की पत्तियां, 2 कप पानी, शहद इच्छानुसार. सौस पैन में पानी उबलने रखें. ताजे गुलाब की पत्तियां डाल कर 5 मिनट उबालें. छान कर इच्छानुसार शहद मिला कर सेवन करें.

लाभ: इस चाय के सेवन से इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है. डाइजैस्ट सिस्टम में सुधार होता है. वजन नियंत्रित रहता है. त्वचा व बालों के लिए भी लाभदायक है.

मेथी की चाय: 1 चम्मच भुनी दरदरी मेथी, 2 कप पानी डाल कर धीमी आंच पर पकाएं. जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तो उतार कर छान कर 1/2 नीबू का रस डालें. इच्छानुसार शहद डाल कर सेवन करें.

लाभ: सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द में इस का सेवन लाभदायक है. 1-2 महीने तक नियमित सेवन करने से गठिया व जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है. जोड़ों की जकड़न में भी लाभदायक है. कमर दर्द में भी इस का सेवन लाभकारी है.

संविदा नियुक्ति : अपनों को रेवड़ी बांटने का अनैतिक तरीका

मध्य प्रदेश में संविदा नियुक्ति नियम 2017 के वजूद में आते ही उन हजारोंलाखों लोगों की बांछें खिल गईं जो भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं. इस नियम के तहत सरकार जिसे चाहे संविदा पर सरकारी नौकरी दे सकती है. नियम को बनाने और लागू करने में सरकार ने गजब की फुरती दिखाई और महज एक महीने के गहन चिंतन के बाद ही इसे अमलीजामा पहना दिया.

यह पहला मौका होगा जब गैर सरकारी लोग बगैर किसी प्रवेशपरीक्षा या योग्यता के सरकारी नौकरी के पात्र होंगे.  इस अनूठे नियम में हैरानी की एक बात यह भी है कि इस में शैक्षणिक योग्यता का जिक्र  नहीं है  यानी इकलौती योग्यता किसी मंत्री का मुंहलगा होना होगा. ऐसी और भी कई विसंगतियां इस नियम में हैं जो सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाती हैं. नए नियम का मसौदा इतनी चतुराई से बनाया गया है कि सरकार जिसे चाहे, सरकारी नौकरी दे कर उपकृत कर सकती है.

यह है नियम

सरकार ने पूरी कोशिश की है कि संविदा नियुक्ति नियम देखने में आसान न लगें, पर बारीकी से इसे देखें तो साफ नजर आता है कि इस नियम की आड़ में कानूनीतौर पर मनमानी करने को मंजूरी दे दी गई है.

अभी तक राज्य में संविदा नियुक्ति का कोई नियम नहीं था. हालांकि, सामान्य प्रशासन विभाग ने साल 2011 में कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे पर वे इतने अस्पष्ट थे कि हर एक सरकारी विभाग ने अपनी सहूलियतों व जरूरतों के मुताबिक भरती नियम बना लिए थे, जिस का खमियाजा सरकार अभी तक भुगत रही है. ये संविदा कर्मचारी कभी भी नियमतीकरण के अलावा अन्य मांगों को ले कर सड़कों पर हड़ताल, धरनाप्रदर्शन व हंगामा करते नजर आते हैं जिस से कामकाज ठप ही होता है.

सरकार ने अब तय किया है कि आम लोगों को भी यह मौका दिया जाए.  निचले से ले कर ऊपरी रसूखदार पदों तक सरकार हर किसी को नौकरी देगी.  बिलकुल राजशाही न दिखे, इस के लिए मामूली सी शर्त यह होगी कि जिस पद पर उसे नियुक्ति देना है, उसे पहले संविदा पद घोषित किया जाएगा. प्राप्त आवेदनों पर मंत्रिमंडल फैसला लेगा कि नौकरी किसे दी जाए.

