Anupamaa: पाखी-अधिक के बीच दरार डालेंगी बरखा, अनुपमा की बेटी की हालत होगी खराब

टीवी का धमाकेदार शो ‘अनुपमा’ इन दिनों काफी चर्चा में है. रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा’ टीआरपी लिस्ट में भी नंबर वन पर चल रहा है. लेकिन एक बार फिर से शो की पूरी कहानी अनुपमा की बेटी पाखी और अधिक के इर्द-गिर्द घूम रही है. बीते दिन भी ‘अनुपमा’ (Anupama) में दिखाया गया कि अधिक पाखी को उसके हाल पर छोड़कर जाने लगता है. लेकिन पाखी उसके पैरों में गिरकर माफी मांगती है, साथ ही सारा दोष अपने मां-बाप और बा पर ले लेती है. लेकिन रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) के ‘अनुपमा’ में आने वाले मोड़ यहीं पर खत्म नहीं होते हैं.

 

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अनुपमा’ में आगे दिखाया जाएगा कि अधिक पाखी को वहीं छोड़कर कपाड़िया हाउस चला जाएगा. वहीं वनराज को भी अनुपमा की बातों का एहसास होगा और वह कहेगा कि अनुपमा ठीक थी, मैं ही गलत था जो बार-बार अपनी बेटी का साथ देता था.वह पाखी के किसी भी मामले में पड़ने से पीछे हट जाता है. साथ ही जब पाखी कहती है कि उसे शाह हाउस आना ही नहीं चाहिए था तो भी वह जवाब देता है, “तुझे जहां जाना है जा.”

पाखी-अधिक का तलाक कराएंगी बरखा

अधिक के कपाड़िया हाउस वापस लौटने के बाद बरखा उसके और पाखी के तलाक के बारे में बात करने लगती है.वह अनुपमा से कहती है कि जैसी पाखी की मानसिक हालत है, उसके साथ रहना ठीक नहीं है. इसलिए देर किये बिना दोनों का तलाक करा देना चाहिए.

 

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शो यही खत्म नहीं होता है शो में आगे दिखाया जाएगा कि बाप का साथ छूटने के बाद पाखी दर-दर भटकने लगती है.समर भी अपनी मां को फोन करके बताता है कि पाखी कहीं नहीं मिल रही है. ऐसे में अनुपमा और अनुज उसे ढूंढने के लिए निकलते हैं. तभी अनुपमा देखती है कि पाखी बेकार हालत में सड़क के किनारे पड़ी हुई है.

सिद्धार्थ की वापसी: सुमित और तृप्ति शादी के बाद भी खुश क्यों नहीं थें

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चुनावों की रेस में कौन रहा है सबसे आगे

2 राज्यों, नगर निगम, कुछ विधानसभाओं व एक लोकसभा का उपचुनाव हुआ. 1 जगह सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा जीती, जम कर जीती, 2 जगह हारी. कुछ उपचुनाव पुरानी पाॢटयों से मिले कुछ पर नई पाॢटयां आईं. मुंह सब के लटके हुए थे पर सब चेहरे पर खुशियां दिखा रहे थे क्योंकि सत्ता की रेवडिय़ां बंटी पर किसी को सारी की सारी न मिली. इन सब में भारत की आम औरत, आम गृहिणी, आम आदमी, आम युवा, आम लडक़ी को क्या मिला, सिवाए बाएं हाथ की इंडैक्स ङ्क्षफगर पर काले निशान के.

ये चुनाव पहले के राजाओं के युद्धों की तरह थे जिस में एक जीतता राज करने लगता. या फिर कोई नहीं जीतता और राज पहले की तरह चलता रहता. कहीं भी चुनाव जनता के लिए, जनता द्वारा, उस के सुखों के लिए नहीं थे.

नरेंद्र मोदी ने गुजरात में 30 सभाएं की पर कहीं नहीं कहा कि वह पहले से ज्यादा और अवसर गृहिणियों, युवाओं, लड़कियों को दिलाएंगे. उन्होंने कहीं नहीं कहा कि टैक्स सही होंगे, लोगों के घरों में पैसे बरसेंगे, नौकरियां आएं ऐसी नीतियां बनेंगी. इसलिए नहीं कहा कि वे तो गुजरात में 27 सालों से हैं और जो करना था कर चुके होते.

क्या गुजराती ज्यादा खुश हैं. क्या गुजरात इन 27 सालों में स्वीटजरलैंड या ङ्क्षसगापुर की छोडि़ए, केरल जैसा भी बन पाया. न सवाल उन से पूछा गया, न उन्होंने अपनी ओर से वायदा करने की कोशिश की. अपस्टार्ट अरङ्क्षवद केजरीबाल ने बड़ेबड़े वादे किए क्योंकि वे जानते थे कि उन्हें जीतता तो है नहीं. वे तो कांग्रेस का खेल बिगाडऩे आए थे.

इन चुनावों या आम चुनावों में जनता की रूचि केवल उंगली पर निशान लगाने तक रह गई है क्योंकि 75 सालों में सरकारों ने जो भी किया वह आम जनता का पैसा खींच कर अपने मतलब के कामों में लगाता रहा हैं. सरकारों ने देश की जनता की भलाई के लिए काम किया, जनता को जो मिला वह तकनीक के कारण मिला.

