एग ब्रैड विद मैपल सिरप

सामग्री

3 अंडे

1/2 कप दूध

1 बड़ा चम्मच चीनी

1 छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर

आवश्यकतानुसार मक्खन या तेल

आवश्यकतानुसार मैपल सिरप या शहद

5 ब्रैडस्लाइस.

विधि

एक बाउल में अंडे, दूध व दालचीनी पाउडर को अच्छी तरह मिला लें. फिर एक पैन में थोड़ा सा तेल या मक्खन गरम करें. अब ब्रैडस्लाइस को अंडों के मिश्रण में डिप कर के दोनों तरफ से शैलो फ्राई कर मैपल सिरप या शहद के साथ सर्व करें.

चौक सुशी रोल्स

सामग्री

चौकलेट न्यूटेला स्प्रैड

ब्रैडस्लाइस

पीनट बटर.

विधि

ब्रैडस्लाइस के किनारे काट लें. फिर रोलिंग पिन से ब्रैडस्लाइस को बराबर करें. अब ब्रैडस्लाइस पर आधा पीनट बटर और आधा न्यूटेला स्प्रैड फैला कर रोल कर फ्रिज में 1 घंटे के लिए रख दें. फिर निकाल कर टुकड़े कर सर्व करें

पलकों का जादू

आंखों की सुंदरता को बढ़ाने में पलकों का विशेष महत्त्व है. पलकों का हलका, कमजोर और पतला या फिर घना होना प्रकृति की देन है, फिर भी आप अपनी पलकों को चेहरे के अनुरूप आकर्षक लुक दे सकती हैं. मसकारा का पलकों के मेकअप में विशेष योगदान है. इस की मदद से आप अपनी आंखों में चमक व आकर्षण ला सकती हैं. आईलैश कर्लर : अगर आप की पलकें बाहर की तरफ मुड़ी हुई नहीं हैं, तो मसकारा के साथ आईलैश कर्लर का भी प्रयोग करें. आईलैश कर्लर की सहायता से पलकों को कर्ल करें फिर मसकारा लगाएं. लेकिन आईलैश कर्लर का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें, नहीं तो आप की त्वचा भी इस के दायरे में आ सकती है.

प्राइमर : अगर आप की पलकें कुछ ज्यादा ही पतली हैं, तो आईलैश कर्लर का उपयोग करने से पहले प्राइमर लगा सकती हैं. यह ट्रांसपरैंट द्रव बाजार में उपलब्ध है. इसे आई प्राइमर कहते हैं.

मसकारा : इसे पलकों को काला और घना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह द्रव, केक और जैल के रूप में बाजार में उपलब्ध है. मसकारा लगाने के लिए हमेशा ऊपर की तरफ देखते हुए अपनी पलकों को ब्रश के साथ रोल करना चाहिए. मसकारा का एक कोट लगाने के बाद पहले कोट के सूखने के बाद ही दूसरा कोट लगाना चाहिए.

मसकारा ब्रश : मसकारा लगाने के बाद अकसर आईलैशेज चिपकीचिपकी दिखाई देती हैं. इस के लिए अलग से एक मसकारा ब्रश रखें. मसकारा लगाने के बाद कुछ देर रुक कर मसकारा ब्रश से चिपकी पलकों को अलगअलग कर लें. पलकें काली, घनी और बड़ी दिखाई देंगी.

विभिन्न लुक : डे लुक के लिए आईलैशेज कर्लर से लैशेज कर्ल करें और ट्रांसपरैंट मसकारा लगाएं. इस से आंखों में सौम्यता का आभास होगा. जबकि नाइट लुक के लिए वाल्यूम बूस्टिंग मसकारा के 2-3 कोट अप्लाई करें. यह आप की आंखों को ग्लैमरस लुक प्रदान करेगा. इसी प्रकार अगर आप की आंखों के बीच की दूरी कम दिखाई देती है, तो मसकारा लगाते समय ध्यान रखें कि आउटर कौर्नर पर इनरकौर्नर से एक कोट ज्यादा लगाएं. अगर आप की आंखें ज्यादा उभरी हुई हैं, तो मसकारा के 2-3 कोट जरूर अप्लाई करें.

