वीडियो : यहां ट्रेन पटरी पर सीधी नही उल्टा लटक कर चलती है

हमारे देश में मेट्रो और ट्रेन के आने से आम जिंदगी पहले से आसान हो गई है. शुरुआत में जब मेट्रो भारत में आई, तो आम लोगों के लिए ये किसी अजूबे से कम नहीं थी.

वहीं टूरिज्म की दृष्टि से भी देखें, तो मेट्रो के स्टेशन चर्चित जगहों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. अब वक्त बीतने के साथ मेट्रो किसी के लिए अजूबा नहीं रहा.

घूमने के लिए या एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हम ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. वैसे तो ट्रेन में सफर करना बहुत आरामदायक रहता है. बच्चे तो रेलगाड़ी में बैठने के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं.

आप भी बहुत बार देश-विदेश में बहुत-सी ऐसी ट्रेनों में बैठी होंगी जो पटरी के ऊपर चलती हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये ट्रेन पटरी के उपर नहीं नीचे चलती है वो भी उल्टा लटक कर.

जर्मनी में हैंगिंग ट्रेन

यूरोपीय देश जर्मनी अपनी तकनीक के लिए जाना जाता है. यहां चलने वाली ‘हैंगिंग ट्रेन’ इसकी एक मिसाल है. यह रेल सेवा काफी पुरानी है. इसकी शुरुआत 1901 में हुई थी. जर्मनी के वुप्पर्टल इलाके में चलाई जाने वाली हैंगिंग ट्रेन काफी लोकप्रिय है. रोजाना करीब 82 हजार से भी अधिक यात्री इस ट्रेन में यात्रा करते हैं. सबसे खास बात ये है कि 100 साल से भी ज्यादा समय बीतने के बाद किसी देश ने इस हैंगिंग ट्रेन की नकल नहीं की है.

100 सालों में हुए बस दो हादसे

ऐसा नहीं है कि हैंगिंग ट्रेन हवा में लटकी रहती है, तो दुर्घटनाओं की संभावनाएं अधिक होती होगी. यदि हैंगिंग ट्रेन की दुर्घटनाओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि 100 सालों से भी अधिक के इतिहास में यह ट्रेन अब तक मात्र एक बार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. यह दुर्घटना 1999 में तब हुई जब ट्रेन वुप्पर्टल नदी में गिर गई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत और करीब 50 घायल हो गए थे. इस हादसे के अलावा 2008 और 2013 में भी मामूली दुर्घटनाएं हुई थी, लेकिन उसमें किसी की मौत नहीं हुई. हैंगिंग ट्रेन के ट्रैक की लंबाई 13.3 किलोमीटर है. ट्रेन के रुकने के लिए 20 स्टेशन बनाए गए हैं. ट्रेन बिजली से चलती है.

हैंगिंग ट्रेनको चलाने की वजह

वुप्पर्टल शहर 19वीं शताब्दी के अंत तक अपने औद्योगिक विकास के चरम पर पहुंच गया था. यहां सड़कें सामान ढोने और पैदल चलने वाले लोगों के लिए थी. पहाड़ी इलाका होने की वजह से जमीन पर ट्राम या अंडरग्राउंड रेल चलाना मुश्किल था. इस कारण कुछ इंजीनियरों ने हैंगिंग ट्रेन चलाने का फैसला किया. माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे पुरानी मोनो रेल है.

औनलाइन शौपिंग के वक्त ये सावधानियां बरतना जरूरी है

कालेज स्टूडैंट आरती ने प्यूमा का नया कालेज बैग औनलाइन और्डर किया. जब उसे बैग मिला तो उस में प्यूमा ही लिखा था पर न कोई गारंटी थी, न वारंटी. वह सैलर को पकड़ ही नहीं पाई क्योंकि वैबसाइट को कोई जानकारी नहीं थी. काफी कोशिशों के बाद भी उसे वैबसाइट से कोई जवाब नहीं मिला. सब टर्म्स और कंडीशंस के बाद पेमैंट हो चुका था. आरती के पास लोकप्रिय ब्रैंड की नकल स्वीकार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था.

इसी तरह जब एक हाउसवाइफ मीना ने औनलाइन सब्जियां और्डर कीं. सब्जियां तो उसे मिलीं जरूर पर फ्रैश नहीं. जब अपने कस्टमर सर्विस से संपर्क किया तो उसे बताया गया यह मौसम, समय और दूरी पर निर्भर करता है जिस से सब्जियों में ताजगी खत्म हो सकती है.

जब आप को प्रोडक्ट को छूने और चैक करने का विकल्प नहीं है तो आप को क्या मिलेगा इस बात की गारंटी नहीं रहती है, इसलिए औनलाइन शौपिंग के लिए आप को काफी सचेत रहना चाहिए.