अमेरिका में आम लोगों की मेहनत करने की प्रेरणा सरकारें देतीं हैं. मिथेल ओबामा ने 2012 में बराक ओबामा के दूसरे 4 सालों के चुनावों में यह नहीं कहा कि उन के पति की सरकार प्लेट पर रख कर कुछ देगी. यह कहा कि वह ऐसी सरकार देना चाहते हैं जिस में नौकरियां न जाएं, लोग सुरक्षा महसूस करें, घरों के दीवाले न पिटें, मेहनत का सही मुआवजा मिले.

हमारे किसी भी चुनाव में यह मुद्दा होता ही नहीं है. राम मंदिर बनाएंगे या समाजवाद लाएंगे या पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे जैसे महान वाक्य होते हैं जिन का एक घरवाली, उस के पति, उस के छोटे या बड़े बच्चों का दूर से भी लेनादेना नहीं होता. हां उन्हें डरा दिया जाता है कि  वोट हमें ही देना वरना तुम पर कोई पड़ोसी हमला कर देगा, कोई तुम से ज्यादा हो जाएगा, कोई अपने पूजा घर तुम्हारे मोहल्ले में बना होगा.

अफसोस यह है कि देश की औरतों को सोच कर चुनावी बूथों तक ले जाया जाता है पर उस के आगे वे शून्य, जीरो हो जाती हैं. उन्हें मिलता है बस एक निशान जो 2-3 महीने में रंग खो देता है. यही वजह है कि वोङ्क्षटग बूथों की लाइनों में मुरझाए, थके हारे चेहरे दिखते हैं. जीते कोई भी, 75 सालों से जनता अपनी हार का जश्न मनाते देखती रहती हैं.

Wedding Special: वेडिंग सीजन के लिए बेस्ट है गोटा-पट्टी ज्वैलरी फैशन

हर साल फैशन ट्रेंड में कुछ न कुछ बदलाव आता  है. चाहे वह हेयर स्टाइल हो ,मेकअप स्टाइल या ज्वैलरी स्टाइल. आज हम बात करेंगे नये ज्वैलरी स्टाइल की. पिछले साल तक हैवी ज्वैलरी का फैशन था लेकिन इस साल  लाइट वेट ज्वैलरी ट्रेंड यानी  गोटा-पट्टी ज्वैलरी और सोबर ज्वैलरी ट्रेंड में रहने वाली हैं. जीहां! गोटा पट्टी वर्क अब सिर्फ साड़ी और सलवार सूट में ही नहीं बल्कि  ज्वैलरी में भी काफी पसंद किया जा रहा है. आइये जानते हैं कुछ ऐसे लेटेस्ट गोटा पट्टी ज्वैलरी डिजाइंस के विषय में. इनको आप  ट्रेडीशनल ड्रेस हो या, इंडोवेस्टर्न ड्रेस दोनों के साथ  कैरी कर सकती हैं. गोटा- पट्टी वर्क तो हमेशा ही महिलाओं की पसंद रहा है और ज्वैलरी के साथ तो सोने पर सुहागा.

1. रिंग

अगर आप को बोल्ड और स्टेटमेंट रिंग पसंद है तो आपको जरूर गोटा पट्टी रिंग ही पसंद आयेगी .गोटा पट्टी रिंग्स का एक और फायदा है कि आप इसे ड्रेस से मैच करवा कर भी पहन सकती हैं. मिरर वर्क गोटा पट्टी ,इंडो वेस्टर्न फ्यूजन गोटा पट्टी ,ट्रेडिशनल गोटा पट्टी ,पर्ल गोटा पट्टी  और डिजाइनर भरवां गोटा पट्टी  आदि सभी डिज़ायन रिंग के साथ भी उपलब्ध हैं.

2. गोटा-पट्टी चूड़ी

इन दिनों ट्रेडिशनल गोटा पट्टी बैंगल्स,घुंघरू वाले गोटा पट्टी बैंगल्स ,सिंपल गोटा पट्टी बैंगल्स ,लटकन गोटा पट्टी बैंगल्स,यलो ग्रीन गोटा पट्टी बैंगल्स,सिक्के वाले गोटा पट्टी बैंगल्स,फ्लोरल गोटा पट्टी बैंगल्स आदि काफी पसंद किए जा रहे हैं.असल में हर रंग और डिजाइन में उपलब्ध प्लास्टिक और कांच की चूड़ियां किसी भी फंक्शन या पार्टी या किसी भी अन्य मौके पर कैरी की जा सकती हैं.

3. गोटा पत्ती नेकलेस सेट

एथेनिक वियर के साथ गोटा पट्टी के मैचिंग नेकलेस सेट आजकल लड़कियां काफी पसंद कर रहीं हैं. चोकर , रानी हार , सिंपल नेकपीस, कॉलर आदि , आजकल  मार्केट में  ट्रेंड कर रहे हैं. यही नहीं सभी बालीवुड तारिकाएं भी इस लाइट ज्वैलरी को काफी पसंद कर रहीं हैं. इसे पहनकर देखें ,आप काफी स्टाइलिश नजर आयेंगी.