सितंबर के आखिर में इस नियम के वजूद में आने के बाद से ही मंत्रियों के बंगलों पर चहलपहल व रौनक और बढ़ गई है. हर कोई चाहता है कि अगले साल चुनाव के पहले उसे संविदा वाली नौकरी मिल जाए. इस के बाद जो होगा, देखा जाएगा. मंत्रियों ने भी बाकायदा वफादारों को भरोसा देना शुरू कर दिया है कि चिंता मत करो, अगली कैबिनेट बैठक में ही काम हो जाएगा. दिलचस्प हालत तो यह है कि सरकारी नौकरी चाहने वाले लोग खुद ही खाली पदों की जानकारी ले जा कर मंत्रियों को दे रहे हैं.

गौरतलब है कि सरकार संविदा नियुक्ति तभी देगी जब नियमित पद खाली हों और उन के लिए काबिल उम्मीदवार न मिल रहे हों. हर एक विभाग में छोटे से ले कर बडे़ पद लाखों की तादाद में खाली पड़े हैं. बावजूद इस के कि इन के लिए शिक्षित और काबिल लोगों की कमी नहीं, सीधी भरती के बंद होेने और पदोन्नति में आरक्षण का कानूनी विवाद होने के चलते भरतियां नहीं हो रही हैं.

ऐसे में उन लोगों की चांदी हो आना तय दिख रहा है जो मंत्रियों, भाजपा के बड़े नेताओं और आरएसएस के चहेते हैं.  वे आकाओं के लिए मुद्दत से फर्श उठाने से ले कर रैलियों की भीड़ बढ़ाने तक में अपना योगदान देते रहे हैं. नए नियम के तहत, न केवल सरकारी विभाग बल्कि मुख्यमंत्री और मंत्री भी अपने स्टाफ में बाहरी लोगों को रख सकेंगे. अभी तक होता यह था कि मंत्रियों के स्टाफ में प्रतिनियुक्ति पर सरकारी कर्मचारीअधिकारी के लिए जाने का ही प्रावधान था. वह अब इस फैसले से खत्म हो गया है.

खामियां ही खामियां

हैरानी नहीं होनी चाहिए अगर जल्द ही कोई चाय, ठेला या खोमचा वाला खाद्य निरीक्षक या अधिकारी बन जाए या फिर शराब की दुकान में काम करने वाला कर्मचारी आबकारी निरीक्षक के पद पर शोभायमान दिखे. ऐसा इसलिए कि मसौदे में कहीं इस बात का जिक्र नहीं है कि उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और उम्र कितनी होनी चाहिए.

खुद को पाकसाफ दिखाने के लिए सरकार ने यह जरूर कहा है कि इन गैरसरकारी संविदा पर नौकरी वालों को महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा और उन्हें पद का न्यूनतम वेतन ही दिया जाएगा लेकिन इन्हें अवकाश सरकारी कर्मचारियों की तरह ही दिए जाएंगे.  अगर महिला की भरती होती है तो उसे मातृत्व अवकाश दिया जाएगा. यानी कोई महिला भरती होने के बाद चौथे महीने में ही गर्भवती हो जाती है तो उसे सालभर का वेतन बैठेबिठाए दिया जाएगा.

सरकारी नौकरी हर किसी की ख्वाहिश होती है. वजह, इस में काम कम और दाम ज्यादा होते हैं. ऐसा कोई सरकारी पद नहीं है जिस में घूस खाने के इंतजाम न हों. ऐसे में न्यूनतम वेतन की बात बेमानी है. उलटे, घूसखोरी बढ़ने की आशंका ज्यादा है. जो भी सिफारिश से या घूस दे कर आएगा, उस का पहला काम और कोशिश ज्यादा से ज्यादा पैसा बना लेने की होगी. सरकार ने इन लोगों की जवाबदेही भी तय नहीं की है, न ही यह कहा है कि अच्छा प्रदर्शन न करने पर इन्हें सेवा से हटाया जा सकता है.

जाहिर है यह सिर्फ अपनों को रेवडि़यां बांटने की कवायद है जिस में मंत्रियों को तो खुली छूट दे दी गई है कि वे जिसे चाहें, नौकरी पर रख लें. ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के सपने अंगड़ाई ले रहे हैं जो बात कतई हैरानी की नहीं.

