Saras Salil Cine Awards: निरहुआ ने दर्शकों को नहीं किया निराश, देखें खूबसूरत फोटोज

भोजपुरी सिनेमा में सब से बड़े ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ का 5वां साल कई माने में काफी खास रहा. इस साल भी इस का आयोजन उत्तर प्रदेश में ‘अयोध्या महोत्सव’ मंच पर 4 जनवरी, 2024 को किया गया.

विमल और माही की जोड़ी छाई रही

हीरो विमल पांडेय और हीरोइन माही खान ने इस अवार्ड शो के होस्ट की जिम्मेदारी संभाली. इन की जोड़ी पिंक और ब्लैक ड्रैस में बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी. इन दोनों ने भोजपुरिया बोली में बेहद खास अंदाज से शुरुआत कर पूरे समय अपने चुलबुले और फनी मूमैंट्स द्वारा लोगों को आखिर तक बांधे रखा और बीचबीच में हलकेफुलके अंदाज में हंसीमजाक से लोगों का मनोरंजन करते रहे.

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खूब खिंची सैल्फी

‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के प्रति दीवानगी केवल दर्शकों में ही नहीं, बल्कि भोजपुरी के तमाम बड़े हीरोहीरोइनों और टैक्निशियनों में भी दिखी. कलाकार अवार्ड पाने के बाद एकदूसरे के साथ खूब सैल्फी ले रहे थे.

कार्यक्रम को होस्ट कर रहे विमल पांडेय और माही खान की जोड़ी के साथ कई ऐक्टरों ने उन के शानदार अंदाज में ऐंकरिंग के लिए बधाई देते हुए सैल्फी ली. बहुत से ऐक्टरों ने उसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा भी किया.

दर्शकों को नहीं किया निराश

‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के दौरान एक ओर दर्शक भोजपुरी के सुपर स्टार हीरो और हीरोइनों को सामने पा कर गदगद थे, वहीं दूसरी ओर उन के साथ सैल्फी लेने की होड़ मची थी. दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ के साथ दर्शक सैल्फी लेते रहे, लेकिन एक बार भी ‘निरहुआ’ के चेहरे पर गुस्सा और झल्लाहट नहीं दिखी. कुछ यही हाल आम्रपाली दुबे, अनारा गुप्ता, रक्षा गुप्ता, सपना चैहान, पल्लवी गिरि के साथ हुआ. इन हसीनाओं ने अपने फैंस को खूब सैल्फी दी. अंजना सिंह और देव सिंह के साथ ही फिल्मों में विलेन का किरदार निभा कर पौपुलर हुए संजय पांडेय और अयाज खान के साथ भी सैल्फी लेने वालों की होड़ मची रही.

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आर्यन बाबू ने हीरोइनों को स्टेज पर नचाया

भोजपुरी फिल्मों में चाइल्ड ऐक्टर के तौर पर अपने हुनर और ऐक्टिंग की बदौलत मशहूर हुए आर्यन बाबू ने कड़ाके की ठंड में लोगों में एनर्जी भर दी और अपने निराले अंदाज में उन्हें खूब हंसाया. आर्यन बाबू यहीं नहीं रुके और उन्होंने माइक थाम कर जब गाना शुरू किया, तो दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे सहित सभी ऐक्टर दर्शकों के साथ तालियां बजाने लगे.

आर्यन बाबू ने अपने डांस में तब और ज्यादा ट्विस्ट ला दिया, जब उन्होंने ‘मिस जम्मू’ और फेमस ऐक्ट्रैस अनारा गुप्ता, रक्षा गुप्ता, सपना चैहान को स्टेज पर थिरकने को मजबूर कर दिया. चाइल्ड ऐक्टर आयुषी मिश्र ने भी लोगों को खूब गुदगुदाया.

देसी नाच ‘कहरवा’ में झूमे ऐक्टर

‘अयोध्या महोत्सव मंच’ पर आयोजित हुए ‘5वें सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में जो सब से खास रहा, वह था ‘कहरवा’. अवधी बोली में गाए जाने वाले गीत के साथ जब अवधी कलाकार राजेश गौड़ की अगुआई में तकरीबन 3 दर्जन लड़केलड़कियों की टीम स्टेज पर चढ़ी, तो लोगों की सांसें थम सी गईं. इन युवा कलाकारों ने खतरनाक स्टंट के साथ देसी अंदाज में जो डांस पेश किया, उस ने लोगों में रोमांच भर दिया.

