रेत के महल भी बनते हैं और सपने भी

यहां देखिए, सैंट पीटर्सबर्ग में बनाए गए कुछ नमूने. इन्हें देख कर आप चौपाटी की ओर न भागें क्योंकि यह कला बहुत मुश्किल है पर करने वाले बहुत हैं.

खेलखेल में गरमी भगाओ

गरमी से बचने का एक तरीका यह है कि दोस्तोंसहेलियों के साथ स्विमिंग पूल में उतरो, फ्लोटिंग टेबल लगाओ और कैरम, महाजोंग या ताश खेलो. फिर जब चाहो एक चक्कर पूल का लगा लो. चीन में जुलाई में भीषण गरमी पड़ी तो यही किया गया.

आ गए बुरे दिन

ऐसा लगता है कि मलयेशिया एअरलाइंस के बुरे दिन आ गए हैं. पहले उस का एक जहाज एमएच 370 इंडियन ओशियन में खो गया फिर एक एमएच 17 को यूक्रेन के ऊपर मार गिराया गया. अब उन के टिकटों की धड़ाधड़ कैंसिलेशनें हो रही हैं

रंग देखो कुछ और नहीं

मैं कपड़े पहनूं या रंग, आप का क्या जाता है? यह मांग अमेरिका में की गई और न्यूयार्क शहर में सैकड़ों आदमीऔरत सिर्फ रंगों को पहन कर ठाट से सड़कों पर निकले. अब यह न पूछें कि लोग रंग देख रहे थे या रंग के पीछे के कैनवासों को.

सानिया मिर्जा: पहले बेटी या बहू

सानिया मिर्जा पर यह आरोप कि वह तो पाकिस्तानी बहू है, भारतीय दिमागी दिवालिएपन का एक नमूना मात्र है. हम भले ही अपने को बड़ा संस्कारी, जगत्गुरु, सभ्य, सुसंस्कृत, उदार कहते फिरें पर घरघर में संकीर्णता, संकुचता और असहनशीलता का प्रमाण देते फिरते हैं. घरों में सासबहू के विवादों का कारण यही है, जो के लक्ष्मण ने दर्शाया है. अपनी बात न बने तो लड़की के पुरखों या उस के रिश्तेदारों को कोसने लगो.

सानिया मिर्जा देशी है तो क्या, हमारी सोच में तो लड़की शादी कर के ससुराल में जा कर बसती, मरतीखपती है. उस ने पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी कर ली तो वह भारत की कहां रही? हिंदू घरों में तो पहले ही दिन कह दिया जाता है कि लड़की को अपने घर यानी ससुराल जाना है और वहां से केवल उस की लाश आएगी.

देश में विधवाओं के साथ अगर बुरा व्यवहार होता है तो इसीलिए कि शादी होने के बाद लड़की मां के घर की नहीं रहती और पति के मरने के बाद ससुराल की नहीं. तेलंगाना के भारतीय जनता पार्टी के नेता अपनी उसी सोच को दोहरा रहे थे, जो हर भारतीय में है, चाहे वह कम्युनिस्ट पार्टी का भी क्यों न हो.

सानिया मिर्जा के मामले में करेले की कड़वाहट पर भजभजी नीम भी चढ़ गई. सानिया मिर्जा को तेलंगाना का ब्रैंड ऐंबैसेडर बनाने का विरोध करते हुए भाजपाई नेता भूल गए कि वे अब सत्ता में हैं और अनर्गल बोलेंगे तो अनदेखा तो नहीं होगा. उन्हें ऐसा बोलने को कहा गया होगा, यह तो नहीं लगता क्योंकि इतना माइक्रो मैनेजमैंट बड़ी पार्टी के लिए संभव नहीं है पर भाजपा सत्ता में न होती तो यह कथन अन्यथा न लिया जाता.

सानिया मिर्जा अब चाहे जितनी सफाई दे, विवाह के बाद बेटी को पराया मानने वाला यह समाज कभी भी उसे भारतीय न मानेगा. वह है तो पाकिस्तान की बहू ही और यहां उन की कमी नहीं. जो उस जैसी को सदा के लिए विदा करना चाहेंगे चाहे वह कितनी प्रसिद्ध क्यों न हो. बेटियों को इस समाज में केवल राखी व भाईदूज पर घर में आने की इजाजत होती है और तब भी ननदों को भाभियां सहती हैं, उन का स्वागत नहीं करतीं.

