पति की ढाल बनती पत्नियां

पति की ढाल बनती पत्नियां

आमतौर पर पति अपनी पत्नियों की गलतियों और बेवकूफियों के कारण मुंह छिपाते रहते हैं पर प्रियंका गांधी वाड्रा को अपने पति पर लगाए गए जमीन घोटालों के आरोप के जवाब में खड़ा होना पड़ रहा है. पत्नी का पति की ढाल बनना सुखद लगता है कि अब जमाना आ गया है कि पत्नी पति को संकट से निकाले.

नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन की बात ऐसी ही है. अरविंद केजरीवाल तो भाजपा की भाषा में कुरसी छोड़ कर भागा पर जशोदाबेन का पति अपनी पति की जिम्मेदारियां छोड़ कर भाग गया. पर पत्नी आज 40 साल बाद भी उस के प्रधानमंत्री बनने के सपने को पूरा करने के लिए स्वयं को कष्ट देते हुए अपने एक कोठरी के घर से अज्ञातवास में चली गई है.

अब जमाना आ गया है जब पत्नियां पतियों की सुरक्षा करने लगी हैं. जब बिल क्लिंटन अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो मोनिका लेविंस्की से सैक्सी छेड़छाड़ के मामले में उन की पत्नी हिलेरी उन की ढाल बनी रहीं. लालू यादव जब जेल में रहे तो राबड़ी देवी ने न केवल सरकार और पार्टी को संभाला, पति को भी ऐसी हिम्मत दी कि वे आज भी राजनीति में सक्रिय हैं.

प्रियंका वाड्रा ने रौबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों का जवाब तो नहीं दिया पर जिस तरह नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि अगर उन की सरकार बनी तो वे बदले की भावना से रौबर्ट के खिलाफ कुछ न करेंगे, साफ करता है कि रौबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोप कुछ ऐसे ही हैं जैसे भाजपा के भूतपूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ हैं या गुजरात सरकार द्वारा अपने चहेतों को दिए गए सैकड़ों एकड़ जमीनों के टुकड़ों के. नरेंद्र मोदी शायद यह नहीं चाहते कि जमीनों के मामले खुलें. फिर चाहे वे अडानी के हों, रौबर्ट वाड्रा के या नितिन गडकरी के.

प्रियंका को भरोसा है कि चुनावों के बाद रौबर्ट वाड्रा की करतूतों को गलीचों के नीचे दफना दिया जाएगा. जो भी सरकार आएगी वह इस मामले को ढक कर रखेगी क्योंकि रौबर्ट वाड्रा को अगर गलत तरीके से जमीन दी गई है, तो बीसियों अफसरों पर भी आंच आएगी और अफसरशाही नरेंद्र मोदी को भी वह न करने देगी.

जो पति पत्नियों को दूसरे दर्जे का समझते हैं उन्हें यह याद रखना चाहिए कि हर दुखसुख में कोई अगर उन के साथ है तो पत्नी ही है. चाहे उन्होंने अच्छा काम किया हो या गलत. पत्नियां तो नई फिल्म ‘2 स्टेट्स’ की अमृता सिंह की तरह होती हैं जो शराबी हिंसक पति को भी सहती हैं और जिद्दी बेटे को भी.

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Bollywood : फिल्ममेकर्स कुछ नया और बड़ा करने के लिए धार्मिक फिल्मों का सहारा लेते हैं,

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ये दर्शकों के बीच सब से ज्यादा पसंद भी की जाती हैं. बौलीवुड में ऐसी ही कुछ फिल्में हैं जो काफी विवादों में रहने के बावजूद भी छप्परफाड़ कमाई कर चुकी हैं.

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हिंदी फिल्में असल में मनोरंजन का एक पैकेज हुआ करती हैं, जिस में गाने, डांस, मारधाड़ आदि दृश्य होते हैं. फिल्मों को समाज का आईना भी कहा जाता है, इस वजह से हिंदी फिल्में भी उस बात को ध्यान में रखते हुए ही बनाई जाती हैं, जिस में सब से अधिक धार्मिक फिल्में सब को अधिक पसंद आती है, क्योंकि धर्म हर व्यक्ति की भावनाओं से जुड़ा होता है और इस पर बनी फिल्में दर्शकों को अधिक आकर्षित करती हैं.

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बौलीवुड की ऐसी 5 सफल धार्मिक फिल्में हैं, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया. ऐसी फिल्मों पर कई बार सवाल भी उठाए जाते हैं, लेकिन

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फिल्ममेकर इसे बनाने से नहीं चूकते.