छोटी अनु पर भड़केगा अनुज, Anupamaa में आएगा ये नया ट्विस्ट

टीवी का चर्चित सीरियल अनुपमा (Anupamaa) में लगातार हाईवोल्टेज ड्रामा चल रहा है, जिससे दर्शकों का भरपूर एंटरटेनमेंट हो रहा है. सीरियल के बिते एपिसोड में आपने देखा कि अनुपमा आधी रात में सड़कों पर भटकती नजर आ रही है, उसे लोग अजीब नजरों से देखते हैं, लेकिन वह फिर यशपाल के रेस्टोरेंट पर पहुंचती है. आइए जानते हैं अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड के बारे में.

अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा यशपाल से कहती है कि वह आगे उसे शिकायत का मौका नहीं देगी. इसके बाद अनुपमा उसके पैसे और फोन लौटा देती है. तो दूसरी तरफ वनराज बा को अपनी आगे की योजना के बारे में बताता है. वह बा को टावर का ब्रोशर दिखाता है और बताता है कि उसकी कंपनी इसे बना रही है,  इसमें बच्चों के लिए खेल का मैदान और बूढ़े लोगों के लिए एक अलग जगह होगी. वनराज पुराने दिनों को याद करते हुए अपनी बा से कहता है कि जब हमारे पास पैसे नहीं थे, तो बा और बापू जी आप दोनों ने कड़ी मेहनत की.

अनुपमा छोटी अनु यानी आध्या को याद करती है. वह सोचती है उसे आध्या से बात करनी चाहिए, लेकिन उसे फोन करने से कतराती है. तो दूसरी तरफ आध्या अनुज और श्रुति से माफी मांगती है और कहती है कि आप लोग मुझे प्यार करते हैं और समझते हैं.

वह श्रुति से कहती है कि वह जोशी बहन से दूर रहे. वह कहती है कि ऐसे लोग स्वीट बनकर जिंदगी में आते हैं और फिर सब खराब कर देते हैं. तो दूसरी तरफ अनुज ये सारी बातें सुनकर गुस्सा हो जाता है और कहता है कि बड़ों के बारे में तुम ऐसी बातें नहीं कर सकती हो. जिसके बाद आद्या भड़क जाती है और गुस्सा हेकर वहां से निकल जाती है.

शो के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि श्रुति फिर यशपाल के रेस्टोरेंट में आती है. जहां अनुपमा और श्रुति मिलते हैं. श्रुति इमोशनल हो जाती है और अनुपमा से बताती है कि वह अनुज कपाड़िया से बहुत प्यार करती है, लेकिन डरती है कि आद्या की वजह से उसका रिश्ता ना टूट जाए. अनुपमा उसे समझाने की कोशिश करती है.

जिंदगी का गणित: भाग 3

अब वह मन ही मन राहुल से बोलती, बतियाती रहती, जैसे वह हर वक्त उस के भीतरबाहर रह रहा हो. उस के रोमरोम में बसा हुआ हो. वह अब जो भी रसोई में पकाती, उसे लगता राहुल के लिए पका रही है, वह खाती या विनोद को खिलाती तो उसे लगता रहता, राहुल को खिला रही है. वह अपने सामने बैठे पति को अपलक ताकती रहती, जैसे उस के पीछे राहुल को निहार रही हो.

वह स्नानघर में वस्त्र उतार कर नहा रही होती तो उसे लगता रहता, राहुल उस के पोरपोर को अपनी नरम उंगलियों से छू और सहला रहा है और वह पानी की तरह ही बहने लगती.

राहुल के लिए ऊपर छत पर कोई स्नानघर नहीं था. नीचे सीढि़यां उतर कर इमारत के कर्मचारियों के लिए एक साझा स्नानघर था, जिस में उसे नहाने की अनुमति थी. वह किसी महकते साबुन से नहा कर जब सीढि़यां चढ़ता हुआ उस के फ्लैट के सामने से गुजरता तो अनायास ही वह जंगले में आ कर खड़ी हो जाती. देर तक उस के साबुन की सुगंध हवा के साथ वह अपने भीतर फेफड़ों में महसूस करती रहती. आदमी में भी कितनी महक होती है. आदमी की आदम महक और वह उस महक की दीवानी…उस में मदहोश, गाफिल.

वह जानबूझ कर विनोद के सामने कभी गलती से भी राहुल का जिक्र न करती थी. कमरे में आ जाने के बावजूद कभी उस ने विनोद के सामने उस से बात करने का प्रयास नहीं किया था. न उसे कभी चाय या खाने पर ही बुलाया था.

परंतु क्या सचमुच ऐसा था, इतना सहज और सरल? या संख्याएं और गणितीय रेखाएं आपस में उलझ गई थीं, गड्डमड्ड हो गई थीं?

उस ने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की थी कि वह विनोद के अलावा भी किसी अन्य पुरुष की कामना करेगी कि उस के भीतर कोई दूसरा भी कभी इस तरह रचबस जाएगा कि वह पूरी तरह अपनेआप पर से काबू खो बैठेगी.

