दरभंगा : बिहार की सांस्कृतिक राजधानी

दरभंगा एक अद्भुत पर्यटन स्थल है, यह बिहार राज्य में स्थित है. मिथिलांचल के हृदय में स्थित यह शहर उत्तरी बिहार के मानचित्र पर महत्वपूर्ण शहरों में से एक है. दरभंगा, नेपाल से 50 किमी की दूरी पर स्थित है जो इसे अनेक पर्यटन सुखों और उपयोगिताओं की जगह बनाता है.

इस शहर का नाम ‘दरभंगा’ दो शब्दों “द्वार-बंगा” को जोड़ कर बनाया गया है, “द्वार” का मतलब है दरवाजा और “बंगा” का मतलब है बंगाल, जो “बंगाल के प्रवेश द्वार” का प्रतीक है. प्राचीनकाल में यह दरभंगा शहर, मिथिला का प्राचीन शहर हुआ करता था. उत्तर भारतीय क्षेत्र का एक सांस्कृतिक केंद्र जो गंगा नदी और हिमालय की निचली सीमाओं के बीच पूरी गरिमा के साथ स्थित था.

दरभंगा को बिहार की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है. यह शहर सदियों से समृद्ध संगीत कला के क्षेत्र में, लोक कला और परंपरा के रूप में, उत्कृष्टता रखता है. दरभंगा यात्रा पर्यटन गाइड वास्तुकला के चमत्कार और धार्मिक स्थलों पर प्रकाश डालता है, यह इसकी सीमाओं के बारे में भी बताता है. यह जिला लोक कला शैली की समृद्ध परंपरा, मिथिला पेंटिंग के लिए जाना जाता है.

मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोक नाट्य शैलियां भी इस जिले में बहुत लोकप्रिय है. इनमें सबसे प्रमुख हैं, नटुआ नौटंकी, नटुआ नाच और सामा चकेवा, मधुश्रावनी. जिले के विभिन्न भागों में बहुत से मेले आयोजित किये जाते हैं, कार्तिक पूर्णिमा मेला, दशहरा मेला, जन्माष्टमी मेला और दीवाली मेला.

यद्यपि, हिमालय से निकलने वाली अनेक नदियां इस जिले में पानी की आपूर्ति करती हैं पर यहां चार बड़ी नदियों वाला जल तंत्र है. दरभंगा फलो के राजा ‘आम’ के लिए भी प्रसिद्द है.

दरभंगा और उसके आस-पास के पर्यटन स्थल

दरभंगा किला, श्यामा काली मंदिर, मखदूम बाबा की मजार, होली रोसरी चर्च, चंद्रधारी संग्रहालय और हरही तालाब, दरभंगा पर्यटन के मुख्य आकर्षण हैं. दरभंगा पर्यटन एक सशक्त पर्यटन स्थल के रूप में सामने आता है क्योंकि यह शहर लोक कला के एक रूप, मिथिला पेंटिंग की अपनी समृद्ध परंपरा के लिए जाना जाता है. मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोक नाटक शैलियों भी इस जिले में बहुत लोकप्रिय हैं.

पसीने से खराब हो गए हैं बाल!

गर्मियों के मौसम में लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. चेहरे पर मुंहासे होना, स्किन का टैन होना और बाल खराब होना बहुत ही आम समस्या है. तमाम तरह के उपाय ढूंढने के बावजूद इन समस्याओं के समाधान लोगों को नहीं मिलते.

गर्मियों में जब बालों में पसीना जमा होने लगता है तो बाल जल्दी से टूटना और रफ होना शुरू हो जाते हैं. अगर आप इसी तरह की समस्या का सामना कर रही हैं तो आज हम आपको इसका समाधान बता रहे हैं. आइए जानते हैं क्या हैं इसके उपचार.

गुलाब जल का प्रयोग

सिर के पसीने को दूर करने के लिए गुलाब जल अच्छा विकल्प है. सिर के पसीने को दूर करने के लिए सप्ताह में 2-3 बार गुलाब जल से सिर धोएं. इससे सिर से बदबू नहीं आएगी.

तेल की मालिश   

सिर में तेल की मालिश करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं. तेल की मालिश करने से सिर की त्वचा में नमी आएगी और पसीने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा. सप्ताह में 2-3 बार मालिश करें और 1 घंटे बाद बाल धो लें. इससे बाल स्वस्थ और मुलायम होंगे.

मशीनों का प्रयोग न करें

आजकल के समय में मशीनों का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है. लोग तरह तरह के उत्पाद और कैमिकल प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिसका सीधा असर हमारे बालों पर पड़ रहा है. बाल धोने के बाद किसी भी मशीन जैसे हेयर स्ट्रेटनर या हेयर ड्रायर का प्रयोग न करें. इनका इस्तेमाल करने से बाल खराब होते हैं और स्कैल्प में केमिकल जमा हो जाता है, जिससे डैंड्रफ की समस्या हो जाती है.

