तभी एक शिष्य अमित के पास आया और बोला, ‘‘आप को गुरुजी ने याद किया है.’’
अमित एकदम उठा और शिष्य के साथ चल दिया.
गुरुजी के कमरे में पहुंच कर अमित हाथ जोड़ कर बैठ गया.
सामने बैठे गुरुजी ने पूछा, ‘‘क्या हुआ अमित? मेनका नहीं आई?’’
‘‘गुरुजी, मैं ने उसे बहुत कहा, पर वह नहीं आई. कहने लगी कि मैं माफी नहीं मांगूंगी. इस पर मैं ने उसे थप्पड़ भी मार दिया और वह गुस्से में बेटी के साथ कहीं चली गई.’’
‘‘चली गई? कहां चली गई? इस तरह अपनी पत्नी से हमें अपमानित करा कर तुम ने उसे जानबूझ कर यहां से भेजा है. यह तुम ने अच्छा नहीं किया,’’ गुरुजी ने अमित की ओर गुस्से से देखा.
अमित घबरा गया. वह गुरुजी के चरणों में सिर रख कर बोला, ‘‘मैं ने उसे नहीं भेजा गुरुजी. मैं सच कह रहा हूं. मेरा विश्वास कीजिए.’’
‘‘विश्वास… कैसा विश्वास? मुझे तुम जैसे अविश्वासी भक्त नहीं चाहिए. जिन की पत्नी अपने पति की बात न मानती हो. हम ने मेनका को इसलिए बुलाया था कि उसे भी आशीर्वाद मिल जाता.’’
‘‘गुरुजी, आप कहें तो मैं उसे छोड़ दूं. उस से तलाक ले लूं.’’
‘‘हम कुछ नहीं कहेंगे. जो तुम्हारी इच्छा हो करो…’’ गुरुजी ने नाराजगी
भरी आवाज में कहा, ‘‘अब तुम जा सकते हो.’’
‘‘गुरुजी, मेनका की ओर से मैं माफी मांगता हूं.’’
‘‘ऐसा नहीं होता कि किसी के अच्छेबुरे कर्मों का फल किसी दूसरे को दिया जाए. तुम अपने कमरे में जाओ,’’ गुरुजी ने अमित की ओर गुस्से से देखते हुए कहा.
अमित चुपचाप थके कदमों से अपने कमरे में पहुंचा.
कुछ देर बाद 2 शिष्य अमित के पास आए और उस के बैग में से कपड़े निकाल कर बाहर डालने लगे मानो कुछ ढूंढ़ रहे हों.
अमित समझ नहीं पाया कि यह क्या हो रहा है? उस ने पूछा, ‘‘भैयाजी, यह क्या कर रहे हो? बैग से कपड़े क्यों निकाल रहे हो?’’
‘‘अभी पता चल जाएगा,’’ कहते हुए एक शिष्य ने बैग में से एक लाल रंग की बहुत सुंदर सी डब्बी निकाल कर खोली. उस में हीरे की एक अंगूठी थी.
दूसरा शिष्य बोला, ‘‘आज ही यह अंगूठी गुरुजी को दिल्लीवासी एक भक्त ने भेंट में दी थी. उस भक्त की आभूषण की दुकान है. यह डब्बी कुछ देर पहले से गायब थी. हमें तुम पर शक था, पर अब तो पता चल गया कि यह चोरी तुम ने ही की है.’’
‘‘नहीं, मैं ने अंगूठी नहीं चुराई. मैं चोर नहीं हूं. मुझे अंगूठी के बारे में कुछ नहीं मालूम. मैं बेकुसूर हूं,’’ अमित घबरा कर बोला.
‘‘अंगूठी तेरे पास से मिली है और तू कहता है कि तू ने चोरी नहीं की,’’ एक शिष्य ने कहा.
तभी 2 शिष्य और आ गए. उन चारों ने अमित के साथ मारपीट शुरू कर दी.
अमित के साथ हो रही मारपिटाई की आवाज सुन आश्रम में कुछ भक्त कमरों से बाहर निकल कर देखने गए. जब उन्हें पता चला कि गुरुजी की अंगूठी चुराने पर उस की पिटाई की जा रही है तो किसी ने भी उसे छुड़ाने की कोशिश नहीं की. सभी नफरत और गुस्से से अमित की ओर देख रहे थे.
सभी का कहना था कि ऐसे चोर की तो खूब पिटाई कर के पुलिस में देना चाहिए.
चारों शिष्यों ने अमित की इतनी पिटाई कर दी कि वह बेहोश हो गया. आश्रम से बाहर उसे सड़क के किनारे फेंक दिया.
