अब सिंगिग रिएलिटी शो जज करेंगे बाबा रामदेव

अब तक रिएलिटी शो में दर्शक कई तरह का मसाला देख चुके हैं- डांस, सिंगिग, कॉमेडी, डेटिंग, स्टंट और बिग बॉस के घर जैसी पालिटिक्स.

अब इस कड़ी में कुछ नया होने जा रहा है. दरअसल, जल्द ही एक नया रिएलिटी शो शुरू होने जा रहा है जिसमें कंटेस्टेंट्स से सिर्फ भजन सुने जाएंगे. बेशक इसे सिंगिंग रिएलिटी शोज की अगली कड़ी कहा जा सकता है लेकिन बस भजन वाला कान्सेप्ट तो नया ही है.

मीडिया में छपी खबर के अनुसार बाबा रामदेव इस शो को जज करते हुए नजर आएंगे. उनको शो में महागुरु की जगह दी जाएगी. वहीं बौलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा भी इस शो में जज के तौर पर दिखेंगी. उनके साथ शेखर रविजानी और कनिका कपूर भी होंगे.

इस शो का नाम है ‘ओम शांति ओम’. शाहरुख खान से कनेक्शन के अलावा इसका एक कनेक्शन आमिर खान की दंगल से भी है. फिल्म में आमिर खान के भतीजे के रोल में दिखे अपार शक्ति इस रिएलिटी शो के होस्ट होंगे.

बताया जा रहा है कि लाइफ ओके पर जल्द शुरू होने वाले इस शो की ग्रैंड ओपनिंग के लिए रणवीर सिंह को स्पेशल गेस्ट के तौर पर बुलाया जाएगा.

इन सितारों ने सिर्फ एक्टिंग नहीं निर्देशन में भी रखा कदम

बौलीवुड में ऐसे कई सितारे हैं जिन्होंने एक्टिंग के साथ साथ निर्देशन में भी अपना हुनर दिखाया है. बी-टाउन में में ऐसे कई डायरेक्टर हैं, जिन्होंने अपना करियर बतौर एक्टर शुरू किया था.

ऐसे ही एक्टर्स की लिस्ट में अब श्रेयस तलपड़े का नाम शामिल हो गया है. श्रेयस ‘पोस्टर बौयज’ से अपनी डायरेक्टोरियल पारी शुरू कर रहे हैं, जिसमें सनी देओल और बौबी देओल के साथ वो खुद लीड रोल निभा रहे हैं.

आज हम आपको ऐसे ही डायरेक्टर्स के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने बतौर एक्टर अपनी करियर की शुरुआत की.

अरबाज खान

सलमान खान के छोटे भाई अरबाज खान ने ‘दबंग 2’ के साथ डायरेक्टोरियल पारी शुरू की. फिल्म में सलमान और सोनाक्षी सिन्हा ने लीड रोल्स निभाये. इसके प्रीक्वल ‘दबंग’ को अरबाज ने प्रोड्यूस किया था.

अजय देवगन

बतौर एक्टर खुद को स्थापित करने के बाद अजय देवगन ने ‘यू मी और हम’ से अपना डायरेक्टोरियल करियर शुरू किया, जिसमें उनके बेटर हाफ काजोल ने साथ दिया. पिछले साल अजय की दूसरी डायरेक्टोरियल फिल्म ‘शिवाय’ आयी.

आमिर खान

आमिर खान बेहतरीन एक्टर होने के साथ अच्छे प्रोड्यूसर भी हैं और ‘तारे जमीन पर’ के साथ वो डायरेक्टर भी बन गये. ये फिल्म बच्चों में होने वाली डिस्लेक्सिया की बीमारी पर आधारित थी.

ऋषि कपूर

ऋषि कपूर भी ऐसे एक्टर हैं, जिन्होंने एक्टिंग में कई साल गुज़ारने के बाद डायरेक्शन में कदम रखा. 1999 में ऋषि ने अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय को लेकर ‘आ अब लौट चलें’ डायरेक्ट की थी. इसके बाद वो कैमरे के पीछे नहीं गये.

