करवाचौथ: परंपरा के नाम पर यह कैसा अंधविश्वास

आजकल महिलाओं के बीच दशहरादीवाली से ज्यादा करवाचौथ के चर्चे हैं. ज्यादातर विवाहित और अविवाहितों ने अभी से ही 1-2 दिनों की छुट्टियां लेने का मन बना लिया है.

कहते हैं, करवाचौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं और इस दिन वे सुबह से रात चांद निकलने तक कुछ नहीं खाती पीती हैं. रात को चांद देखने के बाद पति के हाथों पानी पी कर ही व्रत समाप्त करती हैं.

दक्षिण भारत में ज्यादा प्रचलित क्यों नहीं

आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि करवाचौथ का त्योहार ज्यादातर उत्तर भारत में ही मनाया जाता है. दक्षिण भारत के कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना आदि राज्यों में यह न के बराबर मनाया जाता है.

सवाल है कि जब दक्षिण भारत में इसे नहीं मनाया जाता है फिर वहां के पुरूषों की उम्र उत्तर भारतीयों की अपेक्षा कम होनी चाहिए?

नहीं, बिलकुल नहीं. आपको यह जान कर हैरानी होगी कि दक्षिण भारतीय पुरूषों की उम्र उत्तर भारतीय पुरूषों की तुलना में अधिक होती है और वे यहां के पुरूषों की अपेक्षा स्वस्थ भी होते हैं.

अंधविश्वास की पराकाष्ठा

करवाचौथ को आस्था कहें या अंधविश्वास, सच तो यह है कि यह भी एक गुलाम परंपरा की तरह ही है, जिसकी बेड़ियों में आज भी महिलाएं बंधी हैं.

गुरूग्राम में एक मल्टीनैशनल कंपनी में कार्यरत इंजीनियर संदीप भोनवाल बताते हैं,”यह एक ऐसा त्योहार है, जिस में महिलाएं दिन भर भूखीप्यासी रह कर पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं.

“अगर इस त्योहार को करने से पति स्वस्थ जीवन बिताए और लंबी उम्र का हो जाए तो फिर अस्पतालों में भीङ दिखनी बंद हो जाए. मेरा मानना है कि करवाचौथ का व्रत रखने से पति की आयु लंबी होती हो तो फिर पतियों की उम्र तो सैकड़ों साल लंबी होनी चाहिए.”

संदीप कहते हैं,”पतिपत्नी जीवनरूपी गाङी के 2 पहिए हैं, जिन का साथ एकदूसरे के सुखदुःख में साथ निभाने की होनी चाहिए. गृहस्थ जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पतिपत्नी के बीच आपसी अंडरस्टैंडिंग जरूरी है न कि करवाचौथ का व्रत.”

सिर्फ अंधविश्वास है

समाजसेवी अनिता शर्मा मानती हैं कि इस व्रत की कहानी अंधविश्वासपूर्ण भय उत्पन्न करती है न कि पति की उम्र बढाती है.

वे कहती हैं,”क्या पत्नी के भूखे रहने से पति की लंबी आयु हो सकती है? दरअसल, यह अंधविश्वास और आत्मपीङन की बेडियों में जकङने की एक साजिश है, जिसकी शुरूआत ही महिलाओं को परंपरा के नाम पर शोषित करना है.”

आस्था के नाम पर यह कैसी मानसिकता

धर्म और आस्था के नाम पर महिलाओं पर शुरू से ही अत्याचार किए जाते रहे हैं. पति की लंबी आयु के लिए पत्नी व्रत करेगी, बच्चों की सुखद भविष्य के लिए मां यानी एक महिला व्रत करेगी, वह घर के लिए त्याग करेगी, सब से अंत में खाना खाएगी.

क्या पति अपनी पत्नी के लिए व्रत रखता है? पत्नी की लंबी आयु के लिए समाज में कोई व्रत निर्धारित है?

माना कि नारी प्रकृति की अनमोल कृति है, त्याग की मूर्ति है, कोमल हृदय की है पर क्या यही अपेक्षा पुरूषों से नहीं की जानी चाहिए?

औरत से ही अपेक्षा क्यों

हकीकत तो यह है कि भारतीय समाज सिर्फ एक औरत से ही सब कुछ पाने की उम्मीद करता है पर नारी को आज भी वह सम्मान नहीं मिल पाया  जिस की वह हकदार है.

इस समाज में कुछ आतातायी पुरूष मासूम बच्चियों तक को हवस का शिकार बनाने से नहीं चूकते. क्या उन्हें यह पता नहीं कि उस को शरीर देने वाली उस की माता भी एक औरत है, तो कम से कम औरतों की सम्मान करना तो सीखे.

अच्छा तो यह है कि-

  • पति और पत्नी में जीवनभर सामंजस्य रहे.
  • पति पत्नी पर अत्याचार न करे.
  • पत्नी पर घरेलू हिंसा न हो.
  • पत्नी को घर के सभी लोग सम्मान दें.
  • पति नशा न करे और न ही पत्नी पर कभी हाथ उठाए.
  • पत्नी के सपनों और आजादी को कुचला न जाए.
  • घर के कामकाज में पति पत्नी का हाथ बंटाए.

करवा चौथ 2022: एक्ने से दूर रखेंगे 7 प्रौडक्ट

चेहरा चांद सा चमकता रहे, उस पर एक भी दागधब्बा व एक्ने न हो, ऐसा हर लड़की व महिला चाहती है, मगर यह चाह हर किसी की पूरी नहीं हो पाती है क्योंकि एक तो प्रदूषण व लाइफस्टाइल और दूसरा हमारा स्किन केयर रूटीन हमारे चेहरे पर एक्ने जैसी समस्या को जन्म देता है. वैसे और भी कई कारण हैं एक्ने के, लेकिन कारण कुछ भी हों, एक्ने दिखने में अच्छे नहीं लगते हैं, साथ ही हमारे आत्मविश्वास को भी कम करने का काम करते हैं. ऐसे में जरूरी है एक्ने को ट्रीट करने के लिए सही ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने की. तो आइए जानते हैं इस के बारे में:

1. न्यूट्रोजेना औयल फ्री फेसवाश

यह फेसवाश व क्लींजर एक्ने प्रोन स्किन के लिए काफी अच्छा है क्योंकि इस में है सैलिसिलिक ऐसिड, जो स्किन की आउटर लेयर को क्लीन करने के साथ ही पोर्स में जा कर सीबम को रिमूव करने का भी काम करता है. यह पोर्स को क्लौग होने से भी रोकता है. इस में मौजूद ग्लाइकोलिक ऐसिड, इवन स्किन टोन देने का काम करता है और इस में लाइपोहाइड्रौक्सी ऐसिड स्किन से ऐक्सैस औयल को रिमूव कर के क्लीयर स्किन देने का काम करता है.

इस फेसवाश की खासीयत ये है कि यह सभी स्किन टाइप पर सूट करने के साथसाथ स्किन को हाइड्रेट भी रखता है.

2. काया सैलिसिलिक ऐसिड फेसवाश

यह माइल्ड क्लींजर आप की स्किन को डीप क्लीन कर के एक्ने से रिलीफ पहुंचाने का काम करता है क्योंकि इस में है सैलिसिलिक ऐसिड, जो स्किन को किसी भी तरह का कोई नुकसान पहुंचाए बिना पोर्स को डीप क्लीन करने का काम करता है, जिस से पोर्स में जमी गंदगी, धूलमिट्टी व औयल आसानी से रिमूव हो जाता है, साथ ही यह स्किन को ग्लोइंग भी बनाने का काम करता है. अगर आप को एक्ने फ्री स्किन चाहिए, तो यह फेसवाश कुछ ही हफ्ते में आप की स्किन पर मैजिक इफैक्ट देने का काम करेगा.

