४०+ विंटर मेकअप

उम्र बढ़ने के साथसाथ त्वचा का कसाव तो कम होने लगता ही है, साथ ही उस की कमियां भी नजर आने लगती हैं. मगर सही मेकअप से आप अपनी त्वचा की खामियां दूर करने, थकान मिटाने और त्वचा की रंगत लौटाने के साथसाथ अपने रंगरूप में भी निखार ला सकती हैं.

इस के लिए सब से पहले हलका कवरेज फाउंडेशन चुनें, जो आप की त्वचा के टोन से मैचिंग हो और आप के चेहरे पर आए डार्क स्पौट्स को भी छिपा सके. अब अपने पूरे चेहरे पर मेकअप लगाएं. लेकिन जौ लाइन और ठोढ़ी के पास हलका मेकअप करें ताकि इस का रंग आप की गरदन के रंग से अलग न दिखे.

चेहरे पर कहीं भी अलग से दिखने वाले मेकअप को हलका करने के लिए सब से अच्छा तरीका है स्पंज. मेकअप ज्यादा देर तक टिका रहे, इस के लिए ट्रांसलूसैंट पाउडर लगा सकती हैं. इसे लगाने के तुरंत बाद आप की उम्र 10 साल कम लगने लगेगी. लेकिन इसे कम मात्रा में ही लगाएं, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथसाथ त्वचा में रूखापन भी बढ़ता जाता है और सर्दियों में रूखी त्वचा पर ज्यादा पाउडर लगाने से चेहरे की झुर्रियां दिखाई देंगी.

पाएं ग्लोइंग स्किन

उम्र के 40 वें पड़ाव पर आतेआते त्वचा अपनी रंगत खोने लगती है और ग्लोइंग स्किन न रहने पर आप पर तनाव हावी होने लगता है, जो स्किन के लिए और भी नुकसानदायक होता है. गालों पर थोड़ा सा कलर लगाने से तुरंत आप के चेहरे पर ग्लो आ सकता है. विंटर में चेहरे पर रूखापन आ जाता है, इस से बचने के लिए पाउडर के बजाय चीक कलर पाने के लिए क्रीम या जैल का इस्तेमाल करें.

आई ब्यूटी

इस उम्र में शरीर में कोलोजन का उत्पादन कम होने लगता है, जिस से पलकों का लचीलापन समाप्त हो जाता है और वे झुकने लगती हैं. ऐसे में फुलर लैशेज आप की पलकों को देती हैं अपलिफ्टिंग प्रभाव और झुकती पलकों को अच्छी सपोर्ट. लैंथनिंग मसकारा के 2 कोट लगाएं और अपनी पलकों के किनारे पर काजल पैंसिल से खूब सारा काजल लगाएं. आंखों के पास के भाग को खुला एहसास देने के लिए अपनी भौंहों को हलके स्किन टोन के शैंपेन शेड से हाईलाइट करें और यदि त्वचा सांवली है, तो ब्रौंज शेड से हाईलाइट करें. पूरी आईलिड के पास ब्राइट कलर का प्रयोग करने से बचें. ब्राइट कलर के आईशैडो का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इसे लगाने से चेहरे की झुर्रियां ज्यादा दिखाई देती हैं.

लिप केयर

बढ़ती उम्र के साथ होंठों की भी रंगत जाती रहती है और उन के किनारे काफी रूखे हो जाते हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि आप होंठों को लिप पैंसिल की मदद से लाइन करें और भरें. ध्यान रहे कि पैंसिल का कलर आप के होंठों के गुलाबी रंग से मैचिंग हो. लिपलाइनर के ऊपर ग्लौस या बाम का कोट लगाने से यह ज्यादा ताजा दिखेगा. इस से लिप कलर फैलता भी नहीं है.

