बचत के विकल्प

नौकरीपेशा मध्यवर्गीय वर्ग के परिवारों के लिए फरवरी मार्च का महीना बड़ा कष्टकारी व अग्निपरीक्षा वाला रहता है. कारण यह कि हर साल फरवरी माह में इनकम टैक्स असैसमैंट भरना होता है. इसी आधार पर फरवरी माह के वेतन से टैक्स कटौती होती है और मार्च में मिलने वाला वेतन कभीकभी आधे से भी कम होता है. काफी खर्च रुक जाते हैं, कई बार तो जरूरी आकस्मिक खर्च, जैसे बीमारी, बच्चों की फीस आदि के लिए इधरउधर मुंह ताकना पड़ता है.

आज के मध्यवर्ग को मुख्य रूप से 3 वर्गों में बांट सकते हैं. पहला, कम आय का मध्यवर्ग, दूसरा, मध्यआय वाला मध्यवर्ग जहां परिवार का मुखिया क्लास वन या टू के पद पर है और तीसरा, ज्यादा आय वाला मध्यवर्ग, जहां पतिपत्नी दोनों ही व्यावसायिक दक्षता वाले प्रोफैशनल हैं, जैसे कि सौफ्टवेयर इंजीनियर आदि. लगभग सभी परिवारों के बचत व बजट के मामले में परिस्थिति एक सी होती है कि परिवार का खर्च आमदनी से ज्यादा होता है और लगता है कि जरूरी खर्चों के लिए ही रुपए कम हैं तो बचत करने की तो बात करनी ही बेकार है.

बाजार के हालात आमदनी और खर्च को प्रभावित करते हैं. जब बाजार में महंगाई बढ़ती है तो हमारी क्रयशक्ति कम होने लगती है. परिवार में किसी सदस्य को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी या किसी के बच्चे आईटी या आईएएस की कोचिंग कर रहे हों तो ऐसी परिस्थितियां हमारे बचत करने के अवसरों को और भी कम कर देती हैं. एक कारण और है जो कि आसानी से परिलक्षित नहीं होता लेकिन बड़ा मजेदार है, कम आयवर्ग वाला मध्यवर्गीय परिवार रहनसहन और रोजमर्रा के जीवन की सुविधा के मामले में मध्य आयवर्ग वाले मध्यवर्गीय परिवार से होड़ करने की चेष्टा करता है. मध्यम आयवर्ग के परिवार ज्यादा आयवर्ग वाले परिवारों से व ज्यादा आय वाले परिवार उच्च आयवर्ग के धनी परिवारों में शुमार होने की कोशिश में लगे हैं.

यूरोप, अमेरिका आदि से भारत के परिवारों की तुलना की जाए तो यह पाया जाएगा कि वहां के लोग मौजमजे, घूमनेफिरने और आधुनिक जीवन की सुखसुविधा पर हम से ज्यादा खर्च करते हैं. भारत में निश्चितरूप से पहले की अपेक्षा आधुनिक जीवनशैली पर ज्यादा खर्च किया जा रहा है, लेकिन ज्यादातर परिवारों के पास ठोस बचत नहीं है और वे सिर्फ अपने से अमीर परिवारों की जीवनशैली की अंधाधुंध नकल करने में जुटे हैं.

खर्च व बचत में तालमेल का अभाव

भारत में पारिवारिक आमदनी, खर्च और बचत का ठीक तालमेल नहीं है. हम भौतिक सुखसुविधा, पर्यटन आदि पर खर्च करने लगें तो हमारे पास कोई बचत नहीं होगी. हम अपने आकस्मिक व जरूरी खर्चों के लिए कठोरता से बचत करते हैं तो हम को आधुनिक सुखसुविधा और घूमनेफिरने से वंचित रहना होगा. अगर हम बीच का रास्ता अपनाते हैं तो भी कई बार हमारी ऐसी स्थिति हो सकती है कि आकस्मिक जरूरी खर्च के लिए हमें कर्ज लेना पडे़. जब कभी कम उम्र के बच्चे किसी महंगी चीज की फरमाइश करते हैं तो मातापिता बुढ़ापे का हवाला दे कर कहते हैं कि कुछ बुढ़ापे के लिए बचा कर रखने दो. यह चीज जब तुम कमाओ तब लेना. जीपीएफ/इपीएफ का पैसा आदि आखिरी वक्त में मकान बनवाने व बच्चों की शादी आदि में लग जाता है.