‘‘राहुल, तुम मेरा भला चाहते हो या बुरा…?’’ एक दिन उस की चार्टर्ड बस नहीं आई थी तो उसे राहुल के साथ ही सामान्य बस से दफ्तर जाना पड़ रहा था. वे दोनों उस समय बस स्टौप पर खड़े थे.

‘‘तुम ने कैसे सोच लिया कि मैं कभी तुम्हारा बुरा भी चाह सकता हूं? अपने मन से ही पूछ लेतीं. मेरे बजाय तुम्हारा मन ही सच बता देता,’’ राहुल सीधे उस की आंखों में झांक रहा था.

‘‘तुम मेरी खातिर ऊपर का कमरा ही नहीं, बल्कि यह नौकरी भी छोड़ कर कहीं चले जाओ. सच राहुल, मैं अब…’’

‘‘अगर तुम मेरे बिना रह सकती हो तो कहो, मैं दुनिया ही छोड़ दूं. मैं तुम्हारे बिना जीवित रहने की अब कल्पना नहीं करना चाहता,’’ उस ने कहा तो रमा की पलकों पर नमी तिर आई.

‘‘किसी भी दिन मेरा पागलपन विनोद पर उजागर हो जाएगा. और उस दिन की कल्पनामात्र से ही मैं कांप उठती हूं.’’

‘‘सच बताना, मेरे बिना अब जी सकती हो तुम?’’चुप रह गई रमा.

बस आई तो राहुल उस में चढ़ गया. उस ने हाथ पकड़ कर रमा को भी चढ़ाना चाहा तो वह बोली, ‘‘तुम जाओ, मैं आज औफिस नहीं जाऊंगी,’’ कह कर वापस घर आ गई.

मां ने उस की हालत देखी तो पहले तो कुछ नहीं कहा, पर जब वह अपने शयनकक्ष में बिस्तर पर तकिए में मुंह गड़ाए सिसकती रही तो न जाने कब मां उस के पलंग पर आ बैठीं, ‘‘अपनेआप को संभालो, बेटी. यह सब ठीक नहीं है. मैं समझ रही हूं, तू कहां और क्यों परेशान है. मैं आज ही राहुल से चुपचाप कह दूंगी कि वह यहां से नौकरी छोड़ कर चला जाए. इस तरह कमजोर पड़ना अच्छा नहीं होता, बेटी. तेरा अपना घरपरिवार है. संभाल अपनेआप को.’’

रमा न जाने क्यों देर तक एक नन्ही बच्ची की तरह मां की गोद में समाई फफकती रही, जैसे कोई उस का बहुत प्रिय खिलौना उस से छीनने की कोशिश कर रहा.

धूमधाम से मनाया गया ‘5वां सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’, स्टेज पर झूमे निरहुआ और आम्रपाली

भोजपुरी सिनेमा में सब से बड़े ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ का 5वां साल कई माने में काफी खास रहा. इस साल भी इस का आयोजन उत्तर प्रदेश में ‘अयोध्या महोत्सव’ मंच पर 4 जनवरी, 2024 को किया गया. इस में ‘भोजपुरी के अमिताभ बच्चन’ कहे जाने वाले कुणाल सिंह के साथसाथ आजमगढ़ के सांसद और जुबली स्टार दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, आम्रपाली दुबे, संजय पांडेय, अंजना सिंह, देव सिंह सहित टौप के कलाकारों ने शिरकत की.

अयोध्या जिले के ‘फौर एवर लौन’ में रंगारंग कार्यक्रम शुरू होने के 3 घंटे पहले ही दर्शकों के लिए लगाई हजारों सीटें खचाखच भर गई थीं. दर्शकों का भोजपुरी कलाकारों के प्रति दीवानगी का यह आलम था कि कार्यक्रम स्थल पर तिल रखने की जगह नहीं बची थी. कड़ाके की ठंड भी फैंस का हौसला नहीं तोड़ पाई.

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इस भोजपुरी रंगारंग नाइट का आगाज ‘अयोध्या महोत्सव न्यास’ के अध्यक्ष हरीश श्रीवास्तव ने किया. वे बोले कि ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ वर्तमान में भोजपुरी सिनेमा का सब से बड़ा अवार्ड बन चुका है. ‘सरस सलिल’ जब तक चाहे तब तक ‘अयोध्या महोत्सव न्यास’ भोजपुरी सिने अवार्ड को होस्ट करेगा.

इन का रहा खास रोल

‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में ‘अयोध्या महोत्सव न्यास’ के अलावा जनार्दन पांडेय ‘बबलू पंडित’ ने खास रोल निभाया. उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को निमंत्रित करने से ले कर उन के आवभगत में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी. इस के अलावा गायक विवेक पांडेय ने भी आयोजन को कामयाब बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की.

