सर्दियों में हो शिशु की सही देखभाल

बच्चों की स्किन बेहद नाजुक और सेंसेटिव होने के साथ ही एडल्ट्स की अपेक्षा पांच गुना ज्यादा तेजी से नमी खोती है. ऐसे में सर्दियों में बच्चों की स्किन को ड्राईनेस से बचाने के लिए सही देखभाल बहुत जरूरी है. सर्दियों में ऐसे करें शिशु की देखभाल-

रोज नहलाना जरूरी

नवजातों(1-2 महीने के बच्चे) को 2-3 दिन छोड़कर नहलायें. ऐसे बच्चों को गीले तौलिए से स्पॉजिंग कर सकती हैं. इससे बड़े बच्चों को रोजाना नहलाना चाहिए. अगर सर्दि-जुकाम है तो एक दिन छोड़कर नहलायें. नहलाने से पहले मालिश जरूर करें.

साबुन का सही चयन करें

पीएच बैलेंस से भरपूर साबुन से बच्चे को नहलाएं. इससे बच्चों की त्वचा में नमी बरकरार रहती है, अगर आप खारे पानी वाले एरिया में रहती हैं तो सिर्फ पानी से बच्चे को नहलाने से त्वचा ड्राई हो सकती है.

बेबी लोशन जरूर लगायें

सर्दियों में बच्चों की स्किन पर रेड रेशेस, खुजली होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. हीटर के इस्तेमाल से भी स्किन ड्राई हो सकती है, इसलिए बच्चों को बेबी लोशन लगाएं.

पानी है बहुत जरूरी

अपने बच्चे की स्किन में नमी बनाए रखने के लिए उन्हें गुनगुना पानी पिलाएं.

सर्दियों के कपड़े हों आरामदायक

कई बार ऊनी कपड़ों से भी शिशु को रेड रेशेज हो जाते हैं और खुजली की परेशानी भी होती है. इसलिए कॉटन के कपड़ों के ऊपर ऊनी कपड़े पहनायें.

बच्चे का कमरा हो गर्म

आपको घर और खासतौर पर बच्चे के कमरे को गर्म रखना चाहिए. कमरे की खिड़कियां और दरवाजे बंद होने चाहिए, पर कमरा वेंटिलेटेड होना चाहिए.

मां बनना चाहती हैं कंगना

अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाली कंगना रनौत ने एक बार फिर अपने बयान से सबको चौंका दिया है. दरअसल, हाल ही में दिए एक इंटरव्यू के दौरान कंगना ने बताया कि अब वह मां बनना चाहती हैं.

जी हां, 29 साल की एक्ट्रेस कंगना ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं पूरी आत्मनिर्भर हूं, लेकिन जब आपकी उम्र 30 के आसपास होती है तो आपके अंदर मां की भावनाएं जागने लगती हैं और आप सोचने सगते हैं कि अब मुझे बच्चा चाहिए.’

कंगना का कहना हौ कि ‘उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसी बातें करेंगी लेकिन अब इसे साझा नहीं करना उनके लिए मुश्किल हो गया है. मैं अब चाहती हूं कि ऐसा होते हुए देख सकूं.’

कंगना का कहना है कि एक्टिंग ने उन्‍हें अपने आप को खुलकर व्‍य‍क्‍त करने का मौका दिया है. एक्टिंग ने उन्‍हें उनकी ऊर्जा को सही दिशा में इस्‍तेमाल करने की क्षमता दी है.

कंगना ने इस मौके पर अपने माता-पिता के साथ अपने तनावपूर्ण रिश्‍ते पर भी बात की. अपने पिता की इच्‍छा के खिलाफ फिल्‍म इंडस्‍ट्री में कदम रखने वाली कंगना का कहना है कि कलात्‍मक क्षेत्र में काम करने की वजह से मैं संपूर्ण व्‍यक्तित्‍व पाने में सफल रही हूं.

तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली कंगना जल्‍द ही ‘रंगून’, ‘रानी लक्ष्मी बाई’ और ‘सिमरन’ आदि फिल्‍मों में नजर आएंगी. ‘रानी लक्षमी बाई’ फिल्म में वह वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका निभाएंगी.

फिलहाल कंगना हंसल मेहता की फिल्म ‘सिमरन’ की शूटिंग कर रहीं हैं. यह फिल्म 15 सितंबर 2017 को रिलीज होगी.

पाक ने हटाया बॉलीवुड फिल्मों से बैन

पाकिस्तान ने अपने मुल्क में भारतीय सिनेमा पर लगा बैन हटा लिया है. फिल्म एक्जिबिटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जोरैश लाशारी ने कहा कि मामले से संबधित लोगों से इस बारे में बातचीत करने के बाद फैसला ही किया गया कि 19 दिसंबर से भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन फिर शुरू किया जाएगा.

सिनेमा मालिकों का कहना है, ‘भारतीय फिल्मों पर बैन लग जाने के बाद हमें काफी नुकसान हो रहा था, इसलिए हमने भारतीय फिल्मों पर लगे बैन को हटाने का फैसला किया है.’

सिनेमाघरों के मालिकों के मुताबिक, पहले वो फिल्में दिखाई जाएंगी, जो भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगने के कारण नहीं दिखाई जा सकीं. उन्होंने बताया, ‘सिनेमा गिल्ड ने रोक हटा दी है. हमने ये फैसला लिया क्योंकि हम उन्हें (भारतीय सिनेमा) सपोर्ट करना चाहते हैं और हम ये भी चाहते हैं कि वो भी हमें सपोर्ट करें.’ रोक के बाद पहली फिल्म जो दिखाई जाएगी, वो नवाजउद्दीन सिद्दीकी की ‘फ्रीकी अली’ होगी.

दरअसल उड़ी हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के फिल्म कलाकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एलान किया था कि जिन फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों ने भूमिका अदा की है उन्हें रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.

इसके बाद करण जौहर की ‘ऐ दिल है मुश्किल’ का विरोध शुरू हो गया था. इस फिल्म में पाकिस्तान के दो कलाकारों ने भूमिका अदा की थी.

गौरतलब है कि उस वक्त ये फैसला भारत शासित कश्मीर में जारी हिंसा और नियंत्रण रेखा पर तनाव की स्थिति बनने के बाद लिया गया था.

पाकिस्तान की सिनेमा चेन ‘सुपर सिनेमा’ ने बीती 29 सितंबर को अपने फेसबुक पेज एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी थी कि वो पाकिस्तानी सेना के समर्थन में अपने सभी सिनेमाघरों में तत्काल प्रभाव से भारतीय फिल्मों प्रदर्शन पर रोक लगा रहे हैं.

बथुआ साग है बड़ा फायदेमंद

बथुआ हर घर में खाया जाने वाला आम साग है. इसमें विटामिन ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम होता है. कई बिमारियां दूर करने के लिए भी बथुए का प्रयोग किया जाता है.

पर बथुए को हमेशा एक लिमिट में खाना चाहिए क्योंकि इसमें ऑक्जेलिक एसिड का लेवल बहुत ज्यादा होता है. इसे ज्यादा खाने से डायरिया भी हो सकता है. बालों का ओरिजनल कलर बनाए रखने में बथुआ आंवले जैसा ही गुणकारी है. इसमें विटामिन और खनिज तत्वों की मात्रा आंवले से ज्यादा होती है. इसमें आयरन, फॉस्फोरस और विटामिन ए और डी काफी मात्रा में पाए जाते हैं.

बथुआ साग खाने के फायदे

1. दांतों की समस्या दूर करे

बथुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं में फायदा होता है.

2. कब्ज करे दूर

कब्ज से राहत दिलाने में बथुआ बेहद असरदायक है. लकवा, गैस की समस्या में भी यह काफी फायदेमंद है.

