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इन चीजों को नहीं करना चाहिए वेस्ट: अभिनेता जॉन कोककेन, पढ़ें पूरी इंटरव्यू

अभिनेता जॉन कोककेन मुंबई के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, उन्होंने मुख्य रूप से साउथ की फिल्मों में अधिक काम किया है. जॉन ने अपने पिता जॉन जोसेफ कोककेन को सम्मान देने के लिए अपना स्क्रीन नाम, जॉन कोककेन रखा है, जबकि उनका असली नाम अनीश जॉन कोककेन है. उनके इस फ़िल्मी कैरियर में पिता जॉन जोसेफ कोककेन और मां थ्रेसिअम्मा जॉन कोककेन का बहुत श्रेय वे मानते हैं. उनके पिता कॉलेज के सेवानिवृत्त उप-प्रिंसिपल हैं, जबकि उनकी मां ने 13 साल मिडल ईस्ट में मैट्रन के रूप में काम किया हैऔर अब रिटायर्ड है. जॉन ने होटल मैनजमेंट की पढ़ाई की है, लेकिन उनका मन हमेशा एक्टिंग की ओर लगा रहा. पढ़ाई पूरी कर जॉन ने होटल में 2 साल तक काम भी किया है.

अभिनय में आने से पहले उन्होंने एक एड में काम किया,जो एक नामचीन होटल की ब्रोशर के लिए था, जिससे उनकी थोड़ी पहचान बनी. साल 2005 में उन्होंने ग्लैडराग्स मैनहंट एंड मेगा मॉडल कांटेस्ट में भाग लिए, जिससे वे कई निर्देशकों के नजर में आये और कई विज्ञापनों में काम करने का मौका मिला. इसके बाद उन्हें दक्षिण की कई फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाने का अवसर मिला, उन्होंने दक्षिण की तमिल, तेलगू, कन्नड़,मलयालम सभी भाषाओं में फिल्में की है. काम के दौरान उनकी मुलाकात साउथ की अभिनेत्री मीरा वासुदेवन के साथ हुई थी,जिससे उन्होंने शादी की और एक बेटे का पिता बनने के बाद आपसी अनबन की वजह से 4 साल बाद तलाक लिया और बाद मेंअभिनेत्री पूजा रामचंद्रन से शादी की और अब 7 महीने के बेटे के पिता है.डिजनी प्लस हॉटस्टार पर उनकी पहली वेब सीरीज फ्री लांसर काफी पौपुलर हो चुकी है,जिससे वे बहुत खुश है. उन्होंने खास गृहशोभा के लिए ज़ूम पर बात की, जहां उन्होंने अपनी जर्नी से जुड़े सभी पहलूओं पर चर्चा की, आइये जाने उनकी कहानी उनकी जुबानी.

रही चुनौती

फ्रीलांसर उनकी डेब्यू वेब सीरीज है, जिसमे उन्होंने एक कौप की भूमिका निभाई है. उनके इस नए अवतार में एक्टिंग करने के अनुभव के बारें में पूछने पर उनका कहना है कि इसमें मैंने एक इंटेलिजेंस ब्यूरो ऑफिसर राघवेन्द्र सेतु का रहा, जो बहुत कठिन होने के साथ-साथ मेरे लिए कठिन भी था. बहुत चुनौतीपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन मुझे खुशी इस बात से रही है कि मैं इसमें पहली बार एक पौजिटिव भूमिका निभा रही हूं और किसी डायरेक्टर ने पहली बार मेरे बारें में ऐसा चरित्र सोचा है, क्योंकि इससे पहले मैंने हमेशा विलेन की ही भूमिका निभाई है. मैंने अभिनेता के के मेनन को इस भूमिका के लिए फोलो किया है, उनके स्टाइल , संवाद बोलने के तरीके और एटीट्यूडको मैंने कौपी किया है. इसके अलावा मैं मुंबई से हूं और हिंदी बोलना जानता हूँ.

मिली नई भूमिका

अपने इस नए किरदार को करते हुए जॉन को बहुत अच्छा लगा है. अपने अनुभव के बारें में वे कहते है कि हर फिल्म में विलेन को हीरो से मार खाना पड़ता है, हीरो या तो हाथ काट देता है या गोली मार देता है, लेकिन इसमें ऐसा नहीं है. पहली बार किसी डायरेक्टर ने हटकर मेरे बारें में सोचा है,यही बदलाव मेरे अकार या शरीर को न देखकर एक अलग नजरिये से देखा है. मुझे बहुत अधिक ख़ुशी है, मैं निर्देशक नीरज पाण्डेय को दिल से धन्यवाद् देना चाहता हूं.

किये संघर्ष

मैं साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखता हूँ,जिस दिन मैंने अपने पिता को एक्टिंग की बात कही थी, उन्होंने सीधा कह दिया था कि ‘ये सब अमीरों के शौक है,तुम ये सब शौक न पालो, तुम चुपचाप नौकरी करों.’तब मैंने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी कर 2 साल तक होटल की नौकरी कर रहा था. काम के दौरान मेरे कद – काठी को देखकर मुझे मौडलिंग के ऑफर आते रहे, इससे मैंने मन में सोचा कि मुझे इस ओर भी थोड़ा फोकस करने की जरुरत है और मैंने मॉडलिंग शुरू की. मॉडलिंग से मुझे लोगों ने जाना और दक्षिण की कई फिल्मों में ऑफर आने लगे. मैंने अभिनय शुरू किया. मेरे परिवार में कभी कोई इंडस्ट्री से नहीं था. मैंने मेहनत और धीरज से अपना रास्ता तय किया है.

जो मिला करता गया

क्या आपने शुरू में हीरों बनने की बात नहीं सोची थी, क्योंकि आज तो हीरों भी विलेन की भूमिका निभाते है? मुझे ख़ुशी है कि आज के हीरों भी विलेन की भूमिका निभाते है, लेकिन जब मैंने शुरू किया था, तब इतना बदलाव इंडस्ट्री में नहीं था. मैने कोई हीरों या विलेन बनने का कोई प्लान नहीं किया था, पहला ऑफर विलेन का ही मेरे पास आया था, इसके बाद सारे ऑफर विलेन के ही आने लगे और मैं करता गया.

रियल लाइफ में जॉन

आपने विलेन की भूमिका निभाई है, लेकिन रियल लाइफ में विलेन से हीरों कैसे बन गए ? पूछने पर हंसते हुए जॉन कहते है कि मेरी पत्नी पूजा को मेरे किसी भी विलेन वाली फिल्म को नहीं देखती, क्योंकि उसे फिल्मों में मार खाना,स्क्रीन पर मर जाना बिल्कुल भी पसंद नहीं है. हमारी मुलाकात एक जिम में हुई थी, जहां हमारी पसंद, नापसंद सब धीरे-धीरे मैच होते गए, फिर हम दोनों ने साथ रहने का निर्णय लिया और शादी की. अभी मैं एक बेटे का पिता भी हूँ.

