3 डी नेलआर्ट से बन जाए बात

शरीर की खूबसूरती में नाखूनों की सुंदरता का अलग ही महत्त्व है. इस महत्त्व को महिलाएं भी बखूबी समझती हैं. इसीलिए अब सिर्फ ब्रैंडेड और कलरफुल नेलपेंट लगा कर उन का दिल नहीं भरता, बल्कि वे अब डिजाइनर नेलआर्ट करवा कर अपने नाखूनों को अपटूडेट लुक में देखना ज्यादा पसंद कर रही हैं.

पार्टी हो या फिर घर पर ही रहना हो, हर दिन एक नई नेलआर्ट के साथ इन के नाखून तैयार रहते हैं. इस बात का खुलासा कुछ अरसा पहले दिल्ली प्रैस भवन के गृहशोभा फेब इवेंट के नेलआर्ट एवं नेल ऐक्सटैंशन कंपिटिशन में हुआ जब जज पम्मी कौल (सेलिब्रिटी नेलआर्ट ऐक्सपर्ट)को यह तय करने में मुश्किल आई कि विनर का ताज किसे पहनाया जाए.

वानिया ब्यूटी प्रोडक्ट्स, ओरीफ्लेम्स, आदया ब्यूटी हब द्वारा स्पौंसर किए गए इस कंपिटिशन में कई नेल आर्टिस्टों ने हिस्सा लिया.

1 घंटे की प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रकार के नेलआर्ट बना कर अपने हुनर का परिचय दिया. प्रतियोगिता की विनर रहीं पूजा तनेजा ने अपनी मौडल के नाखूनों पर 3डी लुक वाली नेलआर्ट बना कर सब को चकित कर दिया.

पूजा ने बताया कि नाखूनों को कुछ अलग स्टाइल देने के लिए 3डी नेलआर्ट का प्रयोग किया जा सकता है. इस आर्ट मेंनाखूनों पर 3-4 रंगों को ब्लैंड किया जाता है. साथ ही रंगों से ही नाखूनों पर ऐसी डिजाइन उकेरी जाती है कि देखने वालों को लगता है कि वे आकृति के तीनों भागों को देख पा रहे हैं. जबकि यह भ्रम होता है.

3डी नेलआर्ट बनाने का तरीका

इस तरह की आर्ट बनाने के लिए सब से पहले डिजाइन तय किया जाता है. इस के बाद नाखूनों पर कवर बेस लगाया जाता है. फिर 3-4 रंगों के नेलपेंट से नाखूनों पर उभरी डिजाइन बनाई जाती है. यह डिजाइन कैसी भी हो सकती है बस, रंगों के तालमेल और कलर ब्लैंडिंग से इसे 3डी लुक दिया जाता है.

3डी डिजाइंस

इस तरह की नेलआर्ट में ज्यादातर मार्बल, रेनबो, फौरेस्ट, स्ट्राइप्स जैसे डिजाइन बनाए जाते हैं. इस नेलआर्ट को आप अपनी ड्रैस की मैचिंग का भी बना सकती हैं, क्योंकि इस में कई सारे रंगों का एकसाथ इस्तेमाल किया जाता है.

इस के अलावा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पुरुष प्रतिभागी नवनीत चावला को उन के द्वारा स्टर्ड और स्टोन से बनाई गई नेलआर्ट के लिए स्पैशल क्रिएटिव ऐंड बैलेंस्ड अवार्ड से नवाजा गया. नवनीत अपनी इस आर्ट के बारे में बताते हैं कि यह बिंदी में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोन से की जाती है.

स्टर्ड और स्टोन नेलआर्ट बनाने का तरीका

इस आर्ट को बनाने के लिए सब से पहले किसी भी रंग के नेलपेंट को अपने नाखून पर लगाएं और उसे कौंप्लीमैंट करता हुआ एक स्टोन या स्टर्ड नाखून पर लगने वाले ग्लू से चिपका लें. ऐसा ही आप ट्रांसपेरैंट और स्पार्कल्स के कौंबिनेशन वाले नेलपेंट के साथ भी कर सकती हैं.