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अभिनेता आमिर खान और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘पीके’ भक्ति और आस्था के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को ले कर बनाई गई फिल्म है, जिस में धर्म को ले कर आडंबर और लूटपाट की घटनाओं के बीच एक दूर ग्रह से एक अंतरिक्ष यात्री आता है, जिस के भाषा का कोई आचरण नहीं औ

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र न ही उस के शरीर पर वस्त्रों का कोई आवरण है. सच्चे दिल का एक इंसान है, लेकिन उस के बातचीत और सवालों से धरतीवासी चकित हो जाते हैं और मान बैठते हैं कि वह हमेशा पिए रहता है यानि पीके घूम रहा है.

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Baidyanath Sundari Sakhi : महावारी यानी मासिक धर्म एक ऐसी प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन का अहम हिस्सा है. यह केवल भौतिक विकास का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि अपने साथ काई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न करता है. आइए, हम इन समस्याओं का विश्लेषण करें और उनके समाधान खोजें.

महावारी की समस्याएँ

   1. समस्याओं का संकोच 

बहुत सी महिलाएँ महावारी के दौरन होने वाले शरीरिक और मानसिक दर्द के बारे में बात करने में संकोच महसूस करती हैं. इसी वजह से उन्हें सहारा नहीं मिलता और समस्याओं को समझने और हल करने में कठिनाई होती है.

    2. शारीरिक दर्द

बहुत सी महिलाएँ महावारी के दौरन पेट दर्द, सर दर्द, और थकान का सामना करती हैं. ये दर्द कभीकभी इतना कठिन होता है कि उनका दिनचर्या प्रभावित होती है.

   3. मानसिक तनव

हार्मोनल परिवर्तन की वजह से महावरी के दौरान महिलाएं मानसिक तनाव और मूड स्विंग का सामना करती हैं. इस्से उनका सामान्य जीवन जीने में कठिनाइयां होती है.

   4. स्वास्थ्य संबंधि समस्याएँ

कुछ महिलाओं को अत्यधिक रक्तस्राव, अनियमित मासिक धर्म, या PCOS जैसा स्वास्थ्य संबंध समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो उनकी जीवन शैली को प्रभावित कर सकती हैं.

समाधान

     1. समस्या का विश्लेषण 

महावरी से जुड़ी समस्याओं पर खुली बातचीत करना जरूरी है. परिवार और दोस्त इसमें मददगार साबित हो सकते हैं. जागरूकता बढ़ाने से समस्या कम होती है.

    2. दर्द प्रबंधन

दर्द के लिए दर्द निवारक दवा का उपयोग किया जा सकता है. कुछ महिलाएं योग और ध्यान के माध्यम से भी दर्द को कम करने का प्रयास करती हैं.

   3. पोषण और व्यायाम 

सही पोषण और नियमित व्यायाम से आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं. फल, सब्जियां और hydration का ध्यान रखना जरूरी है.

   4. मानसिक स्वास्थ्य सहायता

अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है, तो पेशेवर मदद लेना संभव है. Counselling या therapy से आपको समस्याओं का समाधान मिल सकता है.

यदि इसे भी आराम नहीं मिलता, तो आप वैद्य से परामर्श लेकर बैद्यनाथ द्वारा दी गई सुंदरी सखी का उपयोग कर सकते हैं;

बैद्यनाथ सुंदरी सखी आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों से तैयार किया गया एक healthy टॉनिक है, सेहत को हर स्तर पर सुधारने में मदद करता है। इसमें शामिल जड़ीबूटियाँ सिर्फ शारीरिक बल देती हैं, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करती हैं.

बैद्यनाथ सुंदरी सखी में शामिल आयुर्वेदिक जड़ीबूटियाँ

  1. अशोका: महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को सुधारने वाली यह जड़ीबूटी मासिक धर्म की अनियमितताओं में बहुत लाभकारी है.
  2. अश्वगंधा: यह जड़ीबूटी शरीर की थकान और दर्द को दूर कर ऊर्जा प्रदान करती है.
  3. मंजिष्ठा – यह त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है

सुंदरी सखी का उपयोग कैसे करें?

  • वैद्य से परामर्श लेकर रोजाना सुबह और शाम 2 चम्मच सुंदरी सखी को गुनगुने पानी  के साथ लें.
  • इसे नियमित रूप से 3 महीने तक उपयोग करें.
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