मसकारा ट्रिक्स

अपनी पलकों को भारी व घना दिखाने के लिए बहुत सारा मसकारा लगाएं.

अपनी पलकों को घना व लंबा दिखाने के

लिए लेंथेनिंग मसकारा का डबल या ट्रिपल कोट लगाएं.

मसकारा लगाते समय ध्यान रखें कि जरूरत  से ज्यादा मसकारा के कोट लगाने पर पलकें कुछ ज्यादा ही हाईलाइट नहीं होने लगें.

मसकारा के उपयोग से आप आईब्रो को गहरा भी दिखा सकती हैं, इस के लिए ब्राउन मसकारे का हलका कोट लगा कर ब्रश से सैट करें.

मसकारा को समय से पहले सूखने से बचाने के लिए उस में 1 बूंद बौडी लोशन डाल कर शेक करें.

मसकारा लगाते समय टिशू पेपर हाथों में रखें, ताकि ऐक्स्ट्रा लगने पर सूखने से पहले ही उसे तुरंत रिमूव किया जा सके.

लैशेज को ज्यादा घना दिखाने के लिए मसकारा का एक कोट लगाने के बाद पलकों पर थोड़ा सा पाउडर लगा कर दूसरा कोट लगाएं.

डार्क सर्कल की समस्या है, तो निचली लैशेज पर मसकारा न लगाएं, क्योंकि ऐसा करने से डार्क  सर्कल और ज्यादा उभर के दिखेंगे.

मसकारा ब्रैंड : बाजार में मसकारा के कई ब्रैंड उपलब्ध हैं. जैसे, मेबेलिन, लक्मे, रेवलौन व लोरियल. इन के अलावा एवौन सुपरशौक, लोरियल पैरिस डबल एक्सटेंशन व कलरएसेंस वाटरप्रूफ मसकारा.

मसकारा कलर : पलकों की खूबसूरती के लिए मसकारा विभिन्न रंगों में बाजार में उपलब्ध है. जैसे, नेवी ब्लू, ब्लैक, टर्किश, ब्राउन, बरगंडी, कौपर, गोल्डन, ट्रांसपरैंट, प्राइमर व जूम फाइबर आदि.

रखरखाव : मसकारा ब्रश को 10-15 दिनों में कम से कम एक बार जरूर साफ करें ताकि उस पर बैक्टीरिया न पनपें. इस के लिए मसकारा ब्रश को कुनकुने पानी में थोड़ा सा क्लीनिक पाउडर डाल कर साफ करें. पलकों से मसकारा रिमूव करने के लिए आई मेकअप रिमूवर का ही हलके हाथों से इस्तेमाल करें.

पलकों से कभी भी रगड़ कर मसकारा नहीं उतारें, क्योंकि इस से पलकों के बाल टूट सकते हैं.

सोने से पहले आई मेकअप रिमूव कर दें.

मसकारे के उपयोग की अवधि सीमित (6 से 8 माह) होती है, इसलिए गंधपरिवर्तन अथवा सूख जाने पर इस का इस्तेमाल न करें.

हमेशा ब्रैंडेड कंपनी का ही मसकारा उपयोग में लाएं.                      

मानसून में मेकअप : कुछ जरूरी बातें

आमतौर पर ब्राइडल हेयरस्टाइल में गजरों को बहुत ज्यादा संख्या में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन मानसून के मौसम में ये फ्रैश लुक नहीं देते और स्मैली हो सकते हैं, इसलिए इन का प्रयोग न कर के हेयर ऐक्सैसरीज से केशों को सजाना चाहिए.

ब्राइडल मेकअप लौक किया जाता है ताकि यह लंबे समय के लिए बरकरार रहे. इसलिए इसे अच्छी तरह और सही तरीके से रिमूव करना बहुत जरूरी होता है, नहीं तो त्वचा के लिए यह नुकसानदायक हो सकता है. मानसून के मौसम में किए गए ट्रांसपरैंट मेकअप को पहले सूखे कौटन से रब करें. फिर क्लींजर का प्रयोग करना चाहिए. वहीं नौर्मल मेकअप को सिर्फ क्लींजर से साफ किया जा सकता है.