रेवड़ियां ही रेवड़ियां

अब होगा यह कि ये नए सरकारी दामाद जम कर पैसा काटेंगे. किसी का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा कि इस नए नियम में आरक्षण का जिक्र भी कहीं नहीं है. मुमकिन है तमाम कर्मचारी अनारक्षित कोटे के हों.  आरक्षण पर हायहाय करने वाले भी इस में कुछ नहीं कर पाएंगे.  एक तरह से यह दलितों और आदिवासियों की अनदेखी ही है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृहनगर विदिशा के भाजपा कार्यकर्ता तो इस फैसले से कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं उन्होंने फिर गणेश परिक्रमा शुरू कर दी है. ऐसे ही एक कार्यकर्ता ने इस प्रतिनिनिधि को बताया कि उस की नौकरी तो पक्की है. 40 वर्षीय यह कार्यकर्ता बचपन से भाजपा में है और सीएम हाउस में उस की खासी पूछपरख है. अब इसे और ऐसे लोगों को अगर नौकरी मिली, तो तय है कि यह जनता के पैसे की खुली बरबादी होगी जो भाजपा के प्रचारप्रसार के एवज में बांटी जाएगी.

इन रसूखदार सरकारी नौकरों पर विभाग के अफसरों का हुक्म और हिदायतें चलेंगी, ऐसा लग नहीं रहा.  सरकार ने जानबूझ कर इस बात का भी उल्लेख नहीं किया है कि राजनीतिक दलों और विचारधाराओं से जुड़े लोगों को संविदा वाली नौकरी नहीं दी जाएगी जिस से संदेशा यह जा रहा है कि ये नौकरियां उन्हीं लोगों को दी जाएंगी जो सत्तारूढ़ दल और आरएसएस जैसी किसी विशेष विचारधारा से जुड़े हैं.

शुरुआती दौर में ही हर कोई मानने लगा है कि यह नियम अपनों को उपकृत करने के लिए बनाया गया है जिस से चुनाव में भाजपा को फायदा हो. अभी तक सरकारी अधिकारी जिस दल की विचारधारा से सहमत होते थे, उसे खुल कर बयां नहीं करते थे, पर अब साफ दिख रहा है कि सरकारी दफ्तर राजनीति के अड्डे बन जाएंगे जिन में सरकारी नौकर बनने वाले नेता जनता के पैसे पर पलेंगे. 10-15 फीसदी अगर ईमानदारी से ले भी लिए गए तो उन से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.

बेहतर तो यह होता कि सरकार कौर्पोरेट और प्राइवेट कंपनियों से कर्मचारियों की भरती करती जो कड़ी मेहनत करते हैं और घूस वगैरा भी नहीं लेते. इन लोगों को अपने काम का अच्छा अनुभव होता है. पर सरकार की मंशा सिर्फ रेवडि़यां बांटने की ही है, तो कोई क्या कर लेगा.

सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी का नाम न छापने की शर्त पर कहना है कि बात, ‘अभी गांव बसा नहीं कि भिखारी पहले आ गए’ जैसी है. अभी किसी पद के लिए विज्ञापन नहीं दिया गया है लेकिन विभिन्न विभागों में आवेदन जमा होने लगे हैं. इस अधिकारी के मुताबिक, हर एक नया कर्मचारी हर साल 3 से 8 लाख रुपए तक खजाने के खाली करेगा.

अभी एक साल के लिए भरती होेने जा रही है. नए सरकारी नौकर तो चाहेंगे ही कि अगली बार भी भाजपा ही सत्ता में आए ताकि उन की नौकरी आगे भी चलती रहे. हैरानी की एक बात इस फैसले पर विपक्ष की खामोशी है.

