‘न्यूटन’ के अलावा ये फिल्में भी हो चुकी हैं औस्कर की दौड़ में शामिल

भारतीय सिनेमा के लिए औस्कर अवार्ड हमेशा ही चर्चा का विषय रहा है. इस साल भारत की तरफ से इस अवार्ड के लिए विदेशी फिल्म कैटेगरी में ‘न्यूटन’ को नामित किया गया है. राजकुमार राव अभिनीत ये फिल्म 22 सितंबर को ही रिलीज हुई है.

न्यूटन मिडल क्लास फैमिली के न्यूटन कुमार उर्फ नूतन कुमार की कहानी है. यह फिल्म शुरू से अंत तक आपको बांधने का दम रखती है. न्यूटन एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों की एक खास क्लास के लिए है, जिन्हें रिएलिटी को स्क्रीन पर देखना पसंद है. वहीं तारीफ करनी होगी यंग डायरेक्टर अमित मसुरकर की जिन्होंने एक कड़वी सच्चाई को बौलीवुड मसालों से दूर हटकर पेश किया है.

राजकुमार ने इस फिल्म में अपनी लाजवाब ऐक्टिंग और किरदार को अपने अंदाज में जीवंत बना दिया है. अपनी बेहतरीन ऐक्टिंग के कारण राजकुमार इस अवार्ड के दावेदारों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा फिल्म में पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा, अंजलि पाटिल, रघुबीर यादव भी अहम भूमिकाओं में हैं.

इस फिल्म को जिस तरह क्रिटिक्स और दर्शकों की एक क्लास की जमकर तारीफें मिल रही हैं उसे देखकर पहले ही कहा जा रहा था कि फिल्म देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित फेस्टिवल में अपने नाम कई अवार्ड करने वाली है.

यहां ये जानना भी जरूरी है कि भारत ने अब तक एक बार भी विदेशी भाषा कैटेगरी में कोई औस्कर नहीं जीता है. बीते साल तमिल फिल्म विसारानाई को भी इस कैटेगरी में नामित किया गया था, लेकिन ये भी बहुत जल्द ही इस रेस से बाहर हो गई थी.

इससे पहले अपुर संसार (1959), गाइड (1965), सारांश (1984), नायकन (1987), परिंदा (1989), अंजलि (1990), हे राम (2000), देवदास (2002), हरिचन्द्रा फैक्ट्री (2008), बर्फी (2012) और कोर्ट (2015) को भी भारत की तरफ से औस्कर के लिए नामिनेट किया जा चुका है.

यहां तक कि फाइनल लिस्ट तक पहुंचने वाली फिल्मों में भी भारत की ओर से सिर्फ तीन फिल्म, महबूब खान की मदर इंडिया (1957), मीरा नायर की सलाम बौम्बे (1988) और आशुतोष गोवारिकर की लगान (2001) ही शामिल है.

अब देखना होगा कि न्यूटन का चयन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को औस्कर की दौड़ में कितना आगे तक लेकर जाता है.

पेट के रास्ते आती हैं ये तमाम बीमारियां

बिना ब्रेक लिए देर रात तक काम करना, अमूमन नाश्ता न करना, फास्ट फूड जमकर खाना, लंच के दौरान साफ्ट ड्रिंक की बड़ी-सी बोतल गटकना और काम का तनाव भगाने के लिए नियमित अंतराल पर सिगरेट फूंकना एक तरह से आज की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है.

शुरुआत में सब ठीक-ठाक चलता है फिर धीरे-धीरे सीने में जलन, पेट फूलने जैसी समस्या आने लगती है और धीरे-धीरे यही छोटी समस्या बड़ी बीमारी का कारण बन जाती है.

यूनानी चिकित्सक हिपोक्रेट्स ने कहा है कि ‘सारी बीमारियां पेट से ही शुरू होती हैं.’ उन्होंने भले ही यह बात दो हजार साल से भी ज्यादा पहले कही हो, लेकिन हमें अब जाकर यह समझ में आना शुरू हुआ है कि वे कितनी पते की बात कह रहे थे.

क्या आप जानती हैं कि एक स्वस्थ वयस्क इन्सान की सिर्फ आंत में ही करीब 100 खराब बैक्टीरिया पाए जाते हैं. ये अलग-अलग किस्म के होते हैं और उनके हितों के बीच टकराव पैदा होने से हमारे शरीर में बीमारियां जन्म लेती हैं.

पिछले दो दशकों में हुई रिसर्च से पता चला है कि पूरी तरह स्वस्थ रहने के लिए आंतों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है. आंतों की सेहत पर हमारे दिनचर्या का जबरदस्त असर पड़ता है. ज्यादा कैलोरी वाले जंक फूड और शराब का अधिक सेवन, इसके अलावा हरी सब्जियां न खाने से पाचन तंत्र के रोगों का खतरा बढ़ जाता है और यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम पर बुरा असर डालता है. जिसके कारण हमारे शरीर में गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग, इरिटेबल बावेल सिंड्रोम, फंक्शनल डिस्पेप्सिया, मोटापा, लीवर में फैट जमना और पेप्टिक अल्सर जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है.