दूसरी ओर कुछ खुशनुमा मामले भी हैं. नेहा ने भी औनलाइन एक ड्रैस और्डर की. जब उसे ड्रैस मिली तो उसे वह फिट ही नहीं हुई. बड़े साइज की ड्रैस की रिक्वैस्ट करने पर उसे फौरन रिस्पौंस मिला और उसे रिप्लेसमैंट भी मिल गया. कस्टमर सर्विस ने बहुत सहायता की, वह इस सर्विस से इतनी खुश हुई कि उस ने बाकी परिचितों से भी इस वैबपोर्टल सर्विस की तारीफ की.

गार्गी को भी औनलाइन और्डर की हुई दवाइयों का रिप्लेसमैंट तुरंत मिल गया क्योंकि जो दवाइयां उसे पहले मिली थीं, उन की ऐक्सपायरी डेट बहुत पास थी.

एक महत्त्वपूर्ण बात जान लेनी चाहिए कि ग्राहकों की शिकायत के लिए ‘कंज्यूमर ग्रीविएंसेज बौडी’ है. यह उन ग्राहकों के लिए काम करती है. जिन्हें अपना प्रोडक्ट मनमुताबिक नहीं मिलता है. हमें ग्राहकों के अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. भारत में ‘जागो ग्राहक जागो’ के नाम से कैंपेन भी चलाया गया था. भारत की तरह ग्राहक सेवा का विकसित देशों में भी बहुत अधिक महत्व है जहां हर शिकायत गंभीरतापूर्वक ली जाती है और लोग अपने अधिकारों के प्रति बहुत जागरूक हैं.

आजकल कई औनलाइन शौपिंग पोर्टल्स हैं जैसे, अमेजौन, ईबे, अलीबाबा, आइकिलया, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और जबौंग, कूव्ज, बिग बास्केट, लोकल बनिया, नेटमेड्स और कोल्मेंड्स, पैपर फ्राई, बौक्स 8, स्विगी, फूडपांडा आदि.

खरीदारी से पहले इन के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए जिस से वही चीज मिल जाए जिस के लिए पेमैंट किया है. आजकल औनलाइन शौपिंग में सब को सुविधा दिखती है पर भले ही आप पागल कर देने वाली भीड़ से दूर हैं, इस का मतलब यह नहीं कि किसी की भेदती नजरें आप पर नहीं हैं या आप की मेहनत की कमाई पूर्णत: सुरक्षित है.

औनलाइन शौपिंग करते समय कभी बेफिक्री की अवस्था में न रहें. अपने पैसे की सुरक्षा करना जानें. कुछ बातें साइबर क्राइम से आप की सुरक्षा कर सकती हैं :

  • यदि आप वैबसाइट पर कुछ खरीदने या विडिंग करने में सहज नहीं हैं या आप को अपना और्डर उसी समय देने के लिए प्रैशर दिया जा रहा है तो संभल जाएं.
  • इस से पहले कि आप अपने पेमैंट की जानकारी दें, चैक कर लें कि सिक्योरिटी सौफ्टवेयर ठीक है या नहीं.
  • अच्छी कंपनियां स्पष्ट बताती हैं कि कैसे वे आप से डेटा लेंगी और क्या करेंगी. अब कई वैबसील अप्रूवल या ट्रस्ट मार्क प्रोग्राम होते हैं जो आप की जानकारी पर दिशानिर्देश देते हैं.
  • औनलाइन शौपिंग के लिए क्रैडिट कार्ड ज्यादा सुरक्षित होते हैं, डैबिट कार्ड प्रयोग करने में नुकसान होने का डर रहता है.
  • व्यक्तिगत जानकारी लेने वाले प्रश्नों से सावधान रहें. विश्वसनीय औनलाइन रिटेलर कभी भी अनावश्यक, व्यक्तिगत या आर्थिक जानकारी नहीं लेगा.
  • आजकल स्मार्टफोन कंप्यूटर की तरह सबकुछ कर सकते हैं, इस का मतलब यह नहीं कि वे आप के डैस्कटौप की तरह सुरक्षित है. अधिकतर फोन में एंटीवायरस सौफ्टवेयर नहीं होता है जो आप के कंप्यूटर में होता है इसलिए अपराधियों के लिए आप के फोन से आप की जानकारी लेना आसान होता है.
  • नई वैबसाइट पढ़ते हुए रिव्यूज जरूर पढ़ें और देखें कि अन्य ग्राहकों ने उस साइट के लिए सकारात्मक या नकारात्मक कैसे अनुभव बताए हैं.
  • हर महीने स्टेटमैंट्स चैक करते रहें.
  • अपनी औनलाइन शौपिंग के पेपर्स रखना हमेशा अच्छा रहता है. अधिकांश रिटेलर्स आप को ईमेल भेजेंगे या आप को आप की खरीदारी के कन्फर्मेशन वाला पेज भेजेंगे. इस पेज पर एक रसीद भी होनी चाहिए. अपना प्रोडक्ट मिलने तक इस कन्फर्मेशन को सेव कर लें.