हेयरस्टाइल

जब महिलाएं उम्र के चौथे दशक में पहुंचती हैं, तो आमतौर पर वे इस गलतफहमी में रहती हैं कि इस उम्र में केश छोटे रखने चाहिए. यह सही नहीं है. आप कितने भी लंबे केशों के साथ कोई भी हेयरस्टाइल रख सकती हैं, बशर्ते वह आप के चेहरे के आकार और आप की शख्सीयत के अनुसार हो. केशों को छोटा करने से आप की गरदन और चेहरे का वह हिस्सा सामने आएगा, जो लंबे केशों के पीछे आसानी से छिपा रहता है.

आप के चेहरे के आकार के अलावा आप के हेयरस्टाइल में केशों का टैक्सचर भी काफी अहम भूमिका निभाता है. आप ऐसा हेयरस्टाइल चुनें जो आप के चेहरे के आकार व केशों के टैक्सचर के अनुरूप हो. इन बातों को ध्यान में रख कर बेहतरीन दिखने के साथसाथ आप बारबार स्टाइलिंग के झंझट से भी छुटकारा पा सकती हैं.

शौर्ट हेयर लैंथ ओवल और हार्ट शेप फेस कट के लिए उपयुक्त

शौर्ट हेयर लैंथ रखने वाली महिलाएं केशों के रखरखाव को ले कर कम चिंतित रहती हैं, क्योंकि छोटे केशों को स्टाइलिंग की ज्यादा जरूरत नहीं होती है. शौर्ट हेयरस्टाइल चेहरे के फीचर्स को काफी अच्छी तरह उभारता है. इसलिए यह सुनिश्चित कर लें कि आप के चेहरे का फेस कट इस हेयरस्टाइल के अनुरूप ही हो.

मीडियम हेयर लैंथ ओवल और हार्ट शेप फेस कट के लिए उपयुक्त

इन फेस कट की महिलाओं के लिए मीडियम लैंथ में कई हेयरस्टाइल उपलब्ध हैं. मसलन, बौब हेयरस्टाइल, लेयर्ड हेयरस्टाइल, बैंग्स हेयरस्टाइल. अधिकतर महिलाएं मीडियम लैंथ के हेयरस्टाइल को तरजीह देती हैं, क्योंकि इस से विभिन्न हेयरस्टाइल बन सकते हैं. ये फैमिनिन टच देते हैं और इन की केयर करना भी आसान होता है. मीडियम हेयर लैंथ होने से महिलाएं अपनी मरजी और मौके के हिसाब से कभी भी कोई भी हेयरस्टाइल बना सकती हैं, जिस में घुंघराले से ले कर वेवी, स्ट्रेट या लिप्ड आउट भी हो सकते हैं.

लौंग हेयर लैंथ राउंड स्क्वेयर फेस कट के लिए उपयुक्त

इन फेस कट की महिलाओं के लिए लंबे केशों वाले हेयरस्टाइल सही रहते हैं, क्योंकि इतनी लंबाई वाले केश फैमिनिन टच देते हैं. लंबे केशों के साथ विभिन्न तरह के हेयरस्टाइल बनाए जा सकते हैं. आप लेयर्ड लौंग हेयरस्टाइल, घुंघराला हेयरस्टाइल, स्टे्रट हेयरस्टाइल, वेवी हेयरस्टाइल में से कोई भी चुन सकती हैं.

सौंदर्य समस्याएं

मैं 18 वर्षीय युवती हूं. मेरी आंखों के नीचे काले घेरे हो गए हैं. मैं उन से परेशान हूं. कृपया उन्हें दूर करने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

सब से पहले तो आप इस उम्र में आंखों के नीचे काले घेरे होने का कारण जानें. कई बार आंखों की कमजोरी, तनाव, नींद आदि पूरी न होने से भी आंखों के नीचे काले घेरे बनने लगते हैं. जहां तक घरेलू उपाय की बात है तो आप खीरे और आलू का रस बराबर मात्रा में मिला कर उस में कौटन डिप कर के आंखों पर 10 मिनट लगाए रखें. फिर उसे हटा कर चेहरा धो लें. आप चाहें तो ऐलोवेरा जैल भी काले घेरों पर लगा सकती हैं.