अक्सर तनाव में रहने से भी आपका हाजमा खराब हो सकता है. इसकी वजह से पूरे पाचन तंत्र में जलन होने होने के साथ पाचन नली में सूजन आ जाती है और इन सबका नतीजा यह होता है कि पोषक तत्वों का शरीर के काम आना कम हो जाता है.

लंबे समय तक जारी रहने पर तनाव की वजह से इरिटेबल बावेल सिंड्रोम और पेट में अल्सर जैसी पाचन संबंधी तकलीफें हो सकती हैं. जांच के लिए डाक्टरों के पास जाने वाले रोगियों की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि गैस्ट्रोइसोफेगल रीफ्लक्स (जीईआरडी) अब पाचन संबंधी सामान्य रोग बन गया है. इस रोग में सीने में जलन तो होती ही है, उल्टी की शिकायत भी होती है. इसके अलावा फेफड़े, कान, नाक या गले से सम्बन्धित भी कई तकलीफें हो जाती हैं. यह अगर लंबे समय तक रह गया तो एक नई अवस्था आ सकती है, जिसका नाम है बैरेट्स इसोफेगस और इसका अगर समय पर इलाज न किया गया तो इसोफेगस का कैंसर भी हो सकता है.

पेट की हल्की लेकिन बार-बार शिकायतें होने पर जीवनशैली में थोड़े-बहुत बदलाव खास तौर पर फायदेमंद हो सकते हैं. इनमें बिस्तर पर सिर ऊंचा रखकर सोना, तंग कपड़े न पहनना, वजन ज्यादा होने पर उसे घटाना, शराब और सिगरेट का इस्तेमाल कम करना, खुराक में बदलाव करना, भोजन के तुरंत बाद लेटने से बचना और सोते समय खाने से बचना शामिल है.

हाल के कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि शराब के साथ-साथ धूम्रपान का लीवर और पैंक्रियाज को नुकसान पहुंचाने में बहुत बड़ा हाथ है. पैंक्रियाज हर तरह के भोजन को पचाने वाला महत्वपूर्ण अंग है जबकि लीवर शरीर में भोजन के पचने के बाद उसके अवशोषण के लिए जरूरी है.

पित्ताशय में पथरी, शराब के अलावा चर्बी वाले लीवर के रोग और गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स जैसे आंतों के कई रोगों में मोटापे का भी हाथ है. पाचन संबंधी रोग शरीर में जगह न बना सकें, इसके लिए जरूरी है कि वजन जरूरत से ज्यादा न होने पाए. वजन न बढ़े, इसके लिए रेशे वाले साबुत अनाज, फल, हरी सब्जियां, कम चर्बी वाला गोश्त और उसी तरह के डेयरी उत्पादों के अधिक सेवन के साथ पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करें.

एक ही बार में बहुत ज्यादा भोजन कर लेने से पाचन नली पर दबाव बढ़ सकता है. इसलिए ज्यादा बेहतर यह होगा कि दिन भर में नियमित अंतराल पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें.

हाजमे के मामले में अगर आपको लंबे समय तक या फिर गंभीर रूप से कोई समस्या महसूस हो तो बिना और किसी तरह की देर किए अस्पताल पहुंचना चाहिए और कंप्लीट हेल्थ चेकअप कराना चाहिए.

जब लगाना हो परफेक्ट आई लायनर

आपने अक्सर लोगों को ये कहते हुए सुना होगा, ‘आंखें मन का आईना होती है’, इसी आईने की चमक बरकरार रखने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते? कभी इसे काजल से तराशते हैं, तो कभी लायनर से उभारते हैं. एक ही नजर में सब कह देने वाली इन आंखों के मेकअप की जब बारी आती है, तो अच्छे-अच्छे फेल हो जाते हैं.

खास तौर पर परेशानी आती है आई लायनर के इस्तेमाल में, जब एक सीधी रेखा खींचने में सभी के पसीने छूट जाते हैं. ऐसे में आपको जरूरत है कुछ ऐसे शौर्ट कट्स की, जो आपका काम बेहद आसान बना सकते हैं. आज हम आपको आई लायनर लगाने के कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आप खुश हो जाएंगी.

वैसे तो मार्केट में कई तरह के लायनर उपलब्ध हैं, जिसमें से कुछ क्रीम बेस्ड, तो कुछ वाटर बेस्ड होते हैं. अक्सर महिलाओं को वाटर बेस्ड लायनर लगाने में समस्या होती है, क्योंकि न तो इसका शेप सही तरह से बनता है और न ही इसे फैलने से बचाया जा सकता है. ऐसे में लायनर लगाने के ये तरीके चंद मिनटों में आपकी समस्या का समाधान कर सकते हैं. आइये जानते हैं किस तरह आप घर में मौजूद मामूली चीजों की मदद से सही शेप के साथ लायनर लगा सकती हैं.

डेंटल फ्लौस स्टिक

डेंटल फ्लौस स्टिक के धागे वाले सिरे को लायनर में डुबोएं. इसके बाद आंखों के कोने से लगाते हुए ऊपर की तरफ खींचे. ऐसा करने से लायनर का एक विंग बन जाएगा. इसी तरह फिर एक बार लायनर में डुबोकर समान सिरे से दूसरा विंग बनाएं. दोनों विंग्स को जोड़ते हुए सीधी रेखा खींचे और खाली जगह को लायनर से भरें.