इस समाज को जरूरत है मानसिक औपरेशन की. उस में सदियों का कूड़ा भरा है और शिक्षा, नैतिकता, सभ्यता, संवैधानिकता, लोकतंत्र, विचारों की स्वतंत्रता आदि की मशीनें इस कूड़े को उठा नहीं पाई हैं. उलटे उसी कूड़े पर फैशन, सैक्स, शराब वगैरह हावी है.

जयललिता: निडरता ही विशेषता

अम्मां…अम्मां.’ न न ये आवाजें न तो बच्चों की हैं, न बहुओं की जिन्हें हर समय अम्मांजी का गुणगान करना होता है. ये आवाजें हैं हमारे माननीय सांसदों की, जो तमिलनाडु से जे जयललिता के वरदान के कारण लोकसभा चुनावों में कांगे्रस, भाजपा और द्रविड़ मुनेत्र कषगम को हरा कर गोल्ड बिल्डिंग में पहुंचे थे. जब ये बोलते हैं तो कितने ही दूसरे सांसद उंगलियों पर गिनने लगते हैं कि कितनी बार ‘अम्मां’ का उच्चारण किया गया. इन दूसरे सांसदों को तमिल चाहे न आए ‘अम्मां…अम्मां’ जरूर सुनाई देता है.

यह जयललिता का कमाल है कि उस ने अकेले अपने बलबूते पर तमिलनाडु को अपने पैरों के अंगूठे के नीचे दबा रखा है. वहां जयललिता के विधायक व सांसद उसे तमिल ताई, पुरच्छि थलईवी, क्रांतिकारी नेता, सौम्य मुख्यमंत्री जैसे नामों से पुकारते थकते नहीं हैं और यदि उस की आंख का इशारा हो तो सभी सांसद, विधायक उस तरह जमीन पर लेट कर नमस्कार करने लगते हैं जैसे रामदेव करा लेते हैं. जयललिता का जादू क्यों है, यह अजब पहेली है. जयललिता के पास न तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसा संगठन है, न कांगे्रस जैसा इतिहास फिर भी वह सभी जातियों के लोगों की पहली पसंद बनी हुई है. जबकि उस के राज में तमिलनाडु ने न तो कोई खास उन्नति की और न ही उस ने लंबेचौड़े काम कराए.

तमिलनाडु व्यक्तिपूजा के लिए जाना जाता है. पर इस तरह की महिला जिस के पास न पेरियर जैसी सोच हो, न एम जी रामचंद्रन जैसे फिल्मी हीरो की छवि, बारबार जीत जाना और हारने के बाद फिर उछल कर गद्दी पा लेना एक पहेली की तरह ही है. हां, इतना जरूर कहना होगा कि हमारे आम नेताओं की तरह उस ने भी कभी हार नहीं मानी और अकेले ही जूझती रही. उस का आत्मविश्वास और निडरता ही शायद उस की विशेषता है, जो उसे जयललिता से अम्मां देवी बना रहा है.

भारतीय भाषाओं की अनदेखी क्यों

देश के पढ़ेलिखों का एक हिस्सा ज्ञान का मतलब अंगरेजी का ज्ञान समझता है. आईएएस की परीक्षाओं में अंगरेजी के ज्ञान को ले कर जो ऊधम मच रहा है उस के पीछे वही सोच है, जो सदियों से पंडों की रही है कि जिसे संस्कृत नहीं आती वह ज्ञानी नहीं, जिसे अंगरेजी नहीं आती वह अफसर नहीं.

इस में शक नहीं कि अंगरेजी में ज्ञान का भंडार है. पर वह भंडार तो फ्रैंच, जरमन, रशियन, पुर्तगीज, स्पैनिश में भी है. क्या वह हिंदी, तमिल, कन्नड़, मलयालम में नहीं? क्या समझदारी का ठेका केवल अंगरेजी का है? श्रीदेवी की फिल्म ‘इंगलिशविंगलिश’ और कंगना राणावत की फिल्म ‘क्वीन’ में अंगरेजी का ज्ञान न होने का मजेदार अर्थ बताया गया है. पर जब तक अपनी बात समझाई जा सके, जानकारी एकत्र की जा सके और जब नई सोच पैदा की जा सके तब तक भाषा समस्या है ही नहीं.