आखिर वह जादू की कौन सी छड़ी है जिस से हम अपना जीवन हंसीखुशी, मस्ती में आधुनिक जीवनशैली का लुत्फ उठाते हुए पर्याप्त बचत के साथ जी सकते हैं.

अमेरिकी उद्योगपति वारेन बफेट कहते हैं, ‘‘आप एक ही आमदनी के भरोसे कभी न रहें. इस का छोटा सा उदाहरण मैं ने दिल्ली में पालिका बाजार के बाहर एक चाय की दुकान पर काम करने वाले लड़के में देखा. जब उस ने मुझे चाय दी और पूछा कि क्या मेरे लिए वह सिगरेट ला कर दे, मैं ने कहा कि मैं सिगरेट नहीं पीता तो उस ने कहा कि जब तक मैं चाय पिऊंगा तब तक वह मेरे जूते पौलिश करवा कर ला देगा.

‘‘इस पर मैं सहमत हो गया. इस सेवा के बदले मैं ने उसे कुछ टिप दी और उस ने पौलिश वाले से हो सकता है कुछ कमीशन भी लिया हो. कुछ लोग हो सकता है कहें कि ऐसा वे नहीं कर सकते. लेकिन मैं इस बात को जोर दे कर कहूंगा कि व्यक्ति के जीवन में अनेक विकल्प अतिरिक्त आय के होते हैं चाहे वह नौकरीपेशा ही क्यों न हो. बहुत छोटी ही क्यों न हो, अतिरिक्त आमदनी बड़ा सहारा होती है.’’

आजकल ज्यादातर मध्यवर्गीय परिवारों में पतिपत्नी दोनों काम करते हैं. कभीकभी दोनों की अच्छी नौकरी होती है या कुछ महत्त्वाकांक्षी समझदार पत्नियां घर से कुछ काम कर अतिरिक्त आय का जुगाड़ करती हैं. अगर आप की यह अतिरिक्त आमदनी निश्चित नहीं है, उदाहरण के लिए आप सिलाई कर के कुछ पैसा कमाती हैं तो आप उसे कभी खर्च न करें. उस का निवेश किसान विकासपत्र, एनएससी आदि में करें. ये छोटी राशि के भी मिल जाते हैं और इन को कभी भी पोस्टऔफिस से खरीदा जा सकता है. अगर आप थोड़े तिकड़मी हैं तो एक छोटी कार या टैक्सी का परमिट ले कर किसी ट्रैवल एजेंसी से अटैच कर सकते हैं. मतलब यह है कि कैसे भी हो, कुछ अतिरिक्त कमाई की कोशिश जरूर करें.

आम मध्यवर्गीय परिवार के जरूरी घरेलू खर्च

जैसे किसी राष्ट्र की उन्नति का अंदाजा उस की जीडीपी से लगाया जाता है वैसे ही किसी परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा उस की क्रय शक्ति से लगाया जाता है. एकल परिवार में पतिपत्नी के अलावा 2 बच्चे होते हैं. कभीकभी ऐसे परिवार के साथ परिवार का एक बुजुर्ग, जोकि अपने साथी की मृत्यु के कारण अकेला रह गया है, भी साथ में होता है. मकान किराए पर या लोन पर खरीदा है तो उस की मासिक किस्त, बच्चों के स्कूल की फीस, औफिस आनेजाने व बच्चों के स्कूल बस या आटो का किराया/पैट्रोल व्यय, वाहन जोकि लोन पर है उस की मासिक किस्त, जीवन बीमा आदि और यदि आपने कोई घरेलू इलैक्ट्रौनिक उपकरण एलसीडी टीवी या रैफ्रिजरेटर आदि लोन पर लिया है तो उस की मासिक किस्त आदि नितांत जरूरी खर्च हैं जिन का भुगतान परिवार के मुखिया को वेतन में से सब से पहले करना चाहिए.

जब गरमी की छुट्टी में बच्चे पूछते हैं कि इस बार घूमने कहां चलेंगे तो उस के लिए भी कुछ बचत करनी चाहिए. यूरोप, अमेरिका आदि में लगभग हर परिवार साल में एक बार किसी दूसरे देश जरूर पर्यटन पर जाता है. इस के लिए वे लोग शुरू से ही पैसा बचाते हैं. वहां उस राशि का उपयोग इसी कार्य के लिए किया जाता है. हम अगर दूसरे देश नहीं जा सकते तो कम से कम अपने परिवार के साथ अपने ही देश के पर्यटन स्थलों में से किसी एक को चुन सकते हैं.