ब्यूटीफुल नेल पेंट के लिए…

नेल पेंट खरीदना और लगाना लड़कियों को बहुत पसंद होता है. भले ही नेल पेंट को हर रोज न लगा पाएं लेकिन वीकेंड्स में नेल पेंट लगाना हर लड़की पसंद करती है. अगर नेल पेंट लगाना पसंद है तो नेल पेंट लगाने के बाद क्‍या काम न करें यह भी आपको पता होगा.

अगर नेल पेंट लगाते ही आपकी नेल पॉलिश कुछ ही देर बाद खराब हो जाती है तो जानिए नेल पेंट को टिकाए रखने के कुछ आसान टिप्‍स…

नेल पेंट लगाने के बाद नहाएं नहीं

अगर आपको लगता है कि नेल पेंट सुखाने में सिर्फ पांच मिनट लगते हैं तो ऐसा नहीं है. नेल पेंट लगाने के तुरंत बाद नहाने से बचें. अगर नेल पेंट भी लगाना है और नहाना भी है तो पहले नहा लें और फिर आराम से नेल पेंट से अपने नाखूनों को सजाएं.

तुरंत बिस्‍तर में न जाएं

नेल पेंट लगाने के बाद तुरंत सोने मत चली जाएं. अगर आप बिस्‍तर में लेट गई और आपके नाखून तकिए या चादर में उलझ गए तो आपका नेल पेंट बिगड़ सकता है.

किचन के काम न करें

नेल पेंट लगाने के बाद किचन के काम जैसे, सब्‍जी काटना, बर्तन धुलना या खाना बनाना आदि करने से बचें. नेल पेंट तुरंत तो सूखता नहीं है इसलिए जब भी नेल पेंट लगाएं तो ध्‍यान रखें कि आपको उसके तुरंत बाद कोई काम न करना हो.

कपड़े न धोएं

नेल पेंट तो लगा लिया लेकिन तभी याद आया कि कपड़े भी तो धोने हैं. अगर कपड़े धोने जरूरी हैं तो फिर नेल पेंट लगाने से बचें या फिर कपड़ों को अगले दिन के लिए रख दें.

खाना भी थोड़ी देर में खाएं

खाना खाने के लिए तो हम मना नहीं कर सकते लेकिन कम से कम एक घंटे का गैप तो जरूर रखना चाहिए. नेल पेंट लगाने में तो बहुत अच्‍छा लगता है पर सूखने में थोड़ा टाइम लेता है. इसलिए इसे सूखने के लिए थोड़ा समय दें. वरना नेल पेंट लगा तो होगा पर अच्‍छा नहीं लग रहा होगा.

ये पांच अधिकार देंगे आपको आर्थिक आजादी

सबके जीवन में फाइनेंशियल फ्रीडम बहुत ही जरूरी होती है और खासतौर पर महिलाओं के लिए तो. आपका आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना आपकी बहुत-सी परेशानियों को मिनटों में हल कर देता है.

आपने हर तरह के अधिकार के बारे में सुना होगा, लेकिन ये आर्थिक अधिकार किसे कहते हैं. ये आपको किसी ने नहीं बताया होगा. ये अधिकार पाने से कैसे आप आर्थिक रूप से आजाद होती हैं? आइए, जानते हैं.

अगर आप हैं एजेंट

अगर आप किसी इंश्योरेंस कंपनी में काम करती हैं, तो आर्थिक अधिकार में ये भी आता है. उसके कमिशन पर आपका अधिकार है, अगर आपको वो नहीं मिलता है, तो आप शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

सर्विस चार्ज ना देने का अधिकार

किसी भी रेस्टोरेंट में खाने पर अगर उसकी सर्विस आपको अच्छी नहीं लगी, तो आप उसका सर्विस चार्ज देने से इंकार कर सकती हैं. हाल ही में सरकार ने ये पॉलिसी लॉन्च की है. इससे आम लोगों को काफी फायदा पहुंचा है. इतना ही नहीं, अगर आपसे जबर्दस्ती होटल का मालिक सर्विस पे करने को कहता है, तो आप उसकी शिकायत कर सकती हैं.

लॉकर से जुड़े अधिकार

अगर आप ज्वैलरी को बैंक में जमा करवाना चाह रही हैं और बैंक में आपका अकाउंट नहीं, तो ज़रूरी नहीं कि आप वहां अकाउंट खुलवाएं. लॉकर से जुड़े अधिकार के तहत बिना खाते के भी बैंक में लॉकर खोला जा सकता है.

