फैशन में शर्ट ड्रैस

शर्ट ड्रैस इन दिनों फैशन में है. हौट और ऐलिगैंट लुक पाने में यह ड्रैस खासी मददगार साबित होती है. मार्केट भी इन दिनों शर्ट व टीशर्ट ड्रैस के न्यू फैशन ट्रैंड से गुलजार है. इस ड्रैस के साथ सही ऐक्सैसरीज का चयन कर इस का आकर्षण और बढ़ाया जा सकता है. वार्डरोब के किसी कोने में पड़ी शर्ट ड्रैस गरमियां शुरू होते ही फिर से फैशन में आ चुकी है. कुछ लड़कियां इन्हें जीन्स के साथ पहनना पसंद करती हैं, तो कुछ लौगिंग्स के साथ कैरी करती हैं. अच्छी बात यह है कि इन्हें पहनने के लिए किसी खास मौके की जरूरत नहीं होती. यानी इन्हें कहीं भी किसी भी मौके पर पहना जा सकता है. शर्ट ड्रैस नाम भले ही सुनने में अजीब लगे, लेकिन इस का लुक बहुत अट्रैक्टिव होता है. शर्ट ड्रैस में ऊपर से नीचे तक शर्ट की तरह बटन लगे होते हैं, इसलिए इसे शर्ट ड्रैस कहा जाता है. यह विदाउट कौलर या विद कौलर हो सकती है. यह थाई व नी 2 तरह की लैंथ में उपलब्ध है. इस में अटैचमैंट के लिए बैल्ट भी होती है. अपने सौफ्ट मैटेरियल के कारण यह बेहद कंफर्टेबल होती है.

गरमियों के लिए डार्क ब्लू, यैलो, मैंगो, पिंक, सैल्मन, ओल्ड रोज, माइल्ड ग्रीन, वाइट जैसे शेड्स बाजार में उपलब्ध हैं. ये शेड्स फ्रैश, लाइट व सूदिंग फीलिंग देते हैं. अगर आप इस ड्रैस को कैरी करने के बारे में सोच रही हैं, तो इसे कौटन या लायक्रा फैब्रिक में सौलिड कलर्स में ट्राई करें. इस में सिंगल कलर के साथ कंट्रास कलर की प्रिंटिंग भी की जाती है. फ्लोरल प्रिंट, चैक्स के साथ ही प्लेन डिजाइन में भी यह मिलती है. शर्ट ड्रैसेज कई तरह के फैब्रिक में मिल जाएंगी, लेकिन कौटन व सिल्क में ये ज्यादा पसंद की जा रही हैं.

ढेरों हैं डिजाइन

वैसे तो इस में कई तरह के डिजाइन आते हैं, लेकिन बैल्ट लगी शर्ट ड्रैस गरमी में ज्यादा पसंद की जा रही है. इस के कौलर और स्लीव में बटन होते हैं. ड्रैस के कलर से डार्क या कंट्रास्ट बैल्ट इस ड्रैस को आकर्षक बनाती है. सफारी डिजाइन में चेन बैल्ट होती है. आगे 4 जेबें और कफ में बड़े साइज के बटन लगे होते हैं. यह लाइट कलर्स जैसे, बेबी पिंक, क्रीम, लैमन आदि में पसंद की जा रही है. जी स्टार बैल्टेड शर्ट लाइटवेट फैब्रिक में होती है. इस में आगे से आधे तक बटन और नीचे की साइड में ट्विन जेबें लगी होती हैं. इस के अलावा जर्जी स्टाइल की ड्रैस मल्टीकलर व प्रिंट में आती है. इस में चेन बैल्ट लगी होती है और कफ में बटन होते हैं. लंबी कौलर वाली शर्ट के साथ बैल्ट बेहद ग्लैमरस लगती है. अगर लैंथ लंबी है यानी अगर वह थाइज तक है, तो इसे स्किनी जीन्स व शूज के साथ पहनें. लायक्रा फैब्रिक से तैयार टीशर्ट ड्रैस जीन्स या लौगिंग्स के साथ कैरी कर पार्टीवेयर के तौर पर भी पहनी जा सकती है. इस की सब से बड़ी खासीयत यह है कि यह बौडी को अच्छा शेप देती है, जिस से पर्सनैलिटी और निखर जाती है. अगर आप मेकअप व कौस्मैटिक्स के साथ ही इस सीजन की ड्रैसेज में भी कुछ चेंज चाहती हैं, तो शर्ट ड्रैस का ट्रैंड फौलो कर सकती हैं. यह ड्रैस कैरी करने में आसान व आरामदायक है और बौडी को एक अच्छा शेप देने के साथसाथ अच्छा लुक भी देती है. 

