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Winter Special: फैमिली के लिए नाश्ते में बनाएं सुरती लोचा

प्रत्येक सुबह नाश्ते की समस्या से हर गृहिणी को दो चार होना ही  पड़ता है. त्यौहारी सीजन भी समाप्त हो चुका है. जिंदगी अब पुनः पुराने ढर्रे पर लौट चली है. त्योहारों के समय चिकने और मिर्च मसालेदार हैवी नाश्ता और भोजन की अपेक्षा अब  सादा और हैल्दी भोजन और नाश्ता खाने का मन करने लगता है. आज हम आपको ऐसे ही एक हैल्दी नाश्ते को बनाना बता रहे हैं जिसे आप घर की उपलब्ध सामग्री से ही बड़ी आसानी से बना सकते हैं साथ ही इसे बच्चों के टेस्ट के अनुसार ट्विस्ट करके आप उन्हें भी खाने को दे सकते हैं. यही नहीं अपने स्वादानुसार आप विभिन्न तरीकों से इसे सर्व भी कर सकतीं हैं तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है-

कितने लोगों के लिए              8

बनने में लगने वाला समय        30 मिनट

मील टाइप                            वेज

सामग्री

चना दाल                     1 कप

धुली उडद दाल             1 टेबलस्पून

चावल                          1 टेबलस्पून

पोहा                            1 टेबलस्पून

ताजा दही                     1 टेबलस्पून

बेसन                            1 टेबलस्पून

अदरक  पेस्ट                   1 टीस्पून

हरी मिर्च पेस्ट                  1 टीस्पून

हींग                               1/4 टीस्पून

नमक                              1 टीस्पून

ईनो फ्रूट साल्ट                 1 सैशे

मूंगफली तेल                    1 टीस्पून

विधि

उडद, चना दाल और चावल को दो तीन बार अच्छी तरह धोकर रात भर के लिए भिगोकर रख दें. सुबह इनका पानी अलग कर दें. इन्हें पीसने से आधे घण्टे पहले पोहे को भी भिगो दें. अब दाल और चावल को दरदरा मिक्सी में पीस लें. जब यह लगभग दरदरा सा हो जाये तो बेसन, पोहा और दही डालकर पीस लें. अब इसे एक एयरटाइट कंटेनर में रखकर 8-9 घण्टे के लिए फर्मेंट होने के लिए रख दें.जब मिश्रण में खमीर उठ जाए तो इसमें अदरक, हरी मिर्च पेस्ट, हींग, तेल, 1कप पानी और नमक डालकर अच्छी तरह चलायें. ध्यान रखें कि मिश्रण न बहुत गाढ़ा और न ही बहुत अधिक पतला हो.  2 थालियों में चिकनाई लगाकर तैयार मिश्रण को डाल दें. अब एक कढ़ाई या भगौने में पानी गर्म होने रखें और उसके ऊपर थाली रखकर लोचा को भाप में 10 से 15मिनट तक पकाएं. ठंडा होने पर आप इसे निम्न तरीकों से सर्व कर सकतीं हैं-

-राई,  जीरा, कढ़ी पत्ता,हरी मिर्च और कश्मीरी लाल मिर्च को गर्म तेल में डालकर तड़का लगाएं और तैयार लोचा के ऊपर डालकर सर्व करें.

-गर्म गर्म लोचे के ऊपर चीज किसें और ऊपर से चिली फ्लैक्स और मिक्स हर्ब्स डालकर बच्चों को खाने को दें.

-लोचे के ऊपर खट्टी मीठी चटनी, दही, बारीक सेव, अनार के दाने और कटा प्याज डालकर सर्व कीजिये चाट के स्वाद वाला यह लोचा सभी को बहुत पसंद आएगा.

-लोचे के ऊपर पेरी पेरी मसाला और 1 चम्मच ताजा दही डालकर सर्व करें.

क्वार्टर: क्या हुआ था धीमा के साथ

कुंजू प्रधान को घर आया देख कर धीमा की खुशी का ठिकाना न रहा. धीमा की पत्नी रज्जो ने फौरन बक्से में से नई चादर निकाल कर चारपाई पर बिछा दी. कुंजू प्रधान पालथी मार कर चारपाई पर बैठ गया. ‘‘अरे धीमा, मैं तो तुझे एक खुशखबरी देने चला आया…’’ कुंजू प्रधान ने कहा, ‘‘तेरा सरकारी क्वार्टर निकल आया है, लेकिन उस के बदले में बड़े साहब को कुछ रकम देनी होगी.’’ ‘‘रकम… कितनी रकम देनी होगी?’’ धीमा ने पूछा. ‘‘अरे धीमा… बड़े साहब ने तो बहुत पैसा मांगा था, लेकिन मैं ने तुम्हारी गरीबी और अपना खास आदमी बता कर रकम में कटौती करा ली थी,’’ कुंजू प्रधान ने कहा. ‘‘पर कितनी रकम देनी होगी?’’ धीमा ने दोबारा पूछा. ‘‘यही कोई 5 हजार रुपए,’’ कुंजू प्रधान ने बताया. ‘‘5 हजार रुपए…’’ धीमा ने हैरानी से पूछा, ‘‘इतनी बड़ी रकम मैं कहां से लाऊंगा?’’

