अब पाइल्स नहीं करेगा परेशान

पाइल्स या हेमोराइड्स प्रत्येक उम्र के लोगों की निजी समस्या है. यह पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से पाई जाती है. यह एक दर्दनाक स्थिति होती है जिसमें गुदाद्वार के आसपास की नसों में सूजन और जलन होती है. इसके कारण बहुत अधिक दर्द होता है, विशेष रूप से मलत्याग करते समय तकलीफ अधिक होती है. कुछ मामलों में मलत्याग करते समय ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है.

पाइल्स में कभी कभी सूजन और खुजली भी होती है जिसके कारण असुविधा महसूस होती है. कई मामलों में आंतरिक ब्लीडिंग होती है. कभी-कभी इस समस्या का प्राकृतिक उपचार किया जा सकता है परन्तु अधिक गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है.

अधिकांश लोग इस समस्या के उपचार के लिए डॉक्टर के पास जाने से कतराते हैं क्योंकि वे इसे शर्मनाक मानते हैं. यही कारण है कि लोग घर पर ही इसका उपचार कर लेते हैं. लोगों को इस विषय पर संशय होता है कि पाइल्स का घर पर उचित तरीके से उपचार किस प्रकार किया जाए.

जो भी उपचार आप घर पर करें वह पाइल्स का जड़ से इलाज करे केवल उसके लक्षणों का नहीं. अधिकांश मामलों में लोग प्रासंगिक इलाज करना पसंद करते हैं क्योंकि इससे जल्द आराम मिलता है.

यहां ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में बताया जा रहा है.  

– पीड़ित प्रभावित जगह पर क्रीम लगा लेते हैं जिस से तुरंत आराम मिलता है. हालांकि यह आराम बहुत कम समय के लिए होता है तथा कई बार क्रीम लगाने पर भी समस्या वैसी ही बनी रहती है.

– दूसरा तरीका यह है कि एक टब में गर्म पानी भरें तथा इसमें सेंधा नमक डालें. इससे सूजन और खुजली से आराम मिलता है. बारी बारी से ठन्डे और गर्म पानी में बैठने से आराम मिलता है.

– मल त्याग करते समय पैरों को स्टूल का सहारा दें जिस से आप मल त्याग आसानी से कर पायें.

– कसरत और योग से रक्त परिसंचरण में सुधार आता है और पाचन भी अच्छे से होता है. इससे उस जगह को ठीक होने में सहायता मिलती है.

– इसके अलावा अपने नाखूनों को छोटा रखें तथा उस जगह पर खुजलायें नहीं क्योंकि ऐसा करने से संक्रमण हो सकता है.

– टॉयलेट की सीट पर अधिक समय तक न बैठें और जोर न लगायें. हमेशा ध्यान रखें कि मल त्याग को टालें नहीं.

– हमेशा सूती इनरवियर ही पहनें.

यदि आप ऊपर बताई गई सावधानियां और उपचार अपनाएंगे तो आप घर पर ही पाइल्स का प्राकृतिक तरीके से उपचार कर पायेंगे. हालांकि यदि समस्या निरंतर बनी रहती है तो अच्छा होगा कि डॉक्टर की सलाह ली जाए.

शादी से पहले ही पापा बने तुषार !

जी हां, यह बिल्कुल सच है. अभिनेता तुषार कपूर शादी से पहले ही एक बच्चे के पिता बन गए हैं और ऐसा भी नहीं है कि उन्होंने बच्चे को गोद लिया है. यह तुषार कपूर का अपना बच्चा है, दरअसल आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल कर सरोगेसी के जरिए उन्हें पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. शायद तुषार पहले अभिनेता हैं, जो शादी से पहले पिता बने हैं.

तुषार ने अपने बेटे का नाम लक्ष्य रख है और अपनी जिंदगी में वो इस नए रोल को लेकर काफी एक्साइटेड हैं.

मुंबई के जसलोक अस्पताल में डॉक्टर फिरुजा पारिख की देखरेख में तुषार के बच्चे का जन्म हुआ. उन्होंने सेलेब्रिटी होते हुए तुषार के इस फैसले को साहसिक बताया है.

