नारियल तेल के ये फायदे आपके स्वास्थ्य के लिए हैं लाभदायक

नारियल तेल पौष्टिक तत्वों से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है. अगर आप इस का नियमित रूप से सेवन करेंगी तो यह आप को ऊर्जा देने का काम करेगा जिस से आप खुद को तंदुरुस्त महसूस करेंगी.

आइए जानें नारियल तेल के फायदे:

– नारियल तेल में लगभग 40% लोरिक ऐसिड होता है जो ऐंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होने के कारण शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है. इस के अलावा मां के दूध में भी लोरिक ऐसिड पाया जाता है.

– अनेक शोधों से पता चला है कि नारियल तेल मधुमेह को नियंत्रित करने में मददगार है.

– अनेक गंभीर रोग जैसे अल्जाइमर, मिरगी, दिल का दौरा या फिर चोट लगने से मृत हो चुकी कोशिकाओं को नारियल तेल पुन: जीवित करने का काम करता है.

– नारियल के तेल में लोरिक ऐसिड होनेके कारण यह दिल को सेहतमंद रखने के साथसाथ संक्रमण से भी शरीर को बचाता है.

– नारियल तेल में कैल्सियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है.

– इस तेल से बने भोजन का सेवन करने से तुरंत ऊर्जा मिलती है और यह अन्य वसाओं के मुकाबले जल्दी व आसानी से पचता है.

– नारियल का तेल त्वचा में नमी बनाए रखने का काम करता है. इसलिए यह रूखी, बेजान और उम्र से प्रभावित हो रही त्वचा के लिए काफी लाभकारी है.

– नारियल के तेल से नियमित सिर की मालिश करने से मस्तिष्क को ठंडक मिलने के साथसाथ तनाव भी दूर होता है.

– इस तेल में घाव भरने की क्षमता है, क्योंकि ये क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत में सहायक होता है.

सर्दियों में भी सनस्क्रीन लोशन लगाना है बेहद जरूरी

वैसे तो गर्मियों के मौसम में सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल किया जाता है. गर्मियों के मौसम में बिना सनस्क्रीन लोशन लगाए आप कहीं बाहर नहीं जाती होंगी लेकिन क्या आप जानती हैं यह सर्दियों के मौसम के लिए भी बहुत जरूरी हो जाता है.

आपको बता दें कि सनस्क्रीन के बिना आपकी स्किन को काफी नुकसान पहुंचता है इसलिए एक्सपर्ट भी इसे सर्दियों में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं.

अगर आप भी सर्दी के दिनों में सनस्क्रीन को नजरअंदाज करती हैं, तो ये खबर जरूर पढ़ें. इस खबर को पढ़ने के बाद आप यकीनन बिना सनस्क्रीन लोशन लगाए घर से बाहर निकलने की गलती नहीं करेंगी.

क्यों लगाएं सर्दियों में सनस्क्रीन

– गर्मियों के मौसम में मेकअप और सनस्क्रीन दोनों पसीने के साथ निकल जाता है वहीं, सर्दियों में ठंडी हवाएं आपकी क्रीम का असर जल्दी खत्म कर देती हैं. ऐसे में आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर अपने स्किन को ज्यादा प्रोटेक्शन दे सकती हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इसे जरूरत महसूस होने पर इस्तेमाल करती रहें.

– ऐसा बिल्कुल ना सोचें कि सर्दियों में जब धूप नहीं निकलती है तो आपकी स्किन यूवी किरणों से सेफ है. ऐसे मौसम में ये किरण बादलों के पीछे से निकलकर आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाती है. इससे आपको डार्क स्पौट्स और रिंकल्स की परेशानी सबसे ज्यादा होती है.

– एक्सपर्ट का दावा है कि ऊंचाई पर इन यूवी किरणों का असर ज्यादा होता है इसलिए पहाड़ी इलाकों पर यूवी किरणों से त्वचा डैमेज होने की संभावना ज्यादा होती है. आपको बता दें कि अगर आप इस मौसम में किसी हिल स्टेशन पर जाने की सोच रही हैं, तो 30 SPF वाला सनस्क्रीन अपने साथ जरूर रखें.