‘‘अरे भाई धीमा, तू मेरा खास आदमी है. मुझे प्रधान बनाने के लिए तू ने बहुत दौड़धूप की थी. मैं ने किसी दूसरे का नाम कटवा कर तेरा नाम लिस्ट में डलवा दिया था, ताकि तुझे सरकारी क्वार्टर मिल सके. आगे तेरी मरजी. फिर मत कहना कि कुंजू भाई ने क्वार्टर नहीं दिलाया,’’ कुंजू प्रधान ने कहा. ‘‘लेकिन मैं इतनी बड़ी रकम कहां से लाऊंगा?’’ धीमा ने अपनी बात रखी. ‘‘यह गाय तेरी है…’’ सामने खड़ी गाय को देखते हुए कुंजू ने कहा, ‘‘क्या यह दूध देती है?’’ ‘‘हां, कुंजू भाई, यह मेरी गाय है और दूध भी देती है.’’ ‘‘अरे पगले, यह गाय मुझे दे दे. इसे मैं बड़े साहब की कोठी पर भेज दूंगा. बड़े साहब गायभैंस पालने के बहुत शौकीन हैं. तेरा काम भी हो जाएगा.’’ कुंजू प्रधान की बात सुन कर धीमा ने रज्जो की तरफ देखा, मानो पूछ रहा हो कि क्या गाय दे दूं? रज्जो ने हलका सा सिर हिला कर रजामंदी दे दी.

रज्जो की रजामंदी का इशारा पाते ही कुंजू प्रधान के साथ आए उस के एक चमचे ने फौरन गाय खोल ली. रास्ते में उस चमचे ने कुंजू प्रधान से पूछा, ‘‘यह गाय बड़े साहब की कोठी पर कौन पहुंचाएगा?’’ ‘‘अरे बेवकूफ, गाय मेरे घर ले चल. सुबह ही बीवी कह रही थी कि घर में दूध नहीं है. बच्चे परेशान करते हैं. अब घर का दूध हो जाएगा… समझा?’’ कुंजू प्रधान बोला. ‘‘लेकिन बड़े साहब और क्वार्टर?’’ उस चमचे ने सवाल किया. ‘‘मुझे न तो बड़े साहब से मतलब है और न ही क्वार्टर से. क्वार्टर तो धीमा का पहली लिस्ट में ही आ गया था. यह सब तो ड्रामा था.’’ कुंजू प्रधान दलित था. जब गांव में दलित कोटे की सीट आई, तो उस ने फौरन प्रधानी की दावेदारी ठोंक दी थी, क्योंकि अपनी बिरादरी में वही तो एक था, जो हिंदी में दस्तखत कर लेता था. उधर गांव के पहले प्रधान भगौती ने भी अपने पुराने नौकर लालू, जो दलित था, का परचा भर दिया था, क्योंकि भगौती के कब्जे में काफी गैरकानूनी जमीन थी.

उसे डर था, कहीं नया प्रधान उस जमीन के पट्टे आवंटित न करा दे. इस जमीन के बारे में कुंजू भी अच्छी तरह जानता था, तभी तो उस ने चुनाव प्रचार में यह खबर फैला दी थी कि अगर वह प्रधान बन गया, तो गांव वालों के जमीन के पट्टे बनवा देगा. जब यह खबर भगौती के कानों में पड़ी, तो उस ने फौरन कुंजू को हवेली में बुलवा लिया था, क्योंकि भगौती अच्छी तरह जानता था कि अगला प्रधान कुंजू ही होगा. कुंजू और भगौती में समझौता हो गया था. बदले में भगौती ने कुंजू को 50 हजार रुपए नकद व लालू की दावेदारी वापस ले ली थी. लिहाजा, कुंजू प्रधान बन गया था. आज धीमा के क्वार्टर के लिए नींव की खुदाई होनी थी. रज्जो ने अगरबत्ती जलाई, पूजा की. धीमा ने लड्डू बांट कर खुदाई शुरू करा दी थी. नकेलु फावड़े से खुदाई कर रहा था, तभी ‘खट’ की आवाज हुई. नकेलु ने फौरन फावड़ा रोक दिया.

फिर अगले पल कुछ सोच कर उस ने दोबारा उसी जगह पर फावड़ा मारा, तो फिर वही ‘खट’ की आवाज आई. ‘‘कुछ है धीमा भाई…’’ नकेलु फुसफुसाया, ‘‘शायद खजाना है.’’ नकेलु की आंखों में चमक देख कर धीमा मुसकराया और बोला, ‘‘कुछ होगा तो देखा जाएगा. तू खोद.’’ ‘‘नहीं धीमा भाई, शायद खजाना है. रात में खोदेंगे, किसी को पता नहीं चलेगा. अपनी सारी गरीबी खत्म हो जाएगी,’’ नकेलु ने कहा. ‘‘कुछ नहीं है नकेलु, तू नींव खोद. जो होगा देखा जाएगा.’’ नकेलु ने फिर फावड़ा मारा. जमीन के अंदर से एक बड़ा सा पत्थर निकला. पत्थर पर एक आकृति उभरी हुई थी. ‘‘अरे, यह तो किसी देवी की मूर्ति लगती है,’’ सड़क से गुजरते नन्हे ने कहा. फिर क्या था. मूर्ति वाली खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई और वहां पर अच्छीखासी भीड़ जुट गई. ‘‘अरे, यह तो किसी देवी की मूर्ति है…’’ नदंन पंडित ने कहा, ‘‘देवी की मूर्ति धोने के लिए कुछ ले आओ.’’ नदंन पंडित की बात का फौरन पालन हुआ. जुगनू पानी की बालटी ले आया. बालटी में पानी देख कर नदंन पंडित चिल्लाया, ‘‘अरे बेवकूफ, पानी नहीं गाय का दूध ले कर आ.’’ नदंन पंडित का इतना कहना था कि जिस के घर पर जितना गाय का दूध था, फौरन उतना ही ले आया. गांव में नदंन पंडित की बहुत बुरी हालत थी.

