मैं फिर से प्यार की तलाश में हूं: दूसरी शादी को लेकर एक्ट्रेस मनीषा कोईराला

संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ रिलीज हो गई है और दर्शक इसे खूब पसंद कर रहे हैं.
सीरीज में लीड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने जूम टीवी के साथ दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि वह 52 साल की उम्र में फिर से प्यार की तलाश कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि ‘’ अगर मेरे जीवन में कोई पुरुष है तो वो मुझे जरूर मिलेगा. लेकिन मैं उस पर अपना टाइम वेस्ट नहीं करूंगी. अगर मेरी किस्मत में लिखा है तो मुझे मिलेगा और अगर नहीं तो भी ठीक है. मैं अपनी ज़िदगी जी रही हूं.”

 

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मनीषा ने आगे कहा, “ मेरा परिवार मेरे साथ है. मेरे पास बहुत अच्छे भाई-भाभी और माता पिता हैं. मेरा काम भी अच्छा चल रहा है. मुझे घूमने का बहुत शौक है और भगवान की दया से पैसे की कमी भी नहीं है. मैं भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हूं. मैं अधूरी नहीं हूं. लेकिन इसके बाद भी अगर मेरी जिंदगी में कोई आता है तो मुझे इसमें कोई परेशानी नहीं है.”

आपको बता दें कि मनीषा की शादी नेपाली बिजनेसमैन सम्राट दहल से साल 2010 में हुई थी. शादी के 2 सालों के बाद 2012 में दोनों का तलाक हो गया. इसी साल मनीषा को ओवरी कैंसर डायगनोस किया गया था. तलाक और कैंसर के बाद मनीषा ने खुद को बहुत स्ट्रौंग बनाया. मनीषा ने फिल्म से जुड़ी बहुत सारी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लैटफौर्म इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं.

 

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मनीषा ने इस सीरीज में मल्लिका जान का किरदाकर निभाया है. इस रोल में दर्शक उन्हें पसंद कर रहे हैं. मनीषा के अलावा फिल्म में फरदीन खान, शेखर सुमन उनके बेटे अध्यन सुमन, संजीदा शेख, सोनाक्षी सिन्हा, अदिती राव हैदरी, रिचा चड्ढा और शर्मिन सेहगल मुख्य रोल कर रहे हैं.

Mother’s Day 2024: जमाना है सुपर मौम्स का

महिरमा एक ऐसी वर्किंग वूमन है जो हमेशा औनटाइम रहती है. अपने काम के अलावा वह न सिर्फ परिवार का बेहद संतुलित ढंग से खयाल रखती है, बल्कि बच्चों की बहुत अच्छे ढंग से परवरिश भी करती है. यह बात अब हैरानी पैदा नहीं करती. दरअसल, आज की सुपरफास्ट, मल्टी टैलेंटेड, सुपर ऐक्टिव मम्मियां ऐसी ही हैं. घर और औफिस दोनों ही मोरचों पर मुस्तैदी से जुटी ये महिलाएं अपने अच्छे परफौर्मैंस, परफैक्ट टाइम मैनेजमैंट और मल्टीटैलेंटेड कौशल से न केवल औफिस के मोरचे पर बल्कि घरपरिवार के अच्छे प्रबंधन से भी पीढि़यों पुरानी एक घरेलू और आम मां की छवि को तोड़ रही हैं.

काम में हिट और सेहत में फिट इन मम्मियों के औफिस से ले कर घरपरिवार तथा लेडीज कम्यूनिटीज और सोशल गैदरिंग तक में जलवे हैं. आज की भागतीदौड़ती जिंदगी में दोहरी भूमिका निभाना कठिन काम है. आज के आधुनिक जमाने में जन्मे सुपर किड्स को संभालना, उन्हें क्वालिटी ऐजुकेशन देना और बेहतर परवरिश एक बड़ी चुनौती से कम नहीं. बावजूद इस के हजारों युवतियां अपने बुलंद इरादों और कभी न हार मानने वाले जज्बे से न केवल परिवार बल्कि समाज और सोशल कम्यूनिटी में बेहतरीन उदाहरण पेश कर रही हैं. वह वक्त गया जब बच्चों का टिफिन पैक कर या एकाध संगीत या नृत्य कक्षा में भेज कर मांएं छुट्टी कर लेती थीं. आज वक्त बदल चुका है. बदलते जमाने के साथ मांओं ने भी अपनी सुघड़, सुशील व विनम्र मां वाली छवि को छोड़ मौडर्न मौम का रूप धारण कर लिया है. वे न केवल बच्चों की क्वालिटी ऐजुकेशन पर ध्यान दे रही हैं, बल्कि उन की ऐक्स्ट्रा कैरिकुलम ऐक्टिविटीज से ले कर हौबी क्लासेज और स्किल डैवलपमैंट कोर्सेज तक में एक सक्रिय मार्गदर्शक और ट्यूटर की भूमिका निभा रही हैं. तभी तो काम के सभी मोरचों पर हिट ऐसी युवतियों को ‘अल्ट्राऐक्टिव’, ‘होममेकर’, ‘मल्टी टैलेंटेड’, ‘वर्किंग वूमन’ और ‘परफैक्ट हाउसवाइफ’ जैसे टाइटिल दिए जाने लगे हैं.