सरकार ने अंगरेजी की महत्ता हिंदी वालों के झगड़े पर कम करने की मांग मान ली है पर सरकारी अफसर इसे बारबार घुमाफिरा कर लाएंगे. अंगरेजी देश में अफसरी विभाजन की ही नहीं, सामाजिक विभाजन की भी रेखा है. अंगरेजी की लाइन पार करे लोग संपन्न हैं. वे चाहे हिंदी के 5 रुपए के अखबार की जगह अंगरेजी अखबार 4 रुपए में खरीदते हों, पर समोसे की जगह 200 रुपए का पिज्जा खाते हैं. रोलैक्स घड़ी पहन कर भारतीय टाइम देखते हैं और अपनी श्रेष्ठता का बिल्ला लगाए घूमते हैं.

पिछले 60-65 सालों में इन अंगरेजीदां अफसरों या उन के घरों ने इस देश को क्या दिया? यहां की अदालतें अंगरेजी में चलती हैं पर करोड़ों मुकदमे बकाया हैं. दफ्तरों में अंगरेजी में काम होता है पर अरबों फाइलें धूल फांक रही हैं. अंगरेजी के लेखकों की गिनती उंगलियों पर की जा सकती है. जिन घरों में अंगरेजी का बोलबाला है वहां पढ़ने को कुछ नहीं मिलेगा. वहां अलमारियों में शराब की बोतलें या पेरिस अथवा न्यूयार्क के सोवनियर दिखेंगे. दिखावटी कौफी टेबल बुक ड्राइंगरूम में हो तो बात दूसरी पर उस में शब्द न हों. अंगरेजी जानने वाले कुछ को छोड़ कर बाकी बेहद निकम्मे हैं. तभी तो संसद में देशी भाषाओं का बोलबाला रहता है. विधानसभाओं में तो अंगरेजी होती ही नहीं. फिर इस अंगरेजी का क्या लाभ?

‘इंगलिशविंगलिश’ की श्रीदेवी या ‘क्वीन’ की कंगना राणावत क्या अंगरेजी जान कर ज्यादा होशियार हो गई थीं? होशियारी दादीनानी के पास भी है जिन्हें अंगरेजी के 4 शब्द नहीं आते क्योंकि ज्ञान तो अनुभव व पढ़ाई से आता है. भाषा तो माध्यम है. हम भाषा को पूजने लगे हैं, उस में क्या लिखा है उस से तो बेखबर हैं.

यह हरेक के लिए हानिकारक है. अंगरेजी बोलने और पढ़ने पर हर परिवार लाखों खर्च कर डालता है, जो इंजीनियरिंग, विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र, चिकित्सा पर खर्च होता. तकनीकी ज्ञान अंगरेजी में ही हो इस के लिए पहले अंगरेजी सीखनी पड़ती है फिर वह ज्ञान सीखना होता है. यानी दोहरा क्रम, दोहरा पैसा. अंतत: कुछ ही दोनों में माहिर हो पाते हैं. अंगरेजी सीखें पर वह ज्ञान का स्रोत न हो, केवल अपनी भाषा में पाए ज्ञान को व्यक्त करने का एक अतिरिक्त साधन हो.

यह न भूलें कि चाहे जो कर लें घरों में तो मातृभाषा ही बोली जाएगी, चाहे शुद्ध हो या मिश्रित. केवल अंगेरजी से यहां कोई घर नहीं चलेगा.

सैल्फ डिफैंस के हथियार

सुझाव

– पुलिस का नंबर हमेशा मोबाइल में स्पीड डायल पर रखें.

– अगर कोई बस में छेड़खानी करे, कमर पर हाथ रखने की कोशिश करे तो तुरंत कुहनी से पीछे की ओर उस के पेट पर वार करें.

– अपने पास कुछ हेयर पिंस वगैरा जरूर रखें.