– आपको बता दें कि यूवी किरणों से आपको स्किन कैंसर भी हो सकता है. सर्दियों में ओजोन लेयर पतला हो जाता है, ऐसे में इस मौसम में खतरा और बढ़ जाता है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि चाहे कोई भी मौसम हो सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें.

हलकी सर्दी का जायका : फ्राइड लौकी

सामग्री

150 ग्राम लौकी

तलने के लिए तेल

1 प्याज कटा

2 टमाटर कटे

1 हरीमिर्च कटी

1 छोटा चम्मच सौंफ

1 छोटा चम्मच धनिया साबूत

1-2 कालीमिर्चें

1 छोटी इलायची

1/2 छोटा चम्मच जीरा

1 छोटा चम्मच सफेद तिल

1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 बड़ा चम्मच घी

2 बड़े चम्मच मलाई या फ्रैश क्रीम

नमक स्वादानुसार

विधि

लौकी को धो व छील कर 1/2 इंच मोटे टुकड़ों में काट लें. इन टुकड़ों को गरम तेल में डीप फ्राई करें. कड़ाही में सौंफ, जीरा, धनिया, कालीमिर्च, इलायची व सफेद तिल भून लें.

ठंडा कर मिक्सी में पाउडर बना लें. कड़ाही में घी गरम कर प्याज भूनें. भुनने पर टमाटर व मिर्च डाल कर भूनें और फिर मिक्सी में पेस्ट बना लें. दोबारा कड़ाही में पेस्ट डालें.

मसालों का पाउडर डालें और 1/2 कप पानी व स्वादानुसार नमक डाल कर उबालें. तली लौकी डाल कर 8-10 मिनट तक ढक कर पकाएं. क्रीम डाल कर आंच से उतार कर परांठों के साथ परोसें.

व्यंजन सहयोग : अनुपमा गुप्ता

‘तारक मेहता…’ में ‘दया भाभी’ का किरदार निभाएगी ये अभिनेत्री

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ एक ऐसा नाम है जिसने लोकप्रियता के मामले में नई ऊंचाई छुई है. बच्‍चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई इस धारावाहिक के दीवाने हैं. वह इस धारावाहिक के हर एपिसोड का बेसब्री से इंतजार करते हैं.

इस शो में अभिनय करने वाले सारे कलाकारों के रोल बहुत ही दिलचस्प है, यही सबसे बड़ी वजह है कि लोगों को ये शो एक दूसरे से बांधे रखता है.

आज हम बात कर रहे हैं इस शो की मुख्य कलाकारों में से एक दया भाभी यानी दिशा वकानी की. आपको बता दें  ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में दिशा वकानी की जगह अब एक नई कलाकार की एंट्री होने वाली है. यह नई कलाकार कोई और नहीं बल्कि पौपुलर शो ‘साथ निभाना साथिया’ में गोपी का किरदार निभा कर प्रसिद्धि पा चुकी जिया माणिक हैं.

आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों? तो आपको मालूम ही होगा कि दिशा वकानी ने कुछ ही समय पहले एक नन्ही परी को जन्म दिया है. बता दें कि दिशा की प्रेग्नेंट की खबरें तो काफी पहले से ही वायरल हो रही थी लेकिन इसके बाद भी वो अपनी शूटिंग बंद नहीं करती थीं. लेकिन अब वो कुछ समय के लिए ब्रेक ले रही हैं जिसकी वजह से इस शो के प्रोडयूसर को उनकी जगह जिया माणिक को लेना पड़ रहा है. उम्मीद है शो की टीआरपी को इस बदलाव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

वैसे देखा जाए तो जिया के लिए ‘दया बेन’ का रोल निभाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा जैसे दया बेन अपनी अलग स्टाइल के कारण घर-घर में पहचान बना चुकी है. उनके गरबा करने की स्टाइल और ‘हे मां माताजी’ बोलना उनकी एक अलग पहचान बन चुकी है. ऐसे में जिया के ऊपर भी दिशा की इमेज को बरकरार रखने का दबाव होगा.

अब देखना दिलचस्प होगा की जो दर्शक दिशा वकानी को दया बेन के किरदार में देखने के आदि हो चुके है वो जिया को इस किरदार में कितना पसंद करते हैं और जिया माणिक किस हद तक इस किरदार को निभा पाती हैं.

