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डस्की स्किन के लिए कौनसी लिपस्टिक लगानी चाहिए?

सवाल-

मेरा रंग डार्क है. मु झे किस  रंग की लिपस्टिक लगानी चाहिए, जो मु झ पर सूट करे?

जवाब-

हमें लगता है कि अगर रंग डार्क हो तो लाइट कलर की लिपस्टिक लगानी चाहिए, मगर ऐसा नहीं है. अगर आप का रंग डार्क है तो आप को डार्क कलर की लिपस्टिक ज्यादा सूट करेगी जैसेकि मैरून, डार्क ब्राउन, मोव पर्पल आदि  अच्छे लगेंगे. कोका कोला, डीप ब्राउन, चेरी रैड, डीप रैड और पल्म शेड भी बहुत सूट करेगा.

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खूबसूरत दिखने के लिए सब से जरूरी है स्वस्थ, चमकती स्किन न कि गोरा रंग. चमकती स्किन के लिए स्वस्थ जीवनशैली और खानपान, अच्छा स्वास्थ्य, गहरी नींद और मन की शांति जरूरी है.

आइए, जानें आश्मीन मुंजाल से सावंली सूरत के लिए मेकअप टिप्स:

– सब से पहले यह देखें कि आप के चेहरे पर अनचाहे बाल न रह जाएं. आइब्रोज, अपर लिप्स, लोअर लिप्स, फोरहैड, चीकबोन जैसी जगहों पर आने वाले अनचाहे बालों को साफ रखें. जरूरी लगे तो उन्हें कंसील कर लें ताकि आप का लुक उभर कर सामने आए.

– अब मेकअप शुरू करें. स्किन टोन के साथ स्किन टैक्सचर का भी ध्यान रखें. सब से पहले एक अच्छे प्राइमर के साथ शुरुआत करें. यदि स्किन में ड्राइनैस, पैचीनैस या अनइवननैस है तो ब्यूटी बाम का प्रयोग कर सकती हैं.

– प्राइमर के बाद फाउंडेशन लगाएं. (स्किन टाइप और जरूरत के हिसाब से फाउंडेशन ग्लौसी, जैल बेस्ड, एचडी या सिलीकौन लें) ध्यान रखें कि फाउंडेशन सेम स्किन टोन का ही लें. डस्की स्किन पर थोड़े भी फेयर टोन के फाउंडेशन का प्रयोग किया जाए तो स्किन चोक्ड और व्हाइट लगने लगती है.

– कंटूरिंग भी डस्की स्किन मेकअप में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अपने चेहरे के उभारों को हाईलाइट करें और गड्ढों को भरें. इस से स्किन इवन और अट्रैक्टिव नजर आती है.

– बेस, फाउंडेशन, कंटूरिंग और ब्लशऔन के बाद लिप मेकअप करें. डस्की स्किन में लिप मेकअप के लिए ब्राउन, मरून, रैड और चैरी रैड जैसे अर्थी कलर्स या फिर कोरल कलर्स का प्रयोग करें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- डस्की स्किन के लिए ट्राय करें मेकअप टिप्स

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सिल्क मार्क: उपभोक्ता संरक्षण और सिल्क हितधारकों को सशक्त बनाना

रेशम कीड़ों से बना सिल्क एक नेचुरल फाइबर है. सिल्क अपनी प्राकृतिक चमक, कोमल एवं मुलायम बनावट, मज़बूती, लचीलापन, पहनने में आसानी, अवशोषण, उष्णता जैसे गुणों के कारण वस्त्रों की रानी के रूप में जाना जाता है.

भारत सिल्क का दुनियाभर में सबसे बड़े उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. सिल्क हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने से जुड़ा हुआ है. यह शादियों, उत्सवों और समारोहों जैसे हर शुभ अवसर का एक जरुरी हिस्सा बन गया है. सिल्क की साड़ियां खरीदने और पहनने में हर भारतीय महिला को गर्व का एहसास होता है.

सिल्क की इस ज्यादा मांग ने उसकी मूल्य श्रृंखला में विकृतियों और मिलावट की घटनाओं को भी जन्म दिया है. नायलॉन, रेयान, पॉलिएस्टर आदि एक से दिखने वाले रेशों की मिलावट से बना कपड़ा शुद्ध सिल्क का बताकर बेचा जाता है जिसकी कीमत शुद्ध सिल्क की कीमत का सिर्फ 10% ही होता है. वहीं उपभोक्ताओं के लिए इन मिलावटी और शुद्ध सिल्क में फर्क पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह बिलकुल शुद्ध सिल्क जैसा ही दीखता है.

यह मिलावट न केवल सिल्क प्रेमी ग्राहकों को शुद्ध सिल्क से वंचित करता है बल्कि उनकी मेहनत की कमाई की भी हानि होती है. साथ ही, जब शुद्ध सिल्क के नाम पर एक मिलावटी प्रोडक्ट बेचा जाता है, तो सिल्क प्रोडक्शन में काम करने वाले लोगों की आजीविका पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.