ये बदलाव तो पिछले 1 दशक में हुए हैं. इस दौरान संचार के साधनों ने अपनी सशक्त दस्तक दी है और लोगों के सामने एक आइडियल वूमन की तसवीर पेश की है. आज की सुपर मम्मियों को स्रोत व संसाधनों की जो सुगमता उपलब्ध है, उस ने उन के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं. सेहत, कैरियर और किड्स अपब्रिंगिंग तक में सुपरहिट इन आधुनिक मांओं ने सीमाओं से परे मां की एक अलग परिभाषा गढ़ी है.

मौडर्न लेडीज ऐरौबिक्स क्लासेज चलाने वाली ज्योति ने यह बताया कि आज गलाकाट प्रतियोगिता के युग में पहले पायदान पर खड़े होने की चाहत और किसी अन्य से पिछड़ जाने का डर ही महिलाओं को हार्डकोर वर्क यानी कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित और उत्साहित करता है. इस के अलावा उन के पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं. अनु ने घर के पास के स्टेडियम में अपने बेटे तुषार के साथ खड़ी सागरिका से जब यह पूछा कि सुबह से शाम तक घरऔफिस के व्यस्त शैड्यूल के बीच वह अपने बच्चे के ऐक्स्ट्रा क्लासेज के लिए समय कैसे निकाल पाती है? तब उस का जवाब था कि परफैक्ट टाइम मैनेजमैंट और ऐक्स्ट्रा ऐफर्ट के बूते ही वह सबकुछ आसानी और सुगमता से मैनेज कर पाती है. हां थोड़ीबहुत मुश्किल तो आती है पर सजगता और प्रबंधन कौशल सारी राह आसान बना देता है. सागरिका के जवाब से स्पष्ट है कि आज की मांएं अपने पेरैंटल रोल को कहीं अधिक बेहतर तरीके से समझ व निभा पा रही हैं. वे अपनी सूझबूझ, कौशल, तार्किक क्षमता और काम में दिलचस्पी व मेहनत से न केवल खुद का बल्कि होनहारों के भविष्य को भी सही दिशा दे रही हैं. एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्य करने वाली 27 वर्षीय अमिता ने कहा कि आज मांओं की प्राथमिकताएं बदल चुकी हैं. वे हर कीमत पर अपने बच्चों को कामयाब व सफल देखना चाहती हैं. इस के लिए चाहे उन्हें ऐक्स्ट्रा ऐफर्ट व ऐक्स्ट्रा संसाधन ही क्यों न लगाना पड़े. हकीकत तो यही है कि ऐसी महिलाएं अब ऐक्टिव से ज्यादा सुपर ऐक्टिव हो गई हैं क्योंकि उन्हें अब एक नहीं 2-2 मोरचों पर झंडे गाड़ने हैं. समय का यही तकाजा है और फिर घर और बाहर इन दोनों मोरचों पर मुस्तैदी से डटे रहने के लिए जरूरी है खुद को अपडेट व प्रोऐक्टिव रखना, तभी आप बदलते वक्त के साथ कदमताल कर पाएंगी.        

ज्यादा पसीना आने से पैरों से बदबू आने लगती है, मैं क्या करु?

सवाल-

मेरे पैरों में बहुत अधिक पसीना आता है, जिस से उन से बदबू आने लगती है. गरमी और बरसात के मौसम में ज्यादा पसीना आने के कारण पैरों से बदबू भी अधिक आने लगती है. इस की वजह से अकसर मुझे शर्मिंदगी होती है. बताएं, मैं क्या करूं?

जवाब-

जब स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया पसीने के संपर्क में आते हैं तो पैरों से बदबू आने लगती है. पैरों की बदबू को दूर करने  के लिए आप चाहें तो पानी में सामान्य सिरका मिला कर उस से पैर धो सकती हैं या फिर अदरक के रस को पैरों पर मल लें और बाद में कुनकुने पानी से पैरों को धो लें. ऐसा करने से पैरों की बदबू चली जाती है.

