कोई भी पुराने की साल की परेशानियां अगले साल में नहीं लेकर जाना चाहता, खासतौर पर जब बात पैसों को लेकर हो. अगर आपने भी बीते साल में रुपये संबंधी कोई टेंशन झेली है तो बेहतर होगा कि आगे के लिए समय के लिए आप थोड़ा सावधान हो जाएं.
आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस करना होगा, थोड़ा-सा मनी मैनेजमेंट, जहां आपको प्लानिग से खर्च करने में मदद करेगा और यही आपको हाथ तंग होने के तनाव से भी दूर रहेगा.
इसके लिए आपको अपनी वित्तीय समीक्षा कर अपने बचत, खर्च और टैक्स पर प्रॉफिट को जानकर चलना होगा. जानती हैं पैसे की टेंशन से दूर रहने के लिए अभी आपको क्या कदम उठाने हैं –
सारे डेटा और डॉक्युमेंट्स जमा कर लें
आपके पास अब तक की जितनी भी रिसीट, रिकॉर्ड्स और फाइनेंशयल डॉक्युमेंट्स हैं, उन्हें एक क्रमबद्ध तरीके से अपने पास जमा कर लें. बिजली के बिल, फोन के बिल या फिर आपके द्वारा खरीदे गए कुछ महंगे प्रोडक्ट्स आदि के कागजात को एक जगह रख लें. ऐसा करने से आपको ढंग से अंदाजा लग जाएगा कि कितने पैसे आपने इन चीजों में खर्च किए हैं.
साथ ही आपको इस बात का भी जवाब मिल जाएगा कि क्या आप इससे कम में भी यह सारे काम निपटा सकती थीं. इससे आपको बजट मैनेजमेंट और बचत में मदद मिलेगी.
अपने खर्च की समीक्षा करें
इसके बाद आप चेक करें कि आप कितने खर्च की उम्मीद कर रही थीं और आपने वास्तव में खर्च कितना किया. उन खर्चों को एनालाइज करें जो आपके उम्मीद से ज्यादा रहे. ऐसा करने से आप अपने बजट की बेहतर प्लानिंग कर पाएंगीं. इसके साथ ही आप यह भी सुनिश्चित कर पाएंगीं कि अगले साल आपको कौन-कौन सी वित्तीय गलतियां नहीं करनी हैं.
दरअसल होता यह है कि हम जब तक खुद इस बात का एहसास नहीं करते कि कई बार हमारे खर्चे बेफालतू के होते हैं और उस पैसे को हम बेहतर जगह लगा सकते थे, तब तक हम बेहतर मनी मैनेजर नहीं बन पाएंगे.
इमरजेंसी फंड की समीक्षा करें
अपने छोटे और बड़े वित्तीय लक्ष्य को पाने के लिए इमरजेंसी फंड को मेंटेन करना बहुत जरूरी है. ऐसे फंड आपके इस साल के किसी भी तरीके के उम्मीद न किए जाने वाले खर्चों के लिए मदद करते हैं. अगर आपने अपने इस फंड में से पैसे नहीं खर्च किए हैं तो आप अगले साल के बजट में इसे जोड़ कर किसी बड़ी जरूरत को पूरा कर सकती हैं.
अपने कर्ज की समीक्षा करें
सबसे पहले एक सवाल अपने आप से पूछें कि आप फिलहाल कितने तरीके के कर्ज के बोझ तले दबे हैं. इसके साथ ही आपको होम लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे कितने लोन की इएमआई हर साल भरनी होती है. अपनी इनकम को देखते हुए आपको ये भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप कब तक सारे लोन चुका पाएंगे, क्योंकि इस तरह के लोन जितनी जल्दी चुका लेंगी उतना बेहतर है.