लॉकर के लिए बैंक में निवेश करना जरूरी नहीं होता है. किसी भी बैंक में अगर आपको लॉकर के लिए अकाउंट खोलने के लिए जबर्दस्ती की जाए, तो आप उस बैंक के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

समय पर घर के पजेशन का हक

बड़े शहरों में अक्सर लोग अंडर कंस्ट्रक्शन घर खरीदते हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा करना आसान लगता है. उनके ऊपर फाइनेंस का ज्यादा लोड नहीं होता. कई बार बिल्डर समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं करते और घर का पजेशन नहीं देते. ऐसे में आप उनके खिलाफ कंप्लेन कर सकती हैं. पजेशन में देरी होने से बिल्डर को ब्याज देना होगा.

टैक्स रिफंड का अधिकार

ईमानदारी से सरकार को टैक्स देती हैं, तो इसका रिफंड लेने का अधिकार भी आपको है. वो आपका ही पैसा है. टैक्स रिफंड के अधिकार के तहत रिटर्न फाइल करने के 90 दिन के भीतर रिफंड देना जरूरी होता है. रिफंड 90 दिन के बाद मिलता है तो हर महीने 0.5 फ़ीसदी ब्याज आपको मिलना चाहिए. अगर ऐसा नहीं है, तो आप रिफंड में देरी होने पर असेसमेंट अधिकारी से शिकायत कर सकती हैं.

मुंह में छाले न पालें

मीता वशिष्ठ अकसर अपनी स्वास्थ्य समस्याएं ले कर मेरे क्लीनिक पर आती हैं. कुछ समय पहले वे अधिकतर मुंह के छालों को ले कर परेशान रहती थीं. ऐसा कोई भी महीना नहीं बीतता था जब उन्हें मुंह के छाले न होते हों.

कभीकभी तो छालों से उन का मुंह इस तरह से भर जाता था कि उन का खानापीना तक दूभर हो जाता था. उन के छाले ठीक होने में लगभग 1 सप्ताह तो लग ही जाता था. जाहिर है वे इस समस्या को ले कर बहुत परेशान थीं और वे इस का स्थायी हल चाहती थीं.

मीता की समस्या ऐसी जटिल भी नहीं थी, इसलिए जब समस्या की जड़ में जा कर उन का उपचार किया गया तो उन को मुंह के छालों से स्थायी मुक्ति मिल गई. एक मीता ही नहीं, बल्कि न जाने कितने लोग मुंह के छालों से परेशान रहते हैं और उचित उपचार न मिलने के कारण इधरउधर भटकते रहते हैं.

क्यों होते हैं मुंह में छाले

मुंह में छाले होने का कोई निश्चित कारण नहीं है. कई बार तो हमारे खानपान की लापरवाही ही इन छालों के होने का कारण बन जाती है. पाचन संबंधी समस्याओं के कारण भी अकसर छाले हो जाते हैं. आमतौर पर मुंह में छाले होने के ये कारण हो सकते हैं.

–       अधिक गरम भोजन करने या बहुत अधिक गरम चाय, कौफी या सूप पीने से.

–       दिनभर मुख में सुपारी या तंबाकू भरे रहने से, खैनी व पान के साथ अधिक मात्रा में चूने के सेवन से.

–       मुंह व दांतों की ठीक ढंग से सफाई न करने पर, दांतों का संक्रमण होने पर.

–       भोजन में पोषक तत्त्वों की कमी होने से.

–       विटामिन बी एवं सी की कमी से.

–       लगातार कब्ज बने रहने से.

–       जरूरत से कम तरल पदार्थ का सेवन करने से.

–       किसी दवा से एलर्जी होने पर.

–       विशेष तरह के वायरस, बैक्टीरिया या फंगल के संक्रमण के चलते.

तकलीफदेह हैं लक्षण

मुंह में होने वाले छालों को मुखपाक या मुखव्रण या माउथ अल्सर के नाम से भी जाना जाता है. आम बोलचाल की भाषा में इसे मुंह आना भी कहते हैं. इस रोग में मुख की अंतरीय झिल्ली सूज जाती है और उस पर घाव भी हो जाते हैं. छालों में अकसर पीला सा पस पड़ जाता है. इस स्थिति में छाले बहुत तकलीफदेह हो जाते हैं.

फंगल इन्फैक्शन से होने वाले छाले कैंडिडा अल्बीकन नामक फंगल से होते हैं. इसे थ्रश कहते हैं. ये अकसर छोटे बच्चों में अधिक देखने को मिलते हैं. ठीक से दूध की बोतल धुली न होना, बच्चों का मुख ठीक से साफ न होना, बच्चों की पाचनशक्ति कमजोर होना, विटामिन व पोषक तत्वों का अभाव होना एवं अंधेरे, सीलनभरे कमरे में रहना जहां पर्याप्त मात्रा में धूप व रोशनी न पहुंच पाती हो आदि इस के कारण होते हैं.