4. गोटा पत्ती ईयररिंग्स

आजकल अलग- अलग रंग और डिजाइन से बने गोटा पट्टी झुमकों  को लाइट वेट होने के कारण  लंबे समय तक कैरी करना आसान है. तभी  ये ज्वैलरी ब्राइडल असेसरीज का हिस्सा बन चुकी है. चाहे हल्दी रस्म हो ,या  मेंहदी रस्म दुल्हन ही नहीं , बाकी सब लड़कियां भी इस तरह के  ईयररिंग्स मिक्स मैच कर पहनना ज्यादा पसंद कर रही हैं.मौका चाहे जो भी हो  आप भी मिक्स मैच कर ये लाइट वेट गोटा पट्टी ज्वैलरी बहुत ही आसानी से कैरी कर सकती हैं.

Winter Special: फायदे हैंड और फुट मास्क के

क्याआप जानते हैं कि अकसर लोग आप की उम्र का अंदाजा न सिर्फ आप के चेहरे को देख कर लगाते हैं, बल्कि आप के हाथों को देख कर भी लगा लेते हैं? चेहरे की तरह हाथों में पड़ी ?ार्रियां और फटी एडि़यां न तो दिखने में अच्छी लगती हैं और साथ ही इन से लोग आप की उम्र का भी अंदाजा लगा लेते हैं.

ऐसे में अगर आप यह सोच रही हैं कि बस महीने, 2 महीने में आप ने मैनीक्योर, पैडीक्योर करवा लिया और आप के हाथपैर चमक उठेंगे तो यह आप की भूल है क्योंकि यह प्रोसैस आप के हाथपैरों को ऐक्सफौलिएट करने में मदद करता है तो वहीं हैंड ऐंड फुट मास्क स्किन को ऐक्सफौलिएट करने के साथसाथ डीप हाइड्रेट करने में भी मदद करता है, साथ ही इस से कोशिकाओं में फिर से नई जान आ जाती है और स्किन सौफ्ट, स्मूद बनने के साथसाथ वैल ग्रूम्ड भी नजर आती है और यही तो हर महिला की चाह होती है.

आइए, जानते हैं कि आप किस तरह के मास्क का चयन कर के अपने चेहरे की तरह ही अपने हाथपैरों की सुंदरता भी बढ़ा सकती हैं:

लीडर्स फुट पीलिंग मास्क: चाहे आप विंटर्स में घर में अपने पैरों को सौक्स से कवर कर के रखें या फिर आप का ज्यादा बाहर निकलना हो, ठंडी व शुष्क हवाएं आप के पैरों की नमी को चुरा कर उन्हें रूखा व बेजान बना देती हैं या फिर बदलता हुआ मौसम इन का हाल खराब कर देता है. ऐसे में फुट पीलिंग मास्क आप के पैरों की स्किन को सुपर सौफ्ट बनाने का काम करता है.

असल में इस में है लैक्टिक और ग्लाइकोलिक ऐसिड, जो डैड स्किन को रिमूव करने के साथसाथ पैरों को क्लीन व क्लीयर बनाने का भी काम करता है. इस से धीरेधीरे पैरों की ड्राइनैस भी दूर होने लगती है.

लीडर्स हैंड मौइस्चराइजिंग मास्क: कोमलकोमल हैंड्स किसे पसंद नहीं होते, लेकिन कई बार केयर के अभाव में तो कई बार मौसम की मार के कारण हाथ रफ होने के साथसाथ कई बार हाथों की स्किन भी निकलने लगती है, जिस की अगर समय रहते केयर न की जाए तो हाथ दिखने में तो काफी खराब नजर आते ही हैं, साथ ही कई बार स्किन निकलने के कारण काफी दर्द भी होता है.

ऐसे में जरूरत है हैंड मौइस्चराइजिंग मास्क की, जो स्किन में जा कर उसे डीपली हाइड्रेट व मौइस्चराइज करने का काम करता है क्योंकि इस में है शिया बटर, और्गन औयल, कोको बटर, मैंगो सीड ऐक्सट्रैक्ट जैसे इनग्रीडिऐंट्स, जो स्किन को नरिश करने का काम करते हैं. तो फिर ट्राई करने में सोचना क्यों.

इनिसफ्री स्पैशल केयर हैंड ऐंड फुट मास्क: स्पैशल केयर हैंड मास्क आप के हाथों की स्किन को मौइस्चराइज व नरिश कर के उन्हें हैल्दी बनाने का काम करता है क्योंकि सिर्फ हाथों पर क्रीम लगाने से काम नहीं चलता या फिर नेल्स को रंगने भर से हाथ खूबसूरत नहीं लगते हैं, इस के लिए हैंड मास्क की जरूरत होती ही है. ऐसे में हर्बल ग्रीन कौंप्लैक्स ऐक्सट्रैक्ट के साथ 7 नैचुरल हर्बल ऐक्सट्रैक्ट हाथों की स्किन की इलास्टिसिटी बढ़ाने के साथसाथ उन्हें सौफ्ट और खूबसूरत बनाने में भी मदद करते हैं.

टोनीमोली फुट मास्क: आप ने पार्टी में जाने के लिए खूबसूरत सी ड्रैस के साथ खूबसूरत से सैंडल तो खरीद ली हैं, जो आप पर काफी प्रीटी लगेंगे, लेकिन आप के पैर बिलकुल भी प्रीटी नहीं हैं, जिस कारण किसी भी तरह के सैंडलों का उन पर जंचना थोड़ा मुश्किल है. ऐसे में टोनीमोली शाइनी फुट मास्क, सुपर स्मूद बनाने के साथसाथ उन्हें प्रीटी लुक देने का भी काम करेगा क्योंकि इस में है सैलिसिलिक ऐसिड, ग्लाइकोलिक ऐसिड, लैवेंडर, और्गन औयल व पिपरमिंट जैसे इनग्रीडिऐंट्स, जो पैरों की स्किन को ऐक्सफौलिएट करने के साथसाथ उन्हें स्मूद बनाने का भी काम करता है. तो आज ही ट्राई करें इस फुट मास्क को.