स्टर्ड और स्टोन डिजाइंस

स्टर्ड औैर स्टोन के जरीए आप नाखूनों पर फूल और फूल की बेल बना सकती हैं. साथ ही स्टोंस को पोलका डौट की तरह भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

3डी और स्टोन नेलआर्ट ही नहीं, प्रतियोगिता में सोशल नैटवर्किंग साइट के आइकोन भी नेलआर्ट की लिस्ट में शामिल होने से नहीं बच सके. नेलआर्ट के इस स्वरूप को नाखूनों पर उकेरने वाली गृहिणी अंजू शर्मा को प्रतियोगिता में बेशक कोई अवार्ड न मिला हो, लेकिन उन की नेलआर्ट का यह अंदाज बेहद जुदा था.

वे कहती हैं, ‘‘आजकल के बच्चे पूरा समय कंप्यूटर से चिपके रहते हैं और सोशल नैटवर्किंग साइट में उलझे रहते हैं. इसलिए अगर नेलआर्ट में भी सोशल नैटवर्किंग आइकोन डिजाइन किए जाएं तो कुछ क्रिएटिव हो जाएगा.’’

वाकई अंजू का यह नेलआर्ट डिजाइन आइडिया काफी क्रिएटिव था. प्रतियोगिता के  कुछ प्रतिभागियों ने फैब्रिक नेलआर्ट में भी अपना हुनर दिखाया. इन्हीं में से एक प्रतिभागी स्वाति सिंह ने फैब्रिक कलर्स से फ्रैंस और फंकी डिजाइंस बनाए और सैकंड प्राइज भी जीता.

वे बताती हैं, ‘‘नेलपेंट से बारीक डिजाइन बनाने में रंग फैल जाते हैं इसलिए ऐसी जगह फैब्रिक कलर्स का इस्तेमाल किया जाता है.’’

फैब्रिक नेलआर्ट बनाने का तरीका

फैब्रिक नेलआर्ट बनाने के लिए नाखूनों पर ब्रश या टूथपिक का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह की नेलआर्ट बनाने के लिए पहले नाखूनों पर नेल बेस लगाया जाता है. नेल बेस के आधा सूख जाने के बाद उस पर टूथपिक ले कर फैब्रिक कलर से पोलका डौट्स या चैक कुछ भी बना सकती हैं. डिजाइन के सूख जाने के बाद उस के ऊपर ट्रांसपेरैंट नेलपेंट लगाएं ताकि वह अच्छी तरह सैट हो जाए.

प्रतियोगिता में कुछ प्रतिभागियों ने नेल ऐक्सटैंशन में भी अपना हुनर दिखाया, जिस में से शोभा सिंह और निशी को क्रमश: प्रथम और द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया.

(दिल्ली प्रैस भवन में आयोजित फेब इवेंट में नेलआर्ट एवं नेल ऐक्सटैंशन कंपिटिशन पर आधारित अनुराधा गुप्ता का लेख.)

अभय करेंगे गुमराह

लगता है, बौलीवुड के अभिनेताओं को छोटा परदा ज्यादा भा रहा है. तभी तो अभय देओल वी चैनल के सीरियल ‘गुमराह ऐंड औफ इनोसेंस’ के चौथे संस्करण की मेजबानी कर रहे हैं. 13 कडि़यों वाले इस धारावाहिक से वे आशा करते हैं कि इस धारावाहिक की कहानियां अभिभावकों, परिवारों और युवाओं को भी सीख देंगी. आप को बता दें कि शो के पिछले सीजन की मेजबानी टेलीविजन अभिनेता करण कुंद्रा ने की थी.

टोर्टिला चिप्स

सामग्री

150 ग्राम टोर्टिला चिप्स, 30 ग्राम राजमा उबला, 30 ग्राम टोमैटो सालसा, 40 ग्राम चेडार चीज, 30 ग्राम क्रीम, 50 ग्राम कटे चोरीजोस (एक प्रकार का सौसेज), 10 ग्राम चिमीचुरी सौस (ग्रीन), सजावट के लिए 1-2 लालमिर्च व धनियापत्ती.