अजहरुद्दीन की पहली बेगम बनेंगी प्राची

काफी समय से फिल्मों से गायब रहने वालीं प्राची देसाई फिल्म ‘अजहर’ में क्रिक्रेटर अजहरुद्दीन की पहली बेगम नौरीन का किरदार निभा रही हैं. बालाजी मोशन के बैनर तले बनने वाली इस फिल्म में इमरान हाशमी अजहरुद्दीन का रोल करेंगे, तो नरगिस फाखरी संगीता बिजलानी वाला किरदार निभाएंगी. प्राची को अपनी भूमिका काफी चुनौतीपूर्ण लग रही है. वे कहती हैं कि  जिस किरदार (नौरीन) की भूमिका मुझे दी गई है उस के बारे में कोई ज्यादा नहीं जानता. अजहरुद्दीन और संगीता को सब जानते हैं पर नौरीन के बारे में पहली बार सभी को मालूम होगा. इस फिल्म की टीम ने लंदन में शूटिंग शुरू कर दी है और प्राची शूटिंग के लिए टीम के पास पहुंचने को ले कर उत्साहित हैं.

झींगा 65

सामग्री

50 ग्राम झींगा साफ की हुई

2 प्याज बारीक कटे हुए

3 कलियां लहसुन बारीक कटी हुई

1 इंच अदरक का टुकड़ा और 3 हरीमिर्चों का पेस्ट

11/2 छोटे चम्मच लालमिर्च पाउडर   

1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर  

1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

1/2 छोटा चम्मच सौंफ पाउडर

2 बड़े चम्मच नारियल कद्दूकस किया हुआ

1 बड़ा चम्मच नीबू रस

15-20 करीपत्ते

1/2 बड़े चम्मच औयल, नमक स्वादानुसार.

विधि

झींगा में अदरक व हरीमिर्च का पेस्ट, लालमिर्च पाउडर, हलदी पाउडर, नीबू रस और नमक मिला कर 10 मिनट रखा रखें. अब झींगा में 1/4 कप पानी डाल कर उबालें और धीमी आंच पर 7-8 मिनट तक पकाएं. आंच बंद कर दें. अब कड़ाही में तेल गरम करें. लहसुन को 1/2 मिनट हलका तलें. अब प्याज और करीपत्ते डाल कर प्याज के हलका भूरा होने तक फ्राई करें. फिर झींगा, सौंफ पाउडर व धनिया पाउडर मिला कर 3 मिनट चलाते हुए फ्राई करें. अब नारियल मिला कर आंच बंद कर दें. गरमगरम चावलों और टमाटर की चटनी के साथ परोसें.

पहली फिल्म सलमान के साथ

ऐसा कम ही होता है कि जब कोई टीवी ऐक्ट्रैस बौलीवुड में डैब्यू करे और उसे किसी सुपरस्टार के साथ काम करने को मिल जाए. छोटे परदे की अभिनेत्री शिवशक्ति सचदेव के साथ ऐसा ही हुआ है. शिवशक्ति सचदेव, जो आजकल स्टार प्लस के सीरियल ‘दीया और बाती हम’ में दिख रही हैं, लेकिन अब उन के हाथ लगने वाला है यशराज फिल्म्स का जैकपौट. सुनने में आ रहा है कि वे यशराज फिल्म्स के नए प्रोजैक्ट से डैब्यू करेंगी जिस में कोई सुपरस्टार होगा. हाल ही में यह खबर भी आई कि सलमान खान स्टारर ‘सुलतान’ में एक नई हीरोइन होगी. कहीं सलमान के साथ शिवशक्ति फिल्म ‘सुलतान’ में ही तो नहीं आ रहीं? अभी  घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन समझा जा रहा है कि शिवशक्ति ही सलमान के साथ होंगी.