इस मिलावट को खत्म करने और सिल्क उद्योग में शामिल किसानों, धागाकरों, बुनकरों, शिल्पकारों और व्यापारियों की आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए वस्त्र मंत्रालय के अधीन केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा भारतीय रेशम मार्क संगठन (एसएमओआई) की स्थापना की गई. एसएमओआई के मुख्य उद्देश्य हैं उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना, सिल्क उद्योग में जुड़े हितधारकों का समर्थन करना और भारतीय सिल्क को बढ़ावा देना.

एसएमओआई ने 2004 में रेशम की शुद्धता के लिए दुनिया का पहला और एकमात्र लेबल – “सिल्क मार्क लेबल” पेश किया. यह शुद्ध रेशम के लिए एकमात्र आश्वासन है. इसे काफी जांच पड़ताल के बाद ही 100% शुद्ध सिल्क उत्पादों पर चिपकाया जाता है. 100% शुद्ध सिल्क उत्पाद वह है जिसमें बेस फैब्रिक, ताना और बाना दोनों, प्राकृतिक सिल्क की 4 किस्मों में से किसी एक से बना होता है, जैसे कि शहतूत, तसर, एरी और मुगा सिल्क.

कोई भी सिल्क धागाकार, सिल्क बुनकर, सिल्क ट्रेडर, सिल्क एक्सपोर्टर, सिल्क वीविंग कोऑपरेटिव सोसाइटी और सिल्क ट्रेडिंग कॉरपोरेट फर्म, एसएमओआई का अधिकृत सदस्य बन सकता है और उसके बाद ही 100% शुद्ध सिल्क उत्पादों पर सिल्क मार्क लेबल का उपयोग कर सकता है.

यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हम हमेशा सिल्क मार्क लेबल के साथ 100% शुद्ध रेशम ही खरीदें और रेशम उद्योग में शामिल देश भर के लगभग एक करोड़ किसानों, धागाकारों, बुनकरों और शिल्पकारों की आजीविका का समर्थन करें और हमारे इतिहास के इस सुनहरे रेशमी उपहार को संरक्षित करे.

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Bigg Boss 16 Promo: प्रियंका पर भड़के शालीन, ‘औकात’ पर पहुंची बात  

कलर्स के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 16’ (Bigg Boss 16) की लड़ाईयां एक बार फिर चर्चा में हैं. जहां हाल ही में राशन कुर्बान करके कैप्टन बनें कंटेस्टेंट गौतम विज के खिलाफ पूरा घर हो गया है तो वहीं अपकमिंग एपिसोड में शालीन भनोट की चिकन डिमांड पर घरवालों का गुस्सा फूटने वाला है. आइए आपको दिखाते हैं बिग बॉस 16 के प्रोमो (Bigg Boss 16 Latest Promo) की झलक…

औकात पर पहुंची बात

 

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हाल ही में मेकर्स ने शो का नया प्रोमो रिलीज कर दिया है, जिसमें शालीन भानोट और उड़ारियां एक्ट्रेस प्रियंका चहर चौधरी के बीच जमकर बहस होती दिख रही है. दरअसल, राशन छीनने के बाद शालीन बिग बॉस से बार-बार चिकन मांगते नजर आए थे, जिसके बाद बिग बॉस ने घरवालों के सामने उनकी खिल्ली उड़ाना शुरु कर दिया. वहीं इस किस्से के बाद अब्दु रोजिक, शालीन की चिकन मांगने की नकल करते हुए दिखे. इस पर घरवाले जहां हंसते नजर आए तो वहीं गुस्से में शालीन भानोट Priyanka Chahar Choudhary पर बरसते दिखे. इसी के साथ बात औकात पर जा पहुंचती हुई नजर आ रही है.

 

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अर्चना-प्रियंका में भी होगी बहस

 

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इतना ही नहीं बल्कि शेखर सुमन के आने पर भी प्रियंका चौधरी की नई लड़ाई शुरु होती दिखने वाली है. दरअसल, प्रियंका और अर्चना गौतम के बीच भी तगड़ी बहस होते हुए नजर आने वाली है, जिसे चलते प्रियंका, अर्चना को सबक सिखाने की बात कहती दिखेंगी.

 

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भूख हड़ताल में बैठे साजिद

लेटेस्ट एपिसोड की बात करें तो गौतम के पूरे घर का राशन देकर कैप्टन बनने के बाद साजिद का गुस्सा बढता हुआ नजर आया. जहां एक तरफ वह गौतम के साथ गाली गलौज करते दिखे तो वहीं शिव, एमसी स्टैन, गोरी और अब्दू के साथ मिलकर वह भूख हड़ताल का सहारा लेते हुए दिखे. हालांकि बिग बॉस ने एक सीक्रेट टास्क के जरिए उनकी भूख हड़ताल को खत्म किया.