मानसून के मौसम में अन्य स्किन टोन की अपेक्षा औयली स्किन वाली ब्राइड के लिए मेकअप को मैंटेन करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि औयली स्किन में पसीना अधिक आता है और ह्यूमिडिटी के कारण चेहरे पर मेकअप फैलने के चांसेज ज्यादा रहते हैं. इसलिए इस तरह की स्किन टोन की महिलाओं को शादी वाले दिन बिलकुल भी रिस्क नहीं लेना चाहिए और वाटरप्रूफ मेकअप करवाने के साथसाथ शादी से पहले भी अपनी त्वचा और डाइट का खास खयाल रखना चाहिए.

आप का मेकअप ट्रैंडी होगा तो ही आप शादी वाले दिन सही माने में सैंटर औफ अट्रैक्शन बन सकेंगी. इसलिए पुराने स्टाइल के मेकअप को न अपना कर ट्रैंडी शिमर मेकअप कराएं.

इस के अलावा कुछ महिलाएं इस दिन ऐलिगैंट और सिंपल लुक में रहना चाहती हैं. इन की पसंद के अनुसार मेकअप करते समय चेहरे की अपेक्षा सिर्फ आंखों को ज्यादा सजाया जाता है. इन्हें डायमंड स्टोंस से हाईलाइट किया जाता है और बाकी चेहरे पर न्यूड मेकअप किया जाता है, जो देखने में काफी आकर्षक  लगता है.

परफ्यूम ऐटिकेट्स

ज्योति मेरे साथ कालेज में पढ़ती थी. विवाह के बाद वह दिल्ली चली आई थी. 5 वर्षों के बाद उस से मुलाकात हुई तो उस ने अपनी बेटी के जन्मदिन की पार्टी में आने का निमंत्रण दिया. जन्मदिन की पार्टी का आयोजन एक होटल में किया गया था. उस पार्टी में ज्योति ने अपनी एक पड़ोसिन गरिमा से मेरा परिचय कराया. गरिमा से एक बार मिल कर कोई जल्दी उसे भूल नहीं सकता. गरिमा ने सैंट इतना ज्यादा इस्तेमाल किया था कि सारा हाल उस के सैंट की खुशबू से महक रहा था. सैंट की खुशबू इतनी अधिक थी कि गरिमा से 5 मिनट बातें करना भी मुश्किल होने लगा. गरिमा की तरह मैरिज पार्टी, बर्थडे पार्टी, किटी पार्टी या मैरिज ऐनिवर्सरी में कुछ स्त्रियां इतना सैंट लगा कर आती हैं कि उन के पास खड़ा होना मुश्किल हो जाता है.

हंसी का पात्र

परफ्यूम लगाने के भी कुछ ऐटिकेट्स होते हैं. अधिक सैंट लगा कर नवयुवती कुछ देर के लिए सब को आकर्षित करने में सफल तो हो सकती है, लेकिन दूसरे ही पल वहां सभी उस की हंसी उड़ाते भी दिखाई देने लगते हैं. अधिक परफ्यूम लगाने की आदत आप को भरी पार्टी में हंसी का पात्र तो बना ही सकती है, आप के व्यवहार को फूहड़ता का नाम भी दे सकती है. यही नहीं, अधिक परफ्यूम का इस्तेमाल कर के आप अपने आसपास वालों को नाराज भी कर सकती हैं. परफ्यूम लगाने से पहले नवयुवतियों को यह देखना चाहिए कि वे किस पार्टी में जा रही हैं. फिर उस पार्टी के वातावरण के अनुकूल ही परफ्यूम का इस्तेमाल करना चाहिए. जैसे, किसी बच्चे की बर्थडे पार्टी में ढेर सारा परफ्यूम लगा कर जाने से आप किसी को आकर्षित नहीं कर पाएंगी.