अपनी फैमिली में आए इस नए नन्हे मेहमान के बारे में तुषार ने बताया , ‘मैं पिता बनकर बहुत उत्साहित हूं. एक पिता बनने की इच्छा पिछले काफी लम्बे समय से मेरे दिल में हिलोरें मार रही थी. लक्ष्य आज मेरी जिंदगी में खुशी की सबसे बड़ी वजह है. ऊपरवाले के रहम से और जसलोक में उम्दा मेडिकल टीम की बदौलत सिंगल लोग भी पैरेंटहुड का विकल्प चुन सकते हैं.’

तुषार के पिता बनने से उनके पिता जितेंद्र और मां शोभा कपूर भी बेहद खुश हैं. आखिरकार यह उनका पहला पोता जो है.

जितेंद्र और शोभा भी पूरी तरह से तुषार के फैसले के सपोर्ट में हैं. उनके मुताबिक, तुषार एक बहुत ही होनहार बेटे हैं और उन्होंने यह साबित भी कर दिखाया है. साथ ही दोनों ने यह उम्मीद जताई कि तुषार भी एक अच्छे पिता बनकर दिखाएंगे.

आपको बता दें कि इससे पहले आमिर खान और शाहरुख खान भी सरोगेसी और आईवीएफ तकनीक से पिता बन चुके हैं, मगर दोनों ने शादी के बाद यह फैसला लिया था.

आलिया चली हॉलीवुड

बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट अब हॉलीवुड फिल्म में काम करना चाहती है. आलिया ने कहा कि वह दुनियाभर में काम करना चाहती हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनकी अगली जगह हॉलीवुड होगी.

आलिया ने कहा ‘मैं हर तरह की फिल्म करना चाहती हूं. लंदन मेरा अगला गंतव्य है, क्योंकि मैं वहां छुटटियों के लिए जा रही हूं. जल्द ही हॉलीवुड मेरा अगला गंतव्य है.’

आलिया ने 2012 में आई फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी. हाल ही में आलिया की फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ प्रदर्शित हुई है. बता दें कि बॉलीवुड की दो बेहतरीन एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा भी हॉलीवुड में डेब्यू कर चुकी हैं.

अक्की ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड!

अक्षय कुमार हमेशा से ऐसे अभिनेता में शुमार रहे हैं, जिनका नंबर वन की दौड़ से कभी कोई वास्ता नहीं रहा. बस उन्हें अपने काम से मतलब रहा और दर्शक उन्हें ऐसे ही हाथों-हाथ लेते रहे. वहीं फिल्मकार भी उन्हें मुंहमांगी कीमत देते रहे.

अब वो एक बार फिर अपनी फीस को लेकर चर्चा में हैं. खबर है कि अक्षय ने हाल ही में एक नई फिल्म साइन की है और कितने में की है यह जानकर आप जरूर दंग में रह जाएंगे. अक्षय ने यह फिल्म 56 करोड़ रुपए में साइन की है.

दिव्या खोसला कुमार ने अपनी फिल्म के लिए उन्हें इतनी भारी-भरकम रकम दी है. इससे पहले दिव्या की दो निर्देशित फिल्में ‘यारियां’ और ‘सनम रे’ बॉक्स ऑफिस पर ठीक-ठाक कमाई करने में कामयाब रही हैं.

ऐसे में अक्षय की वजह से उनकी इस तीसरी फिल्म से दर्शकों को कुछ ज्यादा ही उम्मीदें होंगी. इस फिल्म से जुड़े एक करीबी सूत्र के मुताबिक, अक्षय और दिव्या ने स्क्रिप्ट पर चर्चा कर ली है और अक्षय ने करीब 56 करोड़ रुपए की भारी-भरकम कीमत लेकर काम करने के लिए हामी भर दी है.

आपको बता दें कि हालांकि अक्षय ने इस बात की पुष्टि नहीं की है. मगर ऐसा है तो उन्होंने फीस के मामले में अपनी ही एक फिल्म का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि अक्षय ‘जॉली एलएलबी 2’ में नजर आएंगे और उन्होंने इसके लिए फीस के तौर पर 42 करोड़ रुपए लिए हैं. जबकि आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि इस पूरी फिल्म का बजट ही 62 करोड़ रुपए का है.