फिल्म रिव्यू : फुकरे रिटर्न

2013 में प्रदर्शित फिल्मकार मृगदीप सिंह लांबा की फिल्म ‘‘फुकरे’’ लोगों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाने में कामयाब हुई थी. अब मृगदीप सिंह अपनी उसी फिल्म का चार वर्ष बाद सिक्वअल ‘‘फुकरे रिटर्न’’ लेकर आए हैं, मगर यह फिल्म पहले की तरह आकर्षित नहीं करती.

फिल्म ‘फुकरे रिटर्न’ की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां ‘फुकरे’ की कहानी खत्म हुई थी. भोली पंजाबन (रिचा चड्ढा) एक वर्ष से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और अब वह बाहर निकलने के लिए आतुर है. जेल की यातना से वह तंग आ चुकी है, इसलिए वह मंत्री बृजमोहन की हर तरह की शर्त मानने को तैयार हो जाती है. मंत्री की शर्त के अनुसार जेल से बाहर आते ही वह दस करोड़ रूपए उन्हे देगी. मंत्री के आश्वासन के चलते 24 घंटे के अंदर भोली पंजाबन जेल से बाहर आ जाती है. तो उसे पता चलता है कि उसका पूरा साम्राज्य खत्म हो चुका है. उसके साथ जुड़े रहे चारों फुकरे किस्म के युवक चूचा (वरुण शर्मा), लाली (मनजोत सिंह), जफर (अली फजल), हनी (पुलकित सम्राट) अब अपनी अपनी जिंदगी में मस्त हो चुके हैं.

चूचा अक्सर चिड़ियाघर में जाकर शेर के बच्चे के साथ खेलता रहता है. इस वजह से शेर से उसकी दोस्ती हो गयी है. लाली कालेज जाने लगा है. हनी को प्रिया शर्मा (प्रिया आनंद) से प्यार हो गया है. जफर फिर से संगीत की दुनिया में रम गया है और उसे नीतू (विशाखा सिंह) से प्यार हो गया है. भोली पंजाबन इन चारों को एक बार फिर डरा धमकाकर अपने लिए काम करने के लिए मजबूर कर देती है.

इतना ही नही वह पंडित जी (पंकज त्रिपाठी) को भी अगुवा कर अपने साथ कर लेती है. चूचा एक बार फिर सपने देखने लगा है. चूचा के सपने का गुणा भाग लगाकर हनी लाटरी का नंबर निकालने लगा है. भोली पंजाबन के कहने पर हनी अपने नाम पर एक लाटरी की कंपनी शुरू करता है. इसके तहत वह घोषणा करता है कि जिस इंसान का नंबर लाटरी में लगेगा, उसे उसकी रकम को दोगुना मिलेगा. इसके लिए एक लाख लगाने पर सौ रूपए के स्टैंप पेपर पर अग्रीमेंट लिखकर देते हैं. इसकी भनक मंत्री जी को लगती है, तो वह नंबर बदलवा देता है. क्योंकि मंत्री जी का अपना लाटरी का बहुत बडा धंधा है.

यदि हनी का नंबर सही हो जाता तो मंत्री जी की कंपनी को भी नुकसान होता. मंत्री की चालाकी के चलते यह चारों दिल्ली की जनता के दोषी हो जाते है और भागते हुए जमुना नदी में गिर जाते हैं. सभी मान लेते हैं कि यह सभी मर गए. पर यह बच जाते हैं. अब चूचा एक बार फिर सपना देखता है. यह सपना है एक खजाने का. खजाने को हथियाने के लिए भोली पंजाबन उनके साथ हो जाती है, पर मंत्री जी अपनी चालाकी में है. भोली पंजाबन जब मंत्री से मदद मांगती है, तो मंत्री बृजमोहन चारों लड़कों को अपने पास भेजने का आदेश देते हैं.

बृजमोहन की आवभगत और शर्त सुनने के बाद हनी का दिमाग चलता है, वह भोली पंजाबन को एक संदेश देता है. फिर भोली पंजाबन मुख्यमंत्री से मिलती है और बृजमोहन के अड्डों पर छापा पड़ता है. अब खजाने की तलाश में यह सभी जहां पहुंचते हैं, वह बृजमोहन का छिपा हुआ गोदाम है, जहां कामनवेल्थ खेलों के समय के घोटाले का सामान छिपाकर रख गया है. इसका लाइव टेलीकास्ट होता है. पुलिस व मुख्यमंत्री पहुंचते हैं. मंत्री की गिरफ्तारी सबूतों के साथ हो जाती है.