गाडि़यां आतीजाती रहीं. लोग देखते रहे कि सड़क के किनारे कोई शख्स पड़ा हुआ है.
पुलिस की गश्ती गाड़ी उधर से जा रही थी. सड़क के किनारे किसी को पड़ा हुआ देख कर गाड़ी रुकी. दारोगा और
2 सिपाही उतरे. उन्होंने अमित को देखा. उस के चेहरे पर मारपिटाई के निशान थे. मुंह व सिर से खून भी निकला था.
पुलिस ने उसे उठा कर जिला अस्पताल में भरती करा दिया. डाक्टर से कह दिया कि जब यह होश में आ जाए तो सूचना दे देना.
सुबह तकरीबन 7 बजे अमित को होश आया तो उस का पूरा शरीर बुरी तरह से दुख रहा था.
डाक्टर ने अमित के पास आ कर पूछा, ‘‘आप का नाम?’’
‘‘अमित.’’
‘‘क्या रात को किसी से झगड़ा हो गया था?’’ डाक्टर ने सवाल किया.
अमित ने सबकुछ बता दिया कि वह गुरुजी का एक भक्त है. पत्नी के साथ यहां आश्रम में आया था. रात पत्नी से कहासुनी होने पर वह चली गई. गुरुजी के शिष्यों ने उस पर चोरी का आरोप लगा कर मारपिटाई कर सड़क पर फेंक दिया.
‘‘तुम्हारा समय अच्छा है अमित कि उन शिष्यों ने तुम्हारी जान नहीं ली. वे तुम्हें बेहोशी की हालत में गंगा में भी फेंक सकते थे. अब उन्होंने तुम्हारा बैग, मोबाइल वगैरह सामान जरूर फेंक दिया होगा गंगा में.’’
अमित चुप रहा.
‘‘अब तुम्हारी पत्नी कहां होगी?’’ डाक्टर ने पूछा.
‘‘पता नहीं. वह बेटी को ले कर चली गई थी कि रात को किसी होटल में रुकेगी. सुबह बस या टे्रन से वापस जाने की बात कह रही थी.’’
‘‘उस के पास मोबाइल फोन होगा. जरा उस का नंबर बताओ.’’
अमित ने मेनका का मोबाइल नंबर बताया. डाक्टर ने नंबर मिलाया तो उधर घंटी बजने लगी.
‘हैलो,’ उधर से आवाज सुनाई दी.
‘‘मैडम मेनका बोल रही हैं?’’
‘हां, बोल रही हूं. आप कौन?’
‘‘मैं यहां सिविल अस्पताल से डाक्टर विपिन बोल रहा हूं. आप के पति अमित यहां अस्पताल में भरती हैं. अब वे काफी ठीक हैं. लीजिए उन से बात कीजिए,’’ कहते हुए डाक्टर ने मोबाइल अमित को दे दिया.
‘‘हैलो,’’ अमित की कराहती सी आवाज निकली.
‘क्या हुआ? तुम ठीक तो हो न? अस्पताल में क्यों? तुम्हारी तो आवाज भी नहीं निकल रही है.’
‘‘तुम यहां आ जाओ मेनका. मैं तुम्हारे बगैर जी नहीं सकूंगा,’’ कहतेकहते अमित को रुलाई आ गई.
‘मैं आ रही हूं. बस अभी पहुंच रही हूं,’ उधर से मेनका की घबराई सी आवाज सुनाई पड़ी.
डाक्टर ने पुलिस को सूचना दे दी कि अमित को होश आ गया है.
कुछ देर बाद चिंतित व डरी सी मेनका पिंकी के साथ अस्पताल में अमित के पास पहुंची. अमित के चेहरे पर चोट के निशान थे. सिर पर पट्टी बंधी हुई थी.
अमित को देखते ही वह कांप उठी. उस ने पूछा, ‘‘यह कैसे हुआ?’’
अमित ने सबकुछ बता दिया.
तभी दारोगा व एक सिपाही उन के पास आए. दारोगा ने पूछा, ‘‘अब कैसे हो आप?’’
‘‘ठीक हूं…’’ अमित ने कहा, ‘‘यह मेरी पत्नी और बेटी हैं.’’
‘‘अच्छा, अब आप यह बताओ कि हमें क्या करना है? आप चाहें तो रिपोर्ट लिखा सकते हो.’’
‘‘नहीं सर, हमें कोई रिपोर्ट नहीं लिखवानी है. हमें यह भी पता चल गया है कि गुरुजी की पहुंच ऊपर तक है. कई मंत्री व बड़ेबड़े नेता भी यहां आश्रम में आते रहते हैं. गुरुजी का कुछ नहीं बिगड़ेगा,’’ अमित ने कहा.