यानि आधी से ज्यादा की कीमत खुद अक्षय वसूल रहे हैं. दरअसल, अक्षय इस वक्त अपने कॅरियर के काफी अच्छे दौर से गुजर रहे हैं. ‘एयरलिफ्ट’ के बाद आई उनकी फिल्म ‘हाउसफुल 3’ भी बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छी कमाई करने में कामयाब रही हैं.

शाहिद-फरहान हुए गधे पर सवार

बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर और फरहान अख्‍तर एक अलग ही अंदाज में आईफा 2016 में शामिल हुए जिसकी किसी ने उम्‍मीद भी न की होगी. दिलचस्‍प बात यह है कि दोनों लग्‍जरी कार छोड़कर ‘स्‍पेनिश गधे’ में सवार होकर समारोह में पहुंचे. दोनों के साथ स्‍पेनिश डांसर्स और म्‍यूजिशियन भी मौजूद थे.

आईफा की एक शाम शाहिद और फरहान ने भी होस्ट की. इस दौरान फरहान और शाहिद ने ‘राजू’ और ‘पप्पू’ का किरदार निभाया.

आपको बता दें कि इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स (आईफा) इस साल मैड्रिड में आयोजित किया गया है. इस आयोजन का यह सत्रहवां साल है. इस बार 150 फिल्म सेलेब्रिटीज और 20 हजार से ज्यादा फैन्स की मौजूदगी में यह आयोजन हुआ.

जरा रो भी लीजिए…

जिस तरह हंसना हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है, वैसे ही कभी-कभी रोना भी हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जब हम इमोशनली 5 से 6 मिनट तक रोते हैं तो हमारी बॉडी से कुछ ऐसे हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं जिनका हेल्थ पर अच्छा असर पड़ता है. इससे हार्ट डिजीज, ब्लड प्रेशर जैसी खतरनाक बीमारियों की आशंका कम होती है.

आज हम बता रहे हैं रोने से हेल्थ को होने वाले 7 फायदों के बारे में.

1.स्ट्रेस कम होता है

जब हम फीलिंग्स के साथ रोते हैं तो बॉडी से कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होता है. इससे आपका स्ट्रेस कम होता है और आप रिलेक्सद फील करते हैं.

2.वेस्ट बाहर निकलते हैं

इमोशनली रोने पर आंखों से टॉक्सिनस (खराब केमिकेल्स) रिलीज होने लगते हैं. इस तरह आपकी बॉडी से हार्मफुल केमिकल्स निकल जायेंगे.

3.बैक्टीरिया खत्म होते हैं

रोते वक्त आंखों से लाइसोजाइम नामक तत्व निकलता है. यह बाहर से आंखों में आने वाले बैक्टीरिया को 10 मिनट में 90 से 95 प्रतिशत तक खत्म करता है.

4.आंखें साफ होती हैं

लेक्रिमल ग्लैंड आंसु बनाता है. जब ये निकलते हैं तो आंखों को साफ करते हैं. ये मेमब्रेन को सूखने नहीं देते हैं जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है.

5.मूड इनहेंस करता है

रोने से डिप्रेशन कम होता है, जिससे आपका बिगड़ा मूड भी सही हो जाएगा और आप फ्रेश फिल करेंगे.

6.ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है

आंसू निकलने से स्ट्रेस लेवल कम होता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है.

7.सिरदर्द कम करता है

इमोशनली रोने से एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोपिक और ल्यूसीन जैसे हॉर्मोन निकलते हैं जिससे अच्छी फीलिंग आती है और सिरदर्द कम होता है.

चलिए घूम आयें पाकिस्तान…

पाकिस्तान का नाम आते ही हमारे जेहन में सिर्फ दहशतगर्द और एक अशांत देश ही आता है. चंद लोगों के कारण दहशत और खौफ की धरती बन चुके पाकिस्तान में भी ऐसी काफी सारी खूबसूरत जगहें हैं जहां पर जाकर आपको जन्नत जैसे खूबसूरत नजारों से रूबरू होंगे.

ये हैं पाकिस्तान के कुछ खूबसूरत नजारें

सुक्कुर

सुक्कुर पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. यह सिन्धु नदी के पश्चिमी किनारे पर है. इसके चारों ओर ऐतिहासिक संरचनायें और संतो की कब्रें बनी हुई हैं. साथ ही यहां पर अधिक मात्रा में आपको आकर्षित करने वाली मस्जिदें भी हैं.