उस की धर्म की दुकान बिलकुल नहीं चलती थी. आज से उन्हें अपना भविष्य संवरता लग रहा था. नंदन पंडित ने मूर्ति को दूध से अच्छी तरह से धोया, फिर मूर्ति को जमीन पर गमछा बिछा कर 2 ईंटों की टेक लगा कर रख दिया. उस के बाद 10 रुपए का एक नोट रख कर माथा टेक दिया. इस के बाद नंदन पंडित मुुंह में कोई मंत्र बुदबुदाने लग गया था. लेकिन उस की नजर गमछे पर रखे नोटों पर टिकी थी. गांव वाले बारीबारी से वहां माथा टेक रहे थे. धीमा और रज्जो यह सब बड़ी हैरानी से देख रहे थे. उन की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि अब क्या होगा. ‘‘यह देवी की जगह है, यहां पर मंदिर बनना चाहिए,’’ भीड़ में से कोई बोला. ‘हांहां, मंदिर बनना चाहिए,’ समर्थन में कई आवाजें एकसाथ उभरीं. दूसरे दिन कुंजू प्रधान के यहां सभा हुई. सभा में पूरे गांव वालों ने मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा और आखिर में यही तय हुआ कि मंदिर वहीं बनेगा, जहां मूर्ति निकली है और धीमा को कोई दूसरी जगह दे दी जाएगी. धीमा को गांव के बाहर थोड़ी सी जमीन दे दी गई, जहां वह फूंस की झोंपड़ी डाल कर रहने लगा था.

धीमा अब तक अच्छी तरह समझ चुका था कि सरकारी क्वार्टर के चक्कर में उस की पुश्तैनी जमीन भी हाथ से निकल चुकी है. मंदिर बनने का काम इतनी तेजी से चला कि जल्दी ही मंदिर बन गया. गांव वालों ने बढ़चढ़ कर चंदा दिया था. आज मंदिर में भंडारा था. कई दिनों से पूजापाठ हो रहा था. नंदन पंडित अच्छी तरह से मंदिर पर काबिज हो चुका था. खुले आसमान के नीचे फूंस की झोंपड़ी के नीचे बैठा धीमा अपने बच्चों को सीने से लगाए बुदबुदाए जा रहा था, ‘‘वाह रे ऊपर वाले, इनसान की जमीन पर इनसान का कब्जा तो सुना था, मगर कोई यह तो बताए कि जब ऊपर वाला ही इनसान की जमीन पर कब्जा कर ले, तो फरियाद किस से करें?’’

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5 Tips: अच्छे पेरेंट्स बनने के गुर

कई बार ऐसा होता है कि आप अपने किसी मित्र या रिश्तेदार के बच्चे से पहली बार मिलती हैं. किसी ने आप को बताया नहीं होता है कि यह फलां का बच्चा है, लेकिन उस की आदतें और आचारव्यवहार देखते ही आप समझ जाती हैं कि यह फलां का बच्चा है. सच तो यह है कि बच्चे पर उस के पेरैंट्स की पूरी छाप होती है. जीवन के प्रति उस के नजरिए में उस के पेरैंट्स की झलक दिखती है. इसलिए अगर आप चाहती हैं कि आप का बच्चा आइडियल बने, तो इस के लिए आप को भी आइडियल बनना होगा. मतलब यह कि आप को अपने बच्चे से वैसा ही व्यवहार करना होगा जैसा आप बच्चे से अपेक्षा करती हैं.

रिलेशनशिप काउंसलर डा. निशा खन्ना के अनुसार, पेरैंट्स और बच्चे का संबंध बेहद संवेदनशील होता है. इस में जरा सी भी चूक दोनों के संबंध में दरार डालने के लिए काफी है. आप का संयमित और समझदारी भरा व्यवहार आप के बच्चे के विकास को प्रभावित करता है. अगर आप जिंदगी को ले कर सकारात्मक सोच रखती हैं, तो आप का बच्चा भी वैसा ही होगा, लेकिन अगर आप की आदत हर बात में नुक्ताचीनी करने की है और अगर आप बिना बात अपने साथी के या परिवार के किसी भी सदस्य के साथ उलझ जाती हैं, तो यकीनन आप का बच्चा भी झगड़ालू किस्म का होगा. सच तो यह है कि बच्चा अपने पेरैंट्स में ही अपना आइडियल देखता है. अगर लड़का है, तो वह अपने पिता की तरह बनना चाहता है और लड़की में स्वत: ही उस की मां के गुण आ जाते हैं. इसलिए आप जिस तरह का व्यवहार अपने बच्चे से चाहती हैं आप को भी घर का माहौल वैसा ही बना कर रखना होगा, उसी तरह का व्यवहार अपने बच्चे और दूसरे लोगों के साथ रखना होगा.

