असल जिंदगी में कपल्स हैं पर्दे के ये भाई-बहन

तो ऐसा है कि टेलीविजन जगत में कुछ भी हो सकता है ये कहना गलत नहीं होगा. सीरियल में भाई-बहन का किरदार निभाने वालों को आपस में प्यार हो सकता है तो कहीं असल जीवन के पति-पत्नी को टीवी पर भाई बहन का रोल करना पड़ता है.

आइये हम आपको मिलवाते हैं 5 ऐसी ही जोड़ियों से जिन्होंने छोटे परदे पर भाई बहन का किरदार निभाया है…

1. रोहन मेहरा और कांची सिंह

स्टार प्लस पर आने वाला शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नक्ष और गयू यानि कि गायत्री का रोल निभाने वाले रोहन और कांची ने सीरियल में भाई बहन का किरदार निभाया है. और ऑफ स्क्रीन दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं. इस जोड़ी को बहुत पसंद किया जाता रहा है.

2. शोएब इब्राहिम और दीपिका कक्कड़

हां पहले तो ‘ससुराल सिमर का’ में शोएब और दीपिका को पति पत्नी के रूप में देखा गया था पर शोएब ने जल्दी ही शो को अलविदा कह दिया था. शो छोड़ने के बाद भी दोनों का प्यार ऑफ-स्क्रीन दिखाई देता रहा है और खबरों में आता रहा है. फिलहाल ये दोनों ही कलाकार ‘नच बलिए 8’ के कंटेन्टेस्ट हैं और जल्द ही स्टार प्लस के नये शो ‘कोई लौट के आया है’, में दोनों भाई-बहन का रोल निभाते नजर आएंगे.

3. किरन कर्माकर और रिंकू धवन

कहानी घर घर की’ में किरन कर्माकर ने ओम का किरदार निभाया था. वहीं रिंकू ने उनकी बहन छाया का किरदार निभाया था. उसी शो के दौरान दोनों में प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली.

4. अविनाश सचदेव और शलमाली देसाई

अविनाश और शलमाली ने भाई-बहन तो नहीं लेकिन देवर भाभी का रोल प्ले किया था. इस प्यार को क्या नाम दूँ..में जहाँ अविनाश ने श्लोक का मुख्य किरदार निभाया था. वहीं शलमाली ने उनकी भाभी सोजल का रोल प्ले किया था.

5. चारू असोपा और नीरज मालवीय

स्टार प्लस पर आने वाला सीरियल ‘मेरे अँगने में’ प्रीती का किरदार निभाने वाली चारु और उनके भाई अमित का रोल निभाने वाले नीरज एक दूसरे को डेट कर रहे हैं. हालांकि पहले दोनों ने एक दूसरे को डेट करने की खबरों को अफवाह बताया था लेकिन फिर पिछले साल एक दूसरे से सगाई करके सब को चौंका दिया.

“जघन्य अपराध करने वाला कभी नाबालिग नहीं होता”

90 की दशक की मशहूर अभिनेत्रियों में एक नाम अभिनेत्री रवीना टंडन का भी है. ‘पत्थर के फूल’ फिल्म से उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. फिल्म काफी सराही गयी और रवीना को काम मिलने लगा. रवीना हमेशा अलग-अलग किरदार निभाना पसंद करती हैं और उस फिल्म को ही चुनती हैं, जिसमें कुछ चुनौती हो. यही वजह है कि फिल्म चाहे रोमांटिक हो या कॉमेडी हर फिल्म में अपनी अलग इमेज उन्होंने स्थापित किया है.

स्पष्टभाषी रवीना बहुत कम उम्र में दो बेटियों को अपनाकर मां बनीं और अब नानी भी बन चुकी हैं. इसके अलावा रवीना ने फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अनिल थडानी के साथ शादी की और दो बच्चों की मां बनीं. रवीना को लड़कियों से बहुत प्यार है और उन्हें वह मानव जगत की सबसे अच्छी क्रिएशन मानती हैं. आज भी लड़कियों के साथ भ्रष्टाचार, कन्या भ्रूण हत्या सुनकर उसकी रूह काप उठती है. उनकी फिल्म ‘मातृ-द मदर’ रिलीज पर है उनसे हुई बातचीत के अंश.

इस तरह की संवेदनशील विषय चुनने की वजह क्या है?

मेरी तीन बेटियां है, जिसे लेकर मैं हमेशा चिंतित रहती हूं. जब भी वे कहीं जाती हैं, तो जब तक न लौटे चिंता बनी रहती है. ऐसे माहौल में आज के हर बेटी के माता पिता जिन्दा रहते हैं. अपराध करने वाले को कानून का डर नहीं. ऐसे में मुझे एक मौका मिला है कि मैं अपने अभिनय से लोगों को आत्मचिंतन करने पर मजबूर करूं. इसकी कहानी हमारे आस-पास घटित होने वाली है, जिसके बारें में हम तब तक नहीं सोचते जब तक कि हमारे साथ कुछ हुआ न हो. अभी तक शुगर कोटेड फिल्में दिखाई गयी हैं, ये हार्डकोर फिल्म है.

इस तरह की सीरियस कहानी से आप अपने ऊपर प्रेशर महसूस कर रही हैं?

प्रेशर है, लेकिन ये हकीकत भी तो है. फिल्म एक पारिवारिक फिक्शन ड्रामा है जिसमें एक मध्यम वर्गीय स्कूल टीचर का रेप होता है इसके बाद निराशा जो एक साधारण इंसान को होती है उसे ही दिखाने की कोशिश की गयी है. ये स्टोरी सुनकर मैं दंग रह गयी थी, आज भी ऐसा हो रहा है. जो सब करने के बावजूद उसे न्याय नहीं मिलता. ’क्राइम अगेंस्ट वुमन’ बढ़ता ही जा रहा है और ये कबतक चलेगा, लोग  चुपचाप बैठकर तब तक देखते है जब तक कि दूसरी न घट जाय. पहले वे उस बारें में नहीं सोचते.

फिल्मों के अलावा आपने काफी सामाजिक कार्य भी किये हैं, किस क्षेत्र में और अधिक काम करने की जरुरत है?

ये महिला और बच्चों के साथ अधिक होता है. इसलिए मैंने स्ट्रीट चिल्ड्रेन और महिलाओं के लिए काफी काम किया है, पर उसे सुधरने में अभी 10 साल शायद और लगेंगे. ये किसी के साथ हो सकता है. निराशा, लोगों का रवैया और लॉ मेकर्स की अनदेखी इसमें जिम्मेदार है. 70 साल पुरानी कानून को बदलना चाहिए. लोगों को आज कानून का डर नहीं है. सरकार बदलती है, पर परिवेश में कुछ बदलाव नहीं आता. कब तक हम सहेंगे?

