इस त्योहार करें रिश्ते गुलजार

त्योहार जीवन को खुशहाल और रिश्तों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. वे जीवन में जीने का उत्साह और उल्लास का रंग भरते हैं. इतना ही नहीं ये सजनेसंवरने और नएनए पकवान चखने का भी मौका देते हैं. त्योहारों के कारण सभी अपने परिवारजनों से मिलते हैं. ये सैलिब्रेशन रिश्तों में आई दूरियों को भी मिटाते हैं. तो फिर चलिए इन त्योहारों पर पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से रिश्ते की नई शुरुआत करते हैं ताकि जीवन में सिर्फ और सिर्फ खुशियां व प्यार हो.

रिश्तों का महत्त्व

रिश्ते उन महकते फूलों की तरह होते हैं, जो हमारे जीवन में ताजगी और खुशहाली भर देते हैं. रिश्ते न हों तो किसी भी खुशी को जाहिर करने और उसे सैलिब्रेट करने का कोई मतलब नहीं रह जाता. गम हो या खुशी जब तक उसे अपनों के साथ न बांटा जाए उस की महत्ता का पता ही नहीं चलता. रिश्ते ही तो हैं, जो हमें अच्छेबुरे वक्त में संभालते हैं और यह एहसास दिलाते हैं कि हम अकेले नहीं हैं कुछ लोग हमारे साथ हर पल खड़े हैं. यही वजह है कि तीजत्योहारों के समय उन की कमी खलती है. इसलिए अपने रिश्तों को इतना करीबी बनाएं कि हर फैस्टिवल और खास मौके को साथ मनाएं.

रिश्तेदारों से संबंध बढ़ाने के लिए त्योहार अच्छा औप्शन: कब किसे किस तरह की मदद की जरूरत पड़ जाए कहा नहीं जा सकता, इसलिए जरूरत पड़ने पर दोस्तों और रिश्तेदारों से ही मदद की उम्मीद की जा सकती है. लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब उन से आप के संबंध अच्छे हों. अगर ऐसा नहीं है, तो उन्हें अपने करीब लाने का त्योहार अच्छा जरीया होते हैं. इसलिए इस बार उन्हें अपना बनाने के लिए क्यों न पहला कदम आप ही उठाएं.

इस के लिए त्योहार वाले दिन उन के घर मिठाई और गिफ्ट ले कर जाएं. आप त्योहार वाले दिन जाएंगे, तो वे भी अपने दिल का मैल खत्म कर के सारे गिलेशिकवे भुला देंगे और फिर से नए रिश्ते की शुरुआत हो जाएगी. रिश्तों का नवीकरण करें: जिंदगी की उधेड़बुन में फंसे रहने के कारण कुछ रिश्ते पीछे रह जाते हैं और फिर हम उन्हें चाह कर भी करीब नहीं ला पाते. उन से हमारा कोई बैर नहीं, बल्कि मधुर संबंध ही थे, फिर भी वे करीब नहीं होते.

आशा का कहना है, ‘‘मेरी ससुराल में मेरे पति की मौसी की बेटी लंबे समय तक हमारे शहर में रही. तब हर त्योहार पर उन से मिलना, उन के साथ मिलबांट कर त्योहार मनाने की आदत थी. लेकिन फिर कुछ ही सालों बाद वे दूसरे शहर शिफ्ट हो गए और हम अपने में बिजी हो गए. इस तरह त्योहार आते रहे जाते रहे. लेकिन इस बार हम ने सोचा है कि त्योहार मिल कर मनाएंगे. अत: हम ने उन्हें अपने यहां त्योहार पर आमंत्रित किया है ताकि हम सभी को पुराना समय याद आ सके.’’

बदलाव का अवसर है यह: संयुक्त परिवार में अपनों का साथ त्योहार की खुशियों को और बढ़ा देता था. जहां दादाजी दीए लाते, ताऊचाचा बच्चों के लिए पटाखे लाते थे तो दादी, चाची, ताई, मां मिल कर तरहतरह के व्यंजन बनाते थे. घरबाहर हर जगह उल्लास ही उल्लास होता था. हम ने अपना बचपन कुछ ऐसे ही जीया है. लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि इस बार अपने बचपन को अपने बच्चों में लौटा लाएं? अपने बच्चों को भी संयुक्त परिवार के त्योहार का वह रंग दिखाएं, जो हम ने कभी देखा था?

ऐसा करना मुश्किल भी नहीं है. आप अपने गांव एक फोन कर के तो देखें. वहां आप के स्वागत की तैयारी आप के फोन बंद करने से पहले शुरू हो जाएगी. अगर आप के भाई दूसरे शहर में रहते हैं, तो उन्हें भी बुला लें. अगर गांव से संपर्क न हो तब भी इस बार त्योहार संयुक्त रूप से मनाएं. यकीन मानिए इस बात के लिए आप के रिश्तेदार भी मना नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कहीं न कहीं उन के मन में भी यही इच्छा दबी होगी, लेकिन वे पहल नहीं कर पाए होंगे.

तोहफा हो कुछ खास: अगर तोहफा अपने मांबाबूजी के लिए लेना है, तो उन की उम्र को ध्यान में रख कर लें जैसे कोई मसाजर, शुगर टैस्ट करने की मशीन, बीपी मशीन, कोई हैल्थ पैकेज आदि. इसी तरह भाईबहनों के लिए भी उन की पसंद के उपहार लें. ऐसा न सोचें कि बहुत पैसे खर्च हो जाएंगे, बल्कि अपना बजट बनाएं और फिर उस के अनसुर खर्च करें. त्योहार में सभी एकदूसरे को उपहार देते हैं. इस से संबंध मजबूत बनते हैं.

साथ मेला आदि देखने जाएं: यह भी जरूरी नहीं है कि त्योहार है, तो अपने घर पर ही मिला जाए. आप चाहें तो ऐसी जगह का चुनाव करें, जो सब को पास पड़े. वहां मिलने का प्रोग्राम बनाएं. त्योहारों में मेले आदि भी लगे होते हैं. उन में भी मिल सकते हैं. बच्चे भी वहां खूब ऐंजौय करेंगे. फिर किसी रैस्टोरैंट में लंच या डिनर करें. इस तरह त्योहार के नाम पर बिताया गया यह पूरा दिन सभी को साल भर याद रहेगा.

पूल पार्टी भी कर सकते हैं: अगर आप को लग रहा है कि इतने सारे लोगों को घर पर बुला कर खाने आदि का प्रबंध करना मुश्किल होगा, तो फिर आप पूल पार्टी भी कर सकते हैं. सभी रिश्तेदार अपनेअपने घर से एक डिश बना कर ले आएं और फिर मिल कर ऐंजौय करते हुए खूब धूम मचाएं.