अविनो रिपेयरिंग हैंड मास्क: अगर आप भी अपने हाथों को सौफ्टसौफ्ट बनाना चाहती हैं या फिर चाहती हैं कि जब भी कोई आप के हाथों को टच करे तो उसे सौफ्ट फील हो, तो आप ट्राई करें रिपेयरिंग हैंड मास्क. यह इन दिनों काफी डिमांड में होने के साथसाथ इस का रिजल्ट भी काफी अच्छा है क्योंकि इस में है शिया बटर और प्रीबायोटिक ओट्स की खूबियां. प्रीबायोटिक ओट्स जहां डैमेज स्किन को हील करने में मदद करने के साथसाथ हार्श मौसम से स्किन को बचाने का काम भी करता है, वहीं शिया बटर स्किन की सूजन को कम करने के साथसाथ उसे सौफ्ट व स्मूद बनाने में मदद करता है, साथ ही यह पैराबिन और फ्रैगरैंस फ्री होने के साथ इजी टू यूज भी है.

फेस शौप का फुट पीलिंग मास्क: यह पैरों के लिए नैचुरल डिटौक्स का काम तो करता ही है, साथ ही आप के पैरों को इतना सौफ्ट भी बना देता है कि आप को न सिर्फ उन्हें देखना अच्छा लगता है, बल्कि जब आप उन्हें टच करती हैं तो आप को अपने पैर बिलकुल बेबी जैसे सौफ्ट फील होते हैं. यही तो आप को चाहिए. असल में इस में है प्लांट डिराइव्ड इनग्रीडिऐंट्स और पाइन लीफ ऐक्सट्रैक्ट, जो डैड स्किन को रिमूव करने का काम करता है, जिस से स्किन में फिर से नई जान आ जाती है.

बड़बोला: भाग-2

एक दिन लंच में मैं आराम कर रहा था. महेश केबिन में आ कर सामने कुरसी खींच कर बैठ गया.

‘‘सर, आप ने नई खबर सुनी?’’

‘‘मुझे पुरानी की खबर नहीं, तुम नई की बात कर रहे हो. तुम्हारी शक्ल से लगता है कि कोई सनसनीखेज खबर है.’’

‘‘सर, आप के लिए सनसनी होगी. आप आफिस आते हैं, काम कर के चले जाते हैं. आप को दीनदुनिया की कोई खबर नहीं होती है. हम तो परदा उठने की फिराक में कब से टकटकी लगाए बैठे हैं.’’

‘‘लेखकों की तरह भूमिका मत बांधो, महेश, सीधे बात पर आओ.’’

‘‘सीधी बात यह है सर कि विपुल और श्वेता का प्रेम एकदम परवान चढ़ चुका है. बस, अब तो शहनाई बजने की देरी है. सर, आप को मालूम नहीं, विपुल आजकल नवगांव न जा कर श्वेता के घर पर ही रह रहा है. हफ्ते में 1 या 2 दिन ही नवगांव जाता है. अंदर की खबर बताता हूं कि शादी की घोषणा होते ही श्वेता नौकरी छोड़ देगी. इतने अमीर घर जा रही है. नौकरी की क्या जरूरत है, सर.’’

‘‘क्या श्वेता के घर वाले एतराज नहीं करते? शादी से पहले घर आनाजाना तो आजकल आम बात है, लेकिन रात को सोना क्या वाकई हो सकता है? कहीं तुम लंबी तो नहीं छोड़ रहे हो?’’

‘‘कसम लंगोट वाले की, एकदम सच बोल रहा हूं.’’

‘कसम लंगोट वाले की,’ यह महेश का तकिया कलाम था. मैं समझ गया कि बात में कुछ सचाई तो है, ‘‘महेश, लगता है आजकल हम लोग आफिस में काम कम और इधरउधर की बातों में अधिक ध्यान दे रहे हैं,’’ मैं ने बात पलटते हुए कहा.

‘‘सर, आप ऐसी बातें मुझ से नहीं कर सकते हैं. आप को मालूम है कि सारा काम समाप्त करने के बाद ही मैं आप से गपशप करता हूं,’’ महेश मेरी बात का बुरा मान गया.

‘‘महेश, मैं तुम्हारी बात नहीं कर रहा हूं. मैं विपुल की सोच रहा हूं कि आजकल जब देखो, वह श्वेता के इर्दगिर्द ही मंडराता नजर आता है. अपना काम कब करता है?’’ मैं ने कुछ हैरान हो कर पूछा.

महेश हंसते हुए बोला, ‘‘सर, आप इस बात की फिक्र मत कीजिए. उस का काम जब तक समाप्त नहीं हो जाता, उसे शाम को घर जाने नहीं देता हूं, श्वेता के प्यार से उस के काम की रफ्तार गोली की तरह हो गई है. शाम तक सारा काम निबटा देता है.’’