काले घेरों को दूर करने में यूज्ड टी बैग्स भी प्रभावकारी रहते हैं. प्रयोग किए टीबैग्स को फ्रिज में ठंडा कर के 10 मिनट आंखों पर रखें. अवश्य लाभ होगा. आप चाहें तो मार्केट में उपलब्ध अंडरआई जैल व क्रीम का भी प्रयोग कर सकती हैं. इस के अलावा अपने भोजन में कैरोटिन युक्त खाद्यपदार्थों जैसे गाजर का खूब प्रयोग करें.

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मेरी उम्र 19 वर्ष है. मेरी समस्या यह है कि मेरी स्किन बहुत सैंसिटिव है. साथ ही शरीर का रंग तो गेहुआं है, लेकिन गरदन का पीछे का भाग काफी काला है. इस कालेपन को हटाने के उपाय बताएं.

अगर आप की स्किन सैंसिटिव है, तो त्वचा पर हार्श बौडीवाश या फेसवाश का प्रयोग न करें. हर्बल उत्पाद का प्रयोग करें. गरदन के पीछे के कालेपन को दूर करने के लिए दही, बेसन, हलदी व 5 बूंदें नीबू के रस की मिला कर पेस्ट बनाएं व गरदन के पीछे लगाएं. कुछ देर बाद धो लें. इस के अलावा धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन व स्कार्फ का प्रयोग करें.

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मैं 39 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. वैसे तो मेरा रंग साफ है, लेकिन पिछले 1-2 वर्षों से मेरे गालों पर पिग्मैंटेशन की समस्या हो गई है, जिस से चेहरे की रंगत बहुत खराब लगती है. क्या इस समस्या का कोई घरेलू उपचार है? मैं रोजाना सुबह नहाने के बाद और रात में सोने से पहले ऐलोवेरा जैल चेहरे पर लगाती हूं. कृपया मेरी समस्या का समाधान कीजिए?

पिग्मैंटेशन की समस्या के समाधान के लिए सब से पहले आप इस का मैडिकल कारण जानें, क्योंकि कई बार थायराइड, हारमोनल असंतुलन, आयरन की कमी व हीमोग्लोबिन के कम स्तर से भी पिग्मैंटेशन की समस्या हो सकती है. पहले इस का कारण जान कर फिर इलाज करवाएं.

इस के अतिरिक्त आप घरेलू उपाय के तौर पर पपीते को मैश करें. उस में ओट्स मिलाएं. इस पेस्ट को सप्ताह में 3 बार चेहरे पर लगाएं. इस के अलावा आप बाजार में उपलब्ध ऐंटिब्लेनिश क्रीम व जैल का भी प्रयोग कर सकती हैं.

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मैं 19 वर्षीय लड़की हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरे चेहरे पर पिंपल्स के दाग हैं. कृपया उन से छुटकारा पाने का कोई उपाय बताएं?

दरअसल, पिंपल्स चेहरे पर औयल ग्लैंड्स के ओवरऐक्टिवेट होने के कारक होते हैं इसलिए औयली फूड न खाएं. प्रदूषण और सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों के संपर्क में आने से खुद को बचाएं. पिंपल्स के दागों को हटाने के लिए आप बेसन, टमाटर का रस, नीबू का रस मिला कर चेहरे पर पैक की तरह लगाएं. सूखने पर चेहरा धो लें. इस के अलावा आप ऐंटीपिंपल कंसट्रेट जैल व ऐलोवेरा जैल का भी प्रयोग कर सकती हैं.

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मैं अपने झड़ते बालों को ले कर बहुत परेशान हूं. कृपया उन्हें झड़ने से रोकने के लिए कोई उपाय बताएं?

