लहसुन के फायदों से अनजान हैं आप

लहसुन, भारतीय खानों से लेकर विदेशी खानों की भी एक जरूरी सामग्री है. लसुन की सुगंध और स्वाद किसी भी खाने का टेस्ट बदल देते हैं. पर लसुन खाने से आपके स्वास्थ को कई तरह के फायदे होते हैं. कई लोगों को लहसुन की तीव्र गंध पसंद नहीं, पर लसुन आपके स्वास्थय के लिए बहुत फायदेमंद है.

बहुत सारे शोधों से लहसुन के बारे में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. वैज्ञानिक शोध के अनुसार लहसुन हार्ट की बीमारी, स्ट्रोक, कैंसर और इंफेक्शन जैसी जानलेवा बिमारियों से निजात दिला सकता है.

लहसुन की कलियां आकार में छोटी हैं पर ये गुणों से भरपूर है-

1. लंबे-घने बाल

बालों के झड़ने की समस्या बहुत आम है. पर लहसुन खाने से आपके बाल लंबे और घने हो सकते हैं. लहसुन में ऐलीसिन पाया जाता है, यह कंपाउंड प्याज में भी पाया जाता है.

गर्म लहसुन सरसों के तेल के फायदों के बारे में तो आप जानते ही होंगे. आप इस तेल को अपने स्कैल्प के मसाज के लिए भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

2. पिंपल को कहें बाय-बाय

क्या आप पिंपल से परेशान हैं, बहुत कुछ ट्राई करने के बाद भी आपको पिंपल से छुटकारा नहीं मिल रहा, तो आप लहसुन आजमाकर देख सकती हैं. लहसुन के ऐंटीऑक्सीडेंट बैक्टीरिया का सफाया करते हैं. लहसुन की कली को पिंपल पर लगाएं और ठंडे पानी से धो लें. आपको कुछ दिनों में ही फर्क पता चल जाएगा.

3. सर्दी में दे आराम

सर्दी-खांसी के आम समस्या है. कुछ लोगों को तो यह समस्या बारहों महिने रहती है. लहसुन के ऐंटीऑक्सीडेंट्स आपको सर्दी में आराम दिलाएंगे. सर्दी होने पर आप गार्लिक टी का सेवन कर सकती हैं. इसे बनाना आसान है. हल्के गर्म पानी में लहसुन की कलियां डालें और उबालें. छान कर पी लें. स्वाद के लिए आप चाय में शहद और अदरक भी मिला सकती हैं.

4. बढ़ते वजन पर लगाएं लगाम

बढ़ते वजन और निकलते पेट से आजकल हर उम्र के लोग परेशान रहते हैं. पर जरा सा लहसुन आपके बढ़ते पेट को भी घटाने में मददगार है. लहसुन डालकर खाना बनाएं और आसानी से ऐक्सट्रा फैट घटाएं.

5. हाई ब्ल्ड प्रेशर को करे कन्ट्रोल

ब्ल्ड प्रेशर की समस्या आज लगभग हर घर में है. लहसुन हाई ब्ल्ड प्रेशर को भी कन्ट्रोल में रखता है. अगर आप भी स्ट्रेस और ब्ल्ड प्रेशर की समस्या से ग्रसित है तो आप भी लहसुन का सेवन जरूर करें.

6. कैंसर की रोकथाम

नियमत लहसुन का सेवन आपके शरीर में कैंसर सेल्स नहीं बनने देते. अच्छे और हेल्डी लाइफस्टाइल से आप कैंसर जैसे रोग से भी आसानी से बच सकते हैं.

7. डायबिटीज में असरदायक

डायबिटीज के रोगियों को ताउम्र अपने शुगर को कन्ट्रोल में रखना चाहिए. लहसुन ब्ल्ड शुगर लेवल को कन्ट्रोल में रखता है. लहसुन इंफेक्शन से लड़ने में भी मदद करता है. अगर आप या आपके घर में कोई डायबिटीज से पीड़ित हैं तो लहसुन का सेवन जरूर करें.

फिल्म रिव्यू : फिल्लौरी

बॉलीवुड की सबसे बड़ी बीमारी ‘अहम ब्रम्हास्मि’ की है. जिस फिल्म निर्देशक या निर्माता की पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल होती है, वह उसी दिन से सोचने लगता है कि वह जो काम करता है, वही सही है. उसके बाद वह किसी की परवाह किए बगैर ‘‘अहम ब्रम्हास्मि’’ के अहम में चूर होकर अति घटिया फिल्में बनाता है.

हमें फिल्म ‘‘फिल्लौरी’’ देखकर बॉलीवुड की ‘अहम ब्रम्हास्मि’ की ही बीमारी याद आ गयी. इसी बीमारी का शिकार इस फिल्म की निर्माता अनुष्का शर्मा और उनके भाई कर्णेश शर्मा हैं. पहली फिल्म ‘‘एन एच 10’’ को मिली सफलता के बाद वह ‘‘फिल्लौरी’’ जैसी स्तरहीन व बोर करने वाली फिल्म बनाएंगी, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. फिल्म के प्रदर्शन से कुछ दिन पहले हमसे बातचीत करते हुए अनुष्का शर्मा ने जितने बड़े दावे किए थे, वह सारे दावे फिल्म देखने के बाद खोखले साबित नजर आए. दो अलग अलग युगों की प्रेम कहानियों के  बीच सामंजस्य बैठाने में लेखक व निर्देशक असफल हैं. इसी के चलते दर्शक भी कहानी को ठीक से समझने से वंचित रह जाता है.

एक भूतनी की प्रेम कहानी को देश की आजादी से पहले 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार के साथ जिस तरह से जोड़ा गया है, वह अविश्वसनीय के साथ साथ अति हास्यास्पद लगता है. काश हमारे फिल्मकार देश के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े इतिहास के साथ इस तरह के मजाक करने से बचे, तो कितना अच्छा हो.

फिल्म की कहानी शुरू होती है अपनी बचपन की दोस्त अनु (मेहरीन पीरजादा) के साथ शादी करने के लिए कनाडा से भारत वापस आने वाले कनन से. कनन भारत आ गया है, पर शादी व प्यार को लेकर वह अभी भी दुविधा में है. इसी बीच शादी के लिए कुंडली मिलान के दौरान पंडित बताते हैं कि कनन तो मंगली है. इसलिए उसे पहले पेड़ से शादी करनी पड़ेगी. अनमने मन से कनन को यह बात माननी पड़ती है. कनन की पेड़ से शादी हो जाती है. कनन पूरे परिवार के साथ घर वापस आता है.

उधर कनन के पिता ने पेड़ को काट देने का आदेश दे दिया है. घर पहुंचने पर एक भूतनी कनन के पीछे पड़ जाती है. पता चलता है कि यह भूतनी शशि (अनुष्का शर्मा) उसी पेड़ पर रहती थी, पर पेड़ कट गया, तो वह कहां जाए. वह कनन के पास क्यों आयी, यह भी वह नहीं जानती. मगर प्यार व शादी को लेकर कनन के मन में जो दुविधा है, उसे शशि अपनी कहानी बताते हुए दूर करने का प्रयास करती है. इसी के साथ अब कनन व अनु तथा शशि व रूप फिल्लौरी की प्रेम कहानी समानांतर चलती है. कनन व अनु की शादी वैषाखी के दिन ही होनी है.