ये फिक्शन फिल्म होने के बावजूद भी अगर किसी को हेल्प हो, तो मेरे लिए सबसे बड़ी सफलता होगी. निर्भया केस में किसी मानसिक बीमार इंसान को लॉ मेकर ने पैसे देकर उसे टेलर बना दिया, कई जगह तो सरकारी नौकरी भी देती है. एक जघन्य अपराध करने वाला व्यक्ति नाबालिग नहीं होता. वह बीमार इंसान है और सारी जिंदगी जेल में रहकर उसे मनोचिकित्सक की सहायता से उसकी चिकित्सा करवानी चाहिए.

ये ‘डार्क’ फिल्म है. सेंसर बोर्ड क्या करेंगे पता नहीं. कठिन चीजें दिखाने की जरुरत है. दक्षिण में हाई प्रोफाइल एक्ट्रेस भी भ्रष्टाचार की शिकार हुई. कर्नाटक के मिनिस्टर ने कहा था कि एक्शन लिया जायेगा. लेकिन कुछ नहीं हुआ. ये शर्मिंदगी है, हमारे नेता अपने राज्य की महिलाओं को प्रोटेक्ट नहीं कर सकते.

क्या आप कभी प्रताड़ित हुई हैं?

ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ, क्योंकि मैं उसका जवाब जानती हूं. कई बार ऐसा हुआ है कि कुछ ऐसे फोटोग्राफर्स है, जो ‘लो एंगल’ से तस्वीरे लेते हैं, कितनो को मैंने खुद मना किया है. वे ऐसे मौके ढूंढते है. इस सोच और दिमाग के खोट को बदलने की जरुरत है.

महिलाओं को कोई संदेश देना चाहती हैं?

महिलाओं को भी सतर्क रहने की जरुरत है, आदतें घर से शुरू होती है. मां को सबसे पहले रेस्पेक्ट मिलना चाहिए. शोध बताते है कि ऐसे बच्चे बचपन से निर्दयी होते है. उन्हें किसी का दर्द अच्छा लगता है, तभी से उनका इलाज होना जरुरी है. मैं अपने बेटे को समझाती हूं कि आप अपने क्लास की लड़कियों को रेस्पेक्ट दें, जरुरत पड़े तो सहयोग दें, विटनेस न बने.

25 साल का सफर कैसा रहा? अपने आप में कितना बदलाव महसूस करती हैं?

25 साल में इंडस्ट्री काफी बदली है, हर तरह की फिल्में आज बन रही है, लेकिन मैंने हमेशा अपने टर्म पर जिया है. अभी मेरी सोच बदली है. फिल्में कई बार सफल होती है, कई बार नहीं, पर मैंने उसे कभी सीरियसली नहीं लिया. शादी के बाद लोग मेच्योर होते हैं, मुझे भी अपने व्यक्तित्व के हिसाब से ‘ग्रेसफुल’ किरदार मिले और मैंने किया. मैंने कभी अपने उम्र को छिपाया नहीं.

तरबूज के ब्यूटी सीक्रेट्स से अंजान होंगी आप

गर्मी में हमारे शरीर को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है और ऐसे में तरबूज हम सब का फेवरेट होता है. फ्रिज से निकला हुआ ठंडा तरबूज का जूस किसे नहीं पसंद होता है. तरबूज हमारे शरीर में पानी की मात्रा को बैलेंस करके रखता है, लेकिन इसके अलावा क्या आपको पता है कि तरबूज में कई सारे और भी गुण हैं जिससे आप शायद अब तक अनजान होंगी.

तरबूज आपकी सुंदरता को बढ़ाने में मदद करता है. यह एक ऐसा फल है जो गर्मी का सबसे अच्छा एंटीटोड होता है. विटामिन ए और विटामिन सी से युक्त तरबूज आपके स्किन के लिए बहुत जरुरी है. इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट आपको एजिंग समस्या से कोसों दूर रखता है. इसका उपयोग सनबर्न और ऐसे ही त्वचा की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है.

जानें तरबूज के फायदे

तैलीय त्वचा में मददगार

तरबूजे में पाए जाने वाले विटामिन ए की मात्रा स्किन के पोर्स के आकार को कम करता है जिससे त्वचा में बनने वाले तेल की समस्या भी कम हो जाती है.

बेदाग त्वचा के लिए तरबूज फेस पैक

तरबूज का एक चोटा स्लाइस लेकर उसे मैश करें फिर इसमें दही डाल कर अच्छे से मिक्स कर के पेस्ट बना लें. अब इस पैक को चेहरे पर लगा कर 15 मिनट तक रखें. हल्के गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें और इसके 10-15 मिनट के बाद कोई अच्छा सा माइल्ड क्लींजर लगाएं.

नेचुरल टोनर

तरबूज का जूस एक नेचुरल टोनर की तरह भी काम करता है. इसमें हल्के मात्रा में पाए जाने वाले एसीडिक गुण आपकी त्वचा को प्राकृतिक रुप से टोन करता है.

एक्ने और पिंपल का सफाया

तरबूज जूस से आप रोज अपने चेहरे को मसाज करें इससे एक्ने और पिंपल खत्म हो जाएगा.

एजिंग स्किन से छुटकारा के लिए तरबूज फेस पैक

एक छोटे बर्तन में एक बड़ा चम्मच तरबूज का जूस और एक बड़ा मैश किया हुआ चम्मच एवोकैडो लें. इन्हें अच्छे से मिक्स करके चेहरे और गर्दन पर लगायें. 15-20 मिनट के बाद इसे ठंडे पानी से धो दें और हल्के हाथों से थपथपा कर साफ तौलिए से सुखा लें.

स्किन को रखे जवां

गर्मी में त्वचा धूप से जलकर डल और बेजान हो जाती है. तरबूज का जूस चेहरे और गर्दन पर लगाएं और अपनी त्वचा को बनाये रखें जवां.

क्लीयर स्किन

तरबूज में 93 प्रतिशत तक पानी पाया जाता है. ये चेहरे के स्किन के अंदर से सारी गंदगियों को बाहर निकालने में काफी मददगार होता है. क्लीयर औऱ फ्रेश स्किन पाने के लिए रोजाना इसके जूस का सेवन करें.