‘‘जिस दिन भी इस शैतान गुरु के पाप का घड़ा भर जाएगा, उस दिन यह भी नहीं बचेगा,’’ मेनका बोली.
कुछ देर तक बातचीत कर के दारोगा सिपाही के साथ वापस चला गया.
पछतावे के साथ अमित बोला, ‘‘कल सुबह अस्पताल से मुझे छुट्टी मिल जाएगी. हम वापस घर चले जाएंगे.
‘‘मेनका, मैं ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस गुरु को मैं भगवान समझता रहा, वह एक शैतान है. इस गुरु की अंधभक्ति में मैं ने जिंदगी के इतने साल बरबाद कर दिए.
‘‘मैं ने हमेशा तुम्हारी कही गई बातों की अनदेखी की. तुम तो इन ढोंगी बाबाओं से नफरत करती थीं, लेकिन मैं उस की वजह नहीं समझ पाया.
‘‘तुम ने इशारोंइशारों में कई बार मुझे समझाने की कोशिश भी की थी, पर मेरी अक्ल पर तो जैसे पत्थर पड़ गए थे. दुख की बात तो यह है कि मैं ही तुम्हें यहां जबरदस्ती लाया था.’’
‘‘पुरानी बातों को सोच कर अपना मन मत दुखाओ. अगर मैं इस शैतान का कहना मान लेती तो कुछ भी न होता. तुम पर कोई आरोप न लगता. मारपिटाई भी न होती और न ही मुझे पिंकी के साथ होटल में जाना पड़ता.
‘‘मैं उन औरतों जैसी नहीं हूं जो अपने पति से विश्वासघात कर ऐसे ढोंगी गुरु की हर बात मान लेती हैं,’’ मेनका बोली.
‘‘मेनका, तुम तो बहुत पहले से ही मुझे समझा रही थीं, पर मैं ही गहरी नींद में आंखें बंद किए हुए था. काश, मैं भी तुम्हारी तरह गुरुजी के जाल में न फंसता.’’
‘‘कोई बात नहीं, जब जागो तभी सवेरा,’’ मेनका ने अमित की ओर देखते हुए कहा.
अमित एक नई सीख ले कर अस्पताल से सीधा अपने घर की ओर चल दिया. उस ने मन में ठान लिया था कि घर जाते ही वह उस ढोंगी गुरु के दिए गए सामान को फिंकवा देगा.
रक्षाबंधन यानि राखी का त्यौहार केवल आम बहनों के लिए ही नहीं, बल्कि सेलेब्स भाई – बहन भी पूरे साल इसका इंतजार करते है और इसे यादगार बनाना चाहते है. उनके लिए एक दूसरे का प्यार और बॉन्डिंग बहुत अहमियत रखता है. इस प्यारे रिश्ते को वे कैसे नॉरिश करते है, याद करते है और इस अवसर पर उनके गिफ्ट्स क्या होते है, आइये जानें, उनकी खुशियां.
फरनाज शेट्टी
एक वीर की अरदास फेम अभिनेत्री फरनाज शेट्टी कहती है कि मेरा एक छोटा भाई है, जो मुझसे 2 साल का छोटा है, लेकिन मैं उससे छोटी दिखती हूं. पर मैं उससे काफी मैच्योर हूं, स्वभाव से वह अभी भी बच्चा है. उसकी देखभाल करना मुझे पसंद है, लेकिन एक बात उसकी बहुत अच्छी है, जब भी मुझे उसकी जरुरत होती है, एक फ़ोन कॉल पर वह हमेशा हाज़िर रहता है. ये मेरे लिए बहुत सुकून भरी है, क्योंकि जो बातें मैं किसी से शेयर नहीं कर सकती, उसे मैं उससे शेयर कर सकती हूं.
समय के साथ -साथ हम दोनों जितने मैच्योर हो रहे है, हमारी इमोशनल बोन्डिंग उतनी गहरी होती जा रही है. मेरी बिजी सिड्यूल में दोस्त भले ही न हो, एक भाई मेरे लिए काफी है. एक प्यारा रिश्ता जिसे मैं हमेशा बहुत अच्छा फील करती हूं. मेरे आसपास सारे कजिन्स रहते है और मुझे रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना बहुत पसंद है, क्योंकि इस त्यौहार पर मैं बचपन की सारी यादों को एक बार फिर से ताजा कर लेती हूं. वैसे तो सारे साल एक दूसरे को गिफ्ट देते रहते है, लेकिन इस दिन का मिला गिफ्ट सबसे खास होता है.