विधि

एक प्लेट में एक लेयर रिफ्राइड बींस की और उस के ऊपर एक लेयर टोर्टिला चिप्स रखें. फिर उस के ऊपर 1-1 लेयर रिफ्राइड बींस और चेडार चीज की लगाएं. उस के ऊपर एक लेयर फिर से टोर्टिला चिप्स की लगाएं व उस के ऊपर एक अंतिम लेयर चेडार चीज की लगाएं. फिर इसे बेक करें. बेक करने के बाद लालमिर्च व धनियापत्ती से सजा कर क्रीम व सालसा के साथ सर्व करें.

सुरक्षित एटीएम प्रयोग के सरल उपाय

आज की व्यस्त दिनचर्या के चलते हर इंसान तकनीकी सुविधाओं का प्रयोग करना चाहता है. उन में एक तकनीकी सुविधा है एटीएम कम डैबिट कार्ड, जिस ने वित्तीय क्षेत्र का नक्शा ही बदल दिया है. अब हर इंसान जब चाहे जहां चाहे अपनी जरूरत के अनुसार एटीएम मशीन से पैसा निकाल सकता है.

एटीएम कम डैबिट कार्ड से जब चाहें औनलाइन शौपिंग कर सकते हैं, अपना यात्रा टिकट बुक करा सकते हैं, शौपिंग मौल में शौपिंग कर सकते हैं, रैस्टोरैंट में खाना खा सकते हैं.

कुल मिला कर आज एटीएम कम डैबिट कार्ड का प्रयोग आम आदमी की दिनचर्या का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. एटीएम कार्ड से आप को कभी नुकसान न हो, इस के लिए निम्न टिप्स को इस्तेमाल के समय हमेशा ध्यान में रखें:

शौपिंग के दौरान ध्यान रखें कि एटीएम से आप के कार्ड को 2 बार स्वाइप न किया जाए. अगर ऐसा होता है तो इस की जानकारी लें व शौपिंग की रसीद अपने पास जरूर रखें.

एटीएम कार्ड में पीछे की तरफ लिखे सीवीवी (कार्ड वैरिफिकेशन वैल्यू) नंबर को कहीं सुरक्षित जगह पर नोट कर लें वरना नंबर की मदद से आप की जानकारी और आप के कार्ड के बगैर भी कोई इंटरनैट पर शौपिंग कर सकता है.

शौपिंग मौल व रैस्टोरैंट में क्रैडिट व डैबिट कार्ड के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए ये बातें हमेशा ध्यान में रखें:

ट्रांजैक्शन हमेशा आप की मौजूदगी में हों.

शौपिंग मौल व रैस्टोरैंट में प्रस्तुत किए गए किसी सर्वे फौर्म में अपनी निजी जानकारी न भरें.

इंटरनैट पर शौपिंग के दौरान

ट्रांजैक्शन के लिए हमेशा सुरक्षित व मान्य वैबसाइट का ही प्रयोग करें.

अपने क्रैडिट व डैबिट कार्ड से शौपिंग करने के बाद लौगऔफ कर दें व ब्राउजर कुकीज को हमेशा डिलीट करें.

सभी ईमेल संदेशों को ध्यान से देखें. ऐसे किसी मेल का जवाब न दें जिस में आप के बैंकिंग अकाउंट या निजी जानकारी मांगी गई हो. बैंक आप से ऐसी जानकारी कभी नहीं मांगता.

पेमैंट की जानकारी कभी मेल के जरीए न भेजें, क्योंकि इसे कोई भी पढ़ सकता है.

कुछ औनलाइन स्टोर यूजरनेम तथा पासवर्ड के साथ रजिस्टर करने की मांग करते हैं लेकिन आप अपने पासवर्ड को हमेशा गोपनीय रखें.

नैटवर्किंग के लिए सदैव वर्चुअल कीबोर्ड का प्रयोग करें.

सावधानियां

एटीएम मशीन का प्रयोग करते समय जल्दबाजी न करें. पैसे निकालने के बाद रसीद प्राप्त करने,

पैसे गिनने के साथसाथ कैंसल का बटन दबाना न भूलें.