GHKKPM: विराट से परेशान हुए सई के फैंस, ट्रोल कर कही ये बात

सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी के चलते मेकर्स को कई बार ट्रोलिंग का सामना करना पड़ चुका है. वहीं सीरियल के सितारे भी ट्रोलिंग से बच नहीं पाए हैं. पाखी के रोल में एक्ट्रेस ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma Aka Pakhi) के बाद उनके औफस्क्रीन पति यानी विराट के रोल में नजर आने वाले एक्टर नील भट्ट (Neil Bhatt Aka Virat) ट्रोलिंग का शिकार हो गए हैं और सई के फैंस उनसे शो छोड़ने की बात करते दिख रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला…

इस सीन को देख भड़के फैंस

अब तक आपने देखा कि सीरियल में जगताप के पिता च्वहाण हाउस में जाकर सई के चरित्र पर उंगली उठाते हैं, जिस पर विराट को गुस्सा आ जाता है और वह सई से मिलकर उसके और जगताप के रिश्ते पर सवाल उठाता है. हालांकि सई का पारा बढ़ जाता है और वह विराट को जमकर खरीखोटी सुनाती है. इस सीन को देखकर  सई के फैंस जहां खुश हो रहे हैं तो वहीं विराट के किरदार को मारने की बात कहते दिख रहे हैं. इसके अलावा फैंस विराट के रोल में नजर आने वाले एक्टर नील भट्ट से गुजारिश कर रहे हैं कि वह शो छोड़ दें और हो सके तो उनकी वाइफ ऐश्वर्या शर्मा यानी पाखी को भी साथ में ले जाएं.

जगताप की हुई तारीफ  

सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक को देखकर जहां विराट ट्रोल रहा है तो वहीं जगताप के सई के लिए प्यार की फैंस तारीफ कर रहे हैं. दरअसल, हाल ही में जगताप, सई को मनाते हुए नजर आया था, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा, हाल ही में विराट को सवि के पिता होने का सच बताने के लिए भी फैंस बेहद खुश हैं.

बता दें, ‘गुम है किसी के प्यार में’ के अपकमिंग एपिसोड में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin Upcoming Episode) सवि के पिता होने का सच जानने के बाद विराट अपनी बेटी को पाने की कोशिश करेगा. वहीं खबरों की मानें तो इसी बीच विराट को जेल भी जाना पड़ सकता है.

रोज शैंपू करने से कहीं बाल झड़ने न लग जाएं, बताएं मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं वर्किंग वूमन हूं और आजकल बारिश में जाने से बाल गीले हो जाते हैं. सम झ नहीं आता कि उन्हें रोज शैंपू करूं या नहीं. डर लगता है कि रोज शैंपू करने से कहीं बाल झड़ने न लग जाएं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

जब भी आप आप के बाल गीले हों उन्हें सिर्फ सुखाने से बालों के झड़ने के चांसेज रहते हैं. बैटर होता है कि आप शैंपू कर लें. रोजरोज शैंपू करने की जरूरत पड़ती है तो आप कोई माइल्ड शैंपू इस्तेमाल करें क्योंकि धूलमिट्टी और औयल आप की स्कैल्प में पहले से रहता है. जैसे ही सिर में पानी पड़ता है तो वह धूलमिट्टी आप के सिर में जम जाती है और इन्फैक्शन या डैंड्रफ का खतरा रहता है. इसलिए बालों के गीले होने के बाद उन्हें सुखाना नहीं बल्कि शैंपू करना जरूरी होता है.

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आज के समय में चारों तरफ इतना प्रदूषण बढ़ गया है कि सेहत के साथ-साथ स्वास्थ्य और सौंदर्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खाने-पीने की समस्याओं की बात करें तो हम कुछ भी खाकर अपनी भूख तो मिटा लेते हैं. लेकिन वो खाना स्वास्थ्य के लिए सही है या गलत इस बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते हैं. जिसके कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं.

पोषक तत्वों की कमी से शरीर का हार्मोनिक संतुलन बिगड़ जाता है. जिसके कारण बालों संबंधी कई समस्या हो जाती है. जिससे बालों का झड़ना और रुसी होना आम समस्या है. यह हर दूसरे व्यक्ति की समस्या है. इससे निजात पाने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं कि इस समस्या से निजात पा लें. हम कई तरह के शैंपू भी इस्तेमाल करते हैं.

ऐसा नहीं है कि यह समस्या केवल महिलाओं को हो बल्कि पुरुष भी समस्या से बच नहीं पाए हैं. जिसके कारण पुरुष भी अपने बालों पर अधिक ध्यान देते हैं. कई लोग बाल गिरने के कारण इतने परेशान हो जाते हैं कि तनाव में आ जाते हैं.

इसी समस्या के कारण हम अधिक समय तक एक शैंपू का इस्तेमाल नहीं करते हैं. जिसके कारण ये समस्या और बढ़ जाती है. कई बार हम शैंपू करते समय ऐसी गलतियां कर देते है जो कि हमारे बालों के लिए हानिकारक साबित होती हैं. साथ ही सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती हैं.  जानिए ऐसी कौन सी गलतियां है जो शैंपू करते समय कभी नहीं करनी चाहिए.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- शैंपू करते समय न करें ये गलतियां

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

ऐसे रखें बच्चे की सेहत का ध्यान

हर मां चाहती है कि उस का बच्चा हमेशा हैल्दी व फिट रहे. इस के लिए वह हर प्रयत्न करती है. फिर चाहे बच्चे की डाइट की बात हो या फिर उस के साथ समय व्यतीत करने की. फिर भी कई बार प्रयासों के बावजूद बच्चे की ग्रोथ सही ढंग से नहीं हो पाती है, जिस से मां का परेशान होना स्वाभाविक है. ऐसे में मार्केट में कुछ स्पैशलाइज्ड प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जो बच्चों को पर्याप्त पोषण देने का काम करते हैं जिस से मां भी रहती है टैंशन फ्री और बच्चा भी रहता है हैल्दी.