फंगल इन्फैक्शन से होने वाले मुख के संक्रमण में रोगी बच्चा अस्वस्थ व चिड़चिड़ा हो जाता है. उस का मुंह व जीभ अत्यधिक शुष्क हो जाती है, होंठ, गाल का भीतरी भाग, तालू, जीभ आदि पर छोटेछोटे घाव हो जाते हैं. जीभ, तालू आदि में सफेदसफेद दही के समान तह जम जाती है.

फंगल इन्फैक्शन से होने वाले छाले बड़े व्यक्तियों में भी हो सकते हैं. अधिक दिनों तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने वाले एवं मधुमेह से पीडि़त व्यक्ति को फंगल इन्फैक्शन अधिक होता है.

वायरस जनित मुखपाक एक प्रकार के फिल्ट्रैबल वायरस द्वारा होता है. यह वायरस आंतों के रोग, लंबे समय तक अजीर्ण से पीडि़त रहने, पाचन संबंधी अनियमितताओं एवं दूसरों के साथ एक ही थाली में खाने आदि से पनप सकता है. वायरस जनित मुखपाक में होंठ, गाल या जीभ पर वेदना युक्त छाले हो जाते हैं जो बाद में व्रण का रूप ले लेते हैं और तब खानेपीने में कठिनाई होती है व लार अधिक मात्रा में निकलती है.

कारणों की करें पहचान

छाले होने का सहीसही कारण जाने बिना उन से नजात पाना संभव नहीं है. बिना सही कारण जाने,अंधाधुंध एंटीबायोटिक के प्रयोग से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है. इस से फंगल इन्फैक्शन बढ़ने का जोखिम भी रहता है.

वैसे भी अधिक एंटीबायोटिक आंत में पाए जाने वाले स्वाभाविक व लाभदायक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं. इस के अधिक प्रयोग से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी घटती है. छालों का इलाज न कर के यदि उस के होने वाले कारण का उपचार किया जाए तो रोगी को जल्दी राहत मिलती है. वैसे भी जब तक स्थिति गंभीर न हो, हमें दवाइयों की अपेक्षा नैसर्गिक उपचार को ही प्राथमिकता देनी चाहिए.

मुंह की रखें साफसफाई

छालों से छुटकारा पाने के लिए मुंह की ठीक से साफसफाई करें. कभीकभी इतना कर लेने भर से ही हमें छालों से राहत मिल जाती है. मुंह की साफसफाई रखने से वहां पर बैक्टीरिया, फंगस एवं वायरस नहीं पनप पाते हैं, जिस से उन से होने वाले छालों से नजात मिल जाती है. हर मुख्य भोजन के बाद ठीक से दांतों की सफाई एवं कुल्ले करने से भी मुंह साफसुथरा रहता है. इस से मुंह की बदबू व सांस की दुर्गंध से भी छुटकारा मिल जाता है.

कब्ज का करें निवारण

कब्ज बने रहना मुंह के छालों का एक चिरपरिचित सा कारण है. लगातार कब्ज बने रहना हमारी खराब पाचनशक्ति का परिचायक है. इस से पेट में गैस बन सकती है और खट्टी डकारें आती हैं. एसिडिटी की शिकायत बनी रहती है, जिस से पेट के ऊपरी हिस्से से ले कर गले तक जलन हो सकती है. अधिक दिनों तक ऐसा बने रहने से मुंह में छाले होने की संभावना बढ़ जाती है. जिस का सही उपचार कब्ज का निराकरण ही है.

बदलें खानपान की आदतें

छालों से नजात पाने के लिए कभीकभी हमें अपने खानपान की आदतों को भी बदलना पड़ सकता है. अधिक तला व मसालेदार खाना हमारी पाचनक्रिया को प्रभावित करता है. सिगरेटबीड़ी पीने से, दिनभर तंबाकू या सुपारी चबाने से, शराब आदि का सेवन करने से भी मुख में घाव बन जाते हैं. सो, ऐसी चीजों का सेवन न करना ही उचित है.

करें रोकथाम

छालों का उपचार करने की अपेक्षा उन की रोकथाम करना अच्छा विकल्प है. छाले न हों, इस के लिए हमेशा ताजा व कम मिर्चमसालेदार भोजन करें. हरी

व पत्तेदार सब्जियां, सलाद, फल आदि अपने भोजन में अवश्य शामिल करें. चोकरयुक्त आटे की रोटियां व अंकुरित अनाज खाएं. इस सब से मुंह के छालों के साथसाथ कब्ज भी दूर होगा, जो कि छालों का एक मुख्य कारण है.

