जींस खरीदने से पहले जरूर जान लें ये बातें

जींस पहनना स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है. बच्चे, बुढ़े, जवां, आज हर कोई जींस पहनना पसंद करता है. लेकिन रोजाना जींस पहनने वालों के लिए जींस ऐसी होनी चाहिए, जो स्टाइल के साथ कंफर्टेबल भी हो. आप भी नई जींस खरीदने जा रही हैं तो इन बातों का ध्‍यान जरूर रखें.

कौन सी डिजाइन जचेगी

समय के साथ कई स्टाइल्स ट्रेंड बन जाते हैं. हम आपको बताना चाहते हैं कुछ ऐसे स्टाइल्स जो आपको हमेशा इग्नोर ही करने चाहिए. जैसे आपकी बैक पॉकेट डिजाइन वाली न हो, ड्रमाटिक वॉश पैटर्न न हो. साथ ही ओवर डिजाइन न हो. डिजाइन सिंपल हो और उसका लुक क्लासिक हो.

फैब्रिक पर दें ध्यान

जींस खरीदने से पहले फैब्रिक को अच्छी तरह से छूकर देख लें. इससे आपको फैब्रिक की क्वालिटी का पता चल जाएगा. फैब्रिक की क्वालिटी पता करने में जल्दबाजी ना करें. जींस खरीदने से पहले उसके देश और ब्रांड के बारे में जान लें. वैसे जर्मनी के जींस की क्वालिटी काफी अच्छी मानी जाती है.

क्‍या है ट्रेंड में

हमेशा एक जैसी जींस मत खरीदिये. कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें और कुछ नया ट्राय करें. ज्यादातर लोग एक ही तरह की जींस पहनते हैं. जबकि ये गलत है. इससे साइज का पता नहीं चलता. जबकि हर उम्र में शरीर का साइज बदलता है तो ऐसे में जरूरी है कि जींस का साइज हमेशा बदलते रहें.

कॉटन मिक्स हो

जीन्स खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें 80 से 100 प्रतिशत तक कॉटन मिक्स हो. ऐसी जीन्स की फिटिंग काफी अच्छी होती है. कई छोटे-मोटे ब्रांड कुछ और फैब्रिक को भी जीन्स के साथ मिक्स कर देते हैं, जैसे स्पैंडेक्स, जो देखने में तो अच्छी लगती है लेकिन फिटिंग में बेकार होती है. अगर जींस लिनेन मिक्स भी हो तो भी एक परफेक्ट फिट देती है.

ओकेजन का रखें ध्यान

जींस चुनने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आप किस उद्देश्य के लिए खरीदारी कर रही हैं. ऑफिस में कैजुअल थीम के लिए या फिर दोस्तों के साथ डे-आउट के लिए. अगर आप ऑफिस के लिए चुन रहे हैं तो आपकी जींस सिंपल और क्लासी होनी चाहिए. अगर दोस्तों के साथ डे-आउट पर जा रहे हों तो आप नैरो फिट जींस भी ट्राई कर सकते हैं.

आप जानते हैं बॉलीवुड के बादशाह की पहली कमाई

फिल्म ‘दीवाना’ (1992) से बॉलीवुड में आगाज करने वाले किंग खान ने हिंदी फिल्म उद्योग में 25 साल पूरे कर लिए हैं. इंडस्ट्री से बाहर आकर उन्होंने जो स्टारडम हासिल कियाख, वह वाकई उदाहरण के काबिल है.

क्या आप जानते हैं कि कई सुपरहिट फिल्मों और बिजनेस से शाहरुख खान ने कितनी दौलत कमाई है? भारतीय सिनेमा के सबसे महंगे एक्टर्स में से एक शाहरुख खान की पूंजी करीब 750 मिलियन डॉलर की बताई जाती है.