आइए जानते हैं कि मांएं अपने बच्चों को किस तरह सेहतमंद बनाए रख सकती हैं:

आउटडोर ऐक्टिविटीज में भागीदारी

आज गैजेट्स आने से बच्चे हरदम खुद को उसी में बिजी रखना पसंद करते हैं, जिस से वे शारीरिक गतिविधियों में ज्यादा शामिल नहीं हो पाते, जो उन्हें बीमारियों की गिरफ्त में ले जाता है. ऐसे में मां उन्हें आउटडोर ऐक्टिविटीज जैसे उन के साथ भागना, फुटबौल खेलना, बैडमिंटन इत्यादि में खुद को शामिल कर इन के प्रति उन की रुचि को बढ़ा सकती हैं ताकि उन का शारीरिक विकास हो सके.

लाइफस्टाइल को बदलना

मां की नजर अपने बच्चे की ऐक्टिविटीज पर होती है कि वह क्या कर रहा है, कितने बजे सो कर उठ रहा है, कैसे उठबैठ रहा है और उसे जहां भी कोई गड़बड़ लगती है तो वह उसे तुरंत सुधारने का प्रयास करती है.

ईटिंग हैबिट्स में सुधार

अगर देखादेखी बच्चा हरदम फास्टफूड इत्यादि खाने में ही दिलचस्पी लेता है, तो मां उसे मार्केट में मिलने वाले कुछ स्पैशलाइज्ड प्रोडक्ट्स जो न तो टेस्ट के मामले में और न ही पौष्टिकता के मामले में कम होते हैं, को उस की डाइट में शामिल कर उसे भीतर व बाहर दोनों तरफ से स्ट्रौंग बनाने की कोशिश करती है, जिस से उस का संपूर्ण विकास हो सके. साथ ही अपनी हैल्दी रैसिपीज से भी बच्चे को फिट रखने की कोशिश करती है.

वजन व लंबाई बढ़ाने पर ध्यान

कई बार गलत खानपान या फिर किन्हीं अन्य कारणों से बच्चों की लंबाई व वजन प्रभावित होते हैं और वे उस अनुपात में नहीं बढ़ पाते, जिस अनुपात में उन्हें बढ़ना चाहिए. ऐसे में मांएं उन्हें मार्केट में मिलने वाले कुछ स्पैशलाइज्ड पौष्टिक सप्लिमैंट्स या ड्रिंक्स देती हैं जिस से उन के बच्चों का वजन व हाइट सामान्य बच्चों की तरह बढ़ने लगती है. इस में उतना प्रोटीन होता है जिस की शरीर को जरूरत होती है और यह पचने में भी आसान होता है.

क्यों फैट देने से ज्यादा प्रोटीन है फायदेमंद

भले ही फास्टफूड बच्चों की भूख को तुरंत शांत कर देते हो लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होते हैं क्योंकि इस में ज्यादा कैलोरीज होने के कारण ये वजन तो बढ़ाते ही हैं साथ ही इस से शारीरिक व मानसिक विकास भी प्रभावित होता है. ऐसे में स्पैशलाइज्ड पौष्टिक सप्लिमैंट्स जिस में प्रोटीन उचित अनुपात में मौजूद होता है देने से बच्चे हैल्दी व स्ट्रौंग बनते हैं व मोटापे से ग्रसित बच्चों के वजन को कम करने में भी सहायक है. ये न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रौंग करता है यानी बहुत ज्यादा कैलोरी गए बिना ही इस के माध्यम से बच्चों को प्रोपर न्यूट्रिशन मिल पाता है.

इस तरह मां अपनी हैल्दी रैसिपीज के साथसाथ कुछ स्पैशलाइज्ड पौष्टिक सप्लिमैंट्स देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ती ताकि बच्चे की सही ग्रोथ हो पाए. तो फिर अपने बच्चों को पौष्टिक डाइट दे कर बनाएं हैल्दी.

मनोवैज्ञानिक सेहत पर इनफर्टिलिटी का प्रभाव

इनफर्टिलिटी या बांझपन का इलाज करा रहे दंपतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसके कई कारण है, जिसमें अनुवांशिकता, जीवनशैली का तरीका और सवाईकल म्युकस जैसी समस्याएं, फाइब्रॉयड, एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी जैसी परेशानियां शामिल हैं. प्रजनन का चक्र किशोरावस्था के बाद और बीसवें साल शुरू होता है. 30 की उम्र के बाद, प्रजनन क्षमता कम होने लगती है  और अंडों की संख्या कम होने के साथ-साथ अंडों की गुणवत्ता भी कम होने लगती है. इस तरह की परेशानियां, तनाव और चिंता को बढ़ाती है. इसका हानिकारक प्रभाव रिश्तों और व्यक्तिगत विकास पर पड़ता है. इस बारे में बता रही हैं डायना क्रस्टा, चीफ साइकोलॉजिस्ट, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी.