नवीन प्रभाकर
अभिनेता नवीन प्रभाकर कहते है कि बचपन से हम दोनों भाई-बहन के बीच नोंक-झोंक, मजाक चलती रहती थी, जो पूरी ड्रामे की तरह हुआ करती थी, जिसमे हंसी-ख़ुशी के साथ-साथ रोना-धोना सब चलता रहता था. ये सबकुछ हम दोनो को एक अच्छी बोन्डिंग देने में सक्षम रही. रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के बीच ही नहीं, बल्कि हर भाइयों और बहनों के बीच भी एक अच्छे बोन्डिंग का एहसास दिलाती है. ये रिश्ते अनमोल होते है, जिसे बयां करना आसान नहीं.
पहले की सारी नोंक-झोंक समय के साथ एक दोस्ती और अपनेपन का एहसास दिलाती है. विश्व के किसी भी देश में रहने पर भी बहन भाई को राखी भेजती है. आज व्हाट्स एप एक ऐसी तकनिकी सुविधा है, जिसने सारी दूरियों को नजदीकियों में बदल दिया है, जो आज से पहले नहीं था. मैं अपने बहनों और परिवार के साथ इस पर्व को मनाने की इच्छा रखता हूं. उस दिन मैं अपनी बहनों को कुछ स्पेशल गिफ्ट देने की प्लान कर रहा हूँ.
आदित्य देशमुख
पुनर्विवाह फेम अभिनेता आदित्य देशमुख कहते है कि मेरे पास बायोलॉजिकल बहन की कमी है, लेकिन मेरी कजिन्स कई है और उनका प्यार मेरे ऊपर हमेशा बरसता रहता है. ऐसी बोन्डिंग और किसी रिश्ते में नहीं हो सकती, मैं उनके साथ बचपन से जुड़ा हुआ हूं. शूटिंग में अधिक देर होने पर कई बार मुझे बहन के साथ रहना पड़ता है, वह दिन मेरे लिए खास होता है. उनके साथ मेरी बॉन्डिंग मस्ती, जोक्स, नोंक-झोंक आदि के साथ चलती रहती है. मैं उनसे छोटा होने की वजह से मेरे लिए हर बात माफ़ होती है. रक्षाबंधन मेरे लिए बहुत स्पेशल है, उस दिन राखी के साथ प्यार और गिफ्ट्स दोनों ही मुझे मिलने वाला है. इस बार मैं बहनों को गोल्ड या सिल्वर कॉइन से अलग कुछ गिफ्ट्स देने वाला हूं.
रोहित चौधरी
अभिनेता रोहित चौधरी कहते है कि मैं अपने तीन बहनों में सबसे छोटा हूं. मेरी सबसे बड़ी बहन तो मेरी मां की तरह मुझे प्रोटेक्ट करती रहती है. शादी के बाद भी उनका रिश्ता मेरे साथ पहले जैसा ही है. रक्षाबंधन, भाई – बहन के इस रिश्ते को हमेशा मजबूती और प्यार से भर देती है. बहने कितनी भी दूर रहे लेकिन उनका प्यार भाइयों तक हमेशा पहुंचता रहता है. मेरा उनसे रिश्ता मजबूत, ख़ुशी और गम को शेयर करने का है, जो दिन हो या रात है, हमेशा रहता है. वैसे तो सभी बहनों के साथ मेरा अच्छा रिश्ता है, लेकिन बड़ी बहन मेरे लिए सबसे कीमती, दोस्त, मैटरनल फिगर और फॅमिली लिंक है. मैंने उनकी इच्छाओं को पूरा करने के बारें में सोचा है. भाई – बहन एक दूसरे से कितनी भी दूर हो, लेकिन रक्षाबंधन का त्यौहार उनके रिश्ते को मजबूत बनाने का काम करती है.
चारू मलिक
अभिनेत्री चारू कहती है कि बचपन से मुझे एक भाई की बहुत इच्छा रही, और मेरी विश पूरी हुई, जब रक्षाबंधन से पहले मेरे भाई गौरव मलिक का जन्म हुआ और मैंने इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाया. हालांकि अभी वह अमेरिका में है, लेकिन उसका प्यार मुझ तक हमेशा पहुंचता है. मेरी बहन पारुल मुझे हमेशा राखी बांधती है. इस साल मैं फ़ोन कॉल से राखी को स्पेशल बनाने वाली हूं. हमारे सबसे बड़ी गिफ्ट्स भाई का यहां आना और हम दोनों बहनों का वहां जाना है. समय बदल गया है, लेकिन हमारा प्यार और रिश्ता सादा के लिए एक ही रहेगा. पारुल, गौरव और मैं हमेशा फ़ोन कॉल पर बातचीत करते है, जहां एक दूसरे की बातों को शेयर करते है, जो मुझे बहुत ख़ुशी देती है.
रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा’ में इन दिनों काफी ड्रामा चल रहा है. ‘अनुपमा’ में इतना ड्रामा देखकर दर्शक के दिमाग का दही कर दिया है. सीरियल में पाखी-अधिक और डिंपल व काव्या करेंट ट्रेक चल रहा है.
बीते एपिसोड में देखने को मिला था कि बा और डिंपल का झगड़ा देखकर वनराज वहां आ जाता है. वनराज की बाते सुनकर काव्या भी वहां आ जाती है. काव्या बा को शांत कराती है. काव्या जैसे ही बा को पानी पिलाती की है, तो डिंपल उस गिलास को गिराकर वहां से निकल जाती है. उसी गिलास की वजह से काव्या जमीन पर फिसलकर गिर जाती है. काव्या को दर्द में देखकर हर कोई परेशान हो जाता है. वनराज जल्दी से उसे अस्पताल लेकर जाता है.
अनुज को पता चला काव्या का सच
टीवी सीरियल अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलेगा कि अनुपमा और अनुज घर जाते है तो अनुज, अनुपमा से पूछता है उस दिन आधी रात को वनराज इसलिए आया था. अनुपमा सॉरी बोलती है तो अनुज कहता है सॉरी मत बोलों. मैं बस अनुपमा और काव्या के बारे में सोच रहा हूं. वैसे यह बात अनुपमा किसी को पता है क्या? किसी को कोई शक? अनुपमा बोलती है वनराज ने काव्या को मना किया था. अनुज कहता है लेकिन ये छुपाना गलत है. इस पर अनुपमा कहती है बाबूजी और बा को बुरा लगेगा इसलिए ये बताना उचित नहीं है.
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अनुपमा की गुरु मां से होगी मुलाकात
आगे सीरियल में अनुज गाड़ी मंदिर के पास रोकता है वहां एक औरत उनकी गाड़ी से टकराती है वह औरत कोई नहीं बल्कि गुरु मां होती है. गुरु मां की यह हालत देखकर सब हैरान हो जाते है.
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बाबूजी ने बा को सुनाया
बा डिंपल को काफी बुरा-बुरा सुनाती है. बा कहती है कि डिंपी की वजह से काव्या की जान खतरे में आ गई. तो डिंपी कहती है कि आप की वजह से कान के पर्दे भी खतरे में आ जाते है. बा की बातें सुनकर बाबूजी गुस्से में बा की क्लास लगा देते है.
बिग बॉस 17 के लिए फैंस का काफी उत्साह बढ़ रहा है, और ऐसा लगता है कि निर्माता आगामी सीजन के लिए तैयार हो रहे हैं. बिग बॉस कंट्रोवर्शियल और कंटेस्टेंट के दिलचस्प मिक्स अप के कारण दर्शकों के बीच एक लोकप्रिय रियलिटी शो है.
हर सीजन में, यह शो अपने मनमोहक कंटेंट से ध्यान खींचने में कामयाब रहता है. सलमान खान द्वारा होस्ट किए जाने वाला रियलिटी शो के 17वें सीज़न की तैयारी शुरु हो चुकी है, ऐसी चर्चा है कि बिग बॉस 17 के लिए कुछ प्रसिद्ध हस्तियों से संपर्क किया जा रहा है.
बिग बॉस 17 के लिए मल्लिका सिंह को किया अप्रोच
टीवी सीरियल राधाकृष्ण में राधा की भूमिका निभाने वाली मल्लिका सिंह को भी कंट्रोवर्शियल रियलिटी शो में भाग लेने की अफवाह तेजी से फैल रही है. मीडिया से बात करते हुए मल्लिका ने बिग बॉस 17 को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है.
अभिनेत्री ने खुलासा किया कि उन्हें सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस 17 के लिए संपर्क किया गया था. उन्होंने आगे कहा, ”हां, मुझे शो के लिए अप्रोच किया गया है, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रही हूं.” ऐसे में मल्लिका ने साफ कह दिया है कि वह बिग बॉस 17 का हिस्सा नहीं बनेंगी.