एक्ने फ्री स्किन के लिए तरबूज का फेस पैक

एक बड़े चम्मच तरबूज जूस में एक बड़ा चम्मच मैश किया हुआ केला मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स करने के बाद गर्दन और चेहरे पर लगायें. 20 मिनट के बाद इसे हल्के गुनगुने पानी से धो दें.

दिल्ली का दिल देखो

देश की राजधानी दिल्ली में यों तो घूमने के लिए हर मिजाज के पर्यटन के ठिकाने हैं लेकिन कनाट प्लेस, जनपथ और पालिका बाजार आ कर ही दिल्ली की आबोहवा का सही सही अंदाजा लग पाता है. यहां का खानापीना, खरीदारी और आधुनिक माहौल इसे पर्यटन के लिए सब से दिलचस्प जगह बनाता है.

राष्ट्रपति भवन के समीप बना संसद भवन देश की राजनीति का केंद्रबिंदु है. लालकिला का आर्किटैक्चर इतना आकर्षक है कि यह आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

संरचना में ब्रिटिशकाल की याद दिलाता कनाट प्लेस दिल्ली का सब से आधुनिक व आकर्षक बाजार माना जाता है.

जंतरमंतर खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. ऐतिहासिक इमारतों में दिल्ली की कुतुबमीनार विशेष रूप से उल्लेखनीय है. राजस्थान के मकराना संगमरमर से कमल के फूल के आकार में बने लोटस टैंपल की भव्यता देखते ही बनती है.

कनाट प्लेस का अत्याधुनिक वातावरण और ऊंचीऊंची इमारतें पर्यटकों को लुभाती हैं.  पूरी तरह से वातानुकूलित अंडरग्राउंड पालिका बाजार में विदेशी पर्यटक खूब खरीदारी करते हैं. खानपान और खरीदारी के लिए चांदनी चौक का बाजार अति उत्तम है. कनाट प्लेस के भीड़भरे माहौल में खरीदारी के वक्त पौकेटमारों से जरा सावधान रहें.

दिल्ली घूमने आए हैं तो क्या देखेंगे? लालकिला, इंडिया गेट, कुतुबमीनार, पुराना किला, लोटस टैंपल, जंतरमंतर या फिर जामा मसजिद? सब देख सकते हैं, इन सभी जगहों तक जाने के लिए दिल्ली के किसी भी कोने से आटो, कैब या बस आप को मिल जाएंगे. आटो या कैब 100 से 250 रुपए के बजट में आप को घंटे दोघंटे समय के अंतराल में पहुंचा देंगे.

दिल्ली के राजपथ पर स्थित इंडिया गेट को दिल्ली का सिग्नेचर मार्क भी कह सकते हैं. इस का निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में मारे गए 90 हजार भारतीय सैनिकों की स्मृति में कराया गया था. 160 फुट ऊंचा इंडिया गेट देखते ही बनता है. जिन सैनिकों की याद में यह बनाया गया था उन के नाम इस इमारत पर अंकित हैं. इस के अंदर अखंड अमर जवान ज्योति भी जलती रहती है.

इस के पास में ही संसद भवन और राष्ट्रपति भवन हैं जहां का मुगल गार्डन उम्दा स्थान है पर्यटन के लिए. राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन कुछ दिनों के लिए खुलता है पर्यटकों के लिए, खासतौर से नएनए किस्म के फूलों की प्रजाति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए. लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर मंडी हाउस है. कलाप्रेमियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शौकीन पर्यटकों के लिए यह माकूल जगह है.

पुराने किले में पुराने खंडहर हैं और बोटक्लब है जहां सैलानी अपने परिवार के साथ नौकायन का आनंद उठाते हैं. इस में प्रवेश करने के 3 दरवाजे हैं. हुमायूं दरवाजा, तलकी दरवाजा और बड़ा दरवाजा. वर्तमान में सिर्फ बड़ा दरवाजा ही प्रयोग में लाया जाता है.

लालकिला यानी रेड फोर्ट पुरानी दिल्ली इलाके में स्थित है. मुगल शासक शाहजहां ने 17वीं सदी में इस लालकिले का निर्माण कराया था. इस का आर्किटैक्चर इतना आकर्षक है कि यह आज भी पुरानी दिल्ली के सब से ज्यादा लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बना हुआ है.

कनाट प्लेस से 5 मिनट की पैदल दूरी पर जंतरमंतर है. जंतरमंतर की बात करें तो यह जंतरमंतर समरकंद की वेधशाला से प्रेरित है. ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए हैं. यहां बना सम्राट यंत्र सूर्य की सहायता से समय और ग्रहों की स्थिति की सूचना देता है. यह राजीव चौक के नजदीक ही है. एक बार देखा जा सकता है. 

दिल्ली में कुतुबमीनार को देख कर पीसा की झुकी हुई मीनार का चित्र उभर कर सामने आ जाता है. यह मीनार मूल रूप से सातमंजिला थी पर अब यह पांचमंजिल की ही रह गई है. इस मीनार की कुल ऊंचाई 72.5 मीटर है और इस में 379 सीढि़यां हैं. परिसर में और भी कई इमारतें हैं जो अपने ऐतिहासिक महत्त्व व वास्तुकला से सैलानियों का मन मोह लेती हैं.

लोटस टैंपल की शानदार व कलाकृत बनावट और यहां का शांतिपूर्ण माहौल इसे एक बार देखने लायक जगह बनाता है. बाहर से आने वाले दिल्ली में इन जगहों का दीदार एक बार तो जरूर करते हैं लेकिन जो बारबार दिल्ली आते हैं और नई जगहों में घूम कर अपना समय बिताना पसंद करते हैं तो उन को कुछ नया आजमाना चाहिए. वैसे भी इन तमाम जगहों में जा कर देखिए, बमुश्किल 2 घंटे में ही बोर हो जाएंगे. देखने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होता जबकि घूमने आए हैं तो कम से कम ऐसी जगह होनी चाहिए जहां पूरा दिन खातेपीते, घूमतेफिरते और खरीदारी करते हुए अच्छे से बिताया जा सके.

दिल्ली में घुमक्कड़ों के लिए सिर्फ स्मारक और म्यूजियम ही नहीं हैं बल्कि मौजमस्ती, शौपिंग, इंटरटेनमैंट के साथ खानाखजाना के बेपनाह विकल्प जहां मौजूद हैं. वे विकल्प हैं कनाट प्लेस, जनपथ, पालिका बाजार और चांदनी चौक आदि.