कौमेडी नाइट्स को बचाओ

जल्दी ही इस महीने के अंत तक कलर्स चैनल पर एक नया शो आने वाला है ‘कौमेडी नाइट्स को बचाओ’. यह शो काफी हद तक विवादास्पद शो ‘एआईबी रोस्ट’ की तर्ज पर बनाया गया है. इस शो में कृष्णा, अभिषेक, सुदेश लहरी, भारती सिंह, पूजा बोस, करण वाही और सारा खान को कास्ट कर लिया गया है. शो से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इस में कौमेडियंस और टीवी ऐक्टर्स की 10 जोडि़यां होंगी. ये लोग आने वाले मेहमान सेलेब्स को होस्ट करेंगे जिन में बौलीवुड के लोग भी होंगे.

बौबी को मिला बौयफ्रैंड

छोटे परदे की ऐक्ट्रैस बौबी डार्लिंग की जिंदगी में कोई नया आ गया है. मतलब बौबी यानी पंकज शर्मा को नया बौयफ्रैंड अंकित शर्मा मिल गया है. दोनों ने खुल्लमखुल्ला अपने प्यार को स्वीकार भी किया है. अंकित ने कहा कि मुझे यह बताने में कोई शर्म नहीं है कि मैं उस से प्यार करता हूं. बौबी ने कहा कि अंकित के एक रूममेट के जरीए हमारी मुलाकात हुई. उस के बाद से ही हमने एकदूसरे को मैसेज भेजना शुरू कर दिया और एक दिन वे मेरे घर बुके ले कर आ गए. मुझे बहुत अच्छा लगा. अंकित ने मुझे कहा कि उन्हें मेरा काम बहुत पसंद है. एक के बाद एक चीजें होती गईं और हम ने एकदूसरे को डेट करना शुरू कर दिया.

बनेंगी मौनी नागिन

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कस्तूरी’, ‘जुनून: ऐसी नफरत तो कैसा इश्क’ के अलावा कई सीरियल्स में अभिनय कर चुकीं मौनी अब एकता कपूर के धारावाहिक ‘नागिन’ में नागिन का किरदार निभाएंगी. एकता का यह धारावाहिक कलर्स टैलीविजन पर ‘ससुराल शिमर का शो’ की जगह रिप्लेस किया जाएगा. मौनी अपने किरदार को ले कर काफी रोमांचित हैं. उन का कहना है कि मुझे हमेशा कुछ अलग करने में मजा ही आता है.और मुझे लगता है कि मेरे नागिन के किरदार को दर्शक खूब पसंद करेंगे.

पहली बार दिल का टूटना भी खास होता है : आलिया भट्ट

मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट और अभिनेत्री सोनी राजदान की बेटी आलिया भट्ट की बतौर अभिनेत्री अभी तक 4 फिल्में ही रिलीज हुई हैं, मगर वे हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं. वे अपने पिता की ही तरह बिंदास हैं. उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि लोग उन के बारे में क्या कह रहे हैं. अब वे अंगरेजी के नए चैनल ‘कलर्स इनफीनिटी’ के साथ क्यूरेटर के रूप में जुड़ी हैं. करण जौहर सह क्यूरेटर हैं.

आलिया से हुई गुफ्तगू के कुछ खास अंश पेश हैं:

आप आज अपने कैरियर को किस मुकाम पर पाती हैं?

मुझे लगता है कि ‘स्टूडैंट औफ द ईयर’ से ले कर अब तक मेरा कैरियर महज 3 साल पुराना है. लेकिन इतने कम समय में मैं ने काफी कुछ पा लिया है. मेरी अब तक 4 फिल्में रिलीज हुई हैं और हर फिल्म में मेरे अभिनय का अलग रंग दर्शकों को नजर आया. फिलहाल मुझे फिल्म ‘शानदार’ के रिलीज होने का इंतजार है.

आप ने पहली बार फिल्म ‘शानदार’ में बिकनी पहनी है?

हां, पर आप फिल्म देखिएगा, कहीं कुछ भी अश्लील नजर नहीं आएगा. फिल्म में मैं ने शाहिद कपूर के साथ बहुत डांस किया है.

कुछ अरसा पहले आप ने अपनी मां सोनी राजदान के साथ एक ब्यूटी ब्रैंड के लिए विज्ञापन फिल्म की शूटिंग की?