आप के पास नियमित बचत के अनेक विकल्प हैं. यदि आप की अतिरिक्त आय अनियमित है तो जब भी आप के पास रुपए हों तो छोटी राशि जैसे 500 रुपए के एनएससी अपने नजदीक के पोस्टऔफिस से खरीद सकते हैं. यदि आप की नियमित आय है तो आप पोस्टऔफिस की रेकरिंग डिपौजिट में 5 वर्ष या 1 वर्ष के लिए निवेश कर सकते हैं. खासतौर पर यदि आप परिवार के साथ हर साल छुट्टियां मनाने जाना चाहते हैं तो पोस्टऔफिस के एक वर्षीय रेकरिंग में निश्चित धनराशि जमा कर सकते हैं. आप पोस्टऔफिस के एक और बचत विकल्प पीपीएफ यानी प्राइवेट प्रौविडैंट फंड, जो राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी खोला जा सकता है, में नियमित निवेश कर सकते हैं. यह नौकरीपेशा या निजी व्यवसाय में संलग्न कामकाजी महिलाओं के लिए उपयोगी है.

पीपीएफ अकाउंट है फायदेमंद

पीपीएफ अकाउंट की खास बात यह है कि वर्ष में इस में कम से कम 100 रुपए से ले कर अधिक से अधिक कितनी भी राशि जमा कराई जा सकती है. आप जब चाहें तब इस में राशि जमा करा सकते हैं. इस राशि पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है. लेकिन इस खाते से आप धनराशि पहले 3 वर्षों के बाद पहले वर्ष में कुल जमाराशि का सिर्फ 50 प्रतिशत ही निकाल सकते हैं. इस खाते का एक अन्य लाभ यह होता है कि जैसे, शासकीय प्रौविडैंट फंड से लोन लिया जाता है उसी प्रकार इस से भी आप की जमा धनराशि पर लोन लिया जा सकता है. यह खाता प्रत्येक नौकरीपेशा को नौकरी के शुरुआती दिनों में ही खोल लेना चाहिए. इस खाते की कम से कम अवधि 15 वर्ष है.

भारत में आंकड़ों के मुताबिक, 78 प्रतिशत लोग बीमार होने पर अपनी जेब या अपनी बचत का पैसा लगाते हैं. आप के परिवार के किसी सदस्य का अचानक ऐक्सीडैंट होने पर या गंभीर रूप से बीमार होने पर स्थिति भयावह हो जाती है और तब आप की बचत का सारा पैसा खर्च हो जाता है. जबकि अमेरिका में सिर्फ 14.55 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन का मैडिकल इंश्योरैंस नहीं है. इसलिए आप को अत्यंत जरूरी काम यह करना चाहिए कि आप अपने परिवार का एक मैडिकल इंश्योरैंस प्लान लें.

इस प्लान में आप अपने मातापिता को जरूर शामिल करें. इस से एक ओर जहां उन के अस्वस्थ होने पर उचित इलाज की व्यवस्था हो सकेगी वहीं दूसरी ओर सीनियर सिटीजन के लिए ली जाने वाली मैडिकल पौलिसी पर आप को इनकम टैक्स में अतिरिक्त छूट भी मिलेगी. वहीं, परिवार के मुखिया का जीवन बीमा जरूर होना चाहिए.

जीवन बीमा में आप की धनराशि पर ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है लेकिन परिवार के मुखिया की असामयिक मृत्यु होने पर परिवार के सदस्यों की मूलभूत जरूरतें आसानी से पूरी हो जाती हैं और परिवार को संभलने का मौका मिल जाता है. जीवन बीमा लेते समय ध्यान रखें कि उस में अनेक विकल्प न चुनें क्योंकि अतिरिक्त विकल्पों पर अतिरिक्त प्रीमियम राशि भरनी होती है जिसे बीमा कंपनियों की भाषा में राइडर कहते हैं.