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राधाकृष्ण फेम सुमेध मुदगलकर किया अप्रोच
ऐसी कई रिपोर्टें थीं जिनमें दावा किया गया था कि राधाकृष्ण फेम सुमेध मुदगलकर को भी बिग बॉस 17 के लिए अप्रोच किया गया है.हालांकि, इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है.
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इन सेलेब्स का भी नाम आया सामने
मल्लिका सिंह के साथ, Soundous Moufakir, Alice Kaushik, कंवर ढिल्लन और पूजा भट्ट जैसे सेलेब्स को कथित तौर पर सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस 17 में भाग लेने के लिए अप्रोच किया गया है.
मीडिया से बात करते हुए, बिग बॉस ओटीटी 2 फेम बेबिका धुर्वे ने बिग बॉस 17 के लिए संपर्क किए जाने की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने साझा किया कि बिग बॉस के अगले सीजन के लिए हामी भरने से पहले उन्हें कुछ समय लगेगा.
इस दिन से शुरु हो रहा है बिग बॉस 17
बिग बॉस 17 में सिंगल बनाम कपल का एक दिलचस्प थीम होगा और इसलिए प्रतियोगियों को उस मानदंड के अनुसार चुना जा सकता है. अफवाहों के मुताबिक, बिग बॉस 17 का प्रीमियर 30 सितंबर को कलर्स टीवी पर होगा. हालांकि, इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है.
रक्षाबंधन का त्यौहार यूं तो भाई बहन के प्यार दुलार के प्रतीक का त्यौहार है परन्तु कोई भी त्यौहार मिठाई के बिना अधूरा होता है. बाजार से लाई गई मिठाइयों में रंग, प्रिजर्वेटिव आदि को भरपूर मात्रा में मिलाया जाता है जिससे वे स्वास्थ्य के लिए सेहतमंद तो नहीं ही होतीं साथ ही बहुत महंगी भी होती हैं. वहीं घर पर बनी मिठाईयां शुद्ध और मिलावट रहित तो होती ही हैं साथ ही सस्ती भी पड़तीं है. इसी क्रम में हम आज आपको ऐसी ही मिठाई बनाना बता रहे हैं जिन्हें आप घर के सामान से बड़ी आसानी से बना समतीं हैं तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-
कितने लोगों के लिए – 6
बनने में लगने वाला समय -30 मिनट
मील टाइप – वेज
सामग्री
1. लौकी 500 ग्राम
2. फूल क्रीम दूध 1 लीटर
3. नीबू का रस 1टीस्पून
4. शकर 50 ग्राम
5. चांदी का वर्क 6 पत्ते
6. घी 1 टीस्पून
विधि
लौकी को छीलकर बीच का बीज वाला भाग चाकू से काटकर अलग कर दें और लौकी को किस लें. अब एक पैन में दूध डालें जब दूध में उबाल आ जाये तो किसी लौकी डाल दें. इसे तेज आंच पर चलाते हुए 5 मिनट तक पकाएं. 1/4 टीस्पून नीबू का रस डालकर चलाएं. नीबू का रस डालने के बाद दूध धीरे धीरे फटना शुरू कर देगा. 5 मिनट उबालकर फिर से 1/4 टीस्पून नीबू का रस डालकर चलाएं. जब मिश्रण गाढ़ा सा होने लगे तो 50 ग्राम शकर और 1 टीस्पून घी डालें. लगातार चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक कि मिश्रण पैन में चिपकना न छोड़ दे. अब इसे चिकनाई लगी ट्रे में जमाकर चांदी का वर्क लगाएं. चौकोर टुकड़ों में काटकर सर्व करें.
2. पीनट रोज कतली
कितने लोगों के लिए- 8
बनने में लगने वाला समय – 30 मिनट
मील टाइप – वेज
सामग्री
1. मूंगफली दाना 500 ग्राम
2. शकर 300 ग्राम
3. रोज एसेंस 1/4 टीस्पून
4. पिस्ता कतरन 1 टीस्पून
5. घी 1 टेबलस्पून
6. पानी 1/2 कप
विधि
मूंगफली दाना को गैस या माइक्रोवेब में भून लें. ठंडा होने पर इनके छिल्के निकाल दें. अब मूंगफली दाना को मिक्सी में पल्स मोड पर चलाते हुए बारीक पीस लें. अब एक पैन में पानी और शकर डाल कर चलाएं. जब शकर पूरी तरह घुल जाए तो पिसी मूंगफली दाना और रोज एसेंस डाल दें. जब मिश्रण थोड़ा सा गाढ़ा होने लगे तो घी और पिस्ता कतरन डालकर चलाएं और मिश्रण को एक चिकनाई लगी ट्रे में निकाल लें. 1-2 मिनट तक ट्रे में ही मिश्रण को उलटें पलटें जिससे यह ठंडा हो जाये. अब एक बटर पेपर या पॉलीथिन पर रखकर इसे बेलन से पतला बेल लें. गर्म में ही चाकू से कतली काट लें. एयर टाइट डिब्बे में भरकर प्रयोग करें.