3. डायजेशन में मदद

भूख न लगना, खाना देर से पचना, खट्टी डकार आना जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी बथुआ खाना फायदेमंद है.

4. जॉनडीस में फायदेमंद

बथुआ और गिलोय का रस लेकर एक सीमित मात्रा में दोनों को मिलाएं, फिर इस मिश्रण का 25-30 ग्राम रोज दिन में दो बार लें. फायदा होगा.

5. खून साफ करे

बथुए को 4-5 नीम की पत्तियों के रस के साथ खाया जाए तो खून अंदर से शुद्ध हो जाता है. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है.

6. क्रिमी से निजात दिलाए

बच्चों को कुछ दिनों तक लगातार बथुआ खिलाया जाए तो उनके पेट के कीड़े मर जाते हैं. बथुआ पेट दर्द में भी फायदेमंद है.

7. चर्म रोग दूर करे

बथुए को उबालकर इसका रस पीने और सब्जी बनाकर खाने से चर्म रोग जैसे सफेद दाग, फोड़े-फुंसी, खुजली में भी आराम मिलता है. इसके अलावा बथुए के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालें. अब 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाएं और इसे धीमी आंच पर पकाएं. इसके पानी को पिएं.

कुदरत का करिश्मा: कोट्टायम

दक्षिण भारत को कुदरत ने बड़ी शिद्दत से संवारा है. कोट्टायम भी ऐसी ही एक जगह है जहां आप प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकती हैं. यहां आपको केरल के कल्चर को करीब से जानने का मौका मिलेगा. कोट्टायम एक ऐसी जगह है जहां आप सूकून और ऐडवेंचर एक साथ ऐंजॉय कर सकती हैं.

कोट्टायम शहर कोची से 76 किलोमीटर दूर है. बैकवाटर, हरे मैदान, रबर के बगीचे और ताड़ के पेड़ यहां की विशेषताएं हैं. यह इलाका सब्जियों, इलायची, काली मिर्च, कॉफी तथा मसालों के लिए भी फेमस है.

केरल के दक्षिण में बसा यह शहर बैकवॉटर्स में दिलचस्पी रखने वालों को साल भर लुभाता है. नैचुरल ब्यूटी के अलावा, यहां की बर्ड सैंक्चुअरी, मंदिर, चर्च, ट्रैकिंग साइट्स वगैरह भी पर्यटकों को खूब लुभाती हैं.

कहां जायें?

यहां के खूबसूरत नजारों के बीच आप कुछ दिन किसी रिजॉर्ट में रहने का मजा जरूर लें. इसके अलावा, एडवेंचर और नेचर से जुड़ने के लिए पेरियार वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी जा सकती हैं. यह जगह हाथियों, चीतों और खास तरह के भैंसों के लिए मशहूर है.

कोट्टायम के तिरुंकारा शिव की दीवारों को खूबसूरत पेंटिंग्स से सजाया गया है. यहां आपको केरल के कल्चर को बेहद करीब से देखने का मौका मिलेगा. मार्च में यहां होने वाले फाल्गुन उत्सव का टूरिस्ट्स में खासा क्रेज रहता है. इस दौरान यहां संस्कृत में नाटक खेले जाते हैं, जिनकी गहराई जानने के लिए लोकल लोगों के साथ टूरिस्टों का भी खूब जमावड़ा रहता है.

कोट्टायम के पास कुमाराकोम भी एक आकर्षक जगह है. यह जगह वंबनाड लेक के पास है और प्रवासी पक्षियों के लिए मशहूर है. यहां से आप बैकवॉटर क्रूज की सैर के लिए भी निकल सकती हैं.

कोट्टायम के आसपास

कोट्टायम से 60 किमी की दूरी पर स्थित वागामोन की सैर जरूर करें. ट्रैकिंग में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है. यहां आप प्रकृति के सौंदर्य को निहारने के साथ ट्रैकिंग भी एन्जॉय कर सकती हैं.

कब जाएं?