मृगदीप सिंह लांबा ने ‘‘फुकरे’’ की सफलता को भुनाने के लिए सिक्वल बनाने का निर्णय तो ले लिया, मगर वह इस बात को नजरंदाज कर गए कि ‘फुकरे’ की सफलता की वजहें क्या थी. ‘फुकरे’ में दिल्ली वाली भाषा, बात करने का तरीका और चार लड़कों द्वारा छोटी छोटी चोरियांकरना आदि सब कुछ बहुत वास्तविक लगता था, मगर ‘फुकरे रिर्टन’ में सब कुछ अति बनावटी नजर आता है. एक भी दृश्य ऐसा नही है,जिसके संग दर्शक रिलेट कर सकें.

इतना ही नहीं ‘फुकरे’ में दर्शक चारों लड़कों के साथ इस तरह रिलेट कर पाया था कि जब यह चारों भोली पंजाबन के चंगुल में फंसते हैं, तो इनसे दर्शक को सहानुभूति होती है, पर ‘‘फुकरे रिटर्न’’ यहां भी निराश करती है. फिल्म की लचर पटकथा के ही चलते फिल्म में तीन प्रेम कहानियां हैं, मगर सभी बहुत ही सतही स्तर पर हैं. फिल्म में जिस घोटाले का जिक्र किया गया है, उसे देखकर लोगों को पूर्व नेता सुरेशकलमाड़ी की याद आ सकती है. मगर इस घोटाले के मुद्दे को जिस तरह से फिल्म में पेश किया गया, उससे इसकी तरफ किसी का ध्यान नही जाता.

इंटरवल से पहले फिल्म घिसटती हुई आगे बढ़ती है. इंटरवल के बाद घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं, मगर वह दर्शक को अपनी तरफ खींच पाने में असमर्थ रहते हैं. दर्शक सोचना शुरू करता है कि फिल्म कब खत्म होगी. फिल्म का क्लायमेक्स भी दमदार नहीं है. फिल्मकार की सबसे बड़ी कमजोरी यह रही कि उसने इस बार सारा ध्यान भोली पंजाबन, मंत्री ब्रजमोहन व चूजा पर ही लगाया, पर घटनाक्रम व हालात ठीक से गढ़े नहीं गए.

लाली व जफर के किरदारों को तवज्जो ही नहीं दी, जिसके चलते फिल्म काफी कमजोर हो जाती है. निर्देशक व पटकथा लेखक की अपनी कमजोरियों के चलते रिचा चड्ढा व पंकज त्रिपाठी जैसे बेहतरीन कलाकार भी फिल्म को संभाल नहीं पाते. फिल्म के कुछ दृश्य तो बहुत ही गलत है. आखिर चूचा वगैरह किस वजह से बार बार चिड़ियाघर में शेर के पिंजड़े के पास जाता रहता है, यह समझ से परे है. पूरी फिल्म देखने के बाद दर्शक को मनोरंजन की बजाय सिरदर्द ही मिलता है. फिल्म का गीत संगीत भी प्रभावित नहीं करता. संवाद भी कुछ खास नही है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो रिचा चड्ढा, पंकज त्रिपाठी व अली फजल ने अच्छी परफार्मेंस दी है. बाकी कलाकार बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करते.

दो घंटे बीस मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘फुकरे’’ का निर्माण फरहान अख्तर व रितेया सिद्धवानी की कंपनी ‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’ ने किया है. निर्देशक मृगदीप सिंह लांबा, लेखक विपुल विग और मृगदीप सिंह लांबा, संगीतकार समीर उदीन, राम संपत, प्रेम हरदीप व सुमीत बेल्लारी,कैमरामैन अंद्रे मेंनेजीस तथा कलाकार हैं – रिचा चड्ढा, पंकज त्रिपाठी, अली फजल, वरूण शर्मा, पुलकित सम्राट, मंजोत सिंह, प्रिया आनंद,विशाखा सिंह, मकरंद देशपांडे व अन्य.