कार्ड

घर में मौजूद कार्ड के एक हिस्से को विंग का आकर देकर कैंची से काट लें. इसके बाद आंखों के किनारे रखकर लायनर ब्रश से विंग का शेप बनाएं. इस विंग को आगे बढ़ाते हुए सीधी रेखा खींच लें. इस तरह आप एक ही तरह के नहीं, बल्कि कई अलग-अलग शेप के लायनर लगा पाएंगी.

फोर्क/ कांटा चम्मच

आपने नूडल्स और फल खाने के लिए तो फोर्क का इस्तेमाल किया होगा, लेकिन क्या कभी आय लायनर लगाने के लिए इसका इस्तेमाल किया है? जी बिल्कुल, फोर्क की मदद से आप आसानी से लायनर लगा सकते हैं. बस आपको फोर्क को आंखों के किनारे लगाते हुए विंग बनाना है और इसे सीधी रेखा से जोड़ना है. इस तरीके को अपनाने के बाद आप आसानी से परफेक्ट शेप लायनर लगा सकेंगी.

आय लायनर स्ट्रिप्स

आय लायनर स्ट्रिप्स की मदद से भी आप मनचाहा शेप देकर आय लायनर लगा सकती हैं. बस आपको इसमें बने शेप के अनुसार लायनर ब्रश का इस्तेमाल करना है. ये स्ट्रिप्स आपको ऑनलाइन खरीददारी के जरिये आसानी से मिल जाएगी. क्लचर

क्या आपने कभी सोचा है, बालों को बांधने के लिए इस्तेमाल होने वाला क्लचर लायनर लगाने के लिए काम आ सकता है? जी हां, छोटे और पतले हैंडल वाले क्लचर की मदद से भी लायनर लगाया जा सकता है. बस आपको इसके हैंडल के एक कोने को लायनर में डुबोकर आंखों के किनारे विंग बनाना है और फिर इसे सीधी रेखा के जरिये जोड़ देना है.

हेयर पिन

हेयर पिन का इस्तेमाल सिर्फ बालों को सेट करने के लिए नहीं, बल्कि लायनर लगाने के लिए भी किया जा सकता है. बस आपको पिन में बने विंग शेप को लायनर में डुबोकर आंखों के कोनों से लगाना है और बस, तैयार है आपका परफेक्ट शेप लायनर!

इन आसान तरीकों से लायनर लगाना आपके बाएं हाथ का खेल बन जाएगा. चाहे आप कहीं भी जाएं, लोग आपकी आंखों के जादू से अछूते नहीं रह पाएंगे. तो देर किस बात की, जल्द से जल्द ट्राय करें ये तरीके और पाएं परफेक्ट शेप आय लायनर.

यहां से वहां तक छाई है प्रियंका की लाखों की ड्रेस..!

प्रियंका चोपड़ा ने भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भारत का नाम रौशन किया है. उन्होंने सबसे पहले बौलीवुड से हौलीवुड का सफर तय किया, इसके बाद हौलीवुड में अपनी जगह बनाई और अब वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामजिक कल्याण के लिए कार्य भी कर रही हैं. हाल ही में उन्हें यूनिसेफ द्वारा आयोजित ग्लोबल गोल्स अवार्ड्स में बुलाया गया था, जहां उनकी सादगी ने लोगों का दिल जीत लिया. उन्हें इस अवसर पर बतौर स्पीकर आमंत्रित किया गया था. लेकिन इस अवसर पर प्रियंका ने जो गाउन पहना हुआ था, वह तारीफ के काबिल था. इस गाउन के लिए उन्हें अब दुनिया भर से तारीफें मिल रही हैं. इतना ही नहीं, इस गाउन की कीमत को लेकर भी लोगों के बीच बवाल खड़ा हो गया है. इसकी कीमत है ही इतनी, जिसे जानने के बाद हर कोई हैरान रह गया है.

 

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प्रियंका का ये गाउन डिजाइनर क्रिस्टियन सिरियनो के कलेक्शन से है, जिसकी कीमत 4500 डालर यानी लगभग 2,89,780 रुपये है. अब आप ही सोचिये, जब प्रियंका इतना महंगा गाउन पहनेंगी, तो लोगों को झटका तो लगेगा ही. इस कार्यक्रम के बाद उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. बता दें कि प्रियंका ने इस समारोह की कुछ तस्वीरें अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर की थीं.

तो क्या कैटरीना के बाद अब इस पाकिस्तानी एक्ट्रेस पर आया है रणबीर का दिल?

कैटरीना से ब्रेकअप की खबरों के बाद रणबीर कपूर आज तक खुद को सिंगल बताते रहे हैं. कहा जाता है कि कैटरीना से ब्रेकअप ने उन्हें बहुत दुख पहुंचाया था और इस वजह से उन्हें शराब की लत लग गई थी. लेकिन कुछ समय पूर्व हुए एक इंटरव्यू में अपने दिल के राज़ों से पर्दा उठाते हुए उन्होंने कहा था कि अब उन्होंने पीना छोड़ दिया है.

इसी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वे कैटरीना से ब्रेकअप के बाद से सिंगल ही हैं. लेकिन इन दिनों रणबीर की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं, जिसने उनके इस झूठ को तार तार कर दिया है.