शशि की प्रेम कहानी 98 साल पहले की है. पंजाब के फिल्लौरी गांव की रहने वाली शशि को उसके भाई ने बेटी की तरह पाला है जो कि आयुर्वेदिक दवाएं देते हैं. शशि को गांव के नकारा युवक रूप फिल्लौरी (दलजीत दोशांज) से प्यार हो गया है. रूप गीत लिखता व गाता है. धीरे धीरे शशि भी फिल्लौरी के नाम से गीत लिखकर अखबार में छपवाने लगती है. एक दिन इनकी प्रेम कहानी का पता शशि के भाई को चल जाता है. जब शशि, रूप के घर में होती है, तो शशि का भाई वहां जाकर दोनों की पिटाई करता है और शशि को लाकर घर में बंद कर समझाता है कि रूप उसके योग्य नहीं है. दो दिन बाद रूप, शशि के भाई से कहता है कि अब वह शशि के लायक बनने के लिए अमृतसर जा रहा है.

कुछ दिन बाद रूप वहां से शशि के नाम तीन सौ रूपए भेजता है. पत्र में लिखता है कि अमृतसर की संगीत कंपनी ने उसके गीतों का एलबम निकाला है. शशि के लिखे गीतों को रूप ने गाया है. एलबम पर दोनों का नाम है. इससे शशि का भाई खुश होकर उनकी शादी के लिए हामी भर देता है. रूप ने बैसाखी के पर्व पर वापस आने की बात लिखी है. बैसाखी के दिन शशि के घर शादी की तैयारियां हो चुकी है. शशि दुल्हन के वेष में है. तभी पता चलता है कि शशि तो रूप के बच्चे की मां बनने वाली है. पर शादी नहीं होती है. क्योंकि रूप वापस नहीं लौटता है. शशि का भाई सलाह देता है कि वह लाहौर जाकर गर्भपात करवा ले. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. परेशान शशि घर से भागती है और एक पेड़ के नीचे दम तोड़ देती है.

शशि की प्रेम कहानी सुनते सुनते अंत में भूतनी शशि के संवाद दोहराते हुए कनन, अनु से कहता है कि अब तक वह ख्यालों में था पर अनु ही उसकी सच्चाई है. और वह उससे शादी करने को तैयार है.

उसके बाद कनन व अनु, भूतनी शशि से पूछते है कि रूप के साथ शादी न होने की घटना कब की है. तो वह कहती है कि 98 साल पहले यानी कि 1919 की है. कनन को याद आता है कि उसी दिन जलियांवाला बाग कांड हुआ था. जब अंग्रेजों ने निहत्थे लोंगों पर गोलियां बरसाई थी. कनन अपने साथ गाड़ी में अनु व भूतनी शशि को बैठाकर जलियांवाला बाग, अमृतसर पहुंचता है. जहां शशि व रूप की आत्मा का मिलन हो जाता है.

फिल्म ‘‘फिल्लौरी’’ की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी तो इसकी लेखक अन्विता दत्ता हैं, जिन्होंने अति घटिया कहानी व पटकथा लिखी है. शायद उन्हें पंजाबी शादियों के बारे में कुछ भी पता नहीं है. पूरी फिल्म में पंजाबी शादी का कोई माहौल नजर नहीं आता. लेखक के साथ ही अनुष्का शर्मा भी कमजोर कड़ी कही जाएंगी, क्योंकि कहानी व पटकथा का चयन तो अनुष्का शर्मा ने ही किया है. इंटरवल से पहले फिल्म ‘‘फिल्लारी’’ अंग्रेजी फिल्म ‘‘कॉर्प्स ब्राइड’’ की याद दिला जाती है. यानी कि मूल कथानक वहीं से प्रेरित है. इंटरवल के बाद इस फिल्म को देखना सबसे बड़ा सिर दर्द है.

फिल्म में अनुष्का शर्मा को ग्लैमरस नहीं दिखना था, इसलिए उन्होंने खूबसूरत अदाकारा मेहरीन कौर पीरजादा को भी ग्लैमरस नहीं दिखने दिया. पूरी फिल्म में वह रोती हुई नजर आती हैं. फिल्म में कहानी नहीं थी, इसलिए उन्होंने दृश्यों को इस तरह धीमी गति से खींचा कि फिल्म किसी तरह घिसट घिसट कर मंजिल पाती है. पूरी फिल्म सिर्फ बोर करती है.

दर्शक मन ही मन कहने लगता है-‘‘कहां फंसायो नाथ.’’ फिल्म को एडिट कर छोटा किए जाने की जरुरत है. आत्मा व इंसानों के बीच बातचीत की कल्पना करना अपने आप में अविष्वनीय होता है, पर लेखक व निर्देशक ने फिल्म के क्लायमेक्स के समय इसकी पराकाष्ठा भी पार कर डाली.

जहां तक फिल्म के गीत संगीत का सवाल है, तो यह पहले भी लोकप्रिय नहीं हुए हैं. फिल्म देखते समय भी गीत संगीत प्रभावहीन नजर आते हैं. फिल्म के वीएफएक्स की थोड़ी सी तारीफ की जा सकती है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो दलजीत सिंह दोशांज ने बहुत निराश किया. इस फिल्म में अनुष्का शर्मा भी एक अदाकारा के रूप में नहीं उभरती हैं. दलजीत दोशांज हों या अनुष्का शर्मा, दोनों के चेहरे पर पर पूरी फिल्म में एक जैसे भाव ही नजर आता है. सूरज शर्मा ने दुविधा में फंसे युवक की मनः स्थिति को कुछ अर्थों में सही रूप में पेश किया है, मगर उनके किरदार को भी पटकथा की मदद नहीं मिली. मेहरीन कौर पीरजादा के लिए करने को कुछ था ही नहीं.

‘‘चक दे’’, ‘‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’’, ‘‘हिम्मतवाला’’, ‘‘हाउसफुल’’ और ‘‘दोस्ताना’’ जैसी फिल्मों में बतौर सहायक रहे निर्देशक अंशाई लाल की स्वतंत्र निर्देशक के रूप में यह पहली फिल्म है. वह भी इस फिल्म की एक कमजोर कड़ी हैं. वैसे ज्यादातर असफल फिल्मों में सहायक रहे अंशाई से ज्यादा उम्मीद करनी भी नहीं चाहिए.

दो घंटे 17 मिनट की अवधि की ‘फॉक्स स्टार इंडिया’ के साथ मिलकर अनुष्का शर्मा की कंपनी ‘‘स्लेट फिल्मस’’ द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘फिल्लौरी’’ के निर्देशक अंशाई लाल, लेखक व गीतकार अंविता दत्ता, संगीतकार जसलीन रोयल व शाश्वत सचदेव, पार्श्व संगीत समीर उद्दीन, तथा कलाकार हैं-अनुष्का शर्मा, दलजीत दोशांज, सूरज शर्मा, मेहरीन पीरजादा आदि.