दोस्तों से मिलने जाएं: फोन पर त्योहार की शुभकामनाएं देने से ज्यादा बढि़या होता है खुद जा कर बधाई या तोहफे देना. इसलिए आप के जो दोस्त, रिश्तेदार दूर रहते हैं उन में मिलने जाएं. त्योहार से 1-2 वीकैंड पहले भी जाया जा सकता है, क्योंकि फैस्टिवल के दिनों में आप का निकलना मुश्किल हो सकता है और फिर उन्हें भी त्योहार की भागदौड़ में आप को टाइम देना कठिन हो सकता है. भले आप साल भर न मिलें, लेकिन फैस्टिवल के दिनों में एकदूसरे के घर आनाजाना जरूर रखें, इस से रिश्ते बने रहेंगे.

त्योहारों में रिश्तों को मजबूत करने के टिप्स

यदि आप बहुत समय से अपने घर नहीं गए हैं, तो इस त्योहार जाएं और अपने भाईबहनों से भी वहां पहुंचने को कहें. जब सभी लोग साथ मिल कर त्योहार मनाएंगे, तो नजदीकियां बढ़ेंगी और प्यार भी, साथ ही आप के बच्चे भी रिश्तों को समझेंगे.

त्योहार पर जा रहे हैं, तो मीनमेख न निकालें. कुछ लोगों की ऐसी आदत होती है, इसलिए लोग उन्हें बुलाने से कतराते हैं.

अगर सब लोग एक जगह हैं, तो नैगेटिव बातों से बचें. त्योहार के उन्माद में अच्छीअच्छी पौजिटिव बातें करें. किसी की भी बुराई कर मजा खराब न करें.

पहले थाली में घर की बनी मिठाई सजा कर रखी जाती थी, जिसे किसी कढ़ाईदार कपड़े से ढका जाता था. ये थालियां अपने पासपड़ोस के सभी घरों में दी जाती थीं. हां, इन थालियों में एक खास बात यह होती थी कि इन में खीलबताशे जरूर होते थे.

सब रिश्तेदार साथ बैठ कर पुरानी यादें ताजा करें. हो सके तो आप अपने और रिश्तेदारों की कुछ पुरानी तसवीरों को फ्रेम करा कर उन्हें इस मौके पर दें. इस से सभी पुरानी यादों में खो जाएंगे.

सरप्राइज पार्टी दें, जिस में अपने सभी भाईबहनों और दोस्तों को शामिल करें. पार्टी दीवाली, क्रिसमस, न्यू ईयर आदि मौकों पर कर सकते हैं.

नोट: त्योहार मनाने की विधियों में जो विकृतियां आ गई हैं जैसे कि नशा करना, जुआ खेलना, धार्मिक उन्माद उत्पन्न करना, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण उन्हें शीघ्र समाप्त करना होगा. त्योहारों को उन की मूल भावना के साथ मनाएं ताकि सुखशांति में वृद्धि हो सके.       

फैस्टिवल पर क्यों होती है खुशी

क्या कभी सोचा है कि त्योहार के आने से हमारा मूड खुद ही अच्छा क्यों हो जाता है? जरमन वैज्ञानिक मानफ्रेड के मुताबिक कई चीजें ऐसी होती हैं, जो हमारे दिमाग को किसी खास दिन के इंतजार के लिए तैयार करती हैं जैसे गाना गाना, खास पकवानों का बनना, तोहफे मिलना और एकसाथ होने के बारे में सोचना वगैरह.

त्योहारों के मौकों पर होने वाले गीतसंगीत के कार्यक्रमों से दिमाग में भय के रिसैप्टर निष्क्रिय और आनंद से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर सक्रिय हो जाते हैं. त्योहार के साथ और भी कई तरह के इंतजार जुड़े होते हैं. अकसर जब लोगों को बिना उम्मीद के कोई तोहफा मिलता है, तो वे और भी खुश हो जाते हैं. आश्चर्य के भाव के साथ कुछ ऐसे न्यूरोट्रांसमीटर और हारमोन जुड़े होते हैं, जो हमें खुशी देते हैं. हमारा मस्तिष्क शरीर के बाकी सभी हिस्सों से सब से ज्यादा संपर्क में रहता है. दिमाग में एक से दूसरी जगह संदेश भेजने के लिए करीब 100 अरब न्यूरौन और 1000 अरब सूत्रयुग्मन होते हैं. सूत्रयुग्मन ऐसी संरचना है, जिस से सिगनल ग्राही कोशिकाओं तक पहुंचते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया है कि तोहफे को खोलते समय हमारी उंगलियों को खास एहसास होता है. कई बार वे खुशी से कांपने भी लगती हैं. ऐसा दिमाग में चल रही प्रक्रियाओं के कारण होता है. इंतजार से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर हमें यह एहसास कराते हैं.

क्या दीपिका ने रणवीर से कर ली सगाई..!

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की लव स्टोरी किसी सस्पेंस से कम नहीं है. कभी लगता है कि दोनों साथ हैं तो कभी लगता है दोनों का ब्रेकअप हो गया है. कभी रणवीर दीपिका के लिए अपने प्यार का इजहार कर देते हैं. तो कभी दीपिका कोई भी सवाल पूछने पर चुप्पी साध लेती हैं. ये जरूर है कि उनके इस सस्पेंस और ड्रामे के बीच उनकी तस्वीरें काफी कुछ कहती रहती हैं. एक बार फिर एक तस्वीर के जरिये दोनों के रिलेशनशिप को लेकर दावा किया जा रहा है.

दीपिका को हाल ही में बेंगलुरु में एक कामेडी शो में अपनी बहन के साथ मस्ती करते देखा गया था. इस तस्वीर में दीपिका की रिंग फिंगर में अंगूठी नजर आ रही है. यही अंगूठी दीपिका के हाथ में तब भी नजर आई थी, जब वह लंदन में थीं. उस दौरान रणवीर सिंह और उनके लंदन में साथ में छुट्टियां मनाने की खबर आ रही थी.

 

अब सवाल ये है तस्वीर में दिख रही रिंग सिंपल है या फिर रणवीर सिंह ने दीपिका को प्रपोज कर दिया है और दोनों ने गुपचुप तरीके से सगाई भी कर ली है. फिलहाल ये सिर्फ कयास ही हैं. इन पर कोई पुष्टि सामने नहीं आई है.

इससे पहले भी दीपिका और रणवीर सिंह एक डिनर डेट पर साथ नजर आए थे. बीते साल भी दोनों की सगाई की खबरें सामने आई थीं. अब उनके फैंस तो चाहेंगे ही ये अंगूठी इंगेजमेंट रिंग ही हो और उन्हें सेलिब्रेशन का मौका मिले.