पसंद नई भूमिका

जॉन को आगे अधिक से अधिक हिंदी फिल्मों में अलग-अलग भूमिका निभाने का ड्रीम है. वे कहते है कि मैं एक कलाकार हूँ और हर चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाना चाहता हूं. जब से मैं अभिनय के क्षेत्र में गया हूं,हिंदी फिल्मों में अभिनय की इच्छा है, क्योंकि मैं मुंबई में पला और बड़ा हुआ हूँ और मुंबई हमेशा मेरी पहली पसंद रही है.

अंदाज है अलग

साउथ की फिल्में और हिंदी फिल्मों की एक्टिंग में अंतर के बारें में जॉन बताते है कि साउथ की फिल्में बहुत लाउड होती है, एक विलेन के पीछे 50 गाड़ियाँ आती है,100 गुंडे खड़े रहते है, जबकि हिंदी सिनेमा थोड़ी रीयलिस्टिक और थमी हुई होती है. दोनों का अंदाज अलग है.

विलेन है पसंद

जॉन ने विलेन की भूमिका से शुरू कर अब एक रोमांटिक साउथ फिल्म कर रहे हैं, जिसके डायरेक्टर कृतिका उदयनिधि है. हिंदी फिल्मों में नीरज पाण्डेय,संजय गुप्ता, साजिद नाडियाडवाला, रोहित शेट्टी, जोया अख्तर, रीमा आदि डायरेक्टर के साथ जॉन काम करने की इच्छा रखते हैं. फिल्मों में बढ़ते वायलेंस के बारें में जॉन कहते है कि आज फिल्मों तकनीक का अधिक प्रयोग होता है, समय के साथ सबको चलना पड़ता है. इसकेअलावा पहले के दर्शक हीरो, जो अच्छे काम करते थे, उन्हें पसंद करते थे. आज के दर्शक को हीरो होनेके साथ-साथ, जो विलेन जैसा काम करता हो,पसंद आता है. दर्शकों की पसंद बदल चुकी है, लेकिन अंत में फिल्मों में मनोरंजन पहले भी था, अभी भी है और आगे भी रहेगा. जब तक दर्शकों का मनोरंजन हो रहा है, वह चलेगा.

संभालना पड़ता है खुद को

विलेन की भूमिका निभाने की वजह सेजॉन को कई बार असहजता का भी सामना करना पड़ता है. जब वे बाहर निकलते हैं, तो लोग उन्हें देखकर कानाफूसी करते है,कुछ लोग डर कर सामने आकर बात करते है. स्क्रीन की इमेज का सामना हमेशा करना पड़ता है. हीरो और विलेन साथ जाने पर लोग हीरो से ही बात करते है, साथ में पिक्चर खिचवाते है,वो मेरे साथ नहीं हो सकता.

हूं इन्ट्रोवर्ट

अपने बारें में जॉन कहते हैं कि मैं रियल लाइफ में शांत रहने वाला व्यक्ति हूं, अधिक पार्टी पसंद नहीं करता, शूट नहीं करने पर मैं परिवार के साथ समय बिताना, ट्रेवल करना, जिम जाना, योगा आदि करता हूँ. मैं इंत्रोवर्ट किस्म का व्यक्ति हूँ.

न करें वेस्ट

इस साल मेरी सोच यह है कि आने वाले प्रोजेक्ट में सभी को अच्छा काम मिले, क्योंकि किसी एक भूमिका को किसी एक कलाकार को जब मिलता है, तो दूसरे का काम जाता है. मैं किसी भी नए कलाकार को अभिनय के लिए सही कास्टिंग डायरेक्टर या डायरेक्टर से हमेशा मिलवाने की कोशिश इस साल भी पहले की तरह करता रहूँगा. पर्यावरण की सुरक्षा मैने शुरू कर दी है,प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करता,पानी वेस्ट नहीं करता, जरुरत पड़ने पर गाड़ी निकालता हूँ. मैं सभी से कहना चाहता हूँ कि पानी, बिजली या प्लास्टिक हो, किसी भी चीज को वेस्ट न करें, जितना जरुरत हो उतना ही उपयोग करें, क्योंकि ये सभी चीजे बहुमूल्य है,बहुत कम को इसका लाभ मिल पाता है.

आधी रात को सड़क पर भटकेगी Anupamaa, तो वनराज पर फूटेगा काव्या का गुस्सा

टीवी का पॉपुलर सीरियल अनुपमा (Anupamaa) दर्शकों का फेवरेट सीरियल है. इस सीरियल में आए दिन हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिलता है, जिससे दर्शकों का भरपूर एंटरटेनमेंट होता है. शो में कुछ दिनों पहले ही दिखाया गया कि अनुपमा अनुज से अलग हो चुकी है और वह अपने सपने को पूरा करने अमेरिका पहुंच गई है. अनुपमा को वहां कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि अनुज से अलग होने के बाद अनुपमा अभी तक आमने-सामने नहीं आए हैं.

शो के बीते एपिसोड में दिखाया गया था कि अनुज और अनुपमा आमने-सामने होते हैं, अनुज अपने दिल का हाल बताता है, लेकिन शो के आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज अपनी ख्यालों में अनुपमा से बात करता है. वह अनुपमा से शिकायत करता है कि वह उसे छोड़कर क्यों चली गई? इस दौरान अनुज अनुपमा से शिकायत करता है कि वह उसे छोड़कर क्यों चली गई? चलिए बिना देर किए जानते हैं, सीरियल के नए ट्विस्ट के बारे में.

 

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काव्या सुनाएगी वनराज को खरी-खोटी

अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज दीवानों की तरह सड़कों पर अनुपमा को ढूंढने लगेगा. दूसरी तरफ शाह हाउस में एक नया ड्रामा देखने को मिलेगा, काव्या अनुपमा को लेकर वनराज  को खरी-खोटी सुनाएगी. दरअसल, वह और काव्या को ऑफिस की पार्टी में जाने की तैयारी करेंगे. ऐसे में वह कहेगा कि अनुपमा पार्टी में जाने के लायक नहीं थी, इसी वजह से काव्या उस पर भड़केगी।

काव्या कहेगी कि  ‘तुमने अनुपमा को कुछ नहीं करने दिया, लेकिन आज वो अमेरिका गई है, इंसान गिरने के बाद खड़ा नहीं हो पाता, लेकिन वह सात समंदर पार बैठी है, मैं अनुपमा की तरह नहीं बन सकती.

आधी रात को सड़कों पर भटकेगी अनुपमा

आप सीरियल में यह भी देखेंगे कि अनुपमा आधी रात को सड़कों पर भटकेगी. वह फिर से उस रेस्टोरेंट के बाहर पहुंचेगी, जहां वह काम करती थी. अब शो में यह देखना दिलचस्प होगा कि अनुपम अपनी मुश्किलों से कैसे जूझती है.