3. सोलफ्लौवर ग्रेपसीड औयल

अगर आप एक्ने की समस्या से परेशान हैं और ढेरों ब्यूटी ट्रीटमैंट्स ले कर थक गई हैं तो अब सोलफ्लौवर ग्रेपसीड औयल को अपनी ब्यूटी किट में इन कर लें क्योंकि इस में ऐंटीमाइक्रोबियल प्रौपर्टीज होने के कारण यह एक्ने आउटब्रेक्स को ट्रीट करने के काम आता है क्योंकि जब बैक्टीरिया पोर्स में डीपली घुस कर ब्रेकआउट्स का कारण बनते हैं, तो यह औयल पोर्स को डीप क्लीन कर के आप को एक्ने से रिलीफ पहुंचाने का काम करता है.

यह नौन कौमेडोजेनिक होने के साथ स्किन के लिए परफैक्ट मौइस्चराइजर का काम करता है, साथ ही एक्ने को कम करने के साथ ही चेहरे पर दागधब्बों को भी लाइट कर के क्लीयर व ब्यूटीफुल स्किन देता है.

4. द बौडी शौप, टी ट्री सौल्यूशन

टी ट्री औयल में ऐंटीइनफ्लैमेटरी व ऐंटीमाइक्रोबियल प्रौपर्टीज होने के कारण यह एक्ने को ट्रीट करने के साथसाथ उस के कारण होने वाली रैडनैस, जलन, सूजन को भी कम करने में मदद करता है, साथ ही स्मूद व क्लियर स्किन देने में भी इस का अहम रोल होता है. यह चेहरे से ऐक्स्ट्रा औयल को कम कर के स्किन को फै्रश लुक देता है. इस की 1-2 बूंदें चेहरे पर अप्लाई करने के बाद ही चेहरे पर मैजिक इफैक्ट देने लगती हैं. खास बात ये है कि यह नैचुरल इनग्रीडिऐंट होने के साथसाथ स्किन को सुपर हाइड्रेट रखने का भी काम करता है.

5. ला रोचे पोसे एक्ने फेसवाश

अगर आप को एक्ने व क्लोग पोर्स की समस्या है तो यह जैल फेसवाश आप की स्किन के लिए काफी इफैक्टिव रहेगा क्योंकि इस में है 2.5 पर्सेंट माइक्रोनीजेड बैंडोइल पैरौक्साइड जो स्किन पर जैंटल इफैक्ट देते हुए एक्ने को कंट्रोल करने का काम करता है. इस में होती है बैक्टीरिया को मारने की क्षमता, जो एक्ने के लिए जिम्मेदार होते हैं, साथ ही इस में है ग्लिसरीन जैसा इनग्रीडिऐंट, जो स्किन को हाइड्रेट भी रखता है और स्किन प्रौब्लम को भी ठीक करता है. आप को एक्ने के कारण जो भी चेहरे पर जलन होती है, यह उसे शांत कर के स्किन को कूल डाउन करने में भी मददगर है.

6. एक्ने फ्री स्क्रब ट्रीटमैंट

एक्ने फ्री व ब्लैकहैड्स रिमूविंग स्क्रब, जिस में है चारकोल व 2 पर्सेंट सैलिसिलिक ऐसिड, जो स्किन को ऐक्सफौलिएट करने के साथसाथ पोर्स को अनक्लोग करने का काम करता है. जहां चारकोल की ऐंटीबैक्टीरियल प्रौपर्टीज पोर्स से बैक्टीरिया को रिमूव करने में हैल्प करने के साथ ही कंप्लैक्शन को इम्प्रूव करने में मददगार हैं, वहीं इस में सैलिसिलिक ऐसिड इनग्रीडिऐंट स्किन को माइल्ड तरीके से ऐक्सफौलिएट करने का काम करता है. तो हुआ न एक्ने के लिए यह बैस्ट ट्रीटमैंट.

7. सुपरमड चारकोल मास्क

यह चारकोल मास्क एक्ने स्किन के लिए काफी असरदार माना जाता है क्योंकि इस की स्किन में अब्सौर्बिंग प्रौपर्टीज स्किन में गहराई तक जा कर पोर्स से गंदगी को बाहर निकालने के साथ ही स्किन के नैचुरल औयल को बैलेंस में रखने का भी काम करती हैं. इस में 6 ऐक्सफौलिएटिंग ऐसिड्स और सक्रिय चारकोल की क्षमता होने के कारण यह मुंहासों को कंट्रोल करने के साथ ही पुराने मुंहासों के लिए भी काफी असरदार है.

Top 10 Karvachauth Tips In Hindi: करवाचौथ पर फैशन और मेकअप से जुड़े टिप्स हिंदी में

Karvachauth Fashion And Makeup Tips In Hindi 2022: शादीशुदा महिलाओं के लिए करवाचौथ किसी फेस्टिवल्स से कम नहीं है. इस फेस्टिव मौके पर महिलाएं नई दुल्हन की तरह सज संवर कर अपने पति के लिए तैयार होती है, जिसके लिए वह मेकअप से लेकर इंडियन आउटफिट की ढ़ेर सारी शौपिंग करती हैं. इसीलिए आज गृहशोभा आपके लिए लेकर आया है करवाचौथ के मौके पर टौप 10 Fashion और Makeup Tips, जिसे ट्राय करके आप खुद को Karvachauth के मौके पर नई दुल्हन की तरह सजा सकती हैं और अपने करवाचौथ लुक पर चार चांद लगा सकती हैं. तो पढ़िए Grihshobha की Karvachauth Fashion And Makeup Tips In Hindi 2022.

1. करवा चौथ 2022: Bigg Boss 16 की प्रियंका चौधरी के ये साड़ी और लहंगे के लुक्स करें ट्राय

karvachauth 2022

उड़ारियां सीरियल में तेजो का रोल अदा करने वाली प्रियंका चौधरी सीरियल को अलविदा कहने के बाद बिग बॉस 16 में धमाल मचाती हुई नजर आ रही हैं. वहीं रियलिटी शो में उनकी एक्टर अंकित गुप्ता संग दोस्ती भी फैंस के बीच सुर्खियां बटोर रही हैं. लेकिन आज हम एक्ट्रेस प्रियंका चहर चौधरी के शो की नहीं बल्कि सूट से लेकर साड़ी में उनके लुक्स की झलक आपको दिखाएंगे, जिसे शादीशुदा औरतें ट्राय कर सकती हैं. इन साड़ी से लेकर लहंगे तक, हर लुक्स आपकी खूबसूरती पर चार चांद लगाएंगे.

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2. Festive Special: साड़ी के फ्यूजन लुक में दिखें स्टाइलिश

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साड़ी एक ऐसा आउटफिट है जिसका फैशन कभी पुराना नहीं होता है. सीधे पल्ले और उल्टे पल्ले की साड़ी पहनना तो आप जानती ही होंगी लेकिन कितना अच्छा हो जो आपको साड़ी पहनने के कुछ और स्टाइलिश तरीके पता हों. साड़ी को फ्यूजन लुक में पहनकर आप स्टाइलिश तो नजर आएंगी ही साथ ही औरों से अलग भी. ये हैं साड़ी पहनने के कुछ नए और स्टाइलिश तरीके.