लैवेंडर औयल न केवल अच्छी खुशबू देता है, बल्कि यह बैक्टीरिया को मारने में भी असरदार है. इस तेल में ऐंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो पैरों की बदबू को दूर करने में बहुत फायदेमंद रहते हैं. हलके गरम पानी में कुछ बूंदें लैवेंडर औयल डाल कर पैरों को उस में कुछ देर डुबोए रखें.

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गर्मी का मौसम आ चुका है, ऐसे में पसीना आना तो जाहिर सी बात है. पसीने का आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. गर्मी के मौसम में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए रोमछिद्रों से पसीना निकलता है. यह शरीर को ठंडा रखने और शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर करने का काम करता है. इसलिए पसीने का निकलना सेहत की दृष्टि से जरूरी है. लेकिन ज्यादा पसीना आना भी ठीक नहीं है.

बहुत से लोगों के शरीर से बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना निकलता है. पसीने की वजह से शरीर से दुर्गन्ध आती है. ऐसे में जिन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना आता है उनके लिए दिक्कत आती है. आज हम आपको ज्यादा पसीना आने की समस्या से निजात दिलाने वाले कुछ टिप्स के बारे में बताने वाले हैं. आइए, जानते हैं कि वे टिप्स क्या हैं?

कैफीन से परहेज

बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन से बने पदार्थों के सेवन से शरीर से ज्यादा मात्रा में पसीना बाहर आता है. ऐसे में संतुलित मात्रा में ही कौफी आदि का सेवन करना चाहिए.

योगा

अगर आपको काफी ज्यादा पसीना आता है तो योगा करें, क्योंकि योगा की मदद से ज्यादा पसीना आने की समस्या को प्राकृतिक तरीके से ठीक किया जा सकता है. योगा शरीर की नाड़ियों को शांत रखता है और ज्यादा मात्रा में पसीने के निर्माण को कम करता है.

 

ब्लडग्रुप के अनुसार ले डाइट और वजन घटने से रोकें

वजन आज हर उम्र की एक बड़ी समस्या बन गया है. इसी का फायदा उठा कर वजन घटाने का दावा करने वाली हर तरह की आयुर्वेदिक और ऐलोपैथिक दवाओं का बाजार गरम हो गया है. लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि ब्लड ग्रुप आधारित डाइट भी आप का वजन घटाने में मदद कर सकती है?

चौंक गए न? दरअसल, यह मामला ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइटिंग के जरीए अपनी काया को छरहरा बनाने का है. यह खास तरह की डाइट ‘ब्लड ग्रुप डाइट’ कहलाती है. क्या है यह ब्लड ग्रुप डाइट? आइए, जानते हैं कोलकाता, यादवपुर स्थित केपीसी मैडिकल कालेज व हौस्पिटल की  न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन, रंजिनी दत्त से.

रंजिनी दत्त का इस संबंध में कहना है कि मैडिकल साइंस में ब्लड ग्रुप डाइट एक अवधारणा है. हालांकि अभी इस अवधारणा को पुख्ता वैज्ञानिक आधार नहीं मिला है, लेकिन ब्लड ग्रुप आधारित डाइट से बहुतों को फायदा भी हुआ है, यह भी सच है. पश्चिमी देशों में इस अवधारणा को मान कर डाइट चार्ट बहुत चलन में है.

रंजिनी दत्त का यह भी कहना है कि वजन कम करने के इस नुसखे को ‘टेलर मेड ट्रीटमैंट’ कहा जाता है. अब सवाल यह उठता है कि यह काम तो पर्सनलाइज्ड डाईट चार्ट या रूटीन कर ही सकता है. फिर ब्लड ग्रुप डाइट क्यों?

 हर व्यक्ति की पाचन और रोगप्रतिरोधक क्षमता उस के ब्लड ग्रुप पर निर्भर करती है. बाकायदा जांच में यह पाया गया है कि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप के व्यक्ति आमतौर पर एग्जिमा, ऐलर्जी, बुखार आदि से ज्यादा पीडि़त होते हैं.

 ‘बी’ ब्लड गु्रप वालों में रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इस ब्लड ग्रुप वाले ज्यादातर थकेथके से रहते हैं. कोई गलत फूड खाने से इन्हें ऐलर्जी हो जाती है, तो ‘एबी’ ब्लड ग्रुप वालों की समस्या अलग किस्म की होती है. इन्हें छोटीछोटी बीमारियां लगभग नहीं के बराबर होती हैं. लेकिन इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कैंसर, ऐनीमिया या फिर दिल की बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है.