Online एल्गोरिदम पर्सनल लाइफ को कर रहा हैक

यदि आप से कहें कि औनलाइन जो भी आप फीड कर रहे हैं वह आप अपनी इच्छा से कहीं अधिक एआई तकनीक के एल्गोगोरिदम मैथड से कर रहे हैं तो आप क्या हैरान होंगे? डिजिटल की पकड़ लोगों की जिंदगी में बुरी तरह पैठ जमा चुकी है, यह पर्सनल लाइफ को हैक करने जैसा है.

डिजिटल वर्ल्ड यूथ की रूटीन लाइफ का हिस्सा बन चुका है. आप सुबह सब से पहले अंधली नींद में अपना फोन चैक करते हैं. इन्फौर्मेशन के लिए न्यूजपेपर की जगह कच्ची जानकारी वाले व्हाट्सऐप देखते व फौरवर्ड करते हैं, अपने ईमेल और सोशल मीडिया फीड के माध्यम से बिना सोचेसमझे स्क्रौल करना शुरू कर देते हैं.

देखते ही देखते आप क्लिक और टैप के ऐसे भंवर में फंस जाते हैं जिस से कीमती टाइम और मैंटल एनर्जी बरबाद होने लगती है. जिन इन्फौर्मेशंस को आप पढ़ रहे होते हैं वे सही हैं या नहीं, यह जाने बगैर आप का फोन आप की उंगलियों को अपने इशारों पर नचा रहा होता है और आप ऐप और प्लेटफौर्म के ऐसे जाल में फंसते चले जाते हैं जो आप को सिर्फ एक कंज्यूमर समझता है, जिसे वह किसी भी हाल में अपना प्रोडक्ट बेचना चाहता है.

यही खासीयत है डिजिटल वर्ल्ड की कि जिन ऐप्स और प्लेटफौर्म्स का हम हर दिन उपयोग करते हैं, जितना अधिक वे हमारा ध्यान खींचते हैं, वे कंज्यूमर और प्रोडक्ट के इस खेल में उतने ही अधिक सफल होते जाते हैं. लेकिन यह बहुत कम लोग ही जानते हैं कि वे इसे आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस के एल्गोरिदम मैथड को यूज कर के सफल होते हैं.

क्या है एल्गोरिदम मैथड

कंप्यूटर साइंस के अनुसार, एल्गोरिदम एक प्रकार का प्रोग्रामिंग प्रोसैस है, जिस की टैक्नोलौजी के आधार पर औनलाइन कंज्यूमर को एनालिसिस किया जाता है और उस की हर गतिविधि का सटीक अनुमान लगाया जाता है. यह तकनीक लगभग हर औनलाइन प्लेटफौर्म यूज करता है.

इस का इंपैक्ट समझिए कि, मानिए पटना के कचौड़ी गली के मकान नंबर 13 में बैठा अशोक जब औनलाइन शौपिंग साइट ‘अजियो’ पर अपने लिए वाइट कलर का 7 नंबर साइज वाला लेसअप स्नीकर शूज देखता है और थोड़ा भी समय बिताता है तो उस के बाद, वह चाहे दूसरे किसी भी प्लेटफौर्म या साइट पर विजिट करने लग जाए उसे उसी रंग, साइज, स्टाइल वाला स्नीकर फ्लैश होता दिखाई देगा.

यह आप ने भी देखा होगा कि यदि आप किसी प्रोडक्ट को किसी साइट पर देख रहे होते हैं तो उस प्रोडक्ट के रिकमंडेशन आप को लगातार आते दिखाई देते हैं. यह आप की स्क्रीन पर लगातार फ्लैश होता है, दरअसल, यही काम इंटरनैट एल्गोरिदम करता है.

यह एल्गोरिदम आप के द्वारा कंज्यूम किए जा रहे हर कंटैंट को (औडियो, वीडियो, आर्टिकल या कोई प्रोडक्ट आदि) जिसे सुना, देखा, पढ़ा या खोला और आप ने कोई रिऐक्शन दिया हो, के कीवर्ड्स, टैग, टौपिक को कैच करता है. उस के आधार पर आप की पर्सनल चौइस को समझ कर आप को लगातार फीड करता है.

आप फेसबुक के उदाहरण से समझिए. फेसबुक पर फ्रैंड रिक्वैस्ट भेजने के लिए आप को जो सजेशंस अपने पेज पर दिखाई देते हैं उन का जुड़ाव कहीं न कहीं आप के बनाए बाकी फ्रैंड्स से डायरैक्टइनडायरैक्ट होता है. यह काम भी एल्गोरिदम करता है. वह आप के फ्रैंड सर्कल की पहचान
करता है, आप की पसंद को आंकता है. वह यह भी देखता है कि आप किस भाषा में, किस इलाके से, किस जैंडर के दोस्तों में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. यह काम इंस्टाग्राम और ट्विटर भी करते हैं.
लेकिन फेसबुक एल्गोरिदम इस से एक कदम आगे बढ़ चुका है. मानिए, मेरठ के गंगानगर इलाके में बैठा मुन्ना बजरंगी, जिस ने अपने कवर पेज पर राम की गुस्सैल तसवीर लगा रखी है और तसवीर में राम धनुष चलाने की मुद्रा में हैं व पीछे भगवा आसमान और बिजली कड़कड़ा रही है. इस के साथ ही उस ने अपने बायो में ‘हिंदू’ लिखा है और अपने फेसबुक पेज को स्क्रौल करते हुए उन पोस्टों को लाइक करता है जिन में धर्म विशेष की बातें लिखी हैं.

ऐसे में एल्गोरिदम उस के इंटरैस्ट एरिया को देखेगा. उस के कीवर्ड, कमैंट, उस की पसंद का विश्लेषण करता है और उसे उन्हीं ग्रुप्स से जुड़ने के रिकमैंड भेजेगा जिस में धर्म विशेष की बातें लिखी हों, खासकर ऐसी बातें जिन में वो इंटरैस्ट रखता है. ऐसा ही कुछ इंस्टाग्राम में होता है. इंस्टाग्राम अपने रील्स कंटैंट के लिए जाना जाता है. आप देखेंगे कि आप के सर्कल में जो भी फ्रैंड है वह एक ही थीम वाले रील्स शेयर करता है. ऐसा इसलिए कि उस ने किसी के प्रोफाइल, कंटैंट क्रिएटर या कंपनी की प्रोफाइल विजिट की और अब उसे वही दिखाई दे रहा है.