एड्स रोगियों को बार-बार टीबी होने का खतरा

टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो हवा के जरिये एक इंसान से दूसरे में फैलती है और इसका बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में फैलता वहां के टिश्यू को पूरी तरह नष्ट कर देता है. समय पर इलाज कराने से बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सकता है और टीबी से बचा जा सकता है. एचआईवी पॉजिटिव लोगों में बार-बार टीबी होने की संभावना अधिक होती है. एड्स रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण उनका शरीर टीबी के बैक्टीरिया के वार को नहीं सह पाता है, जिस कारण वो टीबी से ग्रसित हो जाते हैं.

टीबी मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से होता है. यह बैक्टीरिया हवा के द्वारा श्वासनली में प्रवेश करता है. टीबी के फैलने के कई अन्य कारण भी हैं जैसे कि छिंकना, खांसना, खुले में थूकना. आम तौर पर यह बीमारी फेफड़ों से शुरू होती है. यह बैक्टीरिया फेफड़ों के टिश्यू को नष्ट कर देता है. सही वक्त पर इलाज कराने से टीबी से निजात पाया जा सकता है.

एचआईवी पॉजिटिव लोगों के लिए टीबी ज्यादा खतरनाक है. अगर किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को एक बार टीबी हो जाता है, तो ठीक होने के बाद भी बार बार टीबी होने का खतरा रहता है.

लगातार चेकउप करवाने के बाद ही टीबी के बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को टीबी होने पर उनके बचने की गुंजाइश भी कम हो जाती है. वैदिकग्राम के डॉक्टर दीपक कुमार का कहना है कि “टीबी फैलने वाली बीमारी है. इसके बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिये साफ-सफाई का खासा ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ ही हाइजिन का भी ख्याल रखना जरुरी है. हाइजिन का ख्याल ना रखने की वहज से ही निचले तबके के लोगों में इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा रहता है. एड्स रोगियों को टीबी से मिलते-जुलते किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत जांच करानी चाहिये क्योंकि थोड़ी भी देर होने पर यह जानलेवा हो जाता है.” 

फिल्म रिव्यू : अनारकली ऑफ आरा

कम कपड़े पहनने वाली या नाच गाकर अपना गुजर बसर करने वाली औरत को चरित्रहीन मानने की सोच के खिलाफ व नारी उत्थान के मुद्दों को परदे पर मनोरंजन के साथ अति सशक्त तरीके से उकेरने में अविनाश दास की फिल्म ‘‘अनारकली ऑफ आरा’’ सफल रहती है. बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म गंभीर मुद्दों को बहुत बेहतर तरीके से उकेरती है.

फिल्म शुरू होती है एक आक्रेस्ट्रा के रंगारंग गीत संगीत के द्विअर्थी गाने के कार्यक्रम से, जिसमें गायिका व नृत्यांगना चमेली की बंदूक से गोली चलने से मौत हो जाती है. यह सारा दृश्य उस वक्त मंच पर मौजूद चमेली की बेटी अनारकली देखती रह जाती है. फिर चौदह साल बाद ‘‘रंगीला आर्केस्ट्रा’’ कंपनी में अनारकली (स्वरा भास्कर) की द्विअर्थी गीत गाने से कहानी शुरू होती है.

‘‘रंगीला आर्केस्ट्रा” कंपनी को रंगीला (पंकज त्रिपाठी) चलाते हैं. शादीशुदा होते हुए भी रंगीला मन ही मन अनारकली को चाहते हैं और मौके बेमौके वह अनारकली को छूने से बाज नहीं आते. इसी बीच अपने लिए देवदास बने लड़के अनवर (मयूर मोरे) को अनारकली अपने साथ रख लेती है. वह अच्छा तबला वादक है. एक बार जब पुलिस स्टेशन कें अंदर विजयादशमी के मौके पर आरा के दरोगा (विजय कुमार) के निमंत्रण पर रंगीला अपनी पार्टी लेकर आर्केस्ट्रा करने जाते हैं, तो वहां अनारकली के नृत्य व गायन कार्यक्रम के दौरान स्थानीय विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ठाकुर धर्मेंद्र (संजय मिश्रा) भी पहुंचते हैं. धर्मेंद्र की राज्य के मुख्यमंत्री से बड़ी निकटता है, इसका वह फायदा उठाते रहते हैं. दरोगा तो धर्मेंद्र की चमचागीरी में लगे रहते हैं.

धर्मेंद्र दारू पीकर मंच पर चढ़कर अनारकली के साथ चिपका चिपकी व अति अभद्र व्यवहार करते हैं. आर्केस्ट्रा का आनंद लेने आए शहर के लोग अनारकली के पक्ष में धर्मेंद्र के कृत्य का विरोध करते हैं, तो पुलिस उन पर लाठी चलाकर भगा देती है. रंगीला भी दूर से ही कहता रहता है कि ऐसा न करें. पर अनारकली निडरता का परिचय देती है और धर्मेंद्र को तमाचा जड़ देती है. दूसरे दिन दरोगा, धर्मेंद्र के घर जाकर बताते हैं कि उन्होंने सभी के कैमरे व मोबाइल से वह दृश्य हटवा दिए थे.

अब धर्मेंद्र, रंगीला के माध्यम से अनारकली को अपने खास आशियाने में बुलाते हैं. जहां दरोगा भी मौजूद है. उस वक्त भी अनारकली निडरता से धर्मेंद्र व दरोगा को दो टूक जवाब देती है. दूसरे दिन धर्मेंद्र के इशारे पर पुलिस अपने एक आदमी को अनारकली के घर के अंदर छिपाकर अनारकली को देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार करती है. रंगीला किसी तरह अनारकली की जमानत करवाता है. पुलिस स्टेशन से निकलकर अनारकली, धर्मेंद्र के घर उन्हें यह सच बताकर चल देती है कि उस दिन मंच पर अनारकली ने उन्हें तमाचा जड़ा था. तब धर्मेंद्र के गुंडे उसे पकड़ने के लिए जाते हैं, अनारकली भागती है. अनवर के साथ दिल्ली पहुंचती है.

दिल्ली में आरा के ही रहने वाले हीरामनी उनकी मदद करते हैं. जिसके चलते एक संगीत कंपनी से अनारकली के कई संगीत एलबम बाजार में आते हैं. एक संगीत एलबम देखकर आरा पुलिस दिल्ली पहुंचती है. अब अनारकली पर अनवर के अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया है. अब अनारकली की गिरफ्तारी होनी है, पर हीरामनी बताता है कि उसके पास धर्मेंद्र ने जो कृत्य किया था, उसका वीडियो मोबाइल पर है. उस वीडियो को देखकर अनारकली योजना बताती है और आरा पुलिस के सामने सरेंडर कर देती है.