अगर यौन शोषण पर बात हुई तो इंडस्ट्री अपने कई हीरो खो देगी : रिचा चड्ढा

सोशल मीडिया पर यौन शोषण के खिलाफ एक कैंपेन चल रहा है. पूरी दुनिया में चले इस कैंपेन का नाम था #MeToo कैंपेन है.  इस कैंपेन का असर इतना हुआ कि प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने #MeToo को इस साल का अपना ‘पर्सन औफ द ईयर’ चुना है. हौलीवुड से उठी ये आवाज भले पूरी दुनिया में फैल गई हो लेकिन एक्ट्रेस रिचा चड्ढा का मानना है बौलीवुड में अभी यह होने में वक्त लगेगा.

इस अभिनेत्री के अनुसार बौलीवुड में होने वाले यौन शोषण पर लोग खुलकर नहीं बोलते. रिचा चड्ढा ने कहा कि अगर बौलीवुड में यौन उत्पीड़न की बात होगी तो इंडस्ट्री अपने कई हीरो खो देगी. रिचा ने कहा, ‘हमारे देश में पीड़ित का नाम उजागर कर उसे शर्मिंदा करने की संस्कृति को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि ऐसा जल्द होगा.

लेकिन जब ऐसा होगा  जैसा कि हौलीवुड में अभी हो रहा है, पूरा स्ट्रक्चर बदल जाएगा. जिन लोगों को आप फेमिनिस्ट फिल्में बनाते और प्रगतिशील होने का दावा करते देखते हैं, वे सब नीचे गिरने लगेंगे.’ रिचा ने आगे कहा कि जिस दिन ऐसा हुआ, उस दिन हम अपने कई हीरो और विरासतें खो देंगे.

रिचा ने कहा कि अगले 4-5 सालों में ऐसा हो जाएगा जब महिलाएं खुलकर यौन शोषण के खिलाफ बोलेंगी. हौलीवुड में एक्टर्स को रौयल्टी मिलती है. उनमें काम खोने का डर नहीं होता. रिचा को लगता है कि बौलीवुड के चुप रहने के पीछे एक कारण ये भी है. उन्होंने ये भी कहा कि बौलीवुड ही ऐसी जगह नहीं है जहां यौन शोषण होता है. उन्हें गिरे हुए लोग बताकर बौलीवुड को निशाना जल्द बनाया जाता है.

आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से हौलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे विन्सटन चर्चा में हैं. कई अभिनेत्रियों ने उनपर यौन शोषण का आरोप लगया है. इसी घटना ने इस साल #Metoo नाम की एक ऐसी क्रांति को जन्म दिया, जिसने पूरी दुनिया की महिलाओं को साथ ला खड़ा कर दिया. इसमें आम लड़कियों से लेकर जानी-मानीं महिलाएं थीं.

वीडियो : यहां ट्रेन पटरी पर सीधी नही उल्टा लटक कर चलती है

हमारे देश में मेट्रो और ट्रेन के आने से आम जिंदगी पहले से आसान हो गई है. शुरुआत में जब मेट्रो भारत में आई, तो आम लोगों के लिए ये किसी अजूबे से कम नहीं थी.

वहीं टूरिज्म की दृष्टि से भी देखें, तो मेट्रो के स्टेशन चर्चित जगहों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. अब वक्त बीतने के साथ मेट्रो किसी के लिए अजूबा नहीं रहा.

घूमने के लिए या एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हम ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. वैसे तो ट्रेन में सफर करना बहुत आरामदायक रहता है. बच्चे तो रेलगाड़ी में बैठने के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं.

आप भी बहुत बार देश-विदेश में बहुत-सी ऐसी ट्रेनों में बैठी होंगी जो पटरी के ऊपर चलती हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये ट्रेन पटरी के उपर नहीं नीचे चलती है वो भी उल्टा लटक कर.

जर्मनी में हैंगिंग ट्रेन

यूरोपीय देश जर्मनी अपनी तकनीक के लिए जाना जाता है. यहां चलने वाली ‘हैंगिंग ट्रेन’ इसकी एक मिसाल है. यह रेल सेवा काफी पुरानी है. इसकी शुरुआत 1901 में हुई थी. जर्मनी के वुप्पर्टल इलाके में चलाई जाने वाली हैंगिंग ट्रेन काफी लोकप्रिय है. रोजाना करीब 82 हजार से भी अधिक यात्री इस ट्रेन में यात्रा करते हैं. सबसे खास बात ये है कि 100 साल से भी ज्यादा समय बीतने के बाद किसी देश ने इस हैंगिंग ट्रेन की नकल नहीं की है.