बालों के झड़ने का कारण हारमोनल असंतुलन व कैमिकल ट्रीटमैंट भी हो सकता है. बालों को झड़ने से रोकने के लिए मेथी पाउडर, शिकाकाई व आंवला पाउडर को मिला कर शैंपू से पहले आधे घंटे के लिए बालों में लगाएं. इस से लाभ होगा. साथ ही अपने भोजन में गाजर, ग्रीन वैजिटेबल्स आदि का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें.

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मेरी उम्र 20 साल है. मेरी चेहरे की त्वचा बहुत औयली है, जिस की वजह से मैं जब भी मेकअप करती हूं वह बह जाता है और चेहरा चिपचिपा सा दिखता है. कृपया मुझे कोई ऐसा घरेलू उपाय बताएं जिस से मेकअप देर तक टिका रहे?

सब से पहले आप जब भी मेकअप करें चेहरे को ऐस्ट्रिंजैंट से अच्छी तरह साफ कर लें. फिर चेहरे पर आइसक्यूब्स रगड़ें या टोनर का प्रयोग करें. मेकअप से पहले बेस का चुनाव करें. फाउंडेशन को चेहरे पर डौटडौट कर के लगाएं व अच्छी तरह मर्ज करें. इस के बाद डस्क पाउडर लगाएं. इस से मेकअप ज्यादा देर तक टिका रहेगा.

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मेरी उम्र 22 साल है मेरा रंग साफ है पर मेरे हाथों की कुहनियों में बहुत ज्यादा कालापन है, जिस से मेरे हाथ भद्दे लगते हैं. कृपया इन्हें साफ करने का कोई उपाय बताएं?

काली पड़ी कुहनियों को साफ करने के लिए सरसों के तेल में थोड़ा सा नमक और नीबू मिला कर  गोलाई में रगड़ें. कुहनियां साफ हो जाएंगी. ऐसा हफ्ते में 2 बार करें. अगर ज्यादा कालापन है तो महीने में 1 बार ब्लीच भी करें.

समस्याओं के समाधान- संगीत सभरवाल, कौस्मैटोलौजिस्ट

जब चुनें ब्राइडल ज्वैलरी

वर्तमान युग में फैशन में लगातार बदलाव आ रहा है. फिर चाहे बात कपड़ों की हो अथवा ब्राइडल ज्वैलरी की. ब्राइडल ज्वैलरी हर साल नए रूप में बाजार में दिखाई देती है. नए रूप में दिखाई दे भी क्यों न, क्योंकि आज हर दुलहन ऐसे गहने खरीदना चाहती है, जो परंपरागत होने के साथसाथ आधुनिक भी हों. उन की उपयोगिता न केवल विवाह के मौके पर ही हो, बल्कि बाद में भी हो.

विवाह में मांगटीका, हार, चूड़ा, झुमके, नथ, करधनी, पायल आदि सभी दुलहनें पहनती हैं पर इन में वे कम बजट में अधिक खूबसूरत गहने तलाशती हैं. यही वजह है कि प्लैटिनम के गहने दुलहनों को खूब भा रहे हैं. इन में स्वरोस्की डायमंड प्रमुख है. इस के अलावा कुंदन और जड़ाऊ सैट जिन पर सुंदर मीनाकारी काम हो, अधिक पसंद किए जाते हैं.

गहने अलमारियों या लौकर्स के लिए नहीं हर अवसर पर पहने जाएं, इस सोच को ध्यान में रख कर ज्वैलरी डिजाइनर गहने बना रहे हैं. मुंबई के पोपले इटरनल के ओनर सूरज रामचंद्र पोपले कहते हैं, ‘‘ब्राइडल ज्वैलरी की मांग उपयोगिता पर निर्भर करती है. वैस्टर्न डिजाइनों को ट्रैडिशन में ढाल कर नया रूप दिया जाता है. इन में सेमीप्रिसिअस स्टोन खासकर इमरल्ड, रूबी डायमंड आदि अधिक पसंद किए जा रहे हैं. टू इन वन कौन्सैप्ट इस दिशा में अधिक लोकप्रिय है. ये गहने विवाह के दिन के अलावा रिसैप्शन में भी पहने जा सकते हैं. केवल गले का हार ही नहीं वरन कानों की बालियां भी अवसर के अनुसार भारी और हलकी तैयार की जा रही हैं.’’