बांझपन एक चिकित्सा स्थिति है जोकि आपके जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है. यह दूसरों के साथ आपके रिश्तों को, जिंदगी को लेकर आपके नजरिये और खुद के लिये आपकी सोच को प्रभावित कर सकता है. आप इन भावनाओं का सामना किस तरह करेंगे, वह आपके व्यक्तित्व और जीवन के अनुभवों पर निर्भर करता है. ज्यादातर लोग परिवार, दोस्तों, चिकित्सा देखभाल करने वालों और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के समर्थन से लाभ उठा सकते हैं. शुक्राणु, अंडा, या भ्रूण दान या गर्भकालीन वाहक जैसे बांझपन उपचार विकल्पों पर विचार करते समय, प्रजनन परामर्शदाता की सहायता प्राप्त करना विशेष रूप से सहायक हो सकता है. निम्नलिखित जानकारियां आपको यह फैसला लेने में मदद कर सकती हैं कि फर्टिलिटी संबंधी तनाव के इलाज के लिये या आपके उपचार के विकल्पों का चुनाव करने के लिये आपको प्रोफेशनल मदद की जरूरत है या नहीं.

कब दिखाएं इनफर्टिलिटी काउंसलर को?

पूरी दुनिया में बांझपन और उसके इलाज से भावनात्मक तनाव से गुजरने की वजह से, बांझपन से जूझ रहे दंपतियों को मनोवैज्ञानिक मदद प्रदान करने की सिफारिश की गई. इसके अलावा, कई सारे दंपतियों ने स्वयं भी मनोवैज्ञानिक मदद लेने की इच्छा जाहिर की है. बांझपन को जीवन में होने वाले प्रमुख तनावों में से  सबसे मुख्य कारणों में से एक माना गया है. इसे अक्सर आत्मविश्वास की कमी, वयस्क होने की तरफ कदम बढ़ाने की धारणा में व्यवधान, भविष्य के लिये योजना बनाने में असमर्थता, पहचान और दुनिया को लेकर राय में बदलाव के रूप में परिभाषित किया जाता है. साथ ही व्यक्तिगत, आपसी और सामाजिक रिश्तों में भी बदलाव के रूप में माना जाता है. बांझपन और इसके उपचार से जूझ रहे दंपतियों में तनाव और चिंता का स्तर काफी ज्यादा होता है. वैसे तो तनावपूर्ण स्थितियों में चिंता होना एक सामान्य प्रतिक्रिया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय शोध में यह बात सामने आई कि आम आबादी की तुलना में बांझ दंपतियों में चिंता का स्तर कहीं ज्यादा होता है. प्रजनन समाधान जैसे एआरटी उपचार-संबंधी अनुभव के परिणाम अक्सर नकारात्मक भाव के रूप में आते हैं. दरअसल, गर्भधारण की अनिश्चितता के साथ-साथ उपचार की विफलताओं को लेकर निराशा की वजह से ऐसा होता है. इसके साथ ही, क्रॉनिक और गंभीर तनाव और मनोवैज्ञानिक बीमारियां, एआरटी उपचार की सफलता को काफी ज्यादा प्रभावित करती है, जिसमें फॉलो-अप संभवत: एक दुष्चक्र बना रही है.

विशिष्ट बांझपन-

तनाव के आयामों में सामाजिक चुनौतियां शामिल हैं (जैसे, अकेलापन; अलगाव महसूस होना; परिवार और दोस्तों के साथ वक्त बिताने में असहजता और तनाव महसूस होना; टिप्पणियों को लेकर संवेदनशीलता और बांझपन के रिमांडर्स), वयस्क के रूप में विकसित होने संबंधी चिंताएं (जैसे, अपनी पहचान पाने के लिये पितृत्व एक जरूरी पड़ाव और जीवन का मुख्य लक्ष्य), भावनात्मक निकटता और यौन सुख में कमी; आत्मविश्वास का कम होना. इसलिये, बांझपन से जूझ रहे दंपतियों के लिये विशेष सहायता समूहों  की जरूरत को काफी महत्व मिला है, खासकर आज के कोविड के समय में.

सहायता समूह किस तरह सहायता करने के तंत्र में मदद कर रहे हैं?

कई बार रोगियों और दंपतियों को उपचार के दौरान एक मनोवैज्ञानिक या थैरेपिस्ट के पास जाने के बारे में पूछा जाता है. हालांकि, बांझपन से जूझ रहे कई दंपति इच्छाओं को पूरा करने के क्रम में, अपनी भावनाएं प्रभावित दंपतियों से साझा करने के लिये आगे आए हैं. ऐसे में सहायता करने वाले कम्युनिटी ग्रुप एकजुट होते हैं और बांझपन के कलंक से बाहर आने में मदद कर सकते हैं. साथ ही इस ग्रुप ने अन्य दंपतियों के साथ समान अनुभवों को जानने का मौका दिया. इससे दंपतियों को यह समझने में मदद मिल सकती है कि बांझपन की समस्या से गुजरने वाले वे अकेले नहीं हैं, साथ ही यह एहसास दिलाया कि उनकी प्रतिक्रियाएं, भावनाएं और संघर्ष सामान्य हैं और इस तरह उनके अकेलेपन को कम किया.

सहायता करने के कई सारे मॉडल्स के साथ, विशेष सपोर्ट ग्रुप, तनाव के उनके कारकों से लड़ने में उनकी मदद करते हैं. सहायक मॉडल, इनफर्टिलिटी संबंधी तनाव के विभिन्न आयामों का प्रबंधन करने के साथ-साथ परेशानी के अनुरूप मदद विकसित करने में अहम भूमिका निभाता है. हालांकि, सपोर्ट ग्रुप भी गहराई में जाकर, आत्मनिरीक्षण, मूल्यांकन कर समस्या के मूल कारण का पता लगाते हैं और फिर मन को शांति मिलती है. रोगी के अनुरूप काउंसलिंग सेंटर्स, विभिन्न रोचक थैरेपीज जैसे फोकस ग्रुप चर्चा, व्यक्तिगत मूल्यांकन के जरिए उन्हें अपने डर, चिंताओं और घबराहट को बाहर निकालने में मदद करते हैं और संतुलित आहार, सोने के सेहतमंद रूटीन के साथ दंपतियों को सेहतमंद दिनचर्या बनाए रखने में मदद करते हैं. साथ ही उनकी मानसिक और शारीरिक समस्याओं को कम करते हैं.

लंबे समय तक इनफर्टिलिटी होने से दोनों ही पार्टनर में अकेलापन और टूट जाने का गंभीर अनुभव हो सकता है. बांझपन जीवन की सबसे निराशानजक समस्या है, जिसका सामना दंपति करते हैं. सेहत से जुड़ी ढेर सारी चर्चाओं और अनिश्चितताओं के साथ, यह बांझपन अधिकांश दंपतियों में भावनात्मक उथल-पुथल पैदा कर सकती है. संयोग से, बांझपन उपचार के लिये नई और ज्यादा प्रभावी तकनीकें और सहयोगी तंत्र, लगातार विकसित हो रहे हैं.

Bigg Boss 16: Salman ने Abdu Rozik को किया शो से बाहर? देखें वीडियो

कलर्स के रियलिटी शो बिग बॉस 16′ (Bigg Boss 16) में आए दिन कोई न कोई ड्रामा होता रहता है. वहीं वीकेंड के वार पर होस्ट सलमान खान (Salman Khan)  घरवालों पर बरसते नजर आते हैं. साथ ही हर हफ्ते एक-एक सदस्य को एलिमनेट करते रहते हैं. लेकिन इस बार का एलिमनेशन का प्रोमो वायरल हो रहा है, जिसमें शो के क्यूट कंटेस्टेंट अब्दु रोजिक (Abdu Rozik) को होस्ट सलमान खान शो से बाहर करते दिख रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

सलमान को आया गुस्सा

 

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शो और शो से बाहर अब्दु रोजिक की फैन फॉलोइंग बढ़ती जा रही है, जिसे देखकर घरवाले अक्सर उन्हें नॉमिनेट कर देते हैं. लेकिन हाल ही में शो का नया प्रोमो वायरल हो रहा है, जिसमें घरवालों के एक फैसले पर सलमान खान अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अब्दु रोजिक को शो से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सलमान का फैसला सुनते ही सभी घरवाले हैरान और इमोशनल होते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि प्रोमो देखने के बाद फैंस इस एलिमनेशन को फेक बताते दिख रहे हैं और मेकर्स को ट्रोल करते नजर आ रहे हैं.

 

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कटरीना आएंगी शो में नजर

 

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एलिमनेशन के अलावा इस बार वीकेंड के वार में धमाल होता हुआ दिखने वाला है. दरअसल, जहां एक्ट्रेस कटरीना कैफ अपनी फिल्म प्रमोशन के लिए सलमान और अपने कोस्टार संग मस्ती करती दिखेंगी तो वहीं बिग बॉस हाउस में कैप्टनसी के लिए गौतम विज का लिया फैसला घरवालों के बीच लड़ाई करवा देगा. दरअसल, गौतम विज अपनी कैप्टन्सी के लिए घर का पूरा राशन सौंप देंगे, जिसके चलते घर में एक बार फिर बवाल खड़ा होगा.

बता दें, शो के लेटेस्ट एपिसोड सुंबुल तौकीर खान और अंकित गुप्ता को उनके कमजोर गेम और शो में नजर न आने पर सलमान खान ने खूब खरी खोटी सुनाई थी, जिसके चलते फैंस उनकी तारीफ करते दिखे थे.