अगर मशीन हैंग हो जाए तो उसे छोड़ कर दूसरी मशीन पर न जाएं. एटीएम के लिए मौजूद हैल्पलाइन नंबर पर सूचना दें या बैंक अथवा सुरक्षाकर्मी को सूचित करें. कैंसल का बटन दबाएं. मुख्य मैन्यू आने से पहले मशीन से दूर न जाएं.

एटीएम मशीन से रुपए निकालने के बाद कार्ड को वापस जेब में रखना न भूलें. एटीएम की रसीद वहां न छोड़ें. अपने पास रखें और मासिक स्टेटमैंट के साथ मिलान करें. इस से कार्ड के अनाधिकृत प्रयोग से बचा जा सकेगा और लेनदेन का रिकौर्ड भी रखा जा सकेगा.

कई बार एटीएम मशीन में पिन, अमाउंट डालने के बाद स्लिप तो बाहर आती है पर आप को पैसा नहीं मिलता और आप के खाते से पैसा डिडक्ट भी हो जाता है. अत: ऐसी स्थिति में आप डैबिट कार्ड जारी करने वाले बैंक में शिकायत करें.

मई, 2011 के आरबीआई के निर्देश के अनुसार शिकायत मिलने के 7 कार्यदिवसों के भीतर बैंक को उस ग्राहक के खाते में पैसे वापस करने होंगे. अगर 7 दिनों के भीतर उस ग्राहक के खाते में पैसे वापस नहीं आते तो बैंक को हर दिन क्व100 के हिसाब से ग्राहक को मुआवजा देना होगा.

एटीएम मशीन में कार्ड का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि आसपास कोई न हो, क्योंकि अगर कोई पास होगा तो वह आप का पिन नंबर याद कर सकता है. पिन नंबर को हमेशा गोपनीय रखें.

यदि एटीएम कार्ड डालने पर मशीन इनवैलिड कार्ड शो करे तो अपने बैंक के एटीएम पर कार्ड फिर से ट्राई करें. कई बार ऐसा तकनीकी दिक्कत की वजह से हो जाता है. फिर भी समस्या न सुलझे तो बैंक से कार्ड बदलवा लें.

एटीएम कार्ड खो जाने पर तुरंत बैंक के टोलफ्री नंबर पर फोन करें व कार्ड की पूरी जानकारी दें. शिकायत करने के बाद शिकायत का नंबर जरूर ले लें.

एटीएम कार्ड के पिन नंबर को याद रखें. अपने फोन नंबर, घर के पते, नाम या जन्मतिथि पर पिन नंबर न लिखें.

एटीएम से जब भी पैसे निकलवाने जाएं खासकर रात को, तो किसी को साथ जरूर ले जाएं. उस समय कोई संदेहास्पद व्यक्ति आप के आसपास न हो. जरा भी गड़बड़ लगे तो तुरंत बाहर निकल जाएं. एटीएम में सुरक्षा बरतनी बेहद जरूरी है वरना आप भी बैंगलुरु एटीएम में महिला पर हुए हमले जैसी घटना का शिकार हो सकती हैं.

रात में ऐसे एटीएम में जाने से बचें जो दूर या फिर सुनसान क्षेत्र में हो. जिस एटीएम में सिक्योरिटी गार्ड हो पैसे निकालने उसी में जाएं.

पति चाहिए ऐसा…

‘बालिका वधू’ और धारावाहिक ‘प्यार तूने क्या किया’ की अदाकारा प्रत्यूषा बनर्जी ऐसा हब्बी चाहती हैं, जो केवल उन की ही तारीफ करे और किसी और की तरफ कभी न देखे. वे कहती हैं कि मैं जब भी अपने लाइफ पार्टनर के बारे में सोचती हूं, तो मेरे सामने एक ऐसी इमेज बनती है कि वह लड़का बहुत कौन्फिडैंटल हो, प्रोफेशनली सैटल्ड हो और मुझे बहुत प्यार करे. लेकिन हां, एक चीज मैं बिलकुल बरदाश्त नहीं कर सकती. अगर वह मेरे सामने किसी और लड़की की तारीफ कर देगा, तो यह मुझ से बिलकुल सहन नहीं होगा. मैं चाहती हूं कि वह सिर्फ मेरे बारे में बात करे और मुझे ही प्यार करे.