सुबह उठ कर ढंग से मुंह व दांत साफ कर के 1-2 गिलास पानी पिएं और कुछ देर तक खुली छत पर टहलें. इस से भी कब्ज का निवारण होगा. सुबह की चाय की जगह एक गिलास पानी में आधा नीबू निचोड़ कर पिएं. नीबू विटामिन सी से भरपूर होता है और छालों में राहत देता है. सुबह खाली पेट थोड़ा व्यायाम कर लेना सोने पर सुहागे की तरह है. इस से पाचनक्रिया दुरुस्त बनी रहती है और शरीर में चुस्तीफुरती रहती है.       

उपचार है जरूरी

यों तो खानपान में परहेज व मुंह की ठीक ढंग से साफसफाई रखनेभर से ही छाले 6-7 दिनों में खुदबखुद ठीक हो जाते हैं और अकसर हमें किसी भी तरह के उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती है. पर कभीकभी किसी खास तरह के संक्रमण के कारण छाले बहुत अधिक बढ़ कर कष्टदायक हो जाते हैं और उन में पस पड़ जाने के कारण सैकंडरी संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में उन का उपचार किया जाना आवश्यक हो जाता है. सही उपचार से जल्द ही आराम मिल जाता है.

–       यदि मुंह के छालों का कोई विशेष कारण न हो तो हाइड्रोजन पेरौक्साइड में बराबर मात्रा में पानी मिला कर कुल्ले करने से राहत मिलती है.

–       आयोडीन या सिल्वर नाइट्रैट का 20 प्रतिशत घोल छालों पर लगाने से बहुत राहत मिलती है.

–       हाइड्रोकौर्टिसोन का 1 प्रतिशत मलहम घावों पर लगाने से वे शीघ्रता से भरते हैं. पर इस का उपयोग अधिक दिनों तक नहीं करना चाहिए.

–       छालों में पस पड़ जाने पर एंटीबायोटिक दवाएं देनी चाहिए.

–       फंगल इन्फैक्शन होने पर एंटीफंगल दवा खाने और लगाने के लिए लेनी चाहिए.

–       उचित मात्रा में मल्टीविटामिन व मल्टीमिनरल्स लेने चाहिए.

क्या कनेक्शन था सलमान का अक्षय-कटरीना की ‘नमस्ते लंदन’ से?

अक्षय कुमार और कटरीना कैफ की जोड़ी ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्में दीं. बता दें कि इसी साल इन दोनों की फिल्म ‘नमस्ते लंदन’ ने 10 साल पूरे किए हैं और इस कमाल की फिल्म को लोग आज भी देखतें हैं और खूब एन्जॉय करते हैं.

कई प्रशंसक तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस फिल्म को 2 से 4 बार और इससे भी ज्यादा बार देखा है. लोगों को इस फिल्म के डायलोग तक अपनी जुबान पर याद हैं. मगर इस फिल्म से जुड़ी कुछ बातें ऐसी हैं, जो बहुत ही कम लोग जानते हैं.

हम आपको बता देना चाहते हैं कि इस फिल्म का सबसे बड़ा और इंट्रेस्टिंग फैक्ट यह है कि इस फिल्म से सुपरस्टार सलमान खान का भी गहरा कनेक्शन है.

आइये, हम आपको रुबरू कराते हैं नमस्ते लंदन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातों से…

कटरीना नहीं प्रियंका थीं, पहली पसंद

इस फिल्म के लीड रोल के लिए पहले अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को चुना गया था. प्रियंका ने इससे पहले अक्षय के साथ अंदाज, ऐतराज और वक्त जैसी फिल्मों में काम किया था और इनकी जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया था. लेकिन देखिए सलमान के कनेक्शन्स की वजह से प्रियंका को इस फिल्म से हाथ धोना पड़ा.

सलमान खान का फिल्म से कनेक्शन

भाई का कनेक्शन इस फिल्म से जुड़ा है और इसकी वजह है कटरीना कैफ. दरअसल, इस फिल्म में कटरीना कैफ को लेने का प्लान सलमान का ही था. उस समय सलमान कटरीना को डेट कर रहे थे और सुना था कि इस फिल्म में कटरीना को लेने के लिए सलमान ने डायरेक्टर विपुल अमृतलाल शाह को खूब फाॅर्स किया था और फिर क्या, सलमान जीत गए!

मनोज कुमार अभिनीत पूरब और पश्चिम से थी इंस्पायर

अगर आपने साल 1970 में आई मनोज कुमार की फिल्म पूरब और पश्चिम देखी होगी तो आपको नमस्ते लंदन में उस फिल्म की कई झलकियां देखने को मिल सकती हैं. उदाहरण के लिए इस फिल्म में अक्षय की स्पीच तो आपको याद ही होगी.

पर इस फिल्म के निर्मातोएं ने इस बात पर हामी नहीं भरी और उन्होंने कहा कि यह किसी भी फिल्म की रीमेक नहीं है.