अदालत में पेशी से पहले वहां मौजूद दरोगा के सामने ही वह धर्मेंद्र से सौदेबाजी करती है. धर्मेंद के इशारे पर पुलिस अनारकली पर लगाए गए आरोप वापस ले लेती है. उसके बाद धर्मेंद्र उसे अपने कॉलेज के कार्यक्रम में गाने के लिए बुलाते हैं. वहां पर पुलिस विभाग के एस पी व धर्मेंद्र की पत्नी व बेटी भी बैठी है. एक गीत गाने के बाद रोचक तरीके से अनारकली धर्मेंद्र को जली कटी सुनाती है और फिर परदे पर धर्मेंद्र के कृत्य का वीडियो चलने लगता है. धर्मेंद्र की पत्नी व बेटी शर्म से नजर झुकाकर वहां से चली जाती है. एस पी महोदय, मुख्यमंत्री को फोन पर जानकारी देते हैं कि मसला गंभीर है, कार्यवाही करनी पड़ेगी. अनारकली खुश है कि उसने धर्मेंद्र को उनकी औकात याद दिला दी.

फिल्म ‘‘अनारकली ऑफ आरा’’ में यह संदेश बहुत अच्छे ढंग से उभरकर आता है कि नाच गाकर अपनी जीविका चलाने वाली नारी चरित्रहीन नहीं हो सकती. इस तरह की नारी को यदि पुरुष प्रधान समाज के पुरुष अपनी जायदाद समझते हैं, तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल और अपराध है. किसी की यौन अवस्था या उसकी निजी जिंदगी के रिश्ते के दम पर उसके चरित्र पर लांक्षन लगाना गलत है. यह निर्देशक की खूबी है कि उन्होंने फिल्म में अनारकली को ‘दूध की धुली’ साबित करने का प्रयास नहीं किया है.

अनारकली कहती है कि निजी बैठक और सार्वजनिक मंच में अंतर होता है. फिल्म से यह बात भी उभरकर आती है कि हर नारी यौन संबंधों को लेकर एक रेखा खींचकर रखती है, उस रेखा को लांघने का हक किसी पुरूष को नहीं है. पर फिल्म के कुछ दृश्य हजम नहीं होते हैं. फिर भी पहली बार निर्देशक बने अविनाश दास बधाई के पात्र हैं. फिल्म का गीत संगीत भी कर्णप्रिय है. पर गीत के बोल में भोजपुरी भाषा का पुट हर वर्ग के दर्शकों को प्रभावित नहीं कर सकते. कुछ खामियों के चलते मल्टीप्लैक्स की वनिस्बत सिंगल थिएटर और खासकर उन सिनेमाघरों में इस फिल्म को ज्यादा पसंद किया जाएगा, जिनमें भोजपुरी फिल्में सफलता बटोरती हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो यह फिल्म स्वरा भास्कर के दमदार अभिनय के लिए हमेशा याद रखी जाएगी. फिल्म ‘अनारकली ऑफ आरा’ देखने के बाद कई अभिनेत्रियां अब अपने आपको असुरक्षित महसूस करने लगेंगी. अनारकली के किरदार में स्वरा भास्कर दर्शक को वह सब परोसती हैं, जो दर्शक को चाहिए. इस फिल्म से स्वरा भास्कर ने साबित कर दिखाया कि वह अपने कंधे पर पूरी फिल्म को लेकर चल सकती हैं.

कुछ दृश्यों में तो स्वरा भास्कर ने अपने अभिनय से संजय मिश्रा जैसे कलाकार की भी छुट्टी कर दी. इस फिल्म में वह प्रभावित नहीं कर पाते हैं. पंकज त्रिपाठी ने ठीक ठाक काम किया है. वास्तव में पटकथा के स्तर रंगीला का किरदार सशक्त नहीं है. अनवर के किरदार में मयूर मोरे ने भी अच्छी परफॉर्मेंस दी है.

एक घंटा तिरपन मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘अनारकली ऑफ आरा’’ का निर्माण कपूर तथा निर्देशन अविनाश दास ने किया है. फिल्म को अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं-स्वरा भास्कर, पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा, विजय कुमार, मयूर मोरे, इश्तियाक खान, नितिन अरोड़ा.

बॉलीवुड के टॉप 10 फोटोग्राफर

हमारे बॉलीवुड हस्तियां जो भारत के लाखों प्रशंसकों और अनुयायियों के दिलों पर राज करती हैं, सफलता का एक हिस्सा सबसे प्रतिभाशाली फोटोग्राफरों की टीम को जाता है, जो दिन-रात काम करते हैं, अभिनेता को एक सेलिब्रिटी बना देता है.

ऐसे ही कुछ मशहूर फोटोग्राफर

डब्बु रत्नानी

आज भारत में, फैशन और बॉलीवुड फोटोग्राफी का पर्याय बन गए हैं डब्बु रत्नानी. भारतीय फैशन फोटोग्राफी में सेलिब्रिटी पोर्ट्रेट्स और अन्य फैशन फोटो के प्रमुख कौशल के रूप में डब्बु रत्नानी का अपना नाम बहुत मशहूर है. वह अपने वार्षिक कैलेंडर के लिए सबसे अच्छे फोटोग्राफर जाने जाते हैं. डब्बु ने 1999 में पहली बार अपना कैलेंडर प्रकाशित किया थी, यह भारत में एक बेहद उल्लेखनीय है कला थी. साल भर बॉलीवुड सितारे अपने कैलेंडर पर दिखाई देते हैं. हर साल डब्बु के कैलेंडर का प्रक्षेपण एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में किया जाता है. जिसमें शीर्ष हस्तिया मौजूद होती हैं. जिनमें से 24 प्रत्येक वर्ष के लिए है. वह कॉस्मोपॉलिटन, फिल्मफेयर, हाय ब्लिट्ज, ओक इंडिया, एले, वर्व, फेमिना, मैन और बेहतर होम और गार्डन जैसे सभी प्रमुख पत्रिकाओं के लिए कवर फोटोग्राफर होती हैं. डब्बु रत्नानी ने बॉलीवुड के सुपरस्टार के साथ ब्रांडों के विज्ञापन में भी काम किया है.

रोहन श्रेष्ठ

रोहन श्रेष्ठ भारतीय मूल के एक नेपाली मूल फोटोग्राफर हैं जो मुंबई और न्यूयॉर्क के बीच काम करते हैं. भारत के एक अग्रणी फोटोग्राफर राकेश श्रेष्ठ के पुत्र, उनकी तस्वीरों ने नारहित भारत, लफ्सेली, कॉस्मोपॉलिटन, एफएचएम, ग्राज़िया, वर्व और फिल्मफेयर सहित कई प्रमुख पत्रिकाओं का आवरण बनाया है. आज उद्योग में छोटे फोटोग्राफरों में से एक होने के कारण, उनकी रचनात्मकता की भावना और एक अंतर के साथ उनकी शूटिंग की शैली, जो आज रोहन को  लोकप्रिय बनाती है. वर्षों से, रोहन ने आज देश के कुछ अग्रणी पत्रिकाओं के साथ काम किया है. आर्किटेक्चरल डाइजेस्ट और कंडीनेट ट्रैवलर के लिए संपादकीय और कवर की कहानियां भी रोहन लिखते है.