सगाई के गहने: सगाई में सगाई की अंगूठी सब से खास होती है. क्लासिक डायमंड सौलिटेयर से ले कर कंटैंपररी रिंग स्टाइल, जिस में स्टोन, इमरल्ड, रूबी आदि किसी भी प्रकार का नग दुलहन के लिए उचित रहता है. अंगूठी खरीदते समय यह भी देखें कि उस की बैंड आप की उंगली पर कितनी सटीक लगती है. आजकल प्लैटिनम अधिक प्रचलित है. इस के अलावा पीले गोल्ड, सफेद गोल्ड, गुलाबी गोल्ड, ग्रीन गोल्ड आदि की रिंग्स भी मिलती हैं.

मेहंदी की रस्म के गहने: संगीत और मेहंदी की रस्म के दिन दुलहने अधिकतर हलके और साधारण गहने चुनती हैं. सिंपल गोल्ड चेन पर खूबसूरत पैंडेंट और सोने व डायमंड की लंबी इयररिंग्स काफी पसंद की जाती हैं. फूलों की नक्काशी वाले आभूषणों को भी दुलहनें पसंद करती हैं.

विवाह के गहने: विवाह का दिन सब से अधिक महत्त्वपूर्ण होता है. इस दिन दुलहन नख से शिख तक शृंगार करती है. पहले ज्यादातर भारतीय शादियों में दुलहनें पीले सोने के गहने ही पहनती थीं, जो उन के बजट में होते थे. मगर आजकल हीरे, सफेद सोने और प्लैटिनम के गहने भी दुलहनें पहनना पसंद करती हैं.

आजकल गहने दुलहन की पोशाक के आधार पर कस्टमाइज कर बनाए जाते हैं. इन में गले का हार, कंगन, शृंगारपट्टी, मांगटीका, नथ, झुमके, पंजा, बिछुआ, पायल, मंगलसूत्र आदि शामिल हैं. विवाह के गहने अधिकतर लाल और हरे रंग के पत्थर के बने पसंद किए जाते हैं. सौलिटेयर कलैक्शन, रजवाड़ी कडे़, रजवाड़ी हार, बटरफ्लाई ऐंक्लेट आदि सभी गहने इस अवसर पर खासतौर पर पहने जाते हैं.

रिसैप्शन के गहने: रिसैप्शन के दिन दुलहनें भारीभरकम ड्रैस पहनना पसंद नहीं करतीं ताकि अपने परिवार और दोस्तों के बीच आसानी से घूमफिर सकें. इसलिए गहने भी हलके और ऐलिगैंट पसंद किए जाते हैं. इन में सिंपल डायमंड नैकलैस, इयररिंग्स, बे्रसलेट, स्टोन लगी चूडि़यां आदि खास होती हैं.

सुहागरात के गहने: इस दिन दूल्हादुलहन एकदूसरे से अपने प्यार का इजहार करते हुए भेंटस्वरूप कुछ देना पसंद करते हैं. इस अवसर पर अंगूठी खास है. अंगूठी पीले सोने, सफेद सोने, प्लैटिनम आदि किसी की भी हो सकती है. आजकल दुलहन को अधिकतर रत्नजडि़त अंगूठी देने का चलन है. पोपले इटरनल की अंगूठी ‘दो हंसों का जोड़ा’ का इन दिनों विशेष आकर्षण है.