अपनी त्वचा को कुछ इस तरह करें सर्दियों के लिए तैयार

सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही त्वचा रूखी व बेजान नजर आने लगती है. इस मौसम में त्वचा को विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है. कुछ खास बातों का ध्यान रख कर सर्दियों में गौर्जियस स्किन पाई जा सकती है.

मौइश्चराइजिंग

डेली स्किन केयर में दिन में और रात को सोने से पहले मौइश्चराइजर लगाना न भूलें. मौइश्चराइजर का चुनाव करते समय यह जरूर देखें कि उस में औयल और तेल का सही बैलेंस है या नहीं. यदि रात को सोने से पहले औयल से स्किन को मौइश्चराइज करती हैं, तो बादाम, औलिव, कोकोनट या ऐवोकैडो औयल का ही इस्तेमाल करें.

सनस्क्रीन की जरूरत

यह मिथ है कि सर्दियों में सनस्क्रीन की जरूरत नहीं पड़ती. सच तो यह है कि सर्दियों में हमारी त्वचा धूप के संपर्क में ज्यादा रहती है, इसलिए घर से बाहर निकलने से आधा घंटा पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं और धूप में ज्यादा देर रहने पर हर 2-3 घंटे के बाद इसे रिपीट करें.

स्किन ऐक्सफोलिएशन

यह मिथ है कि सर्दियों में स्किन को ऐक्सफोलिएट करने यानी त्वचा पर से डैड सैल्स को रिमूव करने के लिए स्क्रबिंग की जरूरत नहीं होती. सच तो यह है कि त्वचा की कोमलता व ताजगी को बनाए रखने के लिए स्किन ऐक्सफोलिएशन की जरूरत पड़ती है, जो डैड सैल्स को रिमूव कर के ब्लड सर्कुलेशन को भी इंपू्रव करने में मदद करता है. ऐक्सफोलिएशन के लिए माइल्ड व सी मिनरलयुक्त स्क्रब का ही इस्तेमाल बेहतर रहता है.

बौडी रैप

सर्दियों में बौडी स्पा में बौडी रैप ट्रीटमैंट लेने से शरीर में ताजगी, स्फूर्ति आती है. इस ट्रीटमैंट में शरीर पर तरहतरह के लेप लगाए जाते हैं जो न सिर्फ त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाते हैं, बल्कि स्किन टैक्सचर को भी बेहतर बनाते हैं. इन रैप्स में मड, सीमड इत्यादि प्रमुख हैं.

रिफ्रैशिंग फेशियल वाइप्स

फेस को बारबार क्लीन करने के लिए फेसवाश का इस्तेमाल करने के बजाय फेशियल वाइप्स का इस्तेमाल करें, क्योंकि फेशियल वाइप्स से आप अपनी स्किन को फ्रैश, क्लीन व ग्लोइंग लुक दे सकती हैं, वह भी त्वचा को ड्राई किए बिना.

ग्लोइंग मेकअप

सर्दियों में सर्द हवाएं त्वचा का निखार छीन लेती हैं, जिस के कारण मेकअप करने के बाद चेहरे पर ग्लो नहीं आता. इसलिए नैचुरल ग्लोइंग स्किन लुक के लिए पहले चेहरे को मौइश्चराइज करें, फिर अपनी स्किनटोन से एक शेड डीपर मैट पाउडर का इस्तेमाल फोरहैड, नोज और चीक्स पर करें. स्किन की डलनैस को दूर करने के लिए फाइन हाईलाइटर का इस्तेमाल करें. फिर ग्लैमर ग्लो से फाइनल टच दें. ग्लैमर ग्लो पाउडर आप की स्किन को ताजगी व सौम्य लुक देगा.

आंखों की देखभाल

सीनियर कंसल्टैंट, आई सर्जन, डा. विनोद गुप्ता के अनुसार गरमी हो या सर्दी, हम शरीर की त्वचा के बचाव के लिए तो कई उपाय करते हैं, लेकिन आंखों की सुरक्षा में चूक कर जाते हैं, जबकि मौसम के बदलाव का असर हमारी आंखों पर भी पड़ता है.