चूंकि आफिस के काम में मुझे कोई शिकायत नहीं मिली, इसलिए विपुल और श्वेता के आपसी रिश्तों में मैं ने विशेष महत्त्व देना छोड़ दिया. दिन बीतते गए और विपुल और श्वेता के प्रेमप्रसंग के किस्से कुछ और अधिक सुनाई देने लगे. एक दिन लंच टाइम में मैं कौफी पी रहा था. तभी विपुल और महेश ने केबिन में प्रवेश किया.

‘‘सर, बधाई हो, विपुल की बहन की शादी है. आप का निमंत्रणपत्र,’’ महेश ने शादी का कार्ड मुझे दिया.

‘‘विपुल, बहुतबहुत बधाई हो,’’ मैं ने विपुल से हाथ मिलाते हुए कहा.

‘‘सर, सूखी बधाई से काम नहीं चलेगा. शादी में आप को अवश्य आ कर रौनक करनी है,’’ विपुल ने आग्रह किया.

‘‘जरूर शादी में रौनक करेंगे,’’ मैं ने मुसकराते हुए कहा.

शादी से 1 दिन पहले महेश ने लंच समय में कहा, ‘‘सर, कल विपुल की बहन की शादी है, पूरा स्टाफ शादी में जाएगा, कल लंच के बाद आफिस की छुट्टी. आप ने भी चलना है, कोई बहाना नहीं चलेगा.’’

‘‘देखो, महेश, शादी नवगांव में है, रात को वापस आने में देर हो सकती है, वहां से आने के लिए कोई सवारी भी नहीं मिलेगी,’’ मैं ने आशंका जताई.

‘‘सर, इस की चिंता आप मत कीजिए, वापसी का सारा प्रबंध विपुल ने कर दिया है. नवगांव के सब से अमीर परिवार में विवाह बहुत ही भव्य तरीके से हो रहा है, इसीलिए तो सारा स्टाफ जा रहा है. वहां पहुंचते ही एक चमचमाती कार हमारे और सिर्फ हमारे लिए होगी. हम उसी कार से वापस आएंगे. इसलिए आप बिलकुल चिंता न कीजिए,’’ महेश ने बहुत आराम से कहा, ‘‘ऐसी शादी देखने का मौका जीवन में केवल एक बार मिलता है, पूरे नवगांव में कारपेट बिछे होंगे, एक पुरानी हवेली में शादी का भव्य समारोह होगा.’’

विवरण सुन कर मैं ने हामी भर दी. मना किस तरह करता, आखिर इतनी भव्य शादी हम जैसे मध्यम वर्ग के लोगों को नसीब से ही देखने का मौका मिलेगा.

गहराइयां : विवान को शैली की कौनसी बात चुभ गई? -भाग 1

विवान की बांहों से छूट कर शैली अभी किचन में घुसी ही थी कि हमेशा की तरह फिर से आ कर विवान ने उसे पीछे से पकड़ गालों को चूम लिया. शैली ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की, तो विवान ने उसे और जोर से बांहों में भर लिया. शैली चिढ़ कर बोली, ‘‘छोड़ो न विवान, वैसे भी आज उठने में काफी देर हो गई है. क्या आज औफिस नहीं जाना है?’’

‘‘जाना तो है… रहने दो मैं दोपहर में आ जाऊंगा खाना खाने और इसी बहाने…’’ बात अधूरी छोड़ विवान ने एक और किस शैली के गाल पर जड़ दिया.

किसी तरह अपने को छुड़ाते हुए शैली यह कह कर सब्जी काटने लगी कि कोई जरूरत नहीं है घर आने की… मैं अभी नाश्ता और खाना बना देती हूं.

‘‘तो फिर लाओ मैं सब्जी काट देता हूं, तब तक तुम चाय बनाओ,’’ कह कर विवान ने उस के हाथ से चाकू ले लिया. विवान शैली को दुनिया की हर खुशी देना चाहता था पर वह थी कि बातबात पर उसे झिड़कती रहती थी. हर बात में उस की बुराई निकालना जैसे उस की आदत सी बन गई थी. सोचती कि सब के पतियों जैसा उस का पति क्यों नहीं है? क्यों हमेशा रोमांटिक बना फिरता है. अरे, जिंदगी क्या सिर्फ प्यार से चलती है? और भी तो कई जिम्मेदारियां होती हैं घरगृहस्थी की, पर सावन के अंधे को यह कौन समझाए?

गुस्से से हांफती और जबान से जहर उगलती शैली ने विवान के हाथ से चाकू छीन लिया और फिर सारा गुस्सा सब्जी पर उतारने लगी. उस का मन तो किया कि सब्जी उठा कर कूड़े के डब्बे में फेंक दे और कहे कि कोई जरूरत नहीं है बारबार घर आ कर उसे परेशान करने की. उस का तो मन करता कि कैसे जल्दी विवान औफिस जाए और उस की जान छूटे.

विवान को औफिस भेजने के बाद घर के बाकी काम निबटा कर अभी शैली बैठी ही थी कि फोन बज उठा. विवान का फोन था और यह सिलसिला भी सालों से चल रहा था. मतलब औफिस पहुंचते ही सब से पहले वह शैली को फोन लगा कर जब तक उस से बातें न कर लेता उसे चैन नहीं पड़ता था. इस बात पर भी शैली को काफी चिढ़ होती थी. कभीकभी तो मन करता कि फोन को बंद कर के रख दे, पर यह सोच कर वह ऐसा नहीं करती कि पिछली बार की तरह फिर वह भागतादौड़ता घर पहुंच जाएगा और फिर वेवजह उस का महल्ले में तमाशा बन जाएगा.