कोट्टायम जाने का बेस्ट टाइम अगस्त से मार्च के बीच है. यहां हल्की ठंड भी होती है, इसलिए अपने साथ हल्की स्वेटर व शॉल जरूर लेकर चलें.

कैसे पहुंचें?

नजदीकी एयरपोर्ट: कोट्टायम से नजदीकी एयरपोर्ट कोच्चि है, जहां से इसकी दूरी 80 किमी है.

रेल मार्ग: कोट्टायम रेल से तमाम शहरों से जुड़ा हुआ है.

यहां पहुंचने के लिए बोट व फेरी भी ली जा सकती हैं.

काबिल पर लगा कंटेट चोरी का आरोप

एक्टर रितिक रोशन से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. कभी कंगना विवाद तो कभी शाहरुख खान की फिल्म रईस से काबिल की भिड़ंत. लेकिन अब रितिक पर चोरी का आरोप लगा है. इस सिलसिले में उनपर लीगल एक्शन लिया जाएगा. रितिक की काबिल पर कंटेंट चोरी का आरोप लगाया गया है.

अमेरिका के प्रोडक्शन हाउस और स्ट्रीमिंग कंपनी नेटफ्लिक्स ने ‘काबिल’ पर कंटेंट चोरी का आरोप लगाया है. अब प्रोडक्शन हाउस काबिल को नोटिस भेजने की तैयारी में हैं.

नेटफ्लिक्स ने यह दावा किया हैं कि उनके प्रोडक्शन में बनी ड्रेव गॉडर्ड निर्देशित और मार्वल कॉमिक्स पर बेस्ड टेलीविजन वेब सीरीज ‘डेयरडेविल’ के कंटेंट को काबिल में फिल्माया गया है. उन्होंने कहा कि काबिल में रितिक का रोल डेयरडेविल वाले किरदार से मिलता-जुलता है.

कंपनी के मुताबिक, फिल्म के सीन्स और कैरेक्टर के साथ कलर स्कीम को भी कॉपी किया गया है. फिल्म के निर्माता राकेश रोशन, प्रोडक्शन हाउस फिल्मक्राफ्ट और निर्देशक संजय गुप्ता के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएंगे.

शाहरुख खान की ‘रईस’ और काबिल एक साथ बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देंगी. हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया.

इस फिल्म में रितिक और यमी गौतम के साथ रोनित और रोहित रॉय पहली बार साथ नजर आएंगे. दोनों ही फिल्म में नेगटिव रोल निभा रहे हैं.

ऑस्कर की दौड़ से बाहर हुई फिल्म ‘विसरनाई’

किसी भारतीय फिल्म का ऑस्कर पाने का सपना इस साल फिर टूट गया है. भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के वर्ग में ऑस्कर की दौड़ में भेजी गई तमिल फिल्म ‘विसरनाई’ पहले ही राउंड में बाहर हो गई.

ऑस्कर को दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा वाला फिल्म पुरस्कार माना जाता है जो यूं तो अमेरिकी फिल्मों के लिए होता है, लेकिन इसमें एक वर्ग विदेशी फिल्मों के लिए भी रखा जाता है. इस वर्ग के लिए विभिन्न देश हर साल अपनी एक-एक फिल्म भेजते हैं. इस साल 89वें ऑस्कर पुरस्कारों में भारत की तरफ से वेट्रीमारन निर्देशित तमिल फिल्म ‘विसरनाई’ को भेजा गया था.

ऑटो रिक्शा चालक से लेखक बने एम. चंद्रकुमार के उपन्यास ‘लॉकअप’ पर आधारित ‘विसरनाई’ पुलिस फोर्स के बीच संगठित अपराधों के बारे में है. यह पुलिस की बर्बरता को भी दर्शाती है. इस फिल्म में दिनेश, सामुथिराकानी, अजय घोष और किशोर मुख्य भूमिकाओं में हैं.