थार रेगिस्तान

भारत के उत्तर पश्चिम में तथा पाकिस्तान के दक्षिण पूर्व में है. यह रेगिस्तान बहुत ही लम्बा और चौड़ा है. यहां के जीव, पेड़-पौधे दूसरें देशों से बिल्कुल अलग है. यह घूमने की बहुत खूबसूरत जगह है.

मोहन जोदड़ो

सिंधी में इसका मतलब होता है ‘मुर्दों का टीला’. इस दुनिया का सबसे पुराना नियोजित और उत्कृष्ट शहर माना जाता है. यह पाकिस्तान का सबसे बड़े शहर कराची से 580 किमी की दूरी पर है. इस घाटी का इतिहास 5000 हजार साल पुराना है.

मुल्तान

मुल्तान पाकिस्तान के पंजाब सूबे में है. यह पाकिस्तान का छठा सबसे बड़ा शहर है. यह शहर पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण शहर है जिसे संतों का शहर कहा जाता है.

लाहौर

पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है और कराची के बाद यह दूसरा सबसे बड़ी आबादी वाला शहर है. इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. यहां पर हर साल भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं.

ग्वादर

यह क्वेटा के बाद बलूचिस्तान प्रांत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यह एक समुद्र तट है जो तेजी से विकसित हो रहा है. इस शहर में अधिक मात्रा में पर्वत भी है. आने वाले समय में यह शहर बंदरगाह के साथ व्यापार का एक मुख्य केन्द्र होगा.

भुरबन

पाकिस्तान के मुरी की झिका गली से 20 मिनट की दूरी पर है भुरबन. पर्यटको को आकर्षित करने की सबसे बड़ी वजह है यहा की प्राकृतिक सुंदरता और 10 किमी में फैला हुआ गोल्फ कोर्स. यहां पर आपको ठहरने के लिए होटल भी मिल जाएगें.

शोगरन

समुद्र तल से 2400 मीटर की ऊंचाई पर है शोगरन. यह हनीमून और अपनी वीकेंड बीताने के लिए सबसे अच्छी जगह है. यहां कघन घाटी का सबसे ऊंचा पर्वत है. साथ ही मल्का-ए-पर्वत की छाया सैफ-उल- मलूक झील पर एक जादुई प्रभाव पैदा करती है.

गोल्ड में निवेश के ये हैं फायदे और नुकसान

निवेश के अलावा हमारे देश में लोगों का सोने के प्रति भावनात्मक लगाव भी है. यही कारण है कि दुनिया में सोने की कुल डिमांड में भारत और चीन की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा है और भारत दुनिया का सबसे ज्यादा गोल्ड कंज्युम करने वाला देश है.

आपके निवेश पोर्टफोलियो में सोने की जगह को भी विशेषज्ञ उतना ही जरूरी मानते हैं जितना नकदी या बैंक की एफडी को क्योंकि गोल्ड में निवेश जोखिम रहित माना जाता है. अब सवाल यह खड़ा होता है जब गोल्ड निवेश के लिए एक आकर्षक विकल्प है तो इसमें निवेश किस माध्यम से किया जाए. मसलन, ऑनलाइन गोल्ड ईटीएफ की मदद से या सोने के सिस्के या छड़ खरीद के? सोने के गहने खरीदना समझदारी का सौदा है या गोल्ड बॉण्ड में पैसा लगाना?

आप इन तरीकों से सोने में निवेश कर सकते हैं

1. सोने के गहने खरीदना

सोने के गहने खरीदना निवेश का सबसे पुराना तरीका है. इस विकल्प में गोल्ड की कीमत उसके डिजाइन पर निर्भर करती है ऐसा इसलिए क्योंकि डिजाइन के हिसाब से मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस जोड़े जाते हैं. लेकिन ध्यान रहे जब इन्हीं गहनों को आप बाजार में वापस बेचने जाते हैं तब ज्वैलर मेकिग चार्जेस और वेस्टेज को काटकर पैसे देता है.

इसके फायदे-

– इसको खरीदना बेहद आसान है.

– आप इसे कभी भी पहनकर कहीं भी जा सकते हैं.