रंजिनी दत्त के अनुसार, डाइट थियोरी कहती है कि हम जब खाना खाते हैं तब हमारे खून में एक खास तरह की मैटाबोलिक प्रतिक्रिया या रिएक्शन होता है. दरअसल, हमारे खाए भोजन में मौजूद प्रोटीन और विभिन्न तरह के ब्लड ग्रुप में मौजूद ऐंटीजन में परस्पर प्रतिक्रिया होती है. गौरतलब है कि हर ब्लड ग्रुप का अपना ऐंटीजन तैयार होता है. गलत खाना खाने पर ऐंटीजन में जबरदस्त प्रतिक्रिया होती है. इसलिए अगर हम ब्लड ग्रुप के हिसाब से अपना डाइट चार्ट तैयार करें तो बेहतर होगा. यह डाइट हमें स्लिमट्रिम भी बना सकती है.

ब्लड ग्रुप ‘ओ’

रंजिनी दत्त कहती हैं कि ब्लड ग्रुप की थियोरी के हिसाब से यह ब्लड ग्रुप सब से पुराना माना जाता है. पुराना ब्लड ग्रुप कहने का तात्पर्य यह है कि यह ब्लड ग्रुप प्रागैतिहासिक मानव का ब्लड ग्रुप है. इस ब्लड ग्रुप वालों की पाचन क्षमता बहुत अच्छी होती है. इस ब्लड ग्रुप में हाई स्टमक ऐसिड (आमाशय में मौजूद अम्ल) होने के कारण हाई प्रोटीन को हजम कर पाना आसान होता है.

आमतौर पर जिन का ब्लड ग्रुप ‘ओ’ है उन्हें प्रोटीन से भरपूर आहार लेना चाहिए. वे मांसमछली और किसी भी तरह का सी फूड खा सकते हैं. लेकिन मांसमछली का कैमिकलफ्री होना जरूरी है. हाई प्रोटीन फूड में भी कुछ चीजें वर्जित हैं. अगर इस ब्लड ग्रुप वाले छरहरी काया की चाह रखते हैं, तो उन्हें आटे और मैदा से बनी चीजें कम से कम खानी चाहिए. सब्जी और फल ज्यादा से ज्यादा खाने चाहिए. लेकिन पत्तागोभी, फूलगोभी, सरसों जितना कम खाएं उतना ही अच्छा है. इस के अलावा ड्राईफू्रट, दूध, मक्खन, चीज जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स से भी दूर रहना इन के लिए बेहतर होगा. ब्रोकली, पालक, रैड मीट, सी फूड वजन कम करने में सहायक होते हैं. इस ब्लड ग्रुप के लिए ऐक्सरसाइज बहुत ही जरूरी है.

ब्लड ग्रुप ‘ए’

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ की ही तरह ब्लड ग्रुप ‘ए’ का वजूद भी हजारों साल पुराना है, लेकिन प्रागैतिहासकाल जितना नहीं. गुफाओं से निकल कर जब इंसानों ने खेती और पशुपालन का काम शुरू किया, तब से यह ब्लड ग्रुप वजूद में है.

इस ब्लड ग्रुप वालों के लिए ऐनिमल प्रोटीन आमतौर पर अनुकूल नहीं होता है. इसलिए मांसमछली, चिकन और मिल्क प्रोडक्ट्स इन के लिए सही डाइट नहीं है. वह इसलिए कि इन का हाजमा आमतौर पर बहुत अच्छा नहीं होता है. इन्हें खानपान बहुत सोचसमझ कर करना चाहिए. इन्हें अपने डाइट चार्ट में बादाम, टोफू, बींस की सब्जी, फल जरूर रखने चाहिए. अपने ब्लड ग्रुप के अनुरूप भोजन के साथसाथ कुछ हलकाफुलका व्यायाम भी जरूर करना चाहिए.

ब्लड ग्रुप ‘बी’

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ की तरह ही ब्लड गु्रप ‘बी’ के लोगों को भी संतुलित खानपान व व्यायाम की आवश्यकता होती है. गाय व बकरी का दूध लेना इस गु्रप के लोगों के लिए बेहतर माना गया है. मांसाहारी लोगों के लिए मटन, मछली आदि सर्वोत्तम रहता है. पर चिकन का अध्यधिक सेवन नुसानदायक हो सकता है. हरी सब्जियों को आहार में शामिल करते हुए नियमित व्यायाम अच्छा रहता है.