शहनाई बज गई

दीपिका और रणवीर की शादी हो गई और किसी को कानोंकान भी खबर नहीं हुई, ऐसा कैसे हो सकता है? दरअसल, यह शादी असल जिंदगी में नहीं बल्कि दीपिका की आने वाली फिल्म ‘फाइंडिंग फैनी’ में हुई है, जिस में रणवीर सिंह ने कैमियो रोल निभाया है. फिल्म के पोस्टर में क्रिश्चियन दंपती के गैटअप में दोनों की तसवीर है. माना यह भी जा रहा है कि फिल्म के निर्देशक होमी अदाजानिया ने इस हौट कपल का पोस्टर इसलिए लौंच किया है कि असल जिंदगी में भी इस कपल की खबरें हमेशा छाई रहती हैं.

किकर फिश स्केवर्स

सामग्री

180 ग्राम बासा फिश, 30 ग्राम पेरीपेरी सौस, 30 ग्राम चिली लाइम मार्मलेड, 1 छोटा खीरा, 2 ग्राम थाई रैड चिली (गार्निशिंग के लिए), थोड़ी सी धनियापत्ती (गार्निशिंग के लिए).

विधि

बासा मछली के टुकड़े करें व पेरीपेरी सौस के साथ मैरिनेट करें. मैरिनेशन के बाद टुकड़ों को सीखों में लगाएं व प्रीहीटेड ओवन में अच्छी तरह पक जाने तक ग्रिल करें. हर तरफ से 3-4 मिनट तक पकाएं. गरमगरम फिश को धनियापत्ती व थाई रैड चिली से सजाएं और मिर्च व कटे खीरे के साथ सर्व करें.

चिकन ऐंड बेकन शौकर्स

सामग्री

180 ग्राम बोनलैस चिकन, 50 ग्राम बेकन स्लाइस, 2 ग्राम बारीक कटा लहसुन, 2 ग्राम कालीमिर्च, 10 मि.लि. रिफाइंड औयल, 3 ग्राम अजवाइन, 20 ग्राम आरुगुला पेस्ट, 20 ग्राम चिपोटल सौस (स्मोकड्राइड जलोपेनो), नमक स्वादानुसार.

विधि

चिकन को लहसुन, नमक, कालीमिर्च व आरुगुला पेस्ट के साथ मैरिनेट करें. फिर चिकन को बेकन स्लाइस से रैप करें. इस रैप को प्रीहीटेड ओवन में ग्रिल करें. ग्रिल होने के बाद चिपोटल सौस व सलाद के साथ सर्व करें.

ग्रिल्ड जुकिनी रोल

सामग्री

150 ग्राम जुकिनी, 10 ग्राम रिफाइंड औयल, 180 ग्राम रिकोटा चीज, 20 ग्राम लाल शिमलामिर्च, 20 ग्राम पीली शिमलामिर्च, 20 ग्राम हरी शिमलामिर्च, 10 तुलसी की पत्तियां, 5 ग्राम ओरिगैनो, कालीमिर्च, नमक आवश्यकतानुसार, 30 ग्राम हरीसा सौस (हौट चिली पैपर पेस्ट).

विधि

मध्यम आंच पर ग्रिल प्लेट को प्रीहीट करें. जुकिनी को लंबाई में काटें व उस पर नमक व कालीमिर्च छिड़कें. फिर उसे नरम होने तक ग्रिल करें. एक बरतन में रिकोटा चीज, तीनों प्रकार की शिमलामिर्च, ओरिगैनो व तुलसी की पत्तियों को अच्छी तरह मिलाएं. इस मिश्रण को जुकिनी के स्लाइस पर रखें व रोल करें. रोल को पीछे की तरफ से प्लेट में रखें. इसी तरह सभी स्लाइस को रखें व हरीसा सौस के साथ सर्व करें.

गृहवाटिका से खाद्य सुरक्षा

कैमिकल्स के इस्तेमाल से उगाई जा रही सब्जियों व उन की आसमान छूती कीमतों ने घरघर की रसोई का स्वाद बिगाड़ दिया है. ऐसे में समझदारी यही है कि गृहवाटिका यानी किचन गार्डन में सब्जियां उगाई जाएं. लेकिन कैसे, बता रही हैं नीलिमा पंत.