सच्ची कहानी से प्रेरित

यह बात जानकार आप चौंक जाएंगे कि नमस्ते लंदन एक ट्रू स्टोरी पर बेस्ड थी. यह अक्षय कुमार के एक दोस्त की कहानी थी, यानि कि जसमीत मल्होत्रा और अर्जुन बल्लू सिंह रियल लाइफ में भी हैं.

म्यूजिक एंड रीमिक्स

इस फिल्म में 7 गाने थे, हिमेश रेशमिया, सुनिधि चौहान, राहत फतेह अली खान, जुबीन गर्ग और अलीशा चिनाय जैसे कई सिंगर्स ने इस फिल्म के गानों में अपनी आवाज दी थी. मजे की बता यह है कि इन सातों गानों का रीमिक्स भी बनाये गए, जिसे लोग आज भी बहुत पसंद करते हैं.

वैसे, हम आपको बताना चाहते हैं कि सुनने में यह भी आया था कि नमस्ते लंदन की सिक्वल नमस्ते इंग्लैंड भी बनने जा रही है, जिसमें अक्षय कुमार के साथ सोनाक्षी सिन्हा नजर आएंगी मगर, पर वक्त चलते इस खबर पर धूल जम गई.

अब खर्च नहीं जाएगा आउट ऑफ कंट्रोल

कोई भी पुराने की साल की परेशानियां अगले साल में नहीं लेकर जाना चाहता, खासतौर पर जब बात पैसों को लेकर हो. अगर आपने भी बीते साल में रुपये संबंधी कोई टेंशन झेली है तो बेहतर होगा कि आगे के लिए समय के लिए आप थोड़ा सावधान हो जाएं.

आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस करना होगा, थोड़ा-सा मनी मैनेजमेंट, जहां आपको प्लानि‍ग से खर्च करने में मदद करेगा और यही आपको हाथ तंग होने के तनाव से भी दूर रहेगा.

इसके लिए आपको अपनी वित्तीय समीक्षा कर अपने बचत, खर्च और टैक्स पर प्रॉफिट को जानकर चलना होगा. जानती हैं पैसे की टेंशन से दूर रहने के लिए अभी आपको क्या कदम उठाने हैं –

सारे डेटा और डॉक्युमेंट्स जमा कर लें

आपके पास अब तक की जितनी भी रिसीट, रिकॉर्ड्स और फाइनेंश‍यल डॉक्युमेंट्स हैं, उन्हें एक क्रमबद्ध तरीके से अपने पास जमा कर लें. बिजली के बिल, फोन के बिल या फिर आपके द्वारा खरीदे गए कुछ महंगे प्रोडक्ट्स आदि के कागजात को एक जगह रख लें. ऐसा करने से आपको ढंग से अंदाजा लग जाएगा कि कितने पैसे आपने इन चीजों में खर्च किए हैं.

साथ ही आपको इस बात का भी जवाब मिल जाएगा कि क्या आप इससे कम में भी यह सारे काम निपटा सकती थीं. इससे आपको बजट मैनेजमेंट और बचत में मदद मिलेगी.

अपने खर्च की समीक्षा करें

इसके बाद आप चेक करें कि आप कितने खर्च की उम्मीद कर रही थीं और आपने वास्तव में खर्च कितना किया. उन खर्चों को एनालाइज करें जो आपके उम्मीद से ज्यादा रहे. ऐसा करने से आप अपने बजट की बेहतर प्लानिंग कर पाएंगीं. इसके साथ ही आप यह भी सुनिश्चित कर पाएंगीं कि अगले साल आपको कौन-कौन सी वित्तीय गलतियां नहीं करनी हैं.

दरअसल होता यह है कि हम जब तक खुद इस बात का एहसास नहीं करते कि कई बार हमारे खर्चे बेफालतू के होते हैं और उस पैसे को हम बेहतर जगह लगा सकते थे, तब तक हम बेहतर मनी मैनेजर नहीं बन पाएंगे.

इमरजेंसी फंड की समीक्षा करें

अपने छोटे और बड़े वित्तीय लक्ष्य को पाने के लिए इमरजेंसी फंड को मेंटेन करना बहुत जरूरी है. ऐसे फंड आपके इस साल के किसी भी तरीके के उम्मीद न किए जाने वाले खर्चों के लिए मदद करते हैं. अगर आपने अपने इस फंड में से पैसे नहीं खर्च किए हैं तो आप अगले साल के बजट में इसे जोड़ कर किसी बड़ी जरूरत को पूरा कर सकती हैं.