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3. पहने सिल्क साड़ी और पाए रौयल लुक

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सिल्क यानी रेशम एक ऐसा रेशा है जिसके बने कपड़े को पहनने के बाद पहनने वाले की खूबसूरती दोगुना निखर जाती है.सदाबाहर फैशन में शामिल सिल्क को महिलाएं हर फंक्शन में पहनना पसंद करती हैं.

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4. Ankita Lokhande के साड़ी कलेक्शन से नहीं हटेगी नजर

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टीवी की पौपुलर एक्ट्रेसेस में से एक अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. जहां बीते दिनों एक्ट्रेस की प्रैग्नेंसी की खबर चर्चा में थी तो वहीं अब अंकिता लोखेंडे के शादी के बाद साड़ियों के कलेक्शन देखकर फैंस नजरें नहीं हटा पा रहे हैं. इसीलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं करवाचौथ 2022 पर एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे के साड़ी कलेक्शन की झलक..

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5. बौडी शेप के अनुसार कैसी हो साड़ी

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महिलाएं साड़ी पहनना तो पसंद करती हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता कि उन के शरीर के शेप व टाइप के मुताबिक किस तरह की साड़ी उन पर परफैक्ट लगेगी. अकसर महिलाएं खुद भी महसूस करती हैं कि उन के ऊपर कुछ खास फैब्रिक या कलर की साडि़यां अधिक सूट करती हैं जबकि किसीकिसी साड़ी में वे अधिक मोटी या कम हाइट की दिखती हैं. ऐसे में साड़ी खरीदने से पहले आप को यह पता होना चाहिए कि आप के शरीर की बनावट के मुताबिक किस तरह की साड़ी आप को परफैक्ट लुक देगी.

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6. जानें साड़ी के 7 लेटैस्ट ट्रैंड्स

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आप चाहे कितनी भी स्मार्ट वैस्टर्न ड्रैस पहन लें, लेकिन साड़ी की बात ही कुछ और होती है. साड़ी ऐलिगैंट लुक देने के साथसाथ सैक्सी लुक देने का भी काम करती है. आप साड़ी हर ओकेजन पर पहन कर खुद की पर्सनैलिटी में चार चांद लगा सकती हैं. बस आप को यह पता होना चाहिए कि कौन सी साड़ी ट्रैंड में चल रही है और उसे किस ओकेजन पर कैसे वियर करना है. आइए, जानते हैं लेटैस्ट साड़ी ट्रैंड्स के बारे में:

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7. शादी के बाद साड़ी में छाईं Mouni Roy

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सीरियल नागिन से लेकर रणबीर कपूर के साथ स्क्रीन शेयर करने वाली एक्ट्रेस मौनी रॉय (Mouni Roy) इन दिनों सुर्खियों में हैं. दरअसल, एक्ट्रेस मौनी रॉय ब्रह्मास्त्र फिल्म का हिस्सा हैं, जिसके चलते वह सोशलमीडिया पर अपनी फिल्म से जुड़ी अपडेट शेयर कर रही हैं. इसी बीच एक्ट्रेस का साड़ी लुक सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

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8. फेस्टिवल्स पर आई मेकअप से दिखें ग्लैमरस

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त्योहारों का सीजन हो और सजना सवारना न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि त्योहार जहां मन में उमंग लाते हैं , वहीं त्योहार सजने सवरने का भी मौका देते हैं. खासकर महिलाओं को, क्योंकि मेकअप महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाने का काम जो करता है. ऐसे में त्योहारों पर मेकअप की बात हो और आई मेकअप न किया जाए तो सारे मेकअप पर पानी फिर जाता है. इसलिए इन त्योहारों मेकअप से अपनी आंखों को खूबसूरत बनाकर करें त्योहारों को एंजोय.

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9. अब घर पर कर सकती हैं मेकअप

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कैसा मेकअप किया जाए, इस बात को लेकर अक्‍सर दुविधा रहती है. एक बात तो हम आपको बता ही देते हैं कि ज्‍यादा मेकअप सुंदरता हासिल करने का तरीका नहीं है. सही प्रकार से और सही अनुपात में किया जाने वाला मेकअप ही आपके रूप को नया निखारने में मदद करता है. जहां तक बात घर पर स्‍वयं मेकअप करने की है, तो इसके लिए सबसे जरूरी है सही उत्‍पादों का चयन. अच्‍छे और सही उत्‍पाद आपको मनमाफिक रूप हासिल करने में मदद करेंगे. फेस मेकअप अपने चेहरे को मेकअप के जरिये निखारने के लिए सबसे पहले क्लींजिंग से चेहरे को अच्छी तरह से साफ करें.

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10. मेकअप से लेकर ड्रेस तक ऐसे करें तैयारी

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नई-नवेली दुल्हनों और लड़कियों के लिए करवाचौथ में पीले, हरे, लाल रंगों के साथ ही एथनिक लुक का खास महत्व होता है. ऐसे में कैसा हो आपका मेकअप आइये जानते हैं एल्प्स अकेडमी और ब्यूटी क्लिनिक की फाउंडर डायरेक्टर डौक्टर भारती तनेजा से…

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गर्भाशय फाइब्रौयड: समय पर कराएं इलाज

अगर गर्भाशय में किसी भी तरह का  सिस्ट या फाइब्रौयड है तो ऐसी स्थिति में मां बनना संभव नहीं हो पाता. इस के अलावा ओवरी सिंड्रोम, खून की कमी आदि कई ऐसी बीमारियां हैं जो देखने मे तो छोटी लगती हैं पर बच्चा पैदा करने के लिए यही सब समस्याएं बहुत बड़ी बन जाती हैं.

गर्भाशय में विकसित होने वाले गैरकैंसरकारी (बिनाइन) गर्भाशय फाइब्रौयड महिलाओं के बां?ापन के सब से प्रमुख कारणों में से एक है.

गर्भाशय फाइब्रौयड फैलोपियन ट्यूब्स को बाधित कर या निषेचित अंडे को गर्भाशय में प्रत्यारोपित होने से रोक कर प्रजनन क्षमता को बिगाड़ सकता है. गर्भाशय में जगह कम होने के कारण, बड़े फाइब्रौयड्स भ्रूण को पूरी तरह से विकसित होने से रोक सकते हैं.

फाइब्रौयड प्लैसेंटा के फटने के जोखिम को बढ़ा सकता है क्योंकि प्लैसेंटा फाइब्रौयड द्वारा अवरुद्ध हो जाता है और गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाता है, जिस की वजह से भ्रूण को औक्सीजन और पोषक तत्त्व कम मात्रा में मिलते हैं. इस से समय से पहले जन्म या गर्भपात की संभावना काफी बढ़ जाती है.

गर्भाशय फाइब्रौयड्स गर्भाशय की मांसपेशियों के ऊतकों के बिनाइन (गैरकैंसरकारी) ट्यूमर हैं. उन्हें मायोमा या लेयोमायोमा के रूप में भी जाना जाता है. फाइब्रौयड तब बनते हैं जब गर्भाशय की दीवार में एकल पेशी कोशिका कई गुना बढ़ जाती है और एक गैरकैंसरयुक्त ट्यूमर में बदल जाती है.