दूसरों का ध्यान रखें

आप के परफ्यूम से किसी को ऐलर्जी भी हो सकती है. चिकित्सकों के अनुसार सभी परफ्यूम सभी को सहन नहीं हो पाते. ऐसे में वे आप के पास आने के बजाय दूर ही रहना चाहेंगे. क्या आप चाहेंगी कि किसी पार्टी में कोई आप से दूर रहने की कोशिश करे? औफिस पार्टी या कारपोरेट की मीटिंग में हलकी खुशबू वाले परफ्यूम ही चुनने चाहिए. ऐसी पार्टियों में तेज सुगंध वाले परफ्यूम दूसरों को विचलित कर सकते हैं. यही नहीं, मीटिंग के मुख्य विषय से ध्यान भी भटका सकते हैं. किसी भी पार्टी में ऐसा परफ्यूम इस्तेमाल करना चाहिए जिसे दूसरे भी पसंद करें. जब दूसरे आप के परफ्यूम को पसंद करेंगे, तभी आप की प्रशंसा करेंगे. किसी नाइट क्लब में डांस करने का कार्यक्रम हो तो तेज सुगंध वाला परफ्यूम इस्तेमाल किया जा सकता है. आप के परफ्यूम लगाने का वास्तविक अर्थ तभी सार्थक होता है, जब दूसरे भी आप के परफ्यूम से सुगंध अनुभव करें. इसलिए परफ्यूम का इस्तेमाल करते समय दूसरों का भी ध्यान रखना आवश्यक है.

परफ्यूम कपड़ों पर न छिड़कें, बल्कि कानों के नीचे, हथेलियों के ऊपर की ओर और गरदन के आसपास लगाएं. इन अंगों पर परफ्यूम लगाने से लंबे समय तक सुगंध बनी रहती है. कपड़ों पर परफ्यूम छिड़कने से कपड़ों के खराब होने की भी आशंका बनी ही रहती है, परफ्यूम भी अधिक खर्च होता है और फिर सुगंध भी ज्यादा देर तक नहीं रहती है. परफ्यूम को नाक से दूर ही रखना चाहिए. इस की अधिकता से जी मिचला सकता है. ऐलर्जी हो सकती है. सांस लेने में परेशानी भी हो सकती है. परफ्यूम का इस्तेमाल दूसरों को अपने पास लाने के लिए कीजिए. इतना परफ्यूम इस्तेमाल न कीजिए कि दूसरे आप से दूरदूर भागने लगें.

बेहतर सैक्स के लिए

प्रतिभा की शादी को कई साल हो गए थे. समय पर 2 बच्चे भी हो गए पर कुछ समय के बाद प्रतिभा को लगा कि उस के अंग से कभीकभी तरल पदार्थ निकलता है. शुरुआत में प्रतिभा ने इसे मामूली समझ कर नजरअंदाज कर दिया. मगर कुछ दिनों बाद उसे महसूस हुआ कि इस तरल पदार्थ में बदबू भी है जिस से अंग में खुजली होती है. प्रतिभा ने यह बात स्त्रीरोग विशेषज्ञा को बताई. उस ने जांच कर के प्रतिभा से कहा कि उस को यौनरोग हो गया है, लेकिन इस में घबराने वाली कोई बात नहीं है. प्रतिभा ने तो समय पर डाक्टर को अपनी समस्या बता दी पर बहुत सारी औरतें प्रतिभा जैसी समझदार नहीं होतीं. वे इस तरह के रोगों को छिपाती हैं. पर यौनरोगों को कभी छिपाना नहीं चाहिए. दीपा जब अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाती थी, तो उसे दर्द होता था. इस परेशानी के बारे में उस ने डाक्टर को बताया. डाक्टर ने दीपा के अंग की जांच कर के बताया कि उसे यौनरोग हो गया है. डाक्टर ने उस का इलाज किया. इस के बाद दीपा की बीमारी दूर हो गई.