 

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असल में इन दिनों बौलीवुड के गलियारों से एक खबर बाहर आ रही है, जो ये दावा करती है कि रणबीर कपूर पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिर खान को डेट कर रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि ये तस्वीरें इस सच को बयां कर रही हैं. कहा जा रहा है कि ये तस्वीरें दुबई के एक होटल की हैं, जहां माहिरा खान से मिलने रणबीर कपूर पहुंचे थे. उसी वक्त दोनों को होटल के बाहर खड़े होकर स्मोकिंग करते हुए देखा गया. जिसके बाद उन्हें किसी ने कैमरे में कैद कर लिया.

ये तस्वीरें हाल ही में एक इन्स्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की गई हैं, जिसके बाद इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. इससे पहले भी रणबीर और माहिरा अवार्ड समारोह में साथ देखे गए थे, जहां बातचीत के दौरान दोनों एक-दूसरे की तारीफ करते हुए पकड़े गए थे. हालांकि अब तक रणबीर या माहिरा ने इन तस्वीरों को लेकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन फिर भी रणबीर कपूर के फैन्स के लिए ये बड़ी खबर साबित हो सकती है.

अगर पैदल घूमना चाहती हैं दिल्ली, तो करें इन जगहों की सैर

जहां बहुत सारे लोग ढेरों पैसे खर्च कर विदेशों में जाते हैं तो वहीं कई लोग ऐसे हैं जो कि अपने शहर में मौजूद जगहों को पैदल घूमना चाहते हैं. अगर आप पैदल घूमना चाहतीं हैं तो दिल्ली में ऐसी जगहों की कमी नहीं है. हम आपको बताते हैं कि आप कहां कहां पैदल यात्रा कर सकतीं हैं.

भारत की राजधानी दिल्ली अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, उद्यानों और बाजारों के लिए मशहूर है. दिल्ली में स्थित कई ऐतिहासिक किला मुगल कालीन वास्तुकला की नायाब धरोहर है. दिल्ली के कुछ जगहों पर आप वौकिंग टूर का आनंद ले सकतीं हैं. दिल्ली की संस्कृति, कला और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए पर्यटक कई गलियों, चौराहों और बगीचे में घूमते हैं. इन जगहों पर आप पैदल सैर कर मैजा ले सकतीं हैं.

हम आपको बताते हैं कि दिल्ली में ऐसी कौन कौन सी जगहें हैं जिनका मजा आप पैदल घूम कर ले सकतीं हैं.  

चांदनी चौक

चांदनी चौक दिल्ली का पुराना शहर है जो आज भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है. तंग गलियां होने के बावजूद वह आज भी लोगों को लुभाता है. लाल किले के पास स्थित चांदनी चौक पुरानी दिल्ली का एक प्रमुख बाजार है. दिल्ली यात्रा पर आए हर कोई चांदनी चौक की सैर करना चाहता है. यह दिल्ली के थोक व्यापार का प्रमुख केंद्र है. यह मुगल काल में प्रमुख व्यवसायिक केंद्र था. इसका डिजाइन शाहजहां की पुत्री जहांआरा बेगम ने बनाया था. यहां की गलियां संकरी हैं, इसलिए यहां लोग पैदल घूमना पसंद करते हैं. अगर आप खाने के शौकीन हैं तो पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के पास ही परांठेवाली गली है. इसके अलावा यह अपनी खान पान की विभिन्न दुकानो के कारण काफी प्रसिद्ध है.

कुतुब मीनार

दक्षिण दिल्ली के महरौली भाग में स्थित कुतुब मीनार ईट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर हो जाता है. इसमें 379 सीढि़यां हैं. मीनार के चारों ओर बने आहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं. यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है. महरौली टूर के दौरान शहर के शोर शाराबे से दूर ऐतिहासिक स्मारकों, कब्रों, रंगीन बाजारों और शानदार कुतुब मीनार देखने के लिए पैदल यात्रा करना सही होगा.

लोधी गार्डन

लोधी गार्डन सफदरजंग के मकबरे से 1 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. पहले इस बाग का नाम लेडी विलिंगटन पार्क था. यहां के खूबसूरत फव्वारे, तालाब, फूल और जौगिंग ट्रैक सभी उम्र के लोगों को लुभाते हैं. यहां पेड़ों की विभिन्न प्रजातियां, रोज गार्डन और ग्रीन हाउस है जहां पौधों को रखा जाता है. पूरे वर्ष यहां अनेक प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं. बगीचे के बीच में बड़ा गुंबद नामक मकबरा है, जिसके पीछे एक मस्जिद है जो 1494 में बनाई गई थी. इस उद्यान में शीश गुंबद, मोहम्मद शाह का मकबरा और सिकंदर लोदी का मकबरा भी हैं. सर्दियों के दिनों में यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं. यह 90 एकड़ में फैला हुआ है.