शाहरुख की कमाई फिल्मों के अलावा ब्रैंड एंडोर्समेंट और इंवेस्टमेंट से होती है. शाहरुख खान के पास कई लग्जरी कारें और मुंबई के अलावा दुबई व लंदन में प्रॉपर्टीज भी हैं. लेकिन मजेदार बात ये है कि आज करोड़ों में खेलने वाले शाहरुख की पहली सैलरी महज 50 रुपये थी. तब वह थि‍एटर में टिकट बेचते थें.

शाहरुख खान रेड चिलीज एंटरटेनमेंट नाम की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के को-चेयरमैन भी हैं. तो उनके पास आईपीएल की कोलकाता की टीम भी है.

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान अपने घर ‘मन्नत’ में रहते हैं. उनका ये घर 6 मंजिला है और इसमें लिविंग रूम, गेस्ट रूम के अलावा ऑफिस, लाइब्रेरी, जिम, एंटरटेनमेंट रूम और कार पार्किंग के लिए अच्छी जगह भी है.

26 हजार स्क्वेयर फीट में बने इस बंगले की कीमत 200 करोड़ के करीब आंकी जाती है. इस घर का इंटीरियर गौरी ने खुद किया है. इसमें उन्हें करीब 4 साल लगे.

वहीं शाहरुख के पास सबसे महंगी कार, Bugatti Veyron (कीमत-12 करोड़) है. उनके पास बीएमडबल्यू (BMW) भी हैं. बताया जाता है कि बादशाह के पास 13 शानदार गिड़‍यां हैं जिनकी कुल कीमत 31 करोड़ के करीब आंकी जाती है.

फिल्मों से उनकी आमदनी करीब 80 करोड़ की है. जबकि ब्रैंड एंडोर्समेंट से उनको 22 करोड़ मिलते हैं. ये एक ब्रैंड के साथ उनकी डील का एवरेज प्राइस है. शाहरुख की पर्सनल इंवेस्टमेंट्स तो और भी चौंकाने वाली हैं. एक अनुमान के हिसाब से यह रकम 930 करोड़ बैठती है.

यही नहीं, इनकम टैक्स देने के मामले में बॉलीवुड के रोमांस के बादशाह पीछे नहीं हैं. वह करीब 78 करोड़ का टैक्स देते हैं. 2016 के आंकड़े हिसाब से शाहरुख की सालाना कमाई 210 करोड़ रही है. अब इस हिसाब से तो बेशक वह बॉलीवुड के बादशाह ही हैं!

आपको बताते चलें कि अभिनेता शाहरुख खान अपनी जिंदगी को फिल्म बनाने के लायक दिलचस्प भरा नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा कि यह उबाऊ होगा, जब तक कि वह इसे खुद लिखने का फैसला नहीं करते.

मशहूर हस्तियों पर बायोपिक बनाने का चलन बॉलीवुड में नया है. उनसे पूछा गया कि क्या किसी फिल्मकार को वह अपने जीवन पर फिल्म बनाने देंगे तो शाहरुख ने कहा, ‘आप जानते हैं कि मैं अपने व्यक्तित्व के सबसे दिलचस्प हिस्से के बारे में लोगों को कभी पता नहीं चलने देता. तो आपको कभी भी अच्छी कहानी नहीं मिलेगी, जब तक कि मैं इसे खुद न लिखूं.’

उन्होंने कहा, ‘..तो जो भी वे बनाएंगे, वह बस एक सफल कहानी होगी, जिसे मैं निजी तौर पर उबाऊ मानता हूं. मेरा मतलब, क्या होगी स्टोरी?..कि एक लड़का अपने माता-पिता की मौत के बाद दिल्ली से मुंबई आया और बिना किसी गॉडफादर के सुपरस्टार बन गया…उबाऊ.’

उन्होंने हंसते हुए कहा कि आप तब तक महान नहीं बन सकते जब तक कि विवादों में न पड़े हों और दुर्भाग्य से मेरे विवादों के बारे में कोई नहीं जानता, इसलिए बिना विवादों के फिल्म उबाऊ होगी.