100 सालों में हुए बस दो हादसे

ऐसा नहीं है कि हैंगिंग ट्रेन हवा में लटकी रहती है, तो दुर्घटनाओं की संभावनाएं अधिक होती होगी. यदि हैंगिंग ट्रेन की दुर्घटनाओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि 100 सालों से भी अधिक के इतिहास में यह ट्रेन अब तक मात्र एक बार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. यह दुर्घटना 1999 में तब हुई जब ट्रेन वुप्पर्टल नदी में गिर गई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत और करीब 50 घायल हो गए थे. इस हादसे के अलावा 2008 और 2013 में भी मामूली दुर्घटनाएं हुई थी, लेकिन उसमें किसी की मौत नहीं हुई. हैंगिंग ट्रेन के ट्रैक की लंबाई 13.3 किलोमीटर है. ट्रेन के रुकने के लिए 20 स्टेशन बनाए गए हैं. ट्रेन बिजली से चलती है.

हैंगिंग ट्रेनको चलाने की वजह

वुप्पर्टल शहर 19वीं शताब्दी के अंत तक अपने औद्योगिक विकास के चरम पर पहुंच गया था. यहां सड़कें सामान ढोने और पैदल चलने वाले लोगों के लिए थी. पहाड़ी इलाका होने की वजह से जमीन पर ट्राम या अंडरग्राउंड रेल चलाना मुश्किल था. इस कारण कुछ इंजीनियरों ने हैंगिंग ट्रेन चलाने का फैसला किया. माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे पुरानी मोनो रेल है.

औनलाइन शौपिंग के वक्त ये सावधानियां बरतना जरूरी है

कालेज स्टूडैंट आरती ने प्यूमा का नया कालेज बैग औनलाइन और्डर किया. जब उसे बैग मिला तो उस में प्यूमा ही लिखा था पर न कोई गारंटी थी, न वारंटी. वह सैलर को पकड़ ही नहीं पाई क्योंकि वैबसाइट को कोई जानकारी नहीं थी. काफी कोशिशों के बाद भी उसे वैबसाइट से कोई जवाब नहीं मिला. सब टर्म्स और कंडीशंस के बाद पेमैंट हो चुका था. आरती के पास लोकप्रिय ब्रैंड की नकल स्वीकार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था.

इसी तरह जब एक हाउसवाइफ मीना ने औनलाइन सब्जियां और्डर कीं. सब्जियां तो उसे मिलीं जरूर पर फ्रैश नहीं. जब अपने कस्टमर सर्विस से संपर्क किया तो उसे बताया गया यह मौसम, समय और दूरी पर निर्भर करता है जिस से सब्जियों में ताजगी खत्म हो सकती है.

जब आप को प्रोडक्ट को छूने और चैक करने का विकल्प नहीं है तो आप को क्या मिलेगा इस बात की गारंटी नहीं रहती है, इसलिए औनलाइन शौपिंग के लिए आप को काफी सचेत रहना चाहिए.

दूसरी ओर कुछ खुशनुमा मामले भी हैं. नेहा ने भी औनलाइन एक ड्रैस और्डर की. जब उसे ड्रैस मिली तो उसे वह फिट ही नहीं हुई. बड़े साइज की ड्रैस की रिक्वैस्ट करने पर उसे फौरन रिस्पौंस मिला और उसे रिप्लेसमैंट भी मिल गया. कस्टमर सर्विस ने बहुत सहायता की, वह इस सर्विस से इतनी खुश हुई कि उस ने बाकी परिचितों से भी इस वैबपोर्टल सर्विस की तारीफ की.

गार्गी को भी औनलाइन और्डर की हुई दवाइयों का रिप्लेसमैंट तुरंत मिल गया क्योंकि जो दवाइयां उसे पहले मिली थीं, उन की ऐक्सपायरी डेट बहुत पास थी.