हैक होती पर्सनल लाइफ

एल्गोरिदम बहुत पावरफुल टूल है. यह टूल डिजिटल कंज्यूमर की पर्सनल लाइफ को हैक कर रहा है. उन्हें इन्फ्लुएंस कर रहा है. उन की पसंद और नापसंद को स्टिक कर रहा है. यानी एक तरह से कंज्यूमर अपनी पसंद की सामग्री नहीं देख रहा, बल्कि उसे वही सामग्री दिखाई जा रही है जो उस के इंटरैस्ट में एल्गोरिदम समझ रहा है.

एल्गोरिदम एक तरह से ऐसी इमेजिनरी दुनिया में ले कर जाता है जहां लगता है सबकुछ एक ही जैसा चल रहा है. जैसे, मानिए कोई लड़की अपने लिए शौपिंग साइट ‘मिंत्रा’ पर नए ट्रैंड की कोई कुरती ढूंढ़ रही है. इस के लिए वह ‘अमेजन’ और ‘मीशो’ की शौपिंग साइट पर भी हो आती है. उस के पास पैसे नहीं हैं तो वह इस प्लान को ड्रौप कर देती है. अब जबजब वह औनलाइन आएगी तबतब उसे उस से मिलतीजुलती कुरतियां स्क्रीन पर फ्लैश होंगी.

इस से कुरती को ले कर उस की पसंद और मजबूत होगी. उसे मजबूर होना पड़ेगा कि वह कुछ न कुछ तो ले ही, चाहे अपने फ्रैंड से उधार मांगे. दूसरा, वह एक्सप्लोर भी नहीं कर पाई, हो सकता है, जिस रेट पर वह कुरती देख रही थी उस से कहीं बढि़या और रीजनेबल रेट पर दूसरी कोई जरूरी चीज उसे दिख जाती. लेकिन एल्गोरिदम ने उस की पसंद को जकड़ लिया.

अकसर जब हम बात करते हैं डिजिटल एक्सप्लोरेशन की तो यह मान बैठते हैं कि यह व्यापक जानकारियां मुहैया करवा रहा है, एक तरह का जौइंट सोर्स औफ इन्फौर्मेशन है. लेकिन क्या यह सच में इन्फौर्मेशन दे रहा है या हमें डिसइन्फौर्म कर रहा है?

इस की पड़ताल करना मुश्किल नहीं. हम युवा इन्फौर्मेशन के लिए अब सोशल मीडिया पर निर्भर हो गए हैं. सोशल मीडिया में चाहे मीम के माध्यम से हो, न्यूज के लिंक के माध्यम से या रील्स के माध्यम से, इसे ही सौर्स औफ इन्फौर्मेशन मान बैठे हैं. समस्या यह कि यह एक लिमिटेड फील्ड प्रोवाइड कराता है. यानी सोशल मीडिया एल्गोरिदम यहां सब से बड़ी समस्या पैदा करता है कि वह एक तरह की इन्फोर्मेशन
अपने कंज्यूमर तक पहुंचाता है.

जैसे जाति या धर्म के नाम पर हो रहे किसी इलाके में भेदभाव या दंगे के बाद अगर इसी तरह के ग्रुप या पेज से जुड़ जाएं तो आने वाली सारी इन्फोर्मेशन इसी तरह की होने लगती हैं. अब इन ग्रुप्स से आने वाली इन्फौर्मेशन से ऐसे लगता है जैसे पूरे देश में इसी तरह की ऐक्टिविटीज चल रही हैं, जो पूरी तरह सही नहीं होता.

ऐसे ही, सोशल मीडिया पर फिल्म को प्रमोट किया जाता है. जैसे, ‘एनिमल’, ‘गदर’, ‘पठान’ या ‘जवान’ फिल्म जिस समय रिलीज हुईं, उन के फैन पेज बनने लग गए. इन फैन पेज के अगर किसी पोस्ट पर आप लाइक करते हैं तो यह उसी तरह के और कंटैंट भेजने लगता है, इस से दिमाग पूरी तरह एक चीज में कंसन्ट्रेटेड हो जाता है. यानी आप में जबरदस्ती इंटरैस्ट पैदा किया जाता है.

अब यह अच्छा है या बुरा, टैक्निकली, यह एक तरह से आप की रसोई में रैसिपी की किताब जैसी है. एल्गोरिदम की क्वालिटी उस की इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस मिजाज के हैं और कैसा टेस्ट पसंद करते हैं. अगर ज्यादा तलाभुना पसंद करते हैं तो वह उसी तरह के इन्ग्रीडिएंट्स आप के सामने परोस देगा. अब उस से आप क्या बनाते हैं, यह आप पर निर्भर करता है और उस के परिणाम भी आप ही
भुगतेंगे.

इसे कैसे फिक्स किया जाए

डिजिटल प्लेटफौर्म आप को कंट्रोल करे, इस से बढि़या है कि आप खुद उस के प्रभाव को कम करें. इस के तरीके भी हैं, जैसे फेसबुक टाइमलाइन से सौर्टिंग एल्गोरिदम को हटाने की परमिशन देता है.
फेसबुक पर, ‘न्यूज फीड’ के आगे 3 डौट्स पर क्लिक करें, फिर ‘रीसैंट’ पर क्लिक करें. ऐप पर, आप को ‘सैटिंग्स’ पर क्लिक करना होगा, फिर ‘शो मोर’ फिर ‘रीसेंट’ पर कर के इस के प्रभाव को कम किया जा सकता है.

ऐसे ही यूट्यूब पर भी इसे ठीक किया जा सकता है. इस में औटोप्ले को बंद कर के कम से कम आप यूट्यूब एल्गोरिदम को कुछ हद तक कंट्रोल कर सकते हैं. ऐसे ही इंस्टाग्राम ने फरवरी में कुछ अपडेट किया है.

इंस्टाग्राम आप को यह औप्शन दे रहा है कि आप अनजाने में किसे अनदेखा कर रहे हैं. यानी इस से यह थोड़ाबहुत जानने को मिल सकता है कि किस तरह के कंटैंट को आप ज्यादा देख रहे हैं. इस के लिए अपनी प्रोफाइल पर जा कर ‘फौलोइंग’ में क्लिक करेंगे.

वहीं नीचे सौर्टेड बाय का औप्शन दिया होता है. इस में ‘सब से कम इंटरैक्टेड’ और ‘फीड में सब से अधिक इंटरैक्टेड’ के औप्शन होते हैं. लेकिन ये तरीके इस बात की गारंटी नहीं कि इस के बाद एल्गोरिदम आप का पीछा छोड़ दे बल्कि एल्गोरिदम एक तरह की ऐसी तकनीक है, जो डिजाइन ही की गई है ताकि कंज्यूमर की पर्सनल डिटेल को हैक कर अपने प्रोडक्ट बेच सके. इस से आप बस, खुद को रीफ्रैश या रीशफल कर सकते हैं लेकिन एल्गोरिदम से पीछा नहीं छुड़ा सकते.