1. तूतू मैंमैं न बाबा न

अगर आप की आदत छोटी से छोटी बात का भी तिल से ताड़ बनाने की है, तो पेरैंट्स बनने के बाद अपनी इस आदत को छोड़ देना ही श्रेयस्कर है. अपने जीवनसाथी और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ जराजरा सी बात पर तकरार करने की आदत को छोड़ कर आपसी संबंधों में प्रेम और दोस्ती का भाव रखें ताकि आप का बच्चा भी समाज में और परिवार में संयमित व्यवहार करना सीखे.

2. मैं ही सही हूं

आमतौर पर बहुत से पेरैंट्स की यह आदत होती है कि वे सोचते हैं कि वे जो कर रहे हैं, वही सही है. अगर आप की सोच भी इस तरह की है, तो उसे बदल डालिए, क्योंकि सच तो यह है कि कोई भी व्यक्ति परफैक्ट नहीं होता है. सभी में कोई न कोई कमी होती है. अगर आप में अपनी गलती को स्वीकार करने की क्षमता नहीं है, तो यकीन मानिए आप का बच्चा भी अपनी गलत बात को सही साबित करने की कोशिश करेगा. इस तरह की सोच से वह दूसरों की बातों को अहमियत देना नहीं सीख पाएगा, जो आगे चल कर उस के हित में नहीं होगा.

3. मेरे पेरैंट्स ने तो इतनी ढील नहीं दी

बहुत सारे पेरैंट्स अपनी तुलना अपने बच्चों से करते हैं. उन की आदत होती है कि वे हर बात को अपने साथ अपने मातापिता द्वारा किए हुए व्यवहार से आंकते हैं. अगर आप के पेरैंट्स ने आप को कोई काम करने की आजादी नहीं दी तो इस का यह अर्थ नहीं है कि आप भी अपने बच्चे को स्पेस न दें. अब पहले का जमाना नहीं रह गया है, जिस में बच्चे अपने पेरैंट्स की सहीगलत सारी बातें मानते थे. अपने बच्चे से सही संबंध बनाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप समयसमय पर उस के साथ दोस्त की तरह पेश आएं. अनुशासन रखें, लेकिन साथ ही उसे अपनी तरह सोचने और अपनी भावनाओं को जाहिर करने की आजादी भी दें.

4. बच्चों को दें क्वालिटी लव की सीख

आमतौर पर पतिपत्नी के बीच तकरार का एक मुख्य कारण बच्चा हो जाने के बाद पत्नी का पति की तरफ से उदासीन हो जाना भी होता है. बहुत सारे पेरैंट्स ऐसा सोचते हैं कि मांबाप बन जाने के बाद उन के बीच का प्यार खत्म हो गया है. अब उन्हें एकदूसरे के साथ कहीं घूमने जाने या फिर एकदूसरे से प्यार जताने की जरूरत नहीं है. इस तरह की सोच बिलकुल गलत है. सच तो यह है कि पेरैंट्स बनने के बाद आप की बौंडिंग और गहरी हो जाती है. आप को एकदूसरे से अपने प्यार को जाहिर करते रहने की जरूरत है ताकि आप का बच्चा आप से यह सीखे कि अपने जीवनसाथी को किस तरह से प्यार करना है, उस की जरूरतों का किस तरह ध्यान रखना है, उसे कैसे सम्मान देना है. इस तरह से जब आप का बच्चा बड़ा होने के बाद आप की भूमिका में उतरेगा, तो वह संबंधों में तालमेल बैठा कर अपने जीवन को बेहतर तरीके से जी पाएगा.

5. एकदूसरे का सम्मान करें

पतिपत्नी के संबंधों को सुचारु रूप से चलाने के लिए बेहद जरूरी है कि वे एकदूसरे की भावनाओं का खयाल रखें और एकदूसरे का सम्मान करें. चाहे आप कितने भी गुस्से में क्यों न हों अपने बच्चे के सामने भूल कर भी अपने जीवनसाथी से ऊंची आवाज में और अभद्र भाषा में बातचीत न करें, क्योंकि आप जिस तरह का व्यवहार करते हैं आप का बच्चा भी उसी तरह का व्यवहार करता है. अगर आप दोनों एकदूसरे का सम्मान करेंगे और एकदूसरे की भावनाओं का खयाल रखेंगे, तो बच्चे में भी वही सोच विकसित होगी.      

इन 11 कारण से ना करें सफेद बालों के साथ छेड़छाड़

जब सबसे पहले हमारे सफेद बाल आते हैं तो हमारा सबसे पहला कदम क्या होता है, शायद नहीं पता. क्या इन्हें तोड़ें या नहीं? क्या ये डाई से छुप जाएँगे? क्या प्राकृतिक डाई ठीक रहेगी या सिंथेटिक? कई प्रश्न दिमाग में होते हैं जिनका कोई जवाब नहीं होता!