इस के अलावा आप प्रौपर्टी, जैसे फ्लैट आदि में अपनी क्षमता अनुसार निवेश कर सकते हैं. इस के लिए नौकरी के शुरुआती 2-4 साल बाद ही कोशिश कर के फ्लैट ले लेना चाहिए क्योंकि उस समय बच्चे छोटे होते हैं और पारिवारिक जिम्मेदारियां कम होती हैं. अपने पेशे और आमदनी के अनुसार, कई परिवार शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड आदि में निवेश कर सकते हैं. परंतु इस के लिए मार्केट के उतारचढ़ाव की ठीक जानकारी होनी चाहिए वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है.        

जब करवा रहीं हो थ्रेडिंग…

चेहरे पर मेकअप के साथ-साथ सही आईब्रो का शेप आपको और भी खूबसूरत बना सकता है. इसलिए जरूरी है यह जानना कि आपके फेस पर किस तरह की आइब्रो अच्छी लगेगी. थ्रेडिंग करवाते वक्त कुछ बातों का ख्याल जरूर रखें.

– आपकी दोनों आइब्रो एक बराबर नहीं होती. इसलिए ध्यान रहे कि इन्हें एक समान बनाना बहुत जरूरी है. छोटी-बड़ी आइब्रो आपकी सुंदरता बिगाड़ सकती है.

– अगर आपकी बड़ी आंखें हैं तो आप ज्यादा मोटी आइब्रो ना रखें.

– अगर आपकी आंखें बड़ी नहीं है तो आप मोटी आइब्रो रख सकती हैं.

– आइब्रो का आखिरी टिप कभी भी आइब्रो के शुरुआती टिप से बड़ा न रखें.

– ध्यान रहे कि ब्रो होराइजन लाइन पर या थोड़ा ऊंची रखें लेकिन नीचे कभी ना रखें.

– आइब्रो ज्यादा पतली ना करें, इससे आपको मैच्योर लुक मिलेगा.

– जिस कलर की आइब्रो है उस पर उसी कलर की पेंसिल और पाउडर का इस्तेमाल करें.

मदिकेरी की यात्रा

मदिकेरी को पहले मुद्दुराजकेरी के नाम से जाना जाता था. मदिकेरी को लोग कॉफी और मसालों के लिए जानते हैं. लेकिन यहां जो एक बार चला जाता है, उसे यहां बार-बार आने का मन करता है. मैंगलोर से 3 घंटे की ड्राइव आपको कुर्ग के पास बसे एक छोटी जगह ले जाएगी. यहां पर है दक्षिण भारत का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन मदिकेरी. मदिकेरी को अपनी खूबसूरती के लिए ‘इंडिया का स्कॉटलैंड’ भी कहा जाता है.

कहते हैं कि मंजिल से खूबसूरत सफर होता है. मदिकेरी की खूबसूरती के साथ साथ यहां तक पहुंचने का रास्ता भी बहुत खूबसूरत है. समुद्र तल से 1166 मीटर की ऊंचाई पर बसे मदिकेरी को आप किसी भी मौसम में विजिट कर सकती हैं.  

यह जगह ट्रेकिंग के लिए भी फेमस है. हिल स्टेशन का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा जंगल से घिरा है. यहां से महज 80 किलोमीटर की दूरी पर है नागरहोल वाइल्डलाइफ सेंचुरी है, जहां फ्लोरा और फॉना की विविधता देखी जा सकती है. वैसे, यहां कुदरत के लुभावने नजारों की भी कमी नहीं है.

मदिकेरी किला

इस किले को 17वीं सदी में मुद्दुराजा ने बनवाया था. राजा ने किले के अंदर एक महल भी बनवाया था. टीपू सुल्तान ने इस किले को ग्रेनाइट से रेनोवेट करवाया. पूरे शहर पर इस किले की छाप नजर आती है. किले के अंदर स्थित वीरभद्र मंदिर को अंग्रेजों ने तुड़वा दिया था और इसकी जगह एंजलियन चर्च खड़ी की गई थी. फिलहाल इस चर्च की जगह एक म्यूजियम खड़ा है.

राजा की सीट

कहा जाता है कि राजा-महाराजा यहां से सूरज को उगते व डूबते देखा करते थे. इस पॉइंट को दक्षिण भारत का बेस्ट व्यू पॉइंट माना जाता है. यहां से ऊंचे पहाड़, हरी-भरी वादियां, चावल के खेत, वगैरह के जबर्दस्त नजारे दिखते हैं.