वैसे दीपिका और रणवीर जल्द ही संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में भी नजर आएंगे. इस फिल्म में उनके साथ शाहिद कपूर भी होंगे. फिल्म दिसंबर 2017 में रिलीज होगी.

 

 

हसीन होती सैकेंड इनिंग

फैशन, मौडलिंग और ऐक्टिंग के लिए पहले महिलाओं की उम्र 20 से 30 साल तक ही परफैक्ट मानी जाती थी. लेकिन अब 35 साल के बाद की उम्र में भी महिलाएं खुद को किसी मौडल या ऐक्ट्रैस से कम नहीं समझतीं. मौका मिलने पर रुपहले परदे से ले कर रैंप शो, कैटवाक और मौडलिंग तक में वे सैकेंड इनिंग का खूब लुत्फ उठा रही हैं.

बदलाव का असर बौलीवुड तक ही सीमित नहीं है, छोटे और बड़े शहरों की घरेलू महिलाएं भी इस चमक में पीछे नहीं हैं. इस कारण देश में ब्यूटी, फैशनेबल ड्रैस और वैलनैस का बिजनैस सब से आगे बढ़ रहा है.

बात केवल श्रीदेवी, हेमामालिनी, माधुरी दीक्षित, मलाइका अरोड़ा, काजोल, जूही चावला की ही नहीं है. छोटेबड़े शहरों में रहने वाली महिलाएं भी अब उम्र की दूसरी पारी में पहले से अधिक अच्छा काम कर रही हैं. फिटनैस और खूबसूरती के हिसाब से भी वे पहले से अधिक खूबसूरत और ग्लैमरस नजर आने लगी हैं. यही वजह है कि आज के दौर में छोटेबड़े सभी तरह के शहरों में ‘मिसेज’ को ले कर तमाम तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन होने लगा है. शादी के बाद महिलाओं की सक्रियता पहले दूसरे सामाजिक कार्यों में होती थी पर अब फैशन, ब्यूटी, रैंप शो और मौडलिंग में भी वे अपनी ब्यूटी और फिटनैस का कमाल दिखा रही हैं.

इस बारे में मिली जानकारी से पता चलता है कि शादी के बाद कैरियर, घरपरिवार, बच्चों का तनाव बहुत सारी आजादी में रुकावट बनता था. 35 की उम्र के बाद जब सारी चीजें करीबकरीब अपने हिसाब से चलने लगती हैं, तो मानसिक रूप से फ्रीनैस का अनुभव होता है. यही वजह है कि आज के समय में महिलाएं अपनी पहली पारी से ज्यादा सक्रिय दूसरी पारी में दिखने लगी हैं.

बात रैंप और ब्यूटी शो तक ही सीमित नहीं है. आज होटलों में होने वाली पार्टियों को देखें तो पता चलता है कि सब से अधिक पार्टियां इस तरह की महिलाओं के द्वारा ही की जाती हैं. ये ही आयोजक होती हैं और ये ही उन में हिस्सा भी लेती हैं. पहले किट्टी पार्टी केवल तंबोला खेलने तक सीमित होती थी. अब किट्टी पार्टी ग्लैमरस हो चुकी है. इस में थीम पार्टी का आयोजन होने लगा है. पार्टी का थीम कुछ इस तरह से रखा जा सकता है जहां महिलाएं अपनी फिटनैस और ब्यूटी को दिखा सकें. थीम पार्टी में पूल पार्टी भी होती है जहां महिलाओं को स्विमवियर पहन कर आना होता है. कभी स्कर्ट पहन कर आने की अलग थीम भी बनती है. थीम पार्टी में जब विजेताओं का चुनाव होता है तो यह देखा जाता है कि किस की स्कर्ट कितनी ऊपर थी, किस ने कैसा स्विमवियर पहना था.

फिटनैस का कमाल

महिलाओं में यह बदलाव फिटनैस के कारण आया है. फिटनैस के पैमाने को देखें तो पुरुषों से अधिक महिलाएं अपनी फिटनैस पर ध्यान देने लगी हैं. जिम से ले कर ब्यूटी पार्लर तक और स्किन स्पैशलिस्ट डाक्टरों से ले कर प्लास्टिक सर्जन तक ये महिलाएं चक्कर लगाने लगी हैं. इन की इसी सोच के कारण आज ब्यूटी और फिटनैस को बनाने में मदद करने वाले बिजनैस बढ़ रहे हैं. किसी भी महिला के शरीर में थोड़ा सा भी फैट बढ़ने से उस की परेशानी बढ़ जाती है. वह किसी भी तरह से अपने वजन को कम करने के प्रयास में जुट जाती है. श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, मलाइका अरोड़ा, काजोल, जूही चावला जैसी महिलाएं इन की रोल मौडल होती हैं. इन्हें देख कर ये खुद को उन की तरह तैयार करने लगती हैं.

शादी के 20 साल के बाद मिसेज यूनिवर्स तक का सफर तय करने वाली रश्मि सचदेवा पहली नौन बौलीवुड सैलिब्रिटी बनीं जिन्हें कांस फिल्म फैस्टिवल में रैड कारपेट पर वाक करने का मौका मिला.

वे कहती हैं, ‘‘अगर हम खुद को पलट कर देखते हैं तो हमें एहसास होता है कि हम पहले से अधिक खूबसूरत लग रही हैं. यह फर्क हमारे अंदर आए आत्मविश्वास के कारण भी महसूस होता है. आज हम हर तरह की डिजाइनर ड्रैस पहन सकती हैं. हमें कभी नहीं लगता कि हम आज के समय में आई किसी मौडल से फिटनैस में पीछे हैं, जो ड्रैस वह पहन सकती है वही हम भी पहन सकती हैं. हमारे उस के साइज तक में कोई फर्क नहीं महसूस होता.

‘‘मैं पूरे भारत में अलगअलग जगहों पर सैलिब्रिटी बन कर गई हूं. हर जगह मैं ने वहां की महिलाओं के साथ बातचीत की. उन के विचार सुने तो पाया कि बदलाव घरघर पहुंच चुका है. भले ही वह महिला रैंप पर न हो पर वह अपने घर में पहले से अधिक सुंदर और फिट दिखने लगी है. इस की बहुत बड़ी वजह मीडिया खासकर महिलाओं के बीच पढ़ी जाने वाली पत्रिकाएं हैं, जिन के कारण यह बदलाव संभव हो सका है. घरघर फैली जागरूकता ने हर महिला की सैकेंड इनिंग को बहुत खूबसूरत बना दिया है. आज इन के चलते ही गारमैंट के बिजनैस में बदलाव आया है. वहां पर डिजाइनर इन्हें ध्यान में रख कर ड्रैस तैयार करने लगे हैं.’’