ब्लड ग्रुप ‘एबी’

उपरोक्त ब्लड ग्रुपों की तुलना में यह ‘एबी’ ब्लड ग्रुप काफी आधुनिक किस्म का ब्लड ग्रुप है. इस ग्रुप की अच्छी बात यह है कि इस गु्रप वाले लोग हर तरह का खाना खा सकते हैं. दरअसल, ब्लड ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ दोनों ही ग्रुप का खाना ‘एबी’ ब्लड गु्रप के लिए अनुकूल होता है. मांस, सी फूड, डेयरी प्रोडक्ट्स, फल, सागसब्जी, टोफू वे खा सकते हैं. जिन खाद्यपदार्थों को खाने से बचना चाहिए, वे हैं- रैड मीट, बींस की और कौर्न. इन चीजों में अनन्नास, सागसब्जी, सी फूड, टोफू वजन कम करने में सहायक होते हैं. डाइट के साथ इन्हें थोड़ा पैदल चलने, टहलने के साथ नियमित रूप से तैरना भी चाहिए.

 

Mother’s Day 2024: स्नैक्स में बनाए क्रिस्पी वेज लॉलीपॉप

वेज लॉलीपॉप एक इंडो चायनीज डिश है जिसे सब्जियों और सॉसेज के साथ बनाया जाता है. आमतौर पर बच्चे सब्जियां खाने में बहुत नानुकुर करते हैं. आजकल तो यूं भी बच्चे पौष्टिक चीजों के स्थान पर पिज़्ज़ा, बर्गर, नूडल्स और पास्ता खाने में ज्यादा रुचि रखते हैं. तो क्यों न कुछ ऐसा उपाय किया जाए कि बच्चों को पौष्टिकता भी भरपूर मिल जाये और वे खाएं भी बड़े स्वाद से. वेज लॉलीपॉप एक ऐसी ही डिश है जिसमें पोषण प्रदान करने वाली ढेरों सब्जियों का प्रयोग किया जाता है. इस रेसिपी की खासियत यह है कि इसमें आप अपनी मनपसंद किसी भी सब्जी का प्रयोग कर सकतीं हैं  तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाते है-

कितने लोंगों के लिए               4

बनाने में लगने वाला समय        30 मिनट

मील टाइप                               वेज

सामग्री

मैश किये उबले आलू             2

बारीक कटा प्याज                 2

मटर के दाने                         2 टेबलस्पून

बारीक कटी शिमला मिर्च      1

किसी गाजर                         1

फ्रोज़न या ताजे कॉर्न           2 टेबल स्पून

कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर    1 टीस्पून

गर्म मसाला पाउडर              1/4टीस्पून

नमक                                   स्वादानुसार

अमचूर पाउडर                     1/2 टीस्पून

चाट मसाला                         1/2 टीस्पून

बारीक कटी धनिया.              1 टेबलस्पून

अदरक लहसुन पेस्ट               1/2 टीस्पून

ब्रेड क्रम्ब्स                           1/4 कप

मैदा                                  2 टेबलस्पून

कॉर्न फ्लोर                         1 टेबलस्पून

काली मिर्च पाउडर।             1/4 टीस्पून

पानी                                  1/2 कप

तलने के लिए तेल।             पर्याप्त मात्रा में

विधि

ब्रेड क्रम्ब्स, मैदा, तेल, पानी और कॉर्नफ्लोर को छोड़कर सभी सब्जियां और मसालों को एक बड़े बाउल में अच्छी तरह मिलाएं. अब इसमें कॉर्नफ्लोर, ब्रेड क्रम्ब्स, और पानी मिलाकर लॉलीपॉप का मिश्रण तैयार करें.  मैदा को 2 टेबलस्पून पानी में घोल लें. तैयार मिश्रण से थोड़ा सा मिश्रण हथेली पर रखकर चपटा करें. इसमें आइसक्रीम स्टिक लगाएं और मैदे के घोल में डिप करके गर्म तेल में मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक तलें अथवा 180 डिग्री पर 12 से 15 मिनट तक माइक्रोवेव में बेक करें. तैयार लॉलीपॉप को टोमेटो सॉस या मेयोनीज के साथ सर्व करें.

 

 

चेहरे पर आने लगी हैं झुर्रियां तो ट्राई करें ये घरेलू फेस पैक्स

आपके चेहरे की चमक झुर्रियों के कारण खो जाती हैं. और आप झुर्रियां हटाने के लिए तरह-तरह के क्रीम मार्केट से लाती हैं, फिर भी चेहरे पर लगाने के बाद नहीं हटती हैं. तो ऐसे में  आपको परेशान होने की कोई बात नहीं है. आज हम आपको कुछ घरेलू नुस्खों बताएंगे जिससे आप झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आजमा सकती हैं.