सनी देओल

खुद सनी देओल ने ‘दिल्लगी’ से डायरेक्टोरियल डेब्यू किया. इस फिल्म में उनके साथ बाबी देओल और उर्मिला मातोंडकर लीड रोल्स में थे. पिछले साल सनी की दूसरी डायरेक्टोरियल फिल्म ‘घायल वंस अगेन’ रिलीज हुई.

पंकज कपूर

पंकज कपूर ने बेटे शाहिद कपूर को लेकर बनायी ‘मौसम’ (2011) के साथ डायरेक्शन में कदम रखा, मगर ये फिल्म नहीं चली.

अनुपम खेर

एक्टिंग में कामयाब पारी खेलने के बाद अनुपम खेर ने 2002 में ‘ओम जय जगदीश’ के साथ डायरेक्टोरियल ईनिंग शुरू की, जिसमें अनिल कपूर, फरदीन खान और अभिषेक बच्चन ने लीड रोल्स निभाये. अनुपम ने इसके बाद डायरेक्शन से तौबा कर ली.

बहुत मसालेदार खाने की शौकीन हैं तो ध्यान दें

भारतीय लोग बिना मसालों वाला खाना खाने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. इसमें की शक नहीं है की मसालों से आपको अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं. लेकिन ज्यादा खाने से आपको कई समस्याएं भी हो सकती हैं. इससे आपको पेट के अल्सर सहित अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं.

मसालेदार भोजन और पेट के अल्सर

जब आप मिर्ची जैसे मसाला खाते हैं, तो इससे आपकी चीभ जलती है, जाहिर है इससे पेट में जलन होगी. मिर्च में कैप्सैसिन तत्व होता है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं. यह पी पदार्थ जारी करता है, यह तत्व दर्द और जलन का कारण भी बनता है. सरसों और सहजन जैसे मसाले ऊतक को नुकसान पहुंचाते हैं.

मसालेदार भोजन के अन्य जोखिम

मसालेदार भोजन कुछ लोगों को दस्त और पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है. क्योंकि मसाले एक प्राकृतिक अड़चन की तरह काम करते हैं, जो आंत्र आंदोलनों को प्रभावित करता है क्योंकि यह पाचन तंत्र से गुजरता है.संवेदनशील पेट वाले लोगों के लिए प्रभाव बहुत गंभीर हो सकते हैं, हालांकि कुछ लोगों के लिए कैप्सैसिन एक लैक्सटिव के रूप में कार्य करता है. मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्सैसिन को ब्लड थिनर के रूप में भी जाना जाता है.

यह अधिकांश लोगों के लिए उपयोगी और स्वस्थ हो सकता है, लेकिन जो लोग ब्लड थिनर दवाएं ले रहे हैं, यह उनके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है.

इस बात का रखें ध्यान

इसमें किओ शक नहीं है कि लोग स्पाइसी फूड को छोड़ना नहीं चाहते हैं. लेकिन आपको अपने खाने में बदलाब करते रहना चाहिए. उदहारण के लिए लगातार स्पाइस फूड्स ना खाएं. अगर आपको लगता है कि इनका सेवन अधिक हो रहा है, तो कुछ समय इनसे ब्रेक लें और कुछ हल्की-फुल्की चीजें खाएं.

इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्स फौर वर्किंग वुमन

अगर आप एक वर्किंग वुमन हैं और आप चाहती हैं कि कहीं अच्‍छी जगह इन्‍वेस्‍ट किया जाए तो आप यह बिल्‍कुल सही सोच रही हैं. इमरजेंसी के लिए और सुरक्षित भविष्‍य के लिए थोड़ा बहुत बचत होना जरुरी है और यह तभी संभव है जब आप किसी अच्‍छी और सही जगह पर निवेश करें.