हर रोज युवतियों के साथ घरेलू हिंसा, शारीरिक शोषण, छेड़छाड़, चोरी, डकैती, लूटपाट, पीछा करना, डराना, धमकी देना जैसी घटनाएं घटित होती रहती हैं. अधिकांश  युवतियां ये सोच कर चुप रहती हैं कि अगर उन्होंने कुछ बोला तो वे बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगी. लेकिन क्या इस तरह डर कर रहना सही है? सुरक्षित रहना तो हर किसी का अधिकार है और खुद को सुरक्षित रखना अपने हाथ में है.

खुद को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी नहीं कि आप मार्शल आर्ट में ऐक्सपर्ट हों, बस थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता से आप खुद को बचा सकती हैं. फिट कौंब की वूमन ट्रेनर दीप्ति शंकर कहती हैं कि युवतियां किसी भी चीज को अपना हथियार बना सकती हैं, फिर चाहे वह अखबार हो या ताला खोलने वाली चाबी. हमारे पास कई ऐसी छोटीछोटी चीजें होती हैं जिन का प्रयोग हम स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए कर सकते हैं. ये कुछ चीजें हैं :

पैन : लिखने के काम आने वाला पैन सैल्फ डिफैंस का एक पावरफुल हथियार है. अगर कोई आप पर हमला करता है और आप के पास अपना बचाव करने के लिए कुछ भी नहीं है तो आप पैन को अपनी ताकत बनाइए और इस से उस के शरीर पर हमला कीजिए. इस से आप को उस की गिरफ्त से निकलने का पर्याप्त समय मिल जाएगा. अगर आप के पास पैन नहीं है तो आप नेल फाइलर का भी उपयोग कर सकती हैं. इन चीजों को पर्स में अवश्य रखिए.

पानी की बोतल : आप अपनी सुरक्षा के लिए पानी की बोतल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. जब हमलावर आप पर अटैक करे, तब आप उस के चेहरे पर पानी फेंक दें या पानी की बोतल से उस पर अटैक करें. अचानक आंखों पर पानी पड़ने से वह थोड़ी देर के लिए घबरा जाएगा और आप वहां से भागने में कामयाब हो जाएंगी.

छाता : छाता केवल धूप या बारिश से ही नहीं बचाता, बल्कि किसी हमलावर से भी रक्षा करता है. जैसे ही आप को लगे कि कोई आप पर हमला करने वाला है तो तुरंत अपना छाता खोल लें और हमलावर पर हमला करें. हमला करने के लिए आप बंद छाते का भी प्रयोग कर सकती हैं.

दुपट्टे का प्रयोग : अगर आप के पास दुपट्टा है तो इस में चाबी या सिक्के बांध कर हमला करें और यदि ये नहीं हैं तो आसपास अगर पत्थर दिख जाए तो इसे दुपट्टे में बांध कर मारें.

सैल्फ डिफैंस के हथियार

वैलेट अलार्म : वैलेट अलार्म सैल्फ डिफैंस का बैस्ट टूल है. इसे अपने बैग में जरूर रखें. इसे दबाने पर इस में से तेज आवाज निकलती है जो 400 से 600 मीटर की दूरी तक सुनाई देती है. जब कोई आप पर हमला करे तब जल्दी से इसे दबा दें ताकि आप के साथ कोई अनहोनी न हो.

स्पाइकी चेन : स्पाइकी चेन कीरिंग की तरह ही लगती है लेकिन यह बैस्ट डिफैंस टूल है. आप इसे अपनी उंगलियों में अच्छी तरह फिट कर के पंजा बना लें और सामने वाले पर हमला करें.

हेयर ब्रश : यह आम हेयर ब्रश की तरह होता है. इसे देख कर कोई सोच भी नहीं सकता कि इस के अंदर 3/2 इंच का चाकू होगा. इसे अपने बैग में रख कर आप अपने आप को सुरक्षित फील करेंगी.

टेजर : यह आम बंदूक से हट कर होता है. इस में से गोली नहीं निकलती बल्कि यह हमलावर को बिजली के झटके देता है.

लिपस्टिक नाइफ : यह नाइफ लिपस्टिक के आकार का होता है, जिसे खोलने पर इस में से चाकू निकलता है. इसे हमेशा हाथ में या जींस की पौकेट में रखें.