बॉलीवुड के रोमांस किंग माने जाने वाले शाहरुख ने टेलीविजन उद्योग से शुरुआत करते हुए फिल्मों में कदम रखा था. उन्होंने एक्शन से लेकर नकारात्मक और रोमांटिक किरदार निभाए. वास्तविक जीवन में शाहरुख काफी मजाकिया हैं.

उन्होंने कहा कि उनके जीवन का सबसे मजेदार हिस्सा वह है जब लोग उनका विश्लेषण करते हैं, उन्हें आंकते हैं और वह इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते क्योंकि फिर वह ऐसा जीवन भर करते नजर आएंगे, इसलिए अगर लोगों का उनका मजाकिया रवैया पसंद है तो यह अच्छी बात है.

जायकेदार स्नैक्स : अरबी समोसे

सामग्री

2 कप मैदा

मोयन और तलने के लिए पर्याप्त तेल

1/4 छोटा चम्मच खाने वाला सोडा

100 ग्राम अरबी

चुटकी भर हींग

1/4 छोटा चम्मच अजवायन

2 चम्मच बेसन भुना हुआ

2 छोटे चम्मच हरी मिर्च

2 छोटे चम्मच हरीमिर्चें

2 छोटे चम्मच धनिया पाउडर

1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1/4 छोटा चम्मच गरममसाला

थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

नमक स्वादानुसार

विधि

अरबी को उबाल कर छिलका निकाल बारीक टुकड़ों में काट लें. अब मैदे में नमक, सोडा और मोयन डाल कर पानी से सख्त गूंध लें. हलदी पाउडर, लालमिर्च पाउडर फिर एक पैन में तेल डाल कर हींग, अजवाइन, धनिया पाउडर व हरीमिर्चें डाल कर भूनें.

अब इस में अरबी के टुकड़े और गरममसाला डाल कर कुछ देर चलाएं. भुना बेसन डालें और भाप आने दें. धनियपत्ती डाल कर मिश्रण को ठंडा होने दें.

अब गुंधे आटे की लोइयां बेलें. प्रत्येक लोई में भरावन भरें व समोसे का आकार दें. कड़ाही में तेल गरम कर के समोसों को सुनहरा होने तक तलें और मनपसंद चटनी के साथ गरमागरम परोसें.

– व्यंजन सहयोग: ज्योति मोघे

दोस्तों के साथ करनी है मस्ती तो जाएं इन जगहों पर

दोस्‍तों के साथ घूमने का मजा ही कुछ और होता है. न कोई रोक-टोक और न ही कोई टेंशन. तो आइए आप भी दोस्‍तों के साथ निकल जाइए इन खूबसूरत जगहों पर.

मसूरी

मसूरी एक खूबसूरत हिल स्‍टेशन है जो एडवेंचर्स भरपूर है. दोस्‍तों के साथ ट्रिप पर निकलें हों तो यहां आना मत भूलें. रस्सी से लटकी केबल कार से हिमालय की पर्वतों का सुरम्य दृश्य आपको मंत्रमुग्‍ध कर देगा. यहां पहाड़ भी हैं और झरने भी.

ऋषिकेश

ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग करने का अपना मजा है. अपने साहस भरे इन खूबसूरत पलों को कैमरे में कैद करिए. यह ऐसा समय होगा जो आपको हमेशा याद आएगा. यहां राम झूला और लक्ष्‍मण झूला भी देखने लायक है.

जयपुर

जयपुर के रॉयल सफारी में सफर करने का अलग ही अनुभव है. राजा महाराजाओं के बड़े-बड़े किलों में हाथी की सवारी करना आपके लिए शानदार राजसी अनुभव होगा. दोस्‍तों के साथ यहां आप काफी इंज्‍वॉय कर सकते हैं.

