मणिका को घर छोड़े हुए 2 माह होने को आए. इस अवधि में स्वच्छंद प्रवृत्ति के अनिमेष ने कई बार कोशिश की कि वह अमोला के साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन अमोला इस दृष्टि से उसे अपने ऊपर हाथ न रखने देती.
वह आए दिन रईस मर्दों को दोस्त बना कर उन के साथ बढि़या समय गुजारने में विश्वास रखती. वह एक लालची प्रवृत्ति की महिला थी, जिस की जिंदगी का फलसफा था उन से कीमती तोहफे ऐंठ कर उन के साथ बिंदास ऐश करना.
उस ने अपने लटके झटकों से न्यूयौर्क में रह रहे अपने दौलतमंद बौस को अपने शिकंजे में फंसा लिया था और अब वह जल्दी से जल्दी उस से विवाह कर सैटल हो जाना चाहती थी. उस का मंगेतर जल्द ही शिकागो शिफ्ट होने वाला था. सो इस स्थिति में वह अनिमेष के साथ संबंध बना कर अपनी जिंदगी में किसी भी तरह की कोई पेचीदगी नहीं चाहती थी. अत: उस ने अपने रवैए द्वारा अनिमेष के अपनी ओर बढ़ते कदमों पर अंकुश लगा दिया.
भोले अनिमेष को अगर अमोला की इस मंशा का तनिक भी आभास होता, तो वह उस के पीछे अपनी बसीबसाई गृहस्थी को उजाड़ने की राह पर कतई न बढ़ता.
पिछले कुछ समय से वह अनिमेष से अपना व्यक्तिगत काम करवाने लगी थी. आए दिन उसे कोई न कोई काम दे देती या फिर उसे अपने साथ लिएलिए फिरती और अनिमेष उसे पाने के लोभ से खुशीखुशी उस का कहा मानता. उस के पीछेपीछे डोलता. मणिका के घर छोड़ने के बाद उस ने उसे न जाने कितने महंगेमहंगे उपहार दे दिए थे.
जैसेजैसे वक्त बीत रहा था अमोला को पूरी तरह से पाने की उस की तृष्णा बढ़ती ही जा रही थी.
उस दिन संडे था. उस दिन एक अच्छे रेस्तरां में लंच करने के बाद अमोला शौपिंग के लिए एक मौल में ले गई और उस ने वहां जम कर अति कीमती कपड़ों की लगभग क्व30 हजार की शौपिंग की. सब बिल अनिमेष ने ही चुकाए. फिर उस ने एक ज्वैलरी के शोरूम से करीब क्व3 लाख की कीमत के गहने खरीदे. उन का बिल भी अनिमेष ने ही चुकाया.
अमोला इतनी शौपिंग कर खुशी से चहक रही थी और उसे यों मगन देख अनिमेष के मन में लड्डू फूट रहे थे कि आज शायद उन दोनों के मिलन का चिरप्रतीक्षित दिन आ पहुंचा है.
इतनी शौपिंग करतेकरते दोनों ही बहुत थक गए थे और फिर डिनर के लिए एक इंडियन रेस्तरां पहुंचे. वहां पहुंच कर वे दोनों बैठे ही थे कि तभी एक स्मार्ट, सुदर्शन, प्रौढ़ावस्था की दहलीज पर कदम रखता पुरुष उन की टेबल पर आया. उसे देख कर अमोला उठ खड़ी हुई और उस ने उस आगंतुक का परिचय अनिमेष से यह कहते हुए कराया, ‘‘अनिमेष, ये मेरे मंगेतर हैं, भुवन. भुवन. ये मेरे बेहद अजीज फ्रैंड हैं, अनिमेष.’’
अमोला की यह बात सुन अनिमेष जैसे आसमान से औंधे मुंह गिरा. घोर सदमे से उस का चेहरा यों पिचक गया जैसे किसी ने हवा भरे गुब्बारे में पिन चुभो दी हो.
वह हक्काबक्का हो रंग उड़े चेहरे से अमोला को अविश्वसनीय नजरों से ताकने लगा और उस ने भुवन के हैंड शेक के लिए बढ़े हाथ की ओर अपना शिथिल हाथ आगे बढ़ा दिया.