राजीव चौक की सैर

पहले बात करते हैं दिल्ली के कनाट प्लेस की. कनाट प्लेस में 2 सर्कल हैं. इनर सर्कल और आउटर सर्कल. इनर सर्कल में ए से एफ ब्लौक आते हैं जबकि आउटर सर्कल में जी से पी तक के ब्लौक आते हैं. कोलोनियल आर्किटैक्ट शैली में बना कनाट प्लेस ब्रिटिशकाल की याद दिलाता है.

चहलपहल, भीड़ और फुटपाथ पर बिकते हस्तकला की वस्तुएं, पोस्टर्स, राजस्थानी कारीगरी के पर्स, थैलियां और कारपेट्स, बुद्धा की मूर्तियां मोनैस्ट्री सा माहौल रचती हैं. सरकार द्वारा संचालित सैंट्रल कौटेज एंपोरियम से सोवेनियर ले सकते हैं क्योंकि यहां कीमतें तय होती हैं.

शौपिंग व खानापीना

राजीव चौक मैट्रो स्टेशन के ठीक ऊपर बना सैंट्रल पार्क युवाओं के लिए हैंगआउट करने या किसी वर्कशौप में हिस्सा लेने, डिबेट या म्यूजिकल परफौर्मेंसेज अटैंड करने के लिए बैस्ट औप्शन है. यहां अकसर प्रेमी युगल वक्त बिताते साथसाथ देखे जा सकते हैं. दिल्ली के बीचोंबीच कहीं अगर पिकनिक मनाने की जगह हो सकती है तो वह सैंट्रल पार्क ही है.

बात खरीदारी की करें तो दिल्ली के इस केंद्रबिंदु में सभी देसी विदेशी ब्रैंड्स के शोरूम तो हैं ही साथ ही, अंडरग्राउंड पालिका बाजार भी है जो पूरी तरह से वातानुकूलित है. कनाट प्लेस में हर ब्रैंड तो मिलता है, साथ में खानपान के सब फास्ट फूड चैन्स, कौफी शौप्स और मनोरंजन के लिए सिनेमाहौल (रिवोली, ओडियन, प्लाजा, रीगल) के भी कई औप्शन हैं.

इतना ही नहीं, नई दिल्ली स्टेशन यहां से 5 मिनट की दूरी पर ही है. यहां मैट्रो और आटो

से आसानी से पहुंचा जा सकता है. एम ब्लौक में एचएनएम ब्रैंड का शोरूम भी खुल गया है जो भारत में मुंबई और दिल्ली समेत गिनती की जगहों में ही है. अगर यहां से खरीदारी का इरादा है तो कर लीजिए और फिर एच ब्लौक पर रुक कर निजाम के फेमस काठी कबाब का मजा लीजिए. फिर ब्लौक एफ का चायोस कैफे भी है जहां की कुल्हड़ वाली चाय का मजा ले सकते हैं. पीवीआर रिवोली सिनेमाघर से सटे कौफी हाउस में घंटों बैठिए और कौफी के साथ कलाप्रेमियों के साथ नौस्टाल्जिक हो जाइए. बहुत सस्ती और टाइमपास जगह है यह.

इनर सर्कल पर सस्ते रेस्तरां और होटल भी हैं. मसलन, ओडियन और प्लाजा सिनेमाहौल्स के बीच बने रेस्तरां में नौर्थ इंडियन खाना अच्छा और सस्ता मिलता है. यहां आएं तो दक्षिण भारतीय खाने के शौकीन सवर्णा भवन का खाना जरूर चखें और नौनवेज के शौकीनों के लिए पिंडब्लूची अच्छा विकल्प है. इस के अलावा भी मीडियम बजट के रेस्तरां मसलन हीरा स्वीट, हल्दीराम, बीकानेर जैसे खाने के ठिकाने भी मौजूद हैं.

रंगीन व पौकेटफ्रैंडली 

कनाट प्लेस सिर्फ खानेपीने, पब, बार और शौपिंग के लिए ही नहीं, बल्कि यह जगह कई अहम फाइनैंशियल, बिजनैस और कमर्शियल दफ्तरों के लिए लोगों के विजिट करने का कारण बनती है. विदेशी सैलानियों के रुकने के लिए यह सब से पहली पसंद है क्योंकि यहां टू स्टार्स से ले कर फाइव स्टार्स होटल के तमाम विकल्प मौजूद हैं. 

यहां का माहौल पुरानी दिल्ली से एकदम उलट है. जिन्होंने पुरानी दिल्ली का माहौल देखा है वे जानते हैं कि वहां काफी गंदगी, पुरानी शैली की दुकानें और माहौल काफी स्ट्रैसभरा है जबकि कनाट प्लेस में फैशनेबल क्राउड, ब्रैंडेड रंगीन शोरूम्स, एलीट कैफे और रूफटौप रेस्तरां वैस्टर्न कंट्री के किसी मेनहेटननुमा स्ट्रीट मार्केट की याद दिला देता है. 360 डिगरी पार्किंग सुविधा है यहां. इसलिए चाहे अपनी गाड़ी से आएं या मैट्रो से, ट्रांसपोर्टिंग कनैक्टिविटी यहां सब से बेहतर है.

पालिका बाजार

पालिका बाजार की बात करें तो 70 के दशक में बनी अंडरग्राउंड सैंट्रलाइज्ड एसी से लैस इस मार्केट की बात ही अलग है. युवाओं की बजट शौपिंग का यह मनपसंद अड्डा है. सस्ता सामान जिन में कपड़े, जींस, शर्ट, बैग्स, मोबाइल एक्सेसरीज, पर्स, बैल्ट, जैकेट, जूते, कैमरा, वीडियो गेम्स आदि इफरात से कम से कम दामों में मिल जाते हैं.

हां, याद रखें पालिका बाजार, जनपथ और फुटपाथ में ब्रैंडेड कुछ नहीं मिलता. इसलिए बहकावे में न आएं. पालिका बाजार में तो लाइट इस तरह से लगी होती हैं कि सामान का रंग अच्छा दिखता है लेकिन बाद में कुछ और निकलता है. 

पुरानी दिल्ली की रौनक

दिल्ली में इस के अलावा पुरानी दिल्ली का चांदनी चौक इलाका भी कम आकर्षक नहीं है. असली दिल्ली की तसवीर तो यहीं दिखती है. यह जगह भी खानेपीने और खरीदारी का पुराना अड्डा है.

यहां की परांठे वाली गली में तो जवाहरलाल नेहरू से ले कर अक्षय कुमार जैसी हर हस्ती डेरा डाल चुकी है. दिल्ली के पुराने इलाके को समझने के लिए यह सब से मुफीद जगह है.