सब्जियां हमारे भोजन को स्वादिष्ठ, पौष्टिक और संतुलित बनाने में सहायक हैं. इन के माध्यम से शरीर को कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण, आवश्यक अमीनोएसिड व विटामिन मिलते हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को अपने भोजन में लगभग 100 ग्राम पत्तेदार सब्जियां, 100 ग्राम जड़ वाली सब्जियां और 100 ग्राम दूसरी सब्जियां खानी चाहिए.

बाजार में उपलब्ध सब्जियां व फल आमतौर पर ताजे नहीं होते तथा महंगे भी होते हैं. साथ ही उन में मौजूद रोगाणुओं व हानिकारक रसायनों की मात्रा के कारण वे स्वास्थ्यकर भी नहीं होते. इसलिए बेहतर है कि खाने के लिए सब्जियों को अपने घर या घर के आसपास गृहवाटिका यानी किचन गार्डन में उगाएं जिस से खाद्य सुरक्षा के साथसाथ वाटिका में कार्य करने से घर के सदस्यों का व्यायाम भी हो जाए.

गृहवाटिका से कुछ हद तक सभी लोग जुड़ सकते हैं चाहे वे गांव में रहते हों या शहर में. बड़े शहरों में जहां पौधे उगाने के लिए जमीन की उपलब्धता नहीं है वहां भी कुछ चुनिंदा सब्जियों को गमलों व डब्बों में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. गांव में जहां जगह की कमी नहीं है, वहां सब्जियों के अलावा फल वाले पौधे जैसे पपीता, केला, नीबू, अंगूर, अमरूद, स्ट्राबैरी, रसभरी आदि भी आसानी से उगाए जा सकते हैं.

गृहवाटिका बनाते समय ध्यान रखें :

  1. गृहवाटिका के लिए खुली धूप व हवादार छायारहित स्थान या घर के पीछे दक्षिण दिशा सर्वोत्तम होती है.
  2. सिंचाई का प्रबंध अच्छा व स्रोत पास में होना चाहिए.
  3. अच्छे जल निकास वाली दोमट भूमि इस के लिए उपयुक्त होती है. सड़ी हुई गोबर की खाद की सहायता से खराब भूमि को भी सुधार कर गृहवाटिका के योग्य बनाया जा सकता है.
  4. गृहवाटिका का आकार व माप, स्थान की उपलब्धता, फल व सब्जियों की आवश्यकता और समय की उपलब्धता आदि पर निर्भर करता है. चौकोर आकार की गृहवाटिका सर्वोत्तम मानी जाती है.
  5. अगर वाटिका खुली जगह में बना रहे हैं तो उस के चारों ओर लकड़ी, बांस आदि की बाड़ बनानी चाहिए.
  6. जमीन की 10-15 सैंटीमीटर गहराई तक खुदाई करें व कंकड़पत्थर निकाल कर मिट्टी को भुरभुरा बना कर आवश्यकतानुसार क्यारियां बना लेनी चाहिए.
  7. क्यारियों में सड़ी गोबर की खाद व जैविक खाद आदि का प्रयोग करना चाहिए.
  8. सीधे बुआई की जाने वाली व नर्सरी द्वारा लगाई जाने वाली सब्जियों को लगाने से पूर्व जैव फफूंदनाशी व जैव कल्चर से उपचारित करने के बाद उचित दूरी पर बनी कतारों में बोना चाहिए.
  9. क्यारियों में समयसमय पर सिंचाई व निराईगुड़ाई करते रहना चाहिए.
  10. गृहवाटिका में कीट नियंत्रण व बीमारियों से बचाव के लिए रासायनिक दवाओं का कम से कम प्रयोग करना चाहिए. नीमयुक्त व जैविक दवाओं का ही प्रयोग करना चाहिए.
  11. उपलब्ध जगह का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए बेल वाली सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, करेला, खीरा आदि को दीवार के साथ उगा कर छत या बाड़ के ऊपर ले जा सकते हैं.
  12. जड़ वाली सब्जियां जैसे मूली, शलगम, गाजर व चुकंदर को गृहवाटिका की क्यारियों की मेड़ों के ऊपर बुआई कर के पैदा किया जा सकता है.