तरुण खिवाल

तरुण खिवाल दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध भारतीय फैशन और व्यावसायिक फोटोग्राफर हैं. भारतीय फैशन उद्योग में अग्रणी फोटोग्राफरों में से एक, उन्हें हासेलब्लाड फाउंडेशन द्वारा दिए गए 2005 के हासेलबैड मास्टर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, इस पुरस्कार से नवाजे जाने वाले अब तक के पहले और एकमात्र भारतीय फोटोग्राफर है. उनके अन्य पुरस्कारों में, लायक्रा एमटीवी स्टाइल अवार्ड और किंगफिशर फैशन फोटोग्राफर ऑफ द ईयर में “फैशन फोटोग्राफर ऑफ द ईयर अवार्ड” शामिल हैं. वर्षों से उनका स्टूडियो एक शिक्षण केंद्र और एक संस्था चला रहा है. उनके सहायकों ने खुद के लिए एक जगह बनाना शुरू किया है और आज भी वे अपने स्वयं के फोटोग्राफरों की स्थापना कर रहे हैं. कुछ वर्षों में, तरुण खिवाल ने रीबॉक, नेस्ले, नोकिया, पैनासोनिक, जिलेट, अमेरिकन एक्सप्रेस और होंडा जैसे ब्रांडों और एले, टैंक वोग, हार्पर बाजार, ग्राजिया जैसे पत्रिकाओं के साथ काम किया है.

विक्रम बावा

विक्रम बावा मुंबई में स्थित एक भारतीय फैशन, ऑटोमोबाइल और लैंडस्केप फोटोग्राफर है. 1990 के दशक के उत्तरार्ध में वे 3 डी फोटोग्राफी को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने वाले पहले भारतीय फोटोग्राफर थे. वह फैशन और विज्ञापन फोटोग्राफी में माहिर हैं, जिसमें आभूषणों, कारों से लेकर विमानों तक लेकर कई उत्पादों और ब्रांडों के लिए अभियान चलाया जाता है. विक्रम ने फेमिना, वर्व, हैलो!, ल’ऑस्टिलीएल, एले, हाय ब्लिट्ज, मैरी क्लेयर, स्टूफ सहित कई पत्रिकाओं के लिए काम किया है, जिनमें 300 से ज्यादा कवर्स शामिल हैं. विक्रम ने कोका-कोला, डोव, गोदरेज, लॉयरी, रीबॉक, स्कोडा इंडिया, सोनी इलेक्ट्रॉनिक्स, ताज होटल, कैटवॉक, किंगफिशर एयरलाइंस, सहारा एम्बे वैली, द लीला पैलेस, गोवा, एफएसपी लंदन आदि ब्रांड़ों को शामिल किया हैं. विक्रम बावा विभिन्न कला शो का एक हिस्सा रहे हैं. प्रियंकी आर्ट गैलरी, गैलरी आर्ट एंड सोल, जिंदल आर्ट फाउंडेशन और अलफाज मिलर कलेक्शन में उनका स्थायी संग्रह है.

सुरेश नटराजन

सुरेश नटराजन एक बहुत ही प्रसिद्ध भारतीय बॉलीवुड और फैशन फोटोग्राफ हैं, जिन्होंने उद्योग में जबरदस्त काम किया है. उनकी तस्वीरें बहुत हड़बड़ी और प्रेरणादायक होती हैं. सुरेश नटराजन केरल, दक्षिण भारत में पैदा हुए थे. वह मैकलेन हंटर टीवी, टोरंटो में टीवी प्रोडक्शन में एक वर्ष का प्रशिक्षण लेकर आए हैं. उन्होंने टोरंटो में Ryerson विश्वविद्यालय में फिल्म का अध्ययन किया है. सुरेश नटराजन ने भारत में अग्रणी निदेशक के साथ-साथ एक अंग्रेजी फीचर फिल्म में उत्पादन सह-समन्वयक के रूप में दो प्रमुख भारतीय फीचर फिल्म परियोजनाओं में एक सहायक निदेशक के रूप में काम किया.

आर बर्मन

आर बर्मन एक अन्य फैशन और भारतीय सेलिब्रेटी फोटोग्राफर हैं. उन्होंने प्रतिष्ठित ब्रूक्स इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोग्राफी से स्नातक की पढ़ाई की है और न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स में स्टीवन क्लेन और मार्क सेलगर जैसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय नामों के साथ फ्रीलान्स सहायक के रूप में बड़े पैमाने पर काम भी किया है. भारत में आर बर्मन ने वोग इंडिया के साथ बड़े पैमाने पर फोटोग्राफी की हैं. बर्मन ने देश के अधिकांश अग्रणी पत्रिकाओं और ब्रांडों के लिए फोटो खिंची हैं. बर्मन ने भारतीय सिनेमा में कुछ सबसे प्रसिद्ध चेहरों का भी फोटो लिया है.

अविनाश गोवारीकर

अविनाश गोवारीकर एक अग्रणी भारतीय फैशन, फिल्म और सेलिब्रिटी फोटोग्राफर हैं जो फोटोग्राफी के प्रति प्रतिबद्धता रखते हैं. अविनाश के कामकाज में अमिताभ बच्चन से अर्जुन कपूर, हेमा मालिनी से सोनाक्षी सिन्हा और उस्ताद जाकिर हुसैन से लेकर सचिन तेंदुलकर तक कई बड़ी हस्तीयां शामिल हैं.

अतुल कसबेकर

अतुल ब्लिंग! नामक सेलिब्रिटी प्रबंधन कंपनी के मालिक हैं. अतुल कसबेकर एक भारतीय फैशन फोटोग्राफर और बॉलीवुड फिल्म निर्माता हैं. वह अपने किंगफिशर कैलेंडर शूट के लिए जाने जाते हैं. 2007 में शुरू हुए मनोरंजन समाधान. ब्लिंग! ने अब तक कई प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय ब्रांडों जैसे पेप्सिको, नेस्ले आईटीसी, एयरटेल, किंगफिशर, सैमसंग, पीएंडजी, सोनी, स्वारोवस्की, एलजी मोबाइल, ल ‘ओरियल, स्विच समूह जैसे कुछ लोगों के साथ काम किया है. दीपिका पादुकोण, फरहान अख्तर, अभय देओल, अभिषेक बच्चन सहित कई मशहूर हस्तियों के ब्लिंग के ग्राहक हैं. मनोरंजन समाधान अतुल किंगफिशर कैलेंडर पर अपने काम के लिए, लंदन में आयोजित प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और पेय क्रिएटिव एक्सलंस अवार्ड्स (एफएबी अवॉर्ड्स) 2005 को जीतने वाले पहले भारतीय होने के गौरव की भांति रखते हैं. अतुल कासबेकर ने 2016 की बॉलीवुड फिल्म ‘नीरजा’ का निर्माण किया जिसमें सोनम कपूर ने अभिनय किया है.