लुभा रही सैकेंड इनिंग

शादी के बाद कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं को जीतने के बाद रिचा शर्मा ने फिल्मों में काम करना शुरू किया. वे उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर की रहने वाली हैं और उन की शादी कोलकाता में हुई है. वहां शादी के कई साल बाद मिसेज इंडिया में हिस्सा लिया और जीतने के बाद मौडलिंग और ऐक्टिंग शुरू की. सनी लियोनी के साथ उन की हिंदी फिल्म ‘तेरा इंतजार’ आने वाली है. वे कहती हैं, ‘‘पहले शादी के बाद वाले कैरियर में मौडलिंग और ऐक्टिंग का औप्शन नहीं होता था. अब ये औप्शन भी खुलने लगे हैं. मैं ने जब मिसेज इंडिया में हिस्सा लिया था तब नहीं सोचा था कि ऐक्टिंग और मौडलिंग के औफर मिलेंगे. पर धीरेधीरे मुझे बहुत सारे औफर मिलने लगे. आज मैं कोलकाता कुछ समय रहती हूं. ज्यादा समय मुंबई रहना होता है. मुझे भी शादी और बच्चों के बाद अपने कैरियर की सैकेंड इनिंग अच्छी लग रही है. इस में परिवार का सहयोग बहुत माने रखता है.’’

मिसेज इंडिया में अपने हुनर का कमाल दिखाने वाली अर्चना प्रसाद कहती हैं, ‘‘आप को सुन कर आश्चर्य होगा कि जब मौडलिंग और ऐक्टिंग में लोगों की लाइफ खत्म होती है तब मेरी शुरू हुई. शादी और 2 बच्चों के बाद मैं ने मौडलिंग का कैरियर शुरू किया. जब मैं ने मिसेज इंडिया में हिस्सा लिया तो मेरा बेटा 15 साल का और बेटी 11 साल की थी. जिस ने भी सुना वह मजाक उड़ाता था. मेरे पति सरकारी अधिकारी थे. मुझे उन की गरिमा का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना था. जब मैं वहां जीत गई तो लोगों ने मजाक उड़ाना बंद कर दिया. यह सच है कि सफल होने के बाद हम अपने संघर्ष को याद नहीं रखते पर आज अच्छा लग रहा है. मुझे बाद में मौडलिंग के बहुत सारे औफर मिलने लगे. कई सीरियलों और ब्यूटी फिल्मों में काम किया.’’

अर्चना प्रसाद इंदौर में अपना ब्यूटी सैलून भी चला रही हैं. वे कहती हैं, ‘‘आज मैं गर्व से कहना चाहती हूं कि जो मैं ने हासिल करना चाहा वह सब किया, जिस की चाह हर लड़की या हाउसवाइफ को होती है. आज के दौर की सैकेंड इनिंग वाली महिलाएं मानती हैं कि सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती. बस सपनों को पूरा करने की हिम्मत होनी चाहिए. अब हर चीज संभव है. बदलाव का असर बहुत अच्छा है. यह आत्मविश्वास से भर देता है. पहले फिल्मों में शादी करते ही ऐक्ट्रैस का कैरियर खत्म हो जाता था अब शादी क्या बच्चा होने के बाद भी वह टीनऐजर सी पसंद की जाती है.’’

फिटनैस से ले कर सर्जरी तक

पहले कई तरह की परेशानियों के कारण महिलाएं फैशन के कैरियर में आने से हिचकती थीं. अब फिटनैस से ले कर सर्जरी तक ऐसे तमाम उपाय हैं, जिन से मनचाहा सौंदर्य हासिल किया जा सकता है. अब शरीर के किसी भी हिस्से में जमा फैट को हटाया जा सकता है जैसे हिप्स, ब्रैस्ट, वेस्ट और हाथ के पास का जमा फैट बौडी को सुडौल नहीं बनाता. इस को दूर किया जा सकता है. अंडर आर्म्स, लिप्स और आईब्रोज से ले कर स्माइल तक में करैक्शन की जाने लगी है. ऐसे में उम्र का असर खुद पर दिखाई ही नहीं देता. ज्यादातर महिलाओं को सैकेंड इनिंग में भी हिप्स, ब्रैस्ट, वेस्ट, अंडर आर्म्स, लिप्स या आईब्रोज जैसी चीजों को सही करने के लिए डाक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती. तमाम तरह की ऐक्सरसाइज से ही सब फिट हो जाता है.

सौंदर्य के क्षेत्र में काम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि पहले शादी और खासकर मां बनने के बाद शरीर के कुछ अंगों का कसाव खत्म हो जाता था. अब फिटनैस और डाइट ऐक्सपर्ट की मदद से इस से बचा जा सकता है. अब शादी के बाद मां बनने के बाद महिलाएं अपने बच्चों को पूरी तरह से ब्रैस्ट फीडिंग भी कराती हैं और उस का असर भी नहीं दिखता है. यही नहीं शादी के बाद ब्रैस्ट और वेस्ट के हिस्सों में पड़ने वाले स्ट्रैच मार्क्स भी खत्म किए जाने लगे हैं. गर्भावस्था के दौरान भी ऐसे उपाय होने लगे हैं, जिस से स्ट्रैच मार्क्स कम से कम प्रभाव छोड़ सकें. ऐसे उपाय पहले महंगे और हर जगह उपलब्ध नहीं होते थे. अब ऐसा नहीं है. ये उपाय अब सस्ते और हर जगह उपलब्ध हैं.

फिगर का कमाल

बात केवल अधिक फैट की ही नहीं है अगर आप की ब्रैस्ट, हिप्स और वेस्ट सही अनुपात में नहीं है तो उस की बनावट को ठीक किया जा सकता है. छोटी ब्रैस्ट को सुडौल बनाया जा सकता है, जिस से रैंप और मौडलिंग के समय आप हर वह ड्रैस पहन सकती हैं जिसे कोई नई मौडल पहन सकती है. अंडरआर्म्स को ले कर एक हिचक शुरू से रहती है. अब इस को ले कर भी परेशान होने की जरूरत नहीं. अंडरआर्म्स के नीचे जमे फैट को कम किया जा सकता है और वहां की डार्कनैस को भी खत्म करना संभव हो गया है. शौर्ट ड्रैस ही नहीं घरेलू महिलाएं अब स्विमवियर भी पूरे आत्मविश्वास से पहनने लगी हैं. पहले के मुकाबले अब होटलों में ज्यादा स्विमिंगपूल हो गए हैं. यहां आने वालों में महिलाओं की संख्या सब से ज्यादा होती है, जिस से पता चलता है कि महिलाएं अपनी फिगर को ले कर कितनी सजग हैं.