स्टेज पर झूमे कलाकार

अवार्ड की शुरुआत सागर शान एंड टीम ने डांस से की, तो उन के ऐक्शन और स्टंट ने दर्शकों में रोमांच भर दिया. छरहरे बदन वाले हीरो विमल पांडेय और हीरोइन पल्लवी गिरि की जोड़ी ने अपने डांस से युवा दिलों की धड़कनें बढ़ा दीं. लिटिल स्टार आर्यन बाबू ने जब स्टेज पर एंट्री मारी, तो दर्शकों की सीटियां रुकने का नाम नहीं ले रही थीं. भोजपुरी के पहले रैप सिंगर हितेश्वर ने अपने रैप से माहौल को रंगीन बना दिया.

इस के अलावा सूर्य प्रताप यादव ऐंड पार्टी, प्रमिला घोष और विजय यादव व राजेश गौड़ की पेशकश पर भी लोग रातभर झूमते रहे. दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ तो स्टेज पर आने के बाद खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने माइक संभाल कर खुद गाना गा कर आम्रपाली दुबे के साथ डांस किया. इस दौरान ‘कहरवा’ टीम के लोगों ने उन के साथ डांस किया.

चेहरे पर चाहती हैं नेचुरल निखार, तो रात में सोने से पहले फॉलों करें ये टिप्स

रोज रात को सोने से पहले क्या आप अपने बालों और त्‍वचा को भी दिन भर की थकान के बाद आराम के लिए तैयार करके सोती हैं? अगर नहीं, तो चलिये कोई बात नहीं, हम आपकी मदद करते हैं और बताते हैं कि आपको सोने से पहले अपने बालों और त्‍वचा की किस तरह से देखभाल करनी चाहिये.

चेहरा

– क्‍लीनिंग, मौस्‍चराइजिंग और धूप से बचाव करना, यह तीन शब्‍द मानों आपकी त्‍वचा की देखभाल के लिये रामबाण के समान है.

– चेहरे का मेकअप क्‍लींजिंग लोशन के प्रयोग से साफ करना चाहिये.

– अपने चेहरे की टाइप को ध्‍यान में रखते हुए चेहरे पर मौस्‍चोराइजर और एंटी औक्‍सीडेंट मिला कर लगाना चाहिये. इस विधि को 20 साल की उम्र आने पर ही शुरु कर देना चाहिये.

– चेहरे को अच्‍छे फेस वाश से साफ करें.

– चेहरे को बेवजह स्‍क्रब करना सही नहीं होता इसलिये अगर आपको चेहरे के पोर्स खोलने ही हैं तो उस पर हल्का गरम पानी छिड़क कर मुंह धोएं. उसके बाद हाथों में फेस वाश लें और उससे अपने चेहरे को गोलाई में स्‍क्रब करें.

आंखें

अगर आंखों के पास हल्‍की लाइन दिखनी शुरु हो गई है, तो सोते समय आंखो के आस-पास एंटी एजिंग क्रीम लगाना न भूलें.

हाथ और पैर

जैसा की हमारी हथेलियों और पैरों में किसी भी प्रकार की तेल ग्रंथी नहीं होती, इसलिये ये दोनो बड़ी जल्‍दी झुर्रियों की चपेट में आने लगते हैं. साथ ही लोग अपने चेहरे के चक्‍कर में अपने हाथों और पैरों पर उतना ध्‍यान नहीं देते, जितना उन्‍हें देना चाहिये. लेकिन सोते समय अपने हाथों पर जरुर क्रीम या मौस्‍चराइजर लगाएं, खास कर जिसमें अल्‍फा-हाईड्रोक्‍सी एसिड मौजूद हो. यही नियम आपके पैरों के लिये भी लागू होता है.

बाल

– सबसे पहली बात की आपको कभी भी गंदे बालों के साथ नहीं सोना चाहिये, इससे सिर की त्‍वचा के पोर्स बंद हो जाते हैं.

– गीले बालों के साथ कभी नहीं सोना चाहिये वरना वे टूट सकते हैं.

– बालों को सुलझा कर और अच्‍छे से कंघी कर के सोना चाहिये.

– सोते समय बालों को बांधना न भूलें. बालों को थोड़ा ढीला और ऊपर की तरफ बांधे.

– विटामिन ‘इ’ बालों और स्‍किन के लिये बहुत ही अच्‍छा आहार माना जाता है. एक विटामिन ‘इ’ की कैप्‍सूल लीजिये और उसे बीच से काट कर अपनी उन जगहों पर लगाइये जहां समस्‍या है. बाल टूटना, रूखी सिर की त्‍वचा, पतले बाल- यह सब परेशानियां दूर होंगी.