हाई हील पहनें जरा संभल कर

‘‘मैं नहीं जानती कि हाई हील का आविष्कार किस ने किया था, पर सभी महिलाएं उस के प्रति कृतज्ञ हैं,’’ मर्लिन मुनरो का यह वाक्य हाई हील के प्रति महिलाओं का पैशन दर्शाता है. इतिहास साक्षी है कि स्त्रीपुरुष सभी ने हाई हील को पसंद किया है. सुपर मौडल वैरोनिका वैब ने कहा है कि हाई हील नितंबों को ऊंचा उठा देती है, जिस से टांगों की लंबाई ज्यादा लगने के कारण व्यक्तित्व और भी आकर्षक बन जाता है.

माना यह भी जाता है कि अगर मौडल बनना है, तो हाई हील पहनने की प्रैक्टिस जरूरी है. लेकिन हाल ही में हुए विल्स लाइफस्टाइल इंडिया फैशन वीक में कुछ डिजाइनर्स ने इस बात को मिथ्या सिद्ध कर दिया. इस के लिए उन्होंने अपनी कुछ मौडल्स को रैंप पर नंगे पांव चला दिया. पिछले वर्ष मेलबर्न में हुए फैशन फैस्टिवल में कुछ मौडल्स ने तो रैंप पर चलते हुए बीच में ही अपनी हाई हील उतार डालीं, क्योंकि वे चलने में असहज हो रही थीं.

क्या कहते हैं डिजाइनर

डिजाइनर अनुपमा दयाल का कहना है कि हील पहन कर चलना ही फैशन का प्रतीक नहीं है, इसलिए उन्होंने अपनी मौडल्स को सहजतापूर्वक चलने की आजादी दे दी.एक और डिजाइनर परोमिता बनर्जी कहती हैं कि फैशन का मतलब हर समय तकलीफ पाना नहीं है.

यह सच है कि सौंदर्य व आकर्षण बढ़ाने में हाई हील फुटवियर विशेष भूमिका निभाता है, पर हैल्थ की दृष्टि से इस के दुष्परिणाम को अनदेखा नहीं करना चाहिए. ऐक्सपर्ट कहते हैं कि हाई हील रैग्युलर बेसिस पर पहनने वाली महिलाओं को कुछ वर्षों के उपरांत स्लिप डिस्क, घुटनों की आर्थ्राइटिस और तलुवों में सूजन होने के बहुत चांस हो जाते हैं.

सीनियर कंसलटैंट, और्थोपैडिक और जोड़ों को रिप्लेस करने वाले सर्जन राजीव के. शर्मा ने बताया कि 1 माह में हाई हील के दुष्परिणाम से पीडि़त करीब 25 पेशैंट उन के पास आते हैं. अगर आप हील पहनना शुरू करना चाहती हैं, तो शुरू में मजबूत एड़ी वाली तथा स्टै्रप वाली सैंडल ही चुनें ताकि आप की एड़ी व तलुवों पर तनाव न आए.

डा. राजीव के अनुसार, हमारे चलनेदौड़ने से घुटनों पर ही पूरा जोर पड़ता है. माना कि पौइंटेड शूज या सैंडल पहनने से स्टाइल व सौंदर्य बढ़ता है पर उन को पहनने की आदत घुटनों के टिशूज को नुकसान पहुंचाती है. फिर यही एक बड़ी समस्या बन जाती है. डा. राकेश आजाद के अनुसार, लंबी महिलाओं को हाई हील ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है. चूंकि लंबी महिलाओं की टांगें लंबी होती हैं, इसलिए उन की सैंटर औफ ग्रैविटी ऊंची होती है. ऐसे में हाई हील पहनने पर चलने में असंतुलित होने के ज्यादा चांस हो जाते हैं. परिणामस्वरूप मोच आने के खतरे के साथसाथ उन की पिंडलियों में तनाव व दर्द भी रह सकता है.