1. मुल्तानी मिट्टी

झुर्रियों पर मुल्तानी मिट्टी सबसे ज्यादा असर करती है. यह त्वचा में कसाव लाती है और महीन रेखाओं को भी खत्म करती है. आप मुल्तानी मिट्टी लगाने से पहले उसे आधे घंटे के लिए भिगा दें. मिट्टी गल जाए तो उसमें खीरे का रस, टमाटर का रस और शहद मिलाएं. इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं. पर ध्यान रहे कि लेप लगाने के बाद बैठे या खड़े न रहें, बल्क‍ि लेट जाएं. और फिर सुखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.

2. केला

केले का क्रीम जैसा पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर लगाएं. आधे घंटे तक लगाएं रखें फिर सादे पानी से धो लें. त्वचा को अपने आप सूखने दें, उसे पोछे नहीं. केले के इस्तेमाल से त्वचा में कसाव आता है और झुर्रियों पर फर्क नजर आने लगता है.

3. दूध का पाउडर

दूध के पाउडर में शहद और थोड़ा सा पानी मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा सॉफ्ट और ग्लोविंग हो जाती है. इससे चेहरे की झुर्रियां भी कम हो जाती हैं.

4. पानी

सुबह उठते ही दो ग्लास पानी पीयें और हर घंटे एक ग्लास पानी जरूर पीयें. इससे त्वचा में चमक आएगी और आप अपनी उम्र से हमेशा छोटी ही लगेंगी. लेकिन अगर आप पानी कम पीती हैं तो समय से पहले आपकी त्वचा बूढ़ी हो जाएगी.

5. नारियल का तेल, औलिव औयल, बादाम का तेल

ये तीनों तेल त्वचा को झुर्रियों से बचाने में कारगर हैं. इनकी मालिश से न केवल चेहरे की रंगत खिलती है, बल्कि रिंकल्स भी दूर होते हैं.

Mothers’s Day 2024: पुनरागमन- क्या मां को समझ पाई वह

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Happy Birthday Anushka Sharma जानें उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें

बौलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा आज 36 साल की हो गई हैं. वो अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच परफेक्ट बैलेंस करती हैं. अनुष्का ने 2008 में यशराज बैनर की फिल्म ‘रब ने बना दी जोड़ी’ से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. पहली फिल्म में ही अनुष्का ने बौलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के साथ काम किया.

सिर्फ एक्टिंग ही नहीं बल्कि अनुष्का ने साल 2015 में आई फिल्म ‘एनएच-10’ और साल 2017 में आई ‘फिल्लौरी’ फिल्मों को प्रोड्यूस भी किया. हालांकि दोनों फिल्में फ्लौप हो गईं.

 

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अनुष्का ने अपने फिल्मी करियर में बौलीवुड के तीन खान आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान के साथ काम कर चुकी हैं. उन्होंने आमिर के साथ प्रोड्यूसर विदु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘पीके’, सलमान खान के साथ यशराज बैनर की फिल्म ‘सुलतान’ और शाहरुख के साथ यशराज बैनर की फिल्म ‘रब ने बना दी जोड़ी’ में काम किया. अनुष्का और उनके भाई कर्नेश शर्मा दोनों मिलकर एक प्रोडक्शन हाउस भी चलाते हैं जिसका नाम क्लीन स्टेट फिल्म्स है.

पर्सनल लाइफ की बात करें तो अनुष्का ने लंबे समय तक डेट करने के बाद साल 2017 में क्रिकेटर विराट कोहली से शादी कर ली थी. दोनों की शादी के 5 साल बाद 2021 में अनुष्का की बेटी वामिका का जन्म हुआ. इसके बाद हाल ही में फरवरी में उनके घर बेटे अकाय का जन्म हुआ है.

 

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वर्क फ्रंट की बात करें तो अभी अनुष्का फोन ब्रांड वन प्लस को प्रमोट कर रही हैं और क्रिकेटर झूलन गोस्वामी के जीवन पर बनी बायोपिक ‘चकदा एक्सप्रेस’ में काम कर रही है. ये फिल्म ओटीटी प्लैटफॉर्म पर जल्द ही आएगी. हालांकि रिलीज डेट अभी फाइनल नहीं हुई है.