डा. विनोद गुप्ता के अनुसार हर मौसम में अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखें. इस के लिए आप चश्मे का इस्तेमाल, तनावपूर्ण व थकी आंखों के लिए नैचुरल रिलैक्सर गुलाबजल का इस्तेमाल करें. लेकिन ज्यादा परेशानी होने पर डाक्टर से सलाह लें.

अल्कोहल फ्री प्रौडक्ट्स

हार्श पीलिंग स्क्रब, मास्क और ऐल्कोहल बेस्ड टोनर, प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से त्वचा में रूखापन आने के साथसाथ यह डैमेज भी होती है. इसलिए सर्दियों में गरमियों के स्किन प्रोडक्ट का इस्तेमाल न कर के सर्दियों के मौसम के अनुरूप ही माइल्ड क्लींजर, स्क्रबर का इस्तेमाल करें. नौन अल्कोहल बेस्ड टोनर व डीप ऐसेंशियल सब्सटैंसेज युक्त नरिशिंग मास्क से आप अपनी स्किन को नैचुरली यंग लुकिंग स्किन बना सकती हैं.

मैजिकल रूटीन केयर

हमेशा त्वचा को जवां, खूबसूरत बनाए रखने के लिए स्किनकेयर मैजिकल ट्रिपल पावर को जानना जरूरी है. सब से पहले चेहरे को जैंटली नौन अल्कोहल बेस्ड क्लींजर से क्लीन करें. विंटर स्मूद स्किन के लिए फेस सिरम को डीप मौइश्चराइजर के साथ मिला कर पूरे चेहरे व गरदन पर लगाएं, जिस से यह आप की स्किन को रिहाइड्रेट करते हुए ऐंटीऐजिंग का काम करे.

खूबसूरत पांव

पैरों की खूबसूरती और बदसूरती से इनसान की आदतों व शख्सीयत का पता चलता है. वैसे तो पैरों की देखभाल हर मौसम व हर दिन की जानी चाहिए. लेकिन सर्दियों का मौसम पैरों की तकलीफों में इजाफा कर देता है. मसलन, फटी एडि़यां, कौर्न, फंगस, गांठ, टैनिंग आदि. फूट फौर्मल या प्रीमियम स्टोन की मदद से पैरों की डैड स्किन रिमूव करें.

फिर फीट मसाजर क्रीम या मौइश्चराइजर क्रीम में ऐसेंशियल औयल की कुछ बूंदें मिक्स कर के जैंटल मसाज करें. आप टीट्री औयल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. यह ऐंटीबैक्टीरियल व ऐंटीफंगल होता है. यह फंगल इन्फैक्शन में मददगार रहेगा. इस के अलावा रोजमैरी औयल ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करता है. आप इस का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

स्मूद स्किन वैक्सिंग

आम धारणा है कि सर्दियों में वैक्सिंग की जरूरत नहीं पड़ती, जबकि यह केवल मिथ है. रैग्युलर वैक्सिंग से आप की डैड स्किन भी रिमूव होती है, जिस से स्किन स्मूद फील होती है. मार्केट में कई तरह की वैक्सिंग उपलब्ध हैं. इन में से विंटर के लिए बैटर वैक्सिंग औप्शन हैं : बौडी बटर, रौयल वैक्स, लैमनग्रास, डर्ट रिमूवर, टैन रिमूविंग, चौकलेट, डीटैन, पैच वैक्सिंग व ऐलोवीरा वैक्स.

मिनरल औयल मेकअप रिमूवर

सर्दियों में हमारी त्वचा रूखी व बेजान हो जाती है. घर और बाहर के तापमान के फर्क व हौट ब्लोअर की वजह से भी हमारी त्वचा की नमी खोने लगती है, इसलिए मेकअप रिमूव करने के लिए भी नौर्मल क्लीजिंग मिल्क की जगह मिनरल औयल बेस्ड मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करें. यह स्किन की सौम्यता से सफाई कर के स्किन पर औयल की लेयर चढ़ा देता है, जिस से कोमल, नाजुक त्वचा का एहसास व देखभाल मिलती है.