ऐबी फॉल

यह जलप्रपात एक कॉफी प्लानटेशन के बीचोबीच है. कावेरी नदी को चट्टानों के बीच से ऊंचाई से गिरते देखने का अलग ही अनुभव है. मदीकेरी से यह 7-9 किमी की दूरी पर ही है.

तलाकावेरी

यह मदीकेरी से 42 किमी की दूरी पर है. यह कावेरी नदी का उद्गम स्थल है. यहां आप बस से आसानी से पहुंच सकती हैं.

राजा का मकबरा

इन शाही मकबरों से शहर बेहद खूबसूरत नजर आता है. इन मकबरों पर की नक्काशी इस्लाम से प्रभावित है.

कब जाएं?

अक्टूबर से अप्रैल के बीच का टाइम यहां जाने के लिए बेस्ट है. इस दौरान आप बेहतरीन मौसम में जमकर घूम सकती हैं.

कैसे पहुंचे?

सड़क से: मदिकेरी कर्नाटक स्टेट हाईवे 88 पर है. मैंगलोर से 136 किमी और मैसूर से 120 किमी की दूरी पर है मदीकेरी.

रेल से: मदिकेरी के आस-पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. पर मैसूर और मैंगलोर से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.

रोड से: मैंगलोर, मैसूर और कालीकट नजदीकि एयरपोर्ट हैं.

केबीसी के साथ छोटे पर्दे पर लौट रहे हैं बिग बी

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन नए साल में गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नए सीजन में नजर आएंगे. इसका ऐलान खुद बिग बी ने सोशल मीडिया पर किया है. अमिताभ का कहना है‌ कि अगले साल 2017 में मैं ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नए सीजन में नजर आ सकता हूं.

बता दें कि ‘कौन बनेगा करोड़पति साल 2000 में शुरू किया गया था. शो इतना हिट रहा कि नए सीजन के साथ इसे लॉन्च किया जाने लगा. हालांकि शो कुछ ज्यादा ही लंबे गैप के बाद आता है, लेकिन ऑडियंस इसका बेसब्री से इंतजार करती है. इस बार भी शो नए रूप-रंग के साथ पेश किया जाएगा.

‘भाभी जी’ फेम एक्ट्रेस सौम्या टंडन ने रचाई शादी!

‘भाभी जी घर पर हैं’ की अनीता भाभी यानी सौम्या टंडन ने शादी कर ली है. खबर है कि सौम्या ने अपने ब्वॉयफ्रेंड सौरभ देवेन्द्र सिंह के साथ एक प्राइवेट सेरेमनी में शादी रचा ली है. पिछले 10 साल से दोनों रिलेशन में हैं और एक दूसरे को डेट कर रहे हैं.

इस मामले को लेकर सौम्‍या ने कहा, ‘मैं इस बारे में कोई कमेंट नहीं करना चाहती हूं. मैं अपनी निजी जिदंगी में क्‍या करती हूं इस बारे में लोगों को जानने की जरूरत नहीं है. मेरी जिंदगी आपके सवाल-जवाब का हिस्‍सा नहीं है. एक बार भी निजी जिदंगी के बारे में बात कर ली तो लोग और सवाल करेंगे. दुनिया हर मिनट की डिटेल जानना चाहती है. मैं अपनी निजी बातों को लोगों के बीच नहीं ले जाना चाहती.’

सूत्रों की मानें तो सौम्या टंडन और सौरभ देवेन्द्र सिंह तब से दोस्त हैं जब उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम भी नहीं रखा था. सौम्या को एंक्टिग के लिए सौरभ ने ही प्रेरित किया था.

बता दें कि जिम्मी शेरगिल जल्द ही भाभीजी घर पर हैं शो में एक ट्विस्ट लाने वाले हैं. इसमें वो अपने तनु वेड्स मनु के लुक में दिखेंगे. इस मशहूर कॉमेडी शो में वो अपने लिए दुल्हन ढूंढते हुए नजर आएंगे.

इस वीकेंड के स्पेशल एपिसोड में विभूति (आसिफ शेख) एक मैरिज ब्यूरो की शुरुआत करते हैं जिसमें जिम्मी दुल्हन ढूंढने के लिए पहुंचेंगे. एक्टर अपनी फिल्म तनु वेड्स मनु के राजा अवस्थी के किरदार में ही नजर आएंगे.