इस फिल्म में अनुष्का के अलावा एक्ट्रेस रेणुका साहाने,एक्टर दिब्येंदू भट्टाचार्या, एक्टर महेश ठाकुर भी हैं. फिल्म प्रोसित रॉय ने डायरेक्ट की है और अभिषेक बनर्जी ने लिखी है.

अगर आंखें छोटी हैं तो कैसे करें मेकअप

सवाल-

मेरी उम्र 21 साल है. मेरी आंखें काफी छोटी हैं. मु झे कोई ऐसी मेकअप टैक्नीक बताएं जिस से मेरी आंखें बड़ी और अट्रैक्टिव नजर आएं?

जवाब-

अपनी आंखों को अट्रैक्टिव व बड़ी दिखाने के लिए आप ब्लैक के बजाय व्हाइट कलर की आई पैंसिल अप्लाई करनी करें और ध्यान रहे कि आईलाइनर बहुत थिन यानी पतला लगाएं. बाद में मसकारा लगा लें. आर्टिफिशियल आईलैशेज भी लगा सकती हैं, लेकिन ध्यान रहे कि मीडियम थिन आईलैशेज लगाएं. ऐसा आई मेकअप करने से आप की आंखें बड़ी और खूबसूरत नजर आएंगी. आंखें काफी छोटी हों तो आई मेकअप के लिए आईशैडो भी लाइट कलर का ही अप्लाई करें. सब से अच्छा रहेगा कि आप आईलैशेज ऐक्सटैंशन करवा लें. आप को रोज आईलैशेज नहीं लगाना पड़ेगा. यह आराम से 1-2 महीने चल जाएगी. बीचबीच में फिलिंग करवा सकती हैं.

त्योहारों का सीजन हो और सजना सवारना न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि त्योहार जहां मन में उमंग लाते हैं , वहीं त्योहार सजने सवरने का भी मौका देते हैं. खासकर महिलाओं को, क्योंकि मेकअप महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाने का काम जो करता है. ऐसे में त्योहारों पर मेकअप की बात हो और आई मेकअप न किया जाए तो सारे मेकअप पर पानी फिर जाता है. इसलिए इन त्योहारों मेकअप से अपनी आंखों को खूबसूरत बनाकर करें त्योहारों को एंजोय.

कैसे करें अलगअलग तरह के आई मेकअप 

–  सिंपल आई मेकअप 

अगर आपको सिंपल लुक ज्यादा पसंद है और आप अपनी आंखों को ज्यादा तड़कभड़क लुक नहीं देना चाहतीं तो सिर्फ अपनी आंखों को दो चीजों से निखारें. काजल और दूसरा आई लाइनर.  बस आपको अपनी आंखों के नीचे काजल लगाकर अपनी पसंद के अनुसार आंखों के ऊपर पतला या मोटा लाइनर अप्लाई करना होगा. यकीन मानिए मिनटों में आपका लुक चेंज हो जाएगा.

आप चाहें तो इसके लिए मल्टी पर्पस पेंसिल काजल या लाइनर का इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर जैल फोर्म में भी यूज़ कर सकती हैं . जिसे आप काजल के रूप में भी इस्तेमाल कर सकती हैं , लाइनर के रूप में भी और बिंदी के लिए भी.  आपको मार्केट में अलगअलग वैरायटी के साथ साथ डिफरेंट कलर्स के लाइनर व काजल मिल जाएंगे, जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार खरीद कर बढ़ाएं अपनी खूबसूरती को.

2. कैट आई लुक 

कैट आई लुक काफी डिमांड में है, जो न सिर्फ आंखों को खूबसूरत बनाता है बल्कि आपके कोन्फिडेन्स को भी कई गुणा बढ़ाने का काम करता है. वैसे इस लुक को खुद से करना थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन एक दो बार प्रैक्टिस करके आप खुद से अपनी आंखों को कैट आई लुक दे सकती हैं.  बस इसके लिए आपको  जैल आई लाइनर, पेंसिल आई लाइनर या वाटरप्रूफ लिक्विड आई लाइनर के साथ  ब्रश की जरूरत होगी, जिससे आप अपनी आंखों को क्लासिक लुक ले पाएंगी.

मेकअप की ये गलतियां बिगाड़ सकती है आपकी खूबसूरती

मेकअप आपकी खूबसूरती के साथ-साथ आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है, इसमें कोई शक नहीं. मेकअप की मदद से आप खुद को मनचाहा सौंदर्य दे सकते हैं.