यह जरुरी नहीं कि हमेशा आपके फादर या हसबैण्‍ड ही निवेश करें, आप भी बहुत अच्‍छे से ये काम कर सकती हैं अगर आप एक नौकरी पेशा महिला हैं. यहां पर आपको बताएंगे कि कैसे आप बचत करने के लिए अलग-अलग जगह पर निवेश कर सकती हैं:

सोना 

महिलाओं के लिए गोल्‍ड से अच्‍छा कोई और इन्‍वेस्‍टमेंट नहीं हो सकता है. बेहतर होगा यदि आप बीच-बीच में सोने की ज्‍वेलरी खरीदें या फिर सोने के सिक्‍के या ब्‍लौक खरीद कर अपने लॉकर में सेफ कर लें. यही नहीं आप ई गोल्‍ड में भी इंवेस्‍ट कर सकती हैं, जिसमें आपको उतना ही लाभ होगा, जितना वास्‍तविक सोना खरीदने पर होता है.

बीमा

आप नौकरी करें या नहीं, बीमा जरुर करायें. बढ़ती महंगाई में तरह-तरह के खर्चों के बीच अगर आप बीमार पड़ीं तो क्‍या होगा. आपका खर्च कौन उठायेगा. ऐसी मुसीबतों से बचने के लिए आप अपना हेल्‍थ इंश्‍योरेंस करवा सकती हैं. इसके अलावा लाइफ इंश्‍योरेंस जिसमें मनी बैक पौलिसी हो उसे ले सकती हैं, जो भविष्‍य में आपको ढेर सारे लाभ देंगी.

शेयर बाजार

अगर आपको शेयर के बारे में ज्ञान है, तो आप शेयर बाजार में निवेश करके अपने धन को बढ़ा सकती हैं और ढेर सारे लाभ कमा सकती हैं. लेकिन हां इसमें एक्‍सपर्ट की राय लेना जरुरी है क्‍योंकि जरा सी चूक आपका घाटा करा सकती है.

फिक्‍स डिपौजिट

आजकल कई सारे ऐसे बैंक हैं जिनमें एफडी करवाने पर 6 से 8.5 प्रतिशत तक के ब्‍याज पर रिटर्न मिल रहा है. ऐसे में आप क्‍यों चूकें. एफडी कराने के लिए बड़े अमाउंट का इंतजार मत करिये. अगर 2-3 हजार रुपए भी हों तो उन्‍हें तुरंत निवेश करें. इससे आपको इनकम टैक्‍स में छूट मिलेगी

पीपीएफ

पब्लिक प्रौविडेंट फंड यानी पीपीएफ खोलकर आप सालाना 8 प्रतिशत से ज्‍यादा ब्‍याज प्राप्‍त कर सकती हैं. यह निवेश का सबसे सुरक्षित माध्‍यम है. पीपीएफ में निवेश करने के लिए आप अपने निकटतम पोस्‍ट औफिस या स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में संपर्क कर सकते हैं . इसमें में भी टैक्‍स में छूट मिल सकती है

म्‍यूचुअल फंड

यदि आप म्‍यूचुअल फंड की जानकारी रखती हैं, तो इसमें निवेश जरुर करें. इसमें भी आपको बेहतरीन लाभ मिल सकते हैं लेकिन निवेश करने से पहले विशेषज्ञों की राय लेना न भूलें.

मानसून में आलू बुखारा खाने के फायदे जानती हैं आप!

आलू बुखारा (प्लम) एक ऐसा फल है जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ फायदेमंद भी है. मानसून में इस खट्टे-मीठे फल को खाने के अनेक फायदे हैं. मिनरल्स से भरपूर होने के साथ यह पौटेशियम का भी अच्छा स्रोत है. इसमें एंटी—आक्सीडेंट का गुण मौजूद होता है जो कई बीमारियों से लड़ने में सहायक होता है. आइए जानते हैं इस फल को खाने के फायदे.