दिल्ली के चांदनी चौक से शादी के लिए परफैक्ट शौपिंग की जा सकती है. यहां आप को डिजाइनर साड़ी और लहंगे के अच्छे कलैक्शन मिल जाएंगे. थोक में ड्रैस मैटीरियल भी यहां अच्छे दामों में मिलते हैं. पुरानी दिल्ली मैट्रो स्टेशन से उतर कर यहां पैदल जाया जा सकता है. पास में ही जामा मसजिद, लालकिला, जैन मंदिर और गुरुद्वारे भी हैं. यहां से सदर बाजार भी जाया जा सकता है.

कुल मिला कर दिल्ली दिनबदिन रंगीन और दिलचस्प होती जा रही है. हर मजहब, संस्कृति और मिजाज के दिलचस्प नजारों का लुत्फ अगर आप भी उठाना चाहते हैं तो चले आइए दिलवालों के इस खूबसूरत शहर में.

सस्ती शौपिंग

कनाट प्लेस के इनर सर्किल में लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय ब्रैंड के कपड़ों के शोरूम, बेशुमार रैस्टोरैंट, कैफे और बार हैं. पास में ही जनपथ बाजार भी है जहां कई तरह का हैंडीक्राफ्ट मैटीरियल, एंटीक शोपीस और स्ट्रीट शौपिंग का सामान मिल जाता है. यहां की दुकानें बड़ी व्यवस्थित हैं.

ब्लौक ए की वेंगर्स काफी पुरानी बेकरी शौप है जहां उम्दा गुणवत्ता की पेस्ट्रीज, बेकरीज और ब्रैड लेने के लिए लोग काफी दूर से आते हैं. और हां, ब्लौक ई में यूनाइटेड कौफी हाउस में साउथ इंडियन फिल्टर्ड कौफी न पी, तो क्या पिया.

चांदनी चौक के चटखारे

ज्ञानी की कुल्फी, फालूदा से ले कर परांठे वाली गली के परांठे, नटराज की भल्लेपापड़ी, जलेबी और चाटकचौड़ी के लिए दिल्ली का सब से हौट अड्डा है चांदनी चौक. 

दीपिका को है ‘बाजीराव मस्तानी’ करने का अफसोस!

बॉलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं कि क्या दीपिका पादुकोण के मन में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘‘बाजीराव मस्तानी’’ करने का अफसोस है? इस तरह की चर्चाओं के पीछे मूल वजह यह है कि जब से दीपिका पादुकोण ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘‘बाजीराव मस्तानी’’ की है, तब से उनके करियर में ग्रहण सा लग गया है. उनके सितारे गर्दिश में चल रहे हैं.

सूत्रों की माने तो ‘‘बाजीराव मस्तानी’’ की शूटिंग के दौरान दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा के बीच तनातनी हो गयी थी. उसी वक्त दीपिका पादुकोण ने प्रियंका चोपड़ा को मात देने के लिए हॉलीवुड फिल्म से जुड़ने का मन बनाते हुए विन डीजल के संग फिल्म ‘एक्स एक्स एक्स..’ अनुबंधित की थी.

‘बाजीराव मस्तानी’ के प्रदर्शन के बाद फिल्म की तारीफ हुई, मगर दीपिका पादुकोण को कोई अन्य बॉलीवुड फिल्म नहीं मिली. ऐसे में बॉलीवुड से जुड़े रहने के लिए दीपिका पादुकोण ने संजय लीला भंसाली की नई फिल्म ‘‘पद्मावती’’ अनुबंधित कर ली, जिसमें उनके साथ रणवीर सिंह और शाहिद कपूर हैं.

जबकि सूत्रों का दावा है कि दीपिका पादुकोण ने ‘बाजीराव मस्तानी’ की शूटिंग खत्म होने पर संजय लीला भंसाली से ही कहा था कि वह रणवीर सिंह के साथ दूसरी फिल्म नहीं करना चाहती. खैर, दीपिका पादुकोण फिल्म ‘पद्मावती’ का हिस्सा हैं, मगर इस फिल्म के साथ जो कुछ हो रहा है, उससे संजय लीला भंसाली के साथ ही पूरी युनिट परेशान है. सभी यही कह रहे हैं कि पता नहीं किसके सितारे गर्दिश में हैं, जिसका खामियाजा फिल्म ‘पद्मावती’ को भुगतना पड़ रहा है.

कहने का अर्थ यह है कि दीपिका पादुकोण के करियर की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है. विन डीजल के संग उनकी हॉलीवुड फिल्म ‘एक्स एक्स एक्स….’ ने भारत सहित विदेशों में भी बॉक्स ऑफिस पर पानी नहीं मांगा. इस फिल्म के बुरी तरह से असफल होने के बाद दीपिका पादुकोण का हॉलीवुड फिल्मों में करियर अपने आप ध्वस्त हो गया.

उसके बाद से बॉलीवुड की फिल्में हथियाने के दीपिका पादुकोण के सारे हथकंडे विफल ही हो रहे हैं. यहां तक की दीपिका पादुकोण ने ईरानियन फिल्मकार मजीद मजीदी की फिल्म ‘‘बियांड द क्लाउड्स’’ के लिए स्क्रीन टेस्ट तक दिया, मगर यह फिल्म भी उन्हें नहीं मिली.

मजीद मजीदी का दावा है कि दीपिका पादुकोण ने स्क्रीन टेस्ट दिया था, मगर हालात ऐसे नहीं थे कि वह दीपिका पादुकोण को अपनी फिल्म का हिस्सा बनाते. अब फिल्मकार मजीद मजीदी के इस बयान के क्या मायने हैं यह मजीद मजीदी और दीपिका पादुकोण के अलावा कोई नहीं बता सकता.

दीपिका पादुकोण के सितारे भले ही गर्दिश में हों, मगर उनकी पीआर टीम उन्हें खबरों में बनाए रखने का काम भलीभांति करती आ रही है. इसके लिए पीआर टीम ने कई तरह की अफवाहनुमा खबरों को भी प्रमुखता दिलायी. मगर इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ.

लगभग दो माह पहले दीपिका पादुकोण की तरफ से ही खबर आयी कि वह शाहरुख खान के साथ फिल्म कर रही हैं, जिसके निर्देशक आनंद एल राय हैं. इस खबर की पुष्टि दीपिका पादुकोण या शाहरुख खान या आनंद एल राय ने आज तक नहीं की.

मगर कुछ दिनों से मुंबई के अंग्रेजी अखबारों में खबरें छप रही हैं कि ‘पद्मावती’ की वजह से दीपिका ने शाहरुख खान के साथ वाली फिल्म छोड़ दी. मजेदार बात यह है कि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि आनंद एल राय अपनी शाहरुख खान वाली फिल्म कब शुरू करेंगे?