कुल 85 देशों से आईं फिल्मों को ऑस्कर अकादमी के सैंकड़ों सदस्यों ने देख कर पहले राउंड में 9 फिल्मों को चुना है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, डेनमार्क, ईरान, नॉर्वे, रूस, स्वीडन और स्विट्जरलैंड की फिल्में शामिल हैं. अब इनमें से 5 फिल्मों का नामांकन फाइनल राउंड के लिए होगा जिसकी घोषणा 24 जनवरी को की जाएगी.

उनमें से किसी एक फिल्म को 26 फरवरी को ऑस्कर की प्रतिष्ठित मूरत मिलेगी. गौरतलब है कि भारत 1957 से इस वर्ग के लिए अपनी फिल्में भेज रहा है और सिर्फ तीन बार ही कोई भारतीय फिल्म आखिरी राउंड तक पहुंच पाई. और ये फिल्में- ‘मदर इंडिया’ (1957), ‘सलाम बांबे’ (1988), ‘लगान’ (2001) भी ऑस्कर न पा सकीं.

बैंकिंग में महिलाओं की बढ़ती रूची

कुछ दशक पहले तक बैंकों से केवल पुरुषवर्ग ही जुड़ा रहता था. व्यक्ति चाहे वह व्यवसायी हो या नौकरीपेशा, अपना या अपनी फर्म का खाता बैंक में खुलवाता था तथा स्वयं ही उस का संचालन करता था. महिलाओं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की पहुंच बैंक तक थी ही नहीं और न ही उन्हें बैंक से जुड़ी किसी प्रक्रिया की जानकारी थी. आज परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है. लड़कियां और महिलाएं न केवल अपने खाते बैंकों में खुलवा रही हैं बल्कि उन्होंने बैंकिंग प्रक्रिया को समझा भी है. यही नहीं, बड़ी संख्या में महिलाएं बैंकों में नौकरी भी करने लगी हैं. जाहिर है, इन सब से महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता में वृद्घि हुई है.

पहले पुरुष ही अपने नाम से बैंकों में बचत खाते खुलवाते थे. यदि वे अपनी पत्नी या बेटी के नाम से खाते खुलवाते भी थे, तो उन का संचालन वे स्वयं ही करते थे. महिलाओं को बैंक में प्रवेश करने में शर्म व झिझक होती थी. लेकिन पिछले 10 सालों में ही बैंकों में बचत खाते खोलने वाली महिलाओं की संख्या में तीनगुना वृद्घि हुई है.

देश में 13 राज्यों में महिलाओं से जुड़े 8 मुद्दों का 114 पैमानों पर एक सर्वे हुआ, जिस में एक मुद्दा बैंक में बचत खाते से संबंधित भी है. सर्वे के मुताबिक, 2005-06 की तुलना में 2015-16 में बैंक में बचत खाता खुलवाने वाली 15 से 49 वर्ष की महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्घि हुई है. इस मामले में 82.8प्रतिशत के साथ गोवा की महिलाएं सब से आगे हैं. यदि प्रतिशत की बात करें तो इस हिसाब से सब से ज्यादा 400 प्रतिशत बढ़ोतरी मध्य प्रदेश में दर्ज की गई.

आज महिलाओं के न केवल बैंकों में खाते हैं, बल्कि वे नैटबैंकिंग या ई बैंकिंग का इस्तेमाल भी कर रही हैं. अधिकांश खातेदार महिलाओं के पास अपने एटीएम कार्ड भी हैं, जिन से वे जब चाहे अपनी जरूरतों के मुताबिक धनराशि निकाल लेती हैं.

लड़कियों में बैंकिंग के प्रति रुझान उस समय शुरू हो जाता है जब वे स्कूलकालेजों में पढ़ती हैं. तरहतरह की सरकारी छात्रवृत्ति योजनाएं तथा अन्य हितग्राही योजनाओं की राशि या तो सीधे उन के खाते में जमा होती है या फिर उन्हें चैक से भुगतान किया जाता है. दोनों ही स्थितियों में बैंकों में खाता होना जरूरी है. बड़ी हो कर जब वे किसी नौकरी या पेशे को जौइन करती हैं तो भी उन्हें नकद के बजाय बैंकों के माध्यम से खाते में ही भुगतान किया जाता है. इस कारण भी वे अपना खाता बैंक में खुलवाने लगी हैं.

