वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के बढ़ते क्रेज ने जाने-अनजाने ट्रैवल के ट्रेन्ड को भी बढ़ाने का काम किया है. लेकिन वहीं कुछ लोग अपने वेकेशंस को फोन और नेट से दूर शांति से एन्जॉय करने में बिलीव करते हैं.
चांगलांग, अरुणाचल प्रदेश
नॉर्थ ईस्ट की ये अलग सी जगह आजकल टूरिस्ट्स के नेट फ्री वेकेशन की लिस्ट में टॉप पर है. नेचुरल ब्यूटी से घिरी इस जगह में गर्मियों के दौरान बहुत सारे टूरिस्ट देखे जा सकते हैं. रोड ट्रिप प्लान करके आप चांगलांग की खूबसूरती को बेहतर तरीके से एन्जॉय कर सकते हैं.
घूमने के लिए यहां लेक नो रिर्टन, हेल पास(Hell’s Pass’s) जैसी कई सारी जगहें हैं.
जाने का सही समय– अप्रैल से अक्टूबर
कैसे पहुंचें
हवाई सफर- डिब्रूगढ़, असम एयरपोर्ट से चांगलांग की दूरी महज 136 किमी है.
रेल- तिनसुकिया रेलवे स्टेशन यहां पहुचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है.
रोड- डिब्रूगढ़ से 140 किमी, तिनसुकिया से 95 किमी और मार्गरिटा से 44 किमी का सफर तय करके यहां तक पहुंचा जा सकता है.
खीरगंगा, हिमाचल प्रदेश
शहर के भीड़भाड़ से दूर खीरगंगा, हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची जगहों में से एक है जहां तक आप ट्रैकिंग करके भी पहुंच सकते हैं. ऊपरी छोर पर पहुंचकर आपको कई सारे खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे. चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और उनके बीच गर्म पानी के झरने, सफर के थकान को मिटाने का काम करते हैं. ऑफिस, फ्रेंड्स और फैमिली के फोनकॉल्स से दूर रहना चाहते हैं तो खीरगंगा आने का प्लान करें.
जाने का सही समय– मई से नवंबर
कैसे पहुंचें–
हवाई सफर- खीरगंगा का सबसे निकटतम एयरपोर्ट पंतनगर है जो लगभग 235 किमी दूर है. जहां से आप टैक्सी और बस भी ले सकते हैं.
रेल- खीरगंगा के सबसे पास का रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो महज 198 किमी दूर है. यहां से बस और टेक्सी लेकर बारशैनी पहुंचा जा सकता है जो खीरगंगा से 11 किमी दूर है.
रोड- खीरगंगा तक पहुंचने के लिए बारशैनी तक बस की सुविधा भी मिलती है.
आइस किंगडम, जंसकार, जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर को भारत का स्वर्ग कहा जाता है और यहां घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं. लेकिन यहां का आइस किंगडम, एक ऐसी जगह है जहां की नेचुरल ब्यूटी आपको अपनी ओर खींचती है. चारों और फैली बर्फ आपको फिल्म आइस एज की याद दिला सकती है. सबसे अच्छी बात कि आपको यहां परेशान करने वाले फोन कॉल्स और मैसेज से भी राहत मिलेगी मतलब छुट्टियों को पूरा एन्जॉय कर सकते हैं.
जाने का सही समय– अप्रैल से अगस्त
कैसे पहुंचे
हवाई सफर- जंसकार का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट लेह है जो जम्मू-कश्मीर, श्रीनगर और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ता है. एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर आराम से यहां तक पहुंचा जा सकता है.
रेल- जम्मू तक की रेल सुविधा जंसकार पहुंचने के लिए लेनी होती है और यहां से बस मिलती है.
रोड- जम्मू-कश्मीर से रोजाना लेह और कारगिल तक के लिए बसें चलती हैं जो सुरु और जंसकार वैली तक पहुंचने के लिए बेस्ट हैं. इसके अलावा मोटरसाइकिल और टैक्सी हायर करके भी यहां तक पहुंच सकते हैं.
चिटकुल, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश का चिटकुल, भारत-तिब्बत के बॉर्डर पर बसा अकेला गांव. शोर-गुल, भीड़-भाड़, फोन कॉल्स से दूर यहां जाकर बहुत ही सुकून भरा वेकेशन बिताया जा सकता है. यहां की खुबसूरती, चारों ओर फैली वादियां आपको अट्रैक्ट करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगी.
जाने का सही समय– मार्च से अक्टूबर
कैसे पहुंचे- हिमाचल के लिए कई बसें, रेल की सुविधाएं लगभग रोजाना और हर समय अवेलेबल रहती हैं.
लंगथुंग-धुपीधारा, सिक्किम
सिक्किम की ज्यादातर जगहें बर्फ से ढ़की और टूरिस्ट्स से भरी मिलेंगी लेकिन लंगथंग-धुपीधारा जाना बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां से कंचनजंगा की ऊंची-ऊंची, बर्फ से ढ़की चोटियों को देख सकते हैं और लगभग पूरा सिक्किम भी यहां से साफ नजर आता है. अगर आप किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहां कोई आपको परेशान न कर सके तो यहां जाने की प्लानिंग बेस्ट रहेगी.
जाने का सही समय– जनवरी से अप्रैल तक यहां चारों ओर बर्फ रहती है. मई से जुलाई यहां बारिश होती है. अगस्त से सितंबर बेस्ट होता है यहां जाने के लिए.
कैसे पहुंचे
हवाई सफर- यहां कोई एयरपोर्ट नहीं है. गंगटोक से 124 किमी दूर पश्चिम बंगाल के बागडोरा में एयरपोर्ट है. जहां से पूरे 5 घंटे लगते हैं यहां तक पहुंचने के लिए. वैसे बागडोरा से गंगटोक तक हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिलती है.
रेल- न्यू जलपाईगुड़ी यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है.
रोड- सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग इन जगहों से टैक्सी लेकर यहां तक पहुंचा जा सकता है.
अगुंबे, कर्नाटक
अगुंबे को किंग कोबरा का घर कहा जाता है. यूनेस्को ने इसे अपने वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया हुआ है. उन लोगों को ये जगह बहुत पसंद आएगी जो मोबाइल, ऑफिस से कुछ दिनों का ब्रेक लेना चाहते हैं.
जाने का सही समय– जनवरी से फरवरी और अक्टूबर से दिसंबर अच्छा मौसम रहेगा.
कैसे पहुंचे
हवाई सफर- मैंगलोर एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है. जहां से दिनभर टैक्सी और ऑटोरिक्शा मिलते हैं.
रेल- शिमोगा रेलवे स्टेशन की दूरी 90 किमी और उडुपी की 55 किमी है. दोनों ही जगहों से अगुंबे के लिए टैक्सी मिलती है.
रोड- बेंगलुरु से यहां कई सारी बसें डायरेक्ट अगुंबे के लिए चलती हैं.
स्वर्गारोहिणी, उत्तराखंड
इस चोटी से कई नदियां निकलती हैं. जिनमें सिन्धु, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और यांगत्सी बड़ी नदियां शामिल हैं. ऊपर बादल और नीचे साफ मैदान एक अलग ही सुकून का अहसास दिलाते हैं. जहां आप सुकून भरे पल बिता सकते हैं.
जाने का सही समय– अप्रैल से अक्टूबर तक
कैसे पहुचें– उत्तराखंड पहुंचकर यहां से टैक्सी और बस की सुविधा ली जा सकती है.