अपने कर्ज की समीक्षा करें

सबसे पहले एक सवाल अपने आप से पूछें कि आप फिलहाल कितने तरीके के कर्ज के बोझ तले दबे हैं. इसके साथ ही आपको होम लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे कितने लोन की इएमआई हर साल भरनी होती है. अपनी इनकम को देखते हुए आपको ये भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप कब तक सारे लोन चुका पाएंगे, क्योंकि इस तरह के लोन जितनी जल्दी चुका लेंगी उतना बेहतर है.

इस फिल्म में साथ नजर आएंगे सलमान और डेजी शाह

सलमान खान जल्द ही कोरियोग्राफर से निर्देशक बने रेमो डिसूजा की अगली फिल्म में नजर आने वाले हैं. इस फिल्म में सलमान किसी नई एक्ट्रेस के साथ नहीं, बल्कि अपनी ही पुरानी हीरोइनों के साथ जोड़ी बनाएंगे. जैकलीन फर्नांडिस के बाद अब सलमान की एक और एक्ट्रेस इस फिल्म से जुड़ गई हैं.

सूत्रों की मानें तो सलमान की इस फिल्म में दो-दो एक्ट्रेस होंगी. जैकलीन पहले ही इस फिल्म के लिए फाइनल हो चुकी हैं. अब खबरें हैं कि ‘जय हो’ में सलमान की को-स्टार रहीं डेजी शाह भी इस फिल्म में मुख्य भूमिका में दिखेंगी. डेजी की बॉलीवुड में तीसरी और सलमान के साथ ये दूसरी फिल्म होगी.

इस फिल्म में सलमान खान एक 13 साल की बच्ची के पिता बनेंगे. कहा जा रहा था कि ये रेमो की हिट फिल्म सीरीज ‘एबीसीडी’ का तीसरा पार्ट होगी लेकिन उन्होंने इन खबरों से इनकार कर दिया है.

सलमान फिलहाल ‘टाइगर जिंदा है’ की शूटिंग में व्यस्त हैं. इसकी शूटिंग पूरी हो जाने के बाद ही लो रेमो की फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगे. उनकी ‘ट्यूबलाइट’ इसी महीने 23 जून को रिलीज होने जा रही है.

 

 

A post shared by Daisy (@shahdaisy) on

 

 

 

 

A post shared by Daisy (@shahdaisy) on

 

 

 

A post shared by Daisy (@shahdaisy) on

 

 

इस एक्टर ने सलमान को बना दिया सुपरस्टार

सलमान खान ने अपने करियर की शुरुआत रेखा और फारुख शेख की फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ से की थी जिसमें उनका छोटा सा रोल था. लेकिन इस फिल्म के बाद आई ‘मैंने प्यार किया’ ने सलमान को रातोंरात स्टार बना दिया था.

इस फिल्म ने सलमान को जो शोहरत दी उसी की बदौलत उन्हें आगे फिल्में मिलती चली गईं और सफलता का कारवां यूं ही चलता रहा. लेकिन आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की मैंने प्यार किया के लिए सलमान सूरज बड़जात्या के पहले पसंद नहीं थें.

सूरज के पहले पसंद एक्टर फराज खान थें. फराज यूसुफ खान के बेटे हैं. आपको बताते चलें की यूसफ भी एक्टर थें. यूसुफ खान अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘अमर अकबर एंथोनी’ से सुर्खियों में आए थें. पिता की तरह ही फराज खान ने भी एक्टिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया.

उन दिनों सूरज बड़जात्या ‘मैंने प्यार किया’ बना रहे थें. इस फिल्म के लिए कई नए लड़कों ने ऑडीशन दिया जिसमें फराज खान थे.

फराज खान को इस फिल्म के लिए साइन कर लिया गया और शूटिंग भी शुरू होने वाली थी. लेकिन एन मौके पर ही फराज खान बीमार हो गए. सूरज इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि उनकी फिल्म के लिए फराज खान बिल्कुल फिट हैं और इसीलिए उन्हें साइन भी किया, लेकिन फराज के फिल्म से जाने से सूरज निराश हो गए.

वो हीरो की तलाश कर ही रहे थे कि इसी बीच कुछ लोगों के उन्हें सलीम खान के बेटे सलमान खान का नाम सुझाया. उन दिनों सलमान भी फिल्मों में काम तलाश रहे थे. लोगों के कहने के मुताबिक सूरज बड़जात्या ने सलमान को साइन कर लिया.

और फिर जो हुआ वो इतिहास बन गया. ये फिल्म ऑल टॉइम ब्लॉकबस्टर रही और सलमान के करियर में मील का पत्थर साबित हुई.

सलमान तो स्टार बन गए लेकिन जिस एक्टर की बदौलत उन्हें ये फिल्म वो फिल्मों में अपनी पहचान तलाशता ही रह गया. फिल्म ‘फरेब’ और ‘मेंहदी’ जैसी फिल्मों के लिए फराज को आज भी याद किया जाता है लेकिन ये फिल्में फराज को वैसी सफलता और लोकप्रियता नहीं दे पाईं जैसी सलमान को ‘मैंने प्यार किया’ ने दी.