भरतपुर

हर किसी को पक्षियों से प्रेम होता है. हर बार जी चाहता है कि काश हमारे भी उनकी तरह पंख होते जिन्हें फैला जहां मर्जी होती जब मर्जी होती उड़ चलते. पक्षियों के अपने इस प्रेम को और निखारने के लिए जाना ना भूलें राजस्थान के भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य में. उनके खूबसूरत पलों को अपने कैमरे में कैद कर अपने फोटोग्राफी के शौक को भी पूरा करिए.

चेल

शिमला से लगभग 44 किलोमीटर दूर चेल के सफर में आप प्रकृति की गोद में समा जाएंगे. नेचर को करीब से देखना चाहते हैं, यहां पर पैदल यात्रा कर सकते हैं. यहां का नजारा ऐसा होगा, जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे.

मैं 16 वर्ष की हूं. मैं अपने जीजाजी से बहुत प्यार करती हूं. हम ने एक बार सहवास भी किया है. बताएं क्या करूं.

सवाल

मैं 16 वर्षीय युवती हूं. 3 वर्षों से बहन के घर में रह रही हूं. मैं अपने बहनोई से बहुत प्यार करती हूं. उन के बिना जी नहीं सकती. वे भी मुझे उतना ही चाहते हैं. हम ने एक बार सहवास भी किया है. वे मेरी बहन को छोड़ कर मुझ से शादी करने की बात करते हैं. कहते हैं कि हम कोर्ट मैरिज कर लेंगे. पर मैं सोचती हूं कि जो व्यक्ति आज मेरे लिए मेरी बहन को छोड़ सकता है वह कल को किसी और के लिए मुझे भी छोड़ सकता है. बताएं क्या करूं?

जवाब

आप ने पूरा खुलासा नहीं किया कि आप अपनी बहन के पास क्यों रह रही हैं? यदि कोई मजबूरी नहीं है तो आप को अपने घर लौट जाना चाहिए. आप अभी बहुत छोटी हैं. प्यार का मतलब तक नहीं जानतीं. आप का बहनोई आप की इसी नासमझी का फायदा उठा कर आप को झूठे सब्जबाग दिखा रहा है. आप उस की बातों में आ कर बहन के दांपत्य की शांति तो नष्ट करेंगी ही स्वयं भी किसी मुसीबत में फंस जाएंगी. यदि बहन के घर में रहना आप की मजबूरी है, तो बहनोई से जरा सावधान रहें.

VIDEO : कलर स्प्लैश नेल आर्ट

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फिल्मों में आने से पहले ये काम करती थीं श्रद्धा कपूर

बॉलीवुड में कई स्टार किड्स हैं जिन्हें उनके पैरेंट्स के फेम की वजह से तो लोग जानते ही हैं लेकिन उनके टैलेंट ने उन्हें अपने करियर में पहचान दिलाई है.

ऐसी ही स्टार किड हैं श्रद्धा कपूर जिन्होंने पापा शक्त‍ि कपूर का नाम जुड़े होने के अलावा अपने दम पर बॉलीवुड में अपनी पहचान कायम की है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्मों में आने से पहले श्रद्धा एक कॉफी शॉप में काम करती थीं.

बॉलीवुड के एक्टर रणबीर कपूर हो या एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर, सब ने अपनी रियल लाइफ में बॉलीवुड में आने से पहले कोई न कोई ऐसा काम जरूर किया है जो उन्हें जमीन से जोड़े रखता है.

बता दें कि फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने परिवार से ताल्लुक रखने वाली बॉलीवुड एक्टर शक्त‍ि कपूर की बेटी श्रद्धा ने साल 2010 में ‘तीन पत्ती’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था लेकिन श्रद्धा को असली पहचान ‘आशिकी 2’ से मिली. इस फिल्म के बाद श्रद्धा ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

आपको बता दें कि श्रद्धा ने फिल्मों में आने से पहले ना किसी डॉयरेक्टर को असिस्ट किया था और ना ही वह कोई मॉडल थीं. इन सबसे हटकर श्रद्धा ने पहली जॉब एक कॉफी शॉप में की थी. जी हां, श्रद्धा पढ़ाई करने बॉस्टन गई थीं और उसी समय उन्होंने यह जॉब की.