Fashion Tips: ओकेजन के हिसाब से चुनें साड़ियों के डिज़ाइन

साड़ी में नारी की खूबसूरती अलग ही नजर आती है, साड़ी एक ऐसा परिधान है, जिसे महिलाएं प्राचीन समय से ही पहनती आ रही हैं बस समय के साथ साथ साड़ियों के डिज़ाइन मे बदलाव होते आये है लेकिन साड़ी का फैशन कभी भी पुराना नहीं होता.

किसी भी ख़ास अवसर पर महिलाओं की पहली पसंद आज भी साड़ी ही है, चाहे वो स्कूल- कॉलेज जाने वाली लड़की हो या अधिक उम्र की महिला साड़ी को हमेशा अवसर के अनुसार ही चुनना चाहिए. जानिए अवसर के अनुसार अपनी साड़ी के डिज़ाइन को किस तरह मैच करना चाहिए.

 शादी

किसी भी शादी के फंक्शन में आपको भारी और रिच लुक वाली साड़ी पहननी चाहिए, इसके लिए आपको बनारसी, कांचीपुरम सिल्क, मैसूर सिल्क जैसी साड़ियों का उपयोग करना चाहिए जो आजकल बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं. इसके अलावा आप स्टोन, कुंदन, कढ़ाई और जरी वाली भारी साड़ियों की भी प्रयोग सकती है, जिनकी बाजार में भरमार है. लेकिन ये थोड़ी महंगी हो सकती हैं, पर शादियों के लिए इनसे बेहतर और कुछ नहीं.

त्यौहार के अवसर पर

कई त्यौहार या अवसर सिर्फ दिन के समय मनाये जाते हैं, ऐसे अवसरों के लिए आप काले रंग या गहरे रंग की साड़ी को न चुनें इसके के लिए आपको हल्के रंग जैसे हरे,पीले, क्रीम या सफ़ेद रंगों का चुनाव करना बेहतर होगा. साथ ही दिन के अवसर के लिए भारी काम वाली साड़ियों की जगह हल्की लेस बार्डर वाली या फिर कट वर्क वाली साड़ियों का चुनाव करें. गहरे रंग की साड़ियाँ रात की चमक धमक वाली ही लाइट में अच्छी लगती हैं, साथ ही रात के त्यौहार के फंक्शन के लिए बनारसी साड़ी का उपयोग करें.

शाम  या रात के फंक्शन के लिए साड़ी

 

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रात के फंक्शन में चमकदार यानि शाइनी साड़ियां ही अच्छी लगती हैं, रात की चमक में साड़ियों की शाइन मिल कर खुबसूरती को दुगना कर देती है. अगर आप शाम या  रात के फंक्शन के लिए काले रंग का प्रयोग करती है, तो और खूबसूरत लगती है. भारी काम वाली साड़ियों को चुनें और शाम या रात के फंक्शन का मज़ा लें.

 सफर के लिए साड़ी

कहीं बाहर घूमने जाना हो तो, हल्की सिंथेटिक या कॉटन की साड़ियां अच्छा विकल्प है. यह साड़ी पूरे दिन, खास कर सफर के लिए आरामदायक रहेगी. बाहर जाते हुए गहरे रंगों या भारी साड़ियों को पहनने से बचें. अगर आप रेलगाड़ी पर लंबी यात्रा के लिए जा रही हैं, तब तो आपको एक हल्के रंग की सूती साड़ी ही चुननी चाहिए. इसमें आप सबसे ज्यादा आराम महसूस करेंगी.

ऑफिस में पहनने के लिए

 

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ऑफिस के लिए भी हल्के रंग और हल्की कढ़ाई वाली साड़ियों को चुनें. हल्के बॉर्डर या लेस वाली साड़ियां भी पहनी जा सकती हैं. ऑफिस में प्लेन, स्ट्राइप्स या हल्की प्रिंट वाली साड़ियाँ अच्छी लगती हैं. फेब्रिक में इक्कत और लिनेन बेहतरीन चॉइस हैं इसके साथ ही कॉटन की साड़ी भी.

मैंस्ट्रुअल कप्स उन दिनों की चिंता से आजादी

मैंस्ट्रुअल कप्स का प्रचलन यों तो भारत में आम नहीं हुआ है, मगर महिलाओं के लिए यह कितना उपयोगी है, जरूर जानिए… समाचारपत्रों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 75% सैनिटरी पैड्स तयशुदा मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं और इन से मूत्र संक्रमण एवं गर्भाशय संक्रमण से ले कर गर्भाशय कैंसर तक का खतरा है. जो सुरक्षित हैं, वे बहुत महंगे हैं और कोई फुल डे तो कोई फुल नाइट प्रोटैक्शन की बात करता है इसलिए भी 5-6 घंटे में बदले नहीं जाते.