एक बार ऐसा ही हुआ था. किसी कारणवश गलती से शैली का फोन बंद हो गया था और उसे इस बात का पता नहीं चला. लेकिन विवान के कई बार फोन लगाने पर भी जब उस का फोन बंद ही आता रहा तो उसे लगा कि शैली को कुछ हो गया है. दौड़ताहांफता वह घर पहुंच गया और जोरजोर से दरवाजा पीटने लगा. आवाज सुन कर आसपड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए और क्या हो गया… क्या हो गया… कहने लगे.

बाहर लोगों का शोर सुन जब शैली की आंख खुली और उस ने दरवाजा खोला तो विवान उसे पकड़ कर कहने लगा, ‘‘शैली तुम ठीक तो हो… वो तुम्हारा फोन नहीं लग रहा था इसलिए मैं घबरा गया,’’ कह कर वह सब के सामने ही शैली को चूमने लगा.

देखा तो सच में फोन बंद था. उस वक्त शैली शर्मिंदा हो गई कि उस के कारण… परफिर यह सोच कर मन ही मन फूली नहीं समा रही थी कि उस का पति उसे कितना प्यार करता है…

मगर अब विवान का उसे हर पल निहारते रहना, जब मन आए उसे अपनी गोद में उठा कर चूमने लगना, उस की हर छोटी से छोटी चीज का खयाल रखना, कभी अपने से दूर न होने देना, अब उसे गले का फंदा सा लगने लगा था. प्यार वह भी करती थी पर एक हद में. उस का सोचना था कि पतिपत्नी हैं तो क्या हुआ… आखिर उन्हें भी तो अपने जीवन में थोड़ी स्पेस चाहिए, जो उसे मिल नहीं रही थी. मगर उस की सोच से अनजान विवान बस हर पल उस के ही खयालों में खोया रहता था.

शैली की दोनों भाभियां उस का मजाक उड़ातीं कि उस का पति तो उस के बिना एक पल भी नहीं रह पाता. एक बच्चे की तरह उस के पीछेपीछे घूमता रहता है. उन की कही बातें शैली को अंदर तक भेद जातीं. उसे लगता उस की भाभियां उस पर तंज कस रही हैं. मगर उसे यह नहीं पता था कि वे उस से जलती हैं.

विवान को कोई लड़की पसंद न आने की वजह से उस के मातापिता काफी परेशान रहने लगे थे. उन की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर विवान को कैसी लड़की चाहिए?

आखिर एक रोज उसे अपनी पसंद की लड़की मिल ही गई. दरअसल, विवान अपने एक खास दोस्त की शादी में गया था. वहीं उस ने शैली

को देखा तो देखता ही रह गया. उस की खूबसूरती पर वह ऐसे मर मिटा जैसे चांद को देख कर चकोर. कब आंखों के रास्ते शैली उस के मन में समा गई उसे पता ही नहीं चला. उस से अपनी शादी के बारे में सोच कर ही उस का मन मयूर नाच उठा.

जब उस के मातापिता को यह बात मालूम पड़ी तो उन्होंने जरा भी देर न कर अपने बेटे की शादी शैली के साथ तय कर दी. एकदूसरे की बांहों में शादी का 1 साल कैसे पंख लगा कर उड़ गया उन्हें पता ही नहीं चला.

लोग कहते हैं कि जैसेजैसे शादी पुरानी होती जाती है, पतिपत्नी के प्यार में भी गिरावट आने लगती है. मतलब पहले जैसा प्यार नहीं रह जाता. मगर विवान और शैली की शादी जैसेजैसे पुरानी होती जा रही थी उन का प्यार और भी गहराता जा रहा था. मगर पहले जिस विवान का प्यार शैली को हरी दूब का कोमल स्पर्श सा प्रतीत होता था अब वही प्यार उसे कांटों की चुभन सी लगने लगा था. विवान का दीवानापन अब उसे पागलपन सा लगने लगा था. उसे लगता या तो कुछकुछ दिनों के अंतराल पर विवान औफिस के काम से कहीं बाहर चला जाया करे या फिर उसे अकेले मायके जाने दिया करे ताकि वह खुल कर अपने मनमुताबिक जी सके.

आखिर कुछ दिनों के लिए उसे विवान से अलग रहने का मौका मिल ही गया. ऐसे जाना कोई जरूरी नहीं था, पर वह जाएगी ही, ऐसा उस ने अपने मन में तय कर लिया.

‘‘शादी में? पर जानू,’’ विवान अपनी पत्नी को प्यार से कभीकभी जानू भी बुलाता था, ‘‘वो तो तुम्हारे दूर के रिश्तेदार हैं न और फिर तुम ने ही तो कहा था कि तुम्हारा जाना कोई जरूरी नहीं है?’’

हांहां कहा था मैं ने, पर है तो वह मेरी बहन ही न… सोचो तो जरा कि अगर मैं नहीं जाऊंगी तो चाचाजी को कितना बुरा लगेगा, क्योंकि कितनी बार फोन कर के वे मुझे आने के लिए बोल चुके हैं… प्लीज विवान, जाने दो

न. वैसे भी यह मेरे परिवार की अंतिम शादी है और फिर मैं वादा करती हूं कि शादी खत्म होते ही आ आऊंगी.’’