प्रदीप को पेशाब के रास्ते में जलन होती थी. वह नीमहकीमों के चक्कर में पड़ गया पर उसे कोई लाभ नहीं हुआ. तब उस ने अच्छे डाक्टर से इस संबंध में बात की तो डाक्टर ने कुछ दवाएं लिखीं, जिन से प्रदीप को लाभ हुआ. डाक्टर ने प्रदीप को बताया कि उस को यौनरोग हो गया था. इस का इलाज नीमहकीमों से कराने के बजाय जानकार डाक्टरों से ही कराना चाहिए.

क्या होते हैं यौनरोग

मक्कड़ मैडिकल सैंटर, लखनऊ के डाक्टर गिरीश चंद्र मक्कड़ का कहना है कि यौनरोग शरीर के अंदरूनी अंग में होने वाली बीमारियों को कहा जाता है. ये पतिपत्नी के शारीरिक संपर्क करने से भी हो सकते हैं और बहुतों के साथ संबंध रखने से भी हो सकते हैं. अगर मां को कोई यौनरोग है, तो बच्चे का जन्म औपरेशन के जरिए कराना चाहिए. इस से बच्चा योनि के संपर्क में नहीं आता और यौनरोग से बच जाता है. कभीकभी यौनरोग इतना मामूली होता है कि उस के लक्षण नजर ही नहीं आते. इस के बाद भी इस के परिणाम घातक हो सकते हैं. इसलिए यौनरोग के मामूली लक्षण को भी नजरअंदाज न करें. मामूली यौनरोग कभीकभी खुद ठीक हो जाते हैं. पर इन के बैक्टीरिया शरीर में पड़े रहते हैं और कुछ समय बाद वे शरीर में तेजी से हमला करते हैं. यौनरोग झ्र शरीर के खुले और छिले स्थान वाली त्वचा से ही फैलते हैं.

हारपीज : यह बहुत ही सामान्य किस्म का यौनरोग है. इस में पेशाब करने में जलन होती है. पेशाब के साथ कई बार मवाद भी आता है. बारबार पेशाब जाने का मन करता है. किसीकिसी को बुखार भी हो जाता है. शौच जाने में भी परेशानी होेने लगती है. जिस को हारपीज होता है उस के जननांग में छोटेछोटे दाने हो जाते हैं. शुरुआत में यह अपनेआप ठीक हो जाता है, मगर यह दोबारा हो तो इलाज जरूर कराएं.

वाट्स : वाट्स में शरीर के तमाम हिस्सों में छोटीछोटी गांठें पड़ जाती हैं. वाट्स एचपीवी वायरस के चलते फैलता है. ये 70 प्रकार के होते हैं. ये गांठें अगर शरीर के बाहर हों और 10 मिलीमीटर के अंदर हों तो इन को जलाया जा सकता है. इस से बड़ी होने पर औपरेशन के जरिए हटाया जा सकता है. योनि में फैलने वाले वायरस को जेनेटल वाट्स कहते हैं. ये योनि में बच्चेदानी के द्वार पर हो जाते हैं. समय पर इलाज न हो तो इन का घाव कैंसर का रूप ले लेता है. इसलिए 35 साल की उम्र के बाद एचपीवी वायरस का कल्चर जरूर करा लें.

गनोरिया : इस रोग में पेशाब नली में घाव हो जाता है जिस से पेशाब नली में जलन होने लगती है. कई बार खून और मवाद भी आने लगता है. इस का इलाज ऐंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जाता है. अगर यह रोग बारबार होता है, तो इस का घाव पेशाब नली को बंद कर देता है. इसे बाद में औपरेशन के जरिए ठीक किया जाता है. गनोरिया को सुजाक भी कहा जाता है. इस के होने पर तेज बुखार भी आता है. इस के बैक्टीरिया की जांच के लिए मवाद की फिल्म बनाई जाती है. शुरू में ही यह बीमारी पकड़ में आ जाए तो अच्छा रहता है.