लेकिन कभी-कभी मेकअप की कुछ गलतियां आपकी खूबसूरती को बढ़ाने के बजाए आपको उम्रदराज भी बना देती हैं. जानिए ऐसी ही 10 गलतियां, जिनसे आपकी उम्र दिखती है ज्यादा

1. कंसीलर का ज्यादा प्रयोग  

परफेक्ट दिखने की चाहत में हम कई बार कंसीलर को अधिक उपयोग करते हैं. खास तौर से तब, जब आप गलत कलर को चुनते हैं और उसकी मोटी परत त्वचा पर लगाते हैं, तो इस तरह से आप अपनी झुर्रियों को हाइलाइट कर खुद को उम्रदराज दिखा रहे होते हैं.

2. मस्कारा

मस्कारा का प्रयोग कर आप अपनी पलकों को काला, लंबा और घना दिखा सकती हैं. लेकिन इसका अधिक प्रयोग, खास तौर से निचली पलकों पर मस्कारा का ज्यादा प्रयोग आपके आंखों के नीचे की झुर्रियों को आकर्ष‍ित करता है साथ ही वह नेचुरल दिखने के बजाए नकली लगता है.

3. लिप्स्टिक का गलत शेड

लिपस्ट‍िक आपकी छवि पर जादुई असर डालती है, इसमें कोई श‍क नहीं. आप बेझिझक किसी भी रिच कलर के साथ एक्पेरिमेंट कर सकती हैं, लेकिन यदि आपके होंठ पतले, संकरे या छोटे हैं तो आपको डार्क कलर्स से दूर रहना चाहिए. गहरे रंग आपके होंठों को और पतला दिखाएंगे और उम्र को ज्यादा.

4. आईशेडो का तरीका

आईशेडो लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपको यह पूरे आईलिड पर नहीं लगाना है. यह तरीका आपको उम्रदराज दिखाता है. आईशेडो लगाने का सही तरीका है कि आप इसे आंख के सिर्फ बाहरी कोनों पर लगाएं.

5. आई लाइनर

आंखों की निचली लिड पर लाइनर जरूरत से ज्यादा प्रयोग आपकी आंखों को छोटा दिखाता है. इसके विपरीत प्रभाव के लिए आपको लाइट मेकअप पेंसिल का प्रयोग करना चाहिए. यह आपकी आंखों को खुलापन देकर सही लुक देगा.

6. ब्लश ऑन

अब समय आ गया है कि आप डार्क और इंटेंस कलर्स को ना कहें. ब्लश ऑन के लिए डार्क कलर्स के प्रयोग से आपकी उम्र ज्यादा लगती है. गालों के उपरी भाग में ब्लशर अप्लाई करें ना कि बीच में. गाल के उभारों को हाइलाइट करना भी एक अच्छा विकल्प है. जब भी आप इसे प्रयोग करें नोज एरिया से ज्यादा पास अप्लाई न करें.

7. आई ब्रोज

आईब्रोज या भौंहों को लंबा और घना दिखाने के लिए डार्क पेंसिल का प्रयोग करना इसे बिखरा हुआ, कृत्रिम और उम्रदराज दिखा सकता है. नेचुरल कलर पेंसिल का ही प्रयोग करें ताकि ओवर मेकअप न दिखाई दे.

8. डार्क सर्कल्स

आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स मेकअप के बावजूद परेशानी खड़ी करते हैं. अत्यधिक कंसीलर के प्रयोग के बजाए इसे करेक्टर से छुपाया जा सकता है. कई लोग इसका प्रयोग ही नहीं करते जिससे उम्र अधिक दिखती है और चेहरा भी उतना अच्छा नहीं दिख पाता. लेकिन इसे सिर्फ डार्क एरिया में हल्की मात्रा में लगाकर फैला लें. इससे मेकअप नेचुरल लगेगा.

9. लिप लाइनर

होंठों को सही आकार देने के लिए और परफेक्ट  लुक के लिए लिप लाइनर जरूरी है, लेकिन गलत शेड का इस्तेमाल और मोटी डार्क लाइनिंग आपको उम्र से ज्यादा दिखाती है. जितना हो सके नेचुरल तरीके से इसका प्रयोग करें, ताकि आप जवां और खूबसूरत नजर आ सकें.

10. पाउडर

त्वचा की छोटी-मोटी चीजों को छिपाने के लिए पाउडर का प्रयोग अच्छा विकल्प है लेकिन इसे ज्यादा मात्रा में थोपना मेकअप को बिगाड़ सकता है. इससे आपकी झुर्रियां हाईलाइट होंगी साथ ही त्वचा रूखी नजर आएगी. आपके चेहरे का ग्लो भी पाउडर की ज्यादा मात्रा से खत्म हो जाता है.

आपको बूढ़ा दिखा सकता है गलत मेकअप

 

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