कई चीजें है जो आपको करनी चाहिए और कई चीजें नहीं. हम आपको ऐसी ही चीज बताएंगे जो आपको नहीं करनी चाहिए! आप क्या सोचते हैं की ढक्कन खोला, डाई लगाई और बाल छिप गए. लेकिन ऐसा नहीं है. सफेद बाल घने और मोटे होते हैं, इससे इनको छिपाना मुश्किल हो जाता है, सफेद बाल किससे पैदा होते हैं? जब नए बाल बढ़ते हैं तो पिग्मेंट पैदा करने वाली कोशिकाएं मेलानोंसाइट्स बालों को रंग प्रदान करती हैं. समय के साथ, शरीर में मेलेनिन बनना कम हो जाता है, जिससे सफेद बाल पैदा होते हैं. असमय सफेद होते हुए बालों को रोकने का आयुर्वेदिक उपचार हालांकि शरीर में पिग्मेंट का लेवल आनुवांशिक कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन कई बाहरी तत्व जैसे कि हार्मोन्स का असंतुलन, तनाव, असंतुलित आहार आदि कई कारण हैं जो इसके लेवल को प्रभावित करते हैं.

इसलिए, आइये देखते हैं कि ऐसी चीजें जो आपको सफेद बालों से नहीं करनी चाहिए.

1. बालों को नहीं तोड़ें

बालों को उखाड़ने से ज्यादा बाल सफेद नहीं होते. फिर भी, सफेद बालों की बनावट प्राकृतिक पिग्मेंटिड बालों के बजाय ज्यादा कठोर होती है. और जब आप इन्हें उखाड़ते हैं तो इसकी जगह सफेद बाल ही उगता है जैसा की पहले था. इसलिए अच्छा है इन्हें उखाड़े नहीं.

2. सफेद बालों को नजरअंदाज ना करें

अपने सफेद बालों को नजरअंदाज ना करें. आपके सिर पर पिग्मेंटिड हेयर्स आनुवांशिक संरचना पर निर्भर करता है. कई बार, यह जिंक और आयरन की कमी जैसा ही होता है. इसलिए, इससे पहले कि पूरी खोपड़ी सफेद हो जाये, इसके कारण का पता लगाएं और समय पर समाधान करें.

3. धूम्रपान ना करें

धूम्रपान से शरीर पर उम्र का असर तेजी से होता है. इससे ना केवल मेलेनिन का स्तर कम होता है, बल्कि बाल जड़ों से भी कमजोर होते हैं, शेडिंग खराब होती है, और आप गंजे भी हो सकते हैं. इसलिए अगर अपने बाल प्यारे हैं तो धूम्रपान ना करें.

4. बालों को रोजाना ना धोएं

बालों को रोजाना धोने से बालों का प्राकृतिक ऑयल निकलता है, इससे बाल कमजोर होते हैं और झड़ने लगते हैं. और इससे सफेद बालों पर कोई फर्क नहीं पड़ता. इसलिए, बरसों पुराने तरीके ना अपनाएं और बालों को रोजाना धोने के बजाय सप्ताह में 2 से 3 बार धोएं.

5. आमोनिया डाई इस्तेमाल ना करें

आमोनिया मिश्रित डाई बालों में ना लगाएं. इससे आपको थोड़े समय तो आराम मिल जाएगा, लेकिन आगे जाकर बालों के रोम कमजोर हो जाएँगे और बाल झड़ना शुरू हो जाएंगे. इसलिए इसके बजाय ओर्गेनिक डाई काम में लें.

जब आपके सफेद बाल हों तो यह जरूरी है कि आप इनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें

6. समय पर कटिंग लेना ना छोड़ें

जब आपके सफेद बाल हों तो यह जरूरी है कि आप इनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें और इन्हें चिकने रखें. इससे आपके सफेद बाल कम चमकेंगे. इसलिए, 6 से 8 सप्ताह में बाल छोटे करते रहें.

7. एक ही शैम्पू काम में ना लें

एक ही शैम्पू ज्यादा समय तक काम में ना लें. बालों का रंग और बनावट में बदलाव यह दर्शाता है कि आपको बदलाव की जरूरत है, इसलिए, ऐसा प्रॉडक्ट इस्तेमाल करें जो सफेद बालों के हिसाब से बना हो.

8. नींबू से धोएं

कई बार घरेलू नुस्खें अच्छे कारगर साबित होते हैं. जैसे 2 कप गरम पानी में एक चौथाई कप नींबू का रस डालें. शैम्पू करने के बाद अपने बालों को इससे धोएं. साइट्रिक एसिड सफेद बालों में वापस रंग लता है.

9. प्रोटीन से समझौता ना करें

जो आप खाते हैं उसका आपके बालों और त्वचा पर असर होता है. विटामिन बी आपके बालों को लंबी उम्र देने में लाभकारी है. इसलिए पतला मांस, अंडे, कुरकुरी सब्जियाँ खाएं जिससे कि बाल काले, घने और चमकदार बनें.

10. एल्कोहल मिश्रित उत्पादों का इस्तेमाल ना करें

सफेद बालों से छुटकारा पाने का यह भी एक तरीका है. सफेद बाल मोटे और कठोर होते हैं, और एल्कोहल उत्पाद इन्हें ज्यादा घुंघराले और सूखे बनाते हैं. इसलिए ऐसे प्रोडक्टस का इस्तेमाल कर बालों को भारी ना बनाएँ. इन्हें हल्के रहने दे, और खुलकर सांस लेने दें.