इन बॉलीवुड सितारों की फीस है 11 रुपये

बॉलीवुड सितारों की फिल्मों की कमाई और उनकी खुद की कमाई के बारे में हर कोई जानना चाहता है. हर किसी को ये फिल्म इंडस्ट्री जगमगाती सी हुई ही दिखाई देती है. वैसे तो हम अक्सर ऐसी खबरें पढ़ते रहते हैं कि फलां बॉलीवुड सितारे ने इस फिल्म के लिए इतनी फीस ली, लेकिन कभी-कभी ये सितारे अपने काम का कोई पैसा नहीं लेते हैं.

ऐसे कई सितारे हैं, जिन्होंने किसी खास वजह से फिल्म में काम करने के बदले निर्माता से कुछ भी नहीं लिया. इन सितारों में सदी के महानायक से लेकर किंग खान तक और कई दूसरे नाम भी शामिल है.

आज हम आपको ऐसे ही कुछ सितारों के बारे में बताने जा रहे हैं…

शाहिद कपूर

पिछले साल रिलीज़ हुई फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में अपने बेहतरीन अभिनय का प्रदर्शन कर चुके शाहिद कपूर के लिए, साल 2014 में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘हैदर’ करियर का एक टर्निंग पॉइंट साबित हुई.

इस फिल्म के लिए शाहिद कपूर को साल 2015 के फिल्म फेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर के खिताब से नवाजा गया था. लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि इसमें काम करने के लिए शाहिद ने एक भी रुपया नहीं लिया था. इतना ही नहीं, शाहिद कपूर बेहद खुश और अभिभूत थे, जब विशाल भारद्वाज ने उन्हें ‘हैदर’ में लीड रोल के लिए ऑफर दिया था.

कैटरीना कैफ

कैटरीना कैफ ने करन जौहर की फिल्म ‘अग्निपथ’ के फेमस आइटम नंबर ‘चिकनी चमेली’ के लिए कोई फीस नहीं ली थी. उन्होंने अपनी और करन की दोस्ती के कारण कोई भी पैसा नहीं लिया था. इस गाने के लिए कैटरीना ने बहुत मेहनत की थी, जो गाना देखने के बाद साफ दिखाई भी दे रहा था. हालांकि, करण जौहर ने उन्हें शूटिंग के बाद तोहफे में फरारी कार दी थी.

दीपिका पादुकोण

फिल्म ‘ओम शान्ति ओम’ से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत करने वाली दीपिका पादुकोण ने अपनी पहली ही फिल्म से दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया था. इस फिल्म में शाहरुख खान के साथ काम करने के लिए उन्होंने कोई पैसे नहीं लिए थे. उनका कहना था कि पहली ही फिल्म में शाहरुख़ के साथ काम करने का मौक़ा मिलना ही बहुत बड़ी बात है मेरे लिए, साथ ही फिल्म में वो किंग खान की सह कलाकार हैं, इतना ही उनके लिए काफी है.

शाहरुख खान

फिल्म ‘भूतनाथ रिटर्नस’ के लिए शाहरुख खान ने जितना भी काम किया था, वो फ़्री में किया था. शाहरुख इस फिल्म के पहले पार्ट का अहम हिस्सा थे. उन्होंने दूसरे पार्ट में अपने छोटे से रोल के लिए कोई पैसे नहीं लिए थे.

रानी मुखर्जी

करन जौहर रानी मुखर्जी के बेस्ट फ्रेंड हैं. करन की फिल्म कभी-ख़ुशी कभी गम में रानी मुखर्जी कई बार थोड़ी-थोड़ी सी देर के लिए कई बार नज़र आयीं थीं. फिल्म में उन्होंने शाहरुख़ खान के बचपन की दोस्त की भूमिका निभाई थी. मगर उन्होंने इस फिल्म के लिए करन जौहर से कोई पी नहीं लिए थे.

सोनम कपूर

फ्लाइंग सिख (Flying Sikh) कहे जाने वाले उर्फ़ मिल्खा सिंह के जीवन पर आधरित फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में एक छोटी सी भूमिका में नजर आयीं थी सोनम कपूर. फिल्म में काम करने के लिए सोनम में मात्र 11 रुपये लिए थे.

फरहान अख्तर

निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ में फरहान अख्तर ने अपने अभिनय का जबर्दस्त प्रदर्शन किया था और फिल्म के लिए उनको बेस्ट एक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला था. इस फिल्म के लिए उन्होंने बहुत मेहनत भी की थी. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी, लेकिन फिल्म के लिए उन्होंने बतौर आशीर्वाद 11 रुपये ही लिए थे.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें