ऋतिक मु झे जीवन का भरपूर सुख दे रहा था. मैं ऋतिक से एक पोस्ट ऊपर थी तो मु झे सैलरी भी उस से ज्यादा मिलती थी. ऋतिक ने बैंक में क्लर्क से जौइन किया था और फिर उस की प्रमोशन हुई थी जबकि मैं डाइरैक्ट औफिसर बन कर बैंक में आई थी. मगर इस बात को ले कर कभी हमारे बीच कोई भेदभाव जैसी बात नहीं होती थी बल्कि मैं खुद आगे बढ़ कर ज्यादा ही खर्च कर दिया करती थी घर में. सबकुछ सही चल रहा था. हमारे जीवन में रोज नएनए रंग भर रहे थे. इस तरह साथ रहते हुए हमें 1 साल हो गया.
एक दिन अचानक ऋतिक की मां की तबीयत खराब हो गई तो वह अपने शहर यूपी चला गया. वहां से उस ने बताया कि उसे अपनी मां के इलाज के लिए कुछ पैसों की जरूरत है तो मैं दे दूं वह बाद में वापस कर देगा. मैं ने बिना कुछ पूछे जाने उसे पैसे भेज दिए और ऐसा उस ने कई बार किया पर एक बार भी ऋतिक ने मु झे मेरे पैसे नहीं लौटाए. बस प्रौब्लम ही बताता रहा कि उस के जीवन में कितनी समस्याएं हैं. मैं ने कभी उस से अपने पैसे नहीं मांगे यह सोच कर कि जब होंगे खुद ही दे देगा. बेचारा वैसे ही परेशान है. इधर मेरे मांपापा ने मेरी शादी के लिए एक लड़के का फोटो भेजा. लड़का सीए था और काफी स्मार्ट भी. लड़के का घरपरिवार भी अच्छा था. लेकिन मेरे दिल में तो ऋतिक बसा था. मैं उसे ही अपना जीवनसाथी बनाना चाहती थी. ऋतिक भी तो कई बार बोल चुका था कि मैं उस की सोलमेट हूं यानी वह भी मु झ से प्यार करता. वैसे जुड़े तो हम एक एकदूसरे के साथ जरूरत के लिए थे, लेकिन साथ रहते हुए हमें एकदूसरे की आदत बन चुकी थी.
इसलिए मैं हर बार मांपापा के सामने शादी न करने का कोई न कोई बहाना रख देती थी और वे मान भी जाते थे. ऋतिक अभी भी अपने गांव में ही था. अपनी को देखने. कहीं न कहीं मु झे उस की मां की सेहत की फिक्र होने लगी थी. मैं अपने एक कुलीग से इसी विषय पर बात करने लगी तो वह जोर से हंसते हुए बोला कि मैं चिंता न करूं क्योंकि ऋतिक की मां की कोई तबीयत खराब नहीं है बल्कि वह अपनी मां की झूठी मैडिकल रिपोर्ट दिखा कर बैंक से हर महीने पैसे लेता है. ‘क्या,’ मैं तो सुन कर हैरान रह गई. लेकिन मु झे उस आदमी की बात पर विश्वास नहीं हुआ क्योंकि कोई भी इंसान इतनी नीच हरकत नहीं कर सकता है और वह भी अपनी मां को ले कर? सब से बड़ी बात यह कि क्या उसे अपनी नौकरी की नहीं पड़ी जो वह ऐसा गलत काम करेगा? लेकिन शक की सूई तो मेरे दिमाग में घुस ही गई थी क्योंकि पहले भी कई बार मैं ने उसे छोटेछोटे ही पर बैंक में गलत बिल रखते देखा था.
उस पर मैं ने उसे टोकते हुए कहा भी था कि वह ठीक नहीं कर रहा है. मेरी दादी कहा करती थीं, ‘‘खीरा चोर और हीरा चोर दोनों बराबर ही होते हैं. लेकिन मेरी बात पर उस ने बेफिक्री से हंसते हुए कहा था कि सब करते हैं, कुछ नहीं होता और कौन सा वह बैंक लूट रहा है. मु झे भी इंस्टीट किया था उस ने ऐसा करने को कहा पर मैं ने तो साफ मना कर दिया. कुछ दिन बाद ऋतिक ने फिर अपनी मां की तबीयत की कह कर मु झ से पैसे की मांग की तो मैं ने पैसे देने में असमर्थता जताई और कहा कि क्या सच में उस की मां की तबीयत खराब है या यों ही वह बहाने बना रहा है? मेरी बात सुन कर वह एकदम से गुस्सा हो गया और कहने लगा कि वह उस से पैसे कर्ज मांग रहा है तो वह इतना सवाल क्यों कर रही है? मुझे लगा मैं ने बेकार में ही उस से पूछ लिया. हो सकता वह आदमी झूठ बोला हो और सच में इस की मां की तबीयत खराब हो.
ऋतिक मु झ से रूठ न जाए इसलिए उसे पैसे भेज दिए और पूछा कि वह कब आएगा? तो ऋतिक ने सिर्फ इतना कह कर फोन रख दिया कि कह नहीं सकता. एक दिन फिर मैं ने उसे फोन लगाया तो फोन किसी महिला ने उठाया. पूछने पर वह बोली कि वह ऋतिक की पत्नी बोल रही है. ‘‘पत्नी,’’ मु झे जोर का झटका लगा. मैं कुछ और पूछती कि तभी एक दूसरी महिला की आवाज आई. वह शायद किसी को आवाज दे रही थी. ऋतिक की पत्नी फोन टेबल पर औन रख कर ही उस महिला की आवाज पर भागी. मु झे ऋतिक की आवाजें साफसाफ सुनाई पड़ रही थीं. वह अपनी पत्नी से कुछ बोल रहा था. फिर कुछ हंसने की आवाजें आई. जब मु झ से सुना नहीं गया तो मैं ने फोन रख दिया. मु झे सारा मामला सम झ में आ गया कि ऋतिक एक झूठा और फरेबी इंसान है. उस ने सिर्फ बैंक के साथ ही फ्रौड नहीं किया बल्कि मेरे साथ भी फ्रौड किया है. वह मेरे शरीर और पैसे के लिए मु झ से प्यार का नाटक करता रहा आज तक.
आज तक वह अपनी मां की झूठी रिपोर्ट बैंक में दिखा कर बैंक को चूना लगता रहा. लेकिन अब नहीं, मैं ने सोच लिया उस की करनी का परदाफास कर के रहूंगी मैं. इसलिए मैं ने बैंक मैनेजर साहब को ऋतिक के बारे में सब कुछ सचसच बता दिया कि वह बैंक के साथ क्या कुछ गलत कर रहा है क्योंकि अगर मैं सबकुछ जानते हुए भी ऐसा न करती तो गलत तो मैं भी होती न. मु झ पर भी ऐक्शन लिया जाता क्योंकि गलत का साथ देने वाला भी उतना ही गलत होता है. जांच बैठाई गई और पाया गया कि ऋतिक ने सच में बैंक के साथ फ्रौड किया है और इसलिए उसे बैंक से सस्पैंड कर दिया गया. इतना ही नहीं, उस डाक्टर को भी, जो कुछ पैसों के लालच में उस की मां की गलत मैडिकल रिपोर्ट बनाता रहा. उस के खिलाफ भी एक्शन लिया गया. बैंक में यह रूल है कि अगर किसी इंप्लोई के मातापिता उसी पर आश्रित हैं, तो बैंक उन का भी मैडिकल खर्चा देती है और ऋतिक इसी बात का फायदा उठा कर हर महीने बैंक से हजारों रुपए ऐंठ रहा था.
मुझे यह भी पता चला कि ऋतिक ने अपने मांपापा के बारे में जो कहानियां बताईं वे सब झूठी थीं. शादीशुदा होने के बावजूद उस ने मु झ से झूठ कहा कि उस का उस की पत्नी के साथ तलाक का केस चल रहा है और मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा. लेकिन बेवकूफ तो मैं ही थी न कि उस की असलियत जाने बिना उस के झांसे में आ गई. लेकिन अब मैं उस के झांसे में नहीं आने वाली थी. मैं ने अपने मन में सोच लिया और तुरंत अपने मांपापा को फोन लगा कर उस रिश्ते के लिए हामी भर दी जहां मेरी शादी की बात चल रही थी पर मैं ही टाल रही थी कब से. गोरा रंग, लंबेसुनहरे बाल, मोटीमोटी आंखें और प्यारी सी गोल नाक में छोटी सी नथनी पहने देख प्रणय मु झ पर लट्टू हो गए और तुरंत शादी के लिए हां बोल दिया. 6 फुट लंबे, सांवले रंग और प्यारे सा हंसमुख चेहरे वाले प्रणय पर मैं भी मोहित हो उठी थी.
मुझे तब यही लगा था कि ऋतिक कहीं से भी प्रणय के बराबर नहीं है और वह पागल थी जो उस के पीछे मर रही थी. खैर, लड़कालड़की और दोनों परिवारों के रजामंदी से जल्द ही हम दोनों की सगाई और फिर शादी हो गई. शादी के बाद मैं अपने पति प्रणय के साथ मुंबई शिफ्ट हो गई. मैं अपना पुराना सारा कुछ भूल कर प्रणय के साथ हंसीखुशी जीवन व्यतीत कर रही थी कि ऋतिक नाम का कांटा जीवन में चुभने लगा. पता नहीं उसे कैसे पता चला गया कि मैं ने ही बैंक मैनेजर साहब को उस के बारे में सबकुछ बता दिया था और जिस के कारण उस की नौकरी चली गई. लेकिन उस की नौकरी तो उस की गलत हरकतों के कारण गई थी यह बात उसे सम झ नहीं आई. ऋतिक मु झे धमकाता और मेरा अतीत मेरे पति के सामने लाने की बात कह कर मेरे पैसे और शरीर की मांग रखता. इसलिए ही तो मैं ने उस का फोन ब्लौक कर दिया था. लेकिन फिर पता नहीं किस नंबर से उस ने मु झे फोन किया और मैं फिर फंस गई लेकिन अब मु झे सम झ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं?
कैसे ऋतिक जैसे इंसान से निबटूं क्योंकि उस का क्या भरोसा पैसे लेने के बाद भी वह मु झे तंग करे. मु झे बिछावन पर चिंतित करबटें बदलते देख कर प्रणय ने पूछा कि क्या हुआ, इतनी परेशान क्यों लग रही हूं मैं? तो मैं ने फिर वही अपने पीरियड का बहाना बनाया कि इस वजह से मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही है. लेकिन प्रणय को सम झ आ रहा था कि बात कुछ और है और मैं उन से छिपाने की कोशिश कर रही हूं. ‘‘बोलो न कोई बात है जो तुम्हें परेशान कर रही है?’’ मेरे शरीर को हौले से स्पर्श करते हुए प्रणय बोले, ‘‘मैं ने तुम्हें शादी के समय ही कहा था कि हम एकदूसरे के सुखदुख के साथी बनेंगे तो फिर क्यों तुम मु झ से अपना दुख छिपा रही हो. बताओ न क्या बात है? कई महीनों से देख रहा हूं तुम काफी परेशान दिख रही हो. क्या बात है निक्की?’’ प्रणय की बात पर मैं ने कस कर उन्हें पकड़ लिया और फफक कर रोने लगी.
उन्होंने जब प्यार से मेरे बालों को सहलाया तो एकएक कर के शुरू से अंत तक मैं ने सारी बात बता दी. ‘‘ओह, तो यह बात है,’’ प्रणय बोले. ‘‘सौरी प्रणय लेकिन मैं ने तुम्हें कोई धोखा नहीं दिया सच में बल्कि मैं तुम्हें सबकुछ सचसच बताना चाहती थी, लेकिन…’’ ‘‘लेकिन तुम्हें मौका नहीं मिला, यही कहोगी तुम? पहले उठ कर बैठो तुम,’’ मु झे दोनों हाथों से पकड़ कर उठाते हुए प्रणय बोले, ‘‘मेरा भी अतीत था. मैं भी एक लड़की के साथ रिलेशन में था और यह बात शादी के पहले मैं ने तुम्हें बताई थी? यह भी कहा था कि तुम भी अपने अतीत के बारे में बे िझ झक मु झे बता सकती हो.’’ ‘‘हां, लेकिन मु झे लगा मेरा अतीत जानने के बाद कहीं तुम मु झ से शादी करने से इनकार न कर 2 और मेरी मां ने भी मु झे ऐसा ही सम झाया था. ‘‘मां को रहने दो… शादी तुम से हो रही थी मेरी, साथ हमें जीवन बिताना था, तो मां को बीच में क्यों ला रही हो?’’ प्रणय के तेवर देख मैं एकदम डर गई कि पता नहीं अब क्या होगा. मगर वे मेरे करीब आते हुए बोला, ‘‘देखो निकिता शादी जैसे पवित्र बंधन में बंधने से पहले पतिपत्नी को एकदूसरे के प्रति ईमानदार होना जरूरी है. नहीं, मैं ऐसा नहीं कहना चाहता कि तुम गलत हो. नहीं हो गलत तुम क्योंकि वह उम्र ही ऐसी होती है. कोई बुराई नहीं है इस में. लेकिन एकदूसरे से बात छिपाना गलत है. अगर तुम ने मु झे सबकुछ बता दिया होता अपने बारे में तो क्या उस ऋतिक की हिम्मत होती तुम्हें ब्लैकमेल करने की?’’ बात तो प्रणय सही कह रहे थे लेकिन अब क्या किया जा सकत था. इसलिए मु झे रोना आ गया.
मु झे सिसकते देख प्रणय बोले, ‘‘अब रोनाधोना बंद करो और जैसा मैं कहता हूं करो. तुम उस ऋतिक को फोन लगाओ और कहो कि उसे जो करना है कर ले. लेकिन अब तुम भी उस की बीवी को हम दोनों के रिश्ते के बारे में सबकुछ बता दोगी क्योंकि तुम्हारे पास भी तुम दोनों के कुछ फोटो और वीडियो हैं.’’ जब मैं ने ऋतिक को फोन कर के कहा कि उसे जो भी प्रणय को बताना है बता दे लेकिन यह भी याद रखे कि उस के पास भी हम दोनों के कुछ फोटो और वीडियो हैं और अब वह उन्हें उस की बीवी के व्हाट्सऐप पर सैंड करने जा रही है. हालांकि मेरे पास ऐसा कोई फोटो और वीडियो नहीं था, सिर्फ उसे डराने के लिए बोल रही थी. मेरी बात सुनते ही ऋतिक के पसीने छूट गए. शेर की तरह दहाड़ने वाला ऋतिक पल में मेरे सामने भीगी बिल्ली बन गया और गिड़गिड़ाते हुए कहने लगा कि मैं ऐसा न करूं क्योंकि उस का साला पुलिस इंस्पैक्टर हैं.
अगर उसे पता चल गया कि उस ने उन की बहन के साथ धोखा किया है तो वह उसे खड़ेखड़े गोली मार देगा.बड़ी मुश्किल से तो नौकरी मिली है, वह भी हाथ से चली जाएगी. कहीं का नहीं रहेगा वह. इसलिए वह उसे माफ कर दे. वैसे, मैं यह सब करने वाली नहीं थी बल्कि सबूत के तौर पर उस की बातें रिकौर्ड कर रख लीं ताकि वह कभी फिर मु झे परेशान न कर सके. मैं ने उस से सख्त लहजे में कहा कि ध्यान से सुन लो, मेरा सोलमेट सिर्फ मेरा पति है और आज के बाद कभी तुम ने मु झे परेशान करने की सोची भी तो मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगी. प्रणय की सू झबू झ के कारण मैं इस भंवरजाल से निकल पाई.