11. कलर करने से पहले रिसर्च करें

यदि आपने बालों के कलर करने के बारे में सोचा है तो थोड़ा समय देकर रिसर्च करें. आपका निर्णय 3 मुख्य बातों पर आधारित होना चाहिए, कौन-कौन से कलर विकल्प उपलब्ध हैं, किस तरह की देखभाल की आवश्यकता है, और कलर कब तक रहेगा.

डस्की स्किन के लिए कौनसी लिपस्टिक लगानी चाहिए?

सवाल-

मेरा रंग डार्क है. मु झे किस  रंग की लिपस्टिक लगानी चाहिए, जो मु झ पर सूट करे?

जवाब-

हमें लगता है कि अगर रंग डार्क हो तो लाइट कलर की लिपस्टिक लगानी चाहिए, मगर ऐसा नहीं है. अगर आप का रंग डार्क है तो आप को डार्क कलर की लिपस्टिक ज्यादा सूट करेगी जैसेकि मैरून, डार्क ब्राउन, मोव पर्पल आदि  अच्छे लगेंगे. कोका कोला, डीप ब्राउन, चेरी रैड, डीप रैड और पल्म शेड भी बहुत सूट करेगा.

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खूबसूरत दिखने के लिए सब से जरूरी है स्वस्थ, चमकती स्किन न कि गोरा रंग. चमकती स्किन के लिए स्वस्थ जीवनशैली और खानपान, अच्छा स्वास्थ्य, गहरी नींद और मन की शांति जरूरी है.

आइए, जानें आश्मीन मुंजाल से सावंली सूरत के लिए मेकअप टिप्स:

– सब से पहले यह देखें कि आप के चेहरे पर अनचाहे बाल न रह जाएं. आइब्रोज, अपर लिप्स, लोअर लिप्स, फोरहैड, चीकबोन जैसी जगहों पर आने वाले अनचाहे बालों को साफ रखें. जरूरी लगे तो उन्हें कंसील कर लें ताकि आप का लुक उभर कर सामने आए.

– अब मेकअप शुरू करें. स्किन टोन के साथ स्किन टैक्सचर का भी ध्यान रखें. सब से पहले एक अच्छे प्राइमर के साथ शुरुआत करें. यदि स्किन में ड्राइनैस, पैचीनैस या अनइवननैस है तो ब्यूटी बाम का प्रयोग कर सकती हैं.

– प्राइमर के बाद फाउंडेशन लगाएं. (स्किन टाइप और जरूरत के हिसाब से फाउंडेशन ग्लौसी, जैल बेस्ड, एचडी या सिलीकौन लें) ध्यान रखें कि फाउंडेशन सेम स्किन टोन का ही लें. डस्की स्किन पर थोड़े भी फेयर टोन के फाउंडेशन का प्रयोग किया जाए तो स्किन चोक्ड और व्हाइट लगने लगती है.

– कंटूरिंग भी डस्की स्किन मेकअप में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अपने चेहरे के उभारों को हाईलाइट करें और गड्ढों को भरें. इस से स्किन इवन और अट्रैक्टिव नजर आती है.

– बेस, फाउंडेशन, कंटूरिंग और ब्लशऔन के बाद लिप मेकअप करें. डस्की स्किन में लिप मेकअप के लिए ब्राउन, मरून, रैड और चैरी रैड जैसे अर्थी कलर्स या फिर कोरल कलर्स का प्रयोग करें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- डस्की स्किन के लिए ट्राय करें मेकअप टिप्स

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

सिल्क मार्क: उपभोक्ता संरक्षण और सिल्क हितधारकों को सशक्त बनाना

रेशम कीड़ों से बना सिल्क एक नेचुरल फाइबर है. सिल्क अपनी प्राकृतिक चमक, कोमल एवं मुलायम बनावट, मज़बूती, लचीलापन, पहनने में आसानी, अवशोषण, उष्णता जैसे गुणों के कारण वस्त्रों की रानी के रूप में जाना जाता है.

भारत सिल्क का दुनियाभर में सबसे बड़े उपभोक्ता और दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. सिल्क हमारे देश के सामाजिक ताने-बाने से जुड़ा हुआ है. यह शादियों, उत्सवों और समारोहों जैसे हर शुभ अवसर का एक जरुरी हिस्सा बन गया है. सिल्क की साड़ियां खरीदने और पहनने में हर भारतीय महिला को गर्व का एहसास होता है.

सिल्क की इस ज्यादा मांग ने उसकी मूल्य श्रृंखला में विकृतियों और मिलावट की घटनाओं को भी जन्म दिया है. नायलॉन, रेयान, पॉलिएस्टर आदि एक से दिखने वाले रेशों की मिलावट से बना कपड़ा शुद्ध सिल्क का बताकर बेचा जाता है जिसकी कीमत शुद्ध सिल्क की कीमत का सिर्फ 10% ही होता है. वहीं उपभोक्ताओं के लिए इन मिलावटी और शुद्ध सिल्क में फर्क पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह बिलकुल शुद्ध सिल्क जैसा ही दीखता है.

यह मिलावट न केवल सिल्क प्रेमी ग्राहकों को शुद्ध सिल्क से वंचित करता है बल्कि उनकी मेहनत की कमाई की भी हानि होती है. साथ ही, जब शुद्ध सिल्क के नाम पर एक मिलावटी प्रोडक्ट बेचा जाता है, तो सिल्क प्रोडक्शन में काम करने वाले लोगों की आजीविका पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.