जामा मस्जिद

जामा मस्जिद दिल्ली की सबसे बड़ी मस्जिद है. जामा मस्जिद का निर्माण 1656 में सम्राट शाहजहां ने किया था. यह पुरानी दिल्ली में स्थित है. यह मस्जिद लाल संगमरमर के पत्थरों का बना हुआ है. मस्जिद के गुंबदों पर कबूतरों का बैठना और नजदीक से उन्हें देखना काफी लुभाता है. दिल्ली के चावड़ी बाजार में स्थित जामा मस्जिद के पास मीना बाजार है. जामा मस्जिद के एक छोर से लाल किला का खूबसूरत नजारा दिखता है. वहीं दूसरी तरफ चांदनी चौक बाजार है.

कनौट प्लेस

कनौट प्लेस दिल्ली का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र है. इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य ड्यूक औफ कनौट के नाम पर रखा गया था. इस मार्केट का डिजाइन डब्यू एच निकोल और टौर रसेल ने बनाया था. यह मार्केट अपने समय की भारत की सबसे बड़ी मार्केट थी. अपनी स्थापना के 65 साल बाद भी यह दिल्ली में खरीदारी का प्रमुख केंद्र है. यहां के इनर सर्किल में लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय ब्रैंड के कपड़ों के शोरूम, रेस्टोररेंट और बार हैं.

प्रगति मैदान

प्रगति मैदान में एशिया की सबसे बड़ी औटो प्रदर्शनी औटो एक्स्पो आयोजित होता है. प्रगति मैदान दिल्ली स्थित बड़े प्रदर्शिनियों का परिसर है. पूरा परिसर छोटे छोटे प्रदर्शनी हौल में विभाजित है. यह परिसर खासकर हर साल लगने वाले विश्व पुस्तक मेला और इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के लिए मशहूर है. नई दिल्ली के भैरों मार्ग पर प्रगति मैदान परिसर में शिल्प संग्रहालय स्थित है. यह दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. विश्व भर के लाखों पर्यटक यहां भारत की परंपरागत शिल्प एवं कलाओं का सजीव अवलोकन करने आते हैं.

सेहत के लिए फायदेमंद हैं प्याज के छिलके

क्या आप भी प्‍याज के छिलकों को छील कर फेक देती हैं. अगर हां, तो ठहरिये क्‍योंकि यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी फायदेमंद है. आप इसका कई अन्य तरीकों से इस्तेमाल कर सकती हैं. यह आपकी स्किन के लिए तो बहुत ही फायदेमंद है साथ ही यह कोलेस्ट्राल कम करने, इन्फेक्शन, कैंसर जैसी कई सारी बीमारियों से भी आपका बचाव करती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि प्याज के छिलकों का किस तरह से इस्तेमाल कर आप खुद को स्वस्थ रख सकती हैं.

कोलेस्ट्राल कम करने में सहायक

प्याज के छिलके बाडी के कोलेस्ट्राल लेवल को भी कम करने में मदद करते हैं. इसके लिए भी रात भर उन छिलकों को पानी में भिगोयें रखें और फिर रोजाना उस पानी को पियें. अगर आपको प्याज वाले पानी का स्वाद एकदम अच्छा नहीं लग रहा है तो उसमें शहद या चीनी मिलाकर पियें.

कैंसर से बचाव

आप इन प्याज के छिलकों को पानी के साथ उबालकर इसकी चाय भी बना सकती हैं. रोजाना सोने से पहले इस चाय का सेवन करें. यह आपको कैंसर जैसी खतरनाक बिमारी से बचाने में सहायक है. प्याज के छिलकों में एंटी-आक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं. इसके अलावा इसमें पाये जाने वाला ‘क्वेरसेटिन’ नामक एंजाइम कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती है.

ब्लड प्रेशर

प्याज के छिलके में क्वैरसेटीन नाम के फ्लेनोवोल की भारी मात्रा होती है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है.

इन्फेक्शन से बचाव

प्याज के छिलकों में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो कि पेट में होने वाले इन्फेक्शन में आराम दिलाते हैं. इसके लिए भी प्याज के छिलकों को पानी में भिगोएं और रोजाना उस पानी का सेवन करें.

गला खराब

पानी में प्याज के छिलके उबाले और फिर उसे छाने. इस पानी से गरारे करने पर गले को अराम मिलेगा और खराश जल्दी दूर हो जाएगी.

मैं विश्वास नहीं कर पा रही हूं कि मैं प्रियंका चोपड़ा से मिली : मलाला यूसुफजई

नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई कुछ समय पहले ही ट्विटर से जुड़ी हैं. ट्विटर से जुड़ने के बाद से ही वह अपनी जिंदगी के कई अहम पहलुओं और उनसे जुड़ी बातें सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं. आपको बता दें कि मलाला ने हाल ही में बौलीवुड एक्‍ट्रेस प्रियंका चोपड़ा के साथ एक तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए अपने इस पल को उन्होंने ‘फैन मोमेंट’ बताया. मलाला ने लिखा, ‘ मैं विश्‍वास ही नहीं कर पा रही हूं कि मैं प्रियंका चोपड़ा से मिली.’

आपको बता दें कि यूनिसेफ (यूएनआईसीईएफ) की गुडविल एंबेस्‍डर प्रियंका चोपड़ा संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में ‘ग्‍लोबल गोल्‍स अवार्ड्स’ में शामिल होने पहुंची थीं. इस दौरान वहां मलाला भी मौजूद थीं.