मौसमी फल व सब्जियां

ग्रीष्मकालीन सब्जियां : (बुआई का समय जनवरी से फरवरी) टमाटर, मिर्च, भिंडी, करेला, लौकी, खीरा, टिंडा, अरबी, तोरई, खरबूजा, तरबूज, लोबिया, ग्वार, चौलाई, बैगन, राजमा आदि.

वर्षाकालीन सब्जियां : (बुआई का समय–जून से जुलाई) टमाटर, बैगन, मिर्च, भिंडी, खीरा, लौकी, तोरई, करेला, कद्दू, लोबिया, बरसाती प्याज, अगेती फूलगोभी आदि.

शरदकालीन सब्जियां : (बुआई का समय–सितंबर से नवंबर) फूलगोभी, गाजर, मूली आलू, मटर, पालक, मेथी, धनिया, सौंफ, शलगम, पत्तागोभी, गांठगोभी, ब्रोकली, सलाद पत्ता, प्याज, लहसुन, बाकला, बथुआ, सरसोंसाग आदि.

उपरोक्त सब्जियों के अलावा गृहवाटिका में कुछ बहुवर्षीय पौधे या फलवृक्ष भी लगाने चाहिए, जैसे अमरूद, नीबू, अनार, केला, करौंदा, पपीता, अंगूर, करीपत्ता, सतावर आदि.

आवश्यक सामग्री

यंत्र : फावड़ा, खुरपी, फौआरा, दरांती, टोकरी, बालटी, सुतली, बांस या लकड़ी का डंडा, एक छोटा स्प्रेयर.

बीज : गृहवाटिका में कम जमीन के अंदर अधिक से अधिक उत्पादन देने वाले गुणवत्तायुक्त बीज या पौध को विश्वसनीय संस्था से खरीद कर प्रयोग करें.

पौधा : अधिकतर सब्जियों की पौध तैयार कर के बाद में रोपाई करते हैं. नर्सरी के अंदर स्वस्थ पौध तैयार कर के फिर उन की रोपाई कर या संस्था से पौध खरीद कर उन्हें गृहवाटिका में लगा कर सब्जियां उगाई जा सकती हैं.

जैविक व रासायनिक खाद : गोबर या कंपोस्ट खाद का प्रयोग ही गृहवाटिका के अंदर करना चाहिए. इन के उपयोग से पौष्टिक व सुरक्षित सब्जियां उगाई जा सकती हैं. परंतु कभीकभी अभाव की दशा व अधिक उत्पादन हेतु यूरिया, किसान खाद, सुपर फास्फेट, म्यूरेट औफ पोटाश की थोड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है.

कीटनाशी व रोगरोधी दवाएं : गृहवाटिका के अंदर कीड़ों व बीमारियों का प्रकोप होता है तो ग्रसित पौधों के उस भाग को काट कर मिट्टी में दबा दें. प्रकोप होने पर जैविक कीटनाशी दवाओं का ही प्रयोग करें.

गृहवाटिका में छोटीछोटी क्यारियां बना कर और उन में सड़ी हुई गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद मिला कर क्यारियां समतल कर के उन में बीज की बुआई व पौध की रोपाई कर हलकी सिंचाई कर दें. आवश्यकतानुसार समयसमय पर सिंचाई व निराईगुड़ाई करते रहना चाहिए. बीचबीच में पौधों को सहारा देना चाहिए. सब्जियां तैयार होने के बाद उन की उचित अवस्था में तुड़ाई कर के उन्हें उपयोग करें. उचित प्रबंधन व देखभाल के साथ गृहवाटिका के अंदर ताजी, पौष्टिक व स्वादिष्ठ सब्जियां पैदा की जा सकती हैं जो परिवार के भोजन को अधिक पौष्टिक व संतुलित बना सकती हैं. इस प्रकार, गृहवाटिका हमारी खाद्य सुरक्षा का एक विकल्प भी है.

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