कुछ इस तरह आंखों की खूबसूरती बढ़ाता है काजल

काजल को बहुत पुराने समय से एक महत्वपूर्ण ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. आजकल कई तरह के केमिकल युक्त काजल बाजार में मिलने लगे हैं. पहले महिलाएं अपनी आंखों में काजल लगाने के लिए उन्हें घर पर ही बनाया करती थीं.

आज हम आपको काजल के उन तथ्यों से अवगत कराएंगे जो आपको इसके इस्तेमाल पर स्वास्थ्य लाभ के रूप में मिलते हैं. आपकी खूबसूरती बढ़ाने के अलावा ये कई तरह की समस्याओं से बचाने में भी आपकी मदद करते हैं.

आंखे दिखती हैं बड़ी

बड़ी-बड़ी आंखें बेहद खूबसूरत लगती हैं. काजल लगाने से आपकी आंखें थोड़ी बड़ी दिखाई देती हैं. साथ ही इससे आपकी आंखों को शेप भी मिलती है जिससे उनकी सुंदरता और बढ़ जाती है.

आंखों की बढ़ती है रोशनी

घर के बने रसायनरहित काजल हमारी आंखों के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. अगर इनका नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाए तो यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार होती हैं.

सूर्य-किरणों के दुष्प्रभाव से रक्षा

कई बार धूप में ज्यादा देर तक रहने की वजह से आपकी आंखें लाल हो जाती हैं और उनमें पानी आने लगता है. ऐसे में काजल का इस्तेमाल आपको इस समस्या से पूर्णतः निजात दिलाने में मदद करता है. यह सूरज की किरणों से आंखों पर पड़ने वाले दुष्रभाव को रोकने का काम करता है.

आंखों को ठंडक पहुंचाता है

आज की जीवनशैली में जैसै-जैसे प्रतिद्वंदिता बढ़ रही है वैसे-वैसे लोगों के काम का वक्त भी बढ़ रहा है. जो लोग देर रात तक कंप्यूटर या फिर लैपटाप पर काम करते हैं उनके लिए काजल विशेष लाभकारी है. यह आंखों को ठंडक तथा आराम पहुंचाता है.

आंखों की कई समस्याओं का इलाज

ऐसा माना जाता है कि काजल का इस्तेमाल मोतियाबिंद और रतौंधी जैसे रोगों के उपचार में भी कारगर होता है. यह आंखों में आने वाली धूल को हटाता है तथा कीट-पतंगों से भी आंखों की सुरक्षा करता है.

वीडियो : कुछ इस तरह से हुआ भारती का ससुराल में स्वागत

हाल ही में स्टैंड अप कौमेडियन भारती सिंह हर्ष लिंबाचिया के साथ शादी के अटूट बंधन में बंधी. उनकी शादी को लेकर पूरे देश में चर्चा हुई. उनके फैंस ने उन्हें बधाई दी.

तीन दिनों तक चली इस धूमधाम शादी के बाद दोनों ने गोवा में अपना हनीमून मनाया और अब यह नवविवाहित जोड़ा मुंबई लौट आया है. भारती की सास, यानी हर्ष की मां ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.

गोवा में हनीमून के बाद भारती और हर्ष मुंबई लौटे. मुंबई में भारती ने अपने ससुराल में गृह प्रवेश किया और उसका वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया.


वीडियो के अलावा उन्होंने शादी के बाद की कई तस्वीरें भी इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं और उसके कैप्शन में भारती ने लिखा- जिंदगी का खूबसूरत हिस्सा अब शुरू हुआ है.

इन तस्वीरों में भारती काफी सुन्दर दिख रही हैं. तस्वीरों में वह अपने पति हर्ष लिंबाचिया के साथ बीच पर मस्ती करती और रोमांटिक लोकेशन्स पर घूमती नजर आ रही हैं.

एक फोटो में भारती बीच पर घूमती नजर आ रही हैं और हर्ष उनके पीछे जा रहे हैं. इस फोटो के कैप्शन में भारती ने लिखा- प्यार रेत में बना दो जोड़ी कदमों का निशान है. उनकी यह तस्वीरें उनके फैंस द्वारा इतनी पसंद की जा रही है कि इन तस्वीरों को तकरीबन 1 लाख लोगों ने महज एक दिन में लाइक किया है.

