क्या है पैल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज?

पैल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज यानी पीआईडी गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब्स और अंडाशय में होने वाला इन्फैक्शन होता है. कई बार यह इन्फैक्शन पैल्विक पेरिटोनियम तक पहुंच जाता है. पीआईडी का उचित इलाज कराना जरूरी है, क्योंकि इस के कारण महिलाओं में ऐक्टोपिक प्रैगनैंसी या गर्भाशय के बाहर प्रैगनैंसी अथवा पैल्विक में लगातार दर्द की शिकायत हो सकती है. आमतौर पर यह बैक्टीरियल इन्फैक्शन होता है, जिस के लक्षणों में पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार, वैजाइनल डिसचार्ज, असामान्य ब्लीडिंग, यौन संबंधों या यूरिनेशन के दौरान तेज दर्द महसूस होना शामिल है.

क्या हैं पीआईडी के प्रारंभिक कारण

जब बैक्टीरिया योनि या गर्भाशय ग्रीवा द्वारा महिलाओं के प्रजनन अंगों तक पहुंचते हैं, तो पैल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज का कारण बनते हैं. पीआईडी इन्फैक्शन के लिए कई प्रकार के बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं. अधिकांशतया यह इन्फैक्शन यौन संबंधों के दौरान होने वाले बैक्टीरियल इन्फैक्शन के कारण होता है. इस की शुरुआत क्लैमाइडिया और प्रमेह के रूप में होती है. एक से अधिक सैक्सुअल पार्टनर होने की स्थिति में भी पीआईडी होने का खतरा बढ़ जाता है. कई मामलों में क्षयरोग भी इस के होने का कारण बनता है. 20 से 40 वर्ष की महिलाओं में इस के होने की आशंका अधिक रहती है, लेकिन कई बार मेनोपौज की अवस्था पार कर चुकी वृद्ध महिलाओं में भी यह समस्या देखी जाती है.

यह होती है परेशानी

पीआईडी के कारण कई बार प्रजनन अंग स्थाई रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और फैलोपियन ट्यूब्स में भी जख्म हो सकता है. इस के कारण गर्भाशय तक अंडे पहुंचने में बाधा आती है. ऐसी स्थिति में स्पर्म अंडों तक नहीं पहुंच पाता या एग फर्टिलाइज नहीं हो पाते हैं, जिस की वजह से भू्रण का विकास गर्भाशय के बाहर ही होने लगता है. क्षतिग्रस्त होने और बारबार समस्या होने पर इन्फर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है. वहीं जब पीआईडी की समस्या टीबी के कारण होती है तो मरीज को ऐंडोमैट्रियल ट्यूबरक्लोसिस होने की आशंका रहती है और यह भी इन्फर्टिलिटी का कारण बनती है. यहां तक कि कई बार महिलाओं में पीआईडी के कारण मासिकस्राव के बंद होने की भी शिकायत हो जाती है.

पहचान और उपचार

पीआईडी को रोकना संभव है. भले ही पीआईडी की समस्या के कुछ लक्षण नजर आते हों, बावजूद इस के इस का पता लगाने के लिए किसी प्रकार की जांच प्रक्रिया मौजूद नहीं है. मरीज से बातचीत के जरीए और लक्षणों के आधार पर ही डाक्टर इस की पुष्टि करते हैं. डाक्टर को इस बात का पता लगाने की आवश्यकता हो सकती है कि किस प्रकार के बैक्टीरिया के कारण पीआईडी की समस्या हो रही है. इस के लिए क्लैमाइडिया की जांच की जाती है. फैलोपियन ट्यूब्स में इन्फैक्शन का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है. पीआईडी का इलाज ऐंटीबायोटिक्स द्वारा किया जाता है. मरीज को दवा का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है.

पीआईडी के बाद प्रैगनैंसी

जिन महिलाओं में पीआईडी के बाद प्रजनन अंग क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए ताकि सेहतमंद गर्भावस्था को बनाए रखा जा सके. पैल्विक इन्फैक्शन के कारण गर्भाशय के बाहर प्रैगनैंसी होने का खतरा 6-7 गुना तक बढ़ जाता है. इस खतरे को दूर करने और फैलोपियन ट्यूब्स में समस्या होने पर आईवीएफ थेरैपी कराने की सलाह दी जाती है, क्योंकि आईवीएफ के जरीए ट्यूब्स को पूरी तरह पार किया जा सकता है. फैलोपियन ट्यूब्स में किसी प्रकार का अवरोध होने की स्थिति में रिप्रोडक्टिव टैक्नोलौजी ट्रीटमैंट की सलाह दी जाती है.

(डा. सागरिका अग्रवाल, इंदिरा हौस्पिटल, नई दिल्ली मेंं आईवीएफ ऐक्सपर्ट हैं.)

किताबों के हैं शौकीन तो जरूर जाएं इन कैफेज में

अगर आपको किताबें पढ़ने का शौक है तो आपको अपनी फेवरिट लाइब्रेरी या घर के टेरेस तक सीमित रहने की जरूरत नहीं है. अब आपके पास ढेरों ऑप्शन जहां आप क्रिएटिव सेटिंग, बेहतरीन ऐंबियंस और स्वादिष्ट खाने का लुत्फ उठाते हुए अपने इस शौक को पूरा कर सकती हैं.