मां बनने से कैरियर खत्म नहीं होता

दिन भर अपने क्लीनिक में मरीजों की तकलीफों से दोचार होती डैंटिस्ट डा. मेघना कहती हैं, ‘‘मेरी शादी 30 साल की उम्र में हो गई थी. उसी समय मैं ने अपना कैरियर शुरू किया था. वह समय मेरे लिए चुनौती भरा था, क्योंकि परिवार और कैरियर में तालमेल बना कर चलना मेरे लिए बहुत जरूरी था. इस के बाद जब बेटी हुई तो दिनचर्या थोड़ी डगमगाई. मैं भी आम महिलाओं की तरह फिटनैस के प्रति लापरवाह रहने लगी.

‘‘मगर फिर जल्द ही मैं ने खुद को संभाला और नियमित व्यायाम, मैडिटेशन करने लगी, जिस का फायदा मुझे अपने कैरियर में भी नजर आने लगा. मेरे पास कई मरीज ऐसे आते हैं, जो उम्र में मुझ से 10-12 साल छोटे हैं, लेकिन फिटनैस के चलते मैं उन से काफी छोटी लगती हूं. बेटी के आ जाने के बाद मेरा परिवार पूरा हो गया.

‘‘मां बनने के बाद मैं ने कभी यह महसूस नहीं किया कि मेरी उम्र 40 प्लस हो गई है, क्योंकि आज भी मैं खुद से प्रेम करती हूं. मैं ने बेटी की परवरिश में खुद को खोने नहीं दिया. आज सैकेंड इनिंग में भी मैं वही आत्मविश्वास और जोश महसूस करती हूं, जो शादी के पहले करती थी. शादी हो जाने और मां बन जाने पर किसी का कैरियर और ग्लैमर खत्म नहीं होता.’’ शहरों में तेजी से लेडीज जिम खुलने लगे हैं. यहां महिलाएं वर्कआउट कर के खुद को फिट रखती हैं. यह जरूरी नहीं कि हर महिला को रैंप वाक करना हो या उसे फिल्म, मौडलिंग में जाना हो. यह जरूर है कि आज वह अपने घरपरिवार का साथ देती है, बिजनैस संभालती है. ऐसे में वह भी पहले से अधिक फिट रहना पसंद करती है. आज के दौर में साड़ी और साधारण सलवारसूट रोज के चलन से बाहर हो गए हैं. अब महिलाएं डिजाइनर ड्रैस पसंद करने लगी हैं. सलवारसूट भी डिजाइनर होने लगे हैं.

फिटनैस आज की महिलाओं की सब से बड़ी जरूरत बन गई है. ऐसे में वे अपने जीवन की सैकेंड इनिंग में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं. सोशल मीडिया ने इस चलन को और भी आगे बढ़ाया है, जिस से महिलाएं अपनी फिगर और फिटनैस को ले कर ज्यादा अलर्ट रहने लगी हैं. इस से वे कोई समझौता नहीं करतीं. 

नियमित ऐक्सरसाइज जरूरी

शादी के 23 साल के बाद खुद को किसी नई मौडल जैसा फिट रखने वाली  रश्मि सचदेवा अपनी फिगर को मैंटेन करने में सफल हैं. वे सैलिब्रिटीज की तरह व्यस्त हैं. 5 फुट 5 इंच लंबी रश्मि का वजन 51 किलोग्राम है. वे कहती हैं, ‘‘प्रैगनैंसी के दौरान मेरा वजन बढ़ा था. मैं ने उसे कम किया. ऐक्सरसाइज में मैं रनिंग को सब से अच्छा मानती हूं. सप्ताह में 3 दिन मैं इसे करती हूं. खाने में सब्जियां और जूस का प्रयोग ज्यादा करती हूं. फैटी चीजें कम खाती हूं. इसी वजह से मेरा वजन कंट्रोल में रहता है. थोड़ा सा अपने खानपान, ऐक्सरसाइज पर ध्यान दे कर अपनी फिगर को मनचाहा बनाया जा सकता है.’’                    

फिटनैस के साथ आत्मविश्वास जरूरी

मिसेज इंडिया जैसे कई खिताब जीतने वाली रिचा शर्मा कई फिल्मों में अपने हुनर का कमाल दिखा चुकी हैं. वे सनी लियोनी के साथ नई फिल्म में आ रही हैं. रिचा की शादी को 18 साल बीत चुके हैं. वे पूरी तरह से फिट रहते हुए अपनी फिगर को मैंटेन रखने में सफल हैं. 52 किलोग्राम वजन और 5 फुट  6 इंच लंबी रिचा की फिगर का साइज  34-26-36 है. वे कहती हैं, ‘‘मेरे लिए पहले से अब मुकाबला कठिन है. अब फिल्मों में काम करने के लिए अपने को फिट रखना जरूरी है. बड़े कलाकारों के साथ काम करते समय यह देखना जरूरी है कि खुद में आत्मविश्वास हो. फिट और हैल्दी रहने से यह हासिल होता है.’’

सफलता हासिल करनी है तो खुद को फिट रखना होगा

अर्चना प्रसाद ने मिसेज इंडिया का खिताब जीतने के बाद कई फिल्मों और सीरियलों में काम किया है. अब वे इंदौर में अपना ब्यूटी सैलून चला रही हैं. शादी के 24 साल के बाद भी अपनी फिगर 34-27-35 रखने में अर्चना पूरी तरह सफल हैं. वे कहती हैं, ‘‘महिलाओं को अपनी सैकेंड इनिंग में सफलता हासिल करनी है, तो खुद को फिट और हैल्दी रखना होगा. इस के लिए जरूरी है कि वे बैलेंस्ड डाइट पर ध्यान दें. इस उम्र में शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं. कई तरह के विटामिन और मिनरल शरीर में कम हो जाते हैं खासकर कैल्सियम कम हो जाता है. इस का ध्यान रखने से बौडी में लचक बनी रहेगी.’’

धर्म के पाखंडियों का नया शगूफा

रात को सोती महिलाओं की चोटियां किसी परलौकिकता के कारण काट लेने पर कुछ लिखना व कहना बेकार है. 21वीं सदी में भी यह देश उलटा जा रहा है और तर्क, वैज्ञानिकता, स्वाभाविकता, संभव के सत्य को गहरे गड्ढे में फेंक कर छद्म इतिहास, चमत्कारों, अंधविश्वासों, पूजापाठों, हवनों, दानपुण्य में भारी विश्वास कर रहा है.आदिम युग में भी आदमी तर्क और उपलब्ध जानकारी के अनुसार जीवित रहा है और उसी आधार पर उस ने अपने खाने का जुगाड़ किया, जानवरों से सुरक्षा की और प्रकृति का मुकाबला किया. आज समझदारी को छोड़ कर पूरा देश, राष्ट्रपति से ले कर अनपढ़, दलित तक एक लहर में डूब रहा है जिस में विज्ञान और तर्क की गुंजाइश ही नहीं.