फाइब्रौयड छोटे दाने के आकार से ले कर बड़े आकार का हो सकता है, जो गर्भाशय को विकृत और बड़ा करता है. फाइब्रौयड का स्थान, आकार और संख्या निर्धारित करती है कि क्या वे लक्षण पैदा करेंगे या इलाज कराने की जरूरत है.

गर्भाशय फाइब्रौयड उन के स्थान के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं. इन्हें 3 बड़ी श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

सबसेरोसल फाइब्रौयड:

यह गर्भाशय की दीवार के बाहरी हिस्से में विकसित होता है. इस तरह के फाइब्रौयड ट्यूमर बाहरी हिस्से में विकसित हो सकते हैं और आकार में बढ़ सकते हैं. सबसेरोसल फाइब्रौयड ट्यूमर आसपास के अंगों पर दबाव बढ़ाने लगता है, जिस की वजह से पेडू (पैल्विक) का दर्द शुरुआती लक्षण के रूप में सामने आता है.

इंट्राम्यूरल फाइब्रौयड:

इंट्राम्यूरल फाइब्रौयड गर्भाशय की दीवार के अंदर विकसित होता है और वहां बढ़ता है. जब इंट्राम्यूरल फाइब्रौयड का आकार बढ़ता है तो उस की वजह से गर्भाशय का आकार सामान्य से ज्यादा हो जाता है. जैसेजैसे फाइब्रौयड का आकार बढ़ता है, उस की वजह से माहवारी में रक्तस्राव ज्यादा होता है, पेडू में दर्द और बारबार पेशाब जाने की समस्या हो जाती है.

सबम्यूकोसल फाइब्रौयड:

यह फाइब्रौयड गर्भाशयगुहा की परत के ठीक नीचे बनता है. बड़े आकार के सबम्यूकोसल फाइब्रौयड्स गर्भाशयगुहा के आकार को बढ़ा सकते हैं और फेलोपियन ट्यूब्स को अवरुद्ध कर सकते हैं, जिस की वजह से प्रजनन में समस्याएं होने लगती हैं. इस से जुड़े लक्षणों में शामिल हैं, माहवारी में अत्यधिक मात्रा में रक्तस्राव और लंबे समय तक माहवारी आना.

कैसे पहचान करें

पेडू की जांच, लैब टैस्ट और इमेजिंग टैस्ट के जरीए गर्भाशय फाइब्रौयड्स का पता लगाया जाता है. इमेजिंग टैस्ट का इस्तेमाल गर्भाशय की असामान्यताओं का पता लगाने के लिए किया जाता है. इस में पेट का अल्ट्रासाउंड, योनि का अल्ट्रासाउंड और हिस्टेरोस्कोपी शामिल होती है. हिस्टेरोस्कोपी के दौरान हिस्टेरोस्कोप नाम की एक छोटी हलकी दूरबीन को सर्विक्स के जरीए गर्भाशय में डाला जाता है.

स्लाइन इंजैक्शन के बाद गर्भाशयगुहा फैल जाएगी, जिस से स्त्रीरोग विशेषज्ञा गर्भाशय की दीवारों और फैलोपियन ट्यूब्स के मुख की जांच कर पाती हैं. कुछ मामलों में एमआरआई की भी जरूरत पड़ सकती है.

ससुराल या मायका, बेटी का घर आखिर कहां

नीलम के पति की अचानक मृत्यु से वह अपने दोनों छोटे बच्चों के साथ अकेली रह गई. बेटे की मृत्यु के बाद ससुराल वाले आ कर कुछ दिन ठीकठाक रहे, उस के बाद सास और नीलम के साथ रोजरोज किसी न किसी बात को ले कर कहासुनी होने लगी. इस में उस की छोटी ननद भी मां के साथ मिल कर भलाबुरा कहने लगी. इस से बचने के लिए नीलम ने अपने पति की कंपनी में नौकरी की तलाश की और उसे नौकरी मिल गई, पर सास के ताने कम नहीं हुए, उन का कहना था कि भले ही तुम नौकरी करती हो, लेकिन घर का काम नहीं करती. मेरे लिए बच्चों की देखभाल करना और खाना बनाना संभव नहीं.

तब नीलम ने खाना बनाने वाली और घर के सारे कामों के लिए एक नौकरानी रख दी पर इस से भी सास संतुष्ट नहीं हुई क्योंकि वह अच्छा खाना नहीं बनाती. समस्या तो उस दिन हुई जब सास और ननद ने नीलम को अपने मायके जाने के लिए कह दिया. नीलम का कहना था कि मां के घर से उस का औफिस काफी दूर है, ऐसे में वहां जा कर रहना संभव नहीं और यह घर भी तो उस का है.

इस पर सास ने तुरंत कहा कि नहीं इस में तुम्हारा नाम नहीं है और तुम्हारे ससुर ने पैसा दिया था, इसलिए बेटा और पिता ने इसे तुम्हारी शादी से पहले खरीदा है, इसलिए तुम्हारा नाम नहीं है. इस पर नीलम ने कहा कि मैं तो उन की पत्नी हूं और कानूनन मेरा हक है.

इस पर सास ने कहा कि ठीक है, कानून की सहायता से लड़ लो क्योंकि पहले तुम ने ससुर की डैथ के बाद मुझे और मेरी बेटी को अपने पास नहीं रखा, मैं विवश हो कर अलग रही, लेकिन अब तुम भी उसी रास्ते पर हो, जहां पर मैं आज से कुछ साल पहले से हूं. तब नीलम को लगने लगा कि वह इस घर में नहीं रह सकती. शांति के लिए उसे घर छोड़ना पड़ेगा.

नीलम ने पिता को फोन कर अपनी बात बताई और बच्चों के साथ रहने चली गई. वहां भी कुछ दिनों तक ठीक था, लेकिन भाई और भाभी के आते ही कभी खाना तो कभी बच्चों को ले कर कहासुनी होने लगी. एक दिन नीलम ने अपनी सहेली को सारी बातें बताईं, तो सहेली ने उसे अलग किराए का घर ले कर रहने की सलाह दी, लेकिन बच्चों को छोड़ कर वह औफिस कैसे जाएगी? उस के पूछने पर सहेली ने उसे डे केयर में बच्चे को रखने की सलाह दी.

नीलम ने वैसा ही किया और एक नौकरानी भी कुछ समय के लिए रख ली. ऐसे में नीलम जितना कमाती थी, उतना उस के लिए काफी नहीं था. अत: रात में कुछ डाटा जैनरेटिंग का काम भी शुरू कर दिया क्योंकि वह अब कानून के पचड़े में नहीं पड़ना चाहती और बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने लगी.

इस से यह पता चलता है कि अगर लड़की की शादी हो जाने पर किसी एक को किसी कारण से सूटकेस ले कर बाहर निकलना पड़े तो वह व्यक्ति खाली हाथ ही बाहर निकलता है, उस के रहने की जगह न तो मायके में होती है और न ही ससुराल में. हालांकि ऐसा अधिकतर महिलाओं के साथ होता है, लेकिन कई पुरुषों को भी ऐसी नौबत आती है, अगर घर पत्नी के नाम हो क्योंकि आजकल अधिकतर युवा खुद के नाम से घर न खरीद कर पत्नी के नाम से खरीदते हैं. इस की वजह सरकारी स्टैंप ड्यूटी का कम लगना, टैक्स में कमी, लोन की ब्याज दर में कमी आदि कई सुविधाएं हैं.