वनराज करेगा पाखी को शाह हाउस से बाहर, Anupama भी देगी साथ

सीरियल अनुपमा में इन दिनों दीवाली सेलिब्रेशन देखने को मिल रहा है. हालांकि इस बार शाह और कपाड़िया फैमिली के लिए दीवाली धमाकेदार होने वाली है. दरअसल, पाखी ने अधिक से शादी करके अनुपमा और वनराज पर बम फोड़ दिया है. हालांकि अपकमिंग एपिसोड में वनराज का गुस्सा दिखने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

अधिक और पाखी ने की शादी

 

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अब तक आपने देखा कि कपाड़िया फैमिली शाह हाउस में दीवाली सेलिब्रेट करने के लिए आती है. वहीं पाखी के घर से गायब होने पर पूरा परिवार परेशान होता हुआ नजर आता है. लेकिन पाखी और अधिक के शादी करने के बाद घर आने पर सभी हैरान रह जाते हैं. वहीं दोनों अपनी भागकर शादी करने के लिए माफी मांगते नजर आते हैं.

 

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अनुपमा ने कही ये बात

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि पाखी अपनी शादी की बात बताते हुए सफाई देगी कि जब बड़े बच्चों की नहीं सुनते तो बच्चे भी बड़ों की नहीं सुनते. वहीं अधिक, पाखी का साथ देता हुआ नजर आता है. दूसरी तरफ, अधिक और पाखी की बाते सुनकर बापूजी और बा को गुस्सा आ जाएगा. वहीं अनुपमा, पाखी को खरी खोटी सुनाएगी और घर से जाने के लिए कहेगी.

वनराज को आएगा गुस्सा

 

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अनुपमा और पूरी फैमिली जहां पाखी को खरी खोटी सुनाते हैं और घर से जाने के लिए कहते हैं तो वहीं पाखी, वनराज से माफी मांगती हुई नजर आएगी. हालांकि वनराज गुस्से में पाखी का बैग लाकर घर से बाहर फेंक देगा और उसे पति के साथ घर में कदम ना रखने की वॉर्निंग देगा.

अली बाबा के रोल के लिए एक्टर Sheezan ने किया ये काम, पढ़ें इंटरव्यू

अभिनेता शीजान एम खान ने मॉडलिंग से अपना करियर शुरू किया है. टीवी में उन्होंने‘कुछ तो है तेरे मेरे दरमियान’ के साथ अभिनय शुरू किया. वर्ष 2016 में, उन्होंने परवरिश – सीजन 2 में झोंटी शर्मा की भूमिका निभाई और उनके अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद भी किया. इसके बाद शीजान, जोधा अकबर, सिलसिला प्यार का, चंद्र नंदिनी, पृथ्वी वल्लभ और एक थी रानी एक था रावण जैसे कई लोकप्रिय टीवी शो में दिखाई दिए.शीजान फिटनेस फ्रीक है और नियमित जिम जाना पसंद करते है.

शीजान हमेशा एक अलग और चुनौतीपूर्ण भूमिका को करने में विश्वास रखते है, यही वजह है कि उन्होंने सोनी सब टीवी पर ‘अलीबाबा दास्तान ए काबुल’ में अलीबाबा की भूमिका निभा रहे है, जो चैलेंजिंग होने के साथ-साथ मजेदार भी है, जो उनके चरित्र से काफी मिलता है. हंसमुख और मेहनती शीजान ने अपने बिजी शिड्युल से समय निकाल कर बात की, जो काफी रोचक थी, पेश है कुछ खास अंश, आइये जानें.

मिली प्रेरणा

एक्टिंग में आने की प्रेरणा के बारें में पूछने पर वे बताते है कि मैंने इंडस्ट्री में आने की कोई योजना नहीं बनायी थी, लेकिन कुछ अलग काम करने की इच्छा थी, क्योंकि मैं जॉब पर्सन नहीं था, नौ से पांच बजे तक के किसी काम को मैं नहीं कर सकता था. मेरे बहन फलक नाज़ है, जो एक एक्ट्रेस है,मैं उनका काम देखता था. परिवार में दोनों ही एक्टिंग फील्ड से है. मेरी बहन पहले सरोज खान के साथ एक कोरियोग्राफर थी, बाद में उन्होंने सरोज खान के कहने पर ही एक्टिंग शुरू की है.

परिवार का मिला सहयोग

 

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शीजान कहते है कि पहले मुझे भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ, मुझे जानने वाले किसी ने मुझे एक ऑडिशन में भाग लेने के लिए कहाँ, मैंने ऑडिशन बहुत ख़राब दिया, पर मुझे बहुत मजा आया, फिर मैंने एक्टिंग को सुधारने की प्लानिंग की. इसमें मैंने एक्टिंग की किताबे पढ़ी, कई अच्छी-अच्छी फिल्में देखी. इसके बाद मुझे टीवी शो ‘जोधा अकबर’ में अभिनय का मौका मिला. मैंने इसे बहुत ही मेहनत से निभाया, क्योंकि मेरे लिए ये एक बेहतर मौका था. परिवार का सहयोग बहुत रहा .