चोटी काटने का मामला गणेश को दूध पिलाने की तरह है, जिस के पागलपन में हजारोंलाखों लोगों को बहकाया जा सकता है. खिलंदरी को दुष्ट आत्मा का नाम दे कर धर्म के दुकानदारों ने हवन, पूजापाठ, मंत्रजंतर का उपाय बताया और अपना उल्लू सीधा कर लिया. हैरानी की बात तो यह है कि देश की उच्चशिक्षित जनता भी इस का शिकार है.

जहां चंद्रयान भेजने वाला इसरो का मुख्य अधिकारी तिरुपति का आशीर्वाद मांगने जाए, जहां गणेश के सिर की तुलना आधुनिक सर्जरी कला से की जाए, जहां लंबे पुलों का निर्माण वास्तु के आधार पर और 2 करोड़ रुपए की गाड़ी की सुरक्षा के लिए लालकाले कपड़े टंगे हों, वहां चोटी काटने की घटनाओं पर क्या आश्चर्य किया जा सकता है.

यह देश अंधश्रद्धा की ओर तेजी से दौड़ रहा है. इस बार कांवडि़यों को आदेश दिया गया कि वे भगवे तिकोने झंडे न फहराएं, तिरंगा राष्ट्रीयध्वज फहराएं यानी यह घोषित कर दिया गया है कि भारत इसलामिक स्टेट के काले झंडे वाला नहीं, तिरंगे झंडे वाला भगवा देश है. इस देश में कोई भी अगर भगवा से भिन्न विचार रखता है, तो वह देशद्रोही है.

ऐसे वातावरण में चोटी काटने पर उन्माद फैलाने का काम बहुत कारगर होता है. इस के नाम पर हवनकर्ताओं की बन आती है और इस में मंदिरों के दुकानदार ही सब से आगे होते हैं. ये पाखंड और अंधविश्वास ही राजनीति को आज विटामिन दे रहे हैं. गौरक्षा का एक रूप ही चोटी काटना है, जिस के चलते किसी निरीह महिला के नाम पर गलीगली, गांवगांव में आतंक का वातावरण फैलाया जा रहा है. यह जनता के प्रति द्रोेह है जबकि इसे राष्ट्रभक्ति, देशभक्ति, धर्मभक्ति के सुनहरे वरकों में लपेट कर प्रस्तुत किया जा रहा है. नतीजा अंधविश्वास और पक्की सरकार दोनों हैं.

त्योहारों में बनाएं कुट्टू के पकौड़े

कुट्टू के पकौड़े के बिना त्योहार अधूरा है. कुट्टू के आटे और उबले हुए आलू से तैयार ये पकौड़े न सिर्फ टेस्टी होते हैं बल्कि झटपट तैयार भी हो जाते हैं.

सामग्री

कुट्टू का आटा- 250 ग्राम

आलू- 4

हरी मिर्च- 2

अदरक- आधा चम्मच

नमक- स्वादानुसार

नींबू का रस- आधा चम्मच

पानी- आधा कप

विधि

सबसे पहले आलू को उबालें और उसके बाद आलू को छीलकर उसे एक अलग बाउल में मैश कर लें. अब कुट्टू का आटा, मैश किया आलू, हरी मिर्च, अदरक, नमक आदि सामग्रियों को एक साथ मिलाएं और पानी डालकर आटे की तरह गूंथ लें.

तैयार आटे को ज्यादा देर तक न रखें वरना वह नरम और लिजलिजा हो जाएगा. अब एक कढ़ाई में तेल गर्म करें और तैयार मिश्रण से छोटे-छोटे पकौड़े बनाकर इन्हें डीप फ्राई करें. कुट्टू के पकौड़े तैयार हैं.

ये ट्रेंडी ज्वेलरी आजमाएं और पाएं अनोखा लुक

त्यौहारों का मौसम शुरू हो गया है. इस मौसम में युवतियां गरबा के लिए अपनी तैयारियों में मग्न हो जाती हैं. इस साल भी सभी युवतियां कपड़ों और ट्रेंडिंग ज्वेलरी जुटाने में लगी होंगी और इसलिए हम आपकी मदद करने के लिए लेकर आए हैं ट्रेंडिंग ज्वेलरी को लेकर कुछ जानकारियां, जिसे देखकर आप हमें जरूर धन्यवाद देंगी.

जैसा कि आप जानते हैं ज्वेलरी को लेकर ट्रेंड बदलते रहते हैं, लेकिन कुछ ज्वेलरी ऐसी होती है, जिनका क्रेज हमेशा बना रहता है. इसमें कान के झुमकों से लेकर नए डिजाइन के चोकर, नेकलेस, मांग टीका और अलग-अलग तरह के कड़े भी लोगों के बीच प्रचलित हैं. आइये जानते हैं इस साल आप कौन सी नई और ट्रेंडी ज्वेलरी पहन सकती हैं.

कंठा ज्वेलरी

कंठा ज्वेलरी वैसे तो कई सालों पुरानी स्टाइल है, लेकिन समय के साथ इसे नए रूप में बदलकर लोगों के सामने पेश किया गया है. कंठा ज्वेलरी में मेटल से बने मोतियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे ऊन से बने धागों के बीच पिरोकर पेंडेंट के साथ सजाया जाता है.

डंगल एंड ड्रौप्स/ झुमके

दीपिका पादुकोण की फिल्म राम-लीला की रिलीज के साथ डंगल एंड ड्रौप्स का चलन चला था, जो आज भी ट्रेंड में है. खास तौर पर इस ज्वेलरी में चांद के आकार के कान के झुमके ट्रेंड में हैं, जो आकार में काफी बड़े होते हैं. ये झुमके आपके कानों की खूबसूरती को दुगुना-तिगुना कर सकते हैं. इन्हें पहनने के बाद आप भी दीपिका की तरह खूबसूरत लगेंगी.

औक्सिडाईज ज्वेलरी

वैसे देखा जाए तो अधिकतर औक्सिडाईज ज्वेलरी ही पहनी जाती है. लेकिन इस तरह की ज्वेलरी को अब नए रूप में पेश किया जा रहा है. जैसे औक्सिडाईज ज्वेलरी में बने पदकों और पेंडेंट को ऊन के धागों में पिरोया जाता है, इससे इन्हें ट्राइबल लुक मिलता है. इसके अलावा औक्सिडाईज सिल्वर से बने कड़ों को हाथी दांतों से बने कड़ों और मोती से बनी ज्वेलरी के साथ भी पहना जाता है, जो आपको राजस्थानी लुक देता है. इसके अलावा औक्सिडाईज ज्वेलरी में एयर कफ का भी ट्रेंड जोरों पर हैं, जो आपकी खूबसूरती और भी बढ़ा देंगे.