प्रियंका ने भी मलाला के इस ट्वीट का उतने ही प्‍यार से जवाब दिया. उन्होंने अपने इंस्‍टाग्राम अकाउंट पर मलाला के साथ अपना एक फोटो भी शेयर कर मलाला को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘ओह मलाला, मैं विश्‍वास नहीं कर पा रही हूं कि मैं तुमसे मिली हूं! तुम बहुत बड़े दिल वाली एक छोटी सी लड़की हो और काफी सारी उपलब्‍धियां पा चुकी हो. इन सब के लिए मेरे शब्‍द पर्याप्‍त नहीं होंगे. हम सबको तुमपर गर्व है.’

बता दें कि प्रियंका ने मलाला के लिए एक लंबा पोस्‍ट भी लिखा है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘मैं इस लड़की के बारे में एक पूरा उपन्‍यास लिख सकती हूं कि यह कितनी स्‍मार्ट, प्रेरक और मजेदार है, लेकिन मैं कम शब्‍दों में ही इसके बारे में कहना चाहती हूं. मलाला तुम एक ताकत हो और यह पूरी दुनिया जानती है. तुम हर उस शख्‍स के लिए मिसाल हो जो इस दुनिया को एक बेहतर दुनिया बनाना चाहता है. तुम और तुम्‍हारे पिता मिस्‍टर यूसुफजई, जो मुझे कई हद तक मेरे पिता की याद दिलाते हैं, के साथ कुछ घंटे बिता कर मुझे समझ आया कि मलाला तुम नए सपनों में जीने वाली एक जवान लड़की हो.’

प्रियंका ने आगे लिखा, ‘ तुमसे अपनी हिंदी/ऊर्दू की सीक्रेट भाषा में दोबारा बात करने के लिए बैचेन हूं.’ तुम्‍हारे चुटकुले, हिंदी फिल्‍मों के लिए तुम्‍हारा प्‍यार और तुम्‍हारी हंसी मुझे हमेशा महसूस कराती है कि तुम्‍हारे नाजुक से कंधों पर कितनी बड़ी जिम्‍मेदारी है.’

इस त्योहार करें रिश्ते गुलजार

त्योहार जीवन को खुशहाल और रिश्तों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. वे जीवन में जीने का उत्साह और उल्लास का रंग भरते हैं. इतना ही नहीं ये सजनेसंवरने और नएनए पकवान चखने का भी मौका देते हैं. त्योहारों के कारण सभी अपने परिवारजनों से मिलते हैं. ये सैलिब्रेशन रिश्तों में आई दूरियों को भी मिटाते हैं. तो फिर चलिए इन त्योहारों पर पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से रिश्ते की नई शुरुआत करते हैं ताकि जीवन में सिर्फ और सिर्फ खुशियां व प्यार हो.

रिश्तों का महत्त्व

रिश्ते उन महकते फूलों की तरह होते हैं, जो हमारे जीवन में ताजगी और खुशहाली भर देते हैं. रिश्ते न हों तो किसी भी खुशी को जाहिर करने और उसे सैलिब्रेट करने का कोई मतलब नहीं रह जाता. गम हो या खुशी जब तक उसे अपनों के साथ न बांटा जाए उस की महत्ता का पता ही नहीं चलता. रिश्ते ही तो हैं, जो हमें अच्छेबुरे वक्त में संभालते हैं और यह एहसास दिलाते हैं कि हम अकेले नहीं हैं कुछ लोग हमारे साथ हर पल खड़े हैं. यही वजह है कि तीजत्योहारों के समय उन की कमी खलती है. इसलिए अपने रिश्तों को इतना करीबी बनाएं कि हर फैस्टिवल और खास मौके को साथ मनाएं.

रिश्तेदारों से संबंध बढ़ाने के लिए त्योहार अच्छा औप्शन: कब किसे किस तरह की मदद की जरूरत पड़ जाए कहा नहीं जा सकता, इसलिए जरूरत पड़ने पर दोस्तों और रिश्तेदारों से ही मदद की उम्मीद की जा सकती है. लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब उन से आप के संबंध अच्छे हों. अगर ऐसा नहीं है, तो उन्हें अपने करीब लाने का त्योहार अच्छा जरीया होते हैं. इसलिए इस बार उन्हें अपना बनाने के लिए क्यों न पहला कदम आप ही उठाएं.

इस के लिए त्योहार वाले दिन उन के घर मिठाई और गिफ्ट ले कर जाएं. आप त्योहार वाले दिन जाएंगे, तो वे भी अपने दिल का मैल खत्म कर के सारे गिलेशिकवे भुला देंगे और फिर से नए रिश्ते की शुरुआत हो जाएगी. रिश्तों का नवीकरण करें: जिंदगी की उधेड़बुन में फंसे रहने के कारण कुछ रिश्ते पीछे रह जाते हैं और फिर हम उन्हें चाह कर भी करीब नहीं ला पाते. उन से हमारा कोई बैर नहीं, बल्कि मधुर संबंध ही थे, फिर भी वे करीब नहीं होते.