अब शैली कुछ बोले और उस का विवान उसे मना कर दे, यह हो ही नहीं सकता था.

अत: बोला, ‘‘ठीक है तो फिर मैं कल ही छुट्टी की अर्जी…’’

शैली अचकचा कर बोली, ‘‘अर्जी… पर क्यों? मेरा मतलब है तुम्हें वैसे भी छुट्टी की समस्या है और कहा न मैं ने मैं जल्दी आ जाऊंगी.’’

न चाहते हुए भी विवान ने शैली को जाने की अनुमति दे तो दी, पर सोचने लगा अब उस के इतने दिन शैली के बिना कैसे बीतेंगे?

जाते वक्त बाय कहते हुए शैली ने ऐसा दुखी सा मुंह बनाया जैसे उसे भी विवान से अलग होने का दुख हो रहा है पर जैसे ही ट्रेन सरकी वह खुशी से झूम उठी.

शैली के अकेले मायके पहुंचने पर नातेरिश्तेदार सब ने पूछा कि विवान क्यों नहीं आया? तो वह कहने लगी कि विवान को छुट्टी नहीं मिल पाई, इसलिए उसे अकेले ही आना पड़ा.

वैसे शैली की भाभियां सब समझ रही थीं. चुटकी लेते हुए कहने लगीं, ‘‘ऐसे कैसे दामादजी ने आप को अकेले छोड़ दिया ननद रानी, क्योंकि वे तो आप के बिना…’’ बात अधूरी छोड़ कर दोनों ठहाका लगा कर हंस पड़ीं.

5 तरीकों से जानें आई कांटेक्ट फ्लर्टिंग के पीछे का छिपा विज्ञान

फ्लर्टिंग बड़ी दिलचस्प चीज है. खासकर जब आप आंखों-आंखों में फ्लर्ट करने की कोशिश करें. अब जरा सोचिए कि क्या कभी आपने अपने प्यार को या कहें अपने क्रश को दूर से घूरा है? क्या आपने कभी दूर से ही उसके साथ आंखों से संपर्क साधने की कोशिश की है? क्या कभी अपने प्यार को तब तक देखा है जब तक उसके चेहरे पर मुस्कुराहट न आए जाए या फिर वह शर्माने न लगे? क्या ये सारी बातें आपके मन में रोमांच नहीं पैदा करती हैं?

बहरहाल आप ऐसे अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो आंखों-आंखों में फ्लर्ट करते हुए संकोच महसूस करते हैं. आपकी तरह तमाम ऐसे लोग हैं जो अपने क्रश को एकटक निहार नहीं पाते. असल में दूसरों की आंखों में घूरना जबरदस्त भाव है. यह न सिर्फ सकरात्मक प्रभाव छोड़ता है वरन यह आपको नकारात्मकता की ओर भी ले जा सकता है. अब कविता की बात सुनें. कविता कहती है कि मैं पिछले दिनों पार्टी में गयी थी जहां एक लड़का मुझे एकटक घूर रहा था. मैंने पार्टी के मेजमान से उसकी शिकायत की जिसके बाद उस लड़के को पार्टी से निकाल बाहर कर दिया गया.

आंखों-आंखों में देखकर फ्लर्ट करना दिलचस्प तो है साथ ही अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रभावशाली भी है. हैरानी की बात यह भी है कि यदि आप आंखों-आंखों में फ्लर्ट नहीं करेंगे तो आपके रिश्ते को पिक अप मिलने में मुश्किलें भी आ सकती हैं. बहरहाल इस लेख में आंखों-आंखों में फ्लर्ट के पीछे छिपे विज्ञान पर चर्चा करेंगे.

  1. दूसरों को खुश करना

आप चाहें फ्लर्ट करें या न करें यदि आप अपने क्रश को मुस्कान देते हुए एकटक निहारते हैं तो उस  पर सकरात्मक असर पड़ता है. असल में यह उसे खुश करने का एक तरीका भी है. इससे वह आपके बारे में अच्छा सोचने के लिए बाध्य होती है. यही नहीं वह आपके पास आ भी सकती है या फिर उम्मीद करती है कि आप उसके पास जाएं.

2. दूसरों को पढ़ने की कोशिश

आंखों-आंखों में संपर्क कर फ्लर्टिंग करने से दोनों एक दूसरे को जानने की कोशिश भी करते हैं. यही नहीं एक दूसरे के प्रति आलोचनात्मक रुख भी इख्तियार करते हैं. दरअसल आंखों-आंखों में संपर्क करना कोई सहज क्रिया नहीं है. मन में चोर हो तो भी आंखों में आंखें डालकर संपर्क नहीं किया जा सकता है. अतः यह पुरुष और महिला दोनों को एक दूसरे के लिए प्रति न्यायपरख बनाता है और एक दूसरे को जानने में मदद भी करता है.

3. विश्वसनीय बनाता है

क्या आप जानते हैं कि जिसे आप प्यार करते हैं या जिस पर आपका क्रश है, यदि आप उसे एकटक निहारते हैं तो यह आप दोनों का विश्वास भी बढ़ाता है. दरअसल %

जम्मू की सरगम कौशल बनीं मिसेज वर्ल्ड 2022, 21 साल बाद भारत ने जीता खिताब

सरगम कौशल मिसेज वर्ल्ड 2022 की विनर बन गई हैं. मिसेज वर्ल्ड का ताज जीतकर उन्होंने 21 साल का इंतजार खत्म कर दिया है. सरगम कौशल की जीत पर सेलेब्स और फैंस बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले उन्होंने मिसेज इंडिया 2022 का खिताब अपने नाम किया था.