सूत्रों के मुताबिक श्रद्धा बॉस्टन में पढ़ाई कर रही थीं जब उन्होंने इस जॉब को करने का फैसला लिया. कॉलेज के साथ-साथ उन्होंने सिर्फ एक्सपीरियंस और पॉकेट मनी के लिए ये जॉब की.

ऐसे ही बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर ने भी अपने फिल्मों में आने से पहले सिंगापुर में पढ़ाई की. इस दौरान उनका सबसे पहला जॉब एक रेस्टोरेंट में वेटरेस का था. यह नौकरी उन्होंने सिंगापुर में अपनी 2 सालों की पढ़ाई के दौरान की थी.

वहीं फिल्म बाहुबली2 में बिज्जलदेव यानि भल्लालदेव के पिता का किरदार निभाने वाले एक्टर नसर ने एक होटल में वेटर का काम किया. नसर ने 1985 में आई के बालाचंदर की एक फिल्म से डेब्यू किया था. नसर ने अपने फिल्मी करियर में ज्यादातर विलेन के किरदार निभाए.

दर्शकों ने उन्हें हर रोल में पसंद किया. नसर अब तक अपने करियर में करीब 200 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं फिल्म ‘बाहुबली’ के बिज्जलदेव के किरदार के बाद उन्हें एक अलग पहचान मिली.

फिलहाल श्रद्धा बॉलीवुड की बिजी एक्ट्रेसेज में से एक हैं और अपनी आगामी फिल्मों में व्यस्त हैं. श्रद्धा की फिल्म ‘हसीना’ जल्द रिलीज होने वाली है तो वहीं श्रद्धा, साइना नेहवाल की बॉयोपिक में भी काम कर रही हैं.

मैं फिल्मों के पीछे नहीं भागती : मधुरिमा तुली

तेलगू फिल्म से करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री मधुरिमा तुली ने फिल्म ‘बेबी’ से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनायीं. फिल्मों के अलावा वह टीवी धारावाहिकों और विज्ञापनों में भी काम कर चुकी हैं. झारखण्ड के धनबाद की रहने वाली मधुरिमा को बचपन से ही अभिनय का शौक था. इसे पूरा करने के लिए वह मुंबई आईं और किशोर नामित कपूर के एक्टिंग क्लास में अभिनय की ट्रेनिंग लीं.

इसके बाद कई विज्ञापनों में काम करने के बाद उन्हें धारावाहिक ‘कुमकुम भाग्य’ में काम करने का अवसर मिला. यहीं से उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनायी और एक के बाद एक प्रोजेक्ट में काम करने लगीं. पिछले 10 सालों से वह मुंबई में रहती है.

स्वभाव से शांत और हंसमुख मधुरिमा इस समय कलर्स टीवी की धारावाहिक ‘चन्द्रकांता’ में मुख्य भूमिका में काम कर रही हैं, उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.

इस शो में आने की वजह क्या है?

मुझे कोई अच्छी भूमिका फिल्मों या टीवी पर नहीं मिल रही थी. चंद्रकांता की कहानियां बचपन से ही पढ़ती आ रही हूं. कभी सोचा नहीं था कि कभी मैं ही इसमें चन्द्रकान्ता बनूंगी. ये एक फिल्म की तरह रोमांटिक स्टोरी है और शूटिंग भी वैसे ही हो रही है.

ये भूमिका आपसे कितना मेल खाती है?