सिफलिस : यह यौनरोग भी बैक्टीरिया के कारण फैलता है. यह यौन संबंधों के कारण ही फैलता है. इस रोग के चलते पुरुषों के अंग के ऊपर गांठ सी बन जाती है. कुछ समय के बाद यह ठीक भी हो जाती है. इस गांठ को शैंकर भी कहा जाता है. शैंकर से पानी ले कर माइक्रोस्कोप के सहारे देखा जाता है. पहली स्टेज पर माइक्रोस्कोप के सहारे ही बैक्टीरिया को देखा जा सकता है. इस बीमारी की दूसरी स्टेज पर शरीर में लाल दाने से पड़ जाते हैं. यह बीमारी कुछ समय के बाद शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगती है. इस बीमारी का इलाज तीसरी स्टेज के बाद संभव नहीं होता. यह शरीर की धमनियों को प्रभावित करती है. इस से धमनियां फट भी जाती हैं. यह रोग आदमी और औरत दोनों को हो सकता है. दवा और इंजैक्शन से इस का इलाज होता है.

क्लामेडिया : यह रोग योनि के द्वारा बच्चेदानी तक फैल जाता है. यह बांझपन का सब से बड़ा कारण होता है. बीमारी की शुरुआत में ही इलाज हो जाए तो अच्छा रहता है. क्लामेडिया के चलते औरतों को पेशाब में जलन, पेट दर्द, माहवारी के समय में दर्द, शौच के समय दर्द, बुखार आदि की शिकायत होने लगती है.                      

यौनरोगों से बचाव

अंग पर किसी भी तरह के छाले, खुजलाहट, दाने, कटनेछिलने और त्वचा के रंग में बदलाव की अनदेखी न करें.

जब भी शारीरिक संबंध बनाएं कंडोम का प्रयोग जरूर करें. यह यौनरोगों से बचाव का आसान तरीका है.

कंडोम का प्रयोग ठीक तरह से न करने पर भी यौनरोगों का खतरा बना रहता है.

ओरल सैक्स करने वालों को अपनेअपने अंग की साफसफाई का पूरा खयाल रखना चाहिए.

यौनरोग का इलाज शुरुआत में सस्ता और आसान होता है. शुरुआत में इस से शरीर को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है.

गर्भवती औरतों को अपनी जांच समयसमय पर करानी चाहिए ताकि उस से बच्चे को यौनरोग न लग सके.

नीमहकीमों के चक्कर में पड़ने के बजाय डाक्टर की सलाह से ही दवा लें.

अंग की साफसफाई से यौनरोगों से दूर रहा जा सकता है.

औरतों को यौनरोग ज्यादा होते हैं. अत: उन्हें पुरुषों से ज्यादा सतर्क रहना चाहिए.

यौनरोगी के संपर्क में जाने से बचें. बाथरूम की ठीक से साफसफाई न करने से भी एक व्यक्ति का यौनरोग दूसरों को लग सकता है.

एगप्लांट चीज सैंडविच

सामग्री

2 छोटे चम्मच तुलसी कटी हुई

1 बैगन टुकड़ों में कटा

1/4 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर या कालीमिर्च पाउडर

4 ब्रैडस्लाइस आटे वाले

1/4 कप चीज कद्दूकस किया

आटा या मैदा आवश्यकतानुसार

नमक स्वादानुसार.

विधि

बैगन के टुकड़ों को फ्राई कर के उन पर नमक, लालमिर्च पाउडर और आटा बुरकें. अब 2 ब्रैडस्लाइस पर मक्खन लगा कर बीच में फ्राई बैगन फिर चीज व तुलसी रखें. अब ऊपर दूसरा ब्रैडस्लाइस रख कर ग्रिल करें. एगप्लांट चीज सैंडविच तैयार है.

चिकन ऐंड कौर्न ग्रिल्ड सैंडविच

सामग्री

25 ग्राम चिकन बिना हड्डी वाला उबला

1 बड़ा चम्मच मैयोनीज

1 बड़ा चम्मच क्रीम

उबले कौर्न

ब्रैडस्लाइस मक्खन

कालीमिर्च पाउडर व नमक स्वादानुसार.

विधि

उबले चिकन में नमक, कालीमिर्च, मैयानीज, क्रीम और कौर्न डाल कर मिश्रण बनाएं. अब इस मिश्रण को 2 ब्रैडस्लाइस के बीच भरें. ब्रश से ब्रैडस्लाइस में बटर लगा कर ग्रिल कर गरमगरम सर्व करें.