इस फिल्म में देखें मोदी के सपनों की झलक

देश के पीएम नरेंद्र मोदी के वैसे तो करोड़ों फैन हो गए हैं. पीएम मोदी के नाम से कई एफबी पेज, व्हाट्सएफ ग्रुप बन चुके हैं. इसी क्रम में एक और नई खबर सामने आई है. बिहार के एक फिल्ममेकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके विकास के एजेंडे पर फिल्म बनाई है. फिल्ममेकर और को-डायरेक्टर सुरेश झा ने बताया कि 2 घंटे और 15 मिनट की फिल्म ‘मोदी का गांव’ की शूटिंग पूरी हो चुकी है और इसका पोस्ट-प्रोडक्शन जारी है. अगले साल जल्द ही यह फिल्म प्रदर्शित की जाएगी.

बायोपिक फिल्म नहीं

सुरेश झा निर्देशित और निर्मित फिल्म मोदी का गांव जल्द रिलीज होगी. इस बारे में फिल्म निर्देशक सुरेश झा का कहना है कि यह बायोपिक फिल्म नहीं है. झा ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि नरेंद्र मोदी की भूमिका मुंबई के व्यापारी और मोदी के हमशक्ल विकास महांते ने निभाई है.

मेगा प्रीमियर की तैयारी

बता दें कि मध्यम बजट की इस फिल्म में टेलीविजन अभिनेता चंद्रमणि एम. और जेबा. ए अन्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नजर आएंगे. फिल्म की कहानी के बारे में झा ने बताया कि जेबा बिहार में एक भीषण बाढ़ में बह जाती है, लेकिन उसे एक एनजीओ द्वारा बचाया गया और अध्ययन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका भेजा गया.

जानकारी के अनुसार निर्माता निर्देशक इसके मेगा प्रीमियर की तैयारी में हैं. झा ने बताया कि फिल्म की व्यापक रूप से शूटिंग पटना, दरभंगा और मुंबई में हुई. ‘मोदी का गांव’ में संगीतकार मनोजानंद चौधरी ने सात गीत दिए हैं. यह फिल्म तुषार ए. गोयल द्वारा सह-निर्देशित है.

शूटिंग पूरी, पोस्ट-प्रोडक्शन जारी

सुरेश झा ने बताया कि 2 घंटे और 15 मिनट की फिल्म ‘मोदी का गांव’ की शूटिंग पूरी हो चुकी है. पोस्ट-प्रोडक्शन चरण में है. फिल्म कुछ महीने के भीतर सिनेमाघरों में हिट होने की उम्मीद है.

शाहरुख की राज ठाकरे से मुलाकात के मायने

रविवार, 11 दिसंबर की रात राजनैतिक दल ‘महाराष्ट्र नव निर्माण’ सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के मुंबई में उनके निवास स्थान ‘कृष्ण भुवन’ जाकर शाहरुख खान की मुलाकात ने एक नया बवंडर खड़ा कर दिया है. यूं तो शाहरुख खान ने राज ठाकरे से मुलाकात को लेकर चुप्पी साध रखी है. उन्होंने पत्रकारों से इस मुलाकात को लेकर कुछ भी नहीं कहा. मगर जैसे ही मीडिया में खबर फैली कि शाहरुख खान रात के अंधेरे में राज ठाकरे से मिलने उनके घर पहुंचे हैं, वैसे ही मीडिया और बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हो गई कि शाहरुख खान अपनी 25 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘रईस’ को सही सलामत प्रदर्शित करवाने में सफल होने के लिए राज ठाकरे के सामने घुटने टेकने गए हैं.

राज ठाकरे के घर के अंदर शाहरुख खान और राज ठाकरे के बीच क्या बात हुई, इस पर शाहरुख खान ने भले ही चुप्पी साध ली हो, मगर अपने घर से शाहरूख खान के विदा लेते ही राज ठाकरे ने मीडिया को बता दिया कि शाहरुख खान उनके पास अपनी फिल्म ‘रईस’ की पाकिस्तानी हीरोईन माहिरा खान को लेकर सफाई देने आए थे.

राज ठाकरे ने मीडिया से कहा, ‘‘शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ 25 जनवरी को रिलीज होने वाली है. पिछले कुछ समय से खबरें फैली हुई हैं कि फिल्म ‘रईस’ में अभिनय कर चुकी पाकिस्तानी अदाकारा माहिरा खान अब फिल्म का प्रचार करने के लिए भारत आ रही हैं. शाहरुख खान इसी बात पर सफाई देने आए थे. शाहरुख खान ने हमसे कहा है माहिरा खान भारत नहीं आएंगी और भविष्य में वह किसी भी पाकिस्तानी कलाकार के साथ काम नही करेंगे.’’