आशा का कहना है, ‘‘मेरी ससुराल में मेरे पति की मौसी की बेटी लंबे समय तक हमारे शहर में रही. तब हर त्योहार पर उन से मिलना, उन के साथ मिलबांट कर त्योहार मनाने की आदत थी. लेकिन फिर कुछ ही सालों बाद वे दूसरे शहर शिफ्ट हो गए और हम अपने में बिजी हो गए. इस तरह त्योहार आते रहे जाते रहे. लेकिन इस बार हम ने सोचा है कि त्योहार मिल कर मनाएंगे. अत: हम ने उन्हें अपने यहां त्योहार पर आमंत्रित किया है ताकि हम सभी को पुराना समय याद आ सके.’’

बदलाव का अवसर है यह: संयुक्त परिवार में अपनों का साथ त्योहार की खुशियों को और बढ़ा देता था. जहां दादाजी दीए लाते, ताऊचाचा बच्चों के लिए पटाखे लाते थे तो दादी, चाची, ताई, मां मिल कर तरहतरह के व्यंजन बनाते थे. घरबाहर हर जगह उल्लास ही उल्लास होता था. हम ने अपना बचपन कुछ ऐसे ही जीया है. लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि इस बार अपने बचपन को अपने बच्चों में लौटा लाएं? अपने बच्चों को भी संयुक्त परिवार के त्योहार का वह रंग दिखाएं, जो हम ने कभी देखा था?

ऐसा करना मुश्किल भी नहीं है. आप अपने गांव एक फोन कर के तो देखें. वहां आप के स्वागत की तैयारी आप के फोन बंद करने से पहले शुरू हो जाएगी. अगर आप के भाई दूसरे शहर में रहते हैं, तो उन्हें भी बुला लें. अगर गांव से संपर्क न हो तब भी इस बार त्योहार संयुक्त रूप से मनाएं. यकीन मानिए इस बात के लिए आप के रिश्तेदार भी मना नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कहीं न कहीं उन के मन में भी यही इच्छा दबी होगी, लेकिन वे पहल नहीं कर पाए होंगे.

तोहफा हो कुछ खास: अगर तोहफा अपने मांबाबूजी के लिए लेना है, तो उन की उम्र को ध्यान में रख कर लें जैसे कोई मसाजर, शुगर टैस्ट करने की मशीन, बीपी मशीन, कोई हैल्थ पैकेज आदि. इसी तरह भाईबहनों के लिए भी उन की पसंद के उपहार लें. ऐसा न सोचें कि बहुत पैसे खर्च हो जाएंगे, बल्कि अपना बजट बनाएं और फिर उस के अनसुर खर्च करें. त्योहार में सभी एकदूसरे को उपहार देते हैं. इस से संबंध मजबूत बनते हैं.

साथ मेला आदि देखने जाएं: यह भी जरूरी नहीं है कि त्योहार है, तो अपने घर पर ही मिला जाए. आप चाहें तो ऐसी जगह का चुनाव करें, जो सब को पास पड़े. वहां मिलने का प्रोग्राम बनाएं. त्योहारों में मेले आदि भी लगे होते हैं. उन में भी मिल सकते हैं. बच्चे भी वहां खूब ऐंजौय करेंगे. फिर किसी रैस्टोरैंट में लंच या डिनर करें. इस तरह त्योहार के नाम पर बिताया गया यह पूरा दिन सभी को साल भर याद रहेगा.

पूल पार्टी भी कर सकते हैं: अगर आप को लग रहा है कि इतने सारे लोगों को घर पर बुला कर खाने आदि का प्रबंध करना मुश्किल होगा, तो फिर आप पूल पार्टी भी कर सकते हैं. सभी रिश्तेदार अपनेअपने घर से एक डिश बना कर ले आएं और फिर मिल कर ऐंजौय करते हुए खूब धूम मचाएं.

दोस्तों से मिलने जाएं: फोन पर त्योहार की शुभकामनाएं देने से ज्यादा बढि़या होता है खुद जा कर बधाई या तोहफे देना. इसलिए आप के जो दोस्त, रिश्तेदार दूर रहते हैं उन में मिलने जाएं. त्योहार से 1-2 वीकैंड पहले भी जाया जा सकता है, क्योंकि फैस्टिवल के दिनों में आप का निकलना मुश्किल हो सकता है और फिर उन्हें भी त्योहार की भागदौड़ में आप को टाइम देना कठिन हो सकता है. भले आप साल भर न मिलें, लेकिन फैस्टिवल के दिनों में एकदूसरे के घर आनाजाना जरूर रखें, इस से रिश्ते बने रहेंगे.

त्योहारों में रिश्तों को मजबूत करने के टिप्स

यदि आप बहुत समय से अपने घर नहीं गए हैं, तो इस त्योहार जाएं और अपने भाईबहनों से भी वहां पहुंचने को कहें. जब सभी लोग साथ मिल कर त्योहार मनाएंगे, तो नजदीकियां बढ़ेंगी और प्यार भी, साथ ही आप के बच्चे भी रिश्तों को समझेंगे.

त्योहार पर जा रहे हैं, तो मीनमेख न निकालें. कुछ लोगों की ऐसी आदत होती है, इसलिए लोग उन्हें बुलाने से कतराते हैं.

अगर सब लोग एक जगह हैं, तो नैगेटिव बातों से बचें. त्योहार के उन्माद में अच्छीअच्छी पौजिटिव बातें करें. किसी की भी बुराई कर मजा खराब न करें.