अगर पतिपत्नी दोनों काम करते हों तो दोनों को अलगअलग टैक्स में भी राहत मिलती है. इस के अलावा कई शहरों में स्टैंप ड्यूटी में कमी होती है, मसलन दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा आदि कई शहरों में महिला के नाम प्रौपर्टी खरीदने पर 1 से 2% की छूट मिलती है, लेकिन दोनों के बीच अधिक झगड़े होने पर इसे खुद के नाम से करवाना पति के लिए समस्या हो जाती है.

समझें पार्टनर की नियत

नीलम के अलावा आशा भी ऐसी ही समस्या की शिकार हुई. 10 साल परिचय के बाद उस ने अपने बौयफ्रैंड के साथ शादी की. आशा दूसरे शहर से मुंबई आ कर पेइंग गैस्ट में रहती थी क्योंकि उस की पोस्टिंग मुंबई में थी.

एक दिन आशा अपने पुराने साथी विमल से मौल में मिली क्योंकि वह मुंबई का लड़का था. पहले तो वह हैरान हुई, पर बाद में बातचीत गहरी होने लगी, दोस्ती प्यार में बदल गई तो दोनों ने शादी की और मुंबई में एक छोटा फ्लैट खरीद कर रहने लगी.

कुछ दिनों तक सब ठीक चला, लेकिन आशा की बेटी जब 6 महीने की हुई, तो दोनों के बीच काम और बेटी की देखभाल को ले कर झगड़ा होने लगा. रोजरोज की चिकचिक से परेशान हो कर आशा अपने 6 महीने की बेटी को ले कर अलग हो गई. वह मायके न जा कर आसपास एक कमरा किराए पर ले कर रहने लगी.

सुबह भागदौड़ कर वह बेटी का टिफिन बना कर बेटी को मां के पास छोड़ती और शाम को वापस आते वक्त बेटी को घर ले आती थी. आशा ने इस में सब से पहले लोन ले कर एक छोटा फ्लैट खरीदा और वहां रहने लगी, इस के बाद उस ने कभी मुड़ कर नहीं देखा. आज उस की बेटी 20 साल की हो चुकी है.

बढ़ी है महिलाओं की आत्मनिर्भरता

एक सर्वे में यह भी पाया गया है कि महिलाएं आज खुद के नाम से प्रौपर्टी खरीदने में काफी उत्सुक रहती हैं क्योंकि वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होती हैं. इस में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की घर खरीदारी में वनफिफ्थ की बढ़ोतरी हुई है. रियल स्टेट अब केवल पुरुषप्रधान ही नहीं रहा, बल्कि 30% महिलाएं शहरों में घर खरीद रही हैं.

रियल स्टेट के सीनियर कर्मचारी श्वेता बताती है कि आजकल महिलाएं एक अच्छी नौकरी या व्यवसाय में होती हैं और वे कार से पहले अपने नाम का घर खरीदना चाहती हैं. यह ऐज ग्रुप 25 से 34 की होता है. इस दिशा में घर की खरीदारी अधिक बढ़ने की वजह महिलाओं का अपने लिए एक सुरक्षित जीवन निश्चित करना है.

मुंबई में बिल्डर्स भी अकेले रहने वाली महिलाओं के लिए नईनई स्कीम्स निकालते हैं, जहां सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता दी जाती है.

परिवारों का शिक्षित होना जरूरी

इस बारे में मुंबई की एडवोकेट बिंदु दूबे बताती हैं कि शादी से पहले एकदूसरे का परिवार कितना शिक्षित है यह देखना जरूरी है क्योंकि शिक्षित परिवार की सोच बदलने की संभावना रहती है. इस के अलावा दोनों परिवारों के बीच में यह समझता होना चाहिए कि वे दहेज लेने और देने पर विश्वास नहीं करते क्योंकि कई बार लड़के भी मातापिता के आगे बोल नहीं पाते. जबकि लड़कों को मजबूती से कुछ गलत होने पर पेरैंट्स का विरोध करना जरूरी होता है.

इस से लड़की की शादी के समय कुछ ऐसी स्थिति हो जाती है, जिस में वह पिता को असम्मानित, विवश होते हुए देखती है. वह तब चुप रह कर सहती है, लेकिन उस के मन में ये बातें बैठ जाती हैं. इस कटुता को वह शादी के बाद कैसे बाहर निकाले. इस से परिवार में कहासुनी होने लगती है.

इसलिए दहेज न देने और न ही लेने को शादी से बहुत पहले ही सुनिश्चित कर लें हालांकि कई बार सबकुछ देखने के बाद भी गलत हो सकता है, लेकिन जहां तक हो सके दोनों परिवार में पारदर्शिता होनी चाहिए. लड़के के अलावा परिवार के शिक्षित होने पर परिवार की सोच और आदतें अच्छी होने का अंदेशा रहता है.

एकदूसरे से झठ न बोलें

ऐडवोकेट बिंदु आगे कहती हैं कि मेरे पास ऐसे कई केसेज डोमैस्टिक वायलैंस के आते हैं, जिन का हल अभी तक नहीं हो पाया. पहले से एकदूसरे के बारे में जानकारी होने पर भी बाद में खटपट चलती रहती है, दोनों परिवारों के बीच आरोपप्रत्यारोप का दौर चलता रहता है. परिवारों का आपसी मेलमिलाप से बेटी और बेटे के पेरैंट्स को एकदूसरे के रहनसहन का पता चलता है. शादी से पहले लड़के को अपने घर की स्थिति को बिना छिपाए लड़की को बता देना उचित होता है. दोनों में एकदूसरे के साथ तालमेल बैठाने में समय लगता है. इस में सब से जरूरी शिक्षा है, जिस के द्वारा आपसी तालमेल बैठाना संभव होता है.

बेटी की शादी कर देने से पहले कुछ और बातों पर ध्यान देने की जरूरत है:

– कम पढ़ेलिखे, शादी न करने वाली और अनपढ़ बेटियों के पेरैंट्स को बेटी के नाम कुछ प्रौपर्टी का हिस्सा लिख देना आवश्यक है क्योंकि आजकल की बहुत सारी पढ़ीलिखी लड़कियां शादी नहीं करतीं. कानूनन बेटी को पेरैंट्स की प्रौपर्टी का अंश मिलता है, लेकिन आज के अधिकतर पेरैंट्स बेटे को अपनी सारी प्रौपर्टी दे देते हैं. उन का मानना है कि बेटी की शादी करवाने में खर्च करना पड़ता है, इसलिए उन की शिक्षा पूरी नहीं करवाते, उन की इच्छा के अनुरूप काम करने नहीं देते, जबकि बेटे को हायर ऐजुकेशन देने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं. इस सोच की वजह से बेटी के ससुराल वालों को लगता है कि उन के घर से निकलने के बाद वह लड़की दरदर भटकेगी. इसलिए पेरैंट्स को चाहिए कि लड़कियों को कुछ प्रौपर्टी उन के नाम कर देनी चाहिए.

– पहली अनबन दहेज से ही शुरू होती है, जिस का अंत अभी तक नहीं हो पाया. यह एक गलत कुचक्र है. आज अशिक्षित बेटी की शादी नहीं होती, भले ही घर में बैठना पड़े पर ससुराल पक्ष को लड़की पढ़ीलिखी होनी चाहिए.