– अपको आसानी से बेचा भी जा सकता है और साथ ही इसकी अवज में लोन भी लिया जा सकता है.

इसके नुकसान-

– इसको संभालकर रखना कठिन काम है.

– अगर आप बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको लॉकर चार्जेस का भुगतान करना होगा.

– मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस आपके गोल्ड की कीमत घटा देते हैं.

– इसकी शुद्धता पर हमेशा संदेह रहता है.

2. सोने की छड़ या सिक्के

सोने के छड़ और सिक्कों की मदद से आप भविष्य में ज्वैलरी बनवा सकते हैं. बैंक और ज्वैलरी शॉप से इन्हे खरीदा जा सकता है. इसकी शुद्धता ज्वैलरी की तुलना में ज्यादा होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मेकिंग व वेस्टेज चार्जेस शामिल नहीं होते हैं. आम तौर पर यह 5 ग्राम, 10 ग्राम और 50 ग्राम में उपलब्ध होते हैं.

इसके फायदे-

– इसकी शुद्धता ज्वैलरी से ज्यादा होती है.

– इसे गिफ्ट भी कर सकते हैं.

– इसे खरीदना भी आसान है.

इसके नुकसान-

– बैंक केवल इसे बेचते है, खरीदते नहीं. इसे खरीदने के लिए ज्वैलरी शॉप पर जाना पड़ता है.

– इसको ज्वैलरी में तबदील कराने के लिए आपको पैसे देने होंगे.

– यह हमेशा बाजार से कम कीमत पर बिकता है.

3. गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स)

भारत में गोल्ड में ऑनलाइन निवेश करने का एक विकल्प है गोल्ड ईटीएफ. इसे खरीदने और बेचने के लिए डीमैट एकाउंट अनिवार्य है. इसे खरीदने के लिए न्यूनतम मात्रा 1 ग्राम है. यह शेयर बाजार से शेयर खरीदने की तरह है. इसे खरीदने में केवल ब्रोकर और डीमैट एकाउंट के चार्जेस लगते है.

इसके फायदे-

– यह गोल्ड में निवेश करने का सबसे सुरक्षित विकल्प है.

– इस तरह से लंबे समय के लिए गोल्ड इकट्ठा कर सकते हैं.

– यह विनियमित (रेग्युलेटेड) बाजार है.

– इसमें किसी भी तरह के मेकिंग और वेस्टेज चार्जेस नहीं लगते.

– इसकी शुद्धता उच्चतम स्तर पर होती है.

– इसके जरिए अपने गोल्ड में किए गए निवेश को ट्रैक करना आसान है.

इसके नुकसान-

कंपनी की ओर से समय-समय पर लगने वाले चार्जेस जैसे कि फंड चार्जेस और डीमैट चार्जेस लगाए जाते हैं. घर में रखे गोल्ड की तुलना में ईटीएफ गोल्ड को बेचना एक मुश्किल काम है.

4. गोल्ड फंड्स (म्युचुअल फंड्स)

यह गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए म्युचुअल फंड्स होते हैं. इसका फायदा यह है कि इसमें न्यूनतम निवेश 1000 रुपए का होता है. इसके लिए डीमैट एकाउंट की जरूरत नहीं होती. तो इस तरह गोल्ड म्युचुअल फंड्स में निवेश करना भारत में ऑनलाइन गोल्ड में निवेश करने के बराबर होता है

इसके फायदे-

– इसमें किसी भी डीमैट एकाउंट की जरूरत नहीं है.

– इसमें न्यूनतम 500 रुपए महीना भी जमा कराया जा सकता है.

– इसमें ऑनलाइन निवेश किया जाता है.

– लिक्विडिटी इसमें मुद्दा नहीं होता.

– मंथली एसआईपी के भी विकल्प का चयन किया जा सकता है.

इसके नुकसान-

यह फंड ऑफ फंड होता है. इसकी कीमत गोल्ड ईटीएफ से ज्यादा होती है क्योंकि इसमें गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड दोनों की कीमतों को जोड़ा जाता है.

5. सॉवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम-

इस स्कीम को गोल्ड की फिजिकल डिमांड को कम करने के लिए लॉन्च किया गया था. इसमें खरीदारी बॉन्ड्स के रूप में होती है. कीमतों में उतार चढ़ाव के हिसाब से निवेश पर ब्याज दिया जाता है. इस स्कीम के अंतर्गत बॉन्ड्स को बैंक/ एनबीएफसी / पोस्ट ऑफिस/ नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) एजेंट्स के जरिए खरीदा या बेचा जा सकता है. भारत में गोल्ड में निवेश करने का यह एक और माध्यम है.

इसके फायदे-

– इसको सुरक्षित रखने में कोई दिक्कत नहीं होती.

– इसमें निवेश करने पर 1 से 2 फीसदी का ब्याज मिलता है.

– ब्याज के साथ साथ गोल्ड की कीमतों में तेजी और मंदी से भी फायदा मिलेगा.

– इसमें डीमैट और ईटीएफ जैसे कोई चार्जेस नहीं लगाए जाते.

– यह भारत सरकार की ओर से दी गई सॉवरन गारंटी है.

इसके नुकसान-

– इसमें निवेश से पहले एक बार सोचे कि इसमें निवेश करना कितना योग्य है. ऐसा इसलिए क्योंकि गोल्ड डेट प्रोडक्ट्स की तरह रिटर्न देता है.

– केवाइसी की मांग उन लोगों के लिए एक दिक्कत हो सकती है जो फिजिकल गोल्ड खरीदते वक्त केवाइसी जरूरी नहीं समझते.

– यह एक सरकारी बॉन्ड है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा सकारात्मक रिटर्न्स देगा.

‘डिड यू नो’ कावेरी ने गाना गाया

कावेरी ने अपना नया एकल गीत ‘डिड यू नो’ लॉन्च किया है.

सुपरस्टार शाहरुख खान ‘कभी हां कभी ना’ की अपनी सह-कलाकार सुचित्रा कृष्णमूर्ति और फिल्म निर्माता शेखर कपूर की बेटी कावेरी के पहले गाने से काफी प्रभावित हुए हैं. कावेरी ने अपना पहला एकल गाना ‘डिड यू नो’ जारी किया.

 शाहरुख ने ट्विटर पर सुचित्रा को लिखा, ‘हमारे बच्चे कैसे बड़े हो गए. आप ने मेरे साथ अपने कॅरियर की शुरुआत की थी, है ना? यह विशेष है. उसे आशीर्वाद.’ शाहरुख ने इसके बाद शेखर को लिखा, ‘कितने भाग्यशाली पिता हैं. माशाल्लाह वह बहुत खूबसूरत है.’

एक्टर ऋतिक रोशन और अभिषेक बच्चन के अलावा गायक शान और सोनू निगम ने भी कावेरी की प्रशंसा की. कावेरी अभी महज 15 साल की हैं और इतनी कम उम्र में वह खुद ही गाना लिखती भी हैं और गाती भी हैं.

निर्देशक शेखर कपूर का कहना है कि उनकी 15 साल की बेटी कावेरी अपने गीत खुद लिखती हैं और गाती भी हैं, जिसे देखकर उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं.

‘बुधिया सिंह-बॉर्न टू रन’ का ट्रेलर रिलीज

फिल्म ‘बुधिया सिंह-बॉर्न टू रन’ का ट्रेलर जारी हो गया है. यह फिल्म दुनिया के सबसे कम उम्र के मैराथन रनर की जिंदगी पर आधारित है. फिल्म में अभिनेता मनोज बाजपेयी मुख्य भूमिका में हैं.

सौमेंद्र पाधी द्वारा निर्देशित यह फिल्म पांच अगस्त को रिलीज होने वाली है. बाल कलाकार मास्टर मयूर, ने बुधिया सिंह की मुख्य भूमिका निभाई है.

सौमेंद्र पाधी के मुताबिक, बुधिया सिंह जैसे अनोखे लड़के की कहानी को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए बड़े पर्दे से बेहतर कोई माध्यम नहीं था. लेकिन ऐसी उम्दा प्रतिभा को न पहचान पाने के लिए सरकार और हमारा समाज दोनों ही जिम्मदार हैं.’

बुधिया सिंह ने 48 मैराथन में हिस्सा लिया, इनमें से एक भुवनेश्वर से पुरी तक का था. बुधिया ने महज पांच साल की उम्र में यह कारनाम कर दिखाया था. इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया. बुधिया सिंह पर पहले डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है.

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