गौरतलब है कि भारती और हर्ष ने गोवा में रविवार (3 नवंबर) की शाम शादी के बंधन में बंध गए थे. उनके परिवार व कुछ खास दोस्‍त शादी में शरीक हुए. गुलाबी लहंगे में भारती और पाउडर ब्‍लू शेरवानी के साथ गुलाबी पगड़ी पहनी पहने हर्ष की जोड़ी देखते ही बन रही थी.

दीपिका-आलिया को पछाड़ ये एक्ट्रेस बनीं एशिया की सेक्सिएस्ट वुमन

बौलीवुड की देसी गर्ल और क्वांटिको फेम एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा एशिया की सबसे सेक्सी महिला बन गई हैं. दरअसल, प्रियंका चोपड़ा को ब्रिटेन में एक सालाना चुनाव में एशिया की सबसे सेक्सी महिला माना गया है.

लंदन के साप्ताहिक समाचारपत्र ईस्टर्न आई द्वारा कराए गए ’50 सेक्सिएस्ट एशियन वुमन’ चुनाव में प्रियंका चोपड़ा शीर्ष पर हैं. उन्होंने रिकार्ड बनाते हुए पांचवी बार इस टाइटल को हासिल किया है. दीपिका पादुकोण को साल 2016 में यह खिताब मिला था.

प्रियंका चोपड़ा ने इस औनलाइन सर्वे में उनके लिए वोट करने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘ मैं इसका क्रेडिट नहीं ले सकती हूं. इसका क्रेडिट मेरे जेनेटिक्स और आपकी नजर को जाता है.’ आगे उन्होंने कहा, ‘ मैं इसके लिए आभारी हूं और आगे इसको बनाए रखना महत्वपूर्ण है.’

प्रियंका चोपड़ा के अलावा इस सर्वे में भारत की छोटे पर्दे की स्टार निया शर्मा दूसरे स्थान पर रहीं. इस सूची में दीपिक पादुकोण तीसरे स्थान, आलिया भट्ट चौथे स्थान और पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान पांचवें स्थान पर हैं. वहीं, इस सूची में कैटरीना कैफ का स्थान सातवां और श्रद्धा कपूर का स्थान आठवां है.

2016 में निया शर्मा इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर थीं. पिछले साल दीपिका पहले स्थान पर और प्रियंका दूसरे स्थान पर थीं.

27 साल की निया का असली नाम नेहा है. उन्होंने बाद में अपना नाम बदल लिया था. उन्होंने साल 2010 में सीरियल ‘काली’ से टीवी पर डेब्यू किया था. सीरियल ‘एक हजारों में मेरी बहना है’ से वो फेमस हुई थीं.

उसके बाद रवि दुबे के साथ उनके शो ‘जमाई राजा’ को दर्शकों ने बहुत पसंद किया था. हाल ही में वो ‘खतरों के खिलाड़ी 8’ में नजर आई थीं.

निया सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव हैं और अपनी ग्लैमरस तस्वीरें पोस्ट करती रहती हैं. इन तस्वीरों के कारण उन्हें ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद वो ऐसे तस्वीरें शेयर करने में नहीं हिचकिचाती हैं.

निया ने वेब सीरिज ‘ट्विस्टेड’ के लिए एक बोल्ड सीन दिया. जिसमें वह अपनी को-स्टार ईशा शर्मा के साथ लिप-लौक करती नजर आईं थीं. इस सीन ने सोशल मीडिया पर खूब सनसनी फैलाई थी. निया की इस पहली वेब सीरीज को अच्छा रिस्पान्स मिला था.

कुछ समय पहले निया का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक हो गया था. जिसे लेकर वो काफी परेशान थीं. उनका अकाउंट हैक करने वाले ने एक तस्वीर शेयर की जिस पर लिखा था कि मैं यह अकाउंट डिलीट कर रहा हूं. साथ ही निया को गाली भी दी और गुडबाय कहा.

निया ने अपना अकाउंट हैक होने के बाद ट्वीट किया कि जो तुमने कहा वो सही हो सकता है लेकिन मुझे अपना इंस्टाग्राम अकाउंट बहुत पसंद है. अगर तुम्हारा खेल खत्म हो गया तो मेरा अकाउंट वापस कर दो. साथ ही निया ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि लोगों को दूसरों का अकाउंट हैक करके क्या खुशी मिलती है. मुझे अपना इंस्टाग्राम अकाउंट सबसे ज्यादा पसंद था. निया ने कहा कि अकाउंट हैक होने के बाद उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे उनके शरीर का कोई हिस्सा खो गया.