कड़ा

लुक को और निखारने के लिए हाथों में पहने गए कड़ों की अहम भूमिका है. कड़े बरबस लोगों का ध्यान आपकी तरफ खींचते हैं. इस साल भी औरों से हटकर दिखने के लिए आपको जरूरत है ऐसे कड़े चुनने की, जो आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा देंगे. कड़ों में आज कल वूलन और मोती से बने कड़े ट्रेंड में हैं. इसके अलावा ट्राइबल डिज़ाइन के साथ औक्सिडाईज कड़े भी आपके हाथों पर अच्छे लगेंगे. आप गोल्डन के साथ सिल्वर कड़ों का कॉम्बिनेशन बनाकर भी पहन सकती हैं, जो आपकी ड्रेस के अनुसार बनाया जा सकता है.

कमर पट्टा/ वेस्ट बैल्ट

वेस्ट बैल्ट ऐसी ज्वेलरी है, जो आपकी खूबसूरती को चार गुना बढ़ा देती है. बाजार में कई तरह के वेस्ट बैल्ट उपलब्ध हैं. इसमें औक्सिडाईज सिल्वर के साथ-साथ वूलन बैल्ट, मिरर वर्क बैल्ट भी आप पहन सकती हैं. ये आपकी ड्रेस के लुक को और भी निखारेंगे.

वूलन ज्वेलरी

आज कल वूलन ज्वेलरी भी पहनी जाती है. ये ज्वेलरी आम तौर पर हैण्ड मेड होती है. इसमें डिजाइनर पैच पर हाथों से मोती काम किया जाता है और इसके साथ-साथ वूलन से बने लटकन लगा दिए जाते हैं, जो अपने आप में बेहद खूबसूरत होने हैं.

अगर आपको भी ये आइडिया पसंद आए हों, तो इन्हें जरूर ट्राय करें और इस बार त्यौहारों में पहनें कुछ अलग और अनोखी ज्वेलरी, जो आपकी खूबसूरती में लगा देंगी चार चांद.

त्योहारी सीजन में क्रेडिट कार्ड का सावधानी से करें प्रयोग

क्रेडिट कार्ड से शौपिंग सुविधाजनक है और कैश हाथ में न होने पर भी जरूरत का सामान आसानी से लिया जा सकता है. लेकिन समझदारी से इसका इस्तेमाल नहीं करने पर आप बहुत बड़ी परेशानी में फंस सकती हैं. त्योहारों के सीजन में तो क्रेडिट कार्ड और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. वैसे, तमाम अच्छे औफर्स के चलते भी इस दौरान शौपिंग करने का और मन करता ही है.

हालांकि यह भी सच है कि क्रेडिट कार्ड से खरीदारी के दौरान थोड़ा लालच बढ़ जाता है और तब खुद पर कंट्रोल करना मुश्किल होता है. ऐसे में थोड़ी समझदारी दिखाना जरूरी है. ऐसा न हो कि आप एक ही बार में क्रेडिट कार्ड की सारी लिमिट खत्म कर दें और फिर बाद में इंस्टौलमेंट देने पर आपको परेशानी हो या जरूरी खर्चे तक रोकने की नौबत आ जाए.

आज हमारे पास ऐसे 5 टिप्स हैं जो इस सीजन में अच्छी खरीदारी के साथ ही क्रेडिट कार्ड को समझदारी से इस्तेमाल करने का तरीका भी बताएंगे.

  • क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते समय हर बार आप रिवार्ड पॉइंट्स कमाते हैं. अक्सर 100-250 की खरीद पर आपको 1 पॉइंट मिलता है. हालांकि यह अलग-अलग कार्ड और बैंक पर डिपेंड करता हैं. समझदारी इसी में है कि आप अपने जुटाए हुए पॉइंट्स से अपडेट रहें और शॉपिंग की पेमेंट करने के दौरान इनको भी यूज कर लें. इस तरह आपको खासी बचत मिल सकती है.
  • क्रेडिट कार्ड से खरीदारी के बाद अपने मोबाइल में सारी पेमेंट डीटेल और इंस्टालमेंट के रिमाइंडर लगा लें, जिससे आपको याद रहे कि ड्यू डेट से पहले ही आपको इसे क्लीयर कर देना है ताकि बाद में ब्याज का ज्यादा बोझ न पड़ें. कोशिश करें कि जब तक आप पहले वाली पेमेंट न कर दें, तब तक और शॉपिंग न करें.
  • फालतू के खर्च से बचने की कोशिश करें. कभी भी बंपर ऑफर्स या सेल को देखकर यह न सोचें कि सारा फायदा अभी ही उठा लें. हमेशा ध्यान रखें कि कंपनियां और ब्रांड्स अक्सर कोई न कोई ऑफर लेकर आते ही रहते हैं. ऐसे में लालच में न पड़े. वरना बाद में ब्याज समेत इसका ज्यादा बोझ आपकी जेब पर पड़ सकता है.\
  • बजट से थोड़ा कम ही खर्च करने का टारगेट बनाएं. अगर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख है तो कोशिश करें कि आप 80 हजार में ही अपनी शॉपिंग निपटा लें. ऐसा करने से जरूरत के समय आप इस बचाए हुए क्रेडिट का इस्तेमाल कर पाएंगे.
  • हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड की स्टेटमेंट सावधानी से चेक करने की आदत डालें. एक अच्छा तरीका यह भी है कि आप क्रेडिट कार्ड के जरिए खरीदे गए सामान का बिल हमेशा पेमेंट क्लीयर होने तक संभाल कर रखें. इससे आप आसानी से स्टेटमेंट के साथ बिल को वैरिफाई कर पाएंगे कि कहीं कोई एक्सट्रा चार्ज तो नहीं लगा या कोई और गड़बड़ी तो नहीं है.

इसके अलावा साइबर सिक्योरिटी भी एक बड़ा मुद्दा है. कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर और सिक्योरिटी कोड किसी को न दें. इसमें आपके पैसे की ही सुरक्षा है और हमेशा अपना पिन बदलते रहें ताकि किसी प्रकार की धांधली का कोई रास्ता ही ना हो.

ये टिप्स अपनाएं और नाखूनों को सुंदर बनाएं

हाथों की खूबसूरती सिर्फ उनकी कोमलता पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि नाखून की शेप, नेलपालिश और इनकी देख रेख भी बहुत जरूरी है. स्वस्थ नाखूनों की पहचान उनकी सफेदी से होती है. दाग धब्बेदार और पीले नाखून हाथों की खूबसूरती कम कर देते हैं. नाखून सख्त प्रोटीन ‘केराटीन’ से बने होते हैं. इन्हें स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी विटामिनों, खासतौर पर विटामिन बी काम्लेक्स, विटामिन ई आदि से भरपूर सही खान-पान जरूरी है. इनसे केराटीन का निर्माण होता है और नाखून स्वस्थ रहते हैं. इन्हें सफेद और चमकदार बनाने के लिए ग्लिसरीन, गुलाबजल और नींबू के रस का प्रयोग करें और अच्छा खान-पान भी लें. इससे आपके नाखूनों को पोषण ही नहीं मिलेगा, बल्कि नाखून बढ़ेंगे भी.