पहले थाली में घर की बनी मिठाई सजा कर रखी जाती थी, जिसे किसी कढ़ाईदार कपड़े से ढका जाता था. ये थालियां अपने पासपड़ोस के सभी घरों में दी जाती थीं. हां, इन थालियों में एक खास बात यह होती थी कि इन में खीलबताशे जरूर होते थे.

सब रिश्तेदार साथ बैठ कर पुरानी यादें ताजा करें. हो सके तो आप अपने और रिश्तेदारों की कुछ पुरानी तसवीरों को फ्रेम करा कर उन्हें इस मौके पर दें. इस से सभी पुरानी यादों में खो जाएंगे.

सरप्राइज पार्टी दें, जिस में अपने सभी भाईबहनों और दोस्तों को शामिल करें. पार्टी दीवाली, क्रिसमस, न्यू ईयर आदि मौकों पर कर सकते हैं.

नोट: त्योहार मनाने की विधियों में जो विकृतियां आ गई हैं जैसे कि नशा करना, जुआ खेलना, धार्मिक उन्माद उत्पन्न करना, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण उन्हें शीघ्र समाप्त करना होगा. त्योहारों को उन की मूल भावना के साथ मनाएं ताकि सुखशांति में वृद्धि हो सके.       

फैस्टिवल पर क्यों होती है खुशी

क्या कभी सोचा है कि त्योहार के आने से हमारा मूड खुद ही अच्छा क्यों हो जाता है? जरमन वैज्ञानिक मानफ्रेड के मुताबिक कई चीजें ऐसी होती हैं, जो हमारे दिमाग को किसी खास दिन के इंतजार के लिए तैयार करती हैं जैसे गाना गाना, खास पकवानों का बनना, तोहफे मिलना और एकसाथ होने के बारे में सोचना वगैरह.

त्योहारों के मौकों पर होने वाले गीतसंगीत के कार्यक्रमों से दिमाग में भय के रिसैप्टर निष्क्रिय और आनंद से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर सक्रिय हो जाते हैं. त्योहार के साथ और भी कई तरह के इंतजार जुड़े होते हैं. अकसर जब लोगों को बिना उम्मीद के कोई तोहफा मिलता है, तो वे और भी खुश हो जाते हैं. आश्चर्य के भाव के साथ कुछ ऐसे न्यूरोट्रांसमीटर और हारमोन जुड़े होते हैं, जो हमें खुशी देते हैं. हमारा मस्तिष्क शरीर के बाकी सभी हिस्सों से सब से ज्यादा संपर्क में रहता है. दिमाग में एक से दूसरी जगह संदेश भेजने के लिए करीब 100 अरब न्यूरौन और 1000 अरब सूत्रयुग्मन होते हैं. सूत्रयुग्मन ऐसी संरचना है, जिस से सिगनल ग्राही कोशिकाओं तक पहुंचते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया है कि तोहफे को खोलते समय हमारी उंगलियों को खास एहसास होता है. कई बार वे खुशी से कांपने भी लगती हैं. ऐसा दिमाग में चल रही प्रक्रियाओं के कारण होता है. इंतजार से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर हमें यह एहसास कराते हैं.

क्या दीपिका ने रणवीर से कर ली सगाई..!

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की लव स्टोरी किसी सस्पेंस से कम नहीं है. कभी लगता है कि दोनों साथ हैं तो कभी लगता है दोनों का ब्रेकअप हो गया है. कभी रणवीर दीपिका के लिए अपने प्यार का इजहार कर देते हैं. तो कभी दीपिका कोई भी सवाल पूछने पर चुप्पी साध लेती हैं. ये जरूर है कि उनके इस सस्पेंस और ड्रामे के बीच उनकी तस्वीरें काफी कुछ कहती रहती हैं. एक बार फिर एक तस्वीर के जरिये दोनों के रिलेशनशिप को लेकर दावा किया जा रहा है.

दीपिका को हाल ही में बेंगलुरु में एक कामेडी शो में अपनी बहन के साथ मस्ती करते देखा गया था. इस तस्वीर में दीपिका की रिंग फिंगर में अंगूठी नजर आ रही है. यही अंगूठी दीपिका के हाथ में तब भी नजर आई थी, जब वह लंदन में थीं. उस दौरान रणवीर सिंह और उनके लंदन में साथ में छुट्टियां मनाने की खबर आ रही थी.

 

अब सवाल ये है तस्वीर में दिख रही रिंग सिंपल है या फिर रणवीर सिंह ने दीपिका को प्रपोज कर दिया है और दोनों ने गुपचुप तरीके से सगाई भी कर ली है. फिलहाल ये सिर्फ कयास ही हैं. इन पर कोई पुष्टि सामने नहीं आई है.

इससे पहले भी दीपिका और रणवीर सिंह एक डिनर डेट पर साथ नजर आए थे. बीते साल भी दोनों की सगाई की खबरें सामने आई थीं. अब उनके फैंस तो चाहेंगे ही ये अंगूठी इंगेजमेंट रिंग ही हो और उन्हें सेलिब्रेशन का मौका मिले.

वैसे दीपिका और रणवीर जल्द ही संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में भी नजर आएंगे. इस फिल्म में उनके साथ शाहिद कपूर भी होंगे. फिल्म दिसंबर 2017 में रिलीज होगी.

 

 

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