Kitchen Tips: डिशवॉशर को साफ करने के लिए फॉलो करें ये आसान टिप्स

डिशवाशर आज अधिकांश घरों की किचन का मुख्य उपकरण बन चुका है. मेड्स की बढ़ती समस्या तथा वे कामकाजी दम्पत्ति जो अधिकांश समय घर से बाहर अपने ऑफिस में रहते हैं उनके लिए वरदान समान है डिशवाशर. मानव के हाथों के द्वारा धुले बर्तनों की अपेक्षा डिशवाशर में साफ किये गए बर्तन अधिक साफ, सूखे और चमकदार होते हैं. डिशवाशर में धोए गए बर्तन एकदम नए जैसे प्रतीत होते हैं. यद्यपि डिशवाशर बहुत उपयोगी है परन्तु इसका रखरखाव भी बेहद आवश्यक होता है यदि इसकी सही ढंग से देखभाल न की जाए तो इसमें बर्तन साफ भी नहीं होते और उनमें से बदबू भी आने लगती है. आपका डिशवाशर सही ढंग से काम करे इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है-

  • यदि आपके इलाके का पानी हार्ड है तो डिशवाशर को माह में एक बार अवश्य साफ करें क्योंकि हार्डवाटर डिशवाशर में कैल्शियम की एक परत जमा देता है जिससे डिशवाशर की कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है.
  • यदि डिशवाशर से स्मेल आये तो समझ लीजिए कि आपके डिश वाशर को डीप क्लीनिंग की आवश्यकता है इसके लिए आप फिल्टर को तरल सोप लगाकर बहते नल के पानी के नीचे रखें जिससे इसकी सारी गंदगी निकल जाए. फिल्टर को सॉफ्ट ब्रश से ही साफ करें इसे कभी भी तार के हार्ड ब्रश से रगड़ने की ग़ल्ती न करें वरना इसकी जाली खराब हो जाएगी.
  • डिशवाशर के डोर की गास्केट को डिशवाशर सोप से साफ करके नरम सूती कपड़े से पोंछकर फिर सेट करें.
  • डिशवाशर की बाहरी सतह को साफ करने के लिए नरम सूती कपड़े को किसी तरल डिटर्जेंट से गीला करके साफ करके फिर सूखे कपड़े से पोंछ दें.
  • डिशवाशर पर कोई भी सुंदर सा डिशवाशर कवर लगाएं या फिर किसी कपड़े से कवर करें ताकि यह स्क्रैच या फिर अन्य किसी भी प्रकार की गंदगी से बचा रहे.
  • -3-4 माह में एक बार 1/4 कप नीबू का रस या वेनेगर डालकर डिशवाशर को ऑटोमेटिक क्लीनिंग पर सेट करके साफ करते रहें .
  • यदि पूरी सफाई करने के बाद भी डिशवाशर में से बदबू आती रहती है इसके लिए डिशवाशर के आर्म्स और टब के बेस की सफाई करें क्योंकि यहां पर कई बार गंदगी जमा हो जाती है जिससे बदबू आने लगती है.
  • कई बार डिशवाशर के स्प्रे आर्म्स बर्तनों में लगी गंदगी के कारण चोक हो जाते है ऐसी स्थिति में स्प्रे आर्म्स के छिद्रों को टूथपिक से साफ करके लिक्विड सोप से साफ करें.
  • डिशवाशर को साफ करने के लिए साधारण तरल सोप को प्रयोग करने के स्थान पर डिशवाशर के लिए विशेष रूप से बनाये गए तरल सोप का ही प्रयोग करें अन्यथा आपका डिशवाशर चोक हो सकता है.
  • यदि बर्तनों को साफ करने के बाद उन पर सफेद धब्बे पड़ रहे हैं तो इसका तात्पर्य है कि पानी में हार्डनेस अधिक है और आपको डिशवाशर को जल्दी जल्दी साफ करना चाहिए अन्यथा आपके डिशवाशर में जंग लग सकती है.
  • डिशवाशर को साफ करने के लिए बेकिंग सोडा, नीबू का रस, या वेनेगर का प्रयोग करना उचित रहता है इसके लिए आप इनमें से किसी में भी समान मात्रा में पानी मिलाकर एक स्प्रे बोतल में भर लें और अंदर बाहर अच्छी तरह साफ करें.

दूसरी Pregnancy में तेजी से बढ़ रहा है आपका वजन, जानें इसके क्या हैं कारण

मां बनना किसी भी महिला के लिए सबसे सुखद अनुभव होता है. हालांकि इस दौरान महिलाएं कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव से गुजरती हैं. वहीं अगर आप दूसरी बार मां बनने जा रही हैं तो भी आप पहली प्रेग्नेंसी और दूसरी प्रेग्नेंसी में अंतर महसूस करेंगी. पहली प्रेग्नेंसी की तुलना में दूसरी प्रेग्नेंसी में आपका वजन ज्यादा जल्दी बढ़ता है. साथ ही आपका पेट भी जल्दी बड़ा नजर आने लगता है. आमतौर पर गर्भवती महिलाएं इस अंतर को समझ नहीं पातीं और टेंशन में आ जाती हैं. हालांकि दोनों प्रेग्नेंसी में नजर आने वाला यह अंतर बहुत ही सामान्य है. कुल 19,362 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में यह साफ हुआ है कि आपकी पहली प्रेग्नेंसी, दूसरी प्रेग्नेंसी से किस प्रकार अलग है और क्या है इसके पीछे का कारण.

इसलिए बढ़ जाता है दूसरी प्रेग्नेंसी में वजन

शोध के अनुसार अधिकांश महिलाएं पहली गर्भावस्था की तुलना में दूसरी गर्भावस्था के दौरान शरीर में अधिक भारीपन महसूस करती हैं. दूसरी प्रेगनेंसी में अक्सर मां का वजन तेजी से बढ़ता है. वहीं बच्चे के उभार को भी मां समय से पहले नोटिस कर पाती हैं. शोध के अनुसार ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पहले गर्भधारण की तुलना में दूसरे गर्भधारण के दौरान माताओं का वजन पहले से ही बढ़ा हुआ होता है. पहली प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं का प्रसवोत्तर वजन पूरी तरह से ठीक नहीं होता. यानी आप प्रेगनेंसी से पहले वाले वजन को प्राप्त नहीं कर पातीं. वहीं दूसरी प्रेग्नेंसी में फिर से आपका वजन बढ़ता है, इसलिए ये और ज्यादा बढ़ा हुआ लगता है. कई बार माताएं पहले बच्चे के जन्म के बाद थोड़े अंतराल में ही दूसरी बार गर्भधारण कर लेती हैं. ऐसे में शरीर को पहली गर्भावस्था के दौरान बढ़े अतिरिक्त वजन को कम करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता.