इंश्योरेंस पौलिसी लैप्स होने पर पौलिसी को इस तरह करें रिवाइव

अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए इंश्योरेंस प्लान बेहतर विकल्प होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह आपके न रहने पर परिजनों को एक सम एश्योर्ड दिलवाने का एक किफायती और सुरक्षित माध्यम है. इन योजनाओं के एनुअल प्रीमियम रेट्स काफी कम होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप समय पर प्रीमियम का भुगतान करने से चूक जाते हैं तो पौलिसी का क्या हो सकता है? क्या इससे आपकी पौलिसी बंद कर दी जाएगी? हम अपनी इस खबर में आपके इन्हीं सवालों के ही जवाब देने जा रहे हैं.

कब लैप्स होती है इंश्योरेंस पौलिसी?

किसी भी तरह की इंश्योरेंस पौलिसी को खरीदने के बाद हर साल एक निश्चित अवधि तक इसके लिए प्रीमियम का भुगतान किया जाता है. अगर किसी कारणवश आप समय पर इसका भुगतान नहीं कर पाते हैं तो पौलिसी टर्मिनेट कर दी जाती है. इसे शुरु करवाने का कोई और विकल्प नहीं होता. ऐसे में नई पौलिसी खरीदने का औप्शन रह जाता है. यह पुरानी पौलिसी से महंगी पड़ती है क्योंकि इसमें आवेदक की उम्र ज्यादा हो जाती है.

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एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्टस् का मानना है कि इंश्योरेंस पौलिसी लैप्स होने की स्थिति में एक निश्चित ब्याज के साथ प्रीमियम भुगतान कर पौलिसी को रिवाइव कराया जा सकता है. वहीं, अगर आप भुगतान नहीं करते हैं और यह एक ट्रैडिशनल पौलिसी है तो लैप्स पीरियड के खत्म होने पर यह पेड अप पौलिसी बन जाती है. पेड अप पौलिसी में सम एश्योर्ड घट जाता है. यह आपकी ओर से भुगतान किये गये प्रीमियम पर निर्भर करता है. साथ ही सम एश्योर्ड पौलिसी के मैच्यौर होने पर ही मिलता है.

पौलिसी लैप्स होने की स्थिति में क्या करें

इस तरह करें लैप्स पौलिसी को रिवाइव

जब आप इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने से चूक जाते हैं तो पौलिसी को ग्रेस पीरियड स्टेट में ट्रांस्फर कर दिया जाता है. इसके तहत इंश्योरेंस कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि पौलिसीधारक की मृत्यु के बाद वह बेनिफिशयरी को सम एश्योर्ड का भुगतान करे. आमतौर पर इंश्योरर छमाही और एक साल की अवधि के प्रीमियम के लिए 30 दिन और मासिक भुगतान के लिए 15 दिनों का ग्रेस पीरियड देता है. हालांकि, यह हर कंपनी के लिए यह अवधि अलग-अलग हो सकती है. इस ग्रेस पीरियड के दौरान पौलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान कर अपनी इंश्योरेंस पौलिसी को फिर से एक्टिव कर सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि पौलिसी ग्रेस पीरियड के समाप्त होने के बाद लैप्स मानी जाती है.

पौलिसी लैप्स होने पर क्या होता है

अगर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिया गया ग्रेस पीरियड खत्म हो जाता है और इसे एक्टिव करने के लिए किसी प्रीमियम का भुगतना नहीं किया जाता तो पौलिसी लैप्स हो जाएगी. ऐसे में बेनिफिशयरी को पौलिसीधारक की मृत्यु के बाद सम एश्योरेड नहीं मिलेगा.