हां, मां के साथ विज्ञापन फिल्म की शूटिंग करना मेरे लिए काफी उत्साहजनक रहा. निर्देशक चाहते थे कि हम जिस तरह से अपने घर में रहते हैं, उसी तरह से इस की शूटिंग करें. हम निजी जीवन में आपस में जिस तरह से बात करते हैं, उसी तरह से इस विज्ञापन फिल्म में भी बात करते नजर आएं. दीपिका पादुकोण ने भी अपनी मां के साथ इस तरह का एक विज्ञापन किया है, जो मुझे बहुत अच्छा लगा. लेकिन मैं नहीं चाहती कि लोग दीपिका के इस विज्ञापन की तुलना मेरे विज्ञापन से करें. दोनों विज्ञापनों में काफी अंतर है. दीपिका का विज्ञापन बहुत इमोशनल है, जबकि मेरे विज्ञापन में फन है.

पर अभिनय को ले कर दीपिका से तुलना?

ऐसा भी नहीं होना चाहिए. दीपिका मेरे से ज्यादा मैच्योर कलाकार हैं. मैं उन से काफी छोटी हूं. मेरा कैरियर तो अभी शुरू हुआ है.

कई अभिनेत्रियां अब अभिनय के साथ गाने भी लगी हैं. आप भी कुछ ऐसा करने वाली हैं?

हां, मैं भी गाना चाहती हूं बशर्ते गाना अच्छा हो और मुझ पर ही फिल्माया जाए.

किसी किरदार को निभाने में कलाकार का अपना वातावरण कितना प्रभाव डालता है?

बहुत ज्यादा प्रभाव डालता है. यदि मैं अंबाला से हूं, तो अंबाला की लड़की का किरदार निभाते समय मेरी चालढाल आदि में काफी फर्क आ जाएगा और परदे पर किरदार काफी यथार्थपरक नजर आएगा. यदि मैं मुंबई की लड़की हूं और अंबाला की लड़की का किरदार निभा रही हूं, तो चालढाल अलग होगी. फिल्म ‘हाईवे’ की शूटिंग के दौरान मैं पंजाब के फरीदकोट सहित कई शहरों व गांवों में गई थी. तभी तो जब मैं ने फिल्म ‘हंप्टी शर्मा की दुलहनिया’ में अंबाला की लड़की का किरदार निभाया, तो मेरे लिए बहुत आसानी हुई. मेरा मानना है कि 2 किरदार एकजैसे कभी नहीं हो सकते.

किसी किरदार को निभाने में लुक का बदलाव कितनी मदद करता है?

बहुत ज्यादा मदद करता है. इसी वजह से हमारे मेकअपमैन और कौस्ट्यूम डिजाइनर का काम काफी महत्त्वपूर्ण और कठिन होता है, क्योंकि उन्हें फिल्म के किरदार व उस किरदार को निभा रहे कलाकार के व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए सारी चीजें तय करनी पड़ती हैं जैसे कि फिल्म ‘2 स्टेट्स’ में मैं दक्षिण भारतीय लड़की थी, तो उस में गजरा, बिंदी, साड़ी ये सब महत्त्वपूर्ण था. फिल्म ‘हंप्टी शर्मा की दुलहनिया’ में पंजाबी लड़की बनी थी, तो पंजाबी लहंगा, कुरता, दुपट्टा आदि महत्त्वपूर्ण रहा.

आप ने कई फिल्मों में रोमांटिक किरदार निभाए हैं. रोमांस को ले कर आप का अपना क्या आइडिया है?

मेरा रोमांस फिल्मी है. घर में अपना पाजामा पहन कर बैठना और फ्रैंड्स टीवी शो के सारे ऐपिसोड देखना मेरे रोमांस का हिस्सा है. मेरी राय में हर लड़की और लड़के का पहला प्यार खास होता है और पहली बार दिल का टूटना भी खास होता है.

वर्तमान पीढ़ी जो आप की हमउम्र है, कहा जाता है कि उस का प्यार कौफीडे तक ही सीमित रह जाता है?

यह तो निजी पसंद का मसला है. हर युवक या युवती उम्र के अनुसार खुद को सैटल करने के बारे में सोचती है और उम्र व अनुभव के अनुसार सोच में थोड़ाबहुत बदलाव भी आता है. उस वक्त यदि वह प्यार में पड़ने के बजाय अपने काम पर ध्यान दे तो ज्यादा बेहतर रहता है.

ट्विटर पर क्या लिखना पसंद करती हैं?