पिछले कुछ वर्षों में स्त्रीरोग से जुड़े मामलों में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी काफी प्रभावशाली साबित हुई है. इन मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाओं में स्त्रीरोग से जुड़े मामलों में बीमारी का पता लगाने और इलाज करने के लिए छोटे कट लगाए जाते हैं और स्पैशलाइज्ड उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है. लैप्रोस्कोपी सर्जरी ने गाइनोकोलौजी के क्षेत्र में क्रांति ला दी है जिस से मरीज की रिकवरी कम वक्त में हो जाती है, निशान कम आते हैं और बेहतर परिणाम आते हैं.गुरुग्राम के सीके बिरला हौस्पिटल में ओब्स्टेट्रिक्स ऐंड गाइनोकोलौजी विभाग की डाइरैक्टर डाक्टर अंजलि कुमार ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी.
परंपरागत रूप से हिस्टरेक्टोमी (सर्जरी के जरीए यूटरस निकालना) पेट में चीरे के माध्यम से की जाती थी, जिस में मरीज की रिकवरी में लंबा समय लग जाता था. हालांकि लैप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टोमी एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है जिस के चलते मरीज की रिकवरी तुरंत होती है, औपरेशन के बाद दर्द कम होता है और निशान भी बहुत कम होते हैं.
रोबोटिक असिस्टेड लैप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टोमी जैसी ऐडवांस तकनीक से इलाज को और मजबूती मिली है.इस में जटिल शारीरिक संरचनाओं को भी डाक्टर ज्यादा आसानी से नैविगेट कर लेते हैं और औपरेशन में इस से काफी मदद मिलती है. जिन महिलाओं को यूटरिन फाइब्रौयड, ऐंडोमिट्रिओसिस या पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होती है उन के लिए यह प्रक्रिया काफी कारगर है.
2. ऐंडोमिट्रिओसिस
ऐंडोमिट्रिओसिस में यूटरस के बाहर ऐंडोमिट्रियल टिशू बढ़ जाते हैं. ये गंभीर पैल्विक पेन और बां?ापन के कारण बन सकते हैं. ऐंडोमिट्रिओसिस घावों के लिए लैप्रोस्कोपिक प्रक्रिया एक बहुत ही स्टैंडर्ड ट्रीटमैंट मैथड बन गया है. इस में डाक्टर ऐंडोमिट्रिओसिस इंप्लांट्स को विजुलाइज करने, उन का मैप बनाने और ठीक से हटाने के लिए लैप्रोस्कोपिक उपकरणों का उपयोग करते हैं, जिस से मरीजों को लंबे समय तक राहत मिलती है.
इस मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया से न केवल लक्षण कम होते हैं, बल्कि प्रजनन क्षमता भी प्रिजर्व होती है. महिलाओं को इस का काफी लाभ मिलता है.
3. ओवेरियन सिस्टेक्टोमी
ओवेरियन अल्सर, तरल पदार्थ से भरी थैली जो अंडाशय पर बनती है में दर्द, हारमोनल असंतुलन और फर्टिलिटी संबंधी परेशानियां होने का डर रहता है. लैप्रोस्कोपिक सिस्टेक्टोमी की मदद से डाक्टर अल्सर को हटाते हैं और स्वस्थ ओवेरियन टिशू को संरक्षित करते हैं. इस से ओवेरियन फंक्शन बेहतर होता है और फर्टिलिटी भी सुधरती है.इंट्राऔपरेटिव अल्ट्रासाउंड और फ्लोरेसैंस इमेजिंग जैसी ऐडवांस तकनीक से अल्सर की सटीक पहचान की जाती है और फिर उसे हटाया जाता है. इस प्रक्रिया में जोखिम कम रहता है. ओपन सर्जरी की तुलना में लैप्रोस्कोपिक सिस्टेक्टोमी के बाद दर्द कम होता है, मरीज को अस्पताल में कम वक्त रहना पड़ता है और वह रोजमर्रा के काम भी जल्दी करने लग जाता है.