पेपर स्प्रे : पेपर स्पे्र एक बैस्ट डिफैंस टूल है. इसे स्प्रे करने पर सांस लेने में दिक्कत होती है, साथ ही आंखों में व त्वचा पर जलन शुरू हो जाती है, गले की नली के दोनों ओर तेज दर्द होने लगता है. इस का असर 30 मिनट तक रहता है. पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करते समय सावधानी रखें, स्प्रे कुछ दूरी से करें और जल्दी से वहां से भाग जाएं, नहीं तो इस का प्रभाव आप पर भी पड़ सकता है.

कहां करें वार

शरीर के कुछ हिस्से बेहद नाजुक होते हैं, वहां हलकी चोट भी काफी जोर से लगती है. हमलावर के शरीर के इन हिस्सों पर वार करें :

आंख, नाक, चेहरा, सिर आदि भागों पर, राइवेट पार्ट (यहां मारते समय ध्यान रखें कि ज्यादा जोर से न मारें, वरना सामने वाले की जान भी जा सकती है.), गले व पेट पर और घुटनों के पीछे.

फोन का इस्तेमाल करें : आज मोबाइल तकनीक काफी विकसित हो गई है. इस पर कई तरह के ऐप्लिकेशंस आ गए हैं, जिन का प्रयोग मुसीबत के समय किया जा सकता है. आजकल स्मार्ट फोन जीपीएस लोकेशन ट्रैकिंग सर्विस उपलब्ध करा रहे हैं, जिस में फ्री और पेड कई सारे ऐप्स होते हैं, जिन्हें डाउनलोड करने के बाद ये आप के फोन में स्टोर नंबर को जानकारी देते हैं कि आप कहां हैं. लेकिन इन ऐप्स की सब से बड़ी कमी यह है कि यह केवल उन जगहों पर ही काम करते हैं जहां नैटवर्क हो.

घर पर भी रहें सुरक्षित : जब हम घर पर रहते हैं तब हमें लगता है कि हम सुरक्षित हैं लेकिन हमें घर पर भी कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. अगर आप घर पर अकेली हैं तो बिना देखे कभी भी दरवाजा न खोलें. पहले जांच लें कि अजनबी व्यक्ति कौन है और किस काम से आप के घर आया है, दरवाजा खोलने से पहले दरवाजे पर लगी मैजिक आई का प्रयोग करें व घर पर कोई सामान बेचने वाला आए तो उसे घर में न घुसाएं. हो सके तो प्रवेश द्वार की लाइट जली रहने दें ताकि अंधेरे में भी चेहरा दिखाई दे.

खाली बस में न चढ़ें : ऐसी बस में बिलकुल न चढ़ें, जिस में सिर्फ ड्राइवर और कंडक्टर हों. जिस बस में सिर्फ 2-3 लोग हों उस में भी न चढ़ें, क्योंकि ये लोग ड्राइवर व कंडक्टर के दोस्त या जानकार हो सकते हैं. ऐसे में आप मुसीबत में फंस सकती हैं.

पार्टी के दौरान रहें अलर्ट : दोस्तों के साथ पार्टी में जाएं तो अलर्ट रहें. अनजान लोगों से ज्यादा नजदीकियां न बढ़ाएं. डांस के दौरान युवकों के ज्यादा करीब न जाएं, चाहे वे आप के जानकार ही क्यों न हों, सौफ्ट ड्रिंक या वाइन कुछ भी लें, ध्यान रखें कि उसे अपने सामने ही खुलवाएं और हमेशा ड्रिंक खत्म कर के ही उठें. अगर आप को बाहर जाना भी पड़े तो उस ड्रिंक को दोबारा न पिएं, दूसरा ड्रिंक बनवा लें.

25 फ्लर्टिंग टिप्स

‘प्यार का मौसम है और आप अकेली बैठी हैं. अरे भई, यह तो कोई बात नहीं हुई.‘ अब आप कहेंगी, ‘क्या करूं कोई युवक मेरी तरफ आकर्षित ही नहीं होता.‘ ओह, तो आप की समस्या यह है. इस में कौन सी बड़ी बात है. आइए, हम आप को बताते हैं फ्लर्टिंग के कुछ ऐसे गुर जिन्हें आजमा कर आप किसी भी युवक को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं और पसंद आ जाए तो बात दोस्ती और प्यार तक भी बढ़ सकती है:

1. जिस यवुक के साथ फ्लर्ट करना चाहती हैं उसे फूल या चौकलेट भेज कर सरप्राइज गिफ्ट दें. उसे स्पैशल होने का एहसास कराएं. वह समझ जाएगा कि आप उस में रुचि रखती हैं.