इन दिनों देशभर में बुक कैफेज का चलन तेजी से बढ़ रहा है. एक नजर देश के कुछ ऐसे ही बेहतरीन बुक कैफेज पर.

चा-बार ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर

देशभर के कई शहरों में मौजूद है चा बार जहां आप चाय की चुस्की के साथ बेहतरीन किताबों का लुत्फ उठा सकती हैं. इस बुक कैफे में बुक रीडिंग सेशन, बुक लॉन्च और बुक साइनिंग जैसे कई इवेंट भी होते हैं.

कैफे स्टोरी, कोलकाता

इस कैफे का सेकंड फ्लोर पूरी तरह से किताबों से भरा पड़ा है लिहाजा अगर आप किताबी कीड़ें हैं तो यह जगह आपके लिए ही है. साथ ही इस कैफे में इटैलियन और कॉन्टिनेंटल खाने के साथ फ्री वाइ-फाइ भी मिलता है.

कैफे वॉन्डरलस्ट, गुरुग्राम

कैफे वॉन्डरलस्ट एक ट्रैवल कैफे है जहां ढेरों ट्रैवल बुक्स और मैग्जीन्स मौजूद हैं. यहां आकर आप अपनी अगली ट्रिप प्लैन कर सकती हैं. साथ ही आप यहां स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ उठाते हुए ट्रैवल अडवाइजर से बात भी कर सकती हैं.

कैफे बुकवर्म, लखनऊ

लखनऊ में यह कैफे महज 4 साल पहले 2013 में शुरू हुआ है. इस कैफे की खासियत यह है कि आप यहां एक अच्छे ऐंबियंस में बैठकर फ्री में किताबें पढ़ सकती हैं.

कॉफी कप, सिकंदराबाद

इस बुक कैफे में कॉफी टेबल बुक्स की लाइब्रेरी होने के साथ ही आप यहां से किताबें खरीद भी सकती हैं.

पगडंडी, पुणे

जैसा की नाम से पता चल रहा है इस कैफे में ऐसे लोगों को प्रमोट किया जाता है जिन्हें कम लोग जानते हैं. इस कैफे में नए और कम मशहूर लेखकों और पब्लिशर्स की किताबों को जगह दी जाती है. साथ में चाय और नाश्ता तो है ही.

लिटराटी, गोवा

अगर आप गोवा में बीच और चर्च देखकर थक चुके हैं और कुछ अलग देखना चाहते हैं तो आप इस कैफे में अपना टाइम बिता सकते हैं. इस बुक कैफे में नई और पुरानी हर तरह की किताबों के साथ अच्छा खाना भी मिलता है.

क्रिस्पी दम अरबी करी

सामग्री

10-12 पीस अरबी

2 मध्यम आकार के प्याज का पेस्ट

1 चम्मच अदरक लहसुन का पेस्ट

2 टमाटरों का पेस्ट

1/2 छोटा चम्मच अजवाइन

1 चम्मच धनिया पाउडर

1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

1/2 छोटा चम्मच हरीमिर्चे का पेस्ट

2 चम्मच धनियापत्ती कटी

अरबी तलने और छौंक के लिए तेल

1 चम्मच दही

नमक स्वादानुसार

विधि

अरबी को उबाल छील कर हाथों से हलका सा दबा लें. फिर इस में हलदी पाउडर व नमक

मिला कर गरम तेल में तलें. अब एक कड़ाही में तेल गरम कर के अजवाइन, हींग भूनें.

फिर प्याज का पेस्ट, अदरक लहसुन का पेस्ट व हरीमिर्च पेस्ट भून लें. तैयार मिश्रण में टमाटर पेस्ट, धनिया पाउडर, लालमिर्च पाउडर मिला कर तेल छोड़ने तक भूनें.

अब अरबी के तले टुकड़े, गरम मसाला, नमक, पानी व दही मिला कर उबाल आने तक पकाएं. धनियापत्ती से सजा कर सर्व करें.

-व्यंजन सहयोग: ज्योति मोघे

गर्मियों में निखरी त्वचा के लिए लगाएं ये पैक

गर्मियां बढ़ती जा रही है और ऐसे में चेहरे को चमकदार बनाए रखने के लिए त्वचा में नमी बनाए रखना और उसका पोषण बेहद जरूरी है. घर पर बने खीरे का पैक, टमाटर का रस, हल्दी, बेसन, दही और नींबू के रस से बना फेसपैक आपकी त्वचा में निखार और चमक बनाए रखने के लिए सबसे उपयुक्त है.

नियमित तौर पर पैक लगाने से सिर्फ चेहरे की सफाई ही नहीं टोनिंग और मॉइश्चराइजिंग भी की जा सकती है.

तरबूज फेशियल, खीरा फेशियल, स्ट्रॉबेरी फेशियल और आलू का इस्तेमाल कर फेशियल किया जा सकता है. ये चीजें आपके चेहरे को ताजगी का एहसास देगी और त्वचा को रिजूविनेट करेंगी. इससे गर्मी के मौसम में त्वचा को ठंडक महसूस होगा.