– लड़की अधिक लालची नहीं होनी चाहिए. पेरैंट्स के द्वारा दी गई संपत्ति को कई बार पति के कहने पर बेचने के लिए राजी हो जाती है. यह एक आश्चर्य की बात है कि आज भी अधिकतर लड़कियों को अपने कानूनी हक का पता नहीं होता. परिवार और समाज की सोच में बदलाव अभी ट्रांजिशन पीरियड में है.

उठाती है गलत फायदे

बिंदु का कहना है कि इस में नुकसान भी है, कुछ लड़कियां जिन्हें कानून की जानकारी है, वे चुपचाप निकल पाती हैं, कुछ जान कर भी घर से नहीं जातीं क्योंकि वे रिश्ते और बदनाम से डरती हैं. जबकि कुछ लड़कियां इस कानून का गलत फायदा उठाती हैं, मेरे पास कई पति ऐसे भी आए, जो पत्नियां कानून का गलत इस्तेमाल कर पति के घर पर कब्जा कर लेती है और पति बाहर रहने पर मजबूर होता है. सासससुर भी वहां नहीं रह सकते.

असल में यहां सही बैलेंस का होना जरूरी है, जिस में बच्चों की सही परवरिश, उन के साथ खुल कर बातचीत करना आदि. बेटियों को पता होना चाहिए कि पति उन का बैंक बैलेंस नहीं, उन्हें भी कमाना है. केवल चूल्हेचौके पर काम करना उन का जीवन नहीं. शिक्षित हो कर काम करना और आत्मनिर्भर बनना ही उन के जीवन की पूंजी है. केवल पारिवारिक झगड़े ही नहीं, बल्कि पति की अचानक मृत्यु के बाद उन्हें कौन देखेगा? शिक्षा और रोजगार के समुचित अवसर दोनों को ही मिलने चाहिए.

मीत मेरे

family story in hindi

आंखों को छोड़ कैमरे से मस्ती

आजकल लोग किसी भी टूरिस्ट प्लेस पर जाएं तो वे सामने की ऐतिहासिक बिङ्क्षल्डग, नेचर का कमाल, सनराइज या सनसाइट, वहीं मौजमस्ती अपनी आंखों से नहीं मोबाइल स्क्रीन पर देखते हैं. कहीं कुछ अच्छा या बुरा हो रहा हो. भाई कैमरे चालू हो जाते है और नजारे का आनंद लेने की जगह सब फोटो खींचने में बिजी हो जाते हैं.

यह तो तब है जब हरेक के पास कैमरा है और हरेक के पास सैंकड़ों तरीके हैं जिन से अपनी जानपहचान वाले का खींचा सीन या घटना वे आराम से देख सकते हैं. पर अपनी बात कैमरे से कहने की बुरी लत इस कदर भर चुकी है कि लोग असल में जहां हैं, जो देख रहे हैं, जो कर रहे हैं इस पूरी तरह एंजौय करना भूल चुके हैं और अपने मित्रों, दोस्तों या अनजानों को बताने में लग रहते हैं कि देखो हमें क्या दिखा.

कैमरे की भूख का नरेंद्र मोदी भी खूब बड़ा रहे है. सोशल मीडिया ऐसी किलपिंगों से भरा है जिन में प्रधानमंत्री दूसरे लोगों को हटाने में लगे हैं यदि वे फोटोग्राफों के फ्रेंम में पूरी तरह आ सकें. शायद यही सी बिमारी उन के भक्तों ने पकड़ ली पर इतना कहना होगा कि यह दुनिया भर में हो रहा है और हम भारतीय कुछ खास फोटोजीवी हों, ऐसा नहीं है. सैल्फी तरकीब, बेहतर फोलों, 4जी, 5जी से अपलोड करना और डाउन लाउड करने की कैपेसिटी ने सब को मोबाइल फोटो का गुलाम बना दिया है.

फोटोग्राफ बहुत कुछ कहता है पर जब फोटोज की बाढ़ आ जाए तो जो कहा गया वह सब फ्लड के गंदे पानी में बह जाता है. आज हरेक के फोन में इस कदर फोटो भरे हैं कि किसी फोटो की कोई कीमत नहीं है. आज हर कोई दूसरों को इस बेसब्री से अपना खींचा फोटो दिखाने में लगा है कि उस के पास दूसरे के फोटो देखने का समय है न इच्छा. अपने को दूसरों पर थोपने की कोशिश की जो तकनीक मोबाइलों ने सिखाई है वह उस क्लास की तरह है जिस में हर जना अपना पाठ एक साथ दूसरे को सुना रहा है और जो जरूरत की बात वह कहे बिना दबी जा रही है.

घूमें, फिरे, दोस्तों से मिले, कुछ अच्छा दिखे तो एक दो फोटो खीचें पर अपने लिए अपने समय के फोटो खींचने में बर्बाद न करें. आप अगर कुछ खास कर रहे हैं, किसी शादीब्याह, फक्शन में हैं तो उसे एंजौय करें. उस का फोटो न खींचे अपना हाथ उठा कर पीछे वाले का मजा खराब न करें. मोबाइल आप को आप की यादें सुरक्षित रखने के लिए हो, दुनिया भर में ढिढोंरा पीटने के लिए नहीं.

‘खतरों के खिलाड़ी 12’ फेम Mohit Malik दोबारा बनेंगे पिता! सामने आया रिएक्शन

बौलीवुड और टीवी इंडस्ट्री से इन दिनों प्रैग्नेंसी की खबरें सामने आ रही हैं. जहां बीते दिनों देबिनी बनर्जी और गुरमीत चौधरी के दूसरी बार पिता बनने की खबर मिली थी तो वहीं अब खबरें हैं कि ‘खतरों के खिलाड़ी 12’ के कंटेस्टेंट रह चुके एक्टर मोहित मलिक भी दोबारा पिता बनने वाले हैं, जिस पर एक्टर का रिएक्शन सामने आया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

एक्टर का सामने आया रिएक्शन

 

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एक्टर मोहित मलिक और उनकी वाइफ एक्ट्रेस अदिति मलिक (Addite Malik) टीवी के पौपुलर कपल्स में से एक हैं. दोनों की औनस्कीन और औफस्क्रीन कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आती है. वहीं अब खबरे हैं कि मोहित मलिक (Mohit Malik) और अदिति मलिक जल्द ही दोबारा पेरेंट्स बनने वाले हैं. खबरों की मानें तो अदिति मलिक की तीन महीने की प्रैग्नेट हैं. लेकिन अब एक्टर ने अपने सोशलमीडिया अकाउंट पर एक स्टोरी शेयर करते हुए इन खबरों को केवल अफवाह बताया है और फैंस से गुजारिश की है कि वह झूठी खबरों पर भरोसा ना करें.

2021 में बने थे बेटे के पेरेंट्स  

 

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साल 2010 में गर्लफ्रेंड और एक्ट्रेस अदिति मलिक से शादी करने वाले मोहित मलिक (Mohit Malik) साल 2021 में पहली बार पिता बने थे, जिसकी खुशी वह फैंस के साथ शेयर कर चुके हैं. वहीं अपने बेटे का नाम उन्होंने एकबीर रखा था. वहीं सोशलमीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह ‘खतरों के खिलाड़ी 12’ की शूटिंग पूरी करने के बाद जब भारत लौटे थे तो एयरपोर्ट पर बेटे और वाइफ से मिलकर इमोशनल हो गए थे, जिससे उनके प्यार का अंदाजा लगाया जा सकता है.