सर्दियों में आप भी रखें अपने होठों का खास ख्याल

सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर में नमी की कमी हो जाती है और त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है. इसका असर आपके होठों पर भी झलकता है. ऐसे में होठों पर रूखापन आ जाता है और होठ फटने लगते हैं. यह न सिर्फ आपको तकलीफ देता है बल्कि यह आपके चेहरे की खूबसूरती पर भी बुरा असर डालता है. ऐसे में शरीर को सही पोषण देने और उसे हाइड्रेटेड बनाए रखने की जरूरत होती है.

सर्दियों में होठों का खास ख्याल रखने के लिए हम आपको कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं.

बादाम का तेल

बादाम के तेल में विटामिन ‘ई’ पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. यह सर्दियों में सूखे और फटते होठों के लिए एक बेहतर उपाय साबित हो सकता है. होठों पर बादाम का तेल लगाने से उसका रूखापन दूर होता है. इसके अलावा बादाम के तेल में शहद मिलाकर होठों पर लगाने से होठ लाल और मुलायम बनते हैं. यह एक नेचुरल लिप बाम की तरह काम करता है.

शहद

शहद में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ‘सी’ भी पाया जाता है जो मृत कोशिकाओं को हाइड्रेट कर आपकी त्वचा को नमी देने का काम करती है. हनी-शुगर स्क्रब, शहद और नींबू का जूस, शहद और ग्लिसरीन, शहद और गुलाबजल आदि कई ऐसे नुस्खे हैं जो सर्दियों में फटते होठों के उपचार में मददगार होते हैं.

दूध

दूध और हल्दी को मिलाकर पेस्ट बनाइए और इसे होठों पर लगाइए. 5 मिनट तक यूं ही रहने दीजिए फिर इसे हल्के-हल्के रगड़कर साफ कर लीजिए. होठों को नर्म रखने के लिए यह एक बेहद हा असरदार नुस्खा है.

चुकंदर का जूस

चुकंदर का जूस बेरंग होठों को लाल और मुलायम बनाने के लिए सबसे बेहतरीन उपाय है. यह इसके सूखे होठों को नमी देने का काम भी करता है. चुकंदर के जूस को होठों पर लगाइए और बीस मिनट बाद धो लीजिए. इससे न सिर्फ आपके होंठ नरम बनेंगे बल्कि उनमें गुलाबी निखार भी आ जाएगा.

टमाटर का जूस

टमाटर में विटामिन सी और शक्तिशाली एंटी-आक्सीडेंट्स पाया जाता है जो डैमेज्ड स्किन सेल्स को खत्म करता है. टमाटर के पेस्ट को होठों पर लगाइये और 15 मिनट बाद उसे धो लीजिए. इससे आपके होंठ मुलायम और नम हो जाएंगे.

ये घरेलू उपाय करेंगे अस्थमा का जड़ से सफाया

अस्थमा के मरीजों के लिए बढ़ती ठंड और प्रदूषण दोनों ही नुकसानदायक होते हैं. आज के समय में दमा ऐसी बीमारी बन गई है जो खांसी-जुकाम से शुरू होकर किसी को भी अपनी चपेट में ले लेती है, ऐसा इसीलिए कहा जा सकता है क्योंकि दुनिया भर में लगभग 30 करोड़ लोग अस्थमा से पीडि़त है. सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि ना सिर्फ वृद्ध बल्कि छोटे छोटे बच्चे भी अस्थमा की चपेट में आ रहे हैं. अस्थमा के इलाज के लिए इनहेलर का प्रयोग किया जाता है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि इनहेलर के दुष्‍प्रभाव भी हैं, जिन मरीजों को बहुत अधिक अस्थमा अटैक पड़ते हैं, उन्हें बार-बार इनहेलर के प्रयोग से नुकसान भी पहुंच सकता है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सावधानी बरती जाए तो अस्थमा से बचाव संभव है. इस बीमारी में घरेलू नुस्खे अपना कर भी स्वस्थ रहा जा सकता है और अगर रहते इसपर काबू कर लिया जाए तो इसके गंभीर अंजाम से बचा जा सकता है. अस्थमा के उपचार के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है. आइए जानते हैं अस्थमा के लक्षण—

अस्थमा के लक्षण

सांस लेने में तकलीफ होना और जोर-जोर से सांस लेने के कारण थकावट का महसूस होना.

शरीर में बेचैनी महसूस होना.

कई बार सिर भारी-भारी लगना और एक हिस्से में दर्द होना.

अधिक चलने के बाद उल्टी महसूस होना.

घरेलू नुस्खे अपनाएं

लहसुन और अदरक

दमा के इलाज में बहुत प्रभावशाली औषधि है. 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का रोजाना सेवन करें. इसके सेवन से आपको दमे की शुरुआती अवस्था में काफी लाभ मिलता है.