4. मायोमेक्टोमी
यूटेरिन फाइब्रौयड के कारण पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है, पेल्विक पेन होता है और प्रजनन संबंधी परेशानियां भी हो जाती हैं. मायोमेक्टोमी में गर्भाशय को संरक्षित करते हुए फाइब्रौयड को सर्जरी के जरीए हटाया जाता है. जो महिलाएं गर्भधारण करना चाहती हैं उन के लिए यह एक बेहतर उपाय है. लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी पारंपरिक ओपन सर्जरी से ज्यादा पौपुलर है क्योंकि इस में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, ब्लड लौस कम होता है और मरीज की रिकवरी भी तेजी से होती है.
5. रोबोटिक
असिस्टेड लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी से सर्जरी काफी सटीक हुई है और इस के परिणामस्वरूप बेहतर प्रजनन रिजल्ट आते हैं.
6. ट्यूबल रिवर्सल
जिन महिलाओं की ट्यूबल लिगेशन (सर्जिकल नसबंदी) होती है, उन के लिए ट्यूबल रिवर्सल सर्जरी प्रजनन क्षमता को बहाल करने का अवसर प्रदान करती है. लैप्रोस्कोपिक ट्यूबल रीनास्टोमोसिस में फैलोपियन ट्यूबों को फिर से जोड़ा जाता है, जिस से प्राकृतिक गर्भधारण की संभावनाएं बढ़ती हैं.मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से निशान कम आते हैं और औपरेशन के बाद मरीज को कम परेशानी होती है जिस से महिलाओं को अपनी रूटीन की गतिविधियों में जल्दी लौटने में मदद मिलती है. लैप्रोस्कोपिक तकनीक, माइक्रोसर्जिकल स्किल्स से साथ जुड़ी होती है जिस से ट्यूबल रिवर्सल सर्जरी की सफलता दर और परिणामों में काफी सुधार होता है.
ऐडवांस गाइनोकोलौजी लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के आने से प्रजनन आयु के दौरान स्त्रीरोग संबंधी तमाम परेशानियों को ठीक करने के मामलों में क्रांति आई है. मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाएं जैसेकि लैप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टोमी, ऐंडोमिट्रिओसिस ऐक्साइशन, ओवेरियन सिस्टेक्टोमी, मायोमेक्टोमी और ट्यूबल रिवर्सल से मरीजों को ओपन सर्जरी की तुलना में काफी लाभ पहुंचा है.तेजी से रिकवरी, कम निशान और बेहतर प्रजनन रिजल्ट के चलते लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से स्त्रीरोगों से पीडि़त महिलाओं के लिए आशा की किरण मिली है. तकनीक भी लगातार बढ़ रही है, जिस से यह उम्मीद की जा रही है कि लैप्रोस्कोपिक तकनीक आगे और भी विकसित होगी जिस से और बेहतर रिजल्ट प्राप्त होंगेऔर महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हैल्थ में सुधार आएगा.
सवाल
2 महीनों में मेरी शादी होने वाली है और घर में अभी बहुत सारी तैयारियां बाकी हैं. दरअसल, घर में लोग कम होने के कारण मुझे सभी कामों में हाथ बंटाना पड़ता है और शादी की शौपिंग भी खुद ही करनी पड़ती है. ऐसे में आराम का वक्त ही नहीं मिलता है, मैं हर वक्त तनाव महसूस करती हूं, चिड़चिड़ी भी हो गई हूं. बताएं मैं क्या करूं?
जवाब
शादी पास आने तक होने वाली दुलहन अकसर तनावग्रस्त महसूस करने लगती है. इस के कारण अलगअलग होते हैं लेकिन इन्हें सम?ाना थोड़ा मुश्किल होता है. हालांकि आप को घर के कामों में हाथ बंटाना पड़ता है. इस का मतलब यह नहीं है कि बिलकुल आराम नहीं करेंगी. शादी के तनाव भरे माहौल में खुद के लिए वक्त अवश्य निकालें. काम के साथ आराम करेंगी तो चिड़चिड़ेपन से भी छुटकारा मिलेगी. लोगों के साथ मिल कर थोड़ी हंसीठिठोली करें तो मन शांत और खुश रहेगा.
रात को जल्दी सो जाएं और 7-8 घंटों की नींद लें. सोने से पहले कुनकुने पानी से नहाएं और फिर सरसों का तेल गरम कर के हाथपैरों की मालिश करें. इस के अलावा हलके हाथों से स्कैल्प की भी मसाज करें. इस से दिनभर की थकान दूर होगी और नींद भी अच्छी आएगी. अच्छा खाएं और खूब पानी पीएं.
-डाक्टर गौरव गुप्ता
साइकोलौजिस्ट, डाइरैक्टर,
तुलसी हैल्थकेयर
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