कुछ दशक पहले तक महिलाओं को बैंक की पर्चियां भरना तक नहीं आता था. बात चाहे रुपए या चैक जमा करने की हो या रुपए निकालने की, पर्चियां या फौर्म भरने के लिए उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था. वे अपना अंगूठा लगाती थीं या अधिक से अधिक अपने दस्तखत कर देती थीं. लेकिन शिक्षा के प्रचारप्रसार और महिलाओं में बढ़ती जागरूकता के कारण वे बैंकिंग प्रक्रिया में माहिर हो चुकी हैं. उन्हें अब कोई मूर्ख नहीं बना सकता है.

पहले महिलाएं अपने रुपए, पैसे या गहने या तो घर की तिजोरी में रखती थीं या फिर अपने खेत या घरों में गाड़ कर छिपा देती थीं लेकिन आज वे अपने रुपएपैसे बैंक में जमा कराने लगी हैं तथा गहने बैंक लौकर में रखती हैं. उन्हें बैंक के लौकर का संचालन भी भलीभांति आने लगा है और अब वे स्वतंत्र रूप से अकेली बैंक लौकर का संचालन करती हैं.

बैंक से ऋण या कर्र्ज लेने की प्रक्रिया से भी आज की महिलाएं अनजान नहीं हैं, क्योंकि उन्हें स्वरोजगार आदि के लिए कर्ज की आवश्यकता होती है. महिलाएं अपनी बचत को मियादी जमा, आवर्ती जमा आदि में भी रखने लगी हैं. इस कारण उन्हें विभिन्न तरह के खातों से रूबरू होना पड़ता है.

आज किसी भी महिला को बैंक की दहलीज पर जाने में घबराहट नहीं होती और वे सहज रूप से बैंक में प्रवेश कर अपना आर्थिक लेनदेन कर सकती हैं. बैंकों में कार्यरत महिलाकर्मी पुरुषों से बेहतर काम करती हैं. इन सब बातों से स्पष्ट है कि आज की महिलाएं स्मार्ट ही नहीं, दबंग भी हैं.

यादगार बनायें अपना हनीमून

हमारे देश में खूबसूरत डेस्टिनेशन की भरमार है. खूबसूरती ने ही तो देश को न जाने कितने सालों तक गुलाम बनाये रखा. हर नवविवाहित जोड़ा विवाह के बाद एक दूसरे के साथ कुछ खास पल बिताना चाहता है. अगर आपकी भी शादी होने वाली है तो आप भी कुछ ऐसा ही सोच रही होंगी. आप सोच रही होंगी कि अपने हनीमून पर आप ‘हनी’ के साथ हाथों में हाथ डाले तन्हाई में प्यार के पल बितायेंगी. पर आप कहीं भी जायें भीड़ तो आपको मिलेगी ही. पर हम बता रहे हैं कुछ खास डेस्टीनेशन जहां आप सुकून से प्यार के पल बिता सकती हैं. अगर आप हनीमून से वापस आ चुकी हैं, तो दूसरे हनीमून की प्लैनिंग कर लीजिए…

1. चक्राता, उत्तराखंड

सर्दियां यानी की प्यार का मौसम. अगर आपको ठंड पसंद है तो आप यहां जरूर जायें. समुद्री तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर बसा यह हिल स्टेशन किसी जमाने में ब्रिटिश इंडियन आर्मी की छावनी थी. यहां इतिहास की झलक भी मिलेगी. तो अपने हनीमून को यादगार बनाने के लिए यहां जरूर जायें.