टमाटर का गूदा और रस त्वचा पर से टैनिंग हटाने में काफी मददगार होता है. यह त्वचा को कोमल, चमकदार बनाने के साथ ही रंग साफ भी करता है. इसे बालों पर भी लगाया जा सकता है, जिससे बालों में चमक आती है और तेज धूप में सुरक्षा प्रदान करता है.

त्वचा को हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाए रखने का यह सही समय है, क्योंकि तेज धूप से टैनिंग, दाग-धब्बे पड़ने और झुर्रियां पड़ने जैसी समस्या हो सकती है.

एक नींबू को दो हिस्सों में काट लें. आधे हिस्से को सीधे त्वचा पर गोल-गोल घुमाते हुए मलें. ऐसा कम से कम पांच मिनट करें, उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. नींबू का रस विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो त्वचा का रंग हल्का करता है. हल्दी और दही का पेस्ट इस्तेमाल करना भी कारगर होगा.

महिलाएं त्वचा में निखार लाने के लिए खीरा, बादाम और शहद से बना पैक भी लगा सकती हैं.

खीरे का ओवरनाइट फेसपैक बनाने के लिए सबसे पहले मिक्सर के इस्तेमाल से खीरे का रस निकाल लें, अब इसमें गुलाब जल और ग्लिसरीन समान मात्रा में मिलाएं. पेस्ट को न ज्यादा पतला बनाएं न ज्यादा गाढ़ा बनाएं और अब इसे रात में सोने से पहले लगा लीजिए. सुबह में चेहरे को साफ पानी से धो लें और थपथपाकर सुखा लें. कुछ दिनों में आपको अपने चेहरे के रंग में काफी बदलाव नजर आएगा.

एलोवेरा, खीरा और चंदन से बना फेसपैक टैनिंग को दूर करता है.

कार्टून से रचा गया नवाजुद्दीन का किरदार

बॉलीवुड के अंदर काफी लंबे समय से फिल्म ‘मॉम’ में नवाजुद्दीन सिद्दिकी के किरदार का लुक चर्चा का विषय बना हुआ है. इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने दिल्ली के दरियागंज इलाके में पाए जाने वाले दयाशंकर कपूर का किरदार निभाया है.

फिल्म में नवाजुद्दीन का गेटअप बहुत अलग है, आंख में चश्मा पहने हुए चौड़ा माथा, गर्दन से नीचे तक जा रहे लंबे बाल, जो कि पीछे की तरफ कंघी से किए गए हैं. यह बहुत अनूठा गेटअप है.

अब तक नवाजुद्दीन सिद्दिकी ही क्यों कोई भी कलाकार इस तरह के लुक में नजर नहीं आया. जब से यह गेटअप सामने आया है, तब से लोग चर्चा कर रहे थें कि यह लुक किसने कैसे सोचा?

अब नवाजुद्दीन के इस लुक का सच सामने आ गया है. यह लुक फिल्म के निर्देशक रवि उद्यावर के दिमाग की उपज है. खुद रवि उद्यावर बताते हैं, ‘‘नवाजुद्दीन के किरदार का लुक क्या हो, यह सोचते सोचते एक दिन मैंने पहले उसका स्केच बनाया था. वह भी पहले मैंने एक कार्टून बनाया था. फिर उसको पॉलिश करते करते हम जिस रूप में पहुंचे, वही नवाजुद्दीन का किरदार बन गया.’’

मेरे पति ही मेरा सपोर्ट सिस्टम हैं : मंदिरा बेदी

बॉयकट बालों और छरहरे बदन वाली मंदिरा बेदी अपने स्टाइल और बिंदास अंदाज के लिए जानी जाती हैं. मुंबई के पंजाबी परिवार में जन्मीं मंदिरा ने पढ़ाई के बाद ऐडवरटाइजिंग एजेंसी जौइन की थी. इसी दौरान उन्हें दूरदर्शन के धारावाहिक ‘शांति’ के लिए रोल औफर किया गया. यह उन के जीवन का टर्निंग पौइंट साबित हुआ.

धारावाहिक ‘शांति’ के बाद उन्होंने कई अन्य धारावाहिकों और फिल्मों में भी काम किया. यही नहीं, क्रिकेट में रुचि रखने वाली मंदिरा ने न सिर्फ क्रिकेट कमैंट्री की मेल डोमिनेटेड फील्ड में कदम रखा, बल्कि इस नीरस क्षेत्र में ग्लैमर गर्ल बन कर भी उभरीं. उन का नूडल्स स्ट्रैपी ब्लाउज और साड़ी का अंदाज लोगों को खूब भाया मंदिरा फैशन डिजाइनर भी हैं.

उन्होंने साल 1999 में वैलेंटाइन डे के दिन बौलीवुड फिल्म डायरैक्टर राज कौशल से शादी की. शादी के 12 साल बाद 2011 में वे मां बनीं. आज 44 साल की उम्र में एक बच्चे को जन्म देने के बाद भी उन्होंने अपनी खूबसूरती और फिटनैस को पूरी तरह मैंटेन कर के रखा है. एक इवैंट में उन से बातचीत हुई :

मां बनने के बाद क्या काम पर वापस आना कठिन हुआ?