इतना ही नहीं एक अंग्रेजी अखबार का दावा है कि दीपिका पादुकोण ने रणवीर सिंह के इशारे पर शाहरुख खान के साथ वाली आनंद एल राय की फिल्म छोड़ दी है. पर अभी भी आनंद एल राय चुप हैं. इस खबर को लेकर दीपिका पादुकोण का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया. यानी कि दीपिका पादुकोण का आनंद एल राय की फिल्म करना और अब उसे छोड़ देना दोनों ही खबरें महज अफवाह हैं?

पर अब बॉलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं कि जिस फिल्म को दीपिका पादुकोण ने अनुबंधित ही नहीं किया था,उसे छोड़ने की खबर फैलाकर वह किसे क्या संदेश देना चाहती हैं?

सूत्रों की मानें तो एक ज्योतिषी की सलाह पर दीपिका पादुकोण अपने परिवार के साथ उत्तराखंड में रिषिकेश जाकर गंगा आरती की और पूजा व हवन वगैरह भी किया. मगर इसका भी उन्हें कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है.

टोमैटो स्किन स्पा है गर्मियों के लिए खास

गर्मियों का मौसम यूं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से स्किन यानि त्वचा की समस्यायें काफी अहम होती हैं. आप चिलचिलाती गर्मियों की मार से बच नहीं सकते हैं मगर कुछ उपाय करके इसके असर को कुछ कम जरुर कर सकते हैं.

दाने, काले धब्बे तैलीय त्वचा, लाली, खुजली, काले धब्बे, झुर्रियां, आदि गर्मियों में खासे परेशान करते हैं. यही वजह है कि लाल रसदार टमाटरों को अपना सबसे अच्छे दोस्त बनाने के लिए गर्मियों का समय काफी अच्छा है. टोमेटो स्किन स्पा इन तमाम चीजों से निपटने के लिए बेहद कारगर है.

आप घर पर ही टोमेटो स्किन स्पा कर सकते हैं. इसके लिए आपको कोई ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी. एक टमाटर को काटकर उसका रस को शक्कर में मिला लें, पर इसे घल कर मिक्स न करें. अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो आप इनके साथ थोड़ा सा शहद भी मिली सकते हैं. अगर आपकी त्वचा रूखी या थोड़ी सैंसटिव है तो शहद की जगह आपको नारियल या बादाम के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए.

अपनी जरुरत के हिसाब से तैयार किए गए इस मिश्रण को स्क्रब की तरह अपने चेहरे पर दो मिनिट तक रगड़ें. चेहरे पर लगाने के बाद इसे दो से तीन मिनिट के लिए चेहरे पर ही छोड़ दें. अब सामान्य से पानी से इसे धो लें. ऐसा हफ्ते में दो से तीन बार करें.आपको आपके चेहरे पर फर्क साफ नजर आने लगेगा.

आप भी तलाशती हैं रातों में अच्छी नींद?

गर्मियों के मौसम में लू के कारण बहुत से लोगों को नींद लेने में ज्यादा दिक्कत होने लगती है. क्या आपको भी कई बार रातों में नींद नहीं आती. ऐसे में हम सबको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखना पड़ता हैं, ताकि हम शारीरिक तौर पर हमेशा अच्छे रहें.

ऐसे मौसम में आपको हल्का भोजन करना चाहिएं क्योंकि ज्यादा भारी भोजन करने से आपको अच्छी नींद नहीं आएगी और रात में बैचेनी भी रहती है. इसलिए आज हम आपको अच्छी नींद पाने के लिए कुछ चीजों का सेवन करने के बारे में बताएगें. इन चीजों के सेवन से शरीर दुर्बल नहीं होता और शरीर में तरलता भी बनी रहती है. तो जानिए…

लौकी  : ज्यादातर लोगों को लौकी की सब्जी पसंद नहीं आती. पर इसका सेवन करने से हमारा शरीर डिहाईड्रेट नहीं होता. यह हमारे खाने को पचाने में भी मददगार साबित होती हैं. आप लौकी की सब्जी, खीर या फिर रायता बनाकर भी खा सकते हैं. यह ठंडी होती है तभी गर्मी से इसका सेवन करने से हमें ठंडक मिलती है.

खीरा : निरोग और स्वस्थ रखने के लिए खीरे को अपने आहार में जरूर शामिल करें. रात के समय इसे खाने से पाचन क्रिया अच्छी रहती है अौर यह बॉडी को डिहाईड्रेट नहीं होने देता है.

कद्दू  : कद्दू ठंडक पहुंचाने वाला होता है. इसे खाने से शरीर की गर्मी खत्म होती है. इसमें पौटेशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर का ब्लड सुगर लेवल ठीक रखता है.

तोरई : तोरई एक लता है जिसके फल सब्जी बनाने के काम आते हैं. यह बारिश के मौसम में पैदा होती है. कुछ क्षेत्रों में इसे नेनुआ भी कहा जाता है. इसे खाने से पाचन क्रिया दुरूस्त रहती है.

उबला आलू : उबले हुए आलू का सेवन करने से गर्मियों के दिनों में धूप कुपोषण से लड़ने में सहायक का काम करते हैं. इसे खाने से नींद अच्छी आती है. आप इसकी सब्जी व परोठें बना कर खा सकते हैं.

दही : दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिनका सेवन करने से हमारा पेट अच्छा रहते हैं और किसी तरह की समस्या भी नहीं होती है. इसे खाने से हमारे शरीर को ठंडक मिलती है.

जब प्रेमिका हो बलात्कार की शिकार

फिल्म ‘काबिल’ में सुप्रिया, यामी गौतम जब बलात्कार का शिकार होती है तब रोहन यानी रितिक रोशन फटाफट उसे पुलिस स्टेशन व जांच के लिए हौस्पिटल ले जाता है ताकि सुप्रिया के गुनहगारों को सजा मिल सके. लेकिन पुलिस के अजीबोगरीब सवालों से वह इतना परेशान हो जाता है कि सुप्रिया की शारीरिक व मानसिक स्थिति पर ध्यान नहीं दे पाता. वह सुप्रिया को संभालने के बजाय उस से बात ही नहीं करता. वह यह सोच-सोच कर खुद को दोषी मानने लगता है कि वह इस काबिल भी नहीं है कि सुप्रिया की रक्षा कर पाए?

रोहन को इस तरह शांत देख कर सुप्रिया को लगने लगता है कि रेप की घटना की वजह से रोहन उस के साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है जिस का परिणाम यह होता है कि सुप्रिया रोहन मेरे कारण और परेशान न हो इसीलिए वह आत्महत्या कर लेती है.

यह तो कहानी है फिल्म की, लेकिन वास्तविक जीवन में भी जब प्रेमिका बलात्कार की शिकार होती है तो रिश्ते में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं. कुछ प्रेमी सोचते हैं काश, मैं ने उसे अकेला न छोड़ा होता, काश, मैं ने डिं्रक करने से मना किया होता, मैं उस के साथ होता तो ऐसा कभी नहीं होता और खुद को दोषी मानने लगते हैं.

कुछ प्रेमी प्रेमिका को इस का दोषी मान कर ब्रेकअप तक कर लेते हैं, जबकि यह समय ऐसा होता है जिस में पार्टनर को एकदूसरे के साथ की जरूरत होती है इस गम से बाहर निकालने में.

प्रेमिका बलात्कार की शिकार हो तो क्या करें

– मोरली सपोर्ट करें :  इस वक्त प्यार व सपोर्ट की खास जरूरत होती है, इस से लगता है कि कोई है जिस के साथ जिंदगी गुजारी जा सकती है, क्योंकि इस तरह की घटना के बाद लड़की को ऐसा लगने लगता है कि कोई उस के साथ नहीं रहेगा. अब वह किसी काबिल नहीं है और वह खुद को दोषी मानने लगती है. इसलिए जब भी आप की प्रेमिका ऐसा कुछ कहे तो कुछ सकारात्मक बातें कहें ताकि उस का मनोबल बढ़े. इस वक्त परिवार को भी काफी सपोर्ट की जरूरत होती है, उन का भी साथ दें. जब जांचपड़ताल के मामले में उन्हें कहीं जाना हो तो साथ जाएं ताकि उन का हौसला बरकरार रहे.

– हर गम की दवा प्यार :  गम कितना भी गहरा क्यों न हो, लेकिन प्यार से निभाया जाए तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता, इसलिए प्यार से इस स्थिति से प्रेमिका को बाहर निकालें. ऐसा भी हो सकता है कि प्रेमिका के घर वाले उस का साथ न दें उसे भलाबुरा सुनाएं, लेकिन यह आप की जिम्मेदारी है कि आप उस के परिवार वालों को समझाएं कि इस में किसी का दोष नहीं है. उन की बेटी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया कि आप उस के साथ ऐसा व्यवहार करें बल्कि आप अपनी बेटी का साथ दें, ताकि वह इस गम से बाहर निकल सके.

– स्मार्ट माइंड से लें स्मार्ट ऐक्शन : जब आप की प्रेमिका के साथ रेप हो रहा है तब आप हाथ पर हाथ रखे न बैठे रहें बल्कि स्मार्ट माइंड से स्मार्ट ऐक्शन लें. जैसे तुरंत पुलिस को कौल करें, फोन से पुलिस की गाड़ी का हौर्न बजाएं, वीडियो बना लें ताकि अपराधियों के खिलाफ सुबूत मिल सके.

 प्रीकौशन पिल्स दें : रेप हो गया है अब क्या करें, कितनी बदनामी होगी, ऐसी बातें ही न सोचते रहें बल्कि थोड़ा स्मार्ट बनें ताकि आप की प्रेमिका के साथ और बड़ा हादसा न हो. इसलिए प्रेमिका को प्रीकौशन पिल्स दें ताकि गर्भ न ठहरे, क्योंकि पता चला आप दोनों रेप के गम में डूबे रहें और कोई बड़ा हादसा हो जाए.

– दोषी को मीडिया से करें हाईलाइट :  खुद से हीरो बनने की कोशिश न करें बल्कि दोषी को हाईलाइट करने के लिए मीडिया का सहारा लें. अगर मीडिया मामले को उजागर करता है तो पुलिस भी तुरंत ऐक्शन लेती है. आप चाहें तो किसी एनजीओ की मदद भी ले सकते हैं. ऐसे कई एनजीओ हैं जो इस तरह के मामलों में सहायता करते हैं.

– गम से उभरने का वक्त दें :  ऐसी उम्मीद न कर बैठ जाएं कि कुछ दिन बाद वह नौर्मल हो जाएगी. अगर वह नौर्मल नहीं होती तो आप उसे डांटने न लगें कि क्या ड्रामा कर रखा है, इतने दिन से समझा रहा हूं, लेकिन तुम्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है, बल्कि उसे इस गम से उभरने का वक्त दें. बारबार न कहते रहें कि जो हुआ भूल जाओ, ऐसा कर के आप उसे और गम में धकेलते हैं.

– काउंसलिंग न करें मिस : इस दौरान मैंटल और इमोशनल कई तरह की समस्याएं होती हैं. इन्हें काउंसलिंग द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है. काउंसलिंग से न केवल गम से उभरने में मदद मिलती है बल्कि जीने की एक नई राह भी मिलती है, इसलिए काउंसलिंग कभी मिस न करें. संभव हो तो आप भी साथ जाएं ताकि ऐसा न लगे कि आप जबरन भेज रहे हैं.

दूसरों के लिए मिसाल बनें : ऐसा न करें कि दब्बू बन कर चुपचाप बैठ जाएं और प्रेमिका को भी भूल जाने को कहें बल्कि इस के खिलाफ कठोर कदम उठाएं ताकि आप को देख कर बाकी युवाओं को हिम्मत व प्रेरणा मिले.

क्या न करें

रिश्ता तोड़ने की गलती न करें : आप की प्रेमिका का बलात्कार हुआ है, आप उस के साथ रहेंगे तो लोग आप के बारे में भी तरहतरह की बातें करेंगे, ऐसी बातें सोचसोच कर रिश्ता तोड़ने की गलती न करें. जरा सोचिए, अगर आप की बहन का बलात्कार हुआ होता, तो क्या आप अपनी बहन से रिश्ता तोड़ लेते नहीं न? तो फिर इस रिश्ते में ऐसा क्यों? इसलिए रिश्ता तोड़ने के बजाय अपनी सोच का दायरा बढ़ाएं और पार्टनर का साथ दें.

– प्रेमिका को दोषी न मानें : इस हादसे के लिए कभी भी अपनी प्रेमिका को दोष न दें कि रात में बाहर घूमने व छोटे कपड़े पहनने की वजह से ऐसा हुआ है बल्कि उस पर विश्वास करें, उस की बातें सुनें. हो सकता है आप की प्रेमिका उस वक्त कुछ अजीब तरह की बातें करे, लेकिन आप उन बातों पर गुस्सा करने के बजाय सुनें और प्यार से समझाएं कि इस में उस की कोई गलती नहीं है.

मरजी के बिना न करें सैक्स : यह ठीक है कि आप अपना प्यार प्रदर्शित करने के लिए प्रेमिका के करीब जाना चाहते हैं ताकि उसे इस बात का एहसास करा सकें कि वह आप के लिए अब भी वैसी ही है जैसी पहले थी, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि वह इस घटना से इतनी डिस्टर्ब हो कि आप की इस भावना को समझ ही न पाए और आप पर गुस्सा करने लगे, जोरजोर से चिल्लाने लगे कि आप उस का रेप कर रहे हैं. इसलिए कभी भी खुद से सैक्स का प्रयास न करें.

अगर प्रेमिका सहमति से संबंध बनाना चाहती है तो उस का साथ दें, मना न करें. आप के ऐसा करने से प्रेमिका को लग सकता है कि उस का रेप हुआ है. इसलिए आप मना कर रहे हैं.

कभी ऐसा भी हो सकता है कि वह खुद पहल कर संबंध बनाए, लेकिन बाद में सारा दोष आप पर डाल दे और चिल्लाने लगे. ऐसी स्थिति के लिए भी खुद को तैयार रखें. ऐसा न करें कि आप भी उलटा चिल्लाने लगें कि तुम ही आई थी संबंध बनाने, मैं तो नहीं चाहता था, बल्कि धैर्य से काम लें.

गलत कदम न उठाएं और न उठाने दें : कई बार युवा जोशजोश में ऐसे कदम उठा लेते हैं जिस का खमियाजा बाद में भुगतना पड़ता है इसलिए न तो आप गलत कदम उठाएं और न ही प्रेमिका को उठाने दें.

पुस्तक मेले में छाई ‘गृहशोभा’

गृहशोभा को महिलाओं की पंसदीदा पत्रिका यूं ही नहीं कहा जाता. गृहशोभा पाकर हर क्षेत्र की महिलाओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोतीमहल लौन में 7 से 16 अप्रैल के बीच पुस्तक मेला चल रहा है. पुस्तक मेले में पुस्तकों के तमाम तरह के स्टाल लगे हैं. प्रतिदिन लेखन से जुड़ा यहां कोई न कोई आयोजन होता रहता है. रेयान अस्मिता सम्मान का आयोजन किया गया. जिसमें अलग अलग क्षेत्र की 12 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इनमें महिला मुद्दों पर लंबे समय से काम करने वाली ताहिरा हसन, गजल लेखिका और गायिका मालविका हरिओम, पुलिस आफिसर सत्या सिंह, फोक आर्टिस्ट कुसुम वर्मा, कथाकार डाक्टर अमिता दुबे, अभिनेत्री मधुरिमा तिवारी, पत्रकार आंचल अवस्थी, कवियत्री और लेखिका शीला पांडेय, वत्सला पांडेय, आभा खरे, भावना मौर्या, अनीता श्रीवास्तव प्रमुख थी.

कार्यक्रम की आयोजक रेंवात पत्रिका की अनीता श्रीवास्तव ने कहा कि गृहशोभा पत्रिका के साथ जुड़ने से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. कार्यक्रम का संचालन रचना मिश्र के द्वारा किया गया और मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार सरिता शर्मा ने पुरस्कार वितरण किया. सभी ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रिका के रूप में गृहशोभा ने अपने मापदंडों का कायम रखा है. आज भी वह महिलाओं से जुड़े लेख और विचारों के जरिये जागरुकता को कायम रखे है. पुस्तक मेले के आयोजक मनोज चंदेल ने कहा कि ऐसे आयोजन से मेले और भी प्रभावी होते हैं. पुस्तकों को लोगों तक पहुंचा कर पढ़ने और लिखने की कला को आगे बढ़ाना है. पुस्तकों का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है. हम सबको अपने अपने प्रयासों से इसको और अधिक प्रभावी और मजबूत बनाना है.

अपनी जेब को भरा हुआ रखना चाहती हैं तो…

ये तो कहा भी जाता है कि पैसा बचाने में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा आगे हैं. प्रत्येक महिला हर दिन पैसे बचाने के लिए संघर्ष करती है. यदि आप भी अपनी जेब को भरा हुआ रखना चाहती हैं तो महिलाओं के लिए यहां पैसे बचाने के कुछ आसान टिप्स, जिससे आप चुटकियों में कर सकती हैं बड़ी बचत…

खर्चों पर ध्यान दें

ध्यान दें कि आप कहां और कितना पैसा खर्च करती हैं. यह पैसा बचाने का सबसे पहला चरण है. अपने सारे स्टेटमेंट चेक करें और पिछले कुछ महीनों के खर्च पर ध्यान दें. यदि आवश्यक हो तो फाइनेंशियल कंसल्टेंट से सलाह भी लें. आप मोबाइल ऐप्स से भी सहायता ले सकती हैं. अब कई पर्सनल फाइनेंस एप्स भी उपलब्ध हैं. और अब प्रत्येक सप्ताह अपने खर्चों पर पुन: विचार करने की आदत डाल लें.

बजट बनायें

अब आपको बजट बनाने की शुरुआत कर देनी चाहिए. यह साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक हो सकता है. ध्यान रहे कि आप इस बजट का पालन करें. अपनी सभी संभावित आय और व्यय को इसमें शामिल करें.

खर्चों को कम करें

अनचाहे खर्चों को कम करें. शॉपिंग करने और बाहर खाने की आदत को कम करें. अधिकतर हम बिना सोचे समझे ही खर्च कर देते हैं. व्यर्थ के खर्चों पर ध्यान रखें.

पैसे बचाएं

पैसा बचाने के लिए मासिक खाता खोलें. बजट बनाते समय आपको सेविंग के विकल्प पर भी ध्यान देना चाहिए. इस पैसे का निवेश अधिक लाभ प्राप्त करने वाले विकल्पों में किया जा सकता है. बैंकों में कई तरह की स्कीम उपलब्ध है जिसमें महिलाओं को अच्छा रिटर्न मिलता है.

इमरजेंसी के लिए पैसा बचाएं

जीवन बहुत अनिश्चित है. हमें भविष्य के लिए स्वयं को तैयार रखने की आवश्यकता है. सेविंग्स के अलावा भी कुछ पैसा आपात स्थितियों के लिए भी बचाकर रखें. आप इस पैसे को खाते में रख सकती हैं या इसे लिक्विड कैश के रूप में आपके पास रख सकती हैं.

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