दिल के लिए फायदेमंद

आलू बुखारा दिल के लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक होता है. इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण मुक्त कणों से लड़ने में सहायक होता है. इसके सेवन से कोलेस्ट्राल नियंत्रित होता है जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा काफी कम हो जाता है.

कैंसर रोकने में मददगार

आलू बुखारे का गहरा लाल रंग एंथोसायनिन के कारण होता है जो मुक्त कणों से लड़ता है. इसके अलावा यह ब्रेस्ट कैंसर, कैविटी और मुंह के कैंसर से भी बचाता है.

ब्लड सर्कुलेशन को स्वस्थ रखता है

आलू बुखारा खाने से शरीर में आयरन अब्जार्ब करने की क्षमता बढ़ती है. इसमें आयरन भी होता है जो रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है. आलू बुखारा खाने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है.

कब्ज से राहत

आलू बुखारे में आइस्टेन और सार्बिटाल होता है जिससे कब्ज में राहत मिलती है और पाचन क्रिया भी अच्छी होती है. यह आंतों को भी स्वस्थ रखता है. आप सूखे आलू बुखारे ड्राइ प्लम का सेवन भी कर सकती है जिन्हें प्रून के नाम से भी जाना जाता है. कब्ज और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए आप इनका सेवन कर सकते हैं.

इम्युनिटी बढ़ाए

आलू बुखारे का सेवन करके सर्दी और जुकाम से बचा जा सकता है यह आपकी इम्युनिटी को बढ़ता है. यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और स्वस्थ ऊतकों के विकास को बढ़ावा देता है.

हड्डियां बनाएं मजबूत

आलू बुखारे में बोरान होता है जो हड्डियों को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने में मददगार है. इसमें फ्लेवोनॉइड्स और फीनोलालिक यौगिकों भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डी को पहुंचने वाले नुकसान को कम करता है.

टीवी की ये मौम्स रियल लाइफ में हैं काफी यंग

एक्टिंग करना आसान नहीं हैं. हम टीवी पर तरह तरह के किरदारों को देखते हैं मगर इसे निभाने वाले स्टार्स सच में कलाकार होते हैं. अपनी सोच, अपना रहन-सहन और यहां तक की अपनी उम्र को भी बदल कर वो आपके सामने पेश होते हैं. ऐसा ही कुछ हमारी टीवी अभिनेत्रियां भी कर रही हैं.

आइये आपको मिलाते हैं टीवी इंडस्ट्री की उन अभिनेत्रियों से जिन्होंने अपने किरदार के लिए अपनी उम्र बहुत ज्यादा बढ़ा दी. ये हैं टीवी की वो मौम्स जो रियल लाइफ में काफी यंग हैं…

दिव्यांका त्रिपाठी

टेवीनिजन शो ‘ये है मोहब्बतें’ की अभिनेत्री दिव्यांका ने हाल ही में शादी की है. महज़ 32 साल की उम्र में वो इस शो में एक मां का किरदार निभा रही हैं. हमेशा साड़ी पहने दिव्यांका शो में कितनी बड़ी लगती हैं.

हिना खान

हिना सिर्फ 29 साल की हैं और शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में वो सास तक का किरदार निभा चुकी हैं.

अंकिता लोखंडे

जल्द ही बॉलीवुड की उड़ान भरने वाली अंकिता भी शो ‘पवित्र रिश्ता’ में खुद से महज़ 5 साल छोटी आशा नेगी की मां के किरदार में नज़र आई थीं.

दीपिका कक्कर

दीपिका अभी 30 साल की हैं और अब तक उन्होंने शादी भी नहीं की है मगर, शो ‘ससुराल सिमर का’ में वो 2 बच्चों की मां के रोल में दिखाई दी थीं.

मानसी साल्वी

37 साल की मानसी अपने शो ‘एक आस्था ऐसी भी’ शो में 23 साल की टीना एन फ़िलिप की मां का किरदार निभा रही हैं.

देवोलीना भट्टाचार्जी

देवोलीना तो इस लिस्ट की सबसे यंग मां हैं. महज़ 25 साल की उम्र में वो शो ‘साथ निभाना साथिया’ में सास भी बन चुकी हैं.