अभी केवल 12% भारतीय महिलाएं इस विकल्प को वहन कर सकती हैं फिर भी औसतन किसी महिला के अपने जीवनकाल में 125-150 किलोग्राम टैंपन, पैड और ऐप्लिकेटर प्रयुक्त करने का अनुमान है. प्रतिमाह भारत में 43.3 करोड़ ऐसे पदार्थ कूड़े में जाते हैं, जिन में से अधिकांश रिवर बैड, लैंडफिल या सीवेज सिस्टम में भरे मिलते हैं क्योंकि एक तो ठीक से डिस्पोज करने की व्यवस्था नहीं होती और दूसरा अपशिष्ट बीनने वाले सफाईकर्मी हाथों से सैनिटरी पैड्स और डायपर्स को अलग करने के प्रति अनिच्छुक होते हैं, जबकि उन को अलग कर के उन्हें जलाने के लिए तैयार करना भारत सरकार की नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और हैंडलिंग नियमों के तहत आवश्यक है.

मैंस्ट्रुअल कप्स का प्रचलन भारत में अभी आम नहीं हुआ है. छोटे ही नहीं, बड़े शहरों में भी बहुत कम महिलाएं इन का उपयोग करती हैं.

मैंस्ट्रुअल कप्स के कम प्रचलन के कारण

सब से पहला और सब से बड़ा तो यही कि अभी तक कई लोगों ने इस के बारे में सुना भी नहीं है.
हमारे शरीर की रचना के प्रति ही इतनी अनभिज्ञता है कि इसके सही प्रयोग का तरीका नहीं पता होता.
द्य आज भी समाज में दाग लगने का हौआ इतना है कि मासिकस्राव शुरू होने से पहले ही इस का ट्रायल करने के बारे में सोचा जाता है जबकि सर्विक्स माहवारी के दौरान ही इतना नर्म और लचीला होता है कि इसे आसानी से लगाया जा सके. बाकी दिनों में बहुत मुश्किल और कष्टप्रद होता है.

सही आकार का चुनाव भी समस्या है. यह उम्र और प्रसव के प्रकार पर निर्भर है.
शुरुआती 1-2 या 3 साइकिल तक जब तक ठीक से अनुभव न हो, इस का प्रयोग मुश्किल लगता है और अधिकांश महिलाएं इसी दौरान इस के प्रयोग का विचार त्याग देती हैं, जबकि ठीक से इस्तेमाल करने पर जरूरी नहीं कि दिक्कत हो ही.

गलत तरीके, हाइजीन का खयाल न रखने, बड़े नाखून, बलपूर्वक लगाने की कोशिश या
फिर अनुपयुक्त साइज के कप के चलते कभीकभी योनि में जलन, खुजली, सूजन या लगाने के बाद पैल्विक पार्ट में दर्द हो सकता है. इस वजह से भी कई लड़कियां इसे छोड़ देती हैं.

मैंस्ट्रुअल कप्स के फायदे

सब से पहला फायदा बचत तो है ही, साथ ही यह विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से भी बचाव करता है. सैनिटरी पैड्स या टैंपोन की तरह हाई अब्जार्बेंट मैटीरियल न होने से यह योनि के स्वाभाविक पीएच से कोई छेड़छाड़ नहीं करता, न ही टौक्सिक शौक सिंड्रोम का खतरा होता है, न ही आसपास की त्वचा में रैशेज कटनेछिलने और इन्फैक्शन का डर.

ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी 89% आबादी के लिए मैंस्ट्रुअल हाइजीन एक चुनौती है. गांवों में ही नहीं शहरों में भी निम्नवर्ग की महिलाएं, मजदूरिनें, भिखारिनें आदि राख, मिट्टी और प्लास्टिक की पन्नियों का इस्तेमाल करती हैं. साफ सूखे सूती कपड़े भी मिलना मुश्किल है. उन के लिए मैंस्ट्रुअल कप बहुत बड़ी राहत है.
इस के अलावा जिन का फ्लो बहुत ज्यादा होता है या जो महंगे सैनिटरी पैड्स और टैंपोन पर खर्च नहीं कर सकतीं उन के लिए भी यह बहुत काम का है.

खर्च बचाने के अलावा भी यह बहुत सुविधाजनक है. एक बार लगाने के बाद आप फ्लो की चिंता से लगभग मुक्त हो जाती हैं. शौच और स्नान के समय इसे निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ती. तैराकी, राइडिंग, कूदना, दौड़भाग सब आसानी से कर सकती हैं. ये कप्स लीकेज प्रूफ होते हैं.

सब से बड़ी बात आसानी से खाली कर के साफ पानी से धो कर पुन: इस्तेमाल किए जा सकते हैं. पीरियड्स समाप्त होने के बाद 5 मिनट उबलते पानी में स्टरलाइज कर अच्छी तरह सुखा कर वापस रखे जा सकते हैं.