अस्थमा से छूटकारा पाने में अदरक आपकी काफी मदद कर सकता है. गरम चाय में अदरक और लहसुन की दो कलियां पीसकर डाल दें. इससे अस्थमा बहुत जल्दी नियंत्रित होता है.

लौंग

4-5 दाने लौंग लेकर एक गिलास पानी में उबालें. इसे तब तक उबालें जब तक बर्तन में पानी आधा न हो जाए. इसके बाद इसे छान लें. इस पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं. इसका दिन में तीन बार सेवन करें.

तुलसी

तुलसी के 15-20 पत्तों पर काली मिर्च का पाउडर छिड़कर खाएं. दिन में दों बार इसका सेवन करें. इससे अस्थमा के दौरान होने वाली सांस की तकलीफ में राहत मिलती है.

हल्दी

अस्थमा पर काबू पाने में हल्दी भी आपकी मदद करता है. एक चम्मच हल्दी के साथ दो चम्मच शहद को मिलाकर चाट लें. ऐसा दिन में दो बार करें और उसके ऊपर 30 मिनट तक पानी ना पीए. इसके अलावा एक चम्मच हल्दी को एक गिलास दूध में मिलाकर पीने से भी अस्थमा में काफी हद तक राहत मिलती है.

सावधान : उदास और दुखी लोगों को हो सकती है ये बीमारियां

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपनों के लिए वक्त कहां हैं? लोग पैसे कमाने की धुन में इस कदर मशगुल हैं कि अपनी हर खुशी को नजरअंदाज कर जाते हैं. फिर एक समय ऐसा आता है जब काम का बढ़ता दबाव उनकी दिनचर्या पर असर डालने लगता है. वह उदास और दुखी रहने लगते हैं और फिर धीरे धीरे उनकी यह उदासी उनकी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन जाता है.

व्यस्त जीवनशैली और काम के चलते उदास होना जाहिर सी बात है. लेकिन हाल ही में आए एक सर्वे से साफ हुआ है कि जो लोग अधिक दुखी और उदास रहते हैं उनमें प्रतिशोध की भावना अधिक पनपती है और यह भावना उनके सेहत पर काफी असर डालती है. यहा नहीं उनकी उदासी और खामोशी कई बड़ी बिमारियों का कारण भी बन सकती है.

रिसर्च में बताया गया है कि अब तक ये माना जाता था कि जो लोग दूसरों को चोट पहुंचाकर और उन्हें दुखी देखकर खुश होते हैं, उनमें प्रतिशोध की भावना उनसे ज्यादा होती है. जबकि ये सरासर गलत है. शोधकर्ताओं का कहना है कि परपीड़न प्रभावी व्यक्तित्व की विशेषता है, जिससे यह जाहिर होता है कि दुखी और उदास लोगों में दूसरों की अपेक्षा प्रतिशोध की भावना ज्यादा होती है.

दुखी और उदास रहने वाला व्यक्ति मानसिक तौर पर बिमार रहने लगता है, उनमें अपभ्रंश जैसी बिमारियो की शिकायत देखने को मिलती है. कई बार वह बिमार न होते हुए भी खुद को बिमार समझ लेते हैं ऐसे में वह तरह तरह की दवाईयां खाना शुरू कर देते हैं, जो कि आगे चलकर उनमें पेट से संबंधित बिमारियों को भी जन्म देते हैं.

उपर्युक्त विवरण को अगर देखा जाएं तो हमारें शरीर में बिमारी के जन्म लेने का सबसे बड़ा कारण हमारी उदासी है. इसलिए जितना हो सके अपने आफिस या किसी भी काम को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए. खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए और अपना कुछ समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिताना चाहिए.

हर एक भारतीय के पास हैं ये वित्तीय अधिकार

देश के मौजूदा कानून ने एक आम भारतीय को कई अधिकार दे रखे हैं, जिन से बहुत से लोग अनजान हैं. आइए जानते हैं, कुछ अहम वित्तीय अधिकारों को :

इंश्योरैंस पौलिसी वापस करने का अधिकार

अगर आप ने कोई बीमा पौलिसी खरीदी है और लेते ही आप के मन में पछतावा हो कि आप का यह निर्णय गलत हो गया तो आप पौलिसी डौक्यूमैंट मिलने के 15 दिनों के भीतर उसे वापस लौटा सकते हैं. सोचनेसमझने की यह समयावधि 3 साल या अधिक समय के लिए की गई सभी जीवन बीमा पौलिसियों व स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के लिए वैध है.