मैं अपने बारे में बहुत कम लिखती हूं. अपने प्रशंसकों से बातचीत करती हूं. चैटिंग करती हूं. मुझे अपने प्रशंसकों के सवालों के जवाब देना अच्छा लगता है. प्रशंसक बहुत कुछ जानना चाहते हैं. इस वजह से दर्शकों के साथ हमारा एक रिश्ता बन जाता है. ट्विटर बहुत उपयोगी माध्यम है.

युवा पीढ़ी को क्या सलाह देना चाहेंगी?

मेरी राय में हर लड़की को खुद से प्यार करना चाहिए, अपने सम्मान को बनाए रखना चाहिए और हर लड़के को ईमानदार, मेहनती, मृदुभाषी और दूसरों की मदद करने वाला होना चाहिए.

10 साल बाद खुद को किस मुकाम पर देखना चाहेंगी?

मैं योजना बनाने या गुणाभाग में यकीन नहीं करती. मैं हमेशा रचनात्मक काम करना पसंद करती हूं. मुझे उम्मीद है कि 10 साल बाद भी मेरे प्रशंसक व दर्शक मुझे फिल्मों में अभिनय करते देखना पसंद करेंगे.

यदि आप की परवरिश फिल्मी पृष्ठभूमि में न हुई होती तो भी क्या आप अभिनेत्री होतीं?

मैं बचपन से ही अभिनेत्री बनना चाहती थी. 4 साल की उम्र में ही मैं ने अभिनेत्री बनने का निर्णय ले लिया था. मैं बचपन में अपने कमरे में बैठ कर गोविंदा और करिश्मा कपूर को बगीचे में नृत्य करते देख खुश होती थी. मैं अपने नानानानी के लिए परफौर्म करती थी. मैं नृत्य करती थी और वे तालियां बजाते थे. जन्मदिन और क्रिसमस की पार्टियों में भी मैं परफौर्म करती थी. इस सब से पता चलता है कि मैं बचपन से ही अभिनेत्री बनना चाहती थी. 

कहीं आप प्लास्टिक चावल तो नहीं खा रहे

देश भर के फुटकर किराना दुकानदारों को इन दिनों नियमित और अनियमित दोनों तरह के ग्राहकों के इस सवाल के जवाब पर सफाई देना मुश्किल हो रहा है कि कहीं इस चावल में चाइना का प्लास्टिक वाला चावल तो नहीं मिला है? सुना सभी ने है कि आजकल चावल में मिलावट हो रही है पर वह कृत्रिम रूप से बने प्लास्टिक के चावल की है, इस से उपभोक्ताओं में दहशत फैली हुई है और वे अब चावल जांचपरख कर खरीद रहे हैं. लेकिन इस के बावजूद वे आशंकित हैं कि इस में कहीं वह नया जानलेवा प्लास्टिक चावल न मिला हो.

मैगी में सीसे की मिलावट और प्रतिबंध के बाद आम लोग मिलावट को ले कर संभले भी नहीं थे कि नई खबर चाइनीज चावल की आ गई कि देश भर में इस की मिलावट हो रही है. इसे चावल में मिला कर बेचा जा रहा है, क्योंकि यह कृत्रिम चावल हूबहू असली चावल जैसा ही है जिस की जांच कर पाना आसान काम नहीं. गृहिणियां चावल देख कर पका रही हैं, लेकिन उन्हें भी नहीं मालूम कि यह चाइनीज प्लास्टिक चावल क्या बला है और इस की पहचान क्या है. बीती 8 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट में एक अधिवक्ता सुग्रीव दुबे ने एक याचिका दायर की थी, जिस में दावा किया गया था कि देश भर में असली चावल में चीन से आयातित चावल मिला कर बेचा जा रहा है. इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की पीठ ने सुनवाई की. अगली तारीख हालांकि 20 अगस्त तय की है, लेकिन तब से ले कर अब तक खासा हड़कंप भारतीय बाजार में मच चुका है और लोग चावल और विक्रेता दोनों को शक की निगाह से देखने लगे हैं.