उड़ी पर आतंकवादी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ विरोध का माहौल बना हुआ है. राज ठाकरे की पार्टी ‘मनसे’ ने पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ  विरोध का झंडा बुलंद करते हुए ऐलान कर रखा है कि उनकी पार्टी उन फिल्मों को प्रदर्शित नहीं होने देगी, जिन फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों ने अभिनय किया है. इसके बाद करण जोहर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देंवेन्द्र फड़नवीस की मौजूदगी में राज ठाकरे के साथ मिलकर समझौता किया था कि निर्माता ‘आर्मी वेलफेअर फंड’ में 5 करोड़ रूपए देगा और वह भविष्य में किसी भी पाकिस्तानी कलाकार को अपनी फिल्म का हिस्सा नही बनाएंगे. उसके बाद करण जोहर अपनी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को प्रदर्शित कर पाए थे. फिल्म ने बाक्स आफिस पर अच्छा व्यापार किया. पर बौलीवुड से जुड़ा हर शख्स व मीडिया का मानना है कि यदि पाकिस्तान कलाकार फवाद खान के इस फिल्म में होने की वजह से फिल्म विवादों में न आती, तो इस फिल्म को इतनी सफलता मिलना मुश्किल था.

बहरहाल, करण जोहर का अपनी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को रिलीज करने के लिए यह समझौता फरहान अख्तर को रास नही आया. फरहान अख्तर ने खुले आम घोषणा की कि वह अपनी कंपनी ‘‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’’ की फिल्म ‘‘रईस’’, जिसमें शाहरुख खान व माहिरा खान की मुख्य भूमिका है, को  प्रदर्शित करेंगे, मगर वह‘आर्मी वेलफेयर फंड’ में पांच करोड़ रूपए नहीं देंगे. उस वक्त फरहान अख्तर ने बयान दिया था-‘‘करण जोहर ने अपनी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को प्रदर्शित करने के लिए जो समझौता किया है, वह गलत परंपरा है.‘आर्मी वेलफेअर फंड’ में पांच करोड़ देने का सवाल ही नहीं उठता, जब खुद वह इस तरह की रकम लेने से इंकार कर चुके हों.’’

इतना ही नहीं उसी वक्त फरहान अख्तर ने कहा था-‘‘हम टैक्स देते हैं. हमारी सुरक्षा सरकार का दायित्व है. फिल्म रिलीज हो सके, यह सरकार का दायित्व है.’’ उस वक्त बौलीवुड के बहुत बड़े तबके ने फरहान अख्तर की पीठ ठपठपायी थी. मगर तब ‘‘सरिता’’ पत्रिका ने 30 अक्टूबर को लिखा था कि,‘‘ क्या अडिग रहेंगे फरहान?’’ 

लेकिन रात के अंधेरे में जिस तरह फिल्म ‘रईस’ के मुख्य अभिनेता शाहरुख खान ने राज ठाकरे के घर जाकर उनसे मुलाकात की और पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा को लेकर सफाई दी, उससे यह बात साफ तौर पर जाहिर होती है कि फरहान अख्तर ने राज ठाकरे के सामने अप्रत्यक्ष रूप से घुटने टेक दिए..बालीवुड में इस बात पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि शाहरुख खान ने राज ठाकरे से वार्ता करने के लिए रात का अंधेरा ही क्यों चुना?

बरहहाल, शाहरुख खान के इस कदम से यह बात साफ हो जाती है कि बौलीवुड से जुड़ा हर शख्स हमेशाराजनैतिक पार्टियों के सामने नतमस्तक रहता है.

तो वहीं बौलीवुड का एक तबका यह मानता है कि राज ठाकरे से इस तरह मुलाकात के पीछे शाहरुख खान का मकसद अपनी फिल्म ‘रईस’ को विवादों में लाना है, जिसका फायदा वह बाक्स आफिस पर उठाना चाहते हैं. इसके अलावा उन्हे ‘काबिल’ का डर भी सता रहा है. इसलिए भी वह ऐन केन प्रकारेण ‘रईस’ को सुर्खियों में रखना चाहते हैं. पर शाहरुख खान यह भूल गए कि इससे फरहान अख्तर की कथनी और करनी का अंतर भी लोंगों की समझ में तो आएगा ही.