साथ ही उन्होंने कहा कि इस का तात्पर्य यह नहीं है कि लंबी महिलाएं हाई हील कभी न पहनें. विशेष अवसरों पर या कुछ देर के लिए वे सावधानी बरतते हुए अपना शौक पूरा कर सकती हैं.

एक सर्वे के अनुसार 57% हाई हील पहनने वाली महिलाओं को गंभीर दर्द रहता है. हड्डी के जोड़ों में बहुत तनाव होने के कारण जोड़ों का मूवमैंट थम जाता है, जिस के कारण गठिया जैसी बीमारी हो सकती है. पैरों के अंगूठों पर भी खराब असर पड़ता है. कभी पैर मुड़ने से मोच के साथ लिगामैंट्स को भी नुकसान पहुंचता है. स्लिप होने पर एड़ी व टखने में भी विकृति आने का खतरा हो सकता है.

उम्र का कितना फैक्टर

फिटनैस ऐक्सपर्ट नीरज मेहता कहते हैं कि इस में उम्र की बात नहीं होती, क्योंकि मेरे पास 50 वर्ष की उम्र की महिला से ले कर 20-30 वर्ष की करीब 5-6 महिलाएं हर माह सलाह लेने आती हैं. दूसरी ओर डा. रामचंद्रन का कहना है कि यंग ऐज में हाई हील पहनने के उतने दुष्परिणाम नहीं होते, फिर भी हील पहनते समय ऐज व वेट फैक्टर अवश्य माने रखता है. इस के अलावा हर बौडी की अपनी क्षमता होती है. साथ ही यह भी सच है कि छोटी हील पहनने पर प्राकृतिक चाल रहती है. साथ ही छोटे कद की महिला पर हाई हील का उतना स्ट्रेन नहीं पड़ता, जितना लंबे कद की महिला पर पड़ता है.

हाई हील पहनने से पैरों के अंगूठों में दर्द, पैरों के बीच वाले हिस्से में दर्द और एड़ी, टखने, घुटने, कूल्हे, पीठ तथा सिर में भी दर्द रह सकता है. ऐसी कोई भी परेशानी होने पर सावधान हो जाएं. डाक्टरी सलाह लें और हाई हील न पहनें.

रिसोटो रोल्स

सामग्री

1 कप चावल, 1 टमाटर, 1 प्याज कटा, 1 हरीमिर्च कटी, 4-5 ब्रैडस्लाइस, तलने के लिए तेल, 1/2 कप लाल, पीली व हरी शिमलामिर्च कटी, नमक स्वादानुसार.

विधि

चावलों को धो कर पानी में भिगो लें. कुकर में तेल गरम करें व प्याज भूनें. शिमलामिर्च, टमाटर, हरीमिर्च, नमक व चावल डालें. इस में 11/2 कप पानी डाल कर चावलों को प्रैशर कुक करें. ब्रैडस्लाइस की साइड काटें व पानी से हलका गीला करें. इस में रिसोटो भर कर गरम तेल में डीप फ्राई करें. सौस के साथ गरमगरम परोसें.

रुमाली पनीर रोल्स

सामग्री

1 कप पनीर, 1 कप मैदा, 1 बड़ा चम्मच तेल, 3 बड़े चम्मच चीज, 1/4 कप शिमलामिर्च कटी, 1 प्याज कटा, 1 आलू उबला, 3 बड़े चम्मच ताजा ब्रैडक्रंब्बस, तलने के लिए तेल, नमक स्वादानुसार.

विधि

मैदा, नमक व तेल को मिला कर गूंध लें. इस के छोटेछोटे पेड़े बना कर पतलापतला बेल कर गरम तवे पर सेंक लें. पनीर, प्याज, शिमलामिर्च, आलू, ब्रैडक्रंब्स व नमक डाल कर रोल बनाएं. गरम तेल में सुनहरा होने तक तलें. सिंकी रोटियों पर चीज डालें ऊपर से शिमलामिर्च व प्याज डालें और गरमगरम परोसें.