पौलिसी वापस करने के लिए आप को एक आवेदनपत्र लिखना पड़ेगा. ज्यादातर बीमा कंपनियों ने इस के लिए फौर्म डाउनलोड कर रखे हैं जिन्हें आप अपनी वैबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. इसे आप को खुद कंपनी में जमा करवाना चाहिए, क्योंकि एजेंट अपने कमीशन के चक्कर में आप को धोखा दे सकता है और जानबूझ कर 15 दिनों का समय बिता सकता है.

ऋणदाता द्वारा दुर्व्यवहार से सुरक्षा

आप ने किसी भी वित्तीय संस्था, (बैंक/फाइनैंस कंपनी) निजी कंपनी या फिर व्यक्ति से ऋण लिया है और किसी कारणवश उसे लौटा नहीं पा रहे हैं तो भी ऋणदाता या उन के रिकवरी एजेंट आप के साथ बदतमीजी से पेश नहीं आ सकते हैं. सब से पहले ऋणदाता आप को 60 दिनों का समय देते हुए एक नोटिस देगा. इस बीच आप ऋणदाता के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं.

ऋणदाता इस समयावधि में आप के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकता और उसे आप ने मिलने या कौल करने के लिए सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे का ही समय चुनना होगा. आधी रात में फोन करना या धमकाना कानूनन जुर्म है. आप इस के लिए अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं या फिर पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी लिखवा सकते हैं.

टैक्स रिफंड 90 दिनों के भीतर मिलना चाहिए

अगर आप का विभिन्न मदों में टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) कटा है और आप का टैक्स उस से कम बनता है तो आयकर विभाग टैक्स काटने के बाद की रकम आप को लौटा देता है. यह राशि आप को इनकम टैक्स रिटर्न जमा देने के 90 दिनों के भीतर प्राप्त करने का अधिकार है.

अगर विभाग आप की अतिरिक्त रकम लौटाने में देर करता है तो 0.5 फीसदी प्रतिमाह की दर से आप को ब्याज हासिल करने का अधिकार है. यह ब्याज आप द्वारा रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न फाइल करने के बावजूद मिलेगा. अगर आप को 90 दिनों में टीडीएस रिफंड नहीं मिलता है तो आप संबंधित अधिकारी से निवेदन कर सकते हैं.

संपत्ति पर अधिकार समय पर प्राप्त होना चाहिए

जब आप कोई प्रौपर्टी (फ्लैट या मकान) खरीदते हैं तो खरीदारी के वक्त तय समय सीमा के भीतर उस पर कब्जा करने का अधिकार भी मिल जाता है. किसी कारणवश बिल्डर प्रोजैक्ट में देरी कर रहा हो और तय समयावधि में आप को फ्लैट या मकान में कब्जा न दे पा रहा हो तो आप ईएएमआई में लग रही ब्याज के समान दर की वसूली के हकदार हैं. आप चाहें तो उस के पास अपनी बकाया रकम की मांग भी कर सकते हैं.

आप के द्वारा दावा करने के 45 दिनों के भीतर बिल्डर को रकम लौटानी होगी. अगर बिल्डर आप की बात न सुने तो आप अपने राज्य की रीयल एस्टेट रैगुलेटरी औथरिटी के पास इस की शिकायत कर सकते हैं. प्राधिकरण द्वारा 60 दिनों में शिकायत का निबटारा अपेक्षित है.

लौकर सुविधा पाने का अधिकार

किसी बैंक में लौकर लेने के लिए आप को न तो वहां बचत खाता खोलने के लिए और न ही उन का प्रोडक्ट खरीदने के लिए बाध्य किया जा सकता है. हां, बैंक आप से एक फिक्स डिपौजिट मांग सकता है जिस में 3 साल का किराया व अन्य शुल्क वसूल हो सके. अगर बैंक लौकर उपलब्ध न होने का दावा करता है तो आप उन से वेट लिस्ट मांग सकते हैं, जिस से उन के दावे की सत्यता जांची जा सकती है.

अगर बैंक उपलब्धता के बावजूद लौकर न दें तो आप वहां की ग्रीवैंस सेल में शिकायत करें. इस के बावजूद मामले की सुनवाई न हो तो ओंबड्समैन या रिजर्व बैंक को शिकायत करें.

रैस्टोरैंट में सर्विस चार्ज न देने का अधिकार

अगर आप किसी रेस्तरां की सेवाओं से खुश नहीं हैं तो आप बिल में लगाए गए सर्विस चार्ज को देने से मना कर सकते हैं. सर्विस चार्ज सर्विस टैक्स या वैट की तरह कोई सरकारी लेवी नहीं है और यह सीधेसीधे रेस्तरां मालिक की जेब में जाती है. अगर रेस्तरां के कर्मचारी या मालिक इस के लिए जोरजबरदस्ती या झगड़ा करें तो आप उपभोक्ता मामलों के विभाग में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. हां, बिल अवश्य साथ में ले लें.