मैं जब प्रैगनैंट थी, तो सोचती थी कि पता नहीं मां बनने के बाद मुझे काम मिलेगा या नहीं. वैसे मैं ने 18 सालों से इस इंडस्ट्री में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई हुई थी. शायद यही वजह रही कि मेरा बच्चा जब 5 माह का था तभी मुझे काम के औफर आने लगे.

1994 की लंबे बालों वाली शांति से आप अब बॉयकट बालों में आ गई हैं. इसका राज क्या है?

इस में कोई राज नहीं है. सच तो यह है कि इतने सालों में मैं बहुत स्ट्रौंग हो गई हूं. पहले थोड़ी सहमीसहमी सी रहती थी. अब बिलकुल अपोजिट हूं. शायद इस का असर बालों पर भी नजर आ रहा है.

आप खुद को मोटिवेटेड कैसे रखती हैं?

छोटीछोटी सफलताएं ही आप को और ज्यादा पाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. मान लीजिए मैं वेट लौस जर्नी पर हूं या किसी उद्देश्य की तरफ बढ़ रही हूं, ऐसे में यदि छोटेछोटे ही मगर सकारात्मक परिणाम आते हैं, तो बड़े परिणामों के लिए प्रेरणा मिलती है. छोटी सफलता ही बड़ी सफलता की चाह पैदा करती है.

काम के साथ-साथ घरपरिवार कैसे संभालती हैं? पति का कितना सपोर्ट मिलता है?

घर-परिवार एक साथ संभालने के लिए सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है. इस मामले में मेरे पति मेरा बहुत साथ देते हैं. आज यदि मैं यहां दिल्ली में हूं और मेरा बेटा मुंबई में है, तो इसलिए क्योंकि वह पिता की देखरेख में है.

यदि एक पिता बच्चे के जन्म के बाद पुन: अपने कैरियर को एक नए मुकाम तक पहुंचा सकता है, तो एक पत्नी क्यों नहीं? मेरी सास अमेरिका में रहती हैं, मेरे मम्मी पापा दिल्ली में हैं, भाई सिंगापुर में, ननद अमेरिका में और हम मुंबई में. जाहिर है मेरे पास पति के सिवा कोई और सपोर्ट नहीं है. वही मेरे सपोर्ट सिस्टम हैं.

आज भी महिलाओं को जीवन में कई तरह के कंप्रोमाइज करने पड़ते हैं. इतना ही नहीं बच्चे व परिवार की खातिर अपना कैरियर तक छोड़ना पड़ता है? क्या कहेंगी आप?

सामान्य रूप में यदि पति और पत्नी दोनों कामकाजी हैं और परिवार बढ़ा रहे हैं, तो महिला का कैरियर ही बैकसीट पर जाता है. मगर यदि मैं अपनी और अपनी सहेलियों की बात करूं तो स्थिति कुछ अलग है. हम सभी समान रिलेशनशिप में हैं. हमें कभी अपने कैरियर के साथ समझौता नहीं करना पड़ा. हां, मैं चाहती हूं कि मेरी तरह दूसरी महिलाओं को भी यह आजादी मिले.

फिटनैस के लिए आप क्या करती हैं?

अपनी फिटनैस के लिए मैं किसी डाइटीशियन या न्यूट्रिशनिस्ट के पास नहीं जाती. मैं कोई खास डाइट भी नहीं लेती हूं. मुझे पता है कि क्या चीजें मेरे लिए अच्छी हैं और क्या बुरी. कभीकभी अगर खुद से चीट भी कर लेती हूं, तो अगले ही दिन से कवर भी कर लेती हूं. मैं नियमित रूप से व्यायाम करती हूं खासकर सुबह का व्यायाम कभी मिस नहीं करती.

आप की नजर में एक महिला की सबसे बड़ी ताकत क्या है?

देखिए, एक महिला की सब से बड़ी ताकत है कि वह मल्टीटास्क कर सकती है. वह एक साथ कई भूमिकाएं निभा सकती है. एक समय में ही वह मां, पत्नी, बेटी, बहू की भूमिकाओं में रह कर अपनी श्रेष्ठता साबित करती है. पुरुष कभी भी मल्टीटास्क नहीं कर सकता.

आप को किस तरह की ड्रैसेज ज्यादा पसंद हैं, वैस्टर्न या इंडियन?

मैं दोनों ही तरह की ड्रैसेज पसंद करती हूं. कुछ खास मौकों पर या औफिशियल मीटिंग्स के दौरान साड़ी पहनती हूं, तो डेटुडे बिजनैस में जींस पहनना पसंद करती हूं.

चौकलेट फेशियल छिपाए बढ़ती उम्र

बढ़ती उम्र में भी खूबसूरती को बनाए रखना महिलाओं के लिए चुनौती भरा काम होता है. खासतौर पर उम्र के 30वें पड़ाव पर पहुंच चुकी महिलाएं अपनी त्वचा में होने वाले ढीलेपन और झुर्रियों से काफी परेशान रहती हैं. दरअसल, 30 की उम्र के बाद त्वचा में प्राकृतिक मौइश्चराइजर बनना बंद हो जाता है, जिसकी वजह से त्वचा में वह कसाव नहीं रहता है जो 30 की उम्र से पहले रहता है. चौकलेट फेशियल उम्र के 30वें पड़ाव पर पहुंच चुकी ही महिलाओं को लाभ पहुंचने के लिए ही है.