सुग्रीव दुबे की मांग है कि देश भर में दालचावल और फलों के थोक व्यापारियों के यहां छापे मार कर उन के नमूने लिए जाएं, जिस से लोगों की सेहत पर मंडरा रहे मिलावट के खतरे को दूर किया जा सके. फलों व सब्जियों की कृत्रिम रंगाई और प्रतिबंधित कीटनाशकों की मौजूदगी के मुद्दे के साथ चीन के चावल के मसले को भी प्रमुखता से उठाया गया है, जिस में खास बात यह है कि आम लोग इस और असली चावल में फर्क नहीं कर सकते. चाइनीज चावल की बिक्री की खबरें हालांकि अभी दक्षिण भारत और गुजरात से ज्यादा आ रही हैं, लेकिन शेष देश इस से अछूता होगा, इस की कोई गारंटी नहीं. वजह, चीन के इस चावल की पहुंच और खपत इंडोनेशिया, सिंगापुर, कोरिया, मलयेशिया और वियतनाम तक है.

ऐसे बनता है चाइनीज चावल

लोगों को हैरानी इस बात की भी है कि आखिर प्लास्टिक का चावल बनाया कैसे जा सकता है? दरअसल, चीन के शांगसी राज्य में आलू, शलगम और प्लास्टिक को मिला कर इस चावल को बनाया जाता है. फिर इस में रेजिन यानी सरेस या राल और धूना की मिलावट की जाती है. रेजिन पेड़ से निकलने वाला एक तरह का हाइड्रोकार्बन द्रव है, जिस का इस्तेमाल औद्योगिक तौर पर गुब्बारे और प्लास्टिक की दूसरी चीजें बनाने में किया जाता है. इन चीजों के मिश्रण को मशीनों की मदद से चावल का आकार इस तरह दिया जाता है कि वह असली चावल सरीखा दिखने लगता है. 2010 तक यह हैरतअंगेज आविष्कार चीन तक ही सिमटा रहा, लेकिन फिर धीरेधीरे इस का निर्यात भी शुरू हो गया तो कई देश हैरान हैं कि अब क्या करें? जुलाई, 2010 में चीन के ही एक प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स ने खुलासा किया था कि चीन बूचांग नामक महंगे किस्म के चावलों की जगह नकली चावल बना रहा है. खबर में नकली सामान बनाने के चीन के इतिहास और आदत का हवाला देते हुए चेतावनी दी गई थी कि यह चावल अगर 25 ग्राम भी खा लिया जाए तो समझिए प्लास्टिक की एक थैली पेट में चली गई. हमारे देश में चीन से भारी तादाद में चावल आयात होता है. ऐसे में सुग्रीव दुबे जैसे लोगों की चिंता जायज है. अदालत जो भी फैसला या आदेश दे पर सावधान आम उपभोक्ताओं को ही रहना पड़ेगा कि वे प्लास्टिक के इस चाइनीज चावल से खुद को बचा कर रखें.

ऐसे पहचानें

खुशबू से चावल के असलीनकली होने का फर्क किया जा सकता है. प्लास्टिक वाला चावल कतई नहीं महकता, उलटे उस की मिलावट असली चावल में ज्यादा तादाद में होगी तो चावल पकने पर प्लास्टिक जैसी गंध आएगी. पकते समय सूंघ कर इसे पहचाना जा सकता है. पहचान का दूसरा तरीका चावल को थोड़ा उबाल फैला कर रखने का है. दबाने पर असली चावल दब जाएगा, जबकि नकली नहीं दबेगा. चावल के मांड़ से भी प्लास्टिक वाले चाइनीज चावल की मिलावट पकड़ी जा सकती है. अगर असली चावल में प्लास्टिक वाला चावल मिला है, तो उस का मांड़ भी चखने पर कड़वा लगेगा और गंध भी प्लास्टिक जैसी देगा. 