जतिन कंम्पनी

जतिन कंम्पनी, भारत के बहुत लोकप्रिय फैशन और सेलिब्रिटी फोटोग्राफरों में से एक है, जतिन ने फोटोग्राफी के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय काम के लिए कई पुरस्कार जीते हैं. उत्कृष्ट विज्ञापन अभियान, जिन्हें जतिन ने डी बीयर, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, मैरियट इनकॉर्पोरेटेड, आईटीसी, लॉरियल, मोटोरोला, बकार्डी, सेग्राम इंडिया, ईएसपीएन, पेप्सी, कैनन और सोनी जैसे ग्राहकों के लिए कुछ नाम दिया है. फैशन कुछ समय के लिए जतिन का दूसरा नाम रहा है, एले, मैरी क्लेयर, ल ‘ऑफीसील, जीक्यू, ग्राजिया, हैलो, ओक, पीपुल एंड वेर्व जैसे प्रकाशनों के लिए जतिन  ने कुछ आश्चर्यजनक तरीके तैयार किए गए थे. जतिन की नवीनतम परियोजना अपने नए ‘टैक्सी फैब्रिक’, ‘हम लिविंग’ के लिए विचार कर रहे हैं. “हम लिविंग” एक महानगरीय के अस्तित्व के बारे में बोलते हैं. ‘हम लिविंग’ मचान की कठोरता उच्च और मध्यम वर्ग के लोगों की रूढ़िवादी मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती है. ‘टैक्सी फैब्रिक’ एक टैक्सी के समतुल्य पैटर्न बनाने के लिए दोहराई गई एक तस्वीर से बना डिजाइनों का चित्र है.

सुबी शमूएल

सुबी शमूएल भारत की अग्रणी फैशन और व्यावसायिक फोटोग्राफर में से एक है, उनका नाम भारत में अवधारणा फोटोग्राफी का पर्याय है. उनका काम कई प्रतिष्ठित ब्रांडों में फैला है और लगभग सभी प्रमुख पत्रिकाओं को कवर करता है. सुबी शमूएल कि एक आदमी, सुबी शमूएल फोटोग्राफी, उनकी अनोखी शैली, कल्पना और पूर्णता की खोज ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के सबसे मान्यता प्राप्त और स्थापित फोटोग्राफर में से एक बनने के लिए प्रेरित किया है. सुबी शमूएल का नाम ग्लैमर और अवधारणा फोटोग्राफी का पर्याय है. वह फिल्म प्रचार, विज्ञापनों और प्रकाशन की दुनिया में सोचने के लिए एक नामी व्यक्ति हैं. उनके ग्राहकों में भारत में फिल्म उद्योग और प्रिंट मीडिया से संबंधित केवल कार्य शामिल हैं, बल्कि पूर्व और यूरोप के प्रतिनिधी भी सुबी शमूएल के काम में शामिल है. उनके कुछ बड़े कार्यों में कांटे के लिए प्रचार चित्र, देवदास में ऐश्वर्य राय आदि शामिल हैं.

सुनील ग्रोवर की जगह लेंगे कृष्णा अभिषेक!

कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर के बीच दोस्ती अब नहीं बची ये बात तो सभी को पता है. हाल में ही दोनों के बीच हुए विवाद से फैन्स शॉक्ड हो गए. लोग यही उम्मीद कर रहे हैं कि दोनों अपने बीच की सभी परेशानियों को खत्म कर दें और वापस साथ आ जाएं. सुनील के शो छोड़ने की बात ने तो फैन्स को और भी निराश कर दिया है.

एक तरफ लोग इस कंट्रोवर्सी में सुनील का साथ दे रहे है तो वहीँ एक ऐसा ऐक्टर कपिल को सपोर्ट कर रहा है जोकि अबतक उनके खिलाफ बोला करता था. और वो कोई और नहीं है बल्कि कृष्णा अभिषेक है. उन्हें लगता है कि चीजों को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर बोला गया है, ये उती बड़ी बात नहीं है जितनी की दिखाई जा रही है.

कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर विवाद में लेटेस्ट खबर यह है कि द कपिल शर्मा शो में कप्पू के प्रतिद्वंदी कृष्णा अभिषेक डॉक्टर गुलाटी की जगह लेंगे. उन्हें भी सुनील के किरदार के लिए कंसीडर किया जा रहा है. जी हां आपने सही सुना. अब इसके बारे में हर कोई बात कर रहा है.

एक एंटरटेनमेंट पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कृष्णा ने कहा कि मेरा कपिल के साथ कभी कोई इश्यू नहीं रहा है. कपिल मेरी बहुत इज्जत करता है और मैं कपिल की. हमारे बीच कुछ मामूली मसले जरूर रहे हैं लेकिन हमने एक दूसरे की बेइज्जती कभी नहीं की. मैंने कभी नहीं सुना की कपिल ने मेरी बेइज्जती की हो. वो निजी और प्रोफेशनल ममालों को कभी नहीं मिलाते. मुझे नहीं पता कि लोग इस बारे में इतनी बेकार बाते क्यों करते हैं.

‘नच बलिए’ में नाचने को बेताब हैं स्वामी ओम

स्वामी ओम बेशक ‘बिग बॉस 10’ में सबसे ज्यादा सुर्ख‍ियां बटोरने वाले कंटेस्टेंट रहे. हालांकि पिछले कुछ दिनों से वह चुप्पी साधे थे और अब जब मुंह खोला है तो एक नया बवाल सामने है.

कभी अपने बयानों से तो कभी हरकतों से सुर्खियों में रहने वाले ओम स्वामी ने अब कुछ ऐसा किया है जिसे जानकार कोई भी हैरान रह जाएगा. ‘बिग बॉस 10’ का यह कंटेस्टेंट, अब इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनते जा रहा है.

खबरों की माने तो स्वामी ओम ने टीवी शो ‘नच बलिए 8’ की टीम को फोन कर खुद को शो में लेने की बात कही. दरअसल यह रियलिटी डांसिंग शो रियल लाइफ कपल पर बेस्ड है बावजूद इसके स्वामी जी ने इस शो की टीम को फोन करके कहा कि ‘उन्हें इस शो में क्यों नहीं लिया जा रहा है.’

जब शो  ने उन्हें समझाया की आप शो के कॉन्सेप्ट के आधार से फिट नहीं बैठते और इसमें सिर्फ रियल लाइफ जोड़े ही हिस्सा ले सकते है तो स्वामी ओम दोबारा बहस करने लगें.

स्वामी ओम दबाव बनाते हुए बोले कि ‘क्या हुआ अगर उनके पास उनका कोई बलिए नहीं है. वो अकेले ही डांस करके शो में मौजूद कंटेस्टेंटस को टक्कर दे सकते हैं.

नौकरी चली जाने पर भी रहें टेंशन फ्री

कुछ दिनों पहले एचडीएफसी बैंक ने अपने 4500 कर्मचारियों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया था. एचडीएफसी बैंक के अलावा कई बड़ी कंपनियां जैसे एस्सार स्टील ने भी कंपनी के ऋण और नुकसानों को कम करने के लिए एक साथ हजारों एम्प्लॉयज को ‘पिंक स्लिप’ दे दिया था. इंसानों पर जिम्मेदारियों तो पहले से ही होता है और नौकरी चली जाने के बाद ये जिम्मेदारियां बोझ बन जाती हैं. नौकरी चले जाने के कई कारण होते हैं. कभी कभी तो ये एम्प्लॉयर की गलती होती है तो कभी खुद एम्प्लॉय की. वजह कोई भी हो नौकरी छूट जाने से किसी भी इंसान के जीवनशैली पर भी काफी बुरा असर पड़ता है.

आमतौर पर लोग भविष्य को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं होते और आराम से अपनी लाइफ जीते हैं. पर जिन्दगी में और खासकर वित्तीय मामलों में थोड़ा सा गंभीर होना ही चाहिए. चाहे छोटी उम्र में ही नौकरी क्यों न मिल जाए आने वाले कल के लिए बचत करना चाहिए ताकि कल को नौकरी न रहने पर भी आराम से कुछ दिन जीवनयापन किया जा सके.

अगर आप नौकरी जाने के बाद भी फाइनेंशियल परेशानियों से दूर रहना चाहते हैं तो इसके लिए आपको भविष्य के लिए पहले से तैयार रहना होगा. इन आसान से तरीकों से आप नौकरी चले जाने पर भी कुछ दिन आराम से गुजारा कर सकते हैं.

1. बनायें इमरजेंसी फंड

एक समय सभी के घरों में इमरजेंसी फंड होता ही था. घर में आप अलग अलग जगह पैसे रखते थे ताकि मुसीबत के वक्त वो पैसे काम आ सके. अब देश में कैश की किल्लत है और पुराने नोट भी बंद कर दिए गए हैं. पर आप बिना कैश के भी एक इमरजेंसी फंड तैयार कर सकते हैं. आप इमरजेंसी फंड के लिए एक अलग बैंक अकाउंट खुलवाकर उसमें पैसे रख सकते हैं. इसके अलावा आप पोस्ट ऑफिस में भी अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं.

2. तेते पांव पसारिए जेते लंबी सौर

आपके पास जितनी चादर है उतने ही पैर पसारने की आदत डालिए. अगर आप अपने आमदनी के आधार पर ही जीवन व्यतीत करने की आदत डालेंगे तो आप कभी कर्ज में नहीं डूबेंगे. कर्ज को काल बनते ज्यादा वक्त नहीं लगता. कम पैसे में जीवनयापन करने की आदत डालने के लिए आप एक आसान तरीके अपना सकते हैं. अगर आप और आपका साथी दोनों ही सैलेरीड हैं तो एक इंसान की सैलेरी पर ही जीवनयापन करने की कोशिश करें. अगर आपका कोई लोन चुकाना बाकि है तो ऐसा करने से वह लोन भी चुक जाएगा और आपको कम पैसे में रहने की भी आदत हो जाएगी.

3. आय के साधन हो अधिक

एक से अधिक आय के साधन होने के मतलब यह नहीं कि आप गैर कानूनी काम काज करें. और इसका मतलब यह भी नहीं आप खुद को तकलीफ देकर दूसरी नौकरी करें. भले ही आपके पास अच्छी सैलेरी वाली फुल टाइम जॉब हो, पर अगर इनकम के दूसरे साधन हो तो ये भी बुरा नहीं है. आप अपनी हॉबी को अपने आय का साधन बना सकते हैं. अगर आपको लिखना पसंद है, तो आप घर पर बैठकर ही लेख लिख सकते हैं.

4. लॉन्ग टर्म निवेश हैं बेहतर उपाय

निवेश के रास्ते उतार चढ़ाव से भरे होते हैं. पर बिना रिस्क के निवेश नहीं किया जा सकता. हमेशा लॉन्ग टर्म में ही निवेश करें. जिससे आज आपको नुकसान होने पर भी कल अच्छे रिटर्न मिलने के पूरे आसार होंगे. लॉन्ग टर्म निवेश से नौकरी चली जाने पर फायदा तो होगा ही, इससे आपका रिटायरमेंट भी सिक्योर हो जाएगा.

5. क्रेडिट स्कोर

मंदी के वक्त, बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां अच्छे क्रेडिट हिस्ट्री वालों को ही प्रीफ्रेंस देती है. इसलिए आपको अपना क्रेडिट स्कोर हाई रखना होगा और अपने सारे बिल और कर्जे समय से चुकाने होंगे.

स्मौग न चुरा ले चेहरे की कांति

स्मौग शहरों में तेजी से बढ़ती एक ऐसी समस्या है, जो हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही है. इस से हमारा स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. थोड़ी सी भी लापरवाही से उस का हमारी त्वचा पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है. क्या है वह प्रभाव और कैसे बचें उस से आइए जानें.

क्या होता है प्रभाव

स्मौग कार्बन मोनोऔक्साइड, सल्फर डाईऔक्साइड, नाइट्रोजन डाईऔक्साइड जैसी हानिकारक गैसों के अलावा धूल व धुएं का मिश्रण भी होता है, जिस की वजह से त्वचा में रूखापन, खुजली, मुंहासे, रैशेज जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, जो हमारी त्वचा के लिए बहुत हानिकारक हैं.

स्मौग हमारी त्वचा से औक्सीजन को चुरा लेता है, जिस से त्वचा अपना ग्लो खो देती है. इस के अलावा त्वचा पर झुर्रियां भी जल्दी पड़ती हैं. खूबसूरती के लिए त्वचा का स्वस्थ होना पहली शर्त होती है. लेकिन स्मौग त्वचा को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है, जिस से उस की सुंदरता कहीं खो सी जाती है.

कैसे पाएं छुटकारा

पुलत्स्या कैडल स्किन केयर सैंटर के डर्मेटोलौजिस्ट डा. विवेक मेहता ने इस से बचने के लिए ये तरीके बताए:

1. जब आप बाहर से आएं तो इस बात का ध्यान रखें कि किसी अच्छे फेसवाश से चेहरा जरूर धोएं, जो आप के चेहरे पर चिपकी धूल को तो साफ करे ही, साथ ही त्वचा को भी बहुत रूखा न बनाए, क्योंकि जाड़े में वैसे भी त्वचा को अतिरिक्त नमी की जरूरत होती है.

2. एक अच्छे क्लींजर से भी अपनी त्वचा की सफाई करें, क्योंकि यह त्वचा की गहराई तक सफाई करता है और प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से उसे मुक्त करता है.

3. चेहरे को धोने के बाद उस पर विटामिन ई युक्त मौइश्चराइजर लगाना न भूलें.

4. अपनी डाइट में कुछ ऐसे खाद्यपदार्थों को शािमल करें जिन में प्रचुर मात्रा में ऐंटीऔक्सीडैंट मौजूद हों जैसे बेसिल, जिंजर,  डार्क चौकलेट, गाजर, टमाटर, बींस आदि. इन से त्वचा को अंदर से पोषण मिलता है, जिस से उस पर प्रदूषण व स्मौग का नकारात्मक प्रभाव कम पड़ता है.

5. पूरे दिन में कम से कम 10 से 12 गिलास पानी जरूर पीएं. इस से फायदा यह होगा कि त्वचा के लिए हानिकारक धूल कणों को शरीर से बाहर निकाल देता है जो त्वचा की सेहत के लिए बहुत अच्छा है.

6. जब भी धूप में जाएं तो 30 एसपीएफ का सनस्क्रीन लगाना न भूलें. यह त्वचा को धूप के प्रभाव से बचाता है.

7. विटामिन ई और सी त्वचा के लिए ऐंटीपौल्यूशन इनग्रीडिएंट की तरह काम करते हैं. ऐसे में इस के अलावा यह त्वचा में नई कोेशिकाओं के निर्माण में भी सहायक है. ऐसे में जब भी मेकअप या स्किन केयर का कोई प्रोडक्ट खरीदें तो उस में यह देख लें कि ये दोनों विटामिन जरूर मौजूद हों.

8. त्वचा पर ऐलोवेरा जैल का प्रयोग भी उसे स्मौग के हानिकारक प्रभावों से बचाता है.

9. समयसमय पर अपने स्किनटाइप के अनुसार फेशियल भी कराती रहें. इस से न सिर्फ त्वचा पर जमा गंदगी साफ होती है, बल्कि प्रदूषण और स्मौग की वजह से त्वचा पर आए ब्लैकहैड्स से भी मुक्ति मिलती है व त्वचा का ग्लो बढ़ता है.

ट्रीटमैंट्स

1. माइक्रोडर्माब्रेशन ट्रीटमैंट आजकल काफी प्रचलित है. यह त्वचा की ऊपरी परत जो प्रदूषण और स्मौग की वजह से प्रभावित होती है उसे पौलिश करने का काम करता है.

2. कैमिकल पील्स भी एक ऐसी तकनीक है, जो त्वचा को स्मौग के प्रभाव से मुक्त करती है और उसे कोमल तो बनाती ही है, साथ ही झांइयों को भी दूर करती है. यह बेहद किफायती और असरदार ट्रीटमैंट है. लेकिन किसी भी ट्रीटमैंट को कराने के लिए हमेशा किसी अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से ही संपर्क करें.

-डा. विवेक मेहता

पुलत्स्या कैडल स्किन केयर सैंटर

अरबपति हैं बॉलीवुड के ये सितारे

बॉलीवुड में कामयाबी, नाम और शोहरत की उम्र छोटी होती है, पता नहीं कौन रातों-रात स्टार बन जाए और कौन गुमनाम हो जाए. बॉलीवुड एक्टर्स कमाई के मामले में बहुत आगे हैं, पर ऐसा नहीं है कि इनकी आमदनी का जरिया सिर्फ फिल्में ही हैं, बल्कि विज्ञापनों से भी इन्हें लाखों-करोड़ो की आमदनी होती हैं. बॉलीवुड में कुछ अभिनेता ऐसे हैं जो वर्तमान में अरबों के मालिक हैं.

शाहरुख खान

शाहरुख खान को जहां बॉलीवुड का बादशाह कहा जाता है, वहीं बिजनेस की दुनिया में भी उनका काफी नाम चलता है, बॉलीवुड में शाहरुख सबसे सफल एक्टर्स में से एक हैं और सबसे ज्यादा कमाई वाले स्टार भी हैं. फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें सबसे अमीर सितारों की सूची में भी रखा है शाहरुख की कमाई 600 मिलियन डॉलर है.

अमिताभ बच्चन

अमीर एक्टर्स की लिस्ट में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन का स्थान भी ज्यादा पीछे नहीं है. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की कुल संपत्ति 2800 करोड़ रुपए की है. अगर पूरी बच्चन फैमिली की बात की जाए तो बच्चन परिवार 400 मिलमयन डॉलर का मालिक है, अमिताभ कई ऐड करते हैं जिससे उन्हें कई गुना पैसे मिलते हैं.

सलमान खान

बॉलीवुड के सुल्तान खान सलमान अपनी हर फिल्म में कुछ नया रिकॉर्ड कायम करते हैं. सलमान की हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों में कमाती है. सलमान 200 मिलियन के मालिक हैं बीइंग ह्यूमन से सलमान अच्छी कमाई करते हैं वहीं विज्ञापन और बिग बॉस में बतौर होस्ट सलमान की फीस आसमान छु रही है.

अक्षय कुमार

एक साल में सबसे ज्यादा फिल्में करने वाले बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाले सेलिब्रिटी हैं. अक्षय की कुल संपत्ति 100 मिलियन डॉलर की है. अक्षय एक फिल्म के लिए करीब 40 से 45 करोड़ की राशि लेते हैं. अक्षय ने एक ऐड कंपनी से करीब 18 करोड़ रुपए लि ए थे.

आमिर खान

मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान भी पीछे नहीं है. आमिर भी अपनी फिल्म के लिये 50 करोड़ के लगभग पैसा लेते हैं. आमिर शो सत्यमेव जयते के लिए 2 करोड़ रूपये हर एपिसोड के लेते थे. वहीं विज्ञापन से भी आमिर अच्छी कमाई करते हैं. आमिर की कुल संपत्ति 185 मिलियन डॉलर की है.

ऋतिक रोशन

अपनी पहली ही फिल्म से सुपरस्टार का तमगा अपने नाम करने वाले ऋतिक ने इतने सालों में काफी संपत्ति अपने नाम की है. ऋतिक की 70 मिलियन डॉलर के मालिक हैं. ऋतिक रोशन ने अपनी फीस 40 करोड़ कर दी है.

ऐश्वर्या राय

बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक ऐश्वर्या राय के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, ऐश बॉलीवुड और हॉलीवुड में भी काम कर चुकी हैं. उनकी विज्ञापन की फीस बहुत ज्यादा है, वो करीब 35 मिलियन डॉलर की मालिकन हैं.

दीपिका पादुकोण

दुनिया की 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली अभिनेत्रियों की सूची में भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का नाम है. हालांकि दीपिका के पास कुल दौलत करीब 20 मिलियन डॉलर की है.

प्रियंका चोपड़ा

मॉडल, एक्ट्रेस और मिस वर्ल्ड रह चुकी प्रियंका ने कम समय में बहुत नाम कमाया है. बॉलीवुड के साथ प्रियंका हॉलीवुड में भी बहुत अच्छा नाम कमा रही हैं, उनके एल्बम ने भी खूब धमाल मचाया है प्रियंका कुल 8 मिलियन डॉलर की मालकिन हैं.

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