गृहशोभा फेब मीटिंग में फेशियल पर हुए स्पैशल सैशन में ब्यूटी ऐक्सपर्ट, मीनू अरोड़ा भी इस बात पर अपनी सहमति जताते हुए कहती हैं, ‘‘चौकलेट में ऐंटीऔक्सीडैंट और ऐंटीएजिंग प्रौपर्टीज होती हैं, जो लिंफैटिक ड्रैनेज के साथ त्वचा पर चढ़ी डैड सैल्स की परत को निकाल देती हैं और त्वचा पर कसाव के साथसाथ निखार और चमक भी लाती हैं.’’

चौकलेट फेशियल कराता है रिलैक्स फील

वैज्ञानिक तथ्य बताते हैं कि चौकलेट की सुगंध और स्वाद दोनों से ही मानव शरीर में हैप्पी हारमोन रिलीज होते हैं, जो मानसिक तनाव को कम करते हैं और खुशी का अनुभव कराते हैं. चौकलेट फेशियल का काम भी कुछ ऐसा ही है, क्योंकि यह फेशियल रक्त में मौजूद सैरोटेनिन यौगिक को बढ़ा देता है, जो तनाव को कम करने में मदद करता है.

सही स्क्रबिंग देती है सही इफैक्ट

चौकलेट फेशियल की शुरुआत दूध से चेहरे की क्लींजिंग करने से होती है. इस के बाद चेहरे को ओटमील, डिस्प्रिन की टैबलेट, शुगर फ्री चौकलेट के पिघले टुकड़े, 1 चम्मच कौफी पाउडर और शहद से स्क्रब किया जाता है.

स्क्रबिंग का सही तरीका बताते हुए मीनू कहती हैं, ‘‘कभी भी स्क्रब लगाते हुए चेहरे को रगड़ना नहीं चाहिए, बल्कि कुछ देर चेहरे पर स्क्रब लगा रहने देना चाहिए. फिर धीरेधीरे उंगलियों को सरकुलेशन मोशन में घुमाते हुए स्क्रबिंग करनी चाहिए. इस से रक्त संचार सुचारु हो जाता है और त्वचा के डैड सैल्स निकल जाते हैं.’’

कोल्ड कंप्रैशर भी जरूरी

स्क्रबिंग के बाद त्वचा को हौट कंप्रैशर देने के लिए स्टीम की जगह पानी में बोरिक ऐसिड मिला कर इस मिश्रण में रूमाल भिगो कर चेहरे पर कुछ देर रखा जाता है. हौट कंप्रैशर त्वचा के पोर्स खोल देता है और उन के आकार को बड़ा कर देता है. बड़े पोर्स बेहद भद्दे लगते हैं, इसलिए हौट कंप्रैशर के तुरंत बाद कोल्ड कंप्रैशर देना जरूरी होता है. इस के लिए ठंडे पानी या बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है.

मसाज का महत्त्व

त्वचा को पैनीट्रेट करने के लिए चौकलेट के पिघले टुकड़ों को ऐलोवेरा जैल में मिला कर त्वचा पर लगाया जाता है और नारियल पानी के साथ अल्ट्रासोनिक मसाज दी जाती है. यदि त्वचा औयली है, तो जैल की सामग्री में चुटकी भर सी साल्ट डाल कर त्वचा को मसाज दी जाती है. दरअसल, सीसाल्ट अतिरिक्त तेल को त्वचा से खींच लेता है.

ऐंटीएजिंग फेशियल का सब से प्रमुख हिस्सा होता है स्किन टाइटनिंग क्रीम से चेहरे को दी गई मसाज. इस से त्वचा में कसाव और चमक दोनों आ जाती हैं. मीनू बताती हैं कि इस मसाज में चेहरे के खास प्रैशर पौइंट्स को दबाया जाता है, इस से रक्त संचार बढ़ता है और बहुत ही रिलैक्स महसूस होता है.

फेशियल का आखिरी चरण

सबसे आखिर में ग्लो पैक में पिघली चौकलेट को डाल कर 5 मिनट के लिए चेहरे पर लगाया जाता है. इस के बाद एक बार फिर चेहरे को हौट कंप्रैशर और कोल्ड कंप्रैशर दिया जाता है.

चौकलेट फेशियल के बाद चेहरे को साफ पानी से जरूर साफ कर लें, क्योंकि चेहरे पर चौकलेट की चिपचिपाहट रह जाती है. बिना एसपीएफ क्रीम लगाए धूप में न निकलें, क्योंकि फेशियल के बाद त्वचा में पतलापन आ जाता है और तेज धूप से पतली त्वचा झुलस सकती है.

चौकलेट फेशियल के फायदे

– चौकलेट फेशियल किसी भी प्रकार के स्किन टाइप पर किया जा सकता है.

– चौकलेट में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट्स त्वचा को फ्री रैडिकल डैमेज से भी बचाते हैं.