किया संघर्ष

 

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अभिनेता शेह्जान आगे कहते है कि मुझे संघर्ष करना पढ़ा, आज से 10 साल पहले मैंने अभिनय शुरू किया था. हम दोनों भाई-बहन ने एक दूसरे के काम में कभी दखल नहीं दिया. मुझे कभी कोई गॉडफादर नहीं मिला, इसलिए जितना भी काम किया, उसे खुद ही ढूंढ़कर किया. बिना किसी शर्म के काम मांगने भी गए. इस शो के लिए भी मैं खुद मांगने गया था, आज भी संघर्ष है, लेकिन काम में कमिटमेंट मैने हमेशा रखा है.

अलीबाबा का चरित्र है चैलेंजिंग

वे कहते है कि अलीबाबा की भूमिका सभी चरित्र से अलग है, इसमें शारीरिक, मानसिक और चरित्र की दृष्टि से बहुत चुनौतीपूर्ण है, जिसे मैं करना पसंद करता हूँ. बिना चुनौती के किसी भी भूमिका को निभाने में कोई मजा नहीं होता. इससे निकलकर आगे बढ़ना ही मेरे लिए सबकुछ है, दर्शकों का प्यार सफलता के लिए जरुरी है, अली को सब पसंद कर रहे है. इस शो को करने में मुझे शुरू में निर्देशक ने बहुत साथ दिया. उन्होंने कई वर्कशॉप रखे. अली बनने के लिए मैंने 9 साल तक जो सीखा था, उसे भुलाना पड़ा. एक्टिंग के पुराने पैटर्न को पूरी तरह से दिल से निकलना पड़ा. अली को मेरे अंदर उतारने में निर्देशक मान सिंह  ने बहुत मेहनत की, भावनाओं को मेरे अंदर उतारने में उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर आगे लाये है. कठिन अभिनय को करने में ही सबसे अधिक ख़ुशी मुझे मिलती है.

रिलेट करना हुआ आसान

अलीबाबा की भूमिका मुझसे बहुत मिलती है, मैंने इसके नैरेशन सुनते ही माँ को कह दिया था कि ये मैं ही हूँ. ये मेरा विश्वास रहा है और मैं इसे कर पाया है.इसके अलावा अली के 5 बच्चे है और वह एक अनाथालय को चलता है. इसे लेकर मेर विजन था, कृष्णा शो के बाद मेरा हेल्थ काफी ख़राब हो गया था. वेट को बढ़ाना पड़ा, क्योंकि बाबा शब्द नाम के साथ जुड़ते ही एक जिम्मेदारी आती है और मैं वैसा दिखना भी चाहता था. चरित्र के अनुसार मैंने अपने हाव-भाव, चाल-चलन पर काफी कामकिया है. ये सब मैं रात को आईने के सामने खड़े होकर प्रैक्टिस करता था. उर्दू मैं जानता हूँ, क्योंकि घर में बोली जाती है.

ड्रीम

आगे शीजान का कहना है कि मेरी ड्रीम डायरेक्टर संजय लीला भंसाली है और ये मैं दिल से उनके साथ काम करना चाहता हूँ, क्योंकि वे एक कलाकार को पूरी तरह से निखार देते है. एक्ट्रेस अदिति पोहनकर के साथ अभिनय की इच्छा है. बचपन से मुझे फिल्में देखने का बहुत शौक है, कभी एक्टर तो कभी डायरेक्टर की नजरिये से फिल्में देखता हूँ. बहुत अधिक एन्जॉय मैं शाहरुख़ खान की फिल्मों को करता हूँ. बचपन से मैं उनकी फिल्में देख रहा हूँ.

रिजेक्शन है आवश्यक

समय मिलने पर शीजान सोते है और घरवालों के साथ समय बिताते है. रिजेक्शन का सामना उन्हें भी बहुत बार करना पड़ा , लेकिन उससे उनकी कमजोरी पता चला और उन्होंने उसपर काम किया और खुद को सुधारा. उन्हें कई बार लगा कि ये भूमिका उन्हें मिलेगी, लेकिन नहीं मिली, पर वे मायूस नहीं हुए,उन्होंने अपनी माँ की बात याद की, जो कहा करती है कि कुछ न मिलने पर मायूस न हो, बल्कि आगे कुछ अच्छा उन्हें मिलेगा. ये बातें शीजान को सुकून देती है.

दिया सन्देश

रियल लाइफ में शीजान हंसमुख है, वे किसी से कहासुनी पसंद नहीं करते, खाने-पीने के शौक़ीन है. उन्हें समुद्री बीच बहुत पसंद है और एक गिटार के साथ पूरी जिंदगी बिता सकते है. आटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए कुछ सोशल वर्क करना चाहते है, ताकि वे बच्चे जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें. पेरेंट्स का सहारा उन्हें जरुरी न हो.

शीजान कहते है कि सपने पूरे करने में पेरेंट्स का सहयोग हमेशा जरुरी है. मुंबई किस्मत बनाती या बिगाडती है, इसलिए शोर्टकट न अपनाएं. पूरी धैर्य, मेहनत और लगन ही किसी को सफलता दिला सकती है.

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