 

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मिसेज वर्ल्ड 2022 इवेंट का आयोजन अमेरिका में किया गया था. ब्यूटी कॉम्पटिशन में बॉलीवुड के बड़े स्टार्स ने शिरकत की. 21 साल बाद जब मिसेज वर्ल्ड का खिताब भारत के नाम हुआ तो, सरगम कौशल स्टेज पर इमोशनल होती हुई दिखीं. सोशल मीडिया पर सरगम का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. वीडियो में सरमग ताज पहनते हुए रोती हुई दिखाई दे रही हैं. हालांकि, ये उनके खुशी के आंसू थे.

मिसेज वर्ल्ड 2022 का ताज जीतने के बाद सरगम कौशल को सेलेब्स से बधाईयां मिलनी शुरू हो गई हैं. अदिति गोवित्रीकर, सोहा अली खान, विवेक ओबेरॉय, और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सरगम को जीत की बधाई दी है. अदिति गोवित्रीकर ने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, इस जर्नी का हिस्सा बन कर खुश हूं. 21 साल बाद ताज  वापस आया है. आपको दिल से बधाई. 2001 में अदिति गोवित्रीकर ने ये ताज अपने नाम करके देश का मान बढ़ा दिया था.

 

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आपको बता दें, कि मिसेज वर्ल्ड का खिताब जीतकर देशवासियों का नाम रोशन करने वाली सरगम कौशल जम्मू कश्मीर की निवासी हैं. वो एक शिक्षक और मॉडल हैं. सरगम की शादी 2018 में हुई थी. शादी के बाद से ही उनके दिल में ब्यूटी पेजेंट जीतने का जुनून सवार था. इसके बाद उन्होंने मिसेज वर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. कॉन्फिडेंस और सुंदरता साथ लेकर अमेरिका के लास वेगास पहुंची सरगम कौशल जीत कर ही भारत वापस लौटीं. सरगम कौशल मिसेज इंडिया 2022 में भी हिस्सा ले चुकी हैं.

शादी के बाद पहले सरगम ने मिसेज इंडिया का ताज जीता है. वहीं अब उन्होंने मिसेज वर्ल्ड बन कर साबित किया कि अगर सपनों की उड़ान ऊंची हो, तो फर्क नहीं पड़ता कि आप शादीशुदा हैं या नहीं.

Anupmaa: अधिक के सामने गिड़गिड़ाई पाखी, क्या दोनों के बीच होगा तलाक?

स्टार प्लस शो अनुपमा (anupama) मे आने वाले मोड शो को औऱ बेहतर बना रहे है शो टीआरपी की रेस में चल रहा है शो में होने वाले टर्नस शो को और ज्यादा एंटरटेनिंग बना रहे है, अबतक शो में कहानी गुड़ो के ईदगिर्द घूमती नज़र आई है. वही अनुपमा ने गुंडो से कैसे जीत हासिल की वो दिखाया गया था, लेकिन अब शो में नया मोड ले लिया है.

आपको बता दें, कि इन दिनों इस शो की कहानी पाखी और अधिक के रिश्ते के आसपास घूम रही है. दोनों की शादी को हुए अभी महज 3 से 4 हफ्ते हुए हैं लेकिन दोनों के बीच भयंकर तरीके से लड़ाई हो रही है. बीते एपिसोड में दिखाया गया है कि पाखी की वजह से शाह हाउस में पुलिस पहुंच जाती है और यह ड्रामा आने वाले एपिसोड में भी देखने को मिलेगा.

 

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शो में आगे दिखाया गया है कि बरखा, पाखी-वनराज के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा देती है, जिसके बाद शाह हाउस में पुलिस पहुंच जाती है. घर में पुलिस देखकर जहां सभी घबरा जाते हैं तो वहीं वनराज भी अधिक के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट करने की बात करते हैं, जिसके बाद पुलिस के सामने बाबू जी जाते हैं और वह अपने बेटे और पोती की गलती बताते हैं. शाह हाउस का यह पूरा तमाशा बाहर मौजूद मोहल्ले वाले भी देख रहे होते हैं। वहीं, बाबू जी की बात सुनकर घरवालों के होश उड़ जाते हैं.

क्या पुलिस के सामने गलती कबूल करेंगी पाखी?

इस पूरे तमाशे के बाद अनुपमा भी अपनी बेटी को आगे आने की बात कहती है, ताकि वह अपनी गलती कबूल करके अपना रिश्ता बचा सके, जिसके बाद ही पाखी आगे आकर पुलिस को सारी बात बताती है. पाखी और शाह हाउस का यह पूरा तमाशा जानने के बाद पुलिस ऑफिसर का गुस्सा भी फूट पड़ता है और फिर वह घरेलू हिंसा और इसे रोकने के लिए बने कानून की अहमियत बताती है. इतना ही नहीं, पुलिस ऑफिसर पाखी और वनराज शाह से एक डॉक्यूटमेंट पर भी साइन करवाती है, ताकि वह आगे से कभी ऐसा करने की हिम्मत ना कर सके.

 

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