तोरल रसपुत्र

शो ‘बालिका वधु’ में तोरल भी अपनी रियल लाइफ उम्र से कहीं ज्यादा बड़ी उम्र की औरत का किरदार निभा रही हैं, जो 11 साल के ट्विन्स की मां हैं.

अचिंत कौर

अचिंत टीवी इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं और शायद इसीलिए इन्होनें बड़ी आसानी से शो ‘जमाई राजा’ में निया शर्मा की मां और रवि दुबे की सास का किरदार निभा लिया.

बिना परफ्यूम के भी महकें सारा दिन!

किसी को अपने दिन की शुरुआत ऐसी अच्छी नहीं लगेगी कि लोग उन्हें उनके तन की दुर्गन्ध के बारे में बता रहे हों. तन की दुर्गन्ध ऐसी चीज है जो आपका मूड खराब कर सकती है. अगर आप लोगों को अपने पीछे आपके बारे में कुछ बोलते हुए सुनें. आपको खुद ही इसके लिए सजग रहना चाहिए कि आप कैसे पूरे दिन अच्छी महकती रहें.

इस समस्या का समाधान क्या है? इसका जवाब बहुत आसान है. तन की दुर्गन्ध हटाने के लिए लोग सबसे पहले परफ्यूम या डियोद्रेंट का सहारा लेते हैं. हालांकि, यह सिर्फ दुर्गन्ध को ढकते हैं और ज्यादा समय तक नहीं चलते औऱ कई लोदों को इनसे एलर्जी होती है तो वे इसका इस्तेमभी नहीं कर पाते हैं.

आज हम आपको कुछ ऐसे उत्पाद के बारे में बताने वाले हैं जो आम स्प्रे या डीयो से अलग हैं, इनसे आपके तन से दुर्गन्ध नहीं आएगी और आप जहाँ जायेंगे खुशबू बिखेरते जायेंगे. इन कौस्मेटिक का इस्तमाल और कर सकती हैं अगर आप हमेशा अपने तन से अच्छी खुशबू चाहती हैं. इसलिए ध्यान से पढ़ें और तन की दुर्गन्ध की समस्या से निजात पाएं.

बौडी बटर : अगर आपको अपने टन से अच्छी सुगंध चाहिए तो आप अपनी त्वचा पर बौडी बटर का इस्तमाल कर सकती हैं और अपने आप को सुगन्धित रख सकते हैं. यह बौडी बटर शीया, कुकुम्बर और स्ट्रौबेरी फ्लेवर में मिलते हैं और इसका असर देर तक रहता है.

बौडी क्रीम, लोशन या मोइस्चराईजर : परफ्यूम के अलावा आप सर्दियों में अच्छी बौडी क्रीम लगा सकते हैं और तन की दुर्गन्ध को दूर रख सकते हैं. गर्मियों में आप अच्छे बौडी लोशन या मोइस्चराईजर का इस्तमाल कर सकते हैं. आपको क्रीम या लिक्विड लोशन लगाना चाहिए यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपकी स्किन किस प्रकार की है.

बौडी वाश या साबुन : आपसे कितनी अच्छी खुशबू आ रही है यह इस बात पर काफी ज्यादा निर्भर करता है कि नहाते वक़्त आप कौन से साबुन या बौडी वाश का इस्तमाल कर रहे हैं. खुशबूदार साबुन या बौडी वाश का इस्तमाल और नियमित रूप से नहाने से भी तन की दुर्गन्ध दूर होती है.

टोनर : हालांकि, इसका इस्तमाल चेहरे पर ही किया जाता है, पर टोनर से भी आप से अच्छी खुशबू आती है. क्या यह ज़रूरी नहीं कि आपके चेहरे से भी अच्छी खुशबू आये? टोनर भी कई फ्लेवर में आते हैं इसलिए आप जब भी टोनर खरीदते हैं तो अलग फ्लेवर ले सकते हैं. जब भी आप टोनर ले रहे हों तो फ्रूट वाले टोनर लें.

सुगन्धित नेल पोलिश : अगर आप इस बात के लिए भी सजग रहते हैं कि आपके हाथों से कैसी गंध आती है तो आप सुगन्धित नेल पोलिश का इस्तमाल कर सकते हैं. यह नेल पोलिश सामान्य नेल पोलिश की तरह नहीं होते और इनमें भी अच्छी खुशबू होती है जिससे आपके हाथों से अच्छी खुशबू आती है. यह खुशबू सिर्फ एक दिन नहीं रहती, यह खुशबू तब तक रहती है जब तक आपका नेल पोलिश उतरने नहीं लगता.

सुगन्धित सैशे का इस्तमाल : अच्छी सुगंध का सिर्फ शरीर से ताल्लुक नहीं होता. यह तब होता है जब आपका शरीर तो साफ होता ही है साथ ही साथ आपकी अलमीरा भी साफ होती है. कपड़ों से लेकर आपके अंदरूनी कपड़े भी साफ होने चाहिए और सुगन्धित भी. आप अपने कपड़ों को सुगन्धित बनाने के लिए आप अपनी अलमीरा में सुगन्धित सैशे रख सकते हैं ताकि दुर्गन्ध की कोई गुंजाईश ही ना रहे.

बालों के स्प्रे का इस्तमाल : जब आप अपने शरीर पर इतनी मेहनत कर रहे हैं तो आपके बालों का क्या? शैम्पू और कंडीशनर से बालों में खुशबू ज़रूर आती है, पर यह आप रोज़ नहीं कर सकते. इसलिए, आप बालों के स्प्रे का इस्तमाल कर सकते हैं. इससे आपके बालों से तुरंत अच्छी खुशबू आने लगेगी. इसका इस्तमाल और ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है अगर आपका काम हेक्टिक रहा हो या आपने वर्कआउट किया हो, या फिर आपको किसी पार्टी या बाहर जाना हो.

कुछ ऐसे छिपाएं चेहरे का तिल

लड़कियां और महिलाएं अपनी सुंदरता को लेकर बहुत सजग होती हैं और उन्हें कोई भी ऐसी चीज पसंद नहीं होती जो उनके लुक को थोड़ा सा भी खराब करे.

ऐसा ही हाल होता है शरीर में मौजूद तिल का कुछ लोग तो इन्हें ब्यूटी मार्क मानते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ को तो ये बिल्कुल पसंद नहीं होते. ऐसे में आसान से मेकअप ट्रिक्स की मदद से इन्हें छिपाया जा सकता है.

– मेकअप करने से पहले चेहरे को अच्छी तरह धो लें और रूई में थोड़ा टोनर लेकर चेहरे और गरदन पर लगाएं. टोनिंग से आपका मेकअप अधिक देर तक टिकेगा क्योंकि यह आपकी त्वचा को शुष्क रखता है.

– तिलों को छिपाने के लिए ऑयल फ्री फाउंडेशन लें और अपनी प्राकृतिक त्वचा के रंग से हल्के रंग चुनें. यह तिल को छिपाने में बहुत मददगार साबित होता है. अपनी त्वचा पर समान रूप से फाउंडेशन लगाएं और इस बात का ध्यान रखें कि तिल छिप जाए.

– कंसीलर तिल छिपाने के सबसे पुराने और सरल मेकअप टिप्स में से एक है. कंसीलर का उपयोग करके आप अपने चेहरे के लगभग सभी काले धब्बे, तिल या निशान छिपा सकते हैं. लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि फाउंडेशन और कंसीलर का रंग एक जैसा होना चाहिए.

– अगर आप बहुत अच्छा परिणाम चाहते हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कंसीलर और फाउंडेशन अच्छी तरह से मिलाए जाएं. अगर आप कंसीलर की दो परतें लगा रहे हैं तो दूसरी परत लगाने से पहले थोड़ा पाउडर लगाएं.

– पहले कंसीलर केवल दो रंगों में उपलब्ध होते थे लेकिन, अब हरे, लैवेंडर और यहां तक कि पीले कंसीलर भी उपलब्ध हैं जो प्रभावशाली तरीके से आपके तिलों को छिपाने में मदद करते हैं.

– क्रीम कंसीलर की एक बूंद के साथ, आप अपने चेहरे पर जादू कर सकते हैं. यह तिल को प्रभावी ढंग से छिपाएगा, चाहे वह कितना ही काला क्यों न हो.

मधुमक्खी काट ले तो अपनाएं ये घरेलू उपाय

मधुमक्खी का शहद जितना मीठा होता है उसका दंश उतना ही घातक. मधुमक्खी अगर डंक मार दे तो उस जगह पर सूजन तो आ ही जाती है साथ ही तेज दर्द भी शुरू हो जाता है. कई बार तो दर्द और जहर के प्रभाव से बुखार भी हो जाता है.

पर आपको बता दें कि मधुमक्खी या दूसरे कीट नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्क‍ि आत्मरक्षा में डंक मारते हैं या काटते हैं. मधुमक्खियों के डंक में जहर होता है जिससे शरीर में संक्रमण हो जाता है.

हालांकि हर किसी में इसके अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं. कुछ लोगों को तेज दर्द होता है तो कुछ में केवल प्रभावित जगह पर सूजन आ जाती है. कुछ में वो जगह लाल पड़ जाती है. मधुमक्खी के डंक का असर या तो कुछ घंटे या एक से दो दिन तक रहता है.

आप चाहें तो मधुमक्खी के डंक का इलाज घर पर ही कर सकती हैं. अगर स्थिति बहुत खराब न हो तो इन उपायों को अपनाने से राहत मिलेगी.

सबसे पहले डंक को निकाल दें

मधुमक्खी के डंक को जितनी जल्दी हो सके निकाल लें. डंक जितनी जल्दी निकल जाएगा जहर का असर उतना ही कम होगा. वरना शरीर में जहर फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. डंक निकालने के बाद उस जगह को किसी एंटीसेप्टिक साबुन से साफ कर लीजिए. उसके बाद प्रभावित जगह को पोंछकर कोई एंटीसेप्ट‍िक क्रीम लगा लें.

शहद का इस्तेमाल

मधुमक्खी काट लेने पर शहद का इस्तेमाल करना भी बहुत फायदेमंद होता है. ये जहर को फैलने नहीं देता है और इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण बढ़ने नहीं देता है.

बर्फ लगाएं

प्रभावित जगह पर बर्फ लगाने से कई तरह की परेशानियों और लक्षणों में राहत मिल जाएगी. ठंड की वजह से विषाक्त पदार्थ बहुत अधिक फैलता नहीं है. इसके अलावा ये दर्द कम करने में भी सहायक होता है.

सिरका भी कर सकते हैं इस्तेमाल

सिरके के इस्तेमाल से भी जहर का असर कम हो जाता है. साथ ही ये भी दर्द, सूजन और खुजली में राहत पहुंचाता है.

टूथपेस्ट भी है विकल्प

सफेद टूथपेस्ट लगाने से भी डंक के दर्द में राहत मिलती है. ये जहर के अम्लीय प्रभाव को कम करता है. इसके इस्तेमाल से दर्द और सूजन में राहत मिलती है.

बेकिंग सोडा रहेगा फायदेमंद

बेकिंग सोडा अल्कलाइन होता है. जोकि जहर के असर को कम करने में मददगार होता है. बेकिंग सोडा लगाने से दर्द, खुजली और सूजन में राहत हो जाएगी.

आखिर कंगना रनौत चाहती क्या हैं

जब से कंगना रनौत ने हंसल मेहता निर्देशित फिल्म ‘‘सिमरन’’ में लेखक के रूप में अपना नाम जुड़वाया है, तब से फिल्म के लेखक व एडीटर अपूर्वा असरानी और कंगना रनौत के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. अपूर्वा असरानी के तमाम विरोधों व तर्कों के बावजूद फिल्म के निर्देशक हंसल मेहता पूरी तरह से कंगना रनौत पर मेहरबान नजर आ रहे हैं.

अब सूत्रों से जो खबरें आ रही हैं, उन पर यकीन किया जाए, तो फिल्म ‘‘सिमरन’’ में एडीटर के रूप में भी कंगना रनौत का नाम दिया जाने वाला है. सूत्र बता रहे हैं कि फिल्म के पहले ट्रेलर से फिल्म की पूरी टीम नाराज है. इसलिए अब इसे पुनः एडिट करने की जिम्मेदारी कंगना रनौत ने खुद संभाल ली है. सूत्र बता रहे हैं कि कंगना रनौत जिस तरह से इस फिल्म के साथ काम कर रही हैं, उससे अब फिल्म के लेखक व एडीटर अपूर्वा असरानी के साथ साथ फिल्म की पूरी मार्केटिंग टीम भी कंगना रनौत से खफा चल रही है.

सूत्रों का दावा है कि कंगना रनौत जिस तरह से ट्रेलर में फेरबदल करना चाहती हैं, उससे मार्केटिंग टीम काफी भयभीत है. उन्हें लग रहा है कि यदि यही हाल रहा तो उनके लिए फिल्म की मार्केटिंग करना असंभव हो जाएगा. मजेदार बात यह है कि हर किसी के नाराज होने के बावजूद हंसल मेहता, कंगना की ही हां में हां मिला रहे हैं.

उधर कंगना के नजदीकी सूत्रों की मानें तो 2015 में ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न’ के बाद सफलता का स्वाद न चख पाने वाली कंगना रनौत फिल्म ‘‘सिरमन’’ को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं. वह इस फिल्म के हर विभाग में अपनी दखलंदाजी कर इसे सुपर डुपर हिट बनाना चाहती हैं. इसीलिए अब कंगना रनौत एडीटिंग टेबल पर बैठकर यह तय कर रही हैं कि कौन सा दृष्य कब और किस तरह से फिल्म में नजर आएगा.

बौलीवुड से जुड़े एक सूत्र का मानना है कि हंसल मेहता के दिमाग में यह बात बैठ चुकी है कि कंगना रनौत ने विशाल भारद्वाज के साथ फिल्म ‘‘रंगून’’ में काम करके उनसे बहुत कुछ सीख लिया है, जिसे वह ‘सिमरन’ में उपयोग करना चाहती है, इससे फिल्म ‘सिमरन’ बेहतर हो जाएगी, इसलिए वह कंगना के हर सुझाव को हरी झंडी दे रहे हैं. मगर हंसल मेहता ‘रंगून’ की बाक्स आफिस पर जो दुर्गति हुई है, उसे भूल गए.

बौलीवुड में सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या हंसल मेहता का अपनी निर्देशकीय क्षमता पर से यकीन उठ गया है, जो अब उन्हें लग रहा है कि उसे कंगना रनौत एडीटिंग टेबल पर सुधार देंगी.

वैसे बौलीवुड का एक तबका यह मानकर चल रहा है कि कंगना रनौत यह सब कुछ फिल्म की बेहतरी नहीं बल्कि अपूर्वा असरानी को गुस्सा दिलाने के लिए कर रही हैं. जबकि कुछ लोग मानते हैं कि कंगना रनौत का मकसद फिल्म ‘सिमरन’ के माध्यम से यह साबित करना है कि वह बौलीवुड में एकमात्र ‘वन मैन शो’ है, जो कि फिल्म मेकिंग के हर विभाग को अकेले ही संभाल सकती हैं.

अब कंगना का मकसद क्या है और वह क्या खोएंगी या पाएंगी, इसका जवाब तो फिल्म ‘‘सिमरन’’ के प्रदर्शन पर दर्शक ही देंगे.

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