इस महीने होगी Sidharth Malhotra- Kiara Advani की शादी! पढ़ें खबर

बॉलीवुड एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) और एक्ट्रेस कियारा आडवाणी (Kiara Advani) की डेटिंग और ब्रेकअप की खबरों से सोशलमीडिया पर छाया रहता है. हालांकि दोनों अपने रिलेशनशिप को लेकर ऑफिशियली सामने नहीं आते हैं. लेकिन पार्टी और डिनर पर साथ मीडिया के सामने अक्सर पोज देते हुए नजर आते हैं. इसी बीच एक बार फिर कपल की शादी की डेट की खबरें मीडिया में छा गई हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

इस महीने में होगी शादी

 

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फिल्म शेरशाह (Shershaah) में अपने रोमांस को लेकर फैंस का दिल जीतने वाला कियारा और सिद्धार्थ कपल कि ब्रेकअप और उसके बाद पैचअप की खबरों के बाद खबरें हैं कि दोनों अप्रैल में शादी के बंधन में बंध सकते हैं. कहा जा रहा है कि पहले दोनों अपनी शादी को रजिस्टर करवाएंगे और उसके बाद एक पार्टी रखेंगे. वहीं शादी के वेन्यू को लेकर खबरें हैं कि वह भी अली फजल और रिचा चढ्ढा की तरह दिल्ली में शादी करेंगे.

 

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डिनर करने पहुंचे कियारा-सिद्धार्थ

 

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शादी की खबरों के बीच कियारा आडवाणी और सिद्धार्थ मल्होत्रा हाल ही में एक रेस्टोरेंट में डिनर करने पहुंचे थे. जहां मीडिया के सामने दोनों साथ में पोज देते नजर आए थे. वहीं फैंस को दोनों की ये जोड़ी काफी पसंद है और उनकी शादी होते हुए देखना चाहते हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=O2THJyCqJAw

बता दें, एक्ट्रेस कियारा आडवाणी इन दिनों अपने एक विज्ञापन के कारण ट्रोलिंग का सिकार हो रही हैं. दरअसल, एक बैंक के विज्ञापन में वह आमिर खान के संग नजर आ रही हैं. एड की बात करें तो एक्टर्स एक शादीशुदा कपल की भूमिका निभाते हैं, जो ससुराल जाने वाली महिला की सामान्य परंपरा को यह दिखा कर तोड़ने का प्रयास करते हैं कि एक पुरुष भी घर जमाई हो सकता है. वहीं विज्ञापन की लास्ट लाइन है बदला हम से है. हालांकि, लोगों का कहना है कि यह विज्ञापन हिंदू परंपराओं का अपमान और आलोचना कर रहा है.

दूध के दांत- भाग 4: क्या सही साबित हुई रोहित की तरकीब

‘‘रामू, मां के लिए रोटीसब्जी बनाओ, साथ में दही ले आना चीनी डाल कर,’’ रोब से रोहित ने कहा.

‘‘अच्छा, बाबाजी,’’ रामू ने जवाब दिया. शोभा से कुछ न बोला गया.

आज बहुत दिनों बाद रोहित अपनी मां के पास लेटा है. उसे कितनी सारी बातें करनी हैं, पूछनी हैं और बतानी भी हैं. वह जानता है कि जब तक मां को अपनी एकएक बात न बता देगा मन नहीं मानेगा. और आज तो उसे पापा ने रीता आंटी के सामने ही मारा है. यदि मारने वाली बात मां को बताएगा तो इस के लिए मम्मी उसे ही समझाएंगी. कभी सोचता, मां इतनी सीधी क्यों हैं? पापा से क्यों डरती हैं?

अपने ही सवालों में उलझा रोहित अचानक पूछ बैठा, ‘‘मां, तुम अंगरेजी में बात क्यों नहीं करतीं, जैसे डा. रीता आंटी करती रहती हैं? पापा को इसीलिए तो उन से बातें करना अच्छा लगता है.’’

‘‘तुम तो जानते हो बेटे, मैं अंगरेजी समझ तो लेती हूं पर धाराप्रवाह बोलने के लिए प्रैक्टिस चाहिए.’’

‘‘मां,’’ रोहित बोला, ‘‘अब हम आपस में अंगरेजी में बात कर के इसे बोलना सीखेंगे.’’

कुछ देर की खामोशी के बाद पहलू बदल कर रोहित फिर बोला, ‘‘मां, आंटी की तरह तुम भी पैसे क्यों नहीं कमातीं? कार क्यों नहीं चलातीं? बाहर घूमने क्यों नहीं चलतीं? बड़ी पार्टियां क्यों नहीं करतीं?’’

‘‘तुझे आज यह क्या हो गया है जो इस तरह की बहकीबहकी बातें कर रहा है? अब यह मत कह देना कि उन के जैसे कपड़े क्यों नहीं पहन लेतीं? बेटा, वे बड़े अस्पताल की डाक्टर हैं और मैं एक घरेलू महिला. मेरा जीवन तुम लोगों तक ही सीमित है.’’

‘‘पर तुम मेरी मां हो, अपने को थोड़ा चेंज करो न मां.’’

शोभा समझ नहीं पा रही थीं कि आज रोहित को हो क्या गया है. बेटे से वे इस बारे में कुछ पूछतीं कि तभी अमित बाहर से आ गए. उन को देखते ही डर कर चुप हो गईं और सोचने लगीं कि रोहित के पापाजी ने इतना भी नहीं पूछा कि उस के पिताजी की तबीयत कैसी है. दिल से न सही औपचारिकता तो निभा ही सकते हैं. इन को न जाने क्या होता जा रहा है, पहले तो ठीक ही व्यवहार करते थे. पर इधर ठीक ढंग से बातचीत तक नहीं करते.

मांबेटे को एकसाथ सोता देख कर अमित सोचने लगे, यही रोहित को बिगाड़ रही है अन्यथा वह इस तरह रीता को नहीं बोलता. पर अपने बेटे को इतनी जोर से उन्हें भी नहीं मारना चाहिए था. अपनी गलती का एहसास होते ही उन का मन ग्लानि से भर गया और वे अपनेआप को न रोक सके. धीरे से पूछा, ‘‘जाग रहे हो बेटा, ज्यादा जोर से तो नहीं लगी? आई ऐम सौरी.’’

‘‘क्या चोट लग गई? कहां लग गई, कैसे लगी इसे, इस ने तो कुछ नहीं बताया,’’ घबरा कर शोभा उठ कर बैठ गईं और बोलीं, ‘‘चलो, उठो और मुझे अपनी चोट दिखाओ.’’

‘‘अरे, मां जरा सा गिर गया और लग गई. पापा तो यों ही चिंता कर रहे हैं. अंदरूनी चोट है, तुम को नहीं दिखेगी.’’

रोहित की बात सुन कर अमित सोचने लगे कि लगता है आज की घटना के बारे में रोहित ने अपनी मां को कुछ नहीं बताया है. अमित को इधर कुछ दिनों से घर का माहौल एकदम अलग लगने लगा है. न किसी बात की चकचक होती न झंझट होता. पत्नी शोभा और बेटा रोहित जाने क्या करते रहते हैं. बेटे को देखो तो वह कमरे में बंद रहता है. मां को देखो तो सुबह से शाम तक अपने काम में ही लगी रहती है. अमित इस दिनचर्या से खुश हैं कि चलो रीता से मिलने में कोई रोकटोक नहीं है.