म्यूचुअल फंड मैंडेट में बदलाव जानने का हक

आप किसी खास म्यूचुअल फंड में पैसा तभी लगाते हैं जब आप को उस की निवेश पौलिसी पसंद आती है, लेकिन किन्हीं कारणों से अगर म्यूचुअल फंड कंपनी निवेश नीति में बदलाव करती है और पहले से बिलकुल अलग सेजमैंट में अपना पैसा निवेश करने की योजना बनाती है तो उसे अपने निवेशकों को इस की पूर्व सूचना देनी पड़ेगी. अगर आप को कंपनी की नई निवेश नीति पसंद नहीं तो आप बिना कोई एग्जिट चार्ज दिए इस में से निकल सकते हैं.

अनधिकृत कार्ड ट्रांजैक्शन के पेमैंट से इनकार

अगर आप के डैबिट या क्रैडिट कार्ड से अनधिकृत भुगतान किया गया है और आप को इस की जानकारी नहीं है तो आप इस के पेमैंट के लिए मना कर सकते हैं. लेकिन आप को यह प्रमाणित करना होगा कि आप ने ऐसा कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया. किसी भी प्रकार के अनधिकृत लेनदेन का पता चलते ही सब से पहले बैंक से लिखित शिकायत करें और कार्ड को ब्लौक करने का निर्देश दें. इस के बाद आप को पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट भी लिखवानी चाहिए.

कमीशन की राशि जानने का अधिकार

आप को यह जानने का अधिकार है कि आप को बेची गई पौलिसी या म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट से आप को इंश्योरैंस एजेंट या फंड डिस्ट्रीब्यूटर ने कितना कमीशन कमाया है. आप के पूछने पर इंश्योरैंस एजेंट आप को कमीशन की राशि बताने के लिए बाध्य है. इसी प्रकार म्यूचुअल फंड कंपनी डिस्ट्रीब्यूटर को कितना कमीशन दे रही है, यह अकाउंट स्टेटमैंट में लिखने का चलन है. अगर आप के चाहने के बावजूद आप को इन सूचनाओं से वंचित रखा जाता है तो आप म्यूचुअल फंड्स के लिए सेबी और इंश्योरैंस के लिए आइआरडीएआई से संपर्क कर के शिकायत कर सकते हैं.

आप को जानने का पूरा अधिकार है कि जो पौलिसी आप को बेची गई है, इंश्योरैंस एजेंट ने उस से कितना कमीशन कमाया है.

बंधनों के प्रति भी रहें सजग

आप जितने सजग अपने वित्तीय अधिकारों को ले कर रहते हैं उतना ही कानूनी बंधनों के प्रति भी सचेष्ट रहना चाहिए.

टैक्स पेमैंट

एक अच्छे नागरिक की तरह आप को अपनी आय पर जो टैक्स विभिन्न धाराओं में छूट आदि के बाद बनता है. उस का भुगतान जरूर करना चाहिए.

सच्ची जानकारी

जीवन बीमा हो या स्वास्थ्य बीमा, जब भी आप कोई पौलिसी खरीदें तो अपने बारे में सभी जानकारियां सहीसही दें. गलत जानकारी आगे चल कर आप के लिए ही नुकसानदायक साबित हो सकती है. संबंधित कंपनी को अगर पता चल गया तो आप का क्लेम रिजैक्ट किया सकता है.

सही समय पर भुगतान

ऋण की किस्त हो या क्रैडिट कार्ड की बकाया रकम, समय पर चुकाना आप का बाध्यतामूलक कर्तव्य है. देर से चुकाने पर न सिर्फ आप की साख खराब होती है बल्कि लेट फाइन के रूप में मोटी रकम भी चुकानी पड़ सकती है.

नौमिनी का नाम दें

बैंक खाते, फिक्स डिपौजिट, शेयर ब्रोकिंग फर्म औरर इंश्योरैंस पौलिसी में अपने नौमिनी का नाम जरूर लिखवाएं. किसी अनहोनी की सूरत में भुगतान का निबटारा बिना किसी झंझट के हो जाएगा. वरना आप के पारिवारिक सदस्यों को रकम वसूलने के लिए पापड़ बेलने पड़ेंगे.

(कोलकाता हाईकोर्ट के वकील इंद्रनील चंद्र, फाइनैंस एडवाइजर प्रदीप अग्रवाल, सीए जतिन मित्तल, सीए चीनू शर्मा, सीएस गौतम दुगड़ से बातचीत पर आधारित).

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