उदाहरण से समझें

अगर किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है और वह टर्म प्लान के प्रीमियम भुगतान से चूक जाता है. ऐसे में अगर दुर्घटना ग्रेस पीरियड के दौरान हुई है तो परिवार के सदस्य क्लेम फाइल कर सकते हैं और इंश्योरेंस कंपनी को सम एश्योर्ड का भुगतना करना ही पड़ेगा. वहीं, अगर दुर्घटना पौलिसी के लैप्स हो जाने के बाद हुई है तो इंश्योरेंस कंपनी परिवार को किसी भी तरह के सम एश्योर्ड का भुगतान नहीं करेगी.

हालांकि, लैप्स पौलिसी बिल्कुल बेकार नहीं होती. इसे एक्टिव भी कराया जा सकता है. इसके लिए पौलिसीधारक को रीइंस्टेटमेंट प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. अधिकांश कंपनियां लैप्स पौलिसी को रिवाइव करने का विकल्प देती हैं. यह प्रकिया थोड़ी महंगी साबित हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मेडिकल चेकअप या पेनल्टी देनी पड़ सकती है.

लैप्स हो चुकी पौलिसी को रिवाइव करने की प्रकिया को रीइंस्टेटमेंट कहा जाता है. इसका लाभ तभी उठाया जा सकता है जब ग्रेस पीरियड खत्म हो जाता है. लैप्स पौलिसी की रीइंस्टेटमेंट प्रक्रिया हर कंपनी की अलग होती है. साथ ही यह बीते हुए समय पर, प्रोडक्ट टाइप और इंश्योरेंस कौस्ट पर निर्भर करता है.

दमदार वापसी को हनी सिंह हैं तैयार, इस गाने का टीजर किया लौंच

बीमारी के चलते लंबे वक्त तक लाइमलाइट से दूर रहे रैपर हनी सिंह अब जल्द ही धमाकेदार वापसी करेंगे. हाल ही में हनी सिंह कुछ अलग-अलग जगहों पर नजर आए. उन्होंने गंगा किनारे से अपनी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं, साथ ही वह एक इवेंट में भी कैप पहने दिखाई दिए.

वक्त से साथ अपने बालों को काफी बढ़ा चुके हनी सिंह फिल्म “सोनू के टीटू की स्वीटी” से वापसी कर रहे हैं. फिल्म में हनी सिंह ‘दिल चोरी साड्डा हो गया’ का रीमेक वर्जन गाते दिखाई देंगे. लंबे वक्त बाद हो रही हनी सिंह की वापसी को लेकर फैन्स खासे उत्सुक हैं.

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हनी सिंह का गाया यह गाना 26 दिसंबर को यानि क्रिसमस के ठीक अगले दिन रिलीज किया जाएगा. गाने को सबसे पहले हंस राज हंस ने गाया था और अब हनी सिंह इसे अपने अंदाज में लेकर आएंगे. गाने के बारे में हनी सिंह ने कहा- अपने फैन्स के सामने नया गीत पेश करते हुए मैं बहुत खुश हूं.

मैंने हमेशा ही हंस राज हंस जी की तारीफ की है और उनके गानों को हिंदी लिरिक्स के साथ एक भांगड़ा का रूप देना काफी मजेदार था. हनी सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में यह बात साफ की थी कि वह नशे का शिकार होकर रिटायर नहीं हुए थे बल्कि उन्हें बाइपोलर डिसऔर्डर था जिसके चलते वह रेस्ट पर थे.

जिन 18 महीनों तक वह कैमरा से दूर रहे हैं इस फेज को हनी सिंह ने अपनी जिंदगी का ब्लैक फेज बताया. उन्होंने कहा कि मैं इस हालत में भी नहीं था कि किसी से बात कर पाता. इस दौरान मैं पूरे वक्त अपने नोएडा वाले घर में था.

बता दें कि जिस फिल्म में गाने के साथ हनी सिंह आ रहे हैं उस फिल्म को प्यार का पंचनामा और प्यार का पंचनामा-2 के मेकर्स ने बनाया है. फिल्म से दर्शकों को खासी उम्मीदे हैं. ट्रेलर रिलीज किया जा चुका है और फिल्म 9 फरवरी को रिलीज होने जा रही है.

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