2. यूमथांग वैली, सिक्कीम

यूमथांग वैली को ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’ भी कहते हैं. यह सिक्किम की पूर्वी दिशा में बसा है. बाकी हिल स्टेशन की भीड़ भाड़ से दूर यहां आप अपने प्यार के साथ कुछ खास पल बिता सकती हैं. यहां आकर ‘जिरो पॉयंट’ पर जाना न भूलें. एक बार यहां आकर आपको वापस जाने का मन नहीं करेगा.

3. तारकार्ली, महाराष्ट्र

मुंबई से 546 किमी की दूरी पर है तारकार्ली. अगर आप बीच लवर हैं तो यहां की प्लैनिंग कर लीजिए. बाकी बीच के मुकाबले यहां आपको शांत बीच मिलेंगे. आप यहां वाटर स्पोर्ट्स का भी मजा ले सकती हैं. प्राइवेसी भी मिलेगी. अगर इतिहास में भी रूची है तो आप सावंतवाड़ी जरूर जायें.

4. ऐलेप्पी, केरल

इश्क लफ्जों से नहीं आंखों से बयां किया जाता है. ऐलेप्पी के शांत वातावरण में आपको एक दूजे की आंखों को पढ़ने का बहुत सारा वक्त मिलेगा.

5. कुर्ग, कर्नाटक

कर्नाटक में प्रकृति के बहुत से खजाने हैं. यहां की हसीन रोमेंटिक वादियों में आपको जिस सुकून की तलाश थी वो मिल जाएगा. साथ अगर हमसफर हो तो, फिर क्या? दुनिया को भूल जाइए और प्यार में डूब जाइए. यहां के कॉफी प्लांटेशन को देखना मत भूलिएगा.

6. स्पीति, हिमाचल प्रदेश

अगर आप सर्दियों का अच्छा उपयोग करना चाहती हैं तो स्पीति से बेहतर कोई जगह हो ही नहीं सकती. यह दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंची जगहों में से एक है. क्या पता आपको यहां स्नो लेपर्ड भी दिख जाए.

7. कोडाइकनाल, तमिलनाडू

स्विट्जरलैंड में हनीमून मनाने का आइडिया भी बूरा नहीं है. कोडाइकनाल को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है. यहां की सर्द हवायें देखकर यकीन करना मुश्किल है कि यह जगह दक्षिण भारत है. प्रकृति के बीच अगर आप हमसफर के साथ तन्हाई के कुछ पल बिताना चाहती हैं तो यहां का रूख करें.

लैला बनने के लिए सनी को मिले 4 करोड़

बहुचर्चित फिल्म ‘रईस’ के लैला गाने को लाइव परफॉर्म करने के लिए सनी लियोनी को बड़ी रकम ऑफर की गई है. सात दिसंबर को ‘रईस’ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया गया. ट्रेलर को दर्शकों ने खुब सराहा. इस ट्रेलर में सनी लियोनी की झलक भी मिली.

फिल्म में सनी फेमस गाना ‘लैला मैं लैला’ पर ठुमके लगाती नजर आएंगी. क्रिसमस और न्यू इयर फेस्टिवल को ध्यान में रखते हुए, एक सबर्ब होटेल ने सनी लियोनी को 4 करोड़ की धनराशि ऑफर की है, ताकि वह ‘लैला ओ लैला’ गाने का लाइव परफॉमेंस उनके होटेल में फेस्टिवल के दौरान दर्शकों के लिए करें.

लाइव परफॉमेंस, हर फेस्टिव पार्टी का अहम हिस्सा माना जाता है, इसलिए होटल के आयोजक चाहते हैं कि सनी लियोनी लाइव परफॉर्म करें. जब से ट्रेलर लॉन्च हुआ है तब से आयोजक इस गाने को एक हिट पार्टी सॉन्ग मानते हैं और सनी लियोनी अपने परफॉर्मेंस से दर्शकों में हिट रही हैं. अब दर्शक फिल्म के इस गाने पर झूमने को तैयार हैं. फिल्म ‘रईस’ 25 जनवरी 2017 को सिनेमाघरों में आएगी.

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