एक महत्त्वपूर्ण बात जान लेनी चाहिए कि ग्राहकों की शिकायत के लिए ‘कंज्यूमर ग्रीविएंसेज बौडी’ है. यह उन ग्राहकों के लिए काम करती है. जिन्हें अपना प्रोडक्ट मनमुताबिक नहीं मिलता है. हमें ग्राहकों के अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. भारत में ‘जागो ग्राहक जागो’ के नाम से कैंपेन भी चलाया गया था. भारत की तरह ग्राहक सेवा का विकसित देशों में भी बहुत अधिक महत्व है जहां हर शिकायत गंभीरतापूर्वक ली जाती है और लोग अपने अधिकारों के प्रति बहुत जागरूक हैं.

आजकल कई औनलाइन शौपिंग पोर्टल्स हैं जैसे, अमेजौन, ईबे, अलीबाबा, आइकिलया, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और जबौंग, कूव्ज, बिग बास्केट, लोकल बनिया, नेटमेड्स और कोल्मेंड्स, पैपर फ्राई, बौक्स 8, स्विगी, फूडपांडा आदि.

खरीदारी से पहले इन के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए जिस से वही चीज मिल जाए जिस के लिए पेमैंट किया है. आजकल औनलाइन शौपिंग में सब को सुविधा दिखती है पर भले ही आप पागल कर देने वाली भीड़ से दूर हैं, इस का मतलब यह नहीं कि किसी की भेदती नजरें आप पर नहीं हैं या आप की मेहनत की कमाई पूर्णत: सुरक्षित है.

औनलाइन शौपिंग करते समय कभी बेफिक्री की अवस्था में न रहें. अपने पैसे की सुरक्षा करना जानें. कुछ बातें साइबर क्राइम से आप की सुरक्षा कर सकती हैं :

  • यदि आप वैबसाइट पर कुछ खरीदने या विडिंग करने में सहज नहीं हैं या आप को अपना और्डर उसी समय देने के लिए प्रैशर दिया जा रहा है तो संभल जाएं.
  • इस से पहले कि आप अपने पेमैंट की जानकारी दें, चैक कर लें कि सिक्योरिटी सौफ्टवेयर ठीक है या नहीं.
  • अच्छी कंपनियां स्पष्ट बताती हैं कि कैसे वे आप से डेटा लेंगी और क्या करेंगी. अब कई वैबसील अप्रूवल या ट्रस्ट मार्क प्रोग्राम होते हैं जो आप की जानकारी पर दिशानिर्देश देते हैं.
  • औनलाइन शौपिंग के लिए क्रैडिट कार्ड ज्यादा सुरक्षित होते हैं, डैबिट कार्ड प्रयोग करने में नुकसान होने का डर रहता है.
  • व्यक्तिगत जानकारी लेने वाले प्रश्नों से सावधान रहें. विश्वसनीय औनलाइन रिटेलर कभी भी अनावश्यक, व्यक्तिगत या आर्थिक जानकारी नहीं लेगा.
  • आजकल स्मार्टफोन कंप्यूटर की तरह सबकुछ कर सकते हैं, इस का मतलब यह नहीं कि वे आप के डैस्कटौप की तरह सुरक्षित है. अधिकतर फोन में एंटीवायरस सौफ्टवेयर नहीं होता है जो आप के कंप्यूटर में होता है इसलिए अपराधियों के लिए आप के फोन से आप की जानकारी लेना आसान होता है.
  • नई वैबसाइट पढ़ते हुए रिव्यूज जरूर पढ़ें और देखें कि अन्य ग्राहकों ने उस साइट के लिए सकारात्मक या नकारात्मक कैसे अनुभव बताए हैं.
  • हर महीने स्टेटमैंट्स चैक करते रहें.
  • अपनी औनलाइन शौपिंग के पेपर्स रखना हमेशा अच्छा रहता है. अधिकांश रिटेलर्स आप को ईमेल भेजेंगे या आप को आप की खरीदारी के कन्फर्मेशन वाला पेज भेजेंगे. इस पेज पर एक रसीद भी होनी चाहिए. अपना प्रोडक्ट मिलने तक इस कन्फर्मेशन को सेव कर लें.

कुछ इस तरह आंखों की खूबसूरती बढ़ाता है काजल

काजल को बहुत पुराने समय से एक महत्वपूर्ण ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. आजकल कई तरह के केमिकल युक्त काजल बाजार में मिलने लगे हैं. पहले महिलाएं अपनी आंखों में काजल लगाने के लिए उन्हें घर पर ही बनाया करती थीं.