2. जिस युवक के साथ आप फ्लर्ट करना चाहती हैं वह जब भी आप की ओर देखे अपने बाल ठीक करने लगें, अपनी स्लीव्स ऊपर करें या कुरते के बटन ठीक करें, यह भी उस के लिए फ्लर्टिंग का सिगनल होगा.

3. बातचीत के दौरान युवक की बातें ध्यान से सुनें. इस से वह आप से इंप्रैस होगा, जो फ्लर्टिंग की ओर आप की कामयाबी का एक और कदम होगा.

4. फ्लर्टिंग करते समय युवक की बात का स्मार्टली जवाब दें. फिर देखिए, कैसे वह आप पर फ्लैट होता है.

5. जिस युवक के साथ फ्लर्ट करना चाहती हैं उसे बारबार फोन व मैसेज करें.

6. टच मी टच मी :  फ्लर्टिंग के दौरान युवक को टच करना फ्लर्टिंग का बेहतरीन सिगनल है. बात करते समय उस के कंधे पर हाथ रखना, बर्थडे विश करते समय हाथ मिलाना, युवक को स्ट्रौंग सिगनल देता है कि आप उस में रुचि रख रही हैं.

7. जिस युवक के साथ फ्लर्ट करना चाहती हैं, बारबार उस के आसपास से गुजरें, पर यह न जताएं कि आप जानबूझ कर ऐसा कर रही हैं, बल्कि दिखाएं कि आप अपने काम की वजह से उस के आसपास जा रही हैं.

8. जिस के साथ फ्लर्ट करना चाहती हैं उस से जानबूझ कर टकराएं पर दर्शाएं कि गलती से ऐसा हो गया. यकीन मानिए, आप अपने फ्लर्टिंग के उद्देश्य में अवश्य सफल होंगी.

9. जिसे फ्लर्ट करना चाहें उस के सामने क्रौसलैग कर के बैठें. आप की यह पोजिशन उस के लिए फ्लर्टिंग का वैल्कम सिगनल होगी.

10. फ्लर्टिंग करते समय अपने होंठों का भरपूर प्रयोग करें. होंठों पर लिपग्लौस लगाएं. काम करते समय पैन या पैंसिल अपने होंठों पर रखें.

11. जिस युवक के साथ आप फ्लर्ट करना चाहती हैं, बातचीत के दौरान उस की बातों को सहमति दें. गु्रप में होने पर उस के विचारों को सपोर्ट करें.

12. युवक जब भी आप से आप का फोन नंबर मांगे तो उसे सही नंबर दें. इस से उसे भी लगेगा कि आप फ्लर्टिंग के प्रति सीरियस हैं.

13. फ्लर्टिंग आप पार्टियों, सामाजिक समारोहों, त्योहारों, स्कूल, कालेज, बस, कार्यस्थल कहीं पर भी कर सकती हैं.

14. फ्लर्टिंग करते समय खुश रहें, एंजौय करें, वे ही लोग फ्लर्टिंग में कामयाब होते हैं, जो खुश रहते हैं, क्योंकि अगर आप खुश रहेंगी तो अच्छा महसूस करेंगी और अच्छा महसूस करेंगी तो अच्छी दिखेंगी और अच्छी दिखेंगी तो फ्लर्टिंग में कामयाब होंगी.

15. फ्लर्टिंग हमेशा आत्मविश्वास के साथ करें. फ्लर्टिंग करते समय अपनी सोच पौजिटिव रखें. फिर देखें, आप कैसे कामयाब होती हैं फ्लर्टिंग में.

16. आंखों ही आंखों में इशारा हो गया : आंखों को किसी भाषा या शब्दों की जरूरत नहीं होती ये बिना बोले ही बहुत कुछ बोल जाती हैं. जिस के साथ आप को फ्लर्ट करना है उसे जब भी देखें प्यार भरी नजर से देखें. जब भी बात करें तो आंखों में आंखें डाल कर बात करें.