काफी हद तक मुझसे मेल खाता है. वह स्ट्रॉन्ग और आत्मनिर्भर है. मैं भी वैसी ही हूं. ये लड़की अपनी शक्ति को नहीं जानती और लोगों को प्यार बांटती है. अपनी दुनिया में मस्त रहती है. रियल लाइफ में मैं इतनी मस्त नहीं, मैं थोड़ी सहमी हुई हूं.

इसकी तैयारियां कैसे की ?

मैंने इसके लिए स्टंट सीखे, क्योंकि ये एक योद्धा की कहानी है. हॉर्स राइडिंग और तलवार चलाना भी सीखा है. इसमें बहुत सारे स्टंट करने में काफी मुश्किलें आईं, पर मैं डबल बॉडी नहीं, खुद स्टंट करना पसंद करती हूं.

इस तरह की फैन्टासी वाली कहानियाँ आपको कितना प्रेरित करती है?इस पर कितना विश्वास करती है?

मुझे ऐसे किस्से सुनने में मजा आता है. देखने में अच्छा लगता है. विश्वास नहीं करती, क्योंकि ये रियल तो नहीं है, सिर्फ कल्पना कर सकती हूं कि अगर होता तो बहुत अच्छा होता.

आप एकता कपूर की धारावाहिक ‘परिचय’ से निकल गयी थीं, क्या इस धारावाहिक को हां करने में सोचना पड़ा?

नहीं, क्योंकि मैंने ही उस धारावाहिक को छोड़ा था. मैं खुश हूं कि उन्होंने दूबारा काम करने का मौका दिया.मैंने उस समय अक्षय कुमार की फिल्म ‘बेबी’ में काम करने की वजह से उस धारावाहिक को छोड़ा था.

क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि धारावाहिक में काम करने की वजह से आप फिल्म नहीं कर सकती, क्योंकि ये फुल टाइम जॉब है?

मैं फिल्मों के पीछे नहीं भागती. अगर कोई मिलेगी तो काम जरुर करुंगी. इसके अलावा ये शो एक निश्चित समय पर खत्म हो जाएगी.

अभिनय के क्षेत्र में आने की इच्छा कैसे हुई?

बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी, लेकिन यहां तक पहुंच पाऊंगी, ऐसी उम्मीद नहीं थी, धीरे-धीरे काम मिला, मैंने अपना धीरज कभी नहीं खोया. जब मुझे ‘कुमकुम भाग्य’ मिला तो लोगों ने मुझे और मेरे अभिनय को जाना. ‘बेबी’ फिल्म से मेरे अभिनय को बल मिला. इस तरह मैंने अपनी पहचान बनायी. कुछ संघर्ष होने के बावजूद भी ये बहुत अच्छी क्षेत्र है. मुझे काम करने में मजा आ रहा है.

आपके यहां तक पहुंचने में परिवार का सहयोग कितना रहा?

परिवार की सहयोग से ही मैं यहां तक पहुंची हूं. उनका सपोर्ट अगर नहीं होता, तो मैं अब तक वापस देहरादून चली गयी होती. मानसिक रूप से बहुत सहयोग देते हैं. जब कभी मुझे लगा कि अब कुछ होना संभव नहीं, तो उन्होंने ही मुझे साहस दिया है.

अब तक के करियर की जर्नी कैसी रही?

बहुत सारे उतार-चढ़ाव के बाद भी जर्नी मजेदार रही. अभी मैं इस धारावाहिक पर पूरी तरह से फोकस्ड हूं.

आगे क्या करने की उम्मीद रखती हैं?

मैंने एक प्रोडक्शन हाउस ‘मधुश्री’ नाम से खोला है. उसमें मैंने दो-तीन शॉर्ट फिल्में बनाई है उसकी देखभाल मेरा भाई निर्देशक श्रीकांत तुली करता है. उसमें अच्छी फिल्में बनाने की इच्छा है.