आज हम आपको काजल के उन तथ्यों से अवगत कराएंगे जो आपको इसके इस्तेमाल पर स्वास्थ्य लाभ के रूप में मिलते हैं. आपकी खूबसूरती बढ़ाने के अलावा ये कई तरह की समस्याओं से बचाने में भी आपकी मदद करते हैं.

आंखे दिखती हैं बड़ी

बड़ी-बड़ी आंखें बेहद खूबसूरत लगती हैं. काजल लगाने से आपकी आंखें थोड़ी बड़ी दिखाई देती हैं. साथ ही इससे आपकी आंखों को शेप भी मिलती है जिससे उनकी सुंदरता और बढ़ जाती है.

आंखों की बढ़ती है रोशनी

घर के बने रसायनरहित काजल हमारी आंखों के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. अगर इनका नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाए तो यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार होती हैं.

सूर्य-किरणों के दुष्प्रभाव से रक्षा

कई बार धूप में ज्यादा देर तक रहने की वजह से आपकी आंखें लाल हो जाती हैं और उनमें पानी आने लगता है. ऐसे में काजल का इस्तेमाल आपको इस समस्या से पूर्णतः निजात दिलाने में मदद करता है. यह सूरज की किरणों से आंखों पर पड़ने वाले दुष्रभाव को रोकने का काम करता है.

आंखों को ठंडक पहुंचाता है

आज की जीवनशैली में जैसै-जैसे प्रतिद्वंदिता बढ़ रही है वैसे-वैसे लोगों के काम का वक्त भी बढ़ रहा है. जो लोग देर रात तक कंप्यूटर या फिर लैपटाप पर काम करते हैं उनके लिए काजल विशेष लाभकारी है. यह आंखों को ठंडक तथा आराम पहुंचाता है.

आंखों की कई समस्याओं का इलाज

ऐसा माना जाता है कि काजल का इस्तेमाल मोतियाबिंद और रतौंधी जैसे रोगों के उपचार में भी कारगर होता है. यह आंखों में आने वाली धूल को हटाता है तथा कीट-पतंगों से भी आंखों की सुरक्षा करता है.

वीडियो : कुछ इस तरह से हुआ भारती का ससुराल में स्वागत

हाल ही में स्टैंड अप कौमेडियन भारती सिंह हर्ष लिंबाचिया के साथ शादी के अटूट बंधन में बंधी. उनकी शादी को लेकर पूरे देश में चर्चा हुई. उनके फैंस ने उन्हें बधाई दी.

तीन दिनों तक चली इस धूमधाम शादी के बाद दोनों ने गोवा में अपना हनीमून मनाया और अब यह नवविवाहित जोड़ा मुंबई लौट आया है. भारती की सास, यानी हर्ष की मां ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.

गोवा में हनीमून के बाद भारती और हर्ष मुंबई लौटे. मुंबई में भारती ने अपने ससुराल में गृह प्रवेश किया और उसका वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया.


वीडियो के अलावा उन्होंने शादी के बाद की कई तस्वीरें भी इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं और उसके कैप्शन में भारती ने लिखा- जिंदगी का खूबसूरत हिस्सा अब शुरू हुआ है.

इन तस्वीरों में भारती काफी सुन्दर दिख रही हैं. तस्वीरों में वह अपने पति हर्ष लिंबाचिया के साथ बीच पर मस्ती करती और रोमांटिक लोकेशन्स पर घूमती नजर आ रही हैं.

एक फोटो में भारती बीच पर घूमती नजर आ रही हैं और हर्ष उनके पीछे जा रहे हैं. इस फोटो के कैप्शन में भारती ने लिखा- प्यार रेत में बना दो जोड़ी कदमों का निशान है. उनकी यह तस्वीरें उनके फैंस द्वारा इतनी पसंद की जा रही है कि इन तस्वीरों को तकरीबन 1 लाख लोगों ने महज एक दिन में लाइक किया है.

गौरतलब है कि भारती और हर्ष ने गोवा में रविवार (3 नवंबर) की शाम शादी के बंधन में बंध गए थे. उनके परिवार व कुछ खास दोस्‍त शादी में शरीक हुए. गुलाबी लहंगे में भारती और पाउडर ब्‍लू शेरवानी के साथ गुलाबी पगड़ी पहनी पहने हर्ष की जोड़ी देखते ही बन रही थी.

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