इसलिए भी नजर आते हैं बदलाव

गर्भावस्था में वजन के साथ ही हार्मोन और मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है. दूसरी गर्भावस्था के समय, गर्भवती माताओं के शरीर में पहले से ही कई बदलाव हो चुके होते हैं, जिसके कारण वजन ज्यादा तेजी से बढ़ता है. इतना ही नहीं इसके कारण वजन कंट्रोल भी नहीं हो पाता.

पेट जल्दी बाहर निकलने का कारण हैं ये

शोध बताते हैं कि आपकी पहली गर्भावस्था के बाद आपका गर्भाशय कभी भी अपने पिछले आकार में सिकुड़ता नहीं है. ऐसे में भ्रूण के कारण आपका पेट पहली बार की तुलना में दूसरी बार तेजी से बढ़ने लगता है. जिसके कारण इसका आकार बड़ा नजर आता है. या ये जल्दी दिखने लगता है. इसी के साथ प्रेगनेंसी में गर्भवतियों के पेट की मांसपेशियां खिंचती हैं, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं. परिणामस्वरूप, आपका पेट दूसरी बार भ्रूण को अच्छी तरह से सहारा देने में सक्षम नहीं होता है, जिसके कारण आपका भ्रूण पेट के निचले हिस्से में चला जाता है. इससे कई बार गर्भवती माताओं को सांस लेने में तकलीफ और खाना कम खाने की परेशानी हो सकती है. भ्रूण के नीचे आ जाने के कारण गर्भवतियों के पेल्विक क्षेत्र और मूत्राशय पर अधिक दबाव पड़ने लगता है, जिससे यूरिन ज्यादा आने की समस्या हो सकती है. कई बार यह पीठ दर्द का कारण भी बन जाता है.

Steaming Benefits: चेहरे पर स्टीम लेने के हैं कई फायदे, ब्लैकहेड्स से लेकर झुर्रियों से पाएं राहत

अगर आप भी अपने चेहरे को बिना किसी नुकसान खूबसूरत और आकर्षक बनाना चाहती हैं तो त्वचा के लिए स्‍टीमिंग से अच्‍छा कुछ और नहीं हो सकता. फेशियल स्‍टीमिंग से चेहरा निखरता है और ग्‍लो भी आता है. तो आइये जानते हैं स्‍टीमिंग के फायदो के बारे में.

क्‍या होती है स्‍टीमिंग?

इस विधि में कुछ मिनट के लिये चेहरे पर भाप ली जाती है. इस विधि को करने के लिये या तो स्‍टीमर का प्रयोग किया जा सकता है और या फिर किसी बाल्‍टी में गरम पानी भर कर एक तौलिये से सिर को ढंक कर गरम-गरम भाप ली जा सकती है.

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स्‍टीमिंग के फायदे

1. स्‍किन की सफाई

त्‍वचा को साफ-सुथरा रखने का यह सबसे उचित तरीका है. जब आप अपने चेहरे को स्‍टीम करती हैं, तब गरम भाप आपकी डेड स्‍किन को निकाल देती है और चहरे के रोम छिद्र को सांस लेने में मदद करती है. चेहरे पर जितनी गंदगी और धूल-मिट्टी चिपकी रहती है वह पोर के जरिये बाहर निकल आती है.

2. हटाए ब्‍लैकहेड एंड वाइटहेड

अगर चेहरे पर ब्‍लैकहेड और वाइटहेड हो गए हैं, तो भी स्‍टीमिंग से वह साफ हो जाते हैं. बस 5-10 मिनट तक के लिये चेहरे को स्‍टीमिंग कीजिये और चेहरे के ब्‍लैकहेड और वाइटहेड को स्‍क्रबर से साफ कर लीजिये. स्‍टीम से चेहरा नरम पड़ जाता है जिससे ब्‍लैकडेड अपनी जड़ से निकल आता है.

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3. झुर्रियां रोके

चेहरे पर भाप लेने से चेहरे पर नमी आती है और ड्राइ स्‍किन ठीक होती है. साथ ही अगर स्‍किन लूज़ हो गई है तो भी वह टाइट हो जाती है और डेड स्‍किन भी साफ हो जाती है, जिससे आपकी त्‍वचा जवां दिखने लगती है.

4. पिंपल से छुटकारा

जब स्‍किन के अंदर की तेलिये ग्रंथी गंदगी से भर जाती है, तब पिंपल होने की ज्‍यादा संभावना पैदा हो जाती है. ऐसे में स्‍टीमिंग कर के उस जमी गंदगी को बाहर निकाला जाता है, जिससे तेलिये ग्रंथी सही से काम कर सके. इसलिए अगर चेहरे पर पिंपल हो गया हो तो अपने चेहरे पर 4-5 मिनट तक भाप लें. इससे दाने में जमा पस आराम से दबाने पर निकल आएगा. भाप लेने के बाद बरफ के क्‍यूब से अपने चेहरे पर मालिश कीजिये, इससे पिंपल का दाग दब जाएगा और आपको एक दिन में पिंपल से छुटकारा मिल जाएगा.

मेरे आईलैशेज घनी नहीं हैं साथ ही टूट भी जाती हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरे आईलैशेज घनी नहीं हैं साथ ही टूट भी जाती हैं. मैं ऐसा क्या करूं जिस से मेरी समस्याएं दूर हो जाएं?

जवाब-

घनी आईलैशेज के लिए अरंडी का तेल काफी फायदेमंद माना जाता है. इस में रिसिनोलिक ऐसिड पाया जाता है. यह बालों की जड़ों में रक्त प्रवाह का बढ़ाता है और पलकों के विकास के लिए उत्तेजित करता है. अरंडी के तेल से न सिर्फ आप की पलकें घनी होंगी बल्कि यह पलकों को टूटने से भी बचाएगा.

आप चाहें तो परमानेंट आईलैशेज का औप्शन भी चुन सकती हैं जिस में आप अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार कोई भी कलर, लंबाई और जितने आईलैशेज चाहे चुन सकती हैं लेकिन हमारी सलाह है कि आप सब से मिनिमल लैशेज को चुने ताकि आप को नैचुरल लुक मिले.

इस प्रक्रिया से पहले स्किन टाइप को भी जांचा जाता है व फिर कंप्यूटर के माध्यम से चेहरों को विभिन्न आकार के लैश को सेट कर के देखा जाता है. बाद में सूट करता हुआ लैश फिट किया जाता है.

आइलैश ऐक्सटेंशन में किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता और यह बेहद सुरक्षित भी है. ये लैशेज वाटरप्रूफ, स्वेटप्रूफ्र और औयलप्रूफ होते हैं, हालांकि इस ऐक्सटेंशन को परमानेंट माना जाता है लेकिन नेल ऐक्सटेंशन की तरह इस में भी हर महीने रिफिलिंग की जरूरत पड़ती है. इस में पलकों पर फिर से आइलैश को सेट किया जाता  है. ऐक्सटेंशन को बारबार सुधारने की जरूरत होती है.