इस मिलावट को खत्म करने और सिल्क उद्योग में शामिल किसानों, धागाकरों, बुनकरों, शिल्पकारों और व्यापारियों की आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए वस्त्र मंत्रालय के अधीन केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा भारतीय रेशम मार्क संगठन (एसएमओआई) की स्थापना की गई. एसएमओआई के मुख्य उद्देश्य हैं उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना, सिल्क उद्योग में जुड़े हितधारकों का समर्थन करना और भारतीय सिल्क को बढ़ावा देना.

एसएमओआई ने 2004 में रेशम की शुद्धता के लिए दुनिया का पहला और एकमात्र लेबल – “सिल्क मार्क लेबल” पेश किया. यह शुद्ध रेशम के लिए एकमात्र आश्वासन है. इसे काफी जांच पड़ताल के बाद ही 100% शुद्ध सिल्क उत्पादों पर चिपकाया जाता है. 100% शुद्ध सिल्क उत्पाद वह है जिसमें बेस फैब्रिक, ताना और बाना दोनों, प्राकृतिक सिल्क की 4 किस्मों में से किसी एक से बना होता है, जैसे कि शहतूत, तसर, एरी और मुगा सिल्क.

कोई भी सिल्क धागाकार, सिल्क बुनकर, सिल्क ट्रेडर, सिल्क एक्सपोर्टर, सिल्क वीविंग कोऑपरेटिव सोसाइटी और सिल्क ट्रेडिंग कॉरपोरेट फर्म, एसएमओआई का अधिकृत सदस्य बन सकता है और उसके बाद ही 100% शुद्ध सिल्क उत्पादों पर सिल्क मार्क लेबल का उपयोग कर सकता है.

यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हम हमेशा सिल्क मार्क लेबल के साथ 100% शुद्ध रेशम ही खरीदें और रेशम उद्योग में शामिल देश भर के लगभग एक करोड़ किसानों, धागाकारों, बुनकरों और शिल्पकारों की आजीविका का समर्थन करें और हमारे इतिहास के इस सुनहरे रेशमी उपहार को संरक्षित करे.

अपने नजदीकी सिल्क मार्क अधिकृत स्टोर का पता लगाएं: www.silkmarkindia.com/index.php/customsearch

ज्यादा जानकारी के लिए कृप्या इस वेबसाइट पर जाएं – www.silkmarkindia.com

Bigg Boss 16 Promo: प्रियंका पर भड़के शालीन, ‘औकात’ पर पहुंची बात  

कलर्स के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 16’ (Bigg Boss 16) की लड़ाईयां एक बार फिर चर्चा में हैं. जहां हाल ही में राशन कुर्बान करके कैप्टन बनें कंटेस्टेंट गौतम विज के खिलाफ पूरा घर हो गया है तो वहीं अपकमिंग एपिसोड में शालीन भनोट की चिकन डिमांड पर घरवालों का गुस्सा फूटने वाला है. आइए आपको दिखाते हैं बिग बॉस 16 के प्रोमो (Bigg Boss 16 Latest Promo) की झलक…

औकात पर पहुंची बात

 

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हाल ही में मेकर्स ने शो का नया प्रोमो रिलीज कर दिया है, जिसमें शालीन भानोट और उड़ारियां एक्ट्रेस प्रियंका चहर चौधरी के बीच जमकर बहस होती दिख रही है. दरअसल, राशन छीनने के बाद शालीन बिग बॉस से बार-बार चिकन मांगते नजर आए थे, जिसके बाद बिग बॉस ने घरवालों के सामने उनकी खिल्ली उड़ाना शुरु कर दिया. वहीं इस किस्से के बाद अब्दु रोजिक, शालीन की चिकन मांगने की नकल करते हुए दिखे. इस पर घरवाले जहां हंसते नजर आए तो वहीं गुस्से में शालीन भानोट Priyanka Chahar Choudhary पर बरसते दिखे. इसी के साथ बात औकात पर जा पहुंचती हुई नजर आ रही है.

 

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अर्चना-प्रियंका में भी होगी बहस

 

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इतना ही नहीं बल्कि शेखर सुमन के आने पर भी प्रियंका चौधरी की नई लड़ाई शुरु होती दिखने वाली है. दरअसल, प्रियंका और अर्चना गौतम के बीच भी तगड़ी बहस होते हुए नजर आने वाली है, जिसे चलते प्रियंका, अर्चना को सबक सिखाने की बात कहती दिखेंगी.

 

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भूख हड़ताल में बैठे साजिद

लेटेस्ट एपिसोड की बात करें तो गौतम के पूरे घर का राशन देकर कैप्टन बनने के बाद साजिद का गुस्सा बढता हुआ नजर आया. जहां एक तरफ वह गौतम के साथ गाली गलौज करते दिखे तो वहीं शिव, एमसी स्टैन, गोरी और अब्दू के साथ मिलकर वह भूख हड़ताल का सहारा लेते हुए दिखे. हालांकि बिग बॉस ने एक सीक्रेट टास्क के जरिए उनकी भूख हड़ताल को खत्म किया.