– चौकलेट में त्वचा को टैनिंग से बचाने की क्षमता भी होती है.

– यह स्किन को हाइड्रेट भी करता है, जिस से त्वचा की कोमलता बरकरार रहती है.

द्य चौकलेट फेशियल त्वचा में तेजी से कोलोजन बनाता है, जिस से त्वचा की इलास्टिसिटी बनी रहती है.

फेशियल से पहले ध्यान रखें

– फेशियल से पहले ब्लीच न कराएं, क्योंकि ब्लीच त्वचा पर कैमिकल की एक परत चढ़ा देती है, जिस से फेशियल का असर त्वचा पर कम दिखता है.

– फेशियल से 2 घंटे पहले कुछ भी न खाएं, क्योंकि शरीर एक समय एक ही कार्य कर सकता है यानी या तो खाना पचा सकता है या फिर मानसिक थकावट को कम कर रक्त संचार बढ़ा सकता है.

– यदि चेहरे पर पिंपल्स हैं या पके दाने हैं, तो पहले उन का ट्रीटमैंट करें. फेशियल कराने के हफ्ता भर पहले कच्चे दूध में लौंग भिगो कर मिश्रण को दानों पर लगाएं. 3 दिन में दाने सूख जाएंगे.

– हर 25 दिन में ही फेशियल कराएं. यदि इस से पहले कराएंगी तो त्वचा के डैड सैल्स के साथ ऐक्टिव सैल्स भी निकल जाते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक है.

शर्मनाक : जब सड़क पर लोगों ने फाड़ दिए इस लड़की के कपड़े, एक बार जरूर देखिए ये वीडियो

निगाहें! निगाहें बयां करती हैं हमारी सोच को, निगाहें बयां करती हैं हमारी मानसिकता को, कई बार सिर्फ निगाहें ही किसी को इतना कष्ट दे देती हैं कि वह जीवन भर उस दर्द और कष्ट को भूल नहीं पाता. कई बार हम देखते हैं मगर देखने का अंदाज सही नहीं होता. हम आदी हो चुके हैं गलत निगाहों के, इसलिए हमें समझ में नहीं आता कि हम क्या कर रहे हैं. कई बार हमारी निगाहें इस कदर तीखी होती हैं जो किसी धारदार हथियार सरीखी तेज होती हैं, देखने का यह अंदाज किसी को चीर देने के लिए काफी होता है.

हमारी निगाहों की ऐसी धार बेहद बुरी है हमें जानना और समझना चाहिए कि हम जो देखना चाह रहे हैं उसी नजर से कोई हमें देखे तो उसके क्या मायने हैं, कल्पना कीजिये कि आपकी तेज धारदार निगाहें किसी के बदन को ढकें कपड़ों को चीर दें तो उसकी स्थिति क्या होगी या अगले इन्सान की नजरों में आपकी हैसियत क्या होगी.

हम पुरुष ऐसी निगाहों से क्यों देखते हैं जो किसी स्त्री के शर्मिंदा करने के लिए काफी होती हैं, हमारी निगाहें अक्सर कपड़े के भीतर तक झांकने की कोशिश क्यों करती हैं. हमारी निगाहें हमारे बस में नहीं हैं या फिर हमारा मन हमारे बस में नहीं हैं, अपनी निगाहों से किसी के कपड़ों को चीर देना उसे कितना कष्टकारी हो सकता है इस बात का अंदाजा आप ऐसे नहीं लगा पाएंगे.

इस बात का सही अंदाजा दिलाने के लिए भोपाल के जॉइन फिल्म द्वारा करीब दो साल पहले एक वीडियो बनाया था, इस वीडियो को अब तक करीब 13 लाख लोग देख चुके हैं, इस वीडियो को बेहद अद्भुत तरीके से फिल्माया गया है, पूरे वीडियो में गिनकर 5 डायलाग भी नहीं होंगे, फिर भी यह वीडियो आपसे बेहद सटीक संवाद करेगा. आपके अन्दर एक बार के लिए खलबली जरूर मचाएगा.

देखिये इस वीडियो को, क्योंकि इस वीडियो में सड़क पर चलती महिला के कपडे फटने लगते हैं, सुबह से शाम तक कई बार उसकी शर्ट फटकर उसका बदन दिखा देना चाहती है, और अंत में उसकी शर्ट फटकर जमीन पर गिर जाती है.

‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के लिए आमिर ने बदला लुक, देखें तस्वीर

बॉलीवुड स्टार आमिर खान ने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के लिए अपना लुक पूरी तरह बदल लिया है. आमिर खान अपनी फिल्मों के लिए जी-तोड़ मेहनत करते हैं और अपने किरदारों के लिए वो अपनी बॉडी को भी बहुत जल्दी बदल लेते हैं.

अपनी फिल्म के मुताबिक लुक्स लेने वाले आमिर का दंगल के लिए किया गया उनका ट्रांसफॉर्मेशन हम कैसे भूल सकते हैं. ‘दंगल’ के लिए उन्होंने अपना वजन 120 किलो कर लिया था.