कौन-सा कप उचित रहेगा

आप के कपड़ों या फुटवियर्स की तरह कप्स का भी कोई स्टैंडर्ड फिक्स साइज नहीं है. स्मौल, मीडियम और लार्ज साइज हर कंपनी के अलगअलग आते हैं. सामान्य नियम है कि: हार्ड रिम वाला कप चुनें. साइज फ्लो से ज्यादा फिटिंग पर निर्भर है. हार्ड रिम वाले कप आसानी से लीक नहीं होते. अंदर जा कर खुलने और बाहर निकालने में भी सरल होते हैं. पर लड़कियां सौफ्ट रिम वाले स्मौल कप से शुरुआत कर सकती हैं.

25 वर्ष से कम आयु और वे महिलाएं जिन का सामान्य प्रसव नहीं हुआ है सिजेरियन हुआ है स्मौल साइज से शुरुआत करें.

30 से अधिक आयु या सामान्य प्रसव वाली या फिर अत्यधिक फ्लो वाली महिलाएं मीडियम या लार्ज लें.
द्य यदि किसी किस्म की ऐलर्जी या मैडिकल कंडीशन नहीं है तो पहले कम कीमत के कप्स से शुरुआत की जा सकती है. ये क्व200 से क्व500 में उपलब्ध हैं. एक बार आदत हो जाने पर अच्छे ब्रैंड के कप ले सकती हैं, जब ये 10-15 साल चल सकते हैं तो क्व1,000 से क्व1,200 की इनवैस्टमैंट भी महंगी नहीं है.

प्रयोग का तरीका

अगर आप ने टैंपून इस्तेमाल किया है तो यह भी बिलकुल वैसा ही है. पैल्विक मसल्स को बिलकुल ढीला छोड़ दें. कप की रिम (ऊपर का गोल सख्त हिस्सा) को पानी या वाटर बेस्ड लूब्रिकैंट लगा कर शेप में मोड़ लें और धीरेधीरे प्रविष्ट करें. अंदर जाते ही यह खुल जाएगा. ठीक तरह से प्रविष्ट किए जाने पर यह बाहर से नहीं दिखता और अंदर वैक्यूम बनने से लीक भी नहीं होता.

हालांकि 8 से 12 घंटे में निकालने को कहा जाता है पर बेहतर है 7-8 घंटे में खाली कर लिया जाए. इस के लिए सब से पहले कप के बेस को चुटकी से पकड़ कर सक्शन प्रैशर तोडि़ए और धीरे से नीचे की ओर बाहर खींच लीजिए. बहुत जल्दी या तेजी नहीं दिखानी है. शुरुआत में स्कूल, कालेज, औफिस या पब्लिक टौयलेट्स का इस्तेमाल करने से बचें. घर पर ही कोशिश करें.

खाली करने के बाद साफ पानी से धोना पर्याप्त है. किसी डिसइनफैक्टैंट का सीधा प्रयोग कप या प्राइवेट पार्ट पर न करें. इंटरनैट पर बहुत से वीडियोज मौजूद हैं जिन से प्रयोग विधि समझी जा सकती है.

मैंस्ट्रुअल कप्स बहुत सुविधाजनक हैं और इन का प्रयोग भी मुश्किल नहीं है. बस थोड़ी सी प्रैक्टिस की जरूरत है. कम से कम 3 महीने दें. इस तरह आप माहवारी के समय होने वाली असुविधा, दाग की चिंता, रैशेज, पैड्स के दुष्प्रभाव और खर्च से भी बचेंगी और यह ईको फ्रैंडली विकल्प पर्यावरण के लिए भी मुफीद है.

गृहिणियों के लिए उत्तम रणनीति: कैसे करें गवर्नमेंट जॉब की प्रिपरेशन

यदि आप अपनी पसंद से गृहिणी नहीं हैं, और सरकारी क्षेत्र में काम करना चाहती हैं तो इस आर्टिकल में आप जान सकती हैं की अपने समय का सदुपयोग एग्जाम निकालने के लिए कैसे कर सकते हैं. यदि आपकी कम उम्र में शादी हो गई है और आपको लगता है की सरकारी नौकरी पाने का सपना अधूरा रह गया है तो यह सही नहीं है. आप चाहें तो घरेलू काम के साथ साथ थोड़ा वक्त निकाल कर पढ़ाई भी कर सकतें हैं.

यदि आप सरकारी परीक्षा के लिए घर पर ही, बिना किसी कोचिंग का सहयोग लिए अध्ययन करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए टॉप की सहायता से घर पर अध्ययन कर सकते हैं. गृहणी के लिए जरूरी है की सबसे पहले आप अपने दिन की योजना बनाएं. अगर आप घर पर रहेंगे तो आपके लिए पढ़ाई करना आसान हो जाएगा.