ये भी पढ़ें-

मेकअप को युवतियों की सैकंड स्किन कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. हर उम्र की युवती या महिला ग्लैमरस, यंग, सैक्सी नजर आने के लिए मेकअप करती है, लेकिन इस बात से अनजान रहती है कि दिनभर किए मेकअप को हटाना भी बहुत जरूरी है वरना इस से स्किन को नुकसान पहुंच सकता है. अगर आप भी मेकअप रिमूव करने में कोताही बरतती हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इस से आप को नुकसान हो सकता है, आइए जानें.

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स्टाइल के मामले में किसी से कम नहीं हैं ये टेनिस की 8 हसीनाएं

जब बात ग्लैमर की हो तो आप टेनिस खेलने वाली खूबसूरत बालाओं को कैसे भूल सकते हैं.  दुनिया भर में कई ऐसी फीमेल टेनिस प्लेयर्स हैं जिन की खूबसूरती और सेक्सी बौडी उन के खेल से ज्यादा चर्चा में रहती है. टैलेंट और सुंदरता दोनों ही मामले में इन महिला खिलाड़ियों का कोई जवाब नहीं है.

1. सानिया मिर्जा

 

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Strength. ?? @lofficielindia @avigowariker

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सानिया मिर्जा का नाम टेनिस प्लेयर की जिंदगी में सबसे बड़ा नाम है. खेल में जितना सानिया का नाम फेमस है उतना ही फैशन के मामले में भी सानिया कम नही है. सानिया इंडियन और वेस्टर्न दोनों लुक में खूबसूरत लगती हैं.

2मारिया शारापोवा

 

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A few photos from today’s practice @wimbledon. Who’s excited?? ?

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टेनिस लवर्स की पहली पसंद हैं खूबसूरत मारिया शारापोवा. शारापोवा कई बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले नंबर पर आ चुकी हैं. अपने फिट और आकर्षक बौडी की वजह से शारापोवा कई फैशन ब्रांड्स की अंबैस्डर भी रह चुकी हैं. शारापोवा काफी फ्लेक्सिबल और खूबसूरत बौडी की मलिका हैं. कोर्ट में उन के शौट्स लोगों को दीवाना बना देते हैं.

3 – अन्ना कुर्निकोवा

 

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अन्ना कुर्निकोवा अब भले ही टेनिस फील्ड में नही खेलती लेकिन एक समय था जब उनके खेलने का अंदाज और उन की खूबसूरती दोनों ही चर्चा में रहती थीं.

4 – अना इवानोविक

 

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साल 2016 के टौप 20 बेस्ट टेनिस प्लेयर में अपना नाम दर्ज करवाने वाली सर्बियन प्लेयर अना इवानोविक भी कम खूबसूरत नहीं. उन की लचीली और आकर्षक बौडी व स्टाइल देख कर कोई भी उन्हें मौडल समझने की भूल कर सकता है. यही वजह है कि खेल के साथ साथ उन का हुस्न भी चर्चे में रहता है.

5 – एशले हार्क्‍लेरोड

Ashley-Harkleroad

एशले हार्क्लेरोड अमेरिकी टेनिस प्लेयर हैं. टेनिस फील्ड में एशले के शौट्स के अलावा उनकी ड्रेस भी काफी सुर्खियां बटोरती हैं. एशले 2012 में आस्कमेन डौट कौम  की लिस्ट में टौप 99 वुमेंस में से 77 नंबर पर रह चुकी हैं.

6 – मारिया किरिलेंको

Maria-Kirilenko

रूसी टेनिस प्‍लेयर मारिया किरिलेंको को सब से स्टाइलिश प्लेयर के रूप में जाना जाता है जो टेनिस कोर्ट में अपने अंदाज और खूबसूरती से लोगों को दीवाना बना देती है.

7 – ऐलेना डेमिनटीवा

Elena-Dementieva

ऐलेना की खूबसूरती और फ्लेक्‍सिबिलिटी का आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते हैं. ऐलेना हाल ही में रिटायर हुईं हैं. ऐलेना को टेनिस कोर्ट में खेलते हुए देखना हर मर्द का सपना होता है. महज 13 साल की उम्र से ऐलेना टेनिस फील्‍ड की चैंपियन बनी हुईं हैं.

8 – सेरेना विलियम्‍स

 

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Let the games begin!

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खूबसूरत महिला खिलाडियों के लिस्ट में सेरेना की बौडी सब से ज्यादा फ्लेक्सिबल और खूबसूरत है. फैशन के साथ-साथ टीवी पर भी सेरेना का जलवा देख सकते हैं.

Winter Special Food: सर्दियों में बनाएं खास नटी मसाला स्क्वेयर, यहां से नोट करें ये आसान विधि

सर्दियों को सेहत बनाने वाला मौसम माना जाता है क्योंकि इन दिनों हमारी पाचन क्षमता काफी बढ़ जाती है. इन दिनों गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है ताकि हमारा शरीर गर्म रह सके. ड्रायफ्रूट्स विटामिन्स, मिनरल्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम के प्रचुर स्रोत होते हैं इसलिए इनका सेवन अवश्य करना चाहिए. अक्सर समस्या होती है कि इनका सेवन कैसे किया जाए तो आइए इस समस्या को हल करते हैं गुड़ के साथ इनकी एक रेसिपी बनाकर. गुड़ के साथ बनाये जाने से इनकी पौष्टिकता कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि गुड़ आयरन, जिंक और मिनरल्स से भरपूर होता है. कोरोना के मद्देनजर हम यहां इसमें कुछ मसालों का भी प्रयोग करेंगे जिससे यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होगी तो आइए जानते हैं कि इसे कैसे बनाया जाए.

-नटी मसाला स्क्वेयर

कितने लोंगों के लिए 10-12
बनने में लगने वाला समय 25 मिनट
मील टाइप वेज/स्वीट

सामग्री

बादाम 100 ग्राम
अखरोट गिरी 100 ग्राम
पिस्ता 50 ग्राम
काजू 50ग्राम
सफेद तिल 50 ग्राम
नारियल स्लाइस 50 ग्राम
काली मिर्च पाउडर 1/4 टीस्पून
दालचीनी पाउडर 1/4 टीस्पून
सोंठ पाउडर 1/2 टीस्पून
जायफल पाउडर 1/4टीस्पून
केसर के धागे 6
गुड़ 400 ग्राम
घी 1 टेबलस्पून

विधि

सभी मेवा को छोटे छोटे टुकड़ों में काट कर सूखा अर्थात बिना घी के पैन में सेंक लें. तिल को भी सूखा भूनकर ठंडा होने पर दरदरा कूट लें. गुड़ को भी चाकू से बारीक कर लें. एक पैन में घी गरम करें और गुड़ डालें, एकदम मंदी आंच पर गुड़ के पिघलने तक लगभग 10 मिनट तक पकाएं. अब एक कटोरी पानी में गुड़ की एक बूंद डालें और इसे चपटा करके तोड़ कर देंखें यदि टूटने की आवाज आये तो गुड़ जमाने के लिए तैयार है. अब इसमें पहले सभी मसाले फिर ड्रायफ्रूट्स और केसर डालकर अच्छी तरह चलाएं. एक चिकनाई लगी ट्रे में जमाएं. गर्म में ही चाकू से 1-1 इंच के चौकोर निशान लगाएं. ठंडा होने पर इन्हें तोड़कर एयरटाइट जार में भरकर रखें और सर्दियों में जमकर सेवन करें.