उस दिन अमित जैसे ही अपने घर पहुंचे कि पीछे से किसी ने आवाज दी. पलट कर देखा तो कोरियर वाला था. उन्होंने लिफाफा ले लिया और पढ़ कर देखा तो पत्र बेटे के नाम से था. कौन भेज सकता है और कहां से आया है? अमित के दिमाग में एकसाथ कई प्रश्न कौंध गए फिर भी उन्होंने रोहित को बुला कर उसे पत्र पकड़ा दिया. उस ने लिफाफा खोला और पढ़ा तो उछल पड़ा और मारे खुशी में उछलते हुए उस ने कहा, ‘‘पापा, आप भी इसे पढ़ो.’’

अमित ने पत्र पढ़ा, श्रीमती शोभा सिंह, इस बार की प्रादेशिक चित्रकला प्रतियोगिता में आप के बेहतरीन चित्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है. हमारी शुभकामनाएं. आप को ललित कला अकादमी में खुद आ कर यह पुरस्कार व सम्मान राज्यपाल महोदय से लेना होगा.

अमित ने पत्नी से पूछा, ‘‘ये शौक कब से लग गया?’’

‘‘पेंटिंग का शौक तो मुझे बचपन से ही था लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं दिया,’’ उत्साहहीन भाव से शोभा ने कहा, ‘‘बेटे ने मेरे द्वारा बनाए गए साधारण से चित्र को कब इस प्रतियोगिता में भेज दिया मुझे नहीं पता और उस चित्र में ऐसा क्या है यह भी मैं नहीं जानती, क्योंकि मैं ने तो यों ही कूंची चला दी थी. पर इतना बड़ा पुरस्कार मिला. यह मेरे लिए आश्चर्य की बात है.’’

अमित कुछ बोले नहीं. बस, चुपचाप अपने कमरे में आ कर बैठ गए. सोचने लगे कि इतने दिनों तक पत्नी को वे कितना अपमानित करते रहे हैं. उस ने उफ तक न की. हां, उन के लिए उन के परिवार के लिए अपनी प्रतिभा को उस ने ताले में जरूर बंद कर दिया और वह अपने पाश्चात्यता के फैशन में पत्नी को इस तरह का कोई मौका ही नहीं दे पाए और न ही उस के मन को कभी समझना चाहा. पत्नी की असली कीमत तो उन्हें अब समझ में आ रही है. और बच्चों को भी कभी कम कर के नहीं आंकना चाहिए. वे कभी बड़ों से भी ज्यादा समझदार हो जाते हैं. इस तरह अमित को शादी के बाद पहली बार अपनी पत्नी पर गर्व हुआ.

मन की उधेड़बुन में फंसे अमित ने टैलीविजन खोला तो उन के कानों में ये शब्द सुनाई पड़े, ‘‘अब आप होनहार बाल कलाकार रोहित और उस की चित्रकार मां शोभा सिंह से मिलिए. आप को यह जान कर खुशी होगी कि एक बेहतरीन चित्रकार की प्रतिभा को आम लोगों के बीच लाने का श्रेय एक 9 साल के बच्चे को मिला है जो उन्हीं का बेटा है.’’

अमित टैलीविजन को देखने लगे. स्क्रीन पर रोहित का हंसता चेहरा नजर आया जो कह रहा था, ‘‘पिछले दिनों पापा की एक पत्रिका में मैं ने छिपी प्रतिभाओं को ढूंढ़ निकालने की इस प्रतियोगिता के बारे में पढ़ा तो मां की बनाई हुई अपनी पसंद की एक पेंटिंग भेज दी. मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था कि मम्मी का बनाया यह चित्र अवश्य ही पसंद किया जाएगा. लेकिन प्रथम पुरस्कार प्राप्त होगा यह मुझे नहीं लगा था.

मां की कलाकृतियों की विशेषता है किसी भी चित्र को देख कर उस के नीचे स्वरचित कुछ विशेष पंक्तियां लिखना जो उस चित्र को उत्कृष्टता और भव्यता देती हैं. मेरी मां की लगन व पापा का सहयोग ही हमें आगे कार्य करने को निरंतर उत्साहित करेगा.’’

अमित इस साक्षात्कार को देखने में इतने तल्लीन थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि रोहित कब आ कर उन की बगल में बैठ गया. साक्षात्कार समाप्त होने के बाद बगल में रोहित को बैठा देख कर अमित बोले, ‘‘हां, तो मास्टर रोहित, यह साक्षात्कार कब हो गया और तुम ने मुझे बताया भी नहीं.’’

‘‘पापा, वे कल घर आए थे. मां से भी कहते रहे पर उन को कुछ कहने में झिझक हो रही थी. पर मैं ने अच्छा कहा न?’’

इसी के बाद अमित के पास अपने लोगों की बधाइयां आने लगीं जिस में इस शहर के कुछ जानेमाने लोगों के भी बधाई संदेश शामिल थे. अब अमित की समझ में आया कि घर में तो हीरा छिपा है और वे पत्नी को सदा हीनता का ही बोध कराते रहे. कितनी गलती करते रहे थे वे. जो काम उन को करना चाहिए वह उन के बेटे ने कर दिखाया है. उन्हें लग रहा था कि उन का बेटा अब उन से भी बड़ा हो गया है. कितनी शालीनता से उस ने उन को सही मार्ग दिखला कर घरौंदे को बिखरने से बचा लिया है. पीछे पलट कर देखते हैं तो उन को बधाई देने वालों में डाक्टर रीता भी शामिल हैं.

वे भीगी आंखों से सब की बधाइयां स्वीकार करते रहे और पत्नी कितनी निर्विकार हो कर मुसकरा रही थी. उन के अपने घर में इतनी बड़ी कलाकार बैठी है और वे घर के बाहर भटकते रहे हैं. मन ने जैसे एक निश्चय किया. नहीं, अब वे अपने पथ से विचलित नहीं होंगे.

पहली बार अमित अपनी पत्नी की ओर हाथ बढ़ा कर बोले, ‘‘चलो शोभा, आज बाहर कहीं इस खुशी को सैलिब्रेट करने चलें.’’

शोभा अदा से बोलीं, ‘‘थैंक्यू, अमितजी, कौंगे्रचुलेट टू अवर सन फौर दिस गे्रट अचीवमैंट.’’

अपनी पत्नी के मुंह से अंगरेजी में कही बातों पर अवाक हो कर अमित पहले पत्नी और फिर बेटे को देखते रह गए.

रोहित नन्हा बालक बन कर बोला, ‘‘पापा, हम पहले आइसक्रीम खाएंगे, फिर चिडि़याघर देखेंगे, पिज्जा खाएंगे तब घर आएंगे.’’

‘‘श्योर,’’ अमित बोले, ‘‘आज जो चाहोगे वही मिलेगा. फिर घर आ कर मां के हाथ की बनी खीर का मजा लेंगे.’’

शोभा का मन खुशी से खिल उठा. हाथ में बंधी घड़ी पर नजर जाते ही बोलीं, ‘‘अब चलें, कितने काम पैंडिंग पड़े हैं, जल्दी पूरे करने हैं.’’

एकदूसरे की खुशी में सराबोर, हाथों में हाथ डाले वे लौट आए हैं. घर का दरवाजा खोलते हुए अमित सोचने लगे कि कौन कहता है कि मेरे बेटे रोहित के दूध के दांत अभी नहीं टूटे हैं.

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