स्व-अध्ययन आपके लिए एक विकल्प हो सकता है. सुबह का समय पढ़ाई के लिए अच्छा रहेगा. जब आपके बच्चे स्कूल में हों और पति काम पर हों, तो आप उस समय का उपयोग पढ़ाई के लिए कर सकती हैं.

  • आपको एक शेड्यूल बनाने की ज़रूरत है जिससे आप सभी घरेलू काम कर सकें और आपको पढ़ाई के लिए भी पर्याप्त समय मिल सके. इसलिए एक प्रभावी अध्ययन योजना बनाएं. एक अध्ययन योजना में केवल अध्ययन ही नहीं बल्कि इसमें अपने दैनिक कार्य जैसे की खाना, सोना, घरेलू काम, बच्चों व पार्टनर के लिए वक्त आदि भी शामिल करें.
  •  फिर आप उन सभी विषयों की एक सूची बनाएं जिनसे आप परिचित हैं और दूसरी सूची उन विषयों की जिनसे आप परिचित नहीं हैं. तैयारी शुरू करते समय उन विषयों पर ध्यान केंद्रित करें जिनसे आप परिचित नहीं हैं. बाद में, उन विषयों का रिवीजन करें जिन्हें आप अच्छी तरह जानते हैं या ग्रेजुएशन के वक्त आपने उन टॉपिक्स पर पढ़ाई की हो.
  •  जिस भी परीक्षा की आप तैयारी कर रहे हैं, उसके परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम पर ध्यान जरूर दें. आप चाहें तो पिछले वर्ष के क्वेश्चन पेपर को देख के भी आइडिया ले सकती हैं. इससे आपको एग्जाम पैटर्न समझने में आसानी होगी. और यह आप बिना घर से निकले या किसी कोचिंग को ज्वाइन किए ही अपने मोबाइल की सहायता से कर सकतीं हैं.
  • तैयारी के दौरान याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बात ये है कि आप छोटे लेकिन अधिक बार होने वाले सत्र यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें. लगातार 5 से 6 घंटे खर्च करने के बजाय, अधिक उपलब्धि योग्य लक्ष्य बनाएं. आपके लिए पूरे दिन पढ़ाई कर पाना मुश्किल है लेकिन कोशिश करें कि आप दिन में दो बार पढ़ाई के लिए वक्त निकाल सकें.
  • परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए अध्ययन योजना का ठीक से पालन करें. योजना बनाना आसान है, लेकिन उस पर कायम रहना कठिन हो सकता है. अपनी नजरें हमेशा पुरस्कार पर रखें और अपनी तैयारी यात्रा के दौरान किसी भी चीज से आपका ध्यान भटकने न दें.
  • तैयारी लगभग पूरी होने लगे तो आप साथ ही मॉक परीक्षा का प्रयास करें.
    किसी भी परीक्षा की तैयारी का सबसे अच्छा तरीका मॉक परीक्षा देना है. नियमित रूप से मॉक परीक्षा देने से आपको अपने परीक्षा भय से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी और आपको वास्तविक परीक्षा देने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास मिलेगा. आप जिस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उसके लिए हर दिन एक मॉक परीक्षा देने की आदत बनाएं.
  • अखबार पढ़ना अपने रूटीन में जरूर शामिल करें, क्योंकि किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए आपको देश विदेश में ही रही दैनिक गतिविधियों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है. चाय के साथ न्यूजपेपर पर जरूर गौर करें. चाहें तो सीरियल की जगह भी टीवी पर न्यूज चैनल ही देखें. इससे आपको सहायता मिलेगी.
  • कॉन्फिडेंट रहें. जब आपके प्रिपरेशन के बारे में लोगों को पता चलेगा तो हो सकता है की आपको कई तरह की बातें सुननी पढ़ें जिससे आप डी-मोटिवेट हो जाएं लेकिन इन बातों को न तो दिल पर लें और न ही इनसे निराश हों. जब तक आपका पार्टनर और आपकी फैमिली आपको सपोर्ट कर रहे हैं, आपको दूसरों की बातों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि इससे आपकी ही प्रिपरेशन में विघ्न पढ़ सकता है. इसलिए अपने डिसीजन पर कॉन्फिडेंट रहें और तैयारी रुकने न दें.

ध्यान दें: करियर योजना बनाना अच्छी बात है, लेकिन अपने निजी पलों को न गंवाएं. इसलिए अपने निजी जीवन का आनंद लेने के लिए भी समय निकालें ताकि आपके पार्टनर और बच्चों को भी वक्त मिल सके.

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