फिलहाल आमिर ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ की शूटिंग कर रहे हैं और इस फिल्म के लिए उन्होंने अपना 50 किलो वजन कम कर लिया है. अब आमिर अपने नॉर्मल वेट 70 किलो पर आ गए हैं.

फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के सेट से उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वो पतले नजर आ रहे हैं. ट्विटर पर आमिर के फेन पेज ने उनकी तस्वीरें शेयर की है. इन तस्वीरों में एक्ट्रेस फातिमा सना शेख भी नजर आ रही हैं.

आमिर ने सिर्फ अपना वजन ही कम नहीं किया है बल्कि अपना बॉडी टाइप भी बदल लिया है. उनके कंधे भी अलग दिख रहे हैं.

मालूम हो कि इस फिल्म में आमिर खान और मंगल पांडे पहली बार साथ में नजर आने जा रहे हैं. फिल्म का लोगो पहले ही रिलीज किया जा चुका है.

सुपरस्टार आमिर खान का कहना है कि उनकी अगली फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ के शुरुआती चरण में काफी बड़े एक्शन दृश्यों की शूटिंग की जाएगी, जिसके लिए वह यूरोपीय देश माल्टा में प्रशिक्षण ले रहे हैं.

यशराज बैनर की इस फिल्म के बैनर तले पहली बार आमिर खान और अमिताभ बच्चन एक साथ काम कर रहे हैं. इस फिल्म में समुद्र में एक्शन सींस को दिखाया जाएगा. आमिर ने कहा, मैं अमिताभ बच्चन के साथ पहली बार काम करने को लेकर काफी एक्साइटिड हूं. यह सपने के सच होने जैसा है. मैं उनका हमेशा से बहुत बड़ा फैन रहा हूं. मेरे लिए उनके साथ एक पर्दे पर साख काम करना यादगार पल होगा.

 

एक सीरियस फिल्म करना चाहता हूं : कृष्णा अभिषेक

हंसना और हंसाना एक कला है जिससे सभी को शांति और सुकून मिलती है. अगर इस थिरेपी को व्यक्ति अपने जीवन में शामिल कर ले तो बहुत कम दवा की जरुरत पड़ती है. ऐसी ही सोच और कॉमेडी की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले अभिनेता कृष्णा अभिषेक स्वभाव से भी हंसमुख हैं.

टीवी धारावाहिकों के अलावा उन्होंने कई कॉमेडी फिल्में भी की हैं, जिसमें ‘बोलबचन’ और ‘एंटरटेनमेंट’ खास है. वे एक डांसर भी हैं. बचपन से ही अभिनय की शौक रखने वाले कृष्णा अभिषेक का असली नाम अभिषेक शर्मा है. इन दिनों वे कलर्स टीवी पर एक रियेलिटी शो ‘इंडिया बनेगा मंच’ में होस्ट हैं. उनसे बात करना रोचक था, पेश है अंश.

इस शो के साथ जुड़ने की खास वजह क्या थी?

ये एक अलग प्रकार की रियलिटी शो है, इसमें स्टूडियो के अंदर बैठे जजेज फैसला नहीं लेते. इसमें हर ऐतिहासिक जगह पर परफॉर्मर अपना मंच लगाकर वहां परफॉर्म करते हैं और आम जनता ही निर्णायक होती है. अधिक से अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में समर्थ हो पाना ही इस शो की खासियत है. इसमें कैमरा छुपा कर रखा जाता है, हम सभी दूर से उसे देखते हैं कि परफॉर्मर कितना सफल हो पा रहा है. इसमें जो जितना अधिक लोगों को अपनी ओर जमा कर सकेगा, वही इस शो का अंतिम टैलेंटबाज होगा. ये बहुत ही मेहनत वाला शो है. मेरे लिए चुनौती ये है कि कॉमेडी के किसी भी शो में मस्ती, ओवर कॉमेडी, पिंनिंग आदि चलती थी, लेकिन इसमें इमोशन है, जो मुझसे जुड़ी है. दिल्ली की इंडिया गेट, कनॉट प्लेस, रेडफोर्ट और कोलकाता में हावड़ा ब्रिज, पिन्सेप घाट मुंबई में जुहू बीच आदि, देश के सभी ऐतिहासिक जगहों पर मंच लगाया जायेगा.

कॉमेडी का सफर कैसे शुरू हुआ?

मैंने कभी लाइफ में सोचा नहीं था कि मैं कभी कॉमेडी करूंगा मैं तो एक डांसर हूं. मेरी पहली शो एक डांसर के रूप में था. आज से 10 साल पहले की ये बात है. उसके बाद कॉमेडी शो का ऑफर आया मैंने सोचा कि ये भी रियलिटी शो है 4 महीने पैसे कमाकर थोड़ा एन्जॉय कर लूंगा. लेकिन उस समय किसी को यह पता नहीं था कि ये शो एक इतिहास पलटने वाला है और मनोरंजन की इंडस्ट्री में एक नया रुख देने वाला है. कॉमेडी सर्कस ने जो लोगों को मनोरंजन दिया और मेरे साथ कई कॉमेडियन को भी स्थापित किया है वह काबिलेतारीफ है. मेरे अंदर इन्बोर्न कॉमेडी सेंस थी, क्योंकि कॉमेडी सीखने से कभी नहीं आती. पॉलिश जरुर किया जा सकता है. अच्छा है कि शो चली और लोगों ने पसंद भी किया. पहला शो मैंने 23 साल की उम्र में किया था.