महिलाओं के लिए हैं बैंकों के ये खास ऑफर्स

महिलाओं की बढ़ती आर्थिक और सामाजिक ताकत को देखते हुए कई बैंक आकर्षक ऑफर दे रहे हैं. खास बात ये है कि आपके लिए कस्‍टमाइज्‍ड प्रोडक्‍ट बनाया गया है. उन्‍हें जो अकाउंट ऑफर किया जा रहा है, उसका नाम है – वीमेंस सेविंग्‍स अकाउंट.

इस अकाउंट के तहत महिलाओं को ऐसी सेवाएं मुफ्त में दी जा रही हैं, जिनके लिए पुरुषों को एक निश्चित रकम चुकानी पड़ती है. महिलाओं को सेवाएं देने में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आरबीएल, कोटक महिंद्रा आगे चल रहे हैं.

कोटक महिंद्रा की होम बैंकिंग

होटक महिंद्रा बैंक महिलाओं को स्‍पेशल वीमेंस अकाउंट के तहत कैश बैक ऑफर और रिवार्ड प्‍वाइंटस तो दे ही रहा है, यह उनके लिए बैंक सिल्‍क-वीमेंस सेविंग्‍स अकाउंट लेकर भी आया है. इसके तहत होम बैकिंग की सुविधा है, यानी उनके घर से नकदी लेना यानी कैश पिक-अप, नकदी देना यानी कैश डिलिवरी, घर पर ही चेक और ड्राफ़ट डिलिवरी जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं. हालांकि ये सेवाएं कुछ चुनिंदा शहरों में ही हैं.

आईसीआईसीआई बैंक का तोहफा

सेविंग अकाउंट के मामले में वैसे तो मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंज महिलाओं के लिए भी पुरुष जैसा ही है, लेकिन आरडी यानी रेकरिंग डेपोजिट से लिंक करने पर मिनिमम मंथली बैलेंस मेंटेन करना उनके लिए जरूरी नहीं है. सामान्‍य सेविंग अकाउंट के तहत पांच ट्रांजेक्‍शन फ्री हैं, उसके बाद २० रुपए प्रति ट्रांजेक्‍शन देने पड़ते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए आईसीआईसीआई डेबिट कार्ड से अन्‍य बैंकों के एटीएम से भी पैसे की निकासी फ्री है.

आईसीआईसीआई के होम लोन, लॉकर व कैशबैक ऑफर

डेबिट कार्ड से ज्‍वेलरी और डिपार्टमेंट स्‍टोर पर सामान खरीदने पर १ फीसदी कैशबैक, खाने-पीने पर २ फीसदी कैशबैक, मनोरंजन पर ३ फीसदी कैशबैक है. यूटिलिटी की चीजें लेने पर यह सीमा मासिक ७५० रुपए है. आईसीआईसीआई लॉकर रेंटल्‍स पर पहले साल ३० फीसदी की छूट देता है. होम लोन के मामले में हालांकि लाभ का फीसदी साफ नहीं किया है, लेकिन बैंक की वेबसाइट पर कहा गया है कि महिलाओं को खास लाभ दिया जाता है.

एचडीएफसी के लुभावने ऑफर

डेबिट कार्ड से हर २०० रुपए की खरीदारी पर एक रुपए का कैशबैक देता है. एचडीएफसी बैंक महिलाओं को एक लाख रुपए तक का एक्‍सीडेंटल होस्पिटलाइजेशन कवर और १० लाख रुपए का एक्‍सीडेंटल डेथ कवर देता है. दो-पहिया वाहन के लोन की प्रोसेसिंग फीस पर ५० फीसदी की छूट. ऑटो लोन की ऑन-रोड प्राइस की ९० फीसदी फाइनेंशिंग उपलब्‍ध है.

आरबीएल बैंक की अनलिमिटेड विड्रॉल फेसिलिटी

आरबीएल बैंक महिलाओं को सेविंग अकाउंट खुलवाने पर देश में सभी बैंकों के एटीएम से फ्री कैश विड्रॉल यानी निकासी की सुविधा देता है.