GHKKPM: विराट से परेशान हुए सई के फैंस, ट्रोल कर कही ये बात

सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी के चलते मेकर्स को कई बार ट्रोलिंग का सामना करना पड़ चुका है. वहीं सीरियल के सितारे भी ट्रोलिंग से बच नहीं पाए हैं. पाखी के रोल में एक्ट्रेस ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma Aka Pakhi) के बाद उनके औफस्क्रीन पति यानी विराट के रोल में नजर आने वाले एक्टर नील भट्ट (Neil Bhatt Aka Virat) ट्रोलिंग का शिकार हो गए हैं और सई के फैंस उनसे शो छोड़ने की बात करते दिख रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला…

इस सीन को देख भड़के फैंस

अब तक आपने देखा कि सीरियल में जगताप के पिता च्वहाण हाउस में जाकर सई के चरित्र पर उंगली उठाते हैं, जिस पर विराट को गुस्सा आ जाता है और वह सई से मिलकर उसके और जगताप के रिश्ते पर सवाल उठाता है. हालांकि सई का पारा बढ़ जाता है और वह विराट को जमकर खरीखोटी सुनाती है. इस सीन को देखकर  सई के फैंस जहां खुश हो रहे हैं तो वहीं विराट के किरदार को मारने की बात कहते दिख रहे हैं. इसके अलावा फैंस विराट के रोल में नजर आने वाले एक्टर नील भट्ट से गुजारिश कर रहे हैं कि वह शो छोड़ दें और हो सके तो उनकी वाइफ ऐश्वर्या शर्मा यानी पाखी को भी साथ में ले जाएं.

जगताप की हुई तारीफ  

सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक को देखकर जहां विराट ट्रोल रहा है तो वहीं जगताप के सई के लिए प्यार की फैंस तारीफ कर रहे हैं. दरअसल, हाल ही में जगताप, सई को मनाते हुए नजर आया था, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा, हाल ही में विराट को सवि के पिता होने का सच बताने के लिए भी फैंस बेहद खुश हैं.

बता दें, ‘गुम है किसी के प्यार में’ के अपकमिंग एपिसोड में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin Upcoming Episode) सवि के पिता होने का सच जानने के बाद विराट अपनी बेटी को पाने की कोशिश करेगा. वहीं खबरों की मानें तो इसी बीच विराट को जेल भी जाना पड़ सकता है.

रोज शैंपू करने से कहीं बाल झड़ने न लग जाएं, बताएं मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं वर्किंग वूमन हूं और आजकल बारिश में जाने से बाल गीले हो जाते हैं. सम झ नहीं आता कि उन्हें रोज शैंपू करूं या नहीं. डर लगता है कि रोज शैंपू करने से कहीं बाल झड़ने न लग जाएं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

जब भी आप आप के बाल गीले हों उन्हें सिर्फ सुखाने से बालों के झड़ने के चांसेज रहते हैं. बैटर होता है कि आप शैंपू कर लें. रोजरोज शैंपू करने की जरूरत पड़ती है तो आप कोई माइल्ड शैंपू इस्तेमाल करें क्योंकि धूलमिट्टी और औयल आप की स्कैल्प में पहले से रहता है. जैसे ही सिर में पानी पड़ता है तो वह धूलमिट्टी आप के सिर में जम जाती है और इन्फैक्शन या डैंड्रफ का खतरा रहता है. इसलिए बालों के गीले होने के बाद उन्हें सुखाना नहीं बल्कि शैंपू करना जरूरी होता है.

ये भी पढ़ें- 

आज के समय में चारों तरफ इतना प्रदूषण बढ़ गया है कि सेहत के साथ-साथ स्वास्थ्य और सौंदर्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खाने-पीने की समस्याओं की बात करें तो हम कुछ भी खाकर अपनी भूख तो मिटा लेते हैं. लेकिन वो खाना स्वास्थ्य के लिए सही है या गलत इस बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते हैं. जिसके कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं.

पोषक तत्वों की कमी से शरीर का हार्मोनिक संतुलन बिगड़ जाता है. जिसके कारण बालों संबंधी कई समस्या हो जाती है. जिससे बालों का झड़ना और रुसी होना आम समस्या है. यह हर दूसरे व्यक्ति की समस्या है. इससे निजात पाने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं कि इस समस्या से निजात पा लें. हम कई तरह के शैंपू भी इस्तेमाल करते हैं.

ऐसा नहीं है कि यह समस्या केवल महिलाओं को हो बल्कि पुरुष भी समस्या से बच नहीं पाए हैं. जिसके कारण पुरुष भी अपने बालों पर अधिक ध्यान देते हैं. कई लोग बाल गिरने के कारण इतने परेशान हो जाते हैं कि तनाव में आ जाते हैं.

इसी समस्या के कारण हम अधिक समय तक एक शैंपू का इस्तेमाल नहीं करते हैं. जिसके कारण ये समस्या और बढ़ जाती है. कई बार हम शैंपू करते समय ऐसी गलतियां कर देते है जो कि हमारे बालों के लिए हानिकारक साबित होती हैं. साथ ही सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती हैं.  जानिए ऐसी कौन सी गलतियां है जो शैंपू करते समय कभी नहीं करनी चाहिए.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- शैंपू करते समय न करें ये गलतियां

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

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