Corn Halwa

Hi, Here we present a delicious recipe for you Corn is Full vitamins and Iron.. People usually have it corn flakes as breakfast, In many country including USA to Africa.. Corn Is a staple food.. Even in India it is been consumed in a good quantity.. But here We have come with a twist of consuming Corn in your diet as a sweet dish.. This time it’s not wheat or carrot halwa, but Corn Halwa.. Corn Halwa Ingredients: Corn Paste water Pistachio Almond Cardamom Powder Ghee Khoa (Mawa) Sugar Saffron To Know More Watch This Video and Subscribe Now : https://www.youtube.com/user/gsfoodgasm?sub_confirmation=1#sthash.9rQTXUod.dpuf

होम शौपिंग: समय की बचत

अब घर बैठे ही खरीदें बहुत कुछ. होम शौपिंग करने के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह तो घर से ही टीवी, इंटरनैट या फिर मोबाइल के जरिए की जा सकती है. अब टीवी पर प्रसारित होने वाले शौपिंग चैनलों के कार्यक्रम रोचक ढंग से तैयार किए जाते हैं. घर के छोटेमोटे काम करते हुए टीवी तो देखा ही जा सकता है. ये कार्यक्रम नएनए उत्पादों की जानकारी देते हैं, जिस के जरिए फर्नीचर, इलैक्ट्रौनिक आइटम्स, होम फर्निशिंग आइटम्स, मोबाइल, ज्वैलरी व डिजाइनर कपड़े आसानी से खरीदे जा सकते हैं. पसंदीदा उत्पाद के कोड चैनल पर बताए जा रहे नंबर पर फोन कर के और्डर दे दें. किसी प्रकार का संशय होने पर या सुझाव लेने के लिए चैनल के शौपिंग कंसलटैंट से भी बात की जा सकती है. कुछ चैनलों का खास ब्रैंड्स के साथ टाईअप होता है व चैनल के माध्यम से इन नामी ब्रैंड्स की चीजें भी खरीदी जा सकती हैं.

फोन द्वारा और्डर देने के बाद आमतौर पर 5-7 दिनों के भीतर उत्पाद घर पर पहुंच जाता है. उत्पाद के निर्माण से संबंधित किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर ग्राहक को तुरंत कंपनी में सूचित करना चाहिए. उत्पाद को बदलने के लिए प्रत्येक चैनल के नियम अलगअलग होते हैं. इसलिए बेहतर है कि शौपिंग से पहले चैनल की शर्तों को जान लें.

फायदे ही फायदे

यह शौपिंग है आराम की: होम शौपिंग करने से बाजार जाने का समय तो बचता ही है, थकान भी नहीं होती है. शौपिंग भी मनोरंजन भी: शौपिंग चैनल के माध्यम से शौपिंग करना आसान तो होता ही है, इस पर प्रसारित कार्यक्रम मनोरंजन भी करते हैं. जल्दी क्या है: मार्केट में शौपिंग करते समय ग्राहक के पास सीमित समय होता है, जबकि होम शौपिंग में समय की पाबंदी नहीं रहती. व्यक्ति बिना किसी दबाव में आए खुले दिमाग से सामान खरीदता है. 

वैराइटी की भरमार: होम शौपिंग में ग्राहकों को उत्पादों की बहुत सारी वैराइटी देखने को मिलती है. तरहतरह के उत्पादों का भंडार देखने के बाद वह सर्वोत्तम वस्तु का चुनाव कर सकता है.

भुगतान है आसान: होम शौपिंग करने पर ग्राहक तभी भुगतान करता है, जब उस के घर पर उत्पाद सही तरह पहुंच जाता है. कैश, ड्राफ्ट या चैक के अलावा के्रडिट कार्ड से भी भुगतान किया जा सकता है. कुछ उत्पादों पर ईएमआई से भुगतान करने की सुविधा भी मिल जाती है. होम शौपिंग में बाजार की तुलना में आकर्षक छूट के अवसर अधिक मिलते हैं. यह खास बात इस शौपिंग को और भी किफायती बना देती है.

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