अट्रैक्टिव आईब्रो के लिए अपनाएं ये टिप्स

आईब्रो की लेंथ, शेप और थिकनेस आपके बारे में बहुत कुछ बयां कर देती हैं. लेकिन अगर आप इस वजह से परेशान रहती हैं कि आईब्रो की अच्छी शेप नहीं है, तो अब यह परेशानी भूल जाएं. केवल एक सूई के जरिए इसे परफेक्ट शेप दी जा सकती है. आप इसके लिए आई बोटोक्स ब्रो लिफ्ट टेक्नॉलजी अपना सकती हैं.

पाएं अट्रैक्टिव लुक

बोटोक्स ब्रो लिफ्टिंग के नाम से आई यह टेक्नॉलजी बोटोक्स के जरिए आईब्रो को अट्रैक्टिव लुक देने का काम करती है. इससे आप पर्मानेंट आईब्रो पा सकती हैं, वह भी अपनी मनपसंद शेप में. दरअसल, बुटोलिन टॉक्सिन या बोटोक्स के साथ ब्रो लिफ्ट के इस प्रोसेस में उस नर्व को ब्लॉक कर दिया जाता है, तो आईब्रो की शेप को झुकाने की वजह थी. इससे मसल्स पैरालाइज्ड हो जाती हैं. इसमें एनस्थीसिया नहीं दिया जाता.

बता दें कि यह इंजेक्शन आंख के ऊपर के सॉफ्ट पार्ट्स को लूज कर देता है. इसमें कुछ खास मसल्स को टारगेट किया जाता है. क्योंकि अगर वह सही न लग पाए, तो शेप ठीक होने की जगह बिगड़ भी सकती है. इसलिए किसी एक्सपर्ट के पास जाना जरूरी है.

साइड इफेक्ट नहीं

यह टोटल प्रोसेस 15 से 20 मिनट की होती है. यह सुरक्षित ट्रीटमेंट है. सबसे अच्छी बात यह है कि कुछ ही घंटे में रिजल्ट दिखना शुरू हो जाता है. अगर बात साइड इफेक्ट की करें, तो वह न के बराबर है.

सफर में जाना है तो कुछ ऐसे करें गहनों की पैकिंग

जहां एक ओर यात्रा करना, घूमना-फिरना मजेदार होता है, वहीं दूसरी ओर आभूषणों की पैकिंग करना बोझिल मालूम पड़ सकता है. डिस्पोजेबल पाउच और बटन कम समय में आभूषणों की सुरक्षित पैकिंग करने में आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.

यात्रा के दौरान आभूषणों की सुरक्षित पैकिगं में ये सुझाव आपके काम आ सकते हैं.

– प्लास्टिक के डिस्पोजेबल पाउच ईयर रिंग रखने के काम में आ सकते हैं. प्लास्टिक पाउच में लपेटकर उन्हें यात्रा के दौरान आसानी से ले जाया जा सकता है.

– छोटे ईयर रिंग्स को बटन में हैंग किया जा सकता है और फिर इन्हें छोटे बॉक्स या पाउच में रख लें.

– गले के हार या चेन को टूटने या मुड़ने से बचाने के लिए आप इन्हें स्ट्रॉ के बीच रख सकती हैं, इससे ये सुरक्षित रहेंगे.

– आप चाहें तो मुलायम बेबी टॉवेल में भी सुरक्षित रूप से आभूषणों को लपेटकर रख सकती हैं और तौलिए के आखिरी सिरे को बालों के बैंड से बांध लें.

– छोटे आभूषणों जैसे ईयररिंग और पेंडेन्ट को रखने के लिए आप टिन कंटेनर के बीच में कॉटन बॉल्स रखकर उसके ऊपर इन आभूषणों को रख सकती हैं, इससे ये सुरक्षित रहेंगे.

– आप जुराब में भी आभूषण पैक कर ट्रैवेल बैग में रख सकती हैं.

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