दारा सिंह बनना चाहते हैं अक्की

बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक का ट्रेंड चल रहा है. एथलीट मिल्खा सिंह, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, सरबजीत और पहलवान महावीर सिंह फोगट की बायोपिक के बाद दर्शकों को सचिन तेंदुलकर और अब्दुल कलाम की बायोपिक का इंतिजार है.

दर्शक वास्तविक किरदारों की जीवनी पर आधारित इन फिल्मों को काफी पसंद कर रहे हैं. बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने दिग्गज पहलवान और अभिनेता दारा सिंह का किरदार निभाने की इच्छा जाहिर की है. दिवंगत अभिनेता दारा सिंह के जीवन पर आधारित किताब ‘दीदारा अक्का दारा सिंह’ के विमोचन के अवसर पर मौजूद अक्षय ने यह इच्छा जाहिर की.

अक्षय ने कहा कि अगर कभी दारा सिंह के जीवन पर फिल्म बनती है, तो वह इसमें उनका किरदार निभाना चाहेंगे. उन्होंने कहा, ‘अगर बिंदू (दारा सिंह के बेटे) मुझसे कहते हैं, तो मैं दारा सिंह का किरदार निभाना चाहूंगा.’

अक्षय ने कहा, ‘वह (दारा सिंह) लंबी-चौड़ी कद काठी के इंसान थे और उनकी इस छवि को पाने के लिए मुझे दो साल तक अभ्यास की जरूरत है.’ आपको बता दें कि 2012 में दारा सिंह का निधन हो गया था.

नेल पेंट लगाने के बाद कभी ना करें ये काम

नेल पेंट खरीदना और लगाना लड़कियों को बहुत पसंद होता है. भले ही नेल पेंट को हर रोज न लगा पाएं लेकिन वीकेंड में नेल पेंट लगाना हर लड़की पसंद करती है.

अगर नेल पेंट लगाते ही आपकी नेल पॉलिश कुछ ही देर बाद खराब हो जाती है तो जानिए नेल पेंट को टिकाए रखने के कुछ आसान टिप्‍स.

नेल पेंट लगाने के बाद तुरंत बाद उस पर पानी नहीं डालें

अगर आपको लगाता है कि नेल पेंट सुखाने में सिर्फ पांच मिनट लगते हैं तो ऐसा नहीं है. नेल पेंट लगाने के तुरंत बाद नाखून पर पानी डालने और नहाने से बचें.

किचन के काम न करें

नेल पेंट लगाने के बाद किचन के काम जैसे, सब्‍जी काटना, बर्तन धुलना या खाना बनाना आदि करने से बचें. नेल पेंट तुरंत तो सूखता नहीं है इसलिए जब भी नेल पेंट लगाएं तो ध्‍यान रखें कि आपको उसके तुरंत बाद कोई काम न करना हो.

कपड़े न धोने लगें

नेल पेंट लगाने के तुरंत बाद कभी भी करड़े ना धोएं.

तुरंत बिस्‍तर में न जाएं

नेल पेंट लगाने के बाद तुरंत सोने मत चली जाएं. अगर आप बिस्‍तर में लेट गई और आपके नाखून तकिए या चादर में उलझ गए तो आपका नेल पेंट बिगड़ सकता है.

रैड राइस कोकोनट पुडिंग

सामग्री

1-1/2 कप पके हुए रैड राइस

1/2 कप कोकोनट मिल्क

1/2 कप दूध

1/2 कप ब्राउन शुगर

वैनिला ऐक्सट्रैक्ट की कुछ बूंदें

3-4 काफिर लाइम लीव्स कटे

1/2 छोटा चम्मच रोजवाटर

आधा आम छिलका निकला कटा हुआ

1/2 छोटा चम्मच नीबू का रस.

विधि

एक पैन में कोकोनट मिल्क और दूध को गरम कर के इस में रैड राइस डालें. अब इस में ब्राउन शुगर, वैनिला ऐक्सट्रैक्ट, काफिर लाइम लीव्स व नीबू का रस मिला कर दूध के सूख जाने तक पकाएं.

आंच से उतारने से पहले इस में रोजवाटर मिला दें. आम के टुकड़ों से सजा कर गरमगरम या ठंडा सर्व करें.

व्यंजन सहयोग

शैफ रनवीर बरार

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