बिंदास और बोल्ड रकुल प्रीत सिंह

एक समय साउथ और नौर्थ फिल्म इंडस्ट्री में तहलका मचाने वाली रकुल प्रीत सिंह इन दिनों कहां हैं, क्या कर रही हैं, जान कर हैरान हो जाएंगे आप.

अपनी अदाकारी से दर्शकों की वाहवाही बटोरने वाली रकुल की पैदाइश दिल्ली में हुई. स्कूली शिक्षा भी इन्होंने दिल्ली से पूरी की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के जीजस ऐंड मैरी कालेज से मैथ्स में ग्रैजुएशन किया. मौडलिंग और अभिनय का उन्हें शुरू से शौक था, इसलिए उन्होंने अपने जनून को पूरा करने का फैसला किया.

रकुल प्रीत सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत एक मौडल के रूप में की थी. उन्होंने वर्ष 2011 में फैमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता में मिस फ्रैश फेस, मिस ब्यूटीफुल स्माइल, मिस टैलेंटेड और मिस ब्यूटीफुल आईज जैसे 4 खिताब अपने नाम किए.

फिल्मी कैरियर

रकुल ने 2009 में कन्नड़ फिल्म ‘गिल्ली’ से अभिनय की शुरुआत की, बाद में वे तेलुगू और तमिल फिल्मों में दिखाई दीं. उन की कुछ उल्लेखनीय फिल्मों में ‘वेंकटाद्री एक्सप्रैस’, ‘लौक्यम’, ‘सर्रेनोडु’ और ‘ध्र्रुव’ शामिल हैं.

2014 में रकुल ने फिल्म ‘यारियां’ से बौलीवुड में डैब्यू किया. तब से वे ‘दे दे प्यार दे’, ‘मरजावां’, ‘अय्यारी’ और हाल ही में नैटफ्लिक्स ओटीटी प्लेटफौर्म मूवी ‘सरदार का ग्रैंडसन’ और ‘डाक्टर जी’ में आयुष्मान खुराना के साथ नजर आईं.

गजब की फिटनैस

रकुल फिटनैस के प्रति अपने समर्पण के लिए जानी जाती हैं. वे अकसर अपने सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर वर्कआउट वीडियो, योगा सैशन और हैल्थ टिप्स शेयर करती हैं, जिस से उन के फौलोअर्स को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा मिलती है.

लोकप्रियता

रकुल फिल्मी कैरियर के अलावा ब्रैंड ऐंडोर्समैंट और चैरिटेबल गतिविधियों में शामिल रहती हैं. इन्होंने स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा और महिला सशक्तीकरण से संबंधित पहल का समर्थन किया है. रकुल ने कई उत्पादों और ब्रैंडों का समर्थन किया है. फिल्म उद्योग से परे व्यावसायिक दुनिया में भी इन की लोकप्रियता फैली हुई है.

सोशल मीडिया प्रेजैंस

रकुल इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर सक्रिय हैं, जहां वे अपनी पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ की झलकियां साझा करती हैं. इन की पोस्ट अकसर इन की रुचियों, यात्राओं और अनुभवों को दर्शाती हैं.

रिलेशनशिप का खुलासा

रकुल अपनी फिल्मों के अलावा अपनी निजी जिंदगी को ले कर भी सुर्खियों में रहती हैं. इन का नाम इन के बौयफ्रैंड जैकी संग जुड़ता रहता है. खैर, ये अपना रिश्ता पब्लिक कर चुकी हैं. रकुल ने जैकी संग अपने रिश्ते का खुलासा करते हुए बताया कि वे अपना जीवन खुल कर जीना पसंद करती हैं और इस तथ्य को छिपाने का कोई इरादा नहीं है कि वे जैकी के साथ अपने जीवन के सब से खूबसूरत अध्याय का आनंद ले रही हैं.

रकुल की इंस्टाग्राम पर 2 करोड़ 34 लाख फैन फौलोइंग है. पिछले 10 अक्तूबर को रकुल ने अपने बर्थडे पर अपने फैंस के साथ केक काटा.

रकुल इंस्टाग्राम पर काफी ऐक्टिव रहती हैं. देखा जाए तो अपनी फैन फौलोइंग बढ़ाने के लिए उन्हें बिकिनी पोज देने से कोई परहेज नहीं है.

उन के फैंस उन की पोस्ट पर जम कर कमैंट्स करते हैं जो ज्यादातर लव कमैंट्स और प्रशंसा से ही भरे होते हैं. रकुल भी अपने फैंस के साथ प्यार से पेश आती हैं. वैसे तो रकुल के साथ ज्यादा कोई कंट्रोवर्सी नहीं रही है लेकिन टौलीवुड ड्रग्स मनी लौंड्रिंग मामले में रकुल प्रीत सिंह का नाम सामने आया था.
इस खबर को सुन कर उन के परिवार के साथसाथ फैंस को भी काफी झटका लगा, जिसे ले कर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठे.

आज रकुल प्रीत सिंह फिल्मों में नहीं दिखाई दे रहीं. उन के पास कोई बड़ा प्रोजैक्ट भी नहीं है. साउथ और नौर्थ दोनों इंडस्ट्री में उन्होंने धमाकेदार ऐंट्री की, उन के फैन फौलोअर्स की संख्या में उछाल भी आया, लेकिन कहीं न कहीं वे अपनी पौपुलैरिटी को भुना नहीं पाईं. आज बस वे अपने ढाई करोड़ इंस्टा फौलोअर्स के भरोसे हैं, लेकिन यूथ उन्हें भूलता जा रहा है.

रकुल प्रीत सिंह से जुड़ी दिलचस्प बातें

-रकुल एक अच्छी गोल्फ खिलाड़ी हैं जिस के चलते उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया.
– ये मार्शल आर्ट खिलाड़ी भी हैं. कराटे में ब्लू बैल्ट विजेता हैं.
-गोल्फ खेलना, डांस करना, कसरत करना व तैराकी करना इन के शौक हैं.

-रकुल को फिल्म इंडस्ट्री में स्टाइल आइकन माना जाता है. इन के रैड कार्पेट रंगरूप और फैशन चौइस को इन के फैंस बारीकी से फौलो करते हैं.

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