17. लंबी स्माइल यानी गहरी दिलचस्पी : मुसकराहट हर किसी का दिल जीत लेती है. इसलिए जब भी किसी युवक के साथ फ्लर्ट करना हो खुल कर मुसकराएं, क्योंकि युवकों को युवतियों का खुल कर मुसकराना अच्छा लगता है. अगर युवक सामने बैठा है तो उस की तरफ देख कर दिलफेंक स्माइल करें, जवाब में अगर वह भी मुसकराता है तो समझ जाइए कि आप अपने फ्लर्टिंग के मिशन में कामयाब हो गई हैं.

18. ड्रैस ऐसी पहनें जो फैमिनिज्म को दर्शाए : यह युवकों के लिए फ्लर्टिंग का ग्रीन सिगनल होता है.

19. हमेशा किटकैट या चौकलेट रखें : जब भी युवक सामने हो तो उसे यह औफर करें. यह आप दोनों के बीच आइसब्रैकर या दूरी कम करने का सब से परफैक्ट जरिया है.

20. पहल करने में झिझकें नहीं : कुछ युवतियां फ्लर्टिंग में पहल करने से झिझकती हैं, क्योंकि वे सोचती हैं कि युवक उन युवतियों को पसंद नहीं करते जो फ्लर्टिंग की तरफ पहला कदम बढ़ाती हैं, लेकिन आप को एक मजे की बात बताएं कि युवक उन्हीं युवतियों को पसंद करते हैं जो फ्लर्टिंग में पहला कदम खुद बढ़ाती हैं.

21. स्टाइल में रहने का : फ्लर्टिंग के दौरान युवक उन्हीं युवतियों से फ्लर्ट करते हैं जो हमेशा स्टाइल में रहती हैं. इसलिए अपने हेयरस्टाइल, ड्रैस, इयररिंग्स, शूज सभी डिफरैंट स्टाइल में रखें, फिर देखें आप फ्लर्टिंग में कैसे कामयाब होती हैं.

22. बौडी लैंग्वेज पर खास ध्यान दें : फ्लर्टिंग करते समय हाथ बांध कर न बैठें. ऐसा करना दर्शाता है कि आप फ्लर्ट करने में इंटरैस्ट नहीं रखतीं. फ्लर्टिंग करते समय हमेशा रिलैक्स हो कर बैठें या खड़ी हो जाएं. अपने शरीर के खूबसूरत हिस्सों को शो औफ करें.

23. अपनी चाल में कौन्फिडैंस रखें : ऐसा करना फ्लर्टिंग में मददगार साबित होगा.

24. हर रोज अलगअलग हेयरस्टाइल : कभी पोनीटेल, कभी कलर्स, कभी स्ट्रेट तो कभी टौप नौट बनाएं.

25. तारीफ करूं क्या उस की : जिस युवक के साथ फ्लर्ट करना चाहती हैं उस के कपड़ों, हेयरस्टाइल, परफ्यूम, शूज, घड़ी आदि की तारीफ करें. ऐसा करना आप की फ्लर्टिंग की लाइन को क्लियर करेगा.

फ्लर्टिंग में है फील गुड फैक्टर

फ्लर्ट शब्द सुन कर अधिकांश लोगों के मन में सोच उभरती है कि सामने वाला आप को इंप्रैस करने के लिए आप की झूठी तारीफ कर रहा है. अधिकांश लोग इसे नैगेटिव समझते हैं, लेकिन आप को जान कर हैरानी होगी कि फ्लर्टिंग में एक ऐसा फीलगुड फैक्टर होता है जो आप के साथसाथ सामने वाले को भी जिस के साथ आप फ्लर्ट कर रहे हैं, फ्रैश, रोमांटिक व एनर्जेटिक बनाता है. तो हुआ न फ्लर्ट में फीलगुड फैक्टर. अगर फ्लर्टिंग का मकसद दोस्ती, सामने वाले को खुश करना व अच्छा महसूस कराना हो तो फ्लर्टिंग में कोई बुराई नहीं है. दरअसल, फ्लर्ट व प्यार एकसाथ चलने वाली 2 चीजें हैं. क्या आप जानते हैं कि फ्लर्टिंग में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले पांच गुना अधिक सिगनल देती हैं, वे अपनी बौडी लैंग्वेज और सिगनल्स से बहुतकुछ बयां करती हैं. तो फिर तैयार हैं न आप फ्लर्टिंग के लिए.

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