बौलीवुड की 10 खूबसूरत अभिनेत्रियां जिनका फिल्मों में नहीं चल पाया जादू

एक वक्त देश की जिन बौलीवुड एक्ट्रेस के आने से सिनेमा ट्रेड विशेषज्ञ को लग रहा था कि वे अच्छा काम करेंगी. आज उनमें से कुछ बौलीवुड फिल्मों से गायब हैं, तो कुछ अभी भी अपनी किस्मत यहां आजमा रही हैं. ऐसा नहीं था कि इन्हें फिल्में नहीं मिली. बौलीवुड की कई फिल्मों में इन्होंने काम किया लेकिन शायद कहीं न कहीं से उनका लक उनके साथ नहीं था.

तो आइए मिलते हैं ऐसी ही 10 हीरोइनों से, जिन्होंने अभिनय को अपना करियर तो बनाया, लेकिन बौलीवुड में अपना जलवा दिखाने में सफल नहीं हो पाईं.

आयशा टाकिया

आयशा टाकिया ने बौलीवुड में फिल्म ‘टारजन द वंडर कार’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी. उसके बाद आयशा सलमान खान के साथ वांटेड में नजर आईं, पर वह फिल्मों में अपना करियर बनाने में सफल नही हो पाईं.

फिलहाल आयशा का एक हंसता खेलता परिवार है उनके पति बिजनेस मैन हैं और इनका एक बच्चा भी है.

अमीषा पटेल

अमीषा पटेल का नाम ऐसी हीरोइनों में शुमार है, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक सुपरहिट फिल्म से की थी. अमीषा ने साल 2000 में फिल्म ‘कहो न प्यार है’ से बौलीवुड में कदम रखा था. इस फिल्म के हिट होने के बाद साल 2001 में उनकी फिल्म ‘गदर’ ने सच में गदर मचा दी थी. इसके बावजूद उन्हें वह जगह नहीं मिल पाई जो पहली सुपरहिट फिल्म के बाद आमतौर पर एक एक्ट्रेस को मिल जाती है.

सेलिना जेटली

सेलिना जेटली 2001 की मिस फेमिना इंडिया का ताज अपने नाम कर चुकीं हैं. फेमिना मिस इंडिया का ताज जीतने के बाद सेलिना के लिए हिंदी सिनेमा में आने के दरवाजे खुल चुके थे. उन्होंने साल 2003 में फिल्म ‘जानशीन’ से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था.

ईशा देओल

ईशा देओल जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में अभिनय करती हैं. अभिनेता धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटी हैं. उन्होंने ‘कोई मेरे दिल से पूछे’ (2002) फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की. इस फिल्म के लिए उन्हें काफी प्रशंसा मिली, जिसमें उन्हें कई पुरस्कार और नामांकन प्राप्त हुए. लेकिन वक्त के साथ-साथ उनकी डिमांड भी बौलीवुड में घटती चली गई.

जेनेलिया डीसूजा

जेनेलिया डीसूजा और रितेश देशमुख बौलीवुड के क्यूट कपल हैं. इनकी जोड़ी राम मिलाई जोड़ी है. जेनेलिया ने तमिल फिल्मों से खूब सुर्खियां बटोरी है, लेकिन बौलीवुड में उन्हें कम ही स्टारडम मिल पाया.

मिनीषा लांबा

अभिनेत्री मिनीषा लांबा ने साल 2005 में फिल्म ‘यहां’ से अपने बौलीवुड करियर की शुरुआत की थीं. फिर वो बचना ऐ हसीनो में नजर आईं थी उसके बाद बौलीवुड से जैसे वो गायब सी हो गईं थी. कुछ वक्त पहले मिनीषा ने अपने बौयफ्रेंड के साथ शादी कर ली थी.

रिया सेन

बौलीवुड की सेंसेशनल हीरोइन रिया सेन वैसे तो बौलीवुड की कई फिल्मों में नजर आ चुकी हैं, लेकिन वह बौलीवुड फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाने में सफल नहीं हो पाईं.

श्रुति हासन

कमल हसन की बेटी और बौलीवुड एक्ट्रेस श्रुति हसन की बौलीवुड में एंट्री तो काफी धमाकेदार फिल्म ‘लक’ से हुई थी.

इस फिल्म में श्रुति का अभिनय देख सभी को लगा था कि वह बौलीवुड में अपने अभिनय से हंगामा मचा सकती हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और आज तक श्रुति बौलीवुड में कठिन परिश्रम करती नजर आ रही हैं.

सोहा अली खान

सोहा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 2004 से फिल्म ‘दिल मांगे मोर’ से की थी. इस फिल्म में उनके अपोजिट शाहिद कपूर नजर आए थे. इसके बाद उन्होंने ‘रंग दे बसंती’, बंगाली फिल्म ‘रंग दे महल’ जैसी फिल्में की. इसके बावजूद वह एक सफल एक्ट्रेस बनने में सफल नहीं हो पाईं.

यामी गौतम

बौलीवुड में कुछ ही हिरोइन ऐसी हैं जिन्हें लोग हमेशा से ही उनकी नेचुरल ब्यूटी के लिए जानते हैं. इन बौलीवुड स्टार्स में से एक हैं यामी गौतम. इनकी नेचुरल ब्यूटी को कोई भी नकार नहीं सकता. बौलीवुड की खूबसूरत हीरोइनों में से एक हैं यामी. यामी गौतम जब 20 साल की थीं, फिल्‍मों में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई आ गईं. उन्‍होंने बौलीवुड में फिल्‍म ‘विकी डोनर’ के साथ अपना डेब्‍यू किया. वह आज भी फिल्मों में नजर आ जाती हैं, लेकिन आज तक इनका जलवा बौलीवुड में देखने को नहीं मिला.

ह्यूमर व्यक्ति के जीवन का अंग होना चाहिए : किकू शारदा

धारावाहिक ‘हातिम’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले हास्य अभिनेता किकू शारदा राजस्थान के जोधपुर के मारवाड़ी परिवार के है. उनके परिवार में कोई भी इंडस्ट्री से जुड़ा नहीं था, इसलिए उनका एक्टर बनने का सपना परिवार के लिए चौकाने वाला था, लेकिन उन्होंने परिवार को मायूस नहीं किया और अपनी एम बी ए की पढाई पूरी कर इस क्षेत्र में उतरें. धारावाहिक ‘एफ आई आर’  में कांस्टेबल ‘मुलायम सिंह गुलगुले’ और ‘कामेडी नाईट विथ कपिल’ के शो में ‘पलक’ की भूमिका निभाकर उन्होंने काफी नाम कमाया है. स्वभाव से हंसमुख और नम्र स्वभाव के किकू कौलेज के जमाने से अभिनय किया करते थे. इसके अलावा किसी की नकल उतारना, मिमिक्री करना आदि का भी शौक रखते थे. अभी वे सब टीवी की हास्य धारावाहिक ‘पार्टनर डबल हो गयी ट्रबल’ में पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं. पेश है उनसे हुई बातचीत के अंश.

प्र. कौमेडी का सफर कैसे शुरू हुआ?

परिवार में कोई इस क्षेत्र से नहीं था, लेकिन मुझे बचपन से किसी की नकल उतरना, उसे अलग-अलग तरीके से पेश करने में मजा आता था. फिर एक्टिंग का शौक पैदा हुआ, लेकिन परिवार वालों ने पढ़ाई पर जोर दिया, क्योंकि एक्टिंग के क्षेत्र में कुछ निश्चित नहीं होता और यह सही भी था. मेरे पिता का व्यवसाय था, मैंने सोचा अगर एक्टिंग में कुछ नहीं कर पाया, तो व्यवसाय में आ जाऊंगा. इसलिए पढाई पूरी कर मुंबई आया और पहली धारावाहिक ‘हातिम’ साल 2003 में मिली, जिसमें मेरे काम को बड़ी सराहना मिली और उसके बाद से एक के बाद एक काम मिलते गए. कौमेडी ही करूंगा, ऐसा मैंने सोचा नहीं था. मैं किसी भी एक्टिंग को एन्जाय करता हूं.

प्र. काम के लिए कितने संघर्ष करने पड़े?

संघर्ष तो था ही, क्योंकि मैं किसी फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं था. मुझे पता नहीं था कि इतनी बड़ी इंडस्ट्री में कैसे घुसना है. पहले जब अपने शहर से निकला, तो अपने दोस्त के घर 10 से 15 दिन तक रहा. इस दौरान सारे प्रोडक्शन हाउस जाकर अपनी फोटो डाली, जहां भी औडिशन के लिए बुलाया जाता, तुरंत जाकर औडिशन देता रहा. कुछ थियेटर में भी काम किया, ताकि मेरी पहचान बने.

पिता के घर में अच्छी जिंदगी जी रहा था. यहां आकर मानसिक और वित्तीय सारी समस्याओं से जूझता रहा, लेकिन हार नहीं मानी और कुछ कर दिखाना चाहता था. इस जुनून ने मुझे मुंबई रहने पर बाध्य किया और अंत में कामयाब हुआ.

प्र. इस दौरान परिवार का सहयोग किस तरह रहा?

परिवार वाले चाहते थे कि मैं जो भी काम करूं खुशी-खुशी करूं. इसलिए उन्होंने हमेशा वित्तीय रूप से सपोर्ट किया जिससे मुझे काम खोजने और करने का समय मिला.

प्र. क्या महिला का रूप धारण कर कौमेडी करना आसान होता है?

मुझे हर तरह की भूमिका पसंद है, लेकिन महिला के गेटअप में मैं अधिक पोपुलर हुआ, इसलिए वह अधिक करने को मिला. मेरी कोशिश ये रहती है कि मेरी भूमिका लड़की बनकर भी सबको रियल लगे. इसके लिए मैं पूरी मेहनत करता हूं. बाकी तो राइटर का कमाल होता है कि वह किसी भी संवाद को कैसे लिखे.

प्र. आज के तनाव भरे माहौल में हंसना कितना जरुरी है?

हंसना बहुत जरुरी है, क्योंकि आजकल ट्रेन से लेकर औफिस या घर, हर जगह तनाव का माहौल रहता है, ऐसे में दिल से हंसना बहुत जरुरी है, ताकि आपसे रोग कोसों दूर रहे. हंसी मजाक का वातावरण हर घर में किसी न किसी रूप में होना चाहिए, फिर चाहे दोस्तों के समूह में हो या परिवार के साथ. हर व्यक्ति के लिए ह्यूमर जीवन का अंग होना चाहिए.

प्र. कौमेडी की वजह से आपको जेल भी जाना पड़ा, क्या कौमेडी करते वक्त आप इस बात का ध्यान रखते है कि किसी को ठेस न पहुंचे?

वैसे तो कौमेडी के लिए पूरी स्क्रिप्ट तैयार की जाती है. जिसे लेखक, निर्माता, निर्देशक सभी अप्रूव करते हैं. मैं अपने मुंह से कुछ नहीं बोलता. ऐसे में अगर मुझे दोषी माना गया तो ठीक नहीं, लेकिन मैंने माफी भी मांगी. मैं मोटा हूं और मेरे मोटापे को लेकर कई बार कौमेडी बनायीं जाती है, इसमें कोई गलत बात नहीं है. वैसे मैं कोशिश करता हूं कि मैं कुछ ऐसा न कहूं जिससे किसी को ठेस पहुंचे.

प्र. आपकी पत्नी और बच्चे आपके इस हुनर को कितना सराहते हैं?

मेरी पत्नी और मेरे दोनों बेटे मेरे काम के सबसे बड़े आलोचक हैं. उन्हें अगर मेरी कोई परफोर्मेंस पसंद नहीं आती, तो वे तुरंत उसे सुधारने की सलाह देते हैं. इससे मुझे और अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है.

प्र. आज की फिल्मों में कौमेडियन की भूमिका बहुत कम है, क्योंकि आजकल हीरो ही सब कर लेते है, इस बारें में आपकी क्या राय है?

ये अच्छी बात है कि हीरो अधिक इंटेलिजेंट हो चुके हैं और मैं भी केवल हास्य अभिनेता ही नहीं, दूसरे सीरियस अभिनय भी करना चाहता हूं. असरानी, बमन ईरानी, परेश रावल, अक्षय कुमार सभी ने कौमेडी के साथ-साथ सीरियस भूमिका भी निभाई है. कई ऐसी फिल्म आज है, जिसमें ग्रुप में कौमेडी को सराहा गया, गोलमाल की सीरीज इसका उदहारण है. मेरी किसी से कोई प्रतियोगिता नहीं है. मैं खुश हूं कि आज के हीरो हर तरह की भूमिका निभाने की क्षमता रखते है.

प्र. आगे क्या करने की इच्छा रखते है?

मुझे अच्छी स्टोरी टेलिंग करना पसंद है. इसमें मैं निर्माता, निर्देशक बनने की इच्छा रखता हूं.

प्र. आप किस हास्य कलाकारों को देखना अधिक पसंद करते है?

मुझे ह्यूमर और सिचुएशनल कौमेडी बहुत पसंद है, जिसमें संजीव कुमार, देवेन वर्मा, महमूद, जोनी वाकर गोविंदा आदि सभी कलाकार शामिल हैं, जिन्होंने अपने कंधे पर पूरी फिल्म को लिया और वे सफल भी रहे. मैं उनसे बहुत प्रभावित हूं.

नेल आर्ट कर सजाएं अपने नाखून

शरीर और चेहरे की सुंदरता के साथ-साथ आपकी खूबसूरती में नाखून भी अपना अहम रोल निभाते हैं. अगर आपको अपने नाखून पर हमेशा नेल पौलिश लगाए रखना अच्‍छा लगता है, तो आपको ये नेल आर्ट जरुर ट्राई करना चाहिये. चलिए आज हम आपको इस पोस्ट में कुछ टिप्स बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने नीखूनों पर तरह तरह के नेल आर्ट डिजाइन बना सकती हैं.

नेल आर्ट टिप्स

नेल आर्ट से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं. नाखूनों को भी साफ करें और पांच मिनट रुकें, जबतक नाखून पूरी तरह से सूख न जाए. अब न्‍यूड पिंक नेल पौलिश लें और उसे लगाने से पहले शेक कर लें, जिससे आपको उसका सही रंग मिल सके.

इस नेल पौलिश की एक कोट अपने नाखूनों पर ऊपर से नीचे की ओर लगाएं. अगर शेड बहुत ही लाइट है तो एक कोट और लगा सकती हैं. अब नेल पौलिश को अच्‍छी तरह से सूखने दें.

अब एक डार्क ब्‍लू रंग की नेल पौलिश लें. इस नेल आर्ट में नीले रंग को नाखून की टिप पर लगाया जाता है, यानी की सबसे आखिर और नीचे की ओर.

ब्‍लू नेल पौलिश को उसी शेप में लगाइये, जिस शेप में आपके नाखून कटे हुए हों. अगर नाखून चौकोर आकार में कटे हैं, तो ब्‍लू कलर को उसी तरह लगाइये. ध्‍यान रहे की पिंक वाली नेल पौलिश पर ब्‍लू नेल पौलिश न चढ़े. जब नेल पौलिश लगा लें तो उसे पांच मिनट तक अच्‍छे से सूखने के लिये छोड़ दें. अब लास्‍ट में एक गोल्‍डन नेल आर्ट डिजाइन ले कर अपने हाथ की रिंग फिंगर के नाखून में बड़ी ही सफाई से चिपका दें. लीजिये अब आपके नाखूनों पर नेल आर्ट बन गई.

आप इस तरह से कई अलग अलग कलर के नेल पौलिश का इस्तेमाल कर सकती हैं. आप काले रंग के नेल पौलिश को अपने नाखून पर लगाकर उसके ऊपर सिल्वर कलर की नेलपौलिश का एक कोट लगा सकती हैं. आप चाहें तो उसके ऊपर बाजार में मिलने वाले रेडीमेड डिजाइन भी चिपकाकर अपने नाखून को सुन्दर बना सकती हैं.

इसके अलावा अपने रिंग फिंगर में एक छोटा सा छेद करके आप घूंघरू पहन सकती हैं. आप अपने नाखून पर बाजार में मिलने वाले स्टीकर चिपकाकर भी अपने नाखून को सुन्दर बना सकती हैं.

आप किसी भी दो कलर के नेल पौलिश को नाखून के आधे आधे हिस्से पर लगाकर सजा सकती हैं. आप चाहें तो उससे फूल पत्ती आदि डिजाइन बनाकर भी अपने नाखून को सजा सकती हैं और खूबसूरत बना सकती हैं.

क्रिसमस पार्टी : साड़ी के फ्यूजन लुक में दिखें स्टाइलिश

मौका चाहे जो भी हो, साड़ी एक ऐसा आउटफिट है जिसे हर मौके पर पहना जा सकता है. अगर आपको सही तरीके से साड़ी पहननी आती है और अलग-अलग मौकों के लिए कुछ खास तरीके से साड़ी बांधने आती है तो कहीं जाने से पहले आपको चिंता करने की जरूरत ही नहीं. तो क्यों ना इस क्रिसमस पार्टी आप कुछ अलग ट्राई करें और साड़ी पहन सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करें.

साड़ी एक ऐसा आउटफिट है जिसका फैशन कभी पुराना नहीं होता है. सीधे पल्ले और उल्टे पल्ले की साड़ी पहनना तो आप जानती ही होंगी लेकिन कितना अच्छा हो जो आपको साड़ी पहनने के कुछ और स्टाइलिश तरीके पता हों.

साड़ी को फ्यूजन लुक में पहनकर आप स्टाइलिश तो नजर आएंगी ही साथ ही औरों से अलग भी. ये हैं साड़ी पहनने के कुछ नए और स्टाइलिश तरीके.

– साड़ी के साथ ब्लाउज पहने की जगह कुर्ती पहनें. किसी भी बोल्ड ब्राइट कलर की साड़ी के साथ प्रिंटेड कुर्ती पहनिए. इस तरीके से साड़ी पहनने पर एक बात का खास ख्याल रखें कि साड़ी की प्लेट और पल्लू सलीके से बंधे हों.

– अगर साड़ी पर हेवी वर्क है तो कुर्ती को प्लेन ही रखें और अगर कुर्ती पर काम हो रखा है तो साड़ी प्लेन ही अच्छी लगेगी.

– कोरसेट या फिर जैकेट के साथ भी साड़ी पहनना काफी स्टाइलिश रहेगा. इसके साथ राउंड नेक पल्लू लेना ही सही रहेगा.

– क्रौप टौप के साथ भी साड़ी पहनना अच्छा लगेगा. आजकल बाजार में क्रौप टौप की ढेरों वेरायटी उपलब्ध है. आप कोई सा भी क्रौप टौप चुन सकती हैं. चुनते समय साड़ी के पैटर्न और कलर का पूरा ध्यान रखें.

बिटकौइन से भी ज्यादा रिटर्न दे रहीं ये कंपनियां, निवेश कर भरे अपनी तिजोरी

क्रिप्टो करेंसी बिटकौइन की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. बिटकौइन प्राइस इंडेक्स के मुताबिक इसकी एक यूनिट की कीमत 14 हजार डौलर (9.10 लाख रुपए) के स्तर पर पहुंच गई. इसका मतलब है कि भारतीयों को एक बिटकौइन खरीदने के 9.10 लाख रुपए खर्च करने होंगे. आपको बता दें कि हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकौइन को मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है.

वहीं, RBI ने भी बिटकौइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है. हालांकि, घरेलू शेयर बाजार में कई ऐसी कंपनियों के शेयर है. जिन्होंने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. इन शेयरों में एचईजी, एसओआरआईएल होल्डिंग्स, कैलिफोर्निया सौफ्टवेयर, गोवा कार्बन है. पिछले पांच महीने में जहां बिटकौइन ने 366 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं, इन शेयरों ने 735 फीसदी तक का मुनाफा कराया है.

इन शेयरों ने भरी तिजोरी

इन कंपनियों के शेयरों ने 5 महीने में बिटकौइन के प्रदर्शन को मात देते हुए निवेशकों की तिजोरियां भर दी हैं. 6 अगस्त 2017 में बिटकौइन का भाव 3000 डौलर (करीब 1.95 लाख रुपए) था. वहीं, अब (7 दिसंबर 2017) 14 हजार डौलर (करीब 9.10 लाख रुपए) हो गया है. इसका मतलब साफ है कि निवेशकों को 350 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला है. दूसरी तरफ एनएसई (नेशनल स्टौक एक्सचेंज) पर लिस्टेड कंपनी के शेयर एचईजी, एसओआरआईएल होल्डिंग्स, कैलिफोर्निया सौफ्टवेयर, गोवा कार्बन ने 600 से 735 फीसदी तक का मुनाफा दिया है.

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अब क्या करें

वीएम पोर्टफोलियो के हेड विवेक मित्तल का कहना है कि वर्चुअल करेंसी बिटकौइन पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. वहीं, घरेलू शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है. ऐसे में निवेशकों के पास शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा पाने का मौका है.

शेयर बाजार में निवेश क्यों करें

ट्रेडबुल्स के डायरेक्टर और सीओओ ध्रुव देसाई के मुताबिक, नए निवेशक बाजार में शुरुआत करने के लिए कुछ छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं. बाजार में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. लिहाजा निवेश करने में देर नहीं हुई है. अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है. शेयर बाजार में एक साल बाद कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है तो इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है. हालांकि, सिर्फ टैक्स से बचने के लिए निवेश नहीं करना चाहिए और इसे एक अच्छे निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए.

लंबी अवधी के लिए लगाएं दांव

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शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते है कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं, आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं, तो यह जुए की तरह है, यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब है कम से कम तीन साल. इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.

मुनाफे का मौका

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीनस पावर कंपनी के शेयर में अच्छे रिटर्न मिल सकते है. इन्होने अगले 12 महीने के नजरिए से खरीददारी की सलाह दी है. उनका मानना है कि अगले 18 महीने में ये शेयर 89 रुपये तक का लक्ष्य हासिल कर सकता है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीनस पावर, बिजली के मीटर बनाने वाली कंपनी है. घरेलू बाजार का 27 फीसदी हिस्सा कंपनी के पास है जबकि स्मार्ट मीटर में बाजार का 70 फीसदी कंपनी के पास हिस्सा है. वित्त वर्ष 2017-2019 में कंपनी की आय में 20 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है. कंपनी पर कर्ज घटा है और कंपनी की 1,226 करोड़ की और्डर बुक है.

रोमांच और खतरों से भरपूर है यह स्काई डाइविंग ट्रिप

नया साल आने को है ऐसे में हर किसी का मन करता है कि आने वाले साल को एक अलग तरीके से सेलिब्रेट किया जाए. अगर आप भी अपने नए साल को खास बनाना चाहती हैं, तो कुछ एडवेंचर्स स्पोर्ट्स का मजा ले सकती हैं. आज हम आपको ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां आप स्काई डाइविंग कर सकती हैं.

मैसूर, कर्नाटक

बंगलुरु से कुछ दूरी पर चामुंडी हिल्स के तल में स्थित मैसूर में पहले से कई स्काई डाइविंग शिविर का आयोजन किया गया है. दिल्ली की कंपनी ड्रौप जोन, काकिनी इंटरप्राइजेज द्वारा आयोजित इन शिविर में पर्यटक भूदृश्य का अद्भुत नजारा देखते हुए स्टैटिक जंप, टैंडम जंप और त्वरित फ्री फौल का मजा ले सकती हैं.

मैसूर में चामुंडी हिल्स स्काई डाइविंग के लिए मशहूर है. सबसे पहले यहां आपको स्काई डाइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी उसके बाद आपको सुरक्षा के साथ डाइविंग पर भेजा जाएगा. यहां आप 7 से 9 सुबह के वक्त डाइविंग कर सकती हैं.

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दीसा, गुजरात

गुजरात खेल प्राधिकारी पहली ऐसी खेल सम्बन्धी संस्था थी जिसने स्काई डाइविंग को एडवेंचर स्पोर्ट की तरह देखा. इसकी मदद से गुजरात भारत का पहला ऐसा राज्य बना और दीसा में प्रमाणित ड्रौप जोन बनाया गया. इस झील के किनारे बसे शहर ने कई स्काई डाइविंग टूर और शिविर का आयोजन किया गया है जिसे भारतीय पैराशूटिंग संघ ने 2012 में चालू किया था. इस साल और भी शिविर के आयोजन की योजना है. दीसा टाउन और उसके आस पास के लोग यहां जुटकर पैराशूट स्काई डाइवर्स को आसमान से छलांग लगाते देखते हैं. नये साल पर आप भी यहां जाकर आसमान से छलांग लगा सकती है और स्काई डाइविंग का मजा ले सकती हैं.

पुड्डुचेरी, तमिलनाडु

पुड्डुचेरी सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है, जहां जाकर आपको न सिर्फ स्काई डाइविंग का मजा आएगा, बल्कि यहां की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी. स्काई डाइविंग के लिए आपको प्रात: 7 से 9 बजे के बीच यहां आना पड़ेगा.

एम्बी वैली, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र का एम्बी वैली पुणे से काफी नजदीक है और यह भारत का सबसे अच्छा स्काई डाइविंग स्पौट माना जाता है. अगर आप एम्बी वैली से छलांग लगाती हैं तो यह आपके जीवन का सबसे यादगार जंप होगा. फिलहाल एम्बी वैली में केवल 10,000 फीट तक ही टैंडम जंप लिया जा सकता है. जब स्काई डाइविंग के दौरान इंस्ट्रक्टर से एक हार्नेस बंधा होता है तो टैंडम जंप कहते हैं. जो पर्यटक एम्बी वैली में स्काई डाइविंग करना चाहती हैं उनके लिए ये जगह एक अच्छा विकल्प है.

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धाना, मध्य प्रदेश

भारत के केंद्र में बसा और भोपाल से 186 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मध्य प्रदेश का धाना. इस जगह पर एडवेंचर पसंद लोगों के लिए कई स्काई डाइविंग शिविर लगते हैं. 4000 फीट की जंप में आपको ज्यादा फ्री फौल टाइम नहीं मिलता पर उस विशाल खालीपन को देखने का अनुभव बिना सहायता की उड़ान वाले अनुभव से कम नहीं है.

यहां पर सहभागी दो तरह के जंप के बीच चुनाव कर सकते हैं- स्टैटिक लाइन जंप और टैंडम जंप. पहले जंप में सहभागी 4000 फीट की ऊंचाई से अकेले कूदता है और हवाई जहाज से जुड़े स्टैटिक लाइन की मदद से पैराशूट अपने आप खुल जाता है. जिन पर्यटकों को जोखिम भरा कार्य करना पसंद है उनके लिए स्काई डाइविंग सबसे उचित विकल्प है.

ताकि वैवाहिक विवाद हो ही न

वैवाहिक विवादों में तलाक चाहे एक हल हो, बच्चों के कारण यह एक पेचीदा मामला बन जाता है खासतौर पर तब जब बच्चे इतने छोटे भी न हों कि उन्हें अपनी  मरजी के खिलाफ मां या पिता के साथ जाने का हुक्म सुनाया जा सके. अदालतें आमतौर पर कानूनी आधार न ले कर मानवीय आधार ही लेने की कोशिश करती  हैं पर दूसरा पक्ष अदालत के  फैसले से खुश न हो या साथी से दुश्मन बने को कष्ट पहुंचाना चाहे तो मामला अदालतों में लटक  जाता है.

पूर्वी और मुकेश का विवाह 1997 में हुआ पर जब 2013 में पूर्वी पुणे से मुंबई मां के घर जा पहुंची तो तब तक उन के दोनों बच्चे बड़े हो चुके थे. पहले वे पिता के साथ रहना    चाहते थे फिर मां के पास रहने की जिद करने लगे. बच्चे पिता की जगह मां के पास रहने लगे तो पिता ने परेशान करने के लिए पैसे देने से इनकार कर दिया.

कहने को तो बच्चों को मां का प्यार चाहिए पर इस कोरे प्यार की कोई कीमत नहीं होती अगर पास पैसा न हो. इस कारण मामला गहराता गया और बच्चे फुटबौल की तरह एक आदलत के आदेश पर कभी पिता के पास तो कभी दूसरी के आदेश पर मां के पास. कभी उन्हें वीकैंड पर मां के पास रहना होता तो कभी केवल छुट्टियों में पिता के पास.

मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उस ने बच्चों को मां को ही सौंप दिया और पिता को आधी छुट्टियों में ही मिलने का हक दिया. बच्चे मांबाप के विवाद में बेकार में हथियार बन गए, यह अदालत समझ रही थी पर उस के पास कोई ठोस हल नहीं था.

जब तक बच्चे 18 साल के नहीं हो जाते तब तक उन्हें इसी तरह कभी मां के हाथों से छीन कर पिता के पास भेजा जाता है तो कभी पिता से छीन कर मां को लौटाया जाता है. उन का खर्चा कितना और कब दिया जाए यह विवाद अपनेआप चलता रहता है साथ में.

विवाह करना आप की इच्छा है, बच्चे पैदा करना भी आप की इच्छा है पर उन्हें पालना तो इच्छा के अनुसार नहीं हो सकता. अगर बच्चों को इच्छा पर छोड़ दिया जाए तो सामाजिक      ढांचा जो पिछले कई हजार सालों से बना है टूट जाएगा. यह ढांचा अच्छा नहीं है, यह तो साफ है, क्योंकि इस में बच्चों के नाम पर औरतों को गुलाम बना डाला गया है पर फिलहाल समाज के पास यही ढांचा है.

इन विवादों को देख कर तो यही लगता है कि समाज ऐसा ढांचा बनाए, जिस में सारी संपत्ति हो ही औरतों की और बच्चों का भार भी उन्हीं पर हो. एक पति एक पत्नी का कृत्रिम कौंसैप्ट हक में उड़ा दिया जाए. औरतें बच्चों की संरक्षक हों और मर्दों से भरपूर फीस लें साथ रखने की और बच्चों को सुख देने की जो उन की अपनी सुरक्षा व बच्चों के लालनपालन की पूरी गारंटी दे. मर्द काम करें पैसा लाएं और औरतों व बच्चों का साथ चाहें तो उन पर खर्च करें. ऐसा समाज पैरेलली चलता रहा है पर समाज इसे नकारता रहा है. बढ़ते एकल परिवार इसे और अधिक लोकप्रिय बना रहे हैं और अब समय आ गया है कि वैवाहिक विवादों को जड़मूल से समाप्त करने की सोची जाए. धर्म के ठेकेदार हल्ला मचाएंगे पर उन का क्या, वे तो हमेशा झूठ और कल्पना के आधार पर लोगों को बेवकूफ बनाने में सफल रहे हैं. वे ही विवाह को ईश्वर प्रदत्त कह कर विवादों को पैदा करते रहे हैं, जिन में नुकसान औरतों का ही हुआ है. मर्द तो छुट्टे सांड़ों की तरह इधरउधर मुंह मारते रहे हैं.

ऋचा चड्डा के बयान पर फरहान अख्तर ने दिया जवाब, कहा ये तो हर जगह है

हाल ही मे फुकरे रिटर्न्स की एक्ट्रेस ऋचा चड्डा ने बौलीवुड में जारी कास्टिंग काउच को लेकर एक बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि कैसे उन्हें क्रिकेटर को मैसेज करने के लिए मजबूर किया गया था. एक समाचार पत्र को दिये इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने कहा था- अगर आप मुझे जिंदगी भर पेंशन दें, मेरी सुरक्षा और मेरे परिवार का ख्याल रखें. इसे सुनिश्चित करें कि मुझे फिल्मों और टीवी में काम मिलता रहेगा. मैं जो भी करना चाहूं करती रहूं, मेरे करियर में कोई रुकावट नहीं आएगी और मैं आगे बढ़ती रहूंगी, तो मैं अभी नाम लूंगी, वाकई ऐसा करूंगी. ऋचा आगे कहती हैं, ‘यह सिर्फ मैं ही नहीं और भी लोग ऐसा करेंगे. ऋचा ने माना था कि फिल्म इंडस्ट्री में इस तरह की कोई खास व्यवस्था नहीं है जिससे कि पीड़ित को सुरक्षा मिल सके.

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अब हाल ही में फुकरे रिटर्न्स के प्रोड्यूसर फरहान अख्तर से ऋचा चड्डा के बयान पर अपनी राय सामने रखी है. उन्होंने कहा कि कास्टिंग काउच हर जगह मौजूद है. उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि उन्हें निजी तौर पर इस तरह का अनुभव मिला होगा या फिर उन्हें असहज परिस्थिति में डाला गया होगा. जहां तक बौलीवुड में मौजूद महिलाओं के सेक्सुअल हैरेसमेंट की बात है मुझे लगता है कि यह पूरी दुनिया में मौजूद है. इसी वजह से मीटू कैंपेन को टाइम पर्सन औफ द ईयर बनाया गया था.

रौक औन स्टार फरहान मर्द नाम की संस्था के संस्थापक हैं जिसका मकसद बलात्कार और महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव के मुद्दे पर समाजिक जागरुकता फैलाने का कार्य करना है.  उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि हम बेहतर समय की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि जो लोग इस तरह की घटनाओं पर पहले चुप रहा करते थे उनमें अब इस तरह की घटनाओं पर बोलने की हिम्मत आई है. मर्द उन्हीं अवसरों में से एक है.

खानदानी पैलेस में होगा तैमूर के जन्मदिन का जश्न

बौलीवुड के सबसे टौप स्टार किड कहे जाने वाले तैमूर का 20 दिसंबर को जन्मदिन है. वो आज से ठिक दो दिन बाद एक साल के हो जाएंगे. मम्मी करीना और पापा सैफ के लिए तैमूर बहुत ही खास हैं और जबकि यह उनके लाडले बेटे का पहला जन्मदिन है तो जाहिर सी बात है कि इस जन्मदिन को बेहद ही खास तरिके से मनाया जाएगा.

तैमूर अली खान के बर्थडे सेलिब्रेशन और उनके जन्मदिन के प्लान को लेकर मीडिया में कई दिनों से खबरें छाई हुईं हैं कि सैफ और करीना अपने क्यूट किड का पहला बर्थडे पटौदी पैलेस में मनाएंगे. बता दें सैफ अली खान का ये खानदानी पटौदी पैलेस हरियाणा के गुड़गांव में पटौदी नाम की जगह पर स्थि‍त है.

जब सैफ और करीना शनि‍वार सुबह मुंबई एयरपोर्ट से पटौदी पैलेस के लिए रवाना हो रहे थे तो पापा की गोद में तैमूर कईबार मीडिया अंटेंशन लूटते दिखे.

करीना और पापा सैफ अली के साथ तैमूर खान इतने प्यारें और क्यूट लग रहे थे किसी का भी उनपर से नजरें हटाना मुश्किल था. आए दिन अपने नए लुक्स से फैन्स को कायल करने वाले इंडस्ट्री के सबसे फेवरेट किड तैमूर को उनके फर्स्ट बर्थडे पर देखने का सभी को इंतजार है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही तैमूर खान की मौसी करिश्मा कपूर ने उनके बर्थडे प्लानिंग को लेकर खुलासा किया था. करि‍श्मा ने कहा था कि तैमूर के जन्मदिन के जश्न की प्लानिंग पटौदी पैलेस में करने का मन बनाया जा रहा है और इस खास दिन को बैश करीबी दोस्तों और परिवार वालों के साथ ही मनाया जाएगा.

दिल लुभाएंगे दुलहन के ये अंदाज

शादी के दिन लड़की रिश्ते की नई गांठ जीवनसाथी के साथ बांध कर सालों का सफर तय करने निकल पड़ती है. यही वह दिन होता है जब दुलहन सब से सुंदर और सब से खास दिखना चाहती है. वह चाहती है कि शादी में सब कुछ एकदम सटीक और आकर्षक हो. शादी के दिन सब से हट कर दिखने के लिए दुलहन को कई बातों का खयाल रखना पड़ता है. हेयरस्टाइल से ले कर मेकअप और शादी का लहंगा चुनने का मुश्किल काम उसे करना पड़ता है, जिसके लिए युवतियां हजारों रुपए खर्च कर देती हैं. शादी के जोड़े में ली हुई तसवीरें दुलहन के लिए जिंदगी भर की पूंजी की तरह होती हैं, जिन्हें देख कर वह मन ही मन मुसकराती है. लेकिन ब्राइडल वियर का चुनाव करते समय कई युवतियां यह नहीं समझ पातीं कि किस रंग, डिजाइन और पैटर्न का ब्राइडल वियर खरीदें.

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मुंबई की ड्रैस डिजाइनर उन्नति गांधी कहती हैं कि शादी का दिन दुलहन के लिए खास दिन होता है. इसलिए सिर्फ यह बात जरूरी है कि वह कैसी दिखना चाहती है. लेकिन यह भी जरूरी है कि वह अपने ब्राइडल वियर का रंग और उस की डिजाइन अपनी बौडी शेप के हिसाब से चुने.

मुंबई की ड्रैस डिजाइनर नाचिकेत बर्वे का मानना है कि दुलहन का परिधान ऐसा होना चाहिए, जिसे वह बाद में भी इस्तेमाल कर सके. कई बार युवतियां अपनी शादी का जोड़ा ऐसा खरीदती हैं, जिसे बाद में नहीं पहना जा सकता. इसलिए दुलहन को कस्टमाइज लहंगे के बारे में भी सोचना चाहिए, जिसे मिक्स और मैच कर के बनाया गया हो.

डिजाइनर नैना जैन का कहना है कि दुलहन को हमेशा अपने कंफर्ट के बारे में सोचना चाहिए. अकसर युवतियां भारी लहंगे ले लेती हैं, जिसे कई घंटे पहनने के बाद थक जाती हैं. इसलिए ध्यान रखें कि शादी का लहंगा वजनी न हो.

हाइट कम हो तो जंचेगा ऐसा लहंगा

उन्नति गांधी बताती हैं कि युवतियों को हाइट के अनुसार बने ब्लाउज पहनने चाहिए. कम हाइट वाली युवतियों को लंबी जैकेट पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे पहनने से उन की हाइट और भी कम दिखाई देगी.

नाचिकेत कहती हैं कि कम हाइट होने पर ऐसा लहंगा चुनना चाहिए, जिस में ब्रौड बौर्डर्स न बने हों. इस के अलावा यह भी ध्यान रखें कि लहंगे पर हैवी ऐंब्रायडरी न हो.

लहंगे के लिए रंगों का चुनाव

जब भी शादी के लहंगे की बात आती है, तो जेहन में केवल लाल रंग ही आता है. लेकिन लाल और हरे जैसे टिपिकल रंगों के अलावा भी कई ऐसे रंग होते हैं, जो दुलहन पर खूब जंचते हैं.

उन्नति कहती हैं कि दुलहन को लहंगे के रंगों के साथ ऐक्सपैरिमैंट करना चाहिए. सामान्य रंग जैसे लाल और हरे को छोड़ कर पिंक, स्काई ब्लू व ऐक्वा ब्लू रंगों को भी चुनना चाहिए.

भारतीय स्किन टोन पर वैसे तो हर रंग फबता है, लेकिन नाचिकेत की सलाह है कि दुलहन को ऐसे नियोन रंगों से बचना चाहिए, जो बेहद भड़कीले हों. ऐसे रंग पहनने से आप की स्किन टोन फीकी दिखाई देती है.

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नैना जैन के अनुसार दुलहन स्किन कलर के अनुसार ड्रैस के रंगों का चुनाव कर सकती है. गोरे रंग पर पेस्टल कलर्स और गेहुएं रंग पर नीला, रानी, गाजरी जैसे मीडियम टोन के रंग अच्छे लगते हैं तो सांवले रंग पर लाल, मजैंटा और लाइट ब्लू कलर जंचता है.

बौडी शेप को जानना है जरूरी

उन्नति के अनुसार अगर आप हैवी लोअर बौडी टाइप की हैं, तो आप के ऊपर घेरदार लहंगा जंचेगा. इस तरह के लहंगे से आप की लोअर बौडी को शेप मिलेगी और अगर आप हैवी अपर बौडी टाइप की हैं, तो आप को फिश कट लहंगा पहनना चाहिए, जो आप के शरीर की सुंदरता को और उभारेगा.

आजकल भारतीय शादियों में भी वैस्टर्न लुक को भी पसंद किया जाता है. शादी के कुछ समारोहों में लड़कियां घाघराचोली की जगह गाउन पहनना पसंद करती हैं. छोटे शहरों में भी यह ट्रैंड बन गया है.

नाचिकेत का मानना है कि दुलहन को अपने लिए गाउन पसंद करने से पहले अपनी बौडी शेप और हाइट पर ध्यान देना चाहिए. अगर गाउन बौडी शेप के अनुसार न हो, तो वह लुक बिगाड़ सकता है.

ट्रैंड में हैं गाउन के ये स्टाइल्स

अब भारतीय शादियों में भी वैस्टर्न लुक को पसंद किया जा रहा है. युवतियां घाघराचोली की जगह गाउन पहनना पसंद कर रही हैं. बड़े शहरों में ही नहीं, छोटे शहरों में भी यह ट्रैंड बन गया है. आजकल कई तरह के गाउन चलन में हैं, जिन में ड्रैप गाउन सब से ज्यादा प्रचलित है. इस ईवनिंग गाउन में 2 तरह के ड्रैप देखे जा सकते हैं. एक साइड ड्रैप है और दूसरा फ्रंट ड्रैप. इस के अलावा साड़ी ड्रैप गाउन भी युवतियों को बहुत पसंद आ रहा है. इस में साड़ी को गाउन की तरह पहना जाता है.

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ऐसे ही घेर वाले गाउन में सिंड्रेला गाउन बहुत फेमस है, साथ ही स्ट्रेट गाउन और कट आउट गाउन का चलन भी जोरों पर है. कट आउट गाउन उन के लिए है, जिन की बौडी परफैक्ट टोन शेप में हो.

कैसे करें इंडोवैस्टर्न ड्रैस का चुनाव

डिजाइनर उन्नति गांधी कहती हैं कि यदि दुलहन अपने लुक के साथ ऐक्सपैरिमैंट करने की चाह रखती है, तो उस का स्टाइल व लुक और निखर कर आएगा. इंडोवैस्टर्न भी एक ऐसा ही ट्रैंड है, जिस में ट्रैडिशनल और मौडर्न टेस्ट को साथ मिलाया जाता है. दुलहन अपनी शादी के किसी फंक्शन में इंडोवैस्टर्न स्टाइल की धोती और उस के साथ पैप्लम टौप या जैकेट पहन सकती है.

इन दिनों फ्लैप धोती और सलवार धोती का चलन है, जिस के साथ फैशनेबल टौप्स बेहद जंचते हैं. जिन युवतियों की हाइट अच्छी होती है वे रौयल लुक के प्लाजो के साथ क्रौप टौप और फ्लोर लैंथ जैकेट पहन सकती हैं. इन के साथसाथ इन दिनों वनशोल्डर ड्रैस भी बेहद पसंद की जा रही है, जिस का लुक बिलकुल कफ्तान की तरह होता है.

जोड़े के डिजाइन के साथ करें ऐक्सपैरिमैंट

जरूरी नहीं कि घाघराचोली को एक ही तरह से पहनें. इसे इस तरह से पहनना चाहिए, जिस से इस का लुक बदल जाए. दुलहन अपना दुपट्टा अलगअलग तरह से ड्रैप कर सकती है, जिस से उसे गाउन का लुक मिल सकता है. इसी तरह जरूरी नहीं कि साड़ी को एक ही तरह से पहना जाए, साड़ी को अलग तरह से बांध कर उसे बिलकुल अलग लुक दे सकती हैं. कुछ फंक्शन में धोती साड़ी भी पहनी जा सकती है.

नाचिकेत का मानना है कि दुलहन को हमेशा ऐसा लहंगा लेना चाहिए, जिसे वह दूसरे कपड़ों के साथ मैच कर के पहन सके. जैसे शादी के जोड़े के ब्लाउज के साथ साड़ी और लहंगे के साथ जैकेट ब्लाउज, वहीं जोड़े के दुपट्टे के साथ प्लेन सलवारकमीज भी पहनी जा सकती है.

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इस के अलावा ड्रैस को बोल्ड और ब्यूटीफुल लुक देने के लिए चोली के साथ ऐक्सपैरिमैंट्स किए जा सकते हैं. नाचिकेत के अनुसार वन शोल्डर चोली, बैकलैस ब्लाउज, स्लैश लैग्स, औफशोल्डर चोली जैसे डिजाइनों का इस्तेमाल किया जा सकता है. बस दुलहन को इस बात का ध्यान रखना होगा कि ये स्टाइल उस की बौडी शेप पर आकर्षक लगते हैं या नहीं.

ग्लैमरस ब्राइडल लुक

4 कली लहंगा : अकसर देखा जाता है कि बड़ी उम्र की महिलाएं अपनी बौडी को शेप में नहीं रख पाती हैं, इसलिए वे लहंगा पहनने से डरती हैं. लेकिन ढाई मीटर कपड़े से बना 4 कली का लहंगा बौडी को शेप भी देता है और यह पहनने में भी बेहद आरामदायक होता है. ये मोटापे को बड़ी खूबसूरती से छिपा लेता है.

ब्राइट लहंगा लाइट दुपट्टा : जिन्हें ब्राइट कलर का ब्राइडल आउटफिट पसंद नहीं उन के लिए यह कौंबिनेशन परफैक्ट है. ब्राइट पिंक या रैड कलर के ऐंब्रौयडर्ड लहंगे के साथ हलके रंग के बौर्डर वाले नैट दुपट्टे पर बूटी, सितारों का काम करा सकती हैं. यह कौंबिनेशन दिन की शादी में फबेगा.

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शरारा लहंगा : इस लहंगे को युवतियां मेहंदी के फंक्शन में पहनना ज्यादा पसंद करती हैं. इस लहंगे की बनावट ऐसी होती है कि यह हिप से बौडी शेप को खूबसूरती से उभारता है और नीचे का घेर इसे रौयल लुक देता है. इस लहंगे से दुलहन को ट्रैडिशनल कम डिफरैंट लुक मिलता है.

ट्रेल वाला लहंगा : ग्लैमरस ब्राइडल लुक पाने के लिए इस लहंगे से बेहतर और कोई लहंगा नहीं. चूंकि इस पर हैवी ऐंब्रौयडरी होती है इसलिए इस के साथ कुंदन या और कोई हैवी ज्वैलरी मैच न कराएं. अच्छी हाइट वाली छरहरी लड़कियों के लिए यह स्टाइल परफैक्ट है.

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