नारियल पेड़ का रस नीरा

नारियलपेड़ के फूलों के गुच्छे से जो रस निकलता है वही नीरा है. इस में अल्कोहल की मात्रा बिलकुल नहीं होती और यह अत्यंत पौष्टिक व स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. यह आयरन से भरपूर और ऊर्जादायी भी है. कुल मिला कर यह ताजगी, चुस्तीफुरती और नवजीवन प्रदान करने वाला पेय है. इस की खूबी यह है कि यह वसा और कोलैस्ट्रौल से मुक्त है. इस का ग्लाइसिमिक इंडैक्स मात्र 35 है, जो अधिकांश फलों और सब्जियों की तुलना में बहुत कम है. इस से रक्त में शर्करा के स्तर पर इस का प्रभाव बहुत कम होता है, इसलिए यह मधुमेह रोगियों, मधुमेह की पूर्वावस्था वालों और उन के लिए जो खून में शर्करा की मात्रा निश्चित स्तर के पार होने से बचना चाहते हैं, सही है. नीरा जरूरी विटामिन बी12 सहित सभी विटामिनों से भरपूर है. इस में पाए जाने वाले विटामिनों में इनोसिटोल (विटामिन बी8) सब से अधिक पाया जाता है, जो स्वास्थ्यपूर्ण कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है. यह बेचैनी तथा डिप्रैशन के लिए भी फायदेमंद है. इस में अल्प मात्रा में विटामिन बी12 पाया जाता है, जो दूसरे पेड़पौधों में बिलकुल नहीं पाया जाता. ये सारे बी विटामिन कोशिकीय चयापचय क्रिया में सहायक होते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं. इस में फास्फोरस, पोटैशियम, नाइट्रोजन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कौपर, जिंक, कैल्सियम और सोडियम आदि खनिज भी होते हैं.

कैसे निकलती है नारियल पेड़ से नीरा

नीरा निकालने के लिए नारियल के बंद फूलों के गुच्छों को बांध कर तैयार किया जाता है. इस के बाद फूलों की नोक काटी जाती है. फिर उन से टपकने वाली नीरा इकट्ठी की जाती है. दरअसल, बंद फूलों की नोक काटने पर उस कटाव की फ्लोयम कोशिका से टपकने वाले रस को नीरा के रूप में इकट्ठा किया जाता है. तंदुरुस्त नारियल पेड़ों के हरेक पत्ते के कक्ष में नियमित रूप से फूलों का गुच्छा निकलता है, अत: साल भर उन से नीरा निकलती है  फूलों के गुच्छे को बांधने के 3 हफ्ते के अंदर उस से बहाव शुरू हो जाता है. रस की मात्रा धीरेधीरे बढ़ जाती है और जब वह अधिकतम हो जाती है तब रस दिन में 2 बार इकट्ठा किया जाता है. एक नारियल पेड़ से नीरा का औसतन उत्पादन प्रतिदिन 2.1 लिटर है.

नीरा से बनने वाले उत्पाद

नीरा की प्रोसैसिंग से नीरा सिरप, नीरा हनी, नीरा गुड़ तथा नीरा शक्कर आदि बनाए जाते हैं. नीरा गुड़ और शक्कर दोनों अत्यंत पौष्टिक हैं. सफेद चीनी के विरुद्ध जो अभियान चल रहा है, उस के मद्देनजर नीरा शक्कर के सेहतमंद गुणों के कारण लोगों के बीच उस की लोकप्रियता बढ़ रही है. खाद्य उद्योग में नीरा सिरप और हनी की बड़ी मांग है. घरों में जो चौकलेट, केक, बिसकुट, जैम, गुलाबजामुन, लड्डू, जलेबी आदि चीजें बनती हैं उन में मिठास के लिए नीरा हनी या शक्कर मिला कर मिठाइयों का ग्लाइसिमिक इंडैक्स कम कर के उन्हें सेहतमंद भी बना सकते हैं.

रोजगार का नया जरीया

नारियल विकास बोर्ड के आलुवा के वाषक्कुलम में स्थित नाविबो प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईटी) और बोर्ड में पंजीकृत नारियल उत्पादक फैडरेशनों में नीरा तकनीशियनों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. नीरा उत्पादन से ये नीरा तकनीशियन प्रतिमाह औसतन 30,000 तक कमा सकते हैं. नीरा एक नया उत्पाद है, इसलिए लोगों में इस के प्रति कई शंकाएं हैं. नीरा का स्थान बाजार में उपलब्ध आम लघु पेयों या फल रसों के बीच नहीं, बल्कि प्रोटीन और विटामिन समृद्ध पेयों के बीच है. नीरा की विशेषता यह है कि इसे कृत्रिम तरीके से पौष्टिक नहीं बनाया गया है, बल्कि नीरा कुदरती है. नीरा प्लांट लगाने के लिए अपेक्षित व्यय का 25% वित्तीय सहायता नारियल प्रौद्योगिकी मिशन के तहत बोर्ड दे रहा है. इसीलिए नीरा और नारियल शर्करा जैसे पौष्टिक गुणों से भरपूर सेहतमंद उत्पाद घरेलू और निर्यात बाजार में अपना स्थान जमा रहे हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें