स्टार्ट-अप्स आज इनकम का सबसे अच्छा तरीका है. कॉलेज ड्रॉप आउट से लेकर होम मेकर तक सब ने बस एक आइडिया से सफलता की सीढ़ियां तेजी से चढ़ी. कुछ लोग तो लाखों की नौकरी छोड़कर अपने मन का स्टार्ट-अप शुरू कर मुनाफा कमा रहे हैं.
स्टार्ट-अप क्या है?
स्टार्ट-अप ऐसी कंपनी को कहा जाता है, जो अभी अपने शुरुआती दौर में है. यानी एंटरप्रेन्योर ने अपने आइडिया बाजार में उतारा ही है. स्टार्ट अप कंपनियां छोटे स्तर पर स्टार्ट की जाती हैं और आगे मार्केट में बने रहने के लिए इन्हें अक्सर किसी वेंचर कैपिटलिस्ट से फंडिंग की जरूरत होती है..
एक आइडिया जो बदल दे आपकी दुनिया
आपका आइडिया चाहे जितना भी ओरिजनल क्यों न हो, इस बात के 100% चांसेस हैं कि कोई और भी इस पर काम कर रहा हो. इसलिए डीप रिसर्च जरूरी है. बेसिक मार्केट के बारे में भी अच्छे से जान लें.
शुरुआत कैसे करें?
अगर आप भी स्टार्ट-अप शुरू करना चाहती हैं लेकिन कंफ्यूज हैं कि क्या करें और कैसे करें, तो पहले रिसर्च करें और फिर आगे बढ़ें. कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले खुद से पूछें:
क्या मेरी सर्विस या प्रोडक्ट की किसी को जरूरत है?
सर्वे
अपने आइडिया से जुड़े प्रोफेशनल्स से मिलें और उनकी इनसाइट का फायदा उठायें. इंजीनियर, सप्लायर, एजेंट, सरकारी अध्ािकारी, वकील जैसे प्रोफेशनल्स से जरूर राय लें.
कंपनी रजिस्ट्रेशन
भारत में कंपनियां दो स्वरूपों में रजिस्टर कराई जा सकती है: सोल प्रोपराइटरशिप और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आप www.mca.gov.in/MCAwv/RegisterN ewComp.html पर जा सकते हैं. ध्यान रहे, सोल प्रोपराइटरशिप बिजनेस करने के लिए कंपनी लॉ के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ता.
ऐसे जुटायें फंड
– अपनी सेविंग
– बैंक लोन
– किसी को फाइनेंसर बनाकर या प्राइवेट इक्विटी (हिस्सेदारी) देकर
– वेंचर कैपिटलिस्ट के सहारे