उधर उस के चेहरे पर छाई मायूसी को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए अमोला चहक रही थी, ‘‘भुवन मेरे ही औफिस में मेरे सीनियर हैं. ये न्यूयौर्क में पोस्टेड हैं. अगले महीने ही शिकागो शिफ्ट हो रहे हैं. हम अगले माह ही शादी कर रहे हैं.’’
जबरदस्त शौक से अनिमेष की मानो सोचनेसमझने की शक्ति लुप्त हो गई और वह अमोला और भुवन से यह कहते हुए रेस्तरां से हारे हुए जुआरी की तरह पस्त चाल से बाहर निकल आया, ‘‘ऐंजौय यौर सैल्व्स. मुझे किसी जरूरी काम से अभी कहीं जाना है. तुम से कल मिलता हूं.’’
धीरेधीरे पूरी तसवीर अनिमेष की आंखों के सामने स्पष्ट हो रही थी. मन में बारंबार एक ही खयाल आ रहा था कि वह यह कैसी बेवकूफी कर बैठा कि अमोला जैसी चतुरचालाक औरत के हाथों ठगा गया. उस के क्षणिक आकर्षण में वह अपना सबकुछ गवां बैठा.
अनिमेष सोच रहा था उस की अक्ल पर क्या पत्थर पड़ गए थे, जो वह उस की असली मंशा और फितरत नहीं समझ पाया. उस के झांसे में आ कर उस ने एक बड़ी रकम का नुकसान तो सहा ही, साथ ही वह अपने सुखी संसार को भी आग लगा बैठा. तभी उस के फ्लैट की घंटी बजी और उस ने दरवाजा खोला. सामने उस के बेहद करीबी अमेरिकन मित्र किम और उस की पत्नी जुआना थे.
‘‘हाय अनिमेष, हम शौपिंग कर के आ रहे थे. बहुत भूख लग रही थी तो सोचा, मणिका के हाथ का कुछ बढि़या स्पाइसी खाते चलें. मणिका कहां है? मणिका… मणिका…’’ जुआना धड़धड़ाते हुए पूरे घर का चक्कर काट आई.
मणिका को घर में न पा कर उस ने अनिमेष से पूछा, ‘‘अनिमेष, मणिका कहां है?’’
‘‘वह मेरी जिंदगी से हमेशाहमेशा के लिए चली गई जुआना.’’
‘‘क्या?’’ घोर सदमे से दोनों पतिपत्नी के मुंह खुले के खुले रह गए.
अनिमेष से पूरी बात सुनने के बाद किम उस से बोला, ‘‘यह तूने क्या
किया ब्रो. मणिका जैसी समर्पित, केयरिंग और गोल्डन हार्टेड वाइफ तुझे इस जन्म में तो क्या अगले 10 जन्म में नहीं मिलेगी. वह तेरा इतना खयाल रखती थी. तू कोई बात ऊंची आवाज में कहता था तो भी चुपचाप सह लेती थी. वह तेरे लिए ब्लैसिंग थी ब्रो. तूने एक चीप औरत
के लिए उस की बेकदरी की, यह तूने अच्छा नहीं किया.’’
तभी जुआना बोल पड़ी, ‘‘यस ब्रो. तुम ने ऐसी आइडियल वाइफ का दिल दुखा कर अच्छा नहीं किया. तुम्हें अभी रियलाइज नहीं हो रहा, लेकिन उस के रूप में तुम अपनी लाइफ की अनमोल नियामत को गवां बैठे हो. तुम्हें उस से दिल से माफी मांगनी चाहिए. इस में देर नहीं करनी चाहिए.’’
किम और जुआना के जाने के बाद अनिमेष के मन में निरंतर मंथन चल रहा था. बिना मणिका के सूना फ्लैट सांयसांय कर रहा था. आंखों के सामने मणिका की हंसतीमुसकराती तसवीर जैसे फ्रीज हो गई. उस के अल्फाज कानों में हथौड़े की मानिंद प्रहार करने लगे कि वह तुम्हें यूज कर रही है. तुम उस के लिए यूज और थ्रो से अधिक कुछ साबित नहीं होंगे.
तभी दरवाजे पर खटखट हुई. उस ने दरवाजा खोला. कूरियर बौय ने उसे एक लिफाफा थमाया. उस में मणिका के वकील द्वारा भेजा हुआ तलाक का नोटिस था. उसे देख कर वह कटे वृक्ष की भांति दिल की गहराइयों से निकले चीत्कार के साथ बैड पर ढह गया और फूटफूट कर रोने लगा.