टिक्की टार्ट

सामग्री

1 कप मैदा, 1 बड़ा चम्मच तेल, 2 उबले आलू, 1 प्याज कटा, 1/2 कप दही, 2 बड़े चम्मच लाल मीठी चटनी, 1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती कटी, 1 बड़ा चम्मच अरारोट पाउडर, 1/2 छोटा चम्मच नीबू रस, नमक स्वादानुसार.

विधि

मैदे व नमक को छान लें. फिर इस में तेल मिला कर पानी से गूंध लें. एक बड़े टार्ट मोल्ड को ग्रीस कर गुंधे मैदे की मोटी पूरियां बेल कर मोल्ड में लगाएं और पहले से गरम ओवन में 180 सैंटीग्रेड पर 10-15 मिनट बेक करें. उबले आलुओं को मैश कर अरारोट पाउडर, नमक, नीबू रस व आधा कटा प्याज मिलाएं. फिर टिकियों का आकार दे कर डीप फ्राई या शैलो फ्राई करें. अब बेक किए टार्ट पर 3-4 टिकियां रखें. ऊपर से दही डालें. उस पर प्याज, धनियापत्ती व मीठी चटनी डाल कर सर्व करें.

प्रोटीन स्टिक्स

सामग्री

1 आलू उबला, 1/4 कप चना दाल, 1/4 कप छोले, 1/4 कप काले चने, 1/2 छोटा चम्मच अमचूर पाउडर, 1 हरीमिर्च कटी, 1 प्याज कटा, 2 बड़ा चम्मच बेसन, 1 शिमलामिर्च कटी, 1 टमाटर कटा, नमक स्वादानुसार.

विधि

चना दाल, छोले व काले चने पानी में भिगो कर नमक डाल कर उबाल लें. फिर इन में नमक व हरीमिर्च डाल कर इन्हें पीस ले. इस में उबले आलू, अमचूर पाउडर व प्याज डाल कर अच्छी तरह मिला कर रोल बनाएं. रोल्स को बेसन में लपेट कर गरम तेल में डीप फ्राई करें. रोल्स के टुकड़े करें. स्टिक में रोल्स का टुकड़ा, शिमलामिर्च व टमाटर का टुकड़ा व फिर रोल्स का दूसरा टुकड़ा लगाएं व परोसें.

ओट्स फ्रिटर्स

सामग्री

1 कप ओट्स, 1/2 कप सूजी, 1/4 कप शिमलामिर्च कटी, 1 प्याज कटा, 1 हरीमिर्च कटी, तलने के लिए तेल, नमक स्वादानुसार.

विधि

ओट्स व सूजी को मिला कर पानी डालें और गाढ़ा बैटर बनाएं. इस में प्याज, हरीमिर्च, शिमलामिर्च व नमक मिलाएं. गरम तेल में इस के फ्रिटर्स तलें. चटनी या सौस  के साथ गरमगरम परोसें.

क्रिस्पी बन

सामग्री

2 बन, 1/4 कप ब्रोकली, 2-3 बेबीकौर्न, 1 प्याज कटा, 1/2 शिमलामिर्च कटी, 1 टमाटर कटा, 2 बड़े चम्मच मक्खन, 1/4 छोटा चम्मच कालीमिर्च पाउडर, 2 बड़े चम्मच चीज कसा, नमक स्वादानुसार.

विधि

बन को बीच में से स्कूप करें व बीच का भाग निकाल दें. कड़ाही में मक्खन गरम कर प्याज भूनें. इस में शिमलामिर्च, बेबीकौर्न व टमाटर डाल कर पकाएं. पकने पर ब्रोकली, नमक व कालीमिर्च पाउडर डालें. इसे स्कूप किए बन में भरें. ऊपर से बन की साइड पर चीज लगा कर 180 सैंटीग्रेड पर बेक करें.

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