नाखूनों की सफेदी बढ़ाने के टिप्स

– ग्लिसरीन, गुलाब जल और नींबू के रस को समान मात्रा में मिलाकर मिश्रण तैयार करें. अब अपने नाखूनों को धोकर उन पर यह मिश्रण लगाएं. चार से पांच मिनट तक इसे लगा रहने दें. फिर धो लें.

– हर रात सोने से पहले अपने नाखूनों पर बादाम तेल से मालिश करें. इससे वे भीतर से मजबूत हो जाएंगे. यह आपके नाखूनों को टूटने से भी बचाएगा और उनकी सफेदी बढ़ाएगा.

– नेल पेंट आपके लिए बेहद काम के हैं. आकर्षक रंगों के नेल पेंट से आप अपने नाखूनों को खूबसूरती से सजा सकते हैं. इन दिनों ऐसे नेल पेंट उपलब्ध हैं जो 20 दिनों तक नाखूनों पर लगे रहते हैं.

इन आर्ट्स से सजाएं अपने नाखून

नेल आर्ट हमेशा से ही गर्ल्‍स की फेवरेट रही है. आप किसी अच्‍छे पार्लर से नेल आर्ट करवा सकती हैं. इसमें फ्लावर, नग, बीड्स, स्टोन और स्‍वारोस्‍की के काफी अच्‍छे स्‍टाइल मौजूद हैं.

अगर आपकी ड्रेस काफी सिम्‍पल है तो उसे स्‍टाइलिश लुक देने के लिए आप कलरफुल नेल पेंट या फिर शाइनर नेलपेंट से अपने नाखून को बेहद खूबसूरत लुक दे सकती हैं.

थ्री डी नेल आर्ट से भी नाखून को सजाया जा सकता है. पार्टी, शादी के लिए ये काफी पसंद की जाती है. आर्टिफिशियल लीफ, फ्लावर्स, पर्ल, स्टार्स से नाखून को सजाकर ट्रेंडी लुक दिया जा सकता है.

अगर आपको नाखून काफी बड़े रखने का शौक है तो आप नेल एक्‍स्‍टेंशन ट्राई कर सकती हैं. इसमें नाखून के शुरूआती हिस्‍से पर डिजाइन बनाकर इनको स्‍टाइलिश लुक दिया जाता है.

किसी खास फिंगर को स्पेशल लुक देने और नाखून को बेहद आकर्षक बनाने के लिए आप नेल पियर्सिंग करवा सकती हैं. इसमें नेल्स में छेद करके बाली या घुंघरू से सजाया जाता है.

जब पैसों के लिए इस गायिका को बेचना पड़ा अपना खून

हौलीवुड की पौप सिंगर और कंपोजर निकोल शर्जिंगर आज करोड़ों की मालकिन हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी था जब वह बहुत गरीब हुआ करती थीं और पैसों की जरूरत पड़ने पर वह अपना खून बेचने के लिए मजबूर हो गई थीं. एक इंटरव्यू के दौरान निकोल ने इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने सिंगर बनने से पहले काफी संघर्ष किया है. निकोल के अनुसार उनके परिवार के पास उन्हें पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन वो पढ़ना चाहती थी. इसी वजह से वो अपना खून बेच दिया करती थी ताकि अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.

निकोल ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, ‘एक वक्त ऐसा था जब मेरे पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे. पढ़ाई का खर्च निकालने और पैसा कमाने के लिए मैं अपना खून तक बेच दिया करती थीं.’

निकोल के मुताबिक उनके परिवार की आय बहुत कम थी, इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ निकोल काम भी करती थीं, जिसके बदले उन्हें मामूली सा मेहनताना दिया जाता था. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद कालेज की पढ़ाई के लिए उन्होंने मेकअप काउंटर पर भी काम किया है, फिर मैकेरोनी ग्रिल नाम के एक इटेलियन रेस्टोरेंट में ओपेरा भी गाया. जिससे वो अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अपने परिवार की आर्थिक सहायता भी कर सकें.

निकोल की मानें तो वो अपने कालेज की सबसे गरीब लड़की हुआ करती थीं, लेकिन उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए ना सिर्फ अपना खून बेचा, बल्कि जी तोड़ मेहनत भी की. गौरतलब है कि अपनी मेहनत और संघर्ष के बाद पौप सिंगर और कंपोजर निकोल शर्जिंगर ने अपने सपने को साकार किया है और उनकी इस कामयाबी को देखकर उनके परिवार वाले भी बेहद खुश हैं.

आपके बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद है नीलगिरी का तेल

अपने बालों को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए लोग कई तरह के नुस्खे आजमाते हैं. लेकिन इन नुस्खों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला नुस्खा तेल होता है. लोग सप्ताह में कम से कम एक बार बालों में तेल लगाते हैं ताकि उनमें रूखापन न आने पाए. ऐसे कई तेल हैं जो हमारी त्वचा एवं बालों की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. इनमें से एक है नीलगिरी का तेल जो त्वचा एवं बालों से संबंधित हर समस्या को दूर करता है.

त्वचा के लिए

प्रदूषण के साथ नमी त्वचा को नुकसान पहुंचाती है. हवा में मौजूद नमी के कारण हमारी त्वचा को सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा नुकसान पहुंचने की संभावना होती है. नीलगिरी के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा के हर संक्रमण को दूर करते हैं. यह आपको मुलायम एवं दागरहित त्वचा प्रदान करता है. यह तेल लगाने से जलन में आराम मिलता है. यह मांसपेशियों का दर्द दूर करने के साथ ही त्वचा को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान करता है.

एरोमाथेरेपी के लिए

आजकल की व्यस्त दिनचर्या में कई लोगों के लिए आराम करना भी आसान नहीं होता जिसके परिणामस्वरूप अक्सर बेचैनी और तनाव महसूस होता है. मूड को बेहतर करने और दिलोदिमाग को सुकून का एहसास कराने के लिए नीलगिरी का तेल बहुत फायदेमंद हैं.

बालों के लिए

नीलगिरी के तेल में एंटीफंगल गुण होते हैं जो संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं. यह सिर के रोमछिद्रों को खोलता है और बालों को जड़ से पोषण प्रदान कर उन्हें स्वस्थ बनाता है. इस तेल से बाल घने होते हैं और साथ ही सिर की खुजली से भी राहत मिलती है.

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