लोगों को हंसाना कितना मुश्किल है?

बहुत मुश्किल होता है. ये एक सीरियस बिजनेस है. कॉमेडी में हमेशा कुछ नयी चीजें लानी पड़ती हैं. जो बोल चुके हो उसे दूबारा रिपीट करने से व्यंग्य कम हो जाता है. ऐसे में रोज नयी चीजें लाना, राइटर के साथ बैठकर चर्चा करना आदि हर कोई नहीं कर सकता ये बहुत ही मुश्किल काम है.

आज के तनाव भरे माहौल में लोगों का हंसना कितना जरुरी है?

चार्ली चैपलिन ने कहा था कि जिस दिन आप हंसे नहीं समझ लीजिये की आपका पूरा दिन खराब हो गया. तनाव भरे माहौल में मेरी कोशिश रहती है कि लोग मुझे देखकर हंसे, क्योंकि हंसने से उनके चेहरे खिल जाते हैं. असल में मैं एक अच्छा सोशल वर्कर और एक डॉकटर का काम कर रहा हूं.

पहले हिंदी फिल्मों में कॉमेडियन की एक खास जगह हुआ करती थी, आजकल ऐसा नहीं है, ऐसे में आप अपने आप को कहां पाते हैं?

ये अच्छी बात थी कि फिल्मों में कॉमेडियन की एक खास भूमिका हुआ करती थी, अब तो हीरो भी कॉमेडियन है और देखा जाय तो कॉमेडियन हीरो भी बन रहे हैं, ऐसे में कोई समस्या अब नहीं है. अब तो एक अच्छी स्टोरी और उसे परफॉर्म करने वाला एक अच्छा कलाकार चाहिए. ऐसे में जो एक्टर अच्छा कॉमेडी कर सकता है उसे निर्देशक लेते हैं.

क्या आपकी आगे कोई फिल्म है?

मैं टीवी पर अच्छा काम कर रहा हूं. अगर कोई अच्छी फिल्म मिले तो करूंगा.

कॉमेडी में आजकल डबल मीनिंग वाले शब्द अधिक प्रयोग किये जाते हैं, इस बारें में आपकी राय क्या है?

‘डबल मीनिंग’ कॉमेडी की अगर दूसरे अर्थ को कोई बड़ा व्यक्ति ही समझे, उसे बुरा नहीं मानता, लेकिन अगर कोई डायरेक्ट कॉमेडी करे, उसे मैं पसंद नहीं करता और खुद करता भी नहीं. जाने अनजाने में अगर कभी कुछ कह भी लिया तो माफी भी मांग लेते हैं और एडिट भी करवा देते हैं. वैसे डबल मीनिंग कॉमेडी के भी दर्शक है और उसे वे देखते हैं.

कॉमेडी करते वक्त किसी को बुरा लगा हो, क्या ऐसा कभी आपके साथ हुआ?

इस बात का ध्यान रखते हैं कि किसी को बुरा न लगे, क्योंकि किसी ने भी बड़ी मेहनत से अपना मुकाम पाया है, इसलिए कोई ‘हर्ट’ न हो इसका ख्याल रखता हूं.

क्या कुछ सपने हैं?

मैं अपनी लाइफ में एक सीरियस फिल्म करना चाहता हूं. मैंने लोगों का बहुत मनोरंजन किया है, आने वाले समय में मुझे एक ऐसी फिल्म करने की इच्छा है जिसे देखकर दर्शक दंग रह जाय कि इस कलाकार ने मुझे जितना हंसाया है, उतना आज रुला भी दिया.

आप अपने तनाव को कैसे दूर करते हैं?

मैं तनाव नहीं लेता. दोस्तों में चले जाते हैं, जीवन में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं. उसे शांति से हैंडल करना चाहिए, क्योंकि जैसे बुरा वक्त आता है वैसे ही अच्छा वक्त भी आता है.

आपके यहां तक पहुंचने में परिवार का सहयोग कितना रहा?

परिवार का बहुत सहयोग रहा. खासकर मेरे पिता ने हमेशा साथ दिया. वैसे तो मेरी पूरी फैमिली फिल्म्स में है इसलिए बचपन से ही फिल्मी माहौल मिला. गोविंदा से मैंने बहुत कुछ सीखा है. बचपन में मैं उनके साथ शूटिंग पर जाता था. उनकी मेहनत और एक्टिंग को देखता था. आज सभी खुश हैं कि मैंने अपने बलबूते पर यहां तक पहुंच पाया हूं.

समय मिले तो क्या करते हैं?

खाना बनाता हूं. मुझे खाना बनाना बहुत पसंद है. एक्टर न होता तो शेफ होता. मुगलाई खाना, वेजिटेबल खाना, बिरयानी आदि सब बना लेता हूं.

खुश रहने का मंत्र क्या है?

दुःख को पास न आने दें. तनाव को आने न दें. मेहनत करें तो फल अवश्य मिलेगा.

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